बिहार-झारखण्ड
बिहार में बीजेपी का रणनीतिक प्लान, चुनावी मुकाबले में चेहरा, सीट और मॉडल का अहम रोल!
28 Feb, 2025 07:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नीतीश कुमार: साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी अभी से जुट गई है. पार्टी ने तय किया है कि पार्टी की जीत तय करने के लिए बीजेपी बिहार में दिल्ली जीत का मॉडल लागू करेगी. पार्टी का मानना है कि दिल्ली में बीजेपी की जीत की बड़ी वजह झुग्गीवासियों और गरीबों का बीजेपी को मिला समर्थन है. पार्टी का आकलन है कि जिस तरह से बीजेपी के नेता चुनावों से काफी पहले ही झुग्गीवासियों के बीच गए, उनके साथ रात्रिप्रवास किया, उनसे जो कनेक्ट बनाया. उससे जमीन पर बीजेपी की मौजूदगी भी दिखी और जनता को भरोसा भी हुआ.
अब बीजेपी दिल्ली जीत के इसी मॉडल को बिहार में भी अपनाएगी. पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग करते हुए अलग-अलग जातियों के नेताओं को मंत्री बनाया है. पार्टी ने तय किया है कि बिहार विधानसभा के बजट सत्र के तुरंत बाद बिहार सरकार में शामिल बीजेपी के सभी मंत्री अपनी-अपनी जाति के लोगों के बीच जाएंगे. ये मंत्री बिना किसी ताम-झाम और प्रोटोकॉल के अपने-अपने समाज के लोगों, उनकी बस्तियों, उनके मोहल्लों में जाएंगे. वहां लोगों से अनौपचारिक बातचीत करेंगे. सरकार के काम बताने के साथ ही उनकी समस्याएं भी सुनेंगे.
ये सभी मंत्री अपने समाज और जाति के लोगों के घर रात्रि प्रवास करेंगे. रात्रि प्रवास के दौरान इन सभी मंत्रियों को समाज के लोगों से अनौपचारिक बात के लिए बीजेपी इनको टॉपिक और नोट्स भी देगी. पार्टी का मकसद है कि चुनाव से पहले मंत्रियों का अपने समाज के लोगों के बीच में मौजूदगी रहे और कनेक्ट भी बने. इसके लिए ये मंत्री अपने अपने समाज और जाति के लोगों के छोटे छोटे-छोटे सम्मेलन, टिफिन बैठक भी करेंगे.
रणनीति को दिया जा रहा अंतिम रूप
बीजेपी की बिहार की रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. नीतीश कुमार के चेहरे पर ही एनडीए लड़ेगा चुनाव. चुनाव के बाद मुख्यमंत्री को लेकर नीतीश कुमार ही फैसला करेंगे. बीजेपी हर विधानसभा सीट पर सर्वे करा रही है. सर्वे के हिसाब से ही एनडीए के घटक दलों में सीटों का बंटवारा होगा. सर्वे के परिणाम आने पर घटक दलों से सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी. जिस सीट पर जिसकी मजबूत स्थिति, उसे वह सीट दी जाएगी. एनडीए में सीट बंटवारे और सीटों की पहचान को लेकर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को जिम्मा दिया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि अगली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या सर्वे के आधार पर चुनाव से पहले ही तय कर ली जाएगी. यानी किस पार्टी के कितना कैबिनेट मंत्री, इसका फॉर्मूला चुनाव से पहले ही तय हो जाएगा. एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, लोजपा, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा हैं. बीजेपी लगभग 100 सीटों पर और जेडीयू लगभग 90 से 95 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बाकी सीटें एलजेपी, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं. बीजेपी के बिहार में चार बड़े चेहरे दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और नित्यानंद राय होंगे.
सम्राट चौधरी का आर्थिक सर्वेक्षण: बिहार की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विकास, 8.54 लाख करोड़ का आंकड़ा!
28 Feb, 2025 07:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की. उन्होंने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विस्तार किया है. बिहार की अर्थव्यवस्था का आकार 3.5 गुना बढ़कर 2011-12 के 2.47 लाख करोड़ रुपये से 2023-24 में 8.54 लाख करोड़ रुपये हो गया है.उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) मौजूदा मूल्यों पर 8,54,429 करोड़ रुपये और स्थिर (2011-12) मूल्यों पर 4,64,540 करोड़ रुपये अनुमानित है. इसी वित्तीय वर्ष में कर राजस्व 1,61,965 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियों का सबसे महत्वपूर्ण घटक बना.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2023-24 में कर राजस्व का हिस्सा कुल प्राप्तियों का 83.8 प्रतिशत हो गया, जो 2019-20 में 75.3 प्रतिशत था. अनुदान सहायता कुल प्राप्तियों का 13.5 प्रतिशत (26,125 करोड़ रुपये) रही, जबकि गैर-कर स्रोतों से 2.7 प्रतिशत (5,257 करोड़ रुपये) का योगदान मिला.
बिहार में आर्थिक और औद्योगिक विकास
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2011-24 के दौरान परिवहन और संचार क्षेत्र में बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की, जिसमें उत्तर प्रदेश (10.1%) और कर्नाटक (7.7%) के बाद 7.6% की वृद्धि दर्ज की गई.
औद्योगिक क्षेत्र में, राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड (एसआईपीबी) को सितंबर 2024 तक 75,293.76 करोड़ रुपये की लागत वाली 3,752 निवेश परियोजनाओं के प्रस्ताव मिले. वर्ष 2023-24 में 706 परियोजनाओं के माध्यम से कुल 5,642.57 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है 2022-23 और 2024-25 (सितंबर 2024 तक) के बीच उद्योगों में कुल निवेश 3.5 गुना बढ़ गया. सूक्ष्म उद्यमों ने 2023-24 में 2022-23 की तुलना में छह गुना अधिक निवेश आकर्षित किया. राज्य में 769 कार्यशील इकाइयों में कुल 8,464.35 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जिससे 31,749 लोगों को रोजगार मिला.
