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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की पहल, CET उम्मीदवारों के लिए हेल्पलाइन शुरू
30 May, 2025 07:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने तृतीय श्रेणी पदों की सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले अभ्यर्थियों की सहायता के लिए विशेष हेल्पलाइन सेवा शुरू की है।
यदि किसी अभ्यर्थी को सीईटी रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई जानकारी लेनी है या समस्या आती है तो मोबाइल नंबर 9063493990 पर कॉल कर सकते हैं।
एचएसएससी चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि हेल्पलाइन सेवा केवल सीईटी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है। इसके माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आ रही समस्याओं, शंकाओं या तकनीकी कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा।
आयोग के संज्ञान में आया है कि कई उम्मीदवार सीईटी रजिस्ट्रेशन फार्म भरते समय बार-बार कुछ सामान्य, लेकिन गंभीर त्रुटियां कर रहे हैं। इस कारण उनका आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
अभ्यर्थियों द्वारा फोटोग्राफ की जगह हस्ताक्षर की छवि तथा हस्ताक्षर की जगह फोटोग्राफ अपलोड करना, धुंधली या साइड एंगिल से ली गई तस्वीरें जमा करना, ए-4 शीट पर चिपकाई गई फोटो की पूरी शीट की स्कैन कापी अपलोड करना अथवा कैटेगरी सेक्शन में आधार कार्ड जैसे अप्रासंगिक दस्तावेज संलग्न करना ऐसी गलतियां हैं, जिनसे बचना अत्यंत आवश्यक है।
एचएसएससी के सदस्य भूपेंद्र चौहान ने कहा कि यदि उपरोक्त में से कोई भी गलती पाई जाती है तो संबंधित अभ्यर्थी का आवेदन स्वतः रद कर दिया जाएगा। इसलिए सभी अभ्यर्थी फार्म भरते समय अत्यंत सावधानी बरतें और दिए गए निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करें। उन्होंने अभ्यर्थियों से अनुरोध किया कि वे हेल्पलाइन सेवा का लाभ उठाएं तथा सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए अपना फीडबैक भी साझा करें।
उल्लेखनीय है कि तृतीय श्रेणी पदों के सीईटी के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 28 मई को प्रारंभ हो चुकी है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 12 जून रात 11:59 बजे तक निर्धारित की गई है, जबकि शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 14 जून की शाम 6:00 बजे तक है।
नीमका जेल में चौंकाने वाली चूक, रेप आरोपी को गलती से दे दी गई जमानत
30 May, 2025 07:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा में फरीदाबाद की नीमका जेल में दो कैदियों का नाम और उनके पिता के नाम एक जैसे होने की वजह से नौ साल के बच्चे से कई बार कुकर्म करने के आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया. दोनों का नाम एक होने की वजह से रिहाई मार-पीट के आरोपी की होनी थी, लेकिन रेप के आरोपी की कर दी गई. नितेश पांडेय को 9 साल के बच्चे से कई बार कुकर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ये घटना 2021 की है. पहले नितेश की उम्र 27 साल थी.
वहीं, दूसरे नितेश को बीते रविवार को घर में घुसकर मारपीट करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था. अदालत ने दूसरे नितेश को जमानत दी थी, लेकिन मंगलवार को रिहाई उस नितेश पांडेय की हुई जो बच्चे से कुकर्म करने का आरोपी है. दोनों ही नितेश का एक ही जेल में बंद होना भी हो सकता है जेल प्रशासन को गफ़लत में डालने की वजह बना.
पहचान छिपाकर रिहा होने का आरोप
सदर पुलिस थाने के प्रभारी उमेश कुमार ने आश्वासन दिया कि कुकर्म के आरोपी नितेश की तलाश जारी है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. घर में घुस कर मार-पीट करने के आरोपी नितेश को फरीदाबाद अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत दी. दोनों ही आरोपियों का नाम नितेश है लेकिन उपनाम इनमे से केवल एक ही लिखता है. मार-पीट करने के आरोपी नितेश की जगह बच्चे से कुकर्म करने के आरोपी नितेश पांडेय को रिहा कर दिया गया.
जेल प्रशासन का यह भी दावा है कि नितेश पांडेय ने रिहाई के लिए अपनी पहचान छिपाई. जेल के उपाधीक्षक विक्रम सिंह ने कहा कि हमने सदर पुलिस थाने में नितेश पांडेय के खिलाफ पहचान छिपा कर रिहा होने के आरोप में एक शिकायत दर्ज की है. ऐसे में जिसे रिहा किया जाना था उसे नहीं किया गया बल्कि दूसरे आरोपी को रिहा कर दिया गया.
इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के आतंकियों ने अफगान नेटवर्क के साथ मिलकर किया हमला, दो पुलिसकर्मी की मौत
30 May, 2025 05:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के पुंछ जिले के मुख्य शहर रावलकोट में हुसैन कोट के जंगलों में चले एक बड़े आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में चार आतंकियों को मार गिराया गया. इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि डिप्टी एसपी अकमल शरीफ समेत आठ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इस ऑपरेशन ने न सिर्फ पाकिस्तान के अंदर चल रहे आतंक नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि इस्लामाबाद की बदनाम लाल मस्जिद और अफगानिस्तान नेटवर्क से उनके रिश्तों की परतें भी खोल दी हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खुफिया इनपुट मिलने के बाद पुलिस और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) ने हुसैन कोट के जंगलों में एक अभियान शुरू किया. यहां आतंकियों के एक गुफा में छिपे होने की सूचना थी. ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका और फिर दोनों तरफ से भारी गोलीबारी शुरू हो गई. इसी दौरान आतंकी जर्नूश नसीम ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. इससे पूरा इलाका दहल उठा. बाकी तीन आतंकी जिब्रान और दो अन्य भी मुठभेड़ में मारे गए.
