छत्तीसगढ़
जब महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही लगाया पुलिस पर आरोप: रायपुर कलेक्ट्रेट में गूंजी पीड़ितों की आवाज
6 Jun, 2025 06:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया के. रहाटकर अपने पहले छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंची। इस दौरान राजधानी रायपुर के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष गुरुवार को अस्थायी अदालत में तब्दील हो गया। प्रवास पर आईं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया के. रहाटकर ने यहां महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की जनसुनवाई की। रायपुर पुलिस द्वारा सौंपे गए 22 मामलों के प्रतिवेदन पर सुनवाई की गई, जिनमें मानसिक प्रताड़ना, शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी जैसे गंभीर प्रकरण शामिल रहे।
महिला अभ्यर्थियों ने की पुलिस की शिकायत, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिए निर्देश
जनसुनवाई के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष ने कई प्रकरणों में दोनों पक्षों को सुनने के बाद तत्काल आदेश जारी किए। कुछ मामलों में संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्रवाई तय करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान महिला अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से पुलिस की शिकायत भी की। उन्होंने आरोप लगाए कि पुलिस मामलों को दबाने की कोशिश करती है। बलौदाबाजार से आए एक शिक्षक ने हाथ जोड़कर अपना मुकदमा निपटाने की अपील भी की।
बीपीओ केंद्र का किया निरीक्षण, ग्रामीण युवतियों की सराहना
जनसुनवाई के बाद विजया रहाटकर ने कलेक्ट्रेट के सामने मल्टीलेवल पार्किंग में संचालित बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) केंद्र का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने कार्यरत कर्मचारियों से संवाद कर कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस दौरान दंतेवाड़ा जिले की गीदम निवासी निधि पूर्ति से विशेष बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि छोटे से गांव से राजधानी में आकर कार्य कर रहीं निधि पूर्ति जैसी बेटियां अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
पर्यावरण दिवस पर पौधा भेंट कर किया स्वागत
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के पहले छत्तीसगढ़ प्रवास पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक और अन्य सदस्यों ने नया रायपुर स्थित सर्किट हाउस में पौधा भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर पर्यावरण दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए विजया रहाटकर ने कहा कि महिला आयोग की भूमिका समाज में बदलाव लाने वाली है। उन्होंने राज्य महिला आयोग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यहां महिलाओं की समस्याओं का प्रभावी समाधान किया जा रहा है।
इस मौके पर आयोग की राष्ट्रीय सदस्य ममता कुमारी, रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर गौरव सिंह, एसएसपी लाल उम्मेद सिंह, बिलासपुर की महापौर पूजा विधानी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक सहित पुलिस और विभिन्न विभागों के अधिकारी, अधिवक्ता एवं प्रकरणों से संबंधित पक्षकार उपस्थित रहे।
शैक्षणिक सत्र शुरू, पर किताबें नदारद: 'पुस्तक निगम' ने नहीं पूरी की छपाई, कैसे पढ़ेंगे बच्चे?
6 Jun, 2025 03:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रदेश में 16 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है। सरकारी स्कूलों के 50 लाख विद्यार्थियों को निः शुल्क दी जाने वाली किताबों का प्रकाशन अभी पूरा नहीं हो सका है। इससे स्कूल खुलने पर बच्चों के बस्ते खाली रहने की आशंका गहराती जा रही है। ऐसा, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की लापरवाही के चलते हुआ है।
दरअसल, पुस्तकों के प्रकाशन में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार ने उन पर क्यूआर कोड लगाने के निर्देश दिए थे। निगम प्रबंधन ने इस आदेश को शुरू में अनदेखा कर दिया। बाद में गलती का अहसास हुआ। इसके चलते किताबों के प्रकाशन में देरी हो रही है।
