विदेश
इजरायल PM नेतन्याहू ने अमेरिकी मंत्री रुबियो से की बैठक, बंधकों की मुक्ति का आश्वासन
17 Feb, 2025 12:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक बार फिर हमास को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हमास ने सभी बंधकों को रिहा नहीं किया, तो वे गाजा में 'नरक के द्वार खोल देंगे'। यरूशलम में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद उन्होंने ये बयान दिया है।
उन्होंने शनिवार को और तीन बंधकों क रिहाई की मदद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन हमारे साथ पूर्ण सहयोग के साथ काम कर रहा है।
हम हमास की सैन्य ताकत को मिटा देंगे: नेतन्याहू
उन्होंने आगे कहा कि गाजा को लेकर इजरायल-अमेरिका की साझा रणनीति है, जिसे हम जनता के साथ शेयर नहीं कर सकते। हम यह नहीं बता सकते कि नरक के द्वार कब खोले जाएंगे, लेकिन अगर हमारे सभी बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो वे निश्चित रूप से खोले जाएंगे।” उन्होंने यह भी वादा किया कि वह हमास की सैन्य ताकत और गाजा में उसके “संभावित शासन” को मिटा देंगे।
रविवार को दक्षिणी गाजा पट्टी में इजरायली हवाई हमले में तीन फलस्तीनी पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। हमास ने इसे युद्धविराम का उल्लंघन बताया है। इजरायली सेना ने कहा कि हमले में कई हथियारबंद लोगों को निशाना बनाया गया था, जो पास में तैनात इजरायली बलों की ओर बढ़ रहे थे।
बता दें कि हमास का कहना है कि इजरायल युद्धविराम समझौता का उल्लंघन कर रहा है। वहीं, इजरायल के सभी बंधकों को एक साथ छोड़ना भी युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन है।
हमास ने बंधकों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया: ट्रंप
इससे पहले अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हमास को चेतावनी दे चुके हैं। ट्रंप ने पिछले हफ्ते रिहा किए गए बंधकों के बारे में बात की और बताया कि गाजा में कैद में रहने के बाद वे कैसे कमजोर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमास ने बंधकों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया है।
पिछले महीने हुए युद्ध विराम समझौते के अनुसार हमास, इजरायल के 33 बंधकों को रिहा करेगा और इसके बदले इजरायल की ओर से कई फलस्तीनी कैदियों और बंधकों को रिहा किया जाएगा।
सीरिया में अमेरिकी हमला, आतंकवादी अधिकारियों को किया निशाना: टॉप कमांडर मारा गया
17 Feb, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरीका अब भी सीरिया पर बमबारी जारी रखे हुए है। अमेरिकी सेना ने रविवार को कहा कि उसने उत्तर-पश्चिमी सीरिया में बड़ा हवाई हमला किया है। इस अटैक में अलकायदा से जुड़े एक टॉप कमांडर मारा गया है।
टॉप कमांडर गया
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक बयान में उस व्यक्ति को "आतंकवादी संगठन हुर्रास अल-दीन में वरिष्ठ वित्त और रसद अधिकारी" बताया है। हालांकि, अमेरिकी सेना ने हमले के बारे में कोई अतिरिक्त इनपुट नहीं दिया। अमेरिकी सेना ने आतंकवादी समूह को बाधित करने के प्रयास के तहत हुर्रास अल-दीन के अधिकारियों को निशाना बनाया है।
पीएम मोदी और Elon Musk के साथ नजर आई शिवोन जिलिस, महिला का भारत से गहरा रिश्ता
17 Feb, 2025 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को लेकर हर रोज कोई नई जानकारी सामने आती रहती है। ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें अमेरिकी सरकार में भी जगह मिली है।
इस बीच अमेरिकी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख एलन मस्क के साथ आधिकारिक बैठक की। पीएम मोदी से मस्क की मुलाकात के साथ एक महिला और दो बच्चे भी दिखे। इस महिला का भारत से भी खास कनेक्शन है, आइए जानते हैं...
