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क्या OpenAI पर कब्जा जमाने की तैयारी में Elon Musk? सैम आल्टमैन की बढ़ी चिंता
12 Feb, 2025 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तीन साल पहले ट्विटर (अब एक्स) का अधिग्रहण करने वाले टेस्ला के मालिक एलन मस्क की नजर अब ओपनएआई पर है। उनकी अगुआई वाले कंर्सोटियम ने ओपनएआई को 97.4 अरब डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव दिया है।
रॉयटर्स के मुताबिक ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा, 'नहीं धन्यवाद, लेकिन अगर आप चाहें तो हम ट्विटर को 9.74 अरब डॉलर में खरीद लेंगे।'
मस्क ने खरीदा था ट्विटर
बता दें कि मस्क ने 2022 में ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीद लिया था। उन्होंने बाद में इस इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म का नाम बदलकर एक्स कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई को खरीदने का प्रस्ताव देने वाले मस्क के नेतृत्व वाले कंर्सोटियम में एक्सएआई, बैरन कैपिटल ग्रुप, इमैनुएल कैपिटल मैनेजमेंट और अन्य शामिल हैं।
समझौता होने पर एक्सएआई का ओपनएआई के साथ विलय हो सकता है। मस्क के प्रस्ताव से ओपनएआई के सीईओ आल्टमैन के साथ चैटजीपीटी निर्माता के भविष्य को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के गहराने का अंदेशा जताया जा रहा है।
मस्क ने दिया था बोर्ड से इस्तीफा
मस्क और आल्टमैन ने 2015 में गैर लाभकारी के तौर पर ओपनएआई को शुरू करने में मदद की थी और बाद में उनमें इस बात पर प्रतिस्पर्धा थी कि इसका नेतृत्व किसे करना चाहिए। मस्क के 2018 में बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद से इस स्टार्टअप की दिशा को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
उन्होंने 2023 में एआई स्टार्टअप एक्सएआई की स्थापना की। टेस्ला के सीईओ और इंटरनेट मीडिया कंपनी एक्स के मालिक मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेहद करीबी हैं। उन्होंने ट्रंप के चुनाव में करीब 25 करोड़ डॉलर से मदद की थी।
चीफ एग्जीक्यूटिव हैं आल्टमैन
वह सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं। मस्क ने पिछले वर्ष अगस्त में आल्टमैन और अन्य पर मुकदमा किया था, जिसमें यह आरोप लगाया था कि उन्होंने सार्वजनिक हित की जगह लाभ के लिए अनुबंध के प्रविधानों का उल्लंघन किया।
बता दें कि सैम आल्टमैन ओपनएआई के चीफ एग्जीक्यूटिव हैं। वह नॉन प्रॉफिट के बोर्ड के सदस्य भी है। पिछले साल मई में एक पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने कहा था कि उनके पास कंपनी का एक भी स्टॉक नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आल्टमैन का फोकस ओपनएआई को फुल प्रॉफिट कंपनी बनाने पर है।
मस्क का ऑफर क्यों ठुकराया?
एलन मस्क का ऑफर सैन ऑल्टमैन ने पुराने विवाद की वजह से ठुकराया हो, ऐसा भी नहीं है। दरअसल मस्क ने जिस 97.4 बिलियन डॉलर का ऑफर दिया है, वह ओपनएआई के वैल्यूएशन ने बेहद कम है। बीबीसी के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में हुए ताजा फंडिंग राउंड में ओपनएआई की फंडिंग 157 बिलियन डॉलर आंकी गई थी।
सिर्फ इतना ही नहीं, अनुमान है कि अगले फंडिंग राउंड तक इसकी वैल्यू 300 बिलियन डॉलर की हो जाएगी। जाहिर है कि 300 बिलियन डॉलर वाली कंपनी के प्रमुख आल्टमैन मस्क के 97.4 बिलियन डॉलर वाले ऑफर में तो दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे। हालांकि जानकारों का मानना है कि ऐसा ऑफर देकर मस्क ओपनएआई की वैल्यूएशन बिगाड़ना चाहते हैं।
मस्क पर आल्टमैन के आरोप
अमेरिकी टीवी चैनल ब्लूमबर्ग से बात करते हुए सैम आल्टमैन ने एलन मस्क पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एलन ने लंबे समय से हर तरह की कोशिश की है और यह उसमें से लेटेस्ट हैं। आल्टमैन ने कहा कि मुझे लगता है कि वह शायद हमें स्लो करने की कोशिश कर रहे हैं।
सैम ने कहा कि 'काश वह कोई बेहतर प्रोडक्ट बनाकर मुकाबला कर पाते। ढेर सारे केस, कई फालतू कोशिशें और अब ये। पर हम सिर्फ अपना काम करते रहेंगे।' उन्होंने कहा कि 'शायद मस्क की पूरी जिंदगी इनसिक्योरिटी से भरी हुई है। वह खुश आदमी नहीं हैं। मैं समझ सकता हूं।'
फ्रांस AI एक्शन समिट: नौकरियों पर खतरे के सवाल पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
12 Feb, 2025 11:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पीएम नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) क्षेत्र में वैश्विक गवर्नेंस को पारदर्शी और भरोसेबंद बनाने और विकासशील व विकसित देशों को भी प्रौद्योगिकी की इस नई क्रांति में शामिल करने का आह्वान किया है। उन्होंने एआई को वैश्विक समाज के भलाई और इस बारे में विश्व स्तर पर बेहतर सामंजस्य का आह्लान किया है।
