छत्तीसगढ़
21 मई की मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को पुलिस ने दी अंतिम विदाई
27 May, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जगदलपुर। नारायणपुर जिले के सीमा पर 21 मई को पुलिस नक्सली मुठभेड़ में डीआरजी के जवानों ने 28 नक्सलियों को मार गिराया था। उनके शव के साथ ही भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया गया था। ऐसे में सभी नक्सलियों के शव को मुख्यालय लाने के बाद उनकी शिनाख्ती की गई। इसके बाद आठ नक्सलियों का पुलिस ने रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया।
बता दे कि 18 मई को 4 जिले की पुलिस जिसमें नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा के 1 हजार से अधिक डीआरजी जवान नक्सलियों के टॉप लीडर के आने की सूचना पर निकले थे, जहाँ 21 मई को वापसी के दौरान नक्सलियों ने पहाड़ के ऊपर से गोलीबारी करनी शुरू कर दी थी। जवाब में जवानों ने भी अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस मुठभेड़ के खत्म होने के बाद इलाके की जब सर्चिंग की गई तो 10 करोड़ का इनामी नक्सली बसवराजू सहित 27 नक्सलियों के शव व हथियार बरामद किया गया।
एक हादसा, 13 मौतें: रायपुर की उस रात का दिल दहला देने वाला सच
26 May, 2025 05:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के रायपुर में देररात करीब एक बजे हुए हादसे में 13 लोगों की जान चली गई है। खरोरा में बालोदाबाजर रोड पर ट्रेलर और माजदा की टक्कर होने से हादसा हुआ, जिसकी पुष्टि रायपुर के SP डॉ. लाल उमेंद सिंह ने की। न्यूज24 से बातचीत में उन्होंने बताया कि हादसे में मरने वालों की संख्या अब 13 हो चुकी है। मरने वाले लोगों में ज्यादातार महिलाएं और बच्चे हैं। सभी लोग किसी की छठी के कार्यक्रम से लौट रहे थे कि हादसे का शिकार हो गए।
मालवाहक वाहन माजदा में 35 से ज्यादा लोग सवार थे। ट्रेलर से माजदा की टक्कर हुई और उसमें सवार लोग सड़क पर गिर गए। कुछ लोग ट्रेलर और माजदा के नीचे कुचले जाने से मारे गए। कुछ लोगों की जान सड़क पर सिर लगने से गई। लोगों से अपील करता हूं कि किसी भी स्थिति में मालवाहक वाहनो में बैठकर यात्रा न करें। हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है।
महिला ने बताया कैसे हुआ हादसा?
न्यूज24 से बातचीत करते हुए हादसे की आंखों देखी प्रत्यक्षदर्शी उमरो बाई ने बताई। उन्होंने बताया कि खरोरा के माना गांव में छठी का कार्यक्रम था। रात करीब 11:30 के आस-पास गांव के लोग एक साथ कार्यक्रम में रवाना हुए थे। खरोरा रोड से चटौत ग्राम के लिए निकले थे कि बीच सड़क चल रहे ट्रेलर से गाड़ी टकरा गई। हादसे में एक तरफ के सोए हुए सभी लोग मारे गए। बाकी घायल हुए हैं, जिन्हें राहगीरों की मदद से पुलिस ने मेकाहारा अस्पताल पहुंचाया।
हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम भी लग गया था। रायपुर के कलेक्टर डॉक्टर गौरव सिंह हादसे में घायल लोगों से मिलने अंबेडकर अस्पताल पहुंचे। विधायक गुरु खुशवंत भी अस्पताल आए और उन्होंने हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश अस्पताल के डॉक्टरों, स्टाफ और पुलिस को दी। उन्होंने आर्थिक मदद करने की भी वादा घायलों से किया।
मृतकों में 6 महीने की बच्ची शामिल
SP उमेद सिंह ने बताया कि हादसे में मरने वाले 13 लोगों में 9 महिलाएं, 2 जवान लड़कियां, एक युवक और 6 महीने की बच्ची शामिल है। 12 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खरोरा और मेडिकल कॉलेज रायपुर में चल रहा है।
शादी की खुशियां मातम में बदलीं: बारातियों ने किया दुल्हन के रिश्तेदार पर जानलेवा हमला
26 May, 2025 05:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में शादी की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गई, जब शादी में आए बाराती हत्यारे बन गए। यहां बारातियों ने एक मामूली विवाद के कारण दुल्हन के पक्ष से आए एक मेहमान को चाकू से गोदकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद शादी की खुशियों का माहौल मातम में तब्दील हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी बारातियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने बताया कि तथ्य सामने आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी
बारातियों ने चाकू से किया हमला
