उत्तर प्रदेश
मेरठ: पूर्व सांसद अखलाक की मीट फैक्ट्री में पशु क्रूरता, लाइसेंस भी एक्सपायर
4 Jun, 2025 01:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ में मशहूर मीट कारोबारी और पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक की फैक्ट्री ‘अल साकिब’ पर छापेमारी में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा की गई इस छापेमारी में पाया गया कि मीट फैक्ट्री में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पशुपालन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम ने मेरठ के हापुड़ रोड स्थित फैक्ट्री में छापा मारकर कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया.
जांच के दौरान पाया गया कि फैक्ट्री में पशुओं के रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ियां हैं. न केवल रिकॉर्ड में हेरफेर किया गया है, बल्कि कई पशुओं पर आवश्यक जिओ टैगिंग भी नहीं की गई थी. एंटीमॉर्टेम प्रक्रिया वाले क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और प्रस्तुत दस्तावेजों में पशुओं की संख्या में भी स्पष्ट अंतर पाया गया. यह पशु क्रूरता अधिनियम और फूड सेफ्टी मानकों का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है.
जिलाधिकारी ने मौके पर ही पशु चिकित्सा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए. अधिकारियों ने बताया कि इस स्तर की लापरवाही और नियमों की अनदेखी से मीट एक्सपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
बिना लाइसेंस के चल रही थी फैक्ट्री
एक और चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि फैक्ट्री का लाइसेंस 2 जून 2025 को ही समाप्त हो चुका है. उसके नवीनीकरण को लेकर अभी तक फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कोई सूचना अथवा आवेदन प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है. बिना वैध लाइसेंस के चल रही इस फैक्ट्री को लेकर जिला प्रशासन अब कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने भी फैक्ट्री में कई मानकों के उल्लंघन की पुष्टि की है. संभावित प्रदूषण और गंदगी को लेकर अधिकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है.
हाजी शाहिद अखलाक को झटका
हाजी शाहिद अखलाक, जो कभी संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, मीट व्यापार में एक बड़ा नाम माने जाते हैं और उनका मीट एक्सपोर्ट का कारोबार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है. ऐसे में इस छापेमारी और अनियमितताओं का खुलासा उनकी छवि और व्यापार दोनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
‘नियमों का उलंघन बर्दाश्त नहीं’
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो फैक्ट्री को सील करने सहित कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. जिलाधिकारी ने कहा कि पशु कल्याण, पर्यावरण सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के नियमों से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
तेजस्वी के सामने युवा चेहरा चिराग: बिहार की राजनीति में नया समीकरण, BJP की रणनीति का हिस्सा
4 Jun, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की सियासी तपिश बढ़ने के साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी-आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. चिराग अभी मोदी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन उन्होंने केंद्र की राजनीति के बजाए बिहार की सियासत में किस्मत आजमाने का फैसला किया है. यही नहीं किसी आरक्षित सीट की जगह किसी जनरल सीट से चुनाव लड़ने का भी फैसला किया है. चिराग के बिहार की राजनीति में उतरने का दांव आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की युवा सियासत और लोकप्रियता को काउंटर करने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है या फिर एलजेपी की सियासी ख्वाहिश?
बिहार के मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव पहली पंसद बने हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार से दोगुना लोकप्रियता तेजस्वी की है. इंडिया ब्लॉक ने भले ही तेजस्वी को सीएम पद का चेहरा घोषित न किया हो, लेकिन उन्हीं की अगुवाई में इस बार का चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस तरह तेजस्वी बनाम नीतीश के बीच बिहार का चुनाव सिमटता जा रहा है. ऐसे में चिराग पासवान ने बिहार चुनाव लड़ने का ऐलान कर अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है, जो तेजस्वी के लिए एक चुनौती है तो यह नीतीश के लिए भी किसी टेंशन से कम नहीं.
बिहार के रण में चिराग ने ठोकी ताल
सियासत में चिराग पासवान ने 2014 में कदम रखा था और उसके बाद से लगातार लोकसभा चुनाव ही लड़ते रहे हैं. इस दौरान दो बार विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन एक बार भी किस्मत नहीं आजमाई. अब 2025 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे. एलजेपी की बैठक में सोमवार को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर फाइनल मुहर लगी. साथ ही एलजेपी ने यह फैसला भी लिया कि चिराग अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट की जगह सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे.
चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव में उतारने का फैसला बिहार की राजनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि चिराग पासवान बिहार में अपनी सियासी ताकत बढ़ाना चाहते हैं, उनकी अपनी कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी हैं. चिराग बिहार में अपना भविष्य देख रहे हैं. उनके चुनाव लड़ने से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों की सियासत पर असर पड़ सकता है. इसी रणनीति के तहत उन्होंने केंद्र में मंत्री रहते हुए भी विधानसभा चुनाव लड़ने की दांव चला है.
तेजस्वी का काउंटर प्लान हैं चिराग
नीतीश कुमार अब उम्रदराज हो रहे हैं और उनकी राजनीतिक पकड़ भी कमजोर हो रही है. वह 2025 में एनडीए का चेहरा जरूर हैं, लेकिन 2020 में बीजेपी उन्हें आगे करके सियासी नतीजे देख चुकी है. ऐसे में चिराग पासवान की पार्टी को लगता है कि आगे चलकर एनडीए में एक ऐसे चेहरे की जरूरत होगी, जिसे चिराग पासवान पूरा कर सकते हैं. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव की जिस तरह की लोकप्रियता बिहार में देखी जा रही है, वो जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी और उसके घटक दलों को जरूर चिंता में डाल रही है.
इंडिया टुडे सी वोटर सर्वे के मुताबिक आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा के तौर पर सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद किया है. मई में 36.9 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर तेजस्वी को पसंद किया जबकि 18.4 फीसदी लोग नीतीश कुमार को एक बार फिर सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. सीएम के रूप में प्रशांत किशोर को 16.4 फीसदी, चिराग पासवान को 10.6 फीसदी और सम्राट चौधरी को 6.6 फीसदी लोगों ने पंसद किया है. इस तरह एनडीए के किसी भी नेता से तेजस्वी काफी आगे नजर आ रहे हैं.
