छत्तीसगढ़
नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ रोजगार भी है और संस्कार भी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
20 Apr, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : नए दौर की भागदौड़ में पीछे छूटते भारतीयता के संस्कारों के दौर में समाज को सकारात्मक दिशा देना अत्यंत आवश्यक है। आज विदेशी हमारी संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। प्रयागराज महाकुंभ में बड़ी संख्या में पश्चिमी देशों के लोग श्रद्धा से गंगा स्नान करने पहुँचे। दूसरी ओर, हम दिखावे और आडंबर के चलते अपनी महान संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं और पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और संस्कार दोनों सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री साय राजधानी के बेबीलोन कैपिटल होटल में पत्रिका समूह द्वारा आयोजित 'की-नोट' एड्रेस में अपने विचार व्यक्त करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मैं गुलाब कोठारी को बधाई देना चाहता हूं कि वे अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को निरंतर सकारात्मक दिशा दे रहे हैं। पत्रिका समूह के दायित्वों के साथ-साथ वे जो समय निकाल रहे हैं, उसे सामाजिक चेतना के लिए समर्पित कर रहे हैं – यह अत्यंत सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश सदियों तक विश्व गुरु रहा है। नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों में पूरी दुनिया से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे। हमारा सनातन धर्म अत्यंत प्राचीन है, जिसकी मूल भावना 'वसुधैव कुटुम्बकम्' है – अर्थात् पूरा विश्व एक परिवार है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को छत्तीसगढ़ ने अपनाया है। इस नीति में शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और संस्कार दोनों को प्राथमिकता दी गई है। इसके माध्यम से हम पुनः अपनी गौरवशाली सभ्यता की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में नारी का सम्मान सर्वोपरि रहा है। हमारे यहां कहा गया है– 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः', अर्थात जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवताओं का वास होता है। हमारे धर्म में भगवान के नाम से पहले देवी का नाम आता है– जैसे उमापति महादेव, सियापति राम, राधाकृष्ण आदि। हम माँ सरस्वती से विद्या, माँ लक्ष्मी से धन और माँ दुर्गा से शक्ति की कामना करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' का अर्थ है – माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं। माता-पिता ही बच्चे के प्रथम गुरु होते हैं, और जैसा वे सिखाते हैं, बच्चे वही सीखते हैं। हमारी सभ्यता आज भी जीवित है, जो हमारी शक्ति का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे परिवारों में एक गंभीर समस्या यह है कि हम बच्चों को मोबाइल थमा रहे हैं। मोबाइल में अच्छाई और बुराई दोनों हैं। हमें चाहिए कि हम उसमें से अच्छाई को चुनें – जैसे हंस दूध को ग्रहण करता है, वैसे ही हमें भी विवेकपूर्वक चयन करना चाहिए।
पत्रिका समूह के चेयरमैन गुलाब कोठारी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने की शक्ति केवल माँ के पास है। माँ सूक्ष्म स्तर पर जीवन जीती है। उसमें अन्न ब्रह्म और शब्द ब्रह्म दोनों विद्यमान हैं। माँ ही जीवन का पोषण करती है। आधुनिक शिक्षा ने माँ की भूमिका को कमज़ोर कर दिया है, जबकि शरीर और आत्मा दोनों के पोषण की शक्ति माँ के पास ही है। आज माँ-बाप और बच्चों के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ बौद्धिक विकास जीवन में सुख की गारंटी नहीं देता।
कोठारी ने कहा कि अगर हम बदलती दुनिया में भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखें, तो ही हम विश्व को कुछ देने योग्य बन पाएंगे। भारतीय दर्शन हमें सिखाता है कि हम केवल शरीर नहीं, आत्मस्वरूप हैं। सूचना और ज्ञान बाहर से आते हैं, लेकिन विज़न और जीवन की दिशा भीतर से आती है। आज यही 'भीतर' हमसे छूट रहा है। आधुनिक शिक्षा ने हमें मानव संसाधन बना दिया है, जबकि हमें अपनी संस्कृति को जीवित रखना आवश्यक है।
आईआईएम के डायरेक्टर प्रो. रामकुमार काकानी ने कहा कि आज पीढ़ियों के बीच जो खाई उत्पन्न हुई है, उसे पाटना ज़रूरी है। नई पीढ़ी की दुनिया अलग है – उस पर अधिक दबाव है, चौबीसों घंटे विज्ञापनों का असर है, और परिवार भी छोटे होते जा रहे हैं। संचार और तकनीक के प्रसार ने पीढ़ियों के बीच की दूरी और बढ़ा दी है। पहले की पीढ़ियों में अनुशासन और सीमित साधन होते थे, आज की पीढ़ी प्रतिस्पर्धा के दबाव में है। इससे पारिवारिक ढांचा भी बदला है, और भावनात्मक दूरी भी आई है।