यह मामला बालोद जिले के नचिरई थाना क्षेत्र के चिचबोड़ गांव का है। मृतक की पहचान रामप्रसाद मेश्राम (19) के रूप में हुई है, जो दुल्हन पक्ष का मेहमान था। गांव में ठाकुर परिवार की बेटी के शादी का कार्यक्रम चल रहा था। इस शादी में बारात राजनांदगांव से आई थी। बताया जा रहा है कि शादी में किसी फंक्शन के दौरान दुल्हन पक्ष के मेहमान रामप्रसाद मेश्राम की बारातियों के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो जाती है। इसके बाद देखते ही देखते मामला इतना बढ़ जाता है कि बारातियों की तरफ से कुछ लोग दुल्हन के इस मेहमान पर चाकू से हमला कर देते हैं।
जांच में जुटी पुलिस
इस हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो जाता है। जिसके बाद आनन-फानन में युवक को गुंडरदेही स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर नचिरई पुलिस घटनास्थल पहुंची और जांच कर दी। नचिरई थाना की प्रभारी राधा बोरकर ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी। फिलहाल, पुलिस दुल्हन-दूल्हे के पक्ष के मेहमानों से इस मामले पर पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान जो भी तथ्य सामने निकलकर आएंगे, पुलिस उसके हिसाब से आगे की कार्यवाही करेगी।
पिता ने खोया आपा, बेटे की ली जान: लुंगी से गला दबाया, फिर चारपाई तक घसीटकर छिपाया शव
26 May, 2025 03:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीतापुर थाना पुलिस ने बेटे की हत्या करने वाले आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिता ने आवेश में आकर अपने बेटे का लुंगी से गला दबाकर हत्या की थी। घटना में प्रयुक्त लुंगी और मारपीट में इस्तेमाल डंडे को पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर बरामद किया है।जानकारी के मुताबिक, सूर बखरीपारा थाना सीतापुर निवासी शिवनारायण पैकरा 23 अप्रैल 2025 को ग्राम करियासूर में एक शादी समारोह में शामिल होने गया था। रात डेढ़ से दो बजे के बीच कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनकर परिवार वालों ने समझा कि शिवनारायण घर लौटकर सो गया होगा। हालांकि, किसी ने उसे घर में सोते हुए नहीं देखा। अगले दिन, 24 अप्रैल को शिवनारायण का दोस्त उसे उठाने आया और उसे हिलाने-डुलाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जांच में उसकी मृत्यु की पुष्टि हुई।
पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण गला घोंटना बताया गया। मृतक के परिजनों के बयान और जांच के आधार पर मृतक के पिता राजेंद्र पैकरा से पूछताछ की गई। पूछताछ में राजेंद्र ने स्वीकार किया कि 23 अप्रैल की रात शिवनारायण शादी समारोह से लौटकर घर आया और अपनी मां, बहन और पिता से झगड़ा करने लगा। बीच-बचाव के दौरान शिवनारायण ने अपने पिता पर डंडे से हमला कर चोट पहुंचाई। इससे क्रोधित होकर राजेंद्र ने लुंगी से शिवनारायण का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को घसीटकर उसके कमरे में खाट पर लिटा दिया।
पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त लुंगी और मारपीट में इस्तेमाल डंडा बरामद किया। आरोपी राजेंद्र पैकरा (उम्र 60 वर्ष, निवासी बखरीपारा, सूर, थाना सीतापुर) के खिलाफ थाना सीतापुर में अपराध दर्ज किया गया। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
लुंड्रा में पिता की हत्या करने वाला आरोपी गिरफ्तार
लुंड्रा पुलिस ने पिता की हत्या कर फरार चल रहे आरोपी पुत्र अशोक चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने वेल्डिंग मशीन तोड़ने की बात से नाराज होकर अपने पिता की हत्या की थी। पुलिस ने पूर्व में घटना में प्रयुक्त डंडा, लोहे का पाइप, टांगी और टूटा हुआ बैट बरामद किया था।
जानकारी के अनुसार, लुंड्रा पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम जामडीह में अशोक चौहान ने अपने पिता हरिहर चौहान की हत्या कर दी है। जांच में मृतक के छोटे पुत्र अशुतोष और परिजनों ने बताया कि 7 फरवरी 2025 को अशोक ने अपने भाई को फोन कर बताया कि पिता ने वेल्डिंग मशीन तोड़ दी, जिससे गुस्से में आकर उसने पिता की मारपीट कर हत्या कर दी।
पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की, जो घटना के बाद से फरार था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अशोक को उसके निवास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार किया और बताया कि हत्या में प्रयुक्त डंडा, लोहे का पाइप, टांगी और टूटा बैट घटनास्थल पर छोड़ दिया था, जिसे पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी थी। आरोपी के खिलाफ सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
प्यार में धोखा: प्रेमी ने की मारपीट, दुपट्टे से दबाया गला और जंगल में फेंका
26 May, 2025 03:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिले के थाना कुकदूर द्वारा हत्या का प्रयास और बंधक बनाए जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए दो आरोपी को गिरफ्तार में किया गया है। ये मामला 21 मई का है। एसडीओपी पंडरिया भूपत सिंह धनेश्रि ने बताया कि एक युवती अपने रिश्तेदारी में शादी समारोह में शामिल होने के लिए ग्राम मुनमुना थाना कुकदूर क्षेत्र में आई थी।
22 मई की शाम वह अपने पुराने परिचित रवि मरकाम के घर चली गई, जहां उस समय रवि मौजूद नहीं था। रवि ने बाद में उसे कॉल कर अपनी गाड़ी में अपने साथी अजीत मरकाम के साथ बिठाया और उसे बदौरा जंगल की ओर ले गया। जंगल में दोनों के बीच शादी कर साथ रहने की बात को लेकर विवाद हुआ। इस दौरान रवि ने युवती से मारपीट की और दुपट्टे से गला दबा दिया। जिससे वह बेहोश हो गई।मरा हुआ समझकर युवती को जंगल के एक पत्थरनुमा खोह (गुफा) में छुपाकर भाग गए। 23 मई की शाम को पंडरिया क्षेत्र के कुछ युवक पिकनिक मनाने बदौरा जंगल पहुंचे, जहां उन्हें युवती की हल्की आवाज सुनाई दी। युवकों ने साहस और सजगता दिखाते हुए उसे बाहर निकाला। तत्काल 112 को सूचना दी।
112 की टीम द्वारा युवती को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पंडरिया ले जाया गया, जहां से युवती को जिला अस्पताल रेफर किया गया। हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है। फिलहाल, युवती विस्तृत बयान देने की स्थिति में नहीं है। प्रारंभिक पूछताछ में युवती द्वारा उक्त घटनाक्रम की जानकारी दी गई है। पूछताछ और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अन्य धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। वारदात में शामिल दोनों आरोपी रवि मरकाम पिता बुद्ध सिंह मरकाम उम्र 20 वर्ष निवासी मुनमुना व अजीत मरकाम को हिरासत में लेकर थाना कुकदूर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1), 140(2) के तहत अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की गई। दोनों आरोपियों को बीते रविवार की देर शाम गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है। जिले के एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र बघेल ने नागरिकों से अपील किया है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध या आपराधिक गतिविधियों की जानकारी तत्काल पुलिस को दें, ताकि समय पर कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके। पिकनिक में गए युवकों की सराहना की है। उनकी तत्परता से एक युवती की जान बच गई जो सराहनीय है।
विधायक भावना बोहरा की पहल रंग लाई, वनवासी इलाकों में पहुंचे पानी के टैंकर
26 May, 2025 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कबीरधाम: पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी वनांचल के ग्राम पंचायत के लोग पेयजल की समस्या से परेशान थे. इन गांवों में रहने वाले आदिवासियों को कई किलोमीटर दूर जाकर झिरिया से पानी का जुगाड़ करना होता था. नलजल योजना के तहत गांवों में पानी की टंकियां तो बनी है, लेकिन पानी का कोई जरिया नहीं होने के कारण वो भी शोपीस बनकर खड़े हैं. गांव वाले पंडरिया विधायक भावना बोहरा के पास पहुंचे और पानी के पानी की गुहार लगाई. जिसके बाद विधायक ने 10 वनांचल ग्राम पंचायतों में 10 पानी टैंकर दिया.
पंडरिया के ग्राम पंचायतों को पानी टैंकर
पानी का टैंकर मिलने से अब इन ग्राम वासियों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना नहीं पड़ेगा. ना ही झिरिया का गंदा पानी पीकर बीमार होंगे. रविवार को एक कार्यक्रम के तहत वनांचल आदिवासी ग्राम बिरहुलडीह में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने इन 10 पानी के टैंकरों को ग्राम पंचायत को सौंपा. पानी के टैंकर मिल जाने से अब ग्राम वासियों को पानी की किल्लत नहीं होगी. जिससे अब इस इलाके में रहने वाले गरीब आदिवासी परिवार काफी खुश नजर आ रहे हैं. उन्होंने विधायक का आभार जताया.
कई गांवों में विकास कार्यों का भूमिपूजन
विधायक भावना बोहरा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद से वह क्षेत्र का लगातार दौरा कर रही है. 20 गांवों में पानी की गंभीर समस्या है. घाटी के ऊपर रहने के कारण पाइप लाइन से पानी पहुंचाना आसान नहीं है. लोगों को झिरिया का पानी पानी पड़ रहा था. विधायक निधि से 10 टैंकर की शुरुआत किया गया है. पानी की समस्या दूर होगी. लोगों के चेहरे पर खासकर महिलाओं के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है. उन्हें देखकर काफी संतुष्टि मिली है. 10 पानी टैंकर के अलावा भावना बोहरा ने गांव में सीसी रोड और सामुदायिक भवन के लिए लगभग 50 लाख रुपए के विकास कार्यों का भूमि पूजन व लोकार्पण भी किया.
अनावरण से पहले चोरी हुई अजीत जोगी की मूर्ति, कांग्रेस ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
26 May, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गौरेला: जिले के गौरेला ज्योतिपुर चौराहे पर 29 मई को प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होना है, जिसकी तैयारियां जोरों पर थीं. मंच सजाया जा रहा था, आमंत्रण पत्र वितरित हो चुके थे, लेकिन उससे पहले ही प्रतिमा रहस्यमय ढंग से रात के अंधेरे में स्थल से गायब हो गई.
अजीत जोगी की मूर्ति गायब
जोगी समर्थकों का कहना है कि यह घटना किसी झटके से कम नहीं है. प्रतिमा गायब होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौके पर जुट रहे हैं. मुकेश चंद्रवंशी ने बताया कि यह दुखद घटना है. जिस जगह पर जोगी जी का जन्म हुआ और उन्होंने देशभर में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया, उसी जगह पर ऐसी घटना हुई है.
जोगी कांग्रेस का आरोप
जोगी कांग्रेस के नेताओं ने इस कार्य को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है. उनका कहना है कि स्वर्गीय अजीत जोगी सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की आत्मा हैं. उनकी मूर्ति का इस तरह से हटाया जाना जनभावनाओं के साथ खुला खिलवाड़ है. स्थल पर पहुंचे जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मूर्ति को पुनः स्थापित करने की मांग की. जोगी समर्थकों का कहना है कि जोगी क्षेत्र के नेता ही नहीं थे, बल्कि मरवाही विधानसभा सहित छत्तीसगढ़ की पहचान थे. देश भर में अगर क्षेत्र की पहचान थी तो वह जोगी जी के कारण थी. ऐसा कोई समाज राजनीतिक दल नहीं है, जो जोगी जी से प्रभावित या लाभान्वित ना हुआ हो.
चौक चौराहे में सीसीटीवी के फुटेज भी मिले हैं, जिसमें स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि किसी दुर्भावनापूर्वक रात्रि के अंधेरे में अजीत जोगी की प्रतिमा चोरी की गई है. घटना को लेकर क्षेत्र में काफी असंतोष है. बहरहाल स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचा और हालात को काबू में करने का प्रयास कर रहा है. पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर निगरानी बनाए हुए हैं.
पुलिस का नया बॉण्ड लागू, अब अपराधियों को लगेगा सीधा आर्थिक झटका
26 May, 2025 01:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुर्ग: जिले में अब बदमाशों की एक गलती उन्हें आर्थिक रुप से कमजोर बना देगी. पुलिस ने अब क्राइम को कंट्रोल करने के लिए तरकीब निकाली है. थानेदारों को सख्त निर्देश मिले हैं कि वे अपने-अपने थाना क्षेत्रों के हर एक बदमाशों को थाना बुलाकर एसडीएम के पास उनका 50 हजार रुपए का बाउंड ओवर कराए, ताकि वे आर्थिक रुप से कमजोर होने पर अपराध करने से डर सके. दुर्ग जिले के एसएसपी ने रविवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में जिले के समस्त थाना और चौकी प्रभारियों की क्राइम मीटिंग ली. यह मीटिंग लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली. क्राइम पर चर्चा हुई, जिसमें जिले के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी उपस्थित रहे.
गुम नाबालिग और बालिगों की होगी खोजबीन
एसएसपी ने निर्देश दिए कि अप्रेल महीने से गुम नाबालिगो के लिए ऑपरेशन मुस्कान और बालिगों के लिए ऑपरेशन तलाश अभियान को चलाया जाए. 1 थाना प्रभारियों को इस अभियान में गंभीरता से भाग लेने और समन्वय स्थापित कर बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.
एक साल वाले अपराधों का निराकरण
एसएसपी ने एक वर्ष से अधिक समय से लंबित अपराधों एवं चालानों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए. संबंधित प्रकरणों को प्राथमिकता से हल करें और अपराधियों को शीघ्र न्याय के कटघरे तक पहुंचाएं.
50 हजार का भरावाएं बाउंडओवर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने गुंडा व निगरानी बदमाशों पर सतत निगरानी रखने कहा. बैठक में यह भी तय किया गया कि पुराने निष्क्रिय गुंडा बदमाशों की फाइलें बंद की जाएं और जो नए सक्रिय बदमाश हैं, उन्हें चिन्हित कर उनकी फाइल तत्काल खोली जाए. क्राइम कंट्रोल करने के लिए सभी थाना प्रभारी गुंडों बदमाशों को पुलिस स्टेशन बुलाए. उन्हें एसडीएम के समक्ष ले जाएं और उनका 50 हजार रुपए का बाउंड ओवर भराएं, ताकि अपराध करने पर एसडीएम से बाउंडओवर की राशि से वसूली की जा सके.
डायल 112 प्वाइंट पर दिखे, थाना में नहीं
एसएसपी ने डायल 112 की गाड़ियां अक्सर थाना में खड़ी मिलती है. थाना प्रभारी को इसका ध्यान रहे कि डायल 112 की गाड़ियों थाना न बुलाए. वे अपने निर्धारित प्वाइंट पर खड़ी रहे.
UPSC प्रारंभिक परीक्षा में बदलाव, इस बार कथन-कारण और कैलकुलेशन ने किया परेशान
26 May, 2025 11:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की ओर से रविवार को UPSC प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई. पिछले साल से इस साल का पेपर कठिन रहा. पेपर में काफी बदलाव भी देखने को मिले. पेपर 1 में पहली बार कैल्कुलेशन वाले सवाल पूछे गए जो कि इकोनॉमिक्स से संबंधित थे. वहीं, पेपर के ज्यादातर कथन कारण वाले सवाल थे. यानी सवाल के ऑप्शन पर तीन स्टेटमेंट दिए गए थे. रायपुर में परीक्षा के लिए 28 सेंटर बनाए गए थे. जहां प्रथम पाली में 59.2 और द्वितीय पाली में 58.4 प्रतिशत परीक्षार्थियों की उपस्थिति रही. यानी लगभग 41 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. एक्सपर्ट ने बताया कि अभी तक पेपर 1 में कैल्कुलेशन वाले सवाल पूछे नहीं जाते थे. पहली बार ऐसे सवाल आए. एक्सपर्ट-2 ने बताया कि पेपर 1 में कथन कारण के जो सवाल पूछे गए, उससे पेपर को और कठिन बना दिया. जिसे टॉपिक की गहरी समझ हो, वही इन्हें हल कर सकता है. हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के लिए हिंदी में प्रश्न अनुवाद की दृष्टि से कठिन और क्लिष्ट प्रकृति के थे. संभवत: अभी भी गूगल ट्रांसलेशन किया जाता है.
सबसे ज्यादा करेंट अफेयर्स के सवाल
पेपर1 में सबसे ज्यादा सवाल करेंट अफेयर्स से पूछे गए. जनरल स्टडीज पेपर में अर्थशास्त्र के 14, पॉजिटिकल के 15, जियोलॉजी के 12, वर्कस जियोलॉजी के 5, इतिहास के 16, पर्यावरण के 5, करेंट अफेयर्स के 20, साइंस के 8 और टेक्नोलॉजी के संबंध में 5 सवाल पूछे गए. पेपर 2 का पेपर काफी कठिन था. इसमें 80 सवाल में सबसे ज्यादा सवाल 20-25 सवाल नंबर सिस्टम से पूछे गए.
पेपर में दिखा सभी क्षेत्रों और विषयों का संतुलन
एक्सपर्ट-2 ने बताया कि UPSC प्रारंभिक परीक्षा का सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्र अर्थव्यवस्था के सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रश्न, संविधान और राजव्यवस्था के घुमावदार मोड़, वर्तमान विज्ञान और तकनीकी प्रगति के प्रति जागरुकता, अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका, इतिहास के निष्कर्ष, मैप आधारित विश्व भूगोल के प्रश्न और भूगोल की सैद्धांतिक जानकारियां, फैक्ट्स पर रीजनिंग का प्रभाव, रक्षा क्षेत्र, खेल और संघीय ढांचे की कार्यरत प्रणाली की समझ, ऐसा ही था. विगत वर्षों से थोड़ा कठिन, लेकिन सभी क्षेत्रों और विषयों का संतुलन दिखा. फिर भी प्रश्न कठिन थे और पूछने का तरीका भी कठिन किया गया है, परम्परागत प्रश्नपत्र और आधुनिक प्रश्नपत्र का समन्वय रहा.
प्रथम में 59.2 व द्वितीय में 58.4त्न उपस्थिति.
पाली पंजीकृत उपस्थित अनुपस्थित प्रतिशत.
प्रथम 10053 5951 4102 59.2.
द्वितीय 10053 5867 4186 58.4.
सवाल: अरघट्टा नामक उपकरण क्या था?
एक्सपर्ट की मानें तो UPSC पेपर के लिए टॉपिक की गहरी समझ होना जरूरी था. पेपर बहुत ही अच्छे थे. सवालों में पूछा गया- गांधीजी ने विख्यात वक्तव्य राजद्रोह मेरा धर्म हो गया है, कब दिया था? सिंचाई में काम आने वाला अरघट्टा नामक उपकरण क्या था?, प्रथम खो-खो विश्व कप के बारे में भी पूछा गया?, मोहनजोदड़ों से प्राप्त नाचती हुई लड़की नामक प्रख्यात नारी लघुमूर्ति किस पदार्थ की बनी है?, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बारे में विचार कीजिए.
कटऑफ जाएगा 85-90 तक
एक्सपर्ट ने बताया कि दोनों पेपर टफ थे. उसके अनुसार इस साल कटऑफ 85-90 के आसपास ही जाएगा. पिछले एग्जाम UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2024 में कटऑफ जनरल का 87.98, ईडब्ल्यूएस का 85.92, ओबीसी का 87.28, एससी का 79.03 और एसटी का 74.23 गया था. वहीं, 2023 में 75.41 गया था.
सुशासन तिहार में मिला वर्षों पूरानी समस्या का समाधान-लालू राम व कुसट साय की पुश्तैनी ज़मीन के आसामीवार में चढ़ा नाम
25 May, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अम्बिकापुर : जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शासन द्वारा संचालित “सुशासन तिहार” आमजन के लिए खुशियों का पिटारा लेकर आया है। इसी तिहार अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में कृषक लालू राम एवं कुसट साय को वर्षों से लंबित भूमि रिकॉर्ड से संबंधित समस्या का समाधान मिला है।
ग्राम पंचायत केसर के रहने वाले कृषक कुसट साय और ग्राम पंचायत आमगांव के रहने वाले कृषक लालू राम का नाम पुश्तैनी जमीन के बी-वन किश्तीबंदी खतौनी (आसामीवार) में दर्ज नहीं था, जिससे उन्हें भूमि स्वामित्व, कृषि ऋण, तथा सरकारी योजनाओं के लाभ लेने में बड़ी कठिनाई हो रही थी। उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था, वर्षों की इस समस्या को उन्होंने “सुशासन तिहार” में आवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिस पर राजस्व विभाग ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए मौके पर आवश्यक दस्तावेजों की जांच कर बी-वन (आसामीवार) पुस्तिका में उनका नाम दर्ज कर दिया। अब उन्हें कृषि कार्य में शासन की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
इस समाधान से संतुष्ट होकर लालू राम और कुसट साय ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अभिनव पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, वर्षों पुरानी समस्या अब समाप्त हो गई है। अब हमे हमारी जमीन पर विधिवत अधिकार मिल गया है। इस सुशासन तिहार ने ग्रामीणों को न सिर्फ न्याय दिलाया है, बल्कि शासन-प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ाया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिल रहा 5500 रुपये प्रति मानक बोरा का दाम
25 May, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल में ‘तेंदू पान’ के नाम से विख्यात तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीण क्षेत्र में कृषि के बाद लघु वनोपज संग्रहण ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त आय का एक पूरक स्रोत है। राज्य के लाखों ग्रामीण प्रतिवर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण में करते हैं, जिससे उन्हें खेती के अलावा अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिलता है।
सरकार की पहल बनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा तेंदूपत्ता दर में की गई 1500 रुपये प्रति बोरा वृद्धि ने संग्राहकों को आर्थिक मजबूती दी है। पहले जहां प्रति मानक बोरा की दर 4000 रुपए मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया गया है। इस 1500 रुपए की वृद्धि से संग्राहकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। इससे वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और ग्रामीण परिवारों को खेती के अतिरिक्त आमदनी का सशक्त स्रोत मिला है।
तेंदूपत्ता संकलन में सरगुजा जिला आगे, अब तक 97.28% लक्ष्य प्राप्त
जिले में तेंदूपत्ता संग्रगण का कार्य तीव्र गति से जारी है। मिली रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 36,200 मानक बोरा के लक्ष्य में से अब तक 35,217.129 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संकलन किया जा चुका है, जो कि कुल लक्ष्य का 97.28% है।
दरिमा क्षेत्र के बरगवां समिति में तेंदूपत्ता बेचने आईं श्रीमती फूलेश्वरी ने बताया कि वे 2019 से तेंदूपत्ता संग्रहण कर रही हैं। उनका पूरा परिवार इस कार्य में सहभागी है। खेती-किसानी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण से उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है। श्रीमती फूलेश्वरी कहती हैं कि पहले की तुलना में अब काफी बेहतर मूल्य मिल रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और अन्य जरूरतों में आर्थिक सहायता मिल जाती है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत और सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि न केवल ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि राज्य की वानिकी अर्थव्यवस्था को भी गति दे रही है। तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य हर साल गर्मी के मौसम में होता है और इस दौरान हजारों ग्रामीण, विशेषकर महिलाएं, जंगलों से तेंदू पत्तों का संग्रहण कर समितियों को बेचती हैं।
