व्यापार
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर जुर्माना, जानें क्या है इसके पीछे का कारण
5 Mar, 2025 03:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की एक इकाई पर बैटरी सेल संयंत्र स्थापित करने की समयसीमा को पूरा करने में विफल रहने के लिए जुर्माना लगाया है। इसके लिए उसे उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन Production Linked Incentive (PLI) दिए गए थे। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रिलायंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी अनुषंगी कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी स्टोरेज लिमिटेड को तीन मार्च को भारी उद्योग मंत्रालय से एक पत्र मिला, जिसमें एक जनवरी, 2025 से प्रत्येक दिन की देरी के लिए प्रदर्शन सुरक्षा (50 करोड़ रुपये) की 0.1 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति वसूलने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि यह जुर्माना “उन्नत रसायन सेल के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान की गई पांच गीगावाट घंटा विनिर्माण क्षमता के संबंध में मंत्रालय के साथ निष्पादित कार्यक्रम समझौते के तहत माइलस्टोन-1 को हासिल करने में देरी के लिए लगाया गया है।“
समय बढ़ाने का अनुरोध किया
तीन मार्च, 2025 तक की गणना के अनुसार यह क्षतिपूर्ति या जुर्माना 3.1 करोड़ रुपये था। आरएनईबीएसएल ने उक्त माइलस्टोन-1 की के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है। हालांकि, फर्म ने न तो देरी के कारणों का और न ही लक्ष्य को पूरा करने की नई समयसीमा का खुलासा किया। आरएनईबीएसएल ने 2022 में लगभग 40 करोड़ डॉलर के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) के साथ 10 गीगावाट-घंटा बैटरी क्षमता बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह अनुबंध भारत में विकसित एक नवीन ऊर्जा आपूर्ति शृंखला के लिए घरेलू विनिर्माण प्राप्त करने की सरकारी पहल का हिस्सा था।
30 गीगावाट घंटा क्षमता का निर्माण करना था
आरएनईबीएसएल के अलावा, राजेश एक्सपोर्ट्स और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की इकाई ने भी बैटरी सेल संयंत्र बनाने के लिए बोलियां जीती थीं। विनिर्माता इस परियोजना के लिए लक्ष्य पूरा करने पर 181 करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए पात्र थे, जिसका उद्देश्य उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण की संचयी 30 गीगावाट घंटा क्षमता का निर्माण करना था।
Coca-Cola और PepsiCo के बीच विज्ञापन जंग, 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप की यादें लेकर आईं
5 Mar, 2025 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेय पदार्थ बनाने वाली प्रमुख कंपनियों कोका-कोला और पेप्सिको के बीच क्रिएटिविटी के साथ एड वॉर फिर शुरू हो गया है। इस बार कोका-कोला के ‘हाफ टाइम’ ए़डवर्टाइजमेंट के जवाब में पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ का अभियान शुरू किया है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए कोका-कोला के ‘हाफ टाइम’ कैंपेन का जवाब देते हुए पेप्सिको ने कस्टमर्स का ध्यान खींचने की कोशिश की है। इसके तहत कोका- कोला के एड के जवाब में कंपनी ने ‘एनी टाइम’ कैंपेन की शुरुआत करते हुए अखबार में एक पूरे पेज का विज्ञापन जारी किया है। एक महीने पहले टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शुरू किए गए अपने 'हाफ टाइम' कैंपेन में, कोका-कोला ने ब्रेक के समय कॉल्ड ड्रिंक के साथ रिफ्रेश होने का संदेश दिया था।
पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ से की समर कैंपेन की शुरुआत
हालांकि, पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ टैग लाइन के साथ समर कैंपेन की शुरुआत की है। इसके जरिये मैसेज दिया गया है कि किसी विशेष क्षण का इंतजार क्यों करें जब हाथ में पेप्सी के साथ हर पल बेहतर होता है। पेप्सी ने अपने नए एड में ड्रिंक का आनंद लेने के लिए जीवन के सर्वोत्तम क्षणों को लिस्ट किया है... पहली बार, प्यास का समय, दिन का समय, खेलने का समय, क्लास का समय, पास का समय, संकट का समय, लंच का समय, ठंड का समय, एक और समय, डिनर का समय, विजेता का समय, हमारा समय, मेरा समय। इस एड ने विज्ञापनों के रचानात्मक दौर के पुराने दिनों को वापस ला दिया है।
लोगों को याद आ गया 1996 का एड वॉर
इस एड वॉर को लेकर लोग सोशल मीडिया पर बात कर रहे हैं। लोगों ने 1996 के एड वॉर को याद किया, जब पेप्सी ने ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ टैगलाइन से अपना एड कैंपेन शुरू किया था। पेप्सिको ने 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप में कोका-कोला के हाथों ऑफिशियल ड्रिंक को लेकर स्पॉन्सरशिप राइट खो दिए थे। प्रतियोगिता की मेजबानी भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से की थी। इसके बाद, पेप्सिको ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ कैंपेन लेकर आई। इस एड में क्रिकेट प्लेयर सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और मोहम्मद अजहरुद्दीन जुड़े थे। पेप्सिको ने एक बयान में कहा, ‘‘जिन लोगों को याद है, उनके लिए ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ सिर्फ एक कैंपेन नहीं था - यह एक कल्चरल मोमेंट था। ब्रांड दर्शकों के बीच जुनून में बदल गया। यह साबित करता है कि कभी-कभी बहुत अधिक प्रयास न करना ही जीत का कदम होता है। और अब, दशकों बाद पेप्सी उसी सहज आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ा रही है।’’
मेक्सिको का अमेरिका के खिलाफ नया कदम, वैश्विक राजनीति में हलचल
