राजनीति
राहुल गांधी का आरोप: मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में झुकी
3 Jun, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Rahul Gandhi Bhopal Visit: राहुल गांधी मंगलवार को भोपाल दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में कहा- ट्रम्प का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए। इतिहास गवाह है, यही BJP-RSS का कैरेक्टर है। ये हमेशा झुकते हैं। भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां सुपर पावर से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं हैं।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए कहा कि ये बीजेपी, आरएसएस वालों को मैं अच्छी तरह जानता हूं। इन पर थोड़ा सा दबाव डालो, थोड़ा सा धक्का मारो। डरकर भाग जाते हैं। जैसे उधर से ट्रंप ने एक इशारा किया, फोन उठाया, कहा- मोदी जी क्या कर रहे हो। नरेंदर.. सरेंडर… और जी हुजूर कर मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया।
आगे राहुल ने कहा कि आपको एक समय याद होगा जब फोन कॉल नहीं आया था। 7th फ्लीट आई थी। 71 वन की लड़ाई में हथियार आए थे, एयरक्रॉफ्ट कैरियर आए थे। इंदिरा गांधी जी ने कहा कि मुझे जो करना है करूंगी। ये फर्क है…इनका कैरेक्टर है ये। सारे के सारे ऐसे हैं। आजादी के समय से सरेंडर वाली चिट्टी लिखने की आदत है। एक सेकेंड में थोड़ा-सा दवाब पड़े भाइया ये लो..हां तो ये इनका कैरेक्टर है। कांग्रेस पार्टी सरेंडर नहीं होती है। गांधी जी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल ये सरेंडर वाले लोग नहीं है। ये सुपरपावर से लड़ने वाले लोग हैं।
जातिगत जनगणना पर बोले राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि हमने कह दिया कि हम सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे और लोकसभा में जातिगत जनगणना पास करवा के दिखाएंगे।इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत, नितिन गडकरी ने कई बातें कहीं, लेकिन इन पर थोड़ा सा दबाव पड़ा और ये सरेंडर कर गए। बीजेपी-आरएसएस के लोग दबाव में आकर जातिगत जनगणना की बात बोल गए हैं, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते हैं। ये लोग देश में न्याय नहीं चाहते।
असम कांग्रेस अध्यक्ष बने गौरव गोगोई, पदभार ग्रहण समारोह में मची अफरातफरी
3 Jun, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
असम: असम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई ने मंगलवार को पदभार ग्रहण किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं में प्रदेश अध्यक्ष गोगोई को बधाई देने वालों की होड़ रही. आलम यह रहा कि गोगोई के सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए. आयोजकों ने जब मंच गिरने की आशंका जताई तो कार्यक्रम में अफरातफरी मच गई. इसके चलते दो बार कार्यक्रम को कुछ देर के लिए रोका गया.
दो बार रोकना पड़ा कार्यक्रम, अव्यवस्था हावी
कांग्रेस ने असम में गौरव गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. मंगलवार को उन्होंने पदभार ग्रहण किया. इसके बाद गौरव गोगोई के सम्मान में दिसपुर क्षेत्र में मनबेन्द्र शर्मा कॉम्प्लेक्स कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें गौरव गोगोई ने तीन नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्षों के साथ भाग लिया. कार्यक्रम में लगभग दो हजार पार्टी सदस्य मौजूद थे, लेकिन जब गोगोई मंच की ओर बढ़े तो लोगों में उनका स्वागत करने के लिए धक्का-मुक्की होने लगी. तमाम पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और सदस्य गौरव गोगोई के साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं को बधाई देने के लिए मंच पर चढ़ गए. आलम यह रहा कि छोटे से लकड़ी के मंच पर 300से अधिक लोग मौजूद थे. इस दौरान आयोजकों ने लोगों से कहा कि वे मंच से उतर जाएं अन्यथा मंच ध्वस्त हो जाएगा. लोग नहीं माने तो कार्यक्रम को दो बार बीच में स्थगित करना पड़ा.
राजीव भवन में ग्रहण किया कार्यभार
इससे पहले गौरव गोगोई ने पार्टी के राज्य मुख्यालय राजीव भवन में निवर्तमान अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा से नए पार्टी प्रमुख का पदभार संभाला. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. हम असम में कांग्रेस की सरकार बनाने की कोशिश करेंगे. हमने देखा है कि पिछले कुछ दिनों में लोगों का हमारे प्रति स्नेह बढ़ा है. इससे पहले उन्होंने कामाख्या मंदिर में आशीर्वाद लिया था.