उन्होंने कहा कि हमें साझा मूल्यों की पुनः पहचान करनी होगी। नई पीढ़ी को सहानुभूति और स्पष्ट लक्ष्यों के साथ प्रेरित करना होगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और खुले वातावरण में संवाद को बढ़ावा देने की ज़रूरत है। अगर हम ऐसा करें, तो पीढ़ियों के बीच की दूरी को पाटा जा सकता है।
कार्यक्रम में कोंडागांव की युवा उद्यमी सुअपूर्वा त्रिपाठी ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, रायपुर की महापौर मीनल चौबे, पद्मफुलबासन यादव, पत्रिका के स्टेट एडिटर पंकज श्रीवास्तव सहित पत्रिका समूह के अनेक सदस्य व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में चैंबर ऑफ कॉमर्स की है महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
20 Apr, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में व्यापार, व्यवसाय और उद्योग तेजी से विकास कर रहे हैं, जिसके कारण जीएसटी कलेक्शन में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए हम सबको मिलकर विकसित छत्तीसगढ़ बनाना होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में चैंबर के अध्यक्ष सतीश थौरानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष निकेश बरड़िया सहित अन्य पदाधिकारियों ने शपथ ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज 62 वर्षों से कार्यशील है, जिससे 12 लाख व्यापारी जुड़े हैं। प्रदेश के इस सबसे बड़े व्यापारी संगठन के इतिहास में पहली बार सर्वसम्मति से निर्वाचन संपन्न हुआ है, जो संगठन की एकजुटता का प्रमाण है। इस परंपरा को यह संगठन आगे भी कायम रखे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योग और व्यापार की उन्नति के लिए राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने छोटे व्यापारियों को हमेशा प्राथमिकता दी है। ई-वे बिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। हमने पेट्रोल पर वैट 1 रुपये प्रति लीटर कम किया है। व्यापारियों को राहत देते हुए 10 साल पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारी को माफ किया गया है। इसका लाभ प्रदेश के 40 हजार व्यापारियों को मिल रहा है।
नई औद्योगिक नीति : प्रदेश में साढ़े चार लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई उद्योग नीति से उद्योगों के लिए प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बना है। इसके लागू होने के बाद से अब तक प्रदेश में साढ़े चार लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए हाल ही में प्लांट का भूमिपूजन हुआ है। हाल ही में हमने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया। देशभर के कारोबारियों और उद्योगपतियों में इसे लेकर गजब का उत्साह है। वे छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल होना चाहते हैं।
नई औद्योगिक नीति का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने चैंबर के पदाधिकारियों से राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया, जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित हो सके। उन्होंने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बाजार में धन का प्रवाह आवश्यक है। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। मुख्यमंत्री साय ने किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की रिकॉर्ड खरीदी की। दो साल का धान बोनस भी दिया गया। प्रदेश का बजट 6000 करोड़ से बढ़कर अब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपये का हो गया है। देश में सर्वाधिक ऑटोमोबाइल विक्रय छत्तीसगढ़ में हो रहा है, जो यह दर्शाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ देश के प्रथम तीन विकसित राज्यों में शामिल होगा। प्रदेश के विकास में चैंबर की भी उल्लेखनीय भागीदारी होगी।
पूर्व सांसद और पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार उद्योग और व्यापार की उन्नति के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी प्रकार उद्योग जगत भी प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहा है। जब दोनों पहिए साथ-साथ चलते हैं, तो विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ती है। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सर्वसम्मति से चैंबर के चुनाव होना यह दर्शाता है कि व्यापार जगत तेजी से आगे बढ़ेगा। जो देश व्यापार, व्यवसाय और उद्योग को बढ़ावा देता है, उसकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में यह कार्य कुशलता से किया जा रहा है। उन्होंने चैंबर के सदस्यों से आग्रह किया कि गर्मियों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पानी, पना और मठा का वितरण करें।
