धर्म एवं ज्योतिष
रजब महीने का दिखा चांद, ख्वाजा मोइनुद्दीन के 813वें उर्स की हुई शुरुआत
3 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स की शुरुआत बुधवार को रजब का चांद दिखाई देने के साथ हो गई. इसके साथ ही दरगाह में देर रात मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म अदा की गई. महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल में सूफियाना कलाम पेश किए गए. बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागकर और दरगाह परिसर में शादीयाने व नगाड़े बजाकर चांद दिखाई देने की घोषणा की गई. इसके साथ ही उर्स की धार्मिक रस्मों की शुरुआत की गई. उर्स की शुरुआत होते ही देश-विदेश से हजारों भक्त और कलंदर अजमेर दरगाह में हाजिरी लगाने आ रहे हैं.
दरगाह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद नदीम ने बताया कि छठी रजब को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का विसाल (निधन) हुआ था. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पेशानी पर लिखा था ‘अल्लाह का दोस्त अल्लाह की याद में रुखसत हुआ’. ख्वाजा गरीब नवाज की पुण्यतिथि के मनाए जाने को ही उर्स कहते हैं.
जायरीन की आवक शुरू
ख्वाजा साहब के उर्स के लिए कायड़ विश्राम स्थली में जायरीनों की आवक शुरू हो गई है. प्रशासन की तरफ से जायरीनों के लिए बंदोबस्त करा दिए गए है. अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में जायरीन ख्वाजा साहब के उर्स में पहुंच रहे हैं.
पुलिस के पुख्ता इंतजाम
मेले के दौरान जगह-जगह सुरक्षा व सतर्कता के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. बिना आईडी के कमरा देने पर होटल-गेस्ट हाउस संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. मेला क्षेत्र में रहने वाले लोग भी मेला क्षेत्र में चार पहिया वह तीन पहिया वाहन में आ जा नहीं सकेंगे. सिर्फ दो पहिया वाहन की अनुमति होगी, वो भी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए दी जाएगी.
गणेश भक्तों के लिए खास यह दिन, साल की शुरुआत और समापन के साथ, मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब
3 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैसे तो न्यू ईयर हर कोई व्यक्ति अपने अपने तो ताड़ी को के साथ मनाता है. कोई व्यक्ति पार्टी और जश्न करके नया साल मानता है. कोई व्यक्ति भगवान के दर्शन करके अपने नए साल की शुरुआत करता है. 2025 यानी नया साल गणेश भक्तों के लिए बहुत खास है.
भीलवाड़ा में नए साल की शुरुआत जश्न के साथ ही धार्मिक आस्थाओं के साथ मनाई जा रही है. जहां नए साल के पहले दिन सुबह से ही भीलवाड़ा शहर के प्रमुख मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. 1 जनवरी बुधवार गणेश जी भगवान का दिन होने के कारण भीलवाड़ा के 52 वर्ष प्राचीन श्री सिद्ध गणेश मंदिर में सुबह से ही गणेश भक्तों की भीड़ का जमावड़ा लगा हुआ है. साल 2025 की सबसे खास बात यह है कि साल की शुरुआत गणेश जी के दिन यानी कि बुधवार से हो रही है और इस साल का समापन भी बुधवार से हो रहा है. इसको देखते हुए भक्तों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. हर व्यक्ति अपने नए साल की शुरुआत भगवान के दर्शन करके कर रहे हैं. आज के दिन गणेश मंदिर में विशेष श्रृंगार किया गया हैं. साथ ही भगवान को मोदक लड्डू का भोग लगा कर भक्तों को वितरित कियाजा रहा हैं.
साल की शुरुआत और अंत एक ही वार
मंदिर ट्रस्ट के राजकुमार घीया ने कहा कि आज के दिन की सबसे बड़ी खास बात यह है कि साल की शुरुआत बुधवार से हो रही है. साल का समापन भी बुधवार से हो रहा है और बुधवार भगवान गणेश जी का दिन होता है. इसलिए भक्तों में इस दिन को लेकर विशेष उत्साह है. आज के दिन मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया है. भक्तों द्वारा भगवान के विशेष श्रृंगार किया गया है. इसके साथ ही सुबह से ही मंदिर में तांता लगा हुआ है भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंच रहे हैं.
