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भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी, 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की उम्मीद
15 Mar, 2025 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत साल 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। उसने रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे इकोनॉमी बनने के रास्ते पर है। ग्लोबल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। भारत में पॉलिसी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के साथ ही माइक्रो स्टैबिलिटी दिख रही है। भारत अगले तीन साल में जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
5.7 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 तक इंडियन इकोनॉमी के 4.7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाने की उम्मीद है। इससे दुनिया में यह चौथे पायदान पर आ जाएगा। सिर्फ तीन इकोनॉमी दुनिया में भारत से बड़ी रह जाएंगी। इनमें अमेरिकी, चीन और जर्मनी शामिल हैं। साल 2028 तक भारत जर्मनी से आगे निकल जाएगा। तब भारत की इकोनॉमी बढ़कर 5.7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। 2023 में इंडियन इकोनॉमी 3.5 लाख करोड़ डॉलर की थी।
तेजी से बढ़ रही है इंडियन इकोनॉमी
दूसरी स्थिति में भारत की इकोनॉमी बढ़कर 8.8 लाख करोड़ डॉलर की हो सकती है। तीसरी स्थिति बुल की है, जिसमें इंडियन इकोनॉमी बढ़कर 10.3 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल आउटपुट में भारत की हिस्सेदारी अगले दशक में बढ़ेगी। इसकी कई वजहें हैं। भारत में आबादी बढ़ रही है। लोकतत्र मजबूत है। बेहतर पॉलिसी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस से स्टैलिबिलिटी बनी हुई है। देश में आंत्रपेन्योर्स की संख्या बढ़ रही है। सामाजिक मानकों पर भी इम्प्रूवमेंट दिख रहा है।
सोना और शेयर बाजार: निवेशकों के लिए किसने दिया है सबसे अच्छा रिटर्न?
15 Mar, 2025 04:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने ने बीते कुछ सालों में सेफ, स्थिर और बेहतर रिटर्न दिया है. कोविड के बाद से ही स्टॉक मार्केट में जितना अच्छा बुल रन (तेजी का दौर) देखा गया, उतना ही खतरनाक बीयर स्लंप (गिरावट का रुख) भी देखने को मिला है. ऐसे में क्या सोना आगे भी बढ़िया रिटर्न देता रहेगा या स्टॉक मार्केट उसे पछाड़ देगा?. देश की टॉप म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले 3 साल में स्टॉक मार्केट का रिटर्न सोने के रिटर्न को मात दे देगा. इस रिपोर्ट में शेयर बाजार के आउट परफॉर्म करने की वजह भी बताई गई है.
आखिर क्यों शेयर बाजार देगा गोल्ड को मात?
रिपोर्ट में अंडरलाइन किया गया है कि जहां सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश का ऑप्शन रहा है. अनिश्चितता के समय इसमें निवेश बढ़ता है और रिटर्न भी बेहतर होता है. वहीं शेयर बाजार का रिटर्न बहुत हद तक इकोनॉमिक ग्रोथ पर डिपेंड करता है. इस वजह से स्टॉक मार्केट एक बेहतर निवेश विकल्प बन जाता है. हिस्टोरिकल डेटा को देखें तो जब-जब दुनिया में इकोनॉमिक एक्सपेंशन होता है. तब-तब शेयर मार्केट का तेजी से विस्तार होता है. इसकी वजह उस दौर में कॉरपोरेट की कमाई बढ़ती है और उसकी वजह से उनके शेयर की वैल्यू. इसका फायदा निवेशकों को मिलता है और वह बेहतर रिटर्न हासिल कर पाते हैं.
चौथी औद्योगिक क्रांति का दौर
एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में कही गई बात को अगर रियल लाइफ में लागू करके देखें, तो कुछ उदाहरण से आप इसे बखूबी समझ सकते हैं…
साल 1991 के दौर में जब भारत की इकोनॉमी ग्लोबलाइजेशन के दौर में आई तब शेयर मार्केट में नए इनोवेशन होने शुरू हुए. उस दौर में मार्केट के लूप होल्स ढूंढकर लोगों ने तेजी से पैसा कमाया. हर्षद मेहता, राकेश झुनझुनवाला, राधाकिशन दमानी और केतन पारेख जैसे नाम उसी दौर में चर्चा में आए. इस इकोनॉमिक एक्सपेंशन की वजह से ही SEBI को मजबूती मिली और फिर ये इंवेस्टर्स की सबसे बड़ी प्रोटेक्टर संस्था बनकर सामने आई.
