राजनीति
महीने भर में सौ बड़े विपक्षी नेता होंगे बीजेपी में शामिल
19 Feb, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के भाजपा में आने की अटकलों के बीच दावा किया जा रहा है कि महज एक माह के भीतर ही कांग्रेस के सौ बड़े नेता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि अगले महीने तक विपक्ष के सौ बड़े नेता भाजपा ज्वाइन करेंगे। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद-विधायक और कद्दावर नेता शामिल होंगे।
दिल्ली में आयोजित भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना था कि पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के भी अनेक नेता देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को सही मानते हैं। यह अलग बात है कि वे सभी अपनी पार्टिगत बाध्यताओं के चलते खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते हैं, लेकिन उनकी आस्था प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों में ही है। ऐसे में वे अपनी-अपनी पार्टियों को छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। गौरतलब है कि यह बात केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के उस वक्त कही है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में 370 सीटें जिताने का लक्ष्य दे दिया है। अब जबकि भाजपा पहले से ही अपने सर्वोच्च स्तर पर है, तब ऐसे में माना जा रहा है कि 370 सीटें जीतने का लक्ष्य तभी हासिल हो सकेगा जबकि विपक्षी दलों के कई बड़े नेता भाजपा में आ जाएं और वे अपने प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा को जिताने का काम करें। सूत्रों की मानें तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर भारत के अलावा दक्षिण भारत के कई राज्यों के बड़े नेताओं से भी बातचीत कर रहा है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी
18 Feb, 2024 11:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आगामी चुनाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम 2024 के संसदीय चुनाव और रा’य विधानसभा चुनाव (ओडिशा) कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 50 फीसद मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा होगी। &7,809 मतदान केंद्रों में से 22,685 पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी... दिव्यांग, युवा और महिलाओं पर मुख्य फोकस रखा जाएगा, इसके लिए &00 मतदान केंद्र होंगे, जिनका प्रबंधन दिव्यांगों द्वारा ही किया जाएगा।
विश्वास मत के दौरान केंद्र पर बरसे केजरीवाल
18 Feb, 2024 10:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती आम आदमी पार्टी है। आज अगर भाजपा को किसी से खतरा है तो वह आम आदमी पार्टी से है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि अगर 2024 में भाजपा लोकसभा चुनाव नहीं हारी, तो फिर 2029 में ्र्रक्क इस देश को भाजपा से मुक्ति दिलाएगी।
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लाया गया विश्वास प्रस्ताव शनिवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। विश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में आम आदमी पार्टी (आप) के 62 में से 54 विधायक मौजूद थे। केजरीवाल ने कहा कि आप के किसी विधायक ने दल नहीं बदला। उन्होंने कहा कि दो विधायक जेल में हैं, कुछ अस्वस्थ हैं तो कुछ शहर से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने बताया कि कैसे कथित तौर पर भाजपा के लोगों ने उनसे संपर्क किया और पाला बदलने के लिए पैसे की पेशकश की।
सरकारी कामों में बाधा डाल रही भाजपा
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा ने सोचा कि वह उन्हें गिरफ्तार करके आप को खत्म कर देगी। उन्होंने पूछा, आप मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं लेकिन आप केजरीवाल के विचारों को कैसे खत्म करेंगे? दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सेवा विभाग और नौकरशाही पर नियंत्रण के माध्यम से भाजपा उनकी सरकार के काम में बाधा डाल रही है।
गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद कर दीं
उन्होंने कहा, वे राम भक्त होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने हमारे अस्पतालों में गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद कर दीं। क्या भगवान राम ने गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद करने के लिए कहा था? केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अतीत में हमलों का सामना किया है, उन्हें थप्पड़ मारे गए, उन पर स्याही फेंकी गई और अब वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं।