राज्य सरकार द्वारा तय की गई 5500 रुपए की नई दर ने न केवल तेंदूपत्ता संग्राहकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया है, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया है। तेंदूपत्ता जैसी लघु वनोपज को उचित मूल्य मिलने से वन क्षेत्र से जुड़े लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
पीएम आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाने में छत्तीसगढ़ देश में 5वें स्थान पर
25 May, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना से 70 वर्ष व अधिक आयु के नागरिकों को निः शुल्क इलाज मिल रहा है। छत्तीसगढ मे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के 3 लाख 60 हजार से अधिक 70 वर्ष व अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बन चुके हैं। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ पूरे देश में वय वंदना कार्ड बनाने के मामले में पांचवें स्थान पर पहुँच गया है। इस मामले में राज्य ने राजस्थान, महाराष्ट्र , ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों से आगे निकलकर कीर्तिमान रच दिया है ।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर लगातार आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिससे कि कोई भी पात्र वरिष्ठ नागरिक योजनांतर्गत् निःशुल्क इलाज लाभ पाने से वंचित ना रह जाए। जिलों में आयुष्मान वय-वंदना पंजीयन हेतु विभिन्न शासकीय विभागों के अतिरिक्त, सामाजिक संस्थाओं, पेंशनर संथाओं, शियान-सदन, वरिष्ठ-जन कल्याण संघों, वृद्धाश्रमों, निजी आवासीय सोसायटियों, इत्यादि से लगातार संपर्क कर शिविर लगाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि, कोई भी व्यक्ति जिसके माता-पिता या अन्य सदस्य यदि 70 वर्ष व अधिक आयु के हैं एवं उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है तो वे नजदीकी शासकीय चिकित्सालय, सी.एम.एच.ओ./ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय या शासकीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं या टोल फ्री टेलीफोन नंबर 104 पर बात कर अधिक जानकारी ले सकते हैं। व्यक्ति चाहे तो गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत एप व आधार फेस आई.डी. एप डाउनलोड कर आधार वेरीफिकेशन से अपना सामान्य आयुष्मान कार्ड या घर के वरिष्ठ सदस्य का आयुष्मान वय-वंदना कार्ड दोनों पंजीयन स्वयं भी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि माह अक्टूबर 2024 से देश में प्रारंभ वय-वंदना कार्ड पंजीयन में राज्य में नवंबर के बाद तेजी से कार्य किया जा सका है।
राज्य शासन द्वारा 6 जिलों जहां 60 प्रतिशत से अधिक आयुष्मान वय-वंदना कार्ड पंजीयन कवरेज कर लिया गया है, को “वय-मित्र” जिलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत् इन जिलों में वरिष्ठ नागरिकों को जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ‘वय-मित्र स्वास्थ्य परीक्षण शिविर’ का आयोजन, ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन, आयुष्मान-आरोग्य मंदिर में टेली-मेडिसीन व मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग व प्रत्येक बृहस्पतिवार ‘सियान-जतन शिविर’ का आयोजन, आयुष पद्धति से इलाज की सुविधा, मोतियाबिंद जांच, इत्यादि विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में बस्तर के नवाचारों की खुलकर सराहना
25 May, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे अभिनव आयोजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है, जिससे शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर ईमानदारी व संवेदनशीलता से लागू करना है।
बैठक में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ में ग्रामसभा, जनसंवाद और तकनीक के माध्यम से आमजन तक पहुँचाया गया है।
बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है — जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया। तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 11 पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी आदि पर केंद्रित थी। चार श्रेणियों — जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग — में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
मुख्यमंत्री साय ने दोरनापाल के पुनेन सन्ना का उदाहरण साझा किया, जो कभी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्र से थे, पर आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर पूरे समाज के लिए प्रेरणास्तंभ बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा का उत्सव है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों की 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, हाट-बाजार, पकवान प्रतियोगिताएं जैसे विविध रंगों से सजा यह उत्सव बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ते हुए बस्तर की एकता, पहचान और विकास का प्रतीक बन गया। सरकार द्वारा 2.4 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस आयोजन ने उत्सव और खेल के माध्यम से सकारात्मक भविष्य की नई चेतना जगाई है।
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ बेहद प्रभावशाली रहा।जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें विस्तार दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ को जिस तरह सराहा गया, उसने यह स्पष्ट किया कि जनसहभागिता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विकास के समन्वय से किस तरह दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी बदलाव की मजबूत नींव रखी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से गर्भवती महिलाओं को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
25 May, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत राज्य की गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य के समस्त जिलों में अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच व उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (High Risk Pregnancy - HRP) की पहचान और समुचित प्रबंधन व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस अभियान के प्रभावस्वरूप छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004-06 में राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 335 प्रति एक लाख जीवित जन्म था, जो अब घटकर 132 पर आ गया है। हालांकि यह आंकड़ा अभी भी राष्ट्रीय औसत (93) से अधिक है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस दिशा में और अधिक ठोस और योजनाबद्ध प्रयासों की रूपरेखा तैयार की है।
जिलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत कुल 800 से अधिक सत्रों का सफल आयोजन किया गया। इन सत्रों में से 360 PMSMA सत्रों की निगरानी राज्य तथा जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रभावी रूप से की गई तथा आयोजित सत्रों के दौरान लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त किया। इनमें से लगभग 9000 से अधिक महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की श्रेणी में चिन्हित की गईं, जिन्हें विशेष चिकित्सकिया देखभाल प्रदान किया गया ।
गौरतलब है कि अधिकांश मातृ मृत्यु के पीछे उच्च जोखिम गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं प्रमुख कारण हैं। ऐसे में समय रहते HRP की पहचान, उचित उपचार एवं सतत निगरानी अभियान के प्रमुख उद्देश्य बनाए गए हैं।
इस संदर्भ में राज्य के समस्त जिलों में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कलेक्टरों द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की समीक्षा के साथ-साथ मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है, और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान इस दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी कदम है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान के माध्यम से न केवल प्रसवपूर्व जांच, रक्त की जांच, अल्ट्रासाउंड, वजन एवं रक्तचाप की निगरानी जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं दी जा रही हैं, बल्कि पोषण संबंधी परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को बड़ा लाभ मिल रहा है।
अभियान के दौरान अब तक हजारों महिलाओं को लाभ मिला है, जिनमें से कई उच्च जोखिम गर्भावस्था की समय रहते पहचान होने से समुचित उपचार प्राप्त कर सकीं। राज्य सरकार का मानना है कि यदि इस पहल का धरातल पर बेहतर व सुचारु क्रियान्वयन किया जाए तो छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी नीचे लाया जा सकता है।
अभियान की सघन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक अस्पताल की गुणवत्ता की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी गर्भवती महिलाओं को समय पर समुचित सेवाएं प्राप्त हों। छत्तीसगढ़ सरकार मातृत्व स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कटिबद्ध है।
सड़क किनारे टहल रहे ग्रामीण को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौके पर ही मौत
25 May, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सड़क किनारे टहल रहे एक ग्रामीण को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। परिजनों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले को जांच में शुरू कर दी है। मामला पुसौर थाना क्षेत्र का है।मिली जानकारी के मुताबिक, अमन कुमार महंत ने पुसौर थाने में रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि उसके पिता ग्राम चिखली में स्थित मेहमान ढाबा में काम करते थे और वहीं रहते थे। कल उसे सूचना मिली की सड़क किनारे टहलते समय अज्ञात वाहन के चालक ने उसके पिता को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।