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Skype को टाटा, Teams को नमस्ते: Microsoft का बड़ा फैसला
5 May, 2025 01:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने अपने लोकप्रिय वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म Skype को 5 मई 2025 को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया। कंपनी ने फरवरी 2025 में ही इस सेवा को रिटायर करने की घोषणा कर दी थी। यह कदम माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अपनी संचार सेवाओं को अधिक सुगठित करने और उपभोक्ता जरूरतों के अनुरूप ढालने के प्रयास का हिस्सा है। अब कंपनी का पूरा ध्यान अपने ‘Microsoft Teams (Free)’ प्लेटफॉर्म को केंद्रीय संचार और सहयोग केंद्र बनाने पर रहेगा।
माइक्रोसॉफ्ट ने 28 फरवरी को एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि Skype को बंद करने का निर्णय बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके तहत कंपनी ने नए उपयोगकर्ताओं के लिए Skype क्रेडिट और कॉलिंग फीचर प्लान्स की बिक्री पहले ही बंद कर दी थी। हालांकि, मौजूदा सब्सक्राइबर्स अपनी सेवा को बिलिंग साइकिल के अंत तक उपयोग कर सकते हैं और उनके खाते में शेष Skype क्रेडिट भी उपलब्ध रहेगा।
माइक्रोसॉफ्ट ने स्पष्ट किया है कि Skype का डायल पैड चुनिंदा मौजूदा भुगतान करने वाले यूजर्स के लिए Skype वेब पोर्टल और Microsoft Teams के भीतर 5 मई के बाद भी उपलब्ध रहेगा।
फरवरी से मई के बीच माइक्रोसॉफ्ट ने एक ट्रांजिशन विंडो प्रदान की, ताकि उपयोगकर्ताओं को Skype से Teams में स्थानांतरित होने में सहायता मिल सके। यूजर्स अपने मौजूदा Skype लॉगिन से Microsoft Teams में साइन इन कर सकते हैं और उनकी प्रोफाइल सेटिंग्स और डेटा अपने आप ही ट्रांसफर हो जाएंगे। जो यूजर्स माइग्रेशन नहीं करना चाहते, वे अपनी चैट हिस्ट्री, कॉन्टैक्ट्स और कॉल डेटा को एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं।
Microsoft Teams में Skype की मुख्य सुविधाओं के साथ-साथ कैलेंडर इंटीग्रेशन, कम्युनिटी स्पेसेज़ और अन्य आधुनिक कोलैबोरेशन टूल्स भी शामिल हैं, जो इसे अधिक बहुपरकीय और यूजर-फ्रेंडली बनाते हैं।
स्काइप के विकल्प: गूगल मीट और जूम बना सकते हैं बेहतर विकल्प
अगर आप स्काइप का विकल्प तलाश रहे हैं, तो कई ऐसे प्लेटफॉर्म मौजूद हैं जो समान सुविधाएं प्रदान करते हैं। इनमें गूगल मीट और जूम जैसे लोकप्रिय नाम शामिल हैं, जो वीडियो कॉलिंग और वर्चुअल मीटिंग्स के लिए उपयोगकर्ताओं के बीच काफी पसंद किए जाते हैं।
गूगल मीट
गूगल मीट का उपयोग करना आसान है और यह गूगल अकाउंट के साथ मुफ्त में उपलब्ध है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता एक बार में 100 प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉल कर सकते हैं। स्क्रीन शेयरिंग और मीटिंग रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाएं भी इसमें मौजूद हैं। हालांकि, फ्री वर्जन में ग्रुप कॉल अधिकतम 60 मिनट तक सीमित रहती है। यदि उपयोगकर्ता अधिक समय तक मीटिंग करना चाहते हैं या अतिरिक्त फीचर्स का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके पेड प्लान का विकल्प चुनना होगा।
जूम
वेब कॉन्फ्रेंसिंग के क्षेत्र में जूम एक जाना-पहचाना नाम है। यह भी 100 प्रतिभागियों तक की वीडियो मीटिंग्स की सुविधा देता है। इसमें पब्लिक और प्राइवेट चैट, स्क्रीन शेयरिंग, वर्चुअल व्हाइटबोर्ड, नोट्स बनाने के टूल और ट्रांसक्रिप्ट के साथ मीटिंग रिकॉर्डिंग जैसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इन दोनों प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह है कि ये न सिर्फ पेशेवर उपयोगकर्ताओं बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और आम उपभोक्ताओं के लिए भी उपयोगी साबित हो रहे हैं।
265 मिलियन डॉलर रिश्वत मामले पर सफाई के प्रयास में जुटी Adani की टीम
5 May, 2025 01:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स और बिजनेसमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) के प्रतिनिधियों ने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इन बैठकों का मकसद विदेश में रिश्वतखोरी से जुड़े मामले में अदाणी पर दर्ज आपराधिक आरोपों को हटवाने की संभावना तलाशना है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये बातचीत इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी और हाल के हफ्तों में इसमें तेजी आई है। यदि मौजूदा रफ्तार बनी रहती है, तो यह मामला अगले एक महीने के भीतर सुलझ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी के प्रतिनिधियों ने तर्क दिया है कि यह मामला राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदा नीति प्राथमिकताओं के अनुरूप नहीं है और उन्होंने इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
अदाणी ग्रुप के मालिक गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर एक साथ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। आरोपों के अनुसार, गौतम अदाणी ने भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की पेशकश की थी। इस मामले में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) द्वारा एक समानांतर सिविल केस भी दायर किया गया है। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
₹313 करोड़ के वॉल्यूम के साथ Silver ETF बना निवेशकों की पसंद
