व्यापार
भूचाल में ये शेयर बना निवेशकों का सिरदर्द, कीमत ₹2 से भी नीचे
10 May, 2025 06:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सत्व सुकून लाइफकेयर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो प्रमोटर्स की 3.62 फीसदी हिस्सेदारी है।
वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग 96.38 फीसदी है। प्रमोटर्स में पूजा अग्रवाल के पास 50,000 शेयर या 0.03 फीसदी हिस्सेदारी है। बाजार में भूचाल के बीच इस सस्ते शेयर पर टूटे निवेशक, ₹2 से कम है कीमत बीते शुक्रवार को बाजार की बिकवाली के बीच कुछ पेनी शेयरों को खरीदने की लूट थी। ऐसा ही एक पेनी शेयर- सत्व सुकून लाइफकेयर है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सत्व सुकून लाइफकेयर के शेयर 13.89% बढ़कर 1.23 रुपये पर बंद हुए। ट्रेडिंग के दौरान शेयर की कीमत 1.25 रुपये के स्तर तक पहुंच गई थी। पिछले साल जुलाई महीने में शेयर 0.75 पैसे पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है। वहीं, 20 जनवरी 2025 को यह शेयर 1.65 रुपये पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।
शेयरहोल्डिंग पैटर्न
सत्व सुकून लाइफकेयर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो प्रमोटर्स की 3.62 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग 96.38 फीसदी है। प्रमोटर्स में पूजा अग्रवाल के पास 50,000 शेयर या 0.03 फीसदी हिस्सेदारी है। रोशन डीलमार्क प्राइवेट लिमिटेड के पास 68,93,777 शेयर या 3.59 फीसदी हिस्सेदारी है।
कैसे रहे तिमाही नतीजे
हाल ही में सत्व सुकून लाइफकेयर लिमिटेड ने 31 मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही और बारह महीनों के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है। 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष की इसी अवधि में 48.19 लाख रुपये की तुलना में 74.5% बढ़कर 84.22 लाख रुपये हो गया। 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में परिचालन से राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि में 99.23 लाख रुपये की तुलना में 6% बढ़कर 105.16 लाख रुपये हो गया। 31 मार्च 2025 को समाप्त बारह महीनों के लिए कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष की इसी अवधि में 119.04 लाख रुपये की तुलना में 108.9% बढ़कर 248.94 लाख रुपये हो गया। 31 मार्च 2025 को समाप्त बारह महीनों के लिए परिचालन से राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि में 355.33 लाख रुपये की तुलना में 48.1% बढ़कर 526.30 लाख रुपये हो गया।
कंपनी के बारे में
सत्व सुकून लाइफकेयर लिमिटेड प्रीमियम सुगंध और घर की सजावट के उत्पादों का निर्माता है। कॉर्पोरेट और खुदरा दोनों क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति के साथ कंपनी हर उत्पाद में गुणवत्ता और नवीनता सुनिश्चित करती है। जियोमार्ट, अमेजन, Flipkart, मीशो, स्नैपडील और इंडिया मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर इसकी व्यापक ऑनलाइन उपस्थिति है।
8वां वेतन आयोग: फिटमेंट फैक्टर बढ़ा लेकिन सैलरी पर असर नहीं
10 May, 2025 06:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार की ओर से जब से 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी गई है. तभी से कर्मचारियों की सैलरी को लेकर कई सारे कयास लगाए जा रहे हैं. कयास कर्मचारियों की सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से जुड़े हुए हैं. कर्मचारी संगठन इस बार 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग रहे हैं. अगर यह लागू होगा तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये और पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है. हालांकि, इसमें कई पेच हैं. सिर्फ फिटमेंट फैक्टर ज्यादा होने से सैलरी नहीं बढ़ती है. आइए इसके बारे में डिटेल से समझते हैं. साथ ही यह भी जानते हैं कि आखिर फिटमेंट फैक्टर होता क्या है.
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक होता है, जिसका सहारा सरकार कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने में करती है. अमूमन न्यूनतम सैलरी जितनी होती है, फिटमेंट फैक्टर से उसमें गुणा करके बेसिक सैलरी काउंट होती है. लेकिन, यह सिस्टम सारे लेवल की सैलरी पर काम नहीं करता है. हालांकि, अगर 8वें वेतन आयोग क में मांग किए जा रहे फिटमेंट फैक्टर की बात करें, तो वह 2.86 है. अगर यह मांग सरकार मान लेती है. तो कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा हो सकता है. मगर इसमें कुछ पेच है, जिसे समझने के लिए हमें पिछले वेतन आयोग में लागू हुए फिटमेंट फैक्टर और सैलरी बढ़ोतरी पर नजर डालना जरूरी है.
6वें और 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर
सरकार की ओर से जब 6वां वेतन आयोग लागू किया गया. तब उसमें लगभग 1.86 फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दी थी, लेकिन सैलरी महंगाई को ध्यान में रखते हुए रिकॉर्ड 54 फीसदी बढ़ी थी. वहीं, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 लागू किया गया. लेकिन कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी सिर्फ 14.2 प्रतिशत ही बढ़ी. इस बात से एक चीज तो समझ आई कि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से सैलरी में बढ़ोतरी नहीं है. अगर सरकार इस बार 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो जरूरी नहीं है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ ही जाएगी.
सोने की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी, जानिए आज का लेटेस्ट रेट
10 May, 2025 06:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप सोने की खरीदारी करने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। आज देशभर में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे खरीदारों और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। शादी-ब्याह का सीजन हो या निवेश का सही मौका, सोने के दाम हमेशा चर्चा में रहते हैं। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, जयपुर समेत कई बड़े शहरों में 24 और 22 कैरेट सोने के दामों में उछाल आया है। जानिए आपके शहर में आज सोने का नया भाव और क्या यह समय खरीदारी के लिए सही है या इंतजार करना फायदेमंद रहेगा?
दिल्ली : दिल्ली में आज सोने की कीमतों में तेजी देखी गई है। अगर आप सोना खरीदने का सोच रहे हैं, तो आपको 24 कैरेट सोने के लिए ₹98,830 प्रति 10 ग्राम चुकाने होंगे, जो ₹330 बढ़ा है। वहीं 22 कैरेट सोना भी ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की बढ़ोतरी हुई है। त्योहारों और शादी के मौसम में यह बदलाव आपके बजट को प्रभावित कर सकता है।
मुंबई : मुंबई में आज सोने की कीमतों में उछाल आया है। 24 कैरेट सोना ₹98,680 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,450 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो ₹300 बढ़ा है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है।
लखनऊ : लखनऊ में आज सोने की कीमतें बढ़ गई हैं। 24 कैरेट सोने का दाम ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त दर्ज की गई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो ₹300 बढ़ा है। शादी-ब्याह के सीजन में यह महंगाई आम लोगों की जेब पर असर डाल सकती है।
पटना : पटना में आज सोने की कीमतें ऊपर गई हैं। 24 कैरेट सोना ₹98,730 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,500 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगर आप जल्द ही सोना खरीदने वाले हैं, तो यह आपके लिए अहम जानकारी है।
जयपुर : जयपुर में भी सोने की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। 24 कैरेट सोने का भाव ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो ₹330 बढ़ा है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है। अगर आप सोने के गहनों की खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो यह बदलाव आपके लिए मायने रखता है।
नोएडा : नोएडा में आज 24 कैरेट सोना ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि दर्ज की गई है।
इंदौर : इंदौर में भी सोना महंगा हो गया है। 24 कैरेट सोने की कीमत ₹98,730 प्रति 10 ग्राम हो गई है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,500 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है, जो ₹400 बढ़ा है। सोने में निवेश करने वालों के लिए यह समय फायदेमंद हो सकता है।
कानपुर : कानपुर में भी सोने की कीमतें बढ़ गई हैं। 24 कैरेट सोना ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है।
गाजियाबाद : गाजियाबाद में 24 कैरेट सोने का नया रेट ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है। अगर आप जल्द ही सोने की खरीदारी करने जा रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी हो सकती है।
गुरुग्राम : गुरुग्राम में 24 कैरेट सोना ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत और बढ़ती है या नहीं।
मेरठ : मेरठ में सोने की कीमतें बढ़ गई हैं। 24 कैरेट सोना ₹98,830 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,600 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है। ऐसे में सोना खरीदने वालों को यह तय करना होगा कि अभी खरीदारी करें या थोड़ा इंतजार करें।
अहमदाबाद : अहमदाबाद में सोने की कीमतें ऊपर गई हैं। 24 कैरेट सोना ₹98,730 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹330 की बढ़त हुई है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹90,500 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसमें ₹300 की वृद्धि हुई है। अगर आप सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
बुद्ध पूर्णिमा 2025: भारतीय शेयर बाजार सोमवार को रहेगा बंद
10 May, 2025 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत-पाकिस्तान बढ़ते टकराव के बीच भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्ताह दो सत्रों में बिकवाली का दबाव देखा गया. गुरुवार को गिरावट के बाद, शुक्रवार को शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी बिकवाली का दबाव देखने को मिला. अब, निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या उन्हें इस गिरावट का उपयोग अगले हफ्ते बाजार के फिर से खुलने पर बॉटम-फिशिंग के अवसर के रूप में करना चाहिए या थोड़ा और इंतजार करने की जरुरत है? बुद्ध पूर्णिमा 2025 पूरे देश में 12 मई 2025 को मनाई जाएगी, यानी अगले सप्ताह सोमवार को कुछ बाजार जानकार और निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सोमवार को इस मौके पर शेयर बाजार खुला रहेगा या नहीं. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस भ्रम से कैसे बचा जाए? आइए आपको भी बताते हैं…
क्या सोमवार को ओपन होगा शेयर बाजार?
भ्रम से बचने के लिए, निवेशकों और शेयर बाजार जानकार बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट – पर स्टॉक मार्केट हॉलिडेज़ 2025 लिस्ट को देख सकता है. वेबसाइट के टॉप पर, कोई भी ट्रेडिंग हॉलिडेज़ टूलबार पर क्लिक कर सकता है. 2025 में स्टॉक मार्केट हॉलिडेज़ की लिस्ट सामने आ जाएगी. इस लिस्ट में साफ किया गया है कि बुद्ध पूर्णिमा 2025 त्यौहार होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार 12 मई 2025 को खुला रहेगा. इसका मतलब है कि NSE और BSE सोमवार को खुले रहेंगे. शेयर बाज़ार हॉलिडे लिस्ट के अनुसार, मई 2025 में सिर्फ़ एक शेयर बाज़ार की छुट्टी है – महाराष्ट्र दिवस, जो 1 मई 2025 को मनाया गया. इसलिए, मई 2025 में कोई छोटा कारोबारी सप्ताह नहीं है.
शेयर बाज़ार की 2025 में छुट्टियां
जून और जुलाई 2025 में शेयर बाज़ार की कोई छुट्टी नहीं होगी. 1 मई 2025 के बाद अगला शेयर बाजार अवकाश 15 अगस्त 2025 को होगा, जो स्वतंत्रता दिवस है. अगस्त 2025 में, स्वतंत्रता दिवस के बाद एक और शेयर बाज़ार की छुट्टी होगी, जो गणेश चतुर्थी है, जो 27 अगस्त 2025 को है. अक्टूबर 2025 में तीन शेयर बाज़ार की छुट्टियाँ होंगी – 2 अक्टूबर 2025 महात्मा गांधी जयंती/दशहरा के लिए, 21 अक्टूबर 2025 दिवाली के लिए, और 22 अक्टूबर 2025 दिवाली बलिप्रतिपदा के लिए. इसके बाद, 2025 में 5 नवंबर 2025 को प्रकाश गुरुपर्व श्री गुरु नानक देव और 25 दिसंबर 2025 को क्रिसमस को लेकर दो और शेयर बाज़ार की छुट्टिया होंगी.
लगातार दो दिनों तक आई गिरावट
शुक्रवार, 9 मई को फ्रंटलाइन इंडेक्स, सेंसेक्स, निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी ने लगातार दूसरे सत्र में अपनी गिरावट को बढ़ाया. शेयर बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और इसके परिणामस्वरूप अनिश्चितता ने निवेशकों को सतर्क रखा. सेंसेक्स 880 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,454.47 पर बंद हुआ. निफ्टी 50 दिन का कारोबार 266 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,008 पर समाप्त हुआ. हालांकि, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया और इनमें क्रमशः केवल 0.10 प्रतिशत और 0.30 प्रतिशत की गिरावट आई. बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के ₹418.50 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹416.8 लाख करोड़ रह गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. साप्ताहिक स्तर पर बीएसई सेंसेक्स में 1.30 प्रतिशत की गिरावट आई और निफ्टी 50 में 1.40 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे उनकी तीन सप्ताह की बढ़त का सिलसिला टूट गया.
SBI का बड़ा फैसला: यस बैंक की 13% हिस्सेदारी SMBC को बेचने की तैयारी
10 May, 2025 06:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंबे समय से गिरावट के दौर से गुजर रहे Yes Bank share को लेकर एक अच्छी खबर आई है। जापान की बैंकिंग एंड फाइनेंस कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। यस बैंक के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी।
भारतीय स्टेट बैंक ने बताया कि वह यस बैंक में 13.19 फीसदी हिस्सेदारी जापान की बैंकिंग एंड फाइनेंस कंपनी SMBC को बेचने जा रहा है। 21.50 रुपए प्रति शेयर पर यह सौदा होगा। यह सौदा कुल 8888.97 करोड़ रुपए में होगा और इसमें 413 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर ट्रांसफर किए जाएंगे। यह प्रक्रिया अगले 12 महीने में पूरी की जाएगी।
इस खबर की सुगबुगाहट के चलते यस बैंक के शेयरों में बीते तीन दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही थी। शुक्रवार को भी Yes Bank shares में 10 फीसदी की उछाल देखने को मिली। यह 20.05 रुपए पर बंद हुए।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन यस बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में इच्छुक है। यदि ऐसा होता है तो Yes Bank का तेजी से विस्तार होगा और बैंक का मुनाफा भी बढ़ेगा। इसीलिए उम्मीद में बैंक के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है।
महंगाई भत्ता ठंडे बस्ते में: केंद्र के कर्मचारियों को नहीं मिलेगा DA, अगले आदेश तक रोक!
10 May, 2025 03:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार ने पिछले महीने करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2% की बढ़ोतरी कर इसे 55% करने की घोषणा की थी।
7th pay commission latest
देश के केंद्रीय कर्मचारी अगली छमाही यानी जुलाई से दिसंबर तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का इंतजार करने लगे हैं। यह इंतजार इसलिए भी है क्योंकि पहली छमाही के दौरान कर्मचारियों के भत्ते में मामूली बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में कर्मचारियों का भत्ता 55 फीसदी है। आइए जान लेते हैं कि केंद्रीय कर्मचारियों को अगली छमाही में कितना भत्ता मिल सकता है।
2% की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने पिछले महीने करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2% की बढ़ोतरी कर इसे 55% करने की घोषणा की थी। जनवरी से जून की अवधि के लिए डीए में 2% की बढ़ोतरी पिछले 78 महीनों में सबसे कम थी।
7वें वेतन आयोग का आखिरी डीए
कैलेंडर वर्ष, 2025 के पहले तीन महीनों में मुद्रास्फीति में और गिरावट से पता चलता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को डीए में 2% से कम बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 2025 के पहले दो महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आंकड़ों में गिरावट देखी गई, जिससे जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए DA बढ़ोतरी कम हो सकती है। AICPI-IW कर्मचारियों के DA बढ़ोतरी की गणना करने के लिए एक अहम मीट्रिक है। अगर गिरावट का सिलसिला अगले 4 महीनों तक जारी रहता है, तो भत्ते पर असर पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इससे केंद्र सरकार के करोड़ों कर्मचारी और पेंशनभोगी और निराश होंगे। तकनीकी रूप से यह 7वें वेतन आयोग में अंतिम डीए संशोधन होगा। बता दें कि इस साल 31 दिसंबर को 7वां वेतन आयोग अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा करेगा।
क्या होता है डीए
यह एक तरह का भत्ता है जो केंद्र, राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। बता दें कि डीए को साल में दो बार संशोधित किया जाता है। पहली छमाही- जनवरी और जून की अवधि की है। वहीं, जुलाई से दिसंबर तक की दूसरी छमाही होती है। साल की पहली बढ़ोतरी आमतौर पर मार्च में घोषित की जाती है, और दूसरी हर साल अक्टूबर/नवंबर में घोषित की जाती है।
इंडियन ऑयल का बड़ा बयान: पेट्रोल-डीजल और LPG की कमी नहीं, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
9 May, 2025 03:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
IOC on petrol, diesel and LPG Stock: देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने शुक्रवार को कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस LPG का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है और फ्यूल की पैनिक बाइंग की कोई जरूरत नहीं है।
यह बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट और वीडियो की बाढ़ के बाद आया है जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण लोगों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन जमा करने के लिए कतारों में दिखाया गया है।
IOC ने X पर एक पोस्ट में कहा, “इंडियन ऑयल के पास पूरे देश में फ्यूल का पर्याप्त भंडार है और हमारी आपूर्ति लाइनें सुचारू रूप से चल रही हैं।” “पैनिक बाइंग की कोई जरूरत नहीं है – फ्यूल और एलपीजी हमारे सभी आउटलेट्स पर आसानी से उपलब्ध हैं।”
आईओसी ने कहा, “शांत रहकर और अनावश्यक भीड़ से बचकर हमारी बेहतर सेवा करने में मदद करें। इससे हमारी आपूर्ति लाइनें निर्बाध रूप से चलती रहेंगी और सभी के लिए निर्बाध फ्यूल पहुंच सुनिश्चित होगी।”
पाकिस्तान से सटे राज्यों में पैनिक बाइंग
पैनिक बाइंग ज्यादातर पाकिस्तान से सटे राज्यों में देखी गई। पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं द्वारा 8-9 मई की मध्यरात्रि को पूरे पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य गोला-बारूद का उपयोग करके कई हमले शुरू करने के बाद जम्मू और कश्मीर और पंजाब के कई कस्बों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया। भारतीय सेना ने कहा कि हमलों को “प्रभावी रूप से विफल” कर दिया गया। इससे तनाव बढ़ने और पैनिक बाइंग का डर पैदा हो गया था।
भारत का जवाबी एक्शन
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में नौ स्थलों पर हमला किया, दशकों में पाकिस्तान के अंदर अपनी सबसे गहरी हड़ताल, दो सप्ताह पहले एक घातक आतंकवादी हमले के जवाब में। इसके बाद, पाकिस्तान ने एक दर्जन से अधिक शहरों और कस्बों में भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलें दागने की कोशिश की, जिनमें से कई वायु सेना के ठिकानों के घर थे।
IPL को किया सस्पेंड
वहीं, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया। BCCI के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “यह अच्छा नहीं लगता कि जब देश युद्ध में हो तो क्रिकेट जारी रहे,” उन्होंने लीग के निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा, जो 25 मई को कोलकाता में समाप्त होने वाली थी। जम्मू और पठानकोट के पड़ोसी शहरों में हवाई हमले की चेतावनी के बाद धर्मशाला में पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच गुरुवार का मैच बीच में रद्द होने के बाद से ही चल रहे एडिशन के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे थे।
मदर्स डे 2025: अपनी प्यारी माँ को दें ये 5 अनमोल तोहफे, मिलेगा प्यार और सुरक्षा का एहसास
9 May, 2025 03:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Mother’s Day 2025: मदर्स डे यानी मां के नाम एक खास दिन। इस बार 11 मई, रविवार को हम सब अपनी मां के लिए कुछ खास करने की तैयारी में हैं। ये दिन हर उस मां के लिए समर्पित होता है जो अपने बच्चों की तरक्की के लिए बिना थके, बिना किसी उम्मीद के लगातार योगदान देती हैं।
इस दिन बच्चे अपनी मां को खुश करने के लिए उन्हें सरप्राइज गिफ्ट देते हैं, बाहर खाना खिलाने ले जाते हैं या फिर घर पर खुद खाना बनाते हैं। लेकिन इस बार आप मां को कुछ अलग, कुछ ऐसा दे सकते हैं जो उन्हें न सिर्फ खुशी देगा बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित करेगा।
मदर्स डे पर दें ऐसा फाइनेंशियल गिफ्ट जो हो फायदेमंद
अगर आप इस बार एक समझदारी भरा और प्यार से भरा गिफ्ट देना चाहते हैं, तो फाइनेंशियल गिफ्ट्स पर जरूर सोचें। ये गिफ्ट्स मां को टैक्स बचाने, बेहतर रिटर्न पाने और हेल्थ कवर जैसे फायदे भी दे सकते हैं।
आइए हम आपको बताते हैं 5 ऐसे बढ़िया फाइनेंशियल गिफ्ट्स के बारे में जो आपकी मां के लिए एक सुरक्षित और स्मार्ट तोहफा बन सकते हैं।
1. PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक सुरक्षित और टैक्स बचत वाली स्कीम है, जिसमें हर वित्त वर्ष में कम से कम ₹500 और अधिकतम ₹1,50,000 तक निवेश किया जा सकता है। खाता खुलने के तीसरे साल से छठे साल तक लोन की सुविधा मिलती है, जबकि सातवें साल से हर साल आंशिक निकासी की अनुमति होती है। यह खाता 15 साल में मैच्योर होता है, लेकिन इसे 5-5 साल के ब्लॉक में जितनी बार चाहें बढ़ाया जा सकता है। परिपक्वता के बाद बिना नया निवेश किए भी खाता चालू रखा जा सकता है और ब्याज मिलता रहेगा। खाते में जमा राशि पर आयकर की धारा 80-C के तहत टैक्स छूट मिलती है और ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री होता है (धारा 10)। साथ ही, इस खाते की राशि कोर्ट के किसी आदेश से जब्त नहीं की जा सकती।
2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
मां को आप फिक्स्ड डिपॉजिट का गिफ्ट भी दे सकते हैं। इसमें सालाना 6-7% ब्याज मिलता है। हालांकि ब्याज पर टैक्स लगता है, लेकिन अगर आपकी मां वरिष्ठ नागरिक हैं और उनकी आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वो फॉर्म 15G/15H भरकर TDS से छूट ले सकती हैं।
3. हेल्थ इंश्योरेंस
अगर आपकी मां के पास पहले से एक हेल्थ पॉलिसी है, तब भी आप उन्हें एक अतिरिक्त हेल्थ कवर गिफ्ट कर सकते हैं। मान लीजिए उनके पास ₹5 लाख की पॉलिसी है और आप उन्हें ₹5 लाख की एक और पॉलिसी गिफ्ट करते हैं, तो उनका कुल मेडिकल कवर ₹10 लाख हो जाएगा। यह गिफ्ट मात्र ₹6,000 से ₹10,000 के बीच में मिल सकता है।
4. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम:
अगर आपकी मां की उम्र 60 साल से ज्यादा है, तो आप उनके नाम से सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में खाता खुलवाकर उन्हें एक शानदार तोहफा दे सकते हैं। इस स्कीम में अभी 8.20% सालाना ब्याज मिल रहा है। यह योजना न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि नियमित आय का भी जरिया बन सकती है।
5. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB):
अगर आप मां को इस बार सोना गिफ्ट करना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड की जगह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करें। इसमें सोने की कीमत के साथ ब्याज भी मिलता है। यह निवेश न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि लंबे समय में अच्छा रिटर्न भी देता है।
निवेशकों का सुरक्षित ठिकाना बना गोल्ड ईटीएफ! 3 साल का रिकॉर्ड इनफ्लो, होल्डिंग में 10% का अंतर
9 May, 2025 02:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold ETF in April 2025: गोल्ड में इन्वेस्टमेंट डिमांड लगातार पांचवें महीने अप्रैल में शानदार रहा। गोल्ड ईटीएफ (gold ETF) के आंकड़े तो यही बयां करते हैं। कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के बीच अप्रैल के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में नेट इनफ्लो तीन साल यानी मार्च 2022 के बाद सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। अमेरिकी डॉलर मे कमजोरी, ग्लोबल लेवल पर ट्रेड वॉर की आशंका और जबरदस्त इन्वेस्टमेंट डिमांड के बीच पिछले महीने सोने के भाव में यूएस डॉलर और भारतीय रुपये दोनों में 6 फीसदी का इजाफा हुआ।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश 11.2 बिलियन डॉलर बढ़ा। वॉल्यूम /होल्डिंग के लिहाज से इस दौरान निवेश में 115.3 टन की वृद्धि हुई। सोने की कीमतों में तेजी और लगातार पांचवें महीने आए इनफ्लो के दम पर अप्रैल 2025 के अंत तक गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM बढ़कर रिकॉर्ड 379 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। टोटल होल्डिंग भी पिछले महीने के अंत तक 3,561 टन पर दर्ज किया गया जो अगस्त 2022 के बाद सबसे ज्यादा है। अगस्त 2022 में टोटल होल्डिंग 3,662.2 टन पर था। हालांकि यह अक्टूबर 2020 के रिकॉर्ड लेवल 3,915 टन से अब भी 10 फीसदी नीचे है।
मार्च की तुलना में एसेट अंडर मैनेजमेंट और टोटल होल्डिंग दोनों में कमश: 10 फीसदी और 3.37 फीसदी की वृद्धि हुई।
मार्च के दौरान गोल्ड ईटीएफ में निवेश 8.6 बिलियन डॉलर ( 92 टन) बढ़ा। फरवरी के दौरान 9.4 बिलियन डॉलर (100 टन) जबकि जनवरी के दौरान इसमें 3 बिलियन डॉलर (34.5 टन) की तेजी आई, 2024 के आखिरी महीने दिसंबर में 0.8 बिलियन डॉलर (3.6 टन) का नेट इनफ्लो रहा था। इससे पहले बीते साल नवंबर में लगातार छह महीने की तेजी के बाद गोल्ड ईटीएफ में 2.1 बिलियन डॉलर यानी 28.6 टन का आउटफ्लो दर्ज किया गया था।
चीन में निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिखाया जोश
अप्रैल के दौरान गोल्ड ईटीएफ को सबसे तगड़ा सपोर्ट एशिया खासकर चीन से मिला। इस दौरान एशियाई फंडों में 7.3 बिलियन डॉलर (+69.6 टन) का नेट इनफ्लो देखा गया। ग्लोबल लेवल पर जितना नेट इनफ्लो आया उसका यह यह अकेले 65 फीसदी है। मासिक आधार पर एशियाई फंडों में इससे ज्यादा नेट इनफ्लो कभी नही देखा गया था। मार्च के दौरान इसमें 6.5 बिलियन डॉलर बिलियन डॉलर (67.4) टन) की बढ़त देखी गई थी। चीन में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में इस दौरान 6.8 बिलियन डॉलर (+64.8 टन) डाले। इतना नेट इनफ्लो चीन मे न तो इस कैलेंडर ईयर की पहली तिमाही और न पिछले साल देखा गया था।
इस दौरान नार्थ अमेरिकी फंडों में निवेशकों ने नेट 4.5 बिलियन डॉलर (+44.2 टन) डाले। इस रीजन में अमेरिका इनफ्लो के मामले में सबसे आगे रहा। इस दौरान गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने वहां 4.36 बिलियन डॉलर (+42.4 टन) डाले।
पिछले महीने यूरोप में गोल्ड ईटीएफ में 0.8 बिलियन डॉलर (-0.7 टन) का नेट आउटफ्लो देखा गया। मार्च, फरवरी और जनवरी के दौरान यूरोप में क्रमश: 1 बिलियन डॉलर (+13.7 टन), 0.2 बिलियन डॉलर (+2 टन) और 3.4 बिलियन डॉलर (+39 टन) का नेट इनफ्लो देखा गया था। हालांकि बीते साल ज्यादातर महीने यूरोप में नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया था।
Gold ETF holdings and flows by region (Month ending 30 April, 2025)
By region
Region
AUM
(bn)
Fund Flows
(US$mn)
Holdings
(tonnes)
Demand
(tonnes)
Demand
(% of holdings)
North America
194.1
4,506.5
1,828.5
44.2
2.5%
Europe
142.4
-806.9
1,341.7
-0.7
-0.0%
Asia
34.6
7,313.9
320.4
69.6
27.8%
Other
7.4
213.4
70.1
2.2
3.2%
Total
378.6
11,226.9
3,560.8
115.3
3.3%
Global inflows / Positive Demand
20,744.4
218.2
6.3%
Global outflows / Negative Demand
-9,517.5
-102.9
-3.0%
By country
Country
AUM
(bn)
Fund Flows
(US$mn)
Holdings
(tonnes)
Demand
(tonnes)
Demand
(% of holdings)
US
186.5
4,363.0
1,756.9
42.4
2.5%
UK
62.7
-1,297.6
590.8
-11.8
-2.0%
Switzerland
35.4
216.7
333.8
7.3
2.2%
Germany
34.4
-196.1
324.0
-0.5
-0.2%
China P.R. Mainland
21.8
6,797.0
203.0
64.8
46.9%
France
7.9
389.6
74.4
3.7
5.2%
Canada
7.6
143.5
71.6
1.8
2.6%
India
7.3
182.5
65.6
1.7
2.6%
Japan
5.1
355.2
47.8
3.4
7.7%
Australia
4.9
108.8
46.5
1.2
2.6%
South Africa
2.2
92.8
21.2
0.9
4.4%
Ireland
1.3
0.0
12.2
-0.0
-0.0%
Italy
0.6
80.3
6.1
0.8
14.6%
Hong Kong SAR
0.4
-26.8
3.6
-0.3
-7.3%
Turkey
0.2
3.4
2.3
0.0
1.5%
Liechtenstein
0.1
0.1
0.5
0.0
1.1%
Malaysia
0.0
6.0
0.4
0.1
14.9%
Saudi Arabia
0.0
8.4
0.2
0.1
61.1%
(Source: World Gold Council)
संकट में भी स्थिर! टाटा ग्रुप का यह दिग्गज शेयर बना निवेशकों का पसंदीदा, मिल सकता है बड़ा रिटर्न
9 May, 2025 01:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Tata Group Stock: भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा घटनाक्रम के बाद दोनों देशो के बीच तनाव बढ़ गया है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। बीएसई सेंसेक्स 800 अंक से ज्यादा गिरकर कारोबार कर रहा है। जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स 24 हजार के लेवल से नीचे फिसल गया है।
बाजार में बेचैनी के बावजूद टाटा ग्रुप का दिग्गज शेयर टाइटन कंपनी लिमिटेड शुक्रवार (9 मई) को शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया। कंपनी के शेयरों में यह तेजी जनवरी-मार्च तिमाही के दमदार नतीजे पेश करने करने के चलते आई है। मजबूत नतीजों के बाद ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों ने स्टॉक पर खरीदारी की सलाह को बरकरार रखा है। साथ ही कुछ ने टारगेट प्राइस में बढ़ोतरी भी की है।
Titan Company: मैक्सिमम टारगेट प्राइस: ₹4,541| अपसाइड रिटर्न 36%|
ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टाइटन कंपनी पर अपनी रेटिंग को ‘BUY‘ पर बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 4,541 रुपये कर दिया है। पहले यह 4,115 रुपये था। इस तरह, स्टॉक अगले 12 महीने में निवेशकों को 36% का अपसाइड रिटर्न दे सकता है। टाइटन के शेयर गुरुवार को 3363 रुपये पर बंद हुए।
ब्रोकरेज ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही में टाइटन की ग्रोथ शानदार रही है। साथ ही मार्जिन में भी जोरदार मजबूती देखने को मिली है। ऐसे में कंपनी का आउटलुक पॉजिटिव दिख रह है।
ब्रोकरेज फर्म एंटिक ब्रोकिंग ने भी टाइटन के शेयर पर अपनी खरीदारी की सलाह को बरकरार रखा है। हालांकि, ब्रोकरेज ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस घटाकर 4,195 रुपये कर दिया है। पहले यह 4,216 रुपये था। इसके बावजूद स्टॉक भविष्य में 25% का शानदार रिटर्न दे सकता है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल भी टाइटन के शेयर पर बुलिश है। ब्रोकरेज ने टाइटन पर अपनी ‘BUY’ रेटिंग को बनाए रखा है। साथ ही 4000 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह, शेयर निवेशकों को लॉन्ग टर्म में 19% का अपसाइड दिखा सकता है।
कैसे रहे टाइटन Q4 नतीजे?
टाटा ग्रुप की जानी-मानी ज्वेलरी और घड़ी बनाने वाली कंपनी टाइटन लिमिटेड ने 31 मार्च, 2025 को खत्म हुई चौथी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने इस दौरान 870 करोड़ रुपये का जबरदस्त मुनाफा कमाया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 786 करोड़ रुपये से 11% ज्यादा है। यह आंकड़ा बाजार के अनुमानों से भी बेहतर रहा। इसके साथ ही कंपनी का कुल रेवेन्यू जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 20% बढ़कर 13,477 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 11,257 करोड़ रुपये था। यह उछाल ज्वेलरी और घड़ियों की जबरदस्त बिक्री की वजह से आया। कंपनी ने प्रति शेयर 11 रुपये के डिविडेंड का भी ऐलान किया।
मजबूत नतीजे से 5% उछला टाइटन
मजबूत तिमाही नतीजों के दम पर टाइटन लिमिटेड का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 5 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया। दोपहर 12:10 बजे शेयर 138.25 रुपये या 4.11 फीसदी की बढ़त लेकर 3501.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था। जबकि सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से 25 के शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे।
मार्केट एक्सपर्ट की राय: भारत-पाक तनाव का बाजार पर क्या होगा असर
9 May, 2025 01:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीते कुछ हफ्तों में भारतीय शेयर बाजारों को एक तरफ भारत और पाकिस्तान के बीच जियो-पॉलिटिकल टेंशन और दूसरी तरफ टैरिफ से जुड़े डर का सामना करना पड़ा है। कोटक महिंद्रा एएमसी (Kotak Mahindra AMC) के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह (NILESH SHAH) ने बातचीत में बताया कि अगर भारत-पाकिस्तान में तनाव नहीं बढ़ता है और संघर्ष सीमित रहता है, तो बाजार मजबूत होकर उभरेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मार्च 2024 तिमाही के कॉर्पोरेट नतीजे कमजोर होते और एफपीआई विक्रेता बने रहते, तो बाजार 10 फीसदी तक गिर सकते थे। इस बातचीत के संपादित अंश:
क्या आपको लगता है कि बाजार ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के जियोपॉलिटिकल घटनाक्रमों पर नपा-तुला जवाब दिया है?
हां, मुझे ऐसा लगता है. आइए कुछ देर के लिए जियोपॉलिटिक्स को अलग रख देते हैं. सबसे पहले, 108 कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं. अब, कोई यह तर्क दे सकता है कि अच्छे नतीजे पहले आते हैं और बुरे नतीजे बाद में, लेकिन फैक्ट यह है कि असर में आंकड़े अनुमानों से बेहतर हैं. दूसरा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI), जिनके खरीदने की उम्मीद नहीं थी, खरीदार बन गए हैं और अच्छी-खासी तादाद में खरीद रहे हैं। यह खरीदारी खुले तौर पर हुई है।
सप्लाई साइड पर कोई बड़ी IPO या QIP एक्टिविटी नहीं है। खासकर रिटेल और HNI की ओर से प्रॉफिट बुकिंग है। घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) अभी भी ने बायर हैं। इसलिए, इनफ्लो और फंडामेंटल फेवरेबल हैं।
इसके अलावा, भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों के लिए फायदेमंद है। खासकर गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन जैसे सेक्टर्स के लिए जहां भारत पहले मजबूत नहीं था। यह हमें यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के साथ भविष्य की बातचीत के लिए अच्छी स्थिति में रखता है, जिससे चीन+1 स्ट्रैटजी एक वास्तविक अवसर बन जाती है।
संक्षेप में, इनफ्लो और फंडामेंटल्स बाजार का सपोर्ट कर रहे हैं और इसीलिए उन्होंने मैच्योरिटी के साथ प्रतिक्रिया दी है। अगर नतीजे कमजोर होते और एफपीआई विक्रेता बने रहते, तो बाजार 10 फीसदी तक गिर सकते थे।
जियो-पॉलिटिकल टेंशन का प्रभाव क्या है?
कारगिल जैसे सीमित संघर्षों में, बाजार 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया था। हमने 1962, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध देखे हैं। हमारी एंकरिंग इसी इतिहास पर आधारित है कि सीमित संघर्ष बाजारों को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करता है. यह वह पूर्वाग्रह है जिसके साथ हम काम कर रहे हैं कि यह अभी भी एक सीमित संघर्ष है, पूर्ण पैमाने पर युद्ध नहीं। इसके अलावा, पाकिस्तान के पास संसाधन नहीं हैं – कोई पैसा नहीं, सीमित गोला-बारूद और चीन, तुर्की या अज़रबैजान जैसे देशों के अलावा कोई बड़ा ग्लोबल सपोर्ट नहीं है। तुर्की और अज़रबैजान मायने नहीं रखते। वहीं, चीन करता है तो उसके सपोर्ट को लेकर अनिश्चितता है। बाजार फुलस्केल युद्ध के मुकाबले लो फि्रक्वेंसी संघर्ष को पसंद करते हैं।
तो जियो-पॉलिटिक्स एक तरफ और टैरिफ अनिश्चितता दूसरी तरफ, क्या बाजार एक दायरे में अटका हुआ है?
निश्चित रूप से। भारतीय शेयर बाजार एक चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। हमारा बाजार पहले से ही फेयर वैल्यू पर कारोबार कर रहा है। यहां तक कि थोड़ा ऊपर भी। हम 21–22x फॉरवर्ड अर्निंग पर हैं, और 18x पर नहीं। इसलिए, रिटर्न करीब 8–10 फीसदी कम होगा। यह एक वॉलेटाइल दिन में भारतीय शेयरों की एक दिन की हलचल है। हम एक दायरे में बंधे, धीमी गति से चलने वाले बाजार में हैं। हालांकि, जियो-पॉलिटिकल रिस्क को छोड़कर, बाकी सब कुछ हमारे पक्ष में है। इसलिए बाजार की मॉडरेट प्रतिक्रिया है। अगर तनाव नहीं बढ़ता है और संघर्ष सीमित रहता है, तो बाजार इससे मजबूत होकर उभरेंगे। लेकिन अगर घटनाएं बाजार की उम्मीदों के विपरीत होती हैं, तो बाजारों को फिर से रीएडजस्ट करने की आवश्यकता होगी।
क्या कोई ऐसी धारणाएं हैं जिनके साथ बाजार उस स्तर पर काम कर रहे हैं?
हां, और इनमें यह विश्वास शामिल है कि अमेरिका आखिरकार ब्याज दरों में कटौती करेगा। भारत के साथ कोई बड़ा टैरिफ मुद्दा नहीं होगा। घरेलू विकास जारी रहेगा और लाडली बहना या अन्य जैसी प्रमुख सरकारी योजनाएं विकास को बाधित या पटरी से नहीं उतारेंगी. ये सेंटीमेंट्स पहले से ही बाजार में शामिल हैं.
स्ट्रैटजी के नजरिए से देखें तो क्या किसी को मौजूदा बाजारों में डिफेंसिव रुख अपनाना चाहिए या हाई बीटा दांव लगाना चाहिए?
मेरा सुझाव है कि निवेशक बुनियादी बातों पर टिके रहें और उचित वैल्यूएशन पर मौजूदा क्वॉलिटी स्टॉक्स वाले शेयरों पर फोकस करें। अच्छे फ्लोट वाले शेयरों पर नजर रखें। कुछ शेयर सिर्फ इसलिए नहीं गिरे हैं क्योंकि उनमें पर्याप्त फ्लोट नहीं है, इसलिए कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
क्या कोई ऐसे सेक्टर हैं जिन पर निवेशकों को ध्यान देना चाहिए?
सेक्टर के हिसाब से देखें तो कंज्यूमर डिस्क्रिशनेरी बेहतर नजर आ रहे हैं। ₹1 लाख करोड़ की टैक्स कटौती अब लोगों के हाथों में है – ज्यादातर खर्च करेंगे, और बचाएंगे नहीं. ब्याज दरें 0.5 फीसदी तक गिर गई हैं, और शायद 0.5 फीसदी और गिर सकती हैं. तेल की कीमतें $60–65 के दायरे में हैं. हम बिहार चुनावों के करीब पेट्रोल/डीजल की कीमतों में कटौती देख सकते हैं – सीधे लोगों की जेब में पैसा डालना. 8वें वेतन आयोग की उम्मीद 2027 में है – और लोग इस उम्मीद में खर्च करना शुरू कर देंगे।
इसलिए, अगले 24–36 महीनों में, आपके पास कई अनुकूल परिस्थितियां हैं – टैक्स कटौती, EMI राहत, फ्यूल की कीमतों कटौती और वेतन आयोग की उम्मीदें – सभी कंजम्प्शन का सपोर्ट कर रही हैं। और खपत रोटी, कपड़ा, मकान के बारे में कम होगी और अनुभवों के बारे में ज्यादा होगी जैसेकि एयरलाइंस, पर्यटन, होटल।
क्या आपको लगता है कि अनिश्चितता लोगों को गोल्ड की ओर भी ले जा सकती है?
यह पहले से ही हो रहा है। सेंट्रल बैंक भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं – 1000 टन। भारतीय हाउसवाइव्स/ हाउसहोल्ड भी कुछ हद तक खरीदारी का बूस्ट देंगे। इसलिए हमें सोने के लिए मजबूत सपोर्ट दिखाई देगा।
तेज़ी का माहौल! ब्रिटेन-अमेरिका बिजनेस डील से टाटा मोटर्स के शेयरों में आई भारी उछाल
8 May, 2025 06:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैश्विक व्यापार के बारे में नए सिरे से आशावाद को देखते हुए टाटा मोटर्स के शेयरों में गुरुवार को लगभग 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. क्योंकि रिपोर्टों से पता चला कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूनाइटेड किंगडम के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की घोषणा करने की तैयारी कर रहे हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि यह विकास JLR के बारे में भावनाओं को और बढ़ा सकता है, जो ट्रांसअटलांटिक व्यापार घर्षण में किसी भी कमी से लाभान्वित होने के लिए खड़ा है.
आज यह शेयर 701.45 रुपये पर खुला और 704.00 रुपये के उच्चतम स्तर गया.
व्यापार समझौते पर ट्रंप
ट्रंप आज सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं, जहां उनसे यह खुलासा करने की उम्मीद है कि एक बड़े देश के प्रतिनिधियों के साथ एक प्रमुख व्यापार समझौते को क्या कहा है.
यूके-यूएस व्यापार समझौता?
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके के साथ व्यापार समझौता होने जा रहा है.
जेएलआर की किस्मत चमकाने वाला समझौता
इस खबर ने टाटा मोटर्स के लिए भावना को बढ़ाया है, जिसकी लक्जरी वाहन शाखा, जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को अमेरिका और ब्रिटेन के बीच व्यापार बाधाओं में किसी भी तरह की ढील से सार्थक लाभ मिल सकता है. अमेरिका में जेएलआर का लगभग 20 फीसदी राजस्व आता है. और इस साल की शुरुआत में वाहन आयात पर भारी टैरिफ लगाए जाने के कारण कंपनी दबाव में रही है.
हालांकि जेएलआर ने तब से अमेरिका को शिपमेंट फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन उद्योग के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अधिक अनुकूल व्यापार व्यवस्था एक स्वागत योग्य राहत होगी. निवेशक एक ऐसे परिदृश्य में मूल्य निर्धारण कर रहे हैं जहां नए यूएस-यूके ढांचे के तहत टैरिफ को कम या समाप्त किया जा सकता है.
ट्रेडमार्क की रेस: 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम हथियाने की होड़, कानूनी पेंच फंसा!
8 May, 2025 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले के एक दिन बाद कई संस्थाएं उस नाम को ट्रेडमार्क कराने की होड़ में हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए चुना था, जिनके पति 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने तेजी से इस शब्द को ट्रेडमार्क कराने की पहल की. गुरुवार को भावनात्मक रूप से प्रभावित इस नाम पर दावा करने वाली वह चार संस्थाओं में से एक बन गई.
7 मई 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच नाइस क्लासिफिकेशन के वर्ग 41 के तहत चार ट्रेडमार्क आवेदन दायर किए गए, जिसमें शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया और सांस्कृतिक सेवाएं शामिल हैं. आवेदकों में रिलायंस, मुंबई निवासी मुकेश चेतराम अग्रवाल, सेवानिवृत्त भारतीय वायु सेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबरह और दिल्ली स्थित वकील आलोक कोठारी शामिल हैं.
प्रत्येक आवेदन में ऑपरेशन सिंदूर को "उपयोग किए जाने के लिए प्रस्तावित" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जो मीडिया या मनोरंजन उद्यम बनाने के इरादे को दिखाता है.
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर शब्द ने बहुत जल्दी राष्ट्रीय लोकप्रियता हासिल कर ली, क्योंकि सिंदूर बलिदान, वीरता और गहरी सांस्कृतिक भावना का प्रतीक है. सैन्य हमले के बाद यह नाम व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गया.
क्या सैन्य अभियान के नामों पर ट्रेडमार्क रखने की अनुमति है?
भारत में सैन्य अभियान के नाम स्वचालित रूप से बौद्धिक संपदा की रक्षा नहीं करते हैं. रक्षा मंत्रालय आम तौर पर ऐसे नामों के वाणिज्यिक उपयोग को पंजीकृत या प्रतिबंधित नहीं करता है, जिससे उन्हें ट्रेडमार्क दाखिल करने की अनुमति मिलती है. जबकि ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 रजिस्ट्री को ऐसे ट्रेडमार्क को अस्वीकार करने की अनुमति देता है जो भ्रामक, भ्रामक या सार्वजनिक भावना के लिए आक्रामक हैं. ऑपरेशन सिंदूर जैसे शब्दों को पंजीकृत करने पर कोई स्वचालित रोक नहीं है जब तक कि कानूनी रूप से चुनौती न दी जाए.
भारत में ट्रेडमार्क अधिकार केवल पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नहीं दिए जाते हैं. रजिस्ट्रार उपयोग करने के इरादे, सार्वजनिक भ्रम के जोखिम, विशिष्टता और विरोध के दावों पर भी विचार करेगा.
