व्यापार
ट्रंप का 'पलटूराम' अवतार: टैरिफ पर 12 बार यू-टर्न, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता
2 Jun, 2025 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया जिसे सुपरपावर कहती है उस देश का राष्ट्रपति दुनिया का सबसे पावरफुल शख्स माना जाता है. वो देश है अमेरिका और राष्ट्रपति हैं डोनाल्ड ट्रंप. इनके टैरिफ से पूरी दुनिया डरी हुई है जिसे लागू करने की बात ये अमेरिकी चुनाव से भी पहले से कह रहे हैं. हालांकि अब तक ये लागू नहीं हुआ है और कितना टैरिफ लागू होगा ये भी दुनिया में कोई नहीं जान पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रंप टैरिफ को लेकर कभी कुछ कह रहे हैं तो कभी कुछ और. कथनी अलग है और करनी अलग. टैरिफ की कहानी आधिकारिक रूप से फरवरी में शुरू हुई फिलहाल जून का महीना शुरू हुआ है. तब से अब तक कुल 4 महीने बीत चुके हैं इस दौरान ट्रंप ने कई बार टैरिफ को लेकर बदलाव किए हैं और उसे लागू अब तक नहीं कर पाए हैं.
टैरिफ का आइडिया
ट्रंप के लिए टैरिफ लगाना कोई नया आइडिया नहीं है. राष्ट्रपति बनने से पहले ही उन्होंने साफ कर दिया था कि वह उन देशों पर भारी शुल्क लगाएंगे, जिनसे अमेरिका व्यापार करता है. लेकिन जैसे ही उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और औपचारिक रूप से कार्यभार संभाला, उनकी नीतियों में अचानक बदलावों का सिलसिला शुरू हो गया, खासकर टैरिफ को लेकर.
हाल का अपडेट है कि ट्रंप प्रशासन ने स्टील पर लगने वाले शुल्क को 25% से बढ़ाकर सीधे 50% कर दिया है. इसी के साथ कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने 1 जून को दावा किया कि टैरिफ तो लगेगा ही. ये बयान तब आया जब एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन की कई बड़ी टैरिफ नीतियों को बहाल कर दिया, जिन पर पहले रोक लगाई थी.
‘टैरिफ लगेगा, इतना लगेगा, उतना लगेगा’ का खेल
यह पूरी कहानी 7 फरवरी से शुरू हुई जब ट्रंप ने पहली बार विदेशों से होने वाले इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने की बात कही. इससे पहले ही वह चीन, कनाडा और मैक्सिको के लिए अलग-अलग टैरिफ की घोषणा कर चुके थे.
13 फरवरी को उन्होंने एक मेमो साइन किया, जिसमें अमेरिका को अपने हर व्यापारिक साझेदार के लिए एक रेसिप्रोकल टैरिफ यानी बराबरी का शुल्क तय करने का आदेश दिया गया.
इसके बाद 26 मार्च को ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया कि 3 अप्रैल से अमेरिका में इंपोर्टेड कारों पर 25% शुल्क लगेगा, जिसमें ऑटो पार्ट्स भी शामिल होंगे, जिसकी डेडलाइन बाद में 3 मई तक बढ़ा दी गई.
27 मार्च को ट्रंप ने कहा कि इन टैरिफ को उनके पूरे कार्यकाल के दौरान स्थायी रखा जाएगा.
फिर 29 अप्रैल को उन्होंने एक आदेश में कहा कि जो कंपनियां 25% शुल्क पहले से दे रही हैं, उन्हें अतिरिक्त टैरिफ से छूट दी जाएगी.
और भी कई बातों से पीछे हट गए ट्रंप
ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ नीति का ऐलान किया और उस दिन को उन्होंने लिबरेशन डे कहा. इस बार उन्होंने टैरिफ कैसे कैलकुलेट होगा इसका अलग फॉर्मूला बताया. पहले अलग बताया था.
31 मार्च को प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा था कि विदेशी सामानों पर लगने वाले टैरिफ में किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी.
लेकिन बाद में कॉपर, दवाएं, सेमीकंडक्टर्स और कुछ एनर्जी प्रोडक्ट को छूट दी गई.
9 अप्रैल को शेयर बाजार में गिरावट आई, जब टैरिफ लागू किए गए.
मार्केट इतनी बुरी तरह क्रैश हुआ कि अधिकतर देशों के लिए टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया गया.
16 मई को एक और बड़ा मोड़ आया जब ट्रंप ने संकेत दिया कि बिना व्यापार समझौते के भी वे नए टैरिफ रेट लागू कर सकते हैं.
30 मई को उन्होंने स्टील पर शुल्क बढ़ाकर 50% करने की घोषणा कर दी, जो 4 जून से लागू होना तय है. अब देखना होगा कि 4 जून को टैरिफ को लेकर क्या होगा.
ट्रंप की टैरिफ नीति में यह बार-बार बदलाव होने से अमेरिकी बिजनेसमैन तो असमंजस में रहे ही साथी पूरी दुनिया भी अनिश्चितता के दौर से गुजरती रही और आज भी अनिश्चितता बनी हुई है.
अर्थव्यवस्था को सर्विस सेक्टर का सहारा: मैन्युफैक्चरिंग PMI में गिरावट के बावजूद मजबूत रहा सेवा क्षेत्र!
