धर्म एवं ज्योतिष
गलती से भी इन 4 लोगों को न करें परेशान, क्रोधित हो सकते हैं कर्मफलदाता शनिदेव, झेलना पड़ेगा भारी नुकसान!
7 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है. ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव की विधि विधान से पूजा करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है. शनि देव के नाराज होने पर व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से घिर जाता है. यही वजह है कि अमूमन लोग ऐसे प्रयास करते हैं कि शनि देव क्रोध होने की बजाय उनके ऊपर अपनी कृपा बनाएं रखें, लेकिन कई बार जाने अनजाने में व्यक्ति से ऐसे कार्य हो जाते हैं जिसे शनिदेव नाराज हो जाते हैं. जैसा कि शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है ऐसे में किसी भी पीड़ित को परेशान करना सहित ऐसे कई कार्य हैं जिससे शनि देव क्रोधित हो जाते हैं और इससे व्यक्ति को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है.
इन लोगों को सताना पड़ा सकता है भारी
दुर्बल, कमजोर, महिला और नौकर को सताने वाले लोगों पर शनि देव क्रोधित होते हैं. ऐसे लोगों को न्याय के देवता शनि देव दंड देते हैं. ऐसे कमजोर लोगों को कभी सताना नहीं चाहिए. बल्कि इनकी मदद करना चाहिए. इनका सहारा बनने वाले लोगों पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है.
छल कपट करने वालों से भी नाराज रहते हैं शनि देव
दूसरों के साथ छल-कपट और धोखा-धड़ी करने वालों पर भी शनि देव की बुरी दृष्टि होती है. ऐसा करने वालों को शनि देव छोड़ते नहीं है और उनके कर्मों की सजा तुरंत देते हैं.
दूसरों की बुराई करने वालों से क्रोधित रहते है शनि देव
इसके अलावा पीठ पीछे दूसरों की बुराई करने वाले और झूठ बोलने वालों लोगों पर भी शनि देव नाराज रहते हैं. ऐसे लोग चाहकर भी उन्नति नहीं कर पाते हैं. शनि देव ऐसे लोगों को उनके काम के अनुसार दंड देते हैं. ऐसे लोग आर्थिक नुकसान और परिवारिक कलह से परेशान रहते हैं.
पशु-पक्षियों को न करें परेशान
पशु-पक्षियों को परेशान करने वालों पर भी शनि देव क्रोधित होते हैं. पशु पक्षियों पर अत्याचार करने वालों को शनि देव कभी माफ नहीं करते हैं. ऐसे लोग इसी जीवन में शनि देव की बुरी दृष्टि के शिकार बने रहते हैं.
हर मनोकामना होगी पूरी, शनि प्रदोष व्रत कथा पढ़ने के हैं अनेक लाभ, जानें कब पड़ रहा ये व्रत?
7 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में शनि प्रदोष व्रत का खास महत्व है. शनिवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं. इस बार शनि प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 को पड़ रहा है. शनि प्रदोष व्रत के प्रभाव से सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन में सुख-शान्ति और समृद्धि में वृद्धि होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत मंगलकारी और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है. प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ी जाती है जिससे मनुष्य का कल्याण होता है.
शनि प्रदोष व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और तीसरा धनिक पुत्र. राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे. धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, लेकिन गौना शेष था. एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे. ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा- ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है.’ धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्नी को लाने का निश्चय कर लिया. तब धनिक पुत्र के माता-पिता ने समझाया कि अभी शनि देवता डूबे हुए हैं. ऐसे में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा करवा लाना शुभ नहीं माना जाता लेकिन धनिक पुत्र ने एक नहीं सुनी और ससुराल पहुंच गया. ससुराल में भी उसे मनाने की कोशिश की गई लेकिन वो ज़िद पर अड़ा रहा और कन्या के माता पिता को उनकी विदाई करनी पड़ी. विदाई के बाद पति-पत्नी शहर से निकले ही थे कि बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई.
