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भारत का खजाना खाली, पाकिस्तान में आ रही है राहत की लहर
8 Mar, 2025 10:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के खजाने को पता नहीं किसकी नजर लग गई हैं कि लगातार खाली हो रहा है. पिछले भारत के फॉरेक्स रिजर्व में इजाफा होने के बाद इसमें फिर से गिरावट देखने को मिली है. लेकिन गिरावट इस बार पिछली बार के इजाफे से कम है. जानकारों की मानें तो रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक लगातार फॉरेन करेंसी का इस्तेमाल कर रहा है. जिसकी वजह देश के फॉरेक्स भंडार में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है.
वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में तालियां पीटी जा रही हैं. उसका कारण है कि पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में इजाफा देखने को मिला है. पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व करीब 16 अरब डॉलर हो गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत और पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट
भारत का फॉरेक्स रिजर्व 1.78 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 638.698 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया. आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि 28 फरवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.781 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 638.698 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया. पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.758 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 640.479 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था. सितंबर 2024 के अंत में, विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 बिलियन अमरीकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया.
गोल्ड रिजर्व में गिरावट
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 28 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए, फॉरेन करेंसी असेट्स, जो भंडार का एक प्रमुख कंपोनेंट है, 493 मिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 543.35 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गईं. डॉलर में व्यक्त फॉरेन करेंसी असेट्स में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी नॉन-अमेरिकी यूनिट्स की मूल्यवृद्धि या मूल्य में कमी का प्रभाव शामिल होता है.
आरबीआई ने कहा कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 1.304 अरब डॉलर घटकर 73.272 अरब डॉलर रह गया. शीर्ष बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 27 मिलियन डॉलर बढ़कर 17.998 अरब डॉलर हो गए. शीर्ष बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 12 मिलियन डॉलर घटकर 4.078 अरब डॉलर रह गई.
पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में इजाफा
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के फॉरेक्स रिजर्व में 28 फरवरी, 2025 को समाप्त सप्ताह के दौरान 27 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जो 11.25 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. ताजा आंकड़ों के अनुसार, 28 फरवरी, 2025 तक देश के पास कुल तरल विदेशी भंडार 15.87 बिलियन डॉलर था. इसमें से एसबीपी के पास 11.25 बिलियन डॉलर, जबकि कमर्शियल बैंकों के पास 4.62 बिलियन डॉलर है. इस बीच, पाकिस्तान में सोने की कीमतों में गिरावट आई, जो अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट को दर्शाता है. स्थानीय बाजार में, गुरुवार को प्रति तोला कीमत 3,000 रुपए घटकर 304,000 रुपए पर आ गई.
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रुपये की ताकत से डॉलर हुआ धराशाई, एशिया में गूंज उठा असर
8 Mar, 2025 09:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शुक्रवार सुबह डॉलर के मुकाबले में रुपया गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, लेकिन बाजार बंद होने तक एशिया में एक बार फिर से रुपए ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का अहसास करा दिया. रुपए में 20 पैसे का जबरदस्त उछाल देखने को मिला और 87 के लेवल से नीचे चला गया. वैसे कुछ दिनों से रुपए में गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन आरबीआई लगातार रुपए को उठाने का प्रयास कर रहा है. आंकड़ों पर बात करें तो इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 20 पैसे उछलकर 86.92 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ.
अगर इस तेजी के कारणों की बात करें तो अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के अपने पांच महीने के निचले स्तर पर आने तथा मांग में नरमी के अनुमान के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से रुपए में तेजी देखने को मिली. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, अस्थिर घरेलू शेयर बाजार की धारणा और विदेशी पूंजी की सतत निकासी से घरेलू मुद्रा पर दबाव पड़ा. उन्होंने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी का कारण दुनिया भर में शुल्क को लेकर अस्पष्टता की वजह से जोखिम से बचने की प्रवृत्ति में वृद्धि है.
रुपए में जबरदस्त तेजी
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 87.13 पर खुला और कारोबार के दौरान 87.22 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया. बाद में रुपया 86.88 प्रति डॉलर तक मजबूत होने के बाद कारोबार के अंत में 86.92 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 20 पैसे की मजबूती है. गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे गिरकर 87.12 पर बंद हुआ था. इससे पहले लगातार तीन सत्रों में इसमें 31 पैसे की तेजी आई थी. इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.43 प्रतिशत घटकर 103.58 पर रहा. वायदा कारोबार में वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.41 प्रतिशत बढ़कर 70.44 डॉलर प्रति बैरल हो गया लेकिन फिर भी यह छह माह के निचले स्तर पर बना रहा.
क्या कहते हैं जानकार
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट, मोहम्मद इमरान ने कहा कि कच्चे तेल में मुनाफावसूली से कीमतें बढ़ी हैं. इमरान ने कहा कि आर्थिक आंकड़े भी कच्चे तेल की मांग के लिए उत्साहजनक नहीं हैं क्योंकि जनवरी-फरवरी की अवधि में चीन का आयात सालाना आधार पर पांच प्रतिशत घटकर कुल 8.38 करोड़ टन रह गया. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि औसतन इंपोर्ट एक करोड़ 4.2 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) है, जो जनवरी-फरवरी 2024 में एक करोड़ 12.6 लाख बैरल प्रतिदिन से कम है.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 7.51 अंक फिसलकर 74,332.58 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 7.80 अंक बढ़कर 22,552.50 अंक पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने बृहस्पतिवार को 2,377.32 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.
