बिहार-झारखण्ड
महागठबंधन के प्रत्याशी का चेहरा , गोड्डा के बाद चतरा में भी बदल सकता है
23 Apr, 2024 02:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। गोड्डा के बाद चतरा में भी महागठबंधन के प्रत्याशी का चेहरा बदल सकता है। गोड्डा में महागठबंधन ने पहले विधायक दीपिका पांडेय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था, एक दिन पहले ही दीपिका पांडेय सिंह का नाम कट गया और गोड्डा के नए प्रत्याशी के रूप में विधायक प्रदीप यादव को उतार दिया गया।
इसी तरह चतरा में महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा गया है, जिसका राजद चतरा जिला के नेता विरोध कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के भी कुछ नेता केएन त्रिपाठी को चतरा लोकसभा सीट के प्रत्याशी के रूप में पचा नहीं पा रहे हैं।
पहले राजद भी करता रहा है चतरा सीट पर दावेदारी
महागठबंधन में राजद झारखंड की दो लोकसभा सीटों पर अपनी दावेदारी करता रहा। एक सीट पलामू है, जो राजद के पाले में आई और इस पार्टी ने वहां से अपने प्रत्याशी के रूप में ममता भुइयां को उतारा।
चतरा सीट पर राजद अड़ा रहा, लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने इस सीट पर केएन त्रिपाठी को उतारकर राजद की दावेदारी समाप्त कर दी। एक दिन पहले रांची में उलगुलान रैली में राजद के कार्यकर्ताओं के गुस्से और राजद तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई मारपीट की एक वजह यह भी थी।
बाहरी भगाओ, चतरा बचाओ का बैनर
उलगुलान महारैली में राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष के पीछे चतरा सीट के प्रत्याशी का मुद्दा ही रहा। राजद के कार्यकर्ता पहले तो चतरा सीट खोने से गुस्साए थे, अब उस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में केएन त्रिपाठी को उतारे जाने से से भी खफा हैं। वे महारैली में बाहरी भगाओ, चतरा बचाओ का बैनर लेकर पहुंचे थे।
उन्होंने महागठबंधन के शीर्ष नेताओं से यह मांग कर रखी है कि चतरा से किसी भी प्रत्याशी को उतारें, वह उस क्षेत्र का स्थानीय हो ओर पिछड़ी जाति से हो। चतरा राजद के नेताओं ने अपनी इस इच्छा को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा दिया है।
उनका कहना है कि उनकी लड़ाई भाजपा से है। वे महागठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिए जी-जान लगा देंगे, लेकिन प्रत्याशी कोई बाहरी व उच्च वर्ग का नहीं होना चाहिए। उनकी इस इच्छा से यह प्रबल संभावना बनने लगी है कि चतरा में भी कांग्रेस अपने प्रत्याशी बदलने पर निर्णय ले सकती है।
अब कर सकेंगे वोटिंग ये लोग पोस्टल बैलेट से
23 Apr, 2024 02:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Lok Sabha Elections 2024 :अब्सेंटी वोटर्स को पोस्टल बैलट द्वारा मतदान की सुविधा के लिए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा फार्म - 12 डी जारी किया जाएगा। उन्हें ईडीसी-बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग की सुविधा फैसिलिटेशन सेंटर पर दी जाएगी। इसकी जानकारी डाक मतपत्र एवं ईटीपीबीएस कोषांग के वरीय पदाधिकारी संजय कुमार भगत ने डाक मतपत्र संबंधित सभी बारिकियों की जानकारी सोमवार को बैठक में दी।
आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मियों को विशेष सुविधा
उन्होंने बताया कि आवश्यक सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए चुनावी कर्तव्य प्रमाण पत्र (ईडीसी) जारी होगा एवं डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कराया जाएगा। संबंधित विभागों द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐसे कर्मचारियों की सूची के आधार पर जिनकी वोटिंग के दिन ड्यूटी रहेगी और वे उस दिन वोट देने से वंचित रह सकते हैं।
मीडियाकर्मियों के समक्ष वीडियो डेमोन्स्ट्रेशन
वैसे मीडियाकर्मी जिन्होंने लोकसभा आम चुनाव - 2024 के मतदान कवरेज के लिए प्राधिकार पत्र प्राप्त किया है और वो पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान के इच्छुक हैं। उन्हें बैठक के दौरान बैलेट के माध्यम से मतदान के मार्गदर्शन के लिए वीडियो दिखाया गया।
पोस्टल बैलेट से कब कर सकते हैं मतदान
चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मतदान दिवस के 6 दिन पूर्व से निर्धारित मतदान दिवस के 3 दिन पूर्व तक आवश्यक सेवा में लगे मतदाता पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण वोट दे सकते हैं।
3 दिनों के दौरान पोस्टल बैलेट केंद्र सुबह 9 बजे से संध्या पांच बजे तक कार्यरत रहेंगे। उल्लेखनीय है कि बिजली, पानी, रोडवेज, रेलवे, डेयरी, फायर फाइटर, चिकित्सा, मीडिया, डाक, कारा सहित कुल 16 श्रेणी के कर्मचारियों को अब्सेंटी वोटर्स में शामिल किया गया है।
लगी आग तीन मंजिला मकान में
22 Apr, 2024 01:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्वी दिल्ली। रविवार सुबह प्लास्टिक के कूलर की दुकान में भीषण आग लग गई। आग दुकान के ऊपर तीन मंजिला मकान में फैल गई। मकान में रहने वाले एक ही परिवार के 11 लोग फंस गए। सूचना मिलते ही दमकल की आठ गाड़ियों मौके पर पहुंची। दमकल ने मकान में फंसे लोगों को बाहर निकाला।