बता दें कि पहली से 10वीं तक लगभग दो करोड़ से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित करनी है। प्रदेश में पहली से 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सभी किताबें निः शुल्क दी जाती है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के छात्रों को किताबें मुहैया कराती है। इधर, किसी भी हालत स्कूल खुलने के पहले 10 जून को स्कूलों का पहुंचाना होता है, लेकिन अभी जो स्थिति बनी हुई उसको देखते हुए जुलाई तक पहुंचाने की संभावना दिखाई दे रही है।
पुस्तक में क्यूआर कोड का फायदा
इस साल राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) की सभी पुस्तकों में क्यूआर कोड का उपयोग किया जा रहा है। यह क्यूआर कोड आइआइटी भिलाई की सहयोग से तैयार किया गया है। यह सिस्टम पुस्तकों की ट्रैकिंग और वितरण की निगरानी करने के लिए है। प्रत्येक पुस्तक पर छपाई के समय एक विशिष्ट क्यूआर कोड अंकित किया गया है, जो पुस्तक को पहचानता है और उसे ट्रैक करने में मदद करता है। क्योंकि यह उपाय भ्रष्टाचार को रोकने के लिए गया है।
छत्तीसगढ़ बोर्ड की ओर से वितरित की जाने वाली पुस्तकें
कक्षा 1 और 2 के लिए- हिंदी, अंग्रेजी और गणित
कक्षा 3री से 5वीं तक के लिए - हिंदी, अंग्रेजी, पर्यावरण- विज्ञान, गणित और योग कला के लिए (बांसुरी)
कक्षा 6वीं से 10वीं तक - हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, (इतिहास, भूगोल, नागरिकशास्त्र) और संस्कृत
स्कूलों तक पहुंचाने के निर्देश
पिछले बार जिस तरह से किताबों की घोटाला सामने आया था उसको देखते हुए डिपो संचालक सीधे स्कूलों तक किताबें पहुंचाने के कार्य में लगे हुए हैं। पहले डिपो संचालक जिला स्तर या संकुल स्तर में ही किताबें पहुंचाने का कार्य करते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। वहीं, पहले निजी स्कूल के संचालकों के लिए जिला मुख्यालय से किताबें उठाने की व्यवस्था थी। इस बार इसमें भी बदलाव कर दिया है। अब निजी स्कूल संचालकों अपनी किताबें
सीधे डिपो से ही लेना होगा।
छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के वरिष्ठ प्रबंधक जुगनू सिंह ने बताया कि इस साल सभी किताबों में बारकोड लगाए जा रहे हैं। इस कारण प्रकाशन में थोड़ी देरी हुई है। हमारा प्रयास है जितनी जल्दी हो सके, स्कूलों तक किताबें पहुंचाना। अभी सभी जिलों में किताबें पहुंचाई जा रही हैं।
नकली बीज का कारोबार उजागर! नामी कंपनियों के नाम पर किसानों को ठग रहे, फैक्ट्री पर छापा
6 Jun, 2025 02:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंबिकापुर में नकली धान और मक्का बीज के अवैध कारोबार का राजफाश हुआ है। अंबिकापुर के गंगापुर इलाके में जिला प्रशासन और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने एक अवैध नकली बीज निर्माण और पैकिंग फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकली धान और मक्के के बीज बरामद किए हैं।
बता दें कि छापे के दौरान फैक्ट्री से हजारों तैयार पैकेट, पैकिंग सामग्री, सीलिंग मशीन, केमिकलयुक्त रंगीन तरल और नामी बीज कंपनियों नकली पैकेट बरामद किए गए। कुछ पैकेट खाली थे तथा कुछ पैकेटों में बीज भरा हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और बड़ी मात्रा में नकली बीज बाजार में खप चुके हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, तहसीलदार उमेश कुमार बाज और कृषि विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गंगापुर क्षेत्र में नकली बीज की एक फैक्ट्री संचालित हो रही है। सूचना की पुष्टि होते ही टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री पर छापा मारा। छापे के वक्त फैक्ट्री के बाहर एक ट्रक खड़ा था। इस ट्रक से 750 बोरी धान मंगाए गए थे। धान की बोरियों को रायगढ़ के सरिया और चंद्रपुर से लोड किया गया था।
इसी प्रकार स्थानीय धान से नकली बीज तैयार करने के खेल की पुष्टि जांच के दौरान हुई। फैक्ट्री के भीतर बड़े पैमाने पर नकली बीजों की पैकिंग की जा रही थी। धान और मक्के को रंगीन केमिकल में डुबोकर उन्हें नया और आकर्षक दिखाया जा रहा था, फिर इन्हें नामी कंपनियों के खाली पैकेटों में भरकर सील किया जा रहा था।
रात में चलती थी मशीनें, दिन में पैकेजिंग का काम
धान और मक्के की नकली बीज तैयार करने वाली फैक्ट्री खुले जगह पर थी। अगल-बगल मकान थे और बीच में रिक्त जगह पर सामने लोहे के टिन से घेरा किया गया था। इसके पीछे दो कमरे थे। बीच के खाली हिस्से को तिरपाल और प्लास्टिक से ढक कर वहां नकली बीज तैयार किया जा रहा था। जांच में पता चला कि रात को यहां मशीनें चलती थी। स्थानीय धान और मक्का की खरीदी कर उसमें केमिकलयुक्त रंग मिलाकर बीज तैयार किया जाता था। रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक नकली बीज तैयार होता था। उस दौरान मशीनों से आवाज आती थी। दिन में नकली बीजों की पैकेजिंग का काम चलता था।