Honda और BYD की साझेदारी, भारत में स्कूटर मार्केट में बड़ी एंट्री करेगा चीनी ब्रांड
7 Mar, 2025 10:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होंडा: भारतीय स्कूटर बाजार में होंडा का दबदबा लंबे समय से कायम है. जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी होंडा ने अपने लोकप्रिय स्कूटर Activa के जरिए इस सेगमेंट में एक मजबूत पकड़ बना रखी है. ठीक वैसे ही, जैसे चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD (Build Your Dreams) ने वैश्विक इलेक्ट्रिक कार बाजार में अपनी अलग पहचान बना ली है. लेकिन अब BYD होंडा का हाथ पकड़कर भारत में अपना बेड़ापार करने वाली है. कंपनी अब उसकी मदद से मार्केट में अपना स्कूटर लेकर आने वाली है.
एक समय था जब चीन को बाजार जो कभी उनकी वैश्विक विकास योजनाओं का मुख्य केंद्र था, अब उनके पेट्रोल-चालित लाइनअप के लिए बंजर भूमि बन गया है क्योंकि 2020 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 6.2% से बढ़कर पिछले साल 45% हो गई.
फोर्ड मोटर कंपनी
वहीं, 2010 के दशक में हावी रहे विदेशी ब्रांड तबाह हो गए हैं. 2017 में 10 ब्रांड रहे फोर्ड मोटर कंपनी और निसान मोटर कॉर्प की बिक्री में 81% और 45% की गिरावट आई है. फ़ोर्ड ज़ीकर और दीपल जैसे कम ही जाने-पहचाने स्थानीय इलेक्ट्रिक ब्रांडों से पीछे रह गया. वहीं, जनरल मोटर्स कंपनी विलुप्त होने की कगार पर है, इसी में ब्यूक की बिक्री में 66% की गिरावट आई है और शेवरले की बिक्री में 92% की गिरावट आई है, जबकि होंडा मोटर कॉर्प की बिक्री में 40% की गिरावट आई है. बता दें,कि 2017 में 21वीं सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी BYD ने पिछले साल चीन में 10 प्रमुख जापानी ब्रांडों की तुलना में अधिक कारें बेचीं.
भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया
अभी, स्कूटर और मोटरबाइक एक ऐसा बाजार है, जहां जापान बढ़ते जा रहा है. भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ती आय के साथ, यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है: मैकिन्से एंड कंपनी का अनुमान है कि 2029 तक बिक्री में सालाना 8.7% की बढ़ोतरी होगी, जबकि इस दशक में कारों के लिए यह लगभग 1% है.
होंडा के पास पहले से ही इस वैश्विक बाजार का 40% हिस्सा है, और उसका अनुमान है कि 2030 तक बिक्री बढ़कर 60 मिलियन बाइक हो जाने पर यह इसे 50% तक बढ़ा सकता है. इस बदलाव का सबसे बड़ा आधार पिछले साल के अंत में भारत में एक्टिवा ई: की शुरुआत के साथ घोषित किया गया था, जो कि इसकी सबसे अधिक बिकने वाली स्थानीय बाइक का बैटरी से चलने वाला वेरिएंट है
अमेरिका का 'जीरो टैरिफ' का प्रस्ताव, क्या यह टेस्ला के लिए भारत में व्यापार का रास्ता खोलेगा?
7 Mar, 2025 10:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एलन मस्क लंबे समय से भारत में एंट्री की तलाश कर रहे हैं. हाल ही रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में उनकी एंट्री होने में महज कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने भारत में टेस्ला के स्टोर खोलने और नौकरी के पोस्टर्स जारी कर दिए हैं. लेकिन उनकी एंट्री के बीच टैरिफ आ रहा है जो उनके लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप की सरकार चाहती है कि भारत प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत ऑटोमोबाइल के इम्पोर्ट पर से टैरिफ हटा दे यानी भारत कार इम्पोर्ट पर जीरो टैरिफ कर दे. अगर भारत अमेरिका की ये डिमांड मान लेता है तो अमेरिका और भारत को क्या फायदा होगा और क्या इससे भारत में मस्क की टेस्ला एंट्री आसान हो जाएगी आइए जानते हैं.
टैरिफ कटौती पर विचार
रिपोर्ट में कुछ सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारत सरकार संभावित कटौती पर विचार कर रही है, लेकिन इसे पूरी तरह से हटा देने से हिचकिचा रही है. भारत दूसरे देशों से गाड़ियों के इम्पोर्ट पर 110 फीसदी टैरिफ लगाता है. जिसे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सबसे ज्यादा टैरिफ बताया था. इसी टैरिफ के चलते ही अमेरिकी EV कंपनी ने भारतीय बाजारों में आने से अपने प्लान को टाल दिया था. भारत ऑटोमोबाइल के सेक्टर में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है.