हादसे में पिता-पुत्र झुलस गए और बाकी सदस्यों को धुएं के कारण परेशानी हो गई। सभी को एंबुलेंस से जग प्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से अलाउद्दीन और इनके बेटे सलाउद्दीन को जीटीबी रेफर कर दिया। बाकी लोगों को छुट्टी दे दी। आशंका जता रही है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी। जाफराबाद थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
फंस गए थे परिवार के 11 लोग
दमकल के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया रविवार सुबह 5:53 बजे जाफराबाद रोड नंबर-66 स्थित तीन मंजिला मकान में आग लगने और परिवार के सदस्य मकान में फंसे होने की सूचना मिली थी। टीम मौके पर पहुंची तो देखा आग कूलर की दुकान में लगी थी, प्लास्टिक के कूलर होने के कारण आग विकराल हो गई और पूरे मकान में फैल गई।
एक घंटे की मशक्कत से आग पर काबू पाया। अलाउद्दीन उनके बेटे सलाउद्दीन, बहू खुशनुमा, पोती फायजा व आफिया पोता सऊद, दूसरे बेटे नईमुद्दीन, उसकी बहू बिलकिस, दो बेटी हिना और नगमा और तीसरे बेटे मोइनुद्दीन को मकान से निकाला।
प्रवासी मजदूरों को भेजा जा रहा आमंत्रण पत्र; मतदान करने जरूर पहुंचे
22 Apr, 2024 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। देश को गढ़ने में श्रमिकों का बड़ा योगदान है। लोकतंत्र के महापर्व में भी हर बार ग्रामीण, किसान और मजदूर बड़ी संख्या में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस बार भी वह चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चुनाव आयोग की भी कोशिश है कि कोई भी मतदाता मतदान से न छूटे, क्योंकि चुनाव में हर वोट महत्वपूर्ण है।
प्रवासी मजदूरों को चुनाव के लिए भेजा जा रहा पत्र
लोकतंत्र के सशक्त होने का प्रमाण भी यही है कि हर व्यक्ति जागरूक होकर लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग कई तरह की गतिविधियां चला रहा है।
साथ ही जागरूकता अभियान चलाकर सभी से मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वे मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अपील की जा रही है। प्रत्येक श्रेणी के मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। सभी जिलों के स्वीप कोषांग की ओर से प्रवासी श्रमिकों को पत्र भेजकर चुनाव के दिन अपने घर पहुंचकर मतदान के महापर्व में भाग लेने की अपील की जा रही है।
चुनाव के दिन मजूदरों को सवैतनिक अवकाश
सरकारी से लेकर निजी नियोक्ताओं तक के लिए पहले ही यह निर्देश जारी किया जा चुका है कि मतदान के दिन कर्मचारियों व श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश दिया जाय।
प्रवासी मजदूरों में दूर के शहरों, महानगरों व अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के अलावा बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर शामिल हैं, जो अपने गांव से दूर जिला या प्रखंड मुख्यालय में या आसपास किसी अन्य जगह में काम कर रहे हैं। इन सभी को मतदान में शामिल होने की अपील से संबंधित आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है।
श्रमिक संगठनों के साथ बैठक कर अपील
श्रमिकों को मतदान से जोड़ने को लेकर धनबाद, जमशेदपुर, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो समेत तमाम जिलों में प्रशासन श्रमिक संगठनों के साथ बैठक कर यह अपील कर रहा है कि श्रमिकों को मतदान करने तथा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने आदि के लिए वह प्रेरित व सहयोग करें।
...क्योंकि लोकतंत्र के आप हैं अभिन्न अंग
प्रिय मतदाता, आप इस लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। जैसा कि आपको मालूम है, आपके लोकसभा क्षेत्र में इस तारीख (मतदान की तिथि का उल्लेख करते हुए) को सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मतदान होना है। वर्तमान में आप अपनी आजीविका के लिए अपने घर-गांव से दूर अन्य स्थान में कार्यरत हैं।
मतदान के इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग आप अवश्य करें। मतदान आपका अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्त्तव्य भी है। आपका एक वोट मजबूत लोकतांत्रिक भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। अतः आप सभी प्रवासी मतदाताओं से अपील है कि आप मतदान में अवश्य भाग लें और शत-प्रतिशत मतदान में अपना अमूल्य योगदान दें। फर्क पड़ता है आपके एक वोट से।
घर लौटने में प्रवासी मजदूरों की कम नहीं परेशानियां
प्रजातंत्र का महापर्व प्रवासी मजदूरों के प्रजातांत्रिक अधिकारों पर भारी है। पेट की आग और महंगाई की मार प्रवासी मजदूरों की मताधिकार करने से रोक रहा है। हालांकि, दुमका जिला के श्रम विभाग की ओर से लोकसभा चुनाव में प्रवासी मजूदरों को मतदान के लिए अनूठी पहल कर मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रवासी मजदूरों को विभागीय स्तर पर फोन कर एक जून होने वाली मतदान की तिथि की जानकारी देकर मतदान के लिए आने का न्योता दिया जा रहा है। श्रम विभाग ने इसके लिए बजाप्ता एक सेल का भी गठन किया गया है ।
