विदेश
मेलोनी के स्वागत में घुटनों के बल बैठे अल्बानियां के प्रधानमंत्री एदी रामा
18 May, 2025 08:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिराना । यूरोपियन पॉलिटिकल कम्युनिटी समिट के दौरान अल्बानिया की राजधानी तिराना में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जो कि सभी की नजरों में आया। जब इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी सम्मेलन में भाग लेने तिराना पहुंचीं, तभी अल्बानिया के प्रधानमंत्री एदी रामा ने उनका स्वागत कुछ बेहद असाधारण अंदाज में किया। मेलोनी जैसे ही रेड कार्पेट पर आगे बढ़ीं, रामा ने उनके सामने घुटनों पर झुककर हाथ जोड़कर अभिवादन किया। यह क्षण कैमरों में कैद हो गया और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
इस अनोखे स्वागत को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं की बाढ़ आ गई हैं। कुछ लोग महिला नेतृत्व के प्रति सम्मान बता रहे हैं, जबकि कुछ ने राजनीतिक ड्रामा करार दिया। मेलोनी और रामा के बीच लंबे समय से अच्छे राजनयिक रिश्ते हैं। दोनों देशों ने हाल ही में कई द्विपक्षीय समझौतों पर काम किया है, जिसमें प्रवास, व्यापार और सुरक्षा के मुद्दे शामिल हैं।
ट्रम्प के प्रवासियो को निकालने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
18 May, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प के वेनेजुएला के अप्रवासियों को देश से निकालने के फैसले पर रोक लगा दी है। कई अप्रवासी अभी टेक्सास की एक हिरासत केंद्र में बंद हैं। ट्रम्प प्रशासन 1798 के ’एलियन एनिमीज एक्ट’ के जरिए उन्हें जल्द से जल्द देश से बाहर भेजना चाहता था।
ट्रम्प प्रशासन के फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार को लोगों को देश से निकालने से पहले उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पूरा मौका देना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने जो तरीका अपनाया, जैसे कि 24 घंटे में बिना सुनवाई को अप्रवासी को देश से बाहर भेज देना, यह कहीं से सही नहीं है। एलियन एनिमीज एक्ट युद्ध के समय का बनाया हुआ कानून है जिसमें दुश्मनों को देश से निकालने के लिए कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं करनी होती है। हालांकि अमेरिकी संविधान के कुछ प्रावधान के जरिए इसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सिंधु के बाद अब चिनाब पर भी भारत का कदम, पाकिस्तान के लिए बढ़ी पानी की चिंता
17 May, 2025 06:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिंधु नदी के बाद अब भारत ने चिनाब नदी के पानी पर भी अपना नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी कर ली है. मोदी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए चिनाब नदी पर स्थित रणबीर नहर के विस्तार की योजना बनाई है. इस कदम का सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ेगा, जो पहले से ही पानी की कमी का सामना कर रहा है. दरअसल, पहलगाम हमले का जवाब देते हुए भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता खत्म कर दिया था, वहीं अब चिनाब नदी का भी पानी रुकने से पाक बूंद-बूंद को तरसेगा.
रणबीर नहर का होगा विस्तार
केंद्र सरकार ने रणबीर नहर को अपग्रेड करने और इसकी जल धारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है. यह नहर चिनाब नदी से पानी लेकर जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती है. इसके विस्तार से भारत को अपने क्षेत्र में और अधिक पानी रोकने का अवसर मिलेगा.
पाकिस्तान पर गहराएगा संकट
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का जल नियंत्रण मिला, जबकि पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब और सिंधु) का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को दिया गया. लेकिन भारत को पश्चिमी नदियों से सीमित मात्रा में सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए पानी इस्तेमाल करने का अधिकार है. रणबीर नहर के विस्तार का सीधा मतलब यह है कि भारत इन अधिकारों का पूरा उपयोग करेगा, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर असर पड़ेगा. पहले से ही सिंधु नदी पर जारी विवाद के बीच यह कदम पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर और दबाव बढ़ा सकता है. मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि की समीक्षा की बात पहले ही कही थी. भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि वह अपने हिस्से के पानी का पूरा इस्तेमाल करेगा. रणबीर नहर का विस्तार इसी नीति का हिस्सा है.
पाकिस्तान की चिंता बढ़ेगी
पाकिस्तान में पहले से ही जल संकट है और सिंधु नदी पर भारत के कदम से उसकी मुश्किलें बढ़ चुकी हैं. अब चिनाब नदी पर भी नियंत्रण बढ़ाने की भारत की योजना से पाकिस्तान के लिए हालात और खराब हो सकते हैं. सिंधु रिवर सिस्टम, पाकिस्तान की जीडीपी में लगभग 25% का योगदान देती है. इस मुल्क में उगने होने गेहूं, चावल, गन्ना और कपास जैसी फसलों में सिंधु नदी के पानी का बड़ा योगदान है.
पाकिस्तान पानी पर कितना निर्भर
80% कृषि भूमि निर्भर: पाकिस्तान की लगभग 16 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंधु नदी प्रणाली के पानी पर निर्भर है. यह नदी वहां की खेती का मुख्य आधार है.
93% सिंचाई: पाकिस्तान की 93% कृषि सिंचाई सिंधु नदी से होती है, जो इसे देश की कृषि का मूल स्रोत बनाती है.
23 करोड़ लोगों का सहारा: सिंधु नदी प्रणाली पाकिस्तान की 61% आबादी का पालन-पोषण करती है, जिसमें कराची, लाहौर और मुल्तान जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं.
बिजली संकट: पाकिस्तान के तरबेला और मंगला जैसे प्रमुख जल विद्युत संयंत्र इसी नदी पर आधारित हैं, जो देश की ऊर्जा आपूर्ति में अहम भूमिका निभाते हैं.
25% जीडीपी में योगदान: सिंधु नदी पाकिस्तान की जीडीपी में लगभग 25% का योगदान करती है. गेहूं, चावल, गन्ना और कपास जैसी मुख्य फसलें इसी पानी से पनपती हैं.
डॉ. शेख महमूद की गोली मारकर हत्या, पहले से मिल रही थीं धमकियाँ
17 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया समुदाय के डॉक्टर शेख महमूद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सरगोधा के एक निजी अस्पताल में 58 वर्षीय डॉक्टर के साथ इस वारदात को अंजाम दिया गया। एक युवक वहां पहुंचा और गोलीबारी करने लगा।
उसने स्वच्छ पंजाब कार्यक्रम के कर्मचारी की वर्दी पहन रखी थी। वारदात को अंजाम देकर हमलावर मौके से फरार हो गया। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड को उनके अहमदिया समुदाय से जुड़े होने के कारण अंजाम दिया गया।
तहरीक-ए-लब्बैक पर हत्या का शक
यह पिछले दो महीनों में पंजाब में अहमदिया समुदाय से तीसरी हत्या है। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (जेएपी) ने संदेह जताया कि डॉक्टर शेख महमूद की हत्या के पीछे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का हाथ हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सरगोधा अहमदिया विरोधी गतिविधियों का गढ़ रहा है। डॉ महमूद को चरमपंथियों की ओर से धमकियां मिलती थीं। टीएलपी के दबाव में आकर उन्हें सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी थी। अब जेएपी ने सरकार से अहमदिया समुदाय की सुरक्षा की मांग की है।
डॉ. महमूद के घर उनकी पत्नी, दो बेटियों और दो बेटें हैं। मानवाधिकार समूहों ने इस हत्याकांड को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और त्वरित जांच की मांग की है।
ट्रंप के प्रस्ताव पर ईरान का जवाब– बात करेंगे, लेकिन दबाव में नहीं आएंगे
17 May, 2025 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति और धमकियों की बात साथ-साथ कर रहे। हमें किस पर विश्वास करना चाहिए। एक तरफ वह शांति की बात करते हैं और दूसरी तरफ सामूहिक हत्या के सबसे उन्नत साधनों से धमकी देते हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान अपने वैध अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा। हम धौंस के आगे झुकने से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा कि तेहरान परमाणु वार्ता जारी रखेगा, लेकिन धमकियों से नहीं डरता। हम युद्ध नहीं चाहते।
ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते पर कही थी ये बात
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि ईरान के पास अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में एक अमेरिकी प्रस्ताव है और वह जानता है कि उसे दशकों पुराने विवाद को हल करने के लिए जल्दी से आगे बढ़ने की जरूरत है। ट्रंप ने संयुक्त अरब अमीरात से रवाना होने के बाद एयर फोर्स वन में संवाददाताओं से कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें पता है कि जल्दी से आगे बढ़ना होगा, नहीं तो कुछ बुरा होने वाला है।
ट्रंप ने दी है बार-बार धमकी
ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ, तो वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे। हालांकि, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने कहा कि तेहरान को अमेरिका का प्रस्ताव नहीं मिला है। ऐसा कोई परिदृश्य नहीं है, जिसमें ईरान शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए यूरेनियम संवर्धन के अपने कठिन परिश्रम से अर्जित अधिकार को छोड़ दे।
भयंकर बवंडर से कांपा मिसौरी, 7 की मौत, कई लोग घायल
17 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के मिसौरी में जोरदार तूफान आया था जिसकी चपेट में आकर सात लोगों की मौत हो गई है। इस तूफान में कई लोग घायल भी हुए हैं। इमारतों में फंसे लोगों की अधिकारी तलाश कर रहे हैं।
तूफान से इमारतों की छतें उड़ी
राष्ट्रीय मौसम सेवा के अनुसार सेंट लुईस के क्लेटन, मिसौरी में दोपहर 2:30 से 2:50 के बीच एक बवंडर आया था। इसने इमारतों की छतें उड़ा दीं। पेड़ और बिजली के तारों को नुकसान पहुंचाया।
सेंट लुईस की मेयर कैरा स्पेंसर ने कहा कि 5,000 से अधिक घर प्रभावित हुए। तूफान के दौरान बिजली चले जाने के कारण लगभग 1 लाख लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा। यह वास्तव में बहुत विनाशकारी है।
कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक नुकसान वाले इलाकों में शुक्रवार को रात भर कर्फ्यू लगा दिया गया था। घायलों की संख्या के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं हुई।
अस्पताल की प्रवक्ता के अनुसार, तूफान से प्रभावित 20 से 30 मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। हालांकि, अधिकांश को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। सेंट लुईस में बच्चों के अस्पताल में 15 मरीज भर्ती हुए हैं।
भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों ने किए हमले, शहबाज शरीफ का बड़ा बयान वायरल
17 May, 2025 03:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया, जिसकी याद करके पाकिस्तान आज भी घबराता है। पहले तो पाकिस्तान यह स्वीकार नहीं कर रहा था कि उसको भारत के हमलों से कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन बाद में आए बयान और सेना के जारी फुटेज से सब कुछ साबित हो गया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल
वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यह कबूल करते दिख रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल हमले किए थे जिनमें काफी नुकसान पहुंचा है।
जनरल सैयद असीम मुनीर ने शहबाज शरीफ को हमले की जानकारी दी
वीडियो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि 10 मई को सुबह करीब 2:30 बजे जनरल सैयद असीम मुनीर ने मुझे सिक्योर लाइन पर फोन किया और बताया कि भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य इलाकों पर हमला किया है... हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया और उन्होंने चीनी जेट विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया।
पाक ने माना नूर खान एयरबेस पर हमला हुआ था
शुक्रवार को पाकिस्तान स्मारक पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए शरीफ ने यह बयान दिया। भाजपा नेता अमित मालवीय ने यह वीडियो एक्स पर शेयर किया है। मालवीय ने कहा कि इस तरह की कॉल ऑपरेशन सिंदूर की सटीकता और साहस को दर्शाती है। कई बार इनकार के बाद पाक पीएम शरीफ ने माना कि भारत की मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस पर हमला किया।
ब्रिटिश विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा, भारत आने की भी जताई इच्छा
17 May, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कूटनीतिक संतुलन बनाने की ओर कदम बढ़ाया है. इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने एक ही सांस में भारत-पाकिस्तान दोनों की सराहना की. दोनों परमाणु पड़ोसियों के बीच हाल ही में हुए सीजफायर समझौते को स्थायी शांति की दिशा में एक बेहतर कदम बताया है. इसके साथ ही आतंकवाद और पहलगाम हमले की उन्होंने कड़ी निंदा की.
उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ चल रही बातचीत की पुष्टि की और कहा कि वह ब्रिटेन-भारत संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के तहत जल्द ही नई दिल्ली का दौरा करने की योजना बना रहे हैं. इसके दौरान वो ब्रिटेन के व्यापक इंडो-पैसिफिक जुड़ाव का एक जरूरी हिस्सा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री ने शत्रुता खत्म करने पर सहमत होने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद की सराहना की. हाल ही में सीमा पार हुई झड़पों की तस्वीरों को बेहद दुखद बताया और कहा कि इन झड़पों की वजह से भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लाखों ब्रिटिश नागरिक काफी परेशान हुए.
प्रवासी समुदायों पर बड़ा गहरा असर
लैमी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की तस्वीरें ब्रिटेन में हम सभी के लिए परेशान करने वाली हैं. अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करते हुए लैमी ने कहा कि ब्रिटेन के भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ मजबूत संबंध हैं.
उन्होंने कहा कि इस तनाव की वजह से ब्रिटेन में प्रवासी समुदायों पर गहरा भावनात्मक प्रभाव पड़ा है, इसलिए ब्रिटिश पाकिस्तानी और ब्रिटिश भारतीय प्रवासी विशेष रूप से इस युद्ध विराम के फैसले का स्वागत करेंगे. लैमी ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन तनाव कम करने में सहायक भूमिका निभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
नाजुक सीजफायर स्थायी बन जाए
लैमी ने कहा कि हमारी आबादी और हमारी सरकारों के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों के कारण हम आतंकवाद का मुकाबला करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए दृढ़ हैं कि यह नाजुक सीजफायर एक स्थायी शांति बन जाए.
यू.के. के राजनयिक ने इस्लामाबाद में तैनात ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों से भी मुलाकात की और संकट के दौरान ब्रिटिश नागरिकों को सही समय पर सहायता और सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए उनकी सराहना की.
‘8647’ पोस्ट को लेकर गरमाई राजनीति, ट्रंप ने कोमी पर फिर साधा निशाना
17 May, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को एफबीआई के पूर्व डायरेक्टर जेम्स कोमी की इंस्टाग्राम पोस्ट ‘8647’ पर दी गई सफाई को खारिज कर दिया. हालांकि जेम्स कोमी ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कोमी को अच्छी तरह पता था कि इसका क्या मतलब है. एक बच्चा भी इसके मायने जानता है.
बता दें कि फोटो पर विवाद बढ़ने के बाद पूर्व एफबीआई डायरेक्टर ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी और सफाई देते हुए कहा कि मैंने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कुछ सीपियां थीं जो मैंने समुद्र किनारे देखीं. मुझे नहीं पता था कि इन नंबरों को हिंसा से जोड़ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके मन में ऐसा कोई इरादा नहीं था.
‘मैं किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ’
जेम्स कोमी ने कहा कि मैं किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हूं, इसलिए इस पोस्ट को हटा दिया है. बता दें कि, जेम्स कोमी 2013 से 2017 तक एफबीआई डायरेक्टर रहे थे. उन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने तब बर्खास्त कर दिया था जब वो रूस और ट्रंप की 2016 चुनावी कैंपेन के बीच कथित संबंधों की जांच कर रहे थे. अब कोमी क्राइम फिक्शन के राइटर हैं और उनकी नई किताब ‘एफडीआर ड्राइव’ अगले मंगलवार को रिलीज होने जा रही है.
ट्रंप को पसंद नहीं आई सफाई
वहीं शुक्रवार को एक इंटरव्यू में ट्रंप ने बताया कि उन्हें कोमी की सफाई पसंद नहीं आई. ट्रंप ने कहा कि कोमा को बिल्कुल पता था कि इसका क्या मतलब है. एक बच्चा जानता है कि इसका क्या मतलब होता है. अगर आप एफबीआई डायरेक्टर हैं और आपको नहीं पता कि इसके क्या मायने हैं, तो इसका मतलब हत्या है.
जेम्स कोमी ने पोस्ट की तस्वीर
बता दें कि कोमी ने रेत में सीपियों के साथ व्यवस्थित 8647 नंबर की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके साथ कैप्शन था, समुद्र तट पर मेरी सैर पर कूल सीप स्ट्रक्चर. जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. क्योंकि 86 का इस्तेमाल अक्सर किसी चीज़ से छुटकारा पाने या किसी को बाहर निकालने के लिए किया जाता है, खासकर रेस्तरां और बार सेटिंग्स में मेनू आइटम का जिक्र करते समय. वहीं माना जाता है कि संख्या 47 ट्रंप की ओर इशारा कर रही थी, जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हैं.
सीक्रेट सर्विस करेगी जांच
राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे बड़े बेटे, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ-साथ ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कोमी के पोस्ट को राष्ट्रपति के जीवन के लिए खतरे के रूप में देखा. कोमी के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद, पटेल ने पुष्टि की कि एफबीआई राष्ट्रपति ट्रंप को कथित रूप से टारगेट करने वाले पोस्ट की सीक्रेट सर्विस की जांच का पूरा समर्थन करेगी. एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, पटेल ने कहा, हम पूर्व एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कॉमी द्वारा राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर हाल ही में किए गए सोशल मीडिया पोस्ट से अवगत हैं.
हिंसा भड़काने का आरोप
यूएस सेक्रेटरी ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी क्रिस्टी नोएम ने कोमी की निंदा की और उन पर राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. नोएम ने कहा कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और सीक्रेट सर्विस उचित कार्रवाई करेंगे. एक्स पर एक पोस्ट में नोएम ने कहा कि जेम्स कोमी ने ट्रंप की हत्या का आह्वान किया है. डीएचएस और सीक्रेट सर्विस इस धमकी की जांच कर रहे हैं और उचित जवाब देंगे. ट्रंप जूनियर ने भी कोमी की आलोचना की और उन पर अपने पिता, राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या का आह्वान करने का आरोप लगाया.
4 सितंबर, 2013 को, जेम्स कोमी ने FBI के सातवें निदेशक के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप और हिलेरी क्लिंटन के ईमेल विवाद की प्रमुख जांच की देखरेख की, इससे पहले कि मई 2017 में ट्रंप द्वारा उन्हें निकाल दिया गया. उन्होंने तीन साल से अधिक समय तक इस पद पर कार्य किया. रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स ने पूर्व FBI निदेशक की ट्रंप और क्लिंटन की जांच और सार्वजनिक क्षेत्र में उनके द्वारा प्रत्येक को संभालने के तरीके की भारी आलोचना की है.
तुर्की को मिला ड्रैगन और बियर का सहारा, भारत कैसे दिखा सकता है असली ताकत
16 May, 2025 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दोस्त, दोस्त न रहा…ये कुछ फिल्मी लाइनें इस समय तुर्की पर खूब सूट कर रही हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में तुर्की ने एहसान फरामोश बनकर पाकिस्तान को हथियार सप्लाई किए. इसके पीछे कई सारे कारण हैं. तुर्की चीन और रूस के दम पर उछल रहा है. हालांकि, उसे भारत अपने तरीके से बढ़िया सबक भी सिखा सकता है. आइए समझते हैं कि कंगाल पाकिस्तान के साथ तुर्की क्यों खड़ा है. उसे भारत की दोस्ती तोड़ने वाला क्यों कहा जा रहा है और भारत उसे कैसे झटका दे सकता हैसाल 2023 में पूरा तुर्की भूकंप से दहल गया था. ऐसे मौके पर भारत ने वहां पर अपने विमान भेज कर राहत बचाव कार्य किया और उस ऑपरेशन को ऑपरेशन दोस्ती नाम दिया. लेकिन उस घटना के करीब 2 साल के बाद जब भारत ने आतंकियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान पर लॉन्च किया. तब तुर्की ने भारत की दोस्ती की परवाह न करते हुए पाकिस्तान को लगातार हथियार सप्लाई किए. पाकिस्तानी सेना ने उन हथियारों का इस्तेमाल भारतीय सैनिकों और आम-नागरिकों को निशाना बनाने में किया. तुर्की का भारत का साथ न देने के पीछे कारण चीन और रूस के साथ उसके रिश्ते हैं. आइए आपको इसका पूरा गणित समझाते हैं.
1.चीन-रूस के बल पर उछल रहा तुर्की
भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच में तुर्की ने भारत साथ क्यों नहीं दिया. इसके पीछे ये कुछ वजहें हो सकती हैं. तुर्की इस समय चीन-रूस के दम पर उछल रहा है. क्योंकि उसके इन दोनों मजबूत देशों के साथ अच्छे व्यापारिक रिश्ते हैं. तुर्की अपनी एनर्जी जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है. वह उससे बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करता है. साल 2023 में उसने रूस से करीब 94 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया था. वहीं, इससे पहले भी रूस से उसने बहुत सारी चीजें खरीदी हैं. जैसे कि साल 2019 में उसने रूस से S-400 मिसाइल भी मंगाई थी. कुल मिलाकर रूस जैसे मजबूत ट्रेड पार्टनर की वजह से तुर्की व्यापार में ठीक-ठाक स्थिति में है. वहीं, अगर चीन के साथ उसके व्यापारिक रिश्ते की बात करें, तो वह भी मजबूत स्थिति में है. चीन की ईवी कार कंपनी BYD ने पिछले साल तुर्की में अपनी फैक्ट्री लगाई, जिसमें उसने करीब करीब 8.5 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था.
2. भारत के साथ व्यापार कम होना
रूस और चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते ठीक होने की वजह से तो वह उछल ही रहा है. इसके साथ ही भारत के साथ उसका व्यापार भी बहुत ज्यादा नहीं है. इसलिए हो सकता है कि उसने भारत की जगह पाकिस्तान का साथ दिया हो. भारत और तुर्की के बीच इंपोर्ट पिछले साल के मुकाबले घटा ही है. भारत अपने निर्यात का कुल 1.5 प्रतिशत ही तुर्की के साथ करता है. आंकड़ों के मुताबिक, जहां साल 2023-24 में भारत ने तुर्की को करीब 65 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया था. वह साल 2024-25 में घटकर 44 हजार करोड़ रुपये रह गया है. इसके अलावा भारत के एक्सपोर्ट में भी तुर्की की हिस्सेदारी बहुत कम है. भारत अपने आयात का कुल 0.5 फीसदी ही तुर्की से करता है. इन आंकड़ों के साफ है कि भारत और तुर्की के बीच सीधे तौर पर ज्यादा कारोबार नहीं होता है. हालांकि, फिर भी भारत तुर्की को कई मोर्चे पर सबक सिखा सकता है.
3.भारत ऐसे सिखा सकता है तुर्की को सबक
भारत और तुर्की के बीच भले ही ज्यादा व्यापार नहीं होता है. लेकिन जितना भी होता है. उसमें अगर भारत की ओर से रोक लगा दी जाती है. तो तुर्की को अच्छा-खासा डेंट लग सकता है. आइए कुछ प्वाइंट्स के जरिए समझते हैं कि भारत तुर्की को कैसे झटका दे सकता है.
1) एक्सपोर्ट- इंपोर्ट पर बैन
जैसा कि हमने ऊपर भी बात की है कि भारत और तुर्की के बीच ज्यादा ट्रेड नहीं होता है. लेकिन अगर उन पर पूरी तरीके से भारत बैन लगा देता है, तो तुर्की को इसका कुछ नुकसान झेलना पड़ेगा. क्योंकि भारत के पास तुर्की के अलावा भी कई सारे ट्रेड ऑप्शन मौजूद हैं. जैसे अगर हम इंपोर्ट की बात करें, तो भारत तुर्की से ज्यादा तर मशीनरी और ऑटोमोबाइल के पार्ट्स मंगाता है. बैन होने के बाद वह इन प्रोडक्ट्स को साउथ कोरिया और जापान जैसे देशों से भी मंगा सकता है. क्योंकि दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे व्यापारिक संबंध हैं.
2) तुर्की का बॉयकॉट
जब से यह खबर आई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया है. तभी से देश के बड़े-बड़े सितारों ने तुर्की के बॉयकॉट की अपील की, जिसका असर भी देखने को मिला. मेक माई ट्रिप के मुताबिक, भारत से तुर्की जाने वालों ने अपनी फ्लाइट्स कैंसिल करा ली हैं. पिछले एक हफ्ते में तुर्की-अजरबैजान जाने वाले यात्रियों के कैंसिलेशन 250% बढ़ गए हैं. वहीं, तुर्की का बॉयकॉट अगर ऐसे ही जारी रहा तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा. क्योंकि भारत के काफी मात्रा में टूरिस्ट तुर्की घूमने जाते हैं. वहां की जीडीपी का करीब 12 प्रतिशत टूरिज्म पर ही निर्भर है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 से लेकर साल 2025 तक भारत से तुर्की करीब 11 लाख यात्री गए थे. ऐसे में अगर तुर्की का बॉयकॉट चलता रहा तो उसकी इकोनॉमी पर डेंट लगना तय है.
3) अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेराबंदी
तुर्की को भारत इकोनॉमी के मोर्चे पर घेरने के साथ-साथ भारत तुर्की को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी घेर सकता है. जैसे तुर्की में मानवाधिकार वाइलेशन बढ़ गया है. भारत इस मुद्दे पर तुर्की को यूएन में घेर सकता है. इससे उसकी साख पर सीधे तौर पर असर पड़ेगा. भारत BRICS, G20 में भी तुर्की का विरोध कर सकता है. उसकी नीतियों पर सवाल खड़ा कर सकता है. आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान का साथ देने के लिए भी उसकी खिलाफत कर सकता है. ऐसे में तुर्की ग्लोबल मंचों पर अकेला पड़ सकता है.
पाकिस्तान ही नहीं, अब तुर्किए भी पानी के संकट से जूझ रहा है
16 May, 2025 04:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पानी को लेकर पाकिस्तान तो पहले से ही परेशान है. सिंधु जल संधि सस्पेंड होने के बाद से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में जिसने पाकिस्तान का ‘दोस्त’ बनकर हमेशा उसका साथ निभाया, अब वही तुर्किए खुद पानी के संकट से जूझ रहा है. तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल के लोगों को अब एक-एक बूंद के लिए ज्यादा चुकाना पड़ेगा. जून 2025 से इस्तांबुल में पानी महंगा हो रहा है और टैरिफ में 10% की सीधी बढ़ोतरी हो गई है. महंगाई की मार झेल रहे तुर्की में अब पानी भी जेब पर भारी पड़ने वाला है.
इस फैसले का सीधा असर आम परिवारों पर पड़ेगा. नए रेट के हिसाब से पहले स्लैब यानी 15 घन मीटर तक पानी इस्तेमाल करने वालों को अब 42.37 लीरा (करीब $1.09) की बजाय 46.62 लीरा प्रति घन मीटर देना होगा. ये स्लैब करीब 85% इस्तांबुलवासियों पर लागू होता है. वहीं, 16 से 30 घन मीटर के बीच पानी खपत करने वाले अब 64.58 लीरा की जगह 71.04 लीरा और 31 घन मीटर से ऊपर खपत वालों को 93.40 लीरा की जगह 102.75 लीरा प्रति घन मीटर चुकाने होंगे.
कारोबारी इस्तेमाल भी होगा महंगा
सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वाणिज्यिक (कमर्शियल) पानी इस्तेमाल करने वालों को भी सभी कैटेगरी में करीब 10% की बढ़ोतरी झेलनी पड़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और ऑपरेशन कॉस्ट के चलते यह कदम उठाना जरूरी हो गया था. काउंसिल ने एक और अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब 2025 में हर महीने पानी और सीवरेज दरों को ऑटोमैटिकली अपडेट किया जाएगा. ये अपडेट तुर्की के आधिकारिक सांख्यिकी संस्थान (TurkStat) द्वारा जारी कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) और डोमेस्टिक प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (D-PPI) के औसत के आधार पर होगा. नए रेट हर महीने के आंकड़े जारी होने के तीन वर्किंग डेज के भीतर लागू कर दिए जाएंगे.
रिपोर्ट को भी मिली मंजूरी
इस बैठक की अध्यक्षता के डिप्टी स्पीकर गोक्हान गुमुशदाग ने की. एक्टिंग जनरल मैनेजर वाहित डोगान ने 2024 की वार्षिक रिपोर्ट भी पेश की, जिसे 145 के मुकाबले 95 वोटों से बहुमत में पास कर दिया गया. इस्तांबुल के लाखों निवासियों के लिए यह फैसला आने वाले महीनों में उनकी जेब पर असर डाल सकता है, खासतौर पर ऐसे समय में जब तुर्की पहले से ही महंगाई के दौर से गुजर रहा है.
कोविड-19 की वापसी! हांगकांग और सिंगापुर में बढ़े संक्रमण के मामले
16 May, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूरी दुनिया में कोरोना से हाहाकार मचने के बाद अब कोरोना ने एक बार एंट्री ले ली है। एशिया के हांगकांग और सिंगापुर में कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। घनी आबादी वाले हांगकांग और सिंगापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि एशिया में कोविड-19 की लहर के फिर से फैलने के कारण कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
हांगकांग में तेजी से फैल रहा वायरस
हांगकांग में वायरस का प्रकोप काफी ज्यादा है, शहर के स्वास्थ्य सुरक्षा केंद्र की संचारी रोग शाखा के प्रमुख ने इस हफ्ते स्थानीय मीडिया को ये बात बताई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए पॉजिटिव मामलों का प्रतिशत एक साल में उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि 3 मई तक के सप्ताह में 31 गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले एक साल में सबसे ज्यादा हैं।
31 नए मामले आए सामने
आंकड़ों से पता चलता है कि मौतों सहित गंभीर मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है, जो लगभग एक साल में अपने पीक प्वाइंट पर पहुंच गई है। 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में 31 नए मामले सामने आए।
अस्पताल में भर्ती हुए लोग
हालांकि संक्रमण का यह आंकड़ा पिछले दो साल में देखे गए संक्रमण के शिखर से मेल नहीं खाता है। बताया जा रहा है अस्पताल में 7 मिलियन से ज्यादा लोग इस वायरस संबंधी बीमारी के कारण भर्ती हुए हैं।
सिंगापुर में क्या है हाल?
सिंगापुर अभी हाई अलर्ट पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस महीने लगभग एक साल में संक्रमण संख्या पर अपना पहला अपडेट जारी किया है। 3 मई तक के सप्ताह में मामलों की अनुमानित संख्या पिछले सात दिनों की तुलना में 28% से बढ़कर 14,200 हो गई।
भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी समर्थन, ट्रंप को बताया निर्णायक नेता
16 May, 2025 01:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद में मध्यस्थता की पेशकश के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. पिगॉट ने दोनों देशों के बीच चल रहे सीजफायर पर अमेरिका की संतुष्टि व्यक्त की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका प्राइमरी टारगेट भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना है.
हम युद्ध विराम देखकर खुश: पिगॉट
एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए पिगॉट ने कहा, हम युद्ध विराम देखकर खुश हैं. हम दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना और देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक शांति निर्माता हैं, और हम शांति का जश्न मनाते हैं. हमें उम्मीद है कि सीजफायर बरकरार रहेगा. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने इस दावे को दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में मदद की है. इसके बाद उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों से युद्ध के बजाय व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.
समस्या को सुलझाने में की मदद
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या को सुलझाने में निश्चित रूप से मदद की, जो बढ़ती ही जा रही थी. ट्रंप ने अपने खाड़ी दौरे के दौरान कतर में एक बेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब मैं दो दिन बाद यहां से बाहर निकलूंगा, तो मुझे यह नहीं पता चलेगा कि विवाद अभी सुलझा नहीं है.
हमने भारत-पाकिस्तान से व्यापार के बारे में बात की. मैंने कहा कि चलो युद्ध के बजाय व्यापार करते हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों इससे बहुत खुश थे. वे लगभग एक हजार सालों से लड़ रहे हैं. मैंने कहा कि मैं इसे सुलझा सकता हूं.
ट्रंप के दावे को किया खारिज
वहीं भारत सरकार ने मंगलवार को ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने व्यापार रियायतों के बदले भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में मदद की. सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि हाल ही में सैन्य तनाव के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा. ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई.
नौ आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया है और कहा है कि यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया है. पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे.
गाजा में इजरायली हमलों ने मचाई तबाही, कैंसर अस्पताल भी हुआ बंद
16 May, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा। गाजा में इजरायल लगातार हमास के ठिकानों पर हमला कर रहा है। गाजा के खान यूनिस में रात भर हुए हवाई हमलों में 50 से अधिक लोग मारे गए। भारी बमबारी लगातार दूसरी रात भी जारी रही। खान यूनिस में नासिर अस्पताल के मुर्दाघर में कई शवों को ले जाते देखा गया।
कैंसर अस्पताल बंद
फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि गाजा में इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 80 फिलिस्तीनी मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा यूरोपीय अस्पताल, जो एन्क्लेव में कैंसर रोगियों को चिकित्सा अनुवर्ती देखभाल प्रदान करने वाला एकमात्र अस्पताल है, हाल ही में इजरायली हमलों के कारण पूरी तरह से बंद हो गया।
अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कें नष्ट
अधिकारियों ने एक प्रेस बयान में कहा कि इजरायली हमलों ने "बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया, जैसे कि सीवेज लाइनें, आंतरिक विभागों को नुकसान और अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कें नष्ट हो गईं।"
दो महीने का युद्ध विराम समाप्त
इजरायल ने 18 मार्च को गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान फिर से शुरू किया, जिसके बाद दो महीने का युद्ध विराम समाप्त हो गया। गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, तब से 2,876 फलस्तीनी मारे गए हैं और 7,800 से अधिक घायल हुए हैं।
भारी बमबारी लगातार दूसरी रात भी जारी रही
गाजा के खान यूनिस में रात भर हुए हवाई हमलों में 50 से अधिक लोग मारे गए। भारी बमबारी लगातार दूसरी रात भी जारी रही। खान यूनिस में नासिर अस्पताल के मुर्दाघर में कई शवों को ले जाते देखा गया। मरने वालों में टेलिविजन का पत्रकार भी शामिल हैं। पत्रकार हसन सामौर परिवार के 11 सदस्यों के साथ मारा गया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खाड़ी देशों का दौरा कर रहे हैं
इजरायली सेना ने हमलों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले बुधवार को उत्तरी और दक्षिणी गाजा पर हवाई हमलों में 70 लोग मारे गए थे। इनमें 22 बच्चे भी शामिल थे। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खाड़ी देशों का दौरा कर रहे हैं।
व्यापक उम्मीद थी कि ट्रंप की क्षेत्रीय यात्रा युद्ध विराम समझौते या गाजा को मानवीय सहायता के नवीनीकरण की शुरुआत कर सकती है। इस क्षेत्र पर इजराइली नाकाबंदी तीसरे महीने में पहुंच गई है।
गाजा में कैंसर अस्पताल पूरी तरह से ध्वस्त
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को कहा कि गाजा में कैंसर और हृदय संबंधी देखभाल प्रदान करने वाला अंतिम अस्पताल इजरायली हमले के बाद काम करना बंद कर चुका है।
स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने एक्स पर कहा कि मंगलवार को हुए हमले के कारण खान यूनिस में यूरोपीय अस्पताल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और पहुंच से बाहर हो गया। अस्पताल के बंद होने से न्यूरोसर्जरी, हृदय संबंधी देखभाल और कैंसर उपचार सहित महत्वपूर्ण सेवाएं बंद हो गई हैं - ये सभी गाजा में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की प्लानिंग? कोड '8647' से मचा हड़कंप
16 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का मामला सामने आया है. ट्रंप को जान से मारने के लिए 8647 कोड जारी किया गया था. इस पूरे मामले की जांच सीक्रेट सर्विस और एफबीआई कर रही है. दरअसल, एफबीआई के पूर्व डायरेक्टर पर ट्रंप को मरवाने की साजिश का शक है. इस संबंध में अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने जानकारी दी है.
उनका कहना है कि जेम्स कॉमी ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति की हत्या करने के लिए अपील की थी. वह एक पूर्व एफबीआई निदेशक रहा है, जिसने एक ऐसे व्यक्ति के रूप में अपने करियर का अधिकांश समय माफियाओं और गैंगस्टरों पर मुकदमा चलाने में बिताया, वह अच्छी तरह से जानता था कि वह क्या कर रहा है और उसे कानून की पूरी ताकत के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप की जान को खतरे में डालने वाले कॉमी की सीक्रेट सर्विस इंवेस्टीगेशन का पूरा समर्थन करते हैं.
बताया गया है कि ट्रंप की हत्या के लिए 8647 नंबर कोड जारी किया है. दरअसल, 86 हत्या करवाने का कोडवर्ड होता है और ट्रंप अभी 47वें नंबर के राष्ट्रपति हैं. यही वजह है कि उनकी हत्या के लिए 8647 कोट नबंर जारी किया गया.
चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर चली थी गोली
ट्रंप के कान में गोली लगने की घटना ने पूरे अमेरिका को हिला कर रख दिया था. यह घटना पिछले साल 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में हुई थी, जब वे बटलर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. जिस समय ट्रंप पर भाषण दे रहे थे उसी समय एक हमलावर ने उन पर गोली चला दी थी. गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी थी, जिससे वह घायल हो गए थे. घटना के बाद ट्रंप को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें इलाज के बाद स्थिर हालत में छुट्टी दे दी गई थी.
इस गोलीकांड में एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे. हमलावर को सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने मार गिराया था. उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि इस तरह की हिंसा के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है. वहीं, ट्रंप पर गोली चलने को लेकर सिक्योरिटी एंजेकी और खुफिया एजेंसियों पर सवाल खड़े हो गए थे.