यह आह्वान पीएम मोदी ने पेरिस में तीसरे एआई एक्शन समिट में किया। पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। एआई सेक्टर में चीन की हालिया उपलब्धि के मद्देनजर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि इससे पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों के बीच एआइ के उद्भव से उपजी चुनौतियों का सामना करने को लेकर कोई साझा रोडमैप निकलेगा।
लेकिन पहले दिन की बैठक से स्पष्ट है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच ही एआई नियमन को लेकर काफी विभेद है। अमेरिका ने एआई पर बहुत ज्यादा नियमन का विरोध किया है।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में एआई के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा
एआई अब हमारी राजनीति, हमारे समाज, हमारी इकोनमी और हमारी सुरक्षा को प्रभावित करने लगा है। इस सदी में मानवता के कोड को एआइ ही लिख रहा है। लेकिन यह मानव इतिहास के पहले की प्रौद्योगिक उपलब्धियों से अलग है। यह बहुत ही अप्रत्याशित स्तर पर विस्तारित हो रहा है और इसको अपनाने की गति तो इससे भी तेज है। इसमें एक दूसरे देशों पर निर्भरता भी काफी है। ऐसे में इस बात की जरुरत है कि हम एक वैश्विक गवर्नेंस और इसके मानकों को स्थापित करें जो हमारे साझा मूल्यों पर आधारित हो और उत्पन्न चुनौतियों को दूर करे व भरोसा स्थापित करे।
ग्लोबल साउथ देशों (विकासशील व गरीब) देशों को भी एआई की पूरी पहुंच बनाने की जोरदार वकालत की और इस संदर्भ में भारत की उपलब्धियों को भी गिनाया। मोदी ने बताया कि भारत के पास एआई का सबसे बड़ा प्रशिक्षित पुल है। भारत अपना लार्ज लैंग्वेज मॉड्यूल तैयार कर रहा है, जो यहां की विविधता के मुताबिक होगा।
टेक्नोलॉजी से बदल जाती है काम की प्रकृति: पीएम मोदी
भारत मानवता की भलाई के लिए सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने को तैयार है। एआई के आने से नौकरियों के जाने के खतरे को भी पीएम मोदी ने खारिज करते हुए कहा कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि प्रौद्योगिकी के उभार से रोजगार खत्म हो गये हों, उनकी प्रकृति बदल जाती है।
'मानवता को नया आकार देगा एआई युग'
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि अभी एआई युग की शुरुआत है जो आने वाले समय में मानवता को आकार देगी। कुछ लोग इस बात से सहमे हुए हैं कि यह बुद्धिमता में इंसानों से बेहतर होगी लेकिन हमारे साझा भविष्य की कुंजी किसी और के पास नहीं है, यह हमारे पास ही है।
समिट के बाद 60 देशों ने संयुक्त बयान किया जारी
सम्मेलन के बाद 60 देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है। सम्मेलन में अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वैंस ने यह साफ कर दिया कि अमेरिका यूरोपीय देशों की तरफ से एआई पर सख्ती से नियमन का समर्थन नहीं करता। उन्होंने यूरोपीय देशों की कोशिशों की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की।
संयुक्त बयान में एआइ का इस्तेमाल दुनिया में डिजिटल विभेद (किसी के पास ज्यादा, किसी के पास कम) को खत्म करने और एआइ को सभी के लिए समावेशी, पारदर्शी, सुरक्षित, नैतिक व विश्वसनीय बनाने का आह्वान किया गया है।
पाकिस्तान में फांसी की सजा का खतरा! मार्क जुकरबर्ग का चौंकाने वाला बयान
11 Feb, 2025 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में उन्हें फांसी की सजा दिलाने की कोशिश की गई। जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि मेरा पाकिस्तान जाने का कोई प्लान नहीं है। इसलिए अधिक टेंशन नहीं लिया। मगर इस केस में अब क्या हो रहा है... इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में ईशनिंदा सामग्री से जुड़े मुकदमे पर पाकिस्तान में आने वाली कानूनी चुनौतियों पर अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह वाकया साझा किया।
जुकरबर्ग ने कहा कि कई देशों में ऐसे कानून हैं, जिनसे हम असहमत हैं। उदाहरण के लिए एक समय ऐसा भी था जब कोई शख्स मुझे पाकिस्तान में मौत की सजा दिलाने की कोशिश कर रहा था। इसकी वजह यह थी कि किसी ने फेसबुक पर पैगंबर मोहम्मद साहब की एक फोटो साझा की थी।
शख्स का कहना था कि यह हमारी संस्कृति में ईशनिंदा है। उसने मुझ पर मुकदमा दायर किया। इसके बाद आपराधिक कार्यवाही शुरू हुई। जुकरबर्ग ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता अब यह मामला कहां, क्योंकि मैं पाकिस्तान जाने की योजना नहीं बना रहा हूं। इसलिए मैं इसके बारे में अधिक चिंतित भी नहीं हूं।