यह सेल ऑनलाइन रजिस्टर्ड मजदूरों को फोन करके लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। अब तक विभाग के माध्यम से दुमका जिला के 1500 से अधिक प्रवासी मजदूरों को फोन कर मताधिकार के लिए न्योता भेजा जा चुका है और बाकी को भेजा जा रहा है।
पलायन संताल परगना समेत गिरिडीह, कोडरमा व राज्य के अन्य हिस्सों में बड़ी समस्या है। संताल परगना के दुमका, पाकुड़, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा एवं साहिबगंज से लाखों की संख्या में श्रमिक रोजगार के लिए पलायन करते हैं।
फिलहाल श्रम विभाग के पोर्टल पर संताल परगना के करीब 60 हजार मजदूर आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर काम की तलाश में दूसरे प्रदेशों में गए हैं। इन प्रवासी मजदूरों की इच्छा वोट करने की है लेकिन आर्थिक तंगी इनके पैरों में बेड़िया लगा रखी है। इन्हें रोक रही है।
दुमका के काठीकुंड प्रखंड के तेलियाचक के मनोज हेंब्रम ने कहा कि वह अभी पुणे में है। गांव से फोन आया है कि एक जून को मतदान है इसलिए आज जाओ। मनोज ने कहा कि वह वोट करने आना चाहता है, लेकिन काम छोड़ कर गए तो परेशानी होगी। जामा के प्रदीप सोरेन ने कहा कि इतने पैसे नहीं हैं कि वह वोट देने आ सके।
प्रदीप ने कहा कि सरकार को उनके मताधिकार की सहज व्यवस्था बहाल करनी चाहिए। सिक्किम में रहकर मजदूरी कर रहे सुखदेव कापरी ने कहा कि वह हाल ही में सिक्किम आया है। यहां एक कंपनी में काम कर रहा है। उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह तीन से पांच हजार रुपये खर्च कर दुमका वोट करने जाए।
शिबू सोरेन इस वजह से संताल की ओर कूच कर गए थे
22 Apr, 2024 01:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनबाद। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को उनकी राजनीतिक जन्मभूमि टुंडी ने ऐतिहासिक सम्मान दिया। उनको दिशोम गुरु (देश का गुरु) की पदवी यहां मिली। इसके बावजूद धनबाद की टुंडी विधानसभा सीट पर वह जीत हासिल नहीं कर सके और ना ही धनबाद से सांसद बने।
गुरुजी को संताल परगना ने दिया सियासी प्राण
शिबू को बराकर नदी पार जाने के बाद संताल परगना ने सियासी प्राण दिया। दिशोम गुरु की उपाधि पाने के बाद शिबू सोरेन 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव टुंडी से लड़े थे। इस चुनाव में वह जनता पार्टी के सत्य नारायण दुदानी से हार गए थे।
इस हार से आहत शिबू सोरेन टुंडी की सीमा बराकर नदी पार कर संताल परगना कूच कर गए थे। संताल परगना को उन्होंने अपनी राजनीति का केंद्र बनाया। वहां उनका जादू ऐसा चला कि मात्र ढाई साल बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के किला दुमका में अपना झंडा गाड़ दिया। इसके बाद वह यहां से लगातार जीते।
कांग्रेस के किले को ध्वस्त कर बने संताल के बादशाह
शिबू सोरेन ने 70 के दशक में भूमिगत रहकर टुंडी में आदिवासियों को गोलबंद किया था। इसके बाद वहां महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ लंबा संघर्ष छेड़ा था। यह संघर्ष धनकटनी आंदोलन के नाम से चर्चित हुआ था।
इस आंदोलन में ही आदिवासियों ने उन्हें दिशोम गुरु की उपाधि से नवाजा था। इस ऐतिहासिक आंदोलन के बावजूद शिबू टुंडी में विधानसभा चुनाव हार गए। संताल में भी धनकटनी आंदोलन जोर पकड़ चुका था।
शिबू अपने संघर्ष के बल पर आदिवासियों के सर्वमान्य नेता बन चुके थे। इसके बाद वह 1980 के लोकसभा चुनाव में दुमका से लड़े। तब तक झामुमो को राजनीतिक पार्टी की मान्यता नहीं मिली थी।
1980 में दुमका में कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीचंद किस्कू को हराकर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। इस चुनाव में निर्दलीय लड़ रहे शिबू सोरेन को 1,12,160 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू को 1,08,647 वोट मिले थे। जेएनपी के बटेश्वर हेंब्रम को 37084 एवं भाकपा के शत्रुघ्न बेसरा को 36,246 मत मिले थे।
दुमका सीट पर दिलचस्प थी लड़ाई
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी। इस लहर में शिबू भी दुमका भी नहीं टिके। कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू ने उन्हें हरा दिया। पृथ्वीचंद किस्कू को 1,99,722 एवं शिबू सोरेन को 1,02,535 मत मिले थे।
दुमका लोकसभा सीट पर मिली हार के बाद 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में शिबू दुमका लोकसभा क्षेत्र के जामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद हुए 1989 लोकसभा चुनाव में शिबू फिर दुमका से लड़े और कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू को हराकर अपनी सीट वापस ले ली।