दोनों को चोट लगी लेकिन फिर भी वो चलते रहे. कुछ दूर जाने पर उनका पाला डाकूओं से पड़ा. जो उनका धन लूटकर ले गए. दोनों घर पहूंचे. वहां धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया. उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन में मर जाएगा. जब ब्राह्मण कुमार को यह खबर मिली तो वो धनिक पुत्र के घर पहुंचा और उसके माता पिता को शनि प्रदोष व्रत करने की सलाह दी और कहा कि इसे पत्नी सहित वापस ससुराल भेज दें. धनिक ने ब्राह्मण कुमार की बात मानी और ससुराल पहुंच गया जहां उसकी हालत ठीक होती गई. यानी शनि प्रदोष के माहात्म्य से सभी घोर कष्ट दूर हो गए.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
7 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान-प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, कार्य-व्यवसाय गति उत्तम, स्त्री-वर्ग से क्लेश अवश्य होगा।
वृष राशि :- धन प्राप्ति के योग बनेंगे, नवीन मैत्री-मंत्रणा प्राप्त होगी, ध्यान अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- इष्ट-मित्र सहायक रहें, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी, कार्य अवश्य बनेंगे।
कर्क राशि :- सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा, कार्य-कुशलता से संतोष, रुके कार्य बनने लगेंगे।
सिंह राशि :- परिश्रम से समय पर सोचे कार्य पूर्ण होंगे तथा व्यवसाय गति उत्तम होगी।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहे, कार्यकुशलता से संतोष होगा।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसाय गति उत्तम तथा व्यवसायिक चिन्ताएं कम अवश्य होंगी।
वृश्चिक राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार होगा, असमंजस तथा सफलता न मिले, कार्य अवरोध होगा।
धनु राशि :- स्थिति अनियंत्रित रहे तथा नियंत्रण करने से सफलता मिले, ध्यान दें।
मकर राशि :- मानसिक खिन्नता, स्वभाव में उद्विघ्नता बनी रहेगी, ध्यान दें।
कुंभ राशि :- योजनाएं फलीभूत हों, विघटनकारी तत्व परेशान करेंगे, ध्यान दें।
मीन राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्य-कुशलता से संतोष तथा लाभ अवश्य होगा।
श्याम भक्तों के लिए बड़ी खबर, 19 घंटे बंद रहेंगे खाटूश्याम जी के कपाट,
6 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खाटूश्याम जी से जुड़े भक्तों के लिए बड़ी अपडेट है. अगर आप विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो रुक जाइए. 19 घंटे के लिए बाबा श्याम के मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. श्री श्याम मंदिर कमेटी खाटूश्याम जी ने पत्र जारी कर इसकी सूचना जारी की है. विशेष पूजा व तिलक के चलते खाटूश्यामजी के दर्शन बंद रहेंगे.
श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान ने बताया कि अमावस्या के बाद श्री श्याम प्रभु की विशेष पूजा होगी. जिसके चलते खाटूश्याम जी का मंदिर बंद रहेगा. 7 जनवरी को बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार होगा. इसलिए 6 जनवरी रात 9:30 बजे मंदिर बंद होगा. इसके बाद अगले दिन 7 जनवरी 5 बजे मंगला आरती के समय आम भक्तों के लिए खुलेगा. श्री श्याम मंदिर कमेटी ने पत्र जारी कर सभी श्याम श्रद्धालुओं से मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्याम के दर्शन के लिए आने का अनुरोध किया है.
श्याम वर्ण में भक्तों को दर्शन देंगे बाबा श्याम
बाबा श्याम पिछले 7 दिन से अपने मूल स्वरूप शालिग्राम में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. खाटूश्याम जी मंदिर के मुख्य पुजारी मोहनदास महाराज ने बताया कि काली अमावस्या के बाद बाबा श्याम का विशेष पूजा और श्रृंगार किया जाता है. बाबा के विशेष पूजा में 12 से 15 घंटे का समय लगता है. इसके अलावा श्याम के विशेष श्रंगार में भी करीबन 5 से 6 घंटे का समय लगता है. महाराज ने बताया कि महीने में 23 दिन लखदातार श्याम वर्ण (पीला रंग) में रहते हैं.
कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे. तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोंगे.
कब मनाई जाएगी लोहड़ी? तारीख के साथ जानिए पौराणिक, धार्मिक महत्व और कहानी
6 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोहड़ी का पर्व इस बार 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार को मनाया जाएगा. उत्तर भारत के प्रमुख पर्वों में से एक लोहड़ी सिखों और पंजाबियों के लिए बेहद अहम होता है. यह पर्व हर साल जनवरी माह में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है. इसको मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. असल में लोहड़ी के पर्व को मुख्य रूप से नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन से ही ठंड का प्रकोप कम और रातें छोटी होने लगती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मकर संक्रांति पर जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन होता तो उससे एक दिन पूर्व रात्रि में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन आग का अलाव लगाया जाता है. इसके बाद चारों तरफ लोग एकत्र होते हैं और अग्नि में रेवड़ी, खील, गेहूं की बालियां और मूंगफली डालकर जीवन सुखी होने की कामना करते हैं.
लोहड़ी पर्व का धार्मिक महत्व : सिख समुदाय में लोहड़ी पर्व का बड़ा महत्व है. यह पर्व किसानों के लिए बेहद खास होता है. लोहड़ी के दिन सूर्यदेव और अग्नि देवता की पूजा का विधान है. इस दिन किसान अच्छी फसल की कामना करते हुए ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं. लोहड़ी के दिन ही किसान अपने फसल की कटाई शुरू करते हैं. इसी खुशी में लोहड़ी की अग्नि में रवि की फसल के तौर पर तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती हैं. इसके साथ ही महिलाएं लोकगीत गाकर घर में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.
लोहड़ी पर्व से जुड़ी कहानी : लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की कहानी को खास रूप से सुना जाता है. मान्यता के अनुसार मुगल काल में अकबर के शासन के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में ही रहता है. कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की उस वक्त रक्षा की थी जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था. वहीं एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई थी. तभी से दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा और हर साल हर लोहड़ी पर ये कहानी सुनाई जाने लगी.
लोहड़ी पर्व की पौराणिक कथा : पौराणिक कथा के मुताबिक, प्रजापति दक्ष भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह होने से खुश नहीं थे. एक बार प्रजापति दक्ष ने महायज्ञ करवाया. इस यज्ञ में प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव और पुत्री सती को आमंत्रण नहीं दिया. तब मां सती ने भगवान शिव से पिता के यज्ञ में जाने की इच्छा जाहिर की. इस पर महादेव ने कहा कि आमंत्रण के बिना किसी के कार्यक्रम में जाना ठीक नहीं है. ऐसी स्थिति में वहां जाने से अपमान होता है. लेकिन मां सती के न मानने पर भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी. जब मां सती यज्ञ में शामिल होने पहुंचीं, तो वहां शिव जी को लेकर अपमानजनक शब्द सुनकर वे दुखी हुईं. तब मां सती अपने पिता के द्वारा करवाए गए यज्ञ कुंड में समा गई थीं. इसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष मां सती की याद में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है.
2025 में लोहड़ी किस दिन है?