2 Jun, 2025 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की आर्थिक तस्वीर में एक नया मोड़ सामने आया है. जहां एक ओर जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ दर 7.4 फीसदी तक पहुंची और मजबूत आर्थिक संकेत दिए, वहीं दूसरी ओर मई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार धीमी पड़ती दिखी है. HSBC की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई में गिरकर 57.6 पर आ गया, जो पिछले तीन महीनों में सबसे निचले स्तर है. अप्रैल में यह आंकड़ा 58.2 था.
मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार थमी
HSBC इंडिया की चीफ इकोनॉमिस्ट प्रांजल भंडारी के मुताबिक, “मई में भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ बनी रही है, लेकिन नई ऑर्डर और प्रोडक्शन की रफ्तार में कुछ कमी देखी गई है.” जारी रिपोर्ट में कहा गया कि यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्कों (reciprocal tariffs) के चलते आयात लागत में भारी इजाफे के वजह से आई है, जो लगभग एक सदी में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है.
मजबूत GDP ग्रोथ बनी सहारा, सर्विस सेक्टर में उम्मीदें
हालांकि सर्विस सेक्टर को लेकर उम्मीदें अब भी बनी हुई हैं. 4 जून को जारी होने वाले आंकड़ों से पहले प्री-लिमिनरी डेटा इशारा कर रहा है कि सर्विस PMI बीते 14 महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है.
जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4 फीसदी की GDP ग्रोथ ने पूरे साल की विकास दर को 6.5 फीसदी पर ला खड़ा किया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान के अनुरूप है. RBI इस फिस्कल ईयर के लिए भी 6.5 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य बनाए हुए है, जबकि Market Consensus पोल में शामिल 20 अर्थशास्त्रियों ने औसतन 6.3 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है.
लाल हुआ जून का पहला दिन! सेंसेक्स 500 अंक लुढ़का, निवेशकों को झटका
2 Jun, 2025 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशियाई बाजारों में बिकवाली का असर भारतीय बाजार में देखने को मिला. आज, 2 जून को बाजार गिरकर खुला. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 557 अंकों की गिरावट के साथ 80,861 के लेवल पर, वहीं निफ्टी 165 अंक फिसलकर 24,595 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. इस दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में 25 में बिकवाली और 5 में तेजी देखने को मिली. इसके अलावा निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स में FMCG और सरकारी बैकों को छोड़कर सभी सेक्टर में गिरावट देखने को मिली.
निफ्टी के टॉप-5 गेनर
शेयर
ओपेन (₹)
हाई (₹)
लो (₹)
पिछला बंद (₹)
करंट भाव (₹)
बदलाव (%)
APOLLOHOSP
6,944.00
7,070.50
6,933.00
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7,045.00
2.39
ADANIPORTS
1,432.80
1,451.30
1,425.30
1,432.80
1,448.30
1.08
BEL
385.00
389.25
383.75
384.60
388.20
0.94
HINDUNILVR
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2,384.00
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SBIN
812.85
816.65
809.2
812.3
816.65
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सोर्स-NSE
निफ्टी के टॉप-5 लूजर
शेयर
ओपेन (₹)
हाई (₹)
लो (₹)
पिछला बंद (₹)
करंट भाव (₹)
बदलाव (%)
SHRIRAMFIN
638.30
638.30
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639.35
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-1.91
HEROMOTOCO
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BAJAJ-AUTO
8,621.50
8,621.50
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TECHM
1,565.00
1,569.00
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-1.7
JSWSTEEL
987
987
973.35
993.5
977
-1.66
सोर्स-NSE,
Vodafone Idea में तेजी
आज के शुरुआती कारोबार में Vodafone Idea के शेयरों में तेजी देखने को मिली. यह तेजी डेढ़ फीसदी से ज्यादा थी. दरअसल कंपनी को मार्च तिमाही में 7,166.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले कम है. इसके अलावा कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये तक फंड जुटाने की योजना बनाई है.
Leela Hotels IPO की लिस्टिंग आज
द लीला ब्रांड की पैरेंट कंपनी Schloss Bangalore Ltd का IPO आज यानी 2 जून 2025 को BSE और NSE पर लिस्ट हो रहा है. लीला होटल्स का IPO हाल ही में 26 मई से 28 मई के बीच खुला था, और 29 मई को शेयर अलॉटमेंट हुआ था. इसका GMP फीकी लिस्टिंग के संकेत दे रहा है.
एशियाई बाजारों में बिकवाली का असर
आज, सुबह एशियाई बाजारों में बिकवाली देखने को मिली.
गिफ्ट निफ्टी में 48 अंकों की गिरावट देखने को मिली.
जापान के निक्केई में 613 अंकों की बिकवाली देखने को मिली.
हैंग सेंग में 554 अंकों या 2.37 फीसदी की गिरावट देखी गई.
कोस्पी में 0.20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
ताइवान के बाजार में भी 1.61 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
बाजार का सेंटीमेंट बिगाड़ने में ये कारण अहम
रूस-यूक्रेन में बढ़ता तनाव.
कोविड के बढ़ते मरीजों की संख्या और मरने वालों की बढ़ती संख्या.
एशियाई बाजारों में गिरावट.
ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमीनियम इंपोर्ट पर मौजूदा टैरिफ को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की घोषणा की है. बाजार के जानकारो का कहना है कि इससे मेटल एक्सपोर्ट पर असर देखने को मिल सकता है.
