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कैदियों के लिए रमजान में अलग से चिकन-मटन व्यवस्था, इमरान खान के कारण आदियाला जेल में विशेष इंतजाम
3 Mar, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान दूसरी बार जेल में ही रोजा रख रहे हैं. इमरान वर्तमान में पंजाब प्रांत के रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं. यहां पर इमरान दूसरी कैदियों की तरह ही रोज सेहरी और इफ्तारी कर रहे हैं. आदियाला जेल को इमरान की वजह से हाईअलर्ट पर रखा गया है.
इमरान ने इस बार रमजान के बाद सत्ता के खिलाफ सीधे बिगुल फूंकने का ऐलान किया है. इमरान जेल से लगातार पत्र भी लिख रहे हैं. रविवार को इमरान ने अमेरिका समेत दुनिया कई देशों के नाम खुला पत्र लिखा है. इमरान ने दुनिया से पाकिस्तान में लोकतंत्र बचाने की मांग की है.
इमरान एक भी रोजा नहीं करते मिस
इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे, तब वे रमजान और रोजा पर खुलकर अपनी बात कहते थे. इमरान के मुताबिक जब वे क्रिकेट में थे, तब भी और जब राजनीति में हैं, तब भी एक रोजा नहीं मिस करते. इमरान के मुताबिक वे रोजा को लेकर अलग ही प्लान करते हैं.
जेल में भी पिछली बार इमरान खान ने रोजा रखा था. इस बार भी आदियाला जेल में ही इमरान रोजा रख रहे हैं.
इफ्तारी से पहले करते हैं व्यायाम
एक इंटरव्यू में इमरान खान ने बताया कि वे इफ्तारी से एक घंटे पहले व्यायाम करने चले जाते हैं. व्यायाम करने के बाद इफ्तारी करते हैं और फिर कुछ ध्यान करते हैं. इमरान खान के मुताबिक पूरे रमजान में फिट रहने के लिए तेल और मशाला से बने पकवानों से दूरी बनाकर रखते हैं.
इमरान खान ने बताया था कि पूरे रमजान में वे पानी सबसे ज्यादा पीते हैं, जिससे शरीर का संतुलन बना रहे.
जेल में बंद इमरान इफ्तारी में क्या खाते हैं?
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जेल अधीक्षक ने इफ्तारी और सेहरी को लेकर मेन्यू जारी किया है. इसके मुताबिक जेल में बंद कैदियों को 2 तरह के मील्स उपलब्ध कराए जाएंगे. एक स्पेशल और एक रेग्युलर भोजन है.
रेग्युलर भोजन के तहत शेहरी के वक्त में कैदियों को खजूर, शरबत, चाय और खाना उपलब्ध कराया जाएगा. नॉर्मल खाना में चावल, दाल, सब्जी और आचार के साथ अंडा उपलब्ध कराया गया है.
पूरे रमजान में आदियाला जेल (जिसमें इमरान बंद हैं) के कैदियों को 4 दिन चिकन और 3 दिन मटन उपलब्ध कराया जाएगा. सेहरी के वक्त में अंडा और पराठा कैदियों को उपलब्ध कराने की बात जेल अधीक्षक ने कही है.
इमरान खान के लिए अलग से भोजन तैयार होगा. इमरान की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला जेल में किया गया है.
बांग्लादेश में पुलिस की बर्बरता और न्यायेतर हत्याओं का हवाला, मोहम्मद यूनुस से होगा हिसाब
3 Mar, 2025 12:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के प्रशासन के तहत किए गए कथित "अत्याचारों" का दस्तावेजीकरण करने वाले रिकॉर्ड के "सावधानीपूर्वक संरक्षण" का आह्वान किया है।
ढाका ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के साथ रविवार की बैठक के दौरान, यूनुस ने इस बात पर जोर दिया कि उचित अभिलेखीय प्रणाली के बिना "सच्चाई जानना और न्याय सुनिश्चित करना मुश्किल है"।
यूनुस ने यूएन के सामने क्या जवाब दिया?
मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्य सलाहकार ने संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ग्वेन लुईस और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञ हुमा खान के साथ अपनी बातचीत के दौरान शापला चत्तर में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई, डेलवर हुसैन सईदी फैसले के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता और वर्षों की कथित न्यायेतर हत्याओं का हवाला दिया।
जवाब में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मानवाधिकारों के हनन का दस्तावेजीकरण करने में बांग्लादेश की सहायता करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की। लुईस ने तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञता की पेशकश करते हुए कहा, "यह उपचार और सत्य-निर्माण की एक प्रक्रिया है।"
यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र का जताया आभार
यूनुस ने जुलाई-अगस्त 2024 के विद्रोह के बाद मानवाधिकारों के उल्लंघन पर संगठन की हालिया तथ्य-खोज रिपोर्ट की भी सराहना की, जिसके कारण सत्ता से 15 साल के अवामी लीग शासन का अंत हुआ और हसीना भारत भाग गईं।
लुईस के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क 5 मार्च को जिनेवा में मानवाधिकार परिषद सत्र में दस्तावेज़ प्रस्तुत करेंगे। यूनुस ने कहा, “हमें बहुत खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है, यह समय पर है।"
रोहिंग्या शरणार्थियों की दुर्दशा पर हुई चर्चा
इस चर्चा में रोहिंग्या शरणार्थियों की दुर्दशा पर भी चर्चा हुई, जिसमें लुईस ने घटती अंतरराष्ट्रीय सहायता पर चिंता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 13 से 16 मार्च तक बांग्लादेश का दौरा करेंगे। लुईस को उम्मीद है कि यह यात्रा शरणार्थी संकट पर वैश्विक ध्यान फिर से केंद्रित करेगी।
लुईस ने कहा, "हम पैसे की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं।" उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए खाद्य आपूर्ति और अन्य बुनियादी जरूरतों को बनाए रखने के लिए प्रति माह 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है।
डेटा प्राइवेसी जांच: टिकटॉक, रेडिट और Imgur कैसे करते हैं बच्चों की उम्र का आकलन?