शिबू सोरेन को 2,47,502 वोट मिले थे जबकि पृथ्वीचंद किस्कू 1,37,901 वोटों पर सिमट गए थे। शिबू लगातार 1991 और 1996 में दुमका से जीते। शिबू 98 में भाजपा के बाबूलाल मरांडी से 13 हजार वोटों से हार गए। 2002 लोकसभा उप चुनाव में शिबू फिर से दुमका सीट पर वापसी की। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में भी दुमका से चुनाव जीते।
लोकतंत्र का माॅडल बना लाल आतंक का गढ़
22 Apr, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हजारीबाग। हजारीबाग जिले के टाटीझरिया का कोल्हू गांव। बन्हे से आठ किलोमीटर दूर कच्ची सड़क से जैसे ही इस गांव में प्रवेश करते हैं, सबकुछ अन्य गांव की तरह ही सामान्य नजर आता है, लेकिन जैसे ही चुनाव पर चर्चा शुरू होती है तो समझ में आता है कि यहां लोकतंत्र को सशक्त बनाए रखने के लिए ग्रामीणों ने बहुत कुछ झेला है।
चुनाव में नक्सलियों की गोलियों से कई हुए लहूलुहान
चुनाव में नक्सलियों की बंदूक से निकली गोलियों ने इस गांव में लोकतंत्र को कई बार लहूलुहान किया है। नक्सलियों के खौफ में जीने वाला यह गांव अब लोकतंत्र का माॅडल बन चुका है।
आठ पंचायतों वाले टाटीझरिया प्रखंड में पिछले दो चुनाव में सबसे अधिक वोटिंग कोल्हू गांव में हो रही है। 2000 के चुनाव के दौरान जहां मतदान का प्रतिशत 15 से 20 प्रतिशत तक ही था वह 2014 और बाद के हुए चुनावों बढ़ कर 70 से 85 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
साल 2000 में हुई थी सबसे बड़ी घटना
नक्सलियों का गढ़ रहे इस गांव में सबसे बड़ी घटना 2000 में विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी, जब बारूदी सुरंग विस्फोट में चुनाव ड्यूटी में तैनात सब- इंस्पेक्टर शंकर राम व बीएसएफ 22 बटालियन मध्य प्रदेश के लांस नायक नाथ सिंह बलिदान हो गए थे।
इनके साथ लोकतंत्र का झंडा उठाए चुनाव करवाने जा रहे उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक राधानाथ रविदास को पैर में गोली मार दी गई थी। बम विस्फोट करने के बाद नक्सलियों से पहाड़ी के पीछे से घात लगाकर हमला किया था। तब से अब तक में कहानी काफी बदल चुकी है।
बूथ हटाए जाने से अब भी परेशान हैं ग्रामीण
घटना के बाद कोल्हू के पास से मौजूद बेड़म गांव में बने बूथ को हटा दिया गया। इस वजह से बेड़म ,कोल्हू, मायापुर का बूथ मध्य विद्यालय कोल्हू में ही रहता है।
स्थानीय युवाओं में केदार गंझू, रामलाल भुइयां, संतोष गंझू, सेवा प्रसाद और अजीत कुमार बताते हैं कि हमलोगों वोट डालने दूसरे गांव जाने में परेशानी होती है। हमारा बूथ हमारे गांव में रहे। अब कोई खौफ नही है। हमारा बूथ यदि हमारे गांव में हो तो मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा।
क्या कहते हैं ग्रामीण
जब हमारे गांव आने वाले रास्ते पर विस्फोट हुआ तो थोड़े दिनों के लिए क्षेत्र में दहशत जरूर रहा, पर उसका कोई प्रभाव वोट पर नहीं पड़ा था। नक्सली पहले हम लोगों को डराते-धमकाते थे। अब हम भयमुक्त हैं- बुधन महतो, स्थानीय ग्रामीण।
विस्फोट जब हुआ था तो उस समय गांव में कच्ची सड़क थी। अब तो पक्की सड़क बन गई है। लोग विकास के मुद्दे पर वोट करेंगे, ऐसा ही माहौल है। नक्सली पहले या तो मतदान करने से मना करते थे या अपने बताए हुए प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने का फरमान जारी करते थे। उनके जाने से बहुत राहत मिली- दुर्गा गिरी, स्थानीय ग्रामीण।
पीएम मोदी उलगुलान के बाद अब झारखंड में चुनावी बिगुल फूकेंगे
22 Apr, 2024 01:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत झारखंड में रांची (Ranchi) से कर सकते हैं। रविवार को झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की उलगुलान रैली के बाद प्रदेश भाजपा (BJP) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली की संभावनाओं पर काम प्रारंभ कर दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह भी कर सकते हैं राज्य में रैलियां
प्रधानमंत्री की संभावित रैली में झामुमो (JMM) सरकार के भ्रष्टाचार और सनातन के विरोध जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे। उलगुलान रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पंजाब के सीएम भगवंत मान जैसे नेताओं के आने के बाद भाजपा कार्यकर्ता भी जवाबी कार्यक्रम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की भी राज्य में बड़ी रैलियों की योजना बनाई जा रही है।
रांची में खूंटी और लोहरदगा के लिए भी होगा कार्यक्रम
भाजपा ने तीन लोकसभा सीट का एक क्लस्टर बनाया है। प्रधानमंत्री या किसी दूसरे बड़े नेता के कार्यक्रम में रांची, खूंटी और लोहरदगा क्षेत्र से भी लोगों को लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए अभी तिथि की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन, मई के पहले सप्ताह में कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है।
आईएनडीआई की रैली में भाजपा पर हमला
ईडी के हाथों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को रांची में हुई आईएनडीआई की रैली में विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला।
लालू और शिबू सोरेन को किसने भेजा था जेल?