हमलें में 2 पुलिसवालों की मौत, कई घायल
इस कार्रवाई में कांस्टेबल तारिक और गुलफराज की मौत हो गई, जबकि डीएसपी अकमल शरीफ समेत आठ अन्य अधिकारी घायल हुए. घायलों को तुरंत रावलकोट के शेख जायेद अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, विस्फोट के बाद भी इलाके में काफी देर तक गोलियों की आवाजें आती रहीं.
आतंकी नेटवर्क का अफगान कनेक्शन
एसएसपी पुंछ रियाज मुगल ने बताया कि मारे गए सभी आतंकी प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) से जुड़े थे और उन्हें अफगानिस्तान स्थित डॉ. रऊफ एंड कंपनी से समर्थन मिल रहा था. इन आतंकियों पर सज्जाद रेशम की हत्या का आरोप था. जानकारी के मुताबिक, यह समूह आजाद कश्मीर में घुसपैठ कर पुलिस स्टेशन या सैन्य ठिकाने पर हमला करने की योजना बना रहा था.
लाल मस्जिद से कैसे जुड़े तार?
इस नेटवर्क से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा मार्च में हुआ. जब आतंकवादी साकिब को आज़ाद पट्टन इलाके से गिरफ्तार किया गया. उसने वीडियो बयान में कबूल किया कि वह और उसके साथी सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले की योजना बना रहे थे. उसे इस काम के लिए फंड और हथियार भी मिले थे. शाकिब ने यह भी बताया कि उनके संबंध इस्लामाबाद की कुख्यात लाल मस्जिद और मौलाना अब्दुल अजीज से थे. इसी नेटवर्क में शामिल ग़ाज़ी शहज़ाद पहले रावलकोट जेल से फरार हो चुका था. मुठभेड़ और सुरक्षाबलों के घायल होने की जानकारी मिलते ही आजाद कश्मीर के प्रधानमंत्री और IG पुलिस मौके पर पहुंचे और घायलों से मुलाकात की. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन के बाद पूरा इलाका क्लियर कर लिया गया है और बाकी बचे आतंकियों या मददगारों की तलाश जारी है. यह कार्रवाई पाकिस्तान के भीतर छिपे आतंकी नेटवर्क और धार्मिक कट्टरता की जड़ों को एक बार फिर बेनकाब करती है.
पाकिस्तान में फिर महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, आया 4.2 तीव्रता का भूकंप
30 May, 2025 04:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: पाकिस्तान में एक के बाद भूकंप के झटके लगातार महसूस किए जा रहे हैं. बीते कई दिनों से पाकिस्तान में लगातार भूकंप के मामले देखने को मिल रहे हैं. वहीं शुक्रवार को पाकिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. इस बार भी भूकंप का केंद्र पश्चिमी पाकिस्तान में ही था. वहीं रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसके बारे में जानकारी दी. बता दें कि ये भूकंप के झटके दोपहर में करीब 1.37 बजे महसूस किए गए.
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं. हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है. इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है. भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है.
भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है. वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है. जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है. हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है. यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है. भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है.
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है. 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है. 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है. 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं. 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है. 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है.
चीन ने मानी बात: पाकिस्तान को दी PL-15E मिसाइल, भारत के हाथ लगा बड़ा सुराग
30 May, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग: चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइल सप्लाई करने की बात स्वीकारी है. हालांकि चीनी रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि पाकिस्तान को PL-15E मिसाइल बेची गई है. ये इस मिसाइल का एक्सपोर्ट मॉडल है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुई झड़पों के दौरान PL-15E मिसाइल के भारत में गिरने से जुड़े सवालों के जवाब में ये बात कही है. इससे मिसाइल की क्षमता, चीन के हथियारों निर्यात और क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभावों पर नए सिरे से बहस छिड़ सकती है. दावा है कि पाक से संघर्ष के दौरान भारत ने चीनी PL-15 मिसाइल मार गिराते हुए इससे जुड़ी अहम चीजें कब्जे में ली हैं. इससे चीन के रक्षा उद्योग में खलबली मची हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, झांग शियाओगांग ने बताया कि यह मिसाइल एक एक्सपोर्ट मॉडल है, जिसे चीन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई रक्षा प्रदर्शनियों में दिखाया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह घरेलू स्तर पर इस्तेमाल होने वाली PL-15 मिसाइल का डाउनग्रेड वर्जन है. PL-15E की रेंज करीब 145 किलोमीटर (90 मील) है और एक्टिव इलेक्ट्रोनिकली स्कैन्ड (AESA) रडार और ड्यूल मोटर से लैस है. यह पाकिस्तान के JF-17 Block III और J-10C लड़ाकू विमानों के साथ लगती है, जिससे पाक एयरफोर्स की क्षमता बढ़ती है.
चीन की चिंताओं को कम करने की कोशिश
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग के बयानों का उद्देश्य मिसाइल की तकनीक के बारे में चिंताओं को कम करना है, ताकि संवेदनशील तकनीक के भारतीय हाथों में जाने के डर को कम किया जा सके. दरअसल पाक से संघर्ष में PL-15E मिसाइल के भारत के कब्जे में आने से जुड़ी रिपोर्ट सामने आई हैं. इस मिसाइल की जब्ती से चीनी तकनीक के भारत के हाथों में पड़ने से बीजिंग में चिंता है. ऐसे में चीन ने साफ किया है कि उसने पाकिस्तान को मिसाइल का निर्यात मॉडल ही दिया है.