अमेरिका को इस बात से ऐतराज
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटोमोबाइल पर भारत के इस भारी-भरकम टैरिफ को लेकर आने वाले समय में औपचारिक बातचीत हो सकती है. इसका सबसे बड़ा फायदा एलन मस्क की टेस्ला को मिल सकता है. टेस्ला की एंट्री भारत में लगभग-लगभग तय हो चुकी है कंपनी ने अपना पहला स्टोर भी मुंबई में खोलने जा रही है ऐसे में अगर भारत टैरिफ को खत्म कर देता है तो एलन मस्क को सबसे ज्यादा फयदा होगा.
टेस्ला की एंट्री होगी आसान
अगर भारत अपने ऑटोमोबाइल टैरिफ को पूरी तरह खत्म कर देता है तो टेस्ला और उसके जैसी कंपनियों की EV कारें सस्ते दामों पर मिलेंगी. मान लीजिए अगर टेस्ला की सबसे सस्ती कार, 20,000 डॉलर यानि 16.5 लाख रुपये है तो भारत में टैरिफ की वजह से दोगुनी महंगी हो जाती है. लेकिन अगर टैरिफ खत्म हो जाता है तो ये कार 20 लाख रुपये से कम दाम में मिलेगी.
अमेरिका भारत पर लगाएगा ये टैरिफ
हाल ही में ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकाल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है जो अगले महीने की 2 तारीख से लागू होगा. ट्रंप ने कहा है कि भारत यूएस ऑटोमोबाइल पर 100 फीसदी से भी ज्यादा टैरिफ लगाता है. ऐसे में अमेरिका भी अब 2 अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा सकता है.
मार्केट की गिरावट के बाद 2 दिनों में राहत, BSE मार्केट कैप 4 ट्रिलियन के करीब पहुंचा
7 Mar, 2025 10:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार बीते 5 महीने में निवेशकों को खून के आंसू रुला दिए हैं. मार्केट इतना क्रैश हो गया है कि निवेशकों के करोड़ों रुपए स्वाहा हो गए हैं. लेकिन बीते 2 दिन से बाजार में अच्छी रिकवरी देखने को मिल रही है. इस रिकवरी से BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप फिर से करीब 4 ट्रिलियन के करीब पहुंच गया है, जिससे निवेशकों की दौलत में 12 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बाजार के अच्छे दिन अब आने वाले हैं?
2 दिन में 12 लाख करोड़ की कमाई
बाजार में बुधवार और गुरुवार को आई तेजी से निवेशकों की दौलत करीब 12 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप बीते दिन 397,12,330 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद ये 385,59,355 करोड़ रुपये था. इस तरह से निवेशकों की दौलत 2 कारोबारी दिनों में 11,52,975 करोड़ रुपये बढ़ गई. सबसे ज्यादा रिकवरी की बात करें तो स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स में अच्छी खरीदारी बीते 2 दिनों में देखने को मिली है.
क्या बाजार के अच्छे दिन आने वाले हैं?
बाजार एक्सपर्ट्स की मानें तो फ़िलहाल ये कह पाना बहुत मुश्किल है कि भारतीय बाजार का बुरा दौर बीत गया है लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगले महीने अप्रैल में कई बड़ी खबरें आएंगी जिनका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा, ऐसे बाजार में उतार चढ़ाव जारी रहना स्वाभाविक है. अभी भी घरेलू निवेशक 5000 से 6000 करोड़ की खरीद कर ही रहे हैं जिससे बाजार को बूस्ट मिल रहा है. वहीं, अमेरिका ने भी रेसिप्रोकाल टैरिफ का ऐलान 2 अप्रैल से किया है.
बाजार में तेजी का कारण
चीन इंसेंटिव पैकेज उम्मीद- बाजार में निवेशकों को उम्मीद है कि चीन अपनी इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए नए इनसेंटिव पैकेज का ऐलान कर सकती है. जिसका सीधा असर बेस मेटल (तांबा, एल्युमिनियम) जैसी चीजों पर पड़ेगा और कीमतों में उछाल आएगा.
ग्लोबल मार्केट से अच्छे संकेत- ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ को एक महीने के लिए होल्ड कर दिया है जिसके चलते अमेरिकी बाजार और एशिआई बाजार गुलजार हैं.
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी- अमेरिकी डॉलर इंडेक्स चार महीने के निचले स्तर 104.3 पर आ गया, जो भारत के लिए फायदे की बात है. अगर डॉलर में गिरावट जारी रही तो FIIs की बिकवाली कम हो जाएगी और बाजार में तेजी संभव हो जाएगी।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट- अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरकर 6 महीने के निचले स्तर पर आ गईं है, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है.
RBI के लिक्विडिटी सपोर्ट उपाय- RBI ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई कदम उठाए हैं. रिजर्व बैंक के इस फैसले से बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों को काफी सपोर्ट मिला है.