3 Mar, 2025 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्रिटेन। ब्रिटेन में एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे हैं। इस बीच ब्रिटेन के प्राइवेसी वॉचडाग, सूचना आयुक्त कार्यालय ने इस बात की जांच शुरू की कि टिकटॉक, रेडिट और ऑनलाइन इमेज शेयरिंग वेबसाइट Imgur बच्चों की प्राइवेसी की सुरक्षा कैसे करते हैं।
सोशल मीडिया कंपनी कंटेट को प्राथमिकता देने और यूजर्स को जोड़े रखने के लिए एल्गोरिथम का इस्तेमाल करती है। हालांकि, फैक्ट यह है कि वे समान कंटेट को बढ़ाते हैं, जिससे बच्चों पर कंटेट की बढ़ती मात्रा का गलत प्रभाव पड़ सकता है।
रेडिट समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जांच
वॉचडाग ने कहा कि यह जांच कर रही है कि बाइटडांस का शॉर्ट-फॉर्म वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म टिकटॉक अपने फीड में कंटेट का सुझाव देने के लिए 13-17 साल के बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल कैसे करता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट और इमेजुर की जांच की जा रही है कि वे इस्तेमाल करने वाले बच्चे की उम्र का आकलन कैसे करते हैं।
एक्शन लेगा सूचना आयुक्त
सूचना आयुक्त कार्यालय ने एक बयान में कहा,
'अगर हमें इस बात के पर्याप्त सबूत मिलते हैं कि इनमें से किसी भी कंपनी ने कानून तोड़ा है, तो हम इस बारे में उनसे बात करेंगे और अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उनके विचार जानेंगे।' TikTok, Reddit और Imgur ने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
ब्रिटेन ने पहले भी पारित किया कानून
ब्रिटेन ने पहले कानून पारित किया है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए सख्त नियम निर्धारित करता है, जिसमें उनके लिए उम्र सीमा और आयु-जांच उपायों को लागू करके बच्चों को हानिकारक और उम्र के हिसाब से कंटेट तक पहुंचने से रोकना शामिल है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पिछले साल प्रकाशित प्रस्तावित ब्रिटिश उपायों के तहत बच्चों की सुरक्षा में मदद करने के लिए हानिकारक सामग्री को फिल्टर करने या डाउनग्रेड करने के लिए अपने एल्गोरिथम को वश में करना आवश्यक है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को मिली अंतरराष्ट्रीय समर्थन, ट्रंप के साथ हुई तीखी बहस के बाद
3 Mar, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से हुई तीखी नोकझोंक के बाद कई यूरोपीय देश यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ आ गए हैं। ब्रिटेन और फ्रांस यूक्रेन के साथ मिलकर युद्ध विराम की योजना पर काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इस बीच ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने कहा कि वह 1.6 बिलियन पाउंड ($2 बिलियन) के फंड से यूक्रेन को 5000 एयर डिफेंस मिसाइलें देगा।
रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्मर ने रविवार को लंदन में पश्चिमी नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,
'यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और यूक्रेन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।'
क्या है यूरोपीय देशों का उद्देश्य?
स्टार्मर ने कहा कि इसका लक्ष्य यूक्रेन को सबसे मजबूत स्थिति में लाना है, ताकि देश मजबूत स्थिति से बातचीत कर सके। पश्चिमी नेता, जिनमें एक दर्जन से अधिक यूरोपीय राष्ट्राध्यक्ष और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल थे, रविवार को लंदन में रक्षा शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र हुए, जिसका उद्देश्य यूक्रेन के लिए शांति योजना को आगे बढ़ाना था।
स्टार्मर ने कहा कि शिखर सम्मेलन में नेताओं ने यूक्रेन में शांति की गारंटी के लिए चार-चरणीय योजना पर सहमति व्यक्त की थी।
संघर्ष जारी रहने तक यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखना और रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाना है यह सुनिश्चित करना कि कोई भी स्थायी शांति यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा की गारंटी देती है, जिसमें किसी भी वार्ता के लिए यूक्रेन को शामिल किया जाता है।
शांति समझौते की स्थिति में रूस द्वारा किसी भी भविष्य के आक्रमण" को रोकना और यूक्रेन की रक्षा करने और देश में शांति बनाए रखने के लिए "इच्छुक लोगों का गठबंधन" स्थापित करना है।
नेताओं ने इन प्रयासों के पीछे की गति को बनाए रखने के लिए जल्द ही फिर से मिलने पर भी सहमति व्यक्त की।
डोनाल्ड ट्रंप से हुआ था झगड़ा
यह शिखर सम्मेलन राजनयिक तनाव के बीच हुआ, पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच अनुमानित कच्चे माल के समझौते को रद्द कर दिया गया था।
युद्ध रोकने के प्लान पर काम करेंगे ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन
इस बैठक से पहले स्टार्मर ने कहा था कि ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन मिलकर रूस-यूक्रेन जंग को रोकने के प्लान पर काम करने के लिए राजी हुए हैं। ये प्रस्ताव अमेरिका के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये प्लान तभी काम करेगा जब अमेरिका अपनी सुरक्षा गारंटी पर टिका रहेगा।
रोहतक में कांग्रेस नेता की बेरहमी से हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
2 Mar, 2025 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के रोहतक में कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल की हत्या की गुत्थी शव मिलने के 24 घंटे बाद भी नहीं सुलझी है. हिमानी को बेरहमी से कत्ल कर उनके शव को सूटकेस में ठूंसकर उसे एक फ्लाईओवर के पास फेंका गया था. पुलिस घटना की तफ्तीश के लिए जुटी हुई है. कातिल कौन है? इसका पता लगाया जा रहा है. लेकिन पुलिस अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने पर हत्या किस तरह की गई, इसका पता लगाया जा सकता है.
