छत्तीसगढ़
सुशासन तिहार में मिला वर्षों पूरानी समस्या का समाधान-लालू राम व कुसट साय की पुश्तैनी ज़मीन के आसामीवार में चढ़ा नाम
25 May, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अम्बिकापुर : जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शासन द्वारा संचालित “सुशासन तिहार” आमजन के लिए खुशियों का पिटारा लेकर आया है। इसी तिहार अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में कृषक लालू राम एवं कुसट साय को वर्षों से लंबित भूमि रिकॉर्ड से संबंधित समस्या का समाधान मिला है।
ग्राम पंचायत केसर के रहने वाले कृषक कुसट साय और ग्राम पंचायत आमगांव के रहने वाले कृषक लालू राम का नाम पुश्तैनी जमीन के बी-वन किश्तीबंदी खतौनी (आसामीवार) में दर्ज नहीं था, जिससे उन्हें भूमि स्वामित्व, कृषि ऋण, तथा सरकारी योजनाओं के लाभ लेने में बड़ी कठिनाई हो रही थी। उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था, वर्षों की इस समस्या को उन्होंने “सुशासन तिहार” में आवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिस पर राजस्व विभाग ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए मौके पर आवश्यक दस्तावेजों की जांच कर बी-वन (आसामीवार) पुस्तिका में उनका नाम दर्ज कर दिया। अब उन्हें कृषि कार्य में शासन की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
इस समाधान से संतुष्ट होकर लालू राम और कुसट साय ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अभिनव पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, वर्षों पुरानी समस्या अब समाप्त हो गई है। अब हमे हमारी जमीन पर विधिवत अधिकार मिल गया है। इस सुशासन तिहार ने ग्रामीणों को न सिर्फ न्याय दिलाया है, बल्कि शासन-प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ाया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिल रहा 5500 रुपये प्रति मानक बोरा का दाम
25 May, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल में ‘तेंदू पान’ के नाम से विख्यात तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीण क्षेत्र में कृषि के बाद लघु वनोपज संग्रहण ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त आय का एक पूरक स्रोत है। राज्य के लाखों ग्रामीण प्रतिवर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण में करते हैं, जिससे उन्हें खेती के अलावा अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिलता है।
सरकार की पहल बनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा तेंदूपत्ता दर में की गई 1500 रुपये प्रति बोरा वृद्धि ने संग्राहकों को आर्थिक मजबूती दी है। पहले जहां प्रति मानक बोरा की दर 4000 रुपए मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया गया है। इस 1500 रुपए की वृद्धि से संग्राहकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। इससे वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और ग्रामीण परिवारों को खेती के अतिरिक्त आमदनी का सशक्त स्रोत मिला है।
तेंदूपत्ता संकलन में सरगुजा जिला आगे, अब तक 97.28% लक्ष्य प्राप्त
जिले में तेंदूपत्ता संग्रगण का कार्य तीव्र गति से जारी है। मिली रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 36,200 मानक बोरा के लक्ष्य में से अब तक 35,217.129 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संकलन किया जा चुका है, जो कि कुल लक्ष्य का 97.28% है।
दरिमा क्षेत्र के बरगवां समिति में तेंदूपत्ता बेचने आईं श्रीमती फूलेश्वरी ने बताया कि वे 2019 से तेंदूपत्ता संग्रहण कर रही हैं। उनका पूरा परिवार इस कार्य में सहभागी है। खेती-किसानी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण से उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है। श्रीमती फूलेश्वरी कहती हैं कि पहले की तुलना में अब काफी बेहतर मूल्य मिल रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और अन्य जरूरतों में आर्थिक सहायता मिल जाती है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत और सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि न केवल ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि राज्य की वानिकी अर्थव्यवस्था को भी गति दे रही है। तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य हर साल गर्मी के मौसम में होता है और इस दौरान हजारों ग्रामीण, विशेषकर महिलाएं, जंगलों से तेंदू पत्तों का संग्रहण कर समितियों को बेचती हैं।
राज्य सरकार द्वारा तय की गई 5500 रुपए की नई दर ने न केवल तेंदूपत्ता संग्राहकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया है, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया है। तेंदूपत्ता जैसी लघु वनोपज को उचित मूल्य मिलने से वन क्षेत्र से जुड़े लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
पीएम आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाने में छत्तीसगढ़ देश में 5वें स्थान पर
