विदेश
अफगानिस्तान में फंसी भारतीय महिला की घर वापसी, कहा....
7 Feb, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अफगानिस्तान में तालिबान राज से पहले कई भारतीयों ने वहां जाकर अपना ठिकाना बना लिया था और गुजर बसर कर रहे थे। अब जब अफगानिस्तान पर तालिबान राज कायम हो गया है, तब वहां रह रहे लोगों का जीना दूभर हो चुका है।
काबुल में खराब होती सुरक्षा व्यवस्था के चलते भारत समेत दूसरे देशों के लोग वहां से बाहर निकलने की कोशिश में हैं। इसी कड़ी में एक भारतीय महिला भी तालिबान राज से बमुश्किल बाहर आई है, जिसने अपनी आप बीती सुनाई है।
अफगानिस्तान से लौटी भारतीय महिला
तालिबान के कब्जे के बाद से तीन साल तक अफगानिस्तान में फंसी रहने के बाद एक भारतीय महिला और उसकी ढाई साल की बेटी बुधवार को भारत लौटी। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नागरिक इकरा जमाल की शादी एक अफगान नागरिक से हुई थी और तालिबान के सत्ता में आने के बाद वह घर नहीं लौट पाई थी।
मैंने बहुत डर, डिपरेशन और चिंता का सामना किया है। खासकर तालिबान की वापसी के शुरुआती महीनों में मैंने बहुत कुछ झेला है। जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, तो देश में अराजक स्थिति पैदा हो गई। मैं उस दौरान भारत जाने वाली उड़ान पकड़ने में असमर्थ रही और फंस गई।
गर्भवती होकर फंस गई महिला
अफगानिस्तान में रहने के दौरान, महिला गर्भवती हो गई और उसने एक बेटी को जन्म दिया। गर्भवती होने के चलते वो वहीं फंस गई थी। बता दें कि बीस साल के विद्रोह के बाद अगस्त 2021 में तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता में लौट आया था। उनके कब्जे से देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आए।
सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।
महिलाओं पर तालिबान ने लगाए कई बैन
तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में माध्यमिक विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों और अधिकांश प्रकार के रोजगार पर प्रतिबंध शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अभी तक तालिबान को एक वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी है।
अमेरिका से भारत लौटे 104 प्रवासी, लेकिन उनके साथ कैदियों जैसा बर्ताव क्यों?
7 Feb, 2025 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका से भारत भेजे गए 104 प्रवासियों को मामले को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। गुरुवार (6 फरवरी) को संसद के दोनों सदनों में इस मामले पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। विपक्षी सांसद ने सरकार से पूछा कि आखिर अवैध प्रवासियों के साथ कैदियों जैसा व्यवहार क्यों किया गया। उनके हाथों में हथकड़ियां क्यों लगाई गई।
बता दें कि एक अमेरिकी अधिकारी ने वीडियो शेयर किया, जिसमें देखा जा सकता है कि अवैध प्रवासियों के हाथ-पैरों को चेन से बांधा गया है।
अवैध प्रवासियों को हथकड़ी में बांधकर क्यों भेजा गया?
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन (निर्वासन) को लेकर अमेरिका का कानून क्या कहता है?
इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी निर्वासन का प्रबंधन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) अधिकारियों द्वारा किया जाता है और इससे जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि साल 2012 से ही ICE द्वारा अवैध प्रवासियों को डोपोर्ट करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। हालांकि, हमें सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा जानकारी दी गई है कि महिलाओं और बच्चों के हाथों में हथकड़ियां नहीं लगाई गई थी।
क्या अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाने की इजाजत है?
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी आव्रजन अधिकारी व्यक्तियों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने के दौरान एक संरचित प्रक्रिया का पालन करते हैं । ICE के नियमों के मुताबिक, विमान में अवैध प्रवासियों के हाथों और पैरों को चेन से बांधने के नियम हैं। हालांकि, जब विमान अपने गंतव्य पर पहुंच जाए तो हथकड़ियां और बेड़ियां को तुरंत खोलना जरूरी है।
बता दें कि डिपोर्शन के दौरान अवैध प्रवासियों को कोई सामान ले जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, 18 किलोग्राम तक एक बैग ले जाने की अनुमति है, लेकिन अधिकारी उस बैग की जांच करते हैं। अवैध प्रवासियों को विमान में बैठने के बाद हथकड़ी, पैर की बेड़ियां बांधी जाती है।
डिपोर्शन के दौरान विमान में 13 से 20 सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहता है। अवैध प्रवासियों को भोजन भी उपलब्ध भी कराया जाता है। नियम के मुताबिक, टॉयलेट ब्रेक के दौरान लोगों को बांधा नहीं जा सकता है।
ट्रंप का एक्जीक्यूटिव आदेश, ICC अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने के निर्देश
7 Feb, 2025 12:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद अपने बयानों और फैसलों से दुनिया में हलचल मचा दी है। इसी बीच ट्रंप ने अपने एक्जीक्यूटिव आदेश में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया है।
ट्रंप ने आदेश जारी करते हुए ICC के अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के खिलाफ संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ( ICC), अफगानिस्तान में अमेरिकी और गाजा में इजरायली सैनिकों के कथित युद्ध अपराधों की जांच कर रही है।
बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अदालत ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
हाल ही में आईसीसी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रंप ने इस कार्रवाई को अवैध और निराधार बताया था। ट्रंप ने कहा था कि आईसीजे अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया है।
आईसीसी ने 21 नवंबर 2024 को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद डेफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अदालत की ओर से नेतन्याहू पर “मानवता के खिलाफ अपराध” और “युद्ध अपराध” का आरोप लगाया गया है।
क्या है ICC?
ICC में 125 सदस्य देश शामिल हैं। यह एक स्थायी अदालत है जो युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार और सदस्य देशों या उनके नागरिकों के खिलाफ अपराध करने वालों पर मुकदमा चलाती है। विशेष रूप से जब दो देशों के बीच कोई आपाराधिक मुकदमा का मामला हो तो ICC में सुनवाई होती है। गौरतलब है कि अमेरिका, चीन, रूस और इजरायल ICC के सदस्य नहीं हैं।
ट्रंप की योजना पर कोर्ट की रोक, संघीय कर्मचारियों से इस्तीफे लेने की योजना फेल
7 Feb, 2025 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। एक संघीय जज ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस योजना पर गुरुवार को अस्थायी रोक लगा दी जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन देकर संघीय कर्मचारियों से इस्तीफों की मांग की गई थी।
अदालत का यह फैसला मध्यरात्रि की उस अंतिम समयसीमा से कुछ घंटे पहले आया है जब संघीय कर्मचारियों को इस योजना के तहत इस्तीफे देने थे। इस योजना को आम बोलचाल में बायआउट कहा जा रहा है।
इस्तीफा देने की समयसीमा को अगली सुनवाई के बाद
बोस्टन में अमेरिकी जिला जज जॉर्ज ओ टूल जूनियर ने ट्रंप प्रशासन की योजना की वैधानिकता पर कोई राय व्यक्त नहीं की। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि वे योजना के तहत इस्तीफा देने की समयसीमा को अगली सुनवाई के बाद तक बढ़ा दे। कई श्रम संघों ने इस योजना को चुनौती दी है।
हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को भी निकालने की तैयारी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के हजारों कर्मियों को बर्खास्त करने के एक्जीक्यूटिव आदेश पर काम कर रहा है। यह आदेश अगले हफ्ते आ सकता है। इसके तहत फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों को कुछ प्रतिशत कर्मचारियों को बर्खास्त करना होगा।
जन्मजात नागरिकता मामले में कोर्ट ने लगाई रोक
जन्मजात नागरिकता मामले में ट्रंप प्रशासन को एक और झटका लगा है। दो दिनों में एक दूसरे संघीय न्यायालय ने अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले माता-पिता के बच्चों के लिए जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दिया है।
जज ने संविधान के प्रति प्रशासन के व्यवहार की निंदा की
सिएटल में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जान कफेनौर ने गुरुवार को संविधान के प्रति प्रशासन के व्यवहार की निंदा की और कहा कि ट्रंप एक कार्यकारी आदेश के साथ इसे बदलने की कोशिश कर रहे थे।
नवीनतम कार्यवाही मैरीलैंड संघीय न्यायाधीश द्वारा आप्रवासियों के अधिकार समूहों और गर्भवती महिलाओं से जुड़े एक अलग लेकिन इसी तरह के मामले में राष्ट्रव्यापी रोक जारी करने के ठीक एक दिन बाद हुई, जिनके जल्द ही पैदा होने वाले बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।
मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर बढ़ी सैन्य हलचल, 10 हजार अधिकारी तैनात
6 Feb, 2025 03:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका का टैरिफ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों से सीधे पंगा लिया है, जहां से सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी अमेरिका आते हैं. अब अमेरिका के खिलाफ भी इन देशों ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है.
अमेरिका का टैरिफ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों से सीधे पंगा लिया है, जहां से सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी अमेरिका आते हैं. अब अमेरिका के खिलाफ भी इन देशों ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है.
अमेरिका बोर्डर पर बढ़ी सैन्य मौजूदगी
पहली बार अमेरिकी बॉर्डर पर जंग से जैसी हलचल देखी जा रही है. मेक्सिको अपनी सीमा को सुरक्षित करने के लिए सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है. नकाबपोश और हथियारबंद नेशनल गार्ड के सियुदाद जुआरेज़ के बाहरी इलाके में सीमा अवरोधक के साथ झाड़ियों के बीच से गुजरते हुए, खाइयों में छिपी अस्थायी सीढ़ियां और रस्सिया निकालते हुए, उन्हें ट्रकों पर खींचते हुए आगे बढ़ रहे हैं. तिजुआना के पास सीमा के अन्य हिस्सों पर भी गश्ती देखी गई है.
ट्रंप ने सीमा पर की आपातकाल की घोषणा
अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीमा पर इमरजेंसी का ऐलान कर रखा है. मेक्सिको का सीमा पर सेना बढ़ाना सीमा पर एक अशांत हफ्ते के बाद हुई है, जब ट्रंप ने घोषणा की थी कि वे मेक्सिको पर कम से कम एक महीने तक भारी शुल्क लगाने में देरी करेंगे. बदले में, मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने वादा किया कि वे सीमा को सुदृढ़ करने और फेंटेनाइल तस्करी पर नकेल कसने के लिए देश के नेशनल गार्ड को भेजेंगी.
बता दें, अमेरिका इन दिनों अवैध प्रवासियों के निर्वासन के लिए युद्धस्तर की कार्रवाई कर रहा है और लगातार सैन्य विमानों से निर्वासन करा रहा है.
अदालत के अंदर मारपीट, मेक्सिको में पीड़ित परिवार ने किया हत्यारे पर हमला
6 Feb, 2025 02:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यू मेक्सिको में हत्या के एक संदिग्ध पर कथित तौर पर पीड़ित के चाचा और सौतेले पिता ने कोर्ट में हमला किया, ये पूरी घटना कोर्टरूम के वीडियो में कैद हुई है। वीडियो में मेक्सिको कोर्ट में हत्या के संदिग्ध पर पीड़ित के परिवार का हमला दिखाया गया है।
पुलिस के अनुसार, 21 साल के अलेक्जेंडर ऑर्टिज को पिछले साल फरवरी में अपनी पूर्व प्रेमिका, एलियाना पर गोली चलाने के सिलसिले में अल्बुकर्क पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ऑर्टिज पर फर्स्ट डिग्री मर्डर का आरोप लगाया गया था, जिसमें उसने मार्च में खुद को निर्दोष बताया था। वह अल्बुकर्क में बर्नलिलो काउंटी कोर्टहाउस में एक सुनवाई के लिए कोर्टरूम में पहुंचा था, इस दौरान उस पर हमला किया गया।
फर्श पर लोगों ने की कुश्ती
ये विवाद शुरू हो जाता है, जिसमें कई व्यक्ति फर्श पर कुश्ती कर रहे हैं, जिनमें कार्लोस लुसेरो, पीट यसासी, ऑर्टिज़, एक सुधार अधिकारी, ऑर्टिज के पिता और एक अज्ञात छठा व्यक्ति शामिल हैं। लुसेरो और यासासी को जींस और गहरे रंग की लंबी बाजू की शर्ट पहने एक व्यक्ति को मुक्का मारते हुए देखा जाता है, जबकि सुधार अधिकारी ऑर्टिज को बचाने की कोशिश करता है। लड़ाई तब समाप्त होती है जब अधिकारी अपना टैसर तैनात करता है।
जापान और डेल्टा एयरलाइंस के विमान में टक्कर, टला बड़ा हादसा
6 Feb, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के वाशिंगटन में एक और विमान हादसा हुआ है। हादसा वाशिंगटन के सबसे बड़े शहर सिएटल में एयरपोर्ट पर हुआ, सिएटल टैकोमा एयरपोर्ट पर जापान एयरलाइंस और डेल्टा एयरलाइंस के विमान आपस में टकरा गए थे। गनीमत रही कि इस हादसे में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि यात्रियों में चीख पुकार मच गई थी, लेकिन किसी को चोट नहीं लगी। दुर्घटना सुबह 10.17 बजे हुई जब जापानी विमान के गुजरते ही टैक्सींग विमान के विंग्स खड़े डेल्टा विमान के पिछले हिस्से से टकरा गए। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है।
कैसे घटी घटना?
