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पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत IMF और विश्व बैंक से पाकिस्तान को फंडिंग रोकने की अपील करेगा
7 May, 2025 06:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अब ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव के मद्देनजर भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान को प्रस्तावित 2 बिलियन डॉलर की सहायता पैकेज पर आपत्ति जता सकता है. आपको बता दें कि 9 मई, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड की बैठक होने वाली है.
इस बैठक में पाकिस्तान को प्रस्तावित 2 बिलियन डॉलर की सहायता पैकेज दी जाने पर चर्चा होगी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव से ये उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत पाकिस्तान के सहायता पैकेज पर कड़ी आपत्ति जताए जाने और इसके खिलाफ मतदान कर सकता है.
आईएमएफ ने 25 मार्च को एक नई 28 महीने की लचीलापन और स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत पाकिस्तान के साथ स्टाफ-स्तरीय समझौते की घोषणा की थी, जिसके तहत इस्लामाबाद को 1.3 अरब डॉलर तक पहुंच दी गई थी.
इसके साथ ही बोर्ड पाकिस्तान की चल रही 37 महीने की विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) की पहली समीक्षा करने के लिए तैयार है, जिसके अप्रूवल के बाद 1 बिलियन डॉलर की सहायता जारी की जाएगी. संयुक्त रूप से डिसबर्समेंट की कुल राशि लगभग 2 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है.
यह संभावित विरोध भारत के ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर सामने आया है, जो बुधवार, 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर एक सटीक हमला था. हमलों में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह घटनाक्रम पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में हुआ है जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे.
अब देखना यह है कि 9 मई को होने वाली बैठक में क्या निष्कर्ष निकलता है.
पाकिस्तान के शेयर बाजार में कोहराम, इस वजह से आई बड़ी गिरावट
7 May, 2025 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बुधवार 7 मई को पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, क्योंकि निवेशकों ने भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी स्थलों पर रातोंरात किए गए हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.
पाकिस्तान के मुख्य शेयर बाजार सूचकांक कराची-100 में बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 6,272 अंकों या लगभग 6 फीसदी की गिरावट आई, जो मंगलवार के 113,568.51 के बंद स्तर की तुलना में 107,296.64 के निचले स्तर पर पहुंच गया.
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केएसई-100 सूचकांक में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि घरेलू सेंसेक्स सूचकांक में लगभग 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज के KSE-100 इंडेक्स में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों की भावनाओं पर भारी असर डाला है. 23 अप्रैल से 5 मई के बीच बेंचमार्क KSE-100 इंडेक्स में 3.7 फीसदी की गिरावट आई, जो दोनों देशों के बीच संभावित सैन्य बढ़ोतरी की आशंकाओं को दिखाता है.
भारतीय शेयर बाजार
भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों ने मजबूती दिखाई है. सेंसेक्स शुरू में 692 अंक गिरकर 79,948.80 पर आ गया, जबकि पिछली बार यह 80,641.07 पर बंद हुआ था, लेकिन फिर तेजी से संभलते हुए 200 अंक से अधिक चढ़कर 80,845 पर पहुंच गया.
TRAI का नया नियम: बिना रिचार्ज के 90 दिन तक एक्टिव रहेगा SIM
7 May, 2025 06:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हम सभी के पास जियो या एयरटेल का प्रीपेड सिम है. हम कभी-कभी रिचार्ज करना भी भूल जाते हैं और सिम को दो दिन तक इस्तेमाल नहीं करते. उस समय, आपको पता होना चाहिए कि बिना रिचार्ज के सिम कितने दिनों तक चालू रहेगी?
जियो का नया नियम
अगर आपका जियो सिम रीचार्ज नहीं हो रहा है, तो प्लान की वैधता के 7 दिन बाद आउटगोइंग कॉल सस्पेंड हो जाएगी. इनकमिंग कॉल 90 दिन तक काम करती रहेंगी. लेकिन हाल के दिनों में जियो ने इनएक्टिव नंबरों के साथ भी सख्ती बरती है. अगर आपके नंबर पर 90 दिनों तक कोई रिचार्ज या एक्टिविटी नहीं होती है, तो सिम डी-एक्टिवेट हो जाएगी. अगर आपकी इनकमिंग ठीक चल रही है, तो भी आपको रिचार्ज करवाना होगा ताकि आपका नंबर सुरक्षित रहे. डिस्कनेक्ट होने से पहले जियो चेतावनी एसएमएस भी देता है.
एयरटेल का नया नियम
एयरटेल आपकी सदस्यता समाप्त होने के बाद लगभग 15 दिनों तक आउटगोइंग कॉल सपोर्ट भी देता है. उपयोग के आधार पर 60 से 90 दिनों के बीच कॉल आती रहेंगी. नए नियम के अनुसार टॉप-अप न होने या शून्य उपयोग की स्थिति में एयरटेल 60 दिनों के बाद आपका नंबर ब्लॉक भी कर देगा. एयरटेल ने स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट होने से पहले रिमाइंडर जारी करना भी शुरू कर दिया है.
ये बदलाव क्यों
टेलीकॉम कंपनियों के लिए अब TRAI के नियम और भी सख्त हो गए हैं. वे इनएक्टिव नंबरों को निष्क्रिय करना चाहते हैं और अनयूज्ड सिम को कम करना चाहते हैं. यही कारण है कि एयरटेल और जियो अब आपके नंबर को चालू रखने के लिए 90 दिनों में कम से कम एक रिचार्ज की आवश्यकता रखते हैं.
भारत के स्ट्राइक से लड़खड़ाई पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, क्या होगा अगला कदम?
7 May, 2025 11:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय वायुसेना ने मंगलवार रात पाकिस्तान के खिलाफ एक जबरदस्त एयर स्ट्राइक की, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सीधा जवाब था, जिसमें भारतीय सुरक्षाकर्मी और निर्दोष नागरिक हताहत हुए थे. भारत के इस एक्शन से एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है. भारत के इस बदले से पाकिस्तान को अब एक चुटकी सिंदूर की कीमत तो पता चल ही गई होगी.
दरअसल, पहलगाम हमले के बाद जब पहली बार भारत ने पाक पर सिंधु जल समझौते को लेकर एक्शन लिया था तब पाकिस्तान का शेयर बाजार 7000 अंक तक टूट गया था, महंगाई इस कदर बढ़ गई थी कि लोगों के खाने के लाले पड़ गए. अब जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर किया है तो कराची स्टॉक में आज एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है, महंगाई और भी ज्यादा बढ़ सकती है, जिसका असर सीधा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत के एक्शन से पाकिस्तान की इकोनॉमी सिंधु में डूब जाएगी?
