व्यापार
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वित्त मंत्री का बयान – “भारत है निवेश के लिए सबसे बेहतर”
22 Apr, 2025 11:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सैन फ्रांसिस्को में कई वरिष्ठ कारोबारी नेताओं और बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), एनर्जी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की। मंत्री ने दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसरों पर भी बातचीत की।
वित्त मंत्री अमेरिका और पेरू के 11 दिवसीय दौरे पर
वित्त मंत्री रविवार को सैन फ्रांसिस्को पहुंचीं, जहां से उन्होंने अमेरिका और पेरू के 11 दिवसीय दौरे की शुरुआत की। दौरे की शुरुआत में उन्होंने कैलिफोर्निया के इस शहर में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत की। सोमवार को उन्होंने कई बिजनेस लीडर्स और कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव्स से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री ने सिलिकॉन वैली की वेंचर कैपिटल फर्म a16z के जनरल पार्टनर अंजनेय मिधा (Anjney Midha) और टेक्नोलॉजी कंपनी VMware के सीईओ रघु रघुराम (Raghu Raghuram) से मुलाकात की।
सैन फ्रांसिस्को में बिजनेस लीडर्स से की मुलाकात
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व परिवर्तन पर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि a16z और VMware को एआई (AI) के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और एआई सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशने चाहिए।
रघुराम ने कहा कि “एआई एक स्ट्रैटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर है और भारत इस क्षेत्र में जो काम कर रहा है, वह साफ नजर आ रहा है।” वहीं, मिधा ने बताया कि उनकी कंपनी 16 अलग-अलग क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सेक्टोरल फंड्स के जरिए कई देशों में रियल-वर्ल्ड प्रॉब्लम्स के समाधान पर काम कर रही है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि निर्मला सीतारमण ने भारत की एआई (AI) पहलों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र में युवाओं को स्किल्ड और ट्रेन करने की आवश्यकता पर जोर दिया और a16z को इस दिशा में सहयोग के संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
डिजिटल तकनीक अपनाने में भारत आगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गूगल क्लाउड (Google Cloud) के सीईओ थॉमस कुरियन और उनकी टीम से भी मुलाकात की। इस दौरान #DigitalIndia पहल के तहत हाल के वर्षों में भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में आए बड़े बदलावों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय ने X पर बताया कि इस बातचीत में इस बात को रेखांकित किया गया कि कैसे भारत ने डिजिटल तकनीक अपनाने (digital adoption) के मामले में खुद को एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया है।
मंत्रालय के अनुसार, थॉमस कुरियन ने भारत की AI मिशन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की डिजिटल दिशा की सराहना की। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए लैंड और सी केबल्स के ज़रिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जानी चाहिए। कुरियन ने यह भी बताया कि Google Cloud का लक्ष्य है कि 2030 तक उसके सभी डेटा सेंटर और ऑफिस पूरी तरह से कार्बन-फ्री एनर्जी पर काम करें। साथ ही, उन्होंने भारत के लिए गूगल क्लाउड द्वारा तैयार की जा रही नई इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर भी जानकारी दी।
सीतारमण ने Google Cloud को प्रोत्साहित किया कि वह भारत में स्थानीय स्तर पर साझेदारियों (local linkages) की संभावनाएं तलाशे और मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत और वैश्विक बाजारों के लिए तकनीक का निर्माण करे।
अमेरिकी निवेशकों ने दिखाई भारत में निवेश की रुचि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित लंच राउंडटेबल में हिस्सा लिया, जिसमें वित्त सचिव अजय सेठ और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के साथ कई पेंशन फंड मैनेजरों और अन्य संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया। इस बैठक में प्रतिभागियों ने वित्त मंत्री के साथ भारत सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों पर अपने विचार साझा किए और मौजूदा नीति ढांचे पर प्रतिक्रिया और सुझाव दिए। निवेशकों ने अमेरिका और भारत के बीच गहरे और व्यापक निवेश सहयोग में अपनी रुचि और प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी सुझाव दिए कि भारत में निवेश अनुभव को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।
इसी दिन उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में ‘विकसित भारत 2047 (#ViksitBharat) की नींव’ विषय पर मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रोफेसर स्टीव डेविस के साथ एक फायरसाइड चैट में भी हिस्सा लिया।
सैन फ्रांसिस्को के बाद सीतारमण 22 से 25 अप्रैल के बीच वॉशिंगटन डीसी जाएंगी, जहां वह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स, G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की दूसरी बैठक (FMCBG), डेवलपमेंट कमेटी प्लेनरी, IMFC प्लेनरी और ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल (GSDR) जैसी प्रमुख बैठकों में हिस्सा लेंगी।
मार्केट में वापसी का जश्न! मिडवीक ट्रेडिंग में दिखी मजबूती
22 Apr, 2025 10:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैश्विक बाजारों से कमजोरी संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (22 अप्रैल) को मामूली बढ़त लेकर लगभग सपाट खुले। हालांकि, प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स खुलते ही लाल निशान में फिसल गए।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 79,728.39 अंक पर खुला। खुलते ही इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सुबह 9:42 बजे यह 191.71 अंक या 0.24% की बढ़त लेकर 79,600 पर था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 भी आज मामूली बढ़त में खुला। सुबह 9:42 बजे यह 49.80 अंक या 0.21% की बढ़त के साथ 24,175.35 अंक पर था।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 19 शेयर बाजार खुलने के बाद गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, इंफोसिस और पावरग्रिड सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में शामिल थे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, एटरनल, टाटा स्टील, कोटक बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजारों में गिरावट
वॉल स्ट्रीट पर डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2.48 प्रतिशत गिरकर 38,170.41 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 2.36 प्रतिशत गिरकर 5,158.20 पर बंद हुआ। नैस्डैक कंपोजिट 2.55 प्रतिशत गिरकर 15,870.90 पर बंद हुआ। हालांकि, डॉव जोन्स से जुड़े वायदा 0.33 प्रतिशत आगे थे, जबकि एसएंडपी 500 वायदा और नैस्डैक 100 वायदा में लगभग 0.4 प्रतिशत की बढ़त हुई।
निफ्टी का आउटलुक
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “निफ्टी ने दो महीने के ब्रोडर कंसोलिडेशन के बाद अंततः 23,800 की मुख्य बाधा को निर्णायक रूप से पार कर लिया है, जो कि शुरू में 24,250 की ओर संभावित वृद्धि तथा उसके बाद धीरे-धीरे 24,600 की ओर बढ़ने का संकेत देता है। हम इंडेक्स पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण को दोहराते हैं तथा “गिरावट पर खरीद” रणनीति के साथ जारी रखने का सुझाव देते हैं। वहीं, हाल ही में आई तेजी के बाद एक मध्यवर्ती विराम या कंसोलिडेशन की संभावना को स्वीकार करते हैं। निवेशकों को अपनी स्थिति को तदनुसार संरेखित करना चाहिए तथा विपरीत रुख अपनाने से बचना चाहिए।”