पिछले कारोबारी दिन बाजार में गिरावट
हफ्ते के आखिरी दिन यानी शुक्रवार यानी 30 मई को बाजार में बिकवाली देखने को मिली थी. सेंसेक्स 182 अंक गिरकर 81,451 के स्तर पर बंद हुआ था. वही, निफ्टी में भी 83 अंक फिसलकर 24,751 के लेवल पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में गिरावट और 5 में तेजी देखने को मिली थी. जोमैटो का शेयर 4.95 फीसदी चढ़ा. SBI, HDFC बैंक, LT और बजाज फिनसर्व के शेयर भी 2 फीसदी ऊपर बंद हुए थे. अगर निफ्टी की बात करें तो निफ्टी के 50 शेयरों में से 7 में तेजी और 43 में गिरावट रही थी.
केनरा बैंक में अब न्यूनतम बैलेंस पर संचालित कर सकते हैं अपना खाता
1 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केनरा बैंक ने खाता धारकों के लिए बड़ा तोहफा दिया है, जो खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की जरूरत को खत्म करता है। अब सभी खाताधारक अपने खाते को शून्य बैलेंस पर भी संचालित कर सकते हैं, और कोई भी जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। यह नियम सामान्य बचत खाता, वेतन खाता, और एनआरआई पर लागू होगा। इसके साथ ही कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड्स पर भी रिवॉर्ड्स में कटौती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह कदम न केवल ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा देगा, बल्कि इन्हें बिना किसी झिझक के डिजिटल बैंकिंग और सेवाओं से जुड़ने की प्रेरणा भी देगा। इस फैसले से विशेष रूप से छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, कम आय वर्ग के लोगों, ग्रामीण क्षेत्रों के खाताधारकों और पहली बार बैंकिंग से जुड़ने वालों को लाभ होगा। केनरा बैंक की इस भविष्यवाणी के साथ कोटक महिंद्रा बैंक ने भी क्रेडिट कार्ड्स पर रिवॉर्ड्स में कटौती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इस बदलाव के साथ बैंकी अनुभव और ग्राहकों की सुविधा में सुधार की उम्मीद है।
अडाणी ग्रुप धारावी में आधुनिक परिवहन केंद्र बनाएगा
1 Jun, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । मुंबई के प्रमुख उद्योगी अडाणी ग्रुप ने मुंबई के धारावी में धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के तहत मुंबई में एक आधुनिक परिवहन केंद्र की योजना बनाई है। इस योजना के अनुसार एक मल्टी-मोडल ट्रांजिट हब बनाया जा रहा है, जिसमें रेल, सड़क और हवाई अड्डा होंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह केंद्र मुंबई और नवी मुंबई के हवाई अड्डों के लिए विशेष ट्रेनें, चेक-इन और ट्रांजिट सुविधाएं भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यहां शहर की रेल, मेट्रो और बस सेवाएं भी शामिल होंगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य धारावी और आसपास के इलाकों के यातायात को आसान और तेज बनाना है। इस केंद्र से मुंबई और नवी मुंबई हवाई अड्डे भी जुड़े जाएंगे। इस परियोजना के अलावा सड़कों का विस्तार, रिवरफ्रंट प्रमेनेड, अस्पताल, हरे-भरे पार्क, औद्योगिक क्षेत्र और सामुदायिक मनोरंजन स्थल भी इसमें शामिल होंगे। नवभारत मेगा डेवलपर्स के अनुसार, यह परियोजना धारावी के निवासियों के जीवन को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। पिछले साल, महाराष्ट्र सरकार ने धारावी के पुनर्विकास के लिए 256 एकड़ साल्ट-पैन लैंड के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी, और इस सप्ताह धारावी के मास्टर प्लान को भी मंजूर किया गया है। इस परियोजना का लक्ष्य है धारावी को एशिया के सबसे बड़े स्लम से आधुनिक और सुविधाजनक क्षेत्र में तब्दील करना।
सावधान! आज से लागू हुए ये 8 नए नियम, आधार-UPI यूजर्स के लिए जानना बेहद जरूरी
1 Jun, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज यानी 1 जून 2025 से भारत में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आम लोगों की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा असर डाल सकते हैं. इनमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की नई पहल, एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संभावित बदलाव से लेकर आधार कार्ड अपडेट की डेडलाइन और यूपीआई लेनदेन से जुड़े नए नियम शामिल हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि 1 जून से कौन से बड़े नियमों में बदलाव हो रहा है.
EPFO 3.0 प्लेटफॉर्म की शरुआत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नए प्लेटफॉर्म EPFO 3.0 को लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो जून 2025 से शुरू हो सकता है. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से EPF सदस्य UPI और ATM के जरिए तुरंत PF फंड निकाल सकेंगे, जिससे पहले की लंबी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. यह सुविधा देश के 9 करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित करेगी.
एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संभावित बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं. 1 जून 2025 को भी रसोई और व्यावसायिक एलपीजी गैस की कीमतों में बदलाव की संभावना है, जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ सकता है.
आधार कार्ड अपडेट की अंतिम तिथि
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड धारकों को 14 जून 2025 तक मुफ्त में आधार अपडेट करने की सुविधा दी है. इस तारीख के बाद आधार अपडेट के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा.
यूपीआई लेनदेन के नियमों में बदलाव
यूपीआई 123Pay सेवा के तहत फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन भुगतान की सुविधा दी गई है. 1 जून 2025 से इस सेवा की लेनदेन सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की जा सकती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा मिलेगी.
इन बदलावों के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी नियमों में परिवर्तन हो सकते हैं, जिनका सीधा असर आम जनता की वित्तीय योजनाओं और दैनिक जीवन पर पड़ेगा. इसलिए, इन नए नियमों की जानकारी रखना और आवश्यक तैयारियां करना आवश्यक है.
