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Home Loan की है जरूरत पर नौकरी नहीं? फिकर नॉट..... ये 5 चीजें चेक करेगा बैंक, आसान हो जाएगी लोन अप्रूवल!
26 Feb, 2025 07:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। लेकिन घर खरीदना या बनवाना आसान नहीं होता। ज़्यादातर लोग होम लोन लेकर ही अपना घर बना पाते हैं। अगर कोई नौकरीपेशा व्यक्ति होम लोन के लिए आवेदन करता है, तो बैंक उसकी सैलरी, बैंक स्टेटमेंट और दूसरे दस्तावेज़ चेक करता है। लेकिन अगर कोई स्व-रोज़गार करने वाला व्यक्ति होम लोन लेना चाहता है, तो बैंक किन बातों का ध्यान रखता है?
1- उम्र बहुत मायने रखती है
बैंक किसी को भी होम लोन देने से पहले उसकी उम्र ज़रूर चेक करते हैं। अगर कोई स्व-रोज़गार करने वाला व्यक्ति युवा है, तो उसे ज़्यादा लोन मिलने की संभावना होती है। साथ ही, उसे लंबी अवधि के लिए लोन भी मिल सकता है, जिससे EMI कम हो सकती है। इससे लोन चुकाना भी आसान हो जाता है।
2- दस्तावेज़ चेक किए जाते हैं
होम लोन देने से पहले बैंक कई ज़रूरी दस्तावेज़ चेक करता है। इसमें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR), प्रॉफ़िट-लॉस स्टेटमेंट, बैलेंस शीट और बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं। इन दस्तावेज़ों से बैंक यह पता लगाता है कि आवेदक की आर्थिक स्थिति कैसी है और उसका व्यवसाय कितना स्थिर है। इससे बैंक को उसके लोन डूबने के जोखिम का अंदाजा हो जाता है।
3- नेट इनकम की गणना
बैंक स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति की मासिक आय को भी देखता है। इसके लिए बैंक कई दस्तावेजों की मदद से पता लगाता है कि हर महीने कितनी कमाई हो रही है। अगर बैंक को लगता है कि आवेदक हर महीने EMI भरने में सक्षम है तो लोन मिलना आसान हो जाता है।
4- क्रेडिट स्कोर बहुत जरूरी है
लोन अप्रूवल से पहले क्रेडिट स्कोर भी चेक किया जाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। अगर स्कोर 750 या इससे ज्यादा है तो लोन आसानी से मिल सकता है। अगर स्कोर कम है तो लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। क्रेडिट स्कोर से पता चलता है कि आवेदक ने पहले लिए गए लोन और क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर किया है या नहीं।
5- बिजनेस के अलावा अन्य आय स्रोत
बैंक यह भी चेक करता है कि आवेदक के पास आय के अन्य स्रोत हैं या नहीं। इसमें बैंक रेंटल इनकम, शेयर या अन्य निवेश से होने वाली आय और रियल एस्टेट से होने वाली आय की जांच करता है। अगर स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति के पास व्यवसाय के अलावा कोई और आय स्रोत है, तो होम लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बैंक को यह भरोसा होता है कि वह समय पर लोन चुका पाएगा।
ठग सुकेश चंद्रशेखर का जेल से मस्क को भेजा गया निवेश प्रस्ताव
26 Feb, 2025 11:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धोखाधड़ी के आरोपों में जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार सुकेश ने एलन मस्क को चिट्ठी लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स में 2 बिलियन डॉलर (1,74,22,07,00,000 रुपये) का निवेश करने की इच्छा जताई है. मौजूदा समय में दिल्ली की मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने मस्क को 'मॉय मैन' के रूप में संबोधित किया और उन्हें अमेरिकी सरकार के नए विभाग डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व करने के लिए बधाई दी.
सुकेश ने चिट्टी में लिखा, 'हे एलन, मैं आज गर्व से कहना चाहता हूं कि मैं आपकी कंपनी एक्स में तुरंत 1 बिलियन डॉलर और अगले साल 1 बिलियन डॉलर यानी कुल दो बिलियन डॉलर (करीब 17,400 करोड़) का निवेश करना चाहता हूं.' उन्होंने यह भी लिखा कि 'X' मेरी पसंदीदा सोशल मीडिया साइट है और मेरी 'लेडी लव' जैकलीन फर्नांडिस भी इसे पसंद करती हैं. सुकेश ने यह भी दावा किया कि उनकी कंपनी एलएस होल्डिंग पहले से ही टेस्ला के शेयर में इनवेस्टमेंट कर चुकी है और उन्हें इससे अच्छा प्रॉफिट हुआ है.
'मुझे आपकी लीडरशिप में पूरा यकीन'
सुकेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'यह निवेश 'X' की किसी वैल्यूएशन पर बेस्ड नहीं है, बल्कि यह इस बात पर है कि आपकी लीडरशिप में कंपनी कितनी ऊंचाई तक पहुंचेगी. मेरा दांव हमेशा आप पर है और मुझे पूरा यकीन है कि 'X' की वैल्यू अप्रत्याशित ऊंचाई तक जाएगी.' चिट्ठी में सुकेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना 'बिग ब्रदर' कहा. उन्होंने मस्क को DOGE के नेतृत्व के लिए बधाई देते हुए सरकारी टेक्नोलॉजी को मॉडर्न बनाने के प्लान की तारीफ की.