जुकरबर्ग ने माना कि स्थिति चिंताजनक थी, खास तौर पर व्यक्तिगत सुरक्षा के मामले में। उन्होंने कहा कि यह थोड़ा परेशान करने वाला था। मैं सोच रहा था, ठीक है, ये लोग ऐसे हैं। यह अच्छा नहीं है अगर आप उस क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भर रहे हैं। आप नहीं चाहेंगे कि आपका विमान पाकिस्तान के ऊपर से गुजरे।
मार्क जुकरबर्ग ने टेक कंपनियों पर सरकारों के बढ़ते दखल को उजागर किया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार को विदेश में अमेरिकी टेक कंपनियों की रक्षा करने में मदद करने की जरूरत होगी। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप से जुकरबर्ग ने मार-ए-लागो में मुलाकात की थी। इसके अलावा मेटा ने ट्रंप के उद्घाटन कोष में एक मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान भी दिया है। 20 जनवरी को ट्रंप के उद्घाटन समारोह में भी जुकरबर्ग पहुंचे थे।
ट्रंप सरकार का बड़ा फैसला – अमेरिका में फिर लौटेगा प्लास्टिक स्ट्रॉ का दौर
11 Feb, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्लास्टिक स्ट्रॉ की वापसी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि पेपर स्ट्रॉ 'काम नहीं करते' और उनका इस्तेमाल 'बेवकूफी भरा' है। ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन करते हुए कहा, 'हम वापस प्लास्टिक स्ट्रॉ पर जा रहे हैं।' ट्रंप का यह कदम पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की उस नीति को उलटने के लिए है, जिसमें साल 2027 तक सरकारी संस्थानों में सिंगल-यूज प्लास्टिक (जैसे स्ट्रॉ) पर रोक लगाने का फैसला किया गया था। बाइडन प्रशासन का लक्ष्य 2035 तक सभी सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक का उपयोग खत्म करना था। इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, अब अपने ड्रिंक का मजा बिना किसी गीले और बेकार पेपर स्ट्रॉ के लें! उन्होंने बाइडेन की नीति को 'खत्म' घोषित किया।
वहीं पर्यावरणविदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले की कड़ी आलोचना की है। कई अमेरिकी राज्यों और शहरों ने पहले ही प्लास्टिक स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि वे समुद्रों और जल स्रोतों को प्रदूषित करते हैं और जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं। ओशियाना नाम की पर्यावरण संस्था की प्लास्टिक अभियान प्रमुख 'क्रिस्टी लेविट' ने कहा, 'ट्रंप गलत दिशा में जा रहे हैं। प्लास्टिक प्रदूषण संकट बन चुका है, और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।' विशेषज्ञों के मुताबिक, हर मिनट समुद्र में एक ट्रक जितनी प्लास्टिक कचरा डाला जाता है। प्लास्टिक छोटे-छोटे टुकड़ों (माइक्रोप्लास्टिक) में बदलकर मछलियों, पक्षियों और यहां तक कि इंसानों के शरीर में भी पहुंच रहा है।
वहीं, प्लास्टिक उद्योग ने ट्रंप के इस कदम की तारीफ की। प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष मैट सीहोल्म ने कहा, स्ट्रॉ तो बस शुरुआत है, हमें 'बैक टू प्लास्टिक' मूवमेंट का समर्थन करना चाहिए।
समुद्री जीवों के लिए बड़ा खतरा
पर्यावरण संगठनों का कहना है कि हर दिन अमेरिका में 39 करोड़ से ज्यादा प्लास्टिक स्ट्रॉ इस्तेमाल किए जाते हैं, जो 200 साल तक नष्ट नहीं होते। ये समुद्री कछुओं और अन्य जीवों के लिए बड़ा खतरा बनते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हर साल दुनिया में 40 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक बनता है, जिसमें से 40% केवल पैकेजिंग में इस्तेमाल होता है।
दुनिया भर में प्लास्टिक पर नियंत्रण की कोशिश
दुनिया के 100 से ज्यादा देश प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। पिछले साल दक्षिण कोरिया में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका। इस साल फिर इस समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश होगी।
ग्वाटेमाला में दर्दनाक सड़क हादसा, यात्रियों से भरी बस पुल से नीचे गिरी
11 Feb, 2025 12:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेंट्रल अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में एक भीषण सड़क हादसा सामने आया है. इस हादसे के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. बीते दिन ग्वाटेमाला की राजधानी के बाहरी इलाके में एक बस के पुल से नीचे गिर गई. इस हादसे के चीख-पुकार मच गई. हादसे के बाद हर तरफ मृतकों और घायलों के शव पड़े हुए थे. अब तक इस हादसे में 55 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही कई लोग घायल भी हैं.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि ये हादसा मल्टी-व्हीकल कॉलिजन के कारण हुआ है, यानी कि कई वाहन एक साथ टकरा गए. जिसके कारण ये पूरा हादसा हुआ है. इस हादसे में बच्चे और बूढ़े भी शामिल थे. इस हादसे की तस्वीरें भी सामने आई हैं. जिसमें बस गंदे पानी में आधी डूबी हुई नजर आ रही है.
