धर्म एवं ज्योतिष
कुंडली में कमजोर शनि ग्रह, साढ़ेसाती से परेशानियों से घिरा है जीवन, 6 उपाय दूर करेंगे शनि दोष, नौकरी भी मिलेगी मनचाही
6 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Shani Grah Majboot karne ke upay: शनिवार को शनि देव की पूजा की जाती है. शनि देव न्याय के देवता हैं. वे लोगों द्वारा किए गए उनके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें फल और दंड देते हैं. हर व्यक्ति को अपने पाप और पुण्य का लेखा-जोखा, सजा इसी जन्म में भुगतना भी पड़ता है. व्यक्ति को उनके द्वारा किए गए सभी पापों और गलत कार्यों का फल साढ़ेसाती के समय मिलता है. मान्यता है कि साढ़ेसाती होने पर जीवन बहुत कष्टदायक हो जाती है. लोगों को कई तरह की समस्याओं, परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आर्थिक परेशानी से लेकर सेहत संबंधित समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं. मान-प्रतिष्ठा की हानि, अपमान सहना पड़ सकता है. शनि ग्रह कुंडली में कमजोर होने पर भी ये समस्याएं होती हैं. यदि आप शनि ग्रह से परेशान हैं तो शनिवार के दिन कौन से उपाय करके दूर कर सकते हैं साढ़ेसाती और मजबूत बना सकते हैं शनि ग्रह कुंडली में.
शनि ग्रह दोष से परेशान हैं, दूर करेंगे ये 6 उपाय
1. भोपाल स्थित ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री विनोद सोनी पौद्दार कहते हैं कि शनि ग्रह से परेशान हैं, जीवन में कई तरह की समस्याएं बनी हुई हैं तो आप शनिवार को लाल धागे का उपाय करें. यह बेहद खास है, क्योंकि इसे अपनाने से बहुत जल्दी ही हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति होती है. आप पूजा में इस्तेमाल होने वाला कच्चा सूत यानी मौली शनिवार के दिन अपनी लंबाई के बराबर लें. साथ में एक आम का हरा पत्ता भी लाएं. इसे धागे को आम के पत्ते पर लपेट दें. इसे हाथ में लें और आपकी जो भी मनोकामनाएं हों, उसे मन ही मन में दुहराएं. अब इसे बहते हुए जल की धारा, नदी में बहा दें.
2. यदि आपके जीवन में शनि की साढ़ेसाती के कारण तमाम तरह की समस्याएं चल रही हैं तो आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. फिर आप पेड़ के तने को छूकर प्रणाम करें और सात बार परिक्रमा करें. इससे साढ़ेसाती के कारण चल रही समस्याओं का नाश होगा. आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
3. यदि आपको नौकरी संबंधित समस्याएं और आर्थिक परेशानियां हों तो ये भी शनि की साढ़ेसाती के कारण ही हैं. ऐसे में शनिवार के दिन भोजन में नमक ना डालें और उसी का सेवन करें. इससे भी आपकी हर तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं और परिवार में आर्थिक संपन्नता आएगी.
4. शनिवार के दिन आप किसी काले रंग की चिड़िया को खरीदें और उसे अपने ही हाथों से आसमान में उड़ा दें. आपकी सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाएंगी. शनिवार के दिन लोहे का त्रिशूल महाकाल शिव या महाकाली मंदिर में अर्पित करें.
5. शनि ग्रह दोष होने के कारण यदि आपकी शादी में बाधाएं आ रही हैं तो शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को 250 ग्राम काली राई को नए काले कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ की जड़ में रखें. शीघ्र हाथ जोड़कर विवाह होने की प्रार्थना करें.
6. आर्थिक वृद्धि के लिए शनिवार के दिन गेंहू में कुछ काले चने मिलाकर पिसवाएं. शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को दस बादाम हनुमान मंदिर में लेकर जाएं और वहां रख दें. उनमें से पांच बादाम घर लाएं और उन्हें लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी या धन-दौलत रखने वाले स्थान पर रख दें.
मकर संक्रांति पर जरूर दान करें ये चीजें, हर कष्ट से मिलेगी मुक्ति!
5 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आगामी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे. इस दिन तिल और गुड़ की बनी चीजों को वितरित किया जाता है और इन्हें दान करना भी शुभ माना जाता है.उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के निवासी पंडित योगेश कुकरेती ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व होता है. उन्होंने बताया कि साल में 12 संक्रांतियां होती हैं. किसी भी राशि में सूर्य का प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है. इसी तरह जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस समय को ही मकर संक्रांति कहते हैं.