मेरे लिये पैसा और सफलता बोरिंग हो गई
सुकेश ने लिखा, मेरे लिये अब पैसा और सफलता बोरिंग हो चुकी है. लेकिन असफलता से उभरना उन्हें रोमांचित करता है. 'एलन, मुझे यकीन है कि आप मुझसे सहमत होंगे कि पैसा और सफलता बहुत आसान हैं, लेकिन असफलता से उठकर और मजबूत बनना असली रोमांच है.' उन्होंने अपने बिजनेस साम्राज्य का जिक्र करते हुए दावा किया कि उनकी कंपनी स्पीड गेमिंग कॉर्प और उसकी सहयोगी कंपनियां दुनिया की टॉप 25 ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और स्पोर्ट्स बेटिंग कंपनियों में शामिल है. उनकी कंपनियां देश के बाहर पूरी तरह कानूनी रूप से संचालित होती हैं और उनका निवेश प्रस्ताव पूरी तरह से अमेरिका, यूके और हांगकांग के कानूनों के हिसाब से है.
सभी आरोप झूठे और राजनीतिक साजिश के तहत लगाए गए
सुकेश ने दावा किया कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप झूठे और राजनीतिक साजिश के तहत लगाए गए हैं. 'मैं इस समय न्यायिक हिरासत में हूं, लेकिन मुझ पर जो वित्तीय अपराध का आरोप है, वह मेरे एक साल के शॉपिंग बजट से भी कम का हैं. मुझ पर लगे सभी आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं, और मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है.' अगर वह ) 'X' में निवेश करते हैं तो यह उन्हें एक 'गर्वित भारतीय' बनाएगा और इससे भारतीय युवाओं को बड़ा सपना देखने की प्रेरणा मिलेगी.
आपको बता दें यह पहला मौका नहीं है जब सुकेश चंद्रशेखर ने इस तरह का पब्लिकली ऑफर दिया है. इससे पहले उन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखकर सुर्खियां बटोरी थीं.
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम: अब नौकरी की जरूरत नहीं, हर किसी के लिए खुली है सरकार की नई योजना
25 Feb, 2025 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Universal Pension Scheme: केंद्र सरकार कथित तौर पर एक नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पर काम कर रही है, जो पारंपरिक नौकरी-आधारित योजनाओं से परे लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकेगी. रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय ने एक स्वैच्छिक और अंशदायी योजना पर एक चर्चा शुरू कर दी है, जो सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों को उनकी रोजगार स्थिति की परवाह किए बिना अपने रिटायरमेंट में निवेश करने की अनुमति देगी.
रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी योजना शुरू करने के पीछे का विचार यही है कि मौजूदा पेंशन योजनाओं को एक छतरी के नीचे लेकर आना है, जिससे उसे काफी आसान बनाया जा सके, व्यापारियों और 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के स्वरोजगार वाले व्यक्तियों के लिए.
अंशदायी पेंशन योजना सभी के लिए खुली होगी
स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना सभी के लिए खुली होगी और किसी नौकरी या व्यवसाय क्षेत्र तक सीमित नहीं होगी.यह योजना समाज के सभी वर्गों तक कवरेज बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा चल रही मौजूदा पेंशन योजनाओं को भी समाहित कर सकती है. इसमें कहा गया है कि 18 से 60 साल के आयु वर्ग के सभी लोग इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
भारत में प्रमुख सरकारी पेंशन योजनाएं
इस समय भारत में सरकार समाज के कई वर्गों से आने वाले लोगों के लिए कई पेंशन योजनाएं चलाती है. इन योजनाओं का काम हर व्यक्ति के वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
अटल पेंशन योजना
अगर आप असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और अपने रिटायरमेंट को लेकर चिंतित हैं तो यह योजना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। 60 साल की उम्र के बाद इसमें 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन मिलती है.
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
यह एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है, जो सरकारी, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए खुली है. इसमें निवेश करके आप रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि और पेंशन दोनों पा सकते हैं.
कर्मचारी पेंशन योजना
यह योजना आपके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है. बता दें, EPFO द्वारा चल रही है इस योजना में नियोक्ता अपने वेतन का 8.33% पेंशन फंड में जमा करता है, जिससे आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है.
सेंसेक्स में तेजी, निफ्टी में सुस्ती: क्या दिखा आज का मार्केट ट्रेंड?
25 Feb, 2025 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 147.71 अंक की उछाल के साथ कारोबार के आखिर में 74,602.12 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 5.8 अंक की मामूली गिरावट के साथ कारोबार के अंत में 22,547.55 के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी पर एमएंडएम, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी और नेस्ले प्रमुख लाभ में रहे, जबकि हिंडाल्को, डॉ रेड्डीज लैब्स, सन फार्मा, हीरो मोटोकॉर्प, ट्रेंट नुकसान में रहे। मंगलवार को भारतीय रुपया 50 पैसे गिरकर 87.20 प्रति डॉलर पर बंद हुआ तथा सोमवार को 86.70 पर बंद हुआ।
खबरों में रहे ये शेयर
ब्रोकरेज कंपनियों के तेजी भरे आह्वान के बाद एमएंडएम के शेयरों में 3% की तेजी दिखी। कारोबार में दूसरे दिन भी बढ़त जारी रही। इस सप्ताह निवेशक मीटिंग से पहले ग्लैंड फार्मा के शेयरों में 16 सप्ताह में सबसे अधिक उछाल देखा गया। आज के कारोबार में आईटी, धातु, तेल एवं गैस, ऊर्जा, पूंजीगत सामान, पीएसयू बैंक, रियल्टी में 0.5-1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि ऑटो, उपभोक्ता टिकाऊ सामान, एफएमसीजी, दूरसंचार में 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
एशियाई मार्केट में आज का रुझान
एशिया में मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट देखी गई, क्योंकि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव की चिंताओं ने इस क्षेत्र के लिए संभावनाओं को प्रभावित किया। जापान में सोमवार को छुट्टी के बाद बाजार खुलने के बाद टोक्यो का निक्केई 225 1.4% गिरकर 38,237.79 पर आ गया। हांगकांग में, हैंग सेंग 1.5% गिरकर 22,999.44 पर आ गया, जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.8% गिरकर 3,346.04 पर आ गया। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.7% गिरकर 8,251.90 पर आ गया।
खबर के मुताबिक, बैंक ऑफ कोरिया द्वारा अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को 3% से घटाकर 2.75% करने के बाद दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.7% गिरकर 2,630.29 पर आ गया, यह धीमी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए चार बैठकों में तीसरी कटौती है। ताइवान का टेक्स 1.2% गिरा।
बाजार की गिरावट ने बिटकॉइन को भी नहीं छोड़ा, 19 लाख करोड़ रुपये का घाटा
25 Feb, 2025 04:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी में उठापटक ने डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की मुश्किल बढ़ा दी है, दरअसल बीते कुछ दिनों में बिटकॉइन में गिरावट देखने को मिल रही है, जिसमें ये डिजिटल करेंसी 90 हजार डॉलर से नीचे आ गई है. वहीं दूसरी और इथेरियम और सोलाना जैसी दूसरी डिजिटल करेंसी में भी 15 प्रतिशत की गिरावट आई है.