मस्क की पार्टनर है शिवोन जिलिस
मस्क के साथ दिखी ये महिला उनकी गर्लफ्रेंड यानी पार्टनर शिवोन जिलिस है। उनके साथ तीन बच्चे भी थे। एलन मस्क जुड़वां बच्चों- बेटे स्ट्राइडर और बेटी एज्योर के पिता हैं, जिनका जन्म इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के जरिए हुआ था। इसी के साथ जिलिस के साथ भी मस्क का एक और बच्चा भी है। मस्क और शिवोन का एक बच्चा भी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 में मस्क ने जिलिस के साथ अपने बारहवें बच्चे के जन्म की सार्वजनिक रूप से पुष्टि की थी। हालांकि, बच्चे का नाम अभी तक उजागर नहीं किया गया है। शिवोन जिलिस दूसरी बार किसी सार्वजनिक बैठक में दिखीं थीं। इससे पहले, 19 जनवरी को उन्हें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मस्क के साथ देखा गया था।
शिवोन जिलिस का है भारतीय कनेक्शन
शिवोन जिलिस 38 वर्ष की महिला हैं। उनका जन्म कनाडा में हुआ था। उनके पिता रिचर्ड ज़िलिस कनाडाई मूल के हैं, जबकि उनकी मां शारदा एन. भारतीय मूल की हैं। मई 2017 में वे मस्क के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उद्यम न्यूरालिंक से जुड़ीं।
वर्तमान में शिवोन कंपनी में संचालन और विशेष परियोजनाओं की निदेशक की भूमिका निभा रही हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्होंने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में बीए की डिग्री प्राप्त की है।
पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने कई संगठनों के साथ जुड़कर काम किया है, जिसमें OpenAI के लिए बोर्ड सदस्य और सलाहकार के रूप में सेवा करना और टेस्ला में परियोजना निदेशक के रूप में कार्य करना शामिल है।
मस्क को लेकर महिला का बड़ा दावा, मेरे पांच महीने के बेटे के पिता हैं मस्क
16 Feb, 2025 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सैन फ्रांसिस्को । टेक अरबपति एलन मस्क को लेकर एक चौंकाने वाला दावा हुआ है। रूढ़िवादी प्रभावशाली महिला एशले सेंट क्लेयर ने आरोप लगाया है कि उनका पांच माह का बच्चा मस्क का बेटा है। वेलेंटाइन डे की शाम को सेंट क्लेयर ने इस महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया। सेंट क्लेयर ने पोस्ट कर बताया कि “पाँच महीने पहले, मैंने दुनिया में एक नए बच्चे का स्वागत किया। टेक कारोबारी मस्क इस बच्चे के पिता हैं। सेंट क्लेयर ने कहा कि पहले उन्होंने अपने बच्चे की गोपनीयता और सुरक्षा के कारण यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी। लेकिन, यह जानकर की मीडिया उजागर करने की योजना बना रहा है, उन्होंने इस मामले को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया, मैंने पहले अपने बच्चे की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए इसका खुलासा नहीं किया, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि मीडिया इस खुलासे को उजागर करने का इरादा रखता है, चाहे इससे कोई भी नुकसान हो।
सेंट क्लेयर ने एक और पोस्ट में कहा कि वह अपने समर्थकों का धन्यवाद करती हैं और कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूर रहने की योजना बना रही हैं। उन्होंने लिखा, “पूरी ईमानदारी से, मैं दयालु शब्दों की सराहना करती हूँ। मुझे खेद है कि मुझे यह बयान देना पड़ा। बच्चों को पत्रकारों के लिए सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए। अब मैं अपने परिवार के साथ समय बिताऊँगी और कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूर रहूँगी। अगर यह दावा सही है, तब मस्क का 13वाँ बच्चा होगा। मस्क का परिवार पहले से ही काफी बड़ा है। मस्क ने अपनी पहली पत्नी जस्टिन विल्सन से पाँच बच्चों का स्वागत किया है। जुड़वाँ बच्चे विवियन और ग्रिफिन, और तीन और बच्चे: काई, सैक्सन और डेमियन। इसके अलावा, मस्क का एक और परिवार है, जिसमें संगीतकार ग्रिम्स से उनके तीन बच्चे हैं एक्सा डार्क साइडरेल, और टेक्नो मैकेनिकस। इसके अलावा, मस्क और न्यूरालिंक के कार्यकारी शिवोन जिलिंस के जुड़वाँ बच्चे, स्ट्राइडर और एज़्योर हैं।
इजराइल ने रिहा किए 369 फिलिस्तीनी कैदियों की टी-शर्ट पर लिखा हम न भूलेंगे और न माफ करेंगे
