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प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0: सिरसा में 22 हजार आवेदनों की जियो टैगिंग प्रक्रिया शुरू
24 May, 2025 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिरसा: मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के लाभार्थियों के जियो टैगिंग का काम शुरू हो गया है। नगर परिषद की एमआइएस शाखा ने पिछले तीन दिनों से लाभार्थियों को फोन कॉल करके सेक्टर 20 के पार्ट थ्री में मौके पर बुलाना शुरू कर दिया।
साथ ही प्लॉट की मार्किंग भी की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में अब तक 22 हजार आवेदन आ चुके हैं। ये आवेदन तीन कैटेगिरी के लिए है। इसमें पहली कैटेगिरी अफोर्डेबल हाउसिंग पाटर्नरशिप है। जिसके तहत फ्लैट मिलेंगे। जबकि दूसरी कैटेगिरी बेनीफिशरी लैंड है।
ढाई लाख रुपये की मिलेगी मदद
जिसके तहत आवेदक के पास अपना प्लॉट होना चाहिए। उसे सरकार मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपये देगी। शर्त यह है कि प्लॉट खाली हो और यदि पहले मकान बना है तो छत कच्ची होनी चाहिए। जबकि तीसरी स्कीम में इंटरस्ट सबसिडी स्कीम है। इसमें होम लोन लिया हुआ है तो ढाई लाख रुपये की सबसिडी माफ हो जाएगी।
शहर के एचएसवीपी सेक्टर में 853 लाभार्थियों की 30 गज के प्लॉट आबंटित किए जाने हैं। जिन लाभार्थियों के वेरीफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, उनके कागजात और उनको आधार से लिंक किए जा चुके हैं।
जियो टैगिंग में यह पता चलता रहेगा कि उसका मकान किस स्टेज पर पहुंच गया है और उसकी स्थिति कैसी दिख सी है। साथ ही फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा।
जिस 854 लाभार्थियों ने आवेदन किया था। उसने से 122 लोगों के पता नहीं मिले। आवेदक इस पते पर नहीं मिले। टीम ने जब मकान मालिकों से इनके बारे में जानकारी चाही ती वे भी उपलब्ध नहीं करवा सके।
ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी सरकार
30 गज के प्लॉट धारकों को मकान बनाने के लिए सरकार की ओर से ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। पहली और दूसरी किश्त के तौर पर इन्हें 10-10 हजार रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। उसके बाद लाभार्थियों ने सरकार से मांग की थी कि उन्हें दस हजार रुपये किश्तें अदा करने में दिक्कतें आ रही है।
बांग्लादेश की सियासत में हलचल, जनता का गुस्सा और नेताओं में मतभेद
24 May, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश: बांग्लादेश में एक बार फिर राजनीतिक तख्तापलट का संकट मंडरा रहा है. मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देना चाहते हैं. बांग्लादेश में बीते 9 महीने में दूसरी बार ऐसा संकट आया है.बीते साल अगस्त में भी बांग्लादेश में काफी उथल-पुथल मचा था, जिसमें छात्र आंदोलनों से लेकर शेख हसीना के सत्ता से हटने तक बहुत कुछ घटा. आइए पिछले एक साल की उन प्रमुख घटनाओं पर नजर डालें जिन्होंने बांग्लादेश को आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया.
कैसे शुरू हुआ था यह विद्रोह?
जुलाई 2024 में, विश्वविद्यालय के छात्रों ने सरकारी नौकरियों के कोटा सिस्टम के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन शुरू किए. उनका मानना था कि यह सिस्टम बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30% रिजर्वेशन देता जिससे बाकी बच्चे वंचित रह जाते हैं. शुरुआत में ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन जब सरकार ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया तो ये हिंसक झड़पों में तब्दील हो गया.
प्रमुख घटनाओं की टाइमलाइन
1 जुलाई 2024: छात्र सड़कों पर उतरे और उन्होंने सड़कों व रेलवे लाइनों को जाम कर दिया. उनकी मांग थी कि सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सिस्टम में सुधार किया जाए. पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए जिससे तनाव और बढ़ने लगा.
16 जुलाई 2024: प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थकों के बीच हिंसा भड़की, जिसमें दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़पे हुई. इस झड़प में छह लोगों की जान चली गई, जिससे वहां तेजी से हिंसा बढ़ गई.
18 जुलाई 2024: प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश टेलीविजन के मुख्यालय और सरकारी इमारतों में आग लगा दी. चारों ओर 'तानाशाह को हटाओ' के नारे गूंजने लगे. उस समय की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति की अपील की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस समय तक हिंसा से 32 लोगों की मौत हो चुकी थी और सैकड़ों घायल हो गए थे.
21 जुलाई 2024: बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने कोटा सिस्टम को अवैध घोषित किया, लेकिन प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हुए क्योंकि उनकी मांग थी कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के 'स्वतंत्रता सेनानियों' के बच्चों के लिए आरक्षित नौकरियों को पूरी तरह खत्म किया जाए.
5 अगस्त 2024: प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के महल पर धावा बोल दिया, जिसके बाद वे भारत भाग आईं. उस समय हजारों लोग सड़कों पर उतरकर इसकी खुशी मना रहे थे.
क्या बांग्लादेश में तख्तापलट की आहट?
शेख हसीना के सत्ता से हटने के लगभग एक साल बाद ही मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भी संकट में है. एक रिपोर्ट की मानें तो यूनुस ने धमकी दी है कि अगर राजनीतिक दल सुधारों को मंजूरी नहीं देंगे, तो वे इस्तीफा दे देंगे. नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता नाहिद इस्लाम, जो पिछले साल के छात्र आंदोलनों से उभरे हैं. उन्होंने कहा कि यूनुस के लिए बिना राजनीतिक समर्थन के काम करना मुश्किल हो गया है. वह (यूनुस) बहुत परेशान थे. उन्होंने कहा कि अगर वे वह काम नहीं कर सकते, जो उन्हें सौंपा गया था तो वे अपना पद छोड़ देंगे. बता दें कि वे राजनीतिक पार्टियों की राजनीति को बेहतर बनाने और बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यूनुस सत्ता में आए थे जिसमें वो पूरी तरह असफल साबित हुए हैं क्योंकि तब से अब तक में वहां कुछ भी नहीं बदला है. नाहिद ने आगे कहा, 'हमने उनसे साफ कहा कि जनता ने सिर्फ सरकार बदलने के लिए आंदोलन नहीं किया था, बल्कि सिस्टम बदलने के लिए किया था. बिना सुधार के चुनावों का कोई मतलब नहीं है.'
विरोध के कारण यूनुस पर बढ़ता दबाव
हसीना के सत्ता से हटने के बाद, यूनुस ने प्रमुख क्षेत्रों में बड़े सुधारों का वादा किया था, लेकिन आंतरिक राजनीतिक के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए. हाल ही में ढाका में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के समर्थकों ने यूनुस के खिलाफ पहला बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने जल्द से जल्द चुनाव की तारीख घोषित करने की मांग की.
आगे क्या होगा?
आज बांग्लादेश एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है. यूनुस की सरकार अगर सुधारों को लागू नहीं कर पाई. तो देश फिर से उसी संकट में फंस सकता है, जिससे वह उबरने की कोशिश कर रहा है. जनता अब अंतरिम सरकार के वादों से थक चुकी है, ऐसे में राजनीतिक दलों की आंतरिक राजनीति बांग्लादेश को नई मुसीबत की और ढकेल रही है.
यूएन में भारत का दो टूक संदेश, आतंकवाद रुकेगा तभी आगे बढ़ेगी सिंधु जल संधि
24 May, 2025 03:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है. शनिवार को भारत पाकिस्तान का असली चेहरा यूएन के सामने लेकर आया. दरअसल भारत ने शनिवार को सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की गलत सूचना को लेकर आलोचना की, जिसे भारत सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद स्थगित कर दिया था. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, 'पानी जीवन है, युद्ध का हथियार नहीं.' जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी. जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी गोद में पालना बंद नहीं कर देता. यूएन के सामने कुछ बातें रखकर हरीश ने पाकिस्तान को बेनकाब किया.
मित्रता के कारण हुआ था सिंधु जल समझौता
हरीश ने कहा कि भारत ने यह सिंधु जल संधि सद्भावनापूर्वक और मित्रता के लिए की थी. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से पिछले 65 सालों में एक भी बार मित्रता नहीं दिखाई गई. पाकिस्तान ने इन सालों में भारत पर हजारों आतंकी हमले किए. इन हमलों में भारत के लगभग 20,000 आम नागरिक मारे गए. इसके आगे उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी भारत ने धैर्य से काम लिया और दरियादिली दिखाई. लेकिन अब ये नया भारत है किसी भी तरह के आतंकवाद को स्वीकार नहीं करेगा.
पाकिस्तान ने नेविगेशन परियोजना पर भी किया वार
हरीश कहते हैं कि पाकिस्तान ने न सिर्फ सीमा पर आतंकी हमले किए बल्कि भारत की तरफ से शुरू की गई परियोजनाओं पर भी हमले किए, जिससे ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन पर काफी असर पड़ा. उन्होंने कहा कि 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में बनी तुलबुल नौवहन परियोजना पर भी हमला किया था. पाकिस्तान की तरफ से इस तरह का हमला परियोजनाओं की सुरक्षा और नागरिकों के जीवन के लिए खतरा है.
जब तक पाकिस्तान में आतंकी, संधि रहेगी स्थगित
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि वह आतंकवाद को नहीं पाल रहा हैं. पाकिस्तान में पल रहा आतंकवाद भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा, 'यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता.' इसके आगे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ही है जो सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक दिन बाद ही यानी 23 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था. जिसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक दिए और दोनो देशों के बीच सीजफायर हुआ.
अदालत ने रोकी ट्रंप की छात्र विरोधी नीति, भारतीय छात्रों ने ली राहत की सांस
24 May, 2025 01:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के एक संघीय जज ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता रद कर दी गई थी। इस अस्थायी फैसले से भारतीयों समेत हजारों विदेशी छात्रों को फौरी राहत मिली है।
ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है
हार्वर्ड की अपील पर सुनवाई करते हुए जज एलिसन बेरोज ने संवैधानिक उल्लंघन का हवाला देते हुए प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी। ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है।
विश्वविद्यालय में चल रही जांच के तहत यह कदम उठाया
इससे पहले गुरुवार को ट्रंप प्रशासन ने एक अभूतपूर्व फैसले में हार्वर्ड की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता रद कर दी थी। प्रशासन ने विश्वविद्यालय को सूचित किया था कि उसने गृह सुरक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में चल रही जांच के तहत यह कदम उठाया है।
इस फैसले से भारतीयों समेत हजारों विदेशी छात्रों के प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को बोस्टन की संघीय अदालत में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया और कहा कि सरकार की कार्रवाई प्रथम संशोधन का उल्लंघन करती है और इसका हार्वर्ड और करीब सात हजार वीजा धारकों पर तत्काल और विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप प्रशासन से विश्वविद्यालय का सीधा टकराव
इससे पहले गुरुवार को गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की उसकी पात्रता को खत्म कर दिया गया है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को विश्वविद्यालय के साथ बढ़ते टकराव के रूप में देखा जा रहा है।
हार्वर्ड में 788 भारतीय छात्र
हार्वर्ड के स्कूलों में 100 से अधिक देशों के 6800 से ज्यादा छात्र पंजीकृत हैं। इनमें 1203 चीनी छात्र भी हैं। हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस की वेबसाइट के अनुसार, विश्वविद्यालय के तहत सभी स्कूलों मे 2024-2025 में भारत के 788 छात्र और शोधार्थी पंजीकृत हैं। जबकि हार्वर्ड ग्लोबल सपोर्ट सर्विसेज ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हर वर्ष 500-800 भारतीय छात्र और शोधकर्ता हार्वर्ड में पढ़ते हैं।
वर्तमान सेमेस्टर में अपनी डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को स्नातक होने की अनुमति होगी। गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम के पत्र में कहा गया है कि ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से प्रभावी होंगे।
हालांकि उन छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होना होगा, जिनकी डिग्री अभी तक पूरी नहीं हुई है। ऐसा नहीं करने पर वे अमेरिका में रहने की अपनी कानूनी स्थिति को खो देंगे।
ट्रंप प्रशासन ने रखी हैं ये मांगें
प्रशासन जब तक अपना निर्णय नहीं बदलता या कोर्ट कोई हस्तक्षेप नहीं करता, तब तक यह फैसला बरकरार रहेगा। नोएम ने कहा है कि अगर हार्वर्ड 72 घंटों के भीतर एक सूचीबद्ध मांगों का पालन करता है तो विदेशी छात्रों को दाखिला देने की उसकी पात्रता बहाल हो सकती है।
मांगों में विदेशी छात्रों का अनुशासनात्मक रिकार्ड के अलावा विरोध-प्रदर्शन की गतिविधियों के आडियो व वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं। हालांकि हार्वर्ड पहले ही इस तरह के रिकार्ड मुहैया कराने से इन्कार कर चुका है।
क्यों निशाने पर है हार्वर्ड
हार्वर्ड का ट्रंप प्रशासन का टकराव अप्रैल में शुरू हुआ। उस समय इस विश्वविद्यालय ने प्रशासन की फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों को सीमित करने और विविधता, समानता व समावेश संबंधित नीतियों को खत्म करने की मांगों को मानने से इन्कार कर दिया था।
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति ट्रंप ने हार्वर्ड के लिए अरबों डॉलर के शोध अनुदानों और अन्य सहायता पर रोक लगा दी थी। नोएम ने कहा कि प्रशासन हार्वर्ड को अपने परिसरों में हिंसा, यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय करने के लिए जिम्मेदार मानता है।
रूस ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, भारत को दिया समर्थन
24 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को। भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद विरोधी लड़ाई पर शुक्रवार को रूस के साथ व्यापक चर्चा की और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में रूसी पक्ष को जानकारी दी। रूस ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश एक साथ हैं।
द्रमुक सांसद कनिमोरी के नेतृत्व में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में इस समय रूस में है।
भारतीय और रूसी सांसदों ने किया विचारों का अदान-प्रदान
भारतीय सांसदों ने रूसी फेडरेशन एसेंबली (संसद) के सर्वदलीय प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया, जिसका नेतृत्व ड्यूमा (निचले सदन) के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की ने किया।
रूस और भारत आतंक के खिलाफ एकजुट खड़े
रूस स्थित भारतीय दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई डेनिसोव और रूसी परिसंघ की फेडरेशन काउंसिल के अन्य सीनेटर से भी मुलाकात की। रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि रूस सभी रूपों में आतंकवाद के उन्मूलन के लिए भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत की साझेदारी है। रूस और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। स्टालिन द्वारा निर्मित स्मोलेंस्काया स्क्वायर इमारत में उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल यूक्रेनी ड्रोन हमलों के बीच गुरुवार देर रात मॉस्को पहुंचा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल यूनान, लातविया और स्पेन का भी दौरा करेगा।
मार्च की तबाही के बाद म्यांमार फिर कांपा, राहत में अभी भी कमी
24 May, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मार्च में भूकंप से काफी नुकसान झेल चुके म्यांमार में एक बार फिर भूकंप आया। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को म्यांमार में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। वहीं, भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।
राहत की बात यह रही कि इस भूकंप के कारण किसी तरह की जानमाल की खबर नहीं आई है। इससे पहले 19 मई को म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 3.9 तीव्रता का भूकंप आया था।
मार्च में आए भूकंप ने मचाई थी तबाही
मार्च की शुरुआत में, म्यांमार में 7.7 और 6.4 तीव्रता के भूकंप आए थे, जिससे व्यापक क्षति हुई थी और 3500 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), दक्षिण पूर्व एशिया के अनुसार, इस क्षेत्र में तपेदिक (टीबी), एचआईवी और वेक्टर- और वायरल संक्रमण सहित तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य खतरों की एक श्रृंखला का सामना करने की उम्मीद है।
भारत ने की थी मदद
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए जल जनित बीमारियों से निपटने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा, आपदा के बाद म्यांमार के लिए भारत की समर्पित मानवीय सहायता है। इस पहल के तहत, भारत ने यांगून क्षेत्र में प्रवासी भारतीयों को भी सहायता प्रदान की है।
"मेक इन इंडिया से ट्रंप नाराज़: बोले अमेरिका में बनाओ iPhone, नहीं तो झेलो टैक्स"
23 May, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर एप्पल के पीछे पड़ गए हैं। उन्होंने iPhone को लेकर कंपनी को चेताया है। उन्होंने कहा है कि अगर एप्पल ने अमरीका में मेक इन इंडिया iPhone बेचे तो वह भारी भरकम टैरिफ लगा देंगे। ट्रंप ने चेतावनी दी कि एप्पल अमेरिका में मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन अमेरिका iPhone बेचे। ट्रंप ने कहा कि वह अपनी इस चिंता से एप्पल के सीईओ टिम कुक को अवगत करा चुके हैं.
इंडिया में बने फोन नहीं बेचे जाएंगे-ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा-मैं एप्पल के सीईओ को बहुत पहले बता चुका हूं कि अमेरिका में वहीं iPhone बेचे जाएं जो यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में मैन्युफैक्चर होने चाहिए। यहां इंडिया में बने फोन नहीं बेचे जाएंगे।
Apple मैन्युफैक्चरिंग कारोबार में कर रही विस्तार
ट्रंप का बयान उस दौरान आया है जब एप्पल भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग कारोबार में विस्तार कर रही है। कंपनी अपनी सहायक इकाइयों के साथ चीन से अपनी प्रोडक्शन यूनिट भारत में शिफ्ट कर रही है। चीन में दोबारा आपदा जैसी स्थिति पैदा हो रही है. साथ ही अमरीका से टैरिफ को लेकर अलग टकराव चल रहा है।
भारत अपनी देखभाल खुद कर सकता है-ट्रंप
ट्रंप ने कतर यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया फोन को अमेरिका में बेचने के लिए कुक को भला-बुरा कहा था। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा-मैंने एक दिन पहले कुक से इस बारे में डिस्कस किया था। आप अमेरिका की बजाय भारत में अपना कारोबार विस्तार कर रहे हैं। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। भारत अपनी देखभाल खुद कर सकता है।
‘चीन पर करना चाहता है निर्भरता कम’
मई में कुक ने कंपनी के एक कार्यक्रम में ऐलान किया था कि अमेरिका में जो iPhone बेचे गए उनमें बड़ी संख्या मेक इन इंडिया फोन की थी। एप्पल ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा ली है। उसका मकसद पांच साल में अपने ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का 25 फीसद भारत में करने का है। वह चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है।मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी भारत में 22 बिलियन डॉलर की कीमत के iPhone बनाती है। यह आंकड़ा बीते साल से 60 फीसद ज्यादा है।
तुर्की में मचा हड़कंप, FETO से संबंध के शक में 63 जवानों पर गिरी गाज
23 May, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तुर्की: राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन ने देश की सुरक्षा में लगे अपने ही सैनिकों पर बड़ा वार किया है. सरकार का दावा है कि सेना के भीतर गहरी साजिश पकड़ी गई है और अब उसी के तहत 63 अफसरों पर कार्रवाई शुरू की गई है जिनमें चार कर्नल भी शामिल हैं. इस्तांबुल के मुख्य लोक अभियोजक कार्यालय ने इन सभी के खिलाफ FETO से रिश्तों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. सुबह-सवेरे हुई छापेमारी में 56 अफसरों को हिरासत में लिया जा चुका है. ये सभी तुर्की की सेना, नौसेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बल जेंडरमेरी से जुड़े हुए थे. सरकार का दावा है कि ये सभी वही लोग हैं, जिनके तार 2016 में हुई नाकाम तख्तापलट की कोशिश से जुड़े हैं.
फिर चर्चा में फेतुल्लाह गुलेन
जिस संगठन से इन अफसरों के जुड़ाव की बात की जा रही है, वह है फेतुल्लाह गुलेन का नेटवर्क FETO. फेतुल्लाह गुलेन एक इस्लामी धर्मगुरु रहे हैं, जो पिछले दो दशकों से अमेरिका में स्वनिर्वासन में थे. तुर्की सरकार का आरोप रहा है कि गुलेन ने ही 2016 में तख्तापलट की साजिश रची थी. हालांकि गुलेन ने इन आरोपों को हमेशा नकारा है. अक्टूबर 2024 में अमेरिका में उनकी मौत हो चुकी है, लेकिन तुर्की में उनका नाम अब भी अस्थिरता का प्रतीक बना हुआ है.
2016: जब एर्दोआन बाल-बाल बचे
15 जुलाई 2016 की रात तुर्की की राजनीति में हमेशा के लिए दर्ज हो गई. सेना के एक धड़े ने अंकारा और इस्तांबुल में बगावत कर दी. संसद और राष्ट्रपति भवन पर लड़ाकू विमानों से हमला हुआ. उस वक्त राष्ट्रपति एर्दोआन छुट्टी पर थे और एक रिसॉर्ट से वीडियो कॉल कर के लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी. इस बगावत में करीब 290 लोगों की जान चली गई, लेकिन अंत में तख्तापलट नाकाम रहा.
2016 के बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां
उस तख्तापलट के बाद तुर्की में बड़े स्तर पर सफाई अभियान चला. फौज, पुलिस, अदालतों और सरकारी दफ्तरों से हजारों लोगों को निकाला गया. अब तक 25,801 सैनिकों को हिरासत में लिया जा चुका है. कई स्कूल, बिजनेस और मीडिया संस्थान जो गुलेन से जुड़े थे, बंद कर दिए गए. अभियोजकों का कहना है कि FETO आज भी तुर्की के संविधान और राज्य की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. गिरफ्तारियों में शामिल लोगों की पहचान उनके फोन रिकॉर्ड्स के जरिए की गई.
एर्दोगान और गुलेन की पुरानी जान-पहचान
दिलचस्प बात ये है कि कभी गुलेन ने एर्दोगान को सत्ता में लाने में मदद की थी. लेकिन जब एर्दोगान ने गुलेन के स्कूलों पर लगाम लगाई और गुलेन समर्थकों ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, तो दोनों के रास्ते जुदा हो गए. इसके बाद से ही तुर्की सरकार गुलेन को दुश्मन मान बैठी.
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ीं, हार्वर्ड बना केंद्र
23 May, 2025 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन के एक फैसले से हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हजारों अंतरराष्ट्रीय के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के स्टूडेंट एंड विजिटर एक्सचेंज प्रोग्राम को रद कर दिया है।
होमलैंड सुरक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी को 72 घंटे का समय दिया है। इस समयसीमा के भीतर हार्वर्ड को मांगी गई जानकारियां उपलब्ध करानी हैं। होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने इसे अमेरिका के सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए चेतावनी कहा है।
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के सामने 6 कठोर शर्तें रखी हैं:
विश्वविद्यालय परिसर या उसके बाहर में किसी गैर अप्रवासी छात्र द्वारा की गई अवैध गतिविधि के रिकॉर्ड उपलब्ध कराना
पिछले 5 साल में हार्वर्ड में एनरोल किसी गैर अप्रवासी छात्र द्वारा परिसर या उसके बाहर की गई किसी खतरनाक या हिंसक गतिविध के रिकॉर्ड उपलब्ध कराना
पिछले 5 साल में यूनिवर्सिटी परिसर या उसके बाहर गैर अप्रवासी छात्र द्वारा अन्य छात्रों या यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को धमकी देने के रिकॉर्ड उपलब्ध कराना
पिछले 5 साल में यूनिवर्सिटी परिसर या उसके बाहर गैर अप्रवासी छात्र द्वारा अन्य छात्रों या विश्वविद्यालय कर्माचारियों के अधिकारों के हनन संबंधी रिकॉर्ड देना
पिछले 5 साल में यूनिवर्सिटी में एनरोल गैर अप्रवासी छात्रों के सभी अनुशासनात्मक रिकॉर्ड उपलब्ध कराना
पिछले 5 साल में यूनिवर्सिटी परिसर में गैर-आप्रवासी छात्र से जुड़ी किसी भी प्रोटेस्ट से जुड़े रिकॉर्ड देना
788 भारतीय छात्र कर रहे पढ़ाई
ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि हार्वर्ड को ये सभी रिकॉर्ड चाहे आधिकारिक हो या अनौपचारिक, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और ऑडियो या वीडियो फुटेज शामिल हैं, 72 घंटे के भीतर उपलब्ध कराने होंगे।
बता दें कि हार्वर्ड दुनिया का एक नामी शैक्षणिक संस्थान है। हार्वर्ड के विभिन्न स्कूलों में करीब 10,158 अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ते हैं। 2024-25 के अकेडमिक रिकॉर्ड के अनुसार, भारत के करीब 788 छात्र यूनिवर्सिटी में एनरोल्ड हैं।
Gen-Z का सुस्त विरोध: बिस्तर में लेटकर कर रहे 996 वर्क कल्चर का बहिष्कार
23 May, 2025 01:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन की जेनरेशन-Z यानी नई पीढ़ी अब सड़कों पर नहीं, बल्कि अपने बिस्तरों में लेटे हुए सरकार और व्यवस्था के खिलाफ विरोध जता रही है. ये युवा खुद को ‘रैट पीपल’ कह रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं जो दिनभर बिस्तर में पड़े रहते हैं, मोबाइल पर स्क्रॉल करते हैं, खाना ऑर्डर करते हैं और बाहर की दुनिया से कटे रहते हैं. यह विरोध का एक नया तरीका है जो थकान, असुरक्षा और रोजगार की कमी के खिलाफ एक चुप्पा लेकिन सशक्त विरोध जताने का तरीका बनकर उभरा है.
चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Douyin (टिकटॉक का चीनी संस्करण), वीबो और रेडनोट पर रैट पीपल अपने बिस्तर पर लेटकर वीडियो और फोटो खींच कर शेयर कर रहे हैं. Zhejiang की एक महिला नियमित रूप से अपने दिन का हॉरिजॉन्टल शेड्यूल शेयर करती है. दोपहर में उठना, घंटों स्क्रॉलिंग, खाने के लिए बिस्तर से उठना और फिर वापस लेट जाना. उसके वीडियो लाखों लाइक्स पा रहे हैं और कई लोग खुद को उससे भी ज्यादा सुस्त रैट मानते हैं.
इस विरोध के जरिए क्या क्रांति होगी?
2010 के दशक में चीन में मशहूर हुआ 996 कल्चर. यानि सुबह 9 से रात 9 तक हफ्ते में छह दिन काम करने की संस्कृति अब युवाओं में असंतोष पैदा कर रहा है. पहले लाइंग फ्लैट और अब रैट पीपल ट्रेंड यह बताते हैं कि चीन की युवा पीढ़ी अब इस व्यस्त, अनुत्पादक और थका देने वाले माहौल से दूर हट रही है. यह विरोध न केवल सरकार के प्रति, बल्कि पूरी आर्थिक व्यवस्था के प्रति निराशा का प्रतीक बनता जा रहा है.
मनोवैज्ञानिक थकावट
विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यवहार ‘आलस्य’ नहीं, बल्कि दिशा और उद्देश्य की थकावट का परिणाम है. जब युवा लगातार रिजेक्शन झेलते हैं और अवसर न के बराबर मिलते हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य पर असर होता है. रैट बनना उनके लिए आत्मरक्षा का तरीका बन गया है. एक धीमी जिंदगी जीकर वे अपने नियंत्रण को वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि लंबे समय तक इस जीवनशैली में बने रहना युवाओं को और पीछे ले जा सकता है. मनोचिकित्सकों का सुझाव है कि यह समय खुद को फिर से समझने और नई दिशा तय करने का हो सकता है. छोटे कदमों से शुरुआत कर युवा फिर से काम की दुनिया में लौट सकते हैं. एक दिन में एक सकारात्मक निर्णय, एक छोटी नौकरी, या सिर्फ बाहर निकलना भी बदलाव की शुरुआत हो सकती है.
रूस में ड्रोन अटैक से मचा हड़कंप, भारतीय सांसदों की फ्लाइट लटकी रही आसमान में
23 May, 2025 01:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तानी आतंकवादियों की पोल खोलने रूस पहुंचे भारतीय डेलिगेशन के विमान को राजधानी मॉस्को में चक्कर लगाना पड़ गया. दरअसल, DMK सांसद कनिमोई के नेतृत्व वाला डेलिगेशन ने जैसे ही मॉस्को में एंटर किया, वैसे ही यूक्रेन ने ड्रोन अटैक कर दिया. यूक्रेन के ड्रोन अटैक की वजह से मॉस्को के सभी एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोक दी गई.
रूस के इस फैसले की वजह से भारतीय डेलिगेशन का विमान कई मिनटों तक हवा में ही चक्कर काटने लगा. आखिर में जब ग्रीन सिग्नल हुआ, तो विमान को मॉस्को में लैंड कराया गया.
मॉस्को में भारतीय राजदूत ने किया स्वागत
फ्लाइट लैंड होने के बाद सभी सांसदों को मॉस्को में भारत के राजदूत विनय कुमार ने स्वागत किया. सभी सांसदों का काम रूस की सरकार, वरिष्ठ सांसदों, अधिकारियों और एक्सपर्ट को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों के बारे में जानकारी देना है.
कनिमोई का कहना है कि रूस से पहले ही भारत के रिश्ते बेहतरीन हैं. रूस को हम बताएंगे कि कैसे पाकिस्तान के आतंकवादी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है.
पुतिन को पहले से है इस बात का डर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत में कहा था- जब भी कोई दूसरे देश के सरकारी डेलिगेशन रूस आना चाहते हैं, तब यूक्रेन मॉस्को पर ड्रोन अटैक कर देता है.
पुतिन के मुताबिक यूक्रेन जानबूझकर यह करता है, जिससे बाकी दुनिया से रूस का संपर्क न रहे. लोग इस डर से रूस आना छोड़ दें.
यूक्रेन ने नहीं दिया है कोई जवाब
मॉस्को में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के मॉस्को में एंट्री के वक्त ड्रोन अटैक को लेकर यूक्रेन ने कोई जवाब नहीं दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के ड्रोन अटैक से डरकर रूस ने 3 एयरपोर्ट को बंद कर दिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन ने भारी संख्या में रूस पर ड्रोन अटैक किया है. सिर्फ 22 मई को रूस ने यूक्रेन के 250 से ज्यादा ड्रोन को मार गिराया.
Dog Lover का खौफनाक चेहरा! महिला ने गोद लिया कुत्ता मारकर खाया
23 May, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन से एक दिल को झकझोर कर देने वाला मामला सामने आया है। चीन में एक महिला ने शेल्टर से आवारा कुत्तों को गोद लिया, अब इसको लेकर उसके खिलाफ जांच चल रही है। दरअसल उसने कुत्तों को लेने के बाद उन्हें मारकर, पकाकर उनके खा लिया। साथ ही महिला ने स्वंय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया।
महिला की पहचान झिक्सुआन के रूप में हुई है, महिला ने खुद को एक पशु प्रेमी (Dog lover) बताया और मैसेजिंग एप के जरिए लियाओनिंग प्रांत के कई आश्रयों तक पहुंच बनाई। उसने कुत्ते खरीदते समय दावा था किया कि वह आवारा कुत्तों को एक सुरक्षित घर देना चाहती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया वो सीधा कुत्तों को रसोई में ले गई।
कुत्ते का मांस तैयार कर बनाया वीडियो
चीनी सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट में झिक्सुआन को कुत्ते का मांस तैयार करते हुए खुद के वीडियो पोस्ट करते हुए दिखाया गया है। एक कैप्शन में उन्होंने लिखा, कुत्ते का मांस लगभग तैयार है। बारिश के दिनों में ड्रिंक के साथ खाने के लिए एकदम सही। दूसरे कैप्शन में उन्होंने लिखा, बच्चा मांस खाते हुए दिखाई दे रहा है, ये बच्चे के लिए सबसे अच्छा।
हालांकि चीन के ज्यादातर हिस्सों में कुत्ते का मांस खाना गैरकानूनी नहीं है और दक्षिण में यूलिन जैसी जगहों पर अभी भी इसे मनाया जाता है। लेकिन पालतू जानवरों के बढ़ते चलन और लोगों के बदलते नजरिए के बीच यह प्रथा लगातार विवादास्पद होती जा रही है। महिला की इस हरकत के बाद वीबो जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों ने अपने रिएक्शन दिए हैं।।
लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक यूजर ने लिखा, 'झिक्सुआन जैसे लोग घृणित हैं। उन बेचारे आवारा कुत्तों को लगा कि उन्हें एक प्यारा घर मिल गया है, लेकिन उन्हें सीधे नरक में ले जाया गया।' एक अन्य ने मजबूत पशु संरक्षण कानूनों की मांग करते हुए पूछा, 'चीन कब ऐसे लोगों को दंडित करने के लिए कानून बनाएगा जो जीवन के प्रति इतनी घोर उपेक्षा दिखाते हैं?' अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ज़िक्सुआन ने कुत्ते का मांस पकाया और खाया था।
पाकिस्तानी लिंक्स वाले यूट्यूबरों की बढ़ेगी मुश्किल: ज्योति मल्होत्रा के बाद CM सैनी ने दिए जांच के निर्देश
23 May, 2025 10:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद हरियाणा सरकार एक्शन में आ गई है। सीएम नायब सिंह सैनी ने अब सभी यूट्यूबरों की जांच का आदेश दिया है। इसके तहत हरियाणा सरकार उन यूट्यूबर्स पर कार्रवाई करेगी। जिनके पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के संबंध मिलेंगे। हरियाणा सरकार ने आदेश में स्पष्ट कहा है कि अगर किसी यूट्यूबर के चैनल पर पाकिस्तान से लाइक और कमेंट मिल रहे हैं तो उसे बैन किया जाएगा। इसके बाद हरियाणा के नूंह में साइबर टीम ने पड़ताल भी शुरू कर दी है। यह टीम उन सभी यूट्यूबर्स की पहचान उजागर करेगी। जो किसी भी रूप में पाकिस्तान से संबंध रखते हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार अरमान और तारीफ से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां कड़ी पूछताछ में जुटी हैं।
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने जारी किया आदेश
दरअसल, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने बीते मंगलवार को एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि हरियाणा से संचालित सभी यूट्यूब चैनलों की पड़ताल की जाए। इसके बाद ऐसे यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया जाए। जिनका कनेक्शन पाकिस्तान से निकलता है। साथ ही सभी यूट्यूबरों के लिए एक एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर बनाया जाए।
हरियाणा की एसीएस यानी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रउदेश में जो भी यूट्यूब चैनल चल रहे हैं। उनका रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने के लिए स्पेशल बनाने की बात कहते हुए स्पष्ट किया कि जो भी यूट्यूब चैनल किसी भी तरह से पाकिस्तान के साथ जुड़े हैं और भारत में स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे हैं। अब हरियाणा सरकार उनपर सख्त कार्रवाई करेगी।
पाकिस्तान का गुणगान नहीं सहन करेगी हरियाणा सरकार
हरियाणा सरकार की एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा का कहना है कि हरियाणा सरकार प्रदेश के किसी भी यूट्यूबर का पाकिस्तानी गुणगान सहन नहीं करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से गृह विभाग और पुलिस को स्पष्ट आदेश दिया गया है कि देश में आतंकी हमले कराने वाले देश की तारीफ करने वाले यूट्यूब चैनलों की अलग-अलग लिस्ट तैयार की जाए। जो लोग पाकिस्तान का गुणगान करते हैं। उनपर सख्त एक्शन लिया जाए।
सरकार के आदेश में ये भी कहा गया है कि जो यूट्यूबर पाकिस्तान जाकर वहां की तारीफ करते हैं और देश में पाकिस्तान के प्रति माहौल बनाते हैं। उन्हें किसी भी हाल में छोड़ा न जाए। इसके साथ ही जो यूट्यूबर सिर्फ भारत सरकार की आलोचना करते हैं और भारत सरकार का पॉजिटिव पक्ष नहीं बताते। उनपर भी सख्त एक्शन लिया जाए। इसके अलावा सीमा पार पाकिस्तान से लाइक कमेंट मिलने वाले यूट्यूबरों पर एक्शन लिया जाए।
नूंह हिंसा के वीडियो को पाकिस्तान से मिले लाइक्स और भड़काऊ कमेंट्स
हरियाणा सरकार के सूत्रों की मानें तो दो साल पहले हुई नूंह में हिंसा के वीडियो को पाकिस्तान से जमकर लाइक और भड़काऊ कमेंट्स मिले थे। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे। इन वीडियो और तस्वीरों को पाकिस्तान के नागरिकों की ओर से न सिर्फ शेयर किया गया, बल्कि इसमें की गई टिप्पणियों में भी भड़काऊ बातें लिखी गईं थी। अब पुलिस ऐसे यूट्यूब चैनलों और उन्हें संचालित करने वालों की गहन जांच करने की तैयारी में है।
जासूसी में पकड़े गए व्यक्तियों के बैंक खातों की जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अरमान और तारीफ से बुधवार को पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ की। इस दौरान दोनों के बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उनके खातों में विदेशों से संदिग्ध स्रोतों से धनराशि भेजी गई हो सकती है। संदेह है कि देश की सुरक्षा संबंधी गोपनीय जानकारी के बदले उन्हें दुबई या अन्य देशों से पैसे मिले होंगे।
पाकिस्तान दूतावास से नकद राशि मिलने की भी जांच
सूत्रों का कहना है कि आरोपी समय-समय पर दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास भी जाया करते थे, जहां उनकी मुलाकात पाकिस्तानी अधिकारियों – दानिस, आसिफ बलौच और जाफर से होती थी। आशंका जताई जा रही है कि वे भारत से लोगों को वीजा दिलाने का झांसा देकर लाते थे और बदले में पाकिस्तान की खुफिया जानकारी साझा करते थे। संभव है कि इसके एवज में उन्हें नकद धनराशि भी दूतावास से मिली हो। पुलिस इस पहलू को भी जांच के दायरे में रख रही है।
ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ में अहम खुलासे
दरअसल, हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पुलिस ने रिमांड पर लिया है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार उससे पूछताछ कर रही हैं और अब तक उसके सभी विदेश दौरों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। जांच एजेंसियों ने ज्योति से पाकिस्तान हाई कमीशन में कार्यरत कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क को लेकर भी पूछताछ की है। जानकारी के अनुसार, वीजा आवेदन के दौरान ज्योति की मुलाकात दानिश से हुई थी। जो बाद में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया।
हिसार एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि पाकिस्तानी एजेंसियां ज्योति को एक एसेट की तरह इस्तेमाल कर रही थीं। ताकि वह पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेहतर दिखा सके। उन्होंने यह भी बताया कि ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी और वह कई बार पाकिस्तान व चीन की यात्राएं कर चुकी है। उन्होंने बताया कि सिर्फ ज्योति ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स भी पाक एजेंसियों के संपर्क में थे। इस संबंध में भी जांच जारी है। फिलहाल आज ज्योति की रिमांड का अंतिम दिन है।
'बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं', मोहम्मद यूनुस का बड़ा बयान
23 May, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में एक बार फिर से उथल-पुथल मचा है और फिर से सत्ता में फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं। देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इस्तीफा दे सकते हैं। बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यूनुस ने इस्तीफा देने की इच्छा जताई है।
क्यों इस्तीफा देना चाहते हैं यूनुस?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मोहम्मद यूनुस का कहना है कि उनका राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर काम करना मुश्किल होता जा रहा है।
इस बीच छात्र नेता और नेशनल सिटिजन पार्टी के प्रमुख नाहिद इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की बात को लेकर कहा कि हम सुबह से यह खबर सुन रहे हैं। इसलिए मैं उनसे इस मामले पर चर्चा करने गया था।
नहीं मिल रहा राजनीतिक दलों का समर्थन
नाहिद इस्लाम ने कहा, "मोहम्मद यूनुस इस्तीफे के बारे में सोच रहे हैं और वह बंधक जैसा महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह मौजूदा स्थिति में काम नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस का कहना है कि जब तक राजनीतिक दल आम सहमति तक नहीं पहुंचते, वह काम नहीं कर पाएंगे।
नाहिद इस्लाम ने कहा कि अगर यूनुस को समर्थन नहीं मिलेगा तो उनका पद पर बने रहने का तर्क नहीं है। अगर राजनीतिक पार्टी चाहती है कि वह अभी इस्तीफा दें तो वह क्यों रुकेंगे, जब उन्हें किसी भी तरह का आश्वासन नहीं मिलेगा।
सेना प्रमुख ने दिया अल्टीमेटम
बता दें, इससे एक दिन पहले बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस को कड़ी चेतावनी देते हुए दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया था।
पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट और भागकर भारत आ जाने के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था।
हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, दोपहर 2 बजे तक बंद
22 May, 2025 04:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. इस धमकी के बाद हाईकोर्ट को दोपहर बाद दो बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है. पुलिस ने हाईकोर्ट की ओर जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिा है. चूंकि पास में पंजाब विधानसभा और सेक्रेटिएट भी है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है. हालात को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने हाईकोर्ट को खाली करा लिया है. सघन तलाशी अभियान जारी है.
इस बीच हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने वकीलों और फरियादियों को सतर्क रहने की अपील की है. बार की ओर से सभी वकीलों और फरियादियों से आग्रह किया गया है कि पूरे कैंपस में कहीं भी कोई लावारिश चीज या संदिग्ध आदमी दिखे तो तत्काल बार आफिस को सूचित करें. उधर, हाईकोर्ट ने हालात को देखते हुए लंच तक के लिए अदालती काम काज को स्थगित कर दिया है. जांच और सर्च अभियान पूरा होने के बाद अदालती कार्रवाई लंच के बाद दोपहर दो बजे से दोबारा से शुरू की जाएगी.
विधानसभा और सचिवालय में भी अलर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बम की धमकी के बाद पंजाब विधानसभा और सचिवालय की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ये दोनों इमारतें भी हाईकोर्ट के पास ही हैं. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. इसी क्रम में चंडीगढ़ स्थित इलांते मॉल को भी खाली कराया गया है. सुरक्षा एजेंसियां यहां भी चप्पे चप्पे को स्कैन करने की कोशिश कर रही है. इसी के साथ पुलिस की साइबर शाखा धमकी देने वाली की पहचान में जुटी है.
बार सचिव ने की सहयोग की अपील
इसके लिए संबंधित डायवर्जन और डंप खंगालने की कोशिश कर रही है. बार सेक्रेट्री गगनदीप जम्मू के मुताबिक कैंपस में सुरक्षा के लिए हर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरे कैंपस में सर्च ऑपरेशन चला रहीं है. उन्होंने इस काम में सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग करने की अपील की है. फिलहाल हाईकोर्ट परिसर में मौजूद हरेक व्यक्ति की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. इसलिए कैंपस को खाली कराया गया है.