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को भी जेल भेजा गया। आईएनडीआई के नेताओं के वार पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. गुरुचरण पासवान ने पलटवार किया है।
उन्होंने सवाल किया कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और शिबू सोरेन (Shibu Soren) को किसने जेल भेजा था? साथ ही जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने। अब राजद और झामुमो जेल में डालने वाले से गलबहियां कर रही हैं।
उलगुलान रैली में पांच साल का रिपोर्ट कार्ड दें झामुमो: पासवान
हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल का घोटाला सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर यह दोनों जेल में हैं। इसका विरोध कर संविधान की दुहाई देने वाली पार्टियां न्यायपालिका का अपमान कर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. पासवान ने रविवार को हरमू रोड स्थित भाजपा के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में हिम्मत थी तो उलगुलान रैली में पिछले 5 वर्ष का रिपोर्ट कार्ड देता। पिछले 5 साल में उनके द्वारा किए गए दावे और वादे सब खोखले रहे।
झामुमो ने 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। हर साल एक जेपीएससी कराने की बात कही थी। सरकार के मंत्री का कहना है कि अब तक झारखंड में महज जेपीएससी से 400 नियुक्तियां हुई हैं।
पासवान ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला सामाजिक न्याय और संविधान की बात करते हैं। कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद ही वहां आदिवासी, दलित और महिलाओं को सम्मान और हक मिला है। आरक्षण लागू हुआ है। उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए।
परिवार से बाहर नहीं निकली झामुमो: पासवान
बिहार के तेजस्वी यादव सामाजिक न्याय की बात करते हैं। आम जनता इस बात को नहीं भूली है कि लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि उनकी लाश पर झारखंड बनेगा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के बारे में डा. पासवान ने कहा कि स्थापना के बाद से अब तक यह पार्टी परिवार से बाहर नहीं निकली है। आम आदमी पार्टी का भी यही स्थिति है। अरविंद केजरीवाल ही शुरू से अब तक उसके मुख्य संयोजक बने हुए हैं।
झारखंड का मौसम बिगड़ने वाला है आज से
22 Apr, 2024 01:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Jharkhand Weather News एक ओर जहां राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में हीट-वेव का असर देखने को मिल रहा है। इसी बीच राहतभरी खबर यह है कि निकटवर्ती मध्य हिस्से यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, गुमला और खूंटी समेत दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां और सिमडेगा में 22 और 23 अप्रैल को राहत मिल सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने पूर्वानुमान जारी करते बताया कि इन क्षेत्रों में दो दिनों तक कहीं कहीं आंशिक बादल छाए रहेंगे और मेघगर्जन के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है।
इन जिलों में दिखेगा 'लू' का असर
इसे लेकर विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं 25 अप्रैल को कोल्हान प्रमंडल अंतर्गत पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां, सिमडेगा समेत देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज में हीट-वेव का असर देखने को मिलेगा।
राजधानी व आसपास के जिलों में 22 और 23 अप्रैल को आंशिक बादल छाए रहने से तापमान में दो से से तीन डिग्री तक गिरावट होने के संकेत हैं। जिससे इन क्षेत्रों के लोगों को तपती गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
इन जिलों में मिलेगी गर्मी से राहत
मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि राजधानी व आसपास के जिलों 22 और 23 अप्रैल को आंशिक बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क बना रहेगा। वहीं, 24 और 25 अप्रैल को आसमान मुख्यत: साफ रहेगा और मौसम शुष्क बना रहेगा।
तपती गर्मी की स्थिति यह है कि राज्य के 14 जिलों में तापमान 40 के पार पहुंच चुका है, जिससे आगामी दिनों में स्थिति और भयावह होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
रविवार को पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा में सर्वाधिक 46.4 डिग्री, सरायकेला खरसावां में 44 डिग्री, पाकुड़ में 43.8 डिग्री, गोड्डा में 43.6 डिग्री, जामताड़ा में 42.7 डिग्री, पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर में 42.7 डिग्री, पलामू में 42.4 डिग्री, देवघर में 41.7 डिग्री, गढ़वा में 41.5 डिग्री, साहिबगंज में 41.4 डिग्री और जमशेदपुर में 44.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
मौसम विभाग ने बताया कि बहरागोड़ा में 21 अप्रैल तक का सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया है। राजधानी रांची में अधिकतम 39.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इंडी' गठबंधन का महाजुटान, हेमंत और केजरीवाल की पत्नी रहेंगी मौजूद....