5 May, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस साल अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) पर गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ (Gold and Silver ETF) की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, पूरे इंडस्ट्री का कुल वॉल्यूम लगभग 2.9 गुना बढ़कर ₹644 करोड़ पहुंच गया जबकि पिछले साल यह ₹224 करोड़ पर था। इस तेज बढ़त से यह साफ है कि त्योहारों के मौके पर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) एक आकर्षक निवेश विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
Gold ETF में तेज ग्रोथ, लेकिन सिल्वर ने मारी बाजी
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में बीते एक साल में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। 30 अप्रैल 2025 तक इनका ट्रेडिंग वॉल्यूम ₹130 करोड़ से 2.5 गुना बढ़कर ₹331 करोड़ हो गया। हालांकि, सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) ने और भी शानदार प्रदर्शन किया। इसका वॉल्यूम ₹95 करोड़ से 3.3 गुना की जबरदस्त ग्रोथ लेकर ₹313 करोड़ पहुंच गया। ट्रेडिंग वॉल्यूम के लिहाज से सिल्वर ईटीएफ इस साल का सबसे तेज ग्रोथ देने वाला सेगमेंट बन गया।
फिजिकल गोल्ड में निवेश करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है, और इसके साथ ही यह जागरूकता भी बढ़ रही है कि खरीदे गए सोने की शुद्धता की जांच जरूरी है।
ETF में तेजी की वजह
वैल्यू रिसर्च के अनुसार, ट्रेडिंग वॉल्यूम में आई इस तेज बढ़ोतरी के पीछे कई अहम कारण हैं:
सुविधा (Convenience): निवेशकों को सोने या चांदी में निवेश करने के लिए अब उसकी शुद्धता या सुरक्षित स्टोरेज की चिंता नहीं करनी पड़ती। ETF को शेयर की तरह ही डिमैट अकाउंट के जरिए खरीदा-बेचा जा सकता है।
लागत में बचत (Cost efficiency): फिजिकल गोल्ड खरीदने पर मेकिंग चार्ज, स्टोरेज खर्च और शुद्धता का जोखिम जुड़ा होता है। इसके मुकाबले ETF में लेनदेन की लागत कम होती है और बेहतर लिक्विडिटी के कारण ट्रेडिंग में रुकावट नहीं आती।
निवेशकों की रुचि (Investor sentiment): पारंपरिक रूप से अक्षय तृतीया पर फिजिकल गोल्ड की बिक्री में तेजी देखने को मिलती है। अब यही रुझान एक्सचेंज पर भी नजर आ रहा है। इंडस्ट्री लेवल पर गोल्ड ईटीएफ का टर्नओवर सालाना आधार पर 2.5 गुना बढ़ा है जबकि सिल्वर ETF का टर्नओवर 3.3 गुना बढ़ा है। सिल्वर की तेज बढ़त यह संकेत देती है कि निवेशक अब सिर्फ गोल्ड तक सीमित नहीं हैं और पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन (diversification) की ओर बढ़ रहे हैं।
उदाहरण के लिए बता दें कि FY25 में गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ का औसत डेली वॉल्यूम, कुल ETF टर्नओवर का लगभग 60% था। यह दर्शाता है कि इन प्रोडक्ट्स की पकड़ भारतीय बाजार में लगातार मजबूत हो रही है।
लोअर इम्पैक्ट कॉस्ट्स भी ETF को बना रहे आकर्षक विकल्प
अक्षय तृतीया के दिन इंडस्ट्री-वाइड आंकड़ों के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ में औसत इम्पैक्ट कॉस्ट 20 बेसिस पॉइंट (bps) रही। हालांकि, कुछ प्रमुख ईटीएफ में यह लागत सिर्फ 2 bps तक ही रही। सिल्वर ईटीएफ में औसतन इम्पैक्ट कॉस्ट 32 bps रही, लेकिन सबसे ज्यादा लिक्विड ईटीएफ में यह घटकर लगभग 3 bps तक आ गई।
वैल्यू रिसर्च ने कहा, “हाई लिक्विडिटी से ईटीएफ अपने अंडरलाइन एसेट प्राइस को बेहतर तरीके से ट्रैक करते हैं, जिससे निवेशकों को ज्यादा सटीक एक्सपोजर मिलता है।”
क्या पोर्टपोलियो में Gold-Silver ETF शामिल करना चाहिए?
हालांकि गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इनकी भूमिका पोर्टफोलियो में एकदम खास होती है। वैल्यू रिसर्च इसे विस्तार से समझाता है:
डाइवर्सिफायर (विविधता लाने वाले एसेट): ऐतिहासिक रूप से गोल्ड और सिल्वर का इक्विटी मार्केट से कम संबंध (low correlation) होता है। इस वजह से ये पोर्टफोलियो में जोखिम को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
बेशकीमती धातु (प्रेशियस मेटल्स): आमतौर पर महंगाई बढ़ने या भू-राजनीतिक तनाव के समय बेहतर प्रदर्शन करते हैं। हालांकि, ये एसेट ग्रोथ देने वाले प्रमुख निवेश विकल्प नहीं माने जाते।
वैल्यू रिसर्च ने एक नोट में कहा, “लॉन्ग टर्म में इक्विटी ने गोल्ड और सिल्वर दोनों से बेहतर रिटर्न दिया है। उदाहरण के तौर पर, पिछले एक दशक में गोल्ड ने औसतन 7-8% सालाना रिटर्न दिया है, जबकि इक्विटी मार्केट ने करीब 12-14% सालाना रिटर्न दिया है। सिल्वर की बात करें तो उसमें थोड़ा अलग ट्रेंड देखा जाता है, क्योंकि यह आंशिक रूप से एक इंडस्ट्रियल मेटल भी है। इसलिए इसकी कीमतें मैन्युफैक्चरिंग डिमांड और निवेशकों की धारणा दोनों से प्रभावित होती हैं। यही वजह है कि सिल्वर ईटीएफ थोड़े ज्यादा वोलाटाइल हो सकते हैं, लेकिन जो निवेशक जोखिम समझते हैं उनके लिए यह एक दिलचस्प डाइवर्सिफायर बन सकता है।”
अप्रैल 2025 में होंडा को मिले केवल 3,360 नए ग्राहक
4 May, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अप्रैल 2025 में होंडा कंपनी को डोमेस्टिक मार्केट में केवल 3,360 नए ग्राहक मिले, जो कि पिछले साल की तुलना में 22.78 प्रतिशत की गिरावट है। अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 4,351 यूनिट था। इसके अलावा, होंडा के एक्सपोर्ट में भी भारी गिरावट देखी गई। अप्रैल 2025 में होंडा ने कुल 1,511 यूनिट कारों का एक्सपोर्ट किया, जो कि अप्रैल 2024 के 6,516 यूनिट से 76.81 प्रतिशत कम है। इसके परिणामस्वरूप, कंपनी की कुल कार बिक्री (डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मिलाकर) 4,871 यूनिट रही, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 10,867 यूनिट था। मासिक आधार पर भी होंडा की बिक्री में गिरावट आई है। मार्च 2025 में कंपनी ने डोमेस्टिक मार्केट में 7,228 नए ग्राहक प्राप्त किए थे, और अप्रैल में यह आंकड़ा 53.51 प्रतिशत घटकर 3,360 पर आ गया।