51 शवों को किया गया बरामद
मीडिया रिपोर्ट की माने तो बस ड्राइवर ने बस पर नियंत्रण खो दिया था. जिसके कारण ही पहले बस कई वाहनों से टकराई और आखिर में खाई में जा गिरी. जिस खाई में बस गिरी उसकी गहराई लगभग 65 फीट है. देश के इन्फॉर्मेशन मंत्री मिगुएल एंजेल डियाज ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला कि बस 30 साल पुरानी थी, लेकिन उसके पास अभी भी संचालन का लाइसेंस था.
अब तक 51 शवों को बरामद कर लिया गया है. मरने वालों में 36 पुरुष और 15 महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राहत बचाव का कार्य जारी है. कई टीमें जुटी हुई है. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
राष्ट्रपति ने एक दिन का शोक किया घोषित
राजधानी के पास हुए इस हादसे ने पूरे देश को परेशान कर दिया. कई बच्चे और बूढ़े ने अपनी जान गवाई है. घटना के बाद राष्ट्रपति बरनार्डो अरेवालो ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. इसके साथ ही एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया है. उन्होंने कहा कि घायलों को बेहतर मेडिकल सुविधा देने के लिए सरकार काम करेगी.
बढ़ती भीड़ के कारण सऊदी सरकार का फैसला, हज में बच्चों की एंट्री बैन
11 Feb, 2025 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सऊद अरब ने हज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब बच्चों की हज में एंट्री बंद कर दी गई। सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि हज के दौरान हर साल बढ़ती भीड़ को लेकर यह फैसला लिया गया है। वहीं, बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है।
सऊदी सरकार ने जानकारी दी कि साल 2025 में उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पहली बार हज करने आए हैं। बता दें कि हज 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो चुकी है।
हज सीजन को लेकर सऊदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
सऊदी के नागरिक और निवासी अब Nusuk App या आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से 2025 हज सीजन के लिए औपचारिक रूप से आवेदन कर सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, आवेदकों को अपने विवरण सत्यापित करने होंगे और अपने यात्रा साथियों को पंजीकृत करना होगा।
1 फरवरी, 2025 से भारत सहित 14 देशों के व्यक्ति केवल एकल-प्रवेश वीजा के लिए पात्र होंगे। इस कदम का उद्देश्य बहु-प्रवेश वीजा के दुरुपयोग को रोकना है, जिसका उपयोग कुछ यात्री आधिकारिक पंजीकरण के बिना हज करने के लिए करते हैं।
लैंडिंग के दौरान विमान फिसला, पार्क किए गए विमान से टकराया, एक की मौत
11 Feb, 2025 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका में एक और विमान हादसा हुआ है। एरिजोना के स्कॉट्सडेल एयरपोर्ट पर दो विमानों के टकराने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। संघीय उड्डयन प्रशासन ने बताया कि एक निजी जेट रनवे से उतर गया। इसके बाद वह दूसरे निजी जेट से जा टकराया।
अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पिछले 10 दिन में अमेरिका में हुआ यह चौथा विमान हादसा है। जानकारी के मुताबिक घटना दोपहर 2:45 बजे हुई।
एक लीयरजेट 35A विमान लैंडिंग के बाद रनवे से उतर गया। इसके बाद रैंप पर एक गल्फस्ट्रीम 200 बिजनेस जेट से टकरा गया। हवाई अड्डे पर उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। विमान में कितने लोग सवार थे... अभी यह साफ नहीं हो पाया है।
हादसे में चार लोग घायल
स्कॉट्सडेल फायर डिपार्टमेंट के प्रवक्ता डेव फोलियो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुर्घटना में चार अन्य लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति अभी विमान में फंसा हुआ है। बचाव दल उसे निकालने में जुटा है। तीन घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमेरिका में हाल ही में हुए तीन विमान हादसों की गहन जांच की जा रही है। नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड तीनों हादसों की जांच में जुटा है।
चीन में शादी के मामलों में रिकॉर्ड गिरावट, 39 साल में सबसे कम शादियां
11 Feb, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। चीन में सरकार के युवा लोगों को विवाह और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किए जाने के बावजूद देश में 2024 में विवाह दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। शनिवार को जारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि देश में तलाक की संख्या बढ़ी है। नागरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष केवल 61 लाख दंपतियों ने अपना विवाह पंजीकृत कराया।
20.5 फीसदी की आई कमी