इसके अलावा, ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने मार्च 2026 के लिए अपने निफ्टी टारगेट को संशोधित कर 24,970 कर दिया है, जो दिसंबर 2025 के लिए इसके पहले के लक्ष्य 23,784 से अधिक है। ब्रोकरेज ने उम्मीद जताई है कि निफ्टी वित्त वर्ष 27 के लिए अपनी अनुमानित आय 1,280 रुपये के 19.5 गुना पर कारोबार करेगा, जबकि पहले यह 18.5 गुना था।
आज इन कंपनियों के आएंगे Q4 नतीजे
निवेशकों की नजर कई कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों पर रहेगी। एचसीएलटी टेक (HCL Tech), डेल्टा कॉर्प और साइएंट डीएलएम आदि मंगलवार 22 अप्रैल को अपने नतीजे पेश करेंगी।
निवेश या बेचें? ₹99,000 के पार सोने की चाल ने बढ़ाई उलझन
22 Apr, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने के भाव इस साल लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार (22 अप्रैल) फिर सोने के वायदा भाव 3,500.80 डॉलर के भाव पर नए रिकॉर्ड पर पहुंच गए। घरेलू बाजार में भी सोने के वायदा भाव ने 99,178 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव में भी दोनों बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
Gold: सोना 99 हजार पार कर नए रिकॉर्ड पर
सोने के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट आज 1,474 रुपये की तेजी के साथ 98,753 रुपये के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 97,279 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 1,789 रुपये की तेजी के साथ 99,068 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 99,178 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 98,551 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने आज 99,178 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
Silver: चांदी के भाव भी चढ़े
चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेज रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 546 रुपये की तेजी के साथ 95,793 रुपये पर खुला। पिछला बंद भाव 95,247 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 528 रुपये की तेजी के साथ 95,775 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 95,793 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 95,361 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव ने इस साल 1,01,999 रुपये किलो के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना ऑल टाइम हाई पर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। Comex पर सोना 3,435.10 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 3,425.30 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 70.10 डॉलर की तेजी के साथ 3,495.30 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। सोने के वायदा भाव आज 3,500.80 डॉलर के भाव पर ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। Comex पर चांदी के वायदा भाव 32.64 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 32.52 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.03 डॉलर की तेजी के साथ 32.55 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
बुल रन की वापसी! निवेशकों में लौटा भरोसा, सेंसेक्स-Nifty में जोरदार उछाल
21 Apr, 2025 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एनएसई निफ्टी-50 इंडेक्स (NSE Nifty-50) ने लगभग चार महीने बाद पहली बार सोमवार (21 अप्रैल) को इंट्राडे ट्रेडिंग में अपने लॉन्ग-टर्म 200-डे मूविंग एवरेज (200-DMA) को पार कर लिया। यह स्तर पिछली बार 6 जनवरी 2025 को टूट गया था। निफ्टी ने दिन के दौरान 24,188 का हाई लेवल छुआ। इसमें 1.4% या 332 अंकों की बढ़त दर्ज की गई।
पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी में 11% यानी लगभग 2,400 अंकों की जोरदार तेजी आई है। इस तेजी के साथ निफ्टी ने न केवल अपने शॉर्ट और मीडियम टर्म मूविंग एवरेज (20-DMA और 100-DMA जो क्रमशः 23,170 और 23,400 पर हैं) को पार किया, बल्कि 21 अप्रैल को 24,051 के स्तर पर स्थित अपने लॉन्ग टर्म 200-DMA को भी पार कर लिया।
200 DMA टूटने का मतलब
आमतौर पर 200-DMA को किसी स्टॉक या इंडेक्स की पॉजिटिव या नेगेटिव ट्रेंड को तय करने के लिए एक अहम संकेतक माना जाता है। जब कोई स्टॉक या इंडेक्स इस स्तर से ऊपर ट्रेड करता है, तो उसे पॉजिटिव संकेत के रूप में देखा जाता है।
‘टैरिफ और ट्रेड वॉर का सबसे बुरा दौर बीता’
विश्लेषकों का मानना है कि हालिया रैली भारत और अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील और सप्लाई चेन शिफ्टिंग से भारत को हो सकने वाले लाभ की वजह से भी हो सकती है। नोमुरा के एनालिस्ट्स का मानना है कि टैरिफ और ट्रेड वॉर का सबसे बुरा दौर अब बीत चुका है। हालांकि, फार्मा जैसे कुछ सेक्टर्स में सेक्टर-विशिफिक टैरिफ की घोषणा संभव है।
नोमुरा के सायन मुखर्जी और अम्लान ज्योति दास की रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी का एक साल आगे का वैल्यूएशन 17-20 गुना के बीच रहने की उम्मीद है। उन्होंने मार्च 2026 के लिए निफ्टी का नया टारगेट 24,970 रखा है। यह 19.5x FY27 अनुमानित EPS ₹1,280 पर आधारित है। यदि जोखिम का माहौल स्थिर रहता है, तो एफआईआई निवेश फिर से मजबूत हो सकता है। इस वैल्यूएशन रेंज में बाजार अगले एक साल में -9% से +7% तक का रिटर्न दे सकता है।
निफ्टी-50 के 50 शेयरों में से 21 अब अपने 200-DMA से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। इनमें HDFC बैंक, ICICI बैंक, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, SBI, आयशर मोटर्स, नेस्ले इंडिया और पॉवर ग्रिड शामिल हैं।
इस तेजी में सबसे बड़ा योगदान बैंकिंग शेयरों का रहा है, विशेष रूप से HDFC बैंक और ICICI बैंक के शानदार मार्च तिमाही (Q4FY25) नतीजों के बाद। निफ्टी बैंक इंडेक्स सोमवार को इंट्राडे में 2% बढ़ गया और 26 सितंबर 2024 के अपने पिछले उच्चतम स्तर 54,467.35 को भी पार कर गया।
कोटक सिक्योरिटीज के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान ने तकनीकी नजरिए से कहा कि निफ्टी ने साप्ताहिक चार्ट पर एक बुलिश कैंडल बनाई है। बाजार एक अपट्रेंड कंटिन्यूएशन फॉर्मेशन में बना हुआ है। निवेशकों को 23,650 से 23,550 के बीच खरीदारी करनी चाहिए और क्लोजिंग बेसिस पर 23,500 का स्टॉपलॉस रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति बुलिश है। ट्रेंड के लिहाज से 23,500 (निफ्टी) और 77,400 (सेंसेक्स) को अहम सपोर्ट ज़ोन माना जा रहा है। जबकि रेसिस्टेंस ज़ोन 24,000/79,000 और 24,200/79,600 के बीच है। हालांकि, अगर बाजार 23,500/77,400 से नीचे चला जाता है, तो सेंटिमेंट निगेटिव हो सकता है और इंडेक्स 23,350/76,900 या 23,200/76,500 तक फिसल सकते हैं, जहां पहले बुलिश गैप बना था।
रिकवरी एजेंट से डील करते वक्त ये बातें रिकॉर्ड कर लें – कोर्ट में बनेंगी आपके हथियार
21 Apr, 2025 06:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के समय में पर्सनल लोन लेना आम बात हो गई है। लोग घर, कार, शादी, शिक्षा या अन्य जरूरतों के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं। लेकिन कई बार आर्थिक तंगी, नौकरी छूटने या अलग-अलग परिस्थितियों के कारण लोन की EMI चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बैंक लोन रिकवरी एजेंट्स को आपके पास भेजते हैं, जो बकाया पैसा वसूलने की कोशिश करते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या ये एजेंट्स आपके घर या ऑफिस आ सकते हैं? और अगर हां, तो आपके कानूनी अधिकार क्या हैं?
