राजनीति
दस वर्ष बाद प्रदेश की राजनीति में लौटे कैलाश विजयवर्गीय की स्थिति फारेन रिटर्न बेटे की तरह हो गई
2 Jan, 2024 01:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । दस वर्ष बाद प्रदेश की राजनीति में लौटे कैलाश विजयवर्गीय की स्थिति उस फारेन रिटर्न बेटे की तरह हो गई है, जिससे हर कोई बदलाव और बेहतरी की उम्मीद कर रहा है। हर कोई उन्हें जादुई चिराग समझ रहा है, जिससे जब जो मांगेंगे, वह मिल जाएगा। विजयवर्गीय वर्षों तक राष्ट्रीय राजनीति में अलग-अलग भूमिकाओं में रहे हैं। चाहे हरियाणा हो या बंगाल, हर बार पार्टी ने उन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी और उन्होंने उसका बखूबी निर्वहन भी किया। अब जब लंबे अंतराल के बाद विजयवर्गीय प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं, तो जनता की अपेक्षाएं वाजिब भी हैं। विजयवर्गीय भी इस बात को समझ चुके हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपना पूरा समय प्रदेश में देना शुरू कर दिया है। देखना यह है कि फारेन रिटर्न इस बेटे के संबंधों का प्रदेश और इंदौर को फायदा कब तक मिलता है।
32 वर्ष का संघर्ष भी बन गया उत्सव
हर छोटे-बड़े मामले को आयोजन में बदलने में माहिर भाजपा ने हुकमचंद मिल के मजदूरों के 32 वर्ष के संघर्ष को भी उत्सव बना दिया। हुकमचंद मिल मामले का पटाक्षेप भले ही कोर्ट के आदेश से हुआ हो, लेकिन पार्टी ने आयोजन के जरिए आमजन तक यह संदेश पहुंचा दिया कि यह उसके प्रयासों का ही नतीजा है। मजदूरों के खाते में भले ही अब तक मुआवजे का एक रुपया नहीं आया, लेकिन वे भी इस उत्सव में पूरे जोश के साथ शामिल हुए। मिल की जमीन को हाउसिंग बोर्ड अपने कब्जे में ले चुका है। मुआवजे की रकम भी परिसमापक के खाते में पहुंच गई है। अब इंतजार इस रकम के मजदूर के खाते तक पहुंचने का है। 32 वर्ष तक अनवरत आंदोलन चलाने वाले मजदूरों के लिए यह इंतजार भारी पड़ रहा है। देखें आखिर यह खत्म कब होता है।
जमने लगा नगर निगम की मुहिम का रंग
लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी मुहिम का रंग अब जमने लगा है। आपरेशन बंबई बाजार के बाद रानीपुरा क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए महापौर ने अब तक बेधड़क सड़क और फुटपाथ तक पैर पसारने वालों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे सावधान हो जाएं। यह पहले वाला नगर निगम नहीं है। विधानसभा चुनाव के पहले और बाद में बहुत कुछ बदल चुका है। ऐसा लगता है कि कब्जा करने वालों को भी महापौर की भाषा समझ में आने लगी है। यही वजह है कि सड़क और फुटपाथ पर अवैध कब्जा करने वाले मुनादी होते ही खुद अतिक्रमण हटाने लगते हैं। देखना यह है कि महापौर के ये तेवर कितने दिन तक बने रहते हैं। जो भी हो, यह तो निश्चित है कि अगर ये तेवर पूरे कार्यकाल में बने रहे, तो और कुछ हो या न हो इंदौर की सड़कों का उद्धार अवश्य हो जाएगा।
ढूंढे नहीं मिल रहे मुद्दे
जनवरी 2024 में होने वाले इंदौर अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनाव इस बार मुद्दा विहीन हैं। पार्किंग, कोर्ट शिफ्टिंग जैसे परंपरागत मुद्दों को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही। वकीलों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स पर गुड मार्निंग, गुड नाइट, हैप्पी न्यू ईयर जैसे संदेशों को छोड़कर और कोई मैसेज ग्रुपों में नजर नहीं आ रहा। बरसों से इंदौर अभिभाषक संघ के चुनाव जिला न्यायालय की पार्किंग समस्या को मुद्दा बनाकर लड़े जाते रहे हैं। किंतु इस बार चुनाव के ठीक पहले यह समस्या हल हो गई। हाई कोर्ट के आदेश के बाद वकीलों को होप मिल की जमीन अस्थाई पार्किंग के लिए मिल गई। ऐसे में मुद्दा विहीन हुए चुनाव के चलते वकीलों में बहुत ज्यादा उत्साह नजर नहीं आ रहा। कोर्ट की नई बिल्डिंग में वकीलों के चेंबर का मुद्दा जरूर है, लेकिन कोई प्रत्याशी इस पर खुलकर कुछ बोलना नहीं चाह रहा। यही वजह है कि अब तक जिला न्यायालय में चुनाव का माहौल नहीं बन सका है।
सीएम यादव की मौजूदगी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की बैठक आयोजित हुई
