व्यापार
"Amazon ने ₹300 से कम के उत्पादों पर शुल्क को समाप्त किया, छोटे व्यापारियों को मिलेगा फायदा"
24 Mar, 2025 11:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन पर विक्रेता हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। अमेजन इंडिया ने अपने प्लेटफॉर्म पर 300 रुपये से कम कीमत वाले 1.2 करोड़ से अधिक प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस शून्य करने की घोषणा कर दी है। यानी आपको अब यह शुल्क नहीं देना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेफरल फीस एक कमीशन है जो विक्रेता हर बेचे गए उत्पाद के लिए अमेजन को देते हैं। कंपनी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि इस कदम का मकसद छोटे व्यवसायों का समर्थन करना और अमेजन पर विक्रेताओं की ग्रोथ को बढ़ावा देना है।
बिक्री को और अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश
खबर के मुताबिक, अमेजन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के निदेशक अमित नंदा ने कहा कि करोड़ों उत्पादों पर रेफरल फीस को खत्म करके और शिपिंग लागत को कम करके, हम विक्रेताओं के लिए अमेजन पर बिक्री को और अधिक आकर्षक बना रहे हैं। यह पहल अमेजन पर विक्रेताओं की वृद्धि का समर्थन करती है, जिससे उन्हें व्यापक चयन की पेशकश करने और ग्राहकों को अधिक प्रतिस्पर्धी ऑफर देने में सक्षम बनाया जाता है, खासकर रोजमर्रा की कम कीमत वाली वस्तुओं पर।
135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा शून्य रेफरल शुल्क
अमेजन की इस पहल के तहत शून्य रेफरल शुल्क परिधान, जूते, फैशन आभूषण, किराना, घर की सजावट और साज-सज्जा, सौंदर्य, खिलौने, रसोई उत्पाद, मोटर वाहन और पालतू पशु उत्पादों जैसी 135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा। इसके अलावा, अमेजन ने Easy Ship और Seller Flex जैसी बाहरी पूर्ति सेवाओं का उपयोग करने वाले विक्रेताओं के लिए एक नई फ्लैट दर भी पेश की है। राष्ट्रीय शिपिंग दरें अब 77 रुपये से घटकर 65 रुपये से शुरू होती हैं। फ्लैट रेट शिपिंग एक मूल्य निर्धारण मॉडल है, जिसमें शिपिंग पैकेजों के लिए एक निश्चित लागत ली जाती है, भले ही उनका वजन, आकार या दूरी निर्धारित सीमाओं के भीतर हो।
हैंडलिंग शुल्क 17 रुपये तक कम
Easy Ship एक पूर्ति चैनल है, जहां अमेजन विक्रेताओं के स्थान से पैकेज एकत्र करता है और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाता है, Seller Flex के हिस्से के रूप में, Amazon विक्रेताओं के गोदाम के एक हिस्से को Amazon पूर्ति केंद्र के रूप में प्रबंधित करता है। इसके अलावा, अमेजन ने 1 किलोग्राम से कम वजन वाले हल्के सामानों के लिए हैंडलिंग शुल्क को 17 रुपये तक कम कर दिया है, जिससे विक्रेताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली फीस कम हो जाती है।
अमेजन का कहना है कि एक बार में एक से ज्यादा उत्पाद यूनिट शिप करने वाले विक्रेताओं को दूसरी यूनिट पर बिक्री शुल्क में 90 प्रतिशत से ज़्यादा की बचत होगी। ये बदलाव विक्रेताओं को ज्यादा विकल्प, प्रतिस्पर्धी ऑफर देने और अपना कारोबार बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे।
एनपीसीआई ने लागू किए नए नियम
23 Mar, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने नए नियम लागू किए हैं, जिसके अनुसार अगर आप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अपना बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर 1 अप्रैल से पहले अपडेट कर लेना होगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है। एनपीसीआई ने इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने डेटाबेस को 31 मार्च तक अपडेट करने की निर्देश दी है। यदि आपका मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होगा, तो आपके यूपीआई ट्रांजैक्शन संभव नहीं होंगे। इसलिए, बैंक ग्राहकों से अनुरोध है कि वे जल्दी से जल्दी अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा लें और यूनिफाइड पेमेंट्स सेवाओं का निरंतर लाभ उठा सकें। इससे न केवल आपकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि फर्जीवाड़े से भी बचाव होगा। इसलिए, आज ही अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें और अपनी डिजिटल सुरक्षा बढ़ाएं।
1 अप्रैल, 2025 से मंहगी होगी किआ की कारें, इनपुट लागत में बढ़ोत्तरी बनी वजह
23 Mar, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । किआ इंडिया ने ऐलान किया था कि कंपनी 1 अप्रैल, 2025 से अपनी कारों की कीमतों में 3 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने कीमत बढ़ोतरी का फैसला बढ़ती इनपुट लागत और आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित समस्याओं के कारण लिया है।
किआ इंडिया के सीनियर वाइस प्रेज़िडेंट हरदीप सिंह बरार ने कहा, कंपनी ने हमेशा प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले वाहन पेश करने का प्रयास किया है, लेकिन वस्तुओं और इनपुट सामग्रियों की बढ़ती कीमतों के कारण हमें 1 अप्रैल से 3 प्रतिशत तक मूल्य वृद्धि करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किआ के लिए जरूरी था ताकि वह अपने ग्राहकों को तकनीकी रूप से उन्नत और उच्च गुणवत्ता वाले वाहन दे सके। ग्राहकों पर इसका प्रभाव कम करने के लिए किआ ने बढ़ी हुई लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खुद वहन करने का फैसला किया है। इससे कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मूल्य वृद्धि ग्राहकों के लिए यथासंभव किफायती रहे। इसके पहले, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां भी अप्रैल से अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की ऐलान कर चुकी हैं। बढ़ती इनपुट लागत और आपूर्ति श्रृंखला में आए संकट के कारण यह निर्णय लिया गया है, जो पूरी ऑटो इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है।
मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट में छह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
23 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। भारत में ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट में 2024 में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह तेजी वैश्विक टेक दिग्गज एप्पल और सैमसंग के भारत से बढ़ते निर्यात के कारण आई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश के कुल स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग की संयुक्त हिस्सेदारी 94 प्रतिशत रही। दोनों कंपनियों ने अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में विनिर्माण का विस्तार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना ने वैश्विक निर्माताओं को भारत में अपने उत्पादन संयंत्र स्थापित करने या उन्हें विस्तारित करने के लिए प्रेरित किया है। इससे देश में स्मार्टफोन निर्माण को मजबूती मिली है और निर्यात में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपने विशाल उपभोक्ता बाजार, सस्ती श्रम लागत और सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण दुनिया का एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2025 तक स्मार्टफोन निर्माण दोहरे अंकों की वृद्धि दर दर्ज करेगा और स्थानीय वैल्यू एडिशन में भी सुधार आएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की प्रमुख सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन होन हाई के विनिर्माण वॉल्यूम में 2024 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी अब भारत में स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 2024 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्माता बनकर उभरा, जिसने वार्षिक आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। टाटा ने आईफोन 15 और आईफोन 16 असेंबली का विस्तार किया और गुजरात के धोलेरा में एक नया प्लांट स्थापित कर सेमीकंडक्टर निर्माण में भी प्रवेश किया है।
ओवरऑल मोबाइल हैंडसेट सेगमेंट में ‘डिक्सन’ सबसे बड़ा निर्माता रहा, जबकि ट्रांससियन ब्रांड और मोटोरोला के शिपमेंट आंकड़ों में भी तेजी देखी गई। सैमसंग ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और निर्यात बढ़ने के कारण 2024 में सात प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। वीवो ने भी अपनी ऑफलाइन रिटेल रणनीति और मार्केटिंग नेटवर्क के विस्तार के जरिए अपनी शिपमेंट हिस्सेदारी 14 प्रतिशत तक बढ़ा ली है। विश्लेषकों के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि प्रमुख वैश्विक कंपनियां यहां उत्पादन सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। आने वाले वर्षों में, देश ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन निर्यात का एक बड़ा हब बन सकता है।
भारत में लोकल विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी एचपी, अप्रैल से भारत में नोटबुक उत्पादन शुरू होगा
23 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ह्यूलट-पैकार्ड (एचपी) के सीईओ एनरिक लोरेस ने भारत में कंपनी की बढ़ती उपस्थिति और विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एचपी भारत में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए व्यापक रणनीति अपना रही है। इसमें स्थानीय विनिर्माण के साथ-साथ भारतीय इंजीनियरों को सॉफ्टवेयर विकास में शामिल करना शामिल है, ताकि कंपनी अपने उत्पादों में उन्नत तकनीकी सुविधाएं जोड़ सके।
लोरेस ने कहा, भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश है जहां हमारे सबसे अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर शामिल हैं। हम इनकी विशेषज्ञता का उपयोग अपने उत्पादों को और अधिक अत्याधुनिक बनाने में करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत पहले ही एचपी के लिए एक प्रमुख पीसी बाजार बन चुका है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, एचपी भारत में सबसे बड़ी पीसी निर्माता कंपनी बनी हुई है। पिछले साल के अंत में, एचपी ने मेक इन इंडिया पहल के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज को अपने लैपटॉप और डेस्कटॉप के निर्माण का ऑर्डर दिया था। इसका उद्देश्य उत्पादों की कीमत को कम करना और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना है। लोरेस ने कहा, हम अप्रैल से भारत में नोटबुक निर्माण शुरू करने जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाना है ताकि उपभोक्ताओं को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराए जा सकें।
