उत्तर प्रदेश
बिहार में 16 से 21 जून तक मनाया जाएगा योग सप्ताह, खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ
3 Jun, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय विश्व योग पीठ, मुंगेर के परमाचार्य योगगुरु पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद जी बिहार के खिलाड़ियों के लिए समुचित और उपयोगी योग के आसनों की एक योजना तैयार कर रहे हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि कल मुंगेर में परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद जी के साथ मुलाकात में उन्होंने बिहार के खिलाड़ियों के लिए ऐसी योजना तैयार करने के लिए स्वामी जी से विशेष अनुरोध किया था।
जिसको स्वामी जी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है और आसनों की एक व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं जिनमें खिलाड़ियों के हित में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि
1 कौन सा आसन किस खेल में मदद करेगा।
2 कौन सा प्राणायाम खिलाड़ी को खेल से पहले और खेल के दौरान प्रतिस्पर्धा की चिंता से राहत दिलाने में मदद करेगा।
3 मासिक धर्म के दौरान महिला खिलाड़ियों के लिए कुछ विशेष आसन।
4 खेल में हार के बाद शारीरिक और मानसिक रुप से वापसी में सहायक योगासन।
आगे शंकरण ने बताया कि योग और खेलकूद को मिलाकर प्रदर्शन को बेहतर बनाने वाला पहला राज्य होगा बिहार और यह काम स्वामी जी के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर द्वारा किया जाएगा।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में 16 से 21 जून तक विशेष योग सप्ताह मनाया जाएगा
21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में 16 से 21 जून तक स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से खिलाड़ियों के लिए विशेष योग सप्ताह मनाया जा रहा है।
इस दौरान ही परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद जी के द्वारा तैयार योजना के अनुसार बिहार के खिलाड़ियों को योग अभ्यास करने का अवसर मिलेगा।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग इन योगासनों से संबंधित एक उच्चस्तरीय वीडियो बनाने की योजना है, जिसके लिंक को क्लिक कर देश भर के खिलाड़ी अपनी बेहतरी के लिए इसका लाभ उठा सकेंगे।
यात्रियों के लिए खुशखबरी, रेलवे ने चलाई पटना-साबरमती स्पेशल ट्रेन
3 Jun, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: गर्मी की छुट्टी के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। साथ ही दो जोड़ी ट्रेनों का अवधि विस्तार कर दिया गया है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पटना से साबरमती के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन चार, 11, 18 एवं 25 जून को किया जाएगा। यह ट्रेन पटना जंक्शन से चलेगी।
पटना जंक्शन से इस ट्रेन का खुलने का समय 04.30 बजे निर्धारित किया गया है। यहां से यह ट्रेन दानापुर, आरा, बक्सर, डीडीयू रुकते हुए अगले दिन साबरमती पहुंचेगी।
उत्तरी बिहार के रक्सौल से हावड़ा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, बरौनी एवं झाझा के रास्ते चलाई जाएगी।
यह ट्रेन सात, 14, 21 एवं 28 जून को हावड़ा से 23 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन बरौनी, समस्तीपुर, दरभंगा एवं सीतामढ़ी होते हुए रक्सौल पहुंचेगी।
वापसी में यह ट्रेन आठ, 15, 22 ए वं 29 जून को रक्सौल से शाम साढ़े पांच बजे रवाना होगी और अगले दिन हावड़ा पहुंचेगी। इसके अलावा एक ट्रेन मालदा से आनंद विहार के लिए चलाने का निर्णय लिया गया है।
माता वैष्णो देवी कटडा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन का अवधि विस्तार
माता वैष्णो देवी कटड़ा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन कटड़ा से छह जून से 11 जुलाई तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार को चलाई जाएगी।
यह ट्रेन कटड़ा से प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी, वहीं गुवाहाटी से यह ट्रेन नौ से 14 जुलाई तक चलाई जाएगी। प्रत्येक सोमवार को यह ट्रेन नौ जून से 14 जुलाई तक चलाई जाएगी।
कटड़ा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन हाजीपुर-बराैनी-कटिहार के रास्ते चलाई जाएगी। इसके अलावा उदयपुर सिटी-फारबिसगंज स्पेशल ट्रेन तीन जून से 24 जून तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक मंगलवार को उदयपुर सिटी से चलाई जाएगी।
तेजस्वी यादव बने जनता की पहली पसंद, नीतीश और चिराग को पीछे छोड़ा
3 Jun, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. सूबे में दो दशक से सत्ता की धुरी बने सीएम नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी है. इसके बाद भी एनडीए के सभी घटक दल नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ने के लिए रजामंद है. वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार के सबसे पसंदीदा चेहरा बनकर उभरे हैं. लोकप्रियता के मामले में नीतीश-चिराग से काफी आगे तेजस्वी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस-लेफ्ट क्या तेजस्वी के चेहरे को आगे पर चुनाव लड़ने को तैयार होंगी?
विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई माले, वामपंथी दल और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी है. आरजेडी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सभी दल बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित कर चुनावी किस्मत आजमाने के पक्ष में नहीं है. इंडिया गठबंधन की कई बार बिहार चुनाव को लेकर बैठक भी हो चुकी. इसके बाद भी तेजस्वी के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी है, लेकिन अब सीएम फेस के सर्वे के बाद क्या कांग्रेस और लेफ्ट का मन बदलेगा?