पुलिस घटना को लेकर जांच कर रही है. इन सबके बीच बताया जा रहा है कि पूर्व में कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल के पिता ने सुसाइड किया था. वहीं, इनके भाई की रंजिश के चलते हत्या कर दी गई थी. पुलिस इन मामलों को जोड़कर भी जांच कर रही है. हिमानी नरवाल कांग्रेस पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता थीं. भारत जोड़ो यात्रा में वह राहुल गांधी के साथ हरियाणवी ड्रेस पहने नजर आई थीं. हिमानी का शव सूटकेस में मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने एसआईटी गठित कर जांच की मांग की है.
वकालत की कर रही थीं पढ़ाई
कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल रोहतक जिले के विजय नगर की रहने वाली थीं. वह वहीं से वकालत की पढ़ाई (second year student in law) कर रही थीं. हिमानी पिछले पांच साल से लगातार कांग्रेस पार्टी में एक्टिव थीं. वह कांग्रेस पार्टी में आने से पहले ही कॉलेज के दिनों से 2016 में एनएसयूआई में शामिल हो गई थीं. हिमानी चर्चा में तब आईं, जब राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में वह हरियाणवी पहनावे में साथ दिखी थीं.
पिता ने किया सुसाइड, भाई का हुआ मर्डर
हिमानी नरवाल लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में सक्रिय रही थीं. वह पार्टी की कोई भी गतिविधि एक्टिव कार्यकर्ता के रूप में सबसे आगे देखी गईं. बताया जा रहा है कि हिमानी के पिता ने पारिवारिक कारणों के चलते कई साल पहले सुसाइड कर लिया था. वहीं, उनके भाई की रंजिश के चलते मर्डर कर दिया गया था. हिमानी अपने छोटे भाई और मां के साथ विजय नगर में किराए के घर में रह रही थीं. हालांकि, उनका का भाई और मां बीच-बीच में नजफगढ़ चले जाते थे. मिली जानकारी के मुताबिक, हिमानी का जिस दिन मर्डर हुआ वह अपने दोस्तों के साथ थीं. पुलिस घटना की जांच कर रही है.
सूटकेस में शव, चेहरा हो गया था नीला
हिमानी नरवाल का शव रोहतक जिले के सांपला में एक फ्लाईओवर के किनारे नीले रंग के सूटकेस में मिला था. पुलिस के मुताबिक, शव को सूटकेस में ठूंसा गया था. मृतका का चेहरा नीला पड़ा हुआ था और हाथों पर मेहंदी लगी हुई थी. आशंका जताई जा रही है कि हिमानी का गला घोंटकर हत्या कर सुबूत मिटाने के लिए उसे यहां फेंका गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. वारदात के बाद कांग्रेस पार्टी ने एसआईटी का गठन कर जांच कराए जाने की मांग की है.
