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अमेरिका ने मेक्सिको और कनाडा को दी राहत, 2 अप्रैल तक टैरिफ से छूट
7 Mar, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि मेक्सिको से आयातित अधिकांश वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय मैक्सिको के राष्ट्रपति के साथ वार्ता के बाद लिया गया। वहीं, कनाडा को भी 2 अप्रैल तक कुछ वस्तुओं पर टैरिफ नहीं देना होगा। दोनों देशों को यह छूट उन वस्तुओं के लिए दी गई है जो यूनाइटेड स्टेट्स-मेक्सिको कनाडा समझौते के तहत आती हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को उन कागजातों पर हस्ताक्षर किए, जो मेक्सिको और कनाडा के उन सभी टैरिफ को लगभग एक महीने के लिए टाल देंगे, जो USMCA मुक्त व्यापार संधि के अंतर्गत आते हैं।
टैरिफ पर कटौती कर सकता है अमेरिका: लुटनिक
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने पहले ही संकेत दे दिया था कि राष्ट्रपति कुछ टैरिफ में कटौती कर सकते हैं। लुटनिक ने कहा था कि राष्ट्रपति 5 मार्च की शुरुआत में कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ में से कुछ को कम कर सकते हैं।
लुटनिक ने जोर देकर कहा कि पारस्परिक शुल्क, जिसमें अमेरिका उन देशों पर आयात कर लगाता है जो अमेरिकी निर्यात पर शुल्क लगाते हैं, दो अप्रैल से लागू होंगे। लुटनिक के बयान के तुरंत बाद अमेरिकी बाजारों में थोड़ी स्थिरता आई।
ट्रंप के फैसलों से वित्तीय बाजार में हलचल मची हलचल
यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने फरवरी की शुरुआत में आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा के बाद एक महीने की देरी की है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा- ''हम सीमा पर अवैध प्रवासियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने और फेंटानिल को रोकने के लिए मिलकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।'' वैसे ट्रंप के बार-बार बदलते टैरिफ के खतरों ने वित्तीय बाजारों को हिला दिया है, उपभोक्ताओं के विश्वास को कम किया है। साथ ही कई व्यवसायों को एक अनिश्चित वातावरण में डाल दिया है। इससे भर्ती और निवेश में देरी हो सकती है।"
ट्रूडो ने दिए संकेत- भविष्य में अमेरिका से ट्रेड वॉर रहेगा
गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संकेत दिया कि उन्हें आशंका है कि उनका देश भविष्य में अमेरिका के साथ ट्रेड वार रहेगा। ''
ट्रूडो ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ एक माह के लिए स्थगित करने के कदम को ''उम्मीद की किरण'' तो बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इसका मतलब है कि शुल्क अभी भी लागू हैं और इसलिए हमारी प्रतिक्रिया भी जारी रहेगी। उन्होंने दोहराया कि जब तक कनाडाई वस्तुओं पर अनुचित अमेरिकी शुल्क हटा नहीं लिए जाते, तब तक हम अपने जवाबी शुल्क से पीछे नहीं हटेंगे।
अमेरिकी ने मंगलवार (04 मार्च) से ही कनाडा और मेक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। वहीं, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बदले तीनों देश ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की घोषणा की है।
स्पेसएक्स मिशन में बड़ी विफलता, स्टारशिप रॉकेट लॉन्च होते ही हुआ हादसा
7 Mar, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के लिए यह साल अच्छा नहीं गया है। क्योंकि गुरुवार (स्थानीयसमयानुसार) स्पेसएक्स ने लॉन्च के कुछ मिनटों के बाद ही अंतरिक्ष में अपने स्टारशिप रॉकेट से संपर्क खो दिया, इस वर्ष कंपनी के स्टारशिप की लगातार यह दूसरी विफलता है। वहीं, अब कंपनी के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठ सकते हैं।
कंपनी के लाइव स्ट्रीम में दिखा सब कुछ
रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क की स्पेसएक्स ने गुरुवार को प्रक्षेपण के कुछ ही मिनटों बाद अंतरिक्ष में स्टारशिप पर नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण इंजन बंद हो गए, जैसा कि कंपनी के लाइव स्ट्रीम में दिखाया गया, जिसके कुछ ही मिनटों बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो में दक्षिण फ्लोरिडा और बहामास के निकट शाम के आसमान में अंतरिक्ष यान का आग के गोले जैसा मलबा दिखाई दिया।
उड़ानों को रोका
स्पेसएक्स लाइव स्ट्रीम में स्टारशिप को अनियंत्रित रूप से हवा में जाते हुए दिखाया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय विमानन प्रशासन ने अंतरिक्ष प्रक्षेपण मलबे के कारण मियामी, फोर्ट लॉडरडेल, पाम बीच और ऑरलैंडो हवाई अड्डों पर कुछ समय के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी है। अंतरिक्ष में स्टारशिप का विघटन तब हुआ जब मिशन के स्पेसएक्स लाइव स्ट्रीम में इसे अनियंत्रित रूप से लुढ़कते हुए दिखाया गया।
इजरायल ने वेस्ट बैंक से 10 भारतीय मजदूरों को बचाया, एक महीने से थे बंधक