लोन रिकवरी एजेंट्स का काम और नियम
लोन रिकवरी एजेंट्स को बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) नियुक्त करती हैं ताकि वे डिफॉल्टर्स यानी लोन न चुका पाने वाले ग्राहकों से बकाया राशि वसूल सकें। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस प्रक्रिया के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि ग्राहकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो। RBI के नियमों के अनुसार, रिकवरी एजेंट्स को पेशेवर और नैतिक तरीके से काम करना होता है। वे ग्राहकों को धमकाने, अपमानित करने या उनकी निजता का उल्लंघन नहीं कर सकते।
एजेंट्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे ग्राहक से संपर्क करने से पहले उन्हें अपनी पहचान बताएं। उनके पास बैंक द्वारा जारी एक अधिकृत पत्र और पहचान पत्र होना चाहिए। इसके अलावा, वे ग्राहक से केवल सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क कर सकते हैं। अगर कोई एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करता, तो यह RBI दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाता है।
क्या रिकवरी एजेंट्स आपके घर या ऑफिस आ सकते हैं?
हां, लोन रिकवरी एजेंट्स को आपके घर आने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं। RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एजेंट्स को पहले ग्राहक को सूचित करना होगा और मुलाकात के लिए समय तय करना होगा। वे बिना अनुमति या अचानक आपके घर नहीं आ सकते। साथ ही, उन्हें आपके साथ विनम्र और सम्मानजनक व्यवहार करना होगा। अगर वे धमकी देते हैं, गाली-गलौज करते हैं या अनुचित दबाव बनाते हैं, तो यह गैर-कानूनी है।
ऑफिस में आने की बात करें, तो RBI ने साफ कहा है कि रिकवरी एजेंट्स को आपके कार्यस्थल पर संपर्क करने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। अगर कोई एजेंट आपके ऑफिस में आकर बकाया लोन की बात करता है या सहकर्मियों के सामने आपको अपमानित करता है, तो यह आपके निजता के अधिकार का उल्लंघन है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को निजता का अधिकार प्राप्त है, जिसे 2017 के जस्टिस के.एस. पुट्टास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने और मजबूत किया था।
आपके कानूनी अधिकार क्या हैं?
लोन डिफॉल्ट करने पर भी आपके कुछ मौलिक अधिकार हैं, जिन्हें कोई बैंक या रिकवरी एजेंट छीन नहीं सकता। ये अधिकार RBI दिशा-निर्देशों और भारतीय कानूनों पर आधारित हैं। आइए, कुछ प्रमुख अधिकारों को समझें:
निजता का अधिकार: रिकवरी एजेंट्स आपके लोन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर सकते। वे आपके परिवार, दोस्तों, पड़ोसियों या सहकर्मियों के साथ आपके बकाया लोन की चर्चा नहीं कर सकते। अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह निजता का उल्लंघन है।
सम्मानजनक व्यवहार का अधिकार: एजेंट्स को आपके साथ सम्मान से पेश आना होगा। वे धमकी, अपशब्द या हिंसा का सहारा नहीं ले सकते। अगर कोई एजेंट ऐसा करता है, तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
पारदर्शिता का अधिकार: आपको अपने लोन की पूरी जानकारी, जैसे बकाया राशि, ब्याज दर और अतिरिक्त शुल्क, जानने का अधिकार है। बैंक को आपको ये विवरण स्पष्ट रूप से देना होगा।
शिकायत दर्ज करने का अधिकार: अगर आपको लगता है कि रिकवरी एजेंट RBI के नियमों का पालन नहीं कर रहा, तो आप बैंक के शिकायत निवारण तंत्र के जरिए शिकायत कर सकते हैं। अगर बैंक कोई कार्रवाई नहीं करता, तो आप RBI के बैंकिंग लोकपाल (Ombudsman) से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
एजेंट्स के गलत व्यवहार से कैसे बचें?
अगर कोई रिकवरी एजेंट आपके साथ गलत व्यवहार करता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ कदम उठाकर आप अपनी रक्षा कर सकते हैं। सबसे पहले, सभी बातचीत का रिकॉर्ड रखें। अगर एजेंट फोन पर धमकी देता है, तो कॉल रिकॉर्ड करें (अगर आपके क्षेत्र में यह कानूनी है)। अगर वे आपके घर आते हैं, तो उनकी पहचान और अधिकृत पत्र की जांच करें।
अगर आपको लगता है कि एजेंट ने आपको परेशान किया है, तो तुरंत बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क करें और अपनी शिकायत लिखित रूप में दर्ज करें। अगर बैंक कोई जवाब नहीं देता, तो RBI की वेबसाइट पर जाकर बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करें। गंभीर मामलों में, आप भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर एजेंट ने आपके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, खासकर महिलाओं के खिलाफ, तो IPC की धारा 509 के तहत FIR दर्ज की जा सकती है।
इसके अलावा, आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपभोक्ता अदालत में भी शिकायत कर सकते हैं। अगर मामला गंभीर है, तो वकील की सलाह लेकर सिविल कोर्ट में निषेधाज्ञा (injunction) के लिए आवेदन कर सकते हैं, ताकि एजेंट्स को आपके घर आने से रोका जाए।
"अभी मंदी नहीं, मौके की तलाश करें!" – C J जॉर्ज ने बताया IPO मार्केट का हाल
21 Apr, 2025 06:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टैरिफ की घोषणा और इनकी वापसी ने बाजारों को चिंतित और निवेशकों को अटकल लगाने पर मजबूर कर दिया है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सी जे जॉर्ज ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में जुटाई गई अहम पूंजी के कारण भारतीय कंपनियों पर टैरिफ का असर सीमित रहने की उम्मीद है। संपादित अंश:
आप भारत में पूर्ण सेवा देने वाली बड़ी ब्रोकरेज फर्मों में से एक हैं, जिसके पास करीब एक लाख करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां हैं। एक ब्रोकरेज के रूप में आप और उद्योग कारोबार की मात्रा में अचानक आई गिरावट और ट्रेडरों और निवेशकों की घटती दिलचस्पी से कैसे निपट रहे हैं?
ब्रोकरेज कारोबार हमेशा ही उतारचढ़ाव भरा रहा है और इसलिए नीचे की ओर जाने वाले चक्रों के लिए हम सांगठनिक रूप से तैयार रहते हैं। लागत को बहेतर करके और आय के वैकल्पिक तरीके खोजकर हम हमेशा मंदी का प्रबंधन करते हैं। इसका मतलब कि उद्योग की सभी कंपनियों के ब्रोकरेज राजस्व पर असर पड़ेगा। जियोजित पिछले कुछ समय से वितरण कारोबार को बढ़ा रही है जो ब्रोकरेज आय के विपरीत अपेक्षाकृत कम प्रभावित है। हम पहलेकी तरह खुदरा संपत्ति कारोबार बढ़ाने पर फोकस करते रहेंगे।
प्राथमिक बाजार में आपको कब तक सुधार आता दिख रहा है?
यदि सेकंडरी बाजार सुस्त है तो इसका तत्काल असर प्राथमिक बाजार में दिखाई देगा जो कि अभी दिख भी रहा है। हालांकि, प्राथमिक बाजार के सर्द हो जाने पर उद्योग पर इसका असर ज्यादा होता है। उद्योग को निवेश के लिए पूंजी की निरंतर आवश्यकता होती है और अगर वह धार सूख जाती है तो कमजोर निवेश के कारण औद्योगिक विकास भी सुस्त हो जाएगा। प्राथमिक निर्गमों में उछाल का अगला चक्र अमेरिकी व्यापार नीतियों में स्थिरता के बाद आएगा। तब तक उद्योग को पूंजी जुटाने के लिए निजी इक्विटी का रास्ता देखना होगा।
क्या भारतीय कंपनी जगत टैरिफ युद्ध के लिए तैयार है?