भारत में चल रहे ट्रांसजेंडर क्लीनिक बंद, मस्क ने कसा तंज
2 Mar, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सैन फ्रांसिस्को। भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शुरू किए गए तीन क्लिनिक बंद हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट द्वारा दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगने के बाद यह कदम उठाया गया है। इस फंडिंग में कटौती से करीब पांच हजार लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी थी। यह फैसला उनकी अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत लिया गया, जिसके अंतर्गत अमेरिकी करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित सभी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है।
ट्रंप ने पहले भी इस संस्था द्वारा भारत में मतदाता जागरूकता पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आलोचना की थी। भारत सरकार ने पिछले सप्ताह इस मामले की जांच शुरू करने की बात कही थी। इस घटना ने भारत और अमेरिका दोनों में राजनीतिक बहस छेड़ दी है। ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क और रिपब्लिकन सीनेटर जॉन केनेडी ने इस तरह की फंडिंग की आलोचना की है। मस्क ने सोशल मीडिया एक्स पर तंज कसते हुए कहा कि अमेरिकी करदाताओं के पैसों से ये सब हो रहा था।
बता दें कि इन क्लिनिकों का नाम मित्र क्लिनिक रखा गया था, जो मुख्य रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय के डॉक्टरों, काउंसलरों और अन्य कर्मचारियों द्वारा संचालित की जाती थीं। ये क्लिनिक हैदराबाद, कल्याण और पुणे शहरों में स्थित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन क्लिनिकों ने करीब पांच हजार लोगों को सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें हार्मोन थेरेपी, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, एचआईवी और अन्य यौन संचारित रोगों से संबंधित काउंसलिंग, कानूनी सहायता और सामान्य चिकित्सा देखभाल शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट में एक सूत्र ने बताया कि हर क्लिनिक को सालाना करीब 30 लाख रुपए की जरूरत थी और इनमें औसतन 8 कर्मचारी काम करते थे। फंडिंग बंद होने के बाद अब ये क्लिनिक वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
तुर्किये में थम गई 40 साल पुरानी जंग
2 Mar, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंकारा। तुर्किये में कुर्द अलगाववादी और सरकार के बीच 40 साल से जारी संघर्ष खत्म हो गया है। आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के उग्रवादियों ने तुर्किये के साथ सीजफायर की घोषणा कर दी है। एक दिन पहले ही जेल में बंद आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी नेता अब्दुल्ला ओकलान ने संगठन को भंग करने की आदेश दिया था। आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने ओकलान का हवाला देते हुए कहा- शांति और लोकतांत्रिक समाज के लिए हमारे नेता के आदेश पर हम आज से सीजफायर की घोषणा कर रहे हैं। आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी की उत्तरी इराक में मौजूद शाखा ने कहा कि हम भी सीजफायर का पालन करेंगे। जब तक हम पर हमला नहीं किया जाता, तब तक हमारी सेना भी कोई हिंसक कार्रवाई नहीं करेगी। तुर्किये, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। तुर्किये की 8.5 करोड़ आबादी में कुर्दों की संख्या लगभग 1.5 करोड़ यानी 20 प्रतिशत है।
1984 से छेड़ रखी थी जंग
1978 में बने इस संगठन की मांग थी कि उन्हें तुर्किये से अलग करके कुर्दिस्तान बनाया जाए, या फिर तुर्किये के अंदर कुर्दों को पहले से ज्यादा अधिकार दिए जाएं। इस मांग के साथ संगठन ने 1984 में तुर्किये सरकार के खिलाफ जंग छेड़ी थी। इस जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके चलते तुर्किये, अमेरिका और यूरोपीय संघ इस संगठन को आतंकी घोषित कर चुके हैं। संगठन के नेता अब्दुल्लाह ओकलान को 1विनोद उपाध्याय / 01 मार्च, 2025 में तुर्की की स्पेशल फोर्स ने केन्या में पकड़ा था। तब से उसे इस्तांबुल की एक जेल में कैद रखा गया है, जहां वह उम्रकैद की सजा काट रहा है।
अमेरिकी से भगाए जाने के बाद ब्रिटेन पहुंचे यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बदले सुर, बोले- हमारे लिए ट्रंप का समर्थन पाना जरूरी
2 Mar, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बहस के बाद व्हाइट हाउस से बाहर निकाले गए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ब्रिटेन पहुंचे। इस दौरान जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा कि हम सभी तरह के समर्थन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के बहुत आभारी हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप, कांग्रेस और अमेरिकी लोगों के द्विदलीय समर्थन के लिए भी उनका आभारी हूं। यूक्रेन के लोगों ने हमेशा इस समर्थन की सराहना की है, खासकर इन तीन वर्षों के आक्रमण के दौरान।जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका की मदद हमारे अस्तित्व को बचाने में महत्वपूर्ण रही है और मैं इसे स्वीकार करना चाहता हूं। कठिन वार्ता के बावजूद, हम रणनीतिक साझेदार बने हुए हैं। लेकिन हमें अपने साझा लक्ष्यों को सही मायने में समझने के लिए एक-दूसरे के साथ ईमानदार और सीधे रहने की जरूरत है।
ट्रंप का समर्थन बेहद जरूरी
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारे लिए राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन पाना बहुत जरूरी है। वह युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। हमसे अधिक कोई शांति नहीं चाहता। यह हमारी आजादी और हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। जैसा कि राष्ट्रपति रीगन ने एक बार कहा था, शांति का मतलब सिर्फ युद्ध की अनुपस्थिति नहीं है। हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की बात कर रहे हैं। सभी के लिए स्वतंत्रता, न्याय और मानवाधिकार। पुतिन के साथ युद्धविराम काम नहीं करेगा। उन्होंने पिछले दस सालों में 25 बार युद्धविराम तोड़ा है। वास्तविक शांति ही एकमात्र समाधान है।
खनिज समझौते के लिए हम तैयार
जेलेंस्की ने कहा कि हम खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं और यह सुरक्षा गारंटी की दिशा में पहला कदम होगा। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हमें इससे भी ज्यादा की जरूरत है। सुरक्षा गारंटी के बिना युद्ध विराम यूक्रेन के लिए खतरनाक है। हम तीन साल से लड़ रहे हैं और यूक्रेनी लोगों को यह जानने की जरूरत है कि अमेरिका हमारे पक्ष में है। मैं रूस पर यूक्रेन की स्थिति नहीं बदल सकता। रूसी हमें मार रहे हैं। रूस दुश्मन है और यही सच्चाई है जिसका हम सामना कर रहे हैं। यूक्रेन शांति चाहता है, लेकिन यह एक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति होनी चाहिए। इसके लिए हमें बातचीत की मेज पर मजबूत होना चाहिए। शांति तभी आ सकती है जब हमें पता हो कि हमारे पास सुरक्षा की गारंटी है। जब हमारी सेना मजबूत है और हमारे साथी हमारे साथ हैं।
अमेरिका के समर्थन के बिना युद्ध रोकना मुश्किल
उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं। इसीलिए मैं अमेरिका आया और राष्ट्रपति ट्रंप से मिला। खनिजों पर समझौता सुरक्षा गारंटी और शांति के करीब पहुंचने की दिशा में पहला कदम है। हमारी स्थिति कठिन है, लेकिन हम लड़ाई बंद नहीं कर सकते और यह गारंटी नहीं ले सकते कि पुतिन कल वापस नहीं आएंगे। अमेरिका के समर्थन के बिना यह मुश्किल होगा। लेकिन हम अपनी इच्छाशक्ति, अपनी स्वतंत्रता या अपने लोगों को नहीं खो सकते। हमने देखा है कि कैसे रूसी हमारे घरों में घुसे और लोगों को मार डाला। कोई भी कब्जे की एक और लहर नहीं चाहता। अगर हमें नाटो में स्वीकार नहीं किया जा सकता है तो हमें अमेरिका में अपने सहयोगियों से सुरक्षा गारंटी की कुछ स्पष्ट संरचना की आवश्यकता है।
हम अकेले रूस को नहीं रोक सकते
उन्होंने कहा कि यूरोप आकस्मिकताओं के लिए तैयार है और हमारी बड़ी सेना को वित्तपोषित करने में मदद करने के लिए तैयार है। हमें सुरक्षा गारंटी को परिभाषित करने में अमेरिका की भूमिका की भी आवश्यकता है कि किस तरह की, कितनी मात्रा में और कब। एक बार ये गारंटी लागू हो जाने के बाद हम रूस, यूरोप और अमेरिका के साथ कूटनीति के बारे में बात कर सकते हैं। अकेले युद्ध बहुत लंबा है और हमारे पास उन्हें पूरी तरह से खत्म करने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं। जब कोई नुकसान के बारे में बात करता है, तो हर एक जीवन मायने रखता है। रूस ने हमारे घरों पर हमला किया, हमारे लोगों को मार डाला और हमें मिटाने की कोशिश की। यह सिर्फ इलाकों या संख्याओं के बारे में नहीं है - यह असल जिंदगी के बारे में है। यही बात हम सभी को समझनी चाहिए।
अमेरिका हमारे पक्ष में मजबूती से खड़ा हो
उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अमेरिका हमारे पक्ष में और अधिक मजबूती से खड़ा हो। यह सिर्फ हमारे दो देशों के बीच का युद्ध नहीं है। रूस ने इस युद्ध को हमारे क्षेत्र और हमारे घरों में लाया है। वे गलत हैं क्योंकि उन्होंने हमारी क्षेत्रीय अखंडता का अनादर किया है। सभी यूक्रेन वासी हमारे पक्ष में अमेरिका की मजबूत स्थिति सुनना चाहते हैं। यह समझ में आता है कि अमेरिका पुतिन के साथ बातचीत की कोशिश कर रहा है। लेकिन अमेरिका ने हमेशा ताकत के माध्यम से शांति की बात की है। हम सब मिलकर पुतिन के खिलाफ मजबूत कदम उठा सकते हैं।
ट्रंप और मेरा रिश्ता दो नेताओं से बढक़र
जेलेंस्की ने लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ दो नेताओं से कहीं बढक़र है। यह हमारे लोगों के बीच एक ऐतिहासिक और मजबूत रिश्ता है। इसलिए मैं हमेशा अपने देश की ओर से अमेरिकी राष्ट्र के प्रति आभार के शब्दों से शुरुआत करता हूं। अमेरिकी लोगों ने हमारे लोगों को बचाने में मदद की। मनुष्य और मानवाधिकार सबसे पहले आते हैं। हम वास्तव में आभारी हैं। हम अमेरिका के साथ केवल मजबूत संबंध चाहते हैं और मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हमारे पास वे होंगे।
बहादुरगढ़ हादसा: कार ने टोल कर्मी को टक्कर मारी, बोनट पर लटकते हुए हुई मौत
1 Mar, 2025 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बहादुरगढ के रोहद टोल प्लाजा पर तेज रफ्तार गाड़ी ने एक टोलकर्मी को ही टक्कर मार दी। टक्कर के बाद टोलकर्मी आरोपी की गाड़ी के बोनट पर लटका रहा लेकिन आरोपी ने गाड़ी नहीं रोकी। कुछ दूर जाने के बाद बोनट से पकड़ ढीली होने पर टोलकर्मी नीचे गिर गया और गाड़ी भी दूर जाकर खेतों में पलट गई। इस घटना में टोलकर्मी की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज के आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की बात कही है।
जानकारी के अनुसार गुरुग्राम के नंबरों की बलेनो गाड़ी बिना टोल दिए रोहद टोल को क्रॉस कर रही थी। इसी दौरान टोल पर तैनात कर्मचारी संजय ने गाड़ी रोकने की कोशिश की। जिससे गुस्साए गाड़ी चालक ने उसे सीधी टक्कर मार दी। टक्कर के बाद टोलकर्मी कार के बोनट पर लटका रहा लेकिन फिर भी गाड़ी नहीं रोकी। आगे जाकर टोलकर्मी आगे जाकर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। ये पूरी घटना टोल की सीसीटीवी में कैद हो गई। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। वहीं आसौदा थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर विनोद ने बताया कि घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपी की पहचान कर जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जेलेंस्की बोले, 'जब युद्ध खत्म होगा, तभी सूट पहनूंगा' – व्हाइट हाउस में हल्की बहस
1 Mar, 2025 04:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और यूक्रेन के बीच संबंधों में बढ़ती तल्खी एक और विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गई. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात पहले से ही तनावपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन एक पत्रकार के सवाल ने माहौल को और गर्मा दिया. सवाल जेलेंस्की के पहनावे को लेकर था, जिसे सुनते ही यूक्रेनी राष्ट्रपति बौखला गए. इस सवाल के बाद व्हाइट हाउस में हुई यह बैठक गरमागरम बहस में बदल गई.
दरअसल, वोलोडिमिर जेलेंस्की हमेशा की तरह मिलिट्री-स्टाइल की टी-शर्ट और ट्राउजर में व्हाइट हाउस पहुंचे थे. एक अमेरिकी पत्रकार ने उनसे सवाल किया, ‘आप सूट क्यों नहीं पहनते? क्या आपके पास सूट नहीं है? यह सवाल सुनकर वहां मौजूद लोग चौंक गए. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस और कई अधिकारी यह सुनकर हंस पड़े. लेकिन जेलेंस्की को यह सवाल पसंद नहीं आया. उन्होंने तीखे लहजे में जवाब दिया, ‘आपको कोई समस्या है?’ इस पर पत्रकार ने कहा कि ‘कई अमेरिकियों को इस बात से समस्या है कि व्हाइट हाउस जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर कोई व्यक्ति ड्रेस कोड का पालन नहीं करता.’
जब युद्ध खत्म होगा, तब पहनूंगा सूट…
जेलेंस्की ने जवाब दिया, ‘जब यह युद्ध खत्म होगा, तब मैं सूट पहनूंगा. शायद आपकी तरह, या फिर उससे भी अच्छा, हो सकता है कि उससे सस्ता ही पहनूं, देखते हैं.’ इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने माहौल को हल्का करने की कोशिश करते हुए कहा, मुझे तुम्हारा पहनावा पसंद है. लेकिन यह विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ. सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बड़ी बहस छिड़ गई. कई लोगों ने पूछा कि अगर एलन मस्क कैबिनेट बैठक में टी-शर्ट और कैप पहनकर आ सकते हैं, तो जेलेंस्की के पहनावे पर सवाल क्यों उठाया गया?
व्हाइट हाउस में बढ़ा तनाव, यूक्रेन को झटका
इस मुलाकात का असली मकसद यूक्रेन में मौजूद दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Minerals) को लेकर एक डील पर बातचीत करना था. अमेरिका चाहता था कि यूक्रेन उसे अपने खनिज संसाधनों तक पहुंचने की अनुमति दे, जिससे उसकी टेक और डिफेंस इंडस्ट्री को मजबूती मिले. लेकिन जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं थे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच खासी बहस हुई. जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस ने रूस के साथ कूटनीतिक हल निकालने की सलाह दी, तो जेलेंस्की भड़क गए. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव नहीं डाल सकता, तो उसे यूक्रेन से सहयोग की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए.