इसके बाद 2008 की मंदी का दौर याद कीजिए. ग्लोबल इकोनॉमी के धराशायी होने के बावजूद इंडियन इकोनॉमी में डिमांड बनी रही. हालांकि उस साल सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट क्रैश देखने को मिला, लेकिन 2009 में ही सेंसेक्स ने रिकवरी कर ली. एक खबर के मुताबिक साल 2000 के बाद 2009 लोगों के लिए रिटर्न के लिहाज से सबसे बढ़िया साल रहा. ये वो दौर था जब इंडियन कॉरपोरेट्स ने अपनी ग्लोबल पहचान बनानी शुरू की. Tata Group ने कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों के अधिग्रहण इसी दौर में किए. ये भारतीय इकोनॉमी का नया एक्सपेंशन था और शेयर बाजार ने वैसा ही रिटर्न दिया.
फिर 2020 के बाद कोविड के आए दौर को देखें. इस दौरान डिजिटल क्रांति आई और इस सेगमेंट में काम करने वाली कंपनियों का ना सिर्फ विकास हुआ, बल्कि उनकी कमाई भी बढ़ी. रिलायंस जियो इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है. वहीं डिजिटल टेक कंपनियों के लगातार आए IPOs ने मार्केट को बुलिश बनाए रखा. वहीं लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों के अंदर घूमने से लेकर बाहर खाने तक का क्रेज बढ़ा, जिससे रिटेल इंडस्ट्री ने ग्रोथ के नए पैरामीटर सेट किए.
अब मार्केट एक बार फिर नए एक्सपेंशन की ओर बढ़ रहा है. इसमें सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सस्टेनबिलिटी प्रोडक्ट और आर्टफिशियल इंटेलीजेंस बड़ी भूमिका अदा करने वाले हैं. ये चौथी औद्योगिक क्रांति है, जो एक दो साल में स्टेबल हो सकती है. इसलिए अगले 3 साल में स्टॉक मार्केट बेहतर परफॉर्मेंस दे, इसकी पूरी-पूरी संभावना है.
सेंसेक्स के 1 लाख पॉइंट के पार जाने का अनुमान, बाजार के भविष्य को लेकर क्या हैं विशेषज्ञों की राय?
15 Mar, 2025 04:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…
ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?
चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.
हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.
सोने की कीमत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, ऑल टाइम हाई पर पहुंची कीमतें
15 Mar, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold Rate: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ वॉर अब काफी व्यापक होता जा रहा है। इससे वैश्विक कारोबार को लेकर काफी अनिश्चितता पैदा हो गई है। इससे सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो रहा है। सोने की वैश्विक कीमत तो रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है। शुक्रवार को कमोडिटी मार्केट यानी कॉमेक्स पर सोने की कीमत 3001 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई। शुक्रवार को सोने का वैश्विक भाव 0.33 फीसदी या 9.80 डॉलर की बढ़त के साथ 3001.10 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। वहीं, गोल्ड स्पॉट 0.17 फीसदी या 5.02 डॉलर की गिरावट के साथ 2984.16 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। कॉमेक्स पर सोना शुक्रवार को 3005 डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था।
सेफ हेवन एसेट बना सोना
सोने में आई यह तेजी वैश्विक व्यापार में मौजूदा अत्यधिक अनिश्चितता को दर्शाती है। यह बताता है कि निवेशक अमेरिका के इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर चिंतित हैं। जब भी दुनिया में मंदी आती है, आर्थिक अनिश्चितता आती है। भू-राजनीतिक तनाव पैदा होते हैं या शेयर मार्केट क्रैश होता है। तो सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो जाता है। इन परिस्थितियों में केंद्रीय बैंक और निवेशक सोना खरीदते हैं, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आती है।
घरेलू वायदा कीमतों में गिरावट
सोने की घरेलू वायदा कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली है। एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार को सोना गिरावट के साथ बंद हुआ। 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला सोना हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को 0.03 फीसदी या 28 रुपये की गिरावट के साथ 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी, RBI ने 10 अरब डॉलर का किया एक्सचेंज
15 Mar, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान दो वर्षों में सबसे तेज उछाल के साथ 15.26 अरब डॉलर बढ़कर 653.96 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.78 अरब डॉलर घटकर 638.69 अरब डॉलर रह गया था। रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद के लिए RBI द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ पुनर्मूल्यांकन के कारण हाल ही में भंडार में गिरावट का रुख रहा है। सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
इस कारण हुई खजाने में बढ़ोतरी
विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस तेजी की वजह 28 फरवरी को केंद्रीय बैंक द्वारा किया गया 10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा एक्सचेंज है। RBI ने सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रुपए के मुकाबले डॉलर खरीदा था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 13.99 अरब डॉलर बढ़कर 557.28 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार में आई गिरावट
समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.05 अरब डॉलर घटकर 74.32 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (SDR) 21.2 करोड डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार 6.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.14 अरब डॉलर रहा।
भारत के लक्ष्यों की ओर तीन साल में बड़ी छलांग, जर्मनी और जापान के लिए चुनौती
14 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगले तीन साल में 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत के अरमान अगले 3 साल यानी 2028 में पूरे हो सकते हैं. भारत के अरमान पूरे होते ही जर्मनी और जापान की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. जी हां, भारत साल 2028 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकती है. वहीं जर्मनी खिसककर चौथे और जापान 5वें पायदान पर आ सकते हैं. वास्तव में अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गन स्टानले के अनुमार के अनुसार भारत की इकोनॉमी अगले साल साल 2026 तक 4.6 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है. जिसके बाद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मॉर्गन स्टानले की ओर से किस तरह का अनुमान लगाया गया है.
भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी
फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अपने अनुमान में कहा कि मैक्रो इकोनॉमिक स्टेबल से प्रभावित पॉलिसीज और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. इसके साथ यह दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला कंज्यूमर मार्केट होगा और ग्लोबल प्रोडक्शन में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी. इंडियन इकोनॉमी का साइज 2023 में 3,500 अरब डॉलर था और इसके 2026 में 4,700 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है. इससे यह अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा. भारत 2028 में जर्मनी से आगे निकल जाएगा क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था 5,700 अरब डॉलर तक हो जाएगी. मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत 1990 में दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. यह 2000 में 13वें स्थान पर खिसक गया. 2020 में यह नौवें स्थान पर और 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गया.
2025 तक कितनी होगी पर कैपिटा इनकम
ग्लोबल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में भारत की हिस्सेदारी 2029 में 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है. रिपोर्ट में भारत के विकास के लिए तीन परिदृश्यों का अनुमान लगाया गया है. पहली स्थिति नरमी है, जहां अर्थव्यवस्था 2025 में 3,650 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 6,600 अरब डॉलर हो जाएगी. दूसरा आधार है, जहां यह बढ़कर 8,800 अरब डॉलर हो जाएगी और तीसरा परिदृश्य तेजी का है, जहां आकार बढ़कर 10,300 अरब डॉलर हो जाएगा. इसमें कहा गया है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 2025 में 2,514 डॉलर से बढ़कर 2035 में नरमी के परिदृश्य में 4,247 डॉलर, आधार परिदृश्य के तहत 5,683 डॉलर और तेजी के परिदृश्य के तहत 6,706 डॉलर हो जाएगी.
दुनिया में बढ़ेगी भारत की हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दशकों में ग्लोबल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. इसका कारण मजबूत जनसंख्या वृद्धि, लोकतंत्र, वृहद आर्थिक स्थिरता से प्रभावित नीति, बेहतर बुनियादी ढांचा, बढ़ता हुआ उद्यमी वर्ग और सामाजिक परिणामों में सुधार है. मॉर्गन स्टेनले ने कहा कि इसका मतलब है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार होगा, यह एक प्रमुख ऊर्जा बदलाव से गुजरेगा, कर्ज-जीडीपी अनुपात बढ़ेगा और जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. वर्तमान समय की बात करें तो मॉर्गन स्टेनली के अनुसार वृद्धि में सुधार होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार हाल के सप्ताह में महत्वपूर्ण आंकड़ों का रुख मिला-जुला रहा है. लेकिन कुछ महीने पहले की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर हैं. हमें उम्मीद है कि 2024 की दूसरी छमाही में नरमी के बाद राजकोषीय और मौद्रिक नीति समर्थन, सेवा निर्यात में सुधार के साथ आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा.