हालांकि, होंडा ने भारतीय बाजार में अपने नए मॉडल्स के लॉन्च की तैयारी शुरू कर दी है, जिनमें होंडा एलिवेट इलेक्ट्रिक जैसे अपकमिंग मॉडल्स शामिल हैं, जिनसे कंपनी को अपनी बिक्री को बढ़ाने की उम्मीद है। बता दें कि भारतीय बाजार में होंडा की कारों को जबरदस्त लोकप्रियता हासिल है, जिसमें होंडा एलिवेट, होंडा अमेज और होंडा सिटी जैसे मॉडल शामिल हैं।
विंडसर ईवी के नए वेरिएंट की टेस्टिंग प्रारंभ, आई तस्वीरें
4 May, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अपनी पॉपुलर इलेक्ट्रिक एसयूवी विंडसर ईवी के बड़े बैटरी पैक वाले वेरिएंट पर एमजी मोटर इंडिया काम कर रही है। इस नए वेरिएंट की टेस्टिंग भी कंपनी ने शुरू कर दी है। इसकी टेस्टिंग के दौरान तस्वीरें सामने आई हैं।
इन तस्वीरों में देखा गया कि इस नए वेरिएंट में पीछे की तरफ अडास बैज और फ्रंट विंडशील्ड पर एक रडार मौजूद है, जो कि इसके ऑटोनोमस ड्राइविंग फीचर्स की पुष्टि करता है। नई विंडसर ईवी का लंबा रेंज वेरिएंट 50.3 केडब्ल्यूएच का बैटरी पैक लेकर आएगा, जिसे पहले झेडएस ईवी में देखा गया है और यह 460 किमी की रेंज देता है। इस नए वेरिएंट में वी2एल (व्हीकल टू लोड) फीचर की शुरुआत की जा सकती है, जो इसे भारतीय बाजार में टाटा नेक्सन ईवी के मुकाबले एक मजबूत विकल्प बना सकता है। इसमें लेवल 2 अडास सुइट शामिल होने की संभावना है, जिसमें एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, और इंटेलिजेंट हाई बीम असिस्ट जैसे एडवांस्ड फीचर्स मिलेंगे।
इसके अलावा, विंडसर ईवी के स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रिक पार्किंग ब्रेक शामिल होंगे। एमजी विंडसर ईवी में कई हाई-एंड फीचर्स भी होंगे जैसे 18-इंच डायमंड कट एलॉय व्हील, स्मार्ट फ्लश डोर हैंडल, पैनोरमिक ग्लास रूफ, और 15.6-इंच ग्रैंड व्यू टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम।
हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में अचानक दर्ज की गई बड़ी गिरावट
4 May, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अप्रैल 2025 में हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में अचानक बड़ी गिरावट देखी गई। कंपनी ने अप्रैल 2025 में महज 3,05,406 यूनिट मोटरसाइकिल की बिक्री की, जबकि एक साल पहले यानी अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 5,33,585 यूनिट था।
इस दौरान सालाना आधार पर हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में 42.76प्रतिशत की गिरावट आई है। मासिक आधार पर भी कंपनी की बिक्री में 44.43प्रतिशत की गिरावट आई है। हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में इस गिरावट का मुख्य कारण मोटरसाइकिल और स्कूटर दोनों श्रेणियों में बिक्री में आई कमी है। अप्रैल 2025 में कंपनी ने कुल 2,86,089 यूनिट मोटरसाइकिल की बिक्री की, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 4,96,542 यूनिट था, जो कि 42.38प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है। इस दौरान कंपनी की कुल बिक्री में मोटरसाइकिल का हिस्सा 93.67प्रतिशत रहा। वहीं, स्कूटर की बिक्री में भी भारी गिरावट आई है।
बीते महीने, हीरो ने केवल 19,317 यूनिट स्कूटर बेचे, जबकि अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 37,043 यूनिट था, जो कि 47.79प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है। इसके अलावा, कंपनी ने 16,882 यूनिट टू-व्हीलर का एक्सपोर्ट भी किया, लेकिन इस दौरान एक्सपोर्ट में सालाना आधार पर 16.79 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। हीरो मोटोकॉर्प की यह गिरावट आने वाले महीनों में कंपनी की बिक्री रणनीतियों पर प्रभाव डाल सकती है।
एमजी विंडसर प्रो ईवी का टीजर जारी, 6 मई को होगी लॉन्च
4 May, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने अपनी लोकप्रिय इलेक्ट्रिक कार विंडसर का नया वर्जन ‘विंडसर प्रो’ 6 मई को लॉन्च करने की घोषणा की है। लॉन्च से पहले ही इस इलेक्ट्रिक गाड़ी के एक्सटीरियर और इंटीरियर की तस्वीरें लीक हो गई हैं, जिनसे इसके नए लुक और फीचर्स की झलक मिलती है। यह प्रो वर्जन पहले से कहीं ज्यादा एडवांस और प्रीमियम होगा। इसमें डायमंड-कट फिनिश के साथ नए एलॉय व्हील दिए गए हैं, जो पहले हेक्टर मॉडल में देखे जा चुके हैं। इसके अलावा, पीछे की तरफ एडीएएस बैजिंग देखने को मिलती है, जो यह संकेत देती है कि अब इसमें एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम की सुविधा भी दी जाएगी। कंपनी ने क्ले बेज कलर स्कीम को बंद कर दिया है और अब इसकी जगह सिल्वर कलर जोड़ा गया है।
गाड़ी के इंटीरियर में बेज कलर की सीटें दी गई हैं, जो न सिर्फ प्रीमियम लुक देती हैं बल्कि गर्मियों में ब्लैक सीट्स की तुलना में कम गर्म भी होती हैं। हालांकि इनकी सफाई और मेंटेनेंस में थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसमें वी2एल यानी व्हीकल टू लोड फीचर जोड़ा गया है, जिसकी मदद से कार की बैटरी से अन्य डिवाइस चार्ज किए जा सकते हैं। विंडसर प्रो में अब 50.6 केडब्ल्यूएच का बैटरी पैक मिलेगा, जिससे इसकी रेंज बढ़कर 460 किलोमीटर तक पहुंच सकती है। वर्तमान में मौजूद विंडसर ईवी में 38 केडब्ल्यूएच बैटरी दी गई है जो 332 किलोमीटर की रेंज देती है।