जानकारों के अनुसार डिजिटल करेंसी में ये गिरावट चीन पर अमेरिकी निवेश प्रतिबंधों की वजह से आई है. इन्हीं सब वजहों के चलते बिटकॉइन, इथीरियम, एक्सआरपी और सोलाना में गिरावट देखने को मिली है. अगर आपको भी डिजिटल करेंसी में इंटरेस्ट है तो इसके बारे में हम आपको यहां विस्तार से बता रहे हैं.
डिजिटल करेंसी आज इतनी गिरी
चीन पर अमेरिकी निवेश प्रतिबंधों की वजह से मंगलवार यानी 25 फरवरी 2025 को बिटकॉइन, इथेरियम, एक्सआरपी और सोलाना सहित ब्लू चिप क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. जहां बिटकॉइन में 5.4% गिरकर 89,626 डॉलर पर आ गया, इथेरियम 7.7% गिरकर 2,498 डॉलर पर आ गया और पिछले 24 घंटों में वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप 4.7% गिरकर 2.98 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया. बिटकॉइन का मार्केट कैप गिरकर $1.825 ट्रिलियन पर आ गया.
असम में 'एडवांटेज असम' निवेश सम्मेलन, अंबानी और अडाणी का 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश
25 Feb, 2025 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Advantage Assam 2.0: पूर्वोत्तर राज्य असम तरक्की की दिशा में लगातार तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसी सिलसिले में आज असम में 'एडवांटेज असम 2.0 इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट 2025' की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी मौजूद रहे। इस बिजनेस समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, अडाणी ग्रुप के गौतम अदाणी, जेएसडब्ल्यू ग्रुप के सज्जन जिंदल, एस्सार के प्रशांत रुइया, वेदांता के अनिल अग्रवाल जैसे बड़े और दिग्गज उद्योगपति शामिल हुए।
असम में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे अंबानी-अडाणी
असम के गुवाहाटी में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी राज्य में भारी-भरकम निवेश करने जा रहे हैं। देश के दो दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी मिलकर असम में कुल 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
मुकेश अंबानी ने मां कामाख्या से देश के लिए मांगा आशीर्वाद
मुकेश अंबानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले 5 सालों में असम में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। उन्होंने कहा, ''एडवांटेज असम समिट में एक बार फिर शामिल होना सम्मान की बात है। अपना संबोधन शुरू करने से पहले, मैं ऊर्जा और सृजन की देवी मां कामाख्या से प्रार्थना करना चाहता हूं कि वे न केवल असम में बल्कि पूरे भारत को आशीर्वाद दें।'' अंबानी ने कहा कि आने वाले समय में असम टेक्नोलॉजी का स्वर्ग बनेगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया असम को विकास के मौकों की धरती के रूप में देखेगी। रिलायंस के चेयरमैन ने कहा कि असम के तकनीक प्रेमी युवा AI को नया अर्थ देंगे- Assam Intelligence.
एयरपोर्ट, सीमेंट और रोड प्रोजेक्ट पर निवेश करेगा अडाणी ग्रुप
वहीं दूसरी ओर, अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने भी असम में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''अडाणी ग्रुप असम में एयरपोर्ट, एयरोसिटी, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन, सीमेंट और रोड प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगा। बताते चलें कि इस कार्यक्रम में 61 देशों के राजदूतों के साथ-साथ भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और जापान जैसे साझेदार देशों के उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रतिनिधि भी मौजूद हैं।
गौतम अडाणी ने की पीएम मोदी की तारीफ
गौतम अडाणी ने अपने संबोधन में मां कामाख्या की धरती असम और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ''एडवांटेज असम 2.0 में आज आपके सामने खड़ा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब भी मैं मां कामाख्या की इस पवित्र भूमि पर कदम रखता हूं, तो मैं इसकी प्राकृतिक और असीम सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाता हूं। जिस तरह विशाल नदी ब्रह्मपुत्र इस राज्य के परिदृश्य को नया आकार देती है और अपना रास्ता खुद बनाती है, मैं ये जरूर कहूंगा कि ये हमारे माननीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने असम के लिए संभावनाओं के परिदृश्य को नया आकार दिया है।''
एसबीआई की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम: सोने की रखवाली के साथ मिलेगा ब्याज भी
25 Feb, 2025 03:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आमतौर पर लोग सोने को बैंकों में रखना पसंद करते हैं क्योंकि वहां पर उसकी हिफाजत हो सके. घरों में सोना रखना कई बार असुरक्षित होता है. सोने के गुम हो जाने और इसकी चोरी की भी कई आशंकाएं होती है.सोने और जेवरात को बैंक लॉकर में रखने पर आपको बैंकों को चार्ज देना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं एसबीआई की एक ऐसी स्कीम है जिसमें बैंक के द्वारा आपके सोने की सुरक्षा भी की जाएगी और आपको ब्याज भी दिया जाएगा.