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से अपने उत्पादन को अन्य देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं। एचपी भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, क्योंकि कंपनी को अमेरिकी प्रशासन द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का सामना करना पड़ा है। भारत में उत्पादन बढ़ाने से एचपी को न केवल लागत कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि उसे एक बड़े उपभोक्ता बाजार तक भी पहुंच मिलेगी। भारत में स्मार्टफोन की तुलना में पीसी की पहुंच अभी भी सीमित है, जिससे एचपी जैसी कंपनियों को बाजार विस्तार का बेहतरीन अवसर मिल रहा है। इसके अलावा, एचपी अपने पीसी में बिल्ट-इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सुविधाएं जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे वे कॉरपोरेट कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए अधिक उपयोगी बन सकें।
कंपनी का मानना है कि भारत में एआई आधारित पीसी की मांग तेजी से बढ़ेगी। लोरेस ने बताया कि एचपी स्थानीय रूप से विकसित एआई मॉडल को अपने उत्पादों में शामिल करने की योजना बना रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कंपनी स्पेन और सऊदी अरब में स्थानीय विश्वविद्यालयों और सरकारी संगठनों के साथ मिलकर स्पेनिश और अरबी भाषाओं के लिए एआई मॉडल विकसित कर रही है। इसी तरह के प्रयास भारत में भी किए जाएंगे। एचपी का लक्ष्य सिर्फ स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि भारतीय इंजीनियरों की प्रतिभा का उपयोग कर सॉफ्टवेयर विकास को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। कंपनी का मानना है कि भारतीय बाजार में उसकी वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं और आने वाले वर्षों में वह इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करेगी।
बांग्लादेश के आगे बढ़ने पर CM योगी ने उठाया सवाल, भारत में क्या कमी है?
22 Mar, 2025 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सवाल उठाया कि इतनी बड़ी आबादी के बावजूद भारत रेडीमेड परिधान निर्यात में बांग्लादेश से पीछे क्यों है। वह यहां पीएम मित्र योजना के तहत कपड़ा पार्क की स्थापना के लिए आयोजित निवेशक सम्मेलन में बोल रहे थे। आदित्यनाथ ने कहा कि अगर 16 करोड़ की आबादी वाला बांग्लादेश रेडीमेड परिधान निर्यात में आगे निकल सकता है, तो 140 करोड़ की आबादी वाला भारत ऐसी ही सफलता क्यों नहीं हासिल कर सकता? उन्होंने रेडीमेड परिधान क्षेत्र में संभावनाओं का जिक्र करते हुए भारत के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कपड़ा ब्रांड बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेडीमेड परिधान में अपार संभावनाएं हैं। हमारे पास विश्व बाजार का सर्वेक्षण करके वहां पहुंचने की संभावनाएं हैं।
बड़ी आबादी को काम की जरूरत
योगी ने भारत के बड़े कार्यबल को दिशा और अवसर प्रदान करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी आबादी को काम की जरूरत है, लेकिन उन्हें रास्ता दिखाने वाला कोई होना चाहिए। उन्होंने एक प्रमुख उपभोक्ता बाजार के रूप में उत्तर प्रदेश के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल राज्य के भीतर बल्कि नेपाल, भूटान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करता है। योगी ने बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए पीएम मित्र पार्क के भीतर सिलाई, रंगाई, छपाई, पैकेजिंग और डिजाइनिंग सहित व्यापक सुविधाएं स्थापित करने के महत्व को रेखांकित किया।
तीन लाख से अधिक युवाओं का पंजीकरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'युवा उद्यमी विकास अभियान' के तहत अब तक तीन लाख से अधिक युवा उद्यमियों के पंजीकरण हो चुके हैं और 32 हजार से अधिक युवाओं को ऋण स्वीकृत हो चुका है। उप्र में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना विकास अभियान (सीएम-युवा) के तहत लाभार्थी को पांच लाख रुपये तक की लागत का व्यवसाय शुरू करने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज देने की सरकार की योजना है।
1 अप्रैल से इन मोबाइल नंबरों पर UPI बंद, 31 मार्च तक बैंक करेंगे डिटेल्स रिमूव
22 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
UPI इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। अगर आपका बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है तो इसे तुरंत एक्टिव करा लें। ऐसा नहीं करने पर 1 अप्रैल से आप यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। दरअसल, फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए 1 अप्रैल से UPI पेमेंट सर्विस से जुड़ा नया नियम लागू होगा। इसके तहत बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) को 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा ताकि इनएक्टिव या बदले हुए मोबाइल नंबरों को हटाया जा सके। इसके तहत बैंक 31 मार्च तक इनएक्टिव मोबाइल नंबर को अपने डेटाबेस से रिमूव कर देंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने धोखाधड़ी रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इसके बाद इनएक्टिव मोबाइल से जुड़े यूपीआई का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।
सप्ताह में एक बार रिकॉर्ड अपडेट करना जरूरी
एनपीसीआई ने बैंकों और गूगलपे और फोनपे जैसे यूपीआई ऐप के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार मोबाइल नंबर रिकॉर्ड अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। यूपीआई सर्विस देने वाली कंपनियों को संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए एमएनआरएल या डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) का उपयोग करना होगा।
किसका UPI बंद हो सकता है?