क्या सिंधु में डूब जाएगी पाकिस्तान की इकोनॉमी?
पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान पर भारत के ताबड़तोड़ एक्शन से पाकिस्तान में खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं. सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान की जल आपूर्ति में गंभीर कमी आ सकती है. इससे कृषि उत्पादन प्रभावित होगा और महंगाई बढ़ेगी. पाकिस्तान ने इसे 2023 में लगभग 40% से वापस कम दोहरे अंकों में ला दिया है. दोनों देशों के बीच तनाव से पाकिस्तान में महंगाई लगातार बढ़ती ही जा रही आटे-चावल से लेकर पानी की कीमतें बढ़ रही थीं.
आपको बिलावल भुट्टो का वो बयान तो याद होगा जिसमे उसने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल समझौता खत्म किया तो सिंधु नदी में भारतीयों का खून बहेगा. ऐसे में POK में भारत का ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को किस कदर महंगा पड़ने वाला है जिसका उसे अंदाजा भी नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पीओके की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन और कुछ स्थानीय उद्योगों पर निर्भर है.ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कई शहरों में पानी की कमी हो सकती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है. पाकिस्तान की ज्यादातर इकोनॉमी सिंधु नदी से मिलने वाले जल से कृषि पर निर्भर है, ऐसे में भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान की इकोनॉमी सिंधु में डूबना तो लगभग तय ही है.
पाकिस्तान के लिए सिंधु क्यों है जरुरी?
रिपोर्ट्स के अनुसार सिंधु बेसिन की नदियां पाकिस्तान के 25 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का समर्थन करती हैं और पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती योग्य भूमि सिंधु प्रणाली के पानी पर निर्भर है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का भरण-पोषण करती है. लाहौर, कराची और मुल्तान जैसे प्रमुख शहरों को पीने और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए इस प्रणाली से पानी मिलता है.
एक चुटकी सिंदूर की कितनी कीमत चुकाएगा पाकिस्तान?
पहलगाम हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. पाकिस्तान को हमले के बाद से भी डर सता रहा था कि भारत पहलगाम का जवाब तगड़ा और जरूर देगा. जिस तरह से भारत लगातार पाक पर एक के बाद एक एक्शन ले रहा था सिंधु जल समझौते से लेकर डिजिटल स्ट्राइक और दोनों देशों के बीच सभी तरह के कारोबार बंद होने तक पाक में हर तरफ 15 दिन से डर का माहौल बना हुआ था. इस वजह से वहां का शेयर बाजार भी लगातार टूट रहा था जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा था.
पाकिस्तान में भारत के एक्शन के डर से स्कूल कॉलेज ऑफिसेस सब बंद कर दिए. वहीं, उसे अपनी सुरक्षा पर रोजाना अरबों रुपए खर्च कर कर रहा है. भारत के एक्शन और युद्ध के खतरे की वजह से पाकिस्तान को हर दिन अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखने के लिए 27 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं और ये खर्च भी उसे भारी पड़ रहा है. बढ़ती महंगाई के चलते पाकिस्तान पहले ही बहुत कर्ज में है अब भारत के एक्शन के बाद उसे नुकसान झेलना पड़ेगा.
हर तरफ मची तबाही
22 अप्रैल को भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के शेयर बाजार में खलबली मच गई है. इस हमले के बाद पाकिस्तान का KSE-100 इंडेक्स करीब 4% गिर चुका है. वहीं, मूडीज रेटिंग एजेंसी ने भी चेतावनी दी है कि भारत के साथ तनाव बढ़ने से पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ सकता है. साथ ही पाकिस्तानी सरकार जो वित्तीय स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है, उसमें भी बाधा आ सकती है. मूडीज का कहना है कि अगर संकट लंबा चलता है तो पाकिस्तान को बाहरी देशों से मिलने वाले पैसे में दिक्कत आ सकती है और उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दबाव बढ़ सकता है.
ऑपरेशन की योजना
ऑपरेशन सिंदूर का पूरा प्लान बेहद गुप्त रखा गया. भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक फाइटर जेट्स, राफेल लड़ाकू विमानों का पहली बार प्रयोग कर पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर सटीक हमला किया है. इन विमानों ने आधी रात में उड़ान भरी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीकता से बमबारी की. भारतीय सेना ने राफेल जेट में लगी स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर मिसाइल जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया.
हमले में मुख्य रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया. भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक सटीक-मारक बमों का प्रयोग किया, जिससे आतंकियों के ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए. ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के किसी भी विमान को नुकसान नहीं हुआ, और सभी विमान सुरक्षित वापस लौट आए.
भारत का सख्त संदेश
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. यह भारत की ‘जीरो टॉलरेंस टू टेररिज्म’ नीति का स्पष्ट उदाहरण है. साथ ही, यह भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत और उनकी रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित करता है.
किसी भी हद तक जाएगा भारत
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक जवाबी कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी था. इस ऑपरेशन ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
एक नजर में भारत का पाक पर एक्शन
वाटर स्ट्राइक- इतिहास में पहली बार पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता रद्द
डिजिटल स्ट्राइक- पाकिस्तान के लोगों के सोशल मीडिया हैंडल्स बैन
ट्रेड बंद- भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के ट्रेड कारोबार बंद कर दिए. अब पाकिस्तान किसी तीसरे देश के जरिए भी भारत से कोई कारोबार नहीं कर सकता
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद- अटारी वाघा बॉर्डर से साल 2018-2019 के बीच दोनों देशों के बीच चार हजार 370 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था. लेकिन भारत की ओर से उठाए गए कदमों से इसको नुकसान होगा.
ऑपरेशन सिन्दूर- ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने न सिर्फ आतंक पर बल्कि पाकिस्तान की इकोनॉमी पर भारत ने प्रहार किया है.
एयर स्ट्राइक- भारत ने पाकिस्तान के लिए अपने एयर स्पेस बंद कर दिए जिससे अब पाकिस्तान की एयरलाइन भारत के ऊपर से उड़ कर नहीं जा सकती हैं. ऐसे में उसे अब लंबा रुट लेना पड़ेगा इसके लिए उन्हें ATF पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा.
कैश, राशन और चार्जर: संकट की घड़ी में क्या होनी चाहिए आपकी तैयारी?
7 May, 2025 11:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
6 मई की देर रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर (POK) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर बड़ी एयर स्ट्राइक की. इस अभियान को “ऑपरेशन सिंदूर” का नाम दिया गया है. सेना ने स्पष्ट किया है कि इस हमले का उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. वहीं, आज भारत के 300 स्पॉट्स पर मॉक ड्रिल होनी है. इस मॉक ड्रिल को लेकर आम जनता में कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मॉक ड्रिल के चलते स्कूल, बैंक और ऑफिस बंद रहेंगे? तो आइए जानते हैं आज क्या क्या खुला है और क्या क्या बंद है?