2023 में हुए विवाह की तुलना में 20.5 प्रतिशत कमी दर्ज की गई। मंत्रालय द्वारा 1986 में विवाहों की संख्या का रिकॉर्ड शुरू किए जाने के बाद यह सबसे कम संख्या है। सीएनएन के अनुसार विवाह और जन्म में कमी से चीन में गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। देश कामगारों की घटती और बुजुर्गों की बढ़ती संख्या का सामना कर रहा है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था दबाव में है।
26 लाख दंपतियों ने दाखिल की तलाक की अर्जी
2013 में चीन में सर्वाधिक एक करोड़ 30 लाख विवाह हुए थे। 2024 में उसके आधे विवाह हुए हैं। शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते वर्ष 26 लाख दंपतियों ने तलाक की अर्जी दाखिल कराई। पिछले वर्ष की तुलना में ऐसे मामलों में 28000 वृद्धि हुई है। तमाम आलोचनाओं के बावजूद 2021 से चीन में तलाक की अर्जी दाखिल करने वाले दंपतियों के लिए 30 दिन का अनिवार्य 'कूलिंग-ऑफ' अवधि लागू है।
लगातार तीसरे साल गिरी जनसंख्या
पिछले वर्ष जन्म दर में मामूली वृद्धि के बावजूद चीन की जनसंख्या लगातार तीसरे वर्ष कम हुई। 16 से 59 वर्ष के बीच की कामकाजी उम्र की जनसंख्या में 2024 में 68 लाख 30 हजार की गिरावट आई है। इस बीच 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या में वृद्धि जारी रही। इस आयु वर्ग के लोग कुल जनसंख्या का 22 प्रतिशत हैं।
कनाडा को 51वां राज्य बनाने पर ट्रंप गंभीर, नई टैरिफ योजना का भी किया ऐलान
10 Feb, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही कई सख्त फैसले ले रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा फैसला अवैध प्रवासियों को लेकर लिया. दूसरी ओर वे ग्रीनलैंड और कनाडा को अमेरिका में शामिल करने की बात भी कह रहे हैं. उनके स्टेटमेंट से साफ है कि वे कनाडा और ग्रीनलैंड के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं. किसी भी हालत में दोनों को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं.
पिछले दिनों उन्होंने ग्रीनलैंड को लेकर कहा था कि आने वाले समय में वो अमेरिका का हिस्सा होगा. इस बीच ट्रंप ने कनाडा को लेकर कहा कि वो 51वां अमेरिकी राज्य बन जाए तो अच्छा होगा. ऐसा न होने से अमेरिका का नुकसान हो रहा है, और वो मैं होने नहीं दूंगा. उन्होंने ये भी कहा कि वे इस बात को लेकर मजाक के मूड में नहीं हैं.
नई टैरिफ योजना ने बढ़ाई सबकी टेंशन
ट्रम्प ने कहा कि वह सोमवार को कनाडा और मैक्सिको सहित अमेरिका में सभी स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा करेंगे. इसके अलावा इस हफ्ते के अंत में वे नई टैरिफ की पॉलिसी लाएंगे. ट्रंप के इस बयान ने कई देशों को टेंशन में डाल दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली टैरिफ योजना के बाद अन्य देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
अमेरिका का नुकसान नहीं होने देंगे- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा अमेरिका 51वां राज्य बनने से कहीं बेहतर होगा. इससे हमारा नुकसान भी कम होगा. इस समय हमें करीब हर साल 200 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा. हम हर साल क्यों बेवजह 200 अरब डॉलर का पेमेंट करें?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कनाडा को 51 वां राज्य बनाने को लेकर काफी गंभीर हैं. इसके साथ ही उन्होंने कनाडा पर कब्जा करने वाली बात को भी स्वीकार किया. जैसा कि पिछले दिनों कनाडाई निवर्तमान पीएम ट्रूडो ने बताया था.
ट्रंप की बात पर पिछले दिनों ट्रूडो ने लगाई थी मुहर
ट्रूडो ने बीते दिनों को बिजनेस और लेबर लीडर्स के साथ एक बंद कमरे में बातचीत के दौरान कहा कि ट्रंप की कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की बात हकीकत है. यह देश के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच की उनकी इच्छा से जुड़ी है.
ट्रंप ने टैरिफ में 30 दिनों की छूट दी
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडाई निर्यात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना को 30 दिनों के लिए टाल दिया है, लेकिन इसके बदले में उन्होंने सीमा और क्राइम इंफोर्समेंट में रियायतें मांगी हैं, विशेष रूप से फ़ेंटेनाइल तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की.
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने हिंदू मंदिर में की प्रार्थना, 1996 और 2008 के बाद तीसरी बार हुआ अभिषेक
10 Feb, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग रविवार को उत्तरी सिंगापुर में मार्सिलिंग राइज हाउसिंग एस्टेट शिव-कृष्ण मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने 10 हजार लोगों के साथ अभिषेक समारोह में भाग लिया. इस दौरान मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंज गया. इस मंदिर में ये तीसरा अभिषेक है. इसके पहले साल 1996 और 2008 में अभिषेक आयोजित किया गया था.