कृषि, बागवानी सहित इन क्षेत्रों में हुआ है इजाफा
राज्य में कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. 2022-23 और 2023-24 के बीच चावल और गेहूं के उत्पादन में क्रमशः 21.0% और 10.7% की वृद्धि दर्ज की गई. 2020-21 से 2023-24 के बीच मक्का उत्पादन में 66.6% की बढ़ोतरी हुई.
बागवानी क्षेत्र में, 2022-23 और 2023-24 के बीच आम उत्पादन में 9.7% और लीची उत्पादन में 11.7% की वृद्धि हुई. लीची के बागानों का क्षेत्रफल 6% बढ़ा, जिससे इस फल की खेती में निरंतर विस्तार देखा गया.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य ने 2022-23 में 4,034 मिलियन यूनिट (एमयू) का ऊर्जा अधिशेष दर्ज किया. 2017-18 से 2023-24 के बीच पीक डिमांड में 1.4 गुना और बिजली आपूर्ति में 1.5 गुना वृद्धि हुई. वहीं, पिछले 18 वर्षों में सामाजिक सेवाओं पर खर्च में 13 गुना वृद्धि हुई. स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में निवेश से राज्य की आर्थिक स्थिरता को मजबूती मिली है.
झारखंड के सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा का कदम, 28,945 स्कूलों को मिलेगा लैपटॉप!
28 Feb, 2025 06:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के लिए 28 फरवरी यानी शुक्रवार का दिन सुपर फ्राइडे होने जा रहा है. झारखंड के सरकारी स्कूल के छात्रों के शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर सौगात मिलने वाली है. खासकर प्राइमरी स्कूलों में पठन-पाठन को बेहतर और डिजिटल करने के उद्देश्य से हेमंत सोरेन की सरकार आज राज्य के 28,945 प्राइमरी स्कूल को टैबलेट की सौगात देगी. 28,945 टैबलेट मिलने के बाद सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक इसका प्रयोग बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ शिक्षकों के ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के कार्यों में करेंगे.
झारखंड में आज का दिन सुपर फ्राइडे होने वाला है. आज के दिन हेमंत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा काम करने वाली है. राज्य सरकार आज 28,945 प्राइमरी स्कूलों को टैबलेट बांटेगी. जिसका उपयोग मल्टीपल तरीके से छात्रों की शिक्षा के बेहतरी के लिए किया जाएगा. हालांकि, टैबलेट मिलने के बाद उसकी सुरक्षा की जवाबदेही वहां के हेडमास्टर इंचार्ज और टीचर्स पर होगी.
चोरी और टूट फूट की स्थिति में टीचर को देना होगा जुर्माना
टैबलेट स्कूल की संपत्ति होगी. इसलिए फिजिकल डैमेज या फिर चोरी आदि हो जाने की स्थिति में संबंधित शिक्षकों से ही इसका हर्जाना वसूला जाएगा. बता दे की सर्वाधिक झारखंड के गिरिडीह जिले में 2776 टैबलेट का वितरण होगा. इसके बाद पलामू जिला में 2323, दुमका जिला में 1797 और पश्चिम सिंहभूम जिला में 1772 टीचर्स को टैबलेट मिलेंगे. जबकि, राजधानी रांची को 1456, गढ़वा को 1265, हजारीबाग को 1201, वहीं, सिमडेगा में 468 ,खूंटी में 491 और रामगढ़ में 468 टैबलेट दिए जाने हैं.
धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में होगा कार्यक्रम
यह कार्यक्रम रांची के धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन झारखंड मंत्रालय में होना है. वहीं, एक दूसरा कार्यक्रम झारखंड विधानसभा सभागार में रखा गया है, जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ करेंगे. इस स्वास्थ्य बीमा योजना से राज्यकर्मी और उनके आश्रितों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त मिलेगा. साथ ही गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 10 लाख रुपये तक की राशि सरकार खर्च करेगी.
झारखंड में मिला प्राचीन खजाना, 14 करोड़ साल पुरानी खोज ने वैज्ञानिकों को चौंकाया!
28 Feb, 2025 06:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड में भूवैज्ञानिकों के हाथ एक अनोखा ‘खजाना’ लगा है, जो कि 14.5 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है. भूविज्ञानी डॉ. रंजीत कुमार सिंह और वन रेंजर रामचंद्र पासवान ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताा कि मंगलवार को पाकुड़ जिले के बरमसिया गांव में एक महत्वपूर्ण खोज सामने आई हैं. यहां पर एक पेट्रोफाइड जीवाश्म की खोज की गई है.
टीम ने एक विशाल वृक्ष के जीवाश्मकृत अवशेषों को पहचाना, जो 10 से 14.5 करोड़ वर्ष पूर्व के हो सकते हैं. यह खोज न केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि यह क्षेत्र की प्राचीन प्राकृतिक विरासत को उजागर करता है. यह जैविक इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है.
डॉ. सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में और भी अनुसंधान की आवश्यकता है ताकि जीवाश्म की सटीक आयु और उसके पर्यावरणीय संदर्भ को समझा जा सके. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को संरक्षित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियां भी इस महत्वपूर्ण विरासत का अध्ययन और सराहना कर सकें.
इस खोज का क्या हो सकता है फायदा?