क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा और बचाव योजनाओं की तैयारी का आकलन करना है. यह सुनिश्चित करता है कि यदि कोई अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न होती है, तो संबंधित एजेंसियां और नागरिक उससे प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम हों.
एयरलाइन कंपनियों की अडवाइजरी
हाल की सुरक्षा स्थितियों को देखते हुए, कई एयरलाइनों ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिनमें इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया प्रमुख हैं. इन एडवाइजरी में यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना सावधानीपूर्वक बनाने और हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति जांचने की सलाह दी गई है.
कई एयरलाइनों ने यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. एयरलाइनों ने चेतावनी दी है कि श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़ और धर्मशाला सहित शहरों के लिए और वहां से आने-जाने वाली उड़ानों में संभावित अड़चनें आ सकती हैं.
प्रभावित शहर और उड़ानें
एयर इंडिया: जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट के लिए और वहां से आने-जाने वाली सभी उड़ानें 7 मई को दोपहर 12 बजे तक रद्द कर दी गई हैं.
स्पाइसजेट: धर्मशाला, लेह, जम्मू, श्रीनगर और अमृतसर के लिए उड़ानों पर संभावित प्रभाव, यात्रियों को अपनी उड़ान की स्थिति चेक करने की सलाह दी गई है.
इंडिगो: श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़ और धर्मशाला के लिए उड़ानों पर असर. बीकानेर में भी उड़ानों पर प्रतिबंध.
ट्रेन यात्रा पर कोई असर नहीं
रेलवे को लेकर कोई आधिकारिक एडवाइजरी जारी नहीं हुई है, इसलिए ट्रेन यात्रा सामान्य रूप से जारी रहेगी. यात्रियों को केवल अपने मैसेज और ईमेल पर नजर रखनी चाहिए, ताकि अगर कोई बदलाव हो तो वे तुरंत अपडेट हो सकें.
क्या खाने-पीने का सामान जमा करना चाहिए?
मॉक ड्रिल की खबरों और अफवाहों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या जरूरी सामान जमा कर लेना चाहिए. लेकिन स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और किसी तरह की घबराहट की जरूरत नहीं है. आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें और अफवाहों से बचें.
कैश निकालने की जरूरत है?
कुछ लोग एटीएम से सारा कैश निकालने की सोच रहे हैं, लेकिन भारत में बैंकिंग व्यवस्था सामान्य रूप से काम कर रही है. कोई भी आधिकारिक एडवाइजरी कैश निकालने को लेकर जारी नहीं हुई है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
बैंक और शेयर बाजार की स्थिति
बैंक, शेयर बाजार और अन्य वित्तीय संस्थान सामान्य रूप से कार्यरत हैं. इनके बंद होने को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं है.
स्कूल और बच्चों की सुरक्षा
चूंकि स्थिति सामान्य है, इसलिए बच्चों को स्कूल भेजने में कोई खतरा नहीं है. अगर स्कूल प्रशासन से कोई अपडेट आता है, तो उस पर ध्यान दें और उसका पालन करें.
जियोपॉलिटिकल टेंशन के बावजूद बाजार संभला ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी निवेश जारी
7 May, 2025 11:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Share Market Today: भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते आज यानी 7 मई बुधवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार के प्री ओपनिंग में तेज गिरावट देखने को मिली. सुबह के प्री-ओपनिंग से ही मार्केट में कमजोरी दिख रही थी, और जैसे ही ट्रेडिंग शुरू हुई बाजार ने रिकवरी मोड पकड़ लिया और सेंसेक्स हरे निशान में वापस लौट आया. सुबह 9.34 बजे BSE Sensex करीब 160 अंक उछलकर 80,841.69 पर आ गया. वहीं निफ़्टी भी 24,443.00 के लेवल पर कारोबार कर रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर का असर
बाजार में ये गिरावट भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की वजह से आई है. मंगलवार देर रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इसके बाद से मार्केट में जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर साफ दिखा.
भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए जाने के बाद बुधवार को भारतीय इक्विटी बाजारों में हालांकि प्री मार्केट में घबराहट दिख रही थी, लेकिन जैसे ही बाज़ार खुला, गैप डाउन ओपनिंग की पूरी रिकवरी हुई और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी पॉज़िटिव हो गए. निफ्टी ने ओपन होते ही पहले पांच मिनट में 24,387 का हाई लेवल देख लिया.
ये हैं निफ़्टी के टॉप गेनर्स
Nifty 50 के टॉप गेनर्स स्टॉक की बात करें तो टाटा मोटर्स में बड़ी तेज़ी देखी जा रही है और स्टॉक 4% की तेज़ी में है. बीईएल 2.5% की तेज़ी में है, जबकि जियो फाइनेंस, पावर ग्रिड, अडानी एंटरप्राइजेज जैसे स्टॉक भी बढ़त में दिख रहे हैं. निफ्टी 50 के टॉप लूज़र्स देखें तो एचसीएल टेक, सनफार्मा, एशियन पेंट्स, टाइटन कंपनी और टीसीएस जैसे काउंटर दिखाई दे रहे थे.
पीएसयू बैंक और डिफेंस सेक्टर के स्टॉक में बाइंग देखी जा रही है.बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के स्टॉक फिर से फोकस में हैं और उनमें बाइंग आ रही है. Auto Sector और एनर्जी सेक्टर के स्टॉक में भी बायर्स दिलचस्पी ले रहे हैं.
ग्लोबल मार्केट में गिरावट
एशियाई बाजारों में, जापान का निक्केई मामूली गिरावट के साथ 36,800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. कोरिया के कोस्पी में 0.29% की तेजी है.
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 109 अंक (0.48%) चढ़कर 22,772.62 पर कारोबार कर रहा है. वहीं, चीन के शंघाई कंपोजिट में 18 अंक (0.53%) की तेजी है.
6 मई को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.95% गिरकर 40,829 पर, नैस्डेक कंपोजिट 0.87% गिरकर 17,689 पर और S&P 500 इंडेक्स 0.77% गिरकर बंद हुआ.
विदेशी निवेशकों ने 3,794 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे
भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों (FII) की खरीदारी जारी है. कल यानी 6 मई को विदेशी निवेशकों ने 3,794.52 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे. जबकि घरेलू निवेशकों ने इस दौरान -1,397.68 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.
टाटा मोटर्स का बड़ा फैसला, कमर्शियल और पैसेंजर यूनिट होंगे अलग-अलग
6 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टाटा मोटर्स आज, 6 मई 2025 को, अपने शेयरधारकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर रही है, जिसमें कंपनी के दो हिस्सों में विभाजन (डिमर्जर) के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा। यह बैठक दोपहर 3:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।
क्या है प्रस्तावित डिमर्जर?