Elon Musk को Global Setback: टेस्ला की बिक्री में जबरदस्त गिरावट, जानें क्या हैं वजहें
3 May, 2025 05:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला को यूरोप के कई देशों में अप्रैल महीने में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। स्वीडन, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, फ्रांस और नॉर्वे जैसे देशों में टेस्ला की कारों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह खबर तब आई है, जब मस्क ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अमेरिका में अपनी सरकारी जिम्मेदारियों से समय निकालकर टेस्ला पर ज्यादा ध्यान देंगे। हालांकि, इन आंकड़ों ने कंपनी के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन में टेस्ला की बिक्री में 81 प्रतिशत की भारी कमी देखी गई। नीदरलैंड्स में यह आंकड़ा 74 प्रतिशत और डेनमार्क में 67 प्रतिशत रहा। फ्रांस में बिक्री 59 प्रतिशत घटी, जबकि नॉर्वे में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जर्मनी में इस साल के पहले तीन महीनों में बिक्री 62 प्रतिशत कम हुई, हालांकि अप्रैल के आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। इन देशों में टेस्ला की बिक्री का कुल योगदान ज्यादा नहीं है, लेकिन ये शुरुआती आंकड़े कंपनी के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यही स्थिति रही, तो टेस्ला को बड़े बाजारों में भी नुकसान हो सकता है।
मस्क की राजनीतिक टिप्पणियों का असर?
टेस्ला की बिक्री में इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। मस्क की राजनीतिक टिप्पणियां और उनके अमेरिका में सरकारी कामकाज में शामिल होने से कुछ ग्राहकों में नाराजगी देखी गई है। मस्क ने हाल ही में जर्मनी में एक विवादास्पद उम्मीदवार को सपोर्ट किया था, जिसके बाद वहां बिक्री में कमी आई।
इसके अलावा, टेस्ला के पुराने मॉडल और चीनी कंपनी बीवाईडी जैसे प्रतिद्वंद्वियों के नए इलेक्ट्रिक वाहनों ने भी बाजार में टेस्ला की स्थिति को कमजोर किया है। कंपनी ने अपने लोकप्रिय मॉडल वाई को अपग्रेड करने के लिए कुछ समय तक फैक्ट्रियां बंद रखीं, जिससे आपूर्ति प्रभावित हुई। साथ ही, यूरोप में टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को अभी मंजूरी नहीं मिली है, जो अमेरिका और चीन में उसकी बिक्री का बड़ा कारण है।
हालांकि, सभी खबरें बुरी नहीं हैं। इटली में टेस्ला की बिक्री में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जो कंपनी के लिए थोड़ी राहत की बात है।
पिछले हफ्ते मस्क ने निवेशकों को बताया था कि वह मई से अपने सरकारी काम को कम करके टेस्ला पर ज्यादा ध्यान देंगे। मस्क अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) का नेतृत्व कर रहे थे, जहां उन्होंने कई सरकारी विभाग बंद किए और हजारों कर्मचारियों की छंटनी की। इस घोषणा के बाद टेस्ला के शेयरों में तेजी देखी गई, लेकिन कंपनी का मुनाफा पहली तिमाही में 71 प्रतिशत कम हुआ।
टेस्ला के सामने अब चुनौती है कि वह अपनी बिक्री को कैसे पटरी पर लाए। मस्क की रणनीति और बाजार की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं। क्या मस्क टेस्ला को इस संकट से निकाल पाएंगे, यह आने वाले महीनों में साफ होगा।
ग्लोबल इकॉनमी पर संकट? रॉबर्ट कियोसाकी ने कहा – अब समय है जागने का
3 May, 2025 05:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मशहूर किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है। 78 साल के कियोसाकी ने लिखा कि बेरोजगारी का डर पूरी दुनिया में एक वायरस की तरह फैल रहा है। उन्होंने अपनी पुरानी किताब ‘रिच डैड्स प्रोफेसी’ का जिक्र करते हुए कहा कि वो पहले ही एक नए ‘ग्रेट डिप्रेशन’ की आशंका जता चुके हैं। हालांकि, वो उम्मीद करते हैं कि उनकी ये भविष्यवाणी गलत साबित हो। अपनी पोस्ट में उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है, तो घबराने की बजाय इसे मौके के तौर पर देखें।
कियोसाकी ने अपने पोस्ट में लिखा, “अगर मेरी भविष्यवाणी सही हुई और वैश्विक अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई, तो याद रखें कि जो लोग तैयार हैं, उनके लिए संकट एक सुनहरा अवसर हो सकता है। जो लोग पहले से तैयार हैं, वो अच्छा कर सकते हैं।”
उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट का उदाहरण दिया, जब उन्होंने इस स्थिति को नुकसान की बजाय सीखने और कमाई का मौका बनाया। वो कहते हैं कि संकट के समय बाजार में ‘रियल एसेट्स’ यानी असली संपत्तियां सस्ते दामों पर मिलती हैं।
निवेश की रणनीति और सलाह
कियोसाकी ने मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट का हवाला देते हुए समझाया कि संकट के समय समझदारी से निवेश करना चाहिए। उनकी 2004 की किताब में भी उन्होंने बाजार में होने वाली घबराहट और उससे निपटने की बात कही थी। वो कहते हैं कि जब बाजार में अफरा-तफरी मचती है, लोग डरकर अपनी संपत्तियां बेचने लगते हैं, लेकिन यही वो समय होता है जब सही निवेशक मौके तलाशते हैं। कियोसाकी ने क्रिप्टोकरेंसी का उदाहरण देते हुए पूछा, “अगर बिटकॉइन 300 डॉलर प्रति कॉइन तक गिर जाए, तो क्या आप रोएंगे या खुशी मनाएंगे?”
