व्यापार
सरकारी ऑर्डर से HAL और डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स में उछाल
21 Mar, 2025 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या आपके पोर्टफोलियो में डिफेंस स्टॉक्स है, क्योंकि आज कुछ डिफेंस स्टॉक्स फोकस में रह सकते हैं क्योंकि बीते गुरुवार को मार्केट बंद होने के बाद यह जानकारी सामने आई कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल अर्थात डीएसी ने करीब 54000 करोड़ रुपए के डिफेंस इक्विपमेंट की खरीद के लिए अपनी सहमति दे दी है.
T-90 टैंकों के लिए इंजन
इस डील में T-90 टैंकों के लिए इंजन, वरुणास्त्र टॉरपीडो, हवा में उड़ने वाले अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट सिस्टम भी शामिल है. DAC की बैठक में T-90 टैंकों के लिए 1350 हॉर्सपावर (HP) के इंजन खरीदे जाएंगे. अभी इन टैंकों में 1000 HP का इंजन है. नया इंजन लगने से टैंकों की खासकर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में ताकत काफी बढ़ जाएगी. वरुणास्त्र टॉरपीडो भी खरीदे जाएंगे. वरुणास्त्र टॉरपीडो भारत में ही बना है और इसे जहाज से पनडुब्बियों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अभी नौसेना के पास ये टॉरपीडो पहले से ही हैं और अब इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे दुश्मन की पनडुब्बियों से खतरा कम होगा.
DAC की मीटिंग
DAC की मीटिंग में यह तय हुआ है कि हवा में उड़ने वाले अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम खरीदे जाएंगे.AEW&C सिस्टम काफी ताकतवर होते हैं. ये दुश्मन के विमानों और मिसाइलों का पता लगाकर उनसे बचने में मदद करते हैं. इससे युद्ध में वायुसेना की ताकत काफी अधिक बढ़ जाएगी. इस समय रक्षा मंत्रालय 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ मना रहा है. वहीं, DAC ने इस रक्षा खरीद प्रक्रिया को तेज और बेहतर बनाने के लिए सभी दिशानिर्देशों को मंजूरी भी दे दी है.
डिफेंस स्टॉक्स दिखी रैली
पिछले कुछ कारोबारी सत्र के दौरान डिफेंस स्टॉक्स में दमदार रैली देखने को मिली है. कल गुरुवार के कारोबारी सत्र के दौरान Bharat Forge का शेयर इंट्राडे के ट्रेड में 6 फीसदी तक उछला है. सेफ्टी को लेकर कैबिनेट कमेटी ने इंडियन आर्मी के लिए 307 एडवांस्ड टावर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीद की मंजूरी भी दे दी है. इससे पहले बुधवार के दिन भी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स लिमिटेड के शेयर में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ अपर सर्किट भी लगा था. इसके अलावा गुरुवार को HAL के शेयर में 2.09 फीसदी और BEL में 2.43% और BDL 4.09% चढ़कर बंद हुए थे.
एलन मस्क के खिलाफ बढ़ी इस्तीफे की मांग, टेस्ला की छवि को हो रहा नुकसान
20 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के सबसे अमीर शख्स और इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को कंपनी के CEO पद से हटाने की मांग उठी है. यह मांग टेस्ला में शेयर के जरिए निवेश करने वाले एक अमेरिकी निवेशक ने की है. निवेशक ने अमेरिकी टीवी शो में बातचीत के दौरान एलन मस्क पर कई आरोप लगाए. जिसकी वजह से उन्होंने मस्क से इस्तीफा मांगा और टेस्ला के लिए नई सीईओ की जरूरत बताई.
बता दें कि अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. इस बीच कुछ दिन पहले तक टेस्ला के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई. इससे निवेशकों का भारी नुकसान हुआ. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फिलहाल टेस्ला के शेयर हरे निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं, लेकिन कई निवेशक टेस्ला के शेयरों में आई गिरावट से नहीं उबर पा रहे हैं.
इस वजह से हो रहा विरोध
अमेरिका में पिछले कुछ दिनों से मस्क की कंपनी टेस्ला का भारी विरोध हो रहा है. इस विरोध का असर कंपनी की बिक्री से लेकर शेयरों तक पर देखने को मिल रहा है. टेस्ला के शेयरों में निवेश करने वाले अमेरिकी निवेशक रॉस गेरवर ने टीवी शो के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बीते कई दिनों से गिर रहे टेस्ला के शेयरों से हुए नुकसान के चलते एलन मस्क से इस्तीफे तक की मांग कर डाली. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद एलन मस्क को व्हाइट हाउस में जब से नई जिम्मेदारी मिली है, तब से वह कंपनी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
34 प्रतिशत तक गिरे टेस्ला के शेयर
टेस्ला निवेशक ने कहा कि मस्क ने अपनी कंपनी टेस्ला की प्रतिष्ठा को नष्ट करने का काम किया है. उन्होंने कहा,’मुझे लगता है कि अब टेस्ला को नए सीईओ की जरूरत है. मैंने आज इस बात को उठाने का फैसला किया है.’ राष्ट्रपति के रेसिप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा) ऐलान के बाद दुनियाभर में ट्रेड वॉर की आशंका तेज हो गई है. अमेरिकी शेयर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. Nasdaq, S&P 500 और Dow Jones सभी सूचकांक भारी गिरावट फेस कर रहे हैं. टेस्ला के शेयर भी बहुत गिर गए थे. एक महीने के भीतर 34 प्रतिशत की गिरावट आई. यह ऑल टाइम हाई 488.54 डॉलर से घटकर 235.86 डॉलर पर आ गया.