21 Apr, 2024 02:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में आज इंडी गठबंधन की 'उलगुलान न्याय रैली' होने वाली है। इस रैली में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, राजद के लालू प्रसाद, एनसी के फारूक अब्दुल्ला, सपा के अखिलेश यादव और जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल सहित 14 राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे।
इंडी गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप मे देखा जा रहा
इसे इंडी गठबंधन के 'शक्ति प्रदर्शन' के रूप में देखा जा सकता है, रैली का नेतृत्व रांची के प्रभात तारा मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) करेगा। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लॉक नेताओं ने दावा किया कि रैली को 28 पार्टियों का समर्थन प्राप्त है और राज्य भर से पांच लाख से अधिक लोग इसमें हिस्सा लेंगे।
झारखंड के सीएम का आया बयान
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शनिवार को दावा किया कि विपक्षी गठबंधन की 'उलगुलान न्याय रैली' के दौरान केंद्र के "तानाशाही" दृष्टिकोण का खुलासा किया जाएगा। चंपई सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झामुमो ने उनके लिए न्याय की मांग को लेकर राज्य भर में 'न्याय यात्रा' निकाली।
“हमें तानाशाही को रोकने और अपने लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जरूरत है। झारखंड और दिल्ली में क्या हुआ, सब जानते हैं। हम मेगा रैली में केंद्र के तानाशाही रवैये का पर्दाफाश करेंगे।''
प्रियंका चतुर्वेदी का आया बयान
रविवार सुबह रांची पहुंचने के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है कि हम भाजपा की बढ़ती निरंकुशता के खिलाफ इस लड़ाई में एक साथ हैं। वे विपक्ष को ठीक से काम नहीं करने दे रहे हैं। वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं वह विपक्ष को चुप कराना है। हम महंगाई की ऊंची दर, बेरोजगारी और महिलाओं को सुरक्षित माहौल नहीं मिलने को देख रहे हैं।
बाल-बाल बची धनबाद-लुधियाना एक्सप्रेस....
21 Apr, 2024 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरिया(गिरिडीह)। धनबाद-लुधियाना एक्सप्रेस 13308 (डाउन) में रविवार सुबह लगभग 7.15 बजे ब्रेक बाइंडिंग हो गई। गाड़ी के परसाबाद रेलवे स्टेशन पार करने के बाद किसी रेलवे स्टाफ की नजर फ्रंट एलआर( इंजन से सटे बोगी) के नीचे पहिया के पास से धुआं और आग की निकलती लपटों पर पड़ी।
सूचना चौबे रेलवे स्टेशन को दी गई। वहां ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर ने गाड़ी को चौबे स्टेशन पर आपातकालीन स्थिति में सुबह 7.21 बजे रुकवाया। इसके बाद रेलवे कर्मियों की मदद व अग्निशमन यंत्र के माध्यम से धधकती आग पर काबू पाई गई। उस बोगी को तुरंत दुरुस्त किया गया, जिसका पहिए से ब्रेक सटा था। इसी वजह से घटना हुई।
इसके बाद गाड़ी को अगले स्टेशन के लिए खोला गया। यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाई जाती तो बड़ी घटना हो सकती थी। 7.48 बजे गाड़ी को धनबाद की ओर प्रस्थान करवाया गया।
क्या कहते हैं जानकार
इस संबंध में आरपीएफ सहायक उप निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि चलती गाड़ी में कभी-कभी ब्रेक बाइंडिंग हो जाती है। इस कारण पहिया के पास से धुआं निकलने लगता है। कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद गाड़ी को दोबारा प्रस्थान करवाया गया।
क्या कहते हैं रेल यात्री
इस ट्रेन में ही कोडरमा से हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन के लिए यात्रा कर रहे सरिया निवासी संजय साव ने बताया कि अगर समय रहते रेल प्रबंधन सचेत नहीं होता तो एक बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। इससे काफी जान माल का भी नुकसान हो सकता था। उन्होंने बताया कि जिस बागी में हादसा हुआ, ठीक उसके पिछले डिब्बे में वे यात्रा कर रहे थे।
परसाबाद रेलवे स्टेशन के बाद अगले डिब्बे से अचानक काफी तेज घर्षण जैसी आवाज आने लगी और धुएं की लपटे भी पिछली बोगी तक पहुंच रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था की ट्रेन का कोई हिस्सा अब-तब टूटने की कगार पर है, लेकिन अचानक जैसे ही चौबे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकी, वैसे ही सभी रेलयात्री ट्रेन के पिछले डिब्बे से कूद कर बाहर निकले।
तब तक ट्रेन के लगभग पांच पहिया के पास से जोरदार आग की लपेट निकलती हुई दिखाई दे रही थी। रेल अधिकारी, ट्रेन के चालक, गार्ड, स्टेशन के कर्मी इस उठती लपटों पर काबू पाने में जुट गए।
ट्रेन में इमरजेंसी के लिए रखे गए छोटे अग्निशामक यंत्र की मदद से आग नियंत्रित की गई। इसके बाद ट्रेन को धीरे-धीरे हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन तक लाया गया, लेकिन परसाबाद रेलवे स्टेशन से हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन के बीच लगभग 40 किलोमीटर की दूरी की यात्रा भय और डर के साए में गुजरा।
झारखंड में भीषण गर्मी का टॉर्चर, अलर्ट जारी....