क्रेडिट कार्ड से जुड़े बदलाव
कोटक महिंद्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए 1 जून से बड़ा बदलाव लागू होगा. यदि किसी उपभोक्ता का ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो बैंक 2% बाउंस चार्ज वसूलेगा. यह शुल्क न्यूनतम 450 रुपये और अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकता है. इसके साथ ही, बैंक की वेबसाइट के अनुसार, कई क्रेडिट कार्ड पर मासिक फाइनेंस चार्ज भी बढ़ सकता है. वर्तमान दर 3.50% (वार्षिक 42%) से बढ़ाकर 3.75% (वार्षिक 45%) की जा सकती है.
CNG, PNG और ATF की कीमतों में बदलाव
1 जून को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां CNG, PNG और एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में संशोधन कर सकती हैं. मई में इनमें कटौती हुई थी और जून में भी इन कीमतों में बदलाव की संभावना है.
फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव हो सकता है. चूंकि रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट में कटौती की है, आगे और कटौती की उम्मीद की जा रही है. उदाहरण के तौर पर, सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 5 साल की एफडी पर ब्याज दर 8.6% से घटाकर 8% कर दी है.
म्यूचुअल फंड के नियमों में बदलाव
SEBI ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए नया कट-ऑफ टाइम निर्धारित किया है. 1 जून से ऑफलाइन लेनदेन का समय दोपहर 3 बजे तक और ऑनलाइन का समय शाम 7 बजे तक होगा. इसके बाद किए गए निवेश अगले कार्यदिवस के लिए मान्य होंगे.
आम आदमी को झटका! घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतें स्थिर, केवल कमर्शियल ग्राहकों को मिली राहत!
1 Jun, 2025 12:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बड़ा बदलाव किया है. कंपनी ने 19 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर की कीमत में 24 रुपए की कटौती की गई है, जो 1 जून से प्रभावी है. दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की खुदरा कीमत 1 जून से 1723.50 रुपए हो जाएगी. कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में कमी होने से उनको राहत मिलेगी जो अपने व्यवसाय के संचालन के लिए इस पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
इससे पहले 1 मई को कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें 15 रुपए कम की गई थीं. हालांकि, घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ था. अप्रैल में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1762 रुपए में मिल रहा था.
24 रुपए सस्ता मिलेगा कमर्शियल सिलेंडर
तेल कंपनियों ने शनिवार को कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाने का ऐलान कर दिया है. यह बदलाव 1 जून यानी रविवार से लागू होगा. जिसके बाद अब दिल्ली में 19 किलो का कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1723.50 रुपए में मिलेगा.कंपनियों ने कहा कि उन्होंने दाम कम कर दिए हैं. अब दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर का खुदरा बिक्री मूल्य 1 जून से 1723.50 रुपए होगा.
होटल, रेस्तरां को होगा ज्यादा फायदा
बता दें कि कमर्शियल सिलेंडर के दाम में यह कटौती व्यापारियों के लिए राहत की खबर है. इससे उनकी लागत कम होगी. अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है. कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल ज्यादातर होटल, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में किया जाता है. कीमतें कम होने से इन व्यवसायों के परिचालन लागत में कमी आएगी. इससे उन्हें कुछ राहत मिलेगी. लागत कम होने से व्यवसायों को प्रोत्साहन भी मिलेगा. इससे आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
रिकॉर्ड तोड़ IPOs की तैयारी! 10 नई कंपनियों का शेयर बाजार में डेब्यू, क्या आपके पोर्टफोलियो में होगा इनका नाम?
1 Jun, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भले की अगले हफ्ते शेयर बाजार में कोई छोटा बड़ा आईपीओ ना आ रहा हो, लेकिन सेकंड्री मार्केट में बड़ी हलचल रहने वाली है. इसका मतलब है कि शेयर बाजार निवेशकों पर जमकर पैसा बरसने वाला है. आंकड़ों के अनुसार अगले हफ्ते 4,6, या 8 नहीं बल्कि पूरे 10 कंपनियों का शेयर बाजार में डेब्यू होने जा रहा है. इसका मतलब है कि 10 कंपनियों के आईपीओ सेकंड्री मार्केट में लिस्ट होंगी. वैसे पिछले हफ्ते कई कंपनियों के आईपीओ भी मार्केट में आए थे, लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है. लिस्ट होने वाली कंपनियों में लीला होटल्स एक बड़ा नाम माना जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले हफ्ते में इन कंपनियों में किस तरह की लिस्टिंग होती है.
ये कंपनियां शेयर बाजार में कर रही हैं डेब्यू
लीला होटल्स आईपीओ : लीला होटल्स की लिस्टिंग की डेट 2 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 435 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 26 मई को लॉन्च हुआ था और 28 मई को आखिरी तारीख थी. 29 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
एजिस वोपैक टर्मिनल्स आईपीओ : एजिस वोपैक टर्मिनल्स आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 2 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 235 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 26 मई को लॉन्च हुआ था और 28 मई को आखिरी तारीख थी. 29 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
ब्लू वाटर लॉजिस्टिक्स आईपीओ : ब्लू वाटर लॉजिस्टिक्स आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 3 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 135 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 27 मई को लॉन्च हुआ था और 29 मई को आखिरी तारीख थी. 30 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
प्रोस्टारम इंफो सिस्टम्स आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 3 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 105 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 27 मई को लॉन्च हुआ था और 29 मई को आखिरी तारीख थी. 30 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
निकिता पेपर्स आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 3 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 104 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 27 मई को लॉन्च हुआ था और 29 मई को आखिरी तारीख थी. 30 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
एस्टोनिया लैब्स आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 3 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 135 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 27 मई को लॉन्च हुआ था और 29 मई को आखिरी तारीख थी. 30 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
स्कोडा ट्यूब्स आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 4 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 140 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 28 मई को लॉन्च हुआ था और 30 मई को आखिरी तारीख थी. 30 मई को अलॉटमेंट किया गया था.