चीनी मिसाइल के हाथ लगने से भारत को उन्नत चीनी सैन्य तकनीक का विश्लेषण करते हुए रिवर्स इंजीनियरिंग का मौका मिलता है. ऐसी अटकलें हैं कि भारत मिसाइल के घटकों को अमेरिका, फ्रांस और जापान के साथ साझा कर सकता है, क्योंकि PL-15 संभावित भविष्य के संघर्षों में चीनी हवाई शक्ति का मुकाबला करने के लिए प्रासंगिक है. ऐसे में चीन की चिंता अपनी इस मिसाइल को लेकर बढ़ी हुई है.
भारत की रिवर्स इंजीनियरिंग से डर
भारत में PL-15E की रिवर्स इंजीनियरिंग की संभावना ने चीनी सैन्य हलकों में चिंता बढ़ाई है. विश्लेषकों ने चीनी तकनीकी के भारत को पता चलने के संभावित नुकसान पर चिंता व्यक्त की है. हालांकि झांग शियाओगांग का बयान इस डर को खारिज करने की कोशिश करता है. झांग ने इस पर खास जोर दिया है कि PL-15E घरेलू PL-15 की तुलना में कम क्षमताओं वाला स्पेशल वर्जन है, जो बेचने के लिए है. इसी को पाकिस्तान को दिया गया है.
एक चीनी सैन्य ब्लॉगर ने कहा है कि एक्सपोर्ट मॉडल की तकनीक उतनी उन्नत नहीं है, जितनी घरेलू वर्जन की है. ऐसे में भारत की किसी भी रिवर्स-इंजीनियरिंग प्रयासों से सीमित रणनीतिक लाभ मिलेगा. हालांकि इसके बावजूद मिसाइल के रडार और दूसरे घटकों की रिकवरी चीन के मिसाइल डिजाइन और मार्गदर्शन प्रणाली में काम आ सकती है. ये संभावित रूप से भारत के अपने BVR मिसाइल विकास को फायदा देगी.
पाक पीएम का बड़ा खुलासा: "हम हमले के लिए तैयार थे, लेकिन ब्रह्मोस हमले ने सेना को बैकफुट पर ला दिया"
30 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य एयरबेस को तबाह कर दिया था. पहले तो पाकिस्तान इस चीज को नकारता रहा. लेकिन अब पाकिस्तान ने इस बात को स्वीकार कर लिया है. दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बड़ी बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि 9 से 10 मई की रात को भारत के हमले के दौरान पाकिस्तानी सेना अचानक फंस गई. भारत ने रावलपिंडी के हवाई अड्डे सहित प्रमुख सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया.
शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
अजरबैजान में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने 10 मई को सुबह की नमाज के बाद भारत पर हमला करने की योजना बनाई थी. शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के कुछ करने से पहले ही भारत की लंबी दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों ने पाकिस्तान के कई प्रांतों में कई ठिकानों को निशाना बनाया. शरीफ ने कहा कि उन्हें सुबह-सुबह हुए हमले की जानकारी मुनीर ने दी, जिन्हें अब फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है. पाक पीएम के हवाले से कहा, "हमारे सशस्त्र बल फज्र की नमाज के बाद सुबह 4.30 बजे कार्रवाई करने के लिए तैयार थे. लेकिन उन्हें उस समय तक का वक्त ही नहीं मिल सका. उससे पहले ही भारत ने एक बार फिर ब्रह्मोस का इस्तेमाल करते हुए रावलपिंडी के हवाई अड्डे सहित पाकिस्तान के कई प्रांतों को निशाना बनाया."
भारत ने क्यों शुरू किया ऑपरेशन सिंदूर?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 9 और 10 मई की रात को बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया. इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, हालांकि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया. इसके बाद भारत ने फिर कार्रवाई की और ब्रह्मोस से हमले कर पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया.
पाकिस्तान ने क्यों दिया सीजफायर का प्रस्ताव?
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की भूमिक बेहद अहम रही है. दरअसल भारतीय वायुसेना के हमलों में पाकिस्तान के कई एयरबेस और रडार सिस्टम बर्बाद हो गए. इन हमलों ने पाकिस्तान की सेना और सरकार को घुटनों के बल ला दिया. यही कारण था कि पाकिस्तान की सेना पाकिस्तान से यात्री विमानों को उड़ने दे रही थी, ताकि भारतीय सेना के हमलों को रोका या टाला जा सके. वहीं भारतीय सेना नहीं चाहती थी कि गलती से भी किसी यात्री विमान को नुकसान पहुंचाया जाए. हालांकि भारतीय सेना के सटीक हमलों के बाद पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया और उसने सीजफायर का प्रस्ताव दिया.
ईरान की अदालत का बड़ा फैसला, मोसाद के खतरनाक जासूस पेड्राम मदनी को दी फांसी
30 May, 2025 11:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईरान: ईरान ने आखिरकार उस जासूस को मौत के घाट उतार दिया, जिसे मोसाद का सबसे चालाक और खतरनाक एजेंट बताया जा रहा था. उस शख्स को दिनदहाड़े फांसी दी गई. जो ईरान में ही बैठकर इजराइल की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था. इस शख्स का नाम था पेड्राम मदनी. ईरान की न्यायपालिका ने पुष्टि की है कि पेड्राम मदनी को मोसाद के लिए जासूसी करने और भारी पैमाने पर वित्तीय भ्रष्टाचार के जुर्म में फांसी दी गई है. बताया गया कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह सजा अमल में लाई गई. मदनी को 2020 में तेहरान से गिरफ्तार किया गया था. उस पर आरोप था कि वह इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम कर रहा था और अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित कर रहा था. वो यूरोप में बिटकॉइन और यूरो के जरिए पैसे लेता था.