बिहार में तेजस्वी सबसे ज्यादा लोकप्रिय
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा के तौर पर सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद किया है. सर्वे के अनुसार मई के महीने में बिहार के सीएम के रूप में 36.9 फीसदी लोग तेजस्वी को देखना चाहते हैं, तो 18.4 फीसदी लोग नीतीश कुमार को. इसके बाद प्रशांत किशोर को 16.4 फीसदी, एलजेपी (आर) के प्रमुख चिराग पासवान को 10.6 फीसदी और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को 6.6 फीसदी लोग सीएम के रूप में पसंद कर रहे हैं. पिछले तीन सर्वे में तेजस्वी यादव की स्थिति ऐसी ही है.
बिहार में लोकप्रियता के मामले में नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से काफी तेजस्वी यादव नजर आ रहे हैं. बिहार को लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार से दोगुना लोग आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बिहार मुख्यमंत्री के रूप देखना चाहते हैं. इतना ही नहीं उनके आसपास भी कोई नेता नजर नहीं आ रहा लोकप्रियता के मामले में. इसके बाद भी तेजस्वी के नाम पर इंडिया गठबंधन के दल तैयार नहीं है.
तेजस्वी पर कांग्रेस-लेफ्ट का मन बदलेगा?
आरजेडी ने तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई माले तैयार नहीं हैं. माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पिछले दिनों कहा था कि महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनेगा. इससे पहले कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इंडिया गठबंधन नेताओं की दिल्ली से लेकर पटना तक कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लग सकी है.
कांग्रेस और माले चुनाव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ना चाहती. इन दोनों ही दलों का तर्क है कि तेजस्वी के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर यादव को छोड़कर अन्य पिछड़ी जातियां उसे वोट नहीं मिलता. ये बात कांग्रेस नेतृत्व ने सीधे तौर पर दिल्ली की मीटिंग में तेजस्वी यादव को बता दिया था. हां, ये जरूर आश्वासन दिया कि अगर सरकार बनाने का मौका हाथ आता है तो तेजस्वी यादव भले ही मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन चुनाव में उनके नाम की घोषणा कर लड़ना जोखिम भरा कदम हो सकता है.
हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री के लिए आए सर्वे में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता जिस तरह दिखी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से आगे नजर आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस और लेफ्ट क्या अब तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने पर रजामंद होंगे. तेजस्वी की लोकप्रियता का सियासी लाभ उठाने का दांव चलेगी.
क्या है इंडिया गठबंधन का फॉर्मूला?
इंडिया गठबंधन अगर तेजस्वी यादव को आगे कर चुनावी मैदान में उतरी है, तो सवर्ण जाति के वोटों के छिटकने का खतरा कांग्रेस को लग रहा तो सीपीआई माले को है. इसीलिए कांग्रेस बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव वाले फार्मूले पर लड़ने की तैयारी में है. इंडिया गठबंधन ने 2024 में पीएम पद का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था. इंडिया गठबंधन ने एक ज्वाइंट कमेटी जरूर बनाई थी, उसी तर्ज पर बिहार में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है, जिसकी कमान तेजस्वी यादव को सौंपी गई है.
कांग्रेस और माले की की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरे की बात नहीं कर रही, ऐसे में कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरेगी, वही पार्टी नेता तय करेगी. जिस तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. उसी तरह से बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है और आरजेडी अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है.
कांग्रेस और माले के फॉर्मूले पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी रजामंद नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं है. इससे जाहिर होता है कि आरजेडी वेट एंड वॉच के मूड में है. ऐसे में देखना है कि महागठबंधन सीएम के कन्फ्यूजन का सॉल्यूशन तलाशती है या फिर तेजस्वी पर सस्पेंस बनाकर ही चुनाव में उतरेगी?
रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, रांची की ट्रेनों के ठहराव में हुआ विस्तार
3 Jun, 2025 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झुमरीतिलैया (कोडरमा): रांची से आरा व रांची से इस्लामपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों का अलग-अलग स्टेशन पर ठहराव को स्वीकृति दी गई है।
इस्लामपुर-हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस का ठहराव कोडरमा-पारसनाथ के बीच चिचाकी स्टेशन पर शुरू होगा।
आरा-रांची-आरा एक्सप्रेस आरा से सासाराम के बीच बिक्रमगंज स्टेशन पर रुकेगी। जल्द ही दोनों ट्रेनों के ठहराव की तिथि की घोषणा की जाएगी।
चार ट्रेनें जुलाई से आगरा फोर्ट की जगह ईदगाह जंक्शन पर रुकेंगी
उधर, धनबाद, कोडरमा , गया जंक्शन से होकर चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनें जुलाई महीने के अंत से आगरा फोर्ट स्टेशन पर नहीं रुकेंगी।
इन ट्रेनों का ठहराव आगरा फोर्ट की जगह ईदगाह जंक्शन पर कर दिया गया है। ईस्टर्न रेलवे ने चार ट्रेनों की ईदगाह जंक्शन स्टेशन पर समय-सारिणी जारी कर दी है।