5 Mar, 2025 12:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा और चीन के बाद अब मेक्सिको भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने जा रहा है। अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बीच मेक्सिको ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शीनबाम ने कहा कि वह मेक्सिको सिटी के सेंट्रल प्लाजा में रविवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन उत्पादों की घोषणा करेंगी, जिन्हें मेक्सिको टार्गेट करेगा। शीनबाम ने यह घोषणा अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद की है। अमेरिका ने मेक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगा दिया है। शिनबाम ने कहा, ‘‘ऐसा कोई कारण नहीं है, जो इस (अमेरिका) फैसले का समर्थन करता हो। यह हमारे लोगों और हमारे देशों को प्रभावित करेगा।’’ शीनबाम की इस घोषणा से ऐसा संकेत मिलता है कि मेक्सिको अब भी उम्मीद कर रहा है कि शायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर को कुछ ‘कम’ किया जा सकता है।
चीन ने कई अमेरिकी उत्पादों पर लगाया टैरिफ
चीन ने कई अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ 10 मार्च से लागू हो जाएगा। ये टैरिफ चिकन, गेहूं, मक्का और कपास सहित प्रमुख अमेरिकी निर्यातों पर लागू होंगे। चीन का यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों के आयात पर ड्यूटी को बढ़ाकर 20 फीसदी करने के आदेश के बाद आया है। चीनी वित्त मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका में उगाए गए चिकन, गेहूं, मक्का और कपास के आयात पर 15 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। ज्वार, सोयाबीन, सूअर का मांस, बीफ, समुद्री भोजन, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ 10 फीसदी बढ़ाया जाएगा।
कनाडा ने भी लगाया जवाबी टैरिफ
कनाडा ने कहा कि वह अमेरिका से 125 अरब कनाडाई डॉलर के अतिरिक्त आयात पर जवाबी टैरिफ लगाएगा। इसकी शुरुआत मंगलवार से 30 अरब कनाडाई डॉलर के आयात पर 25% टैरिफ से हो गई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि अगर डोनाल्ट ट्रंप कनाडाई वस्तुओं पर अपने प्रस्तावित टैरिफ के साथ आगे बढ़ते हैं, तो हमारा टैरिफ भी लागू रहेगा। ट्रूडो ने आगे कहा, "हमारे टैरिफ तब तक लागू रहेंगे, जब तक कि अमेरिकी ट्रेड एक्शन वापस नहीं ले लिया जाता और यदि अमेरिकी टैरिफ समाप्त नहीं होते हैं, तो हम कई नॉन-टैरिफ उपायों को आगे बढ़ाने के लिए प्रांतों और क्षेत्रों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं।"
भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक बनाना सरकार की प्राथमिकता: सीतारमण
5 Mar, 2025 12:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार नियामकीय बोझ को कम करने के साथ राज-काज के स्तर पर भरोसा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत को निर्यात अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कदम उठा रही है। सीतारमण ने ‘वृद्धि के इंजन के रूप में एमएसएमई, विनिर्माण, निर्यात, नियामकीय, निवेश और कारोबार सुगमता के लिए सुधार’ विषय पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि अनावश्यक नियामकीय बाधाओं से मुक्त एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र घरेलू और विदेशी दोनों निवेश को आकर्षित करेगा, आर्थिक वृद्धि को गति देगा और भारत को एक भरोसेमंद वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी सरकार कारोबार सुगमता में सुधार के लिए नियामकीय बोझ को कम करने और राज-काज में भरोसा बढ़ाने के लिए दृढ़ है।
भारत की ओर देख रही दुनिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए भारतीय उद्योग से वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने के लिए ‘बड़े कदम’ उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख रही है, जो गुणवत्तापूर्ण सामान का उत्पादन कर सकता है। मोदी ने उद्योग जगत से कहा, “हमारा देश ये करने में सक्षम है, आप सभी सक्षम हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले 10 वर्षों से उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है और उसने सुधारों, वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का इंजन है। भारत ने कठिन समय में भी अपनी मजबूती को साबित किया है।
निर्यात-अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर
बजट घोषणाओं के माध्यम से, हम भारत को एक निर्बाध, निर्यात-अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में विभिन्न कदम उठा रहे हैं, जिसमें कंपनियां कागजी कार्रवाई और दंड के बजाय नवोन्मेष और विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होंगी।’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय उद्योग जगत से ऐसे समय में वैश्विक अवसरों का लाभ लेने के लिए ‘बड़े कदम’ उठाने का आह्वान किया, जब दुनिया भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।”
"शेयर बाजार में बडी धूम, 40 रुपये का शेयर बना 5,505 रुपये का, निवेशकों ने किया मोटा मुनाफा"
4 Mar, 2025 02:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Multibagger Stock: शेयर मार्केट में लोग अक्सर उन शेयरों के तलाश में रहते हैं जो उनको अच्छा रिटर्न दे सकें. मल्टीबैगर स्टॉक में आपको हजारों फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. मार्केट में कई ऐसे शेयर्स हैं जो कुछ समय पहले इतने कम रेट में थे और आज उनकी कीमत हजारों में हो चुकी है. ऐसा ही एक शेयर अतुल लिमिटेड (Atul Ltd) है. अगर आप मार्केट में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको लंबे समय तक इसमें रुकना पड़ेगा. लॉन्ग टर्म की बात करें तो इसने 16 सालों में निवेशकों को करोड़पति बना दिया है.