कितनी हो सकती है देश की जीडीपी
मॉर्गन स्टेनले ने कहा कि 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 6.3 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया कि वृहद आर्थिक स्थिरता संतोषजनक स्तर पर रहेगी. जिससे नीति निर्माताओं के लिए चीजें बेहतर होंगी. आगे चलकर, खपत में सुधार व्यापक आधार पर होने की उम्मीद है क्योंकि आयकर में कटौती शहरी मांग को बढ़ावा देगी. इससे ग्रामीण खपत स्तरों में तेजी की प्रवृत्ति को समर्थन मिलेगा. मॉर्गन स्टेनले के अनुसार, निवेश को देखा जाए तो सार्वजनिक और घरेलू पूंजीगत व्यय से वृद्धि को गति मिली है. जबकि निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. सेवा निर्यात में मजबूती श्रम बाजार के दृष्टिकोण के लिए अच्छा संकेत है. साथ ही मुद्रास्फीति में नरमी से क्रय शक्ति में सुधार होने की संभावना है.
ट्रंप का कड़ा रुख, यूरोपीय शराब और शैंपेन पर 200% टैरिफ बढ़ाने की योजना
14 Mar, 2025 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन को धमकी दी है कि अगर वह अमेरिकी व्हिस्की पर प्रस्तावित टैरिफ पर अडिग रहता है तो अमेरिका यूरोप से आयात होने वाली शराब, वाइन और शैंपेन पर 200 फीसदी शुल्क लगाएगा। यूरोपीय यूनियन ने स्टील और एल्युमिनियम आयात पर शुल्क लगाने के ट्रंप के ऐलान के बाद अमेरिकी व्हिस्की पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यूरोपीय यूनियन इस टैरिफ को एक अप्रैल से लागू करने जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति को यूरोपीय यूनियन का यह कदम नागवार गुजरा है।
तो छिड़ जाएगा नया ट्रेड वॉर..
ट्रंप ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर यूरोपीय यूनियन अमेरिकी व्हिस्की पर प्रस्तावित 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा पर टिका रहता है, तो एक नया ट्रेड वॉर छिड़ जाएगा। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘अगर यह टैरिफ तुरंत नहीं हटाया गया, तो अमेरिका जल्द ही फ्रांस और यूरोपीय यूनियन के अन्य देशों से आने वाले सभी वाइन, शैंपेन और अल्कोहल उत्पादों पर 200 फीसदी शुल्क लगाएगा।’’ उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में वाइन और शैंपेन के कारोबार के लिए बहुत अच्छा होगा।
पीछे नहीं हट रहे ट्रंप
रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप ने बुधवार को ही संकेत दे दिया था कि वह इस मामले में भी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं। ट्रंप ने अपने कार्यालय ओवल ऑफिस में संवाददाताओं के साथ चर्चा में यूरोपीय यूनियन के कदम पर कहा था, ‘‘बेशक मैं इसका जवाब दूंगा।’’ इस साल जनवरी में दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप कनाडा, मेक्सिको, चीन एवं भारत जैसे देशों पर अधिक टैरिफ लगाने की घोषणाएं करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका अब किसी भी दूसरे देश द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क के बराबर ही शुल्क लगाएगा। हालांकि, इससे दुनिया भर में व्यापार युद्ध गहराने के आसार बनते हुए दिखने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि प्रभावित देशों ने भी जवाबी कदमों का ऐलान करना शुरू कर दिया है।
कॉमर्शियल फ्लाइट ऑपरेशन के लिए एयरपोर्ट को मिली मंजूरी, मुंबई के लिए उड़ानें शुरू
14 Mar, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमरावती हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हवाई अड्डा लाइसेंस मिल गया है और एलायंस एयर इस महीने के अंत तक इस सुविधा से मुंबई के लिए उड़ानें संचालित करेगा। खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बेलोरा में स्थित अमरावती एयरपोर्ट को शुरू में 1992 में लोक निर्माण विभाग द्वारा विकसित किया गया था, लेकिन यह सार्वजनिक उपयोग के लिए गैर-संचालन योग्य रहा
एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार किया
खबर के मुताबिक, राज्य द्वारा संचालित महाराष्ट्र एयरपोर्ट विकास कंपनी (एमएडीसी) ने लाइसेंसिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए विस्तारित रनवे और दूसरे अपग्रेडेशन के साथ एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार किया। यह पहल महाराष्ट्र सरकार के अपने विमानन बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी, जिसमें चंद्रपुर, धुले, शिरडी और नवी मुंबई के एयरपोर्ट शामिल हैं।
अमरावती-मुंबई-अमरावती रूट पर फ्लाइट्स इसी महीने