इस अवसर पर संत साईं उदय शदाणी, साईं लालदास, अम्मा महंत मीरा देवी, अनेक जनप्रतिनिधि, निगम-मंडलों के अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
संस्कृति की रक्षा और जनकल्याण में आर्य समाज की भूमिका अनुकरणीय : मुख्यमंत्री साय
20 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत आज राजधानी रायपुर के डीडीयू ऑडिटोरियम में महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के शुभ अवसर पर आयोजित धर्मरक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान धर्मरक्षा यज्ञ में हवन-पूजन कर प्रदेश कल्याण की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा तैयार पुस्तिका "चुनौतियों का चिंतन" का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती का पुण्यस्मरण किया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज को मानव कल्याण का कार्य करते हुए आज 150 वर्ष पूरे हो गए हैं। आर्य समाज के द्वारा निरंतर देश सेवा, धर्म-संस्कृति की रक्षा तथा जनजागरण का कार्य किया जा रहा है। साय ने बताया कि वे महर्षि दयानंद के विचारों से प्रभावित होकर वर्ष 1999 से आर्य समाज से जुड़े हुए हैं और विभिन्न अवसरों पर समाज के मनीषियों का मार्गदर्शन उन्हें प्राप्त होता रहा है। आर्य समाज महर्षि दयानंद के विचारों को आगे बढ़ाते हुए संस्कार और शिक्षा का पुनीत कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी प्राकृतिक खेती और देशी नस्ल की गायों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दे रहे हैं। प्रदेश सरकार निश्चित रूप से इस दिशा में अपने प्रयासों को और अधिक गति देगी। साय ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में हमारी सरकार ने मोदी की गारंटियों को पूरा करने का कार्य किया है। गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए हमने पहले ही कैबिनेट में 18 लाख आवास की स्वीकृति दी थी और अब आवास प्लस-प्लस का सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जरूरतमंद परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये, माताओं-बहनों को प्रति माह एक हजार रुपये, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना और रामलला दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों के तीर्थदर्शन के पुण्य संकल्प को भी पूरा किया जा रहा है।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने महर्षि दयानंद सरस्वती को नमन करते हुए कहा कि उनके जीवन-मूल्यों और विचारों को आत्मसात करने से शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक उन्नति का संकल्प पूरा होगा। उन्होंने महर्षि दयानंद की संपूर्ण जीवन-यात्रा और उद्देश्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि और देशी गौवंश की रक्षा एवं उनका संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर यदि हम गौपालन को लाभकारी बनाएंगे, तो समाज में उसकी रक्षा हेतु स्वाभाविक चेतना विकसित होगी। इससे सड़कों पर पशुओं के विचरण की समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, स्वामी धर्मानंद सरस्वती जी महाराज, सुरेश जी, कैप्टन रुद्रसेन, विनय आर्य, डॉ. राजेंद्र विद्या अलंकार, प्रबल प्रताप जूदेव, आर्य समाज के रामकुमार पटेल सहित आर्यवीर और आर्य समाज के अनुयायी उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने महतारी सिलाई केंद्र का किया शुभारंभ
20 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज रायपुर के चंगोराभाठा में महतारी सिलाई केंद्र का शुभारंभ किया। रायपुर नगर निगम द्वारा संचालित इस सिलाई केंद्र में महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सिलाई कार्य में दक्ष महिलाएं अपना स्वरोजगार शुरू कर सकेंगी।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सिलाई केंद्र के शुभारंभ के बाद प्रशिक्षु महिलाओं से बात भी की। उन्होंने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए यह अच्छी पहल है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करेंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का सिलाई केंद्र सिर्फ रायपुर में ही नहीं, पूरे प्रदेश में हो, इसकी कोशिश करेंगे।
उप मुख्यमंत्री साव ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की टीम की सराहना करते हुए कहा कि टीम ने यहां सिलाई प्रशिक्षण की अच्छी व्यवस्था की है। इस केंद्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य शहरों में भी महिलाओं के लिए इस तरह के केंद्र प्रारंभ किए जा सकें।
