राजनीति
"बीजेपी के जीत के मंत्र का खुलासा, असदुद्दीन ओवैसी ने बताया असली कारण"
18 May, 2025 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लगातार चुनावी जीत के पीछे का राज खोलते हुए बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की जीत का मंत्र विपक्ष की नाकामी और हिंदू वोटों का एकीकरण है। 17 मई 2025 को हैदराबाद में मीडिया एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा, “बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है क्योंकि विपक्ष पूरी तरह नाकाम रहा है और बीजेपी ने हिंदू वोटों को अपने पक्ष में एकजुट कर लिया है।” ओवैसी ने सवाल उठाया, “अगर मैं हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज और कुछ अन्य सीटों पर चुनाव लड़ता हूं और बीजेपी 240 सीटें जीतती है, तो क्या मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं?”
विपक्ष पर निशाना, मुस्लिम नेतृत्व की वकालत
ओवैसी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नाकामी के कारण बीजेपी को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, “विपक्ष को मेरे साथ बैठकर आंकड़े दिखाने चाहिए। बीजेपी मेरी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की विफलता की वजह से सत्ता में है।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए मजबूत नेतृत्व की वकालत की और कहा, “यादव नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। ऊंची जाति के लोग नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। यह कहां का न्याय है?”
AIMIM का विस्तार और रणनीति
AIMIM ने हाल के वर्षों में बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में, अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। हालांकि, ओवैसी ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को अभी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कहा, “हम नागरिक बनना चाहते हैं।” उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बीजेपी की जीत को रोकने में विपक्ष की तरह ही सीमित रही।
BJP की ‘B-टीम’ का आरोप खारिज
कई विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, AIMIM पर बीजेपी की ‘B-टीम’ होने का आरोप लगाते रहे हैं। इस पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह सरासर झूठ है।” उन्होंने विपक्ष से आंकड़ों के साथ बहस करने की चुनौती दी।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की रणनीति, जिसमें हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों को केंद्र में रखा गया, ने उसे व्यापक समर्थन दिलाया है। वहीं, विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी और रणनीतिक कमजोरियां उनकी हार का बड़ा कारण रही हैं। ओवैसी का यह बयान न केवल बीजेपी की रणनीति पर प्रकाश डालता है, बल्कि विपक्ष को आत्ममंथन के लिए भी मजबूर करता है।
AIMIM क्षेत्र में सक्रियता
ओवैसी का यह बयान भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है। जहां एक ओर बीजेपी अपनी जीत के मंत्र को और मजबूत करने में जुटी है, वहीं विपक्ष के सामने एकजुट होकर प्रभावी रणनीति बनाने की चुनौती है। AIMIM भी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों में सक्रिय हो रही है, लेकिन उसका प्रभाव अभी भी सीमित है।
आरसीपी सिंह ने जॉइन किया प्रशांत किशोर का जनसुराज, ASA का हुआ विलय
18 May, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Bihar Election 2025: इस साल के अंतम में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह रविवार को जन सुराज में शामिल हो गए। इसके साथ ही उनकी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ (आशा) का भी जन सुराज में विलय हो गया। पटना में जन सुराज पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने प्रशांत किशोर की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
प्रशांत किशोर ने किया आरसीपी सिंह को स्वागत
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के जन सुराज में आने का स्वागत किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि आरसीपी सिंह जैसे लोग अगर जन सुराज में आते हैं तो उनका स्वागत है। रोज कोई न कोई जन सुराज से जुड़ रहा है। जो भी इस पार्टी में आ रहा है, वह बड़े चेहरे ही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ा चेहरा छोटे चेहरे को ही फॉलो करता है, जहां समाज रहेगा नेता अपने आप आएगा।
प्रशांत किशोर ने बताया कि आरसीपी सिंह नई व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए जुड़े हैं। प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह को अनुभवी नेता बताते हुए बिहार की सियासत में नया विकल्प बनाने का आह्वान किया।
जानिए क्या बोले आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी पार्टी का विलय होगा, लेकिन ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि हमने एनडीए और इंडिया में भी काम किया। हमने उनके लिए मजदूरी की है। अब पहली बार अपने लिए घर बना रहे हैं। हमारे लिए घर बिहार है। 2047 में विकसित भारत की चर्चा हो रही है लेकिन बिहार के विकसित बनने की चर्चा नहीं हो रही है।