7 Mar, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यरुशलम। वेस्ट बैंक के एक गांव से इजरायली अधिकारियों ने भारत के दस श्रमिकों को बचाया है। उन्हें यहां एक महीने से अधिक समय से बंधक बनाकर रखा गया था। इजरायली जनसंख्या और आव्रजन प्राधिकरण ने गुरुवार को स्थानीय मीडिया के हवाले से इसकी जानकारी दी।
इजरायल ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि फलस्तीनियों ने काम का वादा करके श्रमिकों को वेस्ट बैंक के अल-जायम गांव में बुलाया और फिर उनके पासपोर्ट ले लिए और उनका इस्तेमाल करके इजरायल में घुसने की कोशिश की।
मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये श्रमिक मूल रूप से निर्माण उद्योग में काम करने के लिए इजरायल आए थे, जिन्हें जनसंख्या और आव्रजन प्राधिकरण के नेतृत्व में इजरायल रक्षा बलों (आइडीएफ) और न्याय मंत्रालय के साथ मिलकर रात भर चलाए गए अभियान में बचाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक उनकी रोजगार स्थिति निर्धारित नहीं हो जाती, उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
गाजा में इजरायली ड्रोन ने बोला हमला, दो फलस्तीनी मारे गए
संघर्ष विराम पर गतिरोध के बीच इजरायली ड्रोन से किए गए हमले में गाजा के रफा में दो फलस्तीनी मारे गए, जबकि खान यूनिस में हेलीकाप्टर से की गई गोलीबारी में तीन लोग घायल हो गए। फलस्तीनियों में यह डर पैदा हो गया है कि इजरायल की ओर से की जा रही सख्ती के कारण संघर्ष विराम पूरी तरह से टूट सकता है। निवासियों ने बताया कि गाजा की पूर्वी और दक्षिणी सीमाओं के पास तैनात इजरायली टैंकों ने पूरी रात बाहरी इलाकों में फायर किया।
संघर्ष विराम का पहला चरण सप्ताहांत में खत्म
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम का पहला चरण सप्ताहांत में खत्म हो गया। इस मामले में आगे क्या होगा इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। हमास का कहना है कि अब दूसरा चरण शुरू होना चाहिए, जिससे इजरायल की स्थायी वापसी हो और युद्ध समाप्त हो। इसके बजाय इजरायल ने इसके अप्रैल तक अस्थायी विस्तार की पेशकश की है, जिसमें हमास फलस्तीनी बंदियों के बदले में और अधिक बंधकों को रिहा करे, लेकिन गाजा के भविष्य पर तत्काल बातचीत नहीं होगी।
मिस्त्र में आपूर्ति ले जा रहे सैकड़ों ट्रकों को रोका गया
दो इजरायली अधिकारियों ने कहा कि मध्यस्थों ने गतिरोध को हल करने के लिए इजरायल से कुछ और दिन मांगे हैं। इजरायल ने गाजावासियों के लिए हो रहे जरूरी सामानों की आपूर्ति रोक दी है। मिस्त्र में आपूर्ति ले जा रहे सैकड़ों ट्रकों को रोका गया, उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
इजरायल के इस कदम की तीखी आलोचना की गई है। इस बीच, युद्धविराम के दौरान हमास की ओर से इजरायल को सौंपे गए आठ बंधकों के शव को दफना दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
लेसोथो पर ट्रंप का बयान विवादास्पद, देश में ब्रिटिश संवैधानिक राजशाही का प्रभाव
6 Mar, 2025 05:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले दिनों जब अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे तो अपने 90 मिनट के भाषण के दौरान उन्होंने एक देश का जिक्र करते हुए कहा कि उसके बारे में किसी ने नाम तक नहीं सुना. सब हैरान रह गए. जी हां उस देश का नाम लेसोथो है. इस बात से अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से में मौजूद लेसोथो नाराज हैं और उन्होंने ट्रंप की टिप्पणी को अपमानजनक बताया है. वहां के विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि ट्रंप को अपने बारे में बोलना चाहिए न कि इस तरह से हम लोगों पर टिप्पणी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रंप की टिप्पणी इसलिए आश्चर्यजनक और निराशाजनक है क्योंकि लेसोथो में अमेरिका का दूतावास मौजूद है. उनके मुताबिक दरअसल उनका देश बेहद छोटा और गरीब है शायद इसलिए ट्रंप के लिए महत्वहीन होगा लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को ये याद रखना चाहिए कि एक दिन उनको लेसोथो की मदद की जरूरत होगी.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ये कहना चाह रहे थे कि विदेशी सहायता के नाम पर अमेरिका ने इस छोटे अफ्रीकी देश लेसोथो को आठ मिलियन डॉलर की मदद दे दी जबकि लेसोथो का नाम भी दुनिया को नहीं पता. लेसोथो का कहना है कि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि लेसोथो को अमेरिका या दुनिया में कोई नहीं जानता. कुछ समय पहले ट्रंप के करीबी एलन मस्क ने अपने स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट सर्विस के लिए लेसोथो के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की थी.
लेसोथो को यूएसऐड के द्वारा पिछले 20 वर्षों से मदद मिल रही थी. वहां एचआईवी बीमारी के खिलाफ मुहिम में ये वित्तीय मदद दी जा रही थी. अब अमेरिकी मदद रुकने से लेसोथो के करीब सात फीसद हेल्थ स्टाफ की नौकरी खत्म हो जाएगी. तमाम अफ्रीकी देशों की तरह लेसोथो में भी एचआईवी बीमारी की बड़ी समस्या है. इसके खिलाफ लड़ाई के लिए ही ये मदद दी जाती रही है.