13,720 फीसदी का रिटर्न
शेयर ने 16 साल में 40.45 रुपए से लेकर मौजूदा कीमत तक का सफर तय किया है. इस तरह अगर 16 साल से कंपनी के शेयरों को होल्ड करने वाले निवेशकों को अब तक करीब 13,720 फीसदी तक का फायदा हुआ है. इसका मतलब है कि अगर किसी ने 16 साल पहले इस शेयर में निवेश किया होता तो अब तक 13,720 फीसदी से अधिक का फायदा हुआ है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी ने 16 साल पहले इसमें 1 लाख रुपए लगाए होंगे और अभी तक शेयर बिक्री नहीं की होगी, तो निवेश 1.38 करोड़ रुपए हो गया होगा.
कंपनी का का मार्केट कैप
मार्केट में गिरावट के बावजूद भी कंपनी का शेयर कल 3 मार्च के कारोबार में फोकस में रहा. कंपनी का शेयर कल बीएसई पर 3.83 प्रतिशत की तेजी के साथ 5507.05 रुपए के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं आज दोपहर 2 बजकर 5 मिनट के आस-पास कंपनी का शेयर 0.48% की बढ़ोतरी के साथ 5,542.35 रुपए पर ट्रेड कर रहा है. अतुल लिमिटेड कंपनी का का मार्केट कैप आज बीएसई पर 16,167.94 करोड़ रुपए है. शेयर का 52 वीक हाई 8,165.25 रुपए और 52 वीक लो 5,151.00 रुपए है. कंपनी के शेयर ने दस साल में अपने निवेशकों को 328.79 फीसदी का रिटर्न दिया है.
"इनकम टैक्स विभाग की नई रणनीति: सोशल मीडिया चेक करके टैक्स चोरों का पता लगाने की योजना"
4 Mar, 2025 02:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने सालाना 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है. लेकिन 1 अप्रैल,2025 से इनकम टैक्स विभाग को अपने सोशल मीडिया अकाउंट, निजी ईमेल और बैंक अकाउंट, ऑनलाइन निवेश अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और दूसरी चीजों को देखने और उन तक पहुंचने का कानूनी अधिकार होगा.
आईटी अधिनियम
हालांकि ईमानदार टैक्सपेयर्स को इसमें कोई परेशानी नहीं होगी. बता दें, नए आयकर कानून में अधिकारियों के पास यह अधिकार होगा. मौजूदा आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 132 अधिकृत अधिकारियों को तलाशी लेने और संपत्ति और खातों की पुस्तकों को जब्त करने की अनुमति देती है, यदि उनके पास यह मानने की जानकारी और कारण है कि किसी व्यक्ति के पास कोई अघोषित आय, संपत्ति या दस्तावेज हैं, जिन्हें वे आयकर से बचने के लिए जानबूझकर नहीं बताएंगे.
वर्चुअल डिजिटल स्पेस
वर्तमान कानून के तहत ऐसा करने का उनका एक तरीका यह है कि यदि उनकी चाबियां उपलब्ध न हों और उन्हें संदेह हो कि वहां कोई अघोषित संपत्ति या खाता बही रखी गई है, तो वे किसी भी दरवाजे, बक्से या लॉकर का ताला तोड़ सकते हैं. नए आयकर बिल के तहत , सेंध लगाने की यह शक्ति आपके कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक भी बढ़ा दी गई है.
आयकर बिल के खंड 247
आयकर बिल के खंड 247 के अनुसार, यदि किसी प्राधिकृत अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि किसी व्यक्ति के पास अघोषित आय या संपत्ति है जो आईटी अधिनियम के दायरे में आती है, तो वे खंड (i) द्वारा प्रदत्त पावर का इस्तेमाल करने के लिए किसी भी दरवाजे बक्से, लॉकर, तिजोरी, अलमारी या अन्य पात्र का ताला तोड़ सकते हैं, किसी भी इमारत, स्थान आदि में प्रवेश और तलाशी ले सकते हैं, जहां उसकी चाबियां या ऐसी इमारत, स्थान आदि तक पहुंच उपलब्ध नहीं है, या किसी भी कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंच कोड को ओवरराइड करके पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, जहां उसका एक्सेस कोड उपलब्ध नहीं है.