नए टाइम टेबल के अनुसार 30 जुलाई से खुलने वाली 12307 हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस शाम 7.30 बजे और वापसी में 31 जुलाई से खुलने वाली 12308 जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस सुबह 8.25 बजे ईदगाह पहुंचेगी।
इसी तरह 22307 हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस 31 जुलाई से शाम 7.30 बजे और 30 जुलाई से खुलने वाली 22308 बीकानेर-हावड़ा एक्सप्रेस सुबह 08.25 बजे, 12942 आसनसोल-भावनगर पारसनाथ एक्सप्रेस 31 जुलाई से दोपहर 12.40 बजे और 12941 भावनगर-आसनसोल पारसनाथ एक्सप्रेस पांच अगस्त से दोपहर 2.50 बजे ईदगाह जंक्शन पर रुकेगी।
12938 हावड़ा-गांधीधाम गरवा एक्सप्रेस 4 अगस्त से शाम 6.10 बजे और 12937 गांधीधाम-हावड़ा गरवा एक्सप्रेस 2 अगस्त से दोपहर 2.50 बजे ईदगाह जंक्शन पहुंचेगी।
खूंटी सीमा पर युवक पर हमला, गांव में दहशत, पुलिस ने जांच तेज की
3 Jun, 2025 11:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तुपुदाना: राजधानी रांची में जोनल आईजी एवं डीआईजी ने अपने क्षेत्राधिकार के सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ सोमवार को बैठक कर कानून-व्यवस्था की समीक्षा की।
बैठक में दोनों अफसर पुलिस अधीक्षकों को स्थिति में सुधार लाने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का आदेश दे रहे थे। इसी बीच शाम चार बजे के लगभग रांची-खूंटी जिले की सीमा पर स्थित खूंटी थाना क्षेत्र के अकता गांव में बाइक सवार चार युवकों ने पिपरा टोली निवासी अरशद पर पिस्टल तान दी।
पिस्टल के बट से मारकर उसका सिर फोड़ दिया। अरशद के साथ बाइक पर सवार युवक इलाज के लिए उसे खूंटी ले गए। मामले का वीडियो वायरल होते ही खूंटी पुलिस अकता गांव पहुंची और लोगों से पूछताछ करके चली गई।
घटना की सूचना पाकर हटिया डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा, तुपुदाना ओपी प्रभारी दुलाल कुमार महतो सहित पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और आसपास के लोगों से पूछताछ की।
खूंटी क्षेत्र का मामला होने के कारण खूंटी थाने में मामला चला गया। वहीं, हटिया डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा एवं तुपुदाना ओपी प्रभारी दुलाल कुमार महतो ने अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद उस क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की बात कही, ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाई जा सके।
दिनदहाड़े बीच गांव में अपराधियों द्वारा पिस्तौल लहराने और फायरिंग करने से ग्रामीण सहमे हुए हैं। वे कुछ भी बताने से हिचक रहे हैं। खूंटी थाना क्षेत्र के पिपरा टोली निवासी अरशद नाम के युवक पर अकता गांव में अपराधियों ने फायरिंग की है। उसे घायल भी कर दिया है।
रांची: रातू रोड फ्लाईओवर का उद्घाटन 19 जून को नितिन गडकरी करेंगे
3 Jun, 2025 11:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: रातू रोड फ्लाईओवर रांची वासियों के लिए जल्द समर्पित होगा। 19 जून को रातू एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे।
इसकी तैयारी को लेकर रांची के सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सोमवार को उद्घाटन के लिए आमंत्रण किया है। उन्होंने 19 जून को कॉरिडोर के लोकार्पण की सहमति दी।
यह झारखंड का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर है, जिसकी सौगात रांची की जनता को मिली है। इसके लोकार्पण होने के बाद रातू रोड पर लगने वाले जाम में कमी आएगी।
वाहनों का आवागमन सुगम हो सकेगा और रांचीवासी भी राहत महसूस करेंगे। गडकरी उद्घाटन के बाद यहां पर रोड शो भी करेंगे।
400 करोड़ रुपये हुए खर्च, पांच में देर से पूरा हुआ काम
लगभग 400 करोड़ की लागत से 4.17 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण 7 जुलाई, 2022 को शुरू किया गया था और इसे चार जनवरी 2025 में पूरा करने का लक्ष्य लिया गया था, लेकिन जून 2025 में पूरा किया जा सका।
इसके निर्माण में मात्र पांच महीने की देरी हुई है। एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण एनएचआई की ओर से किया गया है, जबकि एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण करने वाली कंपनी केसीसी है।
वहीं, पूरे रातू रोड फ्लाईओवर के ऊपर नायज बैरियर कम व्यू कटर चार किलोमीटर दूर तक लगाए गए हैं, जिससे फ्लाईओवर से गुजरने वाली गाड़ियों की आवास आसपास में रहने वाले लोगों को नहीं सुनाई देगी। इसके अलावा मीडियम डिवाइडर में पीजीआर रेलिंग और पौधारोपण का काम किया जाएगा।
आधे घंटे का सफर होगा, पांच मिनट में होगा पूरा
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अब आधे घंटे का सफर मात्र पांच मिनट में पूरा कर लिया जाएगा। अब मात्र राजभवन के पास मंदिर शिफ्टिंग का काम बाकी है। इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं, एनएचएआइ के इंजीनियर आनंद कुमार ने बताया कि रातू रोड फ्लाईओवर के शुरू होने के बाद जाम कमी आएगी। इसमें सभी तकनीकी पहलुओं की जांच पूरी कर ली गई हैं।
वहीं, उन्होंने कहा कि ट्रैफिक अधिक होने और बार-बार वर्षा होने के कारण निर्माण कार्य में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन अब रातू रोड फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुका है। इसमें गाड़ियां दौड़ने का इंतजार कर रही हैं।
फ्लाईओवर के निर्माण से पहुंचेगा कई क्षेत्रों को फायदा
इस कॉरिडोर के चालू होने के बाद शहर के प्रमुख इलाकों रातू रोड, इटकी रोड, पिस्कामोड़ और ओटीसी ग्राउंड क्षेत्र में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