Infineon-CDIL डील: भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन और तकनीकी विकास में होगी तेजी
7 Mar, 2025 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जर्मनी की सेमीकंडक्टर कंपनी इन्फिनियॉन ने भारत में पावर चिप की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सिलिकॉन वेफर की आपूर्ति के उद्देश्य से सीडीआईएल सेमीकंडक्टर्स के साथ अपना पहला समझौता किया है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। समझौते के तहत, इन्फिनियॉन सीडीआईएल को खाली सेमीकंडक्टर वेफर्स की आपूर्ति करेगी, जिसे भारतीय कंपनी संसाधित करेगी और असेंबली और पैकेजिंग के लिए उपयोग करेगी, ताकि पावर चिपसेट बनाया जा सके।
इन प्रोडक्ट्स में होता है यूज
इसका उपयोग बिजली इनवर्टर, सोलर टेक्नोलॉजी, ऑटो और रिन्यूएबल एनर्जी एप्लीकेशंस जैसे उत्पादों में किया जाता है। इन्फिनियॉन टेक्नोलॉजीज के एशिया प्रशांत क्षेत्र के चेयरमैन और एमडी सीएस चुआ ने समझौते पर साइन करने के बाद कहा, “इन्फिनियॉन सीडीआईएल को सिलिकॉन उपलब्ध कराएगी। भारत एक विशेष और बहुत बड़ा बाजार है, जहां हमें सीडीआईएल जैसे साझेदारों की जरूरत है, जो स्थानीय जरूरतों को समझते हों। यह अपनी तरह का पहला समझौता है, जिस पर हमने भारत में हस्ताक्षर किए हैं।”
कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया
वर्ष 1964 में स्थापित कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया (सीडीआईएल) भारत की पहली सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरर है, जो अलग सेमीकंडक्टर और सिलिकॉन कार्बाइड उपकरणों में विशेषज्ञता रखती है। सीडीआईएल के अध्यक्ष पंकज गुलाटी ने कहा, “इन्फिनियॉन की विश्वस्तरीय वेफर टेक्नोलॉजी को सीडीआईएल की उन्नत ओएसएटी क्षमताओं के साथ एकीकृत करके, हम इनोवेशन और लोकलाइजेशन में नए स्टैंडर्ड स्थापित कर रहे हैं। यह सहयोग ग्रोथ से कहीं आगे, इनोवेशन को बढ़ावा देता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ को गति देता है और भारत को सेमीकंडक्टर उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
कंपनियों का मुनाफा बढ़ा, निजी निवेश में सुधार की उम्मीद नहीं: क्रिसिल रिपोर्ट
7 Mar, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत का मुनाफा दशक के उच्चतम स्तर पर है। हालांकि, जबरदस्त मुनाफे के बावजूद प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत व्यय में सतत वृद्धि की उम्मीद नहीं है। एजेंसी ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी के कारण भारतीय उद्योग जगत का प्रॉफिट अगले वित्त वर्ष (2025-26) में लगातार तीसरे साल बढ़ने वाला है। बैंकिंग, फाइनेंस, तेल और गैस सेक्टर की कंपनियों को छोड़कर 800 कंपनियों के विश्लेषण से पता चलता है कि अगले वित्त वर्ष में कर-पूर्व लाभ मार्जिन (Pre-Tax Profit Margin) बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो जाएगा।
पिछले कुछ सालों से अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा निवेश कर रही है सरकार
सरकार पिछले कुछ सालों से अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा निवेश कर रही है और कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय में भी सुधार की मांग उठ रही है। हालांकि, नई क्षमताएं बनाने के लिए निवेश करने के बजाय भारतीय उद्योग जगत ने कर्ज चुकाने और अन्य उपायों में खूब पैसा लगाया है, जबकि क्षमता उपयोग का स्तर ऊंचा है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा, “कंपनियों की निवेश करने की क्षमता इस समय निवेश करने की इच्छा से मेल नहीं खाती है।”
अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि
डी. के. जोशी ने कहा कि अस्थिर वैश्विक माहौल की वजह से अनिश्चितताएं और घरेलू मांग में असमानता, ऐसे कारक हैं जो कंपनियों को निवेश करने से रोक रहे हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चालू वित्त वर्ष (2024-25) में इसके 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि ये बढ़ोतरी मूल्य वृद्धि के कारण नहीं बल्कि ज्यादा मात्रा के कारण होगी।
रूस से भारत का कच्चा तेल आयात बढ़ा, यूक्रेन युद्ध के बाद 112.5 अरब यूरो तक पहुंचा
7 Mar, 2025 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत करीब 3 साल में रूस से कुल 112.5 अरब यूरो का कच्चा तेल खरीद चुका है। भारत द्वारा कच्चे तेल की ये खरीदारी, रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद की है। एक यूरोपीय रिसर्च इंस्टीट्यूट ने गुरुवार को ये जानकारी दी। ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) ने 24 फरवरी, 2022 से पेट्रोलियम उत्पादों के लिए रूस को किए गए भुगतान पर ये रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमारे अनुमानों के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस ने जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के एक्सपोर्ट से कुल 835 अरब यूरो का रेवेन्यू अर्जित किया है।’’
रूस से ईंधन खरीदने के मामले में चीन सबसे ऊपर