25 May, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना से 70 वर्ष व अधिक आयु के नागरिकों को निः शुल्क इलाज मिल रहा है। छत्तीसगढ मे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के 3 लाख 60 हजार से अधिक 70 वर्ष व अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बन चुके हैं। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ पूरे देश में वय वंदना कार्ड बनाने के मामले में पांचवें स्थान पर पहुँच गया है। इस मामले में राज्य ने राजस्थान, महाराष्ट्र , ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों से आगे निकलकर कीर्तिमान रच दिया है ।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर लगातार आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिससे कि कोई भी पात्र वरिष्ठ नागरिक योजनांतर्गत् निःशुल्क इलाज लाभ पाने से वंचित ना रह जाए। जिलों में आयुष्मान वय-वंदना पंजीयन हेतु विभिन्न शासकीय विभागों के अतिरिक्त, सामाजिक संस्थाओं, पेंशनर संथाओं, शियान-सदन, वरिष्ठ-जन कल्याण संघों, वृद्धाश्रमों, निजी आवासीय सोसायटियों, इत्यादि से लगातार संपर्क कर शिविर लगाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि, कोई भी व्यक्ति जिसके माता-पिता या अन्य सदस्य यदि 70 वर्ष व अधिक आयु के हैं एवं उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है तो वे नजदीकी शासकीय चिकित्सालय, सी.एम.एच.ओ./ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय या शासकीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं या टोल फ्री टेलीफोन नंबर 104 पर बात कर अधिक जानकारी ले सकते हैं। व्यक्ति चाहे तो गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत एप व आधार फेस आई.डी. एप डाउनलोड कर आधार वेरीफिकेशन से अपना सामान्य आयुष्मान कार्ड या घर के वरिष्ठ सदस्य का आयुष्मान वय-वंदना कार्ड दोनों पंजीयन स्वयं भी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि माह अक्टूबर 2024 से देश में प्रारंभ वय-वंदना कार्ड पंजीयन में राज्य में नवंबर के बाद तेजी से कार्य किया जा सका है।
राज्य शासन द्वारा 6 जिलों जहां 60 प्रतिशत से अधिक आयुष्मान वय-वंदना कार्ड पंजीयन कवरेज कर लिया गया है, को “वय-मित्र” जिलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत् इन जिलों में वरिष्ठ नागरिकों को जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ‘वय-मित्र स्वास्थ्य परीक्षण शिविर’ का आयोजन, ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन, आयुष्मान-आरोग्य मंदिर में टेली-मेडिसीन व मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग व प्रत्येक बृहस्पतिवार ‘सियान-जतन शिविर’ का आयोजन, आयुष पद्धति से इलाज की सुविधा, मोतियाबिंद जांच, इत्यादि विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में बस्तर के नवाचारों की खुलकर सराहना
25 May, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे अभिनव आयोजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है, जिससे शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर ईमानदारी व संवेदनशीलता से लागू करना है।
बैठक में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ में ग्रामसभा, जनसंवाद और तकनीक के माध्यम से आमजन तक पहुँचाया गया है।
बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है — जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया। तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 11 पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी आदि पर केंद्रित थी। चार श्रेणियों — जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग — में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
मुख्यमंत्री साय ने दोरनापाल के पुनेन सन्ना का उदाहरण साझा किया, जो कभी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्र से थे, पर आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर पूरे समाज के लिए प्रेरणास्तंभ बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा का उत्सव है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों की 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, हाट-बाजार, पकवान प्रतियोगिताएं जैसे विविध रंगों से सजा यह उत्सव बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ते हुए बस्तर की एकता, पहचान और विकास का प्रतीक बन गया। सरकार द्वारा 2.4 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस आयोजन ने उत्सव और खेल के माध्यम से सकारात्मक भविष्य की नई चेतना जगाई है।
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ बेहद प्रभावशाली रहा।जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें विस्तार दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ को जिस तरह सराहा गया, उसने यह स्पष्ट किया कि जनसहभागिता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विकास के समन्वय से किस तरह दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी बदलाव की मजबूत नींव रखी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से गर्भवती महिलाओं को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
25 May, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत राज्य की गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य के समस्त जिलों में अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच व उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (High Risk Pregnancy - HRP) की पहचान और समुचित प्रबंधन व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस अभियान के प्रभावस्वरूप छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004-06 में राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 335 प्रति एक लाख जीवित जन्म था, जो अब घटकर 132 पर आ गया है। हालांकि यह आंकड़ा अभी भी राष्ट्रीय औसत (93) से अधिक है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस दिशा में और अधिक ठोस और योजनाबद्ध प्रयासों की रूपरेखा तैयार की है।
जिलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत कुल 800 से अधिक सत्रों का सफल आयोजन किया गया। इन सत्रों में से 360 PMSMA सत्रों की निगरानी राज्य तथा जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रभावी रूप से की गई तथा आयोजित सत्रों के दौरान लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त किया। इनमें से लगभग 9000 से अधिक महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की श्रेणी में चिन्हित की गईं, जिन्हें विशेष चिकित्सकिया देखभाल प्रदान किया गया ।