नेप्च्यून पेट्रोकेमिकल्स आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 4 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 122 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 28 मई को लॉन्च हुआ था और 30 मई को आखिरी तारीख थी. 2 जून को अलॉटमेंट किया जाएगा.
एनआर वंदना टेक्सटाइल आईपीओ : आईपीओ की लिस्टिंग की डेट 4 जून को रखी गई है. वैसे आईपीओ का जीएमपी 45 रुपए देखने को मिला है. इसका आईपीओ 28 मई को लॉन्च हुआ था और 30 मई को आखिरी तारीख थी. 2 जून को अलॉटमेंट किया जाएगा.
3बी फिल्म्स आईपीओ : 3बी फिल्म्स आईपीओ 30 मई को खुला था और 3 जून, 2025 को बंद होगा. आवंटन 4 जून को अंतिम रूप दिया जाएगा और लिस्टिंग 6 जून, 2025 को निर्धारित की गई है. 31 मई 2025 तक, 3बी फिल्म्स आईपीओ जीएमपी 50 के अपने मूल्य बैंड पर 3 रुपए है.
पाक से 10 बिलियन, तो भारत से 130 बिलियन डॉलर का कारोबार कर रहा यूएस, फिर भी…
1 Jun, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच करीब 10 बिलियन डॉलर का कोराबार होता है। इसमें से भी पाकिस्तान को यहां करीब 5 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है। ट्रंप ने पहले पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ ठोंकने का चेतावनी दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह अमेरिका पहुंच रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच टैरिफ पर समझौता किया जा सके। बता दें कि यह वहीं पाकिस्तान है, जिसे दुनिया भर में आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के तौर पर देखा जाता है। दूसरी तरफ भारत है, जो अमेरिका का रणनीतिक, आर्थिक और लोकतांत्रिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जबकि पाकिस्तान के साथ यह महज 10 बिलियन डॉलर के आसपास है। फिर भी ट्रंप की पाकिस्तान को लेकर ‘नरमी’ कई सवाल खड़े कर रही है।
दरअसल ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह आ रहे हैं। और भारत के साथ, जैसा कि आप जानते हैं, हम एक डील के बेहद करीब हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान और भारत युद्ध के रास्ते पर चलते, तो वे किसी भी समझौते में दिलचस्पी नहीं रखते। ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टैरिफ डील के जरिये रोका, न कि गोलियों से। ट्रंप ने कहा, ‘हमने व्यापार के जरिये इस संघर्ष को टाला। आमतौर पर ये देश गोलियों के जरिये लड़ते हैं, लेकिन हमने व्यापार के जरिये सुलह कराई। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वॉशिंगटन का दौरा किया है। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत को अंतिम रूप देने की कोशिशें हुईं। उम्मीद है कि जुलाई की शुरुआत तक दोनों देश किसी समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इन तमाम तथ्यों के बावजूद ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति उदार रुख भारत में कई लोगों को चौंका रहा है। जिस देश पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खुले समर्थन के आरोप लगते रहे हैं, उसके साथ व्यापार समझौते की संभावनाएं जताना, अमेरिका की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।
वैश्विक उथल-पुथल का असर: रुपये में भारी गिरावट, 26 महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज
31 May, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अप्रैल के महीने में जिस भारतीय रुपए ने जबरदस्त परफॉर्म करते एशिया में सबसे बेहतरीन फॉर्म दिखाया था, वो ही मई में इस तरह से धराशाई होगी किसी ने भी नहीं सोचा था. पूरे एशियाई रीजन में भारत की करेंसी ने सबसे खराब परफॉर्म किया है. ताइवान, कोरिया, सिंगापूर, थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया जैसी छोटी इकोनॉमी के मुकाबले में भी भारत के रुपए का प्रदर्शन काफी खराब देखने को मिला है. रिपोर्ट के अनुसार टॉप 11 एशियाई देशों में सिर्फ तीन देशों की करेंसी का प्रदर्शन नेगेटिव देखने को मिला है. जिसमें हॉन्गकॉन्ग और जापान भी शामिल है. इन दोनों देशों की करेंसी से भी तुलना करें तो भारत की करेंसी में ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारतीय रुपया दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले कितना गिरा है.
एशिया में भारतीय रुपए का सबसे खराब प्रदर्शन
टैरिफ अनिश्चितताओं, सीमा तनाव और केंद्रीय बैंक द्वारा आगे मॉनेटरी ढील की उम्मीदों के संयुक्त प्रभाव ने मई में रुपए को एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी बना दिया. मई में रुपए में 1.27 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जबकि महीने की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले में रुपया 84.48 के लेवल पर देखने को मिला था, जो 30 मई तक 85.57 के लेवल पर आ गया. इसका मततब है कि रुपए में डॉलर के मुकाबले में 1.09 रुपए की गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस तरह से रुपया एशिया में सबसे अधिक गिरावट वाली करेंसी बन गई है. खास बात तो ये है कि अप्रैल में रुपया 83.94 के लेवल पर पहुंचने के बाद काफी मजबूत हो गया था और तेजी के कई रिकॉर्ड धराशाई कर दिए थे.
क्यों आई रुपए में गिरावट
शिनहान बैंक इंडिया के ट्रेजरी प्रमुख कुणाल सोधानी ने कहा रिपोर्ट में कि टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच लंबी रुपए की स्थिति समाप्त हो रही है, जबकि इंपोर्टर कम एडवांस प्रीमियम का लाभ उठा रहे हैं. अप्रैल की शुरुआत में एक साल के डॉलर-रुपये के एडवांस प्रीमियम 2.34 फीसदी से गिरकर 1.94 फीसदी हो गए. कम महंगाई, विकास की संभावनाओं और नरम डॉलर सूचकांक जैसे कुछ सकारात्मक संकेतों ने रुपये को 85.50 के लेवल के आसपास कारोबार करने में मदद की है, लेकिन वैश्विक आर्थिक कारक आगे की कमजोरी को बढ़ा सकते हैं. नई दिल्ली स्थित शोध फर्म एसएस वेल्थस्ट्रीट की फाउंडर सुगंधा सचदेवा ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में तेज उछाल, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर आउटलुक में अप्रत्याशित बदलाव या भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में देरी निकट भविष्य में आशावाद को कम कर सकती है.
एशिया में सबसे तेज कौन
अगर बात एशिया की दूसरी करेंसी की बात करें तो ताइवान के डॉलर में 6.97 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. जोकि एशिया में सबसे बेहतरीन परफॉर्म करने वाली करेंसी बन गई है. वहीं दूसरी ओर कोरियन वोन में 3.30 फीसदी, इंडोनेशियन रुपया में 1.91 फीसदी, थाईलैंड की करेंसी में 1.79 फीसदी, मलेशियन रिंगगिट में 1.39 फीसदी, सिंगापुर के डॉलर में 1.21 फीसदी, चीनी युआन में 1.06 फीसदी, फिलिपींस पेसो में 0.16 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. खस बात तो ये है कि भारत के अलावा दो और देशों की करेंसी में गिरावट आई है. जिसमें एशिया की बड़ी इकोनॉमी में से एक जपानी येन है. जिसमें 0.53 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. वहीं हॉन्गकॉन्ग डॉलर में 1.13 फीसदी की गिरावट दिखाई दी है.
शुक्रवार को रुपए में आई गिरावट
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को रुपए में शुरुआती तेजी जाती रही और कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले यह सात पैसे की गिरावट के साथ 85.55 पर बंद हुआ. घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और ग्लोबल क्रूड ऑयल की की कीमतों में सुधार के कारण रुपया दबाव में रहा. हालांकि, फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि जीडीपी आंकड़ों के जारी होने से पहले निवेशक सतर्क रहे. आंकड़ों के अनुसार रुपया 85.35 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.25 के हाई लेवल तथा 85.64 के निम्न स्तर के बीच रहने के बाद के अंत में 85.55 पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद से सात पैसे की गिरावट है. गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 10 पैसे गिरकर 85.48 पर बंद हुआ.
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजार और कच्चे तेल की कीमतों में सुधार के कारण रुपये में गिरावट आई. आयातकों की मासांत डॉलर मांग ने भी रुपये पर दबाव डाला. हालांकि, कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक और एफआईआई के पूंजी प्रवाह ने गिरावट को सीमित किया. उन्होंने कहा कि कारोबारी अमेरिका के व्यक्तिगत व्यय खपत (पीसीई) मूल्य सूचकांक और व्यक्तिगत आय के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 85.30 रुपये से 86 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है.
एशियन डेवलपमेंट बैंक का बड़ा ऐलान: भारत को हर साल देगा अरबों डॉलर, इकोनॉमी को मिलेगा बंपर बूस्ट
31 May, 2025 05:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ना तो इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और ना ही वर्ल्ड बैंक, भारत के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी तिजोरी खोल दी है. एडीबी ने भारत के सामने एक ऐसी पेशकश सामने रख दी है, जो आज तक किसी के लिए नहीं रखी गई होगी. खास बात तो ये है कि मौजूदा समय में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान पर कुछ ज्यादा ही मेहबारन दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में भारत की ओर एडीबी का हाथ बढ़ाना काफी दिलचस्प है. एडीबी की ओर से हर साल जितना कर्ज देने की बात कही गई है, उससे भारत की इकोनॉमी को काफी बड़ा बूस्ट मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एडीबी ने भारत को हर साल कितना पैसा देने की बात कही है.
इतना पैसा देने का तैयार एडीबी
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मासातो कांडा ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत को हर साल 4.5 अरब डॉलर तक का लोन देने के लिए तैयार है. कांडा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, कल मैंने भारत के साथ एडीबी की साझेदारी को मजबूत करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि एडीबी प्रत्येक वर्ष चार अरब डॉलर से 4.5 अरब डॉलर के बीच लोन देने के लिए तैयार है. एडीबी निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में लगभग एक अरब डॉलर उपलब्ध कराने के लिए भी तैयार है, साथ ही अतिरिक्त थर्ड पार्टी कैपिटल भी जुटाएगा.
सीतारमण से हुई थी मुलाकात
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी ने बड़ी, उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं पर तेजी से काम करने पर सहमति जताई है. इनमें सौर छतों के लिए उसका समर्थन भी शामिल है, जिससे पूरे देश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी आ सकती है. उन्होंने कहा कि मंत्री के अनुरोध पर एडीबी खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन, रोजगार सृजन और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देकर एकीकृत ग्रामीण समृद्धि के लिए समर्थन को और तेज करेगा. सीतारमण ने गुरुवार को कांडा के साथ बैठक के दौरान, एकीकृत ग्रामीण समृद्धि उपायों के लिए एडीबी से और अधिक सहयोग देने का आग्रह किया था, जिसमें रोजगार और स्थानीय उद्यमिता का सृजन, तथा कृषि में नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है, ताकि गांवों को मजबूत समुदायों में बदला जा सके.
भारत की इकोनॉमी सबसे तेज
हाल ही में भारत की इकोनॉमी के आंकड़े सामने आए हैं. इसके तहत भारत की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी है, जोकि दुनिया के तमाम बड़े देशों के मुकाबले में सबसे तेज है. खास बात तो ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है और इस वित्त वर्ष में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है. जिसके अगले 3 साल में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का अनुमान लगाया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि साल 2047 तक भारत की इकोनॉमी को विकसित करना है. एक अनुमान के अनुसार तब भारत की इकोनॉमी 30 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है.
फिर सस्ती हो सकती है पेट्रोल-डीजल: मंत्री हरदीप पुरी ने दिए राहत के संकेत
31 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Petrol-Diesel की कीमतों में एक बार फिर बड़ी कटौती होने के आसार हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी की मानें तो अगर वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो सरकार देश में पेट्रोल और डीजल के रेट घटा सकती है।
सरकार वहन कर रही कर का बोझ
उन्होंने बताया कि अभी सरकार एक्साइज ड्यूटी में कटौती वहन कर जनता को तेल कीमतों में राहत दे रही है। सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में करों में कमी की थी। उस दौरान पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 13 और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी।
तेल की कीमतों के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार
पुरी ने सीआईआई के बिजनेस समिट में बताया कि यह राहत केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से मिल पाई थी। हमने कर घटाया तो राज्यों ने वैट कम किया था। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें, वैश्विक स्तर पर क्रूड का रेट, बीमा की लागत और रिफाइनरी का मार्जिन आदि फैक्टर तेल की कॉस्ट के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें स्थिर रहती हैं तो सरकार तेल के दाम और घटा सकती है।
40 देशों से होता है तेल का निर्यात
पुरी ने ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा से कच्चे तेल की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ओपेक देशों के क्रूड प्रोडक्शन में कट के बावजूद वैश्विक स्तर पर आपूर्ति बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने तेल खरीदने की रणनीति भी बदल दी है। अब हम 27 देशों के बजाय 40 से तेल का आयात करते हैं। हम अर्जेंटीना से भी कंसाइनमेंट मंगाते हैं।
कम कीमत पर मिलेगा तो खरीदेंगे
रूस से तेल आयात के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रयास है कि जनता को किफायती कीमतों पर तेल खरीदने को मिले। अगर किसी देश में तेल कमी कीमत पर उपलब्ध होता है तो हम उसे खरीदेंगे।
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने महाराष्ट्र में जीती ₹1600 करोड़ की ट्रांसमिशन परियोजना, कंपनी का भविष्य और मजबूत
31 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) ने महाराष्ट्र में 1,600 करोड़ रुपये की अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन परियोजना हासिल की है. कंपनी परियोजना मिलने की शुक्रवार को जानकारी दी. कंपनी ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही, इसकी ट्रांसमिशन ऑर्डर बुक अब 61,600 करोड़ रुपये हो गई है.
नए सुरक्षित प्रोजेक्ट के दायरे में 3,000 मेगा वोल्ट-एम्पीयर (MVA) सबस्टेशन क्षमता की स्थापना, अन्य संबंधित ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे के अलावा एईएसएल का समग्र ट्रांसमिशन नेटवर्क 26,696 सीकेएम और 93,236 MAV ट्रांसफॉर्मेशन कैपिसिटी तक ले जाना शामिल है.
बिजली की मांग को पूरा करने में मिलेगी मदद
एक बार पूरा हो जाने पर, यह परियोजना क्षेत्र में आगामी हाइड्रो पंप स्टोरेज परियोजनाओं (PSP) से 1.5 गीगावाट ग्रीन एनर्जी की निकासी में सहायता करेगी, जिससे मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा किया जा सकेगा.
2028 तक चालू करनी है परियोजना
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड को जनवरी 2028 तक परियोजना चालू करनी है. कंपनी ने कहा कि उसने टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) तंत्र के तहत यह अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) परियोजना जीती है, जबकि आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (RECPDCL) बोली प्रक्रिया समन्वयक थी. अडानी पोर्टफोलियो का हिस्सा अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस एक मल्टी डायमेंशनल कंपनी है. यह एनर्जी सेक्टर के विभिन्न पहलुओं जैसे बिजली ट्रांसमिशन, वितरण, स्मार्ट मीटरिंग और कूलिंग सॉल्यूशन के क्षेत्र में कारोबार करती है.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड की विज्ञप्ति में कहा गया कि यह प्रगति भारत के एनर्जी ट्रांसमिशन में AESL की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, क्योंकि यह देश के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य में योगदान करते हुए टिकाऊ बुनियादी ढांचे में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना जारी रखे हुए है.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का मुनाफा
मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही में अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का नेट प्रॉफिट साल-दर-साल (YoY) 79 फीसदी बढ़कर 647.2 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 361.4 करोड़ रुपये था. कंपनी का रेवेन्यू भी 35.4 फीसदी बढ़कर 6,374.6 करोड़ रुपये हो गया.
पाक समर्थित तुर्किये पर भारत का शिकंजा: इंडिगो से लीज खत्म करने को कहा, आगे क्या?
31 May, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार ने घरेलू एयरलाइन इंडिगो से तुर्किये एयरलाइन के साथ विमान लीज को खत्म करने के लिए कहा है. तुर्किये एयरलाइन के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने इंडिगो से कहा कि वो अपनी लीज को तीन महीने के भीतर खत्म करे. इंडिगो एयरलाइन ने वर्तमान में तुर्की एयरलाइंस से वेट लीज के जरिए प्राप्त दो बोइंग 777-300ER विमानों को उड़ाती है. यह लीज 31 मई तक वैध थी.
शॉर्ट टर्म राहत
एयरलाइन ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से व्यवस्था को छह महीने और बढ़ाने के लिए संपर्क किया था, लेकिन एयरलाइन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया. एक औपचारिक कॉम्युनिकेशन में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पुष्टि की कि दो तुर्की विमानों के लिए इंडिगो की लीज परमिट 31 मई को समाप्त हो गया. नियामक ने स्पष्ट किया कि मंत्रालय ने विस्तार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और इसके बजाय शॉर्ट टर्म राहत की पेशकश की है.
3 महीने के भीतर खत्म करनी है लीज
DGCA ने कहा कि पैसेंजर सर्विस में तत्काल व्यवधान से बचने के लिए 31 अगस्त तक अंतिम तीन महीने का विस्तार दिया गया है. साथ ही कहा कि इस विस्तार को किसी भी परिस्थिति में रिन्यू नहीं किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि इंडिगो को इन डैम्प-लीज्ड विमानों के लिए 31.08.2025 तक तीन महीने का अंतिम विस्तार दिया गया है, जो एयरलाइन की प्रतिबद्धता पर आधारित है कि वे इस विस्तार अवधि के भीतर तुर्किए एयरलाइंस के साथ डैम्प लीज को समाप्त कर देगी और इन ऑपरेशन के लिए आगे कोई विस्तार की मांग नहीं करेगी. इंडिगो ने तुर्किये एयरलाइंस के साथ कोडशेयर साझेदारी भी बनाए रखी है.
2023 में हुआ था करार
2023 की शुरुआत में, इंडिगो ने तुर्किये एयरलाइंस के साथ एक वेट लीज कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए, ताकि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की समस्याओं के कारण अपने एयरबस A320neo बेड़े के ग्राउंडिंग के कारण होने वाली क्षमता की कमी को दूर किया जा सके. लीज पर दिए गए बोइंग 777, जिनमें से प्रत्येक में 500 यात्री तक बैठ सकते हैं, इंडिगो की अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
एयरलाइन ने नई पॉलिसी के तहत छह महीने के विस्तार का अनुरोध किया था, जिसके तहत एयरलाइनों को शुरुआती छह महीने की अवधि के लिए विमान पट्टे पर देने की अनुमति दी गई थी.
सेलेबी को सरकार ने दिया था झटका
इससे पहले तुर्किये की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने के चलते ऐसा किया गया. 15 मई को विमानन सुरक्षा नियामक BCAS ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तुर्किये की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी. यह कदम तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने और पड़ोसी देश में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा करने के कुछ दिनों बाद उठाया गया था.
आयात शुल्क में 10% की कमी: क्या घटेंगी खाने के तेल की कीमतें
31 May, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्रालय की तरफ जारी एक गजट नोटिफिकेशन में बताया गया है कि कच्चे खाद्य तेल के आयात पर लगने वाले शुल्क में 10 फीसदी की कटौती की गई है. कच्चे तेल के आयात पर शुल्क की नई दर 31 मई से ही लागू कर दी गई है. भारत दुनिया में खाद्य तेलों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में शामिल है. लगातार बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए भारत कच्चे खाद्य तेलों का आयात करता है. केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मुताबिक देश को मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए कच्चे खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है.
कितना घटाया गया आयात शुल्क?
खाद्य तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाली बेसिक इम्पोर्ट ड्यूटी में 10 फीसदी की कटौती की है.
कितना तेल आयात करता है भारत?
भारत कच्चे खाद्य तेल यानी वनस्पति तेल की अपनी डिमांड का करीब 70 फीसदी हिस्सा आयात के जरिये ही पूरा करता है. भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम ऑयल खरीदता है. वहीं, अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोयाबीन और सूरजमुखी का तेल आयात करता है. आने वाले दिनों में सरकार के इस फैसले की वजह से पाम ऑयल, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल के दाम में गिरावट देखने को मिल सकती है.
कितनी कम हुई इम्पोर्ट ड्यूटी?
सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्टम या इम्पोर्ट ड्यूटी को पहले के 20% से घटाकर 10% कर दिया है. इससे तीनों तेलों पर कुल आयात शुल्क पहले के 27.5% से घटकर 16.5% हो गया है. इससे पहले सितंबर 2024 में, भारत ने कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों 20% की दर से बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाने का फैसला किया था. बहरहाल, अब नई दरों के बाद, कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर पहले के 5.5% की तुलना में 27.5% आयात शुल्क लगाया जाएगा, जबकि तीनों तरह के रिफांइड तेल पर 35.75% इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई गई है.