यात्रियों ने घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं, जापानी विमान का एक विंग डेल्टा जेट के पिछले हिस्से में फंस गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि उसमें सवार लोगों की सांसें अटक गई थीं। एयरपोर्ट स्टाफ और क्रू मेंबर्स के भी हाथ-पैर फूल गए थे, लेकिन किसी तरह का टेक्निकल फॉल्ट नहीं आया और हादसा नहीं हुआ।
SEA ने यात्रियों को दिया निर्देश
फिलहाल किसी के घायल होने की कोई सूचना सामने नहीं आई है। हवाईअड्डे ने एक बयान में कहा, एसईए यात्रियों को सुरक्षित विमान से उतारने और उन्हें टर्मिनल तक लाने के लिए दोनों एयरलाइनों के साथ काम कर रहा है।
एक हफ्ते पहले भी हुआ था भयानक प्लेन हादसा
यह घटना अमेरिका में दो भयानक विमानन दुर्घटनाओं के बाद हुई है, जिससे हवाई अड्डों और यात्रियों में तनाव बढ़ गया है।
ठीक एक हफ्ते पहले, एक अमेरिकी सैन्य हेलिकॉप्टर के बीच हवा में अमेरिकन एयरलाइंस के विमान से टकरा जाने से 67 लोगों की मौत हो गई थी, जब वह डीसी के रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की कोशिश कर रहा था।
केवल दो दिन बाद, छह लोगों को ले जा रही एक एयर एम्बुलेंस फिलाडेल्फिया की एक व्यस्त सड़क पर गिरी और उसमें विस्फोट हो गया - जिससे उसमें सवार सभी लोग और जमीन पर मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई।
हाफीज सईद के बेटे तल्हा सईद ने कश्मीर की आजादी की कही बात, लाहौर में PM मोदी का भी किया जिक्र
6 Feb, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के दुश्मनों में से एक आतंकी हाफिज सईद के बेटा तल्हा ने 'कश्मीर को आजाद' करने की कसम खाई है। पाकिस्तान के लाहौर में आयोजित तथाकथित 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के अवसर पर यह बात कही। रैली के दौरान तल्हा सईद ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया।
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को रैली में बोलते हुए उसने अपने पिता की रिहाई की मांग की है। साल 2008 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान की जेल में बंद है।
तल्हा ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देना चाहता हूं कि कश्मीर मुसलमानों का है और हम कश्मीर को आपसे छीन लेंगे। यह जल्द ही पाकिस्तान मुस्लिम भारत का हिस्सा बन जाएगा।
तल्हा ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा को वैश्विक स्तर पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में पहचाना गया है, जो गलत है। उसने कहा कि मेरे पिता को बदनाम करने में भारत का हाथ है। उसने कहा कि पाकिस्तान सरकार को अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए और हाफिज सईद को जल्द जेल से रिहा करना चाहिए।
मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सईद
लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के संस्थापक हाफिज सईद को 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमांइड माना जाता है। विभिन्न आतंकी वित्तपोषण मामलों में पाकिस्तान ने हाफिज सईद को 78 साल की कैद की सजा सुनाई है और 2022 में 31 साल की अतिरिक्त जेल की सजा भी सुनाई है। बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों का बवाल, मुजीबुर्रहमान के आवास पर की तोड़फोड़
6 Feb, 2025 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हमला बोल दिया। आवास में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। यह घटना उस समय हुई जब उनकी बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना एक लाइव ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं।
संस्थापक शेख मुजीबुर के आवास के सामने इकठ्ठे हुए लोग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धानमंडी क्षेत्र में स्थित इस घर के सामने हजारों लोग एकत्रित हुए थे। इस घर को अब एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है और इसे बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक स्थल माना जाता है। प्रदर्शनकारियों ने इंटरनेट मीडिया पर ''बुलडोजर जुलूस'' के आह्वान के बाद इस घटना को अंजाम दिया।
हसीना ने अवामी लीग के अब भंग हो चुके छात्र संगठन छात्र लीग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ मिलकर प्रतिरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- ''वे हमारे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता को नष्ट नहीं कर सकते, जिसे हमने लाखों लोगों के बलिदान से हासिल किया है।'' यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस के शासन की ओर इशारा था।
हसीना ने आगे कहा- ''वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।'' अपदस्थ प्रधानमंत्री ने थोड़ी भावुक आवाज में कहा-''पाकिस्तानी सैनिकों ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भी इस घर को लूटा था, लेकिन इसे ध्वस्त नहीं किया या आग नहीं लगाई। आज इस घर को ध्वस्त किया जा रहा है। इसने क्या अपराध किया था? वे इस घर से इतना डरते क्यों थे.. मैं देश के लोगों से न्याय की मांग करती हूं। क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?''
प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि सेना के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हूटिंग का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पहले इमारत की दीवार पर बने बलिदानी नेता के एक भित्ति चित्र को नुकसान पहुंचाया और लिखा ''अब 32 नहीं होगा''।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के एक प्रमुख आयोजक ने फेसबुक पोस्ट में सभी पूर्व अवामी लीग सांसदों और मंत्रियों के आवासों को ध्वस्त करने का आह्वान किया और उन स्थलों पर नई इमारतें बनाने का प्रस्ताव दिया। दिन में पहले, मंच के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट्स को हसीना के भाषण का प्रसारण करने के खिलाफ चेतावनी दी थी और कहा था कि इसे उनके एजेंडे को बढ़ावा देने के रूप में देखा जाएगा।
इस बीच, गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जाहंगीर आलम चौधरी ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत से हसीना और अन्य को प्रत्यर्पण संधि के तहत वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। 77 वर्षीय हसीना बीते पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं,
अमेरिका में जन्मजात नागरिकता को खत्म करने के ट्रंप के फैसले पर अदालत की रोक
6 Feb, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के यहां जन्मे किसी भी व्यक्ति के लिए जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने के प्रविधान वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर बुधवार को एक और जज ने अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। कोर्ट का यह निर्णय 22 राज्यों के साथ ही अन्य संगठनों की याचिका पर आया, जिन्होंने ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया था।
कुछ गर्भवती महिलाओं ने भी मुकदमा किया
मैरीलैंड संघीय अदालत की जज डेबोरा बोर्डमैन ने दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय दिया। उन्होंने कहा कि देश की किसी भी अदालत ने ट्रंप प्रशासन के कदम का समर्थन नहीं किया है। ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक को लेकर प्रवासी-अधिकार वकालत समूहों कासा एवं असाइलम सीकर एडवोकेसी प्रोजेक्ट और कुछ गर्भवती महिलाओं ने भी मुकदमा किया है।
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद जन्मजात नागरिकता पर रोक लगाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया था। इसके बाद एक अदालत ने राष्ट्रीय स्तर पर इस पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। वाशिंगटन में चार राज्यों द्वारा एक अलग मुकदमा दायर किया गया है, जहां एक जज ने आदेश को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक कहा है।
ट्रंप ट्रांसजेंडर एथलीट पर जारी करेंगे यह आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जल्द ही एक ऐसे कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं, जिसके बाद ट्रांसजेंडर खिलाड़ी महिला वर्ग के खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। यह आदेश उन ट्रांसजेडर एथलीट पर लागू होगा जो जन्म के समय पुरुष थे और बाद में लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गए।
ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर प्रतिबंध लग सकता है
ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को ट्रांसजेंडर सैनिकों संबंधी पेंटागन की नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया है। ट्रंप के इस आदेश से आने वाले समय में अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर प्रतिबंध लग सकता है।
स्वीडन के स्कूल में गोलीबारी, 11 की मौत, हमलावर ने आत्महत्या की
5 Feb, 2025 04:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्वीडन के ओरेब्रो शहर में एक स्कूल पर हुई गोलीबारी की वारदात में 11 लोगों की मौत हो गई है। स्वीडिश पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि पुलिस को अभी यह पता नहीं चल पाया है कि गोलीबारी में कितने लोग घायल हुए हैं। स्थानीय पुलिस प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जांचकर्ता गोलीबारी के बारे में और जानकारियां जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी स्कूल (भवन) के अंदर हुई या क्या और भी हमलावर इसमें शामिल थे।'
स्कूल के अन्य हिस्सों को खाली कराया गया
घटनास्थल से सामने आए वीडियो में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और अन्य आपातकालीन वाहन देख जा सकते हैं। इसके अलावा छात्रों को पास की इमारतों में शरण लेते हुए भी देखा गया। गोलीबारी के बाद स्कूल के अन्य हिस्सों को खाली करा दिया गया। न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रॉमर ने बताया, ओरेब्रो में हिंसा की खबरें बेहद गंभीर हैं। सरकार पुलिस के साथ निरंतर संपर्क में है और घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।
पीएम क्रिस्टर्सन ने घटना पर जताया दुख
मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि यह 'पूरे स्वीडन के लिए बहुत दुखद दिन है।' कैंपस रिसबर्गस्का नाम के इस स्कूल में 20 साल से अधिक उम्र के लोग पढ़ते हैं। ये स्कूल स्टॉकहोम से लगभग 200 किमी (125 मील) पश्चिम में मौजूद है। जिसमें 20 साल से अधिक उम्र के छात्रों को प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा, प्रवासियों के लिए स्वीडिश भाषा की कक्षाएं, व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
शिक्षिका और छात्र गोलीबारी से सहमे
वहीं इस वारदात के बाद पुलिस वाहन और एम्बुलेंस स्कूल के आसपास के इलाके में पहुंच गए, जबकि एक हेलिकॉप्टर भी मौके पर मौजूद था। शिक्षिका लीना वारेनमार्क ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 गोलियों की आवाज सुनी। छात्र आंद्रियास सुंडलिंग ने बताया कि उन्होंने तीन गोलियों की आवाज और जोरदार चीखें सुनीं। उन्होंने कहा, हम स्कूल से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। हमें बताया गया है कि हमें इंतजार करना है। बता दें कि, ओरेब्रो शहर की आबादी लगभग 1,55,000 है।
इंडोनेशिया के उत्तरी मालुकु में 6.2 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का कोई खतरा नहीं
5 Feb, 2025 03:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में बुधवार (5 फरवरी) को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता 6.2 थी, और इसका केंद्र उत्तरी मालुकु के तट पर बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप 81 किलोमीटर (50 मील) गहरा था, और राहत की बात यह है कि इससे सुनामी का कोई खतरा नहीं है.
इंडोनेशिया में जब भी भूकंप आता है तो सुनामी का खतरा भी बना रहता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. भूकंप बुधवार तड़के आया और लोग डर से अपने घरों से बाहर भागने लगे. इंडोनेशिया की आपदा कंट्रोल एजेंसी ने अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं दी है.
'रिंग ऑफ फायर' में स्थित इंडोनेशिया
इंडोनेशिया एक ऐसी जगह पर स्थित है जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है, जहां धरती की कई टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं. इसी वजह से यह इलाका भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिहाज से काफी संवेदनशील है.
दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है. इसके बाद पाकिस्तान और भारत का स्थान आता है. इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. हाल ही में नेपाल और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
इंडोनेशिया में जोरदार भूकंप
इंडोनेशिया में आए इस जोरदार भूकंप ने लोगों को डराया जरूर, लेकिन राहत की बात यह है कि इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और सुनामी का खतरा भी टल गया है. इंडोनेशिया की संवेदनशील स्थिति और 'रिंग ऑफ फायर' में होने के कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है.
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता और समय पता करने लगाने के लिए जिस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है उसे सिस्मोग्राफ कहते हैं. इस डिवाइस की मदद से धरती के भीतर होने वाली कंपन का ग्राफ बनाया जाता है. इस सिस्मोग्राफ कहते हैं. इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के माध्यम से भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है.
हमास ने दूसरे चरण के युद्ध विराम पर बातचीत शुरू की, गाजा के पुनर्निर्माण के लिए समिति का गठन
5 Feb, 2025 01:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्राइल और हमास के बीच दो साल से ज्यादा समय तक चले संघर्ष के बाद अभी पहले चरण का युद्ध विराम चल रहा है। इसी बीच हमास के अधिकारी ने दूसरे चरण के युद्ध विराम की बातचीत पर जोर दिया है। दूसरी ओर फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा कि उसने गाजा पट्टी में पुनर्वास समिति का गठन किया है।
दूसरे चरण पर बात-चीत
हमास के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने संघर्ष विराम के दूसरे चरण पर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस्राइल ने पहले चरण की कुछ शर्तों का पालन नहीं किया है। मामले में आतंकवादी समूह के प्रवक्ता अब्देल-लतीफ़ अल-क़ानौआ ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अगले चरण पर संचार और बातचीत शुरू कर दी है, जिसमें आगे बंधकों की रिहाई और गाजा पट्टी से इस्राइल की वापसी शामिल होने की उम्मीद है।
इस सप्ताह के अंत में शुरू होगी बातचीत
हमास समूह के प्रवक्ता हेज़म क़स्साम ने कहा कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी, उनका परिनियोजन बहुत कम हुआ है। संघर्ष विराम के दूसरे चरण की बातचीत सोमवार से शुरू होनी थी, लेकिन अब इसे कतर में इस सप्ताह के अंत में जारी रखा जाएगा। हालांकि इन दावों के बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू इन दिनों अमेरिका के दौरे पर है। जहां उन्होंने सोमवार को ट्रंप के मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की और मंगलवार को ट्रंप से मिलेंगे।
गाजा में पुनर्वास समिति का गठन
साथ ही फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने गाजा पट्टी में पुनर्निर्माण और सुधार कार्यों के लिए एक समिति बनाई है। इस समिति का उद्देश्य गाजा में पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान करना है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह समिति गाजा में काम कर पाएगी या नहीं, क्योंकि हमास अब भी अधिकांश गाजा क्षेत्र को नियंत्रित करता है और इस्राइल फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका को युद्ध के बाद गाजा में स्वीकार नहीं करता है।
अमेरिका में अंडे की कीमतों में 7 गुना वृद्धि, पेंसिल्वेनिया में चोरी से और बढ़ी परेशानी
5 Feb, 2025 01:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. इसके बाद भी यहां के लोग अंडों के लिए परेशान हैं. यहां तक की अब अंडे चोरी के मामले भी सामने आने लगे हैं. अमेरिका के पेंसिल्वेनिया शहर में अंडे चोरी होने का मामला सामने आया है. यहां डिलीवरी र्टेलर से लगभग एक एक लाख अंडों की चोरी हुई है. पुलिस ने इस चोरी का मामला दर्ज कर लिया है, और जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक चोरी रात करीब 8:40 बजे ग्रीन कैसल में पीट एंड गेरी ऑर्गेनिक्स एलएलसी में हुई. चोरी हुए अंडों की कीमत 40,000 डॉलर है.
अमेरिका में अंडों के लिए जनता में हाहाकार मचा हुआ है. अंडों का दाम रिकॉर्ड आसमान छू रहा है. जिससे कीमतें 7 डॉलर प्रति कार्टन हो गई हैं. अंडा लोगों के नाश्ते का अहम हिस्सा है, इसलिए हर रोज करोड़ों लोग अंडा खरीदते हैं, लेकिन अब अंडे के दाम उनका बजट बिगाड़ रहे हैं.
इसी कमी के कारण पुलिस चोरी हुए अंडों की जांच कर रही है. पुलिस ने इस बारे में कहा कि अभी उनके पास ज्यादा जानकारी नहीं है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. जल्द ही चोरी का खुलासा किया जाएगा.
अंडे की कमी से जूझ रहा अमेरिका
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पूरा अमेरिका इस समय अंडे की कमी से जूझ रहा है. किसी एक इलाके में नहीं बल्कि पूरे देश में यही हाल है. लगातार हो रही कमी के कारण कीमतें भी आसमान छू रही हैं. इस समय अंडे की कीमत 7 डॉलर प्रति कार्टन हो गई हैं.
अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा कि मिडवेस्ट में एक दर्जन बड़े अंडों की थोक कीमत अब औसतन $7.08 है, जो दो साल पहले की कीमत से लगभग सात गुना अधिक है.
न्यूयॉर्क शहर में, होल फूड्स इंक में एक दर्जन अंडों के एक कार्टन की कीमतें $11.99 तक पहुंच गई हैं. राष्ट्रीय खुदरा विक्रेता ने शहर की कुछ जगहों पर ग्राहकों के लिए तीन-कार्टन खरीद की सीमा रख दी है.
क्यों हुई अंडों की कमी?
अमेरिका में अंडों की कमी पिछले कई महीनों से चल रही है. इसके पीछे की वजह बर्ड फ्लू को माना जा रहा है. यहां बर्ड फ्लू के कारण लाखों मुर्गियों की मौत हुई थी. जिसके कारण अंडों की कमी आई है. जिस कमी को लोगों को ज्यादा कीमत देकर चुकाना पड़ रहा है.
किसान समूह यूनाइटेड एग प्रोड्यूसर ने बताया कि साल 2022 बर्ड फ्लू के कारण 104 मिलियन अंडे देने वाली मुर्गियों की मौत हो गई. इसके अलावा अक्टूबर में 29 मिलियन मुर्गियों की मौत हो गई. इसी के कारण अंडे की कमी आई है.
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने चुनाव की घोषणा करते हुए कहा- समय है सहयोग और एकता का.......
5 Feb, 2025 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ग्रीनलैंड में बढ़ी दिलचस्पी दिखाई है, जिसके बाद से ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ट्रंप पर आक्रामक हैं. अब उन्होंने 11 मार्च को देश में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव के साथ-साथ संसद में इस पर भी विचार हुआ कि चुनाव के दौरान मिलने वाले विदेशी राजनीतिक दान पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.
चुनाव में विदेशी मदद पर रोक लगना ट्रंप के लिए बड़ा झटका हो सकता है. क्योंकि ट्रंप की ग्रीनलैंड पर नजर है और वह यहां के चुनाव में चाहेंगे कि उनकी पसंद का उम्मीदवार निर्वाचित हो ताकी अमेरिका के हित पूरे हो सकें. एगेडे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप का नाम लिए बिना कहा “यह एक ऐसा समय है जिसे हमने अपने देश में पहले कभी अनुभव नहीं किया है.”
उन्होंने आगे कहा, “यह समय आंतरिक विभाजन का नहीं, बल्कि हमारे देश के लिए सहयोग और एक साथ आने का है. मैं आपके लिए काम करने और हमारे देश का नेतृत्व करने के लिए फिर से तैयार हूं.”
कब होंगे चुनाव?
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने मंगलवार को प्रस्ताव रखा कि 11 मार्च को आम चुनाव कराए जाएं. लग रहा है कि आर्कटिक द्वीप की आजादी इस चुनाव का मुख्य मुद्दा रहने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इसे हासिल करने की नई मांग ने देश भक्ति के भावना को जन्म दिया है. ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा, “हम एक गंभीर समय से गुजर रहे हैं और में संसद से चाहता हूं की वे प्रस्ताव को स्वीकार करें.”
विदेश दान पर लगेगा प्रतिबंध
कानून के मुताबिक राजनीतिक दलों को विदेशी या गुमनाम दाताओं से डोनेशन लेने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा, कोई भी एक पार्टी घरेलू निजी योगदान के रूप में लगभग 28 हजार डॉलर से ज्यादा पैसा नहीं ले पाएगी.