कर्नाटक HC की कमल हासन को फटकार, कहा – 'जनभावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं'
3 Jun, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के अभिनेता-राजनेता कमल हासन को कन्नड़ भाषा को लेकर दिए उनके विवादास्पद बयान पर कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग कर जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने से चेताया और विवादित बयान को वापस लेने की सलाह दी.
दरअसल, कमल हासन ने हाल ही में दावा किया था कि कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है. इस बयान के बाद कर्नाटक में विवाद गहरा गया. हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आप साधारण व्यक्ति नहीं हैं. आपके पास बोलने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार दूसरों की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं है."
कोर्ट ने आगे कहा, "आपको यह समझना होगा कि एक बार अंडा फूटने के बाद उसे दोबारा जोड़ना संभव नहीं है. आपने यह बयान दिया है, अब उसे वापस लीजिए. अगर आपने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो माफी मांगनी चाहिए."
अदालत ने यह भी इशारा किया कि कमल हासन की आने वाली फिल्म 'ठग लाइफ' कर्नाटक में रिलीज होनी है और वहां से करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सकता है. कोर्ट ने कहा, "कर्नाटक से कमाई हो सकती है लेकिन अगर आपको कन्नड़ जनता की जरूरत नहीं है तो इस कमाई को भी छोड़ दीजिए. हम किसी को भी जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे." गौरतलब है कि 70 वर्षीय कमल हासन जल्द ही तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सांसद बनने की संभावना रखते हैं. इस पूरे विवाद ने राजनीतिक हलकों में भी गर्माहट ला दी है.
ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने की आशंका पर पाकिस्तान घबराया, हिमंत बोले- 'नुकसान तुम्हें, फायदा हमें'
3 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से निलंबित करने के फैसले से पाकिस्तान में घबराहट साफ नजर आ रही है. पाकिस्तान लगातार भारत को लेकर भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है और अब उसने चीन का नाम घसीटते हुए दावा किया है कि अगर भारत सिंधु संधि से पीछे हटता है तो चीन भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का जल प्रवाह रोक सकता है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान की इस धमकी को तथ्यों के साथ सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि ब्रह्मपुत्र नदी की निर्भरता चीन पर नहीं, बल्कि भारत की मानसूनी वर्षा और सहायक नदियों पर है. सरमा के मुताबिक चीन ब्रह्मपुत्र के कुल जल प्रवाह में केवल 30 से 35 प्रतिशत ही योगदान देता है, जो कि मुख्यतः ग्लेशियर के पिघलने और सीमित वर्षा से आता है.
ब्रह्मपुत्र: भारत में और प्रबल होती नदी
सरमा ने बताया कि ब्रह्मपुत्र एक ऐसी नदी है जो भारत में प्रवेश के बाद और अधिक शक्तिशाली हो जाती है. अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय में भारी मानसूनी वर्षा होती है जो नदी को जल प्रदान करती है. इसके अलावा सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली, कृष्णाई, दिगारू और कुलसी जैसी सहायक नदियां ब्रह्मपुत्र को जल देती हैं. तूतिंग पर चीन सीमा से जहां इसका प्रवाह 2,000 से 3,000 घन मीटर/सेकंड होता है, वहीं गुवाहाटी जैसे क्षेत्रों में यह मानसून के समय 15,000 से 20,000 घन मीटर/सेकंड तक पहुंच जाता है.
पाकिस्तान को चेतावनी, डर फैलाने से पहले जानें सच्चाई
सरमा ने साफ कहा कि ब्रह्मपुत्र एक भारतीय, वर्षा-पोषित नदी प्रणाली है जो किसी एक देश पर निर्भर नहीं है. यदि चीन जल को सीमित भी करता है, तो भी भारत को उससे बड़ा नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे असम की भीषण बाढ़ों में कमी आ सकती है जो हर साल लाखों लोगों को विस्थापित करती हैं. पाकिस्तान, जिसने 74 वर्षों तक सिंधु जल संधि से अनुचित लाभ उठाया, अब भारत की संप्रभुता से घबरा रहा है.
ब्रह्मपुत्र: भारत की सभ्यता और शक्ति की पहचान
अंत में, सरमा ने पाकिस्तान को याद दिलाया कि ब्रह्मपुत्र नदी किसी एक स्रोत पर आधारित नहीं है, बल्कि यह भारत के भूगोल, मानसून और सांस्कृतिक शक्ति से पोषित होती है. ऐसे में पाकिस्तान द्वारा डर फैलाने की कोशिश व्यर्थ है और भारत अपने जल संसाधनों पर अब स्वतंत्र और संप्रभु निर्णय लेने में सक्षम है.
राहुल गांधी के दौरे से पहले हरियाणा कांग्रेस में हलचल, शमशेर सिंह गोगी का तीखा बयान
3 Jun, 2025 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 4 जून को चंडीगढ़ दौरे से पहले हरियाणा कांग्रेस में अंदरूनी हलचल तेज हो गई है। पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने संगठनात्मक मुद्दों को लेकर बड़ा बयान देते हुए पार्टी के भीतर की खींचतान पर खुलकर नाराजगी जताई है।
गोगी ने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में हरियाणा कांग्रेस के संगठन को मज़बूत किया जा रहा है, लेकिन अगर ज़िम्मेदार पदों पर गलत लोगों को बैठाया गया तो संगठन को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, अगर दूध की रखवाली के लिए बिल्ली को बिठा दोगे तो दूध थोड़ी बचेगा? उनके इस बयान को कांग्रेस के कुछ नेताओं पर परोक्ष हमला माना जा रहा है। गोगी ने ज़ोर देकर कहा कि जिलाध्यक्ष जैसे पदों पर उन्हीं लोगों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए जो सच्चे कांग्रेसी हों, न कि वे जो अपने निजी स्वार्थ या रिश्तेदारी को प्राथमिकता दें। उनका यह बयान आगामी संगठनात्मक बैठकों से पहले पार्टी के लिए एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने साथ हुई अन्यायपूर्ण स्थिति की बात कही थी। गोगी ने कहा, अगर सैलजा को साथ लिया गया होता तो आज हरियाणा में बीजेपी की सरकार नहीं होती। कांग्रेस, कांग्रेस से ही हारी है। गोगी ने राहुल गांधी के उस बयान को भी याद किया जिसमें उन्होंने पार्टी में स्लीपर सेल की बात कही थी। उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी के विचारों का पूरी तरह समर्थन करते हैं और आशा है कि इस बार संगठन मज़बूती से खड़ा किया जाएगा।
राहुल गांधी के दौरे से पहले ही हरियाणा कांग्रेस के भीतर संगठनात्मक फेरबदल को लेकर चर्चाएं और बयानबाज़ी तेज हो चुकी है। अब 4 जून की बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हैं कि क्या कोई बड़ा फैसला होता है या फिर यह आंतरिक खींचतान आगे भी यूं ही जारी रहेगी।
क्या एक बार फिर एक होगा पवार परिवार! शरद पवार के पोते ने बढ़ाया सस्पेंस
3 Jun, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। क्या महाराष्ट्र के पवार परिवार के दोनों गुट एक हो जाएंगे? यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से बना हुआ है। अब अजित पवार और शरद पवार गुट की एकता के कयास तेज हो गए हैं। इसकी वजह शरद पवार के पोते और उनके करीबी रहे रोहित पवार का एक बयान है। उनसे मीडिया ने पूछा कि अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी-एसपी के बीच विलय हो सकता है। इस पर रोहित पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले ही इस बारे में आखिरी फैसला लेंगी। रोहित का विलय को लेकर इनकार न करना और पूरी बात तो सुप्रिया सुले पर छोड़ना मायने रखता है।
अब तक रोहित पवार या फिर परिवार का कोई भी सदस्य एकता की बातों को खारिज करता आ रहा था। अब यदि उन्होंने एकता की बात पर खुलकर जवाब नहीं दिया है तो इसके मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अंदरखाने कुछ चल रहा है। ऐसे में रोहित ने कुछ भी साफ जवाब नहीं दिया।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए रोहित पवार ने कहा कि साहब ने सुप्रिया सुले को यह जिम्मेदारी दी है। वही इस पर विदेश दौरे से लौटकर बात करेंगी। फिलहाल सुप्रिया सुले ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के कई देशों को जानकारी देने वाले डेलिगेशन के साथ विदेश में हैं। सुप्रिया सुले 5 जून को भारत वापस आएंगी और हम सभी उनका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट के साथ विलय को लेकर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं के बीच कोई बात नहीं हुई। सुप्रिया सुले ही कोई फैसला लेंगी।
माना जा रहा है कि शरद पवार बीजेपी और एनसीपी की अजित पवार के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अब भी संदेह है। इसकी वजह है कि शरद पवार का राजनीतिक रूप से चौंकाने का इतिहास रहा है। रोहित ने कहा कि शरद पवार जब कुछ कहते हैं तो उसके गहरे मायने होते हैं। कई बार वह जो कहते हैं, उससे उलट कुछ चल रहा होता है। उन्होंने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र की जनता के हित में जल्द ही कोई फैसला लेंगे।
बता दें अजित पवार गुट ने जब अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया था तो शरद पवार गुट का यही कहना था कि ऐसा करना गलत है। इसलिए क्योंकि बीजेपी के साथ उसके वैचारिक मतभेद हैं। अब यदि शरद पवार की पार्टी ने अजित का साथ दिया और बीजेपी संग गठबंधन हुआ तो यह चौंकाने वाली बात होगी।
कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम बने, संघ का चेहरा
3 Jun, 2025 10:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नागपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता आदिवासी नेता के रूप में अब संघ के चेहरे बनकर देशभर में आदिवासियों के बीच अलख जगाएंगे। 5 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में होने वाले वार्षिक कार्यक्रम में उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।अरविंद नेताम संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा करेंगे। यह सौभाग्य गिने-चुने लोगों को ही मिलता है।
केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना की बात स्वीकार किए जाने के बाद जिस तरीके की स्थिति बन रही है। उसको देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 83 साल के आदिवासी नेता अरविंद नेताम को आदिवासियों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर भेजने की योजना बनाई है। इस खबर के बाद आदिवासी राजनीति और छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक हलचल मच गई है। अरविंद नेताम का कांग्रेस का बैकग्राउंड है। वह लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहे हैं। देश भर के आदिवासी नेताओं में उनके विशिष्ट स्थान है। कई राज्यों के आदिवासी अपने आप को हिंदू नहीं मानते हैं। संघ आदिवासियों को हिंदू मानकर उन्हें संघ की विचारधारा से जोड़ने के लिए लगातार काम कर रहा है। अरविंद नेता इस काम को आगे बढ़ाने के लिए अब संघ परिवार के साथ खुलकर सामने आ गए हैं।
पीएम मोदी ने पैराग्वे के राष्ट्रपति से कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं
3 Jun, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासिओस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासिओस से कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आपकी यात्रा बहुत ही ऐतिहासिक है। दूसरी बार पैराग्वे के किसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा हो रही है। मुझे खुशी है कि आपके साथ ताकतवर प्रतिनिधिमंडल आया है। आप केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि मुंबई भी जा रहे हैं, इससे आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने की आपकी प्रतिबद्धता बिल्कुल स्पष्ट है। मेरा विश्वास है कि आपसी सहयोग से हम साझी समृद्धि की ओर मार्ग प्रशस्त करेंगे। हमारे पास आर्थिक सहयोग सहित डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, रेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “भारत और पैराग्वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साइबर क्राइम, संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी आम चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। भारत और पैराग्वे ग्लोबल साउथ के अभिन्न अंग हैं। हमारी आशाएं, आकांक्षाएं और चुनौतियां में समानता है, इसलिए हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखते हुए इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि हमें संतोष है कि कोविड महामारी के समय हम भारत में बनी वैक्सीन को पैराग्वे के लोगों के साथ साझा करने में सक्षम थे। ऐसी और भी क्षमताएं हम एक-दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से आपसी संबंधों के विश्वास, व्यापार और करीबी सहयोग के स्तंभों को नई मजबूती मिलेगी। यह भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों को भी नए आयाम प्रदान करेगी। पिछले साल, मैंने गुयाना में कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जहां हमने कई विषयों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। हम इन सभी क्षेत्रों में पैराग्वे और सभी लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
"तेजप्रताप का ‘जयचंद’ तंज गरमाया सियासत, BJP बोली – बताएंगे असली गद्दार कौन"
2 Jun, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Tej Pratap Yadav: लालू यादव के बेटे तेज प्रताप इन दिनों अपने निजी रिश्तों की वजह से चर्चा में हैं। वे कहां हैं इसकी कोई जानकारी परिवार से लेकर उनके मित्र तक को नहीं है। कुछ दिन पहले ही अनुष्का यादव के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया था। इसके कुछ दिनों के बाद बेटे तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर दो पोस्ट शेयर कर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपने पिता और भाई से भावुक अपील करते हुए जयचंद की बार बार चर्चा किया। इसके बाद से बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
‘जयचंद’ कौन है, वह बीजेपी बताएगी