गौरतलब है कि अधिकांश मातृ मृत्यु के पीछे उच्च जोखिम गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं प्रमुख कारण हैं। ऐसे में समय रहते HRP की पहचान, उचित उपचार एवं सतत निगरानी अभियान के प्रमुख उद्देश्य बनाए गए हैं।
इस संदर्भ में राज्य के समस्त जिलों में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कलेक्टरों द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की समीक्षा के साथ-साथ मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है, और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान इस दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी कदम है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान के माध्यम से न केवल प्रसवपूर्व जांच, रक्त की जांच, अल्ट्रासाउंड, वजन एवं रक्तचाप की निगरानी जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं दी जा रही हैं, बल्कि पोषण संबंधी परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को बड़ा लाभ मिल रहा है।
अभियान के दौरान अब तक हजारों महिलाओं को लाभ मिला है, जिनमें से कई उच्च जोखिम गर्भावस्था की समय रहते पहचान होने से समुचित उपचार प्राप्त कर सकीं। राज्य सरकार का मानना है कि यदि इस पहल का धरातल पर बेहतर व सुचारु क्रियान्वयन किया जाए तो छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी नीचे लाया जा सकता है।
अभियान की सघन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक अस्पताल की गुणवत्ता की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी गर्भवती महिलाओं को समय पर समुचित सेवाएं प्राप्त हों। छत्तीसगढ़ सरकार मातृत्व स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कटिबद्ध है।
सड़क किनारे टहल रहे ग्रामीण को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौके पर ही मौत
25 May, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सड़क किनारे टहल रहे एक ग्रामीण को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। परिजनों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले को जांच में शुरू कर दी है। मामला पुसौर थाना क्षेत्र का है।मिली जानकारी के मुताबिक, अमन कुमार महंत ने पुसौर थाने में रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि उसके पिता ग्राम चिखली में स्थित मेहमान ढाबा में काम करते थे और वहीं रहते थे। कल उसे सूचना मिली की सड़क किनारे टहलते समय अज्ञात वाहन के चालक ने उसके पिता को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
कान्स में छत्तीसगढ़ की बेटी का जलवा, जूही ने दिखाई धरती की पीड़ा
25 May, 2025 10:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल दुनिया भर में ग्लैमर, सिनेमा और सेलिब्रिटीज के जाना जाता है। इस बार छत्तीसगढ़ से दुर्ग को रहने वाली जूही व्यास ने पहली बार पहुंची। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली राष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस इंडिया के साथ जूही व्यास कान्स में पहुंची। जहां जूही व्यास ने संस्था की राष्ट्रीय निदेशक मोहिनी शर्मा के साथ मिलकर वॉइस ऑफ द प्लैनेट अभियान के तहत ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े संदेश के साथ अनोखी ड्रेस पहनी।जूही व्यास की ड्रेस को वियतनाम के प्रसिद्ध डिजाइनर गुयेन टीएन ट्रियन ने डिजाइन किया। इस ड्रेस को तैयार करने में दो महीने से अधिक का समय लगा। इस ड्रेस के माध्यम से धरती की पीड़ा को दर्शाया गया है। जूही को ड्रेस जलती हुई पृथ्वी का प्रतीक थी, जिसमें तापमान में बढ़ोतरी और जलवायु असमानता के परिणामों को दिखाया गया। आग जैसे रंगों और डिजाइन से सजी इस ड्रेस को दुनिया के संकट की ओर इशारा करती है और प्रदूषण फैलाने वालों को भविष्य की पृथ्वी को दर्शाया गया।जूही व्यास दुर्ग के भिलाई की रहने वाली है। जूही दो बच्चों की मां है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपनी करियर की शुरुआत की थी। वह एक मेकअप आर्टिस्ट और मॉडल भी हैं। लगभग 12 साल पहले जूही ने लेडिस सैलून एंड स्पा की शुरुआत की थी। जूही व्यास ने वर्ष 2022 में मिसेज इंडिया इंक प्रतियोगिता में पहली रनर अप का खिताब जीता। वर्ष 2023 में कैलिफोर्निया में आयोजित मिसेज ग्लोब प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पीपल्स चॉइस का खिताब जीतकर पहली भारतीय बनीं। वर्ष 2024 में जूही ने चीन में आयोजित मिसेज ग्लोब प्रतियोगिता में जूरी पैनल में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
CM साय का 3T मॉडल: ट्रांसफॉर्मेशन, ट्रांसपेरेंसी और टेक्नोलॉजी पर जोर, नीति आयोग की बैठक में किया पेश
24 May, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य का दूरदर्शी विकास मॉडल प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि कभी नक्सल हिंसा के लिए पहचाना जाने वाला बस्तर अब देश को विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देने जा रहा है. मुख्यमंत्री साय ने नीति आयोग के मंच पर छत्तीसगढ़ के लिए 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य रखा और इसके केंद्र में '3T मॉडल' (Technology, Transparency, Transformation) को बताया. उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन अब तकनीक आधारित, पारदर्शी और तेज गति से निर्णय लेने वाला बन रहा है. हर योजना को डिजिटली ट्रैक किया जा रहा है, ताकि आम जनता को समय पर और सही सेवाएं मिल सकें. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह मॉडल न सिर्फ छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में मदद करेगा, बल्कि भारत के विकसित राष्ट्र बनने के 2047 लक्ष्य में राज्य की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करेगा.