लेसोथो
दक्षिण अफ्रीफा से चारों तरफ घिरा स्थलरूद्ध देश लेसोथो है. यहां ब्रिटेन की तरह संवैधानिक राजशाही है. ये दुनिया का इकलौता ऐसा स्वतंत्र देश है जिसकी ऊंचाई समग्र रूप से 1000 मी है. इसके कई गांवों तक केवल घोड़े पर बैठकर या पैदल ही पहुंचा जा सकता है. इसके एयरपोर्ट की एयर स्ट्रिप बेहद संकरी मानी जाती है. इन वजहों से इसको आकाश में स्थित किंगडम कहा जाता है.
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां खेती-किसानी करना बहुत मुश्किल काम है. यहां के लोग आजीविका के लिए प्रमुख रूप से दक्षिण अफ्रीका जाते हैं. लेसोथो की आबादी करीब 20 लाख है और सांस्कृतिक एवं भाषाई आधार पर ये साउथ अफ्रीका से निकटतम संबद्ध है. साउथ अफ्रीका की 11 आधिकारिक भाषाओं में इनकी सेसोथो भाषा को भी मान्यता मिली है. लेसोथो के लोगों को स्थानीय आधार पर बेसोथो कहा जाता है. सांस्कृतिक रूप से बेसोथो लोगों की पहचान उनके कंबल और विशेष किस्म की टोपी से होती है. उनके राष्ट्रीय झंडे के मध्य में भी इस टोपी को स्थान दिया गया है. ये एक तरीके से उनका राष्ट्रीय प्रतीक है.
ट्रंप प्रशासन ने तैयार की यात्रा प्रतिबंध की लिस्ट, पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर असर
6 Mar, 2025 05:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों का अमेरिका में दाखिल होना अब आसान नहीं होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कथित तौर पर सुरक्षा और जांच जोखिमों के कारण दोनों देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ऐसे आदेश पर साइन कर सकते हैं जिससे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लोगों के अमेरिका में प्रवेश करने पर पाबंदी लग जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रतिबंध अलगे सप्ताह से लागू हो सकता है।
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आतंकी को पकड़वाने में पाकिस्तान और शहबाज सरकारी की तारीफ की थी।
अमेरिका की लिस्ट में कई देश शामिल
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने देशों की सुरक्षा और जोखिमों की जांच के लिए सरकार की समीक्षा के आधार पर यात्रा प्रतिबंध के लिए एक लिस्ट तैयार की है। सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि अन्य देश भी इस लिस्ट में हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने किसी अन्य देश का नाम नहीं बताया।
अफगानिस्तान के लोगों के लिए अमेरिका में प्रवेश करना किसी सपने से कम नहीं है। शरणार्थी के रूप में या विशेष वीजा प्राप्त करने के लिए अफगानिस्तान को लोगों का अमेरिका विशेष जांच करता है।
अधर में लटकी हजारों अफगानों की जिंदगी
अमेरिका के इस प्रतिबंध से उन हजारों अफगानियों पर खतरा मंडरा सकता है, जिन्हें शरणार्थी के रूप में या विशेष आप्रवासी वीजा पर अमेरिका में पुनर्वास के लिए मंजूरी दी गई है। इन लोगों ने अपने देश में रहते हुए तालिबान के खिलाफ अमेरिका को लड़ने में मदद की थी। तालिबान शासन में उनकी जान को खतरा है।
बता दें कि अक्टूबर 2013 में अपने चुनावी अभियान के दौरान भी ट्रंप ने गाजा पट्टी, लीबिया, सोमालिया, सीरिया और यमन जैसे देश के लोगों को सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
दक्षिण कोरिया की वायुसेना की बड़ी लापरवाही: 8 बम गिरने से भारी तबाही
6 Mar, 2025 04:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किम जोंग उन के उत्तर कोरिया के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी में जुटे दक्षिण कोरिया के फाइटेर जेट ने गुरुवार को अपने ही नागरिकों पर बम के गोले बरसा दिए. वो भी एक-दो नहीं पूरे 8. वायुसेना की इस एक्टिविटी से दक्षिण कोरिया में हड़कंप मचा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक केएफ-16 लड़ाकू विमान हवा में उड़ान भर रहा था. इसी दौरन विमान से एमके-82 मॉड्यूल के 8 बम गलती से नीचे गिर गया. देखते ही देखते पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. इस गलती की वजह से 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. पूरे प्रकरण में वायुसेना ने बयान जारी किया है.
वायुसेना का कहना है कि उसे पता ही नहीं चल पाया कि ये बम गिर कैसे गए. वायुसेना ने मामले की जांच की बात कही है.
पेचियान शहर में हादसा, 7 इमारत ध्वस्त
फाइटर जेट से बम गिरने की घटना दक्षिण कोरिया के पोचियन शहर में हुई है, जो उत्तर कोरिया की सीमा के करीब है. हालांकि, वायुसेना के अधिकारी लोकेशन को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. माफी मांगने वाले अधिकारियों ने यह जानकारी नहीं दी है कि आखिर बम धोखे से किस जगह पर गिरा?
रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से इलाके में 7 इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. घटना की वजह से 5 नागरिक और 2 सैनिक बुरी तरह घायल हो गए हैं. सभी को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है.
दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच लंबे वक्त से संघर्ष जारी है. हाल ही में उत्तर कोरिया ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि वे दक्षिण कोरिया के चक्कर में हमें प्रताड़ित करने की कोशिश न करें. उत्तर कोरिया ने अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है.
दक्षिण कोरिया अभी सियासी अस्थिरता के दौर से भी गुजर रहा है. वहां लोग नई सरकार और नए नियमों को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट्स बढ़ने पर प्रॉपर्टी कंसलटेंट संगठन का विरोध
6 Mar, 2025 04:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट्स को लेकर अलग-अलग संगठन जल्द ही प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे. अब जमीन की खरीद फरोख्ट पर रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को और जेब ढीली करनी होगी. चार साल चंडीगढ़ में रेट्स में बदलवा किया गया है. हालांकि, इसका विरोध भी शुरू हो गया है.
न्यूज़ 18 से बातचीत में चंडीगढ़ के प्रॉपर्टी कंसलटेंट संगठन के प्रधान कमल गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की नीतियों के कारण चंडीगढ़ की हालत खराब हो रही है. चंडीगढ़ में चार साल बाद प्रशासन ने कलेक्टर रेट्स में बड़ा बदलाव किया है. खासकर गाँव के इलाकों में कृषि भूमि की कीमत तीन से चार गुना तक बढ़ गई है, जबकि सेक्टर-1 से 12 में रेट डेढ़ गुना तक बढ़ाए गए हैं. इससे पहले 2021 और 2017 में कलेक्टर रेट्स संशोधित किए गए थे.
कमल गुप्ता ने बताया कि आवासीय कलेक्टर रेट्स दोगुने कर दिए गए हैं. मार्केट पहले ही धीमी चल रही थी, अब ऐसा लग रहा है कि काम रुक जाएगा. कमर्शियल रेट्स पहले ही ज्यादा थे. सेक्टर-17, 34 आदि के रेट्स घटाने की मांग की जा रही थी. अब प्रॉपर्टी बेचना मुश्किल हो जाएगा. प्रशासन लगातार जनता विरोधी फैसले ले रहा है. जल्द ही एसोसिएशन की तरफ से प्रदर्शन किया जाएगा. उनके मुताबिक, पहले ही कमर्शियल चीजों के रेट्स बहुत ज्यादा बढ़े हुए थे और हम मांग कर रहे थे कि इन्हें घटाया जाए, लेकिन प्रशासन ने और बढ़ा दिए हैं. अब हालात यह हो गए हैं कि जिनके एग्रीमेंट हुए हैं, वे फंस चुके हैं क्योंकि 1 अप्रैल से कलेक्टर रेट्स में इजाफा होने पर उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, जिससे लोग परेशान हो चुके हैं.
सेक्टर-1 से 12 तक के एरिया की प्रॉपर्टी का कलेक्टर रेट डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है. इसी तरह, औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 और 2 में कमर्शियल प्लॉट का कलेक्टर रेट प्रति गज 62 हजार से बढ़ाकर 83 हजार रुपये कर दिया गया है, जबकि फेज-3 के कलेक्टर रेट्स भी पहली बार तय किए गए हैं. हालांकि, यहां पर कुछ विकास नहीं हुआ है. उधर, कोयला डिपो, शहरवासियों और व्यापारियों ने विरोध जताया है. लोहा बाजार, लकड़ी बाजार, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का कलेक्टर रेट 92,664 रुपये से बढ़ाकर 98,800 रुपये प्रति वर्ग गज कर दिया गया है, जिससे फ्लैट मालिकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा. जिन रिहायशी प्लॉटों को नर्सिंग होम, अस्पताल आदि में परिवर्तित किया गया है, उनका 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क चार्ज किया जाएगा, जबकि व्यावसायिक उपयोग में परिवर्तित औद्योगिक क्षेत्र में 5 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क चार्ज किया जाएगा.
अन्य मंजिलों का क्या रेट होगा
इसके अलावा, फर्स्ट फ्लोर 4,050 रुपये से बढ़ाकर 10,220 रुपये प्रति वर्ग फीट, सेकेंड फ्लोर 3,645 रुपये से बढ़ाकर 9,140 रुपये प्रति वर्ग फीट, थर्ड फ्लोर 3,280 रुपये से बढ़ाकर 7,900 रुपये प्रति वर्ग फीट कर दिया गया है. सेक्टर-14 से 37 एरिया में 10 मरले की कोठी का पंजीकरण 3.70 करोड़ रुपये तय किया गय है. अब इसका विरोध हो रहा है.
अर्जुन मंडल का सपना: धान से बनी मूर्तियाँ देश-विदेश में पहुंचे
6 Mar, 2025 04:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फरीदाबाद के अर्जुन मंडल एक अनोखी कला में माहिर हैं. वे धान के दानों से खूबसूरत मूर्तियाँ बनाते हैं, जिनमें न तो किसी तरह का रंग इस्तेमाल होता है और न ही केमिकल. खास बात यह है कि ये मूर्तियाँ केवल मूंग के धागे से बाँधकर बनाई जाती हैं. इससे धान खुलता नहीं और इसकी प्राकृतिक सुंदरता बनी रहती है. यह कला पूरी तरह से प्राकृतिक है और पानी में भीगने के बाद भी मूर्तियों को कोई नुकसान नहीं होता.