एलन मस्क ने दी थी सफाई
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एलन मस्क को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. ट्रंप ने पद संभालने के बाद सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का गठन किया और इसकी जिम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी गई. जब टेस्ला के शेयरों में गिरावट आई तो एलन मस्क ने भी अपनी सफाई में बड़ा बयान दिया. उन्होंने फॉक्स बिजनेस से बातचीत के दौरान अपनी समस्या के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस और टेस्ला के जिम्मेदारियों को बड़ी मुश्किल से मैनेज कर पा रहे हैं.
नए वित्तीय वर्ष से बदलेंगे ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
20 Mar, 2025 04:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए यूनियन बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने मीडिल क्लास को इनकम टैक्स में भारी राहत के साथ -साथ कई नियम में बदलाव करने का ऐलान किया था. अब ये नियम अपने वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही यानी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो रहे हैं. इस बदलाव में टैक्स कटौती (TDS) और स्रोत पर टैक्स कलेक्शन (TCS) के नए नियम भी शामिल है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
सीनियर सिटीजन और मकान मालिकों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि सीनियर सिटीजन के लिए TDS कटौती से बढ़ाकर डबल कर दिया गया है. इससे पहले यह 50 हजार रुपए थी, जो अब 1 लाख रुपए हो गई है. इससे उन्हें अब बड़ी राहत मिलेगी. वहीं, मकान मालिकों को भी बड़ी राहत मिली है. दरअसल, रेंट से हुई कमाई पर टीडीएस कटौती की लिमिट 2.4 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर कर दिया गया है.
विदेशी ट्रांजैक्शन पर टीसीएस सीमा बढ़ी
इसके अलावा, विदेशों से ट्रांजैक्शन वाले लोगों के लिए आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के लिए TCS कटौती के लिमिट को भी बढ़ा दिया गया है. पहले विदेश से 7 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन पर टीसीएस कटौती होती है, जिसे बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है.
एजुकेशन लोन पर हटाया गया टीडीएस
बता दें, कि स्पेसिफिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से एजुकेशन लोन पर TCS कटौती को हटा दिया गया है. इससे पहले 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन लोन पर 0.5% TCS कटौती की जाती थी, जबकि 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन ट्रांजैक्शन पर 5 प्रतिशत टीसीएस काटा जाता था.
डिविडेंड और म्यूचुअल फंड से कमाई पर इतनी लिमिट
डिविडेंड से हुई कमाई पर टीडीएस की लिमिट पर 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी गई है, जबकि म्यूचुअल फंड्स की यूनिट पर हुई कमाई पर भी टीडीएस लिमिट 5 हजार से 10 हजार रुपए हर फाइनेंशियल ईयर कर दी गई है. इसके अलावा टीडीएस को प्रति इनाम 10 हजार रुपए भी कर दिया गया है.
एलपीजी की कीमत
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं ऐसे में 1 अप्रैल की सुबह-सुबह आपको सिलेंडर की कीमतों में बदलाव देखने को मिल सकता है.
ATF और CNG-PNG रेट
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां हवाई ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) और CNG-PNG की कीमतों में भी कुछ बदलाव करती है.