तैयार हुई 2047 तक की रणनीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने वर्ष 2047 तक के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि होगी. इस रणनीति को 'छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डाक्यूमेंट' नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की विस्तृत योजना है. उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कृषि, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है. इन सभी क्षेत्रों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए 10 अलग-अलग मिशन बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब केवल संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं का क्षेत्र बन गया है. बस्तर और आसपास के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए हैं. जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब यहां के बच्चे जंगल में लकड़ी चुनने के बजाय लैपटॉप और मशीनें चला रहे हैं.
बड़े निवश की तरफ बढ़ता बस्तर
उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर में अब बड़े निवेश आ रहे हैं. नवा रायपुर में स्थापित होने जा रही देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर से बस्तर और पूरे राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोल दिए है. अब बस्तर 'मेक इन इंडिया' का उपयुक्त स्थल बनने जा रहा है. नक्सलवाद पर बात करते हुए मुख्यमंत्री साय ने बताया कि मार्च 2026 तक पूरे राज्य को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास, प्रशिक्षण और स्वरोजगार की योजनाएं बनाई गई हैं. बस्तर में अब आदिवासियों को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और बाज़ार की सुविधाएं मिल रही हैं. स्थानीय उत्पादों की बिक्री से रोज़गार के नए रास्ते खुल रहे हैं. बस्तर का धुड़मारास गांव तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव' की सूची में भी शामिल किया गया है.
राज्य में रेल नेटवर्क को 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक ले जाने का काम किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा भी शुरू हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनने की ओर अग्रसर है.
स्टील, कोयला जैसे खनिज का भंडार
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है. खासकर स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता से छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी बन रहा है. स्टील उत्पादन क्षमता को 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन करने और बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 2030 तक हम देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है. यह लिथियम इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी की दिशा में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा. मुख्यमंत्री साय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए 350 से अधिक नीतिगत सुधारों की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि अब जमीन के पंजीकरण जैसे कार्य घर बैठे केवल 500 रुपये में किए जा सकते हैं. नई औद्योगिक नीति में ग्रामीण क्षेत्रों में प्ले स्कूल, हॉस्पिटल और कॉलेज खोलने पर विशेष छूट दी जा रही है.
नीति आयोग में छत्तीसगढ़ की खास बातें ( 2047 का रोडमैप ) :-
छत्तीसगढ़- देश की ऊर्जा और उद्योग की रीढ़
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश की बिजली के साथ -साथ कोयला, स्टील और सीमेंट जैसे अहम संसाधन मुहैया कराता है, जो हर घर और कारखाने के लिए जरूरी हैं.
महत्व: छत्तीसगढ़ की यह ताकत पूरे भारत के विकास को मजबूत आधार देती है.
खेती और जंगल-ग्रामीण जीवन की नई चमक
खेती, मछली पालन और वन उत्पादों के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तेजी से उभर रहा है, जिससे किसानों और आदिवासियों की रोज़गार संभावनाएं बढ़ रही हैं.
महत्व: यह कदम ग्रामीण इलाक़ों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है.
आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति
आदिवासियों के परिवारों को जमीन का अधिकार पाने की प्रक्रिया अब आसान हुई है, जिससे उनकी सुरक्षा और सामाजिक सम्मान बढ़ेगा.
महत्व: यह बदलाव सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है.