जर्मनी में ली ट्रेनिंग, खड़ा कर रहा था जासूसी नेटवर्क
जांच में सामने आया कि पेड्राम मदनी अक्सर विदेश जाता था, खासकर जर्मनी. वहीं उसने मोसाद के ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में हिस्सा लिया. ट्रेनिंग के बाद वह ईरान लौटकर एक सक्रिय जासूसी नेटवर्क खड़ा करने लगा. न्यायपालिका के अनुसार, मदनी लोगों की भर्ती करता, गोपनीय जानकारी जुटाता और इन्हें सुरक्षित चैनलों के जरिए मोसाद तक पहुंचाता था. सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि मदनी ने ब्रसेल्स स्थित इजराइली दूतावास में सीधे मोसाद अधिकारी से मुलाकात की थी.
सेंवदेनशील ठिकानों की जानकारियाँ की लीक
डिजिटल फॉरेंसिक जांच में उसकी डिवाइसेज से कई गुप्त संदेश बरामद हुए हैं, जो उसने अपने हैंडलर को भेजे थे. अदालत में पेश सबूतों से साफ है कि मदनी ने ईरान के कई संवेदनशील और रणनीतिक ठिकानों की जानकारी उनके स्थान और विवरण मोसाद को भेजे थे. एक आदेश में तो उसके हैंडलर ने उसे साफ कहा था कि सूचनाओं को कैटेगराइज़ करके सर्विस की स्पेशल यूनिट तक पहुंचाया जाए.
कैसे पकड़ा गया मोसाद का ये एजेंट?
ईरानी सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्क निगरानी से मदनी का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया. उसके विदेशी संपर्कों को काटा गया और उसे गिरफ्तार किया गया. कोर्ट ने उसे ‘मोहरबेह’ (ईश्वर से युद्ध) और ‘इफसाद फिल-अर्ज़’ (ज़मीन पर भ्रष्टाचार फैलाना) का दोषी पाया. फैसले के अनुसार, मदनी को मौत की सजा सुनाई गई, जिसे अब अंजाम दे दिया गया है. इससे पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मोसाद एजेंट, जैसे मोहसिन लैंगरानशीन, पकड़े जा चुके हैं, जो ईरान में आतंक फैलाने की साजिश में शामिल थे.
पाकिस्तान में तेज बारिश और हवाओं से तबाही, खैबर पख्तूनख्वा में 8 की मौतें, 21 लोग घायल
30 May, 2025 09:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: पाकिस्तान में इस समय आसमानी आफत का कहर दिखाई दे रहा है. जहां बारिश राहत बन कर सामने आती है, वहीं देश में मूसलाधार बारिश हो रही है जो मुसीबत बन गई है. पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवा चल रही है, जिससे हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब तक 8 लोगों की मौत दर्ज की गई है. वहीं, 21 घायल हो गए हैं. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारी बारिश के चलते मारे गए लोगों में 5 पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है. वहीं, घायलों में 10 पुरुष, 5 महिलाएं और 6 बच्चे शामिल हैं.
बारिश से मची तबाही
बारिश ने पिछले कई दिनों से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तबाही मचाई हुई है. इससे पहले मंगलवार को भी आसमानी आफत के कारण 3 लोगों की मौत दर्ज की गई थी. जिसमें दो महिलाएं भी शामिल थी. वहीं, भारी बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि से 7 लोग घायल हो गए थे.
PDMA ने जारी की रिपोर्ट
गुरुवार को खैबर पख्तूनख्वा के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश ने कहर बरपाया है. तेज हवा के चलते पेड़ भी गिर गए, कई घरों को भारी नुकसान हुआ. PDMA ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें 27 मई से पूरे खैबर पख्तूनख्वा में बारिश और तेज हवाओं की वजह से हुए जान और माल के नुकसान का विवरण दिया गया है.
कई घरों को पहुंचा नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, कुदरती आफत के चलते 25 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें एक पूरी तरह से नष्ट हो गया और 24 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ये घटनाएं मर्दन, स्वाबी, पेशावर, शांगला, स्वात, तोरघर, मोहमंद, मनसेहरा और हरिपुर सहित विभिन्न जिलों में हुईं.
राहत और बचाव का काम जारी
PDMA ने संबंधित जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत सुनिश्चित करने और घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मौसम का यही मिजाज 31 मई तक जारी रहने की उम्मीद है. प्रवक्ता ने कहा कि PDMA सभी जिला प्रशासनों और संबंधित राहत एजेंसियों के साथ संपर्क में है. उन्होंने कहा, PDMA इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पूरी तरह से चालू है और नागरिकों को 1700 पर कॉल करके किसी भी घटना की रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है.
कांग्रेस पर अनिल विज का वार: खाते भारत का हैं, सोचते पाकिस्तान जैसा
29 May, 2025 05:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. एक बार फिर से उन्होंने कांग्रेस नेताओं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस के नेता खाते पीते तो भारत का है लेकिन इनके दिमाग में चिप पाकिस्तान की है. उन्होंने का कि यह लोग हमेशा पाकिस्तान की बातें करते हैं, पाकिस्तान केअखबार और वहां के चैनलों पर जो कहते है वही बातें ये लोग बोलते हैं.