2 Jan, 2024 01:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मंगलवार को मुख्यमंत्री डाॅ.मोहन यादव की अध्यक्षता में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उईके भी शामिल हुईं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग की गतिविधियों की जानकारी ली। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डाॅ.मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभाग की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए।
केजरीवाल को जेल जानें का सता रहा डर, आप कार्यकर्ताओं को दी नसीहत
1 Jan, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को जेल जाने का डर सता रहा है। क्योंकि उन पर जेल जाने की तलवार लटकी हुई है। कभी भी जांच एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं। ऐसे में नये साल पर केजरीवाल अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से रुबरु हुए। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए आगामी डर को भी सामने रखा। सीएसम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी जन-केंद्रित और कार्य-केंद्रित राजनीति के माध्यम से जनता के बीच लोकप्रियता और स्वीकार्यता हासिल की है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता की भलाई के लिए हमने जो रास्ता चुना है, उसके लिए जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रीय परिषद की बैठकों में पार्टी नेताओं को वर्चुअली संबोधित करते हुए आप सुप्रीमो ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी के उन पांच नेताओं पर गर्व है जो कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में जेल में हैं। अगर आप बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और गरीबों का मुफ्त इलाज करने की बात करेंगे तो आपको जेल जाना पड़ेगा और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।
गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम की टिप्पणी तब आई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 जनवरी को केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए बुलाया है। केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि हम संघर्ष का सामना कर रहे हैं, लेकिन हमें दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है। हमारे पांच नेता जो आज जेल में हैं, वे हमारे नायक हैं। हमें उन सभी पर बहुत गर्व है। उन्होंने कहा कि वह वकीलों के साथ लगातार संपर्क में हैं। यह बहुत अच्छी बात है कि जेल में रहते हुए भी हमारे सभी नेताओं का हौसला अभी भी बहुत ऊंचा है। आप प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी कुछ ही वर्षों में राजनीति में उभरी है क्योंकि उसने उन चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जिन पर अन्य पार्टियों ने ध्यान केंद्रित नहीं किया।
केजरीवाल ने कहा कि हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, महंगाई और रोजगार की बात शुरू की, जो किसी भी पार्टी ने कभी नहीं की। देश में पहली बार लोगों को इन पार्टियों का असली विकल्प मिला और लोगों को काम की राजनीति पसंद आने लगी। उन्होंने कहा कि अगर हम सफल नहीं होते और कुछ अच्छा नहीं करते तो हमारी पार्टी का कोई भी नेता जेल नहीं जाता और आज सभी अपने परिवार के साथ खुश होते। ईडी ने 22 दिसंबर को केजरीवाल को तीसरा समन जारी कर उन्हें 3 जनवरी को पेश होने कहा है।
विस अध्यक्ष की लालू और नीतीश की आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी
1 Jan, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने रविवार को पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आधिकारिक आवास पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की। लालू के बड़े बेटे और मंत्री तेज प्रताप यादव भी स्पीकर के साथ वहां पहुंचे थे। तेज प्रताप पटना में अलग घर में रहते हैं। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब राज्य में बड़ा राजनीतिक मंथन चल रहा है। चौधरी खुद राजद नेता हैं। लालू यादव से मुलाकात के बाद चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, मैं नए साल की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं देने के लिए लालू यादव से मिला था। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। दरअसल, राजनीतिक चर्चाएं इसलिए हुईं, क्योंकि यह घटनाक्रम नीतीश के करीबी राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद सामने आया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है।