पर्यटन से ग्रामीणों को नई उम्मीद
HHH मॉडल के ज़रिए (हॉस्पिटैलिटी, आवास, हस्तशिल्प) पर्यटन बढ़ाने की योजना से स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोजगार मिलेगा.
महत्व: यह आर्थिक विकास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी विश्वभर में पहचान दिलाएगा.
डिजिटल बदलाव से प्रशासन में पारदर्शिता और गति
अब सरकारी कामों में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है. छत्तीसगढ़ ने “3T” योजना बनाई है – टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रांसफॉर्मेशन. इसका मतलब है कि सरकारी काम अब साफ-सुथरे और जल्दी होंगे. ऑनलाइन फॉर्म, समय पर सेवाएं और आसान प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा.
महत्व: यह भ्रष्टाचार को घटाकर जनता के विश्वास को मजबूत करता है.
नीति और सुधारों में छत्तीसगढ़ की अगुआई
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधनों का राज्य नहीं, बल्कि नीति और प्रशासन में देश को आगे बढ़ाने वाला राज्य बन रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विचार को छत्तीसगढ़ पूरी लगन से लागू कर रहा है. अब तक 350 से ज्यादा सरकारी सुधार किए गए हैं.
सड़क-हवाई जुड़ाव से रफ्तार: 11 साल में 21,380 करोड़ से नई सड़कें बनीं. अब जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर एयरपोर्ट से सीधा जुड़ाव देश-दुनिया से.
रेलवे का नया युग: 161 साल में 1100 किमी रेल लाइन बनी थी. अब 2030 तक ये दोगुनी होकर 2200 किमी होगी– मोदी सरकार का नया लक्ष्य.
रायपुर को मिली आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा, CM साय ने किया सड्डू स्थित आईटीएसए हॉस्पिटल का लोकार्पण
24 May, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के सड्डू स्थित आईटीएसए अस्पताल का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने राजधानीवासियों और अस्पताल प्रबंधन को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 350 बिस्तरों की क्षमता वाला यह मल्टीस्पेशलिटी, पीडियाट्रिक और वेलनेस सेंटर न केवल राजधानी रायपुर बल्कि पूरे प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि पिछले सत्रह महीनों में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है।
सरकार ने नवा रायपुर अटल नगर में मेडिसिटी परियोजना शुरू की है, जिसे भविष्य में 5 हजार बिस्तरों वाले मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से चर्चा की और अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं और विभिन्न विषयों की जानकारी ली। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक राजेश मूणत, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू सहित प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
बीएसएफ कैंप में पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, बोले – जवानों के हौसले से होगा नक्सलवाद का अंत
24 May, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारे जवानों का मनोबल दुर्गम पहाड़ों से भी ऊंचा है। नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हमारे जवानों ने अद्भुत साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है। जवानों के बुलंद हौसलों से वह दिन दूर नहीं जब बस्तर से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा। मुख्यमंत्री साय आज ओरछा विकासखंड के ग्राम बासिंग स्थित बीएसएफ कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने 21 मई को नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमावर्ती पहाड़ियों में माओवादियों के खिलाफ डीआरजी-बीएसएफ और जिला बल द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में 27 नक्सलियों को मार गिराने वाले जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने बासिंग कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि माओवाद के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सुरक्षा बलों ने हार्डकोर माओवादी बसवा राजू समेत 27 नक्सलियों को मार गिराया है।
मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी बासिंग पहुंचे। मुख्यमंत्री ने जवानों का उत्साहवर्धन किया और तिलक लगाकर उनका अभिवादन किया। उन्होंने जवानों से कहा कि बस्तर में अमन-चैन लाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने 50 मोटर साइकिलों पर सवार सुरक्षा बल के जवानों को हरी झंडी दिखाकर गश्त के लिए रवाना किया। जवानों का उत्साहवर्धन करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिस तरह सुरक्षा बलों ने उच्च स्तरीय रणनीति बनाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया और सफलता हासिल की, वह सराहनीय है। बल के इस अदम्य साहस और वीरता को सलाम। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के माथे से माओवाद का कलंक पूरी तरह मिट जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सल समस्या को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प लिया है, वह पूरा होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि वह दिन दूर नहीं जब बस्तर क्षेत्र छत्तीसगढ़ के विकास से पूरी तरह जुड़ जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में, जहां कुछ साल पहले तक जाना संभव नहीं था, अब शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि माओवाद प्रभावित इलाकों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए नियाद नेलनार, पीएम जनमन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका सकारात्मक बदलाव अब बस्तर में दिख रहा है। माओवाद के खात्मे के साथ ही बस्तर विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने ऑपरेशन में शामिल सभी जवानों को शुभकामनाएं दीं और उनकी बहादुरी के लिए बधाई दी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस ऑपरेशन और जवानों की बड़ी और ऐतिहासिक सफलता की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि अब बस्तर में बड़ा और सकारात्मक बदलाव होने जा रहा है जो बस्तर को विकास और तरक्की के रास्ते पर ले जाएगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जवानों को एलईडी सेट और गिफ्ट हैंपर भेंट किए। इस अवसर पर ऑपरेशन में शामिल जवानों ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को तैयारियों और की गई रणनीति की जानकारी दी। इससे पहले जवानों ने मुठभेड़ के बाद माओवादियों से बरामद हथियारों का प्रदर्शन किया, जिसमें बीजीएल लांचर, 12 बोर बंदूक, .303 बंदूक, 7.62 राइफल, 5.56 एमएम इंसास, एके-47, 9 एमएम कार्बाइन सहित विभिन्न प्रकार के हथियार शामिल थे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, डीआईजी अमित तुकाराम कामले, कलेक्टर नारायणपुर श्रीमती प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
सुशासन तिहार: नारायणपुर के बासिंग गांव में CM साय का जनसंवाद, ग्रामीणों को मिली 1 करोड़ से ज्यादा की सौगात
24 May, 2025 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: सुशासन तिहार के तहत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखंड के ग्राम बासिंग स्थित बीएसएफ कैंप परिसर में चौपाल लगाकर जनसंवाद किया। नीम के पेड़ की छांव में खाट पर बैठकर मुख्यमंत्री ने न सिर्फ ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं, बल्कि मौके पर ही एक करोड़ रुपए से अधिक की सौगातों की घोषणा कर लोगों का दिल जीत लिया। चौपाल में मुख्यमंत्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 8 अप्रैल से वे स्वयं पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार के तहत जनसंवाद और योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति जानने के लिए क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने पारंपरिक पगड़ी और कलगी पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
समर कैंप में प्रशिक्षित युवतियों ने हाथ से बने गुलदस्ते भेंट किए। मुख्यमंत्री ने कक्षा 10वीं के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया और हाफ मैराथन विजेता छात्रा का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन योजना की समीक्षा की और कहा कि कोई भी पात्र महिला इस योजना से वंचित नहीं रहेगी। ग्रामीण श्रीमती महेश्वरी दुग्गा और श्रीमती मनके ने योजना से हुए लाभ को साझा किया और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने नक्सल समस्या पर दो टूक कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र की जनता के सहयोग से मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का राष्ट्रीय संकल्प पूरा हो जाएगा। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए बनाई गई पुनर्वास नीति को देश की सबसे अच्छी नीति बताया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, नोनी सशक्तिकरण, मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत हितग्राहियों को चाबी, चेक और नगद सहायता प्रदान की। उन्होंने एक दिव्यांग हितग्राही को व्हीलचेयर भी सौंपी। ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री ने मुरहापदर में पुलिया निर्माण के लिए 20 लाख रुपए, बासिंग में खेल मैदान और बाल आश्रम/स्कूल की मरम्मत के लिए 20 लाख रुपए, मुरहापदर और एहनार में आंगनबाड़ी भवन के लिए 24 लाख, बासिंग में हाट बाजार से बस्ती तक सी.सी. रोड के लिए 25 लाख, कुंडला, बासिंग और मुरहापदर में नवीन घोटुल के लिए 15 लाख। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ओरछा में आदिवासी विकास विभाग द्वारा 8 करोड़ की लागत से निर्मित 250 सीटर छात्रावास भवन, जल प्रदाय और विद्युतीकरण कार्यों का भी लोकार्पण किया।
आरक्षक समेत 8 आरोपी गिरफ्तार, लाखों का माल जब्त — जांजगीर-चांपा में चोरी गिरोह पर शिकंजा