कंपनी ने मार्च 2024 में घोषणा की थी कि वह अपने व्यवसाय को दो स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाइयों में विभाजित करेगी:
टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV): यह इकाई ट्रक, बस और अन्य भारी वाहनों के व्यवसाय को संभालेगी।
टाटा मोटर्स लिमिटेड (TML): यह मौजूदा सूचीबद्ध कंपनी बनी रहेगी और इसमें पैसेंजर व्हीकल्स (PV), इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV), और जगुआर लैंड रोवर (JLR) का व्यवसाय शामिल होगा।
शेयरधारकों को क्या मिलेगा?
डिमर्जर के तहत, प्रत्येक शेयरधारक को उनके पास मौजूद टाटा मोटर्स के प्रत्येक ₹2 के शेयर के बदले में:
एक ₹2 का TMLCV का शेयर मिलेगा।इसका मतलब है कि शेयरधारकों की हिस्सेदारी दोनों नई कंपनियों में समान रहेगी।
वोटिंग के लिए पात्रता
केवल वे शेयरधारक जो 28 मार्च 2025 तक कंपनी के रजिस्टर में दर्ज थे, इस प्रस्ताव पर मतदान करने के पात्र हैं।
शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
डिमर्जर की खबर से टाटा मोटर्स के शेयरों में हलचल देखी गई है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, शेयर मूल्य में गिरावट आई है, जबकि अन्य रिपोर्ट्स में वृद्धि का संकेत दिया गया है।
आगे क्या?
यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो कंपनी के व्यवसायिक ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे दोनों इकाइयों को अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
यह डिमर्जर प्रक्रिया पूरी होने में 12 से 15 महीने का समय लग सकता है, जिसमें नियामक अनुमोदन और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं शामिल होंगी।
यदि आप टाटा मोटर्स के शेयरधारक हैं, तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण समय है। इस डिमर्जर से संबंधित किसी भी अपडेट के लिए कंपनी की आधिकारिक घोषणाओं और समाचार स्रोतों पर ध्यान दें।
बेटा रह गया पीछे, Buffett ने इस दिग्गज को दी Berkshire की जिम्मेदारी
6 May, 2025 04:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओमाहा के ओरेकल के नाम से मशहूर दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट ने रिटायरमेंट की घोषणा की है. छह दशक से ज़्यादा समय तक कंपनी का नेतृत्व करने के बाद बर्कशायर हैथवे के सीईओ पद से अपनी सेवानिवृत्ति की बात कही. उनकी जगह बर्कशायर हैथवे के मौजूदा वाइस चेयरमैन ग्रेगरी ई एबेल लेंगे.
वॉरेन बफेट कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब ग्रेग को साल के अंत में कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन जाना चाहिए. कंपनी की वार्षिक शेयरधारक बैठक के दौरान बोलते हुए अरबपति निवेशक ने कहा कि केवल बोर्ड और उनके दो बच्चों (हॉवर्ड और सूजी बफेट) को ही इस घोषणा के बारे में पता था - यहां तक कि नामित उत्तराधिकारी 62 वर्षीय ग्रेग एबेल को भी इस घोषणा के बारे में पता नहीं था.
कौन है ग्रेगरी एबेल?
ग्रेगरी ई एबेल 62 साल के उम्र में जनवरी 2018 में बर्कशायर हैथवे के निदेशक मंडल में गैर-बीमा संचालन के उपाध्यक्ष के रूप में शामिल हुए. पूर्व उपाध्यक्ष चार्ली मुंगेर के वार्षिक बैठक में अनजाने में जानकारी का खुलासा करने के बाद 2021 में एबेल को बफेट का उत्तराधिकारी घोषित किया गया. तब से एबेल ने ज्यादातर पर्दे के पीछे से काम किया है, हालांकि शेयरधारकों ने उन्हें बफेट के साथ वार्षिक बैठकों और साक्षात्कारों के दौरान जाना है.
वॉरेन बफेट के बेटे हॉवर्ड बर्कशायर हैथवे के सीईओ क्यों नहीं होंगे?
इतिहास में सबसे बड़े निवेशक में से एक मे, वॉरेन बफेट के तीन बच्चों - सूसी (71), हॉवर्ड (70), और पीटर (66) - को उनके बर्कशायर शेयरों में से 140 बिलियन डॉलर दिए गए. तीनों के पास जो हिस्सेदारी है, वह परोपकारी कार्यों के लिए है, जिसका मतलब है कि वॉरेन बफेट के बच्चों को अपने पिता की ज्यादातर संपत्ति विरासत में नहीं मिलेगी. सूसी बफेट 2021 से निदेशक मंडल में हैं, होवी 30 से ज्यादा सालों से बोर्ड में पद पर हैं.
जनवरी में वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के अनुसार इस हैंडओवर योजना पर दशकों से काम चल रहा था और दूसरे बच्चे होवी को वॉरेन बफेट से बर्कशायर हैथवे के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के लिए तैयार किया गया है. इसमें कहा गया है कि उन्हें संस्कृति को बनाए रखने का काम सौंपा गया है.
औपचारिक स्वीकृति और बदलाव
बर्कशायर का बोर्ड अब इस बात पर मतदान करेगा कि एबेल को नए सीईओ के रूप में औपचारिक रूप से स्वीकृति दी जाए या नहीं, जिनके 2025 के अंत में पदभार संभालने की उम्मीद है. ओमाहा में वार्षिक बैठक में बफेट ने विश्वास व्यक्त किया कि स्वीकृति सर्वसम्मति से होगी.
बैंकिंग सेक्टर में हलचल, Yes Bank के अधिग्रहण की खबर से बाजार में जोश
6 May, 2025 04:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: जापानी वित्तीय समूह सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) यस बैंक में हिस्सेदारी हासिल करने की होड़ में फिर से शामिल हो गया है. सूत्रों ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मुंबई मुख्यालय वाले इस लेंडर में कंट्रोल हिस्सेदारी हासिल करने के लिए SMBC के साथ बातचीत फिर से शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि हालांकि पहले बातचीत 2024 में शुरू हुई थी, लेकिन इस बार डील की शर्तों में कुछ बदलाव किए गए हैं.
आरबीआई से मिली मंजूरी
जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) ने निजी लेंडर यस बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी हासिल कर ली है. इस डील से निजी लेंडर का मूल्य 1.7 बिलियन डॉलर आंका जा सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार SMBC 26 फीसदी से कम हिस्सेदारी खरीद सकता है और शेयर स्वैप के जरिए विलय कर सकता है. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार यह 26 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद सकता है और ओपन ऑफर भी ला सकता है.