21 Apr, 2024 02:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनबाद। रविवार को धनबाद के मौसम की स्थिति गर्म रही। सुबह आठ बजे से ही गर्म हवाएं चल रही थीं और दिन चढ़ने के साथ ही गर्मी भी बढ़ रही थी। सुबह जहां तापमान 38 डिग्री पर था।
वहीं, दिन के 11 बजे तक यह 40 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि दोपहर 12 बजे से लेकर दो बजे तक पारा 44 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। ऐसे में लोगों से बच कर रहने की अपील मौसम विभाग ने की है।
धनबाद के तापमान की बात करें तो सुबह नौ बजे 39 डिग्री और 10 बजे से लेकर 11 बजे तक 40 डिग्री रहा। इसके बाद एक से दो डिग्री की बढ़ोत्तरी देखी गई। माैसम केंद्र के अनुसार दोपहर एक से दो बजे तक 42 डिग्री और इसके बाद संध्या चार बजे तक 44 डिग्री तक तापमान के पहुंचने के आसार हैं।
23 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी गर्म हवाएं
मौसम रिपोर्ट के अनुसार रविवार को गर्म हवाओं की रफ्तार 23 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती हैं, जो लू का कारण बनेंगी। वहीं, सुबह में हवओं की रफ्तार 16 किमी प्रति घंटा के आसपास थी।
दोपहर में रहेगी 13 प्रतिशत नमी
गर्मी के कारण मौसम में नमी का भी घटना बढ़ना जारी है। सुबह में नमी का स्तर जहां 16 प्रतिशत के आसपास था। वहीं, दोपहर बाद यह घट कर 13 प्रतिशत पर आ गया। यह स्थिति संध्या चार बजे तक रहने की उम्मीद जाहिर की गई है।
जारी की गई है चेतावनी
गर्म मौसम के मिजाज को देखते हुए मौसम विभाग ने हीट वेभ की चेतावनी भी जारी किया है। लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है। बहुत जरूरी रहने पर यदि बाहर जाना है तो गमछा, छाता या टोपी का प्रयोग करने और पानी पीते रहने की सलाह दी गई है।
आज आसनसोल-झाझा रूट पर 10 घंटे नहीं चलेगी ट्रेन...
21 Apr, 2024 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मधुपुर (देवघर)। आसनसोल-झाझा रेलखंड के बीच रविवार को मेगा ब्लॉक रहेगा। इस वजह से 10 घंटे तक रेल सेवा बाधित रहेगी। दरअसल, इस रेल खंड पर स्थित पुल ब्रिज संख्या 623 में नई गार्डर चढ़ाने का काम किया जाना।
इसके लिए (नवापतरो व मथुरापुर स्टेशन के बीच) अप मेन लाइन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक ब्लॉक रहेगा। इस मेगा ब्लाक के कारण कई ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है, तो कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।
हावड़ा-लाल कुआं व रांची-भागलपुर के बीच चलेंगी विशेष ट्रेनें
यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने हावड़ा-लाल कुआं और रांची-भागलपुर के बीच दो ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। 05060 लालकुआं-हावड़ा समर स्पेशल लालकुआं से 25 अप्रैल से 27 जून के बीच प्रत्येक गुरुवार को दोपहर बाद दो बजे प्रस्थान करेगी।
यह अगले दिन रात 9:30 बजे हावड़ा पहुंचेगी। 05059 हावड़ा-लाल कुआं समर स्पेशल हावड़ा से 26 अप्रैल से 28 जून के बीच प्रत्येक शुक्रवार को रात 11:30 बजे प्रस्थान करेगी। तीसरे दिन 1:55 बजे लाल कुआं पहुंचेगी।
इन स्टेशन पर रुकेंगी ट्रेनें
ट्रेन पूर्व रेलवे क्षेत्राधिकार के आसनसोल मंडल के जसीडीह, आसनसोल और दुर्गापुर स्टेशनों पर रुकेंगी। इधर, 08014 रांची-भागलपुर समर स्पेशल रांची से 25 अप्रैल और 27 जून के बीच प्रत्येक गुरुवार को रात 11:25 बजे खुलेगी और अगले दिन 12:00 बजे भागलपुर पहुंचेगी।
08013 भागलपुर-रांची समर स्पेशल दोपहर 2:30 बजे भागलपुर से 26 अप्रैल से 28 जून के बीच प्रत्येक शुक्रवार को खुलेगी और अगले दिन 03:30 बजे रांची पहुंचेगी।
झारखंड में इस पूर्व सांसद ने छोड़ दिया RJD का साथ, बसपा में हुए शामिल....
21 Apr, 2024 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू के पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा ने टिकट नहीं मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा देकर बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। अब वह बसपा के टिकट पर पलामू सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कामेश्वर बैठा ने झामुमो के टिकट पर पलामू सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उस समय उन्होंने राजद प्रत्याशी घूरन राम को 23,338 मतों से हराया था। उस चुनाव में कामेश्वर बैठा को 1,67,995 मत मिले थे, जबकि राजद प्रत्याशी घूरन राम को 1,44,457 मत मिले।
इस बार राजद ने नहीं दिया टिकट
उसके बाद साल 2014 में हुए चुनाव में कामेश्वर बैठा ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि उस चुनाव में महज 37,043 मत लाकर चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2019 का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा। उसके बाद वह राजद में शामिल हो गए थे, लेकिन इस बार उनको राजद ने टिकट नहीं दिया।
इसके पहले उन्होंने वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर पलामू सुरक्षित लोकसभा सीट से उप चुनाव लड़ा था। इसमें वह 22,327 मतों से राजद प्रत्याशी घूरन राम से हार गए थे। उस चुनाव में राजद प्रत्याशी घूरन राम को 1,64,202 मत मिले थे। वहीं, 1,41,875 मत प्राप्तकर कामेश्वर बैठा दूसरे स्थान पर रहे थे।
जेल से ही कामेश्वर बैठा ने दाखिल किया था नामांकन
पूर्व माओवादी नेता कामेश्वर बैठा ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर पलामू सुरक्षित लोकसभा सीट से नामांकन किया था। इसके बाद जेल से ही चुनाव जीत गए। सांसद बनने के साढ़े तीन साल बाद वे जेल से बाहर निकले थे।
उनके चुनाव में विजयी होने पर कई माओवादी विचारधारा के लोगों ने सक्रिय राजनीति में आकर वर्ष 2009 व 2014 के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई। इसमें सतीश कुमार, युगल पाल, दिनकर यादव, विनोद शर्मा आदि शामिल थे। हालांकि इस में कोई सफलता नहीं हुए।
पीएम मोदी नजरुल इस्लाम समर्थक संग पहुंचे नगर थाना.....