बिहार में जिस तरह से तेजस्वी का सियासी ग्राफ लगातार बढ़ा है और नीतीश कुमार का ग्राफ कम होता चला गया है, उससे सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी की है. बिहार का चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. बीजेपी किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. बीजेपी 2020 में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ी थी और एनडीए के हाथों से सत्ता जाते-जाते बची थी. इसीलिए बीजेपी इस बार बहुत ही सावधानी बरत रही है. एनडीए जरूर सीएम नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन तेजस्वी की लोकप्रियता का भी ख्याल रख रही है.
तेजस्वी यादव के सामने चिराग पासवान एक युवा चेहरा होंगे, बिहार में युवा नेता के तौर पर सिर्फ तेजस्वी का नाम ही सबसे आगे है. उन्हें लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत भी मिली है. जातिगत समीकरण भी उनके साथ हैं. बिहार के दो-तिहाई मतदाताओं (मुस्लिम-यादव) पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में चिराग विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो तेजस्वी की चुनौती बढ़ जाएगी.
चिराग में बीजेपी देख रही फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसला बीजेपी के बैकअप प्लान का हिस्सा है. इसीलिए बीजेपी के तमाम बड़े नेता चिराग पासवान के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यश्र दिलीप जायसवाल ने चिराग के विधानसभा चुनाव लड़ने के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एनडीए को फायदा होगा. बिहार में वह जहां भी चिराग जाते हैं, उन्हें देखने-सुनने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है.
चिराग पासवान भी कहते हैं कि हमारी पार्टी इस बात का मूल्यांकन कर रही है कि मेरे चुनाव लड़ने से फायदा होगा या नहीं. एक बात साफ है कि जब राष्ट्रीय नेता राज्य में चुनाव लड़ते हैं तो इससे आपकी स्थिति मजबूत होती है. बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में अपने कई सांसदों को मैदान में उतारकर दांव आजमाया है और इसका उसे फायदा भी मिला है. ऐसे में चिराग के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के कदम से एलजेपी के स्ट्राइक रेट और एनडीए के प्रदर्शन में फायदा भी हो सकता है.
चिराग पासवान सीएम फेस की लोकप्रियता के मामले में तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर से पीछे जरूर हैं. लेकिन फरवरी से मई के बीच उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ है. सर्वे के मुताबिक फरवरी में 3.7 फीसदी, अप्रैल में 5.8 फीसदी और मई में 10.6 फीसदी लोगों ने उन्हें सीएम चेहरे के तौर पर पसंद किया. इस तरह उनकी लोकप्रियता बीजेपी नेता सम्राट चौधरी से कहीं ज्यादा है. इस बात को बीजेपी भी बाखूबी समझ रही है.
चिराग की सियासी महत्वाकांक्षा
चिराग पासवान की सियासी महत्वाकांक्षा आज की नहीं है. उन्होंने पहले भी कहा था कि बिहार मुझे पुकार रहा है. बिहार मेरी हमेशा से प्राथमिकता रही है और अगर पार्टी कहेगी तो मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. मैं अभी सांसद हूं, लेकिन अब लगता है कि मुझे बिहार में ही रहकर काम करना चाहिए. मेरा सपना है कि बिहार के युवाओं को अपना प्रदेश छोड़कर बाहर ना जाना पड़े. इस तरह वह बिहार का चेहरा बनना चाहते हैं.
वह जब से राजनीति में आए हैं, तब से ही उन्होंने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा दिया था. वह लगातार युवाओं की बात करते रहे हैं. चिराग पासवान हमेशा कहते हैं कि उनकी राजनीति बिहार केंद्रित है और उनका विजन विकसित-आत्मनिर्भर बिहार का संकल्प है. यह तभी संभव है जब वे खुद बिहार में रहकर नेतृत्व करेंगे. इसी तरह चिराग पासवान बिहार में अपने लिए सियासी मौका देख रहे हैं और एनडीए का चेहरा बनने के सपना संजोये हुए हैं.
सर्वजन के नेता बनने का भी प्लान
चिराग पासवान का सामान्य सीट से चुनाव लड़ने का फैसला भी एक बड़ा दांव माना जा रहा है. वह जातिवादी राजनीति से दूर रहने की कोशिश करते हैं, जो आज की युवा पीढ़ी को पसंद है. चिराग युवा वर्ग में जातिगत दायरे से बाहर भी लोकप्रिय हैं. नए जेनरेशन को वह इसलिए पसंद हैं, क्योंकि उन्होंने अपने भाषणों में कभी जातिवादी राजनीति करने की कोशिश नहीं की. अब जब उन्होंने सामान्य सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो वह यह संदेश देना चाहते हैं कि वह सक्षम हैं और उनकी स्वीकार्यता सभी वर्गों में है.
सामान्य सीट से चुनाव मैदान में उतरकर चिराग यह भी बताना चाहते हैं कि रिजर्व कैटेगरी की सीट को वह कमजोर तबके के नेता के लिए खाली छोड़ेंगे, जो एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा. इस तरह चिराग पासवान खुद को दलित दायरे में रखने के बजाय सर्वजन के नेता बनने की फिराक में हैं. इसीलिए वो एक के बाद एक बड़ा सियासी दांव चल रहे हैं.
सीतामढ़ी में दरिंदगी की हदें पार: अंधा कर सिगरेट से जलाया, गैंगरेप के बाद घोंटा गला
4 Jun, 2025 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
निर्भया कांड की तरह एक घटना को अंजाम दिया गया. यहां हैवानों ने पहले युवती के शरीर को सिगरेट से दागा, फिर उसकी आंखों में कच्चे आम का रस (दूध) डाला और 5 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. इसके बाद उन्होंने युवती का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. रूह कांपाने वाली यह घटना बिहार के सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के चटगौरा में हुई है. जहां आंधी आने पर युवती आम चुनने के लिए आम के बाग में गई थी. जहां बागान की रखवाली कर रहे युवक ने युवती को पकड़ कर अपने मालिक को जानकारी दे दी. जिसके बाद बागान मालिक का भतीजा अपने 4 दोस्तों के साथ आम बागान पहुंचा और लड़की से मारपीट की.