हवाई यात्रा में डरावना अनुभव, कपल के बगल में रखा गया शव
1 Mar, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर फ्लाइट में आपको पता चले की बगल वाली सीट पर शव पड़ा है, आपको कैसा महसूस होगा। आप डर से कांप जाएंगे। ऐसा ही मंजर ऑस्ट्रेलिया से वेनिस जा रहे एक कपल के साथ देखने को मिला है। उनका हवाई सफर एक डरावनी यात्रा में बदला गया।
दरअसल, कतर एयरवेज की मेलबर्न से दोहा की उड़ान में सफर कर रहा कपल छुट्टी मनाने निकला था, तभी उसे ये सब झेलना पड़ा। अब एयरलाइन कंपनी इस पर सफाई दे रही है।
मृत महिला को कंबल में लपेटकर साथ में रखा
कपल ने ऑस्ट्रेलिया के चैनल नाइन को बताया कि मेलबर्न से दोहा की उड़ान के दौरान हुए अनुभव से वे सदमे में हैं। मिशेल रिंग और जेनिफर कॉलिन ने कहा कि केबिन क्रू ने 14 घंटे की उड़ान के आखिरी चार घंटों के लिए मृत महिला को कंबल में लपेटकर मिस्टर रिंग के बगल में रखा था।
रिंग ने बताया कि एयरलाइन ने उनसे कहा कि वे हट जाएं और फिर महिला को उस सीट पर बैठा दें जिस पर वे बैठे थे। उन्होंने कहा कि एक अन्य यात्री ने उनकी पत्नी को गलियारे में उनके बगल में बैठने के लिए आमंत्रित किया, हालांकि, उन्होंने कहा कि विमान के कर्मचारियों ने उन्हें कहीं और बैठने की बात नहीं की, भले ही आसपास खाली सीटें थीं।
कपल ने कहा,
हम समझते हैं कि महिला की मौत के लिए एयरलाइन को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से उसके बाद विमान में सवार ग्राहकों की देखभाल के लिए एक प्रोटोकॉल होना चाहिए।
सबके सामने चेहरा दिखाया
कपन ने ये भी बताया कि विमान के उतरने के बाद, यात्रियों को वहीं रहने के लिए कहा गया। जबकि मेडिकल स्टाफ और पुलिस विमान में सवार हो गए। एम्बुलेंस अधिकारियों ने महिला से कंबल हटाना शुरू कर दिया और उन्होंने उसका चेहरा देखा।
कपल ने कहा कि ये विश्वास से परे था कि उन्होंने हमें रुकने के लिए कहा। सभी को लग रहा था कि मेडिकल स्टाफ के आने से पहले वे यात्रियों को जाने देंगे।
कतर एयरवेज ने दी सफाई
कतर एयरवेज ने घटना पर सफाई दी है। कंपनी ने इसके कारण हुई किसी भी असुविधा या परेशानी के लिए माफी मांगी है। कंपनी ने कहा, "सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी संवेदनाएं उस यात्री के परिवार के साथ हैं, जो हमारे विमान में दुखद रूप से मर गया।''
बीबीसी को दिए गए एक बयान में, एयरलाइन ने मृत यात्री के बगल में बैठाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उसके चालक दल ने उचित और पेशेवर तरीके से काम किया। एक आंतरिक समीक्षा में पाया गया कि यात्रियों को अन्य सीटों पर बिठाया गया था और एक चालक दल का सदस्य उड़ान की अवधि के दौरान मृतक यात्री के साथ दोहा में उतरने तक हर समय बैठा था।
व्हाइट हाउस में ट्रंप-जेलेंस्की बहस के बाद अमेरिका ने रोकी मदद
1 Mar, 2025 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने बड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य और आर्थिक सहायता बंद करने की घोषणा कर दी है. व्हाइट हाउस में हुए बवाल के बाद, अमेरिका ने ऐलान कर दिया कि अब यूक्रेन को और मदद नहीं दी जाएगी. शुक्रवार को जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों नेताओं खूब तीखी बहस हुई. ये बहस इतनी बढ़ गई थी कि ट्रंप को आखिरकार ये कहना पड़ गया कि आज से आपके बुरे दिन शुरू. वहीं, जेलेंस्की के जाने के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि जब आप शांति के लिए तैयार हो जाए तब वापस आइएगा.
इसी बीच शनिवार को व्हाइट हाउस ने ऐलान कर दिया कि अब वो इस युद्द में यूक्रेन को किसी भी तरह की मदद नहीं करेगा. यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली मदद में हथियारों, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता शामिल थी. इस कटौती से यूक्रेन की युद्धक्षमता पर गहरा असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से रूस को बढ़त मिल सकती है.
खनिज डील जेलेंस्की की ना
दोनों नेताओं की मुलाकात यूक्रेन में मौजूद खनिज भंडार को लेकर हुई थी. इस डील में था कि खनिज भंडार के बदले अमेरिका यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता देता रहेगा. लेकिन खनिज भंडार को लेकर जेलेंस्की ने मना कर दिया और अमेरिकी राष्ट्रपति से तीखी बहस कर ली. इसके बाद अमेरिका के व्हाइट हाउस से ऐलान कर दिया गया कि यूक्रेन को अब मदद नहीं दी जाएगी. ऐसे में यूक्रेन के पास अब सिर्फ और सिर्फ यूरोपीय देशों का ही सहारा है.
यूएन से भी मदद हो जाएगी कम
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बात होने से पहले ही संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कई यूक्रेनी क्षेत्रों में वित्तीय सहायता कार्यक्रमों को निलंबित कर दिया. यूएन महासचिव गुटेरेस ने कहा कि अमेरिका से समर्थन में कमी के कारण वित्तीय सहायता कार्यक्रमों को निलंबित किया गया है. बता दें, ट्रंप ने पहले ही कहा था कि अब अमेरिका ज्यादा फंडिग नहीं करेगा. इसको लेकर यूएन महासचिव गुटेरस ने अमेरिकी सरकार से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था. हालांकि, व्हाइट हाउस में हुए बवाल के बाद अब तो मामला और बिगड़ गया है.