एक्स पर एक पोस्ट में, फडणवीस ने कहा कि एयरपोर्ट लाइसेंस प्रदान करना एक मील का पत्थर है जो अमरावती से कॉमर्शियल उड़ानों के लिए रास्ता साफ करता है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि एलायंस एयर इस महीने के आखिर तक अमरावती-मुंबई-अमरावती रूट पर फ्लाइट्स शुरू करने के लिए तैयार है, जो एयरपोर्ट का पहला निर्धारित परिचालन होगा। एमएडीसी की प्रबंध निदेशक स्वाति पांडे ने दिन में मुख्यमंत्री को प्रतीकात्मक रूप से डीजीसीए सर्टिफिकेशन सौंपा।
उड़ान योजना के तहत 323 मार्ग फिलहाल चालू
सरकार ने कुछ दिनों पहले जानकारी देते हुआ बताया था कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के तहत चालू किए गए 619 रूट्स में से 323 रूट्स फिलहाल चालू हैं। वर्ष 2016 में शुरू की गई उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना का उद्देश्य विभिन्न शहरों को जोड़ना और साथ ही हवाई यात्रा को किफायती बनाना है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को वैश्विक विमानन केंद्र बनाना है। केंद्रीय बजट 2025-26 में सिविल एविएशन (नागरिक उड्डयन) पर विशेष जोर दिया गया है।
सोना ने छुआ नया शिखर, चांदी में भी ₹1000 का इजाफा
14 Mar, 2025 12:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली से ठीक एक दिन पहले सोने ने नया रिकॉर्ड बना दिया। राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमत 600 रुपये बढ़कर 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 88,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। खबर के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 600 रुपये बढ़कर 89,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। 20 फरवरी को 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाली पीली धातु 50 रुपये बढ़कर 89,450 रुपये और 89,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
चांदी भी ₹1000 और चढ़ी
चांदी की कीमतों में भी गुरुवार को 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई और यह करीब पांच महीने के उच्चतम स्तर 1,01,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले बाजार बंद में सफेद धातु 1,00,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वायदा बाजार में भाव
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में अप्रैल डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंधों में शाम के सत्र में 210 रुपये या 0.24 प्रतिशत की तेजी आई और यह 86,896 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। वैश्विक मोर्चे पर, हाजिर सोना 11. 67 डॉलर या 0. 40 प्रतिशत बढ़कर 2,946. 44 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
एक्सपर्ट की राय
सोने को लेकर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि घरेलू बाजार में कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना सुरक्षित निवेश की मांग और उम्मीद से कम अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति के आंकड़ों के कारण रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इससे इस साल फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति में और ढील दिए जाने की संभावना है। गांधी ने कहा कि व्यापारी अब समग्र मुद्रास्फीति के बारे में अधिक संकेतों के लिए साप्ताहिक बेरोजगारी दावों और पीपीआई/कोर पीपीआई (उत्पादक मूल्य सूचकांक) सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
टैरिफ वॉर से परेशान व्यापारियों को सरकार का आश्वासन, लेकिन डर अभी भी बरकरार
14 Mar, 2025 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी टैरिफ के जोखिम के बीच विशेष रूप से चमड़ा और कपड़ा जैसे सेक्टर्स के घरेलू निर्यातकों को उनके हितों की रक्षा का आश्वासन दिया। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक के दौरान निर्यात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। स्टील जैसे सेक्टर्स ने निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव पर चिंता जताई। बैठक में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल और विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी भी शामिल हुए। बैठक में शामिल उद्योग प्रतिनिधियों में से एक ने कहा कि मंत्रालय अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि देश के निर्यातकों के हितों की रक्षा की जाएगी। इंडस्ट्री को अत्यधिक रक्षात्मक नहीं होने की सलाह दी गई है।’’
निर्यात पर असर पड़ने की चिंता
यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गोयल हाल ही में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री के साथ व्यापार वार्ता के बाद वाशिंगटन से लौटे हैं। अमेरिका ने दो अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। इसने पहले ही स्टील और एल्युमीनियम पर ये टैरिफ लगा दिए हैं। इंडस्ट्री के एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि निर्यातक समुदाय जवाबी टैरिफ लगाने की अमेरिकी चेतावनी से चिंतित है, क्योंकि इससे अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है, जो इसका सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, बैठक में अधिकांश सेक्टर्स ने इस टैरिफ वॉर से भारतीय निर्यातकों के लिए संभावित अवसरों का उल्लेख किया। हम उन आयात पर विचार कर सकते हैं जिन्हें चीन से अमेरिका में भेजा जा सकता है।’’
निर्यात में आई गिरावट
प्रतिनिधि ने कहा कि भारत किसी अन्य विकसित देश के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की घोषणा कर सकता है। भारत के निर्यात में जनवरी में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई और यह सालाना आधार पर 2.38 प्रतिशत घटकर 36.43 अरब डॉलर रहा। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया। निर्यातकों के शीर्ष निकास फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘हमें अमेरिका से भारत के लिए अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन शुल्क को लेकर अनिश्चितता के कारण जो माल भेजा जा रहा है, वह अपेक्षाकृत कम मूल्य का है। हम शुल्क मामले में चीजें स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं
14 Mar, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी को होली की शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने कामना की कि यह त्यौहार सभी के जीवन में नया उत्साह और ऊर्जा भरे और देशवासियों में एकता के रंग को और गहरा करे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्री मोदी का पोस्ट जारी किया:आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएं। हर्ष और उल्लास से भरा यह पावन-पर्व हर किसी के जीवन में नई उमंग और ऊर्जा का संचार करने के साथ ही देशवासियों की एकता के रंग को और प्रगाढ करे, यही कामना है।
शेयर बाजार में मंदी, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट, जानिए कौन से स्टॉक्स हुए प्रभावित
13 Mar, 2025 05:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बदस्तूर जारी है। गुरुवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स आज 200.85 अंक की गिरावट के साथ कारोबारी सत्र के आखिर में 73,828.91 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 73.30 अंक लुढ़ककर 22,397.20 के लेवल पर बंद हुआ। इसके अलावा, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात की जाए तो ऑटो, आईटी, मेटल, रियल्टी में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
इन शेयरों में आज देखने को मिली बड़ी हलचल
निफ्टी पर गुरुवार को कारोबार के दौरान श्रीराम फाइनेंस, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, इंडसइंड बैंक, विप्रो प्रमुख रूप से नुकसान में देखे गए, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एसबीआई, ओएनजीसी, टाटा स्टील, एनटीपीसी लाभ में रहे। भारतीय रुपया बुधवार के 87.21 के मुकाबले गुरुवार को 21 पैसे बढ़कर 87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
ग्लोबल मार्केट में आज का रुझान
एशियाई बाजारों में गुरुवार को शुरुआती बढ़त पलट गई और गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंताएं अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मिलने वाली आशावाद से अधिक थीं। वॉल स्ट्रीट पर रात भर की बढ़त के बावजूद, एशिया में निवेशकों की धारणा सतर्क रही। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 82.55 अंक गिरकर 41,350.93 पर आ गया। जबकि, एसएंडपी 500 27.23 अंक बढ़कर 5,599.30 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 212.36 अंक बढ़कर 17,648.45 पर पहुंच गया।
जापान का निक्केई 225 इंडेक्स शुरुआती बढ़त को पलटते हुए 0.08% की गिरावट के साथ 36,790.03 पर बंद हुआ, जो सत्र की शुरुआत में 1.4% तक बढ़ गया था, जो वॉल स्ट्रीट के लाभ को दर्शाता है। व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स 0.13% बढ़कर 2,698.36 पर बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में 0.5% की गिरावट आई। चीन में, शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.4% की गिरावट आई, जबकि हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 0.58% की गिरावट आई, जो व्यापक बाजार चिंताओं को दर्शाता है।