इसके बाद उसे डराने के लिए कच्चे आम से निकल रहे दूध को लड़की के आंखों मे डाला. इसके बाद सभी ने मिलकर पहले सिगरेट से युवती के शरीर को जलाया और फिर अंधेरा हो जाने के बाद सभी ने बारी-बारी युवती के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. यही नहीं उन्होंने पकड़े जाने के डर से युवती का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उन्होंने युवती को आम बागान से दूर पीपल के पेड़ में उसके दुपट्टा को गले में बांधकर पेड़ से लटका दिया और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की.
पेड़ से लटका हुआ मिला बेटी का शव
जब युवती घर नहीं पहुंची तो परिजन ने उसे ढूंढना शुरू किया. लड़की की सहेलियों ने बताया कि वह बाजार गई थीं. वापस आते हुए वह आम चुनने चली गई थी और हम सब गांव चले गए थे. जानकारी मिलने के बाद परिजन आम बागान की तरफ गए तो उनकी बेटी का शव पेड़ से लटका हुआ मिला. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. घटना पर FSL की टीम ने भी जांच की. पुलिस को शुरुआती जांच में ही हत्या का मामला लगा. वहीं घटनास्थल पर कई लोगों के पांव के निशान भी थे, जो आम बागान की तरफ ही जा रहे थे.
पांच लोगों को किया गिरफ्तार
इसके बाद आम बागान की रखवाली कर रहे युवक से जब पूछताछ की गई तो उसने डर से पूरी कहानी बता दी, जिसके बाद उसकी निशानदेही पर गांव के ही हर्षवर्धन कुमार यादव, अजीत कुमार रॉय, रवि यादव, सत्यम और रणवीर कुमार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने सभी का डीएनए सैंपल भी लिया है, जो युवती के साथ हुई घटना से मैच किया जाएगा. युवती अपने रिश्तेदार के यहां आई थी. घटना को लेकर एसपी अमित रंजन ने बताया कि मामले में 5 आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामले को लेकर स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी.
खुशखबरी! बिहार सरकार ने 4000 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए कैबिनेट की मुहर लगाई
4 Jun, 2025 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की नीतीश कुमार सरकार अलग-अलग विभागों में जल्द ही बड़े पैमाने पर भर्ती करने जा रही है. सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक इसकी संख्या 4 हजार 799 है. इसमें सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग में 2361 अलग-अलग पद हैं. दूसरी सबसे ज्यादा बहाली नगर विकास एवं आवास विभाग में होगी, इसकी संख्या 1350 है. सभी मसौदों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
बैठक के बाद कैबिनेट में लिए निर्णय के बारे में मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी. पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट में अलग-अलग विभागों के 47 अहम एजेंडों पर मुहर लगी है. सभी पदों पर बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.
शिक्षा पदाधिकारी के 935, शिक्षा विकास पदाधिकारी के 568 पद
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षा पदाधिकारी के 935 और शिक्षा विकास पदाधिकारी के 568 यानी कुल 1503 पदों पर बहाली होगी. औसतन 10 पंचायतों पर एक निरीक्षण पदाधिकारी के पद का सृजन होगा. पंचायतों की संख्या के आधार पर सहायक शिक्षा पदाधिकारी और शैक्षणिक प्रखंडों की संख्या के आधार पर शिक्षा विकास पदाधिकारी के पदों का सृजन किया गया है.
इसके अलावा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद में विभिन्न स्तर के 818 पदों की स्वीकृति दी गई है. शिक्षा विभाग में सरकारी विद्यालयों या शैक्षणिक संस्थानों या कार्यालयों में जमीन का सत्यापन, जमीन विवरण एकत्र करने और इनके संरक्षण के लिए 2 भू संपदा पदाधिकारी और सहायक भू संपदा पदाधिकारी के 38 पद बनाए गए हैं. इन पर भी जल्द बहाली होगी.
नगर विकास एवं आवास विभाग में 1350 पदों पर बहाली होगी. 7 आयोजन क्षेत्र प्राधिकार बोधगया, गया, राजगीर, बिहारशरीफ, आरा, मुजफ्फरपुर और सहरसा में 147 को प्रत्यार्पित करते हुए 1350 पदों का सृजन किया गया है. ग्रामीण विकास विभाग में 653 पदों पर बहाली होगी. इसमें बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के अंतर्गत इन पदों पर बहाली होगी.
वायुयान ईंधन की वैट दर में कटौती
वहीं कैबिनेट के फैसले में राज्य सरकार ने हवाई जहाज के परिचालन को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर केसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए वायुयान ईंधन (एटीएफ) पर लगने वाले वैट की दर में 25 फीसदी की कटौती की है. अभी इस पर 29 फीसदी वैट लग रहा है. पहले वाली लागू दर उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक थी.
अमृत-2 के तहत 6 शहरों में होंगे कार्य
कैबिनेट की बैठक में अमृत-2 योजना के तहत 6 शहरों में जलापूर्ति और सीपेज समेत ऐसे अन्य कार्य कराए जाएंगे. इसके तहत आरा में जलापूर्ति परियोजना के लिए 138 करोड़ 26 लाख रुपये, सीवान जलापूर्ति परियोजना के लिए 113 करोड़ 28 लाख और सासाराम जलापूर्ति परियोजना के लिए 76 करोड़ 44 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं.
औरंगाबाद में 196 किमी सीवरेज नेटवर्क परियोजना के लिए 497 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. 8 पंपिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे. 30 वार्डों में रहने वाले 24 हजार घरों को इस सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा.
सीवान में 128 किमी सीवरेज नेटवर्क के लिए 367 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. 25 वार्ड के 29 हजार 555 घरों को इससे जोड़ा जाएगा. 4 मध्यवर्ती पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
सासाराम में 205 किमी सीवरेज नेटवर्क के लिए 455 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इससे 22 वार्ड के 33 हजार 525 घरों को इस सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. 4 मध्यवर्ती पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा.
कुछ अन्य प्रमुख फैसले
गया में पुरानी बाईपास (सुजाता बाईपास) के चौड़ीकरण कर फोर बनाने के लिए 37 करोड़ 83 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इसकी लंबाई 2.45 किमी है.
बक्सर के ब्रम्हपुर में 560 बेड का अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनाने की मंजूरी दी गई है. 53 करोड़ 37 लाख रुपये की मंजूरी.
रोहतास के चेनारी में 560 बेड का अल्पसंख्यक आवासीय स्कूल बनाने के लिए 56 करोड़ 13 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है.