इसके अलावा वाहन चालकों का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, जिससे आम लोगों की जेब पर भी बोझ घटेगा। कॉरिडोर के चालू होने से न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुगम होगी, बल्कि यात्रा का समय भी कम होगा और वाहन तेज गति से गुजर सकेंगे।
फ्लाईओवर रैंप के सामने मौजूद मंदिर को शिफ्ट किया जाएगा। रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में इस एलिवेटेड रोड के चालू होने से बड़ा बदलाव आएगा।
संजय सेठ और सीपी सिंह चला चुके हैं वाहन
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गुरुवार को रातू रोड स्थित एलिवेटेड कॉरिडोर का निरीक्षण किया। बाइक चलाकर उन्होंने इसका जायजा लिया।
उनके साथ रांची के विधायक सीपी सिंह और एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारी भी मौजूद रहे। संजय सेठ ने अधिकारियों से कहा कि बचे हुए कार्य जैसे नायज बैरियर, ओवरब्रिज के नीचे ग्रिलिंग और पौधारोपण सहित अन्य को जल्द से जल्द पूरा कर लें।
इंस्टाग्राम पर शुरू हुआ प्यार, बरेली की विवाहिता घर छोड़ प्रेमी संग हुई रवाना
3 Jun, 2025 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के हाफिजगंज थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शादीशुदा महिला को इंस्टाग्राम पर एक युवक से प्यार हो गया. प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि महिला ने अपने पति और तीन साल की मासूम बच्ची को छोड़ दिया और प्रेमी के साथ चली गई. यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हाफिजगंज क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती की इंस्टाग्राम पर सहारनपुर जिले के एक युवक से बातचीत शुरू हुई. धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं और प्यार का रिश्ता बन गया. यह सिलसिला चोरी-छुपे चलता रहा और दोनों मिलने भी लगे. जब महिला के पति को इस रिश्ते की भनक लगी तो उसने पत्नी को रोकने की बहुत कोशिश की. बच्ची का हवाला दिया, घर की इज्जत की बात की, लेकिन महिला कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुई. वह प्रेमी के साथ ही जाने की जिद पर अड़ी रही. मामला इतना बिगड़ा कि बात पुलिस थाने तक जा पहुंची.
थाने में घंटों पंचायत, लेकिन नहीं मानी महिला
हाफिजगंज थाने में महिला उसका पति और उसके घरवाले पहुंचे. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया. कई घंटों तक समझाया गया कि बच्ची की खातिर रिश्ते को संभाल लें, लेकिन महिला अपने फैसले पर अड़ी रही. उसने लिखकर दे दिया कि वह अब अपने पति और बच्ची से कोई संबंध नहीं रखना चाहती है. पति ने जब देखा कि उसकी पत्नी अब साथ नहीं रहना चाहती, तो उसने भी हार मान ली. पति ने पुलिस के सामने कह दिया कि अगर वह जाना चाहती है तो उसे रोकना अब मुमकिन नहीं. इसके बाद महिला ने अपने प्रेमी को फोन कर थाने बुलाया.
प्रेमी आया थाने और महिला को साथ ले गया
पुलिस ने महिला और पति, दोनों की सहमति लेने के बाद प्रेमी को महिला के साथ जाने की इजाजत दे दी. प्रेमी थाने आया और महिला को अपने साथ सहारनपुर ले गया. इस पूरे मामले को लेकर गांव और आसपास के क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है. लोग हैरान हैं कि एक मां अपनी तीन साल की बच्ची को भी छोड़ सकती है. इस घटना ने फिर एक बार सोशल मीडिया के असर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती शादीशुदा जिंदगी और एक मासूम की परवरिश पर भारी पड़ गई.
दुल्हन के स्वागत के बीच पहुंचीं तीन लड़कियां, बोलीं- यही है हमारा प्रेमी
3 Jun, 2025 11:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक युवक शादी के बाद दुल्हन को घर लाया. घर में दुल्हन का खूब स्वागत हुआ. इसी बीच, तीन लड़कियां वहां पहुंच गईं और युवक को अपना बॉयफ्रेंड बताने लगीं. घरवालों ने समझाने की कोशिश की तो तीनों लड़कियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों लड़कियों को समझाकर घर वापस भेजा.
गांववालों के मुताबिक, जैसे ही दुल्हन घर पहुंची, तीनों ही लड़कियां ऑटो से वहां पहुंच गईं. घरवालों को तीनों के बारे में कुछ पता नहीं था. इसी बीच, तीनों ने युवक को प्रेमी बताना शुरू किया. घटना सोमवार की है. पुलिस के मुताबिक, दूल्हा बारात लेकर बरेली गया था. वह सोमवार को दुल्हन को लेकर वापस लौट रहा था. तभी लड़कियां घर पहुंच गईं.
दूल्हे के घर पहुंच कर तीन लड़कियों ने किया हंगामा
लड़कियों के हंगामे से घरवाले भी सहम गए. उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था. वहीं, दूल्हा भी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा था. जब उससे लड़कियों के बारे में पूछा गया तो वह भी ठीक तरीके से जवाब नहीं दे रहा था. पुलिसकर्मी भी कुछ देर के लिए मामला समझ नहीं पाए. हालांकि, फिर बाद में पुलिसकर्मियों ने लड़कियों को समझाया तो तीनों अपने घर वापस चली गईं. वहीं, काफी देर तक लड़के के घर पर अफरातफरी का माहौल रहा.
पुलिस ने तीनों लड़कियों को समझाकर घर भेजा
इस घटना को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं. शादी के बाद नई नवेली दुल्हन के सामने लड़कियों का इस तरीके से हंगामा करना असहज स्थिति पैदा कर रहा था. घरवाले भी लड़के से तीनों लड़कियों के बारे में पूछते दिखाई दिए, लेकिन वो चुप्पी साधे रखा. वहीं, पुलिस ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया है. पुलिस ने कहा कि न ही लड़के के घरवालों ने और न ही तीनों लड़कियों ने केस दर्ज कराया है. अब मामला पूरी तरीके से शांत है.