"टाटा ग्रुप का आईपीओ, साल के सबसे बड़े आईपीओ में से एक, तैयार हो जाइए मुनाफे के लिए!"
4 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल 2025 भले ही शेयर बाजार के लिए अच्छी शुरुआत लेकर ना आया हो, लेकिन देश का सबसे बड़ा कारोबारी ग्रुप शेयर बाजार निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आ सकता है. ग्रुप जल्द ही अपनी एक कंपनी का आईपीओ लाने की योजना बना रहा है. ये आईपीओ साल का सबसे बड़ा आईपीओ भी साबित हो सकता है. इस आईपीओ का साइज 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसकी वजह से कंपनी की वैल्यूएशन 11 बिलियन डॉलर यानी करीब एक लाख करोड़ रुपए के आसपास होगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा ग्रुप की किस कंपनी का आईपीओ आने वाला है और लोगों को किस तरह का फायदा होने का अनुमान है.
कितना हो सकता है आईपीओ का साइज
घटनाक्रम से परिचित लोगों के अनुसार, टाटा ग्रुप अपनी फाइनेंशियल सर्विस यूनिट की वैल्यूएशन को 11 बिलियन डॉलर करने का प्लान बना रहाा है. अगर ऐसा होता है तो कंपनी का आईपीओ साल का सबसे बड़ा हो सकता है. लोगों ने पहचान उजागर न करने का अनुरोध पर बताया कि टाटा कैपिटल लिमिटेड के आईपीओ से 2 बिलियन डॉलर तक की राशि जुटाई जा सकती है. इसका मतलब है कि कंपनी के आईपीओ का साइज 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होने के आसार हैं. लोगों ने कहा कि विचार-विमर्श जारी है और डिटेल में बदलाव होने की संभावना है. अभी तक टाटा ग्रुप की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
कई कंपनियों के आएंगे आईपीओ
टाटा कैपिटल के बोर्ड ने पिछले सप्ताह मौजूदा शेयरधारकों द्वारा इक्विटी की बिक्री के प्रस्ताव के साथ-साथ 230 मिलियन शेयरों की लिस्टिंग को मंजूरी दी. इसने 15.04 बिलियन रुपए (172 मिलियन डॉलर) के राइट्स इश्यू की भी घोषणा की. भारत का आईपीओ मार्केट शेयरों में हाल की गिरावट को धता बता रहा है. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया भी इस साल लिस्टेड होने की योजना बना रही है, जो संभवतः 1.5 बिलियन डॉलर जुटाएगी. प्रूडेंशियल पीएलसी ने अपनी भारतीय यूनिट के संभावित 1 बिलियन डॉलर के आईपीओ के लिए बैंकों को काम पर रखा है.
"Hyundai का सहयोग: कलाकारों के लिए करोड़ों की राशि, सांस्कृतिक क्षेत्र को मिला बड़ा समर्थन!"
4 Mar, 2025 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हुंडई मोटर्स इंडिया की सीएसआर इकाई हुंडई मोटर्स इंडिया फाउंडेशन ने हाल में ‘आर्ट फॉर होप’ के सीजन-4 का आयोजन किया. इस दौरान फाउंडेशन ने देश के 50 उभरते कलाकारों की पहचान करके, उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है.
हुंडई मोटर्स इंडिया फाउंडेशन ने इन कलाकारों को कुल 60 लाख रुपए का अनुदान दिया है. इसका फायदा 15 राज्यों के 50 कलाकारों को मिला है. वहीं आर्ट फॉर होप के चारों सीजन में मिलाकर कंपनी अब तक 150 कलाकारों की मदद कर चुकी है और 1.65 करोड़ रुपए का टोटल ग्रांट भी उन्हें दे चुकी है.
क्यों खास है आर्ट फॉर होप?
हुंडई मोटर्स इंडिया फाउंडेशन लंबे समय से आर्ट फॉर होप का आयोजन कर रही है. इस बार त्रावणकोर पैलेस दिल्ली में ये 28 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक चला. संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसमें शामिल हुए. उन्होंने कहा कि कला में प्रेरित और शिक्षित करने और संस्कृतियों एवं समुदयों को एकजुट करने की ताकत होती है. हुंडई मोटर्स इंडिया फाउंडेशन की ये पहल सराहनीय है. ये कलाकारों का समर्थन तो करती ही है, साथ ही भारत की डायवर्स सांस्कृतिक पहचान को कन्जर्व भी करती है. ये उभरते कलाकारों को मजबूत बनाने की एक जरूरी पहल है.