24 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जांजगीर-चांपा। जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लोहे की छड़, ग्रेनाइट और अन्य निर्माण सामग्री चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह में जांजगीर चांपा जिले के पुलिस लाइन में पदस्थ एक आरक्षक भी शामिल था। पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय ने कड़ा रुख अपनाते हुए संदेश दिया कि विभाग की छवि खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया तो उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। नवपदस्थ एसपी विजय पांडेय के निर्देश पर थाना चांपा, कोतवाली जांजगीर और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग अपराधी समेत कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार गिरोह से करीब 10 लाख रुपए कीमत की चोरी की सामग्री बरामद की गई है, जिसमें लोहे की छड़, ग्रेनाइट पत्थर, मोटरसाइकिल और एक पिकअप वाहन शामिल है।
इस मामले में मुख्य आरोपियों में शशिकांत कश्यप पिता खेतराम कश्यप उम्र 32 वर्ष निवासी सेमरिया थाना बिर्रा, पुलिस आरक्षक उदय कुमार यादव पिता दिलीप यादव उम्र 28 वर्ष निवासी बक्सरा कोरबा, राजू देवांगन पिता छत्तलाल उम्र 46 वर्ष निवासी अमोदा नवागढ़, मनीष मिश्रा पिता नीलेश मिश्रा उम्र 19 वर्ष निवासी भैंसमुड़ा थाना उरगा, विधि से संघर्षरत चार नाबालिग लड़के शामिल हैं। घटना के संबंध में एसपी विजय पांडेय से मिली जानकारी के अनुसार हनी अग्रवाल ने चांपा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 18-19 मई 2025 की रात अज्ञात चोरों ने उसकी दुकान से 3.5 टन लोहे की छड़ चोरी कर ली। इसी रात तनिष्का टाइल्स के संचालक बिरमा राम गुर्जर की दुकान से ग्रेनाइट पत्थर व अन्य सामग्री चोरी होने की भी शिकायत दर्ज कराई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी विजय पांडेय ने विशेष टीम गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। तकनीकी जांच और सूचना तंत्र के आधार पर इस मामले में पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक शशिकांत कश्यप का नाम सामने आया। पुलिस पूछताछ में आरक्षक कश्यप ने अपने साथियों के साथ चोरी की वारदात को अंजाम देना कबूल किया। आरोपी आरक्षक की निशानदेही पर पुलिस ने चोरी की गई 3.5 टन लोहे की छड़, ग्रेनाइट पत्थर और अन्य भवन निर्माण सामग्री, मोटरसाइकिल (CG11AZ7026) और पिकअप वाहन (CG11AF5288) बरामद की, जिसकी अनुमानित कीमत 10 लाख रुपए है।
आरक्षक समेत सभी को जेल भेजा गया:
इस मामले में आरक्षक शशिकांत कश्यप के खिलाफ चांपा थाने में तीन अलग-अलग अपराध दर्ज किए गए हैं, जिसमें अपराध क्रमांक 210/25- धारा 303(2) बीएनएस, अपराध क्रमांक 212/25- धारा 303(2), 3(5) बीएनएस, कोतवाली में अपराध क्रमांक 248/25- धारा 303(2) बीएनएस शामिल हैं।
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और किशोर अपराधियों को किशोर न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
शामिल टीम की भूमिका सराहनीय:
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता, साइबर सेल प्रभारी सागर पाठक सहित पुलिस व साइबर टीम के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, इसके अलावा अरुण सिंह, मुकेश पांडे, वीरेंद्र टंडन, प्रकाश राठौर, डीकेश्वर साहू, मुद्रिका दुबे, सुमंत कंवर, माखन साहू, पदम राज सिंह, मनोज तिग्गा, विवेक सिंह, गिरीश कश्यप, प्रदीप दुबे, शाहबाज अहमद, अर्जन यादव, हजारी लाल मेरसा भी शामिल रहे।
अवैध शराब पर सख्ती: कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश पर आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई
24 May, 2025 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जांजगीर-चांपा। कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश पर आबकारी विभाग अवैध शराब निर्माण एवं भंडारण के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की है। आबकारी आयुक्त आलेख राम सिदार ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा आगे भी इस प्रकार की कार्रवाइयाँ जारी रहेगी जिससे जिले में अवैध शराब के कारोबार को रोका जा सके।
श्री सिदार ने बताया की आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जिला जांजगीर-चांपा के ग्राम पहरिया में छापा मारकर छ लीटर महुआ शराब जब्त की गई। छापे के दौरान विजय सिंह पिता भऊराम चौहान, निवासी पहरिया, थाना बलौदा, ज़िला जांजगीर-चांपा के रिहायशी मकान से यह अवैध शराब बरामद की गई है ।
इस मामले आरोपी के ख़िलाफ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) एवं 59(क) के अंतर्गत मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
ये रहे शामिल
इस कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक यीवरेश कुमार, मुख्य आरक्षक देवदत्त जायसवाल एवं आरक्षक गीता कमल सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।
रायपुर में सुबह से मूसलधार बारिश, 20 जिलों में मौसम अलर्ट जारी