गुड़ और तिल का चीजें दान
ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश कुकरेती ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन लोग काली दाल, चावल और खिचड़ी दान करने के साथ-साथ गुड़ और तिल की चीजें दान करते हैं क्योंकि इसका बहुत महत्व है. माना जाता है कि तिल के दान से शनि, राहु, केतु से संबंधित हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं. यदि किसी की शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो भी हर कष्ट से मुक्ति मिलती है. अगर तिल को गुड़ के साथ मिलाकर दान दिया जाए तो सूर्य और मंगल के दोष खत्म होते हैं. कई जगह बहते हुए जल में तिल-गुड़ डाला जाता है, ऐसा करने से हर तरह के कष्ट से मुक्ति मिलती है.
शनि ने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को प्रयोग किए थे तिल
शास्त्रों में बताया जाता है कि एक बार शनि के पिता सूर्यदेव उन पर किसी बात को लेकर बहुत क्रोधित हुए थे. जिसके बाद उन्होंने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को काले तिल का प्रयोग किया था. तब उनके पिता सूर्यदेव ने उनसे कहा था कि जिस दिन वह मकर राशि में प्रवेश करेंगे, उस दिन अगर कोई व्यक्ति पूजा में तिल का प्रयोग करेगा या दान करेगा, तो उसे शनि दोष से मुक्ति मिल जाएगी. तभी से मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ की चीजें दान किया जाने लगा है. लोग तिल और गुड़ से बनी रेवड़ी, गजक आदि भी लोगों में वितरित करते हैं.
इस साल कब है सरस्वती पूजा? रवि योग और रेवती नक्षत्र में मनेगी वसंत पंचमी, जानें मुहूर्त और महत्व
5 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरस्वती पूजा हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. सरस्वती पूजा के दिन ही वसंत पंचमी का उत्सव होता है. सरस्वती पूजा पर स्कूलों में ज्ञान की देवी मां शारदा की विधि विधान से अराधना की जाती है. इस साल सरस्वती पूजा के दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र है. ये दोनों ही शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा कब है? सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? सरस्वती पूजा के दिन रवि योग कब से बन रहा है? सरस्वती पूजा का महत्व क्या है?
सरस्वती पूजा 2024 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए आवश्यक माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू हो जाएगी और यह तिथि अगले दिन 14 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर सरस्वती पूजा 14 फरवरी को होगी. उस दिन ही वसंत पंचमी भी मनाई जाएगी.
सरस्वती पूजा 2024 मुहूर्त
14 फरवरी को सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 5 घंटा 35 मिनट तक है. पूजा का समय सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस समय में आपको माता सरस्वती की पूजा कर लेनी चाहिए.
रवि योग और रेवती नक्षत्र में सरस्वती पूजा 2024
इस वर्ष सरस्वती पूजा के दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र है. रवि योग सुबह 10 बजकर 43 मिनट से अगले दिन सुबह 7 बजे तक है, वहीं शुभ योग प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 59 मिनट तक है. उस दिन रेवती नक्षत्र प्रात:काल से 10:43 एएम तक है, उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है. रवि योग में जो भी कार्य करते हैं, वह सफल होता है, उसमें आने वाली बाधाएं खत्म होती हैं.
साल 2024 का पहला व्रत, सफल होंगे सारे काम, निष्कासित बेटा बना था राजा, जानें पूरी कहानी और महत्व
5 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के अंदर वेद, पुराण और सभी ग्रंथों में हर छोटे से बड़े व्रत का काफी महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म के अंदर साल भर में ऐसे कई विशेष व्रत आते हैं जिन्हें लोग बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ रखते हैं. हिंदू धर्म के उन्हीं खास और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है सफला एकादशी का व्रत, जिसे सबसे पहले एक राज्य के राजा के बेटे ने घर से निष्कासित होने पर मजबूरी में जंगल के अंदर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर भूखा प्यासा रहकर सिर्फ फलों से किया था और फिर तो भगवान की कुछ ऐसी कृपा हुई कि राज्य से निष्कासित राजा के बेटे की राज्य की कामना ही इस व्रत से पूरी हो गई और वह राज्य का राजा बन गया. तभी से यह व्रत संपूर्ण भारतवर्ष में सफलता और फल की इच्छा से किया जाता है. जो नए साल 2024 में इस बार 7 जनवरी को पड़ रहा हैं. तो आईए जानते हैं इस व्रत की कहानी और महत्व
पंडित रमेश चंद्र शास्त्री बताते हैं कि इस व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा और इसके महत्व में लिखा है कि एक चंपावती नाम की नगरी के राजा हुआ करते थे महिष्मान और उनके चार पुत्रों में से एक पुत्र का नाम लुम्पक था. एक दिन ऐसा आया कि दुष्ट प्रवृत्ति होने का होने के राजा ने अपने बेटे लुम्पक को घर से निकाल दिया. राज्य से निष्कासित होने के बाद लुम्पक चोरी और दुष्ट कर्म कर अपना जीवन चलाता था. एक दिन लुम्पक का शरीर सिपाहियों की पिटाई के कारण असमर्थ हो गया. जिसके बाद लुम्पक एकादशी वाले दिन जंगल में जाकर पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया.