महतारी सिलाई केंद्र के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर मीनल चौबे ने बताया कि उप मुख्यमंत्री अरुण साव जब चंगोराभाठा में सांस्कृतिक कार्यक्रम में आए थे, तब उन्होंने उप मुख्यमंत्री से कहा था कि महिलाएं सिलाई सीखना चाहती हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण गरीब महिलाएं सिलाई मशीन नहीं खरीद पाती हैं। उन्होंने मेरी मांग पर सिलाई केंद्र खोलने की घोषणा की थी जो आज मूर्त रूप ले रहा है।
महापौर मीनल चौबे ने कहा कि यहां सिलाई का काम सीखकर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी और अपने परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान करेंगी। इससे उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति सुधरेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, रायपुर नगर निगम के सभापति सूर्यकान्त राठौर, आयुक्त विश्वदीप, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण और गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
सुशासन तिहार की बदौलत समाधान खुद चलकर पहुंचता है दरवाजे पर
20 Apr, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में संचालित सुशासन तिहार आम जनमानस के लिए राहत और विश्वास का प्रतीक बनकर उभरा है। इस अभियान के अंतर्गत अब सरकारी योजनाओं और सेवाओं की “होम डिलीवरी” हो रही है। समस्याएं अब लोगों को प्रशासनिक दफ्तरों में नहीं ले जातीं, बल्कि समाधान खुद उनके घर पहुंच रहा है।
रायगढ़ जिले में सुशासन तिहार के तहत आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन की टीमें गांव-गांव जाकर आवेदनों का निराकरण कर रही हैं। ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा निवासी अनुज कुमार निषाद के बेटे गौरव निषाद के आधार कार्ड में त्रुटि के चलते उसका छात्र आईडी नहीं बन पा रहा था। सुशासन तिहार के माध्यम से मिले आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सुधार प्रक्रिया पूर्ण की गई।
ग्राम कांटाहरदी निवासी किसान देवेंद्र सिदार ने किसान किताब की द्वितीय प्रति के लिए सुशासन तिहार में आवेदन दिया था। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए पटवारी को उनके निवास पर भेजा। दस्तावेजों की जांच और मिलान उपरांत उन्हें उनके घर पर ही किसान किताब की प्रति सौंपी गई। इस सेवा से अभिभूत होकर सिदार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता और पारदर्शिता का प्रमाण है।
डूमरपाली की श्रीमती दिव्या साहू ने जॉब कार्ड के लिए आवेदन किया था। सुशासन तिहार की सक्रियता का परिणाम यह रहा कि रोजगार सहायक स्वयं उनके घर पहुंचे और सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें हाथों-हाथ जॉब कार्ड सौंपा। दिव्या साहू ने कहा कि यह पहली बार महसूस हुआ कि सरकार की योजनाएं वास्तव में हमारे दरवाजे तक पहुंची है। इसी प्रकार छोटे मुड़पार की जानकी कुमारी पटेल और भावना महंत को भी मनरेगा कार्ड उनके घर पहुंचाकर दिया गया।
जिले भर से प्राप्त आवेदनों का त्वरित समाधान और नागरिकों को घर बैठे योजनाओं का लाभ मिलने से सुशासन तिहार लोगों के बीच एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने इसे शासन की जवाबदेही और जनता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण का प्रतीक बताया है।
ग्राफ्टेड टमाटर और मिर्च की खेती से बदली तोपचंद भंडारी की किस्मत
20 Apr, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में उद्यानिकी विभाग की योजनाएं और तकनीकी सहायता किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। कुनकुरी विकासखंड के ग्राम बेहराखार निवासी किसान तोपचंद भंडारी की सफलता इसका प्रमाण है।
तोपचंद भंडारी पूर्व में परंपरागत तरीके से सब्जी की खेती करते थे, जिससे उन्हें सीमित पैदावार और कम आमदनी हो पाती थी। लेकिन जब उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर ग्राफ्टेड टमाटर और मिर्च की खेती की तकनीकी जानकारी ली, तो उनकी किस्मत ही बदल गई। उद्यान विभाग से मिली तकनीकी सहायता के माध्यम से तोपचंद भंडारी ने अपने खेत में मल्चिंग सीट के साथ ग्राफ्टेड टमाटर और मिर्च की खेती शुरू की। उन्होंने 1.2 हेक्टेयर में टमाटर और 0.300 हेक्टेयर में ग्राफ्टेड मिर्च का रोपण किया। इससे उन्हें कुल 225 क्विंटल टमाटर की उपज प्राप्त हुई, जिससे 6 लाख 75 हजार रुपए की आमदनी हुई। लागत निकालने के बाद उन्हें करीब 5 लाख 60 हजार रुपए का शुद्ध लाभ हुआ।
तोपचंद भंडारी ने न केवल खुद की खेती में तकनीकी नवाचार अपनाया, बल्कि अपने अनुभवों को आस-पास के किसानों के साथ भी साझा किया। वे अब लगातार अन्य किसानों को भी उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से जुड़कर उन्नत खेती करने और आमदनी बढ़ाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि यदि किसान सही मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता के साथ खेती करें, तो आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं। वर्तमान में वे दोबारा ग्राफ्टेड टमाटर की खेती कर रहे हैं और भविष्य में इससे भी बेहतर परिणाम की उम्मीद रखते हैं।
सुशासन सरकार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार : डिप्टी सीएम अरुण साव
20 Apr, 2025 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-चौकी और सक्ती जिले को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने इसे सुशासन सरकार का पुरस्कार बताते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। श्री साव ने कहा कि, राज्य में हमारी सरकार बनने के बाद किसानों की तरक्की और बेहतरी के लिए काम किया है। हमारे किसान भाइयों को फसल बीमा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, फसल नुकसान से उन्हें कोई हानि ना हो, और फसल बीमा हर किसान तक पहुंचे, यह सरकार की प्राथमिकता है। इस उपलब्धि के लिए सभी कर्मचारी, अधिकारियों एवं किसान भाइयों को बहुत-बहुत बधाई। श्री साव ने पीएससी घोटाले मामले में कहा कि, सीबीआई की जांच आगे बढ़ रही है। वहीं जांच में जिस प्रकार के तथ्य सामने आ रहे हैं, ये बताता है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दौरान युवाओं के सपने को तोड़ने का काम हुआ है। वहीं हमारी सरकार युवाओं को उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साव ने कांग्रेस द्वारा कथित अपराध के आंकड़े जारी करने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को यह देखना चाहिए कि, उनके कितने नेता अपराध में लिप्त है। प्रदेश में संगीन और गंभीर अपराध हुए हैं, उसमें कांग्रेस के नेताओं का हाथ रहा है, इसके आंकड़े भी उन्हें जारी करना चाहिए।
रायपुर में दो सौ रुपए के लिए मां की हत्या करने वाला बेटा गिरफ्तार, पत्नी पर भी किया था हमला
20 Apr, 2025 10:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। उरला थाना क्षेत्र में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां दो सौ रुपए न देने पर बेटे ने अपनी 70 वर्षीय मां की हथौड़े से हत्या कर दी। बीच-बचाव करने आई पत्नी पर भी आरोपी ने हमला कर दिया था। घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, आरोपी ई-रिक्शा चालक प्रदीप देवांगन जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता खरीदना चाहता था। उसके पास 600 रुपए थे और उसे 200 रुपए और चाहिए थे। जब उसने अपनी मां से पैसे मांगे और उन्होंने इनकार किया, तो गुस्से में आकर प्रदीप ने बिस्तर पर लेटी अपनी मां के सिर पर हथौड़े से हमला कर दिया। शोरगुल सुनकर जब उसकी पत्नी बीच-बचाव करने आई, तो आरोपी ने उस पर भी हमला किया। यह सब देख आरोपी का 15 वर्षीय बेटा घर से भागकर पड़ोसियों को बुलाने गया। पड़ोसियों की मदद से सास और बहू को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां वृद्धा की मौत हो गई, जबकि पत्नी का इलाज जारी है। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हृदयविदारक घटना से क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 28 स्कूलों में स्मार्ट क्लास-रूम का किया शुभारंभ
20 Apr, 2025 09:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुंगेली के लोरमी विकासखंड के 28 शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास-रूम का शुभारंभ किया। उन्होंने लोरमी विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैगाकापा में आयोजित कार्यक्रम में सभी स्मार्ट क्लास-रूम का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने स्मार्ट क्लास-रूम में अध्ययन-अध्यापन की सुविधाओं को देखा और इसके लिए स्थापित किए गए तकनीकी उपकरणों की सराहना की। एचडीएफसी बैंक और एआरओ फाउंडेशन के सहयोग से स्कूलों में ये स्मार्ट क्लास-रूम बनाए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्मार्ट क्लास-रूम का शुभारंभ करते हुए कहा कि स्मार्ट क्लास-रूम से बच्चों की पढ़ाई में रुचि और सीखने की क्षमता बढ़ेगी। इसके जरिए वे अपने विषयों को और अधिक अच्छे से समझ सकेंगे। वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को भी अध्ययन-अध्यापन की नई और प्रभावी तकनीकों से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने स्कूल के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यह स्मार्ट क्लास-रूम आप लोगों के लिए बना है। सभी विद्यार्थी इसका सदुपयोग करते हुए विषयों पर अपनी पकड़ मजबूत करें। उन्होंने स्मार्ट क्लास-रूम के शुभारंभ पर बधाई और शुभकामना दीं।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैगाकापा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों में डिजिटल तकनीकों का उपयोग बढ़ाया जा रहा है। एचडीएफसी बैंक और एआरओ फाउंडेशन के सहयोग से स्मार्ट क्लास-रूम की यह पहल विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी होगी। उन्होंने दोनों संस्थाओं को इसके लिए धन्यवाद दिया। लोरमी नगर पालिका के अध्यक्ष श्री सुजीत वर्मा, मुंगेली जिला पंचायत की सदस्य श्रीमती अनिता साहू और लोरमी जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती वर्षा विक्रम सिंह ठाकुर सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है मददगार
20 Apr, 2025 08:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस डिजिटल तकनीक से इलाज की गुणवत्ता में हो रहा सुधार
रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़- एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ , कैंसर के स्क्रीनिंग , इलाज और मॉनिटिरिंग में डिजिटल तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है।
आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी से आसानी से साझा कर सकते हैं। इस आईडी की मदद से अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबोटरी के बीच जानकारी साझा करना भी आसान हो गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, इलाज और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए मोबाइल और टैबलेट आधारित ऐप्स तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे काम करना आसान हो गया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिलेगी। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी को एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि बिना आभा आईडी वाले मरीजों में यह केवल 37 प्रतिशत रहा। इसी तरह, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ नियंत्रण में भी आभा से जुड़े मरीजों में सुधार देखा गया। 49 प्रतिशत मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि गैर-जुड़े मरीजों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएचओ की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इस पूरी प्रक्रिया पर सतत निगरानी रख रही है। आभा आईडी को आधार की डेमोग्राफिक जानकारी से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने हिंदी में प्रशिक्षण वीडियो भी बनाया है। छत्तीसगढ़ में यह डिजिटल पहल ना सिर्फ बीमारियों के रोकथाम में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
मजदूरों पर क्रूरता: प्लास से प्राइवेट पार्ट खींचने की घट
20 Apr, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एडवांस मांगने पर कपड़े उतारकर पीटा, करंट के झटके दिए
कोरबा।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में राजस्थान के 2 दलित मजदूरों की बेरहमी से पिटाई की गई। इतना ही नहीं, उन्हें करंट के झटके भी दिए और प्लास से उनके नाखून और प्राइवेट पार्ट को भी खींचा गया। आरोपियों ने दोनों मजदूरों पर चोरी का आरोप लगाते हुए पीटा है। मामला सिविल लाइन थाना इलाके का है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो 14 अप्रैल का बताया जा रहा है जिसमें आरोपी भी राजस्थानी वेशभूषा में दिखे। हालांकि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही 5 आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर लिया है।
बताया जा रहा है कि, दोनों दलित मजदूर भीलवाड़ा जिले से काम करने कोरबा की आइसक्रीम फैक्ट्री आए थे। युवकों का नाम अभिषेक भांबी और विनोद भांबी है। बेरहमी से मारपीट का शिकार हुए दोनों मजदूर वापस राजस्थान अपने गांव चले गए। घर पहुंचकर उन्होंने परिजन को आपबीती बताई। इसके बाद वहीं पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। पीटने वाले 2 आरोपी राजस्थान के हैं, जो उनके परिचित हैं। वहीं 3 आरोपी कोरबा के रहने वाले हैं।
जान बचाने की गुहार लगाता रहा पीडि़त
पीडि़तों ने शिकायत में बताया कि, वे काम के एवज में कुछ एडवांस पैसे मांग रहे थे। इस पर आइसक्रीम फैक्ट्री के मालिकों ने उन पर चोरी का आरोप लगाकर बेरहमी से पिटाई कर दी। वीडियो में युवक जान बचाने की गुहार लगाता रहा। वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक बार-बार हाथ जोड़ते हुए आरोपियों से अपनी जान की सलामती की गुहार लगा रहा है। आरोपी उसे धमकाते हुए उसे पीट रहे हैं और उन्हें गाली-गलौज करते हुए धमकियां दे रहे हैं। वीडियो में युवक बोल रहा है ?कि मेरे पिताजी को बुला लो। जिस पर आरोपी यह कह रहे हैं कि मर जाएगा तो घर ले चले जाएंगे।
कोरबा आ रही है भीलवाड़ा पुलिस की टीम
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की पुलिस ने केस दर्ज कर कोरबा पुलिस से संपर्क किया है। राजस्थान से पुलिस की टीम कोरबा आ रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस की टीम और कोरबा पुलिस मिलकर कार्रवाई करेगी। कोरबा के सीएसपी भूषण ने बताया कि भीलवाड़ा के गुलाबपुर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद हमें इस घटना की जानकारी मिली है। इस मामले में पुलिस ने पहले ही आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और सभी कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस जांच के दौरान आरोपियों और पीडि़तों के बयान दर्ज करेगी। भीलवाड़ा पुलिस की टीम के आने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई होगी। दोषियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
NCERT ने सिलेबस बदला, इसलिए बाजार में नहीं मिल रही इन कक्षाओं की किताबें
19 Apr, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस साल कक्षा चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है। इस कारण अभी तक इनकी किताबें बाजार में नहीं आई हैं। इधर एनसीईआरटी का ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है, जो छात्रों को अगली कक्षा में जाने से पहले, नई शिक्षा नीति और नई पाठ्यक्रम के अनुसार है। यह पाठ्यक्रम मुख्य रूप से कक्षा पांचवीं, छठवीं, सातवीं और आठवीं के लिए तैयार किया है।
स्कूल शुरू, लेकिन किताबें नहीं
एक अप्रैल से स्कूल शुरू हो चुके हैं और अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे बच्चों के पुस्तकें लेकर भेजें। इस कारण अभिभावक भी परेशान हैं, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों का उपयोग सुनिश्चित कराया जाए।
ब्रिज कोर्स से पढ़ाई
केंद्रीय विद्यालय-1 के प्राचार्य अशोक चंद्राकर ने बताया कि इस बार एनसीईआरटी ने सभी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्रिज कोर्स दिया है। पिछली कक्षा के कुछ विषयों को लेकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा और उन्हें रिकाल करवाया जा रहा है। वहीं सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उनके पास जो किताबें हैं, वे अभी वही बच्चों को पढ़ाएंगे। सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि पाठ्यक्रम बदलाव से पूरी किताबें छप नहीं पाई हैं, जिससे बच्चों को नई किताबें मिलने में देरी हो रही है। इससे सीबीएसई और केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। इन कक्षाओं के हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के कोर्स में बदलाव किया है। विद्यार्थियों को बदले हुए पाठ्यक्रम की किताबें जुलाई से मिलने की संभावना है।
छग हाईकोर्ट: आपसी सहमति से तलाक, तो भी मासिक खर्च का भुगतान करना होगा
19 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर: पति-पत्नी आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं तो भी पति को पत्नी को भरण-पोषण देना होगा। यह फैसला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल ने तलाक और भरण-पोषण के मामले में दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक तलाकशुदा पत्नी दूसरी शादी नहीं कर लेती, तब तक वह भरण-पोषण पाने की हकदार है। पति की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह अपनी पूर्व पत्नी को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे। इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति के बाद भी पति को भरण-पोषण के लिए भत्ता देना होगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए पति की याचिका खारिज कर दी है।
पीड़िता ने दायर की थी याचिका
दरअसल, मुंगेली जिले के एक युवक-युवती ने 12 जून 2020 को शादी की थी। कुछ समय बाद ही उनके बीच विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद महिला ने आरोप लगाया कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है और घर से निकाल दिया गया है। 27 जून 2023 को महिला ने मुंगेली के फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर कर 15 हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग की। उसने बताया कि उसका पति ट्रक ड्राइवर है और खेती से भी सालाना दो लाख रुपए कमाता है।
फैमिली कोर्ट ने 3000 रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का दिया आदेश
युवक ने कोर्ट में दावा किया कि पत्नी बिना वजह ससुराल छोड़कर चली गई है। जिसके बाद 20 फरवरी 2023 को दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। इसलिए वह किसी भी तरह से गुजारा भत्ता देने का हकदार नहीं है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैमिली कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में महिला को 3000 रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।
फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती, याचिका खारिज
युवक ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि महिला ने दूसरी शादी कर ली है और अब वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। इसके समर्थन में प्रकाश ने कथित पंचनामा और कवरिंग लेटर दाखिल किया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे कानूनी रूप से अप्रासंगिक करार दिया क्योंकि यह सत्यापित नहीं है। जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि तलाकशुदा पत्नी तब तक भरण-पोषण पाने की हकदार है जब तक वह दोबारा शादी नहीं कर लेती।
छत्तीसगढ़ में गैर-संचारी रोगों के उपचार में मददगार है आभा आईडी
19 Apr, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़- एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ , कैंसर के स्क्रीनिंग , इलाज और मॉनिटिरिंग में डिजिटल तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है।
आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी से आसानी से साझा कर सकते हैं। इस आईडी की मदद से अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबोटरी के बीच जानकारी साझा करना भी आसान हो गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, इलाज और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए मोबाइल और टैबलेट आधारित ऐप्स तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे काम करना आसान हो गया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिलेगी। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी को एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि बिना आभा आईडी वाले मरीजों में यह केवल 37 प्रतिशत रहा। इसी तरह, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ नियंत्रण में भी आभा से जुड़े मरीजों में सुधार देखा गया। 49 प्रतिशत मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि गैर-जुड़े मरीजों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएचओ की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इस पूरी प्रक्रिया पर सतत निगरानी रख रही है। आभा आईडी को आधार की डेमोग्राफिक जानकारी से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने हिंदी में प्रशिक्षण वीडियो भी बनाया है। छत्तीसगढ़ में यह डिजिटल पहल ना सिर्फ बीमारियों के रोकथाम में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छत्तीसगढ़ को मिली बड़ी सौगात
19 Apr, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शानदार और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की 12वीं राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान आज छत्तीसगढ़ को देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में द्वितीय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार दिया गया है। राज्य के मोहला-मानपुर-चौकी और सक्ती को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के रूप में चुना गया है। यह दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन 18-19 अप्रैल 2025 को तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मान आज भारत सरकार के कैबिनेट सचिव कृषि के हाथों छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से संयुक्त संचालक बी.के. मिश्रा और उप संचालक उद्यानिकी नीरज शाह ने प्राप्त किया। इसके साथ ही मोहला-मानपुर-चौकी जिले की कलेक्टर श्रीमती तूलिका प्रजापति और सक्ती जिले के कलेक्टर टोपनो ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले का पुरस्कार प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों, कृषि मंत्री राम विचार नेताम के मार्गदर्शन और कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के किसानों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए कृषि विभाग की टीम को बधाई दी और किसानों को समय पर लाभ पहुंचाने के लिए चल रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भी छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।