उन्होंने एक पुरानी पोस्ट में निवेश की रणनीति भी शेयर की थी, जिसमें कहा गया था, “आपका मुनाफा तब बनता है, जब आप खरीदते हैं, न कि जब आप बेचते हैं।” निवेशकों को हौसला देने के लिए उन्होंने ओपरा विन्फ्रे, अब्राहम लिंकन, बेंजामिन फ्रैंकलिन और जॉर्ज पैटर्नो के प्रेरक विचार भी शेयर किए। उनका कहना है कि घबराहट के माहौल में ठंडे दिमाग से फैसले लेने वाले ही बाजी मारते हैं।
बता दें कि रॉबर्ट कियोसाकी ने इससे पहले बताया था कि दुनिया भर के अमीर लोग धीरे-धीरे गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मशहूर ब्रांड मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग के मालिकों का उदाहरण दिया था, जिनकी संपत्तियां धीरे-धीरे कम हो रही हैं। उन्होंने इसका कारण दुनिया भर में बढ़ती गरीबी और लोगों के खरीदने की क्षमता में गिरवाट को दिया था।
वाणिज्य मंत्रालय का ऐलान – अब पाकिस्तान से नहीं होगा कोई आयात
3 May, 2025 04:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
India Pakistan Trade Ban: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से सभी आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित में लिया गया कदम बताया है। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगले आदेश तक जारी रहेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा, “पाकिस्तान से आने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं, चाहे वे प्रत्यक्ष रूप से हों या अप्रत्यक्ष, पर तुरंत रोक लगाई जाती है। इस रोक से छूट के लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति जरूरी होगी।”
यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा है, जो पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद और गहरा गया। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय गाइड भी शामिल थे। आतंकियों ने कश्मीर के लोकप्रिय बैसारन घास के मैदान में गोलीबारी की थी। जांच में हमलावरों का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से पाया गया, जिसके बाद भारत ने यह सख्त कदम उठाया।
आर्थिक और कूटनीतिक जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान से आयात पहले ही 2019 के पुलवामा हमले के बाद से कम हो रहा था, जब भारत ने पाकिस्तानी सामानों पर 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगा दिया था। 2024-25 वित्तीय वर्ष तक पाकिस्तान का भारत के कुल आयात में हिस्सा 0.0001 प्रतिशत से भी कम रह गया था। जो थोड़ा-बहुत व्यापार बचा था, उसमें ज्यादातर दवाएं, फल और तिलहन जैसे उत्पाद शामिल थे। अब इस पूर्ण प्रतिबंध के साथ ही वाघा-अटारी सीमा, जो दोनों देशों के बीच एकमात्र भूमि व्यापार मार्ग था, को भी बंद कर दिया गया है।
भारत ने आतंकी हमले के जवाब में कई अन्य कदम भी उठाए हैं। हाल ही में भारत ने 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है, से पीछे हटने की धमकी दी है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध और कमजोर हुए हैं, और अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ रहा है, जहां पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से गोलीबारी की खबरें सामने आई हैं।
ITR-5 में MSME मान्यता और टैक्स ऑडिट डिटेल्स की अनिवार्य जानकारी जोड़ी गई
3 May, 2025 01:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म ITR-5 को 1 मई 2025 को अधिसूचित कर दिया है। यह बदलाव वित्त अधिनियम 2024 में किए गए संशोधनों के आधार पर किए गए हैं।
इससे पहले, आयकर विभाग ने 29 अप्रैल को ITR-1 और ITR-4 और 30 अप्रैल को ITR-3 फॉर्म को अधिसूचित किया था। साथ ही, ऐसे व्यक्ति जिनकी लिस्टेड इक्विटी से होने वाली लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) ₹1.25 लाख तक है, उनके लिए रिटर्न फाइल करना अब और आसान बना दिया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए नया ITR-5 फॉर्म जारी किया है, जिसमें कैपिटल गेन और TDS रिपोर्टिंग से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव साझेदारी फर्मों, LLPs, AOPs, BOIs और अन्य इकाइयों के लिए लागू होंगे।
ITR-5 फॉर्म में किए गए मुख्य बदलाव:
1. कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम (CGAS) की विस्तृत रिपोर्टिंग
अब करदाताओं को CGAS में जमा राशि की तारीख, खाता संख्या और IFS कोड जैसी विस्तृत जानकारी प्रदान करनी होगी। पहले केवल जमा राशि की जानकारी ही मांगी जाती थी।
2. ऑनलाइन गेमिंग से आय की रिपोर्टिंग
नए सेक्शन 115BBJ के तहत, ऑनलाइन गेमिंग से प्राप्त आय को अब विशेष रूप से रिपोर्ट करना आवश्यक है। इसके लिए ITR-5 में Schedule OS को संशोधित किया गया है।
3. MSME मान्यता की जानकारी
ITR-5 में अब करदाताओं को यह बताना होगा कि क्या वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के रूप में मान्यता प्राप्त हैं, साथ ही MSME पंजीकरण संख्या भी प्रदान करनी होगी।
4. सेक्शन 115BAE के तहत रियायती कर व्यवस्था का विकल्प
निर्माण या उत्पादन में संलग्न सहकारी समितियाँ अब सेक्शन 115BAE के तहत रियायती कर दर का विकल्प चुन सकती हैं। इसके लिए ITR-5 में एक नया फील्ड जोड़ा गया है।
5. टैक्स ऑडिट की जानकारी