बिहार बीजेपी की ओर से इसके बाद एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा गया कि ‘जयचंद’ कौन है, वह बीजेपी बताएगी। बीजेपी के इस पोस्ट के बाद से बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। जयचंद पॉलिटिक्स में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (लोकतांत्रिक) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी एंट्री मारते हुए लिखा कि- सब पहचानते हैं बिहार के जयचंद को, जो उस वक्त बिहार के सत्ताधिराज थे। जीतनराम मांझी ने लालू प्रसाद पर तंज कसते हुए आगे लिखा “अपने शासनकाल में दलितों-पिछड़ों-वंचितों का नरसंहार कराने वाला सत्ताधीश जयचंद कौन था? कौन था समाज का जयचंद? सब जानते हैं जंगलराज के पनाहगाहों को, सब बिहार के जयचंद को पहचानते हैं।
तेजप्रताप के बयान से बिहार में बवाल
तेजप्रताप यादव के एक पोस्ट के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। सोशल मीडिया एक्स पर तेजप्रताप ने लिखा पापा आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ “जयचंद” जैसे लालची लोग।’ ‘मेरे भाई मम्मी पापा का ख्याल रखना, “जयचंद” हर जगह है अंदर भी और बाहर भी।’इसके कुछ देर के बाद ही तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के लिए एक दूसरा भावुक संदेश शेयर करते हुए लिखा। मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नहीं हो सकोगे। कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन खुद कृष्ण को नहीं। हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा। तेज प्रताप ने आगे लिखा- बस मेरे भाई भरोसा रखना। मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं, फिलहाल दूर हूं लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा। मेरे भाई मम्मी-पापा का ख्याल रखना, जयचंद हर जगह है अंदर भी और बाहर भी। तेजप्रताप के इन दो पोस्ट के बाद बिहार की राजनीति में जयचंद की एंट्री के साथ ही सियासी तापमान बढ़ गया।
एक ही जयचंद है और उसके बारे में सभी को पता है: सम्राट चौधरी
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी और कर्पूरी ठाकुर जी से विश्वासघात कर कांग्रेस की गोद में बैठने वाला बिहार का जयचंद कौन है? एक ही जयचंद हैं! सबको पता है।” बिहार की जयचंद पॉलिटिक्स में एंट्री मारते हुए जेडीयू ने अपने एक्स हैंडल से लिखा है, “समाजवादी आंदोलन के नेताओं से छल करके कांग्रेस की गोद में बैठ कर बिहार को बर्बादी के गड्ढे में धकेलने वाले बिहार के जयचंद को कौन नहीं जानता?”
तेजस्वी के करीबी मित्र की ओर तेजप्रताप का है इशारा?
बिहार की राजनीति को समझने वाले सीनियर पत्रकार लव कुमार मिश्रा कहते हैं कि तेजप्रताप यादव जिस जयचंद की बात कर रहे हैं, वे तेजस्वी यादव के बेहद करीबी मित्र संजय यादव है। राज्यसभा सांसद संजय यादव और तेजप्रताप यादव में कभी नहीं बनी है। निजी रिश्तों की वजह से परिवार में अलग थलग पड़ने पर तेजप्रताप यादव संभवत: इसके लिए संजय यादव को जिम्मेवार मान रहे हैं। वे जब अब बार-बार ‘जयचंद’ की चर्चा कर रहे हैं तो कड़ियों की लड़ियां जुड़ती जा रही हैं और ऐसा लग रहा है कि तेजप्रताप जिस जयचंद की चर्चा कर रहे हैं वो कोई और नहीं संजय यादव हैं।
"देशभक्ति पर सवाल? विदेश में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का बयान विवादों में"
2 Jun, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Salman Khurshid: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने मलेशिया में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश दौरे के दौरान यह बयान दिया कि “जब आतंकवाद के खिलाफ मिशन पर हों, भारत का संदेश दुनिया तक पहुँचाने के लिए, तो यह दुखद है कि लोग राजनीतिक फायदे के लिए बातें कर रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?” यह बयान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, जिसका उद्देश्य उन लोगों पर निशाना साधना था जो राष्ट्रीय हितों से ऊपर राजनीतिक निष्ठाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। \
आर्टिकल 370 हटाने के फैसले की थी प्रशंसा
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले की प्रशंसा की थी। कांग्रेस नेता ने इंडोनेशिया के थिंक टैंक से कहा था कि एक ऐसे कानून को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में समृद्धि आई है, जिससे “ऐसा लगता था कि कश्मीर भारत से अलग है।”
मैं भारत के लिए बोलने आया हूं- खुर्शीद
इससे पहले कांग्रेस नेता ने कहा था कि लोग यह भी कह रहे हैं कि ‘वह फलां-फलां का समर्थन कर रहे हैं और फलां-फलां का समर्थन नहीं कर रहे हैं।’ लेकिन अगर मुझे सरकार का विरोध करना होता तो मैं घर पर ही रहता। मैं भारत के लिए बोलने आया हूं। जो कोई भी भारत के लिए बोलता है और जिस भी तरीके से बोलता है, हम उनका समर्थन करने के लिए यहां हैं।
‘आतंकवाद अब और नहीं’
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयास और आतंकवाद से निपटने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रतिक्रिया की दरकार को सबके सामने रखा। कांग्रेस नेता ने कहा कि दुनिया में शांति और समृद्धि को तभी बढ़ावा मिलेगा जब आतंकवाद पर नकेल कसी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक स्वर से भारत कह रहा है ‘आतंकवाद अब और नहीं।’