किसानों को गुमराह करने की साजिश
मौके से बड़ी संख्या में नामी कंपनियों के खाली पैकेट मिले हैं। इससे साफ जाहिर है कि किसानों को भ्रमित कर उनकी मेहनत और फसलों से छलावा करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही थी। ये पैकेट बाजार में बिकते असली बीजों जैसे ही दिखते हैं, जिससे आम किसान के लिए नकली और असली में फर्क कर पाना लगभग असंभव होता। यदि बाजार में यह नकली धान और मक्का बीज खप गया होगा तो किसानों को नुकसान हो सकता है।
संचालक फरार, एफआइआर की तैयारी
फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों ने बताया कि इसका संचालन इंद्रजीत नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जो छापे के समय मौके से फरार हो गया। प्रशासन ने ट्रक को भी जब्त कर लिया है और मामले में एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तहसीलदार उमेश कुमार बाज ने बताया कि फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है और संचालक की तलाश जारी है। प्रशासन का कहना है कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं बल्कि आपराधिक षड्यंत्र का मामला है, जिसमें खाद्य सुरक्षा, कृषि कानून और किसान हितों का गंभीर उल्लंघन हुआ है।
सतर्क रहें किसान, बीज खरीद में सावधानी बरतें
प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बीज खरीदते समय लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही खरीदारी करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या सामग्री की तत्काल सूचना नजदीकी कृषि कार्यालय या प्रशासनिक अमले को दें।यह केवल एक फैक्ट्री की बात नहीं है। संभाग के दूसरे जिलों में भी ऐसे गिरोह सक्रिय हो सकते हैं जो किसानों की मेहनत को निशाना बना रहे हैं।
रायपुर एम्स में अत्याधुनिक 'न्यूक्लियर मेडिसिन' सुविधा शुरू, कैंसर का जल्द पता लगाना होगा आसान
6 Jun, 2025 02:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजधानी रायपुर स्थित एम्स प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से है। जहां लगभग हर तरह के रोगों का इलाज किया जाता है। रायपुर का एम्स अब कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने में और भी आगे बढ़ गया है।
बता दें कि एम्स ने अपने न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में एक खास मशीन लगाई है, जिसे आटोमेटेड रेडियो सिंथेसाइजर और गैलियम जनरेटर कहते हैं। इस नई मशीन के आने से एम्स रायपुर छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां कैंसर का पता लगाने वाले खास इंजेक्शन (जिन्हें रेडियोट्रेसर कहते हैं) खुद ही बनाए जा सकेंगे। पहले ये इंजेक्शन बाहर से मंगवाने पड़ते थे।
क्या फायदा होगा मरीजों को?
अब एम्स में पीईटी स्कैन की सुविधा और बेहतर हो गई है। इससे कैंसर का जल्दी पता लगाने, वो शरीर में कितना फैल चुका है ये जानने और हर मरीज के लिए अलग से इलाज तय करने में मदद मिलेगी। कुछ खास कैंसर जैसे प्रोस्टेट कैंसर, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर और कुछ ऐसे कैंसर जिनमें आम स्कैन काम नहीं आते, उनके लिए भी अब बहुत सटीक जांचें हो पाएंगी। इससे इंसुलिनोमा जैसी बीमारियों का भी सही जगह पता चल सकेगा।
मरीजों का इलाज होगा आसान
डाक्टरों का कहना है कि ये नए इंजेक्शन बीमारियों का पता लगाने में बहुत सटीक हैं, खासकर उन बीमारियों में जो जटिल होती हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अपनी दवाएं खुद बनाने से मरीजों को जल्दी इलाज मिल पाएगा और बाहर की कंपनियों पर निर्भरता भी कम होगी। यह नई सुविधा कैंसर के इलाज में एक नई क्रांति लाएगी, खासकर प्रोस्टेट, पेट और स्तन कैंसर में।
माओवादी आंदोलन को बड़ा झटका: वैचारिक गुरु सुधाकर उर्फ टीएलएन चालम मारा गया
6 Jun, 2025 02:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में माओवाद के खिलाफ इस ऑपरेशन में जवानों को बड़ी सफलताएं मिल रही हैं. 2004 की आंध्र प्रदेश सरकार और माओवादी संगठनों के बीच हुई ऐतिहासिक शांति वार्ता में एक नाम प्रमुखता से सामने आया था- सुधाकर उर्फ तेन्टू लक्ष्मी नरसिम्हा चालम. एक ओर वो माओवादी संगठन की रणनीतिक धुरी था, तो दूसरी ओर वार्ता की मेज़ पर सरकार से आमने-सामने बात करने वाले गिने-चुने शीर्ष नेताओं में से एक था.
नल्लमाला के जंगलों से निकलकर गुट्टिकोंडा बिलम की जनसभा और फिर हैदराबाद की वार्ता टेबल तक पहुंचना, सुधाकर के राजनीतिक सफर का एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ. एक ऐसा मोड़, जहां हिंसा के लंबे दौर के बीच संवाद की उम्मीद जागी थी.
कौन था सुधाकर?
तेन्टू लक्ष्मी नरसिम्हा चालम, जिन्हें सुधाकर, गौतम, आनंद, आरआर, चांति बालकृष्ण, सोमन्ना जैसे कई उपनामों से जाना जाता है. वो माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति (CCM) के सदस्य है. वो तकनीकी टीम और क्षेत्रीय राजनीतिक विद्यालय (REPOS) के प्रभारी भी था. सुधाकर पर इनाम घोषित था और वह तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सक्रिय माओवादी नेटवर्क का अहम हिस्सा माना जाता था. बीजापुर जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में सुधाकर को मार गिराया गया.
आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले के प्रगदवरम गांव के निवासी सुधाकर की उम्र 2025 में 65 वर्ष थी. वो वेलमा जाति (पिछड़ा वर्ग) से आता था. बताया जाता है कि उनके पिता, रामकृष्ण नायडू, विजयनगरम से एलुरु जिले में आकर बसे थे. माता का निधन लगभग पांच वर्ष पूर्व हुआ. उसका भाई आनंद राव अब भी सत्यवलु गांव में रहता है.
शिक्षा से लेकर माओवाद जीवन का सफर
सुधाकर ने कक्षा 6वीं से 10वीं तक की पढ़ाई ZP हाई स्कूल पेदापाडु गांव से की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई सीआर रेड्डी कॉलेज एलुरु से की. इसके बाद उसने आयुर्वेदिक चिकित्सा की पढ़ाई विजयवाड़ा में शुरू की लेकिन बीच में छोड़ दी. पढ़ाई से रुचि हटने के बाद उसने माओवाद का रुख अख्तियार कर लिया. उसने 2001 से 2003 तक आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल ज़ोन कमेटी (AOBSZC) के सचिव के रूप में कार्य किया.
2004 में सुधाकर उस समय चर्चा में आए जब माओवादी संगठन PW (People’s War) और जनशक्ति (JS) के प्रतिनिधियों के साथ आंध्र प्रदेश सरकार की वार्ता टीम में शामिल हुए. सुधाकर उस समय नल्लमाला जंगल से बाहर आए और गुट्टिकोंडा बिलम में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. सुधाकर की पत्नी ककराला गुरु, एलियाज उर्फ गुजरी भी एक सीनियर माओवादी लीडर है. जो एक मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल में है. जो माओवादियों को अत्याधुनिक रूप से संगठनात्म गतिविधियों की शिक्षा और प्रचार प्रसार के तरीकों से ट्रेंड करती थी.
शांति वार्ता में मुख्य भूमिका
11 अक्टूबर 2004 को सुधाकर, रामकृष्ण उर्फ RK (APSC सचिव), और गणेश (NTSZC सदस्य) ने माओवादी संगठन का प्रतिनिधित्व करते हुए पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आकर वार्ता प्रक्रिया की शुरुआत की. अगले दिन हैदराबाद पहुंचने के बाद उन्हें मंजेरा गेस्ट हाउस में ठहराया गया. 15 से 18 अक्टूबर तक डॉ. एमसीआर IHRD, हैदराबाद में आयोजित वार्ता के दौरान कई अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई.
हथियार डालने की संभावनाएं
बातचीत के दौरान संघर्ष विराम बनाए रखना
अतिरिक्त भूमि का वितरण
राजनीतिक कैदियों की रिहाई
क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े लोगों पर दर्ज मामलों को वापस लेना
माओवादियों के सिर पर घोषित इनामों को हटाना
निजी सशस्त्र गिरोहों पर कठोर कार्रवाई करना
यह बातचीत उस समय के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल थी, लेकिन यह लंबे समय तक टिक नहीं सकी.