कमल का फूल ही भाजपा उम्मीदवार
18 Feb, 2024 09:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली के भारत मंडपम में हो रहा है। भाजपा इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बना रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा की &70 लोकसभा सीटें जीतना श्यामा प्रसाद मुखर्जी को स‘ची श्रद्धांजलि होगी। जिन्होंने अनु‘छेद &70 को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा का चुनाव चिह्न कमल लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार है। इस दौरान उन्होंने सदस्यों से अपनी जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया। पीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा हर बूथ पर पार्टी को &70 वोट बढ़ाने होंगे। 100 दिनों का जनसंपर्क अभियान चलाना है। भाजपा के पिछले 10 साल के कामों का भी प्रचार करना होगा। उधर जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा हुआ है। भाजपा की 17 प्रदेशों में सरकार है। हमने राजस्थान-छत्तीसगढ़ जीता है। इस बार बंगाल में भी जीतेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा सदस्यों से कहा कि वे लोकसभा चुनाव अभियान को गरीब हितैषी कार्यों, देश के विकास और वैश्विक स्तर पर बढ़ी प्रतिष्ठा के इर्द-गिर्द चलाएं। पार्टी के सम्मेलन की शुरुआत से पहले भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक बूथ कार्यकर्ता को अब मतदान केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और 2019 की तुलना में आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कम से कम &70 से ’यादा सीटें हासिल करने का टारगेट सेट करना चाहिए।
पीएम मोदी के भाषण के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि विपक्ष चुनाव के दौरान अनावश्यक और भावनात्मक मुद्दे उठाएगा, लेकिन पार्टी के सदस्यों को विकास, गरीब समर्थक नीतियों, बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और देश के मुद्दों पर बने रहना चाहिए। तावड़े ने कहा कि पार्टी 25 फरवरी से केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए एक अभियान शुरू करेगी। तावड़े के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा कि वह लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। उन्होंने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि यह आरोप मुक्त और विकास युक्त काल रहा है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे कार्यकाल के दौरान किसी पर कोई दाग न लगा हो, ऐसा कोई उदाहरण नहीं है।
पीएम मोदी की गारंटी पर लोगों को भरोसा: नड्डा
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया है कि बंगाल में भी जल्द ही भाजपा की सरकार होगी। उन्होंने कहा है कि लोगों को मोदी की गारंटी पर भरोसा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा देश के प्रधान सेवक, जो देश के प्रशासन के कामों में पूर्णतया व्यस्त रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी उनकी प्राथमिकता है और वो पार्टी के लिए हमेशा खड़े रहे हैं। पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी, हम किस प्रकार से पार्टी को आगे बढ़ा सकते हैं, प्रधानमंत्री जी पल-पल इस बात की चिंता करते हैं। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है। 2014 से पहले हमारी सिर्फ 5 प्रदेशों में सरकारें थी और लंबे समय तक हम 5-6 पर रूके हुए थे। 2014 के बाद, आज 17 प्रदेशों में एनडीए की सरकारें हैं और 12 प्रदेशों में विशुद्ध भाजपा की सरकार है। नड्डा ने कहा कि 7 दशक के भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में हमने हर कालखंड देखा है। हमने संघर्ष का काल देखा है, हमने उपेक्षा का काल देखा है, जमानत बचाने के लिए चुनाव लडऩे वाला काल देखा है। हमने आपातकाल देखा है। चुनाव में हारने और जीतने का काल भी देखा है। लेकिन हमें इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछला दशक जो गुजरा, वो उपलब्धियों से भरा हुआ है।
विपक्षी दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध बरकरार रखता हूं - नीतीश
18 Feb, 2024 08:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पूर्व सहयोगी लालू प्रसाद की टिप्पणी पर पत्रकारों के सवालों का जवाब फेटे देते हुए कहा, ‘‘मैं सहयोगियों और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध बरकरार रखता हूं। मैं जब भी उनसे मिलता हूं तो उनसे हाथ मिलाता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं सोचता कि कौन क्या कहता है, चीजें ठीक नहीं चल रही थीं, इसलिए मैंने उनका (राजद) साथ छोड़ दिया। नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को लालू प्रसाद ने कहा कि उनके (नीतीश) लिए द्वार हमेशा खुले हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भविष्य में नीतीश को एक और मौका देंगे, लालू ने कहा, ‘‘अब आएंगे तो देखेंगे। दरवाजे हमेशा खुले हैं। कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘यह हो जाएगा। सब ठीक चल रहा है।
राजग के सूत्रों ने शनिवार को संकेत दिया कि अन्य जातियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं से संबंधित विधायकों को समायोजित करने के लिए नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल का दो-तीन दिनों में विस्तार किया जाएगा।
पवार खानदान में फिर संघर्ष,लोकसभा के रण में उतरेंगी ननद-भाभी
17 Feb, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बेहद रोचक मुकाबला होने जा रहा है। यहां ननद भावी में मुकाबला होगा। पवार परिवार की बेटी और बहु दोनों आमने सामने होने को बेताब हैं। सबकी निगाहें पवार परिवार का गढ़ कहे जाने वाली बारामती सीट पर होगी, जहां शरद पवार की बेटी और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले का मुकाबला उनकी ही भाभी और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से होने की चर्चा जोरों पर है। इन अटकलों और चर्चाओं को खुद अजित पवार ने हवा दी है। बीते रोज बारामती में अजित पवार ने बिना किसी का नाम लिए अपने मतदाताओं से भावुक अपील की कि अगले आम चुनाव में बारामती लोकसभा सीट से ऐसे उम्मीदवार को चुनें जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरा हो लेकिन वह अनुभवी लोगों से घिरा रहा हो। अजित पवार ने अपने संबोधन के दौरान पत्नी सुनेत्रा पवार का नाम तो नहीं लिया लेकिन इस बात के संकेत दे दिए कि आगामी चुनावों में बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उनकी पत्नी चुनावी मैदान में होंगी।
बारामती सीट पारंपरिक रूप से पवार परिवार का गढ़ रहा है। शरद पवार ने 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती सीट से महाराष्ट्र विधान सभा का चुनाव जीता और 1984, 1996, 1998, 1999 और 2004 में बारामती से ही लोकसभा का भी चुनाव जीता है। 2009 का लोकसभा चुनाव सीनियर पवार ने माढ़ा से जीता था। पिछले तीन बार से 2009, 2014 और 2019 में यहां का प्रतिनिधित्व सुप्रिया सुले कर रही हैं। अजीत पवार ने 1991 में बारामती लोकसभा चुनाव जीता था और बाद में, सात बार 1991, 1995, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में वहां से विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं।
60 वर्षीय सुनेत्रा पवार अजित पवार की पत्नी हैं। वह राज्य के एक बड़े राजनीतिक परिवार से तालुल्क रखती हैं। उनके भाई पदमसिंह पाटिल पूर्व मंत्री हैं, जबकि उनके भतीजे राणा जगजीतसिंह पदमसिंह पाटिल उस्मानाबाद से भाजपा के विधायक हैं। अजित पवार और सुनेत्रा पवार के दो बेटे हैं। जय और पार्थ पवार। जय पारिवारिक बिजनेस संभालते हैं, जबकि पार्थ राजनीति में हैं। उन्हेंने मावल से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे थे। सुनेत्रा पवार अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रही हैं लेकिन समाज सेवा के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। वह 2010 में स्थापित एक गैर सरकारी संगठन एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं। उनकी आधिकारिक वेबसाइट कहती है कि वह भारत में इको-विलेज की अवधारणा को विकसित करने में एक मार्गदर्शक रही हैं। वेबसाइट के मुताबिक, वह स्वदेशी और प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान की ट्रस्टी भी हैं। वेबसाइट के अनुसार, सुनेत्रा पवार 2011 से ही फ्रांस की वर्ल्ड एन्टरप्रोन्योरशिप फोरम की थिंक टैंक सदस्य रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अजित पवार पत्नी सुनेत्रा पवार के सामाजिक कार्यों का सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। बारामती में एनसीपी यूनिट ने एक ऐसा रथ लॉन्च किया है, जिस पर सुनेत्रा पवार के किए सामाजिक कार्यों के विवरण है। ये रथ पूरे लोकसभा क्षेत्र में घूमेगा। फिलहाल सुप्रिया सुले ही बारामती से सांसद हैं। उनसे पहले उनके पिता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार 1996 से 2004 तक लगातार सांसद रहे हैं। 2009 से सुप्रिया सुले यहां से सांसद हैं।
अजीत का सियासी दर्द छलका, सुप्रिया पर निशाना साधा कहा-अगर शरद पवार का बेटा होता तो...?
17 Feb, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का सियासी दर्द कम नहीं हो रहा है। वे राज्य में उपमुख्यमंत्री है लेकिन कहीं न कहीं सीने से सियासी जलन जरुर हो रही है। यही वजह है कि आए दिन अजीत अपनी पीड़ा व्यक्त करते नजर आते हैं। एक बार फिर अजीत ने अपने चाचा शरद पवार का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर वह ‘वरिष्ठ’ नेता के बेटे होते तो आसानी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष बन जाते। इस बयान पर शरद पवार के वफादार माने जाने वाले पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित महाराष्ट्र की राजनीति में इतनी तेजी से नहीं उभर पाते अगर वह शरद पवार के भतीजे नहीं होते। अजित के इस बयान पर पलटवार करते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से जुड़े विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सवाल किया कि अजित ने बगावत शुरू करने के बजाय चुनाव के जरिए पार्टी अध्यक्ष बनने की कोशिश क्यों नहीं की। आव्हाड ने कहा, ‘अगर अजित पवार शरद पवार के भतीजे नहीं होते, तो उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में इतनी जल्दी अवसर नहीं मिलते। यही कारण है कि अजित पवार 1991 में सांसद, 1993 में विधायक और फिर (राज्य) मंत्री बने।’ उन्होंने कहा, ‘1999 से 2014 तक अजित पवार के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे। अजित के कृत्यों ने पार्टी की छवि को खराब किया लेकिन शरद पवार ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया क्योंकि वह अजित से जुड़े थे।’
अजित पवार ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन पर शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी को ‘चोरी’ करने का आरोप लगाया गया, लेकिन निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है और इस बात की पुष्टि की है कि अजित गुट ही असली एनसीपी है। उन्होंने अपने चाचा का नाम लिए बिना कहा, ‘यदि मेरा जन्म वरिष्ठ नेता के घर हुआ होता तो मैं स्वाभाविक रूप से पार्टी का अध्यक्ष बन जाता, बल्कि पार्टी मेरे नियंत्रण में आ जाती। लेकिन, मैं आपके भाई के घर पैदा हुआ।’अजित ने कहा कि समूचा परिवार उनके खिलाफ है, लेकिन पाटी कार्यकर्ता उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें निशाना बनाया गया। कहा गया कि हमने यह फैसला (बीजेपी से हाथ मिलाने का) सिर्फ अपने खिलाफ जांचों को रोकने के लिए लिया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे साथ जो लोग हैं, उनमें से हर कोई जांच का सामना कर रहा है?’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कभी मंत्री नहीं बने और इसलिए उन पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। अजित ने कहा, ‘जब आप कभी मंत्री नहीं बने, तो आपके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप कैसे लगेंगे?…मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी थी। जो लोग काम करते हैं, उन पर आरोप लगना तय है। जो लोग काम नहीं करते, उनका पाक साफ रहना तय है।’ गौरतलब है कि शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अभी तक कभी मंत्री पद नही संभाला है।अजित पवार ने दावा किया कि यदि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए शरद पवार की पसंद को मान लिया होता तो उनकी सराहना हो रही होती। उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं जब पार्टी का अध्यक्ष बन गया तो हमारे बारे मे कहा गया कि हम किसी भी काम के नही हैं।’ अजित ने कहा कि वह बारामती से एक ऐसा उम्मीदवार खड़ा करेंगे, जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन उस व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव वाले समर्थक होंगे। अजित पवार ने कहा कि लोगों को इस उम्मीदवार को यह मानकर वोट देना चाहिए जैसे कि वह स्वयं चुनाव में उतरे हो।
राहुल की मध्य प्रदेश में न्याय यात्रा के पहले भाजपा करेगी बड़ा धमाका
17 Feb, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल ।दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और शनिवार को संपन्न होनी है। जिसमें भाजपा कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा करेगी। आने वाले लोकसभा चुनाव में 400 सीटे जीतने का लक्ष्य निर्धारित करेगी। इस अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी के सभी शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ देशभर से नेता एवं कार्यकर्ता दिल्ली में जुटेंगे। इस राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद भाजपा एक बड़ा धमाका करने की तैयारी में है।जिसके अंतर्गत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई जा सकती है। इस संबंध में भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में उच्च स्तरीय चर्चा होगी। कांग्रेस के बड़े नेताओं की सूची में मध्य प्रदेश के कई नेताओं के नाम भी शामिल हैं। जिसे राहुल गांधी की न्याय यात्रा के पहले एक बड़े धमाके के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले नेताओं का कांग्रेस छोड़ने कहीं ना कहीं कांग्रेस और राहुल गांधी की न्याय यात्रा को कमजोर करने के लिए यह अभी तक का सबसे बड़ा प्रयास होगा।
सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं को भाजपा में लाने का प्रयास लंबे समय से किया जा रहा था। जो निर्णायक स्थिति में पहुंच गया है। ऐसा माना जा रहा है कि अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस के बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की उपस्थिति में ले सकते हैं।
इससे पहले मध्य प्रदेश के कई कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा की सदस्यता राज्य स्तरीय नेतृत्व के सामने कर चुके हैं। जिसमे जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पूर्व महाधिवक्ता मध्य प्रदेश शशांक शेखर एवं कई जिला कांग्रेस अध्यक्ष शामिल है। अब कांग्रेस के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता को भाजपा की सदस्यता दिलाने की कार्रवाई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के समक्ष हो सकती है। राहुल गांधी के मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के पहले ही यह बड़ा धमाका हो सकता है। भाजपा का मानना है, कि कांग्रेस के लिए यह अभी तक का सबसे बड़ा धमाका होगा।
नीतीश ने गठबंधन करने से पहले मेरे माता-पिता से पिछले विश्वासघातों के लिए माफी मांगी थी - तेजस्वी
17 Feb, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोहनिया । नीतीश कुमार के अचानक भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस चले जाने पर पिछले महीने तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री की कुर्सी खो दी थी। अब राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गठबंधन करने से पहले उनके माता-पिता (लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी) से पिछले विश्वासघातों के लिए माफी मांगी थी। तेजस्वी ने बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत आयोजित एक एक रैली को संबोधित करते हुए यह दावा किया। राजद नेता ने कहा, ‘‘शुरुआत में हम उन पर दोबारा भरोसा करने के इच्छुक नहीं थे। लेकिन देशभर के नेताओं से बातचीत हुई, सभी की राय थी कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई के व्यापक हित में हमें सहमत होना चाहिए, इसलिए हमने एक कुर्बानी दी।
नीतीश को ‘‘थका हुआ मुख्यमंत्री बताते हुए राजद नेता ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि केवल 17 महीनों में हमने बड़े पैमाने पर बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दीं। तेजस्वी यादव ने दावा किया, ‘‘हम विधानसभा चुनाव जीत गए होते, लेकिन प्रशासन के हेरफेर के कारण महागठबंधन के उम्मीदवारों को हारा हुआ दिखाया गया।
नीतीश कुमार ने दावा किया है कि वह ‘‘हमेशा के लिए अपने पुराने सहयोगियों के पास लौट आए हैं, जबकि भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में अपनी सरकार बनाने की अपनी महत्वाकांक्षा नहीं छोड़ेगी। ऐसे में तेजस्वी यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘अब जब नीतीश जी भाजपा के साथ वापस आ गए हैं, इस बात की क्या गारंटी है कि वह दोबारा पलटी नहीं मारेंगे।
उत्तरप्रदेश और कर्नाटक में भाजपा ने एक्स्ट्रा उम्मीदवार उतारकर अपने विरोधियों को ललकारा
17 Feb, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । 15 राज्यों की 56 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सबकी नज़रें 2 राज्यों पर टिकी हैं। ये राज्य हैं उत्तरप्रदेश और कर्नाटक, जहां भाजपा ने अपना एक्स्ट्रा उम्मीदवार उतारकर अपने विरोधियों को ललकारा है। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की लड़ाई सबसे दिलचस्प हो गई है। राज्य में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए भाजपा ने 7 और समाजवादी पार्टी ने 3 उम्मीदवार उतारे थे। सबका निर्वाचन निर्विरोध तय था। लेकिन, नामांकन के आखिरी दिन यानी 15 फरवरी को भाजपा ने संजय सेठ के रूप में अपना आठवां उम्मीदवार उतार कर पेंच फंसा दिया। अब 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। 27 फरवरी को चुनाव की नौबत आ गई है।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 वोटों की ज़रूरत है। अगर राजद के 9 विधायकों को भी जोड़ लें, तो भाजपा को 286 विधायकों का समर्थन हासिल है। यानी अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पार्टी को 10 अतिरिक्त वोटों की ज़रूरत है। इसी तरह समाजवादी पार्टी को अपने तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 111 वोटों की ज़रूरत है। जबकि उसके पास कांग्रेस को मिलाकर 110 विधायकों का ही समर्थन हासिल है।
समाजवादी पार्टी को एक और वोट की दरकार
इसका मतलब, समाजवादी पार्टी को एक और वोट की दरकार है। ऐसे में दोनों गुटों की नज़र उन 7 विधायकों पर है जो फिलहाल किसी गुट से नहीं जुड़े हैं। इनमें राजा भैया समेत उनकी पार्टी के 2 और बसपा के एक विधायक शामिल हैं। राजा भैया लगातार योगी आदित्यनाथ के समर्थन की बात करते रहे हैं, वहीं बसपा समाजवादी पार्टी के खिलाफ है।
ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी अपने लिए एक अतिरिक्त वोट नहीं जुटा पाती है, तो फिर निर्वाचन के लिए द्वितीय वरीयता वोटों की ज़रूरत पड़ेगी। आंकड़ों के लिहाज से द्वितीय वरीयता वोटों में BJP आराम से बाज़ी मार लेगी।
यूपी से भाजपा उम्मीदवार संजय सेठ ने कहा, देश में पीएम मोदी की जो गारंटी चल रही है। देश में जो काम हो रहे हैं। विदेशों में जैसे भारत का नाम हो रहा है। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में जो काम हो रहे हैं, उसपर भरोसा है। हमारे पास पूरे नंबर हैं और जीत को लेकर हम आश्वस्त हैं। संजय सेठ पहले सपा में थे। सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था, लेकिन फिर वह भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। उस सीट पर जब उपचुनाव हुए थे।
सपा की मुश्किल इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि पार्टी विधायक पल्लवी पटेल ने उम्मीदवारों के चयन में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी के पक्ष में मतदान नहीं करने का ऐलान कर दिया है। पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं।
कर्नाटक में भी राज्यसभा चुनाव का मामला कम दिलचस्प नहीं है। राज्य में खाली होने जा रही 4 सीटों के लिए 5 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है। इसके चलते चुनाव तय माना जा रहा है। इनमें कांग्रेस से 3 उम्मीदवार और भाजपा - जनता दल एस के एक-एक उम्मीदवार हैं। इस चुनाव में एक उम्मीदवार को जीत के लिए न्यूनतम 45 वोटों की ज़रूरत है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 135 विधायक हैं, जो 3 सीटें जीतने के लिए पर्याप्त हैं। जबकि भाजपा और जनता दल एस के पास कुल 85 विधायक हैं। इसके अलावा 4 अन्य विधायकों में 3 के कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की संभावना है।
भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक, मोदी पेश करेंगे आगामी लोकसभा चुनाव का एजेंडा
17 Feb, 2024 08:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में निर्वाचित पंचायत प्रमुखों से लेकर जिला अध्यक्षों और केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के लगभग 11,500 सदस्य भाग लेंगे।
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा बैठक का उद्घाटन करेंगे और मोदी रविवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन के जरिए भाजपा के चुनावी अभियान की व्यापक रूपरेखा सामने रखेंगे और लोकसभा चुनाव में 370 सीटें जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें पूरी ताकत झोंक देने के लिए प्रेरित करेंगे। भाजपा की यह बैठक प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में होनी है। वहां विकसित भारत की अवधारणा पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसका उद्घघाटन नड्डा ने शुक्रवार को किया।
भाजपा नेताओं की यह बैठक पिछले कई सालों में हुई पार्टी की परिषद बैठकों में सबसे बड़ी साबित हो सकती है, जिसमें 11,500 सदस्यों के मौजूद रहने का पार्टी ने दावा किया है। कुछ नेताओं ने 1995 में पार्टी द्वारा मुंबई में आयोजित विशाल महाधिवेशन को याद किया जिसमें इसके हजारों सदस्यों ने भाग लिया था। बैठक में मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और देशभर से पार्टी संगठन के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
पार्टी के जिला निकायों और देश भर से आए ‘मोर्चों के प्रतिनिधि भी इस विशाल बैठक में शामिल होंगे। पिछले 10 वर्ष में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठकों में उपस्थिति आमतौर पर लगभग 3,000 रही थी। इनमें वह दो बैठकें भी शामिल हैं जो वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजधानी में हुई थीं।
क्या गठबंधन की गाड़ी पर ड्राइविंग सीट पर तेजस्वी और बगल राहुल गांधी बैठेंगे?
16 Feb, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सासाराम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं और उन्होंने बिहार में दस्तक दी है। राहुल ने सासाराम में रोड शो किया है और उनके साथ तेजस्वी यादव भी ड्राइविंग सीट पर नजर आए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राहुल गांधी एक ही गाड़ी में साथ रहे। राहुल गांधी तेजस्वी यादव की बाईं ओर बैठे थे।
जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी ने ही तेजस्वी यादव को ड्राइविंग ऑफर की थी। एक जीप पर एक साथ दिखने के बाद ये दोनों एक मंच पर नजर आएंगे। बता दें कि इंटर कॉलेज मैदान में राहुल गांधी की सभा होगी और इसमें बिहार कांग्रेस के नेता भी राहुल गांधी के साथ होंगे। तेजस्वी यादव की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बिहार में सियासी पारा हाई है। सियासत के जानकारों की मानें तो इस तस्वीर से यह भी साफ हो रहा है कि नीतीश कुमार के इंडिया अलायंस से अलग होने के बाद बिहार की राजनीति का फ्यूचर कुछ ऐसा ही दिखेगा।
दरअसल, यह बात बिहार में सीट शेयरिंग से भी जुड़ती है, जिसको लेकर अभी भी मंथन जारी है और अब तक बात फाइनल नहीं हुई है। इसमें राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच बातचीत अभी जारी है। इंडिया अलायंस कहिये या फिर बिहार में महागठबंधन, ड्राइविंग सीट पर राजद रहेगा तेजस्वी यादव इसका नेतृत्व करेंगे और बगल में कांग्रेस रहेगी और राहुल गांधी की कांग्रेस इनके अनुसार ही बिहार में अपनी राजनीतिक यात्रा बढ़ाएगी। बता दें कि राहुल गांधी का काफिला सासाराम के पुरानी जीटी रोड से होकर गुजरा। उनका रोड शो जमुहार से निकलकर सासाराम के मुख्य बाजार से होते हुए उनका रोड से गुजरा। विभिन्न दालों के कार्यकर्ता भी इस दौरान मौजूद रहे। खासकर गठबंधन के कार्यकर्ता काफी उत्साहित थे। हालांकि, सड़कों पर आम लोगों की भीड़ अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी। बता दें कि राहुल गांधी शिवसागर प्रखंड में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद चेनारी के टेकारी में मैं भी राहुल गांधी की सभा होगी। रोहतास के बाद कैमूर में राहुल गांधी की न्याय यात्रा आगे बढ़ेगी और इसके बाद मोहनिया होते हुए यूपी के चंदौली में प्रवेश कर जाएंगे।
कांग्रेस पार्टी का आरोप, हमारे सारे बैंक खाते फ्रीज किए गए
16 Feb, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अजय माकन ने खुलासा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। उनके अनुसार, सूचना मिली कि बैंक पार्टी द्वारा जारी चेक का भुगतान करने से इंकार कर रहे हैं। जांच करने पर पता चला कि यूथ कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते जब्त कर किए गए हैं। इनकम टैक्स ने यूथ कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी से 210 करोड़ रुपये की वसूली मांगी। हमारे खातों में क्राउडफंडिंग का पैसा फ्रीज कर दिया गया है। चुनाव से ठीक 2 हफ्ते पहले जब विपक्ष के खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं, तब यह लोकतंत्र को फ्रीज करने के बराबर है। कांग्रेस नेता माकन ने बताया कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है। कांग्रेस पार्टी के सारे अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अकाउंट पर तालाबंदी की गई है। ये कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज नहीं हुए, हमारे देश का लोकतंत्र फ्रीज हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास खर्च करने, बिजली बिल भरने, अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। हर चीज पर असर पड़ेगा, सिर्फ न्याय यात्रा ही नहीं बल्कि सभी राजनीतिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।
यह घटनाक्रम लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले हुआ है, और एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की केंद्र की चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया। अदालत ने 13 मार्च तक बांड के दाताओं, राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का भी आदेश दिया।
रायबरेली की जनता को सोनिया का भावुक खत....आपके बिना दिल्ली में मेरा परिवार अधूरा
16 Feb, 2024 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देकर गुरुवार को घोषणा की कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। सोनिया गांधी ने कहा कि स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस फैसले के बाद मुझे सीधे तौर पर आपकी सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन निश्चित तौर पर मेरा दिल और आत्मा हमेशा आपके साथ रहेगी।
रायबरेली की जनता को लिखे भावुक पत्र में सोनिया ने कहा कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। उन्होंने कहा कि रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गाँधी को यहाँ से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गाँधी को रायबरेलीवालों ने अपना बना लिया। तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।
सोनिया ने कहा कि इसी रोशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आँचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूँ, आपकी बदौलत हूँ और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।
भाजपा में सिर्फ चार को दिया दोबारा मौका, बाकियों को आम चुनाव लड़ाने की तैयारी
16 Feb, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए धर्मेन्द्र प्रधान और भूपेन्द्र यादव जैसे सात केंद्रिय मंत्रियों सहित कई वरिष्ठ नेताओं और सेवानिवृत्त हो रहे राज्यसभा सदस्यों को फिर से टिकट नहीं दिया है। पार्टी के कदम को इसका मजबूत संकेत माना जा रहा है कि वह इसमें से कई को आगामी आम चुनाव में उतार सकती है। सत्तारूढ़ भाजपा ने 56 सीटों के लिए अब तक 28 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।
अब तक घोषित उम्मीदवारों के नामों पर गौर कर तब पता चलेगा कि भाजपा ने सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर अपने जमीनी स्तर के व संगठन से जुड़े इसतरह के कार्यकर्ताओं को तरजीह दी है जिन्हें राजनीतिक हलकों से इतर भी लोग जानते हों। इसमें बिहार की धर्मशिला गुप्ता, महाराष्ट्र की मेधा कुलकर्णी और मध्य प्रदेश की माया नरोलिया शामिल हैं। सभी पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हैं। भाजपा ने 28 निवर्तमान सांसदों में से केवल चार को दुबारा उम्मीदवार बनाया है। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, दो केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन तथा सुधांशु त्रिवेदी के रूप में एक मुखर राष्ट्रीय प्रवक्ता शामिल हैं। नड्डा को छोड़कर भाजपा ने दो या इससे अधिक बार राज्यसभा का सदस्य रह चुके किसी भी निवर्तमान सदस्य को टिकट नहीं दिया है। नड्डा का उच्च सदन में यह तीसरा कार्यकाल होगा। भाजपा ने जिन 28 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं उनमें पार्टी को कोई भी राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल नहीं है जबकि राज्यों के संगठन में काम करने वाले कई नेताओं को तरजीह दी गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, मैं इस चयन प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण और लोकतंत्रीकरण कहूंगा। राजीव चंद्रशेखर, मनसुख मंडाविया, पुरषोत्तम रूपाला, नारायण राणे और वी मुरलीधरन पांच अन्य मंत्री हैं, जिनका कार्यकाल उच्च सदन में समाप्त हो रहा है और जिन्हें भाजपा द्वारा फिर से नामित नहीं किया गया है। अन्य वरिष्ठ नेता जिन्हें इस बार उच्च सदन का टिकट नहीं दिया गया है, उनमें पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और इसके मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी शामिल हैं।