इस अभिषेक और पूजा अर्चना करने के पीछे की वजह मंदिर में आध्यात्मिक गतिविधियों को बनाए रखना होगा. प्रधानमंत्री वोंग मंदिरों को और धार्मिक स्थलों को मजबूत करने के लिए समय-समय पर काम करते रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सिंगापुर का एकमात्र मंदिर है जहां शिव और कृष्ण भगवान विराजमान हैं.इस मंदिर में शिव और श्री कृष्ण दोनों का मिश्रण है.
अभिषेक का कार्यक्रम सुबह 7 बजे शुरू हुआ. जो मुख्य भवन से लगभग 100 मीटर दूर एक तंबू में आयोजित प्रारंभिक अनुष्ठानों के साथ शुरू हुआ. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद सुबह 8 बजे गदम (पवित्र बर्तन) का जुलूस निकाला गया. जिसके बाद पवित्र जल से भरे बर्तनों को मंदिर में लाया गया. इस दौरान पवित्र मंत्रोच्चार भी किए गए.
पीएम से लेकर रक्षा मंत्री भी मौजूद
मंदिर के अभिषेक में पीएम वोग सम्मानित अतिथि थे. इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ रक्षा और जनशक्ति राज्य मंत्री जकी मोहम्मद भी मौजूद रहे.सभी को मंदिर के अधिकारियों ने एक शॉल और माला भेंट की. मुख्य पुजारी नागराजा शिवाचार्य ने पीएम वोंग को एक पारंपरिक टोपी बांधी.
800 स्वयंसेवकों ने संभाला पूरा काम
इस अभिषेक कार्यक्रम में लगभग 800 स्वयंसेवकों ने सुरक्षा प्रबंधन, यातायात और भीड़ को नियंत्रित करने और उपस्थित लोगों को भोजन परोसने के साथ-साथ भक्तों की मदद करने जैसे कामों को किया.49 वर्षीय नर्सिंग मैनेजर आनंद शिवमणि ने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि हम समुदाय के लिए कुछ कर रहे हैं, और यह एक बहुत ही संतुष्टिदायक अनुभव है.
अमेरिका में नए सिक्के नहीं बनेंगे, ट्रंप ने ट्रेजरी को दिया निर्देश
10 Feb, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा एलान किया है। ट्रंप ने नए सिक्के की ढलाई रोकने के लिए ट्रेजरी को निर्देश दिया है। ट्रंप ने इसके पीछे अधिक लागत का हवाला दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सेंट के सिक्के के उत्पादन की लागत का हवाला देते हुए ट्रेजरी विभाग को नए पैसे का खनन बंद करने का निर्देश दिया है।
ट्रंप ने कहा,'बहुत लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका ने पेनीज का खनन किया है जिसकी कीमत सचमुच हमें 2 सेंट से अधिक है। यह बहुत बेकार है!' ट्रंप ने रविवार रात अपनी ट्रुथ सोशल साइट पर एक पोस्ट में लिखा। 'मैंने अमेरिकी ट्रेजरी के अपने सचिव को नए पैसे का उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया है।'
क्या है ट्रंप का नया प्लान?
ट्रंप के नए प्रशासन का ध्यान लागत में कटौती करने, संपूर्ण एजेंसियों और बड़ी संख्या में संघीय कार्यबल को बर्खास्त करने पर केंद्रित है।
उन्होंने लिखा, 'आइए हमारे महान राष्ट्रों के बर्बादी के बजट से बाहर निकालें, भले ही यह एक समय में एक पैसा ही क्यों न हो।' न्यू ऑरलियन्स में सुपर बाउल के पहले भाग में पार्ट लेने के बाद ट्रंप ने ये संदेश भेजा।
ट्रेजरी को लेकर एलन मस्क को झटका
बता दें कि अरबपति कारोबारी एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) की ट्रेजरी विभाग के दस्तावेजों तक पहुंच को रोक दिया गया है। इसको लेकर अमेरिका के एक जज ने शनिवार को आदेश जारी किया। इन दस्तावेजों में सोशल सिक्योरिटी नंबर और बैंक खाता नंबर जैसे निजी डाटा शामिल हैं।
क्या है ट्रेजरी विभाग की भुगतान प्रणाली?