अर्जुन मंडल मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं और इस कला में निपुण हैं. उन्होंने बताया, मैं धान के दानों को एक-एक कर जोड़ता हूँ और धागे से कसकर बाँधता हूँ. इसमें किसी भी तरह का गोंद या केमिकल नहीं लगाया जाता. एक मूर्ति बनाने में चार से पाँच दिन का समय लगता है.
सरकारी सम्मान भी मिल चुका है
अर्जुन की इस अनोखी कला के कारण उन्हें सरकारी सम्मान भी मिल चुका है. उनके पिता को 2010 और 2014 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह परंपरागत कला अर्जुन को विरासत में मिली है और वे इसे आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे हैं.
17 कारीगर कर रहे हैं काम
अर्जुन के पास कुल 17 कारीगर हैं जो इस कला में निपुण हैं. वे भगवान की विभिन्न मूर्तियाँ बनाते हैं, जिनकी कीमत 700 रुपये तक होती है. अर्जुन बताते हैं कि इस धान की मूर्ति को धोया भी जा सकता है, फिर भी यह खराब नहीं होती. यह न तो सड़ती है और न ही टूटती है क्योंकि इसे बाँधने की खास तकनीक अपनाई जाती है.
देश-विदेश तक पहुँचाने का सपना
अर्जुन ने 12वीं तक पढ़ाई की है और अपनी इस कला को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि यह परंपरागत कला ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचे. उनका सपना है कि एक दिन उनकी बनाई मूर्तियाँ देश-विदेश में भी मशहूर हों. उनकी इस अनोखी कला ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और अब वे इसे बड़े स्तर पर पहुँचाने की तैयारी कर रहे हैं.
कश्मीर सवाल पर भड़के विदेश मंत्री जयशंकर, पाकिस्तानी पत्रकार को दिया तीखा जवाब
6 Mar, 2025 02:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। विदेश मंत्री एस जयशंकर छह दिवसीय ब्रिटेन-आयरलैंड की यात्रा पर हैं। ब्रिटेन पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने चैथलम हाउस में एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी। दरअसल, कश्मीर को लेकर निसार नामक एक पाकिस्तानी पत्रकार ने विदेश मंत्री से एक सवाल पूछा। सवाल का जवाब सुनकर पाकिस्तानी पत्रकार की बोलती बंद हो गई।
कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री का सीधा जवाब
विदेश मंत्री जयशंकर के जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि कश्मीर का मसला सुलझ क्यों नहीं रहा है। भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी के दोस्ताना रिश्ते हैं। क्या इन रिश्तों का इस्तेमाल करके पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर की समस्या का हल निकाल सकते हैं। कश्मीर में 70 लाख लोग हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए 10 लाख तैनात हैं।
पाकिस्तानी पत्रकार के इस सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा,"हम कश्मीर की समस्या का समाधान निकाल चुके हैं। इस दिशा में हमने कदम भी उठाया है। पहला यह है कि आर्टिकल 370 हटाया जा चुका है। इसके अलावा दूसरा कदम ये है कि हमने आर्थिक ग्रोथ के लिए कदम उठाया है। इससे जम्मू कश्मीर में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरा कदम सोशल जस्टिस का है।"
विदेश मंत्री ने कहा कि कश्मीर में अब किसी भी तरह के सामाजिक अन्याय की जगह नहीं है। हमने कश्मीर के मुद्दे को पूरी तरह सुलझा लिया है। अब वही हिस्सा बचा है, जिसे पाकिस्तान ने अवैध कब्जे से ले रखा है। पाकिस्तान उस हिस्से को लौटा दे तो पूरे मसले का हल हो जाएगा। विदेश मंत्री का यह जवाब सुनकर हॉल में बैठे लोग काफी देर तक तालियां बजाते रहे।
चीन के साथ रिश्ते पर क्या बोले जयशंकर?
वहीं, जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखे रिश्ते हैं। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं।
चांद पर अंतरिक्ष यात्री नहीं भटकेंगे, नासा ने किया अहम परीक्षण
6 Mar, 2025 02:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नासा ने पहली बार चंद्रमा पर GPS का इस्तेमाल किया। इसका मतलब है कि पहली बार ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से सिग्नल प्राप्त किए गए और चंद्रमा पर ट्रैक किए गए।
यह उपलब्धि नासा और इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी ने 3 मार्च को हासिल की, जब लूनर जीएनएसएस रिसीवर एक्सपेरीमेंट (लूजीआरई) ने जीपीएस सिग्नल प्राप्त किए और उन पर नजर रखी।
कैसे पता चलेगी लोकेशन?
नासा ने कहा कि इन रिजल्ट का अर्थ यह है कि आर्टेमिस मिशन इन संकेतों से लाभ उठा सकते हैं, जिससे वे अपनी स्थिति, गति और समय का सटीक पता लगा सकते हैं।
GNSS सिग्नल क्या हैं?