एसबीआई की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की Revamped Gold Deposit Scheme ग्राहकों को उनके सोने को रखने के बदले में उन्हें ब्याज का भुगतान करती है. इसमें ग्राहकों को तीन विकल्प दिए जाते हैं.
· पहली कैटेगरी 1 से 3 साल की अवधि की है. जिसे एसबीआई की शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट स्कीम कहा जाता है. यानी 1 से 3 साल के लिए बैंक के ग्राहक सोना डिपॉजिट कर सकते हैं.
· दूसरी कैटेगरी की अवधि 5 से 7 साल की होती है जिसे मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट कहते हैं.
· तीसरी कैटेगरी 12 से 15 साल की अवधि की होती है. जिसे लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट कहते हैं.
तीनों अलग-अलग कैटेगरी के आधार पर अलग-अलग ब्याज दिया जाता है.
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के अंतर्गत कितना मिलेगा ब्याज
· एक साल की अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट करने पर 0.55 % वार्षिक ब्याज मिलता है.
· 2 साल या इससे ज्यादा की अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट करने पर 0.60 % वार्षिक ब्याज मिलता है.
· 5 से 7 साल की अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट करने पर 2.25% वार्षिक ब्याज मिलता है.
· 12 से 15 साल की अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट करने पर 2.50% वार्षिक ब्याज मिलता है.
कब हुई थी गोल्ड डिपॉजिट स्कीम की शुरुआत
साल 2015 में सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत की थी ताकि घरों और संस्थानों में पड़े सोने का सार्थक इस्तेमाल किया जा सके और साथ ही सोने के मालिकों को उसे पर ब्याज दिया जा सके.
मैच्योरिटी पर मिलते हैं दो विकल्प
इस स्कीम में गोल्ड डिपॉजिट करने वालों को मैच्योरिटी पर दो विकल्प मिलते हैं. पहले डिपॉजिट की अवधि समाप्त होने पर आप अपना सोना वापस ले सकते हैं.
असम चाय उद्योग का 200 साल पुराना इतिहास, अल्फाबेट में अब A फॉर Assam पढ़ने का वक्त: पीएम मोदी
25 Feb, 2025 03:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उद्योग जगत के दिग्गजों और विदेशी देशों के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों की मौजूदगी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान असम की अर्थव्यवस्था का साइज दोगुना होकर छह लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह ‘डबल इंजन’ सरकार का असर है। उन्होंने कहा कि 2013 में चुनाव प्रचार के दौरान उनके मन में आया था कि अल्फाबेट में A फॉर Assam भी हो सकता है। अब उसका वक्त आ गया है। असम भारत की समृद्धि में बड़ा योगदान दे रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि 'असम टी' भारत ही दुनिया का बहुत बड़ा ब्रांड है। यह 200 साल पुरान ब्रांड बन चुका है। असम की स्ट्रैटेजिक लोकेशन इसे खास महत्व दिलाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। भारत इस बदलाव में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया पहल को शुरू किया है। असम भी इस मैन्युफैक्चरिंग क्रांति में असम बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। बीते कुछ सालों में डबल इंजन की सरकार के चलते राज्य में विकास की रफ्तार तेज हुई है। यह राज्य अब रिफाइनरी कैपेसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर में तेजी से उभर रहा है। सरकार के प्रयास से यह स्टार्टअप का भी हब बन रहा है। असम जल्द ही पूर्वी भारत का मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। 21वीं सदी भारत का है। हम हर सेक्टर में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। बीते 10 साल में हमने कई नए सेक्टर में बड़ी छलांग लगाई है। चिप मैन्युफैक्चरिंग में भी हमारा यही लक्ष्य है।
हमारा नॉर्थ ईस्ट सामर्थ्य दिखाने को तैयार
गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की धरती एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। एडवांटेज असम, असम के सामर्थ्य और प्रगति से पूरी दुनिया को जोड़ने का एक बहुत बड़ा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी पूर्वी भारत देश की समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाता था। आज जब भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, तो एक बार फिर पूर्वी भारत सबसे आगे है। हमारा नॉर्थ ईस्ट अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। मैं एडवांटेज असम को इसी भावना का प्रतिनिधित्व मानता हूं। मैं इस भव्य आयोजन के लिए असम सरकार और हिमंत जी की पूरी टीम को बधाई देता हूं। मुझे याद है कि 2013 में मैं चुनाव प्रचार के लिए असम का दौरा कर रहा था। एक मीटिंग में मेरे मन में एक वाक्य आया और मैंने कहा कि वो दिन दूर नहीं है जब मैं वर्णमाला पढ़ते हुए A बोलूंगा तो असम होगा।"
दुनिया भारत के तेज विकास को लेकर आश्वस्त
उन्होंने आगे कहा, "इस वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी, दुनिया के कई विशेषज्ञ एक बात को लेकर निश्चिंत हैं और वो है भारत का तेज़ विकास। भारत पर इस भरोसे की एक बहुत ठोस वजह है। आज का भारत, आने वाले 25 सालों की 21वीं सदी के दीर्घकालिक विजन को ध्यान में रखते हुए, एक के बाद एक कदम उठा रहा है, बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। आज दुनिया को भारत की युवा आबादी पर भरोसा है जो बहुत तेजी से हुनरमंद हो रही है। आज दुनिया को भारत के नव मध्यम वर्ग पर भरोसा है जो गरीबी से बाहर निकलकर नई आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया को भारत के 140 करोड़ लोगों पर भरोसा है जो राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता का समर्थन करते हैं। आज दुनिया को भारत की गवर्नेंस पर भरोसा है जो लगातार सुधार कर रही है। आज भारत अपनी लोकल सप्लाई चेन को मजबूत कर रहा है।"
विकास में असम का योगदान बढ़ रहा
पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है, जिससे पूर्वी एशिया के साथ हमारा संपर्क मजबूत हो रहा है और नवगठित भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत पर मजबूत होते वैश्विक विश्वास के बीच आज हम सभी यहां मां कामाख्या की धरती असम में हैं। भारत के विकास में असम का योगदान लगातार बढ़ रहा है। एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन का पहला संस्करण 2018 में आयोजित किया गया था। उस समय असम की अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ रुपये की थी। आज असम लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। यानी भाजपा सरकार के सिर्फ छह साल में असम की अर्थव्यवस्था का मूल्य दोगुना हो गया है। ये डबल इंजन सरकार का दोहरा असर है।"