बता दें कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जापान और इंडोनेशिया का दौरा कर चुका है तथा वर्तमान में मलेशिया में है।
भाजपा सांसद की लंदन में दो टूक, “हम चेतावनी देने आए हैं, भीख मांगने नहीं”
2 Jun, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत दुनियाभर में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान की पोल खोल रहा है. दुनिया को आतंकवाद से सचेत रहने और पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा रहा है. इस बीच लंदन में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद सामिक भट्टाचार्य ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत दुनिया से कोई एहसान नहीं मांग रहा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ एक साफ चेतावनी दे रहा है. उन्होंने कहा, "हम किसी के दरवाजे पर भीख का कटोरा लेकर नहीं खड़े हैं, हम आपको सिर्फ आगाह करने आए हैं कि जो आज हमारे साथ हो रहा है, वो कल आपके साथ भी हो सकता है."
आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक पीएम मोदी
यूके यात्रा पर आए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भट्टाचार्य ने कुछ वैश्विक ताकतों के दोहरे रवैये पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "कुछ देश हथियार बेचने के लिए अपना रुख बदलते हैं और हमें संवाद की सलाह देते हैं. वो कहते हैं बातचीत से सब ठीक हो सकता है, लेकिन उनका उद्देश्य कुछ और होता है." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक कद को रेखांकित करते हुए कहा, "आज पूरी दुनिया 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं."
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक वार
इस दौरे का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का कड़ा संदेश वैश्विक मंचों पर पहुंचाना है. इस हमले में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. जवाबी कार्रवाई में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन?
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद कर रहे हैं. अन्य सदस्यों में टीडीपी नेता दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, उद्धव गुट से प्रियंका चतुर्वेदी, भाजपा के गुलाम अली खताना, कांग्रेस से डॉ.अमर सिंह, एमजे अकबर और पूर्व राजदूत पंकज सारण शामिल हैं. यह टीम फ्रांस, इटली और डेनमार्क के दौरे के बाद शनिवार को लंदन पहुंची है.
स्पष्ट एजेंडा
यह दौरा मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सात अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक है, जिसका मकसद है- आतंकवाद के प्रति भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर दोहराना, पाकिस्तान की आतंकी संरचनाओं को बेनकाब करना और भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करना है.
तेज प्रताप यादव का 'जयचंद' तंज बना सियासी तूफान, JDU-BJP का पलटवार
2 Jun, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के एक पोस्ट से बिहार का सियासी पारा बढ़ गया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू की ओर से पलटवार करते हुए प्रतिक्रिया दी गई है.
सबसे पहले तेज प्रताप के इस पोस्ट को पढ़ें
दरअसल बीते रविवार को तेज प्रताप यादव ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर लिखा था, "मेरे प्यारे-मम्मी पापा… मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में ही समाई है. भगवान से बढ़कर हैं आप और आपका दिया कोई भी आदेश. आप हैं तो सब कुछ है मेरे पास. मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और. पापा आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग. बस मम्मी-पापा आप दोनों स्वस्थ और खुश रहें हमेशा." इस पोस्ट में ध्यान देने वाली बात है कि तेज प्रताप ने जयचंद शब्द का इस्तेमाल किया है और सियासी पारा बढ़ने का यही कारण है.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी?
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया, "अपने शासनकाल में दलितों-पिछड़ों-वंचितों का नरसंहार कराने वाला सत्ताधीश जयचंद कौन था? कौन था समाज का जयचंद? सब जानते हैं जंगलराज के पनाहगाहों को, सब पहचानते हैं बिहार के जयचंद को जो उस वक्त के बिहार के सत्ताधिकाज थे."
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लिखा, "लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी और कर्पूरी ठाकुर जी से विश्वासघात कर कांग्रेस की गोद में बैठने वाला बिहार का जयचंद कौन है? एक ही जयचंद हैं! सबको पता है." वहीं जेडीयू के एक्स हैंडल से लिखा गया है, "समाजवादी आंदोलन के नेताओं से छल करके कांग्रेस की गोद में बैठ कर बिहार को बर्बादी के गड्ढे में धकेलने वाले बिहार के जयचंद को कौन नहीं जानता?".