सुजलॉन का शानदार प्रदर्शन जारी: एक और महत्वपूर्ण ऑर्डर, इस बार पीएसयू से।
8 May, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Suzlon Energy Share Price: बीते कारोबारी दिन, 7 मई को बाजार में हलचल देखने को मिली थी, वहीं Suzlon Energy के शेयरों में तेजी देखी गई थी. ये कंपनी फिर एक बार फिर चर्चा में है. इसे सरकारी कंपनी (BPCL) से 50 मेगावॉट का विंड एनर्जी प्रोजेक्ट का नया ऑर्डर मिला है. कल के कारोबार में इसमें 109 मिलियन से ज्यादा की वॉल्यूम देखी गई थी. इस डील के बाद इसके शेयरों में फिर से स्पीड देखन को मिल सकती है. आइए इस डील के बारे में जानते हैं.
BPCL से मिला ऑर्डर
BPCL ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उसने दो 50 मेगावॉट की विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. जिसमें एक मध्य प्रदेश में और दूसरी महाराष्ट्र में में है. इनमें मध्य प्रदेश की प्रोजेक्ट Suzlon Energy को सौंपी गई है, जबकि महाराष्ट्र की परियोजना Integrum Energy को दी गई है.
इन प्रोजेक्ट का मकसद
ये दोनों परियोजनाएं BPCL की बिना और मुंबई रिफाइनरी के लिए बिजली पैदा करेंगी. इनका मुख्य उद्देश्य फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करना है.
रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ कदम
BPCL का टारगेट है कि वह साल 2040 तक 10 गीगावॉट (GW) की ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी हासिल करे और Scope 1 और Scope 2 के तहत जीरो कार्बन एमिशन बन जाए.
Suzlon की ऑर्डर बुक
अभी से टाइम कंपनी के पास कुल 5,622 मेगावॉट के ऑर्डर हैं. जिसमें पिछली तिमाही के डिलीवरी भी शामिल हैं.
इसके अलावा अप्रैल 2025 में कंपनी को दो और बड़े ऑर्डर मिले हैं, जिनमें 100.8 MW का ऑर्डर Sunsure Energy से और 378 MW का ऑर्डर NTPC Green Energy से मिला है.
Suzlon के शेयर की चाल
Suzlon Energy का शेयर ने निवेशकों को जमकर रिटर्न दिया है.
पिछले 5 साल में 2296 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न
पिछले 1 साल में 37 फीसदी की बढ़त
हालांकि, इस साल अब तक (YTD) में शेयर 16.38 फीसदी गिरा है
7 मई 2025 को बाजार बंद होने के बाद Suzlon Energy का शेयरों का भाव 54.70 रुपये था.
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी, ऑटो और IT सेक्टर में दिखी मजबूती
8 May, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Stock Market Opening Bell: कल के उतार-चढ़ाव के बाद आज बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी. फिर बाजार ने चाल बदल दी, जिससे सेंसेक्स हरे निशान में वहीं निफ्टी लाल निशान में पहुंच गया था. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 25 अंकों की तेजी के साथ 80,771 के लेवल पर वहीं, निफ्टी 12 अंक गिरकर कारोबार कर रहा था. इस दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में 17 में तेजी तो 13 में गिरावट देखी गई थी. सेक्टरोल इंडेक्स में सबसे ज्यादा ऑटो और आईटी शेयरों में तेजी देखने को मिली. वहीं मेटल, रियल्टी और हेल्थकेयर शेयरों में गिरावट देखने को मिली.
निफ्टी के टॉप गेनर ( टाटा मोटर्स, कोल इंडिया में तेजी)
स्टॉक
ओपेन(₹)
हाई (₹)
लो (₹)
पिछला बंद (₹)
करंट भाव (₹)
बदलाव(%)
TATAMOTORS
700
704.5
691
680.3
700.2
2.93
COALINDIA
390
394.75
387.1
383.3
390.9
1.98
KOTAKBANK
2,099.00
2,138.70
2,094.90
2,094.90
2,127.70
1.57
POWERGRID
313.4
317.4
313
311.1
315.6
1.45
AXISBANK
1,170.00
1,177.50
1,165.60
1,161.30
1,175.00
1.18
सोर्स-NSE
निफ्टी के टॉप-5 लूजर ( एटर्नल, डा. रेड्डी में बिकवाली)
स्टॉक
ओपेन(₹)
हाई (₹)
लो (₹)
पिछला बंद (₹)
करंट भाव (₹)
बदलाव(%)
ETERNAL
235.25
236.45
232.77
236.9
233.1
-1.6
DRREDDY
1,152.70
1,160.70
1,142.00
1,160.70
1,145.60
-1.3
TATACONSUM
1,136.00
1,140.00
1,122.10
1,146.00
1,131.60
-1.26
HINDALCO
635.8
636.3
628.55
636.3
629.15
-1.12
ITC
429.00
429.95
426.10
431.15
426.30
-1.12
सोर्स-NSE
सेंसेक्स के शेयरों का हाल
सोर्स-BSE
एशियाई बाजारों में तेजी
गिफ्ट निफ्टी शुरुआती कारोबार मे 24 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था.
जापान के निक्केई में 83 अंकों की तेजी देखने को मिली थी.
हैंग सेंग में 185 अंकों की उछाल देखने को मिली थी.
ताइवान के बाजार में भी 94 अंकों की बढ़त देखने को मिली थी.
कोस्पी में 0.35 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी.
FII-DII के आंकड़े
बीते कारोबारी सत्र बाजार में उतार-चढ़ाव रहा लेकिन इस दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक और घरेलू संस्थागत निवेशकों की नेट वैल्यू पॉजिटिव रही थी. पिछले कारोबारी दिन यानी 5 मई को विदेशी निवेशकों ने इस दौरान कैश मार्केट में 16,371.71 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 13,785.85 करोड़ के शेयर बेचे. वहीं, घरेलू निवेशकों ने 13,168.99 करोड़ के शेयर खरीदे और 10,790.50 करोड़ के शेयर बेचे थे.
बीते दिन हरे निशान में बंद हुआ बाजार
7 मई को बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था. सेंसेक्स 0.13 फीसदी तेजी के साथ 105.71 अंक बढ़कर 80,746.78 अंक पर बंद हुआ था. इस दौरान सेंसेक्स में लिस्टेड 30 में से 18 इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए. वहीं, 5.50 फीसदी तेजी के साथ टाटा मोटर्स टॉप गेनर रहा था. वहीं, एशियन पेंट्स 3.53 फीसदी गिरावट के साथ टॉप लूजर स्टॉक रहा था. वहीं, निफ्टी 0.14 फीसदी तेजी के साथ 34.80 अंक बढ़कर 24,414.40 अंक पर बंद हुआ था. इस दौरान निफ्टी में लिस्टेड 50 में से 24 स्टॉक हरे निशान में बंद हुए थे. सेंसेक्स की तरह निफ्टी में भी टाटा मोटर्स टॉप गेनर रहा. वहीं, एशियन पेंट्स टॉप लूजर रहा था.