ऐसी अटकलें थीं कि ललन, लालू प्रसाद के बहुत करीब आ गए थे, जिसकी वजह से जदयू नेता नीतीश कुमार असहज हो गए थे। हालांकि, जदयू ने इस तरह की अटकलों को खारिज किया है। बैठक से पहले नीतीश कुमार, ललन के घर गए थे। बाद में वो ललन को अपने साथ कार में बैठाकर बैठक में ले गए थे। शुक्रवार रात जब नीतीश दिल्ली से पटना लौटे तो जद (यू) कैडर ने उनका जोरदार स्वागत किया था।
उधर ललन ने मीडिया को मानहानि का केस करने की भी धमकी दी। ललन ने नीतीश को पद से हटाने की साजिश रचने के लिए राजद के इशारे पर जदयू विधायकों की बैठक किए जाने की खबरों को खारिज किया था। तमाम रिपोर्टों में दावा किया गया था कि कथित योजना का उद्देश्य राजद सुप्रीमो के छोटे बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाना था।
दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने कई बार तेजस्वी को सीएम पद सौंपने का इरादा जाहिर किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि साल 2025 में अगले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ महागठबंधन चुनाव लड़ेगा। सियासी हलचल के बीच नीतीश कुमार अपने एक पुराने सहयोगी शिवानंद तिवारी से मिलने के लिए एक निजी अस्पताल में गए और उनका हालचाल लिया। सीएम ने तिवारी के जल्द ठीक होने की कामना की। बताते चलें कि नीतीश के बाद शिवानंद तिवारी, लालू यादव के करीबी हो गए थे और इस समय वो राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
वहीं, ललन दिल्ली से लौटने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र मुंगेर पहुंचे। वहां उन्होंने एक सार्वजनिक बैठक में कहा, भाजपा समर्थित मीडिया की अफवाहों से गुमराह न हों। उन्होंने दावा किया, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच कोई अविश्वास नहीं है। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन बीजेपी को करारी शिकस्त देने जा रहा है।
मैं लोकसभा चुनाव में व्यस्त रहूंगा
ललन सिंह ने पद छोड़ने के बाद एक बयान में कहा, मेरी खुद की इच्छा थी कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का पद छोड़ना चाहिए। क्योंकि चुनावी तैयारियो में व्यस्तता बढ़ जाएगी और पार्टी का कामकाज प्रभावित हो सकता है। ललन ने उन बातों को भी खारिज किया है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के प्रति अपना रुख नरम कर लिया है।
ललन ने जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लाए गए उस राजनीतिक प्रस्ताव की ओर इशारा किया, जिसमें सांसदों के सामूहिक सस्पेंशन के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की गई है। उन्होंने कहा, यह देश को संविधान की जगह मनुस्मृति के अनुसार चलाने की कोशिश है।
उधर बिहार के मौजूदा घटनाक्रम को लेकर एनडीए खेमे में भाजपा के सहयोगी उपेन्द्र कुशवाह और जीतनराम मांझी ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद से हाथ मिलाने का पछतावा हो रहा है। मांझी ने दावा किया कि नीतीश कुमार कई भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और वापसी कर सकते हैं। जबकि कुशवाहा का मानना है कि अगर जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार एनडीए में वापसी की इच्छा रखते हैं तो भी उन्हें दोबारा प्रवेश नहीं मिलेगा। उन्हें एक खत्म हो चुकी ताकत के रूप में देखा जा रहा है।
उपेंद्र ने एक साल पहले जदूय का साथ छोड़ दिया था। जबकि मांझी ने कुछ महीने पहले ही महागठबंधन से दूरी बनाई है। मांझी का कहना था कि नीतीश कुमार उन पर दबाव बना रहे थे कि वो अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का जद (यू) में विलय करें। नीतीश कुमार के दबाव में आने की बजाय उन्होंने एनडीए जॉइन कर लिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का मानना है कि महागठबंधन सरकार में अंदरखाने खींचतान चल रही है। यह सरकार किसी भी समय गिर सकती है। हालांकि, भाजपा अब नीतीश कुमार की पार्टी के साथ आगे गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने दावा किया कि राज्य में जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने की स्थिति में है।
लोस चुनाव : सीट बंटवारे पर इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच असंतोष
1 Jan, 2024 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं। शिवसेना ने हाल ही में कुल 23 सीटों पर दावा ठोका था और कहा था कि कांग्रेस को महाराष्ट्र में जीरो से शुरुआत करनी होगी। इसके बाद कांग्रेस की बारी आई।
कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र की 22 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य के शीर्ष नेताओं के बीच एक बैठक के बाद 48 लोकसभा सीटों में से 22 पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई थी। बैठक में महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने खड़गे के साथ राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की और उन्हें पार्टी के लिए गढ़ मानी जा रही सीटों पर एक रिपोर्ट दी। सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेताओं ने सुझाव दिया कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में राज्य की 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेताओं में से एक ने यह सुझाव दिया कि पार्टी को कम से कम 22 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उसके जीतने की अच्छी संभावना है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों कि एनसीपी के शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। कहा जाता है कि कांग्रेस नेताओं ने खड़गे को बताया है कि एनसीपी में अजित पवार के विद्रोह और एकनाथ शिंदे के कारण शिवसेना में हुए विभाजन के बाद किसी भी सहयोगी दल के पास अपना पारंपरिक चुनाव चिन्ह पर नियंत्रण नहीं है। सिर्फ कांग्रेस के पास ही अपने चुनाव चिन्ह पर पूरा कंट्रोल है। सूत्रों का कहना है कि खड़गे और राज्य के नेता प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की स्थिति के आधार पर सहयोगियों के साथ कुछ सीटों के आदान-प्रदान की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
बताया जाता है कि नेताओं ने शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत द्वारा सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव सीट-बंटवारे में 23 सीटें चाहती है। इस बीच खड़गे ने महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं को गठबंधन या सीट बंटवारे के बारे में ऐसा कोई बयान नहीं देने की सलाह दी है। सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान अगले हफ्ते शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी के शरद पवार गुट से मिलने वाला है।
साल 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक सीट जीती थी। एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी। वहीं, शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में थी, उसने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल की थी।
ललन सिंह ने झूठा प्रचार कर छवि खराब करने का लगाया आरोप
1 Jan, 2024 10:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया है। उन्होंने गलत अभियान चलाकर उनकी छवि खराब करने बा आरोप लगाया है। एक कैबिनेट मंत्री के कार्यालय में जद-यू विधायकों के एक समूह की बैठक में मौजूद होने की खबर को गलत बताते हुए ललन सिंह ने कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दिल्ली में थे। शनिवार को जारी पत्र में सिंह ने कहा कि वह खबर चलाने वालों मीडिया तथा चैनलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जद-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने लोकसभा क्षेत्र की देखभाल करनी है। इस बीच, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को दावा किया कि सिंह 12 से 13 विधायकों की मदद से जदयू को तोड़ने की कोशिश में शामिल थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंह तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश भी लगातार कर रहे हैं। जबकि ललन सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है।
लोस चुनाव : भ्रष्टाचार से खाली हो गया सरकारी खजाना : सैलजा
1 Jan, 2024 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़ । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी ने आरोप लगाया कि सीएम मनोहर लाल अपनी ही घोषणाओं पर अमल नहीं करवा पा रहे, कोई भी काम समय पर नहीं हो रहा है । प्रदेश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार से सरकारी खजाना खाली हो गया। जबकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिखा रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश में बहुत काम किया है। पिछले दो साल में उन्होंने 1770 घोषणाएं की जिनमें से मात्र 262 ही पूरी हुई है, 355 ऐसी घोषणाएं है जिन पर काम ही शुरू नहीं हुआ है। इस सरकार के कार्यकाल में एक से बढकऱ एक बड़ा घोटाला हुआ, सरकार ने हर बार कहा कि जांच करवाकर दोषी पर कार्रवाई करेंगे पर कोई जांच शुरू नहीं हुई अगर जांच होती तो अपनो के ही हाथ काले मिलते।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लीव पर भेजना कोई सजा नहीं अगर अधिकारी ने लापरवाही की है तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए पर इस सरकार के कार्यकाल में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से हावी है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है, उसकी हर नीति से जनता परेशान रही है, अब चुनाव का समय समीप आने पर अब दिखावा कर रहे है कि उन्होंने प्रदेश में बहुत काम किया है, जबकि धरातल पर कुछ भी नहीं है।
विधानसभा सत्र में सरकार ने माना ही भ्रष्टाचार के 721 मामले सामने आए है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भ्रष्टाचार को लेकर हंगामा रहा, फरीदाबाद नगर निगम को 200 करोड़ का, गुरूग्राम नगर निगम का 180 करोड़ का भिवानी नगर परिषद में 03 करोड़ 83 लाख रुपये का, अंबाला नगर निगम में 05 करोड़ रुपये का और यहीं पर स्टेडियम निर्माण में 86 करोड़ का, पंचकूला नगर निगम में करोडों रुपये के घोटाले का मुद्दा उठा पर सरकार खुद को बचाने में लगी रही। उन्होंने कहा कि इन घोटालों की जांच करवाकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा निमंत्रण पर आप की दो टूक
1 Jan, 2024 08:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को लेकर आप ने दो टूक जवाब दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राम मंदिर पूरे देश से ताल्लुक रखता है। बीजेपी कौन होती है किसी को न्योता देने वाली। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भगवान राम का मंदिर पूरे देश का है। भारतीय जनता पार्टी यह कहने वाली कौन होती है कि इनको बुलाएंगे और उनके नहीं बुलाएंगे। भगवान राम का मंदिर है जिसको मन करेगा जाएगा, जब मन करेगा जाएगा। वो कौन होते हैं, वो क्यों ठेकेदारी ले रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी धर्म की राजनीति कर रही है। जिस तरह से बीजेपी राम मंदिर पर राजनीति कर रही है इससे धर्म को नुकसान पहुंचता है।
बता दें कि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा। यह आयोजन काफी भव्य होगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन उससे पहले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और मेहमानों को न्योता भी भेज रहा है। कई विपक्षी दलों को आमंत्रण दिया गया और कई दलों को आमंत्रण अभी तक नहीं भी मिला है। लेकिन अभी इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। अब आदमी पार्टी की तरफ से भी इसपर प्रतिक्रिया दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रण दिया गया है।
आयोजन के सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को यहां अपना संबोधन भी दे सकते हैं, जिसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। कई क्रिकेटरों, फिल्मी सितारों, उद्योगपतियों और साधु-संतों को इस कार्यक्रम में आने का न्योता दिया गया है। कई राजनीतिक पार्टियों ने इस कार्यक्रम में आने के लिए हामी भी भरी है तो कुछ पार्टियां बीजेपी पर आऱोप लगा रही है कि वो इसके बहाने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट करने में जुटी हुई है।