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) केंद्र की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये का अंशदान दिया गया है. हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान के सहयोग से इसकी स्थापना की जाएगी.
पटना में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर दुजरा दियारा इलाके में पानी वाले जहाज की मरम्मति और ड्राय डॉक के निर्माण की मंजूरी मिली है. इसके लिए यहां मौजूद टोपोलैंड का सर्वे किया जा रहा है. इसे लीज पर लेकर इसका निर्माण किया जाएगा.
गौ रक्षा के मुद्दे पर बिहार चुनाव में उतरे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सभी 243 सीटों पर देंगे टक्कर
4 Jun, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गौ रक्षक दल का गठन किया है और बिहार चुनाव में शंकराचार्य सभी 243 सीटों पर इसके उम्मीदवार खड़े करेंगे. गौ रक्षा का संकल्प लेने वाला नेता ही उनका उम्मीदवार होगा. गौ रक्षक दल के उम्मीदवार की छवि साफ सुथरी और सनातन धर्म के प्रति उसकी आस्था होनी चाहिए.
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने काशी के विद्या मठ में मीडिया से हुई बातचीत में ये बयान दिया कि जब वो गौ रक्षा के लिए कानून बनाने एवं गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों से सम्पर्क किए तो उनको निराशा हुई क्योंकि किसी भी दल में इसके लिए निष्ठा नहीं दिखी. ऊपर से तो सभी ने हां कहा लेकिन किसी में इच्छाशक्ति नहीं दिखी.
तभी हमने ये तय कर लिया कि जब सबकुछ राजनीति से ही तय होना है तो फिर गौ रक्षक दल भी चुनाव लड़ेगा. इसकी शुरुवात हम बिहार से कर रहे हैं. आगे जहां कहीं भी चुनाव होगा गौ रक्षा दल वहां चुनाव लड़ेगा. देश के सबसे बड़े वोटबैंक से जुड़ा है गाय का मुद्दा आज नही तो कल लोगों का समर्थन हमें जरूर मिलेगा.
श्री बांके बिहारी मंदिर के अधिग्रहण से नाराज हुए शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मथुरा के श्री बांके बिहारी मंदिर के अधिग्रहण से नाराज़ हैं. शंकराचार्य ने कहा, ‘बातें अलग तरह की कही जा रही हैं और व्यवहार अलग तरह का हो रहा है. एक तरफ आप कह रहे हैं कि सनातन को मानने वाले सरकार में हैं और दूसरी तरफ आप मंदिरों को छीन रहे हैं.हम तो वृंदावन के धर्माचार्यों से अनुरोध करना चाहेंगे कि ये जो बांके बिहारी मंदिर का ट्रस्ट बनाकर एक तरीके से सरकारी अधिग्रहण किया जा रहा है, उसे मत होने दीजिए.
हिंदुस्तान, हिंदुस्तान नहीं रह गया- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
उन्होंने कहा कि जो हमारे गोस्वामियों की परंपरा है, उस परंपरा का पोषण करना चाहिए. अगर वहां कोई गड़बड़ी हो रही है तो उसे आपस में बैठकर उस पर विचार करना चाहिए और उस गड़बड़ी को दूर करने पर विचार करना चाहिए. लेकिन व्यवस्था के नाम पर या कुछ गड़बड़ी हो रही है, उसको दिखाकर अगर सरकार वहां पर प्रवेश करना चाह रही है तो इसका मतलब है कि जो हमारा धर्म स्थान है वो अब धर्म निरपेक्ष स्थान होने जा रहा है. धर्म स्थान और धर्म निरपेक्ष स्थान में बहुत अंतर है. हिंदुस्तान, हिंदुस्तान नहीं रह गया जब से धर्म निरपेक्ष स्थान हो गया. आप अगर मंदिरों का अधिग्रहण कर रहे हैं तो पहले संविधान से धर्म निरपेक्षता शब्द हटाएं.
रांची के लापुंग में जमीन विवाद सुलझाने गई पुलिस पर हमला, SHO गंभीर रूप से घायल
4 Jun, 2025 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के रांची में एक जमीनी विवाद के दौरान जब पुलिस मौके पर पहुंची तो कुछ लोगों ने पुलिस की टीम पर ही हमला कर दिया. पुलिस टीम पर हुए हमले में थाना प्रभारी ही गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज किया है और जांच की जा रही है.
लापुंग थाना क्षेत्र के ही कोईनारा गांव में एक जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए ग्रामीणों की बैठक चल रही थी. इसी बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी वहां किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में लापुंग के थाना प्रभारी संतोष यादव समेत अन्य पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. इसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने ग्रामीणों को भी भड़का दिया और पुलिस की टीम पर हमला कर दिया.
जिसमें थाना प्रभारी संतोष यादव के सिर में गंभीर चोट आई है वहीं अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. घायल थाना प्रभारी को बेहतर इलाज के लिए रांची के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
विवाद के बीच पहुंची पुलिस टीम
पूरे मामले को लेकर रांची के एसएसपी सह डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि लापुंग थाना क्षेत्र में कोईनारा बस्ती में एक कीमती जमीन को लेकर विवाद था. कीमती जमीन होने के कारण कुछ अपराधी संगठन के नाम पर उस जमीन पर कब्जा करना चाह रहे थे. विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मी विवादित जगह पर पहुंच गए.
थाना प्रभारी को आई चोट
इसी दौरान थाना प्रभारी और जवानों पर हमला किया गया. थाना प्रभारी के सिर में इंजरी हुई है. थाना प्रभारी और एक अन्य जवान को सिर में गंभीर चोट लगी है दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अन्य लोगों को हल्की चोट आई है. इस मामले में दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कर्मियों पर हमला करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे.
लापुंग थाना की घटना से महज 48 घंटे पूर्व राजधानी रांची के ही बेड़ो थाना में 200 से ज्यादा की संख्या में अज्ञात लोगों ने घुसकर तोड़फोड़ की और पुलिस कर्मियों के साथ धक्का मुक्की की घटना को अंजाम दिया था. दोनों ही मामले को लेकर पुलिस अनुसंधान कर रही है.