सेक्शन 44AB के तहत टैक्स ऑडिट के लिए उत्तरदायी करदाताओं को अब ऑडिट रिपोर्ट की स्वीकृति संख्या और यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) प्रदान करना होगा।
6. कैश रसीदों की रिपोर्टिंग
सेक्शन 44AD के तहत उच्च टर्नओवर सीमा का दावा करने के लिए, अब "कैश में प्राप्तियाँ" नामक एक नया कॉलम जोड़ा गया है, जिसमें नकद रसीदों का विवरण देना आवश्यक होगा।
7. राजनीतिक दलों को योगदान की जानकारी
सेक्शन 80GGC के तहत राजनीतिक दलों को किए गए योगदान की विस्तृत जानकारी, जैसे योगदान की तारीख, राशि, भुगतान का माध्यम, और बैंक का IFS कोड, अब अनिवार्य रूप से प्रदान करनी होगी।
8. ESOP पर स्थगित टैक्स की रिपोर्टिंग
योग्य स्टार्टअप्स द्वारा कर्मचारियों को दिए गए ESOPs पर स्थगित टैक्स की रिपोर्टिंग के लिए अब नियोक्ता का PAN और DPIIT पंजीकरण संख्या प्रदान करनी होगी।
नया ITR-5 फॉर्म करदाताओं से अधिक विस्तृत और पारदर्शी जानकारी की मांग करता है, जिससे कर अनुपालन में सुधार और कर चोरी की संभावनाओं में कमी आएगी। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए समय पर और सही तरीके से अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करें।
🔹 कैपिटल गेन की जानकारी दो हिस्सों में देनी होगी – अब 23 जुलाई 2024 से पहले और उसके बाद हुई पूंजीगत आय को अलग-अलग दिखाना होगा (Finance Act 2024 के अनुसार)।
🔹 शेयर बायबैक पर नुकसान को मान्यता – यदि टैक्सपेयर्स ने संबंधित डिविडेंड इनकम को ‘अन्य स्रोतों से आय’ में दिखाया है (1 अक्टूबर 2024 के बाद), तो ऐसे बायबैक पर हुआ कैपिटल लॉस क्लेम किया जा सकता है।
🔹 क्रूज व्यवसाय से जुड़ी धारा 44BBC जोड़ी गई – इस नए सेक्टर को भी अब फॉर्म में शामिल किया गया है।
🔹 TDS सेक्शन कोड की जानकारी अनिवार्य – शेड्यूल-TDS में अब संबंधित टीडीएस सेक्शन कोड का भी उल्लेख करना होगा।
यह बदलाव खासकर फर्म, एलएलपी (LLP), एओपी (AOP) आदि जैसी इकाइयों के लिए जरूरी हैं जो ITR-5 के जरिए रिटर्न दाखिल करती हैं।
आईटीआर-5 किसके लिए है और फाइलिंग कब से शुरू होगी?
आकलन वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। आयकर विभाग ने ITR-1, ITR-3, ITR-4 और ITR-5 फॉर्म पहले ही अधिसूचित कर दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि ITR फाइलिंग की शुरुआत अगले हफ्ते से हो जाएगी।
ITR-5 कौन भर सकता है?
ITR-5 फॉर्म उन इकाइयों के लिए है जो व्यक्ति या कंपनी नहीं हैं। इसका इस्तेमाल निम्नलिखित करदाता कर सकते हैं:
फर्म (Firms)
लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप्स (LLPs)
व्यक्तियों का संघ (Association of Persons – AOPs)
व्यक्तियों का समूह (Body of Individuals – BOIs)
कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Juridical Persons – AJPs)
दिवंगत या दिवालिया व्यक्ति की संपत्ति
बिजनेस ट्रस्ट और निवेश फंड
लेकिन यह फॉर्म व्यक्तियों (Individuals), हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs), कंपनियों और ITR-7 भरने वाले (जैसे धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्ट) करदाताओं के लिए नहीं है।
ITR भरने की अंतिम तारीख
31 जुलाई 2025: उन करदाताओं के लिए जिनके खातों का ऑडिट जरूरी नहीं है
31 अक्टूबर 2025: जिनके खातों का ऑडिट होना जरूरी है, उनके लिए
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। रिटर्न फाइल करने से पहले कर विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भूषण पावर के परिसमापन का आदेश दिया, JSW स्टील की योजना को बताया 'गंभीर उल्लंघन'
3 May, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले से जेएसडब्ल्यू स्टील को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने भूषण पावर ऐंड स्टील के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को ‘अवैध’ करार दिया और कंपनी के परिसमापन का निर्देश दिया। अदालत का यह फैसला दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा भूषण पावर ऐंड स्टील के अधिग्रहण के चार साल बाद आया है।
अदालत के इस निर्णय से जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर 5.46 फीसदी गिरकर 972.15 रुपये पर बंद हुआ।
भूषण पावर ऐंड स्टील के परिसमापन का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा के पीठ ने कहा कि समाधान योजना ‘अवैध’ और आईबीसी के प्रावधानों के ‘विपरीत’ है।
अदालत ने कहा, ‘ऋणदाताओं की समिति द्वारा मंजूर जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना आईबीसी की धारा 30(2) की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं थी और यह आईबीसी एवं कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) विनियमों के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन था। उक्त समाधान योजना को एनसीएलटी द्वारा धारा 31(2) के तहत प्रथम दृष्टया अस्वीकृत कर दिया जाना चाहिए था। एनसीएलएटी द्वारा पारित विवादित निर्णय न्यायसंगत नहीं है। उसे रद्द किया जाना चाहिए।’
अदालत ने भूषण पावर ऐंड स्टील के ऋणदाताओं की समिति के साथ ही राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के खिलाफ भी सख्त टिप्पणियां कीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऋणदाताओं की समिति को जेएसडब्ल्यू की समाधान योजना को स्वीकार नहीं करना चाहिए था और एनसीएलटी को भी इस योजना को मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी। अदालत ने आगे कहा, ‘ऋणदाताओं की समिति जेएसडब्ल्यू की समाधान योजना को मंजूर करते समय