2024 में की थी पार्टी की घोषणा
आपको बता दें कि आरसीपी सिंह ने अक्टूबर 2024 को दीपावली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा की थी। उस समय उन्होंने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। आरसीपी सिंह मई, 2023 में भाजपा में शामिल हुए थे, क्योंकि उससे पहले नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जा चुके थे। सिंह को 2022 में जदयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। प्रशांत किशोर भी जदयू में रह चुके हैं।
बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतेंगे: बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह द्वारा अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का ‘जन सुराज’ में विलय करने पर भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए मजबूत है। कोई किसी से भी हाथ मिला ले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतेंगे। हम दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।
आप का आरोप, अपने चहेते अधिकारियों को जेल में जाने से बचाने उन्हें दिल्ली से दूर भेज रही रेखा सरकार
18 May, 2025 10:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले हुए हैं, रेखा गुप्ता सरकार में अलग-अलग विभागों में वरिष्ठ पदों पर तैनात अधिकारियों को अब दिल्ली से दूर भेजने का आदेश गृह मंत्रालय ने दिया। इस पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। आप के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीते दो साल से आप कह रही थी कि ये अधिकारी भाजपा की मदद करने के लिए षड्यंत्र के तहत कामों को रोक रहे थे। वित्त सचिव एसी वर्मा ने दिल्ली जल बोर्ड के प्रोजेक्ट का हजारों करोड़ का पैसा रोका, बुजुर्गों की पेंशन, मोहल्ला क्लीनिक के स्टाफ सहित कई विभागों के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन रोकी। स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ने भी यही काम किया।
आप नेता भारद्वाज ने कहा कि अब भाजपा की सरकार है, तब वर्मा को तकलीफ है कि वे कैसे इन कामों को अनुमति दें। अगर वे पैसा देते हैं तब जेल में जाएंगे। उन्हें जेल जाने से बचाने के लिए लाड़ले इन अधिकारियों का तबादला करके दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई पिछली आप सरकार बीते दो साल से कह रही थी कि कुछ आईएएस अधिकारी दिल्ली की जनता के तमाम कामों को रोक रहे हैं।
आप नेता भारद्वाज का कहना है कि आप सरकार ने फाइनेंस सेक्रेटरी आशीष चंद्र वर्मा और हेल्थ सेक्रेटरी एसबी दीपक कुमार के खिलाफ लगातार शिकायतें की थीं। तत्कालीन सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कहा कि वर्मा ने दिल्ली की कई योजनाओं को जानबूझकर रोका। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के हजारों करोड़ रुपये के बजट को रोक दिया। उन्होंने जल बोर्ड के सभी प्रोजेक्ट्स को पैसा देना बंद किया था। इसके चलते डीजेबी सीवर मशीनें नहीं खरीद सका और चल रहे प्रोजेक्ट्स रूक गए। बकाया भुगतान न होने की वजह से डीजेबी का ट्यूबवेल और पानी की लाइन डालने के काम रूक गए। बकाया भुगतान नहीं मिलने के कारण ठेकेदारों ने काम लेना बंद कर दिया।
ओवैसी का तंज, हम पाकिस्तान के दूल्हा भाई, इतना हैंडसम वहां कोई नहीं
18 May, 2025 09:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद । ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के बाद भारत में बॉयकॉट तुर्की ट्रेंड में है। एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाक को मदद करने के लिए तुर्की को भारत के साथ उनके रिश्ते को याद दिलाया। साथ ही ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान मानवता के लिए खतरा बन गया है, पाकिस्तान का इस्लाम से कोई-लेना देना नहीं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन प्रमुख ओवैसी ने कहा कि तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करने अपने रुख का विचार करना चाहिए। तुर्की और भारत के बीच ऐतिहासिक रिश्ता है, इस नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि हमें तुर्की को याद दिलाने के चाहिए कि वहां एक बैक है जिसकी शुरुआती जमाकर्ता भारतीय हैं। भारत में 20 करोड़ से अधिक मुसलमान रहते हैं, जो संख्या में पाकिस्तान से कई गुना अधिक है। पाकिस्तान ने अब तक जिस तरह का व्यवहार किया, उसका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं। हमें तुर्की को ये बार-बार याद दिलाने की जरूरत है कि भारत के मुसलमान खुदमुख्तार हैं और दुनिया में उनका सम्मान होना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि हम पाकिस्तान के दूल्हा भाई, इतना हैंडसम वहां कोई नहीं। सब पाकिस्तानी मुझे सुनते रहें ज्ञान बढ़ेगा और उनकी अज्ञानता खत्म होगी।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान को मदद करने के बाद देश में रोष है, जिसके चलते कई भारतीय पर्यटन कंपनियों ने तुर्की की बुकिंग बंद कर दी है। इस बहिष्कार से तुर्की को भारतीय पर्यटकों से होने वाली करीब 3000 करोड़ रुपये की वार्षिक आय का नुकसान हो सकता है, जबकि भारत ने भूकंप के समय तुर्की की मदद की थी।