नदी में जहाज और नौका की भिड़ंत, 11 लोगों की दर्दनाक मौत
1 Mar, 2025 01:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन। चीन के दक्षिणी हिस्से में एक नदी में तेल रिसाव को साफ करने वाले एक पोत ने एक छोटी नौका को टक्कर मार दी। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है और पांच अन्य लोग लापता बताए जा रहे हैं।
सरकारी मीडिया ने शु्क्रवार रात को इस हादसे के बारे में जानकारी दी थी। देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हवाले से पीटीआई ने बताया कि मंगलवार को ये घटना घटी थी।
पानी में गिरे थे 19 लोग
रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार सुबह हुनान प्रांत में युआनशुई नदी में एक पोत ने एक छोटी नौका को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद 19 लोग पानी में गिर गए थे। हालांकि समय रहते तीन लोगों को बचा लिया गया था।
घटना उस जगह पर घटी थी, जहां नदी औसतन 60 मीटर (200 फुट) से अधिक गहरी और 500 मीटर (1600 फुट) चौड़ी है। तलाश एवं बचाव अभियान लगातार जारी है।
जांच के दायरे में पोत में सवार तीन लोग
दुर्घटना में बचे एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने शंघाई के समाचार पत्र को बताया कि नाव के जरिए ही वो लोग गांव से आना-जाना करते हैं। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे तेल रिसाव को साफ करने वाला एक बड़ा पोत शांत पानी में एक नौका को पीछे से टक्कर मारता है। चीन की रिपोर्ट ने बताया कि पोत पर सवार तीन लोग पुलिस की जांच के दायरे में हैं और उनमें से कोई भी घायल नहीं हुआ है।
खनिज समझौते पर ट्रंप और जेलेंस्की के बीच सहमति नहीं बनी
1 Mar, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को खनिज समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ट्रंप ने किसी समझौते से इनकार नहीं किया है।
रॉयटर के मुताबिक जलेंस्की ट्रंप बहस के कुछ देर के बाद ही व्हाइट हाउस से निकल गए थे। ट्रंप और जेलेंस्की की मीटिंग के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस होनी थी लेकिन उसको रद कर दिया गया।
शांति के लिए तैयार होने पर वापस आएं- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेनी नेता को शांति में कोई दिलचस्पी नहीं है जब तक कि उन्हें रूस के साथ युद्ध में अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि वलोडिमर जेलेंस्की ने प्रतिष्ठित ओवल ऑफिस में संयुक्त राज्य अमेरिका का अनादर किया। वह तब वापस आ सकते हैं जब वह शांति के लिए तैयार हों।
यूरोपीय संघ के नेताओं ने जेलेंस्की के लिए समर्थन दिखाया
यूरोपीय नेता शुक्रवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कतार में खड़े नजर आए। महाद्वीप के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों ने रूस के आक्रमण के खिलाफ युद्ध में ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना नहीं की, लेकिन उनकी टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो गया कि वे कीव के साथ खड़े है।
आप अकेले नहीं हैं जेलेंस्की
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट किया कि "वहां एक हमलावर है: रूस। एक लोग हैं जिन पर हमला हो रहा है: यूक्रेन। वहीं, पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क सोशल मीडिया पर जेलेंस्की और यूक्रेन के लिए अपना समर्थन दिखाते हुए कहा कि आप अकेले नहीं हैं।
ट्रंप ने कहा- जेलेंस्की आप लाखों जिंदगियों से खेल रहे हैं
ओवल हाउस में मीडिया के सामने हुई इस बहस में ट्रंप ने कहा, जेलेंस्की आप लाखों जिंदगियों से खेल रहे हैं। आपका देश खतरे हैं लेकिन आप समझ नहीं रहे हैं। आपको अंतत: रूस से समझौता करना पड़ेगा। जवाब में जेलेंस्की ने कहा, हमें युद्धविराम की जरूरत नहीं है। ट्रंप ने कहा किजेलेंस्की ने अपने प्रतिष्ठित ओवल ऑफिस में संयुक्त राज्य अमेरिका का अनादर किया। वह तब वापस आ सकते हैं जब वह शांति के लिए तैयार हों।
रूसी सरकारी मीडिया रिपोर्टर के ओवल ऑफिस में प्रवेश पर लगाई रोक
व्हाइट हाउस ने रूसी सरकारी मीडिया तास के रिपोर्टर को शुक्रवार को ओवल आफिस में प्रवेश नहीं करने दिया। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि रूसी सरकारी मीडिया एजेंसी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बैठक को कवर करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसलिए रूसी सरकारी मीडिया इस बैठक का मीडिया कवरेज नहीं कर सकेगा।
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा का विमान कोलकाता डायवर्ट, काठमांडू में खराब मौसम
28 Feb, 2025 05:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काठमांडू। नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को लेकर काठमांडू जाने वाले कतर एयरवेज के विमान की शुक्रवार को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। खराब मौसम के कारण त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने में विफल होने के बाद फ्लाइट को कोलकाता डायवर्ट किया गया।
खराब मौसम के चलते इमरजेंसी लैंडिंग
देउबा जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भाग लेने के बाद नियमित उड़ान से घर लौट रहे थे। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सूत्रों के अनुसार, दोहा से कतर एयरवेज का विमान खराब मौसम की स्थिति के बीच कोलकाता में उतरा।
मौसम ठीक होने पर नेपाल वापस लौटेगा विमान
पश्चिमी विक्षोभ के चलते शुक्रवार सुबह काठमांडू घाटी में हल्की बारिश हुई, जिससे विजिबिलिटी कम हो गई।
हवाई अड्डे के एक कर्मचारी ने कहा, "कोलकाता डायवर्ट किया गया कतर एयरवेज का विमान मौसम सामान्य होने पर नेपाल वापस लौटेगा।" देउबा को छोड़कर विमान में यात्रियों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।