मंदिर में कई खास सजावट
वहीं श्रद्धालु छाया बोहरा ने कहा कि आज बहुत खास दिन है. साल की शुरुआत बुधवार से हो रही है. इसको लेकर हम भगवान के दर्शन करने के लिए आए हैं. यहां पर विशेष सजावट की गई है जो मन को प्रफुल्लित कर रही है.
कर लें शास्त्रों में लिखा यह अचूक उपाय, जीवन में कभी नहीं होगी धन की कमी, मौज से कटेगी जिंदगी!
3 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में कुल नौ ग्रह होते हैं. जिनका सभी राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है. कुंडली में राहु, केतु और शनि ग्रह को क्रूर ग्रह बताया गया है. जब इन ग्रहों की महादशा चलती है, तो व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. इन तीनों ग्रहों की महादशा चलने पर जीवन में धन का अभाव, शारीरिक समस्याएं, आर्थिक तंगी जैसी बहुत सी समस्याएं आती हैं, जिनसे व्यक्ति परेशान हो जाता है. शनिदेव कुंडली में एक ऐसे ग्रह होते हैं, जिन्हें साढ़ेसाती, ढैया और महादशा का अधिकार प्राप्त है.
शनि की साढ़ेसाती, ढैया और महादशा का प्रभाव सभी 12 राशियों पर होता है. शनि ग्रह एक राशि पर 30 साल बाद आते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव क्रूर ग्रह हैं तो वही धन प्राप्ति के लिए सबसे खास ग्रह भी बताए गए हैं. यदि शनि ग्रह से आप अपनी कुंडली में सकारात्मक फल चाहते हैं तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए आसान उपाय को करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए शनिदेव सबसे उत्तम ग्रह हैं.
कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में बहुत से ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनको विधि अनुसार करने पर शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं. शनिदेव न्याय के देवता हैं, जो जातकों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं. अचानक से धनवान बनने के लिए शनि देव के निमित्त उपाय करने से शनि ग्रह का प्रभाव सबसे जल्दी होता है. जिससे धन प्राप्ति के प्रबल योग बनते हैं. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनिवार को शनि के मंत्रों का जाप घर पर देवालय में करने से अनोखे लाभ होते हैं.
शनि ग्रह बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः
शनि एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः
शनि गायत्री मंत्र- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ।
शनि स्तोत्र- ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम । छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम
शनि पीड़ाहर स्तोत्र- सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: । दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: । तन्नो मंद: प्रचोदयात
शनि चालीसा, शनि यंत्र की पूजा, कुत्ते को भरपेट खाना खिलाने, शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाने और भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होकर खाली पड़े धन के भंडार भर देते हैं. भगवान शिव के शिव तांडव, रुद्राष्टक, शिव पंचाक्षर, शिव महिम्न आदि स्तोत्र का पाठ करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.
कि इतना करने के साथ शनिदेव के निमित्त दान करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है. शनिवार के दिन किसी गरीब, जरूरतमंद और असहाय व्यक्ति को काले तिल, काली उड़द की दाल, काले या नीले रंग के कपड़े, काले या नीले रंग के कंबल देने से लाभ होता हैं और यदि कोई एक आंख वाला भिखारी सोता हुए मिल जाए तो उसके ऊपर कंबल बिना बताए डालने पर शनिदेव प्रसन्न होकर धन के सभी भंडार भर देते हैं. इन सभी उपाय को करने से शनि देव जातकों पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं. इन उपाय को करने से गड़ा हुआ धन, उधार दिया पैसा आदि सभी धन प्राप्ति के सभी मार्ग खुल जाते हैं.
जौ के इन उपायों को करते ही बदल जाएगी किस्मत, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, पूजा-पाठ में भी है विशेष महत्व
3 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनुष्य के जीवन में सुख-दुख और उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी-कभी जीवन में परेशानियां इतनी बढ़ जाती हैं कि मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलती है. इसके पीछे ग्रह दोष भी हो सकते हैं. ऐसे में ज्योतिष द्वारा बताए गए उपाय मददगार साबित हो सकते हैं. ज्योतिष में कई ऐसे उपाय और टोटके बताए गए हैं, जो जीवन की परेशानियों को कम कर सकते हैं. इनमें से एक जौ का उपाय है. इसे करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं.