क्या इस बार विधानसभा में दिखेंगे चिराग पासवान? बयान ने बढ़ाई चर्चा, कहा ‘पार्टी जो कहेगी, वही करूंगा’
2 Jun, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेंगे या नहीं? चिराग पासवान किस सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे? क्या चिराग पासवान को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? ऐसे तमाम सवाल इन दिनों सोशल मीडिया ही नहीं, सियासी गलियारों में भी तैर रहे हैं. अब इस तरह के सवालों के जवाब में चिराग पासवान ने अपनी स्थिति कुछ स्पष्ट की है. उनका कहना है कि जो भी आदेश उन्हें अपनी पार्टी की ओर से मिलेगा, वह उसका पालन करेंगे. इसके साथ ही चुनावी सीट को लेकर भी चिराग पासवान ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है.
विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं चिराग पासवान?
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए इस बड़े सवाल का स्पष्ट जवाब तो नहीं दिया. परंतु उन्होंने अपनी मंशा साफ कर दी. उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी की इस पर जो भी राय होगी, उसका मैं जरूर पालन करूंगा. फिलहाल अभी इस पर और चर्चा होना बाकी है. चिराग के इस जवाब से सियासी गलियारों में हलचल तेज है.
पासवान ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उनकी पार्टी बिहार के विधानसभा चुनाव में पूरी दमखम के साथ उतरेगी. ऐसे में चर्चा है कि एनडीए में रहते हुए चिराग की पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों की अपनी डिमांड को आगे बढ़ाएगी. किस सीट पर चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान?
चिराग पासवान बिहार में किस विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है. मीडिया की ओर से इस संबंध में उनसे पूछा गया कि आपने कहा है कि आप सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे और आपकी पार्टी ने भी यह फैसला लिया है.
इस सवाल के जवाब में उन्होंने बस इतना ही कहा कि ये प्रस्ताव पार्टी की तरफ से आया है. सियासी गलियारों में इस संबंध में चर्चा है कि चिराग पासवान ने एनडीए को स्पष्ट संकेत दिए हैं. यह चुनाव की तैयारी है. चर्चा और मांग यह भी है कि चिराग को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए.
लोजपा (रामविलास) ने कहा- चिराग लड़ेंगे चुनाव
बता दें कि इससे पहले बीते रोज लोजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने स्पष्ट कहा था कि चिराग पासवान बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. भट्ट ने पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसले के हवाले से कहा कि चिराग पासवान को विधानसभा चुनाव में उतारने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है. वहीं, दूसरी ओर चिराग पासवान के बहनोई और सांसद अरुण भारती ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा कर कहा था कि चिराग पासवान सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में स्पष्ट है कि लोजपा संदेश देना चाहती है कि चिराग पूरे बिहार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं.
तेज प्रताप को लेकर बोले लालू के सांसद, रामविलास पासवान का नाम लेकर दी नसीहत
2 Jun, 2025 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के पक्ष में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष के बेटे उतर गए हैं। सांसद सुधाकर सिंह ने तेज प्रताप का समर्थन किया है। कहा कि तेज प्रताप यादव ने जो किया है, उसे मैं गुनाह की श्रेणी में नहीं मानता है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राम विलास पासवान का भी उदाहरण दिया। साथ ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से अपने फैसले पर विचार करने की अपील की। सुधाकर सिंह के इस बयान ने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं सुधाकर सिंह ने क्या कहा?
दो शादी करना अनैतिक नहीं
बक्सर से सांसद और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने कहा कि तेज प्रताप यादव ने कोई गुनाह नहीं किया है। अगर उन्होंने कुछ किया है तो इसकी घोषणा वह स्वयं करेंगे। दो शादियां हिन्दू रीति रिवाजों में रही है। कई जगह हमने तीन चार शादियों के बारे में हमने सुना है। दो शादी कई लोग कर चुके हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर इसे अनैतिक काम नहीं मानता हूं। आज भी कई लोग दो शादियां करके रह रहते हैं। उन्होंने रामविलास पासवान का भी उदाहरण दिया। उन्होंने भी दो शादी की थी। चिराग पासवान उनकी दूसरी पत्नी के बेटे हैं। उन्होंने लालू प्रसाद से अपील करते हुए कहा कि एक पिता के तौर उन्हें तेज प्रताप यादव को माफ कर देना चाहिए।
लालू प्रसाद ने निकाल दिया था पार्टी से
एक महिला के साथ तेज प्रताप यादव की तस्वीर और सोशल मीडिया पोस्ट के कारण राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने लिखा था कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव: त्योहारों के मद्देनज़र तारीखों पर विचार कर रहा चुनाव आयोग, दिवाली-छठ के बीच नहीं होंगे चुनाव
2 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है, लेकिन यहां पर सियासी हलचल काफी बढ़ गई है. राजनीतिक रैलियों का दौर भी शुरू हो चुका है. अब सबकी नजर इस पर है कि राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान कब होगा और यह कितने चरणों में कराया जाएगा. इस बीच बड़ी खबर है आ रही है कि चुनाव के लिए दिवाली और छठ पर्व का भी खास ध्यान रखा जाएगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में कराया जा सकता है. साथ ही दीवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख तय की जाएगी. बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, उससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी होना आवश्यक है.