पिछले तीन-चार वर्षों में जुटाई गई जोरदार पूंजी के कारण भारतीय कंपनियों पर टैरिफ का प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है, जिन्होंने अल्पावधि से मध्यम अवधि के पूंजीगत व्यय का ध्यान रखा है। निजी कंपनी क्षेत्र की बैलेंस शीट भी काफी अच्छी है, जिससे इक्विटी वित्त की तत्काल जरूरत सीमित हो गई है।
पहली बार बाजार में उतरने वाले निवेशकों को शेयरों का पोर्टफोलियो बनाने के लिए अभी क्या करना चाहिए?
नए निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण करने और अपने प्रोफाइल के लिए सही निवेश साधन चुनने के लिए खुद को तैयार करना होगा। बाजार की मौजूदा स्थितियां एसआईपी और संचय रणनीतियों के जरिए दीर्घकालिक धन सृजन के लिए अनुकूल प्रवेश का अवसर देती हैं। शेयरों की कीमतें तेजी से आकर्षक होती जा रही हैं जो निवेश का आकर्षक मौका हैं। एक विवेकपूर्ण नजरिया यह होगा कि घरेलू स्तर पर केंद्रित सेक्टरों जैसे उपभोग (एफएमसीजी और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं), बुनियादी ढांचा, सीमेंट, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं में निवेश शुरू किया जाए, विशेष रूप से क्षेत्र की अग्रणी लार्जकैप कंपनियों को लक्षित करके। म्युचुअल फंडों की योजनाएं सभी सेक्टरों में उचित विविधीकरण और संतुलित आवंटन का पर्याप्त मौका मुहैया करा रही हैं। चूंकि भारत की वैश्विक व्यापार पर निर्भरता अपेक्षाकृत कम है और उसके क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला बदलाव का संभावित लाभार्थी होने के कारण नए इक्विटी निवेशक तुरंत एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
निवेशकों की आदर्श परिसंपत्ति आवंटन रणनीति क्या होनी चाहिए?
एक विविध बहु-परिसंपत्ति आवंटन रणनीति (ऋण योजनाओं, सोने जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों और घरेलू रक्षात्मक शेयरों में उचित निवेश के साथ) जोखिम प्रबंधन और संभावित लाभ पाने के लिए एक समझदारी भरे आवंटन का नजरिया प्रदान करती है। यानी खुदरा निवेशकों के लिए सबसे अच्छी निवेश रणनीति व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) है।
मार्च 2025 की तिमाही में कंपनियों के आय सीजन से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
दिसंबर-जनवरी से सरकारी खर्च में उछाल मजबूत, हाई प्रीक्वेंसी इंडिकेटरों और तीसरी तिमाही के नतीजों के दौरान कंपनियों के प्रबंधन की उत्साहजनक टिप्पणियों के कारण बाजार कंपनियों की आय को लेकर आशावादी रहा है। चौथी तिमाही का प्रदर्शन तीसरी तिमाही से बेहतर रहने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के उच्च आधार के कारण सालाना आधार पर प्रगति धीमी रहने की संभावना है। अभी हम वित्त वर्ष 26 में भारत के लिए 12 से 14 फीसदी की आय वृद्धि के अनुमान पर कायम हैं।
क्या कमोडिटी बाजारों ने उच्च टैरिफ को समाहित किया है?
कमजोर वैश्विक बढ़त परिदृश्य और मंदी के जोखिमों के कारण कीमती धातुओं जैसी कमोडिटीज को लाभ होने की संभावना है। हालांकि कच्चे तेल पर सीधे टैरिफ नहीं लगाया गया लेकिन धीमी वैश्विक वृद्धि के कारण मांग में कमी की चिंताओं ने कीमतों को 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया। मांग में कमी और मंदी की आशंकाओं के बीच कच्चे तेल और औद्योगिक जिंसों पर लगातार दबाव आ सकता है। इसलिए, जिंस बाजारों में अस्थिरता इक्विटी बाजारों की तुलना में अधिक हो सकती है।
आप भारत में पूर्ण सेवा देने वाली बड़ी ब्रोकरेज फर्मों में से एक हैं, जिसके पास करीब एक लाख करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां हैं। एक ब्रोकरेज के रूप में आप और उद्योग कारोबार की मात्रा में अचानक आई गिरावट और ट्रेडरों और निवेशकों की घटती दिलचस्पी से कैसे निपट रहे हैं?
ब्रोकरेज कारोबार हमेशा ही उतारचढ़ाव भरा रहा है और इसलिए नीचे की ओर जाने वाले चक्रों के लिए हम सांगठनिक रूप से तैयार रहते हैं। लागत को बहेतर करके और आय के वैकल्पिक तरीके खोजकर हम हमेशा मंदी का प्रबंधन करते हैं। इसका मतलब कि उद्योग की सभी कंपनियों के ब्रोकरेज राजस्व पर असर पड़ेगा। जियोजित पिछले कुछ समय से वितरण कारोबार को बढ़ा रही है जो ब्रोकरेज आय के विपरीत अपेक्षाकृत कम प्रभावित है। हम पहलेकी तरह खुदरा संपत्ति कारोबार बढ़ाने पर फोकस करते रहेंगे।
प्राथमिक बाजार में आपको कब तक सुधार आता दिख रहा है?
यदि सेकंडरी बाजार सुस्त है तो इसका तत्काल असर प्राथमिक बाजार में दिखाई देगा जो कि अभी दिख भी रहा है। हालांकि, प्राथमिक बाजार के सर्द हो जाने पर उद्योग पर इसका असर ज्यादा होता है। उद्योग को निवेश के लिए पूंजी की निरंतर आवश्यकता होती है और अगर वह धार सूख जाती है तो कमजोर निवेश के कारण औद्योगिक विकास भी सुस्त हो जाएगा। प्राथमिक निर्गमों में उछाल का अगला चक्र अमेरिकी व्यापार नीतियों में स्थिरता के बाद आएगा। तब तक उद्योग को पूंजी जुटाने के लिए निजी इक्विटी का रास्ता देखना होगा।
क्या भारतीय कंपनी जगत टैरिफ युद्ध के लिए तैयार है?
पिछले तीन-चार वर्षों में जुटाई गई जोरदार पूंजी के कारण भारतीय कंपनियों पर टैरिफ का प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है, जिन्होंने अल्पावधि से मध्यम अवधि के पूंजीगत व्यय का ध्यान रखा है। निजी कंपनी क्षेत्र की बैलेंस शीट भी काफी अच्छी है, जिससे इक्विटी वित्त की तत्काल जरूरत सीमित हो गई है।
पहली बार बाजार में उतरने वाले निवेशकों को शेयरों का पोर्टफोलियो बनाने के लिए अभी क्या करना चाहिए?
नए निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण करने और अपने प्रोफाइल के लिए सही निवेश साधन चुनने के लिए खुद को तैयार करना होगा। बाजार की मौजूदा स्थितियां एसआईपी और संचय रणनीतियों के जरिए दीर्घकालिक धन सृजन के लिए अनुकूल प्रवेश का अवसर देती हैं। शेयरों की कीमतें तेजी से आकर्षक होती जा रही हैं जो निवेश का आकर्षक मौका हैं। एक विवेकपूर्ण नजरिया यह होगा कि घरेलू स्तर पर केंद्रित सेक्टरों जैसे उपभोग (एफएमसीजी और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं), बुनियादी ढांचा, सीमेंट, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं में निवेश शुरू किया जाए, विशेष रूप से क्षेत्र की अग्रणी लार्जकैप कंपनियों को लक्षित करके। म्युचुअल फंडों की योजनाएं सभी सेक्टरों में उचित विविधीकरण और संतुलित आवंटन का पर्याप्त मौका मुहैया करा रही हैं। चूंकि भारत की वैश्विक व्यापार पर निर्भरता अपेक्षाकृत कम है और उसके क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला बदलाव का संभावित लाभार्थी होने के कारण नए इक्विटी निवेशक तुरंत एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
निवेशकों की आदर्श परिसंपत्ति आवंटन रणनीति क्या होनी चाहिए?