जौ के चमत्कारी उपाय
कि ज्योतिष और आध्यात्म में जौ को विशेष महत्व दिया गया है. इसे शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक अनुष्ठानों और हवन में जौ का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोष शांत करने के लिए किया जाता है. जौ को पवित्र अग्नि में चढ़ाने से घर का माहौल शुद्ध और शांतिपूर्ण होता है. इसे दान करने से कर्मों में सुधार होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र में जौ के कई उपाय बताए गए हैं, जो ग्रह दोष शांत करते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं
राहु के दुष्प्रभाव से बचाएगा जौ
राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ सरल उपाय बताए गए हैं. शनिवार के दिन जौ के साथ कोयला, कच्चा दूध, नारियल, तिल, तांबा और दूर्वा लेकर इन्हें बहते जल में प्रवाहित करें. यह उपाय राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है. इसी दिन कबूतरों को जौ खिलाने से भी राहु-केतु का नकारात्मक असर कम होता है.
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
पूर्णिमा या अमावस्या के दिन जौ से हवन करना शुभ माना जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. साथ ही परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं. कर्ज से छुटकारा पाने के लिए रात में सोने से पहले एक मुट्ठी जौ लाल कपड़े में बांधकर सिरहाने के नीचे रखें. सुबह इसे पक्षियों या जरूरतमंद लोगों में बांट दें. यह उपाय न केवल कर्ज से राहत दिलाता है, बल्कि जीवन में शांति और संतुलन भी लाता है.
जानें जौ का विशेष महत्व
शास्त्रों में जौ का दान विशेष महत्व रखता है. इसे सोने के समान पवित्र माना जाता है. जरूरतमंदों को जौ का दान करने से धन की वृद्धि होती है और घर में समृद्धि आती है. मांगलिक कार्यों में कलश या मूर्ति के नीचे जौ रखने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. इन उपायों से न केवल ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और प्रगति भी आती है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
3 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य कुशलता से संतोष तथा मनोबल उत्सावर्धक होगा, उत्साह बना रहेगा।
वृष राशि :- स्वभाव में खिन्नता होने से हीन भावना से बचियेगा अन्यथा कार्य मंद अवश्य होगा।
मिथुन राशि :- अशांति तथा विनम्रता से बचिये तथा झगड़ा होने की संभावना अवश्य बनेगी।
कर्क राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष, ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
सिंह राशि :- आलोचना से बचिये, कार्य कुशलता से संतोष होगा, कार्य व्यवसाय पर ध्यान दें।
कन्या राशि :- धीमी गति से सुधार अपेक्षित है, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि अवश्य होगी।
तुला राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, गुप्त शत्रुओं से चिन्ता तथा कुटुम्ब में समस्या बनेगी।
वृश्चिक राशि :- योजना फलीभूत होगी, इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा तथा कार्य अवरोध होगा।
धनु राशि :- कुटुम्ब की समस्या कष्टप्रद होगी तथा धन का व्यर्थ व्यय होगा सावधान रहें।
मकर राशिः- कुटुम्ब में सुख मान-प्रतिष्ठा, बड़े लोगों से मेल-मिलाप अवश्य ही होगा।
कुंभ राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल होगा, दैनिक गति मंद तथा बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मीन राशि :- कार्य व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी, समृद्धि के साधन अवश्य बनेंगे।
10 जनवरी को रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत
2 Jan, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पौष पुत्रदा एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी। इस बार 10 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत रुप से पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करता है। उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, 09 जनवरी के दिन सबह 12.22 रात से एकादशी की शुरुआत होगी, जो कि 10 जनवरी के दिन 10.19 बजे सुबह तक रहेगी।
पारण मुहूर्त
11 जनवरी को पारण यानी के व्रत तोड़ने का समय - सुबह 7 बजे से 8.21 से तक है। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- सुबह 08.21
पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें।
इसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें।
भगवान विष्णु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
इसके बाद आप श्री विष्णु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
-अब आप पौष पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा का पाठ जरुर करें।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।
भगवान विष्णु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं।
अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
जनवरी माह के मुख्य त्योहार
2 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल 2025 के जनवरी महीने में कई मुख्य त्योहार मनाए जाएंगे। इस दौरान लोहड़ी, मकर संक्रांति, पौष एकादशी, प्रदोष व्रत, पौष पूर्णिमा और मौनी अमावस्या के साथ ही बड़े-बड़े मुख्य त्योहार पड़ने वाले है। इसके साथ ही जनवरी 2025 में महाकुंभ का शाही स्नान भी शुरु होने वाले है। जनवरी 2025 में कौन-कौन से मुख्य त्योहार पड़ने जा रहे है।
पौष पुत्रदा एकादशी- 10 जनवरी 2025
प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)- 11 जनवरी 2025
पौष पूर्णिमा व्रत, लोहड़ी- 13 जनवरी 2025
मकर संक्रांति- 14 जनवरी 2025
सकट चौथ व्रत, संकष्टी चतुर्थी- 17 जनवरी 2025
मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)- 27 जनवरी 2025
माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या- 29 जनवरी 2025
गुप्त नवरात्रि आरंभ- 30 जनवरी 2025
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत
पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विधिवत रुप से श्री विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत के करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा का व्रत माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु और चंद्रदेव को समर्पित है। इस दिन विधिवत रुप से पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही पवित्र नदियों में स्नान करना भी शुभ होता है।
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन शुभ कार्य शुरु हो जाते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
मौनी अमावस्या
माघ माह की अमावस्या को मौना अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस व्रत को रखने से संतान की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली भी आती है।
मकर संक्रांति पर स्नान दान और पूजा पाठ का है विशेष महत्व
2 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्नातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व पर स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से सभी प्रकार के रोग, कष्ट, दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के दिन दान अवश्य करना चाहिए। इससे जितने भी दोष हैं वह समाप्त हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन इन चीजों का दान करना चाहिए।
जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाता है, तब मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।इस दिन से खरमास की भी समाप्ति हो जाती है। साथ ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है।
मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले गंगा स्नान करें या फिर किसी नदी में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य अवश्य दें। इसके बाद किसी गरीब या असहाय व्यक्ति को तिल दान करने चाहिए। तिल के दान करने से सभी ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही चावल, दाल और नमक दान करते हैं तो घर में साल भर अनाज का भंडार रहता है।
विजेता बनना है तो धारण करें वैजयंती माला
2 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धर्म में सफल होने के लिए पूजा पाठ और हवन के साथ ही कई अन्य उपाय भी है। धर्म शास्त्रों के अनुसार
वैजयंती माला- एक ऐसी माला जो सभी कार्यों में विजय दिला सकती है। इसका प्रयोग भगवान श्री कृष्ण माता दुर्गा, काली और दूसरे कई देवता करते थे। रत्न के जानकार मानते हैं कि अगर इस माला को सही विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठित करके धारण किया जाए तो इसके परिणाम आपको तत्काल मिल सकते हैं। कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जो जिसमें रुकावट आएगी।
वैजयंती माला को धारण करने वाला इंद्र के समान सारे वस्त्रों को जीतने वाला बन जाता है और श्री कृष्ण के समान सभी को मोहित करने वाला बन जाता है और महर्षि नारद के समान विद्वान बन जाता है। इस सिद्ध माला को धारण करने वाला हर जगह विजय प्राप्त करता है। उसके सर्व कार्य अपने आप बनते चले जाते हैं । यदि किसी काम में लंबे समय से बाधा आ रही है तो वह काम आसानी से बन जाता है। यह माला शत्रुओं का नाश भी करती है। वैजयंती माला को सिद्ध करने के लिए इसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। पूरा फल पाने के लिए जरूरी है कि माला सही विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही पहनी चाहिए।
दीपक को न रखें जमीन पर
2 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जगत में सभी लोग धन और वैभव चाहते हैं और इसके लिए जी जान से प्रयास करते हैं। उनके हर प्रयास के पीछे असली लक्ष्य सुख शान्ति और अपने परिवार की खुशहाली और तरक्की होती है पर लेकिन कई बार आपने देखा होगा की सब प्रयास करने के बाद हम धन सम्पदा तो कमा लेते है पर घर की शान्ति और अमन बिगड़ जाता है। ऐसी क्या गलतियां हैं जो भूलवश हम करते रहते है और जिनके कारण हमारे सुखी जीवन पर ग्रहण लगा रहता है।
दीपक हमारे घर में प्रतिदिन जलाया जाता है। दीपक का प्रयोग हम भगवान् की पूजा के लिए करते है। कभी गलती से भी दीपक को ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए।
शिवलिंग की पूजा हम प्रतिदिन करते है ,पर क्या आप जानते है कभी शिवलिंग ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। कई लोग मंदिर साफ़ करते समय कई बार शिवलिंग ज़मीन पर रखते है। ऐसा कभी न करे। शालिग्राम की पूजा तो सभी करते है। पर ज्योतिष एक बात हमेशा ध्यान में रखे कि कभी भी शालिग्राम को ज़मीन पर न रखे। इससे आप के घर कि आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है।जनेऊ को बहुत पवित्र माना गया है। इसलिए इसे कभी ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। न ही फेकना चाहिए। अगर आप का जनेऊ ख़राब है तो उसे पेड़ की टहनी से बाँध दे या पेड़ की जड़ में डाल दे। शंख का प्रयोग हर रोज पूजा पाठ में किया जाता है। इसलिए कभी भी शंख को ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। शंख बजाने के बाद हमेशा उसे धोकर रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भोजन की थाली को भी कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए ऐसा करना भी दुर्भाग्य की वजह बन जाता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
2 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मन में अशांति, परेशानी से बचिये, कुटुम्ब की समस्यायें सुलझ जायेंगी।
वृष राशि :- संवेदनशील होने से बचिये, सोच समझ कर कार्य करें, कार्य में सावधानी अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- मानसिक कार्य में सफल होंगे, संतोष होगा, धन लाभ होगा।
कर्क राशि :- विरोधियों का समर्थन फलप्रद होगा तथा शुभ कार्य के योग अवश्य बनेंगे।
सिंह राशि :- व्यवसायिक क्षमता अनुकूल रहेगी, स्थिति पूर्ण नियंत्रण पर बनी रहेगी।
कन्या राशि :- सामाजिक कार्यों में पूर्ण प्रतिष्ठा वृद्धि होगी, धन लाभ होगा, हर्ष एवं प्रसन्नता बनी रहेगी।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग से विशेष समर्थन प्राप्त होगा, रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- धन लाभ, कार्य कुशलता से संतोष होगा, पराक्रम एवं समृद्धि के योग बनेंगे।
धनु राशि :- स्त्री शरीर चिन्ता, विवाद ग्रस्त होने से बचें, रुके कार्य बन ही जायेंगे।
मकर राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, दैनिक कार्यगति में सफलता अवश्य मिलेगी।
कुंभ राशि :- कार्य व्यवसाय में उत्तेजना, धन का व्यय तथा शक्ति निष्फल होगी।
मीन राशि :- अधिकारी वर्ग का समर्थन फलप्रद होगा तथा सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा अवश्य बढ़ेगी|
2025 के पहले हफ्ते में किया इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, तो सालभर बनी रहेगी नवग्रहों की कृपा
1 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन पर नवग्रह का शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है. जब बच्चा जन्म लेता है, तो उसके जन्म का समय, जन्म की तारीख और जन्म स्थान के आधार पर उसकी कुंडली बनाई जाती है. कुंडली बनाने पर मालूम होता है कि व्यक्ति या बच्चे के जीवन में किन ग्रहों का सकारात्मक फल मिलेगा और किन ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव पड़ने से जीवन में समस्याएं आएंगी. जिस ग्रह का भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, उस ग्रह की शांति के लिए उपाय किए जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में कुल 9 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रह होते हैं. सभी नवग्रह समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन करते रहते हैं. यदि नवग्रह शांति के उपाय किए जाए, तो जीवन में आ रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
कि व्यक्ति के जीवन को नवग्रह प्रभावित करते हैं. इन नवग्रह का व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होता है. नवग्रह एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन होते रहते हैं, जिसका सभी 12 राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव होता है. यदि किसी राशि पर नवग्रह का कोई ग्रह गलत भाव में विराजमान होकर नकारात्मक फल प्रदान कर रहा है, तो ज्योतिष शास्त्र में वर्णित उपाय को विधि अनुसार करने पर उस ग्रह की शांति हो जाती है. वह बताते हैं कि साल 2025 आने वाला है, ऐसे में यदि ग्रहों के अनुसार ग्रह गायत्री का पाठ 1008 बार साल 2025 के शुरुआती सप्ताह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने घर के देवालय में बैठकर पवित्र मन से विधि अनुसार किया जाए, तो सालभर सभी ग्रहों का सकारात्मक फल प्राप्त होगा.
सालभर मिलेगा सकारात्मक फल
उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर 1 जनवरी 2025 बुधवार को है और बुधवार का दिन बुध ग्रह के निमित्त बुध गायत्री का पाठ 1008 बार करने पर बुध ग्रह की शांति होती है और बुध गलत भाव में होने पर भी सालभर सकारात्मक फल प्रदान करेंगे. ऐसे ही 2 जनवरी बृहस्पति ग्रह, 3 जनवरी शुक्र ग्रह, 4 जनवरी शनि, राहु और केतु ग्रह, 5 जनवरी सूर्य ग्रह, 6 जनवरी चंद्र ग्रह और 7 जनवरी मंगल ग्रह के गायत्री मंत्र का पाठ 1008 बार करने पर सालभर सकारात्मक फल प्राप्त होगा. ग्रह गायत्री का पाठ ग्रहों के दिन के अनुसार कभी भी करने पर ग्रह का सकारात्मक फल प्राप्त होता है. ग्रह गलत भाव में होने के बाद भी सकारात्मक फल प्रदान करते हैं.
1 जनवरी 2025 दिन बुधवार को बुध ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ सौम्यरूपाय विद्महे, वाणेशाय धीमहि, तन्नो बुधः प्रचोदयात् ।
2 जनवरी 2025 दिन बृहस्पतिवार को बृहस्पति ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अङ्गिरसाय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरू प्रचोदयात् ।
3 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को शुक्र ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ भृगुसुताय विद्महे, दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात् ।
4 जनवरी 2025 दिन शनिवार को शनि, राहु और केतु ग्रह के निमित्त इन मंत्रों का जाप करें- शनि- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ।
राहु के लिए- ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ।
केतु के लिए- ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात् ।
5 जनवरी 2025 दिन रविवार को सूर्य ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।
6 जनवरी 2025 दिन सोमवार को चंद्र ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अमृताङ्गाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमः प्रचोदयात् ।
7 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को मंगल ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।
कि ग्रह गायत्री का पाठ साल 2025 के शुरुआती सप्ताह में करने पर साल भर नवग्रह जनित कष्टों से छुटकारा मिलेगा और ग्रह गलत भाव में होने के बाद भी सकारात्मक फल प्रदान करेंगे.
नए साल के पहले दिन बन रहा दुर्लभ योग, इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा; 12 महीने बरसेगी कृपा
1 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस बार नए साल यानी 2025 की शुरुआत दिन बुधवार को होने जा रही है. इस कारण इसे बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित रहता है. भगवान गणेश विघ्नहर्ता और संकटहर्ता भी कहे जाते हैं. नए साल की शुरुआत अगर भगवान गणेश की पूजा आराधना के साथ करें तो पूरा साल सुख समृद्धि से भरपूर रहेगा. साथ ही सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाएंगे. इसके साथ ही नए साल के पहले दिन कई शुभ योग का भी निर्माण होने जा रहा है. जिस वजह से इस दिन का महत्व दो गुना बढ़ जाता है. कौन-कौन से योग इस दिन बन रहे है जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
साल 2025 का पहला दिन यानी 1 जनवरी को कई शुभ योग बन रहे हैं. 1 जनवरी को चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. वही मंगल कर्क राशि में पहले से ही विराजमान है. इन दोनों मे दृस्टि संबंध होने की वजह से धनयोग का निर्माण हो रहा है. जो अति शुभ माना जाता है. इसके साथ ही उतराआषाढा नक्षत्र, शिववास, बालव और कौलव योग का भी निर्माण हो रहा है.
नये कार्य की शुरुआत
नये साल के पहले दिन धनयोग यानी महालक्ष्मी योग का निर्माण होने जा रहा है. इस वजह से कोई भी नए व्यापार या नये कार्य की शुरुआत कर सकते हैं. पूरा साल आर्थिक लाभ होगा. इसके साथ ही उस दिन बुधवार रहने के कारण भगवान गणेश की पूजा षोडशोपचार पूजन से करें. साथ ही 56 प्रकार के भोग लगाएं. ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और साल भर घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होगी. सभी प्रकार के संकट दूर रहेंगे.
विदुर नीति: इंसान को मृत्यु की तरफ ले जाती हैं ये 4 आदतें, जितनी जल्दी हो कर दें इनका त्याग, वरना...
1 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदुर धृतराष्ट्र और पांडु के भाई थे. लेकिन दासी पुत्र होने की वजह से उन्हें वैसा सम्मान नहीं मिला जो कि हस्तिनापुर में उन्हें मिलना चाहिए था. हालांकि, विदुर की बुद्धिमत्ता और सूझ-बूझ पांडु, धृतराष्ट्र से कई ज्यादा आगे थी. इसलिए उन्हें हस्तिनापुर के प्रधान मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था. क्योंकि उनकी नीतियां राज्य को चलाने के लिए बहुत ही कारगार थी.
विदूर की नीतियां ना केवल राज्य के लिए बल्कि आज के समय में भी मानव जीवन के लिए भी बहुत जरुरी मानी जाती है. विदुर ने ही विदु नीति की रचना की, जिसमें कई ऐसी नीतियों के बारे में बताया गया है जो कि व्यक्ति को गलत रास्ते पर जाने से रोकती हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि विदुर नीति में जीवन, मृत्यु से जुड़े भी कई सूत्र बताए गए हैं. तो आइए जानते हैं विदुर नीति के अनुसार उन 5 बातों के बारे में जो कि मृत्यु के करीब ले जाती हैं.
जरूरत से ज्यादा बोलना
जो व्यक्ति जरुरत से ज्यादा बोलता है विदुर नीति के अनुसार, ऐसे व्यक्ति खुद ही मुश्किलों को न्योता दे देते हैं. क्योंकि ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति के मुंह से कई बार ऐसे शब्द निकल जाते हैं जो कि दूसरों के मन में घाव की तरह वार कर देते हैं, जिसके कारण उनके द्वारा निकली गई आह आपके लिए अच्छी नहीं होती.
क्रोध करना
अगर कोई व्यक्ति ज्यादा गुस्से वाला होता है तो ऐसे लोगों के बारे में विदुर नीति कहती है कि अधिक क्रोधी व्यक्ति अपनी उम्र खुद ब खुद कम कर लेता है. क्योंकि क्रोध में आया हुआ व्यक्ति कभी सही-गलत में समझ नहीं कर पाता है. हालांकि इस बारे में एक कहावत भी है कि- ‘क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है’.
लालच
लालची व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है. इसके साथ ही लालच करने वाला व्यक्ति खुद को मृत्यु के करीब ले जाता है. क्योंकि अपने लालच में वह कब क्या कर दे इसका कोई भरोसा नहीं होता है. इसके अलावा हम सभी ने अकसर सुना और पढ़ा हुआ है कि लालच बुरी बला है.
खुद की तारीफ करना
विदुर नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी अपने मुंह से खुद की तारीफ नहीं करनी चाहिए. क्योंकि खुद की प्रशंसा करने वाले लोग और दूसरों की निंदा करने वाले लोग अकसर अपने दुश्मनों को बना लेते हैं. व्यक्ति की ये आदतें उनको मृत्यु के करीब ले जाती है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
1 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझें, भाग्य एवं समय की परिवर्तनशीलता से लाभ होगा।
वृष राशि :- चिन्तायें कम होंगी, स्त्री वर्ग सुखवर्धक होगा, प्रभुत्व के कार्य बनेंगे।
मिथुन राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बिगड़े हुये कार्य बनेंगे, कार्य सिद्ध होंगे।
कर्क राशि :- लेनदेन के मामले में हानि, व्यर्थ प्रवास व यात्रा के योग बनेंगे, सावधानी अवश्य रखें।
सिंह राशि :- कार्य कुशलता से संतोष, मनोवृत्ति संवेदनशील रहेगी, ध्यान से अपना कार्य बना लें।
कन्या राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि, अधिकारियों का सर्मथन फलप्रद बना ही रहेगा ध्यान दें।
तुला राशि :- व्यवसाय की चिन्ता, व्यवसाय गति अनुकूल तथा कार्य में सफलता मिलेगी।
वृश्चिक राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा व विलम्ब से उत्तेजना की स्थिति बनेगी, धैर्य से कार्य करें।
धनु राशि :- आर्थिक चिन्तायें मन उद्विघ्न रखें तथा प्रयत्नशीलता से कार्य अवश्य बनेंगे।
मकर राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, कार्य में सुधार अवश्य ही होगा।
कुंभ राशि :- धन लाभ के अवसर आयेंगे, रुके कार्य बना लेवें, कार्य में सुधार होगा।
मीन राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहेगा, कार्य व्यवसाय गति अनुकूल होगी।