माओवादी संगठन में बाद की भूमिका
2007 में सुधाकर ने REPOS (क्षेत्रीय राजनीतिक विद्यालय) में काम किया और फिर माड़ क्षेत्र में सक्रिय हो गया. वो तकनीकी टीम का प्रमुख सदस्य रहा, जो संगठन के संचार और रणनीतिक समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
विवाद और आपराधिक मामले
सुधाकर पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें पुलिस के साथ मुठभेड़ और हिंसक घटनाएं शामिल हैं:
17 मार्च 2003 – सिलेरु थाना, ASR जिला: बल्लुनिरी गांव के पास मुठभेड़, जिसमें दो माओवादी मारे गए.
21 जून 2006 – मक्कुवा थाना, PVP मन्यम जिला: येरे समंथला वलसा गांव के पास मुठभेड़.
2007 – एल्विनपेटा थाना क्षेत्र: IPC की धारा 307, 120(b) और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं.
2008 – अन्नवरम थाना क्षेत्र: हत्या, लूट, अपहरण और आर्म्स एक्ट के तहत गंभीर धाराएं.
आज की स्थिति
2025 में भी सुधाकर माओवादी संगठन के सक्रिय और महत्वपूर्ण नेता बना हुआ था. तकनीकी ढांचे, वैचारिक शिक्षा और संगठनात्मक संचार का संचालन कर रहा था. उसके जैसे नेताओं की गतिविधियां आज भी कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई हैं.
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, एक नक्सली ढेर; हथियार बरामद
5 Jun, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर है. यहां पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ चल रही है. इस गोलीबारी में एक नक्सली ढेर हुआ है. मौके से पुलिस ने ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद किए हैं. इलाके में अब भी मुठभेड़ जारी है. माना जा रहा है यहां जवानों को बड़ी सफलता मिल सकती है.
सूचना पर निकली थी फोर्स
दरअसल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है. इसमें कई नक्सली ढेर हो रहे हैं. एक बार फिर से पुलिस को सूचना मिली थी कि बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व एरिया में बड़े नक्सलियों की मौजूदगी है. इस सूचना के बाद जिले से पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया. यहां जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई. दोनो ओर से गोलीबारी चल रही है.
एक नक्सली ढेर
बताया जा रहा है कि इस गोलीबारी में पुलिस ने एक नक्सली को मार गिराया है. मौके से ऑटोमेटिक हथियार भी जवानों ने बरामद किए हैं. इलाके में अब भी पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलीबारी चल रही है. माना जा रहा है कि और भी नक्सली इस गोलीबारी में मारे जा सकते हैं.
इंजीनियरों ने पेड़ के लिए बदल दिया घर का नक्शा! तीन मंजिला मकान के बीच से निकला पेड़
5 Jun, 2025 03:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
123 वर्ष पुराने एक पीपल विशाल वृक्ष को संरक्षित करने आज से लगभग 25 वर्ष पहले बनाए गए मकान का डिजाइन अद्भुत और अकल्पनीय बना दिया।
राजनांदगाव जिले के गिडिया परिवार आज 5 जून को पर्यावरण संरक्षण का संदेश पर अच्छा संदेश दे रहे है। गिड़िया परिवार ने लगभग 123 वर्ष पुराने एक पीपल विशाल वृक्ष को संरक्षित करने आज से लगभग 25 वर्ष पहले बनाए गए मकान का डिजाइन अद्भुत और अकल्पनीय बना दिया। पीपल के इस वृक्ष को बचाने के लिए परिवार के लोगों ने अपनी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा।
घर के भीतर से निकला विशालकाय पेड़
शहर के सुशील गिड़िया का मकान आम घरों की तरह नहीं है। यहां घर के भीतर एक विशालकाय पीपल का वृक्ष है। यहां मकान निर्माण करते समय पीपल के वृक्ष को काटने की बजाय इसे जीव दया और पर्यावरण का संदेश देने के लिए वृक्ष के साथ ही मकान का निर्माण कर दिया गया। यह वृक्ष घर के भूतल से लेकर तीन मंजिला इमारत को पार करते हुए छत से निकलकर फैला हुआ है। घर के कुछ कमरों में पीपल के विशाल काय वृक्ष के तने दिखाई देते हैं। जो काफी मोटे और आकार में भी बड़े हैं। वही किचन के भीतर वृक्ष का दो तना है, जो काफी बड़ा है।
पेड़ो में देवी देवताओं का होता है वास