वाणिज्यिक विवेक का उपयोग करने में विफल रही जो आईबीसी और सीआईआरपी विनियमों के अनिवार्य प्रावधानों का घोर उल्लंघन था।’
अदालत ने कहा, ‘ऋणदाताओं की समिति सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विरोधाभासी रुख अपनाकर तथा बिना किसी आपत्ति के जेएसडब्ल्यू से भुगतान स्वीकार करके लेनदारों के हितों की रक्षा करने में भी विफल रही।’
सर्वोच्च न्यायालय ने समाधान पेशेवर की भी आलोचना की जिसे दिवाला प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्टील कंपनी की देखभाल का जिम्मा सौंपा गया था। अदालत ने कहा समाधान पेशेवर आईबीसी और सीआईआरपी विनियमों के तहत अपने वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रहा।
अदालत ने कहा कि जेएसडब्ल्यू ने जानबूझकर समाधान योजना की शर्तों का उल्लंघन किया और दो साल तक उसका अनुपालन नहीं किया, जिससे आईबीसी का उद्देश्य विफल हो गया और भूषण पावर ऐंड स्टील की दिवालिया प्रक्रिया प्रभावित हुई। अदालत ने एनसीएलटी और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (एनसीएलएटी) के 5 सितंबर, 2019 और 17 फरवरी, 2020 के आदेशों को रद्द कर दिया।
अदालत ने कहा, ‘ऋणदाताओं की समिति द्वारा मंजूर जेएसडब्ल्यू की समाधान योजना को अस्वीकार किया जाता है क्योंकि यह आईबीसी की धारा 30(2) तथा आईबीसी की धारा 31(2) के अनुरूप नहीं है।’
जेएसडब्ल्यू द्वारा वित्तीय लेनदारों और परिचालन लेनदारों को किए गए भुगतान और समाधान योजना के क्रियान्वयन में यदि कोई इक्विटी अंशदान दिया गया है, तो वह वर्तमान अपील के परिणाम के अधीन होगा और 6 मार्च, 2020 के आदेश के अनुसार ऋणदाताओं द्वारा दिए गए बयान के अनुसार पक्षों द्वारा निपटाया जाएगा।
जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपये की समाधान योजना पेश की थी जिसे सितंबर 2019 में एनसीएलटी द्वारा मंजूरी दी गई थी। इसमें वित्तीय लेनदारों को 19,350 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था जबकि उनका दावा 47,157.99 करोड़ रुपये का था।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि जेएसडब्ल्यू ने ऋणदाताओं की समिति के समक्ष गलत बयानी करके बोली हासिल की। जेएसडब्ल्यू ने समाधान योजना के अनुमोदन के बाद दो साल तक कोई कार्रवाई नहीं की जबकि इसमें कोई कानूनी बाधा नहीं थी।
अदालत का यह निर्णय परिचालन ऋणदाता कल्याणी ट्रांस्को, भूषण पावर ऐंड स्टील के पूर्व प्रवर्तक संजय सिंघल, ऋणदाताओं जलधि ओवरसीज और सीजे डार्कल लॉजिस्टिक्स द्वारा दायर याचिका पर आया है।
पूनम गुप्ता बनीं RBI की चौथी महिला डिप्टी गवर्नर, अर्थव्यवस्था को मिलेगा अनुभवी नेतृत्व
3 May, 2025 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली, 3 मई 2025 — अनुभवी अर्थशास्त्री डॉ. पूनम गुप्ता ने 2 मई 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उन्हें तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है और वे मौद्रिक नीति विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगी।
प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी
डॉ. गुप्ता को निम्नलिखित विभागों का प्रभार सौंपा गया है:
मौद्रिक नीति विभाग
वित्तीय बाजार संचालन विभाग
आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग
वित्तीय स्थिरता विभाग
अंतर्राष्ट्रीय विभाग
सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग
कॉर्पोरेट रणनीति और बजट विभाग
संचार विभाग
उनकी नियुक्ति के साथ ही RBI ने डिप्टी गवर्नरों के विभागों का पुनः आवंटन किया है।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) में नई भूमिका
डॉ. गुप्ता अब RBI की छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की सदस्य होंगी, जो देश की मौद्रिक नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह माइकल पात्रा के स्थान पर नियुक्त हुई हैं, जिनका कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हुआ था।
व्यापक अनुभव और शैक्षणिक पृष्ठभूमि
RBI में शामिल होने से पहले, डॉ. गुप्ता ने नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य भी रही हैं। उन्होंने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भी वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है।
उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि में दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक डिग्री, तथा यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड से अर्थशास्त्र में एम.ए. और पीएच.डी. शामिल हैं।
RBI में महिला नेतृत्व
डॉ. पूनम गुप्ता, RBI की डिप्टी गवर्नर बनने वाली चौथी महिला हैं, जो भारतीय केंद्रीय बैंक में महिला नेतृत्व को और सशक्त बनाती हैं।
उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है, और मुद्रास्फीति दर RBI के 4% लक्ष्य के करीब है। उनके अनुभव और विशेषज्ञता से मौद्रिक नीति और आर्थिक स्थिरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान की अपेक्षा की जा रही है।
सिर्फ 390 दिन में मोटी कमाई! PNB दे रहा है ₹1 लाख पर ₹8000+ का रिटर्न!