एक विविध बहु-परिसंपत्ति आवंटन रणनीति (ऋण योजनाओं, सोने जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों और घरेलू रक्षात्मक शेयरों में उचित निवेश के साथ) जोखिम प्रबंधन और संभावित लाभ पाने के लिए एक समझदारी भरे आवंटन का नजरिया प्रदान करती है। यानी खुदरा निवेशकों के लिए सबसे अच्छी निवेश रणनीति व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) है।
मार्च 2025 की तिमाही में कंपनियों के आय सीजन से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
दिसंबर-जनवरी से सरकारी खर्च में उछाल मजबूत, हाई प्रीक्वेंसी इंडिकेटरों और तीसरी तिमाही के नतीजों के दौरान कंपनियों के प्रबंधन की उत्साहजनक टिप्पणियों के कारण बाजार कंपनियों की आय को लेकर आशावादी रहा है। चौथी तिमाही का प्रदर्शन तीसरी तिमाही से बेहतर रहने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के उच्च आधार के कारण सालाना आधार पर प्रगति धीमी रहने की संभावना है। अभी हम वित्त वर्ष 26 में भारत के लिए 12 से 14 फीसदी की आय वृद्धि के अनुमान पर कायम हैं।
क्या कमोडिटी बाजारों ने उच्च टैरिफ को समाहित किया है?
कमजोर वैश्विक बढ़त परिदृश्य और मंदी के जोखिमों के कारण कीमती धातुओं जैसी कमोडिटीज को लाभ होने की संभावना है। हालांकि कच्चे तेल पर सीधे टैरिफ नहीं लगाया गया लेकिन धीमी वैश्विक वृद्धि के कारण मांग में कमी की चिंताओं ने कीमतों को 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया। मांग में कमी और मंदी की आशंकाओं के बीच कच्चे तेल और औद्योगिक जिंसों पर लगातार दबाव आ सकता है। इसलिए, जिंस बाजारों में अस्थिरता इक्विटी बाजारों की तुलना में अधिक हो सकती है।
रिलायंस के नतीजों में दिखेगा कारोबार का संतुलन, जियो-रिटेल बने मजबूत स्तंभ
21 Apr, 2025 06:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के नतीजे कमजोर रह सकते हैं। हालांकि कंपनी के दूरसंचार और रिटेल व्यवसायों में मजबूत वृद्धि से उसके ऑयल टू केमिकल्स (ओ2सी) सेगमेंट में कमजोरी की भरपाई हो सकती है। आरआईएल ने शुक्रवार को एक्सचेंजों को बताया कि कंपनी चौथी तिमाही के नतीजे 25 अप्रैल को पेश करेगी।
ब्लूमबर्ग के सर्वे के अनुसार 16 विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए 2.42 लाख करोड़ रुपये के समेकित राजस्व (सालाना आधार पर 2.5 फीसदी तक अधिक) और 10 विश्लेषकों ने शुद्ध समायोजित आय 18,517 करोड़ रुपये (एक साल पहले के मुकाबले 2.5 फीसदी कम) रहने का अनुमान जताया है।
देश का सबसे ज्यादा विविधता वाले समूह तीन मुख्य व्यवसायों – तेल से लेकर रसायन (ओ2सी), रिटेल और दूरसंचार से जुड़ा है। उसके ओ2सी व्यवसायों में में रिफाइनिंग, फ्यूल-रिटेलिंग और पेट्रोकेमिकल शामिल हैं। वह तेल एवं गैस अन्वेषण कारोबार से भी जुड़ी है।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने 7 अप्रैल की रिपोर्ट में कहा, ‘हमको उम्मीद है कि आरआईएल तिमाही आधार पर सपाट आय (18,400 करोड़ रुपये) दर्ज कर सकती है, क्योंकि उसकी ओ2सी आय डीजल क्रैक्स/पॉलिएस्टर मार्जिन पर दबाव से प्रभावित हो सकती है। लेकिन उसे तिमाही के दौरान रुपये में आई गिरावट का फायदा मिल सकता है।’
शोध फर्म का मानना है कि वित्त वर्ष की शुरुआत में टैरिफ वृद्धि के कारण दूरसंचार एबिटा में अनुमानित 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि होगी, जबकि रिटेल व्यवसाय के एबिटा में 12 प्रतिशत की सालाना वृद्धि होगी, हालांकि मौजूदा अस्थिरता की वजह से रिटेल के बारे में अनुमान लगाना कठिन है।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले समूह के लिए समेकित एबिटा सालाना आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 43,409 करोड़ रुपये रह सकता है। चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 18,376 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो सालाना आधार पर 4 फीसदी कम है।
दूसरी तरफ, दौलत कैपिटल ने आरआईएल का एबिटा सालाना आधार पर 0.9 फीसदी तक घटकर 42,244 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है जबकि कर बाद लाभ (पीएटी) एक साल पहले के मुकाबले 8.4 फीसदी घटकर 17,359 करोड़ रुपये रह सकता है।
आरआईएल के लिए चिंता का मुख्य विषय ओ2सी सेगमेंट का प्रदर्शन है क्योंकि इसमें कच्चे माल की बढ़ती कीमतों, विशेष रूप से ईथेन की कीमतों में तिमाही आधार पर 28 प्रतिशत की वृद्धि तथा पेट्रोकेमिकल उत्पादों की कीमतों में गिरावट या स्थिरता के कारण मार्जिन पर दबाव पड़ने की आशंका है।
इसके विपरीत, रिलायंस जियो और रिटेल कारोबार मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 6 अप्रैल के एक नोट में कहा कि डिजिटल सेवाओं से एबिटा में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जिसमें जुलाई 2024 की शुल्क बढ़ोतरी का प्रभाव शामिल है। ओ2सी सेगमेंट का एबिटा सालाना आधार पर 11 फीसदी घट सकता है। लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 3 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है। वहीं ईऐंडपी व्यवसाय का एबिटा सालाना आधार पर 6 फीसदी घट सकता है और तिमाही आधार पर इसमें 5 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
पूरे वर्ष के आधार पर गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में आय की रफ्तार तेज हो सकती है, क्योंकि सभी सेगमेंट में वृद्धि से उसे मदद मिल सकती है।
मोदी-वेंस मुलाकात: निवेश, तकनीक और रणनीति के मोर्चे पर होगी बात
21 Apr, 2025 05:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के साथ व्यापार, शुल्क, क्षेत्रीय सुरक्षा और समग्र द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों सहित कई प्रमुख मुद्दों पर सोमवार को बातचीत करेंगे और फिर शाम को उनके एवं भारतीय मूल की उनकी पत्नी उषा के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति, उनकी पत्नी उषा और उनके तीन बच्चे – इवान, विवेक और मीराबेल – चार दिवसीय भारत यात्रा के तहत सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे पालम एयरबेस पर उतरेंगे।