ट्रेजरी विभाग की यह भुगतान प्रणाली टैक्स रिफंड, सोशल सिक्योरिटी लाभ, वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले लाभों और अन्य कई वित्तीय योजनाओं से जुडी है, जिसमें हर साल लाखों करोड़ों डॉलर का लेन-देन शामिल होता है। इस प्रणाली में नागरिकों का निजी और वित्तीय संग्रहित किया जाता है, जिस तक असुरक्षित तरीके से पहुंच की संभावना से अमेरिकी नागरिकों की चिंता बढ़ गई है।
डबल ग्रेव मिस्ट्री: खेत में छिपी थी 49 लाशें, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
10 Feb, 2025 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काहिरा। अमेरिका और यूरोप में अच्छी जिंदगी की चाहत में लोग अपना वेतन छोड़ जाते हैं। मगर उनकी मुश्किलें काम नहीं होती हैं। अवैध रास्तों में उन्हें यातनाओं का सामना करना पड़ा है। कई बार उन्हें मौत के घाट भी उतरना पड़ता है। प्रवासियों से जुड़ी एक दिल दहला देने वाली खबर लीबिया से सामने आ रही हैं। यहां पुलिस को दो कब्र मिली हैं। इनमें 59 प्रवासी लोगों के शव दफन है।
पहली कब्र में 19 शव मिले
लीबिया के अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण-पूर्वी रेगिस्तान में दो सामूहिक कब्रों से करीब 49 शव मिले हैं। सभी शव यूरोप जाने वाले प्रवासियों के हैं। सुरक्षा निदेशालय ने कहा कि पहली सामूहिक कब्र शुक्रवार को दक्षिण-पूर्वी शहर कुफरा में एक खेत में मिली है। इसमें 19 शव दफन हैं। फेसबुक में पोस्ट तस्वीरों में पुलिस अधिकारी और चिकित्सक रेत में खुदाई करते दिख रहे हैं। कब्र से शवों को निकाला जा रहा है।
दूसरी कब्र में 30 लाशें मिलीं
कहना है कि कब्र में दफनाने से पहले कुछ लोगों को गोली मारी गई। कुफरा में सुरक्षा कक्ष के प्रमुख मोहम्मद अल-फदील ने बताया कि मानव तस्करी केंद्र पर छापा मारने के बाद कुफरा में एक कब्र और मिली है। इसमें 30 शव दफन मिले हैं। उन्होंने कहा कि जीवित बचे लोगों ने बताया कि लगभग 70 लोग कब्र में दफन थे। पूरे इलाके में पुलिस तलाशी अभियान में जुटी है।
76 प्रवासियों को कराया गया मुक्त
रविवार को लीबिया के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने तस्करी केंद्र से 76 प्रवासियों को मुक्त कराया है। तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बता दें कि लीबिया में पहले भी सामूहिक कब्रें मिल चुकी हैं। पिछले साल अधिकारियों ने राजधानी त्रिपोली से 350 किलोमीटर दक्षिण में शुआरिफ क्षेत्र में 65 प्रवासियों के शवों को कब्र से निकाला था।
दुष्कर्म और प्रताड़ना का शिकार हो रहे प्रवासी
अफ्रीका और मध्य पूर्व से यूरोप जाने वाले लोग लीबिया के रास्ते आगे बढ़ते हैं। मगर यहां उनको प्रताड़ित किया जाता है। पिछले एक दशक से लीबिया में अस्थिरता का माहौल है। मानव तस्कर इसी का फायदा उठा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के मुताबिक लीबिया में प्रवासियों के साथ मारपीट, दुष्कर्म और दुर्व्यवहार किया जाता है, ताकि प्रवासी परिवारों से अच्छी खासी रकम ऐंठी जा सके। उन्हें छोटी-छोटी नावों में भरकर खतरनाक भूमध्य सागर मार्ग से यूरोप भेजा जाता है।
भारत ने जताया दुख, बांग्लादेश ने कहा- रिश्तों में खटास ला सकता है यह बयान
10 Feb, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ढाका। बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास को प्रदर्शनकारियों द्वारा ध्वस्त किए जाने पर भारत की ओर से दुख जताने पर बांग्लादेश तिलमिला गया है। अंतरिम सरकार ने इसे देश का आंतरिक मामला बताते हुए रविवार को कहा कि इस घटना पर भारत की टिप्पणी अप्रत्याशित और अनुचित थी।
पिछले बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में शेख मुजीब के 32 धानमंडी स्थित आवास को आग के हवाले कर दिया था। उन्होंने इसी आवास से देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। इस आवास को बाद में एक स्मारक में बदल दिया गया।
भारत ने कहा- मुजीब के आवास को नष्ट करना खेदजनक
भारत ने गुरुवार को इस आवास पर हमले की घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि इस बर्बर कार्रवाई की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि यह खेदजनक है कि शेख मुजीब के ऐतिहासिक आवास को नष्ट कर दिया गया। यह आधिपत्य और उत्पीड़न की ताकतों के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के प्रतिरोध का प्रतीक था।
भारत की टिप्पणी अनुचित
भारत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा कि 32 धानमंडी में हुई घटना देश का आंतरिक मामला है। बांग्लादेश के आंतरिक मामलों पर भारत के विदेश मंत्रालय की ऐसी टिप्पणी अप्रत्याशित और अनुचित है। बांग्लादेश किसी भी देश के आंतरिक मामलों पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी नहीं करता है और वह अन्य देशों से भी इसी तरह के आचरण की अपेक्षा करता है।
यूनुस ने की शांति की अपील