16 Feb, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेलअवीव । हमास की कैद से इजराइली बंधकों की रिहाई के बाद इजराइल ने भी 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन कैदियों को एक खास तरह की टी-शर्ट पहनाकर रिहा किया गया है। इन सभी टी-शर्ट पर हम न भूलेंगे और न माफ करेंगे लिखा हुआ है।
दरअसल, हमास हर बार इजराइली बंधकों की रिहाई से पहले एक इवेंट करता है। इसमें सभी बंधकों को लाकर उनसे हमास की तारीफ करवाई जाती है। इस इवेंट में हजारों फिलिस्तीनी जुटते हैं। इजराइल इसी बात से नाराज है।
शनिवार को भी हमास ने 3 इजराइली बंधकों को रिहा कर इवेंट का आयोजन किया। सीजफायर डील के तहत इन तीनों बंधकों को गाजा के खान यूनिस इलाके में सुबह 10 बजे (इजराइली समय के मुताबिक) रेड क्रॉस के हवाले किया गया। इसके बाद इन्हें इजराइली सेना को सौंपा गया। रिहा होने वाले तीनों पुरुष बंधकों के नाम सागुई डेकेल-चेन, साशा ट्रोफानोव और इएयर हॉर्न हैं।
498 दिन बाद इजराइल लौटे तीनों बंधक पिछले माह लागू हुए सीजफायर डील के तहत बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की यह छठी अदला-बदली थी। इस बार रिहा हुए तीनों इजराइली बंधक पिछले सप्ताह रिहा हुए बंधकों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ दिखे थे।
दरअसल, पिछली बार रिहा हुए तीनों बंधक बेहद कमजोर थे। इसके बाद इजराइल ने उनकी हालत को लेकर हमास की आलोचना भी की थी। हमास अब तक इजराइल के 19 और थाईलैंड के 5 बंधकों को रिहा कर चुका है। आईएफडी ने कहा कि रिहा किए गए तीनों बंधक 498 दिन के बाद इजराइल लौटे हैं।
इन तीनों को मेडिकल चेकअप के लिए आईएफडी कैंप ले जाया जाएगा। इसके बाद इन्हें उनके परिवारों से मिलाया जाएगा।
ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर अरब देश बना रहे गाजा के पुननिर्माण का प्लान
16 Feb, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रियाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के पुननिर्माण के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत फिलिस्तीनियों को बाहर जाना होगा। ट्रंप के प्रस्ताव से अरब देश भड़क गए हैं। मिस्र और जॉर्डन पहले ही ट्रंप के प्लान को खारिज कर चुके हैं। वहीं सऊदी अरब भी कह चुका है कि फिलिस्तीनियों को लेकर वह किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। वहीं अब सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब, गाजा के भविष्य को लेकर एक योजना विकसित करने के लिए अरब देशों की कोशिशों का नेतृत्व कर रहा है। इसका मतलब ये है कि सऊदी अरब, गाजा में ट्रंप के प्रस्ताव को रोकने के लिए एक समूह का नेतृत्व कर रहा है। यानि मोहम्मद बिन सलमान और ट्रंप सामने खड़े हो गए हैं।
सूत्रों ने बताया है कि इस महीने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक बैठक होने वाली है। जिसमें सऊदी अरब के साथ मिस्र, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात आौर कई अरब देशों के अधिकारी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में गाजा पट्टी को लेकर नये मसौदे पर चर्चा की जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया है कि प्रस्तावों में खाड़ी देशों के नेतृत्व में गाजा के पुनर्निर्माण में लगने वाले फंड और उस सौदे से हमास को बाहर रखने के प्रस्ताव पर बातचीत होने की संभावना है।
सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश ट्रंप के इस प्रस्ताव से स्तब्ध हैं कि गाजा पर अमेरिका का कंट्रोल होगा और फिलिस्तीनियों को बाहर निकाला जाएगा। अरब देशों का मानना है कि इस प्रस्ताव से फिलिस्तीनी हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। उन्हें जॉर्डन और मिस्र में विस्थापित किया जाएगा और फिर वह कभी गाजा वापस नहीं लौट पाएंगे।
सूत्रों ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब में ट्रंप के प्रस्ताव से निराशा और बढ़ गई है। सऊदी अरब का मानना है कि ये प्रस्ताव उसके फिलिस्तीनियों के लिए अलग राज्य बनाने की मांग को ही खत्म कर देगा। इसके अलाव इजराइल के साथ उसके संबंधों के सामान्य होने की दिशा में जो कुछ डेवलपमेंट हुआ था, उसके भी खिलाफ है। अरब देशों की कोशिश गाजा पर नया प्रस्ताव बनाकर अमेरिकी राष्ट्रपति को भेजना है, ताकि इसे ट्रंप का ही प्रस्ताव बताया जा सके। हालांकि बात करने वाले सभी स्रोतों ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया है, क्योंकि ये काफी संवेदनशील विषय है।