दरअसल जब पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस नेता के उस बयान के बारे में पूछा जिसमें नेता ने कहा था कि पूंछ और पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर संघर्ष हुआ और विराम भी हुआ लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भारत का खाते हैं लेकिन इनके दिमाग में पाकिस्तान की चिप लगी है इसीलिए ये लोग इस तरह की बातें करते हैं.
‘जुमलेबाज हैं केजरीवाल’
वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए विज ने कहा कि केजरीवाल बिना सोचे समझे घोषणाएं कर देते है फिर उन्हें पूरा नहीं कर पाते. उन्होंने केजरीवाल को जुमलेबाज करार दिया. मंत्री ने केजरीवाल के बयान कि बनिया का बेटा हूं, पैसे कहीं से भी लाऊंगा, हमने पंजाब में बिजली फ्री की, स्कूल और अस्पताल सुधारे, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि केजरीवाल जुमलेबाज हैं.
‘घोषणाएं कर देते हैं उन्हें पूरी नहीं कर पाते’
मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से केजरीवाल शांत थे. देश का इतना बड़ा युद्ध था, वो फिर भी शांत रहे. ऐसे में भी यह कह रहे हैं कि पैसे कहीं से भी ले आऊंगा. उन्होंने कहा कि पैसे तो सरकार देगी वह बिना सोचे समझे कोई भी घोषणाएं कर देते हैं और फिर उन्हें पूरी नहीं कर पाते.
‘पर्यटकों की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी’
वहीं पहलगाम में सुरक्षा को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान कि टूरिज्म मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी नहीं है, के बारे में विज ने कहा कि सुरक्षा भी उन्हीं (मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला) की जिम्मेवारी है. उनकी सरकार है और वो जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री है, वहां पर काम करने वालों की पहचान करना भी उनकी जिम्मेवारी है. कौन-कौन किस प्रकार की काम कर रहे हैं वह देखने की जिम्मेदारी भी सीएम की है. उन्होंने कहा कि हर सरकार का काम है कि वह अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा करे.
‘जैसे आए हैं वैसे ही जाएंगे मोहम्मद यूनुस’
साथ ही बांग्लादेश में मचे बवाल को लेकर मंत्री अनिल विज ने कहा कि बांग्लादेश में जिस प्रकार से मोहम्मद यूनुस सरकार में आए थे जनता उन्हें उसी प्रकार वापस भेज देगी. ये बात विज ने यूनुस के उस बयान पर कही जिसमें उन्होंने कहा था कि “बांग्लादेश में जो स्थिति है, उसके लिए भारत जिम्मेदार है”, विज ने इसे पुरानी बात करार दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी अपनी गलती नहीं मानता अपनी कमियों का आरोप वह दूसरे पड़ोसी देशों पर लगा देते हैं. विज ने कहा कि मोहम्मद यूनुस जिस तरह से आए थे, अब उसी प्रकार से जनता उन्हें वापस भेज देगी.
बिजनेस में डूबे, जिंदगी भी गंवाई — प्रवीण मित्तल ने परिवार सहित दी जान
29 May, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कर्ज अगर नहीं चुका पाए तो सबकुछ लुटना तय है. घर-बार, जमीन-जायदाद और इज्जत… अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग किन्हीं कारणों से कर्ज तो ले लेते हैं, लेकिन ब्याज लगने के बाद उसे चुकाना उनके लिए भारी पड़ जाता है. कर्ज की मोटी रकम भरते-भरते उनकी जिंदगी इसी में गुजर जाती है. कुछ तो किसी तरह चुका देते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो नहीं भर पाते. ऐसे में कई लोग आत्मघाती कदम जैसे खुदकुशी तक कर लेते हैं. एक दिन पहले यही हरियाणा के पंचकुला में देखने को मिला, जहां प्रवीण मित्तल नाम के शख्स ने अपने माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चों के साथ जहर खाकर जान दे दी.
सामूहिक आत्महत्या को लेकर शुरुआत में जो जानकारी मिली, वह यह मिली कि प्रवीण मित्तल के ऊपर 20 करोड़ कर्ज था. पंचकुला में उनके दो फ्लैट और फैक्ट्री को बैंक ने ले लिया था, क्योंकि वह किस्त नहीं भर पा रहे थे. वह पंचकुला में दो कमरों के एक किराए के घर में रहते थे. साथ में उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे भी रहते थे, लेकिन क्या आपको पता है कि अपने ऊपर लदे इस कर्ज को उतारने के लिए उन्होंने चार शहर बदल डाले, लेकिन उनका नसीब था कि रूठा ही रहा. हरियाणा से हिमाचल गए, फिर उत्तराखंड और बंगाल गए, लेकिन नसीब डूबता चला गया.
हिमाचल के बद्दी से रूठ गई प्रवीण मित्तल की किस्मत
मृतक प्रवीण मित्तल के मामा के लड़के संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला का रहने वाले थे. उन्होंने पंचकूला में स्क्रैप का काम शुरू किया. बिजनेस चल पड़ा तो अच्छी कमाई होने लगी. फिर उन्होंने हिमाचल के बद्दी में स्क्रैप की फैक्ट्री डाल दी, लेकिन यहीं से प्रवीण का नसीब ऐसा रूठा कि फिर वह कभी उभर नहीं पाए. धीरे-धीरे फैक्ट्री घाटे में चली गई और प्रवीण पर कर्ज बढ़ता चला गया. इस दौरान प्रवीण पर करीब 20 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका था.