2 May, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PNB FD Scheme: अगर आप कम अवधि (शॉर्ट टर्म) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की एफडी स्कीम फायदेमंद हो सकती है। बैंक ने 390 दिनों की अवधि वाली एफडी स्कीम पर संशोधित ब्याज दरों की घोषणा की थी, जो 10 अप्रैल 2025 से लागू हो गई हैं। यह स्कीम सामान्य ग्राहकों, वरिष्ठ नागरिकों और सुपर सीनियर सिटिज़न्स के लिए अलग-अलग ब्याज दरों के साथ उपलब्ध है, जिससे हर आयु वर्ग के निवेशकों को उनकी जरूरत और लाभ के अनुसार विकल्प मिलता है।
390 दिनों की एफडी स्कीम: ब्याज दरें
सामान्य ग्राहक: 7.10%
वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु): 7.60%
सुपर सीनियर सिटिज़न (80 वर्ष या उससे अधिक आयु): 7.90%
₹1 लाख के निवेश पर संभावित रिटर्न
अगर कोई वरिष्ठ नागरिक इस स्कीम में ₹1,00,000 जमा करता है, तो 390 दिनों के बाद उसे ₹1,08,141.20 मिलते हैं। यानी ₹8,141.20 का ब्याज मिलता है। वहीं, सामान्य ग्राहक को ₹1,07,604.35 मिलते हैं यानी ₹7,604.35 का ब्याज।
पीएनबी की वेबसाइट पर दिए गए कैलकुलेटर के अनुसार, यदि 13 महीने (लगभग 390 दिन) की एफडी 7.60% की दर से कराई जाए तो निवेशक को ₹1,08,498 की मैच्योरिटी राशि मिल सकती है और कुल ब्याज ₹8,498 बनता है।
PNB की संशोधित एफडी ब्याज दरें (₹3 करोड़ से कम)
(1 मई 2025 से लागू)
अवधि
सामान्य ग्राहक
वरिष्ठ नागरिक
सुपर सीनियर सिटिज़न
7 – 14 दिन
3.50%
4.00%
4.30%
15 – 29 दिन
3.50%
4.00%
4.30%
30 – 45 दिन
3.50%
4.00%
4.30%
46 – 60 दिन
4.50%
5.00%
5.30%
61 – 90 दिन
4.50%
5.00%
5.30%
91 – 179 दिन
5.50%
6.00%
6.30%
180 – 270 दिन
6.00%
6.50%
6.80%
271 – 302 दिन
6.25%
6.75%
7.05%
303 दिन
6.15%
6.65%
6.95%
304 दिन – 1 वर्ष से कम
6.25%
6.75%
7.05%
1 वर्ष
6.70%
7.20%
7.50%
1 वर्ष – 389 दिन
6.80%
7.30%
7.60%
390 दिन (विशेष स्कीम)
7.10%
7.60%
7.90%
391 – 505 दिन
6.80%
7.30%
7.60%
506 दिन (विशेष)
6.70%
7.20%
7.50%
507 दिन – 2 वर्ष
6.80%
7.30%
7.60%
2 – 3 वर्ष
6.75%
7.25%
7.55%
3 वर्ष – 1203 दिन
6.25%
6.75%
7.05%
1204 दिन (विशेष)
6.15%
6.65%
6.95%
1205 दिन – 5 वर्ष
6.25%
6.75%
7.05%
5 वर्ष – 1894 दिन
6.00%
6.80%
6.80%
1895 दिन (विशेष)
5.85%
6.65%
6.65%
1896 दिन – 10 वर्ष
6.00%
6.80%
6.80%
(सोर्स- पीएनबी वेबसाइट)
निवेशकों के लिए क्या है खास?
इस एफडी स्कीम का सबसे बड़ा फायदा वरिष्ठ और सुपर सीनियर नागरिकों को मिलेगा।
सुपर सीनियर सिटिज़न को सभी अवधियों में सबसे ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है।
390 दिन की विशेष स्कीम निवेश के लिए सबसे आकर्षक है, जिसमें 7.90% तक ब्याज प्राप्त किया जा सकता है।
अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग PMI ने तोड़े रिकॉर्ड! 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा
2 May, 2025 04:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Manufacturing PMI: भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट अप्रैल में बढ़कर 10 महीने के हाई पर पहुंच गई। ऑर्डर बुक में जबरदस्त बढ़ोतरी के चलते मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट मिला। जून 2024 के बाद प्रोडक्शन में यह सबसे तेज बढ़ोतरी है। शुक्रवार को एक मंथली सर्वे में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) बढ़कर अप्रैल में 58.2 पर पहुंच गया। यह मार्च में 58.1 पर था। यह पिछले 10 महीनों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत में सबसे मजबूत सुधार को दर्शाता है।
PMI के तहत 50 से ऊपर का स्कोर होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार (Expansion) जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन (Contraction) को दर्शाता है।
नए ऑर्डर्स में तेजी से बढ़ा प्रोडक्शन
आउटपुट ग्रोथ (उत्पादन) में हालिया सुधार का एक प्रमुख कारण नए ऑर्डर्स में तेज बढ़ोतरी रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मांगों से समर्थन मिला। सर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स में तेज इजाफे की वजह से हुई।
सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में विदेशों से मिले नए कारोबार में पिछले 14 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई। यह मांग मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे जगहों से आई।
HSBC के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘अप्रैल में नए निर्यात ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में उत्पादन में संभावित बदलाव का संकेत दे सकती है, क्योंकि बिजनेस उभरते व्यापार परिदृश्य व अमेरिकी शुल्क घोषणाओं के अनुकूल हो रहे हैं।’’ इस सकारात्मक प्रवृत्ति के साथ रोजगार और क्रय गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
कंपनियों को मिली कीमत तय करने की ताकत
कीमतों के मोर्चे पर, भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग ने कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति को बढ़ावा दिया जिससे बिक्री शुल्क अक्टूबर 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़ गया। यह कच्चे माल की लागत में मामूली वृद्धि के बावजूद था।
अप्रैल के आंकड़ों में आने वाले वर्ष में उत्पादन की संभावनाओं के बारे में मजबूत आशावाद स्पष्ट था, जो मांग की मजबूती की उम्मीदों से प्रेरित था। विपणन प्रयासों, दक्षता में वृद्धि और नए ग्राहक पूछताछ ने भी सकारात्मक पूर्वानुमानों को बल दिया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।