GNSS सिग्नल रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करके स्थिति, नेविगेशन और समय के बारे में जानकारी ट्रांसफर करते हैं और पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट द्वारा प्रसारित किए जाते हैं।
दुनिया भर की सरकारों द्वारा GPS, गैलीलियो, बेईडू और GLONASS सहित कई GNSS तारामंडल प्रदान किए गए हैं।
लूग्रे चंद्रमा पर कैसे पहुंचा?
लूग्रे को फायरफ्लाई एयरोस्पेस के ब्लू घोस्ट चंद्र लैंडर पर चंद्रमा पर ले जाया गया, जो 2 मार्च को चंद्रमा पर उतरा। लूग्रे उन 10 नासा पेलोड में से एक था जिसे ब्लू घोस्ट ने चंद्रमा पर पहुंचाया था। लैंडिंग के तुरंत बाद, मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में लूग्रे पेलोड ऑपरेटरों ने चंद्र सतह पर अपना पहला विज्ञान ऑपरेशन शुरू किया।
लूग्रे ने पृथ्वी से लगभग 2.25 लाख मील दूर नेविगेशन फिक्स हासिल किया। यह तकनीक 14 दिनों तक लगातार काम करती रहेगी, जिससे GNSS के अतिरिक्त मील के पत्थर स्थापित होंगे। लूग्रे चांद पर विकसित किया गया पहला इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी का हार्डवेयर भी है, जो संगठन के लिए एक मील का पत्थर है।
ट्रंप प्रशासन और हमास के बीच गुप्त वार्ता, बंधकों की रिहाई के लिए दबाव
6 Mar, 2025 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों को रिहा करने की संभावना पर उग्रवादी फलस्तीनी समूह हमास के साथ गुप्त वार्ता कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि बंधक मामलों के लिए अमेरिका के विशेष दूत एडम बोहलर ने हाल के सप्ताहों में कतर की राजधानी दोहा में हमास के साथ सीधी वार्ता की। इससे पहले अमेरिका ने इस इस्लामी समूह के साथ सीधे संपर्क से परहेज किया था।
ट्रंप ने हमास को दी अंतिम चेतावनी
जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास को इसका अनुपालन नहीं करने पर भुगतान करने के लिए नरक की चेतावनी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास आतंकवादियों से गाजा में रखे गए सभी बंधकों को तुरंत रिहा करने के लिए कहा और अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द बंधकों को छोड़ दिया जाए।
ट्रंप ने कही ये बात
ट्रंप ने पोस्ट किया कि यह आपको आखिरी चेतावनी है! नेतृत्व के लिए, अब गाजा छोड़ने का समय है, जबकि आपके पास अभी भी मौका है। साथ ही, गाजा के लोगों के लिए: एक सुंदर भविष्य इंतजार कर रहा है, लेकिन तब नहीं जब आपने बंधक बना के रखा हो। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप मरेंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो भुगतने और नरक में जाने को तैयार रहें।
हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में सीमा पार से हमला किया था, जिससे विनाशकारी गाजा युद्ध शुरू हो गया था। इस तरह की बातचीत अमेरिका की उस नीति के विपरीत है, जो लंबे समय से चली आ रही है कि वाशिंगटन द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध समूहों के साथ सीधे संपर्क नहीं किया जाना चाहिए।
अमेरिका ने 1997 में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया था
अमेरिकी विदेश विभाग ने 1997 में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। गाजा संघर्ष में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते में मदद करने में अमेरिका की पिछली भूमिका इजरायल और कतर और मिस्त्र के मध्यस्थों के साथ काम करना रही है, लेकिन वाशिंगटन और हमास के बीच कोई प्रत्यक्ष बातचीत नहीं है।
9 महीने की लंबी अंतरिक्ष यात्रा: बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स अब धरती पर लौटने को तैयार
5 Mar, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री करीब 9 महीने से फंसे रहने के बाद अब धरती पर लौटने वाली हैं। अंतरिक्ष में वह महज कुछ हफ्तों के लिए गई थीं, लेकिन कैप्सूल में टेक्निकल खराबी आ जाने से उनको अब तक धरती पर वापस नहीं लाया जा सका। जबकि उनके साथ के कुछ यात्री बाद में कुछ महीनों बाद सकुशल वापस लौट आए थे। मगर सुनीता विलियम्स अब तक वापस नहीं आ सकी हैं। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के दो अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता (सुनी) विलियम्स अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद आखिरकार धरती पर लौटने वाले हैं।