हर युवा दिन-रात काम कर रहा
मोदी ने कहा, "पिछले एक दशक में कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और लंबे समय से लंबित सीमा संबंधी मुद्दों को सुलझाया गया है। असम का हर क्षेत्र, हर नागरिक, हर युवा असम के विकास के लिए दिन-रात काम कर रहा है। हमने व्यापार करने में आसानी के लिए लगातार काम किया है, हमने उद्योग और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम बनाया है। सरकार देश के बुनियादी ढांचे में भी भारी निवेश कर रही है। संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचे और नवाचार का यह संयोजन भारत की प्रगति का आधार है... असम ने 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था को 150 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि असम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। मेरे विश्वास का कारण असम के सक्षम और प्रतिभाशाली लोग हैं। यह यहां की भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता है।"
भाजपा सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया
मोदी ने कहा, "बीते कुछ सालों में भाजपा सरकार ने एयर कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया है। 2014 से पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर सिर्फ 3 पुल थे, लेकिन पिछले 10 सालों में हमने 4 नए पुल बनाए हैं, जिनमें से एक का नाम हमने भारत रत्न भूपेन हजारिका जी के नाम पर रखा है। 2009 से 2014 के बीच असम को रेलवे बजट में औसतन 2100 करोड़ रुपये मिले थे। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को चार गुना से ज्यादा बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है..."
असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर की होगी: हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि 2030 तक असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने निवेशकों से राज्य की विकास यात्रा हिस्सा बनने का आग्रह भी किया। यहां दो दिवसीय ‘एडवांटेज’ असम 2.0 निवेश और अवसंरचना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य अब ‘‘सबसे अशांत’’ से ‘‘सबसे शांत’’ राज्य बन गया है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ इस साल राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 15.2 प्रतिशत होगी। यह 2030 तक 143 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।’’ शर्मा ने 60 से अधिक देशों के मिशन प्रमुखों और राजदूतों, विदेशी व्यापार प्रतिनिधिमंडलों और देश के उद्योग जगत के नेताओं की मौजूदगी में कहा, मैं आज आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम असम में उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अच्छा काम और अनुकूल माहौल सुनिश्चित करेंगे। कृपया यहां आएं और निवेश करें।’’
असम निवेश पर ध्यान दे रहा है: मार्गेरिटा
केंद्रीय मंत्री पवित्र कुमार मार्गेरिटा ने मंगलवार को कहा कि असम व्यापार शिखर सम्मेलन में पूर्वोत्तर राज्य में घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करने पर समान रूप से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख क्षेत्र, जिनमें निवेशकों ने रुचि दिखाई है वे आतिथ्य तथा स्वास्थ्य सेवा हैं। मार्गेरिटा ने यहां दो दिवसीय ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन’ में कहा, ‘‘ देश के उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ-साथ 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। मिशन प्रमुख और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल यहां मौजूद हैं।
भारत के लिए कठिन समय: ट्रंप के टैरिफ और चीन का दबाव, क्या होगा भविष्य?
24 Feb, 2025 04:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार: घरेलू शेयर बाजार में आज फिर गिरावट दिख रही है। इससे निफ्टी-50 एक अनचाहा रेकॉर्ड बनाने के करीब पहुंच गया है। अगर फरवरी में भी निफ्टी में गिरावट रहती है तो यह इंडेक्स की लगातार पांचवें महीने गिरावट होगी। साल 1996 के बाद यह पहला मौका है जब निफ्टी में लगातार पांच महीने गिरावट रहेगी। दलाल स्ट्रीट में पिछले 34 साल में केवल दो बार ऐसा हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण शेयर मार्केट में गिरावट आ रही है। पिछले साल अक्टूबर 2024 से वे अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेच चुके हैं। साथ ही रुपये के कमजोर होने से उभरते बाजारों में निवेश कम आकर्षक हो गया है। इस कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। निफ्टी के इतिहास को देखें तो 1990 के बाद इसमें केवल दो बार लगातार पांच महीने या उससे ज्यादा समय तक गिरावट देखी गई है। सबसे लंबी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 तक रही, जब सूचकांक 8 महीनों में 31.4% गिर गया था। आखिरी बार 5 महीनों की गिरावट 1996 में हुई थी, जब जुलाई से नवंबर तक निफ्टी में 26% गिरावट आई थी। हालांकि इस बार भी निफ्टी में काफी गिरावट आई है लेकिन पिछली गिरावटों के मुकाबले कम है। अक्टूबर से अब तक निफ्टी में 11.7% की गिरावट आई है। इस महीने निफ्टी 3% नीचे आ चुका है।
कब तक रहेगा यह हाल
तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी जल्द ही 22,500-22,400 के स्तर तक गिर सकता है। जब तक निफ्टी 22,850 के नीचे रहता है, तब तक इसमें बिकवाली का दबाव बना रहेगा। मतलब, जैसे ही निफ्टी थोड़ा ऊपर जाएगा, लोग शेयर बेचने लगेंगे। पिछले साल सितंबर के अंत से सूचकांक गिर रहा है। डेली चार्ट पर एक लोअर टॉप-लोअर बॉटम पैटर्न बना रहा है। इस प्रकार का पैटर्न तब बनता है जब मार्केट तेजी पर बिक्री की रणनीति का पक्षधर होता है क्योंकि सेलर्स कमजोर मार्केट आउटलुक के बीच कम कीमतों पर भी बेचने को तैयार होते हैं।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध भी निवेशकों को परेशान कर रहा है। साथ ही चीन के शेयर बाजार में तेजी से भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ रहा है। विदेशी निवेशक अपना पैसा भारत से निकालकर चीन में लगा रहे हैं। अक्टूबर 2024 से भारत का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर घट गया है, जबकि चीन का 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है। हैंग सेंग इंडेक्स सिर्फ एक महीने में 18.7% चढ़ गया है, जबकि Nifty में 1.55% की गिरावट आई है।चीन में निवेश पिछले महीने तेजी से गिरने के बाद फिर से बढ़ गया है। वहीं, भारत में निवेश लगातार घट रहा है।
क्या करें निवेशक?