वन रेंजर रामचंद्र पासवान ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे इस क्षेत्र की सुरक्षा में सहयोग करें और किसी भी अवैध गतिविधि से बचें जो इस महत्वपूर्ण स्थल को नुकसान पहुंचा सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस खोज से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा. इस खोज के बाद भू-वैज्ञानिक व प्रकृति पर्यावरण के शोधार्थी व अन्य इस क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण अध्ययन करने की योजना बनाई है, ताकि और भी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की जा सकें और क्षेत्र की भू वैज्ञानिक हलचल घटना पर्यावरण संरक्षण जैव विविधता और भूवैज्ञानिक इतिहास को संरक्षित किया जा सके.
आसपास की चट्टानों से बिल्कुल अलग
डॉ. रणजीत कुमार सिंह का मानना है कि पाकुड़ जिला पेट्रोफाइड फॉसिल का धनी है. बताया कि इस क्षेत्र के विज्ञान और वैज्ञानिक समझ में रूचि रखने वाले आम लोगों के लिए संरक्षित और संरक्षित करने की सख्त जरूरत है. इसे लेकर झारखंड वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष तिवारी के साथ भू-विरासत विकास योजना का प्रस्ताव रखा जा रहा है. बताया कि स्थानीय ग्रामीणों, प्रशासकों, वन विभाग, झारखंड राज्य के इकोटूरिज्म के साथ बातचीत की और इस क्षेत्र में एक अलग जियोपार्क कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जा रही है.
ट्रेन से उतरकर फाटक खोलने का अजीब तरीका, यात्रियों को क्यों करना पड़ता है इंतजार
27 Feb, 2025 06:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क वाले अपने देश में कुछ ऐसे भी रेल रूट हैं जहां स्टेशनों से अधिक रेल फाटक पर यात्री अपने ट्रेनों का इंतजार करते हैं. जहां हर दिन इन रेल फाटक पर दो बार ट्रेन रुकती है. जहां से इस ट्रेन में सवार होकर यात्री अपने गंतव्य तक की यात्रा पूरी करते हैं. हम बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी रेल मंडल के अंतर्गत आनेवाले दरौंदा-मशरख रेल लाइन की. कुल 42 किलोमीटर के रेल रूट पर पड़नेवाले हर रेल फाटक पर ट्रेन दो बार रुकती है.
ट्रेन में सवार मोबाइल गेट मैन यहां रेल फाटक को करते हैं बंद
दरौंदा-मशरख रेल रूट पर दो जोड़ी ट्रेनें चलती हैं. यह ट्रेन थावे जक्शन से मशरख स्टेशन जाती है. इसमें थावे से दरौंदा तक मेन लाइन है. यहां से रूट बदल कर ट्रेन कुल 42 किलोमीटर मशरख स्टेशन तक का सफर पूरा करती है. खास बात यह है कि इस रूट पर सड़कों को क्राॅस करनेवाले रेल लाइन पर फाटक तो बनाये गये हैं, पर यहां गेट मैन की तैनाती नहीं की गयी है. इसके चलते रेल फाटक आने के पचास मीटर पहले ही ट्रेन रुक जाती है. इसके बाद ट्रेन से उतरकर मोबाइल गेट मैन आता है और रेल फाटक बंद करता है. यह गेट मैन ड्राइवर के ही केबिन में रहता है. इसके बाद ट्रेन रेल फाटक से आगे बढ़कर फिर रुक जाती है. इस बार ट्रेन के गार्ड के केबिन में बैठा दूसरा मोबाइल गेट मैन उतरकर रेल फाटक को खोलता है. इसके बाद गेट मैन को लेकर ट्रेन अब आगे की तरफ बढ़ती है.
यह क्रम रेल रूट के अंतिम स्टेशन तक हर रेल फाटक पर चलता रहता है. इस तरह के रेल फाटक की संख्या 9 से अधिक है. हालांकि कुछ रेल फाटक पर अब अंडरपास का निर्माण हो जाने से यह समस्या दूर हो गयी है. इसमें महराजगंज स्टेशन व विशुनपुर महुवारी रेलवे स्टेशन के बीच मौजूद रगड़्रगंज रेल फाटक शामिल है. नब्बे के दशक में रेल लाइन का विस्तार करते हुए महराजगंज से 36 किलोमीटर और आगे रेल लाइन को बढ़ाते हुए मशरख स्टेशन तक ले जाने का सरकार ने फैसला किया.लिहाजा कुल 42 किलोमीटर की तैयार हुयी रेल लाइन पर वर्ष 2018 से ट्रेन दौड़ने लगी.
रेल फाटक पर ट्रेन का इंतजार करते हैं यात्री
दरौंदा-मशरख रेल रूट से गुजरने वाली ट्रेन यहां के अगल बगल के गांवों के लोगों के सफर के लिये सबसे सुगम साधन है. इस रूट पर आठ रेलवे स्टेशन बनाये गये हैं. इसमें दरौंदा व मशरख के बीच महराजगंज, विशुनपुर महुवारी, सरहरी, बड़का गांव, बसंतपुर, साघर सुल्तानपुर स्टेशन पड़ता है. इन स्टेशनों से अधिक रूट पर रेल फाटक की संख्या है. जहां आसपास के ग्रामीण अपनी यात्रा शुरू करने के लिये इस रेल फाटक पर ही ट्रेन का इंतजार करते हैं.खास बात यह है कि इन रेलवे फाटकों से नजदीक के स्टेशन की दूरी डेढ़ से दो किलोमीटर ही है. इसके बाद भी रेल फाटक पर ट्रेन रूकना तय होने से यात्री स्टेशन तक जाना मुनासिब नहीं समझते हैं. लिहाजा हर रेल फाटक से आसपास के पांच से छह गांवों के यात्री अपना सफर शुरू करते हैं.