21 Apr, 2024 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साहिबगंज। झामुमो का पूर्व जिला अध्यक्ष सह वर्तमान में केंद्रीय समिति सदस्य प्रो. नजरुल इस्लाम के खिलाफ नगर थाना में केस दर्ज के बाद व एसडीओ कोर्ट ने 107 के तहत नोटिस भेजा था। शनिवार को प्रो. नजरुल इस्लाम अपने समर्थकों के साथ नगर थाना पहुंचे व अपना बयान दर्ज कराया।
नजरुल इस्लाम ने लिखित रूप में माफी मांगी
इसके बाद प्रो. नजरुल इस्लाम साहिबगंज सदर एसडीओ कोर्ट में सशरीर हाजिर हुए और अपना पक्ष लिखित रुप से रखा और माफी मांगी। हालांकि इस संबंध में प्रो. नजरुल कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे थे। अधिकृत रुप से बताने के लिए जिला झामुमो के अध्यक्ष शाहजहां अंसारी ने बताया कि झामुमो के वरिष्ठ नेता नजरुल इस्लाम द्वारा संविधान बचाओ,देश बचाओ के दौरान पीएम के विरुद्ध टंग स्लिप कर गया था। जिसको लेकर नगर थाना बुलाया गया था।
माफीनामा में लिखी ये 2 बात
हालांकि इंटरनेट मीडिया में इनका वीडियो वायरल होने के बाद खुद एक वीडियो जारी कर माफी भी मांगा था। कहा कि मैं एक प्रोफेसर हू,अच्छा खराब का परख है। यदि मेरे बातों से किसी को ठेस पहुंचा है तो माफी मांगता हू। मेरा कहने का तात्पर्य था की पीएम के गारंटी 400 के अंदर गांठ बांध देंगे।
नजरुल इस्लाम पर आचार संहिता को लेकर केस
नजरुल इस्लाम ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने माफी मांगी है। एसडीओ कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इधर कार्यपालक पदाधिकारी सह सदर बीडीओ सुबोध प्रसाद के लिखित आवेदन पर आदर्श आचार संहिता का उलंघन को लेकर केस किया गया था।
बीडीओ के द्वारा चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी। यह टीम भी शनिवार की शाम तक अपना रिपोर्ट सदर एसडीएम को सौंपेगी। सदर बीडीओ के बयान पर नगर थाना में कांड संख्या 42 /24 धारा 188, 504 ,125 ,आरपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अंबेडकर जयंती के मौके पर दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि बीते रविवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर झामुमो ने साहिबगंज के स्टेशन चौक पर धरना प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता शामिल हुए थे। इस दौरान भाषण के क्रम में प्रो. नजरूल इस्लाम ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
पीएम चाहते है कि संविधान को खत्म कर दिया जाए। इस दौरान उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को 21 अप्रैल को रांची में होने वाली उलगुलान रैली में हजारों की संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।
BJP नेता का CM चंपई के लिए उमड़ा प्यार
20 Apr, 2024 02:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। I.N.D.I.A Ranchi Rally 21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान न्याय महारैली को लेकर भाजपा एवं झामुमो में जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने महारैली को लेकर राजधानी में लगाए पोस्टर के बहाने झामुमो और गठबंधन पर वार किया है।
उन्होंने कहा कि इसे सही मायने मे उलगुलान रैली नहीं, बल्कि आदिवासी अपमान महारैली कहा जाना चाहिए। आइएनडीआइए की इस रैली के लिए पोस्टर जारी किया गया है, उसमें झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की तस्वीर नहीं है। यह हास्यास्पद है और आदिवासियों के लिए अपमान की बात है।
पोस्टर में हेमंत सोरेन की तस्वीर पर क्या बोले बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने पोस्टर में हेमंत सोरेन की तस्वीर पर कहा कि करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपी व्यक्ति को रैली के बहाने महिमामंडित किया जा रहा है। जेएमएम का मतलब सिर्फ हेमंत सोरेन परिवार तक ही सीमित रह गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की जनता सब देख रही है। चुनाव में इसका जवाब मिलेगा। स्पष्ट है, इंडी गठबंधन की रैली में जमीन से जुड़े नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। इस आयोजन में सिर्फ परिवारवादियों को ही जगह दी जा रही है।
बाबूलाल के आरोप पर झामुमो का पलटवार
उधर, बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार किया। कहा कि बाबूलाल या तो दृष्टिहीन हो गए हैं या फिर धृतराष्ट्र। वे उन्हें सभी पोस्टर का फोटो भिजवा देंगे, जो जारी किए गए हैं या रांची में लगाए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि देश में सबसे बड़े भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार के संरक्षक पीएम मोदी बन गए हैं। मरांडी के मुंह से भ्रष्ट और भ्रष्टाचार की बातें शोभा नहीं देती हैं। पहले भी उनके कारनामों को उजागर किया गया है। समय आने पर उनके अन्य कारनामों को भी उजागर किया जाएगा।