जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई स्थित मेडिकल कॉलेज में एक गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक मरीज को गलती से ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। इस घटना ने मेडिकल कॉलेज के प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, जिसके बाद दो डॉक्टरों और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच कमेटी का गठन किया गया है, जिसे 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

माधौगढ़ कोतवाली क्षेत्र के डिकौली गांव निवासी 30 वर्षीय ब्रजेश चौधरी को पेट दर्द और आंतों में सूजन की शिकायत के बाद सोमवार को मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 7 में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें दो दिन तक अस्पताल में निगरानी में रखने की सलाह दी थी। बुधवार को ब्रजेश के डिस्चार्ज की प्रक्रिया चल रही थी, तभी दो वार्ड बॉय उन्हें जांच के लिए ले जाने के बहाने ऑपरेशन थियेटर में ले गए।
 
पीड़ित ब्रजेश ने बताया कि उन्हें ऑपरेशन की ड्रेस पहनाई गई और उनके शरीर पर मार्किंग भी की गई। संदेह होने पर उन्होंने लघुशंका का बहाना बनाकर वार्ड में वापस भागने का फैसला किया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने बाद में स्वीकार किया कि यह एक गलती थी। दरअसल, एक अन्य मरीज, जिसकी आंत में गांठ थी, उसका ऑपरेशन होना था, लेकिन वार्ड स्टाफ ने गलती से ब्रजेश को ऑपरेशन थियेटर में पहुंचा दिया।

डिप्टी सीएम ने लिया सख्त एक्शन

घटना की जानकारी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को मिलने के बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। गुरुवार को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी और डॉ. पुनीत अवस्थी की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए डॉ. सुधांशु शर्मा, डॉ. विशाल, और स्टाफ नर्स ऊषा देवी, अमरपाली, और स्नेह प्रभा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

मरीज और परिजनों के बयान होंगे दर्ज

जांच कमेटी अब अगले दो दिनों में मरीज ब्रजेश चौधरी और उनके परिजनों के बयान दर्ज करेगी। परिजनों का आरोप है कि इस घटना में और भी लोग शामिल थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद त्रिवेदी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।