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अमेरिका का ग्रीन कार्ड धारक भारतीयों के लिए खतरे की घंटी, उपराष्ट्रपति ने स्थायी निवास को रद्द करने की बात
15 Mar, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डोनाल्ड ट्रंप के कुर्सी संभालने के बाद से ही अमेरिका में कई बदलाव हो रहे हैं. पहले प्रवासियों को लेकर अमेरिका ने सख्ती दिखाई अब गाज ग्रीन कार्ड होल्डर पर गिरने वाली है. बता दें कि ग्रीन कार्ड होल्ड कोई अवैध प्रवासी नहीं है, जिनको युही ट्रंप निकाल सकते हैं. लेकिन उनके उप राष्ट्रपति ने ऐसी बात कही है कि इससे करीब 50 हजार भारतीय प्रभावित हो सकते हैं.
स्थायी शब्द से मूर्ख मत बनिए
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ग्रीन कार्ड धारकों को संदेश दिया कि स्थायी शब्द से मूर्ख मत बनिए. गुरुवार रात ने कहा, "ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका में रहने का अनिश्चितकालीन अधिकार नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "यह मूल रूप से अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में नहीं है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में है. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम एक अमेरिकी नागरिक के रूप में, यह तय करते हैं कि हमारे राष्ट्रीय समुदाय में किसे शामिल किया जाए."
30 लाख भारतीयों के लिए बुरी खबर
अमेरिका में करीब 12.7 मिलियन ग्रीन कार्ड होल्डर हैं और इसमें भारतीय करीब 2.8 मिलियन हैं. भारतीय मूल के लोग अमेरिका में ग्रीन कार्ड लेना वाला दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है. 2024 में ही करीब 50 हजार भारतीयों ने ग्रीन कार्ड हासिल किया था.
क्या होता है ग्रीन कार्ड?
ग्रीन कार्ड जिसे स्थायी निवासी कार्ड भी कहा जाता है, एक ऐसा दस्तावेज है जो गैर-अमेरिकी नागरिकों को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की परमिशन देता है. इसको I-551 या एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड के नाम से भी जाना जाता है. ग्रीन कार्ड धारक बाद में अमेरिका नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन जेडी वेंस के बयान ने ऐसा करने का इरादे रखने वालों झटका दिया है. वेंस ने इस बात पर जोर दिया कि निवास आजीवन गारंटी नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर राष्ट्रपति और विदेश मंत्री तय करते हैं कि किसी को अब यहां नहीं रहना चाहिए, तो "उन्हें यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है- यह इतना ही सरल है."
कराची से लाहौर जा रहे PIA विमान में लैंडिंग गियर का एक पहिया चोरी, सुरक्षा अधिकारियों ने शुरू की जांच
15 Mar, 2025 11:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लाहौर: पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) एक विमान जब लाहौर एयरपोर्ट पर उतरा तो हर कोई हैरान हो गया. इस हैरानी की वजह विमान का एक पहिया गायब होना है. यह अजीब घटना उस समय घटी जब पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) का एक घरेलू विमान उतर रहा था. इस बात का अब तक पता नहीं चल पाया है कि आखिर आसमान से पहिया कहां गायब हो गया है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया जा रहा हैं कि पहिया चोरी हो गया है. हालांकि एयरलाइन की तरफ से इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. एयरलाइन पूरे मामले की जांच की बात कहता नजर आ रहा है. इस तरह की घटना हाल ही में नेपाल में भी देखने को मिली थी.
लैंडिंग गियर का पहिया गायब
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की उड़ान संख्या PK-306 गुरुवार सुबह कराची से लाहौर के लिए रवाना हुई. कराची से उड़ान के दौरान सब कुछ ठीक था. लेकिन लाहौर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद विमान के पहिए गायब पाए गए. पता चला है कि विमान बिना पहियों के ही किसी तरह लाहौर में उतर गया.
एयरपोर्ट पर मिले टायर के टुकड़े
PIA के प्रवक्ता ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या विमान ने कराची से बिना पहियों के उड़ान भरी थी या फिर हवा में ही उसके पहिए उखड़ गए. उन्होंने दावा किया कि विमान के पहियों के कुछ टुकड़े कराची हवाई अड्डे पर पाए गए हैं. हालांकि, विमान निर्धारित समय पर बहुत आसानी से उतर गया.
कब पता चला पहिए गायब हुआ?
एयरलाइन प्रवक्ता ने बताया कि यात्री सुरक्षित उतर चुके थे. इसके बाद विमान के कैप्टन ने निरीक्षण किया. तभी देखा कि मुख्य लैंडिंग गियर के छह पहियों में से एक गायब था. एक हवाई जहाज बिना पहियों के आसमान में नहीं उड़ सकता है. एयरलाइन ने कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का सुरक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा है.
नूंह में शहाबुद्दीन मर्डर केस: मुख्य आरोपी नफीस गिरफ्तार
14 Mar, 2025 06:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में करीब 4 महीने पहले सदर थाना क्षेत्र के रानीका गांव में हुए मर्डर केस में शहाबुद्दीन की झगड़े के बाद उपचार के दौरान मौत हो गई थी और इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों को नामजद किया था, जिनमें से चार आरोपियों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. अब सीआईए नूंह पुलिस ने मुख्य आरोपी नफीस को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ताकि हत्या में इस्तेमाल किए गए लाठी-डंडे आदि बरामद किए जा सकें. इस बात की जानकारी सीआईए नूंह प्रभारी जंगशेर ने मीडिया को दी है. मृतक शहाबुद्दीन भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष और जिला प्रमुख जान मोहम्मद का जीजा था. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में हत्या सहित अन्य संगीन धाराओं में 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी. पीड़ित हामिद ने पुलिस को बताया कि 14 अक्टूबर 2024 को उनके पिता शहाबुद्दीन जंगल में अपने खेतों में पानी भर रहे थे. तभी इंजन बंद हो गया. जब उनके पिता ने इंजन के पास जाकर देखा तो कुछ लोग इंजन से चीजें खोलकर चुरा रहे थे. जैसे ही उन्होंने इसका विरोध किया, वे लड़ाई-झगड़े पर उतर आए. तभी वहां लगभग दो दर्जन लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने उनके पिता को जमीन पर पटक कर लाठी-डंडों और फरसा से बेरहमी से मारा. इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
जंगल में काम कर रहे लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे सब उसे बचाने पहुंचे. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी. उनके पिता को नूंह के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. हामिद ने बताया कि उनके पिता को फरीदाबाद, मानेसर सहित कई अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान फरीदाबाद में उनकी मौत हो गई.
नफीस इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी था
सीआईए प्रभारी जंगशेर ने बताया कि नफीस इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. इससे पहले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. घटना के दिन तीन बाइक पर सवार होकर करीब नौ लोग आए थे, जिन्होंने शहाबुद्दीन की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों से दो बाइक और लाठी-डंडे बरामद किए जा चुके हैं. अब मुख्य आरोपी नफीस को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है ताकि एक बाइक और लाठी-डंडे आदि की रिकवरी की जा सके. कुल मिलाकर, जिले के इस चर्चित हत्याकांड में सीआईए नूंह पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. अब मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और बाकी बचे आरोपियों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
हरियाणा के कैथल में पुलिस एनकाउंटर में ईनामी बदमाश अनूप उर्फ फैजल मारा गया
14 Mar, 2025 05:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कैथल: हरियाणा के कैथल के पूंडरी में सलामत स्वीट पर फायरिंग मामले का मुख्य आरोपी अनूप उर्फ फैजल की सुबह 2 बजे राजौंद में जींद मार्ग पर मुठभेड़ हुई, जिसमें आरोपी की मौत हो गई. पुलिस को इनपुट मिली थी कि आरोपी अनूप उर्फ फैजल राजौंद में है, तो पुलिस ने कार्रवाई के लिए टीम भेजी. जैसे ही आरोपी जींद मार्ग पर नहर के पास पहुंचा, पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की.
अनूप ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए उस पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में आरोपी को तीन गोलियां लगीं और अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई. इस कार्रवाई में कैथल की CIA टीम और राजौंद पुलिस की टीम शामिल थी. कैथल SP राजेश कालिया भी मौके पर पहुंचे और पूरा जायजा लिया. सीन ऑफ क्राइम टीम मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किए हैं. जानकारी के अनुसार, आरोपी अनूप उर्फ फैजल की पहले भी 2015-16 में झज्जर पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी को टांग में गोली लगी थी. आरोपी पर 5 हजार रुपये का इनाम था. पाई, झज्जर, पूंडरी और यमुनानगर में गोली चलाने का आरोपी था, जिसमें झज्जर और यमुनानगर मामलों में हत्या की गई थी. आरोपी जोगा हजवाना और मिपा नरड़ गैंग से जुड़ा था और उस पर हरियाणा के कई जिलों में मामले दर्ज हैं. कैथल एसपी राजेश कालिया ने बताया कि कुछ दिन पहले एक शख्स विदेश गया था, जो कि रंगदारी मांगता था. तफ्तीश में पता चला कि कुल चार लोग थे जो वसूली कर रहे थे. हमें गुप्त सूचना मिली थी और फिर टीम ने सर्च ऑपरेशन में पता चला कि अनुज ने हमारी टीम पर फायरिंग की और फिर बाद में मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया गया.
दलाई लामा ने चीन को दी चुनौती, कहा- उनका उत्तराधिकारी 'स्वतंत्र दुनिया' में लेगा जन्म
13 Mar, 2025 05:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Dalai Lama: तिब्बतियों के सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने चीन को सीधी चुनौती दी है. दलाई लामा ने मंगलवार को जारी हुई "वायस फॉर द वायसलेस" नामक अपनी पुस्तक में लिखा कि दुनिया भर के तिब्बती चाहते हैं. दलाई लामा नामक संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहे. इस किताब में दलाई लामा ने पहली बार विशिष्ट रूप से साफ किया है कि उनका उत्तराधिकारी 'स्वतंत्र दुनिया' में जन्म लेगा, जो चीन के बाहर है. हालांकि, इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनके साथ ही आध्यात्मिक गुरुओं का सिलसिला रुक जाएगा. इससे तिब्बती आध्यात्मिक नेता के पुनर्जन्म को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद फिर से लाइम लाइट में आ गया है.
चीन की बैचेनी की वजह ये है कि 14वें दलाई लामा ने पुष्टि की है कि अगले दलाई लामा का जन्म "स्वतंत्र दुनिया" में होगा. जिससे यह सुनिश्चित होगा कि संस्था चीनी नियंत्रण से परे तिब्बती अधिकारों और आध्यात्मिक नेतृत्व की वकालत करने की अपनी पारंपरिक भूमिका जारी रखेगी. यह बयान बीजिंग के लिए एक सीधी चुनौती है, जो लंबे समय से यह दावा करता रहा है कि अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अंतिम अधिकार उसके पास है. चीन ने तिब्बती नेता की घोषणाओं को खारिज करते हुए जोर दिया है कि किसी भी उत्तराधिकारी को बीजिंग की मंजूरी लेनी होगी.
दलाई लामा 1959 में आ गए थे भारत
मौजूदा 14वें दलाई लामा का मूल नाम तेनजिन ग्यात्सो है. वह 1959 में माओत्से तुंग के वामपंथियों के शासन के खिलाफ विफल विद्रोह करने के बाद 23 वर्ष की आयु में हजारों तिब्बतियों के साथ भागकर भारत आए थे. दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर में रहने वाले ओमान परिवार में हुआ था. बचपन में उनका नाम ल्हामो धोंडुप था. जब वह दो साल के थे, उनकी पहचान 13वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई थी. दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है. जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर. दलाई लामा के वंशज करुणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं.
कैसे चुने जाते हैं नए दलाई लामा
दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की परंपरा सदियों से एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया रही है. नए दलाई लामा की खोज में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं द्वारा दर्शन, संकेतों और सपनों की व्याख्या करना शामिल है. ऐतिहासिक रूप से यह प्रक्रिया वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा मृतक दलाई लामा के शरीर में शगुन देखने से शुरू होती है. उदाहरण के लिए, 13वें दलाई लामा की मृत्यु के बाद, उनका शरीर शुरू में दक्षिण की ओर था. लेकिन बाद में पूर्व की ओर मुड़ गया, जिसे इस बात का संकेत माना गया कि उनका पुनर्जन्म उसी दिशा में होगा. एक बार संभावित पुनर्जन्म की पहचान हो जाने पर, बच्चे को कई परीक्षणों से गुजरना पड़ता है. जिसमें पिछले दलाई लामा से संबंधित वस्तुओं को पहचानने की क्षमता भी शामिल है. दलाई लामा ने अन्य चिह्नों के अलावा अपने पूर्ववर्ती द्वारा प्रयुक्त अनुष्ठानिक वस्तुओं का भी सही चयन किया था.
चीन क्यों कर रहा हस्तक्षेप
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन का दावा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकार में अंतिम निर्णय उसका होगा. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दलाई लामा को अलगाववादी मानती है और तिब्बत पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए उनके उत्तराधिकारी को नियंत्रित करना चाहती है. 2011 में, बीजिंग ने घोषणा की कि केवल चीनी सरकार ही अगले दलाई लामा की नियुक्ति कर सकती है. उसने निर्वासित तिब्बती धार्मिक समुदाय द्वारा किए गए किसी भी चयन को अस्वीकार कर दिया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "जीवित बुद्ध दलाई लामा की वंशावली चीन के तिब्बत में बनी और विकसित हुई, और उनकी धार्मिक स्थिति और नाम भी चीन की केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था. "धार्मिक अनुष्ठानों और ऐतिहासिक परंपराओं के अनुसार 14वें दलाई लामा की पहचान की गई और उत्तराधिकारी को मंजूरी देने के लिए इसे तत्कालीन केंद्रीय सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया."
पंचेन लामा को गायब कर चुका है चीन
चीन पहले ही तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े आध्यात्मिक व्यक्ति पंचेन लामा पर नियंत्रण कर चुका है. 1995 में जब दलाई लामा ने छह वर्षीय गेधुन चोएक्यी न्यिमा को पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी, तो चीनी अधिकारियों ने उसे अगवा कर लिया. चीन ने अपने उम्मीदवार ग्याइनकैन नोरबू को पंचेन लामा बना दिया. गेधुन चोएक्यी न्यिमा आज तक लापता हैं और उनके बारे में किसी को कुछ भी मालूम नहीं है.
पानीपत में तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार भाई-बहन को मारी टक्कर, दोनों की मौत
13 Mar, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पानीपत: हरियाणा के पानीपत में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन तेज रफ्तार के कारण किसी न किसी की जान जा रही है. बुधवार शाम को फिर पानीपत में तेज रफ्तार के कारण भाई-बहन की जान चली गई.
दरअस, बिहोली गांव में रूहल फैक्ट्री के पास तेज रफ्तार कार ने बाइक पर जा रहे भाई-बहन को टक्कर मार दी, जिससे होली से 24 घंटे पहले दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों की पहचान शीला और संदीप, निवासी किवाना गांव के रूप में हुई है. संदीप अपनी बहन शीला को ससुराल गोयला गांव से मायके ले जा रहा था. जैसे ही वे गोयला गांव से बाइक पर सवार होकर बिहोली गांव के पास पहुंचे, नशे में धुत्त कार चालक ने उनकी बाइक को सीधी टक्कर मार दी.
टक्कर लगने से दोनों भाई-बहन उड़ते हुए खेतों में जा गिरे. कार चालक मौके पर कार छोड़कर फरार हो गया. पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया है. गांव के सरपंच ने बताया कि कार में कई युवक सवार थे और सभी नशे में धुत्त थे. 35 वर्षीय संदीप की करीब डेढ़ साल पहले शादी हुई थी और अभी कोई बच्चा भी नहीं था.
सड़क दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पानीपत के सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जांच अधिकारी ने बताया कि परिजनों के बयानों के आधार पर अज्ञात कार चालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया गया है.
शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप
पानीपत पुलिस के जांच अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि संदीप अपनी बहन को ससुराल से मायके लेकर आ रहा था. इस दौरान रास्ते में कार ने टक्कर मार दी. मृतकों के चचेरे भाई चैनपाल सिंह ने बताया कि कार चालक और साथ में युवकों ने शराब पी थी औऱ हुड़दंग मचा रहे थे. उन्होंने बताया कि गाड़ी चलाने वाले आरोपी मौके से फरार हो गए थे. बहन की उम्र 50 साल के करीब थी.
पुतिन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने दी चेतावनी, कहा- संघर्ष जारी रखने पर उठाएंगे आर्थिक कदम
13 Mar, 2025 03:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Donald J. Trump: सऊदी अरब में यूक्रेन और अमेरिका के बीच 30 दिनों के संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी. इस प्रस्ताव को अमेरिका ने रूस के समक्ष रखा, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चेतावनी दी है. ट्रंप अब जो बाइडेन की तर्ज पर ही पुतिन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की भाषा बोलते हुए नजर आए. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस संघर्ष विराम पर सहमत होगा. उन्होंने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधि रूस जा रहे हैं और 30 दिनों के संघर्ष विराम समझौते का प्रस्ताव पुतिन को सौंपेंगे.
ट्रंप ने पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखी तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ट्रंप ने कहा, ''रूस को इसकी भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. हम कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं. जिससे रूस पर नकारात्मक वित्तीय प्रभाव पड़े. यह रूस के लिए घातक होगा. मैं ऐसा नहीं चाहता क्योंकि मेरा उद्देश्य शांति स्थापित करना है.''
रूस विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
रूस ने इस प्रस्ताव पर फिलहाल विचार करने की बात कही है. क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि, अमेरिका के संघर्ष विराम प्रस्ताव पर पहले अमेरिका से ही चर्चा की जाएगी. इस प्रस्ताव में जमीन, हवा और जल तीनों स्तरों पर युद्ध रोकने की बात कही गई है. इससे पहले सऊदी अरब के जेद्दा शहर में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच 30 दिनों के संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी. सहमति बनने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि अब यह प्रस्ताव रूस को भेजा जाएगा और रूस की सहमति मिलते ही इसे लागू किया जाएगा.
अमेरिका-यूक्रेन के बीच साउदी अरब में बनी बात
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सऊदी अरब पहुंचकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी. यह मुलाकात शांति समझौते के लिए यूक्रेन के अधिकारियों और सऊदी-अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच होने वाली वार्ता से पहले हुई थी. क्राउन प्रिंस से मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ उनकी मुलाकात सकारात्मक रही. उन्होंने कहा, ''वैश्विक मामलों और यूक्रेन को समर्थन देने के लिए उनके गंभीर और संयमित रुख के लिए हम आभारी हैं. हमने द्विपक्षीय संबंधों से लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने तक कई मुद्दों पर चर्चा की. मेरा मानना है कि क्राउन प्रिंस के प्रयासों से वास्तविक शांति स्थापित हो सकेगी. सऊदी अरब कूटनीति का एक महत्वपूर्ण मंच है और हम इसकी सराहना करते हैं.''
विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की वक्फ बोर्ड के कब्जे वाली जमीनों की जांच की घोषणा
13 Mar, 2025 03:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा में वक्फ बोर्ड के कब्जे वाली गांवों की शामलात जमीनों की जांच होगी. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में इसकी घोषणा की है. सीएम ने कहा कि पूरे हरियाणा में किसी भी गांव की शामलात देह की भूमि जो वक्फ बोर्ड के नाम की गई, उसकी जांच कराई जाएगी.
रोहतक-गोहाना रोड पर स्थित पीर बोधी भूमि के संबंध में चिंता जताए जाने के बाद सैनी ने यह घोषणा की. सैनी ने सदन में कहा, हम पूरे हरियाणा में इसकी जांच कराएंगे… अगर किसी भी गांव की शामलात देह भूमि (साझा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गांव की भूमि) कहीं भी वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित की गई है, तो उसकी गहन जांच कराई जाएगी.
सीएम सैनी ने विधानसभा में क्या कहा?
पीर बोधी मामले का जिक्र करते हुए सैनी ने कहा, पीर बोधी मामले की जांच के लिए रोहतक मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी. करनाल मंडल आयुक्त और रोहतक उपायुक्त इस कमेटी के सदस्य होंगे. कमेटी मामले से जुड़े सभी तथ्यों और अभिलेखों की जांच करेगी.
सीएम ने कहा, कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा द्वारा उठाए गए पीर बोधी मुद्दे को सरकार ने गंभीरता से लिया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 1967-68 में यह जमीन शामलात देह की जमीन थी. 1990 में केंद्र सरकार ने इस जमीन को पंजाब वक्फ बोर्ड के नाम पर अधिसूचित कर दिया. इसके बाद इस जमीन को कब्रिस्तान के तौर पर दर्ज किया गया और अब यह वक्फ बोर्ड के नाम पर है.
चीन में एचआर मैनेजर ने वेतन और भत्तों के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की
13 Mar, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किसी भी कंपनी के लिए उसकी एचआर पॉलिसी सबसे ज्यादा जरूरी होती है. क्योंकि यही सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों को सही तरीके से वेतन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. लेकिन जब इसी सिस्टम में गड़बड़ी हो जाए तो कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. प्राइवेट जॉब में खासतौर पर पेरोल सिस्टम की पारदर्शिता बहुत जरूरी होती है वरना कर्मचारी और कंपनी दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. चीन से सामने आए एक ताजा मामले ने दिखाया कि कैसे एक एचआर मैनेजर ने फर्जी कर्मचारियों का रिकॉर्ड बनाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर दी. इस मामले ने कंपनी की सुरक्षा नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए.
असल में यह घटना चीन के एक कंपनी से जुड़ी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां के एचआर मैनेजर ने अनोखे तरीके से कंपनी को करोड़ों का चूना लगा दिया. शंघाई की लेबर सर्विस कंपनी में काम करने वाले इस शख्स ने 22 फर्जी कर्मचारियों को जोड़कर उनकी सैलरी और सेवरेंस पेमेंट नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाली राशि के नाम पर 16 मिलियन युआन करीब 18 करोड़ रुपये हड़प लिए. इस मैनेजर का नाम यांग बताया गया है जिसे कंपनी की पे-रोल (वेतन भुगतान) मैनेज करने की पूरी जिम्मेदारी दी गई थी.
कैसे किया बड़ा फर्जीवाड़ा?
रिपोर्ट के मुताबिक यांग ने देखा कि उसे कर्मचारियों को रखने और वेतन जारी करने का पूरा अधिकार मिला हुआ था और इस प्रक्रिया की कोई निगरानी नहीं थी. उसने सबसे पहले एक फर्जी कर्मचारी का रिकॉर्ड बनाया और उसके लिए सैलरी अप्रूव करवाई. यह सैलरी एक बैंक खाते में ट्रांसफर की गई जो यांग के नियंत्रण में था लेकिन उसके नाम पर नहीं था. जब लेबर सर्विस कंपनी ने जांच की कि सन के खाते में पैसे क्यों नहीं पहुंचे तो यांग ने बहाना बना दिया कि टेक कंपनी ने भुगतान रोक दिया है.
आठ साल तक चलता रहा खेल, ऐसे खुला राज
2014 से लेकर 2022 तक यांग ने 22 ऐसे फर्जी कर्मचारियों को जोड़ा और उनकी सैलरी व अन्य भत्तों के नाम पर पैसे निकालता रहा. आखिरकार 2022 में टेक कंपनी के वित्त विभाग ने गौर किया कि ‘सन’ नाम के कर्मचारी की अटेंडेंस रिकॉर्ड में 100 प्रतिशत उपस्थिति थी, लेकिन उसे कभी ऑफिस में नहीं देखा गया. जब मामले की गहराई से जांच हुई तो यांग की इस आठ साल पुरानी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो गया.
सजा और सोशल मीडिया पर सुर्खियां
जांच में फर्जी उपस्थिति और बैंक लेन-देन का खुलासा होने के बाद यांग को 10 साल और 2 महीने की जेल की सजा सुनाई गई. उसके राजनीतिक अधिकार भी एक साल के लिए छीन लिए गए और उसे भारी जुर्माना भरने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने उसे 1.1 मिलियन युआन करीब 1.5 करोड़ रुपये लौटाने को कहा जबकि उसके परिवार को 1.2 मिलियन युआन (करीब 1.6 करोड़ रुपये) वापस करने पड़े. इस मामले ने चीन में सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. कई लोगों ने कंपनी की लापरवाही पर सवाल उठाए.
चीन में करोलिन लेविट के वीडियो क्लिप्स हो रहे हैं वायरल, ट्रंप की प्रवक्ता बनीं इंटरनेट सेंसेशन
13 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन: चीन और अमेरिका के रिश्ते हमेशा से ही तल्ख़ियों से भरे रहे हैं. कभी व्यापारिक प्रतिबंध तो कभी सैन्य तनाव, दोनों महाशक्तियों के बीच खींचतान खत्म होने का नाम नहीं लेती. हाल के दिनों में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर फिर से गर्मा गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर भारी टैरिफ लगा दिया है, जिससे वैश्विक बाज़ार में हलचल मच गई है. मगर इसी राजनीतिक तनातनी के बीच, एक दिलचस्प घटनाक्रम चीन में देखने को मिला है. ट्रंप की एक प्रवक्ता करोलिन लेविट चीन के सोशल मीडिया पर इंटरनेट सेंसेशन बन गई हैं.
कौन हैं करोलिन लेविट?
करोलिन लेविट, जो इतिहास की सबसे कम उम्र की व्हाइट हाउस प्रेस सचिव हैं, अचानक से चीन के इंटरनेट यूज़र्स के बीच चर्चा का विषय बन गई हैं. पिछले कुछ हफ्तों में, सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो क्लिप वायरल हो चुके हैं. जिनमें वह अमेरिकी पत्रकारों के तीखे सवालों का जवाब देते हुए ट्रंप की नीतियों का बचाव करती नज़र आ रही हैं. उनके बेबाक अंदाज, आत्मविश्वास ने लाखों चीनी यूज़र्स को प्रभावित किया है.
चीन में क्यों छा गईं करोलिन लेविट?
लेविट की लोकप्रियता तब और बढ़ गई जब एक वायरल वीडियो में उन्हें एक अमेरिकी पत्रकार को शांत, मगर सख्त अंदाज़ में जवाब देते हुए देखा गया. यह वीडियो चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर जंगल की आग की तरह फैल गया. कई चीनी यूज़र्स उनके तेज़-तर्रार जवाबों के कायल हो गए. चीन में लोग उनकी छवि को एक आत्मनिर्भर, पेशेवर और बुद्धिमान महिला के रूप में देख रहे हैं. जो न सिर्फ अपने करियर को बखूबी संभाल रही हैं, बल्कि अपने निजी जीवन में भी संतुलन बनाए हुए हैं. कुछ लोगों को उनकी आकर्षक व्यक्तित्व और गोरी त्वचा भी प्रभावित कर रही है.
क्या कहा था करोलिन लेविट ने?
वीडियो में लेविट से पूछा गया था कि क्या ट्रंप इस साल व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स एसोसिएशन डिनर में शामिल होंगे, जहां मुख्य अतिथि के रूप में कॉमेडियन एम्बर रफिन को बुलाया गया था. रफिन ने एक बार ट्रंप को बच्चे की तरह कहा था. इस पर लेविट ने बिना किसी आक्रोश के शांतिपूर्वक जवाब दिया, जिसने लोगों को प्रभावित किया. कुछ यूज़र्स का कहना है कि लेविट ट्रंप की विवादास्पद नीतियों का जिस तरह आत्मविश्वास के साथ बचाव कर रही हैं.
एसएंडपी ग्लोबल के अर्थशास्त्री ने ट्रंप की नीतियों से मंदी का खतरा जताया
13 Mar, 2025 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका में मंदी आने वाली है। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले से अमेरिका में मंदी आने की संभावना जताई जा रही है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि टैरिफ पर व्हाइट हाउस के लगातार बदलावों से उत्पन्न अनिश्चितता ने संभावित रूप से व्यावसायिक निवेश में देरी की है और उपभोक्ताओं को खर्च कम करने के लिए प्रेरित किया है।
ग्रुएनवाल्ड ने कहा,
अरबपति ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क की तरफ से सरकारी खर्च को कम करने और अपव्यय को कम करने का अभियान भी आवश्यकता से अधिक खतरनाक रहा है।
याद आया 1990 का दौर
उन्होंने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के नेतृत्व में सरकार में बदलाव के प्रयास की ओर इशारा किया। मंदी की चर्चा होते ही लोगों को याद आती है 1929 की महामंदी। पहले विश्व युद्ध के बाद आई इस मंदी ने दुनिया की आर्थिक कमर तोड़ दी थी।
कैसे बढ़ रहा मंदी का खतरा?
ग्रुएनवाल्ड ने कहा, मुझे लगता है कि अधिकतर उद्देश्य अपने आप में सार्थक हैं, लेकिन जिस तरह से उन्हें लागू किया जा रहा है, वह बहुत अव्यवस्थित है। ग्रुएनवाल्ड ने सीईआरए वीक ऊर्जा सम्मेलन के दौरान एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में बताया।
अगर इससे फर्म और उपभोक्ता अपने खर्च को कम करने लगते हैं और मांग कम हो जाती है, तो हमें मंदी का सामना करना पड़ सकता है, जिसे काफी हद तक टाला जा सकता था।
बाइडन प्रशासन की तारीफ
ग्रुएनवाल्ड ने जनवरी में ट्रंप के सत्ता में आने पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ठोस आधार पर बताया, उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन से प्रशासन में अर्थव्यवस्था काफी मजबूत था। मंदी एक ऐसी आर्थिक स्थिति है जिसमें किसी देश की अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों (6 महीने) तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट दर्ज की जाती है।
मंदी से क्या बदलेगा?
यह अर्थव्यवस्था में सामान्य मंदी की स्थिति को दर्शाता है। ये ऐसी स्थिति होती है जब GDP में गिरावट होती है, बेरोजगारी में वृद्धि होती है। लोग खर्चे कम कर देते हैं और निवेश कम हो जाता है, कंपनियों के मुनाफे में कमी होती है। शेयर बाजार में लगातार गिरावट की स्थिति होती है।
स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ
ट्रंप ने अमेरिका में आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर 25% का भारी टैरिफ लगा दिया। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार यूरोपीय संघ पर भी अमेरिका ने हाई टैरिफ लगाया है।
पुतिन का पहला कुर्स्क दौरा, क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों को घेरने का दिया आदेश
13 Mar, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को। कई साल के बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि अब दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की कोशिशें चल रही है।
इस बीच रूसी ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी रूसी क्षेत्र कुर्स्क का दौरा किया है। यह दौरा यूक्रेनी सेना द्वारा क्षेत्र के कुछ इलाकों पर कब्जा किए जाने के बाद पहली बार हुआ है।
पुतिन ने रूसी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले नियंत्रण केंद्र का दौरा किया और रूसी जनरल स्टाफ के प्रमुख की रिपोर्ट सुनी, जिन्होंने उन्हें बताया कि कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों को अब घेर लिया गया है।
पुतिन ने सेना को दिया यह आदेश
रिपोर्ट मे बताया कि पुतिन ने कहा कि रूसी सेना को जल्द से जल्द इस क्षेत्र को यूक्रेनी सैनिकों से पूरी तरह मुक्त कर लेना चाहिए। पुतिन ने सेना को रूसी क्षेत्र से अंतिम यूक्रेनी सैनिकों को बाहर निकालने का आदेश दिया
लगातार सिमट रहा यूक्रेनी सेना का कब्जा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कुर्स्क में हजारों सैनिकों के घिरने पर यूक्रेनी सेना के सर्वोच्च कमांडर जनरल से बात की है। यूक्रेनी सेना ने अगस्त 2024 में सीमावर्ती रूसी इलाके कुर्स्क पर हमला कर वहां की करीब 1,300 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया था, लेकिन बाद में रूसी सेना ने 800 वर्ग किलोमीटर भूमि मुक्त करवा ली थी।
पता चला है कि ताजा कार्रवाई में रूसी सुरक्षा बलों ने कुर्स्क में तीन प्रमुख ठिकाने मुक्त करवा लिए हैं। बताया गया है कि अब यूक्रेनी सेना कुछ सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सिमटकर रह गई है।
कुर्स्क में यह सब तब हो रहा है जब मंगलवार को सऊदी अरब में युद्धविराम पर वार्ता के सिलसिले में यूक्रेन के विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे। इस दौरान अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज सौदे पर भी बात होगी। विदित हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध की जल्द समाप्ति के लिए प्रयासरत हैं।
यूक्रेन में सेना तैनाती पर विचार करेंगे 30 देश
यूक्रेन में युद्धविराम की बढ़ती संभावना के बीच मंगलवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी अंतरराष्ट्रीय शांति सेना के गठन पर विचार करेंगे। यह शांति सेना यूक्रेन में तैनात होगी और यह यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी का काम करेगी।
हरियाणा में नगर निकाय चुनाव परिणाम: क्या बीजेपी के ट्रिपल इंजन का दम दिखेगा?
12 Mar, 2025 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अब बारी जाटलैंड के शहरी निकायों की है. प्रदेश के 40 नगर निकाय के मेयर और पार्षद के लिए बुधवार को नतीजे घोषित किए जा रहे हैं. हरियाणा के 8 नगर निगम में मेयर और वार्ड पार्षद के साथ 32 नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों के लिए चुनाव हुए हैं. इसके अलावा अंबाला और सोनीपत नगर निगम में मेयर उपचुनाव के नतीजे आएंगे. ऐसे में देखना है कि हरियाणा में ट्रिपल इंजन की सरकार बनेगी या फिर बीजेपी के विजयरथ को कांग्रेस रोकने में सफल रहेगी.
हरियाणा के नगर निकाय चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुए थे, जिसमें 46 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पानीपत की नगर निगम को छोड़कर बाकी सभी जगह दो मार्च को वोटिंग हुई थी, जबकि पानीपत में 9 मार्च को वोट डाले गए हैं. अभी तक आधी से ज्यादा नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा था. ऐसे में सबसे ज्यादा साख बीजेपी की दांव पर लगी है, तो कांग्रेस के लिए भी अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखने की चुनौती है.
हरियाणा की इन नगर निकाय के नतीजे
हरियाणा में गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल, यमुनानगर, अंबाला, सोनीपत और पानीपत नगर निगम सीटें हैं, जहां पर मेयर और पार्षद को चुनाव होना है. इसके अलावा पांच नगर परिषद सीटें है, अंबाला सदर, पटौदी जटौली मंडी, थानेसर, सिरसा और सोहना नगर परिषद सीटें हैं. नगर पालिका सीटें-करनाल, इस्माइलाबाद, कुरुक्षेत्र, रोहतक, बराड़ा, बवानी खेडा, लोहारू, सिवानी, जाखल मंडी, नारनौंद, जुलाना, कलायत, सीवन, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेडी, अटेली, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर जैसी सीटें शामिल हैं.
नगर निकाय में कितने उम्मीदवार?
प्रदेश के 10 नगर निगमों में मेयर (महापौर) के पद के लिए 43 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें गुरुग्राम और अम्बाला नगर निगमों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. इसी प्रकार 5 नगर परिषदों के प्रधान पद के लिए कुल 27 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके अलावा 23 नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 151 उम्मीदवार चुनाव मैदान किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा नगर निगम,नगर परिषद और नगर पालिका के वार्ड पार्षद के लिए चुनाव हुए हैं, जिसमें कई सीटें पर एक कैंडिडेट होने से निर्विरोध चुने गए हैं
नगर निगम, फरीदाबाद, वार्ड नंबर 36, नगर निगम, गुरुग्राम वार्ड नंबर 22, नगर निगम, करनाल वार्ड नंबर 8 और 11 नगर निगम, यमुनानगर वार्ड नंबर 9 शामिल है. इसी प्रकार नगर परिषद अंबाला सदर वार्ड नंबर 24 एवं नगर परिषद, थानेसर वार्ड नंबर 7 और 32 में भी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए हैं. इनके अलावा नगरपालिकाओं में 17 वार्ड सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच फाइट
नगर निकाय चुनाव का मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. बीजेपी और कांग्रेस सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. बीजेपी ने मेयर पद के लिए छह महिलाओं को उतारा है, तो कांग्रेस ने चार महिलाओं पर दांव खेला है. बीजेपी ने गुरुग्राम सीट से राजरानी मल्होत्रा, पानीपत से कोमल सैनी, करनाल से रेणु बाला, फरीदाबाद से प्रवीण जोशी, अंबाला से शैलजा सचदेवा और यमुनानगर से सुमन बहमनी मेयर प्रत्याशी हैं.
वहीं, कांग्रेस ने गुरुग्राम से सीमा पाहुजा, अंबाला से अमीषा चावला, फरीदाबाद में लता रानी और यमुनानगर में किरण देवी को मेयर का उम्मीदवार बनाकर उतारा है. भाजपा का तीन नगर निगमों में मेयर पद के लिए अपने ही बागियों से मुकाबला है, जो पाला बदलते हुए कांग्रेस का दामन थामकर उतरे हैं. गुरुग्राम से कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी सीमा पाहुजा भी पहले भाजपा में थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम से टिकट नहीं मिलने पर पाला बदल लिया. अब उनका मुकाबला भाजपा की राजरानी मल्होत्रा से है.
कांग्रेस के रोहतक से मेयर प्रत्याशी सूरजमल किलोई ने पिछले विधानसभा चुनाव में कलानौर से टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ दी थी. उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार राम अवतार वाल्मीकि से है. करनाल में 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ चुनाव लड़ चुके कांग्रेस प्रत्याशी मनोज वधवा बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब उनका मुकाबला यहां से भाजपा की दो बार की मेयर रेणु बाला से है.
किस सीट पर किससे हो रही फाइट?
मानेसर में पहली बार नगर निगम का चुनाव हुए हैं. मेयर पद के लिए 4 उम्मीदवार हैं. बीजेपी के सुंदर लाल, कांग्रेस के नीरज यादव, विजय सिंह और डॉ. इंद्रजीत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े. मानेसर के 20 वार्डों में पार्षद पद के लिए 167 उम्मीदवार मैदान में थे. जाटलैंड में मेयर पद के 5 उम्मीदवार हैं, रोहतक में मेयर पद के लिए बीजेपी से राम अवतार वाल्मीकि, कांग्रेस से सूरजमल किलोई, इनेलो से सूरज, आप से अमित खटक और दीपक सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी के मनमोहन गोयल मेयर बने थे.
रोहतक के 22 वार्डों में पार्षद पद के लिए 121 उम्मीदवार मैदान में हैं. हिसार में मेयर पद के 7 उम्मीदवार हैं. बीजेपी के प्रवीण पोपली, कांग्रेस के कृष्ण कुमार सिंगला, होशियार सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुरेंद्र कुमार और मीरा निर्दलीय उम्मीदवार किस्मत आजमा रही हैं. पहले कांग्रेस की शकुंतला राजलीवाला मेयर थीं. हिसार के 20 वार्डों में पार्षद पद के लिए 116 उम्मीदवार थे. मुख्य मुकाबला BJP के प्रवीण पोपली और कांग्रेस के कृष्ण सिंगला के बीच है.
करनाल नगर निगम में मेयर पद के लिए 4 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी से रेणु बाला गुप्ता, कांग्रेस से मनोज कुमार वधवा, मुकेश रघुवंशी और यश देव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही. 2019 के चुनाव में रेणु बाला गुप्ता मेयर बनी थीं. करनाल में कुल 20 वार्ड हैं. 2 वार्ड में BJP के उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, जिसके बाद 18 वार्ड में 92 उम्मीदवार मैदान में है. पानीपत नगर निगम में मेयर पद के लिए चार और 26 वार्डों में पार्षद पद के लिए 103 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
किसका क्या दांव पर लगा है?
प्रदेश के 10 नगर निगम में से 6 नगर निगमों पर अभी तक बीजेपी का कब्जा था. इसके अलावा दो नगर निगम पर कांग्रेस और एक पर हरियाणा जन चेतना पार्टी की मेयर थीं. मानेसर नगर निगम में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद हर नगर निगम में जाकर जनसभाएं की हैं और दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया है. ऐसे में सीएम नायब सैनी की साख दांव पर लगी है.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की प्रतिष्ठा करनाल, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम और मानेसर नगर निगमों में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत की है. हरियाणा सरकार के करीब एक दर्जन मंत्रियों को शहरी निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को जिताने की मशक्कत की है.
वहीं, हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद का लिटमस टेस्ट होगा. विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है, जिस वजह से उनकी पहली परीक्षा है. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का फोकस सिर्फ रोहतक नगर निगम के चुनाव पर है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की साख दांव पर लगी हैं. कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा, कैप्टन अजय सिंह यादव और रणदीप सिंह सुरजेवाला की शहरी निकाय चुनाव में ज्यादा रुचि नहीं ली, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के लिए भी खुद को साबित करने की चुनौती है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी और कांग्रेस में किसका पलड़ा भारी रहता है?
हरियाणा में बीजेपी का जलवा, मानेसर छोड़कर सभी नगर निगमों में जीती पार्टी
12 Mar, 2025 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के 10 नगर निगमों में से 9 पर बीजेपी को जीत मिली है. वहीं मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है. कांग्रेस सभी 10 नगर निगमों में हार गई है. मानेसर के अलावा पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत नगर निगमों में बीजेपी को जीत मिली. इसके अलावा पांच नगर परिषदों और 23 नगर पालिकाओं में भी वोटों की गिनती जारी है. ज्यादातर जगहों पर बीजेपी आगे चल रही है.
निकाय चुनाव रिजल्ट से जुड़े अपडेट्स
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में बीजेपी की बड़ी जीत हुई है. यहां मेयर का चुनाव बीजेपी ने जीता है. हालांकि पहले से ही यहां पर बीजेपी का सिटिंग मेयर है.
कांग्रेस विधायक और पहलवान विनेश फोगाट के विधानसभा क्षेत्र जुलाना के नगर पालिका में चेयरमैन पद पर बीजेपी की जीत हुई है.
मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है.
10 नगर निगम समेत 42 निकायों की काउंटिंग
हरियाणा में 10 नगर निगम समेत 42 निकायों की काउंटिंग सुबह 8 बजे शुरू हुई. नगर निगमों, परिषदों और नगर पालिकाओं में महापौर/अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों के लिए 2 मार्च को मतदान हुआ था. मतगणना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए .
आठ नगर निगमों हिसार, रोहतक, गुरुग्राम, पानीपत, फरीदाबाद, यमुनानगर, करनाल और मानेसर में मेयर के साथ वार्ड पार्षदों के लिए वोटों की गिनती हुई. 2 नगर निगमों, सोनीपत और अंबाला में सिर्फ मेयर के लिए काउंटिंग हुई. हरियाणा के अधिकांश नगर निकायों के लिए मतदान 2 मार्च को हुआ था, जबकि पानीपत नगर निगम के लिए 9 मार्च को अलग से मतदान हुआ था.
मतगणना के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गुरुग्राम पश्चिम बीसीपी करण गोयल ने कहा कि मतगणना के लिए सभी व्यवस्थाएं की गईं. 36 वार्ड हैं जिन्हें 6-6 वार्ड में बांटा गया. 6 ARO के अधीन 6 मतगणना केंद्र थे, सभी पर सख्त ड्यूटी लगाई गई. पार्किंग की व्यवस्था भी की गई. काफी फोर्स तैनात की गई. अगर मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस निकालता है तो उसके लिए भी हर इलाके में SHO, ACP तैनात किए गए हैं.
हरियाणा में 2 मार्च को हुई थी वोटिंग
हरियाणा में 2 मार्च को वोटिंग हुई थी. कुल 3 लाख 19 हजार वोटर्स में से 53.4 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. अंबाला और सोनीपत में महापौर पद के उपचुनाव हुए, जबकि 21 नगर समितियों में अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों के चुनाव भी कराए गए थे. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दावा है कि भाजपा नगर निकाय चुनावों में भी बड़ी जीत दर्ज करेगी.
मेयर पद के लिए कुल पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. कड़ी टक्करके बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जीत आखिर किसकी होती है.
मतगणना स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है. जिला निर्वाचन अधिकारियों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, ताकि मतगणना प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके.
चीन की AI-संचालित प्रणाली F-15 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों के लिए खतरा बन सकती है
12 Mar, 2025 03:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेजी बदलती इस दुनिया में AI तकनीक ने क्रांति ला दी है. स्कूल ऑफिस के काम से लेकर घर के कामों में AI की मदद ली जा रही है. इसी AI तकनीक को चीन और रूस जंग के मैदान में लेजाने में लगे हैं, चीन और रूस हवाई युद्ध में AI के इस्तेमाल की तकनीक विकसित करने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं. इस काम में चीन को बड़ी कामयाबी मिली है. चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने हवाई युद्ध में AI की ऐसी उपलब्धि प्राप्त की है किया भविष्य में युद्ध के तरीके ही बदल देगी.
हवाई युद्ध के भविष्य को नया आकार देने वाली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में, चीनी वैज्ञानिकों ने एयर फाइट में इस AI तकनीक की मदद से मानव की निर्भरता खत्म करने का दावा किया है.
पिछले साल बताया गया था कि ये तकनीक इन्फ्रारेड इमेजिंग को AI-संचालित पूर्वानुमानात्मक मॉडलिंग के साथ जोड़ती है, जिससे छोटे पंख-पूंछ की गतिविधियों का पता लगाकर दुश्मन की चाल का अनुमान लगाया जा सकता है.
अमेरिका F-15 को भी कर देगा तबाह
उत्तर-पश्चिमी शहर जियानयांग में स्थित नॉर्थवेस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों के एक दल के मुताबिक यह एक ऐसा विकास है, जो अमेरिका निर्मित F-15 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों को भी रक्षाहीन बना सकता है.
जर्नल ऑफ गन लॉन्च एंड कंट्रोल के दिसंबर एक लेख में मौजूदा AI वायु युद्ध प्रणालियों की कुछ गंभीर खामी को बताया गया था. इसमें खाया गया था कि अचानक आई परिस्थिति में AI को गैर-रेखीय युद्धाभ्यासों को समझने में कठिनाई पैदा हो सकती है.
दुश्मन के लिए काल
वरिष्ठ इंजीनियर के नेतृत्व में चीनी टीम ने दुश्मन के विमानों की चाल पर ध्यान केंद्रित उनसे निपटने का तरीका खोज लिया है. उन्होंने इन्फ्रारेड छवियों को देखने के लिए YOLOv8 न्यूरल नेटवर्क के एक खास संस्करण का इस्तेमाल किया है.
यह नेटवर्क विमान की नियंत्रण सतहों में छोटे बदलावों को देख सकता है, जैसे कि F-15 जैसे विमानों के पतवार (1.5 मीटर या लगभग पांच फीट) या लिफ्ट (2 मीटर या लगभग 6.5 फीट), जब वे उड़ रहे होते हैं. सिस्टम फिर इस जानकारी को एक प्रकार के AI को भेजता है, जिसे लॉन्ग शॉर्ट-टर्म मेमोरी (LSTM) नेटवर्क कहा जाता है, जिसे महत्वपूर्ण विवरणों पर ध्यान देने के लिए सुधारा गया है. इससे AI को विमान की अगली चालों का अनुमान लगाने में मदद मिलती है.