रूस से जीवाश्म ईंधन आयात के मामले में चीन 235 अरब यूरो (तेल के लिए 170 अरब यूरो, कोयले के लिए 34.3 अरब यूरो और गैस के लिए 30.5 अरब यूरो) के साथ सबसे आगे रहा। सीआरईए के मुताबिक, भारत ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से 2 मार्च, 2025 तक के 3 सालों में रूस से कुल 205.84 अरब यूरो के जीवाश्म ईंधन खरीदे। इसमें कच्चे तेल की खरीद 112.5 अरब यूरो की रही जबकि कोयले के लिए 13.25 अरब यूरो का भुगतान किया गया।
85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है भारत
बताते चलें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता है और ये अपनी कच्चे तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत से ज्यादा आयात पर निर्भर है। भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में कच्चे तेल के आयात पर 232.7 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2023-24 में 234.3 अरब डॉलर खर्च किए। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीने में भी भारत ने तेल आयात पर 195.2 अरब डॉलर खर्च किए हैं। भारत ने फरवरी, 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तत्काल बाद रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात करना शुरू कर दिया था। दरअसल, पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और कुछ यूरोपीय देशों द्वारा खरीद से परहेज करने के कारण रूसी तेल काफी रियायती दाम पर मिल रहा था।
Personal Loan: 6 गलतियां जो आपको भारी पड़ सकती हैं, जानें कैसे बचें
6 Mar, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस समय पर्सनल लोन लेना सबसे आसान हो गया है। अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो आपको बैंक की तरफ से प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन के ऑफर मिल जाते हैं। ऐसे में आप मोबाइल पर एक क्लिक से पर्सनल लोन ले सकते हैं और तुरंत पैसा आपके खाते में आ जाएगा। आजकल कम क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद बैंक पर्सनल लोन ऑफर कर देते हैं। ऐसे में लोगों के लिए यह कर्ज लेना आसान हो गया है और वे धड़ल्ले से पर्सनल लोन ले रहे हैं। लेकिन क्या यह सही है? पर्सनल लोन सबसे अधिक ब्याज दर वाला लोन माना जाता है, इसलिए आपको यह तब ही लेना चाहिए, जब आपके पास और कोई विकल्प नहीं हो। आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताएंगे जो अक्सर पर्सलन लोन ग्राहक करते हैं और फिर बाद में पछताना पड़ता है।
बैंकों के ऑफर्स की तुलना किये बिना लोन ले लेना
कई बार लोग बिना सोचे-समझे जो ऑफर मिलता है, उसे एक्सेप्ट कर लेते हैं। पर्सनल लोन लेने से पहले ग्राहक को विभिन्न बैंकों और एनबीएफसी के पर्सनल लोन ऑफर्स की तुलना कर लेना चाहिए। कई बैंक ग्राहकों के लिए आकर्षक ऑफर्स लेकर आते हैं। इनमें प्रोसेसिंग फीस में पूरी छूट या थोड़ी छूट, कम ब्याज दर, फोरक्लोजर फीस से छूट, गिफ्ट वाउचर आदि शामिल हैं। जहां आपको सबसे अधिक फायदा दिख रहा हो, वहां से पर्सनल लोन लें।
पर्सनल लोन की रकम का दुरुपयोग
आसानी से मिल जाने के कारण लोगों को पर्सनल लोन की रकम की कद्र नहीं होती है और वे इस पैसे का दुरुपयोग शुरू कर देते हैं। पर्सनल लोन की रकम का उपयोग कभी भी शेयर ट्रेडिंग, फैंटेसी स्पोर्ट्स गेम, सट्टेबाजी, जुआ आदि जैसे कामों में नहीं करना चाहिए। इन कामों में पैसा खोने की संभावना काफी अधिक होती है। साथ ही आपको पर्सनल लोन की रकम से अनावश्यक खरीदारी करने से भी बचना चाहिए। पर्सनल लोग की रकम से जरूरत ना होने पर भी महंगे गैजेट्स और मोबाइल फोन्स खरीदना सही नहीं है। कुछ लोग ट्रिप पर जाने के लिए पर्सनल लोन ले लेते हैं। दरअसल यह एक ऐसा काम है जिसके लिए आपको पहले से बचत करनी चाहिए और प्लानिंग करनी चाहिए।
जरूरत से ज्यादा रकम का लोन लेना
बैंक या एनबीएफसी आपको आपकी कैपेसिटी के अनुसार पर्सनल लोन ऑफर करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप जरूरत से ज्यादा लोन ले लें। आपको जितनी रकम की जरूरत हो उतने का ही पर्सनल लोन लें, भले आपको कितनी भी अधिक रकम के लोन का ऑफर आया हो।
EMI में डिफॉल्ट करना
जब आपने कोई लोन लिया है, तो आप यह सुनिश्चित करें, की तय तारीख पर आपके अकाउंट में इतने पैसे हों, कि EMI कट जाए। आप उसी हिसाब से अपना बजट बनाकर चलें। पर्सनल लोन ईएमआई डिफॉल्ट होने से आपके ऊपर पेनल्टी लगती है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी गिर जाता है। अगर आप ईएमआई चुकाने में 90 दिनों से ज्यादा की देरी करते हैं, तो आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। आपके क्रेडिट स्टोर में यह डिफॉल्ट स्थिति वर्षों तक दिखाई देगी।
बिना जरूरत के लोन की अवधि को बढ़ाना
कभी-कभी ग्राहक अपने पर्सनल लोन रिपेमेंट्स को रिस्ट्रक्चर करवाते हैं। इसमें लोन की अवधि बढ़ाई जाती है, जिससे ईएमआई की रकम घट जाती है। इससे आपका लोन लंबे समय तक चलता रहता है। इसका नुकसान यह है कि आपको ब्याज के रूप में काफी अधिक रकम देनी पड़ जाएगी। ग्राहकों को इस ऑप्शन को केवल तभी चुनना चाहिए, जब आप वित्तीय संकट से जूझ रहे हों।
एक साथ कई पर्सनल लोन लेना
कुछ लोग छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पर्सनल लोन ले लेते हैं। ऐसे में उनके पास कई पर्सनल लोन हो जाते हैं और उन्हें एक बड़ी रकम ईएमआई के रूप में चुकानी होती है। इससे आपका बजट गड़बड़ा सकता है। अगर संभव हो तो नया लोन लेने से पहले मौजूदा लोन को खत्म करने की कोशिश करें।
Crude Oil की कीमत छह महीने के निचले स्तर पर पहुंची, तेल कंपनियों के स्टॉक्स में वृद्धि