ललितपुर में 4 बेटों की मां प्रेमी संग फरार, बहुओं के ज़ेवर भी ले गई साथ
3 Jun, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के ललितपुर में चार शादीशुदा बेटों की मां अपने से करीब 30 साल छोटे प्रेमी के साथ फरार हो गई है. इस मामले ने तब और भी ज़्यादा हैरान कर दिया, जब पता चला कि महिला जाते समय अपनी बहुओं के सारे ज़ेवर भी साथ ले गई है. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.
ललितपुर के जखौरा थाना क्षेत्र के एक गाँव से सामने आया यह प्रेम-प्रसंग का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है. बुजुर्ग महिला के पति ने बताया कि उनकी पत्नी का एक 30 वर्षीय युवक से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. करीब 20 दिन पहले वह उसी युवक के साथ घर छोड़कर चली गई. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिला अपनी चार बहुओं के कीमती ज़ेवर भी अपने साथ ले गई है, जिससे परिवार सदमे में है.
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पीड़ित पति ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में जखौरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी व्यथा सुनाई है. इसके अलावा, उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखकर न्याय की मांग की है. इस घटना से प्रेमी की पत्नी भी बेहद परेशान है. उसका कहना है कि पति की इस हरकत ने उसके पूरे परिवार को बिखेर दिया है और उसे समाज में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. उसने भी पुलिस से अपने पति को ढूंढने की गुहार लगाई है.
पूरे इलाके में चर्चा का विषय
यह पूरा मामला इलाके में गर्मागर्म चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीण इस पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने अब महिला और उसके प्रेमी की तलाश शुरू कर दी है. यह देखना बाकी है कि इस अनोखे मामले में आगे क्या मोड़ आता है और पीड़ित परिवार को कब तक न्याय मिल पाता है.
मुरादाबाद में मुस्लिम लड़की ने अपनाया हिंदू धर्म, प्रेमी से की शादी
3 Jun, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू धर्म अपनाया और एक हिंदू युवक से शादी की. लड़की ने बताया कि चार साल से हिंदू युवक से प्यार करती है. जब इस बात का पता लड़की के घरवालों को चला तो उसके परिवार वालों ने पिछले साल जबरदस्ती उसकी शादी किसी और मुस्लिम लड़के से करा दी थी. लेकिन अब लड़की अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी के पास आ गई और हिंदू रीति रिवाज से उसके साथ शादी रचा ली.
दरअसल, बुलंदशहर के खुर्जा में एक प्रेमी जोड़े ने हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी रचाई, जो पिछले चार साल से एक-दूसरे प्यार करते हैं. युवती का नाम सायमीन है, जो मुरादाबाद की रहने वाली है. सायमीन चार सालों से रूपेंद्र उर्फ गोलू से प्यार करती है. वह दोनों पिछले साल एक साथ घर छोड़कर भाग गए थे. लेकिन सायमीन के परिवार वालो नें उन्हें पकड़ लिया था.
सायमीन ने अपनाया सनातन धर्म
इसके बाद सायमीन की शादी दिल्ली के रहने वाले सैफ नाम के शख्स से कर दी थी, जो एक पैर से विकलांग है. सैफ से शादी के बाद सायमीन ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन अब वह अपने पति और बच्चे दोनों को छोड़कर अपनी पहली मोहब्बत के पास आ गई और रुपेंद्र संग सात फेरे लिए. रूपेंद्र और सायमीन ने खुर्जा के आर्य समाज मंदिर में शादी की और साथ ही सायमीन ने सनातन धर्म भी अपनाया.
सायमीन से बन गई श्रुति
सायमीन ने अपना नाम भी बदल लिया है. सायमीन अब श्रुति बन गई है. उसने कहा कि जिस शख्स से मेरे घर वालों ने मेरी शादी की थी. वह वो मुझे मारता-पीटता था. मुझे हिंदू धर्म पसंद है. मुझे मुस्लिम धर्म पसंद नहीं है. क्योंकि उसमें मारते-पीटते हैं और तलाक देकर चार-चार औरतें रखते हैं. मुझे हिंदू रीति रिवाज पसंद हैं और इसलिए मैंने रुपेंद्र से प्यार किया और अब शादी कर भी ली है. अब मैं रुपेंद्र के साथ ही रहना चाहती हूं. रुपेंद्र ने कहा कि उन्होंने आर्य समाज में शादी कर ली है. लेकिन अब उन्हें सायमीन के रिश्तेदारों और गांव वालों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
ADG की जांच के बाद जौनपुर पुलिस पर गिरी गाज, फर्जी केस में 9 आरोपी
3 Jun, 2025 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में फर्जी मुकदमा दर्ज करने के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर, दारोगा समेत 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है. आरोप है कि इंस्पेक्टर ने बागपत के रहने वाले निश्चय राणा के खिलाफ उसके पिता के हत्यारोपियों से मिलकर फर्जी केस दर्ज किया था. फिलहाल अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन से शिकायत करने पर लाइन बाजार थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर, दारोगा समेत 9 लोगों पर केस दर्ज हुआ है.
बागपत जिले के दोघट थाना क्षेत्र के निरपुड़ा निवासी बृजपाल सिंह की 29 सितंबर 2012 को गोली मारकर कर कर दी गई थी. मृतक के बेटे निश्चय राणा ने हत्यारों के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जिसमें रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा, ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राणा पीड़ित पर सुलह समझौते का दबाव बना रहे थे. इस पर दोघट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा, ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राणा समेत अन्य लोगों ने पीड़ित और दबाव बनाया कि मुकदमा खत्म करके सुलह समझौता कर लो. पीड़ित द्वारा ऐसा न करने पर उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड समेत कई अन्य शहरों में फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए गए. इतना ही नहीं सुलह-समझौता न करने पर महिलाओं से उसके ऊपर फर्जी सामूहिक दुष्कर्म तक के केस दर्ज कराए गए थे, जिसमें वह बरी होता गया.