इंस्टाग्राम पर सुसाइड नोट, फिर ज़हर: मनचाहा प्यार न मिलने पर युवक ने जान देने की कोशिश की
4 Jun, 2025 12:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के इब्राहिमपुर थाना के रहने वाले 22 वर्षीय एक युवक ने चूहा मारने की दवाई खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. इससे पहले उसने इंस्टाग्राम पर ‘लास्ट डे आफ माय लाइफ’ लिखकर पोस्ट कर दी. ये घटना सुबह करीब 5 बजे की है. मेटा कंपनी की तरफ से पुलिस महानिदेशक कार्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को अलर्ट मिला. अलर्ट मिलते ही डीजीपी राजीव कृष्ण ने तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया.
इसके बाद पुलिस ने युवक का मोबाइल नंबर ट्रेस किया और इसकी सूचना अंबेडकरनगर पुलिस को दी. सूचना मिलते ही इब्राहिमपुर पुलिस महज 13 मिनट के अंदर युवक के पास पहुंच गई. वहीं देखा तो युवक की हालत खराब थी. पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. ऐसे युवक की जान बचाई जा सकेगी. युवक ने पसंद की लड़की से शादी न होने पर चूहे मारने की दवा खाई थी. हालांकि पुलिस के सही समय पर पहुंचने की वजह से युवक की जान बच गई.
न बीवी मिली और न ही मौत
राज्य मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस जब युवक के घर पहुंची तो देखा कि युवक की तबीयत ठीक नहीं है. जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि उसने चूहा मारने की दवा खा ली है. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. वहीं पुलिस ने युवक की काउंसलिंग भी की है, जिसके बाद युवक ने दोबारा ऐसी गलती न करने की बात कही. हालांकि युवक को लड़की फिर भी नहीं मिली. ऐसे में इस हरकत के बाद भी उसे न बीवी मिली और न ही मौत. क्योंकि वक्त रहने पुलिस ने उसे बचा लिया.
984 लोगों की जान बचा चुकी पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा कंपनी के बीच 2022 में यह तय हुआ था कि अगर फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या संबंधित पोस्ट की जाती है तो मेटा कंपनी इसकी सूचना तुरंत पुलिस मुख्यालय को देगी. मेटा कंपनी पुलिस मुख्यालय को अलर्ट मैसेज भेजता है, जिससे पुलिस तुरंत एक्टिव हो जाती है. राज्य पुलिस मुख्यालय के मुताबिक ऐसे अलर्ट मैसेज का संज्ञान लेकर पुलिस अब तक 984 व्यक्तियों की जान बचा चुकी है.
बिहार में 16 से 21 जून तक मनाया जाएगा योग सप्ताह, खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ
3 Jun, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय विश्व योग पीठ, मुंगेर के परमाचार्य योगगुरु पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद जी बिहार के खिलाड़ियों के लिए समुचित और उपयोगी योग के आसनों की एक योजना तैयार कर रहे हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि कल मुंगेर में परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद जी के साथ मुलाकात में उन्होंने बिहार के खिलाड़ियों के लिए ऐसी योजना तैयार करने के लिए स्वामी जी से विशेष अनुरोध किया था।
जिसको स्वामी जी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है और आसनों की एक व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं जिनमें खिलाड़ियों के हित में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि
1 कौन सा आसन किस खेल में मदद करेगा।
2 कौन सा प्राणायाम खिलाड़ी को खेल से पहले और खेल के दौरान प्रतिस्पर्धा की चिंता से राहत दिलाने में मदद करेगा।
3 मासिक धर्म के दौरान महिला खिलाड़ियों के लिए कुछ विशेष आसन।
4 खेल में हार के बाद शारीरिक और मानसिक रुप से वापसी में सहायक योगासन।
आगे शंकरण ने बताया कि योग और खेलकूद को मिलाकर प्रदर्शन को बेहतर बनाने वाला पहला राज्य होगा बिहार और यह काम स्वामी जी के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर द्वारा किया जाएगा।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में 16 से 21 जून तक विशेष योग सप्ताह मनाया जाएगा
21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में 16 से 21 जून तक स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से खिलाड़ियों के लिए विशेष योग सप्ताह मनाया जा रहा है।
इस दौरान ही परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद जी के द्वारा तैयार योजना के अनुसार बिहार के खिलाड़ियों को योग अभ्यास करने का अवसर मिलेगा।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग इन योगासनों से संबंधित एक उच्चस्तरीय वीडियो बनाने की योजना है, जिसके लिंक को क्लिक कर देश भर के खिलाड़ी अपनी बेहतरी के लिए इसका लाभ उठा सकेंगे।
यात्रियों के लिए खुशखबरी, रेलवे ने चलाई पटना-साबरमती स्पेशल ट्रेन
3 Jun, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: गर्मी की छुट्टी के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। साथ ही दो जोड़ी ट्रेनों का अवधि विस्तार कर दिया गया है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पटना से साबरमती के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन चार, 11, 18 एवं 25 जून को किया जाएगा। यह ट्रेन पटना जंक्शन से चलेगी।
पटना जंक्शन से इस ट्रेन का खुलने का समय 04.30 बजे निर्धारित किया गया है। यहां से यह ट्रेन दानापुर, आरा, बक्सर, डीडीयू रुकते हुए अगले दिन साबरमती पहुंचेगी।
उत्तरी बिहार के रक्सौल से हावड़ा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, बरौनी एवं झाझा के रास्ते चलाई जाएगी।
यह ट्रेन सात, 14, 21 एवं 28 जून को हावड़ा से 23 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन बरौनी, समस्तीपुर, दरभंगा एवं सीतामढ़ी होते हुए रक्सौल पहुंचेगी।
वापसी में यह ट्रेन आठ, 15, 22 ए वं 29 जून को रक्सौल से शाम साढ़े पांच बजे रवाना होगी और अगले दिन हावड़ा पहुंचेगी। इसके अलावा एक ट्रेन मालदा से आनंद विहार के लिए चलाने का निर्णय लिया गया है।
माता वैष्णो देवी कटडा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन का अवधि विस्तार
माता वैष्णो देवी कटड़ा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन कटड़ा से छह जून से 11 जुलाई तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार को चलाई जाएगी।
यह ट्रेन कटड़ा से प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी, वहीं गुवाहाटी से यह ट्रेन नौ से 14 जुलाई तक चलाई जाएगी। प्रत्येक सोमवार को यह ट्रेन नौ जून से 14 जुलाई तक चलाई जाएगी।
कटड़ा-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन हाजीपुर-बराैनी-कटिहार के रास्ते चलाई जाएगी। इसके अलावा उदयपुर सिटी-फारबिसगंज स्पेशल ट्रेन तीन जून से 24 जून तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक मंगलवार को उदयपुर सिटी से चलाई जाएगी।
तेजस्वी यादव बने जनता की पहली पसंद, नीतीश और चिराग को पीछे छोड़ा
3 Jun, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. सूबे में दो दशक से सत्ता की धुरी बने सीएम नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी है. इसके बाद भी एनडीए के सभी घटक दल नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ने के लिए रजामंद है. वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार के सबसे पसंदीदा चेहरा बनकर उभरे हैं. लोकप्रियता के मामले में नीतीश-चिराग से काफी आगे तेजस्वी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस-लेफ्ट क्या तेजस्वी के चेहरे को आगे पर चुनाव लड़ने को तैयार होंगी?
विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई माले, वामपंथी दल और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी है. आरजेडी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सभी दल बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित कर चुनावी किस्मत आजमाने के पक्ष में नहीं है. इंडिया गठबंधन की कई बार बिहार चुनाव को लेकर बैठक भी हो चुकी. इसके बाद भी तेजस्वी के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी है, लेकिन अब सीएम फेस के सर्वे के बाद क्या कांग्रेस और लेफ्ट का मन बदलेगा?
बिहार में तेजस्वी सबसे ज्यादा लोकप्रिय
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा के तौर पर सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद किया है. सर्वे के अनुसार मई के महीने में बिहार के सीएम के रूप में 36.9 फीसदी लोग तेजस्वी को देखना चाहते हैं, तो 18.4 फीसदी लोग नीतीश कुमार को. इसके बाद प्रशांत किशोर को 16.4 फीसदी, एलजेपी (आर) के प्रमुख चिराग पासवान को 10.6 फीसदी और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को 6.6 फीसदी लोग सीएम के रूप में पसंद कर रहे हैं. पिछले तीन सर्वे में तेजस्वी यादव की स्थिति ऐसी ही है.
बिहार में लोकप्रियता के मामले में नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से काफी तेजस्वी यादव नजर आ रहे हैं. बिहार को लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार से दोगुना लोग आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बिहार मुख्यमंत्री के रूप देखना चाहते हैं. इतना ही नहीं उनके आसपास भी कोई नेता नजर नहीं आ रहा लोकप्रियता के मामले में. इसके बाद भी तेजस्वी के नाम पर इंडिया गठबंधन के दल तैयार नहीं है.
तेजस्वी पर कांग्रेस-लेफ्ट का मन बदलेगा?
आरजेडी ने तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई माले तैयार नहीं हैं. माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पिछले दिनों कहा था कि महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनेगा. इससे पहले कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इंडिया गठबंधन नेताओं की दिल्ली से लेकर पटना तक कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लग सकी है.
कांग्रेस और माले चुनाव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ना चाहती. इन दोनों ही दलों का तर्क है कि तेजस्वी के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर यादव को छोड़कर अन्य पिछड़ी जातियां उसे वोट नहीं मिलता. ये बात कांग्रेस नेतृत्व ने सीधे तौर पर दिल्ली की मीटिंग में तेजस्वी यादव को बता दिया था. हां, ये जरूर आश्वासन दिया कि अगर सरकार बनाने का मौका हाथ आता है तो तेजस्वी यादव भले ही मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन चुनाव में उनके नाम की घोषणा कर लड़ना जोखिम भरा कदम हो सकता है.
हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री के लिए आए सर्वे में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता जिस तरह दिखी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से आगे नजर आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस और लेफ्ट क्या अब तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने पर रजामंद होंगे. तेजस्वी की लोकप्रियता का सियासी लाभ उठाने का दांव चलेगी.
क्या है इंडिया गठबंधन का फॉर्मूला?
इंडिया गठबंधन अगर तेजस्वी यादव को आगे कर चुनावी मैदान में उतरी है, तो सवर्ण जाति के वोटों के छिटकने का खतरा कांग्रेस को लग रहा तो सीपीआई माले को है. इसीलिए कांग्रेस बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव वाले फार्मूले पर लड़ने की तैयारी में है. इंडिया गठबंधन ने 2024 में पीएम पद का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था. इंडिया गठबंधन ने एक ज्वाइंट कमेटी जरूर बनाई थी, उसी तर्ज पर बिहार में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है, जिसकी कमान तेजस्वी यादव को सौंपी गई है.
कांग्रेस और माले की की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरे की बात नहीं कर रही, ऐसे में कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरेगी, वही पार्टी नेता तय करेगी. जिस तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. उसी तरह से बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है और आरजेडी अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है.
कांग्रेस और माले के फॉर्मूले पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी रजामंद नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं है. इससे जाहिर होता है कि आरजेडी वेट एंड वॉच के मूड में है. ऐसे में देखना है कि महागठबंधन सीएम के कन्फ्यूजन का सॉल्यूशन तलाशती है या फिर तेजस्वी पर सस्पेंस बनाकर ही चुनाव में उतरेगी?
रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, रांची की ट्रेनों के ठहराव में हुआ विस्तार
3 Jun, 2025 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झुमरीतिलैया (कोडरमा): रांची से आरा व रांची से इस्लामपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों का अलग-अलग स्टेशन पर ठहराव को स्वीकृति दी गई है।
इस्लामपुर-हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस का ठहराव कोडरमा-पारसनाथ के बीच चिचाकी स्टेशन पर शुरू होगा।
आरा-रांची-आरा एक्सप्रेस आरा से सासाराम के बीच बिक्रमगंज स्टेशन पर रुकेगी। जल्द ही दोनों ट्रेनों के ठहराव की तिथि की घोषणा की जाएगी।
चार ट्रेनें जुलाई से आगरा फोर्ट की जगह ईदगाह जंक्शन पर रुकेंगी
उधर, धनबाद, कोडरमा , गया जंक्शन से होकर चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनें जुलाई महीने के अंत से आगरा फोर्ट स्टेशन पर नहीं रुकेंगी।
इन ट्रेनों का ठहराव आगरा फोर्ट की जगह ईदगाह जंक्शन पर कर दिया गया है। ईस्टर्न रेलवे ने चार ट्रेनों की ईदगाह जंक्शन स्टेशन पर समय-सारिणी जारी कर दी है।
नए टाइम टेबल के अनुसार 30 जुलाई से खुलने वाली 12307 हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस शाम 7.30 बजे और वापसी में 31 जुलाई से खुलने वाली 12308 जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस सुबह 8.25 बजे ईदगाह पहुंचेगी।
इसी तरह 22307 हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस 31 जुलाई से शाम 7.30 बजे और 30 जुलाई से खुलने वाली 22308 बीकानेर-हावड़ा एक्सप्रेस सुबह 08.25 बजे, 12942 आसनसोल-भावनगर पारसनाथ एक्सप्रेस 31 जुलाई से दोपहर 12.40 बजे और 12941 भावनगर-आसनसोल पारसनाथ एक्सप्रेस पांच अगस्त से दोपहर 2.50 बजे ईदगाह जंक्शन पर रुकेगी।
12938 हावड़ा-गांधीधाम गरवा एक्सप्रेस 4 अगस्त से शाम 6.10 बजे और 12937 गांधीधाम-हावड़ा गरवा एक्सप्रेस 2 अगस्त से दोपहर 2.50 बजे ईदगाह जंक्शन पहुंचेगी।
खूंटी सीमा पर युवक पर हमला, गांव में दहशत, पुलिस ने जांच तेज की
3 Jun, 2025 11:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तुपुदाना: राजधानी रांची में जोनल आईजी एवं डीआईजी ने अपने क्षेत्राधिकार के सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ सोमवार को बैठक कर कानून-व्यवस्था की समीक्षा की।
बैठक में दोनों अफसर पुलिस अधीक्षकों को स्थिति में सुधार लाने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का आदेश दे रहे थे। इसी बीच शाम चार बजे के लगभग रांची-खूंटी जिले की सीमा पर स्थित खूंटी थाना क्षेत्र के अकता गांव में बाइक सवार चार युवकों ने पिपरा टोली निवासी अरशद पर पिस्टल तान दी।
पिस्टल के बट से मारकर उसका सिर फोड़ दिया। अरशद के साथ बाइक पर सवार युवक इलाज के लिए उसे खूंटी ले गए। मामले का वीडियो वायरल होते ही खूंटी पुलिस अकता गांव पहुंची और लोगों से पूछताछ करके चली गई।
घटना की सूचना पाकर हटिया डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा, तुपुदाना ओपी प्रभारी दुलाल कुमार महतो सहित पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और आसपास के लोगों से पूछताछ की।
खूंटी क्षेत्र का मामला होने के कारण खूंटी थाने में मामला चला गया। वहीं, हटिया डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा एवं तुपुदाना ओपी प्रभारी दुलाल कुमार महतो ने अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद उस क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की बात कही, ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाई जा सके।
दिनदहाड़े बीच गांव में अपराधियों द्वारा पिस्तौल लहराने और फायरिंग करने से ग्रामीण सहमे हुए हैं। वे कुछ भी बताने से हिचक रहे हैं। खूंटी थाना क्षेत्र के पिपरा टोली निवासी अरशद नाम के युवक पर अकता गांव में अपराधियों ने फायरिंग की है। उसे घायल भी कर दिया है।
रांची: रातू रोड फ्लाईओवर का उद्घाटन 19 जून को नितिन गडकरी करेंगे
3 Jun, 2025 11:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: रातू रोड फ्लाईओवर रांची वासियों के लिए जल्द समर्पित होगा। 19 जून को रातू एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे।
इसकी तैयारी को लेकर रांची के सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सोमवार को उद्घाटन के लिए आमंत्रण किया है। उन्होंने 19 जून को कॉरिडोर के लोकार्पण की सहमति दी।
यह झारखंड का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर है, जिसकी सौगात रांची की जनता को मिली है। इसके लोकार्पण होने के बाद रातू रोड पर लगने वाले जाम में कमी आएगी।
वाहनों का आवागमन सुगम हो सकेगा और रांचीवासी भी राहत महसूस करेंगे। गडकरी उद्घाटन के बाद यहां पर रोड शो भी करेंगे।
400 करोड़ रुपये हुए खर्च, पांच में देर से पूरा हुआ काम
लगभग 400 करोड़ की लागत से 4.17 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण 7 जुलाई, 2022 को शुरू किया गया था और इसे चार जनवरी 2025 में पूरा करने का लक्ष्य लिया गया था, लेकिन जून 2025 में पूरा किया जा सका।
इसके निर्माण में मात्र पांच महीने की देरी हुई है। एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण एनएचआई की ओर से किया गया है, जबकि एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण करने वाली कंपनी केसीसी है।
वहीं, पूरे रातू रोड फ्लाईओवर के ऊपर नायज बैरियर कम व्यू कटर चार किलोमीटर दूर तक लगाए गए हैं, जिससे फ्लाईओवर से गुजरने वाली गाड़ियों की आवास आसपास में रहने वाले लोगों को नहीं सुनाई देगी। इसके अलावा मीडियम डिवाइडर में पीजीआर रेलिंग और पौधारोपण का काम किया जाएगा।
आधे घंटे का सफर होगा, पांच मिनट में होगा पूरा
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अब आधे घंटे का सफर मात्र पांच मिनट में पूरा कर लिया जाएगा। अब मात्र राजभवन के पास मंदिर शिफ्टिंग का काम बाकी है। इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं, एनएचएआइ के इंजीनियर आनंद कुमार ने बताया कि रातू रोड फ्लाईओवर के शुरू होने के बाद जाम कमी आएगी। इसमें सभी तकनीकी पहलुओं की जांच पूरी कर ली गई हैं।