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने सभी नागरिकों से तुरंत कानून-व्यवस्था बहाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि शेख हसीना के परिवार और अवामी लीग के नेताओं से जुड़ी संपत्ति या किसी भी नागरिक पर कोई और हमला न किया जाए। शेख मुजीब के आवास पर हमले के तीन बाद मुहम्मद यूनुस ने यह अपील की है।
सरकार आक्रोश को समझती है
यूनुस ने कहा कि संपत्तियों पर हमला करने वाले कार्यकर्ताओं का गुस्सा समझ में आता है, क्योंकि वे और उनके रिश्तेदार व दोस्त हसीना के शासन में कई वर्षों तक अत्याचार झेल चुके हैं। सरकार कार्यकर्ताओं के आक्रोश को समझती है। नई दिल्ली में अपने शरणस्थल से भी हसीना अपने उग्रवादियों को संगठित करने की कोशिश कर रही हैं।
ट्रंप के फैसले से नाराजगी, तालिबान विरोधियों को मदद देने से किया इनकार
10 Feb, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिराना/काबुल। तालिबान और आईएस के लड़ाकों के खिलाफ अमेरिकी सेना की मदद करने वाले अफगानी नागरिकों का जीवन अधर में लटक गया है। ऐसा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए नए निर्णयों के कारण हुआ है।
इन लोगों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना की मदद के लिए चालक और अनुवादक के रूप में काम किया। इन लोगों को अमेरिका में बसाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
अफगान असमंजस में
ट्रंप द्वारा जारी कार्यकारी आदेशों से अब अफगानों को अमेरिका में सुरक्षा प्रदान करने वाले कार्यक्रम समाप्त हो गए हैं। इससे अमेरिका की मदद करने वाले अफगान असमंजस में हैं। अमेरिका के नए राष्ट्रपति की कार्रवाई से प्रभावित लोगों में शामिल रौशनगर ने कहा कि एसोसिएटेड प्रेस केवल उनके पहले नाम का उपयोग करे, क्योंकि उन्हें तालिबान का डर है। इस तरह के बहुत से अफगान लोग हैं, जिन्हें मदद के बदले अमेरिका ने बेहतर जिंदगी देने का वादा किया था, लेकिन ट्रंप के कदमों के कारण अब उनकी स्थिति अंधकारमय नजर आ रही है।
अफगानिस्तान में विगत वर्ष 34 हजार भिखारी गिरफ्तार
अफगानिस्तान में पुलिस ने भीख मांगने की संस्कृति को खत्म करने के लिए पिछले साल देशभर से 34 हजार से अधिक भिखारियों को गिरफ्तार किया है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमने पिछले साल 34,377 भिखारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने पिछले सप्ताह पूर्वी नंगरहार प्रांत में 731 किलोग्राम ड्रग्स को जब्त किया है। इसके साथ ही 25 तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है।
दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की सूची में सिंगापुर शीर्ष, भारत की क्या रैंकिग
9 Feb, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । हेन्ले एंड पार्टनर्स ने 2025 के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की नई रैंकिंग सूची जारी की है। इस बार सूची में सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवार पासपोर्ट बनकर उभरा है, जबकि अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर साबित हुआ।
दरअसल यह रैंकिंग इस आधार पर बनाती है कि किस देश के पासपोर्ट से बिना वीजा के कितने देशों में यात्रा की जा सकती है। इस डेटा को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) से प्राप्त करता है।
सबसे ताकतवर पासपोर्ट वाले देश, पहले स्थान पर सिंगापुर, दूसरे पर जापान, दक्षिण कोरिया, तीसरे नंबर पर डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, स्पेन, चौथे नंबर पर ऑस्ट्रिया, लक्जमबर्ग, स्वीडन, पांचवें नंबर पर यूके, पुर्तगाल, नॉर्वे, नीदरलैंड , छठवें नंबर पर स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, न्यूज़ीलैंड, सातवें नंबर पर अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, आठवें नंबर पर माल्टा, ग्रीस, 9वें स्थान पर हंगरी, पोलैंड, 10वें स्थान पर यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) का नाम है। यूएई ने सबसे ज्यादा सुधार किया है, पिछले 10 वर्षों में 72 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की अनुमति मिली है।
वहीं भारत सूची में 80वें स्थान पर है, और भारतीय पासपोर्ट से अल्जीरिया, इक्वेटोरियल गिनी और ताजिकिस्तान जैसे देशों की बराबरी पर रखा गया है। भारतीय पासपोर्ट धारक 60 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। पाकिस्तान 96वें स्थान पर है, और पाकिस्तानी पासपोर्ट से सिर्फ 32 देशों में वीजा-मुक्त एंट्री मिलती है। सूची में अफगानिस्तान 99वें स्थान पर है और इसका पासपोर्ट सिर्फ 25 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश देता है। यह दुनिया का सबसे कमजोर पासपोर्ट है।
चीन और अमेरिका का प्रदर्शन
चीन पिछले एक दशक में 94वें स्थान से 60वें स्थान तक पहुंचा है, और अब चीन के नागरिक 80 से ज्यादा देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। अमेरिका सूची में इस बार नौवें स्थान पर है, जो पहले की तुलना में थोड़ा नीचे आया है।