अगर मोबाइल नंबर बदल गया है और बैंक के साथ अपडेट नहीं है, तो ऐसे यूजर्स यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
जिन लोगों ने अपने नंबर को बैंक में अपडेट किए बिना निष्क्रिय कर दिया है। वे यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
जिन निष्क्रिय मोबाइल नंबरों का उपयोग कॉल, एसएमएस आदि जैसी सेवाओं के लिए नहीं किया गया है, उन्हें UPI नेटवर्क से हटा दिया जाएगा।
इससे कैसे बचें?
सुनिश्चित करें कि बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर सक्रिय हैं। अगर नहीं, तो जल्द से जल्द उन्हें सक्रिय कर लेना चाहिए।
यूजर्स अपना मोबाइल नंबर UPI से जुड़े बैंक खाते के साथ अपडेट कर लें।
अगर UPI ID से जुड़ा कोई मोबाइल नंबर निष्क्रिय है, तो UPI यूजर्स 1 अप्रैल से पहले सेवाओं के बंद होने से बचने के लिए नया नंबर ले सकते हैं।
पाकिस्तान पर मेहरबान चीन, 43,000 करोड़ का आर्थिक पैकेज क्यों?
22 Mar, 2025 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर ‘प्यार’ बढ़ रहा है. तभी तो चीन एक के बाद एक कई ऐसे गिफ्ट और सामान पाकिस्तान को दे रहा है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर सकता है. इन सामानों की टोटल कॉस्ट या कहें डील प्राइस करीब 5 अरब डॉलर ( करीब 43,000 करोड़ भारतीय रुपये) होने वाली है.
चीन ने हाल में पाकिस्तान को दूसरी ‘हैंगोर-क्लास’ पनडुब्बी हैंडओवर की है. ये अरब सागर और हिंद महासागर में पाकिस्तान की सैन्य ताकत को बढ़ाने का काम करेगी. इसमें आधुनिक हथियार और सेंसर टेक्नोलॉजी लगाई गई है.
5 अरब डॉलर की डील
चीन और पाकिस्तान के बीच इस तरह की 8 पनडुब्बी के लिए 5 अरब डॉलर की एक डील है. अभी इसमें से दूसरी पनडुब्बी ही पाकिस्तान को डिलीवर हुई है. इसे चीन के वुहान में लॉन्च किया गया. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट के पास चीन अपनी रणनीतिक पकड़ को मजबूत कर रहा है. यहीं पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक पॉइंट पहुंचता है. चीन का पाकिस्तान को ये सपोर्ट सिर्फ पनडुब्बी तक सीमित नहीं है.
चीन लुटा रहा पाकिस्तान पर ‘प्यार’
अगर चीन और पाकिस्तान के रिश्तों को देखें, तो चीन लंबे समय से पाकिस्तान पर अपना ‘प्यार’ लुटा रहा है. पाकिस्तान की सेना में अब चीन से आए हथियारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साल 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियारों का इंपोर्ट किया, उसमें से 81 प्रतिशत चीन से आए. चीन से पाकिस्तान पहुंचने वाले हथियारों की संख्या इससे पिछले 5 साल के मुकाबले इस दौरान 74 प्रतिशत बढ़ी है.
एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान के हथियारों के कुल इंपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी अब 63 प्रतिशत पहुंच चुकी है. खबर के मुताबिक ये रकम करीब 5.3 अरब डॉलर के आसपास होती है.
चीन के पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस सपोर्ट भारत की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ सकता है. वहीं ये दक्षिण एशिया रीजन में शांति के प्रयासों के लिए भी एक धक्के के समान है.
यूएफबीयू ने 24-25 मार्च की हड़ताल वापस ली, बैंक सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी
22 Mar, 2025 09:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंक कर्मचारी संगठनों ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय और आईबीए से अपनी मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद अपनी दो-दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल टाल दी. पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, देशभर के बैंकों में सोमवार से दो-दिवसीय हड़ताल शुरू होनी थी. नौ बैंक कर्मचारी संघों के एकीकृत निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 24-25 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया था. बैंक कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगों में कामकाजी सप्ताह को पांच दिनों का करना और सभी कर्मचारी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती करना शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय से बातचीत में मिला आश्वासन
प्रस्तावित हड़ताल को टालने का फैसला मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष लिया गया, जिन्होंने सभी पक्षों को सुलह बैठक के लिए बुलाया था. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. यूएफबीयू ने कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा और उससे जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के हालिया निर्देशों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की थी. कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस निर्देश से नौकरी की सुरक्षा को खतरा पहुंचता है और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा होता है.
बातचीत में कौन-कौन से मुद्दे उठे?
IBA के साथ हुई बैठक में UFBU से जुड़े सभी कर्मचारी संघों ने कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं, जिनमें सभी कैडर में भर्ती और पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (5-day work week) शामिल हैं. इन मांगों पर हाल ही में वित्त मंत्रालय की ओर से आश्वासन मिला है, जिसके चलते UFBU ने हड़ताल को टाल दिया है.
किन मांगों को लेकर हो रही थी हड़ताल?
सरकारी बैंकों में खाली पदों को भरा जाए: कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों पर तुरंत नियुक्तियां की जाएं.
परफॉर्मेंस रिव्यू और इंसेंटिव स्कीम वापस ली जाएं: यूनियनों का कहना है कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा जारी नई गाइडलाइंस नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं.
बैंकों के कामकाज में माइक्रो-मैनेजमेंट पर रोक लगे: UFBU का आरोप है कि सरकारी बैंक बोर्डों की स्वायत्तता (autonomy) पर असर पड़ रहा है.
ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन: सीमा ₹25 लाख तक बढ़ाई जाए, जिससे यह सरकारी कर्मचारियों की स्कीम के बराबर हो और इसे इनकम टैक्स से छूट मिले.
IBA से जुड़े बाकी लंबित मुद्दों को हल किया जाए.
कोयला उत्पादन में नई उपलब्धि, भारत ने 1 अरब टन का आंकड़ा पार किया
22 Mar, 2025 09:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एक अरब टन कोयला उत्पादन का रिकॉर्ड आंकड़ा पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को देश के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह ऊर्जा सुरक्षा तथा आत्मनिर्भरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कोयले का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन के साथ-साथ कई उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है. यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत है. भारत ने 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में 99.783 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया.
कोयले का रिकॉर्ड प्रोडक्शन
भारत ने कोयला उत्पादन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए जो वित्त वर्ष 2024-25 में 20 मार्च, 2025 को एक बिलियन टन (बीटी) को पार कर गया. यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 997.83 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन से 11 दिन पहले आई है. कोयला क्षेत्र की सफलता का श्रेय कोयला के पब्लिक सेक्टर की कंपनियों, प्राइवेट प्लेयर्स और 350 से अधिक कोयला खदानों में लगभग 5 लाख खदान श्रमिकों को दिया गया. भारत अपने ऊर्जा मिश्रण के लगभग 55% के लिए कोयले पर निर्भर है, और देश की लगभग 74% बिजली कोयला आधारित पॉवर प्लांट्स द्वारा उत्पन्न की जाती है. आंकड़ों को देखें तो अप्रैल से दिसंबर 2024 तक, भारत के कोयला आयात में 8.4% की गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 5.43 बिलियन डॉलर (42,315.7 करोड़ रुपए) की विदेशी मुद्रा बचत हुई.
पीएम मोदी ने बताया गौरव का क्षण
मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, चालू वित्त वर्ष में एक अरब टन कोयला उत्पादन भारत के लिए गर्व का क्षण. उन्होंने कहा कि एक अरब टन कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मोदी ने कहा कि यह उपलब्धि इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की लगन और कड़ी मेहनत को भी दर्शाती है. प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी के सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए यह बात की.
रेड्डी ने ही इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए लिखा कि यह उपलब्धि हमारी बढ़ती हुई बिजली मांग को पूरा करेगी, आर्थिक वृद्धि को गति देगी तथा प्रत्येक भारतीय के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगी. कोयला मंत्रालय की कार्ययोजना वित्त वर्ष 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए कोयला उत्पादन/उठान लक्ष्य 108 करोड़ टन है.