एक रिपोर्ट में पहले बताया गया था कि एसएमबीसी संपत्ति के लिहाज से छठे सबसे बड़े निजी बैंक में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. इस रिपोर्ट में एसएमबीसी ने अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर शुरू करने की संभावना जताई गई थी.
यस बैंक के शेयर
इसके खबर के बाद यस बैंक के शेयरों में 9.64 फीसदी की तेजी आई और यह बीएसई पर 19.44 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिससे इस साल अब तक का घाटा 5 फीसदी कम हो गया. पिछले एक साल में शेयर में 22 फीसदी और पिछले पांच सालों में 30 फीसदी की गिरावट आई है.
एसबीआई का शेयर
दूसरी ओर बीएसई पर एसबीआई का शेयर 0.79 प्रतिशत गिरकर 783.75 रुपये पर कारोबार कर रहा.
YES बैंक में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करना
याद करने लायक बात यह है कि पिछले साल भी ऐसी ही रिपोर्टें सामने आई थी. उस समय यह बताया गया था कि जापानी लेंडर SMBC और दुबई स्थित एमिरेट्स NBD, YES बैंक में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए चर्चा में थे. SMBC जापान की दूसरी सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप की सहायक कंपनी है.
हालांकि यह समझा गया कि बैंकिंग नियामक ने अभी तक निश्चित उपयुक्त और उचित अनुमोदन नहीं दिया था और कथित तौर पर किसी विदेशी संस्था द्वारा YES बैंक में 51 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के विचार के प्रति प्रतिरोधी था.
यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी
यस बैंक में 24 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाला एसबीआई कथित तौर पर संभावित विक्रेताओं में से एक था. द इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार यह स्पष्ट नहीं था कि अन्य वित्तीय संस्थानों में से कौन बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई सौदा होता है और उसके बाद ओपन ऑफर होता है, तो एसएमबीसी के सबसे बड़े शेयरधारक बनने की उम्मीद है.
यस बैंक में इनकी हिस्सेदारी
31 मार्च तक कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सहित घरेलू संस्थानों के पास सामूहिक रूप से यस बैंक में 11.34 फीसदी हिस्सेदारी है. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार निजी इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल और कार्लाइल के पास क्रमश- 9.2 फीसदी और 6.84 फीसदी हिस्सेदारी है.
ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगा 28% GST! स्किल गेम्स को जुआ माना जाए या नहीं, इस पर SC में सुनवाई जारी रहेगी
6 May, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 6 मई मंगलवार(आज) को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई जारी रखने वाला है, जो भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए कानूनी और कर ढांचे को नया रूप दे सकता है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ इस बात की जांच कर रही है कि क्या असली पैसे वाले खेल, भले ही स्किल-आधारित हों, को माल और सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत जुए के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। यह मामला जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) द्वारा ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म और कैसीनो को कथित कर चोरी के लिए जारी किए गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस से संबंधित है। अदालत ने जनवरी में इन नोटिसों पर रोक लगा दी थी और मामले को मई में अंतिम सुनवाई के लिए पोस्ट किया था। केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने तर्क दिया कि सरकार खेलों के "सट्टा परिणाम" पर कर लगा रही थी - न कि खेलों पर - जो जुए के बराबर है। उन्होंने अदालत से कहा, "यह मायने नहीं रखता कि रम्मी स्किल का खेल है या चांस का। ये ऑनलाइन गतिविधियाँ सट्टेबाजी और जुआ हैं।" ASG ने कहा कि किसी भी खेल पर पैसा लगाना - चाहे उसमें कौशल का कोई भी तत्व क्यों न हो - उसे जुए में बदल देता है। सत्यनारायण मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी खेल जिसमें दांव शामिल हो और जिसका परिणाम अनिश्चित हो, उसे सट्टेबाजी और जुआ माना जाता है।
28% के बजाय 18% जीएसटी
उन्होंने यह भी बताया कि गेमिंग प्लेटफॉर्म अपनी सेवाओं को नियमित आपूर्ति मानकर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, जबकि उनकी गतिविधियों पर केंद्रीय जीएसटी अधिनियम के तहत 28 प्रतिशत जीएसटी लगना चाहिए। सोमवार को कोर्ट रूम में उस समय तीखी बहस शुरू हो गई जब गेमिंग प्लेटफॉर्म में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने केंद्र के रुख का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि सट्टेबाजी स्किल-आधारित खेल की मौलिक प्रकृति को नहीं बदलती है।
क्या शतरंज पर सट्टा लगाना इसे जुआ बनाता है?
"क्या सरकार यह कहना है कि जैसे ही शतरंज पर पैसा लगाया जाता है, यह जुआ बन जाता है? खेल के चरित्र को इस तरह से नहीं बदला जा सकता है," उन्होंने बार-बार न्यायिक पुष्टि का जिक्र करते हुए कहा कि कौशल-आधारित खेल मौके के खेल से अलग होते हैं। यह मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय के 2023 के फैसले से उपजा है, जिसने गेम्सक्राफ्ट के खिलाफ 21,000 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि ऑनलाइन रमी जुआ नहीं है। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न उच्च न्यायालयों की 27 रिट याचिकाओं को समेकित सुनवाई के लिए गेम्सक्राफ्ट मामले के साथ जोड़ दिया।
इस पुरे मामले में मुख्य मुद्दा यह है कि क्या जीएसटी पूरी प्रतियोगिता प्रविष्टि राशि - पुरस्कार राशि सहित - पर लागू होना चाहिए या केवल प्लेटफ़ॉर्म की सेवा शुल्क पर। सरकार पूरी राशि पर 28 प्रतिशत कर लगाने पर जोर दे रही है, जबकि कंपनियों का तर्क है कि कर उनके कमीशन तक सीमित होना चाहिए।
सपने बड़े, जेब खाली! भारत में कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई पर रिपोर्ट का झटका
6 May, 2025 11:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आजकल कंटेंट क्रिएशन का काम काफी तेजी से फैल रहा है. भारत में लाखों कंटेंट क्रिएटर्स हर रोज किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट बनाते हैं. भारत के लाखों युवाओं के बीच अब यूट्यूब या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट बनाकर सक्केसफुल होना एक ट्रेंडिंग लक्ष्य हो गया है. कई टीनएजेर्स ऐसा सपना देखने लगे हैं कि उन्हें अपना करियर सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन की फील्ड में ही बनाना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कंटेंट क्रिएटर्स कितना कमाते हैं. इसके बारे में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रूप (BCG) ने एक रिपोर्ट पेश की है, जो आपको हैरान कर सकती है.
इस ग्रुप की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कंटेंट क्रिएटर्स की आय को लेकर एक कड़वी सच्चाई सामने आई है. भारत में लगभग 20 से 25 लाख ही एक्टिव कंटेंट क्रिएटर्स हैं, जिनमें से सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत क्रिएटर्स ही अच्छी कमाई कर पा रहे हैं. बाकी के लगभग 90 प्रतिशत एक्टिव कंटेंट क्रिएटर्स काफी कम पैसा कमा रहे हैं या नहीं कमा रहे हैं.
भारत का क्रिएटर इकोसिस्टम
दिलचस्प बात यह है कि BCG की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्रिएटर इकोसिस्टम हर साल करीब 20 से 25 बिलियन डॉलर (यानी करीब 1.6 से 2.1 लाख करोड़ रुपये) की डायरेक्ट इंकम कर रहा है. भारतीय क्रिएटर्स की कमाई का यह आंकड़ा इस दशक के अंत यानी 2029-30 तक बढ़कर 100 से 125 बिलियन डॉलर तक (करीब 8.4 से 10.5 लाख करोड़ रुपये) पहुंच सकता है. हालांकि, इतनी मोटी रकम की कमाई के बाद भी क्रिएटर्स की पर्सनल इंकम में काफी असमानताएं देखने को मिलती है.
रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर क्रिएटर्स का मंथली इंकम 18,000 रुपये से भी कम है. इसका मतलब है कि वो हर साल में करीब 2 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा कमा पाते हैं. उनके बाद छोटे स्तर के क्रिएटर्स हर साल लगभग 3.8 लाख रुपये तक की कमाई कर पाते हैं. इसके अलावा जिन क्रिएटर्स के पास 1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स, काफी अच्छा एंगेजमेंट और ब्रांड डील्स हैं, वो हर महीने लगभग 50,000 रुपये या उससे भी ज्यादा रुपया कमा रहे हैं. हालांकि, ऐसे क्रिएटर्स की संख्या बहुत कम है. भारत में छोटे और बड़े स्तर के क्रिएटर्स की कमाई में इतना बड़ा गैप होने का कारण ओवरसप्लाई (क्रिएटर्स की ज्यादा संख्या) को बताया जा रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लाखों लोग ऑडियंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम क्रिएटर्स ऐसे हैं, जो इसे स्थाई आय में बदल पाने में सफल हो रहे हैं.
जहां एक ओर क्रिएटर्स पैसे कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर उन्हें देखने वाले यूज़र्स की खरीदारी की आदतों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता जा रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त क्रिएटर-लेड कंटेंट हर साल $350 से $400 बिलियन (लगभग ₹29 से ₹33 लाख करोड़) की कंज्यूमर स्पेंडिंग पर इफेक्ट करता है और 2031 तक यह आंकड़ा तक $1 ट्रिलियन (₹84 लाख करोड़) तक पहुंच सकता है.
क्रिएटर्स को ढूंढने होंगे कमाई के नए तरीके
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कंटेंट क्रिएटर्स मौजूदा तरीकों को फॉलो करके पैसे नहीं कमा पा रहे हैं, तो उनके लिए अन्य विकल्प क्या हैं. इसी रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिएटर्स को अपनी कमाई के लिए विज्ञापनों के अलावा अन्य सोर्स ऑफ इंकम को ढूंढना होगा. इसके लिए उन्हें अपने फॉलोअर्स के साथ काफी डीप कनेक्शन बनाना होगा और फिर उन्हें एक्सक्लूसिव कंटेंट बेचकर पेड सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे कमाने होंगे. क्रिएटर्स की कमाई के नए तरीके कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं:
Live Commerce – लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान प्रोडक्ट्स की बिक्री करके पैसे कमाए जा सकते हैं.
Virtual Gifting – दर्शकों द्वारा रीयल टाइम में क्रिएटर्स को गिफ्ट भेजे जाते हैं, जिससे क्रिएटर्स की कमाई हो सकती है.
Subscriptions – एक्सक्लूसिव कंटेंट के लिए मासिक या वार्षिक सब्सक्रिप्शन बेचकर भी क्रिएटर्स की कमाई हो सकती है.
Affiliate Marketing – प्रोडक्ट प्रमोशन से कमीशन कमाकर भी क्रिएटर्स अपनी कमाओई का नया तरीका ढूंढ सकते हैं.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रूप (BCG) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फैशन, ब्यूटी, फूड, गेमिंग और एंटरटेनमेंट जैसे सेक्टर्स में वीडियो कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स ज्यादा पैसे कमाते हैं, क्योंकि इन सेक्टर्स के कंटेंट की एंगेजमेंट हाई होती है. हालांकि, अब फाइनेंस, एजुकेशन और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में भी एंगेजमेंट्स बढ़ने लगे हैं. ऐसे में क्रिएटर्स इन सेक्टर्स में अपनी कमाई के नए सोर्स को आज़मा सकते हैं.
'अंदर की खबर' से कमाए करोड़ों? प्रनव अडानी की संदिग्ध ट्रेडिंग पर नजर
6 May, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने अडानी समूह के कई कंपनियों के निदेशक और गौतम अडानी के भतीजे प्रनव अडानी पर इनसाइडर ट्रेडिंग (अंदरूनी सूचनाओं के आधार पर शेयर खरीदने-बेचने) का गंभीर आरोप लगाया है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी ने आरोप लगाया है कि प्रनव अडानी ने Adani Green Energy Ltd द्वारा 2021 में SB Energy Holdings के अधिग्रहण से जुड़ी कीमत-संवेदनशील गोपनीय जानकारी (UPSI) अपने बहनोई कुनाल शाह के साथ साझा की थी।
SEBI ने भेजा नोटिस, सामने आए कॉल रिकॉर्ड और ट्रेडिंग पैटर्न
सेबी द्वारा प्रनव अडानी को पिछले साल भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने अधिग्रहण की घोषणा से पहले UPSI को शेयर किया, जिससे कुनाल शाह और उनके भाई न्रुपल शाह ने अडानी ग्रीन के शेयरों में कारोबार कर के करीब 9 मिलियन रुपये का 'अवैध लाभ' कमाया। जांच में कॉल रिकॉर्ड और ट्रेडिंग पैटर्न से यह पुष्टि हुई है।
प्रनव अडानी की प्रतिक्रिया: न इनकार, न स्वीकार
ईमेल के जरिए भेजे जवाब में प्रनव अडानी ने कहा कि वे “बिना किसी आरोप को स्वीकार या नकारे, मामला निपटाने” के लिए समझौते की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कोई भी सिक्योरिटी कानून नहीं तोड़ा है।
SB Energy का अधिग्रहण: अब तक का सबसे बड़ा रिन्यूएबल डील
Adani Green ने SB Energy का अधिग्रहण मई 2021 में US$3.5 बिलियन की एंटरप्राइज़ वैल्यू पर किया था, जो अब तक भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर का सबसे बड़ा अधिग्रहण है।
अमेरिका में भी मुश्किलें: SEC और US Attorney की कार्रवाई
नवंबर 2024 में Fitch Ratings और Moody's जैसी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने अडानी ग्रुप की रेटिंग को डाउनग्रेड या निगेटिव आउटलुक में बदल दिया था। इसका कारण था – अडानी समूह के शीर्ष नेतृत्व और प्रमोटर के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप।
SEC और US Attorney का आरोप: $265 मिलियन की रिश्वत योजना
US Securities and Exchange Commission (SEC) ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को समन भेजा है। आरोप है कि उन्होंने 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत योजना के तहत भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी, ताकि वे 'मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड प्रोजेक्ट्स' के अनुबंध हासिल कर सकें। SEC के अनुसार, 2021 में किए गए बॉन्ड ऑफरिंग के दौरान निवेशकों को गुमराह किया गया।
मोदीज़ का बयान: समूह की सभी कंपनियों की रेटिंग पर असर
Moody’s ने कहा, “हालांकि आरोप AGEL के चेयरमैन और सीनियर मैनेजमेंट पर हैं, लेकिन इसका असर पूरे अडानी ग्रुप पर पड़ सकता है, क्योंकि गौतम अडानी सभी प्रमुख कंपनियों के चेयरमैन और प्रमोटर हैं।”
जिन कंपनियों पर असर पड़ा:
Adani Green Energy Ltd (Restricted Group 1 & 2)
Adani Transmission Step-One Ltd (ATSOL)
Adani Electricity Mumbai Ltd (AEML)
Adani Ports and Special Economic Zone Ltd (APSEZ)
Adani International Container Terminal Pvt Ltd (AICTPL)
एक तरफ जहां प्रनव अडानी इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पूरा अडानी समूह वैश्विक स्तर पर गवर्नेंस रिस्क के घेरे में आ गया है। आने वाले समय में इससे निवेशक विश्वास, फंडिंग और रेटिंग पर और भी असर पड़ सकता है।
सलाल-बगलिहार से फ्लशिंग, पाक में पानी की किल्लत का खतरा
5 May, 2025 05:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में दो जलविद्युत परियोजनाओं (hydroelectric projects) की पानी रोकने की क्षमता (reservoir holding capacity) बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है। यह फैसला पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के बाद उठाया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
भारत ने शुरू की रिजर्वायर फ्लशिंग
सूत्रों के हवाले से बताया कि गुरुवार को भारत की सबसे बड़ी सरकारी जलविद्युत कंपनी NHPC Ltd और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने द्वारा “रिजर्वायर फ्लशिंग” (reservoir flushing) प्रक्रिया शुरू की गई। इसका उद्देश्य जलाशयों में जमा गाद (sediment) को हटाना है।हालांकि भारत के इस एक्शन से तुरंत पाकिस्तान की जल सप्लाई प्रभावित नहीं होगी। लेकिन अगर अन्य परियोजनाएं भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाती हैं, तो इसका असर भविष्य में पड़ सकता है। क्षेत्र में ऐसी आधा दर्जन से ज्यादा परियोजनाएं मौजूद हैं।
सलाल-बगलिहार डैम पर पहली बार फ्लशिंग ऑपरेशन
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान को सलाल (Salal) और बगलिहार (Baglihar) डैम पर चल रहे काम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। रेजर्वॉयर फ्लशिंग इन दोनों डैम के निर्माण के बाद पहली बार किया जा रहा है। सलाल डैम 1987 में और बगलिहार डैम 2008/09 में बना था। पहले सिंधु जल संधि के प्रावधानों के चलते ऐसा काम करना संभव नहीं था।
रिपोर्ट के अनुसार, फ्लशिंग ऑपरेशन 1 मई से शुरू होकर तीन दिन तक चला। एक सूत्र के हवाले से बताया कि यह पहली बार है जब ऐसा किया गया है। इससे बिजली उत्पादन अधिक कुशलता से हो सकेगा और टरबाइनों को नुकसान से भी बचाया जा सकेगा।
सूत्र ने यह भी बताया, “हमें सफाई के लिए एडजस्टेबल गेट खोलने को भी कहा गया था, जो हमने 1 मई से शुरू कर दिया। इसका उद्देश्य बांध के ऑपरेशन को किसी भी तरह की पाबंदियों से मुक्त करना है।”
कश्मीर में चिनाब नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि गुरुवार से शनिवार तक सलाल और बगलिहार दोनों बांधों से पानी छोड़ा गया था।
पानी रोकने की कोशिश युद्ध माना जाएगा
यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर बनी थी और इसके तहत पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि को जल आपूर्ति सुनिश्चित होती थी।
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के निलंबन को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है और हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। पाकिस्तान ने सख्त लहजे में कहा है, “अगर पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोकने या मोड़ने की कोई भी कोशिश की गई, तो इसे युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा।”
तीसरे दिन भी नहीं रुका शेयर बाजार, निफ्टी ने छुआ नया मुकाम
5 May, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Stock Market Closing Bell, 5 May: वैश्विक बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच घरेलू शेयर बाजार सोमवार (5 मई) को लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में चढ़कर बंद हुए। एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में तेजी ने बाजार को ऊपर की तरफ खींचा।
तीस शेयरों वाल बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज मजबूती के साथ 80,661.62 अंक पर खुला। दिन के दौरान यह 81,049.03 अंक तक चढ़ गया था। अंत में यह 294.85 अंक या 0.37 फीसदी की बढ़त लेकर 80,796.84 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 आज मजबूती के साथ 24,419.50 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 24,526.40 के इंट्रा-डे हाई तक गया। अंत में निफ्टी 114.45 अंक या 0.47% की मजबूती के साथ 24,461.15 पर क्लोज हुआ।
टॉप गेनर्स
सेंसेक्स के शेयरों में सबसे ज़्यादा लाभ अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) को हुआ। यह 6.3 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। इसके बाद बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इटरनल, आईटीसी, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और टाटा मोटर्स का स्थान रहा।
टॉप लूजर्स
दूसरी तरफ, कोटक महिंद्रा बैंक में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई। एसबीआई, एक्सिस बैंक, टाइटन और आईसीआईसीआई बैंक अन्य प्रमुख नुकसान उठाने वाले शेयर रहे।
ब्रोडर इंडेक्सिस का बेंचमार्क इंडेक्सिस से बेहतर प्रदर्शन
हालांकि, सोमवार को ब्रोडर इंडेक्सिस ने बेंचमार्क इंडेक्सिस से बेहतर प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि स्मॉलकैप में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल मिलाकर बाजार की स्थिति भी काफी सकारात्मक रही। बीएसई पर 1,450 शेयरों में गिरावट के मुकाबले करीब 2,600 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
सेक्टोरल लिहाज से बीएसई ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 2 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई। इसकी वजह ओएमसी शेयरों में बढ़त रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एनर्जी और एफएमसीजी इंडेक्स में भी 1 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। जबकि बीएसई बैंकेक्स में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
पिछले ट्रेडिंग सेशन (शुक्रवार) में अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। एसएंडपी 500… 1.47% बढ़कर 5,686.67 पर बंद हुआ। डॉव जोन्स 1.39 प्रतिशत चढ़कर 41,317.43 पर बंद हुआ और नैस्डैक कंपोजिट 1.51 प्रतिशत बढ़कर 17,977.73 पर बंद हुआ।
इस बीच, रविवार को अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई। इसमें एसएंडपी 500 से जुड़े फ्यूचर्स में लगभग 0.50 प्रतिशत की गिरावट आई। डॉव जोन्स फ्यूचर्स में 0.50 प्रतिशत की गिरावट आई और नैस्डैक-100 फ्यूचर्स में 0.50 प्रतिशत की गिरावट आई।
एशिआई बाजारों में जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और चीन के बाजार अलग-अलग छुट्टियों के कारण बंद थे। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई बाजार में गिरावट आई। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीस ने 21 वर्षों में पहली बार दूसरा कार्यकाल हासिल किया। बेंचमार्क एसएंडपी/एएसएक्स 200 में 0.18 प्रतिशत की गिरावट आई।
शुक्रवार को कैसी थी बाजार की चाल?
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 70.01 अंक या 0.09% की बढ़त लेकर 80,288.38 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 भी 7.45 अंक या 0.03% की मामूली बढ़त लेकर 24,335.95 पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में लगातार दूसरे दिन तेजी ने बाजार को बढ़त बनाये रखने में अहम भूमिका निभाई।
Q4 नतीजों के बाद उछाल की तैयारी में Marico का शेयर
5 May, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Stock to Buy: रोजाना इस्तेमाल के सामान बनाने वाली एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी मैरिको लिमिटेड (Marico Ltd) के शेयर सोमवार को शुरूआती कारोबार में 5 फीसदी तक चढ़ गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे मजबूत रहने के चलते आई है। कंपनी का मार्च तिमाही में कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट 7.81 प्रतिशत बढ़कर 345 करोड़ रुपये हो गया। भारतीय कारोबार का आकार एवं राजस्व बढ़ने के साथ मजबूत अंतरराष्ट्रीय कारोबार के दम पर लाभ बढ़ा है।
FMCG प्रमुख को कवर करने वाले ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों ने तिमाही नतीजों के बाद या तो मैरिको लिमिटेड के स्टॉक पर रेटिंग को अपग्रेड किया है या टारगेट प्राइस में बदलाव किया है।
Marico Target Price: Nuvama-₹815 तक जा सकता है शेयर
ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने मैरिको लिमिटेड पर अपनी खरीदारी की सलाह बरकरार रखी है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस भी बढ़ाकर 815 रुपये कर दिया है। पहले यह 785 रुपये था। इस तरह, स्टॉक भविष्य में 17% का अपसाइड दे सकता है। मैरिको लिमिटेड के शेयर शुक्रवार को 697 रुपये के भाव पर बंद हुए।
Marico Target Price: Motilal Oswal-₹800 तक जा सकता है शेयर
मोतीलाल ओसवाल ने मैरिको लिमिटेड पर अपनी खरीदारी की सलाह को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 800 रुपये टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह स्टॉक आगे चलकर निवेशकों को 15 फीसदी का अपसाइड दिखा सकता है। ब्रोकरेज का कहना है कि कोर में बेहतर प्रदर्शन और नए कारोबार के तेजी से विस्तार के कारण घरेलू कारोबार की मात्रा में तिमाही आधार पर सुधार हुआ है।
Marico Target Price: Jeffries-₹800 तक जा सकता है शेयर
जेफरीज ने मैरिको पर ‘BUY’ रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज ने साथ ही स्टॉक पर टारगेट प्राइस को 780 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 800 कर दिया है। इस तरह, शेयर निवेशकों को आगे चलकर 15% का अपसाइड रिटर्न दे सकता है।
ग्लोबल ब्रोकरेज ने कहा कि भारत में 7% की वॉल्यूम वृद्धि प्रभावशाली है और अंतर्राष्ट्रीय स्थिर मुद्रा (सीसी) वृद्धि भी मजबूत बनी हुई है। हालांकि, ग्रॉस मार्जिन कम्प्रेशन और हाई विज्ञापन और प्रोमोशन (एएंडपी) खर्चों के कारण मार्जिन दबाव में हैं। जेफरीज ने कहा कि कोर और ग्रोथ पोर्टफोलियो दोनों के लिए दृष्टिकोण यथोचित रूप से सकारात्मक बना हुआ है।
इसके अलावा एमके ग्लोबल ने मैरिको को स्टॉक पर अपनी रेटिंग को ‘ADD’ रेटिंग से अपग्रेड करके ‘BUY’ कर दिया है। साथ ही टारगेट प्राइस को 700 रुपये से बढ़ाकर 810 रुपये कर दिया है।
Marico Q4 Results
मैरिको लिमिटेड का मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 7.81 प्रतिशत बढ़कर 345 करोड़ रुपये हो गया। भारतीय व्यवसाय का आकार एवं राजस्व बढ़ने के साथ मजबूत अंतरराष्ट्रीय कारोबार के दम पर लाभ बढ़ा है। मैरिको लिमिटेड ने शुक्रवार को शेयर बाजार को जनवरी-मार्च, 2025 की तिमाही के नतीजे की सूचना दी। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 320 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का परिचालन से एकीकृत राजस्व 2,730 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,278 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कुल खर्च पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1,894 करोड़ रुपये की तुलना में 2,336 करोड़ रुपये अधिक रहा। कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में भारतीय व्यवसाय का आकार सात प्रतिशत बढ़ा, जबकि राजस्व में 23 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं अंतरराष्ट्रीय कारोबार में स्थिर मुद्रा पर वृद्धि 16 प्रतिशत रही। समूचे वित्त वर्ष (2024-25) में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 1,658 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 1,502 करोड़ रुपये था। कंपनी के निदेशक मंडल ने एक रुपये के इक्विटी शेयर पर सात रुपये का अंतिम लाभांश देने की सिफारिश की है।