भारतीय सांसदों का डेलिगेशन पाक को दुनिया में करेगा बेनकाब
18 May, 2025 09:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में शशि थरूर, मुस्लिम देशों में रविशंकर...
नई दिल्ली। विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ एनडीए के सात नेताओं वाला एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का भारत का कड़ा संदेश देने के लिए कई देशों का दौरा करेगा। संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेगा। वे दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश को आगे बढ़ाएंगे। विभिन्न दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को ये करेंगे लीड
जो सांसद विदेशी दौरों पर सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे उनमें चार सत्तारूढ़ एनडीए से हैं, जबकि तीन विपक्षी दलों से हैं। इन सांसदों के नाम हैं- कांग्रेस के शशि थरूर, बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद, जेडीयू के संजय कुमार झा, बीजेपी के बैजयंत पांडा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपीएसपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है। यह दौरा 23 मई से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा। सूत्रों ने बताया कि रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाने की उम्मीद है, जबकि सुप्रिया सुले की सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी।
ये नेता प्रतिनिधिमंडल का होंगे हिस्सा
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया (सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश) का दौरा करने की संभावना है। अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृज लाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता सहित विभिन्न दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है, जो सांसद नहीं हैं। सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को भी इस दौरे में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से मना कर दिया। शशि थरूर अमेरिका में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं। यह पहली बार है कि केंद्र सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए कई दलों के सांसदों को डिप्लॉय कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस अंतरराष्ट्रीय दौरे का इंतजाम देख रहे हैं।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका: 13 आप पार्षदों ने दिया इस्तीफा, बागी नेताओं ने बनाई अपनी अलग पार्टी
18 May, 2025 08:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 13 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। बागी पार्षदों ने नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। एमसीडी में बागी नेताओं ने अलग गुट बनाया है। आम आदमी पार्टी से इन निगम पार्षदों ने इस्तीफा देकर इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी बनाने का फैसला किया है। हेमचंद गोयल के नेतृत्व में थर्ड फ्रंट बनाने का फैसला किया गया। मुकेश गोयल पार्टी के अध्यक्ष होंगे।
बागी पार्षदों ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि जनता से जो वादे किए गए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया। 2022 में वे आम आदमी पार्टी के टिकट पर एमसीडी में पार्षद चुने गए थे। लेकिन एमसीडी की सत्ता में आने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने के शीर्ष नेतृत्व एमसीडी की सुचारू ढंग से नहीं चला पाया। जिन पार्षदों ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया है उनमें हेमनचंद गोयल, दिनेश भारद्वाज, हिमानी जैन, उषा शर्मा, साहिब कुमार, राखी कुमार, अशोक पांडेय, राजेश कुमार, अनिल राणा, देवेंद्र कुमार, हिमानी जैन का नाम शामिल है।
पार्षद ने बनाई इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी
आप से इस्तीफा देने पर हिमानी जैन ने कहा कि हमने नई पार्टी बनाई है, इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी। हमने आप से इस्तीफा दे दिया है। पिछले 2.5 साल में निगम में कोई काम नहीं हुआ जो होना चाहिए था। हम सत्ता में थे, फिर भी हमने कुछ नहीं किया। हमने नई पार्टी बनाई है क्योंकि हमारी विचारधारा दिल्ली के विकास के लिए काम करना है। हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो दिल्ली के विकास के लिए काम करेगी। अब तक 15 पार्षद इस्तीफा दे चुके हैं। और भी शामिल हो सकते हैं।
गौरव गोगोई को लेकर सीएम सरमा का निशाना, बोले– पाकिस्तान से जुड़े रहे हैं संबंध
17 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम सरकार को भेजे हैं। इनमें असम से गौरव गोगोई का नाम भी शामिल है। कांग्रेस की सूची में उनका नाम देखकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है। सरमा ने ट्वीट किया, "सूची में शामिल एक सांसद ने पाकिस्तान में लंबे समय तक रहने की बात से इनकार नहीं किया है। वह कथित तौर पर दो सप्ताह से पाकिस्तान में है। विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उसकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन ले रही थी।" सरमा ने आगे कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और पार्टी की राजनीति से परे, मैं लोकसभा के नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि इस व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक काम में शामिल न करें।"
इससे पहले कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने यह जानकारी दी और कहा कि पार्टी ने इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए लोकसभा और राज्यसभा से दो-दो सदस्यों के नाम भेजे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के लिए पार्टी की ओर से भेजे गए सांसदों के नामों में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की और कांग्रेस से विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए पार्टी के चार सांसदों के नाम देने का आग्रह किया।
पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए कांग्रेस की ओर से कल दोपहर तक सरकार को नाम भेजे जा चुके थे। सरकार इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी, जो पहलगाम आतंकवादी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के मद्देनजर आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का भारत का संदेश देंगे। संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, "सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे। वे आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के देश के मजबूत संदेश को दुनिया तक ले जाएंगे। सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से नेताओं का सावधानीपूर्वक चयन किया है, जिन्हें मुखर माना जाता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद संजय झा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की कनिमोझी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। इनमें से चार नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हैं, जबकि तीन विपक्षी 'इंडिया' (भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन) गठबंधन के हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल के लगभग पांच देशों का दौरा करने की संभावना है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे। बयान में कहा गया है, "ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की जारी लड़ाई के संदर्भ में, प्रतिनिधिमंडल पांच देशों का दौरा करेगा।" संयुक्त राष्ट्र में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख देशों का दौरा करेंगे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित साझेदार देशों के साथ इस महीने के अंत में बैठक होगी।
सत्ता, साजिश और AK-47! मंत्री बृजबिहारी की हत्या की अनसुनी कहानी!