इस मौके पर हुंडई मोटर इंडिया के एमडी उनसू किम ने कहा कि कंपनी का विजन प्रोग्रेस फॉर ह्यूमैनिटी है. ये कंपनी के हर इनिशिएटिव की पहल है. आर्ट फॉर होप हमारी भारत को लेकर कमिटमेंट, यहां की परंपराओं के सम्मान और यहां के लोगों की शक्ति के सम्मान का प्रतीक है.
आर्ट फॉर होप से अब तक 25,000 से ज्यादा कलाकारों को एक मंच मिल चुका है.
इस बार के आर्ट फॉर होप में मथुरा की सांझी पेपरकट कला, गुजरात की लिप्पन कला, आंध्र प्रदेश की कलमकारी कला की वर्कशॉप आयोजित की गईं. इसके अलावा वेस्ट से आर्ट बनाने, इको फ्रेंडली आर्ट, दिव्यांग कलाकारों के बैंड परफॉर्मेंस ने लोगों का दिल जीता.
शेयर बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों के लिए बुरी खबर
4 Mar, 2025 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मार्च महीने के दूसरे कारोबारी दिन भी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. शेयर बाजार खुलने के महज तीन मिनट के भीतर सेंसेक्स में 450 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली और 9 महीनों के सबसे खराब लेवल पर पहुंच गया. शेयर बाजार में गिरावट की प्रमुख वजह ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ और यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे वॉर से बना जियो पॉलिटिकल टेंशन है. जानकारों की मानें तो मार्च के महीने में भी शेयर बाजार में गिरावट बनी रह सकती है. वो बात अलग है कि ये गिरावट फरवरी की तरह बड़ी देखने को नहीं मिलेगी. अगर ऐसा हुआ तो यह लगा 6वां महीना होगा जब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर बंद होंगे. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सेंसेक्स और निफ्टी किस लेवल पर कारोबार कर रहे हैं.
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
मार्च महीने के लगातार दूसरे कारोबारी दिन शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10 बजे 190 अंकों की गिरावट के साथ 72,897.70 अंकों पर कारोबार कर रहा है. वैसे शेयर बाजार खुलने के महज तीन मिनट के भीतर 452.4 अंकों की गिरावट के साथ 72,633.54 अंकों पर आ गया था. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. सुबह 10 बजे निफ्टी 64.75 अंकों की गिरावट के साथ 22,054.55 अंकों पर कारोबार कर रहा है. लेकिन कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 21,964.60 अंकों पर भी दिखाई दिया. सोमवार को भी शेयर बाजार में 100 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली थी.
9 महीनों के लोअर लेवल पर पहुंचा बाजार
अगर शेयर बाजार के आंकड़ों को देखें तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों की शेयर बाजार खुलने के चंद मिनटों के अंदर करीब 9 महीनों के लोअर लेवल पर पहुंच गए. जून 2024 के बाद जहां सेंसेक्स 72 हजार अंकों से कम पर दिखाई दिया. 5 जून 2024 को अखिरी बार सेंसेक्स कारोबारी सत्र में 71 अंकों के लेवल पर दिखाई दिया था. वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 5 जून के बाद ही पहली बार 22 अंकों से नीचे आते हुए 21 हजार अंकों के लेवन पर दिखाई दी. जानकारों के अनुसार शेयर बाजार में मार्च के महीने में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रंप टैरिफ का असर और जियो पॉलिटिकल टेंशन मार्च के पूरे महीने में दिखाई दे सकती है.
पहाड़ों में अब नेटवर्क की कोई समस्या नहीं, 24 घंटे मोबाइल टावर करेंगे काम!
4 Mar, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर पहाड़ों में सफर के दौरान आपका मोबाइल नेटवर्क चला जाता है या बार-बार गायब हो जाता है, तो अब ये दिक्कत दूर होने वाली है. सरकार ने इसके लिए कमर कस ली है और यहां मौजूद सभी मोबाइल टावर को बिजली हो या ना हो, लेकिन 24 घंटे चलाए रखने की टेक्नोलॉजी मिलने वाली है. देश में अभी टोटल 10 लाख से ज्यादा मोबाइल टावर हैं और इसमें से कई हजार पहाड़ी और दूर-दराज के इलाकों में है.
दूर-दराज के इलाकों में मोबाइल टावर को 24 घंटे चलाए रखने के लिए सरकार ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाला सॉल्युशन तैयार किया है. ये बेहद कम लागत में जहां मोबाइल टावर को बिजली उपलब्ध कराएगा. वहीं कोई भी प्रदूषण नहीं करेगा. अभी जिन इलाकों में ग्रिड से जुड़ी बिजली नहीं पहुंच पाती है, वहां पर डीजल के जेनरेटर से मोबाइल टावर को बिजली दी जाती है. इससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है.
सरकार ने बनाया PEM सॉल्युशन
सरकार ने हाइड्रोजन से चलने वाला PEM (Proton Exchange Membrane) फ्यूल सेल डेवलप किया है. ये फ्यूल सेल प्लग-एंड-प्ले तरीके से काम करते हैं. डीजल जेनरेटर के मुकाबले ये कम समय में अपने आप स्टार्ट हो जाते हैं और कम तापमान पर भी चलते हैं. इससे भी बड़ी बात कि इन फ्यूल सेल से सिर्फ पानी की फुहार ही बाहर निकलती है और ये बिल्कुल भी धुंआ नहीं छोड़ते हैं.