बुच विल्मोर और भारतीय मूल की विलियम्स को अगले सप्ताह तक उनकी जगह अन्य अंतरिक्ष यात्री के आने तथा उसके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने तक इंतजार करना होगा। उसके बाद ही वे इस महीने के अंत में अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर निकल सकेंगे। वे अपने ‘स्पेसएक्स राइड होम’ में दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शामिल होंगे। मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान विल्मोर ने कहा कि राजनीति जीवन का हिस्सा है, लेकिन इसने उनकी और विलियम्स की वापसी में कोई भूमिका नहीं निभाई। हालांकि, ‘स्पेसएक्स कैप्सूल’ में बदलाव के कारण उनकी वापसी का समय कुछ हफ्ते और बढ़ गया।
एलन मस्क ने किया है ये ऐलान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ‘स्पेसएक्स’ के मालिक एलन मस्क ने जनवरी के अंत में कहा था कि वे अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में तेजी लाना चाहते हैं। विलंब के लिए उन्होंने पिछले प्रशासन को दोषी ठहराया। विलियम्स ने एक प्रश्न के उत्तर में मस्क के हाल के उस आह्वान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने 2031 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षा से बाहर निकालने के नासा के प्रस्तावित ‘डिऑर्बिट’ अभियान की प्रतीक्षा करने के बजाय, दो वर्षों में ही अंतरिक्ष स्टेशन को बंद करने की बात कही थी। उन्होंने परिक्रमा करने वाली प्रयोगशाला में किए जा रहे सभी वैज्ञानिक अनुसंधानों का उल्लेख किया।
विलियम्स तीन बार अंतरिक्ष स्टेशन में रह चुकी हैं
‘डिऑर्बिट’ करने की योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से लाकर उसे पूरी तरह से जला देना और मलबे को महासागर में गिराना शामिल है। विलियम्स ने कहा, ‘‘यह जगह बहुत बढ़िया है। यह वाकई अद्भुत है, इसलिए मैं कहूंगी कि हम अभी अपने चरम पर हैं।’’ विलियम्स तीन बार अंतरिक्ष स्टेशन में रह चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अभी शायद यह कहने का सही समय नहीं है कि सब कुछ छोड़ दिया जाए।’’ विलियम्स ने कहा कि वह अपने पालतू कुत्तों लैब्राडोर रिट्रीवर्स से फिर से मिलने का और इंतजार नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित रूप से लंबे समय तक अंतरिक्ष स्टेशन में रहने पर सबसे कठिन दौर का उनके परिवारों ने सामना किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनके लिए उतार-चढ़ाव भरा समय रहा है, शायद हमारे लिए इससे थोड़ा ज्यादा। हम यहां हैं। हमारे पास एक मिशन है। हम बस वही कर रहे हैं जो हम हर दिन करते हैं और हर दिन दिलचस्प है क्योंकि हम अंतरिक्ष में हैं। यह बहुत मजेदार है।’’ विल्मोर और विलियम्स को उम्मीद थी कि वे पिछले साल जून में बोइंग के नए ‘स्टारलाइनर कैप्सूल’ की मदद से उड़ान भरेंगे। स्टारलाइनर को अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने में इतनी समस्याएं हुईं कि नासा ने इसे किसी को भी ले जाने के लिए बेहद खतरनाक माना और यह खाली ही लौटा आया।
अमेरिका के हवाई में किलाउआ में हुआ विस्फोट, हर तरफ फैल गया धुआं-धुआं
5 Mar, 2025 03:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में कैलिफोर्निया की आग अभी शांत ही हुई थी कि अब एक और आफत आ पड़ी है. मंगलवार 4 मार्च 2025 को यहां का किलाउआ ज्वालामुखी तेजी से फट पड़ा. इसका लावा 150 फुट की ऊंचाई तक देखा गया है. इस ज्वालामुखी में रुक रुककर विस्फोट हो रहा है, जिस कारण यह खतरा बन रहा है. संभावना जताई जा रही है कि ये लावा अभी और ऊंचाई तक जाएगा. फटते ज्वालामुखी का वीडियो इंटरनेट पर खूब देखा जा रहा है.
ज्वालामुखी में लगातार हो रहा विस्फोट
बता दें कि किलाउआ ज्वालामुखी हवाई क्षेत्र में बिग आइसलैंड के हवाई वोलकेनोज नेशनल पार्क में स्थित है. इसे दुनियाभर में मौजूद सबसे एक्टिव ज्वालामुखियों में से एक माना जाता है. इसमें पिछले साल 23 दिसंबर 2024 से ही विस्फोट होना शुरु हो गया था. वहीं मंगलवार 4 मार्च 2025 को इसमें 12वां विस्फोट हुआ है. इसके बाद से ज्वालामुखी से निकला लावा अबतक 150 फुट से अधिक ऊंचाई तक पहुंच गया है.
ऊंचाई तक उछल रहा लावा
किलाउआ ज्वालामुखी को लेकर 'युनाइटेड स्टेट्स जुयोलॉजिल सर्वे' की ओर से उनके यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया गया है.
इस वीडियो में ज्वालामुखी से तेजी से लावा निकलते हुए देखा जा सकता है. वहीं इसमें तेज विस्फोट भी हो रहा है, जिसके चलते लावा ऊंचाई तक उछल रहा है. इससे आसपास का इलाका पूरा धुएं भर गया है. वहीं पास में लावा की नदी भी बह रही है.
और ऊंचाई तक जाएगा लावा
जारी सर्वे के मुताबिक किलाउआ ज्वालामुखी में सुबह हल्के प्रवाह के साथ लावा निकलना शुरु हुआ था. दोपहर के समय इसमें काफी तेजी आई. इस दौरान लावा 150-165 तक की ऊंचाई तक पहुंचा. इसके अभी और ऊंचाई तक जाने की संभावना है. फिलहाल इस लावा विस्फोट के कारण अबतक आसपास किसी आवासीय इलाके को कोई खतरा नहीं है.