6 Mar, 2025 01:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Crude oil price: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों के छह महीने के निचले लेवल पर पहुंचने से गुरुवार को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) के शेयरों में बढ़त लगातार जारी है। इससे इन कंपनियों के निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, अप्रैल से उत्पादन बढ़ाने के ओपेक-प्लस के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रह रही हैं। इससे खुदरा ईंधन पर अतिरिक्त मार्केटिंग मार्जिन के साथ भारतीय रिफाइनरों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
कंपनियों के शेयर उछले
खबर के मुताबिक, बीएसई पर एचपीसीएल (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) का शेयर 4.85 प्रतिशत बढ़कर 342.30 रुपये प्रति शेयर, आईओसीएल (इंडियन ऑयल) का 3.68 प्रतिशत बढ़कर 126.75 रुपये प्रति शेयर और बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन) का 3.24 प्रतिशत बढ़कर 264.20 रुपये प्रति शेयर हो गया। इतना ही नहीं, एयरलाइन कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आई। स्पाइसजेट का शेयर 3. 90 प्रतिशत बढ़कर 50.35 रुपये प्रति शेयर और इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) का शेयर 1.74 प्रतिशत बढ़कर 4,776 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया।
पेंट कंपनियों के शेयर पर भी असर
तेल के महत्वपूर्ण उपभोक्ता पेंट इंडस्ट्री के शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली। बर्जर पेंट्स के शेयर 3.05 फीसदी बढ़कर 498.95 रुपये पर पहुंच गए, एशियन पेंट्स 2.84 फीसदी बढ़कर 2,226.65 रुपये पर पहुंच गए, इंडिगो पेंट्स 3.15 फीसदी बढ़कर 1,051.65 रुपये पर पहुंच गए और कंसाई नेरोलैक 1.73 फीसदी बढ़कर 232.70 रुपये पर पहुंच गए। टायर निर्माता कंपनियां जो कच्चे माल के रूप में तेल का महत्वपूर्ण हिस्सा इस्तेमाल करती हैं, उनमें भी जोरदार तेजी देखी गई। अपोलो टायर्स के शेयर 4.38 फीसदी बढ़कर 407 रुपये पर पहुंच गए, सीएट 3.88 फीसदी बढ़कर 2,654.60 रुपये पर पहुंच गए, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज 2.31 फीसदी बढ़कर 2,550 रुपये पर पहुंच गए। एमआरएफ 1. 91 प्रतिशत बढ़कर 1,07,862 रुपये और जेके टायर इंडस्ट्रीज 1. 61 प्रतिशत बढ़कर 273. 25 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गई।
एक्सपर्ट का क्या कहना है
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही और यह 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई, क्योंकि टैरिफ युद्ध तेज हो गया और चीन और कनाडा दोनों ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाकर जवाबी कार्रवाई की। व्यापार युद्ध के मोर्चे पर वृद्धि ने वैश्विक मांग की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिससे तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है। ओपेक+ द्वारा अप्रैल से उत्पादन बढ़ाने की बात कहने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई। हालांकि, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और चीन के विनिर्माण पीएमआई के बेहतर आंकड़ों से तेल की कीमतों को निचले स्तरों पर समर्थन मिल सकता है।
शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में बढ़त खोकर गिरावट की ओर बढ़ा
6 Mar, 2025 01:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार आज अच्छी-खासी बढ़त के साथ खुला। हालांकि, शुरुआती कारोबार में बाजार ने अपनी बढ़त खो दी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 578 अंक की बढ़त के साथ 74,308 पर खुला। हालांकि, शुरुआती कारोबार में ही इसने अपनी काफी बढ़ते खो दी और यह 80 अंक की बढ़त के साथ 73,824.62 पर ट्रेड करता दिखाई दिया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 शेयर हरे निशान पर और 15 शेयर लाल निशान पर थे। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी आज 0.11 फीसदी या 24 अंक की बढ़त के साथ 22,361 पर ट्रेड करता दिखा। निफ्टी के 50 शेयरों में से 23 शेयर हरे निशान पर और 27 शेयर लाल निशान पर दिखाई दिए।
इन शेयरों में दिखी तेजी
निफ्टी पैक के शेयरों में गुरुवार को सबसे अधिक तेजी बीपीसीएल में 2.74 फीसदी, रिलायंस में 1.89 फीसदी, श्रीराम फाइनेंस में 1.60 फीसदी, टाटा स्टील में 1.53 फीसदी और एशियन पेंट में 1.52 फीसदी दिखी। वहीं, सबसे अधिक गिरावट ट्रेंट में 1.41 फीसदी, एसबीआई लाइफ में 1.35 फीसदी, ब्रिटानिया में 1.04 फीसदी, ग्रेसिम में 1.02 फीसदी और अल्ट्राटेक सीमेंट में 0.92 फीसदी देखने को मिली है।
सेक्टोरल सूचकांकों का हाल