सुशील गिड़िया कहते हैं कि वृक्ष में देवी देवताओं का वास होता है, वही वृक्ष एक जीव भी है। ऐसे में जब घर का निर्माण हो रहा था तो परिवार के सभी लोग इस वृक्ष को नहीं काटना चाहते थे, क्योंकि यह वृक्ष घर के आंगन में लगा हुआ था और काफी पुराना था, बाप-दादाओ की इस वृक्ष से आस्था जुड़ी हुई थी।
सीढ़ियों की जगह बना दिया पुल
आमतौर पर सभी घरों में ऊपर मंजिल में जाने सीढ़ियां रहती हैं लेकिन सुशील गिड़िया के इस मकान में ऊपर मंजिल में जाने सभी जगह सीढ़ियां नहीं है । जिसका कारण पीपल का यह वृक्ष है। यहां सीढ़ियां को घूमने के लिए जब जगह नहीं मिला तो सुशील के भाई भागचंद गिडिया जो पुल निर्माण में इंजीनियर है उन्होंने देखा कि पेड़ की वजह से सीढ़ियां नहीं घूम रही है तो उन्होंने घर के कुछ कमरों में जाने सीढ़ियों से सीधा पुल बना दिया ।
फर्जी CBI अधिकारी ने की 10 लाख की ठगी, पुलिस जांच में जुटी
5 Jun, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर खुद को एयरपोर्ट में पदस्थ सीबीआई अधिकारी बताकर एक महिला से 10 लाख 14 हजार रुपए ठगी का मामला सामने आया है। पीड़िता ने इसकी रिपोर्ट बांकीमोंगरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पुलिस ने बताया कि सिविल लाइन बांकीमोंगरा कालोनी निवासी सुमिता शर्मा उम्र 40 वर्ष के पास १६ मई को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया। महिला ने कॉल उठाया। ठग ने पहले तो उसने खुद को महिला क दोस्त बताया और गिफ्ट भेजने की बात कही। इसके बाद उसी दिन दूसरे नंबर से वीडियो कॉल किया और ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया।
10 लाख रुपए की ठगी
वीडियो कॉल में ठग वर्दी पहना हुआ था। उसने कहा कि एक पार्सल आया है। उसे खोलकर दिखाया, जिसमें जेवर और बहुत सारे रुपए थे। ठग ने कहा कि इस पार्सल में नाम और पता लिखा हुआ है, जिसमें सोने के आभूषण, विदेशी करंसी आदि भेजा जा रहा था। यह एयरपोर्ट में जांच के दौरान पकड़ा गया है।
उसने झांसे में लेते हुए कहा कि पार्सल भेजने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इसके खिलाफ एयरपोर्ट थाने में केस दर्ज किया गया है। ठग ने कहा कि मामले में बचने के लिए रुपए की मांग की। इससे महिला डर गई और ठग गिरोह के झांसे में आ गई।
महिला को ठगी का हुआ अहसास
इसके बाद ठग ने पहले तो एक खाता नंबर देकर 10 हजार रुपए मांगे। जब खाते में 10 हजार रुपए आए, इसके बाद अलग-अलग किस्तों में अलग-अलग खातें में रुपए भेजने के लिए कहा गया। महिला मामले से बचने के चक्कर में एक सप्ताह के भीतर 10 लाख 14 हजार रुपए का भुगतान कर दिया। इसके बाद भी ठग नहीं रुका और किस्त बढ़ाते हुए रुपए मांगने लगा। तब महिला को ठगी का अहसास हुआ। उसने इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई। पुलिस मामले में ठगी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हिट एंड रन: तेजी रफ़्तार पिकअप ने ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी को रौंदा, आरोपी चालक फरार
5 Jun, 2025 02:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: राजधानी के तेलीबांधा चौक पर एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने ड्यूटी पर तैनात दो ट्रैफिक पुलिस जवानों को रौंद दिया. यह खौफनाक हिट एंड रन हादसा बुधवार रात करीब 9:30 बजे हुआ, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. घटना में ट्रैफिक जवान रज्जब खां और केशव क्षत्रिय गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. रज्जब का हाथ और केशव का पैर टूट गया है. दोनों को तुरंत रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है.
कैसे हुआ हादसा?
चश्मदीदों के मुताबिक, टाटीबंध की ओर से आ रही महाराष्ट्र नंबर की तेज़ रफ्तार पिकअप ने सिग्नल तोड़ा और ट्रैफिक जवानों को जानबूझकर टक्कर मार दी. टक्कर के बाद चालक पिकअप लेकर महासमुंद रोड की ओर फरार हो गया. इस दौरान पिकअप ने कुछ अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया.
आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने वाहन नंबर ट्रेस कर लिया है और फरार चालक की तलाश तेज कर दी गई है. अधिकारी इसे गंभीर आपराधिक कृत्य मानते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. राजधानी में चौराहों पर ड्यूटी कर रहे जवानों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम की मांग उठने लगी है. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी ने घटना का वीडियो या तस्वीर ली है, तो वह जांच में मदद करें.
वनभूमि पर मत्स्य पालन का ठेका गैरकानूनी, सांसद महंत ने की कार्रवाई की मांग
5 Jun, 2025 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरबा: कोरबा की लोकसभा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखकर हसदेव बांगो जलाशय में मछली पालन से जुड़े टेंडर को तत्काल निरस्त करने की मांग की है. सांसद ने कहा है कि टेंडर कार्य वन अधिकार अधिनियम, 2006 का उल्लंघन है और इससे स्थानीय मछुवारों के अधिकारों का हनन हो रहा है. पत्र में बताया गया है कि हसदेव बांगो जलाशय, जो कि औसतन 11,500 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है, वनभूमि पर स्थित है. इसके बावजूद 10 वर्षों के लिए मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्रय के लिए टेंडर जारी किया गया है, जिसकी वार्षिक लीज राशि करीब 10.68 लाख रुपये निर्धारित की गई है.
वन भूमि पर टेंडर देना गैरकानूनी
सांसद महंत ने कहा कि वन भूमि पर बने जलाशयों में मत्स्य पालन का अधिकार वनवासी समुदायों को है, और यह अधिकार उन्हें वन अधिकार अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत 31 दिसंबर 2007 से ही प्राप्त है. ऐसे में किसी भी निजी संस्था को इस पर ठेका देना पूरी तरह गैरकानूनी और वन अधिकार अधिनियम के खिलाफ है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि मछली पालन विभाग की नीतियां वनभूमि पर लागू नहीं हो सकतीं क्योंकि यहां विशेष अधिनियम लागू है. इसलिए सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि टेंडर प्रक्रिया तुरंत रद्द कर, हसदेव बांगो जलाशय पर मछुवारों को निर्बाध रूप से उनका परंपरागत अधिकार दिया जाए.
मारपीट के बाद मानसिक तनाव में युवक ने की आत्महत्या, परिजनों ने थाने पर किया धरना
5 Jun, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाटापारा: भाटापारा में शहीद वीर नारायण सिंह वार्ड निवासी युवक की आत्महत्या के बाद मामला गरमा गया है. मृतक के परिजन बुधवार को उसका शव लेकर भाटापारा ग्रामीण थाना पहुंचे और थाना के सामने धरना देते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगे.
जानकारी के अनुसार, घटना 4 जून की है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी, जिससे मानसिक तनाव में आकर उसने घर जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद से क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है. परिजनों का कहना है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. थाना परिसर में भीड़ जुटने से पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, परिजनों को समझाइश देने की कोशिश की जा रही है.
53 वर्षीय शख्स ने 13 साल की मासूम बच्ची से किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
5 Jun, 2025 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोंडागांव: कोंडागांव शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में एक शर्मनाक घटना सामने आई है. 53 वर्षीय एक शख्स ने 13 साल की मासूम बच्ची का शारीरिक शोषण किया. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने मासूम को जान से मारने की धमकी देकर अपने घर बुलाया और उसके साथ जबरन हैवानियत की. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी श्यामलाल सेन को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है.
कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. उधर, इस घटना से क्षेत्र में आक्रोश है और लोग आरोपी को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं. कोंडागांव जिले में बच्चों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है. थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके.
सुपर फुड मुनगा से कोकड़ी की महिलाओं को रही लाखों की कमाई
4 Jun, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : औषधीय गुणों से भरपूर सुपर फुड मुनगा की फसल लेकर धमतरी जिले के ग्राम कोकड़ी की महिलाएं अपनी आमदनी दुगुना कर रहीं हैं। मुनगा को सब्जी के तौर पर तो उपयोग किया ही जाता है। इसके साथ ही मुनगे की पत्तियों का पावडर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट के साथ ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। यही वजह है कि महिलाएं मुनगा की बिक्री ना केवल आसपास के बाजारों में कर रहीं हैं, बल्कि राजधानी रायपुर में भी इसकी सप्लाई कर रहीं हैं। इससे उन्हें दुगुनी आमदनी मिल रही है।
सरकार में मिल रही है मदद
धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड स्थित ग्राम पंचायत कोकड़ी की जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रामेश्वरी साहू बतातीं हैं कि उनके समूह में 12 सदस्य हैं, जो मिल-जुलकर मुनगे की खेती कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि गांव के खाली पड़े लगभग साढ़े तीन एकड़ से अधिक की भाठा जमीन पर मिश्रित खेती करने के लिए उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 11 लाख 44 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसके बाद महिलाओं ने इस भाठा जमीन पर साल भर मेहनत किया और उनके द्वारा लगाए गए पौधे लहलहाने लगे। इन पौधों में मुनगा के अलावा करौंदा, आंवला और नींबू के पौधे शामिल हैं। मुनगे के पेड़ों में फल जल्दी लगने लगे और साल में दो फसल मिलने लगी। इससे महिलाओं को दुगुनी आय मिल रही है। साहू बताती हैं कि उनके इस अभिनव प्रयोग को देखने के लिए जिले के अन्य गांव के लोग भी आते हैं और उनसे इसका प्रशिक्षण भी लेकर जाते हैं।
आजकल खेती के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है और आधुनिक तरीके से भी लोग खेती कर रहे हैं। धान, गेहूं, दलहन-तिलहन के अलावा अब लोग सब्जियों की फसल लेने में आगे आ रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं। मुनगा का पौधा किसी भी जमीन पर आसानी से उगने और कम पानी में भी जल्द फल देने वाला पौधा है। इसमें प्रोटिन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी, सी और ए की मात्रा भरपूर होती है। मुनगा के जड़, छाल, फूल, पत्तियां और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत से भी सीधा रिश्ता रखता है। मुनगे के इसी गुण के कारण इसकी अच्छी खासी मांग रहती है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना बनी रजनीकांत के लिए वरदान
4 Jun, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना ने प्रदेश के आम नागरिकों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली पैदा करने की सुविधा दी है, जिससे न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ पहुंच रहा है। घरों में रूफटॉप सोलन सिस्टम लगाए जाने से बिजली बिल शुन्य हो रहा है, इससे उपभोक्ता बिजली के लिए आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।
सरकार से मिल रही है सब्सिडी
इसी योजना से लाभान्वित हुए हैं जांजगीर-चांपा जिले के चांपा नगर निवासी रजनीकांत राठौर। उन्होंने अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया है, जिसकी कुल लागत 1.80 लाख रुपए रही। इसमें उन्हें सरकार की ओर से 78 हजार रुपए की सब्सिडी प्राप्त हुई। राठौर ने बताया कि पहले उनका बिजली बिल काफी ज्यादा आता था, लेकिन अब बिल पूरी तरह शून्य हो गया है। उन्होंने इस योजना को आमजन के लिए आर्थिक रूप से राहत देने वाली और पर्यावरण हितैषी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत राज्य के पात्र उपभोक्ताओं को 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की जा रही है। योजनांतर्गत 0 से 105 यूनिट मासिक खपत के लिए 1 से 2 किलोवाट सोलर प्लांट पर 30 हजार से 60 हजार रुपए तक अनुदान, 150 से 300 यूनिट मासिक खपत के लिए 2 से 3 किलोवाट सोलर प्लांट पर 60 हजार से 78 हजार रुपए तक अनुदान, औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान का प्रावधान है।
इस योजना ने छत्तीसगढ़ में न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, बल्कि लाखों घरों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। रजनीकांत की तरह प्रदेश के अनेक परिवार अब अपने बिजली बिल से पूरी तरह मुक्ति पा चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना बनी ग्रामीण महिला समूहों की आजीविका का आधार
4 Jun, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अब सिर्फ आवास प्रदान करने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन रही है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखंड अंतर्गत बड़े हल्दी और मिड़मिड़ा की महिलाओं ने इस योजना को स्वरोजगार का जरिया बना लिया है।
यहां की सुधा महिला ग्राम संगठन और चंद्रहासिनी महिला संकुल ने महिला स्व-सहायता समूहों के सहयोग से निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले सेंटरिंग सामान की खरीदी कर, उसे प्रधानमंत्री आवास निर्माण स्थलों में किराए पर उपलब्ध कराना शुरू किया है। इससे उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है और उनके जीवनस्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
संगठन की शुरुआत वर्ष 2019 में केवल 10 समूहों के साथ हुई थी, जो अब बढ़कर 18 समूहों तक पहुंच गई है। इनसे लगभग 200 महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुकी हैं। संगठन ने 4 लाख 20 हजार रुपये का लोन लेकर सेंटरिंग सामग्री की खरीदी की है, जिसे पीएम आवास निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।
महिलाओं का कहना है कि बिहान योजना के अंतर्गत मिली सहायता और पीएम आवास की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है।