वहीं, उन्होंने कहा कि ट्रैफिक अधिक होने और बार-बार वर्षा होने के कारण निर्माण कार्य में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन अब रातू रोड फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुका है। इसमें गाड़ियां दौड़ने का इंतजार कर रही हैं।
फ्लाईओवर के निर्माण से पहुंचेगा कई क्षेत्रों को फायदा
इस कॉरिडोर के चालू होने के बाद शहर के प्रमुख इलाकों रातू रोड, इटकी रोड, पिस्कामोड़ और ओटीसी ग्राउंड क्षेत्र में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
इसके अलावा वाहन चालकों का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, जिससे आम लोगों की जेब पर भी बोझ घटेगा। कॉरिडोर के चालू होने से न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुगम होगी, बल्कि यात्रा का समय भी कम होगा और वाहन तेज गति से गुजर सकेंगे।
फ्लाईओवर रैंप के सामने मौजूद मंदिर को शिफ्ट किया जाएगा। रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में इस एलिवेटेड रोड के चालू होने से बड़ा बदलाव आएगा।
संजय सेठ और सीपी सिंह चला चुके हैं वाहन
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गुरुवार को रातू रोड स्थित एलिवेटेड कॉरिडोर का निरीक्षण किया। बाइक चलाकर उन्होंने इसका जायजा लिया।
उनके साथ रांची के विधायक सीपी सिंह और एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारी भी मौजूद रहे। संजय सेठ ने अधिकारियों से कहा कि बचे हुए कार्य जैसे नायज बैरियर, ओवरब्रिज के नीचे ग्रिलिंग और पौधारोपण सहित अन्य को जल्द से जल्द पूरा कर लें।
इंस्टाग्राम पर शुरू हुआ प्यार, बरेली की विवाहिता घर छोड़ प्रेमी संग हुई रवाना
3 Jun, 2025 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के हाफिजगंज थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शादीशुदा महिला को इंस्टाग्राम पर एक युवक से प्यार हो गया. प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि महिला ने अपने पति और तीन साल की मासूम बच्ची को छोड़ दिया और प्रेमी के साथ चली गई. यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हाफिजगंज क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती की इंस्टाग्राम पर सहारनपुर जिले के एक युवक से बातचीत शुरू हुई. धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं और प्यार का रिश्ता बन गया. यह सिलसिला चोरी-छुपे चलता रहा और दोनों मिलने भी लगे. जब महिला के पति को इस रिश्ते की भनक लगी तो उसने पत्नी को रोकने की बहुत कोशिश की. बच्ची का हवाला दिया, घर की इज्जत की बात की, लेकिन महिला कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुई. वह प्रेमी के साथ ही जाने की जिद पर अड़ी रही. मामला इतना बिगड़ा कि बात पुलिस थाने तक जा पहुंची.
थाने में घंटों पंचायत, लेकिन नहीं मानी महिला
हाफिजगंज थाने में महिला उसका पति और उसके घरवाले पहुंचे. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया. कई घंटों तक समझाया गया कि बच्ची की खातिर रिश्ते को संभाल लें, लेकिन महिला अपने फैसले पर अड़ी रही. उसने लिखकर दे दिया कि वह अब अपने पति और बच्ची से कोई संबंध नहीं रखना चाहती है. पति ने जब देखा कि उसकी पत्नी अब साथ नहीं रहना चाहती, तो उसने भी हार मान ली. पति ने पुलिस के सामने कह दिया कि अगर वह जाना चाहती है तो उसे रोकना अब मुमकिन नहीं. इसके बाद महिला ने अपने प्रेमी को फोन कर थाने बुलाया.
प्रेमी आया थाने और महिला को साथ ले गया
पुलिस ने महिला और पति, दोनों की सहमति लेने के बाद प्रेमी को महिला के साथ जाने की इजाजत दे दी. प्रेमी थाने आया और महिला को अपने साथ सहारनपुर ले गया. इस पूरे मामले को लेकर गांव और आसपास के क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है. लोग हैरान हैं कि एक मां अपनी तीन साल की बच्ची को भी छोड़ सकती है. इस घटना ने फिर एक बार सोशल मीडिया के असर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती शादीशुदा जिंदगी और एक मासूम की परवरिश पर भारी पड़ गई.
दुल्हन के स्वागत के बीच पहुंचीं तीन लड़कियां, बोलीं- यही है हमारा प्रेमी
3 Jun, 2025 11:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक युवक शादी के बाद दुल्हन को घर लाया. घर में दुल्हन का खूब स्वागत हुआ. इसी बीच, तीन लड़कियां वहां पहुंच गईं और युवक को अपना बॉयफ्रेंड बताने लगीं. घरवालों ने समझाने की कोशिश की तो तीनों लड़कियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों लड़कियों को समझाकर घर वापस भेजा.
गांववालों के मुताबिक, जैसे ही दुल्हन घर पहुंची, तीनों ही लड़कियां ऑटो से वहां पहुंच गईं. घरवालों को तीनों के बारे में कुछ पता नहीं था. इसी बीच, तीनों ने युवक को प्रेमी बताना शुरू किया. घटना सोमवार की है. पुलिस के मुताबिक, दूल्हा बारात लेकर बरेली गया था. वह सोमवार को दुल्हन को लेकर वापस लौट रहा था. तभी लड़कियां घर पहुंच गईं.
दूल्हे के घर पहुंच कर तीन लड़कियों ने किया हंगामा
लड़कियों के हंगामे से घरवाले भी सहम गए. उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था. वहीं, दूल्हा भी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा था. जब उससे लड़कियों के बारे में पूछा गया तो वह भी ठीक तरीके से जवाब नहीं दे रहा था. पुलिसकर्मी भी कुछ देर के लिए मामला समझ नहीं पाए. हालांकि, फिर बाद में पुलिसकर्मियों ने लड़कियों को समझाया तो तीनों अपने घर वापस चली गईं. वहीं, काफी देर तक लड़के के घर पर अफरातफरी का माहौल रहा.
पुलिस ने तीनों लड़कियों को समझाकर घर भेजा
इस घटना को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं. शादी के बाद नई नवेली दुल्हन के सामने लड़कियों का इस तरीके से हंगामा करना असहज स्थिति पैदा कर रहा था. घरवाले भी लड़के से तीनों लड़कियों के बारे में पूछते दिखाई दिए, लेकिन वो चुप्पी साधे रखा. वहीं, पुलिस ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया है. पुलिस ने कहा कि न ही लड़के के घरवालों ने और न ही तीनों लड़कियों ने केस दर्ज कराया है. अब मामला पूरी तरीके से शांत है.