सेक्टोरल सूचकांकों में सबसे अधिक तेजी निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.35 फीसदी और निफ्टी मीडिया में 1.29 फीसदी देखने को मिली। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो में 0.37 फीसदी, निफ्टी आईटी में 0.07 फीसदी, निफ्टी मेटल में 0.85 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 0.52 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक में 0.69 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 0.53 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 0.31 फीसदी, निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.35 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर में 0.33 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम में 1.10 फीसदी की तेजी दिखी। इससे इतर निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.13 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.06 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 0.05 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.08 फीसदी और निफ्टी बैंक में 0.03 फीसदी की गिरावट दिखी।
सोने की कीमतों में गिरावट, चांदी की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई चिंता
6 Mar, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold Rate Today 6th March 2025 : सोने की कीमतों में आज गुरुवार को तेजी देखने को मिल रही है। सोने की घरेलू वायदा कीमतें भी हरे निशान पर ट्रेड कर रही हैं। एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुरुआती कारोबार में 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला सोना 0.24 फीसदी या 210 रुपये की बढ़त के साथ 86,043 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। उधर मजबूत वैश्विक रुख के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 300 रुपये बढ़कर 89,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 20 फरवरी को सोना 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर चला गया था।
चांदी का भाव
सोने के साथ ही चांदी की कीमतों में भी गुरुवार को तेजी देखने को मिली है। एमसीएक्स एक्सचेंज पर 5 मई 2025 की डिलीवरी वाली चांदी 0.35 फीसदी या 341 रुपये की बढ़त के साथ 97,877 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी। उधर दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को चांदी 1,000 रुपये बढ़कर 99,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
सोने का वैश्विक भाव
सोने की वैश्विक कीमतों की बात करें, तो आज गुरुवार को कमोडिटी मार्केट यानी कॉमेक्स पर सोना 0.02 फीसदी या 0.70 डॉलर की बढ़त के साथ 2926.70 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती दिखी। इसके अलावा सोने का वैश्विक हाजिर भाव 0.07 फीसदी या 2.14 डॉलर की गिरावट के साथ 2917.25 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा।
चांदी का वैश्विक भाव
चांदी के वैश्विक भाव की बात करें, तो गुरुवार सुबह कॉमेक्स पर चांदी का भाव 0.11 फीसदी या 0.04 डॉलर की बढ़त के साथ 33.17 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, चांदी का वैश्विक हाजिर भाव 0.23 फीसदी या 0.07 डॉलर की बढ़त के साथ 32.59 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा।
RBI का फैंसला: भारतीय बैंकिंग प्रणाली को मजबूती देने के लिए ₹1.9 लाख करोड़ की लिक्विडिटी
6 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंकिंग सिस्टम में कैश डालने की कोशिशों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को एक बड़ी घोषणा की। आरबीआई ने कहा कि वो बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए मार्च में करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सिक्यॉरिटी और यूएसडी/आईएनआर स्वैप की ओपन मार्केट में खरीद करेगा। 28 फरवरी को 10 बिलियन अमेरिकी USD-INR स्वैप की सफलता के बाद, जिसमें मजबूत मांग देखी गई थी, केंद्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के लिए आगे कदम उठा रहा है।
भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज खरीदेगा आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वो दो अलग-अलग चरणों में 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज की खुले बाजार परिचालन (OMO) खरीद करेगा। पहले चरण के तहत 50,000 करोड़ रुपये की पहली नीलामी 12 मार्च को निर्धारित की गई है। उसके बाद दूसरे चरण के तहत 18 मार्च को 50,000 करोड़ रुपये की एक और नीलामी की जाएगी। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक 24 मार्च को 36 महीने की अवधि के लिए 10 बिलियन डॉलर मूल्य की USD/INR खरीद/बिक्री स्वैप ऑक्शन आयोजित करेगा।
विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करना उद्देश्य
भारतीय रिजर्व बैंक के इस कदम का उद्देश्य दीर्घकालिक नकदी डालना और विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करना है। बताते चलें कि पिछले कुछ हफ्तों से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी स्थिरता आई है। 21 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.76 अरब डॉलर बढ़कर 640.48 अरब डॉलर हो गया था। सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के लाइफटाइम हाई पर था। जिसके बाद से इसमें लगातार कई हफ्तों तक गिरावट दर्ज की गई थी।
व्यवस्थित वित्तीय माहौल सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाएंगे सभी जरूरी कदम
केंद्रीय बैंक ने देश में लिक्विडिटी और बाजार की स्थितियों की निगरानी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि वो व्यवस्थित वित्तीय माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ये कदम उभरते आर्थिक हालातों के बीच वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