विश्लेषकों का मानना है कि 'भारत में बेचो, चीन में खरीदो' का यह रुझान जारी रह सकता है, क्योंकि चीनी शेयर अभी भी सस्ते हैं। चीन ने इकॉनमी को बूस्ट देने के लिए सितंबर 2024 के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इस कारण वहां के शेयर बाजारों में तेजी दिख रही है। इस पैकेज में नीतिगत समर्थन, नियामक ढील और FII भावना को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। सवाल है ऐसे माहौल में निवेशकों को क्या करना चाहिए? निवेशकों को सोच-समझकर अच्छे शेयरों में निवेश करना चाहिए। उन्हें ऐसे छोटे शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए जिनका सालाना मुनाफा 100 करोड़ रुपये से कम है। साथ ही, उन्हें अगले पांच हफ्तों में टैक्स हार्वेस्टिंग रणनीतियों पर भी ध्यान देना चाहिए। टैक्स हार्वेस्टिंग का मतलब है कि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो में घाटे वाले शेयर बेचकर टैक्स में छूट का फायदा उठा सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)
शेयर बाजार में गिरावट का संकट: लगातार पांचवें सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी की कमजोरी
24 Feb, 2025 04:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार सोमवार को लगातार पांचवें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। भारतीय बाजार में सभी सेक्टरों में बिकवाली देखी गई। बीएसई सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 900 अंक से अधिक गिरावट आई है जबकि निफ्टी 250 अंक से अधिक गिर गया। आखिरकार सेंसेक्स 856 अंक यानी 1.14% की गिरावट के साथ 74,454 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 242 अंक यानी 1.06% की गिरावट के साथ 22,553 अंक पर रहा। इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.35 लाख करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 397.85 लाख करोड़ रुपये रह गया।
Zomato, HCL Tech, TCS, Tech Mahindra, HDFC Bank और IndusInd Bank के शेयर गिरकर खुले। वहीं, Sun Pharma, Maruti, M&M, Bajaj Finserv और Nestle India के शेयरों में शुरुआती बढ़त देखी गई। सेक्टरों की बात करें तो Nifty IT इंडेक्स 1.8% गिर गया। LTTS, Persistent Systems और Coforge के शेयरों में गिरावट का असर दिखा। Nifty Financial Services, Media, Metal, PSU Bank, Realty और Consumer Durables के इंडेक्स भी 1% से ज्यादा नीचे खुले।
अमेरिकी बाजार का हाल
अमेरिका में फरवरी में उपभोक्ता विश्वास 15 महीने के निचले स्तर पर आ गया। महंगाई की चिंता बढ़ी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजनाओं को लेकर चिंता है। ये आंकड़े ताजा रिपोर्ट में सामने आए हैं। एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट रही। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को गिरावट का असर दिखा। विकास को लेकर चिंता बनी हुई है।
PM Kisan: पीएम मोदी ने 19वीं किस्त के तहत किसानों के खाते में भेजे 19,000 करोड़ रुपये
24 Feb, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PM Kisan: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत 19वीं किस्त जारी कर दी। देश के 9.8 करोड़ से भी ज्यादा किसानों को 2000-2000 रुपये उनके खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया गया है। बता दें, पीएम-किसान योजना के तहत हर लाभार्थी किसान को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में कुल 6,000 रुपये का सालाना लाभ दिया जाता है। पीएम मोदी ने आज 22,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम ट्रांसफर किया। साथ ही विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले इस खास मौके पर मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी कर रहे हैं।
ट्रंप के बयान पर भारत का रुख: टकराव या कूटनीति का रास्ता?