तारीखों के ऐलान से पहले बिहार का दौरा
पिछला विधानसभा चुनाव (2020) 3 चरणों में जबकि 2015 में 5 चरणों में चुनाव कराए गए थे. अब चुनाव आयोग बिहार में चुनाव कराने को लेकर अपनी तैयारी में जुट गया है. तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस महीने बिहार का दौरा करने वाले हैं.
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयोग अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है, साथ ही वह राजनीतिक दलों को भी जागरूक कर रहा है. आयोग अपने कर्मचारियों को बता रहा है कि जब आयोग की ओर से वोटर लिस्ट उनके पास भेजी जाती है तो उनको शामिल होने या हटाए जाने का शक होने पर उनके पास शिकायत और अपील करने का मौका है, उसका इस्तेमाल करें ताकि फाइनल वोटर लिस्ट के प्रकाशन से पहले उनकी शिकायतों और अपील पर गौर किया जा सके.
BLO को दी जा रही सत्यापन की जिम्मेदारी
आयोग की कोशिश है कि कुछ महीने पहले महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट को लेकर जिस तरह के आरोप लगे, वैसे आरोप इस बार बिहार चुनाव में न लगे. इसीलिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की ट्रेनिंग भी गई है. सभी बीएलओ को पहचान पत्र भी दिए जाएंगे ताकि वे घर-घर जाकर सत्यापन कर सकें. बिहार में वोटर लिस्ट अपडेट कराने के लिए खासतौर पर अभियान चलाया जाएगा ताकि 18 साल की उम्र के नौजवानों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा जा सके.
साथ ही चुनाव आयोग ने अब ECINET शुरू करने का फैसला किया है, यह इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड है जो सारी सुविधाएं एक ही जगह दे देता है, जबकि इससे पहले इन सब के लिए 40 ऐप और वेबसाइट का उपयोग करना होता था. माना जा रहा है कि बिहार चुनाव तक यह पूरी तरह उपयोग में आने लगेगा. आयोग ने विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद कई कदम उठाए हैं. अब डुप्लीकेट EPIC नंबर नहीं होंगे, इन्हें खत्म कर दिया गया है.
पोलिंग बूथ पर कम होंगे वोटर लिस्ट
साथ ही मरने वालों के आंकड़े रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से जोड़ दिए गए हैं ताकि मर चुके वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएं. आयोग बिहार में चुनाव के दौरान वोटर्स को कई नई सुविधाएं देने की योजना पर काम कर रहा है. अब एक पोलिंग बूथ पर 1500 की जगह अधिकतम 1200 वोट ही रहेंगे. साथ ही घनी आबादी वाले इलाकों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ भी बनाए जाएंगे. इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोट देने के लिए किसी भी वोटर को 2 किलोमीटर से अधिक न चलना हो. नई व्यवस्था के तहत अब हाइराइज बिल्डिंग्स में भी पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. पोलिंग बूथ के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा होगी.
सूत्रों के अनुसार, वोटर स्लिप पर सीरियल और पार्ट नंबर बिल्कुल साफ और बड़े अंकों में लिखे होंगे ताकि ढू्ंढने में आसानी हो. चुनाव आयोग एआई की चुनौती से निपटने को भी तैयार है. जल्द ही चुनाव आयोग में एक सेल का गठन किया जाएगा जहां एआई, डीप फेक से जुड़े मुद्दों पर नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग पहले ही राजनीतिक दलों को इस मामले में एडवाइजरी दे चुका है कि वे एआई से बनाई गई प्रचार सामग्री में यह स्पष्ट तौर पर लिखें कि यह एआई से बनाया गया है ताकि वोटर्स को इसकी जानकारी रहे.