वेंस ऐसे समय में भारत की अपनी पहली यात्रा करेंगे जब कुछ सप्ताह पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत सहित लगभग 60 देशों के खिलाफ व्यापक शुल्क व्यवस्था लागू करने के बाद उसे स्थगित कर दिया था। भारत और अमेरिका अब द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसमें शुल्क और बाजार तक पहुंच सहित कई मुद्दों को शामिल किए जाने की संभावना है।
वेंस के यात्रा कार्यक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद वेंस और उनका परिवार स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर जाएगा तथा वे पारंपरिक भारतीय हस्तनिर्मित सामान बेचने वाले एक ‘शॉपिंग कॉम्प्लेक्स’ भी जा सकते हैं। वेंस के भारत आगमन पर केंद्र का कोई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री पालम एयरबेस पर उनका स्वागत करेगा। वेंस अपने परिवार के साथ दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा की भी यात्रा करेंगे। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों सहित कम से कम पांच वरिष्ठ अधिकारियों के वेंस के साथ भारत आने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को शाम साढ़े छह बजे अपने 7 लोक कल्याण मार्ग निवास पर वेंस और उनके परिवार का स्वागत करेंगे जिसके बाद आधिकारिक वार्ता होगी। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार संधि साथ-साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके पर चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भारतीय दल का संभवत: हिस्सा होंगे। मोदी वार्ता के बाद वेंस और उनके साथ आए अमेरिकी अधिकारियों के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार दिल्ली में आईटीसी मौर्य शेरेटन होटल में ठहरेगा। अधिकारियों ने बताया कि वेंस और उनका परिवार सोमवार रात जयपुर रवाना होगा। वेंस 22 अप्रैल को आमेर किले सहित कई ऐतिहासिक स्थलों पर जाएंगे। संभवत: 23 अप्रैल की सुबह आगरा जाएगा। वे वहां ताजमहल और शिल्पग्राम जाएंगे। वेंस और उनका परिवार 24 अप्रैल को अमेरिका रवाना होंगे।
एचडीएफसी बैंक ने जारी किए नतीजे, डिविडेंड देने का भी ऐलान
20 Apr, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय बाजार में एचडीएफसी बैंक ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है जब वह वित्त वर्ष 2025 के चौथे तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। बैंक ने नेट प्रॉफिट में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी दर्ज कराई है, जिस कारण उसने अपने शेयरहोल्डर्स को 22 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का भी ऐलान किया है। बैंक ने साल दर साल आधार पर वित्त वर्ष 2025 के मार्च तिमाही में 6.7 फीसदी की ग्रोथ देखी है, जो नेट प्रॉफिट को 17,616 करोड़ रुपये पहुंचाती है। इस ग्रोथ दर की वर्तमान चली दुर्गम परिस्थितियों में बैंक की मजबूती को दर्शाती है। बोर्ड ने डिविडेंड का ऐलान करते हुए 1 रुपये के फेस वैल्यू पर शेयरहोल्डर्स को 22 रुपये प्रति शेयर देने का फैसला किया है। इसकी रिकॉर्ड डेट 27 जून 2025 को रखी गई है। बैंक के नपा रेशियो में भी धीमी गिरावट दर्ज की गई है। 31 दिसंबर 2024 को 1.42 प्रतिशत से 31 मार्च 2025 को इसे 1.33 प्रतिशत पर कम किया गया है। यह बैंक की स्थिरता के संकेत माना जा सकता है। इसी तरह, एनपीए रेशियो 0.43 फीसदी पर है, जो पिछली तिमाही में 0.46 फीसदी पर था। ग्रॉस एनपीए भी पिछली तिमाही के मुकाबले धीमा रहा है, लेकिन यह वीर्य दिखाता है कि बैंक संकटों का सामना करने में सक्षम है।
कावासाकी ने भारतीय बाजार में लॉन्च की क्रूजर बाइक एलिमिनेटर
20 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । जापानी टू-व्हीलर निर्माता कंपनी कावासाकी ने हाल ही में अपडेटेड मॉडल वाली अपनी प्रसिद्ध क्रूजर बाइक एलिमिनेटर को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। यह बाइक नवीनतम तकनीकी और डिज़ाइन फीचर्स के साथ आता है। 2025 कावासाकी एलिमिनेटर में 451 सीसी लिक्विड-कूल्ड 4-स्ट्रोक पैरलल ट्विन इंजन दिया गया है, जो 45पीएस :का पावर और 42.6 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इस बाइक में हार्डवेयर भी कमाल का है, जैसे डुअल-चैनल एबीएस, डिस्क ब्रेक, टेलिस्कॉपिक फॉर्क, डुअल शॉक एब्जॉर्वर और बहुत कुछ। एलिमिनेटर के फीचर्स में एक सर्कुलर एलसीडी इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, राइडोलॉजी ऐप के साथ स्मार्टफोन कनेक्टिविटी, डुअल चैनल एबीएस, और कई और डिजिटल इंवोवेशनें शामिल हैं। इस नई बाइक का ओवरऑल डिज़ाइन भी मॉडर्न और एलिगेंट है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं
20 Apr, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को सुबह 6 बजे ईंधन के नए दाम जारी कर दिए हैं। जारी रेट के अनुसार रविवार को भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 65-78 डॉलर प्रति बैरल, जो कि पिछले दिनों के मुकाबले कम है। दिल्ली में पेट्रोल 94.77 रुपए लीटर, डीजल 87.67 रुपए लीटर, मुंबई में पेट्रोल 103.50 रुपए लीटर, डीजल 90.03 रुपए लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 105.01 रुपए लीटर, डीजल 91.82 रुपए लीटर, चेन्नई में पेट्रोल 100.80 रुपए लीटर, डीजल 92.39 रुपए लीटर, नोएडा में पेट्रोल 94.87 रुपए लीटर, डीजल 88.14 रुपए लीटर, बेंगलुरु में पेट्रोल 102.92 रुपए लीटर, डीजल 88.99 रुपए लीटर, पटना में पेट्रोल 105.60 रुपए लीटर, डीजल 92.04 रुपए लीटर, लखनऊ में पेट्रोल 94.69 रुपए/लीटर, डीजल 87.55 रुपए लीटर, चंडीगढ़ में पेट्रोल 94.30 रुपए लीटर, डीजल 82.38 रुपए लीटर, हैदराबाद में पेट्रोल 107.46 रुपए लीटर, डीजल 95.63 रुपए लीटर, गुरुग्राम में पेट्रोल 95.17 रुपए लीटर, डीजल 88.03 रुपए लीटर, जयपुर में पेट्रोल 104.72 रुपए लीटर, डीजल 90.36 रुपए लीटर है।