SEBI ने शेयर बाजार में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर लगाया शिकंजा
22 Mar, 2025 09:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यह स्टॉक आपको अमीर बना देगा आज ही 10 हजार रुपए निवेश करें…. यह स्टॉक आपके पैसे को 1 लाख रुपए में बदल देगा. अगर आप भी इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर स्क्रॉल करते समय ऐसा सुनते हैं और उनकी बात मानते हैं तो आज ही सतर्क हो जाएं. क्योंकि सेबी का डाटा आ चुका है. वो आपको फायदें की सलाह देकर आपके हजारों लाखों पैसे मार्केट में लगवा देते हैं. आकर्षक थंबनेल और वायरल वीडियो के पीछे, यह निवेश की सलाह क्या वास्तव में कितनी विश्वसनीय है? यह आप जानते हैं चलिए आपको बताते हैं क्या कहता है सेबी का डाटा.
मार्च 2025 की रिपोर्ट
सीएफए इंस्टीट्यूट की एक नई रिपोर्ट में भारत की बढ़ती प्रभावशाली अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले जोखिमों, गलत सूचनाओं और छिपे हुए एजेंडों को उजागर किया गया है, क्योंकि लाखों लोग वित्तीय मार्गदर्शन के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. मार्च 2025 की रिपोर्ट एक चौंकाने वाली वास्तविकता को उजागर करती है. सोशल मीडिया से प्रभावित 82 प्रतिशत निवेशकों ने वित्त-प्रभावकों की सलाह पर काम किया है और उनमें से 72 प्रतिशत का प्रॉफिट कमाने की बात कही है.
8% निवेशक गुमराह
हालांकि, इनमें से केवल 2 प्रतिशत लोग ही भारतीय सिक्योरिटी और विनिमय बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड हैं, जिससे गलत सूचना और रेगुलेटरी इंस्पेक्शन के बारे में गंभीर चिंता पैदा होती हैं. इससे भी बदतर, 8% निवेशकों ने गुमराह होने या धोखाधड़ी किए जाने की सूचना दी यह आंकड़ा 40 से अधिक उम्र वालों के लिए दोगुना होकर 14% हो जाता है.
फिनफ्लुएंसर्स को इतना आकर्षक क्या बनाता है?
फिनफ्लुएंसर्स ने निवेश को आसान, आकर्षक और मनोरंजक बनाकर बहुत अधिक फॉलोइंग जुटा ली है. व्यूज और लाइक की दौड़ में, वास्तविक वित्तीय और मार्केटिंग प्रचार के बीच की रेखा तेजी से धुंधली होती जा रही है. इसी को देखते हुए
SEBI का नियम
अनियमित वित्तीय प्रभाव को पर कार्रवाई करते हुए SEBI ने एक नियम निकाल दिया है. जो लोग वित्तीय सलाह या शेयर मार्केट से जुड़ी एडवाइस देते हैं उन लोगों को SEBI के पास रजिस्टर करना होगा. इसके बाद एक कोर्स होता है जिसे पास करने के बाद सेबी रजिस्टर्ड लोगों को एक सर्टिफिकेट मिलता है.
सेबी ने दिसंबर में विनियमित संस्थाओं को प्रतिभूति सलाह देने वाले अपंजीकृत सामग्री निर्माताओं के साथ जुड़ने से रोक दिया। इसने विनियमित संस्थाओं को जनवरी तक अपंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ अनुबंध समाप्त करने के लिए भी कहा।
रुपया की मजबूती ने विदेशी मेहमानों को चौंकाया, शंघाई से न्यूयॉर्क तक फैल रही चर्चा
21 Mar, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीते कई महीनों से विदेशी मेहमान यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स लगातार शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे. जिसकी वजह से डॉलर में तेजी और रुपए में गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन गुरुवार को एफआईआई ने शेयर बाजार में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. जिसकी वजह से रुपए में शुक्रवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. रुपया भले ही 86 के लेवल के ऊपर आ गया है. अब आने वाले दिनों में ये 86 के नीचे भी आराम से जा सकता है. एफआईआई के इस एक्शन की वजह से शंघाई से लेकर न्यूयॉर्क सब हैरान हो गए हैं.
विदेशी निवेशकों का रुख अब चीन से हटकर भारत की ओर बढ़ने की संभावानाओं में इजाफा हो गया है. वहीं दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स में गिरावट से न्यूयॉर्क का फाइनेंशियल सेक्टर परेशान है. अगर आने वाले हफ्ते में विदेशी निवेशकों का रुख भारत के शेयर बाजार में पॉजिटिव रहता है तो इसमें कोई शक नहीं कि रुपया एक बार फिर से 85 और उससे नीचे भी जा सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में रुपए को लेकर सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं.
रुपए में जबरदस्त उछाल
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे बढ़कर 86.19 पर पहुंच गया, जो घरेलू शेयर बाजार में इजाफा और विदेशी निवेशकों के निवेश की वजह से है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि एफपीआई द्वारा इक्विटी के संबंध में सप्ताह के दौरान दूसरी बार शुद्ध खरीदार बनने और डेट में भारी खरीदारी करने के कारण रुपया मजबूत हो रहा है. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.26 पर खुला, फिर कुछ बढ़त के साथ 86.19 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 17 पैसे अधिक था. गुरुवार को रुपया मजबूत रहा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसे बढ़कर 86.36 पर बंद हुआ. यह लगातार 6वां दिन है जब करेंसी मार्केट में रुपए में तेजी देखने को मिल रही है. इस दौरान रुपए में एक रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है.
विदेशी निवेशकों ने कितना किया निवेश
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, भारतीय रुपए में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जो अमेरिकी फेड की बैठक की प्रतिक्रिया थी, जबकि मजबूत एफआईआई प्रवाह से भी इसे मजबूती मिली. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 3,239.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. पाबारी ने कहा कि कई सप्ताह तक निकासी के बाद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में 3,200 करोड़ रुपए से अधिक और डेट मार्केट में 5,500 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो भारत के 3.028 प्रतिशत के उच्च वास्तविक प्रतिफल से प्रेरित था.
डॉलर इंडेक्स और शेयर बाजार में इजाफा
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला अमेरिकी डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत बढ़कर 103.98 पर कारोबार कर रहा था. ग्लोबल मार्केट में खाड़ी देशों का ब्रेंट क्रूड कारोबार में 0.44 प्रतिशत बढ़कर 72.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. पाबरी ने कहा कि मौजूदा बाजार की गतिशीलता को देखते हुए, निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर-रुपए की जोड़ी 86.00 और 86.80 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है. हालांकि, मौजूदा ग्लोबल प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ 86.50-86.60 की सीमा की ओर थोड़ा उछाल आने की उम्मीद है. घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 500 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ अंक बढ़कर 76,923.57 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 170 अंक यानी बढ़कर 23,359.85 अंक पर था.
ऑनलाइन फ्रॉड का कहर: 10 महीने में स्कैमर्स ने लोगों से छीने 4245 करोड़
21 Mar, 2025 05:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑनलाइन स्कैम की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं, हर दिन कोई न कोई व्यक्ति स्कैमर्स के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठता है. अब हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के शुरुआती 10 महीनों में डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड की वजह से लोगों ने 4245 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं.
67% बढ़ गया नुकसान
याद दिला दें कि 2022-2023 में 2 मिलियन (लगभग 20 लाख) मामले सामने आए थे जिसमें लोगों ने 2537 करोड़ रुपए गंवा दिए थे. वहीं, 2023-2024 में फाइनेंशियल फ्रॉड के 28 लाख से ज्यादा केस सामने आए जिसमें स्कैमर्स ने लोगों के खातों से 4403 करोड़ रुपए उड़ा लिए.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान संबंधी धोखाधड़ी के लिए फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार किया है. बैंक, नॉन-बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट इशूअर्स और नॉन-बैंक क्रेडिट कार्ड इशूअर्स (issuers) इस सिस्टम के जरिए फ्रॉड की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं.
सरकार ने बचाए 4386 करोड़
सरकार ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग करने और जालसाजों को धन की हेराफेरी करने से रोकने के लिए सिजिटन फाइनेंशियल साइबरफ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम को शुरू किया गया है. अब तक 1.3 मिलियन शिकायतों के आधार पर इस सिस्टम के माध्यम से लगभग 4386 करोड़ बचा लिए गए हैं. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को बताया कि डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार, RBI और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा कई पहल की गई हैं.
Online Scam से खुद को कैसे बचाएं?
अगर आप भी ऑनलाइन स्कैम से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा जैसे कि संदिग्ध ईमेल और मैसेज पर क्लिक करने की गलती न करें. इसके अलावा जिस भी वेबसाइट को आप खोल रहे हैं वो साइट वाकई विश्वसनीय है भी या नहीं, इस बात को वेरिफाई करें. अपने अकाउंट के लिए एक मजबूत पासवर्ड बनाए जिसका आसानी से पता न लगाया जा सके.
Online Scam Complaint Number
आपके साथ भी या फिर आपके किसी जानने वाले के साथ ऑनलाइन स्कैम की घटना होती है तो आपको पहले से इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि स्कैम होने के तुरंत बाद किस नंबर पर कॉल कर आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं. 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल कर आप अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी देकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
ऑर्डर करने के बावजूद क्यों नहीं आ रहे Zomato से खाना? जानिए पूरी स्थिति
21 Mar, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. कंपनी का नाम बदलने वाला है. अब जोमैटो पर ऑर्डर करने पर आपको खाना नहीं मिलेगा. क्योंकि जोमैटो को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने नाम बदलने की मंजूरी दे दी है. अब कंपनी का नाम जोमैटो की जगह Eternal Limited हो जाएगा.
कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने बताया कि कंपनी के नाम बदलने की अनुमति मिल गई है. 20 मार्च 2025 से ही कंपनी का नाम बदल गया है. जोमैटो ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी का नाम 20 मार्च 2025 से “इटरनल लिमिटेड” हो गया है.
दूसरी बार बदला कंपनी का नाम
यह इस महीने की शुरुआत में हुए अपडेट के बाद आया है, जिसमें गुरुग्राम स्थित कंपनी के शेयरधारकों ने अपनी मूल इकाई का नाम बदलकर इटरनल लिमिटेड करने के लिए शेयरधारकों की अनुमति मांगी थी. कंपनी दूसरी बार खुद को रीब्रांड कर रही है. इसकी स्थापना 2008 में फूडीबे के रूप में हुई थी और 2010 में इसका नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया.
कुछ महीने पहले कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा था कि हम कंपनी के शेयर होल्डर्स से कंपनी के इस फैसले का समर्थन करने की उम्मीद करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब उन्हें मंजूरी मिल जाती है, तो हमारी कॉर्पोरेट वेबसाइट zomato.com से eternal.com में बदल जाएगी. हम अपने स्टॉक टिकर में भी बदलाव करेंगे.
क्यों बदला गया नाम
जोमैटो ने अपनी कंपनी ब्लिंकिट के फ्यूचर को देखते हुए यह फैसला लिया है. दीपिंदर गोयल ने बताया था कि जब हमने ब्लिंकिट को नए तौर पर शुरू किया था, तब इसका प्रमोशन कंपनी के जरिए किया गया. हमारे दिमाग में यह बात थी कि जब जोमैटो की तरह हमारी कोई कंपनी हो जाएगी, तो इसका नाम बदलेंगे. अब मुझे लगता है कि ब्लिंकिट वह है. ब्लिंकिट का बिजनेस आगे बढ़े इसके चलते कंपनी ने यह फैसला किया है.
रिपोर्ट में खुलासा: विश्व स्तर पर कर्ज की स्थिति, हर इंसान पर भारी कर्ज का बोझ
21 Mar, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड का बकाया मूल्य 2023 में $100 ट्रिलियन से अधिक हो गया है. ऐसे में देखा जाए तो दुनिया की 800 अरब की आबादी के हिसाब से हर इंसान कर्जदार है और हर इंसान पर करीब 100 रुपए से ज्यादा का कर्ज है. OECD की रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती ब्याज दरों के कारण कर्ज लेने वालों के लिए स्थिति मुश्किल हो रही है. ऐसे में सरकारों और कंपनियों को अब अपने निवेश को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि उनका कर्ज प्रोडक्टिव साबित हो सके.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 से 2024 के बीच ब्याज लागत का GDP में हिस्सा 20 साल के सबसे निचले स्तर से अब तक के सबसे हाई स्तर पर पहुंच गया है. OECD के सदस्य देशों में ब्याज भुगतान पर सरकारों का खर्च अब GDP का 3.3% हो चुका है, जो रक्षा बजट से भी ज्यादा है.
बढ़ती ब्याज दरों का असर
हालांकि केंद्रीय बैंकों ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन उधारी लागत अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है. बढ़ती ब्याज दरों के कारण ऋण सेवा लागत में वृद्धि हो रही है, जिससे सरकारों और कंपनियों के लिए ऋण प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया है.
OECD ने सुझाव दिया है कि सरकारों और कंपनियों को अपनी उधारी रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए. उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि उधार ली गई राशि का उपयोग दीर्घकालिक विकास को समर्थन देने वाले उत्पादक निवेशों में हो, ताकि आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके.
आर्थिक चुनौतियां और समाधान
वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, उच्च ऋण स्तर और बढ़ती ब्याज लागत के साथ, सरकारों और कंपनियों को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सुदृढ़ वित्तीय नीतियों को अपनाना आवश्यक है. यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने वित्तीय संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करें और ऋण प्रबंधन में सतर्कता बरतें.
OECD की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए जिम्मेदार ऋण प्रबंधन और उत्पादक निवेशों की दिशा में उधारी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है.
इस चीज का भी हुआ असर
केंद्रीय बैंक अपने बॉन्ड होल्डिंग्स घटा रहे हैं, जिससे विदेशी निवेशकों और घरेलू खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, OECD देशों के घरेलू सरकारी कर्ज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2021 में 29% थी, जो 2024 में 34% हो गई है. घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी भी 5% से बढ़कर 11% हो गई है.