गोल्ड की कीमत ₹92,000 तक पहुंची, निवेशकों के लिए नया युग
20 Mar, 2025 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शादी-विवाह के सीजन से पहले ज्वैलरी दुकानदारों की जबरदस्त खरीदारी के बीच बुधवार को एक बार फिर सोने की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिला। राजधानी दिल्ली में आज 99.99 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये के उछाल के साथ 91,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए लाइफटाइम हाई पर पहुंच गई। बताते चलें कि मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 91,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके साथ ही, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी आज 700 रुपये बढ़कर 91,500 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
1,03,500 रुपये हुआ एक किलो चांदी का भाव
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी तेज बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बुधवार को दिल्ली में चांदी भी 1000 रुपये की तेजी के साथ 1,03,500 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि मंगलवार को चांदी का भाव 1,02,500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था।
इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और अमेरिकी आर्थिक मंदी की चिंताओं ने सुरक्षित-संपत्तियों की मांग को बरकरार रखा है, जिससे सोने की कीमतों में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में ग्राहकों की डिमांड को पूरा करने के लिए लोकल दुकानदार जमकर सोना खरीद रहे हैं। इसके अलावा, विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के कारण सोने की कीमतें इस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा हाजिर सोने का भाव
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च एनालिस्ट कमोडिटी और करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में कुल मिलाकर तेजी का रुख रहा, लेकिन आज रात फेडरल रिजर्व की बहुप्रतीक्षित नीतिगत समीक्षा और टिप्पणी से पहले ये सीमित दायरे में रही।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 0.15 प्रतिशत बढ़कर 3039.22 डॉलर प्रति औंस हो गया। सत्र के दौरान, ये 3045.39 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया।
गोल्ड ईटीएफ में 9.4 अरब डॉलर का रिकॉर्ड फ्लो
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि इसके साथ ही, ईटीएफ में निवेश बढ़ गया है। इसमें फरवरी में 9.4 अरब डॉलर का रिकॉर्ड फ्लो देखने को मिला। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटी) सौमिल गांधी के अनुसार, व्यापारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि साल के अंत में आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो गोल्ड मार्केट में धारणा बदल सकती है।
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025: फिनलैंड सबसे खुशहाल, भारत की खुशहाली रैंकिंग में 8 स्थानों का सुधार
20 Mar, 2025 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा 10 खुशहाल देशों की लिस्ट जारी हुई है। ऐसे देशों के फेहरिस्त में फिनलैंड लगातार आठवें साल लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। इन 10 देशों में डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन भी शामिल है, लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि दुनिया का सबसे अमीर और ताकतवर देश अमेरिका इस लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सका है। सीएनबीसी की खबर के मुताबिक, गैलप की प्रबंध निदेशक इलाना रॉन लेवे का कहना है कि नॉर्डिक देशों का इस सूची में शीर्ष पर होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। अपने निवासियों के लिए सुविधाएं देने वाले देशों में स्थिरता है।
फिनलैंड के नंबर होने के पीछे की वजह
खबर के मुताबिक, लेवे का कहना है कि फिनलैंड एक असाधारण अपवाद है और मुझे लगता है कि दुनिया वास्तव में यह समझने पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि फिनलैंड के बारे में क्या अनोखा है। उनका मानना है कि इसके पीछे दूसरों में विश्वास, भविष्य के लिए आशावाद, संस्थानों में भरोसा और दोस्तों और परिवार से मिलने वाले समर्थन सबसे बड़ी वजह हैं। फिनलैंड में, अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करने के बारे में आम सहमति अधिक है। विश्व खुशहाली रिपोर्ट ने 2022-2024 के दौरान औसत स्व-मूल्यांकन जीवन मूल्यांकन और गैलप वर्ल्ड पोल में कैंट्रिल लैडर प्रश्न के उत्तरों के मुताबिक देशों को रैंक किया।
दुनिया के सबसे ज्यादा 10 खुशहाल देशों की लिस्ट
फिनलैंड
डेनमार्क
आइसलैंड
स्वीडन
नीदरलैंड
कोस्टा रिका
नॉर्वे
इजराइल
लक्जमबर्ग
मेक्सिको
डेनमार्क है बेहद खास
खुशहाल देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आनेवाला डेनमार्क एक दशक से भी ज्यादा समय से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में शीर्ष 10 में रहा है। लिस्ट में फिनलैंड और दूसरे नॉर्डिक देशों की तरह, डेनमार्क के लोग इसलिए खुश हैं क्योंकि यह देश सामाजिक सुरक्षा जाल, सामाजिक संबंध प्रदान करता है। साथ ही, युवा लोग इन जगहों पर अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करते हैं।
बता दें, डेनमार्क के लोग दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते हैं यहां तक कि अपनी आय का आधा हिस्सा तक भी दे देते हैं। लेकिन साथ ही यह इस फैक्ट से संतुलित है कि देश में ज्यादातर स्वास्थ्य सेवाएं फ्री हैं, बच्चों की देखभाल पर सब्सिडी दी जाती है, विश्वविद्यालय के छात्र कोई ट्यूशन नहीं देते हैं और पढ़ाई के दौरान खर्चों को पूरा करने के लिए अनुदान पाते हैं। बुज़ुर्गों को पेंशन मिलती है और उन्हें देखभाल करने वाले सहायक भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
कैबिनेट ने यूपीआई पर इंसेंटिव योजना को मंजूरी, व्यापारियों को मिलेगा राहत
20 Mar, 2025 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने आज कई अहम और बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आज कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी। छोटे व्यापारियों की कैटेगरी से संबंधित 2000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन के लिए प्रति ट्रांजैक्शन वैल्यू पर 0.15% की दर से Incentive प्रदान किया जाएगा। कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3400 करोड़ रुपये मंजूर
कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए बढ़ाए गए 3400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। सरकार का ये मिशन कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के माध्यम से दूध उत्पादन की उत्पादकता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार के इस फैसले से देश के तमाम पशुपालकों को फायदा होगा और उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी होगी।
4500 करोड़ रुपये के निवेश से बनेगा नेशनल हाईवे
इससे अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए छह-लेन वाले 29.21 किलोमीटर लंबे द्रुतगामी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस राजमार्ग परियोजना को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से ‘बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो’ (बीओटी) पद्धति पर विकसित किया जाएगा।
यूरिया की उपलब्धता के लिए भी बड़ा फैसला
इसके अलावा, कैबिनेट ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप, असम के मौजूदा परिसर में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स नामरूप IV फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी। इस परियोजना से उत्तर पूर्व क्षेत्र में यूरिया की उपलब्धता में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। इस प्लांट से असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्व के राज्यों को भी लाभ होगा।
यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी
20 Mar, 2025 10:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के केंद्रीय बैंक यानी यूएस फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर से ब्याज दरों को स्थिर रखा है। साथ ही बुधवार को इस घोषणा के मौके पर फेडरल रिजर्व ने कहा कि उसे पहले की अपेक्षा कमज़ोर विकास और उच्च मुद्रास्फीति की उम्मीद है। इस फैसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने की घोषणाओं का असर देखा गया। फेड ने अर्थव्यवस्था पर व्हाइट हाउस की कार्रवाइयों के प्रभावों के बारे में उच्च अनिश्चितता का भी उल्लेख किया। सीएनएन की खबर के मुताबिक, यूएस फेड रिजर्व इस साल दो चौथाई अंकों की कटौती करने की संभावना पर लगातार विचार कर रहा है।
बेंचमार्क ब्याज दर है इतना
खबर के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आज (अमेरिकी समय के मुताबिक बुधवार को) दो दिवसीय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी यानी FOMC की बैठक के बाद 2025 के अपने दूसरे नीतिगत फैसले की घोषणा की और बेंचमार्क ब्याज दर को 4.25 से 4.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के लिए मतदान किया। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के नेतृत्व में अमेरिकी फेड नीति निर्माताओं ने पिछली बार दिसंबर की बैठक में दरों में एक चौथाई अंकों की कटौती की थी। जेरोम पॉवेल के नेतृत्व वाली एफओएमसी की अगली बैठक 6-7 मई को होगी जिसमें मौद्रिक नीति पर अगले चरण पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि के लिए तैयार
नीति निर्माताओं ने संकेत दिया कि वे राष्ट्रपति ट्रम्प की नीतियों के परिणामस्वरूप उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि के लिए तैयार हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में अनिश्चितता बढ़ गई है। केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों को 4.25 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत पर रखने का निर्णय जनवरी से लागू विराम को आगे बढ़ाता है, जो 2024 के अंत में कई कटौतियों के बाद हुआ था, जिससे उधार लेने की लागत में एक प्रतिशत की कमी आई थी।
फिर से दरों में कटौती इस पर करता है निर्भर
जानकारों का कहना है कि कब और कुछ हद तक फेडरल रिजर्व आखिरकार इस साल फिर से दरों में कटौती करेगा, यह डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक योजनाओं पर निर्भर करता है। इसमें उनके द्वारा लगाए गए या लगाए गए व्यापक टैरिफ शामिल हैं। बुधवार की बैठक में केंद्रीय बैंक ने अब तक की सबसे प्रत्यक्ष स्वीकृति को चिह्नित किया कि राष्ट्रपति की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर वास्तविक प्रभाव पड़ने वाला है।
मुकेश अंबानी का कारोबारी दांव, रूसी तेल से अमेरिका को बेचा और कमाए करोड़ों रुपये
19 Mar, 2025 03:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के टॉप 20 और एशिया के सबसे अमीर करोबारी मुकेश अंबानी ने रूसी तेल को बड़ा हथियार बनाते हुए अमेरिका से कई हजार करोड़ रुपए कमाए. खास बात तो ये है कि उसी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध भी लगाया हुआ है. साल 2022 में रूसी तेल पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत रूस के साथ खड़ा हुआ और सस्ते दामों में रूसी कच्चे तेल का इंपोर्ट किया. जिसे रिफाइन कर दुनिया के तमाम देशों में भेजा और अपने एक्सपोर्ट इनकम में इजाफा किया. रिलायंस इंडस्ट्रीज भी उन्हीं ऑयल कंपनियों की लिस्ट में शुमार है, जिसने के रूसी कच्चे तेल को रिफाइन कर अमेरिका और यूरोप के बाजारों में बेचकर हजारों करोड़ रुपए की कमाई की है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.
मुकेश अंबानी ने कितने रुपए कमाए कमाए
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले एक साल में रूसी कच्चे तेल से बने फ्यूल का अमेरिका को निर्यात कर 72.4 करोड़ यूरो (लगभग 6,850 करोड़ रुपये) कमाए हैं. यूरोपीय शोध संस्थान सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनवरी, 2024 से जनवरी, 2025 के अंत तक अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल को प्रोसेस्ड करने वाली भारत और तुर्की स्थित छह रिफाइनरियों से 2.8 अरब यूरो का रिफाइन ऑयल इंपोर्ट किया. रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से 1.3 अरब यूरो की आय होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस की दो रिफाइनरियों से पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन का अमेरिकी इंपोर्ट दो अरब यूरो का था. इसमें से 72.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए रिलायंस को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
रूसी ऑयल पर लगे प्रतिबंध
फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों और अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि, रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से तैयार डीजल जैसे ईंधन के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे. गुजरात के वाडिनार में रूस की रोसनेफ्ट-समर्थित नायरा एनर्जी की दो करोड़ टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी है. इस रिफाइनरी ने जनवरी, 2024 और जनवरी, 2025 के बीच अमेरिका को 18.4 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. सीआरईए ने कहा कि इसमें से 12.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है.
रूस को कितनी हुई कमाई
इसी तरह मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की यूनिट न्यू मेंगलोर ने इसी दौरान अमेरिका को 4.2 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. इसमें से 2.2 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए ने कहा कि रूस ने अमेरिका को भारत और तुर्की स्थित रिफाइनरियों से निर्यात कर अनुमानित तौर पर 75 करोड़ डॉलर कमाए हैं. तुर्की की तीन रिफाइनरियों ने अमेरिका को कुल 61.6 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया, जिसमें से 54.5 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से आने का अनुमान है.
रेलवे का नया नियम: सीटों के हिसाब से जारी होंगे टिकट, यात्रियों के लिए राहत
19 Mar, 2025 02:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Indian Railways: यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय रेल हरसंभव कोशिशों में जुटा हुआ है। ट्रेनों में वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को कंट्रोल करने के लिए रेलवे एक बड़ा प्लान बना रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों के जवाब में कई अहम जानकारियां साझा कीं। रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे की कोशिश है कि ट्रेनों में जितनी सीट उपलब्ध हों, उतने ही टिकट जारी किए जाएं। ताकि, ट्रेन में कन्फर्म सीट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की वजह से असुविधा न हो।
मोदी सरकार के कार्यकाल में बनीं 460 किमी नई सुरंगें
रेल मंत्री ने इसके साथ ही रेलवे की कई बड़ी और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आजादी के बाद साल 2014 तक भारत के रेल नेटवर्क में कुल 125 किमी टनल थे, जबकि 2014 के बाद से लेकर आज तक 460 किमी नई टनल्स बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के फ्लीट में आज 56 हजार जनरल और स्लीपर कोच हैं जबकि एसी कोच की संख्या 23 हजार हैं। रेल मंत्री ने बताया कि कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में ऐतिहासिक काम हुआ है। साल 1972 में शुरू हुआ और 2014 तक यानि 42 सालों में कुल 28 किमी का काम हुआ। जबकि साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से कोलकाता मेट्रो में 10 सालों में 38 किमी का काम हुआ है।
सेफ्टी पर रेलवे का खास फोकस
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे सेफ्टी पर बहुत फोकस है। कई टेक्निकल बदलाव किए गए हैं। लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम उठाकर भारतीय रेल में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच निर्यात करने के अलावा, हमारा देश यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच और मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशनल इक्विपमेंट एक्सपोक्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार का लोकोमोटिव और तमिलनाडु में बने पहिए दुनियाभर में दौड़ेंगे।
भारत का टैरिफ वॉर के लिए मास्टर प्लान, सरकार की 200 दिनों की रणनीति
19 Mar, 2025 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महज 200 दिन. भारत दुनिया के प्रमुख देशों को हिलाने की तैयारी कर रहा है. पूरी दुनिया की नजरें अमेरिका, चीन, कनाडा, मैक्सिको, और यूरोप के देशों के टैरिफ वार पर टिकी हुई है. वहीं दूसरी ओर भारत भी इस जंग में कूदकर सभी को हैरान करने वाला है. भारत एक ही हमले से दुनिया के कई देशों को परेशान करने के साथ हैरान भी करेगा. वास्तव में भारत स्टील प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने का विचार कर रहा है. ये बढ़ोतरी टेंप्रेरी होगी. सरकार 200 दिनों तक इस टैरिफ को लगाने का विचार कर रही है. इस फैसले से चीन, दक्षिण कोरिया और जापान को बड़ा झटका लग सकता है. इन देशों से भारत 70 फीसदी से ज्यादा स्टील इंपोर्ट कर रहा है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत इंपोर्ट ड्यूटी क्यों और कितनी बढ़ा रहा है? आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं.
क्यों लेना पड़ रहा है फैसला
कॉमर्स मिनिस्ट्री की जांच शाखा डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) ने घरेलू स्टील को इंपोर्ट में वृद्धि से बचाने के उद्देश्य से कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 200 दिन के लिए 12 फीसदी का अस्थायी सेफ्टी चार्ज लगाने की सिफारिश की है. डीजीटीआर ने पिछले साल दिसंबर में फैब्रिकेशन, पाइप मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले गैर-मिश्र धातु व मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों के इंपोर्ट में अचानक वृद्धि की जांच शुरू की थी.
हुई जांच की मांग
इंडियन स्टील एसोसिएशन द्वारा उसके सदस्यों की ओर से की गई शिकायत के बाद यह जांच की गई. आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया, एएमएनएस खोपोली, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स, भूषण पावर एंड स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड इस संघ के सदस्य हैं. महानिदेशालय ने अपनी जांच में प्रारंभिक रूप से पाया कि भारत में इन उत्पादों के इंपोर्ट में हाल ही में अचानक, तीव्र व महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू उद्योग/उत्पादकों को गंभीर क्षति पहुंचने का खतरा है.
12 फीसदी टैरिफ की सिफारिश
डीजीटीआर ने 18 मार्च की अपने नोटिफिकेशन में कहा कि ऐसी गंभीर परिस्थितियां मौजूद हैं, जहां अस्थायी सुरक्षा उपायों के आवेदन में किसी भी तरह की देरी से ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा. अस्थायी सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू करने की आवश्यकता है. नोटिफिकेशन के अनुसार, प्राधिकरण ने विचाराधीन उत्पाद के इंपोर्ट पर अंतिम फैसला होने तक 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत यथामूल्य की दर से अस्थायी सुरक्षा शुल्क लगाने की सिफारिश की है. वित्त मंत्रालय यह शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय लेगा.
कोरिया, चीन और जापान पर पड़ेगा असर
उद्योग जगत के अनुसार, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में मांग में कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इन उत्पादों का इंपोर्ट 2021-22 के दौरान 22.93 लाख टन से बढ़कर जांच अवधि (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 और तीन पूर्ववर्ती वित्त वर्ष 2021-24) के दौरान 66.12 लाख टन हो गया. चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम सहित देशों से इंपोर्ट में वृद्धि हुई है. नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस शुल्क का उद्देश्य इंपोर्ट में वृद्धि के विरुद्ध भारतीय घरेलू उद्योग की रक्षा करना है.
आलियांज और अंबानी के बीच नई साझेदारी का खाका, क्या है जर्मन कंपनी का प्लान?
19 Mar, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बजाज ग्रुप से 24 साल के पुराना साथ को खत्म करने के बाद अब जर्मन कंपनी Allianz SE भारत के बीमा मार्केट में एंट्री करने के लिए मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल के साथ साझेदारी की योजना बना रही है. भारत के सामान्य बीमा मार्केट और घरेलू जीवन बीमा में दूसरी बार कदम रखने के लिए आलियांज एसई द्वारा ये प्रयास किया जा रहे हैं.
क्या है कंपनी की प्लानिंग
भारत के बीमा सेक्टर में काम करने के लिए आलियांज ने पहले बजाज के साथ ज्वाइंट वेंचर किया था. बजाज ग्रुप के साथ 24 साल ज्वाइंट वेंचर को खत्म करने के लिए आलियांज ने ऐलान किया है. इसके बाद कंपनी अब पुरी नजर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ साझेदारी की शुरुआत पर है.
फाइनेंशियल सर्विस
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी और बजाज अलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में जर्मन फाइनेंशियल सर्विस आलियांज अपनी हिस्सेदारी को बेचने की तैयारी में है. इन कंपनियों में जर्मन फाइनेंशियल सर्विस आलियांज की 26% की हिस्सेदारी है, जिसे वो अब 2.8 अरब डॉलर में भारतीय साझेदारी को बेचने के प्लानिंग कर रहे हैं.
बातचीत कई महीनों से चल रही है
पिछले कई महीने से जिओ फाइनेंशियल और आलियांज के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. पिछले साल अक्टूबर महीने में जब यह सामने आया कि आलियांज बजाज के साथ अपनी हिस्सेदारी को बेचने की प्लानिंग तेजी से बना रहा है. उसके बाद से ही नई पार्टनरशिप की प्लानिंग में और भी तेजी आ गई.
पार्टनरशिप की प्लानिंग
पिछले साल अक्टूबर महीने में जब यह सामने आया कि आलियांज बजाज के साथ अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है तो उसके बाद इस नई पार्टनरशिप की प्लानिंग की बातचीत में और तेजी आ गई.
रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड
मुकेश अंबानी जो रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के अध्यक्ष है उन्होंने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के बारे में कहा था कि वह बीमा क्षेत्र में भी एंट्री करेंगे. लोगों के लिए स्मार्ट जीवन और सामान्य स्वास्थ्य बीमा जैसी कई आकर्षक प्रोडक्ट की पेशकश भी करेंगे.
अल्फाबेट और Wiz के बीच 32 अरब डॉलर की डील, क्लाउड सुरक्षा में नया मोड़
19 Mar, 2025 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट तेजी से बढ़ते स्टार्टअप Wiz को करीब 32 अरब डॉलर में खरीदेगा। यह अब तक का सबसे बड़ी डील है। गूगल की पैरेंट कंपनी अमेजन डॉट कॉम और माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ क्लाउड-कंप्यूटिंग की दौड़ में अपनी बढ़त को तेज करने के लिए साइबर सुरक्षा पर दोगुना जोर दे रही है। अधिग्रहण के बाद विज़ को गूगल की क्लाउड यूनिट का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन में कंपनी की कोशिशों को मजबूती मिलेगी। विज़ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी असफ़ रप्पापोर्ट ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में इस डील की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमने गूगल द्वारा अधिग्रहित किए जाने के लिए एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा विनियामक समीक्षा के अधीन है, और सौदा पूरा होने के बाद Wiz Google Cloud में शामिल हो जाएगा।
पहले से ज्यादा देने पड़े पैसे
खबर के मुताबिक, हालांकि यह 32 अरब डॉलर की कीमत, पिछले साल जब अल्फाबेट ने विज को खरीदने के लिए 23 अरब डॉलर का ऑफर दिया था, से कहीं अधिक है। हालांकि, इस डील को अभी आखिरी दौर में पहुंचने से पहले कुछ नियामकीय और दूसरे अप्रूवल की जरूरत है। बता दें, इससे पहले अल्फाबेट ने साल 2011 में मोटोरोला मोबिलिटी को खरीदा था, जिसके लिए 12.5 अरब डॉलर चुकाए थे। बता दें, कि अल्फाबेट और विज के बीच यह डील बिल्कुल कैश में होनी है।
विज अमेजन वेब सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट के एज़्योर और गूगल क्लाउड जैसे क्लाउड प्रदाताओं के साथ काम करता है। मॉर्गन स्टेनली, ओपन न्यू टैब, बीएमडब्ल्यू, ओपन न्यू टैब और LVMH, ओपन न्यू टैब इसके ग्राहक हैं। विज के उत्पाद दूसरे प्रमुख क्लाउड सेवाओं पर उपलब्ध रहेंगे। अल्फाबेट को उम्मीद है कि यह सौदा 2026 में पूरा हो जाएगा।
अल्फाबेट के शेयरों में गिरावट
अल्फाबेट के शेयरों में करीब 3% की गिरावट दर्ज की गई। चीन के कम लागत वाले डीपसीक के उभरने और पिछले दो सालों से बाजार का नेतृत्व करने वाली तकनीकी दिग्गजों में गिरावट के खिलाफ अपने भारी एआई खर्च को लेकर चिंताओं के कारण मंगलवार से पहले इस साल स्टॉक में 13% की गिरावट आई थी।
बाजार के रुझान पर असर डाल रहे हैं कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डेटा
19 Mar, 2025 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार बुधवार को बढ़त के साथ खुला। सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 132.97 अंकों की तेजी के साथ 75,434.23 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 49.4 अंक की उछाल के साथ 22,883.70 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था। लेकिन बाद में फिर सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर बाजार लाल निशान में चला गया।
आज के शुरुआती कारोबार में निफ्टी पर टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, भारती एयरटेल प्रमुख लाभ में रहे, जबकि टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, सिप्ला, ट्रेंट नुकसान में रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-1 प्रतिशत की तेजी आई। आईटी, फार्मा को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जिसमें टेलीकॉम, मीडिया मेटल, पीएसयू बैंक में 1-1 प्रतिशत की तेजी आई है।
अमेरिकी बाजार का हाल
अमेरिकी बाजारों में दो दिनों की बढ़त के बाद मंगलवार को गिरावट देखी गई क्योंकि प्रमुख सूचकांकों में तेज गिरावट देखी गई। डॉव जोन्स 0.62% गिरकर 41,581 पर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी 500 1.07% गिरकर 5,614 पर आ गया। यह फरवरी के उच्चतम स्तर से 8.6% नीचे था और सुधार क्षेत्र के करीब था। नैस्डैक में सबसे अधिक गिरावट आई, जो 1.71% गिरकर 17,504 पर बंद हुआ।
खबर के मुताबिक, एशिया में शेयरों में लगातार चौथे दिन तेजी रही। बैंक ऑफ जापान द्वारा अपनी नीतिगत ब्याज दर को उम्मीद के मुताबिक स्थिर रखने के बाद येन में उतार-चढ़ाव आया। जापान और दक्षिण कोरिया के शेयरों में तेजी आई, जबकि चीन के शेयरों में गिरावट आई और हांगकांग के शेयरों में मिलाजुला रुख रहा।
पिछले सत्र में जोरदार उछला था बाजार
भारतीय शेयर बाजारों में 18 मार्च को सभी सेक्टरों और व्यापक सूचकांकों में जोरदार खरीदारी हुई। निफ्टी इंट्राडे कारोबार के दौरान 22,850 अंक के पार चला गया था और 325.55 अंक की बढ़त के साथ 22,834.30 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 1,131.31 अंक की बढ़त के साथ 75,301.26 पर बंद हुआ।
LIC को मिल सकती है हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी, डील के लिए बातचीत जारी
18 Mar, 2025 06:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC जल्द ही हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री करने जा रही है। इंश्योरेंस सेक्टर की दिग्गज सरकारी कंपनी एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। एलआईसी के मुख्य कार्यकारी सिद्धार्थ मोहंती ने मंगलवार को कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के साथ चल रही बातचीत अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले डील की अंतिम रूप से घोषणा हो जाएगी। सिद्धार्थ मोहंती ने हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का नाम नहीं बताया, जिसमें एलआईसी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है।
हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में आना एलआईसी के लिए स्वाभाविक विकल्प
बताते चलें कि देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में भी कदम रखने की संभावनाएं तलाश रही है। एलआईसी के मुखिया ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘‘स्वास्थ्य बीमा कारोबार में शामिल होना एलआईसी के लिए स्वाभाविक विकल्प है और चर्चा अंतिम चरण में है।’’
4000 करोड़ रुपये में इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकता है LIC
सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में 51 प्रतिशत या उससे ज्यादा की नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं खरीदेगी। खरीदी जाने वाली हिस्सेदारी की सटीक मात्रा एलआईसी के निदेशक मंडल के फैसले और मूल्यांकन जैसे कारकों पर निर्भर करेगी। मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी 4000 करोड़ रुपये के डील में मणिपाल सिग्ना कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है।
मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए कंपनी के शेयर
मंगलवार को एलआईसी के शेयर बीएसई पर 12.65 रुपये (1.70%) की तेजी के साथ 757.65 रुपये के भाव पर बंद हुए। हालांकि, कंपनी के शेयर अभी भी अपने 52 वीक हाई से काफी नीचे और 52 वीक लो के करीब कारोबार कर रहे हैं। एलआईसी के शेयरों का 52 वीक हाई 1221.50 रुपये और 52 वीक लो 715.35 रुपये है। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 4,79,213.45 करोड़ रुपये है।
श्रीलंका संकट में चीन को बड़ा झटका, 7 अरब डॉलर का हुआ नुकसान
18 Mar, 2025 05:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पड़ोसी देश चीन को श्रीलंका के बाहरी कर्ज पुनर्गठन से 7 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। कोलंबो में चीन के राजदूत क्यूई झेनहोंग के हवाले से यह खबर दी है। इसमें झेनहोंग ने कहा है कि चीन अक्टूबर 2023 में पुनर्गठन समझौता करने वाला श्रीलंका का पहला द्विपक्षीय ऋणदाता था। खबर के मुताबिक, झेनहोंग ने कहा कि हालांकि, जनता को इन विवरणों के बारे में पता नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम श्रीलंका को दी जाने वाली सहायता के बारे में (सार्वजनिक रूप से) जानकारी नहीं देते हैं।
भारत को लेकर भी कही ये बात
खबर के मुताबिक, श्रीलंका ने 2022 के आर्थिक संकट में अपनी पहली चूक की घोषणा करने के बाद 46 अरब अमेरिकी डॉलर के बाहरी कर्ज का पुनर्गठन किया था। राजदूत ने साथ ही चीन और भारत के भविष्य में श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के विकास के लिए संयुक्त रूप से काम करने की उम्मीद भी जाहिर की। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन का भारत के साथ कोई विवाद नहीं है, क्योंकि दोनों देश तेजी से आगे बढ़े हैं और उन्हें साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। राजदूत ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत और श्रीलंका एक दिन यहां एक व्यवहार्य परियोजना को लागू करने के लिए मिलकर काम कर सकेंगे।
नरेन्द्र मोदी के कमेंट की सराहना की
इससे पहले चीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारत-चीन संबंधों पर पॉजिटिव कंमेंट की बीते सोमवार को सराहना की, जिसमें उन्होंने विवाद के बजाय संवाद पर जोर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन ने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया सकारात्मक टिप्पणी पर ध्यान दिया है और इसकी सराहना करता है।