जौनपुर में दर्ज हुआ था फर्जी केस
पीड़ित का आरोप है कि उपरोक्त लोगों ने जौनपुर के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के राम आसरे सिंह को रुपयों का लालच देकर उसके खिलाफ लाइन बाजार थाने में वर्ष 2019 में शिकायत कराई थी. पीड़ित का आरोप है कि उसके खिलाफ जौनपुर के लाइन बाजार के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक संजय वर्मा ने वर्ष 2019 की झूठी तहरीर पर वर्ष 2023 में धोखाधड़ी, गाली-गलौज समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दिया था. इतना ही नहीं इस केस के विवेचक दारोगा गोपाल जी तिवारी ने विवेचना के दौरान गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ाते हुए, फर्जी नोटिस और बिना गिरफ्तारी कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी.
ADG के निर्देश पर केस दर्ज
पीड़ित ने इसकी शिकायत वाराणसी जोन के एडीजी से की. मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी के आदेश पर लाइन बाजार थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय वर्मा, दारोगा गोपाल जी तिवारी, राम आसरे सिंह, बाबू, नीरज, रतनवीर उर्फ मोनू , रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा और प्रताप सिंह राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 469, 471, 506 और 120-B के तहत केस दर्ज किया गया.
बता दें कि तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय वर्मा प्रमोशन के बाद बतौर सीओ इस समय फतेहगढ़ में तैनात हैं, जबकि फर्जी विवेचना करके न्यायालय की आंख में धूल झोंकने वाले दारोगा गोपाल जी तिवारी जौनपुर में ही सेवारत हैं. फिलहाल, आरोपियों से मिलकर पीड़ित के खिलाफ सुनियोजित साजिश करके कर्जी केस दर्ज करने और फर्जी नोटिस पर बिना गिरफ्तारी के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पुलिसिया कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
नो एंट्री हटने से छपरा शहर में ट्रैफिक जाम और हादसों का खतरा बढ़ा
2 Jun, 2025 02:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छपरा शहर के बीच से होकर गुजर रहे पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग 19 की सड़क अब सिर्फ ट्रैफिक रूट नहीं, आम लोगों के लिए एक खतरनाक चुनौती बन गई है।
खासकर रात नौ बजे से सुबह नौ बजे तक जब नो एंट्री हट जाती है, तब भारी वाहन शहर की तंग गलियों और रिहायशी इलाकों से होकर गुजरते हैं। यह रास्ता अब हादसों का रास्ता बन चुका है।
हर सुबह की शुरुआत डर और अनिश्चितता के साथ
विशुनपुरा, भिखारी ठाकुर चौक, यूनिवर्सिटी, नेवाजी टोला, रामनगर, साढ़ा ढ़ाला होते हुए शहर से होकर ब्रह्मपुर की ओर या मेथवलिया की ओर जाने वाले ट्रकों की लाइनें सुबह पांच बजे से ही रिहायशी इलाकों को पार करने लगती हैं।
कई वाहन वहीं से शहर की ओर भी मुड़ते हैं। यह करीब आठ किलोमीटर का ट्रक रूट है, लेकिन यह शहर की तंग गलियों, स्कूलों, कालोनियों और बाजारों से होकर गुजरता है।
सुबह की सैर पर निकले बुजुर्ग, अखबार बांटते कर्मयोगी और स्कूल जाने वाले बच्चे सभी अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजरते हैं।
स्थानीय सब्जी विक्रेता ओम कुमार कहते हैं कि दुकान लगाने से पहले यही सोचते हैं कि कहीं ट्रक की चपेट में न आ जाएं। सड़क अब व्यापार का नहीं, डर का माध्यम बन चुकी है।
रफ्तार और लापरवाही का खौफनाक मेल
भारी वाहनों की तेज रफ्तार और तंग गलियों का मेल शहर के लिए जानलेवा साबित हो रही है। रिहायशी इलाकों में न स्पीड ब्रेकर हैं, न ट्रैफिक नियंत्रण की व्यवस्था है।
कई बार वाहन बिना किसी चेतावनी के सीधे गलियों में घुस जाते हैं, जिससे हादसे टलते-टलते रह जाते हैं या कई बार हो ही जाते हैं।
जनता की प्रमुख मांगें
अखबार विक्रेता विनोद कुमार, संदीप कुमार, छोटू कुमार व स्थानीय लोगों की ओर से अब लगातार ये मांगें उठ रही हैं कि नो एंट्री के समय में बदलाव नहीं, बल्कि प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी हो। सुबह पांच बजे से से नौ बजे तक ट्रैफिक पुलिस की तैनाती सभी मुख्य चौराहों पर अनिवार्य हो।
रिहायशी इलाकों में स्पीड नियंत्रक अवरोधक तत्काल लगाए जाएं। एलिवेटेड रोड या बाइपास निर्माण तेजी से हो। इसपर प्रशासन ठोस पहल करे। बाइपास के दोनों ओर सीमित निर्माण की नीति लागू हो, ताकि भविष्य में वहां फिर से आबादी न बसे।
स्थायी समाधान की ज़रूरत
विशेषज्ञों की राय है कि छपरा जैसे जनसंख्या-घनत्व वाले शहर में अब स्थायी समाधान की आवश्यकता है। शहर की संरचना को देखते हुए निर्माणाधीन एनएच सड़क जो एलिवेटेड रोड की तरह है अगर उसे जल्द बनाया जाए तो यह एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है।
इसके साथ यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में बाइपास या एलिवेटेड रोड के दोनों ओर ज्यादा बसावट न हो। सिविल अभियंता धर्मेंद सिंह की राय है कि अब डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की दिशा में पहल हो और ऐसी योजना बने, जिसमें सुरक्षा, सीमित निर्माण और ट्रैफिक नियंत्रण का संतुलन हो।
जनता की आवाज़ बनेगा माध्यम
...ताकि सुरक्षित रहें हम अभियान के माध्यम से दैनिक जागरण यह प्रयास कर रहा है कि आम नागरिकों की चिंता और दर्द सिर्फ खबर बनकर न रह जाए, बल्कि नीति निर्माण की दिशा में पहल की जाए।
शहर की गलियों में रफ्तार का आतंक और हर सुबह की चिंता यह अब सामान्य नहीं रह गई है। छपरा को एक वैकल्पिक और सुरक्षित ट्रक रूट की आवश्यकता है।
बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति
2 Jun, 2025 01:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय ने अधिवेशन भवन, पटना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चुने गए 228 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर नागरिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचे. स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के इस मिशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी मार्गदर्शन में निरंतर काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग राज्य के हर नागरिक तक उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए संकल्पित है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति इसी दिशा में एक पहल है. इन नवनियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों में 30 ऑर्थापेडिक सर्जन, 27 जनरल सर्जन, 17 नेत्र रोग विशेषज्ञ, 25 मेडिसिन विशेषज्ञ (एमडी), 38 बाल रोग विशेषज्ञ, 55 स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, 13 ईएनटी सर्जन, 12 मनोरोग विशेषज्ञ, 3 त्वचा रोग विशेषज्ञ, 8 एनेस्थेटिस्ट आदि शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में 41,000 पदों पर नियुक्तियों का विज्ञापन जारी किया गया है. इन पदों में अनेक श्रेणियों के स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं. विशेष रूप से 8,500 सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली प्रक्रिया भी जारी है. इन सभी नियुक्तियों को आगामी तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले 5 दिनों में राज्य में 17 लाख से अधिक आयुष्मान और वय वंदना कार्ड बनाए गए हैं. अब तक कुल 3.96 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं और यह आंकड़ा शीघ्र ही 4 करोड़ को पार कर जाएगा. राज्य में 1.79 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत कवर किया जाना है, जिनमें से अब तक 1.62 करोड़ परिवारों को शामिल किया जा चुका है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में तकनीक आधारित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. आज नियुक्त किए गए चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र के साथ-साथ लैपटॉप भी प्रदान किए गए हैं, ताकि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक प्रभावी ढंग से प्रदान कर सकें. यह पहल बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने, तकनीक से जोड़ने और आम जनता को सुलभ व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
इस अवसर पर प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, मनोज कुमार सिंह, सचिव, स्वास्थ्य विभाग, सुहर्ष भगत, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, आदित्य प्रकाश, अपर सचिव, स्वास्थ्य, अनुपमा सिंह, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग, अमिताभ सिंह, माननीय स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव, डॉ. प्रमोद कुमार, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.
सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए नीतीश ने आयोगों का पुनर्गठन कर सियासी चाल चली
2 Jun, 2025 01:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के साथ ही शह-मात का खेल शुरू हो गया है. सीएम नीतीश कुमार प्रदेश की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए एक के बाद एक बड़ा दांव चल रहे हैं. चुनावी सरगर्मी के बीच नीतीश कुमार सियासी और जातिगत समीकरण दुरुस्त करने के लिए तमाम आयोगो के गठन में जुट गए हैं. बिहार के अभी तक पांच आयोग का पुनर्गठन कर चुके हैं, जिसमें अल्पसंख्यक आयोग से लेकर सवर्ण आयोग, महादलित आयोग, एसस-एसटी आयोग और मछुआरा आयोग तक शामिल हैं. बिहार में बनाए गए इन सभी आयोग में जातीय समीकरणों से लेकर सियासी गुणा-गणित का नीतीश सरकार ने पूरा ध्यान रखा गया है.
नीतीश कुमार के अगुवाई वाली बिहार की एनडीए सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग विभिन्न आयोगों की अलग-अलग अधिसूचना जारी कर रहा है. सरकार ने आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ सदस्यों के नाम जारी किए हैं. बिहार में विभिन्न अयोगों के गठन की मांग लंबे समय से हो रही थी, लेकिन चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि नीतीश सरकार ने ताबड़तोड़ सियासी नियुक्तियां शुरू कर दी हैं. इस तरह नीतीश कुमार एक तीर से कई शिकार करने की कवायद करते हुए नजर आ रहे हैं, तो साथ ही चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को साधकर बीजेपी के साथ सियासी बार्गेनिंग पावर बढ़ाने की स्ट्रैटजी है.
नीतीश ने चिराग-मांझी को किया सेट
बिहार का अनुसूचित जाति आयोग का गठन कर नीतीश कुमार ने चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को खुश कर दिया है. एससी कमीशन का चेयरमैन चिराग के बहनोई मृणाल पासवान को बनाया है, तो उपाध्यक्ष की कुर्सी जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को सौंपी है. इन दोनों नेताओं के अलावा एससी आयोग में संजय कुमार रविदास, रुबेल रविदास, अजीत कुमार चौधरी, ललन राम, राम नरेश कुमार, राम ईश्वर रजक और मुकेश मांझी को सदस्य बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान सार्वजनिक रूप से कई अपनी मांग उठाते रहे हैं. अब सीएम नीतीश कुमार की ओर से यही संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है कि उनकी मांगों को सुना गया है और एनडीए एकजुट है.