24 May, 2025 10:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी रायपुर में आज सुबह से बारिश हो रही है। रात में मौसम में बदलाव हुआ, जिसके बाद सुबह के समय बादल छाए रहे। आठ बजे से झमाझम हो रही है। प्रदेश के 20 जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। यहां गरज-चमक के साथ बारिश और आंधी-तूफान चलने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के नारायणपुर, कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद और दुर्ग में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और हवा 40-50 किमी की रफ्तार से चलने की संभावना है। साथ ही महासमुंद, रायपुर, जांजगीर- चांपा, बिलासपुर, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और तेज हवा चलने की संभावना है। इस दौरान कई जगहों पर तेज बारिश भी हो सकती है।
अगले एक सप्ताह तक बारिश के आसार
मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक अनेक जगहों पर गरज चमक के साथ हल्की मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। इस दौरान अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। दूसरी ओर केरल में अगले दो दिनों में मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियों अनुकूल होने की संभावना है।
यहां बन रहा सिस्टम
मौसम एक्सपर्ट ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ाने के लिए परिस्थितियों अनुकूल होने की संभावना है। आने वाले 27 मई के आसपास पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। दक्षिण कोंकण तट से दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण मराठवाड़ा और उत्तरी तेलंगाना से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक पूर्व मध्य अरब सागर पर अच्छी तरह से चिन्हित निम्न दबाव का क्षेत्र से जुड़े चक्रवर्ती परिसंचरण एक द्रोणिका औसत समुद्र तल से 1.5 और 5.8 किलोमीटर के ऊपर बनी हुई है।
अनेक जगहों पर झमाझम बारिश के आसार
इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम एक्सपर्ट में बताया कि प्रदेश में एक दो जगह पर आज भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं अनेक जगहों पर हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। साथ ही कई जिलों में तेज गरज चमक के साथ हवाएं 50-60 किमी की रफ्तार से चलने की संभावना है।
अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज
पिछले दो दिनों से प्रदेश में बादल छाए रहने और बारिश की वजह से सर्वाधिक अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। आगामी दिनों में अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। सबसे ज्यादा दिन का पारा बिलासपुर और पेंड्रा रोड में 35.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान दुर्ग और जगदलपुर में 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले 24 घंटे के दौरान एक दो जगह पर भारी बारिश हुई है। वहीं कुछ जगह पर गरज चमक के साथ हल्की मध्यम बारिश दर्ज की गई है।
पीएम मोदी की सौगात, बालोद को मिलेंगे दो आधुनिक रेलवे स्टेशन
24 May, 2025 10:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार और भारतीय रेल ने बालोद जिले को दो अमृत भारत स्टेशनों की सौगात दी। बालोद और राजहरा में भी काम में तेजी आई है। बालोद ऐसा जिला है जहां दो अमृत भारत स्टेशन स्वीकृत हैं और युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह स्टेशन यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। वहीं इन स्टेशनों में फ्री इंटरनेट, बड़ी पार्किंग व्यवस्था सैंकड़ों लोगों के लिए वेटिंग व्यवस्था सहित कई हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में पांच नए अमृत स्टेशनों को जनता को समर्पित किए हैं। इसके बाद अब बालोद जिले के इन दो अमृत स्टेशनों में निर्माण कार्य तेज हो चुका है। आने वाले कुछ महीनो में इसे भी जनता के लिए खोल दिया जाएगा सबसे बड़ी बात है कि यह वनांचल को सीधे-सीधे प्रदेश की राजधानी से जोड़ते हैं। जिसके कारण व्यापार और शिक्षा की दृष्टिकोण से यह स्टेशन मिल का पत्थर साबित होंगे।
अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अकबर तिगाला ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि यह स्टेशन बालोद जिले के विकास के साथ-साथ रेलवे की दशा और दिशा बदलने वाली सौगात है और कई सारी हाईटेक सुविधा इसके बनने के बाद लोगों को मिलने लगेंगी। वहीं, बालोद के अमित चोपड़ा ने बताया कि दल्लीराजहरा और बालोद यह रेलवे के लिए महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हैं। यहां से भिलाई इस्पात संयंत्र सहित अन्य जगहों के लिए कच्चे लोहे की सप्लाई की जाती है और यहां से सबसे ज्यादा राजधानी के लिए लोग आवागमन करते हैं। दुर्ग भिलाई और रायपुर जैसे शहरों के लिए मजदूर भी इसी स्टेशन से होकर जाते हैं। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजू भाई पटेल ने बताया कि व्यापार की दृष्टिकोण से हमने काफी लंबे समय से इस तरह के हाईटेक स्टेशन की मांग की थी जो कि अब पूरी हो रही है। इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं।