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फिलिस्तीन समर्थक का आतंक, मोलोटोव कॉकटेल से हमला कर 6 को किया घायल
2 Jun, 2025 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका: अमेरिका में एक आतंकी घटना सामने आई है. अमेरिका के कोलोराडो राज्य के बोल्डर इलाके में रविवार को एक शख्स ने कई लोगों पर जानलेवा हमला किया है. ये हमला मोलोटोव कॉकटेल से किया गया है. जो कि एक पेट्रोल बम की तरह काम करता है. इस हमले में 6 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं. इस घटना को लेकर अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने कहा कि ये एक टार्गेट आतंकी हमला है.
एक मॉल के बाहर किया गया हमला
इजरायली बंधकों की याद में बोल्डर के आउटडोर मॉल के बाहर कुछ लोग एकत्र हुए थे. तभी वहां पर एक फिलिस्तीन समर्थक आ गया. उसने वहां पर खड़े लोगों के एक समूह पर मोलोटोव कॉकटेल (पेट्रोल बम) फेंक दिया. इससे कम से कम छह लोग झुलस गए.
फ्री फिलिस्तीन का लगाया नारा
हमलावर की पहचान मोहम्मद सबरी सोलिमन के रूप में हुई है. भीड़ पर हमला करने के बाद मोहम्मद सोलिमन ने 'फ्री फिलिस्तीन' का नारा भी लगाया. तभी उसे हिरासत में ले लिया गया. स्थानीय पुलिस ने कहा कि यह हमला गाजा में रह रहे इजरायली बंधकों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया है. बोल्डर पुलिस प्रमुख स्टीफन रेडफर्न ने कहा कि उनके पास जो जानकारी है, वह अभी बहुत प्रारंभिक है.
काश पटेल ने कहा- ये आतंकी घटना
एफबीआई के डायरेक्टर ने इसे आतंकी घटना करार दिया है. हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमले के पीछे का मकसद जानना अभी जल्दबाजी होगी. पुलिस प्रमुख ने कहा कि गवाहों से अभी पूछताछ की जा रही है.
दोनों हाथों में लिए था मोलोटोव कॉकटेल की बॉटल
हिरासत में लिए जाने के दौरान हमलावर सोलिमन भी घायल हो गया है. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल से एक वीडियो में मिला है, जिसमें एक शख्स चिल्लाता हुआ दिखाई दिया, 'वह वहीं है. वह मोलोटोव कॉकटेल फेंक रहा है.' तभी एक पुलिस अधिकारी अपनी बंदूक निकाले हुए नंगे सीने वाले संदिग्ध की ओर आगे बढ़ा. उसके दोनों हाथों में मोलोटोव कॉकटेल की बॉटल लिए था. तभी उसे हिरासत में ले लिया गया.
पहले भी अमेरिका में हुई थी, ऐसी घटना
इजरायल और हमास के बीच युद्ध वैश्विक तनाव की ओर बढ़ा रहा है. इसने अमेरिका में यहूदी विरोधी हिंसा में वृद्धि में योगदान दिया है. यह घटना वाशिंगटन में दो इजरायली दूतावास के कर्मचारियों की शिकागो में एक व्यक्ति द्वारा घातक गोलीबारी के एक सप्ताह से अधिक समय बाद हुई है. जिसने चिल्लाते हुए कहा था, 'मैंने यह फिलिस्तीन के लिए किया, मैंने यह गाजा के लिए किया है.'
टिकटॉक रील्स ने दिलाई जेल की हवा, मिस्र में कंटेंट क्रिएटर्स को 3 साल की सजा
2 Jun, 2025 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मिस्र: मिस्र की एक अदालत कई कंटेंट क्रिएटर्स को सिर्फ इस वजह से 3 साल की सजा सुना दी गई कि उन्होंने महिलाओं के कपड़े पहने थे. मिस्र इस्माइलिया आर्थिक न्यायालय ने शनिवार को अपने फैसले में कहा कि क्रिएटर्स ने सोशल मीडिया साइट टिक टॉक पर अश्लील वीडियो पोस्ट किए थे. ये मामला मार्च के बीच में शुरू हुआ, जब रमजान के दौरान सिनाई के शहर दहाब में सुरक्षा अधिकारियों ने महिलाओं के कपड़े पहने और अजीब व्यवहार करने वाले लोगों के एक समूह को देखा. वे शहर के समुद्र तट की यात्रा से बस से लौट रहे थे. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक अल-जीन और उसके दोस्त पर इस समूह का हिस्सा होने का संदेह था और वे महिलाओं के कपड़े पहने हुए और मेकअप किए हुए पाए गए, जिसके वजह से अधिकारियों ने उन्हें जांच के लिए हिरासत में ले लिया था.
टिक टॉक पर महिला बन वीडियो बनाना पड़ा भारी
जांच के दौरान अल-ज़ीन ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वीडियो का उद्देश्य मनोरंजन करना और फॉलोअर्स बढ़ाना था और उनका सामाजिक मूल्यों का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं था. लेकिन अदालत ने उनकी एक न सुनी और 2018 के साइबर अपराध विरोधी कानून का हवाला दिया, जो ‘मिस्र के पारिवारिक मूल्यों और सिद्धांतों के विपरीत’ समझी जाने वाली सामग्री के प्रकाशन को आपराधिक बनाता है, साथ ही साथ भ्रष्टाचार के लिए उकसाने से संबंधित लेखों को भी आपराधिक बनाता है.
मिस्र पुलिस को अल-जीन की वीडियो से क्या दिक्कत थी?
जांच में अधिकारियों ने पाया कि अल-ज़ीन, जिसका टिक टॉक पर बड़ा फॉलोअर्स बैस है, एक महिला की तरह क्रॉस-ड्रेसिंग और अनुचित तरीके से डांस करते हुए खुद के वीडियो पोस्ट कर रहा था. जिसे अभियोजन पक्ष ने सार्वजनिक नैतिकता के विपरीत और व्यभिचार को उकसाने वाला माना. इस मामले ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी की वकालत करने वालों में विरोध पैदा किया है.
मेक्सिको में रिहैब सेंटर बना मौत का घर: नशा मुक्ति केंद्र में भीषण आग, 12 की मौत
2 Jun, 2025 10:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेक्सिको: मेक्सिको के गुआनाजुआटो राज्य के सैन होसे इतुर्बे कस्बे में रविवार को एक नशा मुक्ति केंद्र में भीषण आग लग गई. इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 3 अन्य घायल हो गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच जारी है. हादसे में हताहतों का आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है.नगरपालिका ने कहा कि वह अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि घातक आग किस कारण लगी. उन्होंने एक बयान में कहा कि हम उन लोगों के परिवारों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं जो नशे की लत से उबरने की कोशिश करते हुए मारे गए हैं.
अंतिम संस्कार के खर्च का भुगतान करेगी सरकार
नगरपालिका ने कहा कि वह मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के खर्च का भुगतान करने में मदद करेगी. एक रिपोर्ट्स ने रविवार को बताया कि आग के पीड़ितों को पुनर्वास केंद्र के अंदर बंद कर दिया गया था. फरवरी में, मेक्सिको सिटी के एक पुनर्वास केंद्र में आग लगने से पांच लोग मारे गए थे.
आपराधिक गिरोह की साजिश
फिलाहाल आग के कारणों की जांच जारी है. हालांकि, इस बात की आशंका बढ़ रही है कि यह आपराधिक गिरोह की गतिविधि से जुड़ा हो सकता है. इस क्षेत्र में सक्रिय ड्रग कार्टेल पहले भी ऐसे क्लीनिकों को निशाना बनाकर मरीजों को जबरन अपने समूह में भर्ती करने की कोशिश कर चुके हैं.
नशा मुक्ति केंद्र पर हमला
रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि विशेषज्ञ इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और गवाहों से पूछताछ कर रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब किसी नशा मुक्ति केंद्र पर हमला हुआ है. अप्रैल में, बंदूकधारियों ने सिनालोआ में इसी तरह की एक सुविधा पर हमला किया था, जिसमें कम से कम नौ लोग मारे गए थे. अधिकारियों का मानना है कि कार्टेल अक्सर उन मरीजों को मार देते हैं जो उनके साथ शामिल होने से इनकार करते हैं.
इस साल एआई और स्मार्ट तकनीक के इस्तेमाल से हज होगा आसान
1 Jun, 2025 05:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रियाद। 4 जून से होने वाले हज के लिए दुनियाभर से मुस्लिम सऊदी अरब के शहर मक्का पहुंच रहे हैं। सऊदी सरकार ने हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस साल एआई और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल हज यात्रा को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। मक्का और मदीना में रोबोट से लेकर एआई तक का इस्तेमाल प्रशासन कर रहा है ताकि भीषण गर्मी के बीच हाजी आसानी से अपने हज पूरा कर सकें।
मक्का और मदीना की ग्रैंड मस्जिदों की जनरल प्रेसीडेंसी ने बताया है कि इस साल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पहली बार तैनात किए गए हैं। इसमें एआई रोबोट मनारह-2 भी शामिल है, जो तीर्थयात्रियों को गाइड करेगा। मनारह-2 उर्दू समेत कई भाषाओं में बात करता है और इस्लाम-हदीस से जुड़े सवालों का जवाब भी देता है। ग्रैंड मस्जिद में 21 इंच का टचस्क्रीन, 5जी नेटवर्क और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा भीड़ को ट्रैक करने के लिए ग्राउंड सेंसर, गेट रीडर और एआई-सक्षम निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।
हाजियों की जानकारी और फुटेज को ट्रैक करने के लिए ड्रोन के एक उन्नत बेड़े का इस्तेमाल किया जाएगा। नए एआई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए स्थानीय बॉडी त्वरित प्रतिक्रिया दे सकेंगी। यह संभावित भगदड़ से बचने में मददगार साबित होगा। हाजियों की सेवा के लिए मुख्य स्थानों पर बहुभाषी स्मार्ट स्क्रीन लगाए जाएंगे। इससे वास्तविक समय की जानकारी और मदद मिले सकेगी। इनके अलावा विविध पृष्ठभूमि के हज यात्रियों के लिए धार्मिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करने वाली विशिष्ट पहल इस्तेमाल में लाई जाएगी।
सऊदी अरब ने 2025 के लिए हज की तारीखों की जानकारी देते हुए बताया है कि मक्का में होने वाली सालाना हज तीर्थयात्रा 4 जून से शुरू होगी। सऊदी के हज मंत्री ने बताया कि दुनियाभर से करीब 10 लाख से ज्यादा लोग हज के लिए अब तक आ चुके हैं। पिछले साल 18 लाख मुसलमानों ने हज में हिस्सा लिया था। हज इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस्लाम में आर्थिक रूप से संपन्न मुसलमानों के लिए जीवन में एक बार हज करना फर्ज है।
नाइटक्लब में दिखने के आरोपों के बाद सामने आई FBI डायरेक्टर पटेल के काम के घंटे की डिटेल
1 Jun, 2025 12:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के डायरेक्टर काश पटेल इस समय सुर्खियों में बने हुए हैं. पिछले दिनों उनके काम करने पर सवाल खड़े किए गए थे. पूर्व एफबीआई काउंटर-इंटेलिजेंस अधिकारी फ्रैंक फिग्लुज़ी ने कहा था कि काश पटेल को नाइट क्लबों में अधिक देखा जाता है और वो अपने लास वेगास स्थित घर से भी काम करते हैं.
इसी के बाद अब एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डैन बोंगिनो का बयान सामने आया है. डैन ने काश पटेल की लीडरशिप स्टाइल और काम पर उठाए गए सवालों का खंडन करते हुए कहा कि वो प्रतिदिन 13 घंटे काम करते हैं. वो सुबह 6 बजे ऑफिस आते हैं और शाम 7 बजे ऑफिस से घर जाते हैं.
कितने घंटे करते हैं काश पटेल काम
डिप्टी डायरेक्टरडैन बोंगिनो ने कहा कि उनका और काश पटेल का ऑफिस काफी करीब है. बोंगिनो ने कहा कि काश पटेल सुबह 6 बजे कार्यालय पहुंचते हैं और शाम 7 बजे से पहले नहीं निकलते हैं. बोंगिनो ने कहा कि वह सुबह 7.30 बजे कार्यालय जाते हैं, क्योंकि वो जिम का इस्तेमाल नहीं करते हैं और अपने अपार्टमेंट जिम में जाते हैं.
काश पटेल पर लगे कई आरोप
काश पटेल के ऑफिस टाइमिंग का खुलासा इस समय कोई मामूली बात नहीं है. दरअसल, यह खुलासा इस बीच हुआ है जब काश पटेल के ऑफिस में काम करने पर सवाल उठाए गए हैं. एफबीआई निदेशक पर हाल ही में अपनी नौकरी में रुचि न लेने का आरोप लगाया गया था. एफबीआई के एक पूर्व स्टाफ सदस्य ने दावा किया था कि काश पटेल को ऑफिस से ज्यादा नाइट क्लबों और खेल आयोजनों में देखा जाता है, और उन्होंने अपनी सुविधा के अनुरूप दैनिक और साप्ताहिक बैठकों का समय बदल दिया है, क्योंकि वह ज्यादातर अपने लास वेगास स्थित घर से काम करते हैं.
कौन हैं काश पटेल?
इस दावे को एफबीआई के अंदरूनी सूत्रों ने निराधार बताया. कश्यप ‘काश’ पटेल को इस साल फरवरी में एफबीआई डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. साल 1980 में न्यूयॉर्क में गुजराती पेरेंट्स के घर जन्मे पटेल ने अमेरिका लौटने से पहले अपने शुरुआती कुछ साल पूर्वी अफ्रीका में बिताए. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाई स्कूल से पूरी की.
नोबेल विजेता यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश, क्या युद्ध अपराधियों के लिए 'स्वर्ग' बन रहा है?
1 Jun, 2025 11:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
1971 के युद्ध में सामूहिक हत्या (Mass Murderer) और बलात्कार (Rape) के आरोपी जमात-ए-इस्लामी नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम को बांग्लादेश कोर्ट ने बरी किया, जिससे एक बार फिर यह बात जग जाहिर हुई है कि किस तरह यूनुस सरकार में आतंकवादियों और धार्मिक चरमपंथियों (Extremists) के प्रति नरमी बरती जा रही है. इससे साफ हो गया कि एक ओर यूनुस सरकार शांति और विकास की खोखली बातें करती है और वहीं दूसरी ओर आतंकवादियों को पनाह भी देती है.
28 मई को अजहरुल इस्लाम को जेल से रिहा किया गया. उसके स्वागत के लिए जमात-ए-इस्लामी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक ढाका में इकट्ठा हुए. बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 73 वर्षीय अजहरुल को बरी कर दिया. यहां तक की देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने पहले दी गई मौत की सजा को भी पलट दिया. चीफ जस्टिस सैयद रेफात अहमद की अगुवाई वाली अपीलीय खंडपीठ की सात सदस्यीय बेंच ने यह आदेश पारित किया.
कौन है एटीएम अजहरुल इस्लाम ?
एटीएम अजहरुल इस्लाम जमात-ए-इस्लामी नाम के इस्लामिक कट्टरपंथी आंदोलन का नेता है. इस पर मानवता के खिलाफ अपराध के नौ आरोप लगे थे. FIR के अनुसार वह बांग्लादेश के रंगपुर क्षेत्र में मुक्ति संग्राम के दौरान 1,256 लोगों की हत्या, 17 लोगों के अपहरण और 13 महिलाओं के साथ बलात्कार के लिए जिम्मेदार पाया गया था. इसके अलावा उस पर दंगा भड़काने, लोगों का शोषण करने, सैकड़ों घरों में आग लगाने और अन्य अपराधों को करने का आरोप था.
कोर्ट को दिया धन्यवाद
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 30 दिसंबर, 2014 को नौ में से पांच मामलों में उसे मौत की सज़ा सुनाई थी, जिसे लेकर 28 जनवरी, 2015 को अजहरुल ने अपीलीय सेक्शन में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया था. अपनी रिहाई पर अजहरुल इस्लाम ने फैसले का स्वागत करते हुए कोर्ट का धन्यवाद दिया. अजहरुल इस्लाम ने कहा, ‘सबसे पहले, मैं कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं. वे देश में न्याय स्थापित करने में अहम रोल अदा कर रहे हैं. हमारे कई भाई न्यायिक हत्याओं के जरिए से इस दुनिया से चले गए हैं.’
बाहर निकल कर क्या बोला अजहरुल?
एटीएम अजहरुल इस्लाम ने कहा, ‘लगभग 14 साल बाद, मैं आज रिहा हुआ. मैं अब स्वतंत्र हूं, अल्हम्दुलिल्लाह. मैं अब एक स्वतंत्र देश का स्वतंत्र नागरिक हूं. अगर अल्लाह मुझे ताकत देता है, तो मैं निश्चित रूप से अपने जीवन के बाकी हिस्सों के लिए आपके साथ रहूंगा, इंशा अल्लाह.’
विदाई समारोह में मस्क को ट्रंप का 'सोने की चाबी' वाला सरप्राइज, जानें क्यों है ये खास?
1 Jun, 2025 11:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एलन मस्क के लिए ओवल ऑफिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) से उनके फेयरवेल पर आयोजित की गई. यह तब हुआ जब मस्क ने ट्रंप प्रशासन में 130 दिन बिताए. इसमें हजारों सिविल सेवकों को नौकरी से निकाला गया. अमेरिकियों के व्यक्तिगत डेटा के संभावित दुरुपयोग को लेकर दर्जनों मुकदमे चलाए गए.
प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने टेस्ला के सीईओ को दुनिया के अब तक के सबसे बेहतर व्यापारिक नेताओं में से एक कहा. अमेरिका के राष्ट्रपति ने मस्क की पीढ़ियों में सबसे व्यापक और परिणामकारी सरकारी सुधार कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए उनकी तारीफ भी की.
ट्रंप ने कहा कि एलन ने बहुत ही अच्छी सेवा की. उनके जैसा कोई नहीं है. उन्हें तीरों और गोफन से गुजरना पड़ा, जो कि शर्मनाक है. क्योंकि वह एक अविश्वसनीय देशभक्त हैं. अच्छी खबर यह है कि देश के 90 प्रतिशत लोग यह जानते हैं और वे इसकी सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि वे वास्तव में उनके द्वारा किए गए काम की सराहना भी करते हैं.
आखिर क्यों खास है चाबी?
ढेरों प्रशंसा भरे शब्दों के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेस्ला के सीईओ को एक सोने की चाबी गिफ्ट के तौर पर दी. बड़ी चाबी एक लकड़ी के बक्से में थी और यह चाबी संयुक्त राज्य अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के पिछले कार्यकाल की है. ये खास इसलिए है क्योंकि ये चाबी व्हाइट हाउस की थी.
2022 में आई ब्रेकिंग हिस्ट्री नामक किताब में ट्रंप के दामाद और पूर्व वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुशनर ने बताया कि कैसे उन्होंने 2020 में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी यही चाबी बाहर निकाली थी. उन्हें चाबी देते हुए ट्रंप ने नेतन्याहू से कहा था कि यह चाबी खास तरह की चाबी का प्रतीक है, जो मैंने और प्रथम महिला ने प्रधानमंत्री और इजरायल की प्रथम महिला को दी है.
नेतन्याहू को विशेष उपहार देते हुए ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने कहा था कि यह एक चाबी है, हम इसे व्हाइट हाउस की चाबी कहते हैं और यह हमारे देश और हमारे दिलों की चाबी है. किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री से कहा कि यह पहली चाबी है जो मैं किसी को दे रहा हूं. उन्होंने कहा कि यह चाबी नेतन्याहू को व्हाइट हाउस में प्रवेश करने देगी, भले ही ट्रंप राष्ट्रपति न हों.
हरियाणा: विदेश में पति की मौत, स्पेनिश एंबेसी की चुप्पी से टूट रही है एक पत्नी
31 May, 2025 05:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली महिला नीतू तीन महीने से दर-दर की ठोकर खा रही है. अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए स्पेनिश एंबेसी की बेरुखी से परेशान है. पीड़ित महिला ने पीएमओ व विदेश मंत्रालय को ट्वीट कर गुहार लगाई है कि उसके सिंदूर के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था करवाएं. नीतू अपने पति सरदूल सिंह के अंतिम संस्कार व अंतिम दर्शन के लिए स्पेश जाना चाहती है. लेकिन स्पेनिश एंबेसी की बेरुखी से वो दर-दर भटकने के लिए मजबूर है.
जानकारी के मुताबिक, धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की महिला नीतू तीन महीने से अपने पति सरदूल सिंह के अंतिम संस्कार व अंतिम दर्शन के लिए स्पेन जाना चाहती है मगर स्पेनिश एंबेसी की बेरुखी से परेशान होकर दर दर की ठोकरे खा रही है. पीड़ित महिला ने पीएमओ व विदेश मंत्रालय को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई है. पीड़िता ने कहा कि उसके सिंदूर के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था कराई जाए.
तीन महीने से दर-दर भटक रही
पीड़ित महिला नीतू ने बताया कि उसके पति सरदूल सिंह स्पेन में लंबे अरसे से रहते थे, वो वहां के पीआर थे. मार्च महीने में उन्हें ईमेल से सूचना मिली कि 25 फरवरी को उनके पति का निधन हो गया है. वह उनका अंतिम संस्कार करना चाहती है. स्पेन में तो उसे लेकर उसने मार्च महीने से भागदौड़ करनी शुरू की है लेकिन सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद वीजा नहीं दिया जा रहा है.
पीड़िता को नहीं मिल रहा स्पेन का वीजा
नीतू 90 यूरो प्रतिदिन अपने पति का शव फ्रीजर में रखने के लिए दे रही हैं. पांच जून तक नीतू को वहां पहुंचना है, समय बहुत कम बचा है. नीतू ने पीएमओ व विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है कि उसे जल्द वीजा दिलवाया जाए ताकि वह अपने पति के अंतिम संस्कार में वहां जा सके. उनसे कहा कि वो पिछले तीन महीने से दर-दर भटक रही है लेकिन वो अपने पति के अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार के लिए स्पेन नहीं जा पाई.
हरियाणा: लिव-इन में रह रहे प्रेमी जोड़े की हत्या, महिला पर किए गए 11 वार
31 May, 2025 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के फतेहाबाद में लिव इन में रह रहे कपल की हत्या कर दी गई. दोनों को आरोपी ने चाकुओं से गोदकर मार डाला. महिला पर आरोपी ने 11 बार तो वहीं युवक पर 2-3 बार वार किया. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है. महिला के दो बच्चे भी हैं. लेकिन वह पिछले 6 महीने से अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ लिव इन में रह रही थी.
ये घटना फतेहाबाद के टोहाना के तिलक नगर इलाके से सामने आई है, जहां 30 मई की रात में इस वारदात को अंजाम दिया गया. हत्या आरोपी और कोई नहीं बल्कि महिला का पति ही है, जिसने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की चाकू गोदकर निर्मम हत्या कर दी. उसने अपनी पत्नी पर घर के बाहर ही चाकू से हमला किया और 11 बार वार किया. जैसे ही महिला और युवक की चीखने की आवाज आई तो पड़ोसी भी अपने घरों से बाहर आ गए. फिर पड़ोसियों को देखकर आरोपी मौके से फरार हो गया.
6 महीने से लिव-इन में रह रही थी महिला
मृतक महिला का नाम पूजा था, जिसकी उम्र 30 साल थी और वह 24 वर्षीय ऋतिक के साथ तिलक नगर इलाके में पिछले 6 महीने से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी, जबकि महिला की शादी टोहाना के किला मोहल्ला के रहने वाले दीपक नाम के शख्स के साथ 14 साल पहले हुई थी. दोनों के दो बच्चे भी हैं. लेकिन महिला पति को छोड़कर प्रेमी के साथ रह रही थी.
पति ने दोनों की कर दी हत्या
महिला के पति का उससे लिव इन में रहने को लेकर विवाद चल रहा था. ऐसे में महिला जहां रह रही थी. वहां पहुंचा और घर के बाहर ही उसने महिला को 11 बार चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी. यही नहीं उसने महिला के साथ लिव इन में रह रहे ऋतिक की भी हत्या कर दी. पुलिस ने दोनों के शवों को सिविल अस्पताल भेजा है, जहां दोनों के शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा.
पुलिस ने दोनों मृतकों के परिजनों को मामले की जानकारी दे दी है. परिजनों के बयान के आधार पर ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिए जाएंगे. पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. इसके बाद आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी.
शी जिनपिंग का एक्शन: एडमिरल मियाओ हुआ को 'कानूनी उल्लंघन' के आरोप में पद से हटाया
31 May, 2025 03:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग: चीन ने अपने एक और सैन्य अधिकारी पर कड़ा एक्शन लिया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एडमिरल मियाओ हुआ को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया है. चीन ने यह कार्रवाई सेना में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत 'कानूनी उल्लंघन' के संदेह में की है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने खुलासा किया है कि विवादास्पद चीनी एडमिरल और शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के सदस्य मियाओ हुआ पर "कानूनी उल्लंघन" का संदेह है. जो कि यह संकेत देता है कि उनके खिलाफ लगे आरोप पहले की अपेक्षा अधिक गंभीर और आपराधिक प्रकृति के हो सकते हैं.
लंबे समय से मियाओ जांच के रडार पर थे मियाओ
एक रिपोर्ट के अनुसार लंबे समय से मियाओ जांच के रडार पर थे. इससे पहले भी वह अनुशासनात्मक जांच का सामना कर चुके हैं. मियाओ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के राजनीतिक कार्य विभाग के प्रमुख रह चुके हैं. यह एक ऐसा पद है जो सेना में वैचारिक नियंत्रण और कार्मिक प्रबंधन के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है. 15 मई को जारी चीन के शीर्ष विधायिका के एक बयान में कहा गया कि मार्च में मियाओ को "अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन" के संदेह में संसद से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया था. यह बयान हाल ही में सार्वजनिक हुआ और इस सप्ताह पहली बार मीडिया में सामने आया. हालांकि उनके निष्कासन की रिपोर्ट पहले ही मार्च में सामने आ चुकी थी, लेकिन यह पहली बार है जब अधिकारियों ने कानूनी कदाचार की संभावना को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है.
मियाओ पर अभी हो सकती है और बड़ी कार्रवाई
चीन अपनी सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी सख्त है. इससे पहले भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना के 2 अधिकारियों को निकाल चुके हैं. मियाओ को नवंबर 2024 के अंत में "अनुशासन के गंभीर उल्लंघन" के आरोपों में जांच के दायरे में रखा गया था. उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से जुड़े मामले लंबित थे. अब "कानूनी उल्लंघन" का उल्लेख इस बात की ओर इशारा करता है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है.
मियाओ क्यों बने जिनपिंग की आंख की किरकरी?
मियाओ का यह पतन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान और सैन्य सुधार के प्रयासों के बीच हुआ है. हाल के वर्षों में कई उच्च-रैंकिंग PLA अधिकारी इन अभियानों के तहत निशाने पर आ चुके हैं. शी जिनपिंग ने PLA में वैचारिक नियंत्रण को मजबूत करने और सेना के भीतर कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई है. उनका लक्ष्य चीन को एक वैश्विक सैन्य महाशक्ति बनाना है. मगर मियाओ अपने आचरण के चलते इसमें फिट नहीं बैठ रहे थे. लिहाजा वह जिनपिंग की आंखों की किरकिरी बन गए. हालांकि मियाओ अभी भी CMC के सदस्य हैं, लेकिन उन्हें इस संस्था से भी हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है.
पूर्व रक्षामंत्री पर भी गिर चुकी है गाज
चीन में मियाओ से पहले पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू पर भी जिनपिंग की कार्रवाई की गाज गिर चुकी है. 2023 में पूर्व रक्षामंत्री शांगफू केवल सात महीने ही अपने पद पर रह सके. इससे पहले और उनके पूर्ववर्ती वेई फेंगहे (2018–2023) को भी "अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन" के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. बीजिंग ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की पुष्टि की थी और ली को अक्टूबर 2023 में CMC से हटा दिया गया था.
क्या मियाओ को जेल में डाल चुके हैं जिनपिंग
मियाओ हुआ की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति 7 अक्टूबर को झिंजियांग उत्पादन और निर्माण कोर की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी. तब से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि शी जिनपिंग मियाओ को जेल में डाल चुके हैं. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इसी तरह चीन में CMC के उपाध्यक्ष और पोलित ब्यूरो के सदस्य हे वेइदोंग भी पिछले दो महीनों से सार्वजनिक रूप से अनुपस्थित हैं. उन्हें आखिरी बार 11 मार्च को सार्वजनिक रूप से देखा गया था और तब से वे किसी भी प्रमुख बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
मियाओ का पीएलए से जुड़ने का इतिहास
मियाओ ने केवल 14 वर्ष की उम्र में PLA में भर्ती हुए थे. इसके अलावा उन्होंने दक्षिण-पूर्वी फ़ुज़ियान प्रांत में पार्टी कार्य में कई वर्षों तक सेवा दी. शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद मियाओ तेजी से पदोन्नत हुए और PLA की नौसेना में राजनीतिक कमिसार के रूप में कार्य किया और अंततः सबसे कम उम्र के एडमिरल बन गए. वे 2017 से CMC के सदस्य हैं. मगर भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के चलते वह जिनपिंग की नजर पर चढ़ गए.
इजरायल-हमास जंग पर लग सकती है रोक, युद्धविराम को लेकर बनी सहमति
31 May, 2025 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इजरायल और हमास के बीच गाजा में जारी जंग को लेकर गुरुवार को उस समय एक बड़ी खबर आई जब दोनों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी. बताया जा रहा है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मिडिल ईस्ट में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ के शांति प्रस्ताव को स्वीकार करने के बेहद करीब है.
राष्ट्रपति ट्रंप देंगे जानकारी
एक न्यूज एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि युद्धविराम अगर हुआ तो, अगले 60 दिनों का होगा. युद्धविराम पर मुहर लगने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही इसके बारे में पूरी जानकारी दुनिया को देंगे. न्यूज एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि पीएम नेतन्याहू ने गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों को बताया कि इजरायल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से नियुक्त किए गए राजदूत स्टीव विटकॉफ की तरफ से पेश किए गए नए युद्धविराम प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.
7 अक्टूबर 2023 से जारी है युद्ध
फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास ने पहले कहा था कि उसे मध्यस्थों से नया प्रस्ताव मिला है और वह इसका अध्ययन कर रहा है. इससे पहले स्टीव विटकॉफ ने कहा था कि हमास के साथ युद्ध को खत्म करने की उम्मीद में एक नए शांति प्रस्ताव की शर्तें बुधवार को ही इजरायल को भेज दी जाएंगी. विटकॉफ के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप प्रस्ताव भेजे जाने से पहले इसकी समीक्षा करेंगे. सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था. न्यूज एजेंसी के अनुसार इस हमले में 815 नागरिकों समेत 1,195 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए थे. साथ ही हमास ने 251 लोगों को बंधक बना लिया गया जिसमें ज्यादातर विदेशी नागरिक थे.
22 नई बस्तियां बनाएगा इजरायल
एक तरफ तो इजरायल ने युद्धविराम के लिए आगे बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर उसने कब्जे वाले पश्चिमी तट पर यहूदी बस्तियों के बड़े पैमाने पर विस्तार को मंजूरी भी दी है. बस्तियों पर नजर रखने वाले इजरायली एनजीओ पीस नाउ की मानें तो यह तीन दशक पहले हुए ओस्लो अकॉर्ड पर साइन करने के बाद बस्तियों का सबसे बड़ा विस्तार होगा. रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज और वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार इजरायल नए सुरक्षा कैबिनेट के फैसले के हिस्से के रूप में 22 नई बस्तियां स्थापित करेगा. इनमें पश्चिमी तट के अंदर और उस क्षेत्र में भी बस्तियां शामिल होंगी जहां से देश पहले हट गया था.
पुतिन का तोहफा: यूक्रेन युद्ध के बीच वीरता को सलाम, 12 रूसी सैनिकों को मिला करोड़ों का इनाम
31 May, 2025 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस: यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस ने अपने सैनिकों को करोड़पति बना दिया है. रूस ने दावा किया है कि उसके सैनिकों ने अमेरिका का एफ-16 फाइटर जेट मार गिराया है. इस काम के बदले रूस के 12 सैनिकों को करोड़ों रुपये का इनाम दिया गया है. इनाम देने वाली कोई सरकारी एजेंसी नहीं बल्कि एक बड़ी तेल कंपनी है, जो रूस की जंग में खुलकर साथ दे रही है.
रूसी ऑयल कंपनी Fores ने उन 12 सैनिकों को कुल 1.5 करोड़ रूबल (करीब 1.6 लाख डॉलर यानी लगभग 13.5 करोड़ रुपये) का इनाम दिया है, जिन्होंने पहले अमेरिकी एफ-16 को मार गिराया. ये इनाम 29 मई को एक खास समारोह में बॉर्डर पर दिया गया, जिसमें सैन्य अफसर भी मौजूद थे. Fores ने कहा कि हमने पहले ही घोषणा की थी कि जो भी पहले एफ-16 को गिराएगा, उसे इनाम दिया जाएगा. अब हमने वादा पूरा कर दिया है.
स्टिंगर से नहीं, लंबी दूरी की मिसाइल से मार गिराया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2025 में एक एफ-16 जेट को रूस ने 40N6 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से गिराया था. ये हमला यूक्रेन के कब्जे वाले इलाके में हुआ था. हालांकि रूस की सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इनाम उसी घटना के लिए दिया गया है या किसी और के लिए. अब तक तीन एफ-16 के क्रैश की खबर आ चुकी है, जिनमें से एक पर दुश्मन के हमले की पुष्टि हुई है, बाकी दो की जांच जारी है.
पश्चिमी हथियारों को निशाना बनाने की रणनीति
Fores कंपनी पहले भी NATO से मिले टैंकों को उड़ाने वाले सैनिकों को इनाम दे चुकी है. ये रूस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पश्चिमी हथियारों को निशाना बनाने पर सैनिकों को मोटी रकम दी जा रही है. Fores न सिर्फ इनाम देती है, बल्कि रूस की जंग को आर्थिक और लॉजिस्टिक मदद भी देती है. अब तक यह कंपनी 30 लाख डॉलर से ज्यादा का सामान जैसे ड्रोन जैमर, थर्मल साइट, दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेज चुकी है.
अमेरिका से मांग, यूरोप से सप्लाई
यूक्रेन काफी समय से अमेरिका से F-15 और F-16 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट मांग रहा था. 2024 की गर्मियों में डेनमार्क और नीदरलैंड्स ने 60 अमेरिकी एफ-16 देने का वादा किया और कुछ जेट यूक्रेन पहुंच भी गए. इसके अलावा नॉर्वे, बेल्जियम और ग्रीस ने भी ऐसे ही वादे किए हैं. पायलटों की ट्रेनिंग रोमानिया में बने यूरोपीय एफ-16 ट्रेनिंग सेंटर में हो रही है. हालांकि, यूक्रेन को इन जेट्स के मेंटेनेंस, स्पेयर पार्ट्स और ऑपरेशन को लेकर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
एलन मस्क की आंख पर चोट! व्हाइट हाउस से बाहर निकले, तो सबकी निगाहें वहीं टिकीं.....
31 May, 2025 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन: अमेरिका की राजनीति में इन दिनों एलन मस्क चर्चा का विषय बने हुए हैं. एक तरफ तो ट्रंप के 'जिगरी दोस्त' और सरकार में DOGE की जिम्मेदारी संभाल रहे मस्क ने ट्रंप प्रशासन को अलविदा कह दिया है. वहीं अब एक और बात है, जिसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. वह है एलन मस्क की आंख के नीचे काला निशान. उनको देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी के साथ उनकी हाथापाई हुई हो और उनको जोर का मुक्का पड़ा हो.
मस्क को आंख के नीचे चोट कैसे लगी?
अरबपति एलन मस्क शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ओवल ऑफिस में विदाई समारोह में काली आंख के साथ पहुंचे, जिसने अटकलों को एक बार फिर हवा दे दी. हालांकि मस्क ने साफ कर दिया कि उनको चोट कैसे लगी. मस्क ने बताया कि उनके बेटे ने उनके चेहरे पर मुक्का मार दिया, जिसकी वजह से उनकी आंख के नीचे ये निशान हो गया. दरअसल टेक दिग्गज एलन मस्क से मीडया ने जब पूछा कि उन्हें चोट कैसे लगी, तो उन्होंने इसका जवाब दिया. मस्क ने कहा कि जब उनको मुक्का पड़ा तो उस समय उनको ज्यादा कुछ महसूस नहीं हुआ, लेकिन उनको समझ आ गया कि उनको चोट लग गई है. अब मस्क की आंख के नीचे काला निशान चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि मस्क सबकुछ साफ कर चुके हैं. लेकिन इस काले निशान के बाद एक बार फिर से उनके ड्रग लेने वाले आरोपों को हवा मिल गई है.
मस्क की चोट पर ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मस्क की आंख के नीचे के निशान को नहीं देखा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप मस्क के बेटे एक्स को जानते हैं, तो ये दावे से कह सकते हैं कि वह ऐसा कर सकता है. बता दें कि मस्क के बेटे एक्स का पूरा नाम X Æ A-Xii है. उसे कई बार व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ देखा जा चुका है. फरवरी में जब मस्क ओवल ऑफिस में पहली बार पहुंचे थे उस दौरान लिटिल एक्स उनके कंधों पर बैठा दिखा था.
ओवल ऑफिस से मस्क की विदाई, क्या बोले ट्रंप?
एक रिपोर्ट में मस्क को लेकर वे आरोप एक बार फिर से उठने लगे, जिनमें कहा गया था कि 2024 में ट्रंप के लिए अभियान के दौरान उन्होंने भारी मात्रा में नशीली दवाओं का सेवन किया था. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने तथाकथित डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफ़िशिएंसी (DOGE) से मस्क की विदाई वाले दिन उनके साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हालांकि मस्क ने कहा कि वह दोस्त और सलाहकार बने रहेंगे.
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर बोले, 'भारत के आगे नहीं झुकेगा पाकिस्तान'
31 May, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान आर्मी चीफ सैयद आसिम मुनीर ने एक बार फिर सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद भारत को आंख दिखाने की कोशिश की है. पाकिस्तान अखबार ने पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के हवाले से बताया है कि मुनीर ने कहा है कि पाकिस्तान कभी हिंदुस्तान के आगे नहीं झुकेगा. पाक आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने कहा, पानी पाकिस्तान की रेडलाइन है और हम 24 करोड़ पाकिस्तान अपनी बुनियादी हक से कोई समझौता नहीं करेंगे.
भारत के लिए प्रॉक्सी हैं बलूच विद्रोही
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बीच पाकिस्तान में बलूच विद्रोही ने भी सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. इस दौरान पाकिस्तान को खुद के घर में विद्रोहियों से निपटना पड़ रहा था. बलूच विद्रोहियों को लेकर मुनीर ने कहा कि वे भारत की शह पर प्रॉक्सी की तरह काम करते हैं.
क्या है सिंधु जल संधि?
जब 1947 में ब्रिटिश भारत को भारत और पाकिस्तान में बंटवारा किया गया, तो सिंधु नदी प्रणाली संभावित संघर्ष का मुद्दा बन गई. सिंधु दोनों देशों से होकर बहती है (तिब्बत से निकलती है और अफगानिस्तान और चीन को भी छूती है). 1948 में भारत ने कुछ समय के लिए पाकिस्तान को पानी देना बंद कर दिया था. बाद में, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) से शिकायत की कि भारत पर्याप्त पानी नहीं दे रहा है. UN ने मदद लेने का सुझाव दिया, जिसके कारण विश्व बैंक ने मध्यस्थता करने के लिए कदम बढ़ाया.
कई सालों की बातचीत के बाद, भारत के प्रधानमंत्री नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने आखिरकार 1960 में समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारत-पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे के समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों रवि, ब्यास और सतलुज पर प्राथमिक नियंत्रण मिला. भारत इन नदियों के पानी को स्वतंत्र तौर से इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं पाकिस्तान को भी तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम पर प्राथमिक नियंत्रण मिला. भारत भी इन नदियों के पानी के इस्तेमाल कर सकती थी, लेकिन इसके अलावा ऐसे कुछ नहीं कर सकती थीं जो पानी को पाकिस्तान जाने से रोके.
ट्रंप का बड़ा ऐलान: विदेशी स्टील पर टैरिफ अब 50%, अमेरिकी उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
31 May, 2025 08:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को विदेशी स्टील पर टैरिफ को दोगुना करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद अमेरिकी स्टील इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है. पेंसिल्वेनिया में यूएस स्टील के मोन वैली वर्क्स-इरविन प्लांट में बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि टैरिफ में इस बढ़ोतरी से अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी. ट्रंप ने अमेरिकी स्टीलकर्मियों से कहा कि वे विदेशी स्टील पर टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने जा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वे स्टील पर टैरिफ दर को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने जा रहे हैं, जो आवास, ऑटो और अन्य सामान बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली धातु की कीमतों को और बढ़ा सकती है.
स्टील उत्पादों की कीमत में 16 प्रतिशत की वृद्धि
ट्रंप शुक्रवार को जापान की निप्पॉन स्टील द्वारा निवेश की घोषणा करने के लिए पेंसिल्वेनिया के वेस्ट मिफ्लिन में यूएस स्टील के मोन वैली वर्क्स-इरविन प्लांट में बोल रहे थे. सरकार के उत्पादक प्राइस इंडेक्स के अनुसार, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से स्टील उत्पादों की कीमत में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
अमेरिकी नियंत्रण में रहेगा स्टील निर्माता
ट्रंप जापान स्थित निप्पॉन स्टील द्वारा यूएस स्टील में निवेश करने के लिए एक सौदे का जश्न मनाने के लिए पेंसिल्वेनिया में एक रैली आयोजित कर रहे हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि इससे स्टील निर्माता अमेरिकी नियंत्रण में रहेगा. कर्मचारी, ट्रंप समर्थक, स्थानीय अधिकारी और अन्य लोग ट्रंप को सौदे के बारे में बोलते हुए सुनने के लिए इरविन फिनिशिंग प्लांट के मैदान में एक विशाल गोदाम में उमड़ पड़े.
अमेरिकी स्टील यूनियन ने डील पर उठाया सवाल
हालांकि ट्रंप ने शुरू में पिट्सबर्ग स्थित यूएस स्टील को खरीदने के लिए जापानी स्टीलमेकर की बोली को रोकने की कसम खाई थी. यूनाइटेड स्टीलवर्कर्स यूनियन ने एक बयान में कहा कि निप्पॉन ने लगातार कहा है कि वह यूएस स्टील के कारखानों में तभी निवेश करेगा, जब कंपनी का पूर्ण स्वामित्व उसके पास होगा. पिछले कुछ दिनों में हमें ऐसी कोई रिपोर्टिंग नहीं मिली है, जिससे यह संकेत मिले कि निप्पॉन स्टील ने इस स्थिति से पीछे हटने का फैसला किया है. ट्रंप के दावे के विपरीत अगर निप्पॉन स्टील को यूएस स्टील का मालिकाना हक मिलता है, तो यूएस स्टील अमेरिकी कंपनी नहीं रह जाएगी.