मोदी सरकार का बड़ा ऐलान: पशुपालक किसानों के लिए गांव-गांव में मिलेगी विशेष मदद
6 Mar, 2025 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर के किसानों की वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। अब इसी दिशा में एक और कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 3,880 करोड़ रुपये के पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में बदलाव को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आपको बता दें कि पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) पशुओं में होने वाले रोगों की रोकथाम और इलाज के लिए संचालित केंद्र सरकार की एक योजना है। इस योजना का मकसद पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करना और पशुपालन को बढ़ावा देना है। इस योजना से गांव-गांव के पशुपालक किसानों को लाभ होगा।
सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित होंगी दवाएं
इस योजना के पशु औषधि प्रावधान के तहत उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।’’ वैष्णव ने कहा कि पशु औषधि, जन औषधि योजना के समान होगी। इसके तहत जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाएं पीएम किसान समृद्धि केंद्रों और सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित की जाएंगी। वैष्णव ने कहा कि पशु चिकित्सा दवाओं के पारंपरिक ज्ञान को भी पुनर्जीवित किया जाएगा और योजना के हिस्से के रूप में इस पारंपरिक ज्ञान का भी दस्तावेज तैयार किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने ‘पशु औषधि’ के प्रावधान के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाओं की आपूर्ति और बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए कुल बजट आवंटन से 75 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस बदलाव के बाद अब एलएचडीसीपी के कुल तीन हिस्से हो गए हैं। इनमें राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएचएंडडीसी) और पशु औषधि शामिल हैं।
किसानों की आय में सुधार होगा
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम का ध्यान पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस और त्वचा में गांठें बनने वाली लम्पी स्किन डिजीज जैसी बीमारियों की टीकाकरण के माध्यम से रोकथाम पर केंद्रित है। यह योजना पशुधन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की पशुपालकों के घर तक आपूर्ति और जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाओं की उपलब्धता में सुधार का भी समर्थन करती है। वैष्णव ने कहा कि नौ राज्य खुरपका एवं मुंहपका रोग (एफएमडी) से मुक्त घोषित होने के लिए तैयार हैं। इन राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़ा दूध उत्पादक भारत के एफएमडी से मुक्त होने और एक व्यवस्थित और अच्छी तरह से संचालित टीकाकरण कार्यक्रम चलने से दूध और दूध से बने उत्पादों के निर्यात में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
GD Foods का अधिग्रहण करने जा रही अडानी विल्मर, जानिए कितना बड़ा है यह कारोबार
5 Mar, 2025 03:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोजमर्रा में काम आने वाले सामान बनाने वाली कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड ने कहा है कि वह टॉप्स ब्रांड का संचालन करने वाली कंपनी जीडी फू़ड्स मैन्युफैक्चरिंग का अधिग्रहण करेगी। फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेल और अन्य खाद्य उत्पादों की बिक्री करने वाली अडानी विल्मर ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने जीडी फूड्स मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए एक पक्के समझौते पर साइन किए हैं। यह अधिग्रहण कई किस्तों में पूरा किया जाएगा। इसमें 80 प्रतिशत शेयर पहली किस्त में जबकि शेष 20 प्रतिशत शेयर अगले तीन साल में हासिल किए जाएंगे।
1,50,000 से अधिक दुकानों में बिकते हैं टॉप्स के प्रोडक्ट
वित्त वर्ष 2023-24 में जीडी फूड्स ने 386 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया था। जबकि इसकी टैक्स एवं ब्याज-पूर्व आय (एबिटा) 32 करोड़ रुपये थी। अडानी विल्मर ने कहा कि इस अधिग्रहण से उसे अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करके रणनीतिक लाभ मिलेगा। साल 1984 में स्थापित जीडी फूड्स के स्वामित्व वाला ब्रांड ‘टॉप्स’ पिछले 40 साल में उत्तर भारत में एक घरेलू ब्रांड के रूप में स्थापित रहा है। इस कंपनी की बिक्री मुख्य रूप से उत्तर भारत के सात राज्यों में केंद्रित है, जिसकी खुदरा उपस्थिति 1,50,000 से अधिक दुकानों में है। अडानी विल्मर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंग्शु मलिक ने कहा, ‘‘जीडी फूड्स का अधिग्रहण हमारी दृष्टि के अनुरूप है और इससे भारतीय परिवारों की उभरती जरूरतें पूरी करने के लिए कंपनी की पेशकशों में खासी वृद्धि होगी।’’
अडानी विल्मर का शेयर
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर बुधवार को अडानी विल्मर का शेयर गिरावट के साथ बंद हुआ था। यह शेयर 1.13 फीसदी या 2.75 रुपये की गिरावट के साथ 239.80 रुपये पर बंद हुआ। इस शेयर का 52 वीक हाई 404 रुपये है। वहीं, 52 वीक लो 231.55 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 31,166.29 करोड़ रुपये है।