प्रधानमंत्री ली कियांग के ड्राफ्ट बजट में चीन का 1.7 खरब युआन रक्षा खर्च तय
5 Mar, 2025 03:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। चीन ने बुधवार (05 मार्च) को अपना रक्षा बजट पेश किया। पड़ोसी मुल्क ने एक बार फिर अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। ड्रैगन ने रक्षा खर्च के लिए 249 अरब डॉलर का बजट रखा है। यह पिछले साल के बजट की तुलना में 7.2 प्रतिशत अधिक है।
सैन्य ताकत बढ़ाने पर चीन का जोर
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के सामने पेश किए गए ड्राफ्ट बजट में इस साल चीन का रक्षा बजट 1.7 खरब युआन (249 अरब डॉलर) तय किया है। चीन अपनी सेना की ताकत बढ़ाने और अपने सैन्य हथियारों को एडवांस बनाने के लिए काफी पैसे खर्च कर रहा है। चीन की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि शांति और संप्रभुता के लिए ताकत जरूरी है।
अमेरिका को हर मोर्चे पर चीन चुनौती देना चाहता है। बता दें कि भारत के मुकाबले चीन का सैन्य बजट तीन गुना है। हाल ही में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री ने 75 अरब डॉलर सैन्य खर्च के लिए आवंटित किए थे।
टैरिफ वॉर पर चीन ने जताई चिंता
चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच इस वर्ष के लगभग 5% विकास लक्ष्य रखा है। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने व्यापार युद्ध पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के टैरिफ लगाने के फैसले से हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है, लेकिन हम अमेरिका का चुनौतियों का सामने करने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि अमेरिका ने चीन से आयातित सामानों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। वहीं, चीन ने भी अमेरिका पर 10 और 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। चीनी सरकार ने अमेरिका के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे सोया, गेहूं, मक्का, कपास पर 15% और पोर्क, बीफ, समुद्री खाद्य पदार्थ, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पादों पर 10% बढ़ाने का फैसला किया है।
जेडी वेंस ने व्हाइट हाउस में हुई बहस के बीच अपना घर बिक्री के लिए लिस्ट किया, खरीदार मिल गया
5 Mar, 2025 03:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में अपना वर्जीनिया स्थित घर बेच दिया है. जिससे उन्हें लाखों डॉलर का मुनाफा हुआ. खास बात यह है कि यह डील यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जे्लेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में हुई उनकी चर्चित बहस के महज पांच दिन बाद हुई.
जेडी वेंस ने हाल ही में अपना घर जिसका नाम अलेक्जेंड्रिया है उसे बिक्री के लिए लिस्ट किया था. वेंस ने फरवरी 2023 में यह घर 16.39 लाख डॉलर (करीब 13.5 करोड़ रुपये) में खरीदा था और अब 16.95 लाख डॉलर (करीब 14 करोड़ रुपये) में इसे बेच दिया. यानी उन्होंने घर बेचकर लाखों रुपये का मुनाफा कमा लिया.
100 साल पुराना, लेकिन मॉडर्न सुविधाओं से लैस
यह घर 1925 में बना था, लेकिन अंदर से पूरी तरह मॉडर्न लुक में तब्दील कर दिया गया है. 2,500 वर्ग फीट के इस फार्महाउस-स्टाइल घर में 5 बेडरूम, 3 फुल बाथरूम और 1 आधा बाथरूम शामिल हैं.
खास बात यह है कि मुख्य सुइट (मास्टर बेडरूम) में वॉक-इन क्लोसेट, एक अटैच्ड ऑफिस और आधुनिक सुविधाओं से लैस बाथरूम मौजूद है. इसके अलावा, घर में एक बड़ा फैमिली रूम भी है, जिसमें लकड़ी से जलने वाला फायरप्लेस और कस्टम बिल्ट-इन्स हैं. इसके अलावा, इसमें एक अलग एक्सेसरी यूनिट भी है, जिसमें किचनेट, फायरप्लेस और बाथरूम जैसी सुविधाएं दी गई हैं.
लोकप्रिय लोकेशन में स्थित प्रॉपर्टी
यह प्रॉपर्टी वर्जीनिया के डेल रे में स्थित है, जो डेमोक्रेट समर्थकों वाला इलाका माना जाता है. घर के पीछे एक खूबसूरत हार्डस्केप्ड यार्ड है, जो सीधे एक सामुदायिक पार्क से जुड़ता है. साथ ही, यहां एक अलग एक्सेसरी यूनिट भी है, जिसमें एक किचनेट, फायरप्लेस और पूरा बाथरूम मौजूद है.
वेंस के प्रवक्ता ने इस डील पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह सौदा निश्चित रूप से सुर्खियों में है—खासकर तब, जब जेलेंस्की के साथ उनकी बहस की गूंज अभी तक थमी नहीं है.
अभी कहां रहते हैं वेंस?
चुनाव के बाद, वेंस और उनका परिवार वाशिंगटन डी.सी. में उपराष्ट्रपति के आधिकारिक निवास 1 ऑब्ज़र्वेटरी सर्कल में रह रहा है. ये निवास U.S. Naval Observatory परिसर में स्थित है. व्हाइट हाउस के अनुसार, यह घर शुरू में Observatory के सुपरिंटेंडेंट का आधिकारिक निवास हुआ करता था. बाद में इसे औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति के निवास के रूप में नामित किया गया, और तब से यह हर एक उपराष्ट्रपति का आधिकारिक आवास रहा है.