Ola Electric का होली ऑफर: S1 स्कूटर पर मिलेगी 26,750 रुपये की छूट
13 Mar, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओला इलेक्ट्रिक गुरुवार को अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की एस1 सीरीज के लिए सीमित समय की ‘होली फ्लैश सेल’ लेकर आया है। कंपनी ने बयान में कहा कि इस सेल के तहत ग्राहक एस1 एयर पर 26,750 रुपये और एस1 एक्स+ (जेन-2) पर 22,000 रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इन मॉडल की कीमत अब क्रमशः 89,999 रुपये और 82,999 रुपये से शुरू होती है। फ्लैश सेल 13 मार्च से शुरू होकर 17 मार्च को समाप्त होगी। कंपनी अपनी एस1 सीरीज के शेष स्कूटरों पर 25,000 रुपये तक की छूट भी दे रही है, जिसमें एस1 जेन-3 रेंज के सभी स्कूटर शामिल हैं।
ये ऑफर्स भी दे रही कंपनी
एस1 जेन-2 और जेन-3 में कंपनी के पास 69,999 रुपये से लेकर 1,79,999 रुपये (त्योहारी छूट के बाद) तक के सभी मूल्य पर स्कूटर्स का पोर्टफोलियो है। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि वह 10,500 रुपये तक के लाभ भी दे रही है। एस1 जेन 2 स्कूटर के नए खरीदार 2,999 रुपये मूल्य के एक साल के मुफ्त मूव ओएस+ और 7,499 रुपये में 14,999 रुपये मूल्य की विस्तारित वारंटी का लाभ उठा सकते हैं। जेन-3 पोर्टफोलियो में प्रमुख एस1 प्रो+ 5.3 किलो वाट घंटा और चार किलो वाट घंटा शामिल हैं। इनकी कीमत क्रमशः 1,85,000 रुपये और 1,59,999 रुपये है।
एस1 प्रो की क्या है कीमत?
चार किलो वाट घंटा और तीन किलो वाट घंटा बैटरी विकल्पों में उपलब्ध एस1 प्रो की कीमत क्रमशः 1,54,999 रुपये और 1,29,999 रुपये है। एस1 X सीरीज की कीमत दो किलो वाट घंटा के लिए 89,999 रुपये, तीन किलो वाट घंटा के लिए 1,02,999 रुपये और चार किलो वाट घंटा के लिए 1,19,999 रुपये है। जबकि एस1 X+ चार किलो वाट घंटा बैटरी के साथ उपलब्ध है और इसकी कीमत 1,24,999 रुपये है।
दुनियाभर में ट्रेड वॉर का खतरा, WTO ने वैश्विक व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों का जताया डर
13 Mar, 2025 12:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने बुधवार को कहा कि व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ने और नए-नए सीमा शुल्क लगाए जाने की आशंका से मध्यम-अवधि में वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है। दुनिया भर में व्यापार से जुड़े नियम तय करने वाले डब्ल्यूटीओ की तरफ से जारी ‘उत्पाद व्यापार बैरोमीटर’ के मुताबिक, वैश्विक वस्तु व्यापार 2024 की चौथी तिमाही में स्टेबल होता हुआ नजर आया। इसके वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में और भी बढ़ने की संभावना है। WTO ने कहा कि दुनियाभर में ट्रेड वॉर जैसी स्थिति पैदा हो रही है।
दुनियाभर में ट्रेड वॉर छिड़ने के आसार
WTO ने कहा, ‘‘व्यापार नीति से जुड़ी अनिश्चितता में वृद्धि और नए सीमा शुल्क लगाए जाने की आशंका मध्यम अवधि में व्यापार पर भारी पड़ सकती है।’’ डब्ल्यूटीओ का यह आकलन जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं से प्रभावित है। ट्रंप ने पिछले हफ्तों में चीन और कनाडा सहित कई देशों के खिलाफ नए शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके जवाब में इन देशों ने भी अमेरिकी आयात पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस तरह से दुनिया भर में व्यापार युद्ध छिड़ने के आसार बनते हुए नजर आने लगे हैं।
भारत जीरो फॉर जीरो टैरिफ से निकाल सकता है सोल्यूशन
अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में जीरो फॉर जीरो रणनीति भारत के लिए बेस्ट साबित हो सकती है। इसमें भारत स्पेसिफिक टैरिफ लाइन्स या प्रोडक्ट कैटेगरीज की पहचान करके उन पर आयात शुल्क यानी टैरिफ को जीरो कर सकता है। इसके जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत अमेरिका को भी समान संख्या में प्रोडक्ट्स पर टैरिफ जीरो करना पड़ेगा। इस तरह अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारत द्वारा लिया जा रहा वह हाई टैरिफ तेजी से कम या खत्म हो जाएगा, जिसके बारे में ट्रंप बार-बार बात करते हैं। दूसरी तरफ रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत पर पड़ने वाला प्रभाव भी करीब-करीब खत्म हो जाएगा।
कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ी 4%, फिर भी घरों की कीमत में 49% की उछाल – यह कैसे हुआ?