मृणाल पासवान, जो अध्यक्ष बने हैं, एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमार देवी के दामाद हैं. राजकुमार देवी से दो बेटियां आशा और उषा पासवान हैं. आशा की शादी आरजेडी नेता साधु पासवान से हुई है, तो उषा की शादी धनंजय कुमार उर्फ मृणाल पासवान से हुई है. रामविलास पासवान की दूसरी पत्नी रीना पासवान हैं, जिनसे बेटे चिराग पासवान और बेटी निशा पासवान हैं. इस तरह मृणाल पासवान रिश्ते में चिराग के बहनोई लगते हैं, जिन्हें नीतीश ने एससी आयोग की कमान सौंपी है.
बिहार एससी आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र मांझी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद हैं. देवेंद्र मांझी तब चर्चा में आए थे जब सीएम रहते हुए जीतन राम मांझी ने उन्हें अपना पीए बनाया था. विवाद होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब एससी आयोग का उपाध्यक्ष बनवाकर सेट कर दिया है. विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश को देखते हुए नीतीश ने मांझी और चिराग दोनों के साथ सियासी बैलेंस बनाने का दांव चला है ताकि बीजेपी के साथ मजबूत तरीके से सियासी बार्गेनिंग पावर को बढ़ा सकें.
महादलित और मछुआरा आयोग
नीतीश सरकार ने महादलित आयोग में बिहार वैशाली के राम नरेश कुमार, भोजपुर के राम ईश्वर रजक, पटना के अजीत कुमार चौधरी, मुंगेर के मुकेश मांझी को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही मछुआरा आयोग का गठन भी किया गया है, जिसको लेकर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अधिसूचना जारी की. इसमें पूर्वी चंपारण के चूड़ी हरवा टोला के ललन कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. पश्चिम चंपारण जिले के निवासी शैलेंद्र कुमार को राज्य अनुसूचित जनजाति यानी एसटी कमिशन का अध्यक्ष बनाया गया है.
मछुआरा समाज के हितों को देखते हुए मछुआरा आयोग का गठन किया गया है, जो मछुआरों के कल्याण, सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए काम करेगा. ललन कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि बक्सर के अजीत चौधरी को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त समस्तीपुर के विद्यासागर सिंह निषाद, पटना के राजकुमार और भागलपुर की रेणु सिंह को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. बिहार में मछुआरा समाज की करीब 7 फीसदी आबादी है, जो सत्ता का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है.
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी इस बार महागठबंधन के साथ हैं. मुकेस सहनी निषाद समाज यानी मछुआरा समाज की राजनीति करते आए हैं और लगातार निषाद आरक्षण की मांग उठा रहे हैं. मुकेश सहनी वर्तमान में महागठबंधन में हैं, तो ऐसे में नीतीश सरकार का यह बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है, जो कि मुकेश साहनी के राजनीतिक प्रभाव को कम करने के साथ ही मछुआरा समाज को अपने पाले में रखने की स्ट्रैटेजी है.
नीतीश ने एक तीर से किए कई शिकार
विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान और मांझी दोनों ही बिहार में पूरी तरह सक्रिय हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को काफी नुकसान पहुंचाया था, तो मांझी भी आक्रामक तेवर किसी से छिपे नहीं है. नीतीश कुमार ने आयोगों का गठन करके एक तीर से कई निशाने साधे हैं. वक्फ संशोधन कानून पर मोदी सरकार के समर्थन करने के चलते मुस्लिम मतदाता नीतीश कुमार से नाराज हैं, जिसे साधने के लिए मौलाना गुलाम रसूल बलियावी को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है. बलियावी ने वक्फ कानून को लेकर विरोध करते रहे हैं. इसके अलावा मौलाना नूरानी को उपाध्यक्ष बनाया है. इस तरह नीतीश सरकार ने मुस्लिमों की नाराजगी को दूर करने की स्ट्रेटेजी मानी जा रही है.
नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक आयोग ही नहीं उच्च जातियों, दलितों और मछुआरों को साधने की कोशिश की है. चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को भी खुश रखने का प्रयास किया है. विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश ने कदम उठकर राजनीतिक समीकरण बनाने के साथ सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने का दांव माना जा रहा है. इस तरह से नीतीश कुमार 2020 वाली सियासी गलती नहीं दोहराना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि इस बार सिर्फ 47 सीटों से सत्ता की स्टेरिंग नहीं मिलने वाली है. ऐसे में फिर से 70 से 80 विधानसभा सीटों पर जीत का परचम फहराने का टारगेट जेडीयू का है, जिसे पूरा करने के लिए ही नीतीश एक बाद एक बड़ा दांव चल रहे हैं?
रांची में शराब घोटाले की जांच में तेज़ी, 15 अधिकारियों को नोटिस जारी
2 Jun, 2025 01:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: झारखंड में शराब घोटाले की जांच कर रही एसीबी की जांच का दायरा बढ़ेगा। एसीबी ने मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के सचिव मनोज कुमार सहित 15 लोगों को समन जारी किया है। सभी को पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
एसीबी ने वर्तमान उत्पाद सचिव मनोज कुमार और तत्कालीन उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को समन भेजा है। इसके अलावा अलग-अलग जोन में कार्यरत प्लेसमेंट एजेंसियों के सीईओ, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी नोटिस भेजा गया है। इन सभी से आठ जून के बाद पूछताछ होगी।
अब तक इन लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
एसीबी अबतक की जांच में पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, जेएसीबीसीएल के दो पूर्व जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास के साथ नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है।
इस मामले में विजन हॉस्पीटिलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सेक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के सात निदेशकों को नोटिस हो चुका है। इन कंपनियों के निदेशकों से अगले दो दिनों में पूछताछ होनी है।