देनदार देने लगे धमकी, फ्लैट-फैक्ट्री सब चला गया
बैंक की तरफ से और जिन लोगों से उन्होंने लोन लिया था, उनकी तरफ से उन्हें कॉल आने लगे. देनदार उन्हें धमकी भी देने लगे थे. इन सभी से पीछा छुड़ाने के लिए प्रवीण पंचकुला छोड़कर परिवार सहित उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गए. इस दौरान बैंक ने उनके पंचकूला में स्थित दो फ्लैट और फैक्ट्री को कब्जे में लिया, क्योंकि प्रवीण ने बैंक का लोन नहीं चुकाया था. कुछ समय के लिए प्रवीण पश्चिम बंगाल के कोलकाता भी गए, पर वहां भी काम नहीं जम पाया तो वापस देहरादून आ गए.
बोल-चाल में काफी शरीफ थे प्रवीण- मकान मालिक
देहरादून में रह कर वह टूर एंड ट्रैवल का काम कर रहे थे. पांच साल तक उनका किसी से कुछ संपर्क नहीं रहा. अभी हाल में वह देहरादून छोड़कर वापस पंचकुला आ गए. यहां किराए का कमरा लेकर रह रहे थे और टैक्सी चलाते थे. पंचकुला में जिस घर में इस समय प्रवीण रह रहे थे, उसके मकान मालिक ने बताया कि प्रवीण तीन दिन बाहर जाने का बोलकर गए थे. मुझे उनका फोन आया था कि बच्चों को नानी के घर लेकर जा रहे हैं. पानी भर रखिएगा, लेकिन आश्चर्य है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली. बोल-चाल में काफी शरीफ थे. सुबह मॉर्निंग वॉक एक साथ करते थे. पिछले 25 दिनों से सात जन परिवार के दो कमरों में रह रहे थे.
भतीजे ने सुसाइड पर उठाए सवाल
वहीं प्रवीण मित्तल के भतीज ने इस सुसाइड पर सवाल उठाया. भतीजे अंकित मित्तल ने बताया कि साल 2007 में उन्हें नुकसान हुआ था, जिसके बाद वो पंचकूला छोड़कर पहले कोलकाता गए और फिर वहां तीन महीने बाद देहरादून शिफ्ट हो गए. वहां वो कैब चलाकर परिवार का गुजर-बसर कर रहे थे. हाल ही में वो और उनकी फैमली शादी में शामिल हुई थी. तब भी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं बताया था. अंकित ने कहा कि अगर उन्हें आत्महत्या करनी ही थी तो तब करते, जब कर्ज में डूब गए थे. अब तो उनके ऊपर कर्ज नहीं था, क्योंकि बैंक ने उनकी प्रॉपर्टी, कार और फैक्ट्री जब्त कर ली थी.
वेस्ट बैंक में इजरायल बसाएगा 22 नई बस्तियां, कैट्ज बोले- कुचल देंगे आतंकवाद को
29 May, 2025 04:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यरुशलम: इजरायल ने गुरुवार को कहा कि वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 22 नई यहूदी बस्तियां बसाएगा. इनमें नई बस्तियां बसाना और बिना सरकारी अनुमति के पहले से निर्मित बस्तियों को वैध बनाना शामिल होगा. इजरायल ने 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध में गाजा, पूर्वी यरूशलम और वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया था और फलस्तीनी चाहते हैं कि उनके भविष्य के राष्ट्र में ये तीनों क्षेत्र शामिल हों. ज्यादातर देश बस्तियों को अवैध और दशकों पुराने संघर्ष को हल करने में बाधा मानते हैं.
मजबूत होगी इजरायल की पकड़
रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि बस्तियां बसाने से हमारी पकड़ मजबूत होगी. उन्होंने कहा "इस फैसले से इजरायल की भूमि पर हमारे ऐतिहासिक अधिकार को मजबूत मिलेगी और फलस्तीनी आतंकवाद कुचला जाएगा.'' उन्होंने कहा कि यह ''एक रणनीतिक कदम है जो इजरायल के लिए खतरा बनने वाले फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना को रोकेगा.'' इजरायल पहले ही इस क्षेत्र में 100 से अधिक बस्तियां बसा चुका है, जिनमें लगभग पांच लाख लोग रह रहे हैं.
मारा गया मोहम्मद सिनवार
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, गाजा में हमास की गतिविधियों को संचालित करने वाले मोहम्मद सिनवार को इजरायल की सेना ने मार गिराया है. इसकी पुष्टि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने की है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को ऐलान किया कि हमास के गाजा प्रमुख मोहम्मद सिनवार को इजरायल की सेना ने मार गिराया है. मोहम्मद सिनवार पूर्व हमास प्रमुख याह्या सिनवार का भाई था जिसे अक्टूबर 2024 में इजरायल डिफेंस फोर्स ने मार गिराया था.
इजरायल ने किया पलटवार
बता दें कि, हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद जंग शुरू हुई थी. हमले में आतंकियों ने लगभग 1,200 आम लोगों का कत्ल कर जिया था और 251 लोगों को बंधक बना लिया था. इस आतंकी घटना के जवाब में इजरायल ने पलटवार शुरू किया है जो आज भी जारी है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायल की सैन्य कार्रवाई में 54,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. घायलों की संख्या एक लाख के पार है.
गाजा में 600 दिन की तबाही: 54 हजार+ लाशें, कूड़े में खाना खोजते रहे लोग
29 May, 2025 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा: इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को आज 600 दिन बीत चुके हैं. 600 दिनों से मध्य पूर्व को खून, आंसू और तबाही के अंधकार में डुबो रखा है. एक ऐसा संघर्ष जो सिर्फ दो पक्षों की लड़ाई नहीं है, बल्कि लाखों मासूमों के अस्तित्व का सवाल बन चुका है. 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ यह संघर्ष अब 600 दिन पार कर चुका है. दुनिया ने शायद उस दिन यह अंदाजा नहीं लगाया था कि यह हिंसा, इतनी गहराई तक आम जिंदगियों को चीर डालेगी.
गाजा की जमीन पर सिर्फ गोलियां और मिसाइलें नहीं उम्मीदें, सपने और इंसानियत भी गिरी
आंकड़ों की बात करें तो मरने वालों की संख्या पचास हजार के पार है और घायलों की तादाद लाखों में. लेकिन इन आंकड़ों के पीछे सिर्फ हथियार नहीं भूख, बीमारी और बंद होती जिंदगी की रेखाएं भी जिम्मेदार हैं. कुछ महीनों पहले सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया. न खाना पहुंच सका, न दवाइयां, न राहत. जो जिंदा हैं, वे हर रोज जिंदा रहने की जद्दोजहद में हैं.
कूड़े से ढूंढा जा रहा खाना
रिपोर्ट्स के मुताबिक हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लोगों को कूड़े के ढेर में खाना तलाश करना पड़ रहा है. एक मां, अपने बच्चों को बचाने के लिए जले हुए चावल और सूखी रोटियों को उबालकर पेट भरने की कोशिश करती है. ये सिर्फ भुखमरी नहीं भारी तबाही का मंजर है. हाल ही में कुछ राहत सामग्री पहुंची जरूर, लेकिन हालात इतने विस्फोटक थे कि भीड़ ने नियंत्रण तोड़ दिया और सुरक्षा बलों ने जवाब में गोली चला दी. इस अफरातफरी में कई लोगों की जान चली गई, और दर्जनों घायल हो गए. बंधकों की वापसी की बात करें तो अब तक 148 लोग लौटे हैं. कभी समझौते के तहत, कभी बिना किसी डील के, और कभी सैन्य कार्रवाई से. लेकिन सैकड़ों अभी भी लापता हैं, और उन्हें वापस लाने के लिए राजनयिक कोशिशें जारी हैं. संघर्षविराम को लेकर बयानबाजी तो तेज है, लेकिन कोई साफ रास्ता नहीं दिखता. इजरायल जमीन पर बड़े हमले की बात करता है, तो हमास संघर्षविराम की शर्तें बदलता है. बीच में हैं बिचौलिये देश मिस्र, कतर और अमेरिका जो बैकफुट पर हैं. 600 दिन… और अब भी कोई स्पष्ट अंत नहीं.
13 मई के हवाई हमले में मारा गया हमास कमांडर मोहम्मद सिनवार, इजराइली पीएम नेतन्याहू ने की पुष्टि
29 May, 2025 01:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इजराइल: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को पुष्टि की कि 13 मई को इजराइली हवाई हमले में हमास कमांडर मुहम्मद सिनवार मारा गया था. इजराइली रक्षा मंत्री काट्ज की ओर मई महीने के बीच में सिनवार की मौत का दावा किया गया था. पीएम का बयान सबूतों की पहली आधिकारिक पुष्टि के तौर पर देखा जा रहा है.
इससे पहले IDF (इजराइल रक्षा बल) के सूत्रों ने विदेशी मीडिया में आई उन रिपोर्टों पर संदेह जताया था, जिनमें कहा गया था कि सिनवार का शव उसके लगभग एक दर्जन सहयोगियों के साथ पाया गया था. जिनमें राफा ब्रिगेड के प्रमुख मुहम्मद शबानाह भी शामिल थे. जिन्हें सिनवार का संभावित उत्तराधिकारी माना जाता था. हालांकि, मीडिया से बात करते हुए IDF सूत्रों ने कहा कि हमले के समय दोनों हमास नेता एक साथ थे, इसलिए बहुत संभव है कि उनकी मौत हो गई हो.
13 मई को किया था हमला
13 मई को हवाई हमले में गाजा स्थित एक अस्पताल के नीचे हमास सुरंग परिसर पर भारी बमबारी की गई थी, इजराइल का दावा है कि यहीं सिनवार के छिपे होने का संदेह था. अब पीएम नेतन्याहू ने इस हमले में मोहम्मद सिनवार की मौत की पुष्टि की है.
याह्या सिनवार के बाद संभाली थी हमास की कमान
मोहम्मद सिनवार ने अपने भाई याह्या सिनवार की मौत के बाद हमास का नेतृत्व संभाला था. 7 अक्टूबर के हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड माने जाने वाले याह्या सिनवार को इजराइली सेना ने राफा में एक ऑपरेशन में मार गिराया था. इसके बाद मोहम्मद सिनवार उनकी जगह ली थी, बता दें मोहम्मद सिनवार याह्या सिनवार का भाई ही था.
अब हमास को कौन संभालेगा?
हमास के ज्यादातर नेताओं की हत्या इजराइल ने कर दी है. हमास के खिलाफ जारी 19 महीनों से इजराइली अभियान के बाद समूह की कमर टूट गई है. हालांकि हमास के लड़ाके इसके बावजूद भी गाजा में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं और इजराइली सेना का मुकाबला कर रहे हैं. लेकिन अभी ऐसा कोई नाम सामने नहीं आया है, जिसको नेतृत्व के योग्य माना जाए.
अमेरिकी प्रस्ताव को हमास ने दी हरी झंडी, फिर क्यों नहीं थम रहा युद्ध?
29 May, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फिलिस्तीनी समूह हमास ने मंगलवार को अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ की ओर से पेश किए गए नए युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी देने का ऐलान किया है, जो गाजा पट्टी पर चल रहे इजराइली आक्रमण को रोकने की कोशिशों में संभावित सफलता की उम्मीद जगा रहा है. एक आधिकारिक बयान में हमास ने कहा कि प्रस्ताव एक सामान्य रूपरेखा को रेखांकित करता है. जिसमें एक स्थायी युद्धविराम, गाजा पट्टी से इजराइली सेना की पूरी तरह से वापसी, मानवीय सहायता का तत्काल प्रवेश और समझौते की औपचारिक ऐलान के बाद एन्क्लेव के नागरिक मामलों को प्रशासित करने के लिए एक पेशेवर समिति का गठन शामिल है.
प्रस्ताव के तहत 10 बंदियों को किया जाएगा रिहा
हमास के बयान में आगे कहा गया है कि इस समझौते में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की देखरेख में फिलिस्तीनी बंदियों की एक सहमत संख्या के बदले में दस इजराइली बंदियों की रिहाई के साथ-साथ कई शवों की वापसी शामिल है. वहीं स्टीवन विटकॉफ ने व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफ के दौरान कहा, ''हम एक समझौता को प्रस्तुत करने के करीब हैं, जिसकी आज समीक्षा के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हों युद्ध विराम और संघर्ष के लंबे समाधान पर पहुंचने की उम्मीद है.''
युद्ध विराम में देरी क्यों?
हमास ने बयान जारी कर युद्ध विराम समझौते पर सहमति जता दी गई है. लेकिन इजराइल की ओर से युद्ध विराम समझौते को लेकर अभी तक कोई सकारात्मक बयान नहीं आया है. नेतन्याहू पर आरोप है कि वह युद्ध को लंबा खींचना चाहते हैं और बंदियों की रिहाई की उन्हें चिंता नहीं है. युद्ध विराम के लिए दोनों पार्टियों की राजी होने की जरूरत है. पिछला युद्ध विराम भी इजराइल की ओर से तोड़ दिया गया था.
7 अक्टूबर नहीं भूलेंगे – ट्रंप
वहीं ट्रंप ने भी गाजा की स्थिति पर बोलते हुए कहा, ''हम गाजा में पूरी स्थिति से निपट रहे हैं. हम गाजा के लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. यह बहुत ही खराब स्थिति रही है… 7 अक्टूबर का दिन बहुत ही खराब दिन था, लोग इसे भी नहीं भूलेंगे.''
अमेरिकी अदालत का फैसला: संविधान के खिलाफ ट्रंप, टैरिफ योजना पर लगी रोक
29 May, 2025 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट ने एक बड़ा झटका देते हुए, उनके टैरिफ प्लान पर रोक लगा दी है. ये रोक लिबरेशन डे टैरिफ पर लगाई गई है. आपको बता दें कि मैनहेटन संघीय अदालत ने ट्रंप के इस टैरिफ को लेकर किए गए ऐलान को भी असंवैधानिक बताया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए ऐसा कदम उठाया है. ये कदम अमेरिका के संविधान के अनुरूप नहीं है.
हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ पावर को बरकरार रखने के लिए कोर्ट से आग्रह किया है. प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि कानूनी झटका चीन के साथ "असमान" व्यापार संघर्ष की दिशा बदल सकता है और भारत-पाकिस्तान संघर्ष को पुनर्जीवित कर सकता है. ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि टैरिफ़ के संबंध में कई देशों के साथ व्यापार वार्ता चल रही है, और यह मुद्दा "नाजुक स्थिति" में है, क्योंकि व्यापार सौदों को अंतिम रूप देने की अंतिम तिथि 7 जुलाई है. वहीं, अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अमेरिकी संविधान कांग्रेस को अन्य देशों के साथ वाणिज्य को विनियमित करने का विशेष अधिकार देता है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों से प्रभावित नहीं है.
अमेरिका ने लगाया था टैरिफ
ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका के सबसे ज़्यादा व्यापारिक साझेदारों पर 10 प्रतिशत बेसलाइन के साथ व्यापक टैरिफ़ लगाए, और उन देशों के लिए उच्च दरें लगाईं जिनके साथ अमेरिका का सबसे ज़्यादा व्यापार घाटा है, ख़ास तौर पर चीन और यूरोपीय संघ. अमेरिका की विनिर्माण क्षमता को बहाल करने के लिए लगाए गए इन शुल्कों ने अमेरिकी वित्तीय बाज़ारों को झकझोर कर रख दिया था. जिसके बाद एक हफ़्ते बाद इनमें से कई देश-विशिष्ट टैरिफ़ रोक दिए गए. 12 मई को ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह एक लंबी अवधि के व्यापार समझौते पर काम करते हुए चीन पर लगाए गए सबसे ज़्यादा टैरिफ़ को अस्थायी रूप से कम कर रहा है. दोनों देश कम से कम 90 दिनों के लिए एक-दूसरे पर टैरिफ़ कम करने पर सहमत हुए.
ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मामले
आपको बता दें कि कोर्ट ने अपना ये फ़ैसला दो मुकदमों में सुनाया है. इन मुकदमों में पहला गैर-पक्षपाती लिबर्टी जस्टिस सेंटर द्वारा पांच छोटे अमेरिकी व्यवसायों की ओर से दायर किया गया था, जो शुल्कों द्वारा लक्षित देशों से सामान आयात करते हैं. और दूसरा 13 अमेरिकी राज्यों द्वारा. कंपनियों ने कहा है कि टैरिफ़ से उनके व्यापार करने की क्षमता को नुकसान होगा.इसके अलावा, टैरिफ़ को लेकर कम से कम पांच अन्य कानूनी चुनौतियां अदालतों में लंबित हैं.