वनप्लस 13टी 24 अप्रैल को चीन में होगा लॉन्च
20 Apr, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रीमियम स्मार्टफोन वनप्लस 13टी को 24 अप्रैल को चीन में लॉन्च करने जा रही है। वनप्लस 13टी का लॉन्च जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, यूजर्स की उत्सुकता और भी बढ़ती जा रही है। लॉन्च से पहले इस फोन को लेकर कई लीक सामने आ चुकी हैं, जिनमें इसके डिजाइन से लेकर फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स तक की जानकारी दी गई है। हाल में सामने आए एक हैंड्स-ऑन वीडियो में फोन की झलक देखने को मिली, जिससे इसके प्रीमियम लुक की पुष्टि होती है। नई लीक के मुताबिक,वनप्लस 13टी में 50 मेगापिक्सल का सोनी मेन कैमरा और 50 मेगापिक्सल का 2 एक्स टेलीफोटो लेंस दिया जाएगा। वहीं, फ्रंट कैमरा 32 मेगापिक्सल का हो सकता है। फोन में 6.3 इंच का 1.5के फ्लैट ओलेड डिस्प्ले मिलेगा, जो 120 एचझेड रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करेगा। परफॉर्मेंस के लिए इसमें स्नेपड्रेगन 8इलाइट ई- चिपसेट होगा, जिसे एलपीडीडीआर एक्स रैम और यूएफएस 4.0 स्टोरेज का साथ मिलेगा। कनेक्टिविटी के लिए फोन वायफाय 5/6/7, ब्ल्यूटूथ 5.4 और एनएफसी सपोर्ट करेगा। खास बात ये है कि इस बार वनप्लस का अलर्ट स्लाइडर एक्शन बटन से रिप्लेस हो सकता है।
फोन तीन कलर ऑप्शन मॉर्निंग मिस्ट ग्रे, हार्ट बीटिंग पिंक और क्लाउड इंक ब्लैक में लॉन्च किया जाएगा। बैटरी के मामले में फोन काफी दमदार रहेगा, जिसमें 6100 एमएएच की बैटरी दी जा सकती है जो 80वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करेगी। वनप्लस 13टी एंड्राएड 15 पर रन करेगा और इसमें एक्स-अक्सिस लीनियर मोटर, आईआर ब्लास्टर और आईपी68/69 रेटिंग जैसे प्रीमियम फीचर्स मिलेंगे।
Yes Bank ने मारी लंबी छलांग, मार्च तिमाही में कमाए ₹9,355.4 करोड़
19 Apr, 2025 03:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
YES Bank ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 738.12 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। यह पिछले साल की इसी तिमाही के 451.9 करोड़ रुपये के मुनाफे की तुलना में 63.7 प्रतिशत अधिक है। बैंक की इस मजबूत उपलब्धि के पीछे ब्याज आय में बढ़ोतरी, प्रावधानों में कमी और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जैसे कारण रहे।
आय में बढ़ोतरी और प्रावधानों में कमी
इस तिमाही में YES Bank की कुल आय बढ़कर 9,355.4 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 9,015.8 करोड़ रुपये थी। ब्याज से होने वाली आय 7,447.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,616.1 करोड़ रुपये रही। इसके अलावा, अन्य स्रोतों से आय भी 1,568.6 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,739.3 करोड़ रुपये हो गई। बैंक का परिचालन मुनाफा (प्रावधानों से पहले) 902.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,314.4 करोड़ रुपये रहा। प्रावधान और आकस्मिक खर्चों में भी कमी आई और यह 470.9 करोड़ रुपये से घटकर 318.1 करोड़ रुपये हो गया, जिससे मुनाफे को और बल मिला।
संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार
YES Bank की संपत्ति की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया। सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) 3,935.6 करोड़ रुपये रही, और सकल NPA अनुपात 1.7 प्रतिशत से घटकर 1.6 प्रतिशत हो गया। शुद्ध NPA 800 करोड़ रुपये रहा, और शुद्ध NPA अनुपात 0.6 प्रतिशत से सुधरकर 0.3 प्रतिशत हो गया। यह बेहतर प्रबंधन और जोखिम नियंत्रण का संकेत है।
17 अप्रैल को बीएसई पर YES Bank के शेयर 1.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। बैंक का यह प्रदर्शन निवेशकों और बाजार के लिए पॉजेटिव मैसेज देता है।
3 दिन में लोन, जीरो EMI! LIC की इस स्कीम ने मचाया तहलका
19 Apr, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Personal Loan on LIC Policy: अचानक पैसों की जरूरत होती है, तो लोग आमतौर पर क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन का रुख करते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि LIC की पॉलिसी पर मिलने वाला एक लोन ऐसा विकल्प है, जो न केवल सस्ता पड़ता है बल्कि इसमें हर महीने EMI देने का कोई दबाव भी नहीं होता। आसान प्रोसेस, कम ब्याज और लचीले रीपेमेंट ऑप्शन की वजह से यह लोन मुश्किल समय में बड़ी मदद साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस खास लोन के बारे में पूरी जानकारी।
LIC पॉलिसी पर कैसे मिलता है लोन?
अगर आपके पास LIC की कोई पॉलिसी है और उसमें लोन लेने का ऑप्शन होता है, तो आप बहुत ही कम पेपरवर्क में इस पर लोन ले सकते हैं। आमतौर पर यह लोन 3 से 5 दिन में मिल जाता है।
पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता
LIC लोन की ब्याज दर आमतौर पर 9% से 11% के बीच होती है, जबकि पर्सनल लोन पर ब्याज 10.30% से 16.99% तक जा सकता है। इसके अलावा, इसमें न कोई प्रोसेसिंग फीस होती है, न ही हिडन चार्जेज।
EMI की नहीं कोई झंझट
इस लोन में EMI चुकाने का कोई फिक्स सिस्टम नहीं होता। लोन की न्यूनतम अवधि 6 महीने होती है और अधिकतम अवधि पॉलिसी की मैच्योरिटी तक हो सकती है। ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार रीपेमेंट कर सकता है। हालांकि ध्यान रखें कि ब्याज हर साल जुड़ता रहता है। यदि आप 6 महीने से पहले ही लोन चुका देते हैं, तो भी आपको 6 महीने का ब्याज भरना होता है।
कैसे करें रीपेमेंट?
LIC लोन को आप तीन तरीकों से चुका सकते हैं:
ब्याज और मूलधन दोनों एक साथ चुकाएं
पॉलिसी मैच्योर होने पर क्लेम अमाउंट से लोन का निपटान करें
हर साल ब्याज भरते रहें और मूलधन बाद में चुकाएं
कितना लोन मिलेगा?