24 Feb, 2025 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर जवाबी शुल्क यानी रेसिप्रोकल टैक्स लगाने की चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय अमेरिकी दौरे के वक्त भी ट्रंप ने साफ कह दिया था कि वह इसमें किसी तरह की छूट नहीं देंगे। भारत इस मामले में बहुत फूंकफूंककर आगे बढ़ना चाहता है। आक्रामकता के बजाय भारत इस पूरे मामले का हल बहुत समझदारी से निकालने के मूड में है। इसके संकेत मिलने लगे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ट्रंप की ओर से प्रस्तावित जवाबी शुल्कों का मुकाबला करने के लिए इम्पोर्ट टैक्स में और कमी करने की योजना बना रहा है। यह जानकारी वित्त अधिकारियों ने दी है। पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि ड्यूटी में कटौती और युक्तिकरण यानी रेशनलाइजेशन सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। इसका मकसद वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करना है।
सीतारमण ने दिए थे संकेत
सीतारमण ने कहा था, हम एक निवेशक-अनुकूल देश बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके चलते घोषित की गई शुल्क कटौती और युक्तिकरण एक सतत प्रक्रिया है और हम इसे करते रहेंगे। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ट्रेड पार्टनर्स पर प्रस्तावित रेसिप्रोकल टैरिट की प्रतिक्रिया के रूप में आया है। भारत की अपेक्षाकृत ऊंची टैरिफ दरें और अमेरिका के साथ 41 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष इसे ऐसे उपायों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बनाता है।
आयात शुल्क कम करने पर विचार
वहीं,रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत शुरू हो गई है। इसके तहत, भारत कुछ खास अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने पर विचार कर रहा है। यह छूट उन उत्पादों पर दी जाएगी जिनका भारत में आयात बहुत कम मात्रा में होता है। इससे भारतीय उद्योगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। इस कदम का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने इस बारे में ऑटो और ऑटो कलपुर्जों जैसे क्षेत्रों के हितधारकों से बातचीत शुरू कर दी है। इन क्षेत्रों में अमेरिकी आयात से घरेलू उद्योगों को कोई खतरा नहीं है।
भारत ने पहले ही बर्बन व्हिस्की पर शुल्क 150% से घटाकर 100% कर दिया है। इसके अलावा, 1 फरवरी के बजट में मछली हाइड्रोलाइसेट, विशिष्ट अपशिष्ट और स्क्रैप वस्तुओं, सैटेलाइट्स के लिए ग्राउंड इंस्टॉलेशन, ईथरनेट स्विच और मोटरसाइकिलों के आयात पर शुल्क में कटौती की घोषणा की गई थी। इन उपायों से अमेरिकी निर्यात को फायदा होगा। ये कदम इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश बताया था। साथ जवाबी शुल्क लगाने की धमकी दी थी।
किसे हो सकता है सबसे ज्यादा नुकसान?
अगर अमेरिका एक समान टैरिफ लगाता है तो भारतीय निर्यात को मौजूदा 2.8% के मुकाबले 4.9% का अतिरिक्त शुल्क झेलना पड़ सकता है। भारतीय कृषि निर्यात सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। झींगा, डेयरी और प्रोसेस्ड फूड आइटम पर 38.2% तक का शुल्क लग सकता है। अमेरिका और भारत के आयात शुल्क के बीच का अंतर रसायनों और फार्मास्यूटिकल्स के लिए 8.6% और ऑटोमोबाइल और ऑटो कलपुर्जों के लिए 23.1% है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'टैरिफ का अंतर जितना अधिक होगा, एक क्षेत्र उतना ही अधिक प्रभावित होगा।'
जीटीआरआई ने सुझाव दिया कि सरकार अमेरिका को 'शून्य-के-बदले-शून्य' टैरिफ रणनीति का प्रस्ताव दे ताकि वाशिंगटन के प्रस्तावित रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ोतरी को संबोधित किया जा सके। इसके तहत, भारत उन उत्पाद श्रेणियों की पहचान करेगा जहां वह घरेलू उद्योगों और कृषि को नुकसान पहुंचाए बिना अमेरिकी आयात के लिए शुल्क को समाप्त कर सकता है।
पीएम मोदी ने किया ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन, मध्यप्रदेश में निवेश की नई राह
24 Feb, 2025 03:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Invest Madhya Pradesh 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज ग्लोबल इंवेस्टर समिट 'इंवेस्ट मध्य प्रदेश' की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजधानी भोपाल में 'इंवेस्ट मध्य प्रदेश' का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने यहां मध्य प्रदेश सरकार की 18 नई नीतियों का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना है। पीएम ने कहा कि कपड़ा, पर्यटन और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में करोड़ों नौकरियां सृजित होंगी। पीएम मोदी ने ग्लोबल समिट का उद्घाटन करने के बाद कहा, '' भारत के इतिहास में ऐसा मौका पहली बार आया है जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी ऑप्टिमिस्टिक है। पूरी दुनिया में.. चाहे सामान्य जन हों, नीति के एक्सपर्ट् हों, विभिन्न देश हों या फिर इंस्टीट्यूशनंस हों.. सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं।
बातें नहीं नतीजे लाकर दिखाता है भारत
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत के लिए जो कॉमेंट्स आए हैं, वो भारत में हर इंवेस्टर का उत्साह बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले सालों में ऐसे ही दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग इकॉनॉमी बना रहेगा कुछ दिन पहले ही UN की एक संस्था ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत को सोलर एनर्जी का सुपरपावर कहा था। इस संस्था ने भारत के लिए ये भी कहा था कि जहां कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे लाकर दिखाता है। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में तारीफ में कहा, विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में आज का ये कार्यक्रम बहुत ही अहम है। इस भव्य आयोजन के लिए मैं मोहन जी और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
देश-दुनिया के तमाम उद्योगपति हुए हैं शामिल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समिट शुरू होने से पहले कहा, ''हम इस समिट को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा करते हैं। ये समिट मुख्य रूप से युवाओं को रोजगार और कारोबार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए है। देश-दुनिया के तमाम उद्योगपति इस समिट में शिरकत करेंगे।''
समिट में हिस्सा लेंगे ग्लोबल लीडर्स और इंडस्ट्रियलिस्ट
इस इंवेस्टर्स समिट का आयोजन मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल पॉलिसी और इंवेस्टमेंट प्रोमोशन डिपार्टमेंट कर रहा है। इस समिट का उद्देश्य इंवेस्टमेंट के माहौल और इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रकाश डालना है। राज्य सरकार के मुताबिक, इंवेस्टर्स समिट ग्लोबल लीडर्स, इंडस्ट्रियलिस्ट और एक्सपर्ट्स के लिए उभरते मार्केट और ट्रेंड पर इनसाइट शेयर करने और मध्यप्रदेश की निवेश क्षमता का लाभ उठाने के तरीकों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
मध्यप्रदेश में अडानी का निवेश: 1.20 लाख नौकरी और राज्य में नए विकास के अवसर
24 Feb, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GIS: एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी मध्यप्रदेश में 1.20 लाख युवाओं को नौकरी देने जा रहे हैं. इसके लिए गौतम अडानी ने 1.10 लाख करोड़ रुपए का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. अगले कुछ सालों में गौतम अडानी मध्यप्रदेश में पानी की तरह पैसा बहाने वाले हैं. जिसकी वजह से मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए नौकरियां पैदा होंगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर गौतम अडानी ने मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 में किस तरह के ऐलान किए. साथ ही उन्होंने किस-किस सेक्टर में निवेश करने की बात कही है.
अडानी ने किए बड़े ऐलान
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 में कहा कि राज्य के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे. उन्होंने कहा कि इससे 2030 तक राज्य में 1.2 लाख से अधिक नौकरियां सृजित होंगी. अडानी ने कहा कि ग्रुप एक ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, एक एयरपोर्ट प्रोजेक्ट और एक कोयला-गैसीकरण परियोजना के लिए राज्य सरकार के साथ चर्चा कर रहा है, जिसमें 1,00,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में समूह की यात्रा अभी काफी लंबी चलेगी. अडानी ने कहा कि आज, मुझे पंप स्टोरेज, सीमेंट, खनन, स्मार्ट-मीटर और थर्मल ऊर्जा के क्षेत्रों में 1,10,000 करोड़ रुपए से अधिक के नए निवेश की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है. ये बहु-क्षेत्रीय निवेश 2030 तक मध्य प्रदेश में 1,20,000 से अधिक नौकरियां उत्पन्न करेगा.
पहले ही 50 हजार करोड़ का निवेश
अडानी ग्रुप ने पहले ही मध्य प्रदेश में ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और कृषि-व्यवसाय में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है, जिससे 25,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं. कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नए निवेश भारत के आत्मनिर्भरता और नवाचार के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य के औद्योगिक इकोसिस्टम को और मजबूत करेंगे.
गिरावट के साथ कारोबार
भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली के बीच सोमवार को अडानी ग्रुप के अधिकांश शेयरों में कटौती के साथ कारोबार हुआ. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस एकमात्र ग्रुप स्टॉक था जो बीएसई पर हरे रंग में कारोबार कर रहा था, जो 0.55 फीसदी बढ़कर 673.30 रुपए पर था. दूसरी ओर, अडानी ग्रीन एनर्जी 2 फीसदी की गिरावट के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनी रही. अडानी पावर और अंबुजा सीमेंट को 1 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ. इस बीच, एसीसी, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अडानी विल्मर ने बीएसई पर 1 फीसदी से कम गिरावट पर कारोबार किया.
भारत में पहले महंगे मॉडल लॉन्च करेगी टेस्ला
23 Feb, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अमेरिकी उदयोगपति एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला इस साल के अंत तक भारत में अपने परिचालन की शुरुआत करने के लिए तैयार है। कंपनी टॉप-डाउन अप्रोच अपनाते हुए पहले महंगे मॉडल लॉन्च करेगी और बाद में किफायती इलेक्ट्रिक कारें बाजार में उतारेगी।
टेस्ला अपनी बर्लिन गीगाफैक्ट्री से पूरी तरह से असेंबल्ड मॉडल वाई को भारत में आयात करने की योजना बना रही है। यह इलेक्ट्रिक एसयूवी यूरोप में राइट-हैंड ड्राइव कॉन्फिगरेशन में निर्मित होती है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई आयात शुल्क संरचना के तहत हाई-एंड कारों पर शुल्क को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके चलते टेस्ला मॉडल वाई की अनुमानित कीमत 60-70 लाख रुपये होगी। हालांकि, शंघाई में निर्मित राइट-हैंड-ड्राइव मॉडल 3 की भारत में जल्द एंट्री की संभावना कम है, क्योंकि चीनी कार आयात पर कुछ प्रतिबंध लागू हैं। औद्योगिक विशेषज्ञों के मुताबिक, वर्तमान में टेस्ला के वाहनों की भारत में स्थानीय असेंबली की कोई योजना नहीं है। हालांकि, भविष्य में परिस्थितियों के अनुसार इन योजनाओं में बदलाव हो सकता है। टेस्ला ने पहले ही पुणे में अपना कार्यालय स्थापित कर लिया है और अब मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और दिल्ली की एरोसिटी में अपने पहले शोरूम के लिए उपयुक्त स्थानों की तलाश कर रही है।
कंपनी भारत में अपने संचालन को मजबूत करने के लिए विभिन्न पदों पर भर्ती कर रही है। टेस्ला ने बिजनेस ऑपरेशन एनालिस्ट, सर्विस टेक्नीशियन, कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर और ऑर्डर ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट सहित कम से कम 13 नई भूमिकाओं के लिए विज्ञापन जारी किया है। ये भर्तियां मुख्य रूप से मुंबई और दिल्ली में की जा रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से मुलाकात की थी। इस दौरान स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। एलन मस्क ने भारतीय बाजार के लिए अधिक किफायती टेस्ला मॉडल विकसित करने की इच्छा जताई है।