पेड़ के नीचे बैठकर भगवान को लगाया भोग
शरीर में शक्ति न होने के कारण उस दिन ना तो लुम्पक आखेत कर सका और ना ही पेड़ों से फल तोड़ सका. उस एकादशी वाले दिन लुम्पक ने जमीन से टूटे हुए फल उठाकर ही पीपल के पेड़ के नीचे बैठ भगवान को भोग लगा दिया और मजबूरी में एकादशी का व्रत कर लिया. जैसे ही राज्य से निष्कासित लुम्पक का एकादशी का व्रत पूरा हुआ वैसे ही भगवान के गण विमान पर बैठकर लुम्पक के पास आए बोले कि तुम्हारा व्रत पूरा हो गया है और अब तुम निष्पाप हो गए हो, तुम्हारी राज्य की कामना का फल भी पूरा हो गया है. भगवान के गुणों की इस बात को सुनते ही लुम्पक अपने राज्य लौट गया और राजा बन गया.
साल 2024 का प्रथम व्रत सफला एकादशी
पंडित रमेश शास्त्री का कहना है कि अगर किसी मनुष्य की राज्य की कामना भी हो तो वह भी सफला एकादशी का व्रत कर सकता है. इस व्रत को करने से निश्चित ही उसको फल प्राप्त होगा. शास्त्री का कहना है कि साल 2024 में सफला एकादशी का व्रत बहुत ही श्रेष्ठ और साल का प्रथम व्रत है. फल की कामना रखने वाले फलाकांक्षी लोगों को तो इस व्रत को जरूर करना चाहिए.
ब्रह्म मुहूर्त या फिर सूर्योदय के बाद...मकर संक्रांति पर कब करें स्नान? काशी के ज्योतिषी से जानें सब
5 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल में कुल 12 संक्रांति होती है. इसमें मकर संक्रांति का अपना विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इस बार यह पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन से ही खरमास भी खत्म हो जाता है. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. आइये काशी के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि मकर संक्रांति पर स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा है.
पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि मे प्रवेश कर रहा है. सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे. इसलिए इस दिन 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पा सकतें है.
स्नान के लिए यह समय सबसे शुभ
इसके अलावा सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 5 मिनट का सबसे सबसे शुभ और बेहतर है. पूर्णकाल के इस समय में कुंभ लग्न है जो सभी पापों का नाश करने वाला होगा. इस समय गंगा, गोदावरी, संगम सहित सभी पवित्र नदियों में स्नान से जीवन के कष्ट दूर होते है.
इन चीजों का करें दान
पवित्र नदी में स्नान के बाद इस दिन गुड़, तिल और चावल का दान भी जरूरतमंदों को जरूर देना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. पापों से मुक्ति के लिए यह दिन बेहद अहम होता है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 जनवरी 2024)
5 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय होगा, मन में उद्विघ्नता बनेगी।
वृष राशि :- मानसिक बेचैनी, क्लेश व अशांति के योग बनेंगे तथा कार्य का भार अवश्य बढ़ेगा।
मिथुन राशि :- व्यर्थ भ्रमण से धन हानि, आरोप, क्लेश से बचें तथा स्थिति संदिग्ध अवश्य रहेगी।
कर्क राशि :- परिश्रम से कुछ सफलता मिले, अर्थ-व्यवस्था कुछ अनुकूल बनानी ही पड़ेगी।
सिंह राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यगति में सुधार होगा, कार्य आनंद से बनेंगे।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, व्यक्तिगत मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
तुला राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे तथा सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा अवश्य बढ़ेगी।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, कार्यगति में सुधार होगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
धनु राशि :- कुटुम्ब में धन का व्यय होगा, मानसिक व्यग्रता तथा स्वभाव में बेचैनी अवश्य बढ़ेगी।
मकर राशि :- चिन्ताएं दूर हों, सफलता के साधन अवश्य जुटायें, कार्य अवश्य ही बनेंगे।
कुंभ राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास, कार्यगति में अनुकूलता बने, चिन्ताएं कम होंगी।
मीन राशि :- अधिकारियों से तनाव स्थिगित रखें, मित्रों से विवाद तथा धोखा बनेगा, ध्यान दें।
इससे होती है धनहानि
4 Jan, 2024 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर किसी को जीवन में सुख और धन की चाहत होती है। यह भी सही है कि सभी काम धन से ही होते हैं। इसी लिए हर कोई धन कमाने का प्रयास करता है पर कई बार देखा गया है कि काफी प्रयास के बाद भी आर्थिक हालात ठीक नहीं होते। इसमें वास्तु से संबंधित दोष जिम्मेदार होते हैं।
घर में रखी गई चीज़ें भी घर में अच्छा या बुरा प्रभाव डालती है। कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसे चीज़ें घर में रख लेते हैं जो देवी लक्ष्मी को अप्रिय होती है। उन चीजों को घर में रखने से घर में लक्ष्मी नहीं टिकती और हर समय धन का नुकसान होता रहता है।कभी भी किसी एक देवी-देवता की मूर्ति आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। ऐसा होने से आय के साधन कम होने लगते है और खर्च बढ़ जाते हैं।
बंद या खराब घड़ी न रखें
बंद या खराब घड़ी नकारात्क एनर्जी को बढ़ाती है। उन्नति और धन संबंधी परेशानियों से बचाव के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बंद घड़ी को ठीक करवा लें या घर में न रखें।घर में टूटा हुआ कांच या टूटे कांच की वस्तुएं रखना आर्थिक नुकसान का कारण बनता है। दरवाजे-खिड़कियों में लगे कांच के टूट जाने पर उन्हें भी तुरंत बदलवा देना चाहिए।
घर में भगवान की खंडित मूर्ति भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए। भगवान की टूटी हुई मूर्तियों घर में पैसों से संबंधी परेशानियां बढ़ाती हैं। तस्वीर के अलावा भगवान की फटी हुई तस्वीरों को भी घर में नहीं रखना चाहिए।
कांटेदार पौधों को न लगायें
बहुत से लोगों को पेड़ पौधे लगाने का शौक होता है। ऐसे में नई-नई तरह के पेड़-पौधों लगाने की चाह में कई लोग कांटेदार पौधों को घर में सजा लेते है, जो की घर को धन संबंधी परेशानियों का कारण बनते हैं। खराब और बेकार चीजों को घर में रखने से नकारात्मक उर्जा बढ़ती है और कई तरह की धन संबंधी परेशानियां भी आती हैं। खराब उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, फ्रीज आदि को घर में भूलकर भी न रखें।
पीले रंग को इसलिए मानते हैं शुभ
4 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आमतौर पर लोग शुभ कार्यों में पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं। ज्योतिष में भी पीले रंग को खास महत्व दिया गया है। पीले रंग का संबंध गुरु बृहस्पति से भी माना गया है।यह सूर्य के चमकदार हिस्से वाला रंग है। यह मुख्य रंगों का हिस्सा है और यह रंग स्वभाव से गर्म और ऊर्जा पैदा करने वाला होता है। पीले रंग का पाचन तंत्र, रक्त संचार और आँखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
इस रंग की खूबी
इस रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है। यह बृहस्पति का प्रधान रंग है।
यह रंग जीवन में शुभता लाता है।
मन को उत्साहित करके नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है।
यह नज़र दोष या नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है।
इस रंग के प्रयोग से ज्ञान प्राप्ति में सुविधा होती है।
साथ ही मन में अच्छे विचार बने रहते हैं।
इस रंग का इस प्रकार करें प्रयोग
पढ़ने और पूजा के स्थान पर इस रंग का खूब प्रयोग कर सकते हैं।
घर की बाहरी दीवारों पर भी पीले रंग का प्रयोग कर सकते हैं।
घर के अंदर पीले रंग के हल्के शेड का प्रयोग किया जा सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए पीला रुमाल साथ में रखें।
हल्दी का तिलक लगाकर मन को सात्विक और शुद्ध रख सकते हैं।
रखें ये सावधानियां
इस रंग के ज्यादा प्रयोग से पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है।
आँखों और सर में भारीपन की समस्या हो सकती है।
यह कभी कभी अहंकारी भी बना देता है।
यह रंग कभी कभी नींद में भी बाधा पैदा करता है।
ऐसे टोटके बदल सकते हैं किस्मत
4 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोटी, कपड़ा और मकान यह इंसान की 3 सबसे पहली जरुरत है। रोटी के कुछ ऐसे उपाय हमें किताबों में मिलते हैं जो आश्चर्य में डाल देते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे टोटके रोटी के, जो हमारा नसीब भी बदल सकते हैं.
घर की रसोई में पहली रोटी सेंकने के बाद उसमें शुद्ध घी लगाकर चार टुकड़े कर लें और चारों टुकड़ों पर खीर अथवा चीनी या गुड़ रख लें। इसमें से एक को गाय को, दूसरे को कुत्ते को, तीसरे को कौवे को और चौथे को किसी भिखारी को दे दें। इस उपाय के तहत गाय को रोटी को खिलाने से पितृदोष दूर होगा, कुत्ते को रोटी खिलाने से शत्रुभय दूर होगा, कौवे को रोटी खिलाने से पितृदोष और कालसर्प दोष दूर होगा और अंतिम रोटी का टुकड़ा किसी गरीब या भूखे को भोजन के साथ खिलाने से आर्थिक कष्ट दूर होंगे और बिगड़े काम बनने लगेंगे।
यदि आपके जीवन में शनि पीड़ा है या फिर राहु-केतु की अड़चनें हो तो रोटी का यह उपाय आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। इन सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए रात के समय बनाई जाने वाली अंतिम रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने के लिए दें। यदि काला कुत्ता उपलब्ध न हो तो किसी भी कुत्ते के बच्चे को खिलाकर इस उपाय को कर सकते हैं.
हमारे यहां अतिथि को देवता के समान माना गया है फिर वह धनवान हो या फिर आम आदमी. यदि कोई निर्धन या भिखारी आपके घर के दरवाजे पर आए तो यथासंभव भोजन अवश्य कराएं। भोजन में भी रोटी जरूर खिलाएं या हाथ से परोसें।
यदि तमाम प्रयासों के बावजूद सफलता आपके हाथ नहीं लग रही है तो आप के लिए रोटी का यह उपाय वरदान साबित हो सकता है। रोटी और चीनी को मिलाकर छोटे-छोटे टुकड़े चीटियों के खाने के लिए उनके बिल के आस-पास डालें। इस उपाय से आपकी बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगेंगी।
यदि आपके घर की शांति को किसी की नजर लग गई है और आए दिन लड़ाई झगड़ा होता रहता है तो आप रोटी से जुड़े चमत्कारी उपाय को जरूर अपनाकर देखें। दोपहर के समय जब आप अपनी रसोई में पहली रोटी सेंके तो उसे गाय के लिए और अंतिम रोटी कुत्ते के लिए जरूर निकाल लें। उसे भोजन से पूर्व गाय और कुत्ते को खिलाने का प्रयास करें। यदि यह न संभव हो तो बाद में उसे खिला दें।
अगर करियर में रुकावट है, नौकरी नहीं मिल रही है तो यह उपाय करें। कटोरदान की नीचे से तीसरे नंबर की रोटी लें, तेल की कटोरी में अपनी बीच वाली अंगुली और तर्जनी यानी पास वाली बड़ी अंगुली को एक साथ डुबोएं अब उस रोटी पर दोनों अंगुलियों से एक साथ लाइन खींचें। अब इस रोटी को बिना कुछ बोले दो रंग के कुत्ते को डाल दें। यह उपाय गुरुवार या रविवार को करेंगे तो करियर की हर बाधा दूर होगी।
घर से हटा दें नकारात्मक ऊर्जा वाली वस्तुएं
4 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीवन में सभी खुशहाली चाहते हैं पर कई बार हमें काफी प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिलती। वास्तुशास्त्र के अनुसार कुछ चीजों से घर में नकारात्मकता आती है। इन नकारात्मक ऊर्जा वाली वस्तुएं घर में रखने से मनुष्य को दुर्भाग्य और गरीबी का सामना भी करना पड़ जाता है। ऐसी चीजों को भूलकर भी घर में नहीं रखना चाहिए।
वास्तु के अनुसार देवी-देवताओं की फटी और पुरानी तस्वीरें या खंडित हुईं मूर्तियों से भी आर्थिक हानि होती है। इसलिए उन्हें किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
अक्सर लोगों के घरों में फटे-पुराने कपड़ों की एक पोटली होती है। फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के कपड़ों को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए।
किसी भी तरह की टूटी-फूटी या गैर-जरूरी वस्तु को घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिसके कारण लक्ष्मी का आगमन रुक जाता है।
घर की छत पर पड़ी गंदगी से भी पैसों की तंगी को बढ़ सकती है। इससे परिवार की बरकत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। घर की छत पर कबाड़ा या फालतू सामान बिल्कुन न रखें।
कई लोग अपने घर में अनावश्यक पत्थर, नग, अंगुठी, ताबीज जैसे सामान रख देते हैं। बिना इस जानकारी के कि कौन-सा नग फायदा पहुंचा रहा है और कौन-सा नग नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस तरह के सामान को घर से बाहर निकाल दें।
कहते हैं कि ताजमहल का चित्र, डूबती हुई नाव या जहाज, फव्वारे, जंगली जानवरों के चित्र और कांटेदार पौधों के चित्र घर में नहीं लगाना चाहिए। इससे मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लगातार इन चित्रों को देखते रहने से जीवन में अच्छी घटनाएं घटना बंद हो जाती हैं।
घर या दुकान की कोई भी अलमारी टूटी हुई नहीं होना चाहिए। टूटी अलमारी पैसों के नुकसान का कारण बनती है। इसके अलावा काम न होने पर अलमारी को हमेशा बंद करके रखें।
घर में बनने वाले मकड़ी के जाले तुरंत हटा दें, इनसे आपके अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल सकते हैं। मकड़ी के जाले से घर-दुकान में कई तरह के वास्तु दोष पैदा होते हैं, इसलिए घर-दुकान में इसका होने अशुभ माना जाता है।
आपके घर में टूटी हुई चेयर या टेबल पड़ी है तो उसे तुरंत घर से हटा दें। ये आपके पैसों और तरक्की को रोक देती है।
बंद घड़ियां भी घर से जितनी जल्दी हो सके हटा दीजिए। बंद घड़ी प्रगति को रोक देती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (04 जनवरी 2024)
4 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट मित्रों से धोखे की संभावना है, सतर्कता से विरोध के बाद भी लाभ होगा।
वृष राशि :- समय हर्ष-उत्साह से बीतेगा, धन लाभ, अधिकारी वर्ग का समर्थन फलप्रद होगा।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटायेंगे, तनावपूर्ण स्थिति से बचिये, समय का ध्यान रखें।
कर्क राशि :- स्थिति में सुधार होगा, स्त्री वर्ग से हर्ष, व्यवसायिक क्षमता अनुकूल होगी।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष, समय स्थिति को देखकर कार्य अवश्य करें।
कन्या राशि :- धन का व्यर्थ व्यय होगा, दूसरों के कार्य में हस्ताक्षेप करने से तनाव अवश्य होगा।
तुला राशि :- कार्यगति अनुकूल होगी, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, मित्र सहयोग करेंगे।
वृश्चिक राशि :- सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि एवं कार्य कुशलता से संतोष होगा।
धनु राशि :- कार्य कुशलता से हर्ष, योजना फलीभूत होगी, रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
मकर राशि :- अधिकारियों के कोप से बचें, तनाव व क्लेश रहेगा, आवेग व अशांति की स्थिति में धैर्य से काम लें।
कुंभ राशि :- उदविघ्नता व असमंजस का वातावरण रहने से मन क्लेशयुक्त रहेगा, शांति व धैर्य रखें।
मीन राशि :- बिगड़े हुये कार्य बनेंगे, योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन जुटायें।
22 जनवरी को होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, उस दिन कर लें 2 आसान उपाय, बढ़ेगी धन-संपत्ति, कार्य होंगे सफल
3 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल 2024 में 22 जनवरी का दिन बेहद शुभ है. 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और मृगशिरा नक्षत्र है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि 22 जनवरी दिन सोमवार को हरि अर्थात् विष्णु मुहूर्त है, जो 41वर्ष बाद आया है. इसी कारण अयोध्या जी में श्री रामलाल जी की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. इस मुहूर्त का पूर्ण लाभ सभी भारतवासियों को प्राप्त करना चाहिए. मुहूर्त चिन्तामणि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मुहूर्त का विशेष लाभ विद्यार्थियों, व्यापारियों और गर्भवती स्त्रियों को प्राप्त होगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आप दो आसान उपायों को करके अपनी धन-संपत्ति में वृद्धि और कार्यों में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन करें ये 2 उपाय
1. बृहस्पति वैदिक मंत्र जाप से पाएं धन और सफलता
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को आप सुबह 06:22 बजे से शाम 05:17 बजे के बीच देव गुरु बृहस्पति के वैदिक मंत्र का जाप करें. यदि स्वयं नहीं कर सकते हैं तो किसी योग्य पंडित से जाप कराएं. बृहस्पति के वैदिक मंत्र का जाप 64 हजार बार करना है.
बृहस्पति का वैदिक मंत्र: ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्.
2. लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ
उस दिन का दूसरा उपाय है लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ. यदि आप 22 जनवरी को लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ कम से कम 108 बार करते हैं या करा देते हैं तो कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और धन लाभ भी होगा. यह उपाय भी आपको सुबह 06:22 बजे से शाम 05:17 बजे के बीच करना चाहिए.
श्रीसूक्त एवं पुरुष-सूक्त के साथ कनक धारा स्तोत्र का 108 पाठ को शुक्ल यजुर्वेद में धनाकर्षण हेतु उद्धृत किया गया है. एक समय और एक आसन पर इस पाठ को श्रद्धापूर्वक करने से एक पक्ष से एक माह के अंदर निश्चित संतोषजनक धनागम होता है. साथ में यदि महालक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप भी कर दें तो और उत्तम होता है.
महालक्ष्मी बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मैय नम:
22 जनवरी 2024 को सुबह से बनेगा सर्वार्थ सिद्धि योग
अयोध्या जी के भव्य मंदिर में जिस दिन प्रभु राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 07:14 एएम से बन जाएंगे. ये दोनों ही योग अगले दिन प्रात: 04:58 एएम तक हैं.
वहीं मृगशिरा नक्षत्र सुबह से अगले दिन 04:58 एएम तक है. मॄगशिरा नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं. उस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि होगी. द्वादशी तिथि में 23 जनवरी को रवि योग 04:58 एएम से 07:13 एएम तक है.
सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
सर्वार्थ सिद्धि योग तब बनता है, जब सोमवार के दिन पुष्य, मृगशिरा, रोहिणी, श्रवण या अनुराधा नक्षत्र में से कोई भी एक हो. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं. इसमें नया बिजेनस, शिक्षा प्रारंभ करना, नई नौकरी शुरू करना, भवन निर्माण कार्य आदि किए जाते हैं. ऐसे ही अमृत सिद्धि योग भी नए कार्य, बिजनेस कार्य, नए समझौते, नया बिजनेस, विदेश यात्रा आदि शुरू करने के लिए शुभ है.
मकर संक्रांति पर बन रहा रवि योग, सूर्य पूजा से होंगे 5 बड़े फायदे, जान लें स्नान-दान मुहूर्त
3 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस साल 2024 में मकर संक्रांति के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है. मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान दान के बाद सूर्य देव की पूजा करते है और रवि योग भी सूर्य पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. सूर्य देव जिस समय मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस समय ही मकर संक्रांति होती है. मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. उसके बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देना चाहिए. उसके बाद काला तिल, गुड़, चावल, गेंहू, गरम कपड़े आदि का दान करना चाहिए. वैसे भी रवि योग में यह दान उत्तम फल प्रदान करता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मकर संक्रांति कब है? मकर संक्रांति के दिन रवि योग कब बन रहा है? मकर संक्रांति पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
मकर संक्रांति 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि की राशि मकर में 15 जनवरी 2024 को 02:54 एएम पर प्रवेश करेंगे. उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी. इस आधार पर मकर संक्रांति 15 जनवरी सोमवार को मनाई जाएगी. उस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है.
मकर संक्रांति 2024 स्नान-दान मुहूर्त
15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल 07:15 एएम से 09:00 एएम तक है. उस दिन महा पुण्यकाल पौने दो घंटे है. महा पुण्यकाल में मकर संक्रांति का स्नान और दान करना श्रेष्ठ है. हालांकि उस दिन ब्रह्म मुहूर्त से ही मकर संक्रांति का स्नान-दान प्रारंभ हो जाता है और पूरे दिन तक चलता है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:27 एएम से 06:21 एएम तक है. मकर संक्रांति वाले दिन वरीयान योग सुबह से रात 11:11 पीएम तक है.
रवि योग में मकर संक्रांति 2024
इस साल मकर संक्रांति के अवसर पर रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक है. उसके बाद अगले दिन सुबह 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक है. इस योग में स्नान, दान और सूर्य की पूजा करना बहुत ही कल्याणकारी होता है.
कैसे बनता है रवि योग?
रवि योग का निर्माण तब होता है, जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें, तेरहवें या बीसवें होता है. कुंडली में रवि योग के कारण व्यक्ति का मान-सम्मान और प्रभाव बढ़ता है. वह उच्च पद प्राप्त कर सकता है. व्यक्ति दान और सहयोग भी करता है. रवि योग सभी दोषों को नष्ट करता है. इस योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसका शुभ फल प्राप्त होता है.
मकर संक्रांति: रवि योग में सूर्य पूजा होंगे 5 बड़े फायदे
1. रवि योग में सूर्य पूजा करने से आपके जीवन के कष्ट दूर होने लगेंगे. सूर्य कृपा से आपकी आयु और सेहत में वृद्धि होगी. रोगों से मुक्ति मिल सकती है.
2. रवि योग के समय आप कोई कार्य करते हैं तो उसमें सफलता प्राप्ति की संभावना अधिक होती है. इस योग के कारण सभी दोष दूर होते हैं और कार्य सफल होते हैं.
3. रवि योग में भगवान भास्कर की पूजा करने से घर धन और धान्य से भरता है. मकर संक्रांति को सूर्य देव की कृपा से शनि महाराज का घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया था.
4. सूर्य देव की पूजा रवि योग में करने से करियर में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होते हैं. मकर संक्रांति को आप सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं गुड़, लाल वस्त्र, घी, तांबा आदि का दान करें.
5. रवि योग के शुभ फल को पाने के लिए अहंकार से दूर रहें. माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का अनादर न करें. नियम विरूद्ध कार्य न करें. अपने प्रभाव में वृद्धि के लिए सूर्य देव को पानी में लाल चंदन और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें.
नए साल में 2 बार है सफला एकादशी, ऐसा क्यों? जानें विष्णु पूजा का मुहूर्त, व्रत पारण समय और महत्व
3 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल 2024 का पहला एकादशी व्रत सफला एकादशी है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. नए साल में सफला एकादशी व्रत दो बार है. यह नववर्ष का पहला और अंतिम व्रत भी है. इस व्रत से एकादशी का प्रारंभ हो रहा और इससे ही इस वर्ष के एकादशी व्रत का समापन भी होगा. सफला एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि सफला एकादशी कब है? सफला एकादशी का पूजा मुहूर्त क्या है?
कब है सफला एकादशी 2024?
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र बताते हैं कि 7 जनवरी रविवार के दिन सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. सफला एकादशी से इस वर्ष के एकादशी व्रतों का प्रारंभ होगा. यह व्रत पौष कृष्ण एकादशी तिथि को रखते हैं और अगले दिन पारण करते हैं.
पंचांग के अनुसार, इस साल 7 जनवरी को 12:41 एएम से पौष कृष्ण एकादशी तिथि का शुभारंभ होगा और यह तिथि 8 जनवरी 12:46 एएम पर खत्म होगी. व्रत और पूजा के लिए उदयातिथि की मान्यता है. इस आधार पर 7 जनवरी को सफला एकादशी होगी.
साल 2024 में 2 बार क्यों है सफला एकादशी?
दरअसल अंग्रेजी कैलेंडर में 24 घंटे का एक दिन और 365 दिनों का एक वर्ष होता है. वहीं हिंदू कैलेंडर में तिथियों के आधार पर व्रत और त्योहार आते हैं. तिथियां 24 घंटे से कम और ज्यादा भी होती हैं और कभी-कभी किसी तिथि का लोप भी हो जाता है. इस वजह से अंग्रेजी माह के 30 दिनों में 30 से अधिक तिथियां हो जाती हैं. इसलिए सफला एकादशी जो जनवरी में 7 तारीख को आएगी, वही सफला एकादशी साल के अंत में 26 दिसंबर को भी आएगी. साल 2024 के कैलेंडर में 7 जनवरी और 26 दिसंबर को पौष कृष्ण एकादशी तिथि है.
सफला एकादशी का पूजा मुहूर्त क्या है?
7 जनवरी को सफला एकादशी की पूजा का मुहूर्त 08:33 एएम से 12:27 पीएम तक है. इस समय में आप भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें. 26 दिसंबर को सफला एकादशी की पूजा आप सुबह 07:12 एएम से 08:30 एएम तक कर सकते हैं.
अनोखा मंदिर... धारी देवी के दर्शन बिना चारधाम यात्रा अधूरी, प्रेमी जोड़े नहीं कर सकते पूजा?
3 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे सिद्वपीठ और पौराणिक मंदिर हैं, जहां दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी होने का दावा किया जाता है. वहीं, अलकनंदा नदी के बीचोंबीच पिलर के सहारे बने चारों धाम की रक्षक धारी देवी का मंदिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है. मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचते हैं. धारी देवी मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं. माना जाता है कि चारों धाम की यात्रा बिना धारी देवी के दर्शन किए सफल नहीं होती है. इस वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां तीर्थयात्रा के दौरान दर्शन करने पहुंचते हैं. इसके अलावा मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि यहां देवी दिन में तीन बार रूप बदलती है. मान्यताओं के साथ कुछ भ्रांतियां भी मंदिर को लेकर प्रचलित हैं. कहा जाता है कि प्रेमी जोड़ों को शादी से पहले मां धारी देवी के दर्शन नहीं करने चाहिए. इससे वे कभी भी शादी के बंधन में नहीं बंध सकते हैं.
धारी देवी मंदिर के पुजारी रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि उनके पास कई ऐसे श्रद्धालु भी पहुंचते हैं, जिनके मन में इस तरह का संशय होता है. मंदिर को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं, लेकिन यह पूर्ण रूप से गलत है. पुजारी ने प्रेमी जोड़ों को लेकर फैली भ्रांति का खंडन करते हुए कहा, ‘ यह बिल्कुल गलत है कि अगर शादी से पहले प्रेमी जोड़े यहां पहुंचे, तो उनकी शादी नहीं होगी या फिर उनका दांपत्य जीवन खुशहाल नहीं होगा.’
अफवाह न फैलाएं
पुजारी रमेश चंद्र पांडेय ने कहा कि धारी देवी में जो जोड़ा अपनी श्रद्धा से आता है और भविष्य में खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना करता है, तो मां जरूर उनकी मनोकामना पूरी करती है. मंदिर को लेकर गलत अफवाह न फैलाएं. साथ ही बताया कि यहां प्रेमी जोड़े शादी के बंधन में बंधने के लिए भी आते हैं.
नये साल में लगी भीड़
पुजारी रमेश चंद्र पांडेय के मुताबिक, धारी देवी मंदिर में हर महीने श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. नये साल के अवसर पर 12 हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन किए. अब मंदिर में भी कई बदलाव किए गए हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यहां बैरिकेडिंग के साथ मंदिर परिसर तक पहुंचने वाले मार्ग में टिन शेड और जालियां भी लगाई गई हैं, ताकि बंदर श्रद्धालुओं को परेशान न कर पाएं.