17 May, 2025 04:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उस दिन तारीख 13 जून 1998 की थी. शाम के पांच बज रहे थे, उस समय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बेहद खास और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी सुरक्षा के लिए दो लेयर की सुरक्षा थी. पहले लेयर में 22 कमांडो थे. वहीं दूसरे लेयर में बिहार पुलिस का सुरक्षा घेरा था. ठीक उसी समय एक एंबेसडर कार और बुलेट पर सवार होकर पांच हथियारबंद लोग अस्पताल पहुंचे. इन्हें देखकर हड़कंप मच गया.
यह पांचों लोग धड़धड़ाते हुए अस्पताल में सीधे उस वार्ड में पहुंचे, जहां मंत्री बृजबिहारी प्रसाद भर्ती थे. फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और यह सभी लोग वापस निकलकर अपनी गाड़ियों में बैठे और फरार हो गए. बावजूद इसके, सुरक्षा घेरे में तैनात किसी पुलिसर्मी या कमांडो ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. रोकते भी कैसे? हमलावर कोई सामान्य बदमाश नहीं थे, बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथी थे. जिन्हें देखकर ही पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. श्रीप्रकाश शुक्ला खुद सबसे आगे चल रहा था. उसके पीछे सुधीर त्रिपाठी और अनुज प्रताप सिंह था. वहीं सबसे पीछे आज के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी चल रहे थे.
सूरजभान पर लगा साजिश रचने का आरोप
वारदात के बाद कहा गया कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्या बेऊर जेल में बंद मोकामा गैंग के सरगना सूरजभान सिंह ने कराई. हालांकि बाद में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई. दरअसल बृजबिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला, उनके भाई भुटकुन शुक्ला और देवेन्द्र दूबे की हत्या कराने का आरोप था. कहा जाता है कि छोटन और भुटकन की हत्या के बाद इनके भाई मुन्ना शुक्ला ने जनेऊ हाथ में लेकर कसम ली थी कि वह बृजबिहारी प्रसाद का सर्वनाश करेगा.
श्रीप्रकाश ने किया था ऐलानिया कत्ल
चूंकि उस समय तक बृजबिहारी कड़े सुरक्षा घेरे में चलते थे, ऐसे में मुन्ना शुक्ला ने मोकामा गैंग के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क किया. इससे बिहार में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई थी. यह खबर जैसे ही बिहार सरकार को मिली, बृजबिहारी प्रसाद की सुरक्षा में 22 कमांडो तैनात कर दिए गए. लेकिन श्रीप्रकाश को इसकी परवाह कहां थी. वह 11 जून को गोरखपुर से पटना पहुंचा और उसी दिन आज अखबार के दफ्तर पहुंच कर ऐान कर दिया कि पटना में दो दिन के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद उसने 13 जून की शाम पांच बजे वारदात को अंजाम दिया और फिर आज अखबार के दफ्तर में फोन कर कहा कि ‘बृजबिहारी को इतनी गोलियां मारी है कि पूरा शरीर छेद ही छेद हो गया है.
हत्यारोपियों में केवल दो ही जिंदा बचे
इस वारदात से बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. दबाव बढ़ने पर पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 जून को मुकदमा दर्ज किया. इसमें जेल में बंद सूरजभान के अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह, सुधीर त्रिपाठी, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी के साथ ललन सिंह, राजन तिवारी, भूपेंद्र दुबे और सतीश पांडेय समेत करीब दर्जन भर आरोपी बनाए गए थे. हालांकि बाद में जितने भी नाम जोड़े गए, उन सभी नामों को हाईकोर्ट ने हटा दिया. इसी प्रकार वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोगों में से श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मार दिए गए. ऐसे में जिंदा बचे मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चला और इन्हें पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
विधायक के घर पर रूका था श्रीप्रकाश
बृजबिहारी की हत्या के बाद पांचों बदमाशों मुजफ्फरपुर से विधायक रघुनाथ पांडेय के आवास पर पहुंचे और करीब तीन घंटे तक ठहरे. यही पर उसने किसी हथियार डीलर से अपनी AK 47 के लिए मैगजीन लिया और फिर पटना से निकल गए. इस घटना से खुद सरकार भी दहशत में थी. खुद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा दो गुनी कर ली थी. इस घटना का जिक्र यूपी एसटीएफ के अधिकारी रहे राजेश पांडेय ने भी अपनी किताब वर्चस्व में किया है.
ऐसे हुई हुई थी मर्डर की प्लानिंग
कहा जाता है कि देवेंद्र दुबे के मर्डर के बाद बृजबिहारी प्रसाद बिहार अंडरवर्ल्ड पर कब्जा करना चाहते थे. हालांकि उस समय मोकामा गैंग के मुखिया सरगना सूरजभान सिंह काफी ताकतवर बन चुके थे. चूंकि बृजबिहारी मंत्री थे ही, ऐसे में उन्होंने जेल में सूरजभान की हत्या की साजिश रच डाली. उस समय तक गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की गैंग में शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला सूरजभान सिंह के संपर्क में आ चुका था. उस समय मुन्ना शुक्ला ने मौका देखा और सूरजभान से हाथ मिला लिया. फिर सूरजभान ने मुन्ना शुक्ला के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना संदेश भेज दिया. कहलवाया कि ‘गुरू दक्षिणा का यह सही समय है’. इस संदेश के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला के पटना आने, यहां पर हथियार उपलब्ध कराने और वारदात के बाद हवाई जहाज से दिल्ली जाने की व्यवस्था मुन्ना शुक्ला ने कराई.
कौन थे बृजबिहारी प्रसाद?
बृजबिहारी प्रसाद आदा में रहने वाले एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता आदा में राजपरिवार की संपत्तियों के केयर टेकर थे. बृजबिहारी पढ़ाई लिखाई में तेज थे, इसलिए ना केवल मैट्रिक में टॉप किया, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर भी बन गए. उस समय बिहार में जातीय संघर्ष चरम पर था. कई बार दबंगों ने ठेका लेने के लिए उनकी कनपटी पर तमंचा भी सटा दिया था. इन घटनाओं से परेशान होकर बृजबिहारी ने नौकरी छोड़ दी और राजपूत समाज के कुछ युवाओं को अपने साथ मिलाकर राजनीति शुरू की. फिर चंद्रशेखर की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ झा के संपर्क में आए और 1990 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद वह धीरे धीरे लालू यादव के खास बनते चले गए.
ऐसे बने टकराव के हालात
छोटन शुक्ला की हत्या के बाद केशरिया सीट से भुटकन शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. उनके सिर पर आनंद मोहन का हाथ था. ऐसे में बृजबिहारी प्रसाद को लगा कि उनका प्रभाव कम हो जाएगा. उसने भुटकन शुक्ला को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो 3 दिसंबर 1994 को पुलिस की वर्दी पहने गुंडों ने भुटकुन शुक्ला की हत्या कर दी. इसके बाद पटना से वैशाली तक आनंद मोहन की अगुवाई में भुटकुन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई. जैसे ही यह यात्रा गोपालगंज पहुंची, वहां के डीएम जी कृष्णैया ने शवयात्रा को रोक दिया. इससे नाराज भीड़ ने डीएम की हत्या कर दी. इस मामले में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुआ, हालांकि वह 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. जैसे तैसे शवयात्रा वैशाली पहुंची, उस समय छोटन शुक्ला के छोटे भाई मुन्ना शुक्ला ने हाथ में चिता की राख और जनेऊ लेकर कसम खाई थी कि वह अपने दोनों भाइयों की हत्या का बदला जरूर लेंगे.
AAP में बड़ी फूट: 15 पार्षदों ने थामा पूर्व नेता सदन गोयल का हाथ, नई पार्टी का ऐलान
17 May, 2025 04:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के 15 पार्षदों से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व नेता सदन मुकेश गोयल ने नई पार्टी बनाने का दावा किया है, जिसका नाम उन्होंने इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी रखा है. उन्होंने 13 पार्षदों का अपने साथ जुड़ने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद भी हमारे साथ आ सकते हैं.
मुकेश गोयल ने कहा, आप पूर्ण बहुमत के साथ आई थी, लेकिन पार्टी बस आदेश देती थी. किसी की सुनी नहीं जाती थी. सिर्फ विपक्ष पर आरोप लगाया जाता था. मैं 1997 से पार्षद हूं लेकिन ऐसा मैंने कभी नहीं देखा.
उन्होंने आगे कहा कि निगम पार्षदों को बरगलाया गया कि एक लाख रुपए मिलेगा, लेकिन अब तक नहीं मिला. दो साल बचे हैं, हमारे काम नहीं होंगे. मैंने आप की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. हमने नई पार्टी बनाई है और बीजेपी-कांग्रेस के कई पार्षद भी हमारे साथ आएंगे.
दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की कही थी बात
25 अप्रैल को होने वाले चुनाव से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने घोषणा की थी कि वह दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी के पास फिलहाल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में पर्याप्त संख्या नहीं होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुमत में है.
आप दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आज कहा था कि हमने फैसला किया है कि हम इस बार मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. भाजपा को अपना मेयर चुनना चाहिए, बीजेपी को अपनी स्थायी समिति बनानी चाहिए और बिना किसी बहाने के दिल्ली पर शासन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब ट्रिपल इंजन वाली सरकार है और भाजपा को दिखाना चाहिए कि वे राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए क्या कर सकते हैं. एमसीडी चुनाव में भाजपा के राजा इकबाल सिंह दिल्ली के नए मेयर चुने गए थे.
लॉरेंस बिश्नोई का बैनर देख भड़के फडणवीस, BJP विधायक की सभा में हुआ विवाद
17 May, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के नासिक के सिडको इलाके में हिंदू विराट सभा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें लॉरेंस बिश्नोई का बैनर दिखाने पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. बता दें कि यह सभा पहलगाम आतंकी हमले और पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में आयोजित की गई थी. इसमें बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे.
जानकारी के मुताबिक हिंदू विराट सभा के दौरान अचानक वहां गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का एक बड़ा बैनर नजर आया. वहीं बैनर दिखते ही सभा में हड़कंप मच गया. जिसके बाद यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया.
CM ने दिया सख्त कार्रवाई का निर्देश
इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सख्त रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम फडणवीस ने इस मामले में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने विधायक गोपीचंद पडलकर से चर्चा की है और उन्हें पुलिस को पूरी जानकारी देने के लिए भी कहा है.
लॉरेंस बिश्नोई के पोस्टर से हड़कंप
सीएम फडणवीस ने साफ-साफ कहा कि लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर का महिमामंडन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने पुलिस को तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू
फिलहाल इस मामले में नासिक के अंबाड़ पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार यह बैनर एक नाबालिग लड़के ने लगाया था. पुलिस ने फोटो के जरिए दहशत फैलाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
FIR पर राहुल का पलटवार, कहा 'ये मेरे लिए मेडल', खड़गे ने बताया 'तानाशाही'
17 May, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Rahul Gandhi Darbhanga Protest: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। उनके साथ कांग्रेस के कई अन्य नेताओं पर भी केस दर्ज किया गया है। यह मामला बिहार के दरभंगा जिले के अंबेडकर कल्याण छात्रावास में बिना प्रशासनिक अनुमति और निषेधाज्ञा (धारा 144) का उल्लंघन करते हुए गुरुवार को आयोजित जनसभा को लेकर दर्ज किया गया है।
क्या बोले राहुल गांधी –
एफ़आईआर दर्ज किए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘ये सब मेरे लिए मेडल हैं। मेरे ऊपर पहले से ही 30-32 केस दर्ज हैं।’
प्रशासन का बयान
दरभंगा के एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने कांग्रेस को टाउन हॉल (राजेंद्र भवन) में कार्यक्रम की अनुमति दी थी। यह अनुमति कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर दी गई थी। लेकिन इसके बाद, अंबेडकर छात्रावास परिसर में अवैध रूप से कार्यक्रम की तैयारी की जाने लगी।
उन्होंने कहा, “निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद सदाब अख्तर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छात्रावास में बिना अनुमति के कार्यक्रम किया। वहां जबरन कुर्सियां, टेंट, माइक आदि लगाए गए। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी सहित 18 नामजद और लगभग 100 अज्ञात लोग शामिल हुए।”
एफआईआर की जानकारी
इस मामले में लहेरियासराय थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 189(5), 132 और ध्वनि विस्तारक यंत्र अधिनियम के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार की शिकायत पर की गई है। एक अन्य एफआईआर खंड कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम की शिकायत पर धारा 223 और ध्वनि अधिनियम के तहत दर्ज की गई। अमित कुमार ने कहा कि कार्यक्रम बिना अनुमति और निषेधाज्ञा के उल्लंघन में आयोजित किया गया। वीडियो फुटेज सुरक्षित कर लिया गया है और अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
राहुल गांधी का पलटवार:
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “प्रशासन ने रास्ता रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। लेकिन वे मुझे रोक नहीं सके क्योंकि मुझे आपके (जनता के) समर्थन की ताकत मिलती है। मैं पीछे के रास्ते से कार्यक्रम में पहुंचा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेडीयू-बीजेपी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, “क्या दलितों, पिछड़ों और वंचितों से बात करना संविधान विरोधी है? क्या उनकी शिक्षा और रोजगार की बात करना अपराध है?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम में भाग लेने से रोका गया, जो तानाशाही की चरम सीमा है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने बताया कि, “शुरुआत में प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन बाद में रोकने की कोशिश की गई। फिर भी हमने कार्यक्रम किया। मैंने जातीय जनगणना की ज़रूरत और निजी संस्थानों में आरक्षण की 50% सीमा को तोड़ने की मांग दोहराई। यही हमारा एजेंडा है और हम इसे पूरा करेंगे।”
उन्होंने अधिकारियों से कहा, “आप अपना काम कीजिए, मैं अपना करता हूं। रोकना है तो रोकिए।” जब पुलिस ने जुलूस रोकने को कहा तो राहुल ने जवाब दिया, “अगर धारा 144 लगी है तो उसे लागू कीजिए। अपना कर्तव्य निभाइए।” एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम आपका सम्मान करते हैं,” तो राहुल बोले, “मैं भी आपका सम्मान करता हूं… लेकिन छात्रों से वादा किया था कि आऊंगा।”
प्रशासन का आखिरी बयान
एसडीएम विकास कुमार ने बताया कि कांग्रेस को टाउन हॉल में कार्यक्रम की लिखित अनुमति दी गई थी, लेकिन वे ज़बरदस्ती अंबेडकर छात्रावास चले गए जो निषिद्ध क्षेत्र था। उन्होंने यह भी कहा कि, “राहुल गांधी को Z+ सुरक्षा मिली हुई है, इसलिए सुरक्षा की खास व्यवस्था एयरपोर्ट से टाउन हॉल तक की गई थी। लेकिन वे तय रूट से न जाकर ऐसे क्षेत्र में पहुंचे जहां सुरक्षा बल तैनात नहीं था। कई बार चेतावनी दी गई कि 200 मीटर के दायरे में प्रवेश न करें, फिर भी उल्लंघन किया गया, इसलिए एफआईआर दर्ज की गई।”
थरूर की नियुक्ति पर कांग्रेस का सवाल, कहा– पार्टी ने नहीं भेजा था नाम, सरकार पर लगाए आरोप
17 May, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगले सप्ताह सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों का दौरा करेंगे। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। सांसद शशि थरूर ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर खुशी जताई है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट कर लिखा, मैं भारत सरकार द्वारा हाल की घटनाओं पर देश का पक्ष रखने के लिए पांच प्रमुख देशों का दौरा करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए दिए गए निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात आएगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद! थरूर के बयान के अलावा कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पार्टी की ओर से दिए गए नामों में थरूर का नाम नहीं है। कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल के लिए अपने चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को लिखे पत्र में ये नाम दिए हैं। रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। उनसे विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम सौंपने को कहा गया, ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया जा सके।" उन्होंने कहा कि शुक्रवार दोपहर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से चार नाम दिए हैं। रमेश के अनुसार, राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल के लिए आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम बताए हैं।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता इस प्रकार हैं
रविशंकर प्रसाद (भाजपा सांसद)
बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद)
शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)
संजय झा (जदयू सांसद)
कनिमोझी (द्रमुक सांसद)
सुप्रिया सुले (राकांपा-शरद पवार गुट की सांसद)
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद)
कांग्रेस के दावे पर भाजपा नेताओं का बयान:
कांग्रेस के बयान पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला है। यह कांग्रेस शासित राज्यों के लिए भी अच्छा नहीं होगा। यह राजनीति का मामला नहीं है। यह केंद्र सरकार की महानता है कि वे (प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए) हर पार्टी से कुछ सांसदों को चुन रहे हैं।" इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सूची में शामिल सांसदों में से एक (असम से) ने लंबे समय तक पाकिस्तान में रहने से इनकार नहीं किया है... कथित तौर पर दो सप्ताह तक और विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन ले रही थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से परे, मैं लोकसभा नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि वे इस व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक कार्य में शामिल न करें।
CCP नेताओं से राहुल गांधी की मुलाकात पर बवाल, भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल
17 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राहुल गांधी ने हाल ही में शांति समन्वय समिति (सीसीपी) के सदस्यों से मुलाकात की। इस पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट में सीसीपी नेताओं के साथ राहुल गांधी की मुलाकात पर संदेह जताया। उन्होंने लिखा कि 'ऐसे समय में जब भारत नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, राहुल गांधी का माओवादी समूह के शुभचिंतकों से मिलना परेशान करने वाला है।'
'ऑपरेशन कगार में सीपीआई कैडर को भारी नुकसान हुआ'
अमित मालवीय ने लिखा कि 'सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन कगार चला रहे हैं, जिसमें सीपीआई (माओवादी) कैडर को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में तथाकथित शांति समन्वय समिति (शांति समन्वय समिति) कांग्रेस के समर्थन से सुरक्षा बलों और माओवादी उग्रवादियों के बीच संघर्ष विराम कराने की कोशिश कर रही है। सीसीपी प्रतिनिधिमंडल ने 9 मई को नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। सीसीपी प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि सरकार माओवादी विरोधी अभियानों के जरिए आदिवासी समुदाय को निशाना बना रही है। उन्होंने राहुल गांधी से हस्तक्षेप कर संघर्ष विराम लागू करने की अपील की है।' सीसीपी प्रतिनिधिमंडल में ये लोग शामिल हैं: मालवीय ने दावा किया कि 'सीसीपी प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार को भी शांति वार्ता के लिए संघर्ष विराम पर जोर देना चाहिए। राहुल गांधी ने कथित तौर पर इस पर विचार करने का आश्वासन भी दिया है।'
भाजपा नेता ने कहा कि सीसीपी प्रतिनिधिमंडल में कविता श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त प्रोफेसर जी हरगोपाल, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति चंद्र कुमार, भारत बचाओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एमएफ गोपीनाथ, झारखंड जन अधिकार महासभा के दिनेश मुर्मू और लेखिका मीना कंडासामी शामिल हैं। अमित मालवीय ने दावा किया कि यह शांति समन्वय समिति हाल ही में दिल्ली में गठित की गई है और इसका उद्देश्य सरकार और सीपीआई नेतृत्व के बीच शांति वार्ता कराना है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने सवाल उठाते हुए पूछा कि श्री गांधी, जब हमारे सुरक्षा बल अपनी जान जोखिम में डालकर हिंसक उग्रवाद को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आप उनका समर्थन कर रहे हैं। इस स्थिति में आप किसकी तरफ हैं? क्या देश को रक्षकों की तरफ बढ़ना चाहिए या प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन की तरफ? आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
ऑपरेशन कगार क्या है
गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन कगार का उद्देश्य नक्सलियों का सफाया करना और माओवाद की राजनीतिक विचारधारा को खत्म करना है। इस ऑपरेशन में उन माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है जिन्होंने सरकार के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए हैं।
सीएम पर बी सत्यनारायण का हमला, बोले- 'रिटायर्ड अफसरों पर झूठे केस, प्रशासन को किया कमजोर'
17 May, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आंध्र प्रदेश में दो पूर्व नौकरशाहों की गिरफ्तारी से राज्य की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी वाईएसआरसीपी ने सीएम चंद्रबाबू नायडू पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के शराब घोटाले में शुक्रवार शाम दो पूर्व आईएएस अधिकारियों धनंजय रेड्डी और कृष्ण मोहन रेड्डी को गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों अधिकारी पिछली वाईएसआरसीपी सरकार में काफी ताकतवर माने जाते थे। दोनों फिलहाल रिटायर हो चुके हैं।
'राज्य के प्रशासनिक ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है':
आंध्र प्रदेश में कथित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एसआईटी ने दोनों से पूछताछ की थी और पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। कृष्ण मोहन रेड्डी पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी के ओएसडी थे। रिटायर आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी पर वाईएसआरसीपी नेता बी सत्यनारायण ने बयान जारी कर सीएम पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 'सीएम चंद्रबाबू नायडू बदले की राजनीति कर रहे हैं और राज्य के प्रशासनिक ढांचे को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रिटायर अधिकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।'
क्या है शराब घोटाला:
आंध्र प्रदेश में कथित शराब घोटाले में वाईएसआरसीपी के कई शीर्ष नेताओं पर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इस घोटाले के चलते हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई और यह पैसा पार्टी फंड में भी जमा किया गया। रिमांड नोट में के राजशेखर रेड्डी उर्फ राज कासिरेड्डी को मुख्य आरोपी बताया गया है। कासिरेड्डी पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के सहयोगी हैं। इस मामले में पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर भी आरोप लगाया जा रहा है।
कैसे किया गया घोटाला:
रिमांड नोट के मुताबिक, वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं ने विभिन्न शराब ब्रांडों से हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और रिश्वत देने वाले शराब ब्रांडों को सरकारी दुकानों के जरिए बिक्री में तरजीह दी गई। यह रैकेट साल 2019 में शुरू हुआ था, जिसके जरिए हर महीने वसूली जाने वाली रिश्वत को हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली में हवाला ऑपरेटरों के जरिए खपाया जाता था। आरोप है कि सरकारी खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री के लिए शराब की खरीद के लिए ऑर्डर देने की प्रणाली में कथित रूप से हेराफेरी की गई, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ब्रांडों को छोड़ दिया गया और निर्धारित सीमा से अधिक नए ब्रांडों का ऑर्डर दिया गया। आरोप है कि कम कीमत वाले ब्रांडों के लिए 150 रुपये प्रति केस, मध्यम श्रेणी के ब्रांडों के लिए 200 रुपये और उच्च श्रेणी के ब्रांडों के लिए 600 रुपये प्रति केस की रिश्वत ली गई।
भारत-पाक तनाव पर थरूर की अलग राय, कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद उजागर
16 May, 2025 08:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर काफी चर्चा में रहे हैं। उन्होंने मोदी सरकार के समर्थन में बयान दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने पहले सरकार की तारीफ भी की, जिसके बाद सवाल उठने लगे कि थरूर इतना नरम रवैया क्यों अपना रहे हैं। इस बीच सरकार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की है और पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया भर में भेजे जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के लिए कांग्रेस सांसदों के नाम मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा विदेश जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से शशि थरूर को बाहर रखने की वकालत कर रहा है। वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक सरकार ने थरूर को भेजने की पेशकश की है, जिस पर कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस सदस्यों को चुनना उसका फैसला है, जिसे पार्टी नेतृत्व तय करेगा।
क्या थरूर को न लेने से गलत संदेश जाएगा?
हालांकि पार्टी में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि थरूर अंतरराष्ट्रीय मामलों के अच्छे जानकार हैं, चेहरा हैं और यूएन में भी काम कर चुके हैं, इसे देखते हुए उन्हें न भेजने का फैसला गलत संदेश देगा, ऐसे में पार्टी नेतृत्व जल्द ही रणनीतिकारों से चर्चा कर तय करेगा कि थरूर का नाम कांग्रेस सांसदों की सूची में रहेगा या नहीं।
दरअसल, हाल ही में मोदी सरकार के समर्थन में थरूर के लगातार बयानों से पार्टी हाईकमान और कई नेता नाखुश हैं, खासकर पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान उन्होंने पार्टी लाइन से अलग बयान दिया था, जिस पर पार्टी के अंदर काफी विवाद हुआ है।
थरूर ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका की भूमिका पर शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गलत तरीके से भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू पर तौलने की कोशिश की है, यह हैरान करने वाला है। पाकिस्तान आतंकवाद को पालने वाला देश है, जबकि भारत आतंकी घटनाओं से ग्रसित है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। भारत ने सिर्फ़ पहचाने गए आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स को नष्ट किया है। उसने अमेरिका को मध्यस्थता करने की इजाज़त नहीं दी। भारत के हमलों के बाद बातचीत की पहल पाकिस्तान ने ही की थी।