TRAI ने भी की थी तैयारी
सरकार देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और प्रदूषण कम करने की कोशिश कर रही है. इसमें मोबाइल टावर से होने वाला प्रदूषण अहम कारक है. टेलीकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने भी 2012 में ही टेलीकॉम कंपनियों से कह दिया था कि वह ग्रामीण इलाकों में लगे 50 प्रतिशत और शहरों में लगे 33 प्रतिशत मोबाइल टावर को हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी से चलाएं.
अडानी ने 5 साल में 5 लाख करोड़ के निवेश से इकोनॉमी को नया रुख देने का किया वादा!
3 Mar, 2025 04:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशिया के दूसरे अमीर कारोबारी गौतम अडानी ने अगले पांच साल का मास्टर प्लान सामने रख दिया है. इन 5 सालों में हर साल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जाएगा. इसका मतलब है कि पाच साल में गौतम अडानी 5 लाख करोड़ रुपए यानी 57.16 बिलियन डॉलर खर्च करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अगले पांच वर्षों में इक्विटी बेचकर 12.5 बिलियन से अधिक जुटाने की योजना बनाई है. अडानी ग्रुप के ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि पांच साल के लिए औसत कैपेक्स 1 लाख करोड़ से थोड़ा ऊपर होगा. अगले पांच सालों में हम औसतन हर साल 2.5 अरब डॉलर की इक्विटी जुटाएंगे. फंड रेजिंग या तो राइट्स इश्यू या क्यूआईपी (योग्य संस्थागत प्लेसमेंट) के माध्यम से होगी.
कहां पर किया जाएगा खर्च
अडानी ग्रुप ने 2019 और 2024 के बीच इक्विटी में 13.8 बिलियन डॉलर जुटाए, जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद किसी भारतीय ग्रुप की ओर से सबसे बड़ी फंड रेजिंग थी. यह पैसा अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी टोटल गैस द्वारा जुटाया गया था. अगले पांच वर्षों में कैपेक्स का लगभग 85 फीसदी यूजर्स पर खर्च किया जाएगा, जिसमें ग्रीन एनर्जी, बिजली और पॉवर ट्रांसमिशन, साथ ही एयरपोर्ट और पोर्ट शामिल हैं. शेष 15 फीसदी मेटल, सामग्री, तांबा और खनन सहित अन्य पर खर्च किया जाएगा. फरवरी की एनालिस्ट प्रेजेंटेशन के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक, अडानी के पास 53,024 करोड़ रुपए कैश था, ग्रॉस लोन का 20.5 फीसदी दर्शाता है. उन्होंने कहा, “2028-29 तक, एबिटा का नेट लोन 3 गुना हो जाएगा. साथ ही एनुअन कैश फ्लो लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगा.
घरेलू बैंकों का एक्सपोज़र बढ़ेगा
जैसे-जैसे कुछ व्यवसाय चालू हो रहे हैं, नेट लोन 2028 से घटकर 2031 तक लगभग 1.3 गुना होने की उम्मीद है. समूह ने पिछले महीने एक दशक लंबी 100 बिलियन डॉलर की कैपेक्स योजना तैयार की. ग्रुप ने कि हम केवल वही घोषणा करते हैं जो हम एग्जीक्यूट कर सकते हैं, चला सकते हैं और खुद को फाइनेंस कर सकते हैं. समूह ने 10 साल में पोस्ट टैक्स कैश फ्लो में 97-98 बिलियन डॉलर का अनुमान लगाया है, जो इसके 100 बिलियन डॉलर कैपेक्स के लगभग बराबर है. सिंह ने कहा कि अडानी ग्रुप का इन्फ्रा मॉडल असेट पूरी होने के बाद एकाधिकार जैसा रिटर्न देता है, जिसमें रेवेन्यू का केवल 5-6 फीसदी रखरखाव कैपेक्स होता है, जबकि अन्य बुनियादी ढांचे और मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस जैसे बड़े कैपेक्स वाले बिजनेस में आम तौर पर 30-40 फीसदी देखा जाता है.
कैसे कम होगा रिस्क
जैसे-जैसे ग्रुप का कैपेक्स साइकिल बदलता है, घरेलू बैंक का जोखिम बढ़ेगा जबकि विदेशी लेंडर्स का जोखिम घटेगा. सिंह ने कहा कि आम तौर पर, हमारी बैंकिंग का 40 फीसदी वैश्विक पूंजी है और 40% घरेलू है, शेष 20 फीसदी प्रोजेक्ट फेज के आधार पर ट्रांसफर होता है. जैसे ही हम भारी कैपिटल एक्सपेंडिचर करेंगे, घरेलू एक्सपोजर 50 फीसदी तक बढ़ जाएगा.पिछले साल सितंबर के अंत में अडानी ग्रुप का कुल कर्ज 2.58 लाख करोड़ रुपए था. जानकारों के अनुसार, इसमें से घरेलू बैंकों की हिस्सेदारी 42 फीसदी और ग्लोबल बैंकों की हिस्सेदारी 27 फीसदी थी.
रिलायंस की गिरावट ने तोड़ा रिकॉर्ड, मुकेश अंबानी की कंपनी ने गंवाए 56 हजार करोड़ रुपये
3 Mar, 2025 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर सोमवार को 52 हफ्तों के रिकॉर्ड लो पर पहुंच गए हैं. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी के शेयर में 3.63 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से कंपनी के मार्केट को करीब 56 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. आंकड़ों को देखें तो कंपनी के शेयर में हाल के दिनों की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज के किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़ी गिरावट
सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार रिलायंस के शेयर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर 3 फीसदी की गिरावट के साथ 1164 रुपए पर कारोबार कर रहा हैं. जबकि पिछले हफ्ते कंपनी का शेयर 1199.60 रुपए के साथ बंद हुआ था. आज सुबह शेयर बाजार ओपन हुआ तो कंपनी का शेयर तेजी के साथ 1209.80 रुपए पर था. उसके बाद कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.
52 हफ्तों के लो पर पहुंचा कंपनी का शेयर
कारोबारी सत्र के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में गिरावट इतनी तेज देखने को मिली कि कंपनी का शेयर देखते ही देखते 1156 रुपए के साथ 52 हफ्तों के लोअर लेवल पर पहुंच गया. वैसे 8 जुलाई को कंपनी का शेयर 1,608.95 रुपए के साथ 52 हफ्तों के हाई पर पहुंच गया था. इसका मतलब है कि कंपनी का शेयर रिकॉर्ड हाई से -28.15 फीसदी नीचे आ चुका है. इसका मतलब है कि देश की सबसे बड़ी कंपनी के शेयर को 452.95 रुपए का नुकसान हो चुका है.
कंपनी को हुआ 56 हजार करोड़ का नुकसान
खास बात तो ये है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में गिरावट की वजह कंपनी के मार्केट कैप को मोटा नुकसान हो चुका है, जो कि करीब 56 हजार करोड़ रुपए का है. पिछले हफ्ते आखिरी कारोबारी दिन कंपनी का मार्केट कैप 16,23,343.45 करोड़ रुपए देखने को मिला था, जो सोमवार को 15,67,371.49 करोड़ रुपए पर आ गया. इसका मतलब है कि कंपनी को कारोबारी सत्र के दौरान 55,971.96 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 18 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ा, इकोनॉमी को लग सकता है बड़ा झटका
3 Mar, 2025 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इकोनॉमी के मोर्चे पर सरकार और देश को बड़ा झटका लगा है. इसका कारण है मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का डूबना. सेक्टर के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो बेहद हैरान और परेशान करने वाले हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के आंकड़े 14 महीनों के लोअर लेवल पर पहुंच गए हैं. जानकारी के अनुसार प्रोडक्शन में कमी की वजह से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आंकड़े किस तरह के देखने को मिले हैं.
14 महीनों के लोअर लेवल पर
नए ठेके और प्रोडक्शन ग्रोथ में कमी के बीच फरवरी में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई. मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में 56.3 अंक पर रहा, जो जनवरी के 57.7 अंक से कम है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई ‘विस्तारकारी’ क्षेत्र में बना हुआ है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक गतिविधियों में संकुचन का संकेत है.
फरवरी में पॉजिटिव रहा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
हालांकि, दिसंबर 2023 के बाद से उत्पादन वृद्धि सबसे कमजोर स्तर पर आ गई है, लेकिन भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कुल मिलाकर गति फरवरी में व्यापक रूप से सकारात्मक रही. सर्वेक्षण में कहा गया कि जनवरी के 14 साल के उच्चतम स्तर से कम होने के बावजूद विस्तार की गति तेज थी. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि फरवरी में नए निर्यात ऑर्डर में जोरदार वृद्धि हुई, क्योंकि निर्माताओं ने अपने माल की मजबूत वैश्विक मांग का लाभ उठाना जारी रखा. नौकरी के मोर्चे पर, विनिर्माताओं ने फरवरी में अपने कर्मचारियों की संख्या में विस्तार करना जारी रखा.
जनवरी में भी गिरा था सेक्टर
फरवरी के आंकड़ों से पता चला है कि नए बिजनेस इंटेक में लगातार 44वीं वृद्धि हुई है, जिसे पैनल के सदस्यों ने मजबूत ग्राहक मांग और अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर कीमत देने के प्रयासों से जोड़ा है. गिरावट के बावजूद, क्षेत्र ने मजबूत घरेलू और वैश्विक मांग के समर्थन से विस्तारवादी गति बनाए रखी. जनवरी में, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.7 पर रहा, जो पिछले महीने के 12 महीने के निचले स्तर 56.4 से तेजी से सुधार हुआ. यह वृद्धि लगभग 14 वर्षों में निर्यात में सबसे तेज उछाल और पिछले जुलाई के बाद से सबसे तेज गति से बढ़े नए ऑर्डरों के कारण हुई.
जीडीपी में उछाल
वित्त वर्ष 2024-25 (Q3 FY25) की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछली तिमाही की 5.6 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है. यह वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के सात-तिमाही के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर गिरने के बाद आई है, जो अनुमान से काफी कम है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से बढ़े हुए सरकारी और उपभोक्ता खर्च, मजबूत खरीफ फसल उत्पादन और ग्रामीण मांग में पुनरुद्धार से प्रेरित थी.
रुपए का जबरदस्त पलटवार, डॉलर के गिरावट का नया दौर शुरू!
3 Mar, 2025 03:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले हफ्ते आई गिरावट को पीछे छोड़ते हुए रुपए ने सोमवार को जबरदस्त वापसी करते हुए डॉलर की दीवार को गिरा दिया. रुपए में आज अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. रिपोर्ट के अनुसार डॉलर इंडेक्स में गिरावट का माहौल देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े काफी बेहतर देखने को मिले हैं. जिसकी वजह से रुपए में डॉलर के मुकाबले तेजी देखने को मिल रही है. ताज्जुब की बात तो ये है कि करीब तीन हफ्ते पहले जब रुपए ने अपना लाइफ टाइम लो का लेवल बनाया था, वो उसके बाद दोहराया नहीं है. वो भी तब जब पिछले हफ्ते रुपए में पांचों दिन गिरावट देखने को मिली थी. आइए आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर रुपए में किस तरह की और कितनी तेजी देखने को मिल रही है.
रुपए में तेजी
सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे बढ़कर 87.28 पर पहुंच गया क्योंकि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स हाई लेवल से नीचे आ गया है और घरेलू इक्विटी बाजारों ने मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के बाद कुछ सुधार का संकेत दिया. विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, विदेशी पूंजी की निकासी रुकने की उम्मीद है क्योंकि शुक्रवार को जारी नवीनतम सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो क्रमिक रूप से सात-तिमाही के निचले स्तर से उबर रही है. हालांकि, अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न अस्थिरता जारी रही, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई और घरेलू मुद्रा में तेज वृद्धि हुई, उन्होंने कहा. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 87.36 पर खुला और अमेरिकी करेंसी के मुकाबले 9 पैसे बढ़कर 87.28 पर पहुंच गया. शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे गिरकर 87.37 पर बंद हुआ.
गिरते बाजार में 39 रुपए का स्टॉक बना करोड़पति, 1 लाख हो गए 2.22 करोड़!
3 Mar, 2025 03:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप शेयर बाजार से कमाई करते हैं तो ये खबर आपके लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं है. शेयर बाजार में वैसे तो निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है लेकिन कई बार इसमें कई स्टॉक्स ऐसे निकल जाते हैं जो आपको मालामाल कर देते हैं. आज हम जिस स्टॉक के बारे में बात करने जा रहे हैं उसने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है. ये ऐसा स्टॉक्स है कि अगर किसी ने इसमें 1 लाख का निवेश किया हो तो इसकी रकम आज करोड़ों में है.
सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड ने पिछले 16 वर्षों में अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. अगर किसी निवेशक ने 16 साल पहले इस कंपनी के शेयरों में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू ₹2.22 करोड़ होती.
8774 के पार पहुंचा 39 रुपए वाला स्टॉक
साल 2009 में केवल 39 रुपये वाले स्टॉक की कीमत आज 8710 रुपये हो चुकी है. 16 साल पहले अगर इस स्टॉक में किसी ने एक लाख रुपये लगाए होते तो वो करोड़पति हो चुका है. दिग्गज ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने इस स्टॉक को BUY रेटिंग दी है. सोलर इंडस्ट्रीज के स्टॉक ने पिछले 10 साल में 4800 फ़ीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं पिछले 5 साल में सोलर इंडस्ट्रीज के शेयरों ने निवेशकों को 650 फ़ीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.
क्या काम करती है कंपनी
सोलर इंडस्ट्रीज कंपनी के काम की बात करें तो कंपनी प्रमुख तौर पर डिफेंस सेक्टर से जुडी हुई है. यह कंपनी डिफेंस सेक्टर के लिए हाई एनर्जी विस्फोटक, गोला बारूद और पाइरोस फ्यूज बनाती है. इसके अलावा कंपनी विस्फोटक से जुड़े हुए प्रोडक्ट विस्फोटक, डेटोनेटर, और डेटोनेटिंग कॉर्ड भी बनाती है.
तिमाही नतीजों में सोलर इंडस्ट्रीज का 55.2% बढ़कर मुनाफा 315 करोड़ हो गया है, जबकि पिछले साल कंपनी का मुनाफा 203 करोड़ था. इसी दौरान कंपनी की कमाई 38% बढ़कर ₹1,973 करोड़ पार हो गई है.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. यहां हमने आपको सिर्फ स्टॉक की जानकारी दी है. किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर ले लें.