इस लोन की राशि आपकी पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू पर निर्भर करती है। आपको सरेंडर वैल्यू का 80% से 90% तक लोन मिल सकता है।
सिक्योर्ड लोन है यह
यह लोन सिक्योर्ड होता है, यानी LIC आपकी पॉलिसी को गिरवी रखती है। अगर लोन समय पर नहीं चुकाया गया और बकाया राशि सरेंडर वैल्यू से अधिक हो गई, तो LIC आपकी पॉलिसी को समाप्त कर सकती है।
LIC की एंडोमेंट पॉलिसियों पर लोन: जानिए कौन-सी पॉलिसी पर कितना मिल सकता है लोन
अगर आपके पास LIC की कोई एंडोमेंट पॉलिसी है और आपने कम से कम दो साल तक उसका प्रीमियम भरा है, तो आप उस पर लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह लोन पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता होता है और इसका ब्याज दर सरकारी बेंचमार्क रेट से जुड़ा होता है। LIC की कई लोकप्रिय पॉलिसियों पर यह सुविधा मिलती है। आइए जानते हैं किस पॉलिसी पर कितना लोन मिल सकता है और ब्याज दर क्या होती है:
LIC बीमा ज्योति
योग्यता: कम से कम दो साल का प्रीमियम भुगतान आवश्यक
लोन राशि:
सक्रिय पॉलिसी पर: सरेंडर वैल्यू का 90%
पेड-अप पॉलिसी पर: सरेंडर वैल्यू का 80%
ब्याज दर: 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड दर + 3% तक, ब्याज अर्धवार्षिक रूप से जुड़ता है
LIC बीमा रत्न
योग्यता: दो साल का प्रीमियम भुगतान
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: 10-वर्षीय G-Sec + 3% या नॉन-लिंक्ड फंड की कमाई + 1% में से जो अधिक हो
LIC धन संचय
योग्यता:
रेगुलर/लिमिटेड प्रीमियम: 2 साल का भुगतान
सिंगल प्रीमियम: पॉलिसी जारी होने के 3 महीने बाद या फ्री-लुक अवधि के बाद
लोन राशि:
रेगुलर प्रीमियम: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
सिंगल प्रीमियम: 75%
ब्याज दर: G-Sec + 3% या नॉन-लिंक्ड फंड की कमाई + 1% (जो अधिक हो)
नोट: पेआउट पीरियड के दौरान लोन नहीं मिलेगा
LIC जीवन आज़ाद
योग्यता: दो साल तक प्रीमियम भरना जरूरी
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: G-Sec + 3% या नॉन-लिंक्ड फंड रिटर्न + 1%
LIC न्यू एंडोमेंट प्लान
योग्यता: कम से कम दो साल प्रीमियम भुगतान
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: IRDAI द्वारा स्वीकृत पद्धति के अनुसार निर्धारित
LIC न्यू जीवन आनंद
योग्यता: दो साल का प्रीमियम भुगतान
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: IRDAI के अनुसार निर्धारित
LIC सिंगल प्रीमियम एंडोमेंट प्लान
योग्यता: एक पॉलिसी वर्ष पूरा होना चाहिए
लोन राशि: सरेंडर वैल्यू का 90%
ब्याज दर: IRDAI के दिशानिर्देश अनुसार
LIC जीवन लक्ष्य
योग्यता: दो साल तक प्रीमियम भरना जरूरी
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: IRDAI द्वारा अनुमोदित प्रणाली के अनुसार
LIC जीवन लाभ
योग्यता: दो साल का प्रीमियम भुगतान
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: नियामक प्राधिकरण की स्वीकृति के अनुसार
LIC आधार शिला
योग्यता: दो साल तक प्रीमियम का भुगतान आवश्यक
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: G-Sec + 3% या नॉन-लिंक्ड फंड रिटर्न + 1%
LIC आधार स्तंभ
योग्यता: कम से कम दो साल प्रीमियम भरना जरूरी
लोन राशि: 90% (सक्रिय), 80% (पेड-अप)
ब्याज दर: G-Sec + 3% या नॉन-लिंक्ड फंड रिटर्न + 1%
LIC पॉलिसी पर लोन के लिए ऐसे करें आवेदन, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प मौजूद
अगर आपके पास LIC की बीमा पॉलिसी है और आप उस पर लोन लेना चाहते हैं, तो यह काम अब आसान हो गया है। पॉलिसी होल्डर अपनी जरूरत के मुताबिक LIC से लोन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ले सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें हैं जिनकी जानकारी होना जरूरी है।
ऑनलाइन कैसे करें आवेदन?
LIC की ओर से ‘प्रीमियम सेवा’ (Premier Service) ग्राहकों को ऑनलाइन लोन एप्लिकेशन की सुविधा दी गई है। इसके लिए आपको LIC की आधिकारिक कस्टमर पोर्टल (https://ebiz.licindia.in/D2CPM/#Login) पर लॉग-इन करना होगा। लेकिन ध्यान रहे, यह सुविधा सिर्फ उन्हीं पॉलिसीधारकों के लिए है जो इस पोर्टल पर प्रीमियम सेवा के तहत पहले से रजिस्टर्ड हैं।
अन्य ग्राहक क्या करें?
जो ग्राहक प्रीमियम सेवा के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें लोन के लिए नजदीकी LIC ब्रांच ऑफिस जाना होगा। वहां वे आवश्यक KYC दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं।
बैंक से भी मिल सकता है लोन
कुछ बैंक भी बीमा पॉलिसी के बदले लोन की सुविधा देते हैं। इनमें LIC पॉलिसी भी शामिल होती है। ऐसे में ग्राहक LIC और बैंकों के ब्याज दरों की तुलना कर सकते हैं और जहां बेहतर ऑफर मिले, वहां से लोन ले सकते हैं।
BluSmart की विदाई, Uber की चांदी! मार्केट में बढ़ा ग्राहकों का भरोसा
19 Apr, 2025 02:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कभी भारत की इलेक्ट्रिक टैक्सी सेवा प्रदाताओं में अग्रणी मानी जाने वाली ब्लूस्मार्ट अचानक बाजार से बाहर हो गई। जिससे इस क्षेत्र में खालीपन हो गया है और इसका सीधा बड़ा फायदा उबर, ओला, रैपिडो और इनड्राइव जैसी अन्य प्रतिस्पर्धियों को मिलने की पूरी संभावना दिख रही है। शुरुआती संकेत बता रहे हैं कि इसका सबसे ज्यादा फायदा उबर हो सकता है, क्योंकि अधिकतर उपयोगकर्ताओं ने इशारा किया है कि वह उनके चुनिंदा विकल्पों में से एक है और निवेशकों का भी मानना है कि बाजार की यह दिग्गज कंपनी अपना दबदबा और मजबूत बढ़ाएगी।
इस साल जनवरी में आई ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के आंकड़ों के मुताबिक, देश के टैक्सी बाजार में औसत दैनिक सवारी और सक्रिय मासिक उपयोगकर्ताओं के मामले में उबर सबसे आगे हैं। अमेरिका की यह कंपनी रोजाना 8.40 लाख सवारी के साथ बाजार के अन्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले काफी आगे है। उसके बाद ओला (4.6 लाख) और रैपिडो (3.20 लाख) का स्थान है। इसी तरह, उबर के पास 3.36 करोड़ सक्रिय मासिक ग्राहकों का आधार है, जबकि रैपिडो के पास 3.18 करोड़ और ओला के पास 2.86 करोड़ सक्रिय मासिक ग्राहक हैं।
मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड के लिहाज से भी 50 करोड़ डाउनलोड के साथ उबर का दबदबा है और यह 10 करोड़ डाउनलोड वाले रैपिडो, इनड्राइव और ओला से कहीं ज्यादा आगे है। कैब के कुछ सक्रिय उपयोगकर्ताओं ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि ब्लूस्मार्ट की सेवाएं नहीं मिलने के कारण वे उबर का रुख कर सकते हैं। गुरुग्राम के मार्केटिंग पेशेवर और ब्लूस्मार्ट के भरोसेमंद ग्राहकों में से एक सोमिल अग्रवाल ने कहा कि अब वह रोजाना की आवाजाही और हवाईअड्डा जाने के लिए उबर का रुख किया, क्योंकि वह एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।
अग्रवाल की बातों से इत्तफाक रखते हुए ब्लूस्मार्ट की एक अन्य सक्रिय उपयोगकर्ता यशस्वी शैली ने भी कहा कि वह अन्य ऐप्लिकेशन के बजाय रोजाना की आवाजाही के लिए उबर का ही उपयोग करेंगी। शैली ने कहा, ‘ब्लूस्मार्ट की सेवाएं बंद होने का मुझे अफसोस है। वह काफी आरामदायक थी और मुझे भुगतान के लिए भी मोल-तोल नहीं करना पड़ता था। इसके अलावा उसके ड्राइवर भी काफी अच्छे थे। अब मैं उबर का उपयोग क्योंकि क्योंकि रैपिडो में मुझे भुगतान के कई विकल्प नहीं मिलते हैं। ओला के साथ मेरा अनुभव खराब रहा है क्योंकि वे एसी नहीं चलाते हैं र गूगल मैप्स पर दिखाए गए मार्गों से भी नहीं चलते हैं, जिससे कभी-कभी असुरक्षा की भावना आती है।’उन्होंने बताया कि उनके ब्लूस्मार्ट वॉलेट में जमा 16,474 रुपये की राशि शुक्रवार को पूरी तरह से वापस कर दी गई, एक दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था और कंपनी की हेल्पलाइन पर संपर्क किया था।