13 Mar, 2025 09:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर में प्रॉपर्टी की कीमत आसमान छू रही है। दिल्ली-एनसीआर में 2बीएचके फ्लैट की कीमत 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। आम आदमी चाह कर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। प्रॉपर्टी मार्केट में बना यह बबल कम फटेगा कहना मुश्किल है, लेकिन इसके पीछे का खेल चौंका जरूर रहा है! रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कैलेंडर साल के दौरान नई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत में सालाना आधार पर सिर्फ 2% से 4% प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान डवेलपर्स ने घर की कीमत 49% तक बढ़ा दिया। प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की औसत कीमत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 49% प्रतिशत बढ़ी। एनारॉक की भी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट में पिछले साल दरों में औसतन 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सांठगांठ का यह पूरा खेल
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि यह साफ-साफ दर्शाता है कि किस तरह का खेल प्रॉपर्टी मार्केट में चल रहा है। प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत मामूली बढ़ी। वहीं, दूसरी ओर तमाम प्रोजेक्ट पुराने अलॉट किए लैंड पर ही डेवलपर हो रहे हैं। फिर कीमत में इतनी बड़ी बढ़ोतरी कैसे हो गई? यह पूरा खेल सांठगांठ का है। इसमें इन्वेस्टर्स, बिल्डर और ब्रोकर शामिल हैं। इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। वह चाहकर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। नोएडा का मार्केट एक समय अफोर्डेबल के लिए जाना जाता था लेकिन अब यहां पर अफोर्डेबल नाम का कुछ भी नहीं रह गया है। वक्त रहते इस पर नीति निर्माता को कदम उठाने की जरूरत है।
इस तरह बढ़ी कंस्ट्रक्शन लागत
सीबीआरई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में सीमेंट, इस्पात और एल्युमीनियम की लागत में वार्षिक आधार पर क्रमशः 6-8 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पेंट की लागत स्थिर रही। हालांकि, इस दौरान लकड़ी और पत्थर की कीमतों में क्रमशः 3-6 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चुनिंदा मांग दबाव को दर्शाता है। सीबीआरई ने कहा, ‘‘जबकि कुछ प्रमुख सामग्री लागतों में नरमी देखी गई, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की लगातार कमी के कारण वर्ष 2024 के दौरान श्रम व्यय में औसतन पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। श्रम लागत में इस वृद्धि ने सामग्री लागत में कमी के लाभ को समेट दिया। इससे कुल निर्माण लागत बढ़ गई।’’
कहां कितनी बढ़ी कीमत
प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट 'रियल इनसाइट: रेजिडेंशियल एनुअल राउंड-अप 2024' के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी आठ प्रमुख शहरों में सबसे अधिक रही। इन आठ शहरों में दिल्ली-एनसीआर के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की कीमत 49% तक बढ़ी। अहमदाबाद में औसत कीमतें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़कर 4,402 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। बेंगलुरु में कीमतें 12 प्रतिशत बढ़कर 7,536 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। चेन्नई में कीमतें 16 प्रतिशत बढ़कर 7,173 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। हैदराबाद में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में औसत आवास कीमते तीन प्रतिशत बढ़कर 7,053 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। कोलकाता में औसत दरें 10 प्रतिशत बढ़कर 5,633 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।