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है. साल 2025 में 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में गोचर करेंगे, जिसके कारण 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. उदयातिथि के आधार पर मकर संक्रांति से एक दिन पहले 13 जनवरी 2025, सोमवार को लोहड़ी मनाई जाएगी.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
6 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मन में अशांति, किसी परेशानी से बचिये, कुटुम्ब की समस्या में समय बीतेगा।
वृष राशि :- संवेदनशील होने से बचिये नहीं तो अपने किये पर पछताना पड़ेगा, ध्यान रखें।
मिथुन राशि :- मानसिक कार्यों में सफलता से संतोष, धन लाभ, बिगड़े कार्य बनेंगे, ध्यान दें।
कर्क राशि :- विरोधी वर्ग का समर्थन फलप्रद हो तथा शुभ कार्यों के योग अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- व्यवसायिक क्षमता अनुकूल रहे, स्थिति पूर्ण नियंत्रण में रहे, कार्य बनेंगे।
कन्या राशि :- सामाजिक कार्यों में प्रभुत्व वृद्धि होगी, धन लाभ तथा आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग से समर्थन प्राप्त होगा तथा रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- धन लाभ, कार्यकुशलता से संतोष, पराक्रम एवं समृद्धि के योग बनेंगे।
धनु राशि :- स्त्री-शरीर कष्ट, चिन्ता, विवादग्रस्त होने से बचिये, कार्य बनने के योग बनेंगे।
मकर राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, दैनिक कार्यगति में सफलता अवश्य मिलेगी।
कुंभ राशि :- कार्य-व्यवसाय में उत्तेजना, धन का व्यय एवं शक्ति निष्फल अवश्य होगी।
मीन राशि :- समृद्धि के साधन जुटायें, इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, समय का ध्यान रखें।
गुरुवार के दिन नहीं खाना और पकाना चाहिए खिचड़ी! जीवन में पड़ सकता गहरा प्रभाव, जानें इसके पीछे के मुख्य कारण
5 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. वहीं गुरुवार का दिन विष्णु जी को समर्पित दिन होता है जो कि कई नियमों वाला दिन माना जाता है. इस दिन भक्त विष्णु जी की पूजा करते हैं व उनसे अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि गुरुवार के दिन भक्तों को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए. शास्त्रों में गुरुवार के दिन से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, जिनका आज भी पालन किया जाता है.
कब है सकट चौथ 2025? देखें मुहूर्त
कब है सकट चौथ 2025? देखें मुहूर्त
गुरुवार के दिन ना करें ये काम
गुरुवार के दिन सिर धोना, बाल-दाढ़ी और नाखून कटवाना, कपड़े धोना, घर पर पोंछा लगाना, जाले साफ करना, मांसाहार भोजन करना आदि कामों को वर्जित माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन खिचड़ी ना खाने की भी मान्यता है. हालांकि गुरुवार के दिन खिचड़ी ना खाने के लिए हमारे घर के बड़ों के मुंह से हमने कई बार सुना है, कि आज गुरुवार है खिचड़ी नहीं बनेगी. लेकिन इसके पीछे का क्या कारण है ये आज जानते हैं.
हमारे घर के बड़े-बुजुर्गों कि ये बातें हमें कुछ समय के लिए हमें मिथक लग सकती है. लेकिन शास्त्रों में इसके पीछे पुख्ता कारण और इससे होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया है. इसलिए कभी कभार घर के बड़ों की बातों को फॉलो करना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है. ये हमारे भविष्य में होने वाली अशुभ घटनाओं से भी बचाता है. तो आइए जानते हैं गुरुवार के दिन खिचड़ी क्यों नहीं खाना चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां... वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल!
5 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. पौष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का विधान है. इस बार पौष माह में 10 जनवरी को पुत्रदा एकादशी है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार पुत्रदा एकादशी के दिन कुछ कार्यों करने की सख्त मनाही है, जिनको करने से साधक को जीवन में दुख और संकटों का सामना करना पड़ता है और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. साथ ही पूजा का पूरा फल भी प्राप्त नहीं होता है. तो चलिए हरिद्वार के ज्योतिषी से जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए.
कि पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस व्रत को विधि विधान से ना किया जाए तो इसका प्रतिकूल फल प्राप्त होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को दोपहर 12. 22 मिनट पर होगी. वहीं समापन 10 जनवरी को सुबह 10. 19 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को मनाया जाएगा.
पुत्रदा एकादशी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
साधक को सुबह की पूजा करने के बाद दिन में सोना नहीं चाहिए.
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए. तुलसी माता एकादशी
का निर्जला व्रत रखती हैं.
पुत्रदा एकादशी के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन किसी पशु-पक्षी को परेशान न करें.
पुत्रदा एकादशी के दिन किसी के प्रति बुरा न सोचें.
यहां देख लें साल 2025 में शादी के लिए शुभ मुहूर्त, मई में सबसे अधिक...इन दो महीनों में एक भी नहीं
5 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल 2025 शुरू हो गया है और अगर आप शादियों के सीजन का इंतजार कर रहे हैं तो इसकी शुरुआत 16 जनवरी से होगी और इसके बाद एक बार फिर शहनाई की धुन सुनाई देगी. फिलहाल मलमास के कारण शादी और विवाह समारोहों पर विराम लगा हुआ है. सूर्यदेव के मकर राशि में परिभ्रमण के बाद 16 जनवरी से एक बार फिर शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगेगी.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नए वर्ष में इस बार विवाह के लिए 75 दिन शुभ मुहूर्त हैं. जबकि मलमास व चातुर्मास को मिलाकर करीब 6 महीनों तक विवाह समारोह नहीं होंगे. वर्ष 2025 में सबसे ज्यादा विवाह के शुभ मुहूर्त मई महीने में हैं. जो करीब 16 शादी के शुभ मुहूर्त हैं जबकि दिसंबर में सबसे कम तीन विवाह मुहूर्त हैं. मलमास की समाप्ति के बाद सबसे पहले जनवरी के महीने में 10 दिन तक विवाह समारोह होंगे. और 16 तारीख के बाद से ही शादियों के सीजन की शुरुआत एक बार फिर हो जाएगी और शुभ मुहूर्त के अनुसार विवाह मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.
सबसे ज्यादा शादियों के सुभ मुहूर्त
जनवरी में 10 दिन शादी कि लिए शुभ मुहूर्त हैं जबकि फरवरी में 14 दिन, मार्च में पांच दिन, अप्रैल में नौ दिन, मई में 16 दिन और जून में पांच दिन शादी-विवाह का अच्छा मुहूर्त है. इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है. 4 महीने तक विराम लग जाएगा. क्योंकि इन महिनों में भगवान विष्णु शयन में चले जाएंगे और इसके बाद नवंबर में 13 दिन व दिसंबर में तीन दिन विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.
दो महीने तक नहीं कोई मुहूर्त नहीं
फिलहाल सूर्य देव धनु राशि में हैं. इस वजह से 14 जनवरी को मकर संक्रमण तक मलमास रहेगा. सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे. अत: 14 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक खरमास रहेगा. दिसंबर के अंत में फिर 15 दिन मलमास के रहेंगे. इस तरह से वर्ष में करीब दो माह मलमास के चलते विवाह नहीं होंगे.
साल 2025 में विवाह सुभ मुहूर्त
वहीं अगर 2025 के विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो यह जनवरी महीने में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 हैं जबकि फरवरी महीने में 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 तारीख को हैं वहीँ इसके बाद मार्च के माह में 1, 2, 6, 7 और 12 को हैं. और इसी प्रकार अप्रेल माह में 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 तक हैं. मई माह की बात की जाए तो ब1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 तक हैं जो सबसे ज्यादा 16 सुभ मुहूर्त हैं इसके अलावा जून माह में 2, 4, 5, 7 और 8 जून तक हैं. और सबसे अंत मे नवंबर माह के 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 जबकि दिसंबर के महीने में 4, 5 और 6 दिसंबर तक हैं.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
5 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय होगा, मन में उद्विघ्नता बनेगी।
वृष राशि :- मानसिक बेचैनी, क्लेश व अशांति के योग बनेंगे तथा कार्य का भार अवश्य बढ़ेगा।
मिथुन राशि :- व्यर्थ भ्रमण से धन हानि, आरोप, क्लेश से बचें तथा स्थिति संदिग्ध अवश्य रहेगी।
कर्क राशि :- परिश्रम से कुछ सफलता मिले, अर्थ-व्यवस्था कुछ अनुकूल बनानी ही पड़ेगी।
सिंह राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यगति में सुधार होगा, कार्य आनंद से बनेंगे।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, व्यक्तिगत मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
तुला राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे तथा सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा अवश्य बढ़ेगी।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, कार्यगति में सुधार होगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
धनु राशि :- कुटुम्ब में धन का व्यय होगा, मानसिक व्यग्रता तथा स्वभाव में बेचैनी अवश्य बढ़ेगी।
मकर राशि :- चिन्ताएं दूर हों, सफलता के साधन अवश्य जुटायें, कार्य अवश्य ही बनेंगे।
कुंभ राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास, कार्यगति में अनुकूलता बने, चिन्ताएं कम होंगी।
मीन राशि :- अधिकारियों से तनाव स्थिगित रखें, मित्रों से विवाद तथा धोखा बनेगा, ध्यान दें।
नए साल का पहला शनि प्रदोष कब? व्रत रखने से खत्म होगा शनि के बुरे प्रकोप! ..
4 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. इस खास दिन पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा से सुख-समृद्धि और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है. दरअसल, एक महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन सुबह से लेकर शाम तक व्रत किया जाता है और भगवान शिव समेत उनके पूरे परिवार की आराधना की जाती है. साथ ही, विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. आइए जानते हैं उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से नए साल जनवरी के महीने में पहला प्रदोष व्रत कब आ रहा है.
कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी और 12 जनवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे मे जनवरी का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 को रखा जाएगा.
कई शुभ योग में मनाया जाएगा प्रदोष व्रत
नए साल के पहला प्रदोष व्रत शनिवार को आ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन कई शुभ योग में भगवान शिव व गौरा की पूजा करी जाएगी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस समय में अमृत सिद्धि योग भी बना रहेगा.
शनि प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
शनि प्रदोष व्रत के दिन मान्यता है कि इससे शनि के बुरे प्रभाव से बचाव होता है. इस व्रत को करने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. इसलिए इस साल के आखिरी प्रदोष व्रत का लाभ उठाएं और भगवान शिव और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें. ऐसा करने से आपको नए साल में भी शिव और शनि की कृपा प्राप्त होगी. शनि प्रदोष व्रत एक खास मौका है जब आप अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से विशेष फल मिलता है.
इन नियमों का जरूर करें पालन
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें.
2. इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करके भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें.
3. शिव परिवार का पूजन करें और भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.
4. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें. इसके बाद ही अपना उपवास खोलें.
किसी को सम्मान तो किसी को सफलता दिलाएंगे सूर्य देव के 5 मंत्र, जानें इसके और भी फायदे
4 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मकर संक्रांति हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ मनाया जाता है. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, दिन मंगलवार को पड़ रही है. यह त्योहार विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित होता है. इसके अलावा इस त्योहार से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो सकती हैं. मकर संक्रांति के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से इस दिन कौन से मंत्रों का जाप करना फायदेमंद हो सकता है?
1. सूर्य देव का बीज मंत्र: ॐ ह्रीं सूर्याय नमः.
यह मंत्र सूर्य देव की पूजा के दौरान बहुत खास माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस मंत्र से व्यक्ति की जीवन में ऊर्जा का संचार होता है और शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं.
2. सूर्य शक्ति मंत्र: ॐ सूर्याय आदित्याय श्री महादेवाय नमः
इस मंत्र का जाप मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की शक्ति को जगाता है. इससे व्यक्ति के भीतर की नकारात्मकता समाप्त होती है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. यह मंत्र सूर्य देव की कृपा से शरीर और मन दोनों में तेज का संचार करता है.
3. आदित्य हृदयम मंत्र: नमस्कारं च देवेशं लोकनाथं जगतां पतिं. सूर्यमस्तकं बध्यं ब्राह्मणं बद्धमाश्रयेत्॥
इस मंत्र का जाप आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से किया जाता है. इसे जाप करने से व्यक्ति के जीवन में भाग्य का साथ मिलता है और जो काम रुके हुए होते हैं, वे जल्द ही पूरे हो जाते हैं. यह मंत्र भाग्य में सुधार लाने में मदद करता है.
4. सूर्य सिद्धि मंत्र: ॐ सूर्याय सुर्याय नमः.
मकर संक्रांति के दिन इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव को सिद्ध किया जा सकता है. इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है. यह मंत्र जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ नकारात्मकता को भी समाप्त करता है.
5. सूर्य यंत्र मंत्र: ॐ हं सूर्याय नमः
इस मंत्र का जाप करने से किसी भी काम में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. जो कार्य लंबे समय से अटके हुए होते हैं, वे शीघ्र पूरे होने लगते हैं. इसके साथ ही व्यक्ति के सभी शुभ कार्यों में तेजी आती है और उसे सफलता मिलती है.
शनिवार व्रत से शनि देव होंगे प्रसन्न, चोर पंचक का दूसरा दिन, जानें मुहूर्त, रवि योग, दिशाशूल, राहुकाल
4 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल का पहला शनिवार व्रत है. उस दिन पौष शुक्ल पंचमी तिथि, शतभिषा नक्षत्र, सिद्धि योग, बव करण, पूर्व का दिशाशूल और कुंभ राशि का चंद्रमा है. चोर पंचक का दूसरा दिन है. चोर पंचक में आपको अपने सामान की सुरक्षा करनी चाहिए. इसमें चोरी की आशंका ज्यादा रहती है. रवि योग रात में 09 बजकर 23 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन सुबह तक है. शनिवार को व्रत रखकर न्याय के देवता शनि देव की पूजा करते हैं. शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव कम होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में जाएं और वहां पर पूजा करें. शनि महाराज को काले तिल, सरसों का तेल, काली उड़द, नीले फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. शनि चालीसा का पाठ करें. आप से शनि देव प्रसन्न होंगे. शनिवार के दिन मांस और मदिरा का सेवन न करें. झूठ न बोलें. चोरी न करें. दूसरों के प्रति घृणा की भावना न रखें. शनि देव की कृपा पाने के लिए आपको अच्छे कर्म करने होंगे. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको शनि के प्रकोप से कोई नहीं बचा सकता है. शनिवार को काले कपड़े, तिल, तेल, लोहा, स्टील के बर्तन आदि का दान करने से शनि दोष दूर होता है. वैदिक पंचांग से जानते हैं आज के शुभ मुहूर्त, चोर पंचक, रवि योग, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल आदि.
आज का पंचांग, 4 जनवरी 2025
आज की तिथि- पञ्चमी – 10:00 पी एम तक, फिर षष्ठी
आज का नक्षत्र- शतभिषा – 09:23 पी एम तक, उसके बाद पूर्व भाद्रपद
आज का करण- बव – 10:51 ए एम तक, बालव – 10:00 पी एम तक, फिर कौलव
आज का योग- सिद्धि – 10:08 ए एम तक, उसके बाद व्यतीपात
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- कुंभ
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:15 ए एम
सूर्यास्त- 05:38 पी एम
चन्द्रोदय- 10:29 ए एम
चन्द्रास्त- 10:13 पी एम
आज के शुभ मुहूर्त और योग
रवि योग: 09:23 पी एम से 07:15 ए एम, जनवरी 05
ब्रह्म मुहूर्त: 05:26 ए एम से 06:20 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 12:05 पी एम से 12:47 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:10 पी एम से 02:52 पी एम
अमृत काल: 02:29 पी एम से 04:01 पी एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 08:33 ए एम से 09:50 ए एम
चर-सामान्य: 12:26 पी एम से 01:44 पी एम
लाभ-उन्नति: 01:44 पी एम से 03:02 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 03:02 पी एम से 04:20 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 05:38 पी एम से 07:20 पी एम
शुभ-उत्तम: 09:02 पी एम से 10:44 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 10:44 पी एम से 12:26 ए एम, जनवरी 05
चर-सामान्य: 12:26 ए एम से 02:08 ए एम, जनवरी 05
लाभ-उन्नति: 05:33 ए एम से 07:15 ए एम, जनवरी 05
अशुभ समय
राहुकाल- 09:50 ए एम से 11:08 ए एम
गुलिक काल- 07:15 ए एम से 08:33 ए एम
यमगण्ड- 01:44 पी एम से 03:02 पी एम
दुर्मुहूर्त- 07:15 ए एम से 07:56 ए एम, 07:56 ए एम से 08:38 ए एम
चोर पंचक: पूरे दिन
दिशाशूल- पूर्व
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
कैलाश पर – 10:00 पी एम तक, उसके बाद नन्दी पर.
हजारों साल पुराना हनुमान मंदिर; हर किसी को नहीं आता बुलावा! दर्शन करने से हर इच्छा होती है पूरी..
4 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर जिले के खजुराहो में एक ऐसा हनुमान जी का मंदिर है. जिसका इतिहास चंदेल शासकों से जुड़ा है. दरअसल, पुरातत्व विभाग के मुताबिक हनुमान जी की ये मूर्ति लगभग 1 हजार साल पुरानी है. हनुमान जी यहां वानर रूप में विराजमान हैं. छतरपुर जिले के खजुराहो में एक ऐसा हनुमान जी का मंदिर है. जिसका इतिहास चंदेल शासकों से जुड़ा है. दरअसल, पुरातत्व विभाग के मुताबिक हनुमान जी की ये मूर्ति लगभग 1 हजार साल पुरानी है. हनुमान जी यहां वानर रूप में विराजमान हैं.
पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर चंदेल शासकों ने बनवाया था. पहले यहां जंगल था, एक गली निकली थी. इसलिए यहां के हनुमान जी गैल बब्बा जी के नाम से प्रसिद्ध हैं. हालांकि, हनुमान जी की यह मूर्ति भंवर बब्बा के नाम से भी प्रसिद्ध है. अब ये मंदिर पुरातत्व विभाग में शामिल कर लिया गया है. बता दें, इस मंदिर में तीन पुजारियों की ड्यूटी लगती है. शासन से ही पुजारी नियुक्त हैं. क्योंकि यह मंदिर पुरातत्व विभाग की धरोहर है.
पुजारी बताते हैं कि हनुमान जी का दुर्लभ मंदिर है. हनुमान जी की ऐसी दुर्लभ मूर्ति न जिले में हैं और न ही यहां के आसपास के जिलों में कहीं है. हनुमान जी की इतनी विशाल मूर्ति दुर्लभ ही देखने को मिलती है. यहां हनुमान जी वानर रूप में विराजमान हैं. जिले के ज्यादातर मंदिरों में हनुमान जी वानर रूप में विराजमान नहीं हैं.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
4 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मन में अशांति, किसी परेशानी से बचिये, कुटुम्ब की समस्या में समय बीतेगा।
वृष राशि :- संवेदनशील होने से बचिये नहीं तो अपने किये पर पछताना पड़ेगा, ध्यान रखें।
मिथुन राशि :- मानसिक कार्यों में सफलता से संतोष, धन लाभ, बिगड़े कार्य बनेंगे, ध्यान दें।
कर्क राशि :- विरोधी वर्ग का समर्थन फलप्रद हो तथा शुभ कार्यों के योग अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- व्यवसायिक क्षमता अनुकूल रहे, स्थिति पूर्ण नियंत्रण में रहे, कार्य बनेंगे।
कन्या राशि :- सामाजिक कार्यों में प्रभुत्व वृद्धि होगी, धन लाभ तथा आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग से समर्थन प्राप्त होगा तथा रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- धन लाभ, कार्यकुशलता से संतोष, पराक्रम एवं समृद्धि के योग बनेंगे।
धनु राशि :- स्त्री-शरीर कष्ट, चिन्ता, विवादग्रस्त होने से बचिये, कार्य बनने के योग बनेंगे।
मकर राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, दैनिक कार्यगति में सफलता अवश्य मिलेगी।
कुंभ राशि :- कार्य-व्यवसाय में उत्तेजना, धन का व्यय एवं शक्ति निष्फल अवश्य होगी।
मीन राशि :- समृद्धि के साधन जुटायें, इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, समय का ध्यान रखें।