पीएम आवास योजना में घूसखोरी! सर्वे के दौरान रिश्वत मांगने पर 5 कर्मचारियों को नोटिस
27 Feb, 2025 06:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आरा। भोजपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का सर्वे कार्य तेजी से चल रहा है। यह कार्य 31 मार्च तक चलेगा। सर्वे कार्य के दौरान पांच कर्मचारियों पर लाभूकों से रिश्वत मांगने के साथ-साथ लापरवाही करने का मामला सामने आया है।
इसे गंभीरता से लेते हुए डीडीसी डॉक्टर अनुपमा सिंह ने सभी आरोपी पांच कर्मचारियों के खिलाफ स्पष्टीकरण की मांग की है। इसके साथ ही सभी से पूछा गया है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी जाए? डीडीसी के इस निर्देश के बाद पूरे जिले में रिश्वत मांगने या अपने कार्यों में लापरवाही करने वालों के बीच हड़कंप मच गया है।
इन पर है आरोप
जिले के सभी प्रखंडों में आवास प्लस टू के लिए चल रहे सर्वे कार्य के दौरान शाहपुर में ग्रामीण आवास सहायक दीपक कुमार जो बहोरनपुर एवं गौरा पंचायत के ग्रामीण आवास सहायक हैं पर पैसा मांगने और शाहपुर प्रखंड के ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक मोहम्मद शम्मी अंजुम के द्वारा वरीय पदाधिकारी से गलत व्यवहार करने और अपने कार्यों में रुचि नहीं लेने की रिपोर्ट की गई है।
पीरो प्रखंड के अकरुहां पंचायत के ग्रामीण आवास सहायक मनजीत कुमार, गड़हनी प्रखंड के इजरी पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक रंजीत कुमार पर बीडीओ ने रिश्वत मांगने और अपने कार्यों में बड़े पैमाने पर लापरवाही करने की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को की है।
उदवंतनगर के बकरी पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक शशिकला के खिलाफ वहां की मुखिया प्रभावती देवी ने सर्वे कार्य के दौरान बड़े स्तर पर लाभूकों से पैसा लेकर सर्वे में लाभार्थियों का नाम जोड़ने की शिकायत की है।
इन सभी शिकायतों के बाद डीडीसी ने सभी से विगत सप्ताह पहले ही स्पष्टीकरण मांगा है, जिसका अब तक जवाब नहीं मिला है। इन सभी के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई होने की आशंका व्यक्त की गई है।
आवास योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत पर राज्य मुख्यालय हुआ सख्त
जिलों प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का सर्वे कार्य के दौरान बड़े पैमाने पर कर्मियों के द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत राज्य मुख्यालय तक पहुंच गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे मामले की जांच कर अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मुख्य सचिव अपने पत्र में लिखा है कि विभिन्न स्त्रोतों से आवास योजना में सर्वेक्षणकर्ताओं एवं दलालों के द्वारा गरीब परिवारों से अवैध वसूली की शिकायत मिल रही है, जिलाधिकारी इसपर कई कार्रवाई सुनिश्चित करें। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन भी सख्ती बरत रहा है।
लापरवाह कर्मियों पर होगी बड़ी कार्रवाई
जिले में आवास सर्वे का कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। अब तक 54 हजार से ज्यादा लोगों का सर्वे हो चुका है। इस दौरान कुछ जगहों से शिकायत मिलने के बाद सभी कर्मियों के खिलाफ स्पष्टीकरण की कार्रवाई की गई है। उसका जवाब मिलने के बाद जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें लापरवाही करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।
झारखंड में भीषण गर्मी की दस्तक, अगले 48 घंटे तक लू चलने की संभावना
27 Feb, 2025 06:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में जहां मौसम शुष्क बना रहा वहीं 27 फरवरी को राजधानी रांची समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क बना रहेगा। वहीं 28 फरवरी को राज्य के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा में हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है।
1 मार्च को झारखंड के इन जिलों में होगी बारिश
शेष क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रहेंगे। वहीं 1 मार्च को राज्य के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के अलावा निकटवर्ती मध्य भाग यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी के साथ-साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, साहिबगंज, धनबाद और गिरिडीह में हल्की वर्षा होने की संभावना है।
शेष हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहेंगे। मौसम विज्ञान केंद्र रांची की ओर से जारी पूर्वानुमान की बात करें तो राज्य में अगले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इसके बाद 28 फरवरी, 1 और 2 मार्च को तापमान में धीरे-धीरे तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।
ऐसा रहा मौसम
पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में मौसम शुष्क बना रहा। अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस सरायकेला का जबकि न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस चतरा का रिकार्ड किया गया। राजधानी रांची में अधिकतम 28.7 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
पुलिसकर्मियों की क्रूरता पर एक्शन, आदिवासी युवक की पिटाई मामले में पूरी टीम निलंबित
27 Feb, 2025 06:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कटिहार जिले में पुलिसिया क्रूरता का मामला जब से सामने आया है हर ओर इसकी भर्त्सना हो रही है. यह मामला पुलिस द्वारा एक आदिवासी युवक को सड़क पर लिटाकर बेरहमी से पीटने का है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. पुलिसकर्मी की क्रूरता देख लोग काफी गुस्से में आ गया. लोग पुलिसकर्मी के खिलाफ एक्शन की मांग करने लगे. राजद ने भी इस मामले पर बिहार सरकार को घेरा. अब इस मामले में क्रूर पुलिसकर्मी पर एक्शन लिया गया है.एसपी ने लिया एक्शन कटिहार के पुलिस अधीक्षक एसपी ने जनता के दबाव और राजनीतिक आलोचनाओं के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. इस मामले में एक पुलिसकर्मी के खिलाफ FIR भी दर्ज किया गया है. इस मामले पर डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोष के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
चार पुलिसकर्मी निलंबित
एसपी ने बताया कि वीडियो के अवलोकन से पता चलता है कि गश्ती के दौरान पुलिसकर्मियों ने एक युवक को बुरी तरह से लाठी से पिटा है. उक्त पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के द्वारा इस प्रकार के किये गये कार्य से पुलिस की छवि धूमिल हुई है. इनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, मनमानेपन एवं अयोग्य पुलिस पदाधिकारी होने का द्योतक है. इसलिए मामले में शामिल पुलिस पदाधिकारी सहायक अवर निरीक्षक केदार प्रसाद यादव, महिला सिपाही 717 प्रीति कुमार, पोठिया थाना को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. गृहरक्षक 5942 सिकन्दर राय एवं गृहरक्षक 5154 राजकिशोर महतो को एक वर्ष के लिए कर्तव्य से वंचित किया गया है. थानाध्यक्ष, पोथिया थाना के चालक बमबम कुमार पिता सिरो पासवान, बलथी महेशपुर थाना कुरेला एवं दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर अग्रत्तर कारवाई करने का आदेश दिया गया है. इस पूरे मामले की जांच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर टू कटिहार को करने एवं प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. एसपी ने कहा कि कटिहार पुलिस के द्वारा जीरो टॉलरेन्स नीति का पालन करते हुए अवैध कार्य करने वाले पुलिस पदाधिकारी, कर्मी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई आगे भी की जायेगी. उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस पदाधिकारी कर्मी को पुरस्कृत किया जायेगा.
झारखंड सरकार ने किया एलान: मंईयां सम्मान योजना की अगली किस्त जल्द जारी
27 Feb, 2025 06:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड की लाखों महिलाओं के लिए खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, 15 मार्च से पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की 6ठी और 7वीं किस्त की राशि जारी होगी। खाते में एक साथ 5000 रुपये आएंगे। विधानसभा में मंत्री चमरा लिंडा ने इसकी घोषणा कर दी।
होली से पहले मिल जाएगी खुशखबरी
मंत्री चमरा लिंडा ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 15 मार्च से पहले तक मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों के खाते में जनवरी और फरवरी माह की राशि भेज दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च की राशि भी विभाग को भेज दी गई है। जल्द ही यह राशि भी महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
दिसंबर के बाद से नहीं मिली किस्त की राशि
बता दें कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की दो किस्त की राशि महिलाओं को दिसंबर माह के बाद से नहीं मिली है। बता दें कि योजना की शुरुआत में महिलाओं को प्रतिमाह 1000 की राशि मिलती थी। जिसे हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार के दौरान बढाकर प्रतिमाह 2500 रुपया कर दिया था। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि राशि बढ़ने के बाद से अब तक किश्त केवल एक बार ही मिली है।
मंईयां सम्मान योजना के लिए योग्यता
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना सिर्फ महिलाओं के लिए है
18 से 50 साल की उम्र की महिलाएं अप्लाई कर सकती हैं
महिला का झारखंड का मूल निवासी होना आवश्यक है
किन महिलाओं को मिलेगा मंईयां सम्मान योजना का फायदा
18 से 50 साल उम्र की महिलाओं इसके लिए योग्य
गुलाबी राशन कार्ड वाली महिलाओं के पास
जिन महिलाओं के पास हरा राशन कार्ड हो
जिन महिलाओं के पास पीला राशन कार्ड (अंत्योदय अन्न योजना)
सफेद राशन कार्ड वाले परिवार को फायदा
हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर साधा निशाना
मंईयां सम्मान योजना पर खुशखबरी देने के बाद बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने आचरण के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है। न ही अपना दायित्व का निर्वहन कर रहा है। सरकार का कोई भी कार्य इन्हें अच्छा नहीं लगता है।
अलग राज्य बनने के बाद विपक्ष ने राज्य को कीचड़ में धकेल दिया। हमारी सरकार को उसे कीचड़ से निकलने में पसीने छूट गए। उम्मीद ही नहीं राज्य की जनता को सरकार पर पूरा भरोसा है। यह सरकार जाति धर्म से ऊपर उठकर राज्य के हर वर्ग को एक नजर से देखती है।
कोलकाता-श्रीगंगानगर स्पेशल ट्रेन धनबाद होकर चलेगी, यात्रियों को राहत
27 Feb, 2025 06:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनबाद। धनबाद होकर कोलकाता से श्रीगंगानगर के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी। श्रीगंगानगर से पांच व कोलकाता से नौ मार्च को चलने वाली ट्रेन प्रयागराज, आगरा व मथुरा होकर चलेगी। रिंगस होकर चलने वाली इस ट्रेन से खाटू श्याम दरबार तक पहुंचने का भी विकल्प मिल सकेगा।
मार्च के पहले पखवाड़े में ट्रेनों में यात्रियों की लंबी सूची के मद्देनजर वनवे स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बुकिंग भी शुरू हो गई है। दोनों ओर से अब गिनती की ही सीटें शेष हैं।
टाइम टेबल
04731 श्रीगंगानगर-कोलकाता स्पेशल पांच मार्च को श्रीगंगानगर से रात 11:00 बजे रवाना होगी। सात मार्च की रात 8:40 पर धनबाद तथा आठ मार्च की सुबह 8:50 पर कोलकाता पहुंचेगी।
04732 कोलकाता-श्रीगंगानगर स्पेशल नौ मार्च को कोलकाता से सुबह 9:05 पर रवाना होगी। दोपहर 3:05 पर धनबाद तथा 11 मार्च को दिन 11:45 पर श्रीगंगानगर पहुंचेगी।
धनबाद से कोलकाता पहुंचने में लगेंगे 12 घंटे 05 मिनट
स्पेशल ट्रेन से धनबाद से कोलकाता पहुंचने में 12 घंटे 05 मिनट लगेंगे। श्रीगंगानगर से रात 8:40 पर धनबाद आगमन व 8:45 पर प्रस्थान करेगी। कोलकाता पहुंचने का समय अगले दिन सुबह 8:50 है। अन्य ट्रेनों से धनबाद से कोलकाता पहुंचने में पांच से छह घंटे ही लगते हैं।
स्पेशल की यात्रा अवधि नियमित ट्रेनों की तुलना में दोगुनी होगी। वापसी में कोलकाता से धनबाद की यात्रा छह घंटे में ही पूरी होगी। धनबाद से बर्द्धमान पहुंचने में लगभग तीन घंटे के बजाय स्पेशल ट्रेन से पांच घंटे 50 मिनट लगेंगे।
इन स्टेशनों पर ठहराव
बर्द्धमान, दुर्गापुर, आसनसोल, धनबाद, पारसनाथ, गया, डीडीयू, मीरजापुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर सेंट्रल, इटावा, टुंडला, आगरा फोर्ट, मथुरा, डींग, गोविंदगढ़, अलवर, राजगढ़, बांदीकुई, दौसा, खतिपुरा, जयपुर, चौमू सामीद, रिंगस, सीकर, रशीदपुर खोरी, लक्ष्मणगढ़ सीकर, फतेहपुर शेखावटी, चुरू, रतनगढ़, राजलदेसर, श्रीडुंगरगड़, नापसार, बीकानेर, लालगढ़, लुनकरनसर, सूरतगढ़, जैतसर व राासिंहनगर।
अप्रैल-मई के अलग-अलग दिनों में बदले मार्ग से चलेगी दुरंतो एक्स.
धनबाद होकर चलने वाली सियालदह-बीकानेर दुरंतो व हावड़ा-बीकानेर साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस अप्रैल-मई के अलग-अलग दिनों में मार्ग परिवर्तन कर चलाई जाएगी।
रेलवे की ओर से जारी सूचना में बताया गया कि उत्तर पश्चिमी रेलवे के मोलीसर-चुरु स्टेशन के बीच दोहरीकरण के कारण मोलिसर, जुहारपुरा, दिपलसर तथा चुरु स्टेशन पर नॉन इंटरलॉकिंग किया जएगा।
19 अप्रैल से सात जून तक ट्रेनें प्रभावित रहेंगी। इनमें धनबाद होकर चलने वाली ट्रेनों का अप्रैल व मई में मार्ग बदलेगा।
मखाना की वैश्विक मांग ने बिहार को एक नया मुकाम दिलाया
25 Feb, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के सुपर फ़ूड मखाना का जिक्र PM मोदी कई बार कर चुके हैं. उन्होंने मखाना को सुपरफूड का दर्जा देते हुए कहा कि वो खुद इसे साल में 300 दिन खाते हैं. बजट में भी बिहार को दिए गए बजट में मखाना बोर्ड बनाने की चर्चा की गई. अब हाल ही में PM मोदी ने इस सुपर फ़ूड मखाना को दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने की बात कही है. बिहार का मखाना भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में परचम लहरा रहा है. अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक इस सुपर सुपर फ़ूड की गजब की डिमांड है. हर साल कई टन मखाना इन देशों में निर्यात किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कितना बड़ा है सुपर फ़ूड मखाना का कारोबार ?
कितना बड़ा है कारोबार?
रिपोर्ट्स की माने तो भारत में मखाना का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. अनुमान के मुताबिक भारत में मखाने का मार्केट करीब 8 अरब रुपयों का है. वहीं IMARC के एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2032 तक ये मार्केट करीब 19 अरब रुपयों का हो जाएगा. वहीं, मखाना को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की ओर सरकार अब बढ़ रही है. बजट में ऐलान के बाद बिहार सरकार का लक्ष्य 2035 तक मखाना के प्रोडक्शन क्षेत्र को 70,000 हेक्टेयर तक बढ़ाना है, जिससे मखाना का उत्पादन 78,000 मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा.
किसानों की बढ़ेगी कमाई
इससे न सिर्फ बिहार के मखाने को दुनिया में पहचान मिलेगी बल्कि मखाना किसानों की कमाई भी 550 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,900 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. इसके साथ ही, मखाना की मार्केट वैल्यू अगले साल में 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,260 करोड़ रुपये हो सकती है.
बिहार दुनिया के 85 फीसदी मखाने का उत्पादन करता है. पिछले 10 साल में मखाने की खेती में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है. तालाब आधारित खेती से अब खेत आधारित खेती की ये सुपर फ़ूड बढ़ रहा है. जिसके परिणामस्वरूप इसका उत्पादन दोगुना होकर अब 56,000 टन से भी ज्यादा हो गया है.
इन देशों में है सबसे ज्यादा डिमांड
मखाने की डिमांड भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. बिहार का मखाना अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव में निर्यात किया जाता है. बिहार के मखाने का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है.
प्रगति यात्रा से पूर्णिया प्रमंडल में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत, बाढ़ से सुरक्षा के लिए कई सौगात
25 Feb, 2025 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना/पूर्णिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा ने पूर्णिया प्रमंडल के लिए ऐतिहासिक विकास योजनाओं की सौगात दी है। इस यात्रा के दौरान पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और भागलपुर जिलों में औद्योगिक विकास, बाढ़ सुरक्षा, और शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की गई है, जिनसे इस क्षेत्र की बड़ी आबादी को सीधे लाभ मिलेगा। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के औद्योगिक ढांचे को सशक्त करना, बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करना और शैक्षिक क्षेत्र में सुधार लाना है, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले और लोगों की जीवनशैली में स्थायी सुधार आए।
औद्योगिक विकास से रोजगार के नए अवसर
प्रगति यात्रा के तहत, पूर्णिया प्रमंडल के विभिन्न जिलों में औद्योगिक विकास को तेज करने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। कटिहार और किशनगंज में नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा, जहां छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, स्टार्टअप्स के लिए विशेष वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।
पूर्णिया और भागलपुर में औद्योगिक हब स्थापित किए जाएंगे, जो व्यापार और रोजगार के अवसरों को उत्पन्न करेंगे। इन हब्स में विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा, जिससे रोजगार की वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
तटबंध निर्माण और बाढ़ से सुरक्षा के लिए कई योजनाएं
पूर्णिया प्रमंडल के कई इलाके बाढ़ की समस्या से जूझते हैं, जिससे हर साल किसानों और स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान होता है। इस मुद्दे का स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए तटबंधों के निर्माण की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के महत्वपूर्ण नदियों के किनारे मजबूत तटबंध बनाए जाएंगे, जो बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करेंगे। इससे कृषि भूमि और गांवों को बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में तटबंधों का निर्माण क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो किसानों के जीवन को सुधारने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र को सुरक्षित बनाएगा।
मेडिकल कॉलेज और अन्य सुविधाओं की सौगात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया को एक मेडिकल कॉलेज की सौगात दी, जिससे क्षेत्र के छात्रों को उच्च चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। अररिया में भी एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा की गई, जो स्थानीय छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मौका प्रदान करेगा। इसके साथ ही, अररिया में एक खेल मैदान का निर्माण भी किया जाएगा, जो खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं को अवसर देगा। किशनगंज को एक इंजीनियरिंग कॉलेज मिलेगा, जिससे छात्रों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर विकल्प मिलेंगे। इसके अलावा, किशनगंज में फुटओवरब्रिज बनाने की योजना है, जो यातायात की सुविधा को बढ़ाएगा और सुरक्षा में सुधार करेगा। पूर्णिया प्रमंडल के प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर को अब राजकीय मेला का दर्जा दिया जाएगा, जिससे इस धार्मिक स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विकसित बिहार की दिशा में सशक्त कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार बिहार के हर जिले में समावेशी और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। औद्योगिक विकास, तटबंध निर्माण, और शैक्षिक क्षेत्र में सुधार के जरिए पूर्णिया प्रमंडल की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा और बिहार का सपना आत्मनिर्भर राज्य बनने का साकार होगा।
इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से पूर्णिया प्रमंडल के तीन करोड़ से अधिक लोग सीधे लाभान्वित होंगे। क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बाढ़ से सुरक्षा के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी, और शैक्षिक संस्थानों के निर्माण से युवाओं को बेहतर शिक्षा प्राप्त होगी।
कई योजनाओं को कैबिनेट से मिल चुकी है स्वीकृति
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम हो रहा है। कई योजनाओं को कैबिनेट से स्वीकृति भी मिल चुकी है। प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यों की नियमित निगरानी और निष्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और योजनाएं समय पर पूरी हों। साफ है कि इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से पूर्णिया प्रमंडल औद्योगिक समृद्धि, स्थायी बाढ़ सुरक्षा और शैक्षिक प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। क्षेत्र के नागरिकों का जीवन स्तर सुधरेगा और बिहार एक सशक्त, आत्मनिर्भर और प्रगतिशील राज्य के रूप में उभरेगा।
हाईकोर्ट के आदेश से बिहार सिपाही भर्ती में सुधार की नई राह, उम्मीदवारों में आशा
25 Feb, 2025 01:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पटना हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। विशेष रूप से, ऐसे उम्मीदवारों को भी चयनित सूची में शामिल कर लिया गया, जिन्होंने निगेटिव अंक प्राप्त किए।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
न्यायाधीश हरीश कुमार की एकलपीठ ने विजय कुमार और अन्य द्वारा दायर मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने दलील दी कि 16 जनवरी, 2020 को प्रकाशित चयन सूची में कई विसंगतियां पाई गई हैं। एक संशोधित सूची जारी होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार और केंद्रीय चयन बोर्ड (कांस्टेबल भर्ती) के अधिवक्ता संजय पांडेय ने अदालत को बताया कि संशोधित सूची पूरी तरह से पटना हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में बनाई गई है।
बोर्ड के अधिवक्ता ने अपने जवाब में कहा कि कुल 1308 चयनित उम्मीदवारों में सामान्य श्रेणी के पुरुष उम्मीदवारों के लिए कट-आफ अंक 110 था, जबकि सामान्य श्रेणी की महिला उम्मीदवारों के लिए कट-आफ (-23) अंक रहा। उनके अनुसार, केवल महिला वर्ग में ही निगेटिव अंक वाले उम्मीदवारों का चयन हुआ, अन्य किसी भी श्रेणी में ऐसा नहीं हुआ। मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का न्यायिक कार्य से अलग रहने का फैसला वापस
पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं की समन्वय समिति की एक बैठक 24 फरवरी को आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य 21 फरवरी, 2025 को लिए गए पूर्व प्रस्ताव की समीक्षा करना था। बैठक में सर्वसम्मति से 21 फरवरी के प्रस्ताव को वापस लेने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत 25 फरवरी को न्यायिक कार्यों से अलग रहने का फैसला किया गया था।
अब पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं से अनुरोध किया गया है कि वे 25 फरवरी को अपने नियमित न्यायिक कार्यों का निर्वहन करें। समन्वय समिति ने इस निर्णय की जानकारी रजिस्ट्रार जनरल को देने का निर्देश दिया है, ताकि सभी संबंधित पक्षों को अवगत कराया जा सके।
बिहार में मौसम की करवट: 28 फरवरी से पटना सहित 8 जिलों में आएगा बदलाव
25 Feb, 2025 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के उत्तरी भागों में हुई वर्षा का असर तापमान पर पड़ा है। अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री की गिरावट व पटना समेत अधिसंख्य भागों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बिहार में न्यूनतम तापमान 11.8 से 18.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों के दौरान सुपौल के भीमनगर में 22.4 मिमी व बीरपुर में 8.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
28 फरवरी से 1 मार्च के दौरान बिहार में होगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, गांगेय पश्चिम बंगाल व दक्षिण छत्तीसगढ़ व ओडिशा के आसपास चक्रवताीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके प्रभाव से तराई वाले इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
इन 8 जिलों में बारिश का अलर्ट
28 फरवरी से एक मार्च के दौरान पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, गोपालगंज, नालंदा, नवादा समेत दक्षिणी भागों के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। शेष जिलों का मौसम सामान्य बना रहेगा।
सोमवार को कैसा रहा मौसम
सोमवार को पटना का अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस व शेखपुरा में 29.8 डिग्री सेल्सियस के साथ अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। पटना व आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्की धुंध के बाद धूप निकलने से मौसम सामान्य बना रहा। बादल छाए रहने के साथ नमी युक्त वातावरण बना रहा। पटना समेत 20 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
बांका में बारिश ने किसानों के चेहरे पर लाई खुशी
बांका में कुछ जगहों पर रविवार की सुबह हुई वर्षा ने किसानों के मुरझाये चेहरे पर खुशी ला दी है। वर्षा खासकर गेहूं, मकई, सरसों, आम की फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। लेकिन दलहन फसल में चना को आंशिक क्षति होने की संभावना है। बताते चलें कि फरवरी के पहले सप्ताह में ही मौसम के बदले मिजाज से तापमान में बढोत्तरी हो गई थी।
इससे गेंहू की फसल काफी प्रभावित हो रहा था। इसको लेकर किसानों में गेहूं के उत्पादन में प्रतिकूल असर पड़ने की चिंता सताने लगी थी। मौसम अचानक बदलने का मुख्य कारण दिसंबर एवं जनवरी महीना में वर्षा नहीं होना भी बताया जा रहा है।
सोमवार की वर्षा से किसानों ने राहत का सांस लिया है। क्षेत्र में लगभग एक हजार हेक्टेयर में आम के पेड़ हैं। पेड़ मंजर से लदे हैं।
किसानों की मानें तो वर्षा आम के मंजर के लिए संजीवनी साबित हुआ है। जिस रफ्तार से आम के मंजर में कीट का प्रकोप बढ़ रहा था। किसान महंगे कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहे थे। किसान संजीव मिश्रा, मंटू हरिजन, रामू हरिजन आदि ने बताया कि वर्षा से पटवन का खर्च किसानों का बच गया है।
लेकिन वर्षा होने के साथ 267 रूपया की बोरी यूरिया तीन से चार सौ रुपया में कालाबाजारी में खरीदना पड़ा। बीएओ विनय कुमार पाठक कहते हैं कि क्षेत्र में छिटपुट वर्षा हुई है।
कुछेक पंचायत में अपेक्षाकृत अच्छी वर्षा हुई है। वर्षा से गेहूं, मकई, सरसों एवं आम के फसल को काफी फायदा होगा। इससे उत्पादन भी अच्छे होने के आसार हैं।
भूकंप के झटके: रांची में सुबह 6 बजे धरती हिली, लोगों में हलचल मची
25 Feb, 2025 01:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। रांची में सुबह 6 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। बंगाल की खाड़ी में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। भूकंप की तीव्रता का रिकॉर्ड अभी सामने नहीं आया है। विभाग जल्द ही इसपर जानकारी देगा। वहीं, इस भूकंप से अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। फिलहाल लोगों को घबरानी की जरूरत नहीं है लेकिन सावधान रहने की जरूरत जरूर है।
बता दें कि रांची के अलावा कोलकाता और ओडिशा के कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को तेजी से झटका महसूस हुआ। ओडिशा में भूकंप की तीव्रता 5.1 थी।
चाईबासा में भूकंप का झटका, घरों से निकले लोग
मंगलवार की सुबह लगभग 6 बजे के करीब जब लोग सो कर उठ रहे थे, इस दौरान चाईबासा के लोगों को भी भूकंप का झटका महसूस हुआ। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र में इसका एहसास लोगों ने किया। भूकंप के कारण कुछ लोग घरों से निकलकर देखने लगे। हालांकि, कुछ लोग सोए रहने के कारण उन्हें कुछ महसूस ही नहीं हुआ।
हालांकि इस दौरान किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। कुछ लोग भूकंप को महसूस करते हुए घरों से निकल गए और आसपास के लोग भी निकाल कर भूकंप की चर्चा करने लगे।
भूकंप के दौरान क्या करें
जमीन पर बैठ जाएं, अपने सिर और गर्दन को अपने हाथों से ढक लें और किसी मजबूत वस्तु जैसे कि टेबल या डेस्क को पकड़ लें।
यदि आप घर के अंदर हैं, तो दरवाजे या खिड़कियों से दूर रहें और किसी मजबूत कमरे में जाएं।
भूकंप के दौरान बाहर निकलने की कोशिश न करें, क्योंकि बाहर की स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
भूकंप के दौरान लिफ्ट का उपयोग न करें, क्योंकि यह फंस सकती है या गिर सकती है।
भूकंप के बाद क्या करें
भूकंप के बाद सावधानी से बाहर निकलें और अपने आसपास की स्थिति का मूल्यांकन करें।
यदि आपके आसपास कोई चोटिल है, तो उनकी मदद करें और यदि संभव हो तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
भूकंप के बाद गैस और बिजली की जांच करें और यदि कोई समस्या है, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
यदि आपका घर या इमारत सुरक्षित नहीं है, तो सुरक्षित स्थान पर जाएं और वहां तक रहने के लिए आवश्यक वस्तुओं को साथ ले जाएं।
भूकंप क्यों आता है?
बता दें कि पृथ्वी की 4 मुख्य प्लेट हैं, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहा जाता है। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स तेजी से घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है।
जब ये प्लेट्स अपनी जगह से अचानक खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इसती जितनी रफ्तार रहती है उतने तेजी से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।