मिस्र के सुरक्षा सूत्रों ने बताया है कि मिस्र के प्रस्ताव में गाजा पर हमास की भागीदारी के बिना शासन करने के लिए एक राष्ट्रीय फिलिस्तीनी समिति का गठन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा विदेशों में फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना पुनर्निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और दो-राज्य समाधान की दिशा में आगे बढ़ना शामिल है। अरब सरकार के सूत्र ने बताया है कि सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीनी प्रतिनिधि 27 फरवरी को शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने से पहले रियाद में योजना की समीक्षा और चर्चा करेंगे। बता दें लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सऊदी अरब एक प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार रहा है। इसके अलावा ट्रंप और क्राउन प्रिंस के बीच भी काफी अच्छे संबंध हैं। लिहाजा अरब अधिकारी इस कोशिश में हैं कि दोनों नेताओं के बीच के अच्छे संबंध का फायदा गाजा के पुननिर्माण में उठाया जा सके।
पीठ पीछे वाले समझौते स्वीकार नहीं : जेलेंस्की
16 Feb, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्युनिख। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के समझौते वाले मामले में एक बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पीठ के पीछे बनाए गए शांति समझौते स्वीकार नहीं होंगे। जेलेंस्की ने यह बात म्युनिख समिट में कही, जहां अमेरिका के उप राष्ट्रपति भी मौजूद थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोप से भी अपनी सुरक्षा के लिए अपनी खुद की सेना बनाने की बात कही। गौरतलब है कि इस तरह का बयान जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अलग-अलग चेतावनियों के बाद दिया है, जिससे मामला और बढ़ने का अंदेशा है।
नेपाल हादसे में वित्त मंत्री पौडेल और पोखरा मेयर आचार्य झुलस, एयरलिफ्ट कर अस्पताल में भर्ती
15 Feb, 2025 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेपाल के डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल और पोखरा मेट्रोपॉलिटन मेयर धनराज आचार्य एक हादसे की चपेट में आ गए हैं. दोनों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से काठमांडू में स्थित कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया है. दोनों ही नेता पोखरा टूरिज्म ईयर के ओपनिंग सेरेमनी में शामिल हुए थे. जहां, आकाश में छोड़ने के लिए रखे गए गुब्बारे फायर पॉपर्स के संपर्क में आ गए और फट गए. बताया जा रहा है कि गुब्बारे में हाइड्रोजन गैस भरे गए थे और ये जैसे ही आग की चपेट में आए फट गए. उसके ठीक बगल में ये दोनों नेता मौजूद थे जो आग की चपेट में आ गए.
कास्की जिला पुलिस अधीक्षक श्यामनाथ औलिया ने बात करते हुए घटना की पुष्टि की है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों नेताओं को आगे के इलाज के लिए काठमांडू ले जाया गया है. बताया जा रहा है कि दोनों ही नेताओं की हालत स्थिर है और गुब्बारे के विस्फोट की वजह से दोनों झुलस गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेयर आचार्य का गाल और सिर का कुछ हिस्सा जल गया, जबकि उपप्रधानमंत्री पौडेल का सिर और चेहरा आग की चपेट में आने से झुलस गया है.
अफरा-तफरी की स्थिति बन गई
कार्यक्रम में जैसे ही गुब्बारे आग की चपेट में आए उसमें विस्फोट की स्थिति बन गई. गुब्बारों में गैस भरा था इसलिए आग तेजी से फैल गई. पास में डिप्टी पीएम और मेयर मौजूद थे इसलिए दोनों इसकी चपेट में आ गए. घटना के समय कार्यक्रम स्थल पर अफरातफरी मच गई. आनन-फानन में डिप्टी पीएम को हेलीकॉप्टर से एयरलिफट कर अस्पताल पहुंचाया गया.घटना के बाद कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया गया. डॉक्टरों की एक टीम डिप्टी पीएम के इलाज में जुटी हुई है.
घटना को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब अधिकारियों को पता था कि गुब्बारे में गैस भरा गया है तो फिर उसका ख्याल रखा जाना चाहिए था और दीप प्रज्वलन के समय गुब्बारे को दूर हटा देना चाहिए था.
न्यूयॉर्क में लापता व्यक्ति का शव बरामद, जांच में खुलासा - एक महीने से प्रताड़ना का मामला
15 Feb, 2025 05:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क पुलिस ने शुक्रवार को एक लापता व्यक्ति की हत्या मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लापता व्यक्ति के साथ एक महीने से अधिक समय तक मारपीट की गई। साथ ही उतने समय तक ही यातना देने के बाद उसकी हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया गया। पुलिस ने आगे बताया कि 24 वर्षीय पीड़ित सैम नॉर्डक्विस्ट एक ट्रांसजेंडर था जो मिनसोटा का रहने वाला था।
पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क आया था सैम
बता दें कि सैम नॉर्डक्विस्ट का लापता होना 9 फरवरी को रिपोर्ट किया गया था, और वह पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क आया था। इसके बाद से उसका किसी से संपर्क नहीं हुआ था। मामले में पुलिस ने बताया कि नॉर्डक्विस्ट को जो यातना और हत्या दी गई, वह बहुत ही क्रूर और शर्मनाक थी। यह उनकी अब तक की सबसे बुरी हत्या की जांच है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कैनडाईगुआ, न्यूयॉर्क के 38 वर्षीय प्रेशियस अर्ज़ुगा और 30 वर्षीय पैट्रिक गुडविन, रोचेस्टर, न्यूयॉर्क के 33 वर्षीय काइल सेज, और जिनेवा, न्यूयॉर्क की 19 वर्षीय एमिली मोट्यका शामिल हैं। पुलिस ने इन आरोपियों को दूसरे दर्जे की हत्या का आरोप लगाया है और वे सभी हिरासत में हैं। साथ ही पुलिस ने इस मामले को सबसे भयानक अपराधों में से एक बताया है और कहा है कि इस घटना की जांच जारी है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मामले के कुछ महत्वपूर्ण विवरण साझा नहीं किए क्योंकि यह अभी भी सक्रिय जांच के अधीन है। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या यह हत्या एक घृणा अपराध है, तो पुलिस ने इसे खारिज नहीं किया, लेकिन कहा कि इसकी जांच जारी है।
दक्षिणी साइबेरिया में आया 6.4 तीव्रता का भूकंप, राहत की खबर – कोई हताहत नहीं
15 Feb, 2025 04:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दक्षिणी साइबेरिया में रूस के अल्ताई गणराज्य में शनिवार सुबह 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। रूसी भूकंप विज्ञानियों के मुताबिक, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 8:48 बजे (0148 GMT) आया। पड़ोसी क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। क्षेत्रीय प्रमुख आंद्रेई तुर्चक ने बताया कि कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन हाई-अलर्ट व्यवस्था शुरू की गई है। इलाके के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है
अमेरिका की सेना में ट्रांसजेंडरों की भर्ती पर लगी रोक, नया आदेश जारी
15 Feb, 2025 01:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिकी सेना ने घोषणा की है कि वह अब ट्रांसजेंडर लोगों को सेना में भर्ती होने की अनुमति नहीं देगी और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन से संबंधित प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाना बंद कर देगी।
अमेरिकी सेना ने कहा कि यह निर्णय तुरंत लागू किया जाता है। आर्मी ने एक्स पर लिखा कि जेंडर डिस्फोरिया की हिस्ट्री वाले व्यक्तियों के लिए सेना में भर्ती होने पर रोक लगा दी गई है।
अमेरिकी सेना ने एक्स पर दी जानकारी
एक्स पर साझा की गई पोस्ट की में, अमेरिकी सेना ने लिखा कि अमेरिकन आर्मी अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं देगी और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाओं को निष्पादित करना या सुविधा प्रदान करना बंद कर देगी। अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।
लिंग डिस्फोरिया के इतिहास वाले लोगों को भी आर्मी में जगह नहीं
इसमें आगे कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से, लिंग डिस्फोरिया के इतिहास वाले व्यक्तियों के लिए सभी नए प्रवेश रोक लगा दी गई है और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन की पुष्टि या सुविधा से जुड़ी सभी अनिर्धारित, अनुसूचित या नियोजित चिकित्सा प्रक्रियाओं को रोक दिया गया है।
27 जनवरी को ट्रंप ने किए थे कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर
रिपोर्ट के अनुसार, 27 जनवरी को, ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो सेना को नया आकार देंगे, जिसमें ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों को अमेरिकी सेना में सेवा करने से प्रतिबंधित करना शामिल है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने फ्लोरिडा से वाशिंगटन की यात्रा के दौरान एयर फोर्स वन में सवार होकर कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए।
पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने लगा दी थी रोक
रिपोर्ट के अनुसार, अपने पहले प्रशासन के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में ट्रांसजेंडर अमेरिकियों को सशस्त्र बलों में सेवा करने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2021 में प्रतिबंध को रद करने का आदेश जारी किया। 20 जनवरी को 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने ट्रांसजेंडर सदस्यों को सेवा की अनुमति देने के बाइडन प्रशासन के 2021 के फैसले को रद करने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिका में सरकारी अधिवक्ताओं की बर्खास्तगी, ट्रंप प्रशासन ने जारी किए नए निर्देश
15 Feb, 2025 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। बदलाव और खर्चों में कटौती के अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ट्रंप प्रशासन ताबड़तोड़ फैसले लेने में जुटा हुआ है। पूर्व की बाइडन सरकार के समय नियुक्त बहुत से सरकारी अधिवक्ताओं को हटाने के लिए ट्रंप प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं।
इस कदम से निवर्तमान सरकारी अधिवक्ता आहत
ट्रंप प्रशासन द्वारा बर्खास्त करने के इस कदम से निवर्तमान सरकारी अधिवक्ता आहत हैं। कई का कहना है कि सरकार बदलने के साथ ही वे पद छोड़ने की औपचारिकता पूरी करने के लिए तैयार थे। नई सरकार त्यागपत्र देने के लिए उनसे कह सकती थी लेकिन उन्हें बर्खास्त करना अपमानजनक है।
प्रशासन द्वारा सरकारी अधिवक्ताओं के लिए जारी पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के निर्देशानुसार आपको तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जा रहा है। पता चला है कि सिएटल, मैरीलैंड और कई अन्य शहरों-प्रांतों के कई सरकारी अधिवक्ता यह पत्र मिलने से पहले ही अपने पद छोड़ चुके हैं।
दूतावासों में 10 प्रतिशत कर्मी कम करने के निर्देश
ट्रंप प्रशासन ने विश्व भर में स्थित अपने दूतावासों को कर्मियों की संख्या 10 प्रतिशत कम करने का निर्देश दिया है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र में दूतावासों को स्थायी और अस्थायी स्थानीय कर्मियों की संख्या में यह कमी करने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय से संबद्ध ब्यूरो आफ डेमोक्रेसी, ह्यूमन राइट्स एंड लेबर ने हाल के दिनों में 60 प्रतिशत अस्थायी कर्मियों को हटा दिया है। कई अन्य विभागों में भी कर्मियों की संख्या कम करने की जानकारी मिली है।
स्वास्थ्य सेवा से हटाए 1,300 कर्मचारी
अमेरिका में सरकारी खर्च बचाने के लिए ट्रंप प्रशासन की छंटनी का असर वहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए बने संगठन सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के 1,300 अस्थायी कर्मचारियों को चंद रोज में हटा दिया गया है। हटाए गए कर्मचारियों की संख्या सेंटर के कुल कर्मचारियों की करीब 10 प्रतिशत है। इसका असर आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवा पर दिखाई दे सकता है।
मोदी-ट्रंप बैठक में अदाणी का जिक्र नहीं, पीएम ने दिया स्पष्टीकरण
15 Feb, 2025 01:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब दो वैश्विक नेता मिलते हैं तो ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा नहीं की जाती।
अमेरिका की एक अदालत में अदाणी के खिलाफ चल रहा मुकदमा
व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या उन्होंने कथित रिश्वतखोरी में शामिल होने को लेकर न्यूयार्क की एक अदालत में अदाणी और उनके प्रमुख सहयोगियों पर चल रहे मुकदमे का मुद्दा उठाया।
इस पर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारी संस्कृति और हमारा विचार दर्शन 'वसुधैव कुटुंबकम' है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। मेरा मानना है कि हर भारतीय मेरा है। दो देशों के दो प्रमुख नेता ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर कभी चर्चा नहीं करते हैं।'
अदाणी पर रिश्वत देने का आरोप
ट्रंप ने प्रेस वार्ता के दौरान इस मामले का कोई जिक्र नहीं किया। पिछले वर्ष अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर और प्रमुख कार्यकारी अधिकारी विनीत जैन पर आरोप लगाया था कि वे भारतीय अधिकारियों को करीब 2,100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कथित साजिश का हिस्सा थे। यह रिश्वत कथित रूप से सौर बिजली की आपूर्ति के लिए ठेका हासिल करने के लिए दी गई थी। हालांकि अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
ट्रंप ने गत सोमवार को करीब आधी सदी पुराने विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर किए। अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी की जांच इसी कानून के तहत शुरू की गई थी। यह माना जा रहा है कि ट्रंप के इस कदम से अदाणी को राहत मिल सकती है।
यूक्रेन युद्ध पर भारत तटस्थ नहीं, शांति का पक्षधर
पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध समाप्त कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया। इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता और शांति के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध के मामले में तटस्थ नहीं रहा है और वह शांति का पक्षधर है।
ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में मोदी ने कहा, 'मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। दुनिया को यही लगता है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं रहा है।'
अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को लेने को तैयार
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ बैठक के दौरान कहा कि भारत अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, अगर वे अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने मानव तस्करी के इकोसिस्टम को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने यह भरोसा जताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस इकोसिस्टम को खत्म करने में भारत का पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरे देशों में अवैध रूप से रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब आगामी दो दिनों में अमेरिका अवैध रूप से रह रहे 277 भारतीयों को निर्वासित करने वाला है।
रूस ने चेर्नोबिल परमाणु प्लांट पर किया हमला
14 Feb, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ड्रोन से हुआ अटैक, राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा दावा
कीव। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस और यूक्रेन के शांति समझौते की कोशिशों के बीच यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु प्लांट पर हमला किया गया है। यूक्रेन का दावा है कि रूस का ड्रोन चेर्नोबिल के परमाणु प्लांट के कवच पर गिरा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने ये हमला करवाया है। हालांकि, रूस के ड्रोन हमले के बाद से प्लांट का रेडिएशन स्तर सामान्य है। वहीं हमले के बाद यूक्रेन के साथ-साथ पूरे यूरोप में दहशत है। जबकि रूस की ओर से किए गए हमले से युद्ध भड़क सकता है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर अपने एक पोस्ट में कहा, एक उच्च विस्फोटक वारहेड के साथ एक रूसी हमलावर ड्रोन ने नष्ट हो चुके चौथे पावर यूनिट पर रेडिएशन से दुनिया की रक्षा करने वाले शेल्टर पर हमला किया। जेलेंस्की ने बताया कि यूनिट को कवर करने वाला कंक्रीट शेल्टर क्षतिग्रस्त हो गया है, आग भी बुझा दी गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस घटना को आतंकी हमला करार दिया है। उन्होंने रूस पर आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी कर परमाणु स्थलों को निशाना बना रहा है, जो पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है।
दक्षिण कोरिया में निर्माणाधीण रिसॉर्ट में लगी भीषण आग
14 Feb, 2025 05:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दक्षिण कोरिया के बुसान शहर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां शुक्रवार को एक निर्माणाधीन रिसॉर्ट में आग लग गई, जिससे कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, आग लगने की सूचना सुबह करीब 10:20 बजे मिली। इस घटना में लगभग 100 कर्मचारी साइट से बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि करीब 90 अग्निशमन कर्मी आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे।
कार्यवाहक राष्ट्रपति ने दिया निर्देश
घटना के बाद दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने अधिकारियों को आग बुझाने के लिए सभी उपलब्ध कर्मियों और उपकरणों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। साथ ही अधिकारियों ने बतया कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि और कितने लोग अंदर फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने ये भी बताया कि छह लोगों को हृदयाघात के कारण अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस हादसे में सात अन्य लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं।