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चीन और पाकिस्तान के समर्थन के बाद बांग्लादेश के यूनुस ने तीसरे मुस्लिम देश से मांगी मदद
19 Mar, 2025 10:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार को भारत का बदल नहीं मिल पा रहा है. भारत से दूरी बनाने के बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस कभी पाकिस्तान, तो कभी चीन से मदद की गुहार लगाते नजर आते हैं. शेख हसीने के पतन के बाद से ही बांग्लादेश आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है और भारत के बिना इससे बाहर आ पाना उसके लिए बेहद मुश्किल है.
भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन नई सरकार का झुकाव चीन और पाकिस्तान की ओर होने से इनमें दूरी आई है. वहीं बांग्लादेश का भला चीन और पाकिस्तान भी नहीं कर पा रहे है. अब बांग्लादेश ने कतर से मदद की गुहार लगाई है. कतर के राजदूत सेराया अली अल-कहतानी से मिल मोहम्मद यूनुस ने अपील की है कि कतर के व्यापारी उनके देश में अवसर तलाशे.
कतर के राजदूत से मिले यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने राज्य अतिथि गृह जमुना में कतर के राजदूत सेराया अली अल-कहतानी मुलाकात की, जहां यूनुस ने कतर के लिए अपनी सरकार का संदेश उन्हें दिया. जिसके बाद अल-कहतानी ने कहा कि कतर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सुधार एजेंडे को अपना पूर्ण समर्थन दिया है. उन्होंने आगे कहा कि कतर बांग्लादेश को हर प्रकार का सहयोग देने के लिए उत्सुक है. मुलाकात के बाद मोहम्मद यूनुस ने कतर के अमीर का समर्थन और बांग्लादेश के साथ दोस्ताना व्यवहार करने के लिए धन्यवाद दिया.
अप्रैल में निवेश सम्मेलन
यूनुस ने कतर के साथ व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कतर के व्यापारियों को बांग्लादेश में निवेश करने और अपने कारखानों को देश के कई आर्थिक क्षेत्रों में लगाने के लिए आमंत्रित किया. यूनुस ने कहा, "बांग्लादेश अब व्यापार के लिए तैयार है. हम चाहते हैं कि कतर के व्यवसायी बांग्लादेश में अवसरों की तलाश करें." उन्होंने यह भी कहा कि ढाका में अप्रैल के शुरू में एक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
भारत ने बिना जंग लड़े बांग्लादेश और पाकिस्तान को किया कमजोर, 48 घंटे में कूटनीतिक दबाव
19 Mar, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान और बांग्लादेश पर बीते 48 घंटे भारी पड़े हैं. पहले चोट बांग्लादेश को पहुंची थी उसके बाद पाकिस्तान को. ये चोट किसी और ने नहीं बल्कि भारत ने पहुंचाई है और वो भी बिना जंग लड़े. दरअसल, भारत ने पहले अमेरिका के जरिए बांग्लादेश को मैसेज दिया और फिर नीदरलैंड के जरिए पाकिस्तान को. अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भारत की जमीन से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया. गबार्ड के इस बयान से बांग्लादेश को मिर्ची लगी. वहीं, भारत दौरे पर आए नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन बर्केलमैन्स से राजनाथ सिंह ने कहा कि नीदरलैंड पाकिस्तान को हथियार देना बंद करे. राजनाथ की इस अपील को नीदरलैंड मान लेता है तो पाकिस्तान का नुकसान होना तय है.
तुलसी गबार्ड ने क्या कहा था?
तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर आई थीं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों जैसे अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति ट्रंप तथा उनके प्रशासन के लिए चिंता का विषय रहा है. गबार्ड ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा कि देश में इस्लामवादी खिलाफत के साथ शासन करने की विचारधारा और उद्देश्य में इस्लामी आतंकवादियों का खतरा निहित है. उनकी इस टिप्पणी को बांग्लादेश ने निराधार बताया. मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा, इसने पूरे देश की गलत छवि पेश की है. कार्यालय ने कहा कि भारतीय टीवी चैनल में गबार्ड का बयान बांग्लादेश की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला है.
राजनाथ और नीदरलैंड के रक्षा की मुलाकात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नीदरलैंड के अपने समकक्ष रूबेन बर्केलमैन्स से मुलाकात की. राजनाथ ने इस दौरान अपील की कि नीदरलैंड की कंपनियां पाकिस्तान को हथियार, मंच या तकनीक उपलब्ध न कराएं. बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने पिछले कई दशकों से पाकिस्तान से उत्पन्न सीमापार आतंकवाद पर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण भारत को नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने बर्केलमैन्स से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि नीदरलैंड की कंपनियां पाकिस्तान को हथियार, मंच या प्रौद्योगिकी उपलब्ध न कराएं. राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मंच या प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए हानिकारक है.
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत से मुक्त व्यापार समझौते का किया आह्वान
19 Mar, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने मंगलवार को कहा कि वह 60 दिनों में भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्सुक हैं और इस कदम से दस सालों में द्विपक्षीय व्यापार में 10 गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। लगभग 10 वर्षों के अंतराल के बाद भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू करने का एलान किया है।
आइए रिश्ते को आगे बढ़ाएं: लक्सन
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री 16 मार्च से चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हुए हैं। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए लक्सन ने कहा, ''आइए इस रिश्ते को आगे बढ़ाएं और मैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 60 दिनों के भीतर उस समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।'' व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, वार्ता में मुश्किल बिंदु सेब, कीवी, डेयरी और वाइन जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें होंगी।
10 साल में 10 गुना वृद्धि की संभावना
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें अगले 10 सालों में 10 गुना वृद्धि हासिल करने की पूरी संभावना है। गोयल ने कहा, ''अगर हम पूरक अर्थव्यवस्था की भावना से काम करते हैं तो शायद ही कोई ऐसी चीज हो जिस पर हम एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करें। कुछ संवेदनशील बिंदुओं पर हम बहुत आसानी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि आज दोनों देशों में विकास के अलग-अलग स्तर और समृद्धि है।''
बंदूक रखकर नहीं किया जा सकता समझौता
अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ चल रही व्यापार वार्ता के बारे में गोयल ने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि कोई भी मुक्त व्यापार समझौता कभी भी किसी के सिर पर बंदूक रखकर नहीं किया जाता है। इस संबंध में कोई भी समयसीमा या अंतिम तिथि नहीं हो सकती है, लेकिन आकांक्षी होना अच्छा है।'
2010 में शुरू हुई थी बातचीत
भारत और न्यूजीलैंड ने वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर बातचीत शुरू की। हालांकि, नौ दौर की चर्चाओं के बाद 2015 में वार्ता ठप हो गई थी।
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च के अनुसार, न्यूजीलैंड के साथ भारत के प्रस्तावित एफटीए से घरेलू कंपनियों को सीमित लाभ होगा, क्योंकि वे पहले से ही बड़ी संख्या में वस्तुओं के लिए उस बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच का आनंद ले रहे हैं।
न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क भारत के 17.8 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 2.3 प्रतिशत है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 87.3 करोड़ डॉलर, जबकि 2022-23 में यह 1.02 अरब डॉलर था।
सुनीता विलियम्स ने 9 महीने बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर की वापसी
19 Mar, 2025 07:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहकर्मी बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कर ली है। नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के चार सदस्यों ने भारतीय समयानुसार बुधवार को 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड किया। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना मिशन शुरू किया था।
निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव 29 सितंबर 2024 को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे। हेग और गोरबुनोव स्पेसएक्स के ड्रैगन फ्रीडम अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरिक्ष में गए थे, जिसे सितंबर से स्टेशन पर डॉक किया गया था और जो क्रू-9 को वापस लाया है। स्पलैशडाउन के बाद चालक दल ड्रैगन और उसके चालक दल को वापस लाए, इस प्रक्रिया में लगभग एक घंटा लगा। नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी का सीधा प्रसारण किया है। अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी पर दुनियाभर की नजरें थीं। सब उनकी सुरक्षित वापसी के लिए दुआ कर रहे थे।
कैसे हुआ स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल का स्पलैशडाउन?
जैसे ही स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र के ऊपर कुछ दूरी पर रह गया तो पैराशूट खुल गए। शुरू में दो पैराशूट दिखाई दिए, फिर कुछ सेकेंड के बाद पूरे चार पैराशूट दिखाई दिए। पैराशूट खुलने के बाद कैप्सूल धीरे-धीरे नीचे उतरने के लिए पर्याप्त रूप से धीमा हो जाता है। कुछ ही देर में कैप्सूल समुद्र में सुरक्षित स्पलैशडाउन कर लेता है। समुद्र में यान के उतरने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत नियंत्रण केंद्र से इस संदेश के साथ किया गया, "निक, एलेक, बुच, सुनी - स्पेसएक्स की ओर से घर में आपका स्वागत है।" कमांडर निक हेग ने जवाब दिया, "क्या शानदार यात्रा है।" इसके बाद रिकवरी टीम अपनी तेज नावों में सवार होकर कैप्सूल के पास पहुंची और उसमें हार्नेस लगाई। रस्सियों का उपयोग कैप्सूल को रिकवरी वेसल तक खींचने के लिए किया जाता है। इसके बाद स्पेसएक्स का रिकवरी वेसल यान तक पहुंचा। कैप्सूल के रिकवरी वेसल पर चढ़ाया गया और फिर खोलने से पहले धोया गया। रिकवरी वेसल का नाम मेगन है, जिसका नाम नासा की अंतरिक्ष यात्री मेगन मैकआर्थर के नाम पर रखा गया है।
अंतरिक्ष यात्रियों ने ताजी हवा में ली सांस
रिकवरी वेसल पर स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल को खोला गया और अंतरिक्ष यात्रियों काफी समय बाद ताजी हवा में सांस ली। फिर चारों यात्रियों को बारी-बारी से कैप्सूल से बाहर निकाला गया। क्रू-9 कमांडर निक हेग कैप्सूल से सबसे पहले बाहर निकले। इसके बाद अलेक्जेंडर बाहर आए और फिर सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मोर बाहर आए। सभी ने चेहरे पर मुस्कान के साथ और हाथ हिलाते हुए अभिवादन किया। उन्हें एक रोलिंग स्ट्रेचर पर बैठाकर ले जाया गया। जब स्पलैशडाउन हुआ, तो उस समय मौसम ने साथ दिया।
भारत में हवन-यज्ञ और प्रार्थनाएं
गुजरात में रहने वाले सुनीता विलियम्स के परिवार के लोग उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। उनके चचेरे भाई दिनेश रावल ने मंगलवार को अहमदाबाद में 'यज्ञ' का आयोजन किया और कहा, "परिवार में हर कोई सुनीता के सुरक्षित आगमन के लिए प्रार्थना कर रहा है। सभी खुश हैं कि वह वापस आ रही है।" उन्होंने कहा, ''हमारे गांव में महिला मंडल की ओर से एक बड़ा प्रार्थना समारोह और भजन शुरू किया गया है, जो कल सुबह तक चलेगा। भगवान हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी करें...।''
पैतृक गांव झूलासन में किया गया हवन
सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव झूलासन में लोगों ने नासा की अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षित घर वापसी की कामना करते हुए हवन किया। झूलासन में डोला माता मंदिर में भी प्रार्थना की गई। मंदिर के पुजारी दिनेश पंड्या ने कहा, "हम सभी बहुत खुश हैं और हम पिछले नौ महीनों से उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। जब वह पहली बार अंतरिक्ष में गई थीं, तो वह अपने साथ डोला माता की एक तस्वीर ले गई थीं। जब भी वह भारत आती हैं तो मंदिर जरूर आती हैं।"
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने किसानों को 60 करोड़ रुपये का लाभ देने के लिए वित्त मंत्री से की अपील
18 Mar, 2025 09:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से फसल अवशेष प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाले 10 कृषि उपकरणों पर जीएसटी में छूट की मांग की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
केंद्रीय मंत्रियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कहा कि हरियाणा के किसान देश के अन्न भंडार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में पराली दहन एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में उभरी है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हरियाणा के किसान फसल अवशेष प्रबंधन में नई मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगले वर्ष 2025 के लिए पराली की कार्य योजना तैयार की है। जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर लगभग 200 करोड़ रुपये का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इन मशीनों की खरीद पर कुल 500 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है, जिसमें लगभग 60 करोड़ रुपये किसानों पर जीएसटी (12% की दर से) के रूप में अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
सीएम नायब सैनी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार व राज्य सरकार की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनों पर अनुदान प्रदान किया जा रहा है। जिससे 2023 की तुलना में पिछले वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में 39% की कमी दर्ज की गई।
सैनी ने इन मशीनों की खरीद पर जीएसटी छूट मांगी
सीएम सैनी ने रोटावेटर , डिस्क हैरो , कल्टीवेटर , जीरो ड्रिल , सुपरसीडर , स्ट्रॉ बेलर , हैरेक , स्लेशर , रीपर बाइंडर व ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे पंप की खरीद में किसानों को जीएसटी में छूट देने की मांग की है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर केंद्र सरकार यह छूट प्रदान करती है तो किसानों को इन तकनीकों और मशीनों के अधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा और फसल अवशेषों के जलने से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोकथाम लग सकेगी।
हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री के बेटे गगनदीप के घर पर फायरिंग, दो आरोपी गिरफ्तार
18 Mar, 2025 06:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री जसविंद्र सिंह संधू के बेटे गगनदीप के घर पर फायरिंग हुई है। फायरिंग करने वाले दो हमलावर थे, जोकि नशे के आदी बताए जा रहे हैं, जिनको काबू करके पुलिस के हवाले कर दिया गया है। हमले की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जबकि पूर्व मंत्री का बेटा हमले में बाल-बाल बच गया। मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हमलावरों ने गगनदीप के भाई के कहने पर वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस को दी शिकायत में पूर्व कृषि मंत्री के बेटे व गांव गुमथला गढू के पूर्व सरपंच गगनदीप ने बताया कि रविवार को उनके घर के बाहर दो युवक हुड़दंग कर रहे थे, जिसकी सूचना उनके वाहन चालक ने दी। इसके बाद घर के दरवाजे बंद कर दिए गए। कुछ समय बाद इन युवकों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। इनमें से एक युवक ने दीवार को फांदकर अंदर घुस देसी पिस्टल से फायरिंग कर दी। उन्होंने कमरा बंद कर जान बचाई। इसी बीच हमलावर फरार हो गए, जिनकी तलाश करते हुए सोमवार को उन्होंने हमलावर काबू कर पुलिस को सौंप दिए।
गगनदीप के भाई से हुई थी हमलावरों की मुलाकात
जांच अधिकारी सिंगारा ने बताया कि दोनों हमलावरों ने पूछताछ में माना कि वे नशे के आदी हैं। दोनों हमलावरों की मुलाकात गगनदीप के रिश्ते में भाई हरकिरत से पंजाब के नशा मुक्ति केंद्र में हुई थी, जहां पर हमलावरों को उसने बताया कि उसका भाई उनसे रंजिश रखता है। दोनों ने नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आने के बाद अपने दोस्त को दिया वादा निभाने के लिए गगनदीप के घर पर हमला कर दिया। आरोपियों की पहचान सुखजोत वासी क्योड़ा जिला होशियारपुर व जसंवत वासी जिला कपूरथला, पंजाब के रूप में हुई है। दोनों हमलावारों को अदालत में पेश करने उपरांत जेल में भेज दिया गया है।
नेतन्याहू की कुर्सी बचाने के लिए इजराइल ने गाजा में हमला किया? जानिए असली वजह
18 Mar, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इजराइल ने अचानक से गाजा में बम बरसाने शुरू कर दिए हैं. 244 लोग अब तक मारे गए हैं. इजराइल का कहना है कि हमास बात नहीं मान रहा था, इसलिए बम बरसाए गए हैं, लेकिन टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक केस में नेतन्याहू के खिलाफ गवाही होनी थी.
पिछली सुनवाई में इजराइली पीएम नेतन्याहू ने जज पर ही चिल्ला दिए थे, जिसके बाद नेतन्याहू से जज ने नाराजगी जताई थी. इस केस में अगर नेतन्याहू दोषी पाए जाते हैं तो उनकी कुर्सी जा सकती है. गाजा युद्ध में बंधकों रिहा न कराने और हमास का खात्मा न करने पाने की वजह से नेतन्याहू का विरोध देश भर में पहले से बड़ा हुआ है. जानकारों का मानना है कि जंग को आगे बढ़ाना नेतन्याहू के राजनीतिक संकट से बचने के उपायो में से एक है.
इजराइल के हमले
इजराइल ने सोमवार को अचानक से गाजा में बम बरसाने शुरू कर दिए हैं. इन हमलों में 244 लोग अब तक मारे गए हैं. इजराइल का कहना है कि हमास बात नहीं मान रहा था, इसलिए बम बरसाए गए हैं, रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक केस में नेतन्याहू के खिलाफ गवाही होनी थी.
हमले शुरू और मामला रद्द?
अभियोजकों ने मामले को रद्द करने पर सहमति व्यक्त की है और मामले की देखरेख कर रहे जेरूसलम जिला न्यायालय के न्यायाधीशों ने बचाव पक्ष के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की है. इसके बजाय, नेतन्याहू कथित तौर पर सुबह 11 बजे शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक तत्काल सुरक्षा परामर्श करेंगे.
स्पेन ने कैसे 85 मीटर लंबी चट्टान को किया कब्जे में? दुनिया की सबसे छोटी अंतरराष्ट्रीय सीमा
18 Mar, 2025 01:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर किन दो देशों के बीच है, तो आपका जवाब कनाडा और अमेरिका होगा. ये दोनों देश एक-दूसरे से सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय शेयर करते हैं. लेकिन धरती पर सबसे छोटा इंटरनेशनल बॉर्डर कौन सा है? यह किन दो देशों के बीच है? तो बहुत कम लोगों को इसका जवाब पता होगा. ऐसे में आपको बता दें कि दुनिया की सबसे छोटी सीमा केवल 85 मीटर की है, जो स्पेन और मोरक्को को जोड़ती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह एक छोटी चट्टान से जुड़ी है. इस चट्टान का नाम पेनोन दे वेलेज दे ला गोमेरा है, जो उत्तरी अफ्रीका में है. यह चट्टान बहुत खास है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे छोटी राष्ट्रीय सीमा का हिस्सा है. इस चट्टान का क्षेत्रफल करीब 19,000 वर्ग मीटर है. सन 1564 में स्पेन के एक सेनापति पेड्रो दे एस्टोपिनन ने इस पर कब्जा किया था, तब से यह स्पेन का हिस्सा है.
मोरक्को ने कई बार इसे अपना बताया, लेकिन स्पेन ने कभी इसे छोड़ा नहीं. वहां स्पेन के सैनिक रहते हैं जो इसकी रक्षा करते हैं. बता दें कि स्पेन का जमीनी बॉर्डर करीब 2000 किलोमीटर लंबा है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पुर्तगाल और फ्रांस से लगती है. लेकिन स्पेन के पास कई देशों से जुड़ी हुई छोटी सीमाएं भी हैं, जैसे अंडोरा, जिब्राल्टर (यूनाइटेड किंगडम) और मोरक्को के साथ. इनमें से मोरक्को के साथ 85 मीटर की सीमा सबसे छोटी है. यह सीमा पेनोन दे वेलेज को मोरक्को के तट से जोड़ती है. यह चट्टान स्पेन के उन खास इलाकों में से एक है, जो उत्तरी अफ्रीका में हैं. इनमें सेउटा, मेलिला, पेनोन दे अल्हुसेमास, चफारिनास द्वीप और इस्ला दे पेरेजिल भी शामिल हैं. यह स्पेन के अधीन हैं, लेकिन इन्हें पूरा देश नहीं माना जाता. पहले यह चट्टान एक आइलैंड था. सन 1934 में एक भूकंप आया और उसने एक छोटा रास्ता बना दिया, जिसके बाद यह द्वीप एक प्रायद्वीप बन गया. तब से यह 85 मीटर की सीमा दुनिया की सबसे छोटी सीमा कहलाती है.
इस जगह पर अब सिर्फ स्पेन के सैनिक रहते हैं. वे उसकी निगरानी करते हैं और हर महीने उनकी टुकड़ी बदलती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन बता दें कि वहां पानी और बिजली भी नहीं है. ऐसे में स्पेन की नौसेना जहाजों से सैनिकों के लिए सामान लाती है. अक्सर मोरक्को इस पर दावा करता है. सन 2012 में तो कुछ लोग इस छोटे पहाड़ पर चढ़ गए, जो सेउटा और मेलिला को आजाद करने वाली एक कमेटी से थे. उन्होंने स्पेन का झंडा हटाकर मोरक्को का झंडा लगा दिया. यह सब कुछ मिनटों तक चला. स्पेन के सैनिकों ने झट से मोरक्को का झंडा हटाया और उन लोगों को पकड़ लिया. तब इसे एक छोटा आक्रमण माना गया. यह आखिरी बार था जब इस चट्टान पर कोई बाहर से आया. पेनोन दे वेलेज भले ही छोटी और सुनसान जगह हो, लेकिन स्पेन इसे मोरक्को को नहीं सौंपना चाहता, जबकि यह उसके जमीनी बॉर्डर से काफी दूर है.
गाजा में इजरायल के हवाई हमले से 200 फलस्तीनी मारे गए, हमास ने सीजफायर तोड़ने का लगाया आरोप
18 Mar, 2025 12:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काहिरा। गाजा पट्टी में इजरायली सेना ने एक बार फिर हमला बोला है। नेतन्याहू की सेना के हवाई हमलों में 200 फलस्तीनियों के मारे जाने की खबर है। रॉकेट अटैक में कई बच्चों की भी जान गई है। इजरायली सेना ने एयरस्ट्राइक के बाद ये भी कहा कि गाजा में उनका सैन्य अभियान हवाई हमलों से आगे भी जारी रहेगा।
हमास कमांडरों को किया गया ढेर
इजरायली सेना ने कहा कि वह गाजा में हमास कमांडरों को ढेर करने के साथ उनके आतंकी अड्डों को भी निशाना बनाता रहेगा। सेना ने कहा कि जब तक जरूरत होगी तब तक हमले जारी रहेंगे और हवाई हमलों से आगे भी अभियान का विस्तार किया जाएगा।
हमास ने चेताया
उधर, हमास ने चेतावनी देते हुए कहा है कि गाजा में इजरायल के नए हमले युद्धविराम का उल्लंघन करते हैं और बंधकों के भाग्य को खतरे में डालते हैं।
नेतन्याहू ने बताया हमले का कारण
इजरायल ने आज गाजा पट्टी पर हवाई हमलों की झड़ी लगा दी। इजरायल ने कहा कि जनवरी में युद्ध विराम लागू होने के बाद से इस क्षेत्र में यह सबसे बड़ा हमला है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के लिए वार्ता में प्रगति की कमी के कारण हमलों का आदेश दिया।
सीजफायर टूटा, बंधकों की जान को खतरा
नेतन्याहू के ये भी कहा कि इजरायल अब से सैन्य शक्ति में वृद्धि के साथ हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इस हमले ने मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के दौरान सीजफायर को तोड़ दिया और 17 महीने के युद्ध में पूरी तरह से लड़ाई की संभावना को बढ़ा दिया है।
बता दें कि अब तक इजरायल के हमले में 48000 से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है और गाजा में व्यापक विनाश हुआ है। इस हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए लगभग दो दर्जन इजरायली बंधकों के भाग्य पर भी अब खतरा पैदा हो गया है।
जो बाइडन के बच्चों की सीक्रेट सर्विस सुरक्षा खत्म करने पर ट्रंप की आलोचना, छुट्टियों का किया जिक्र
18 Mar, 2025 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के बच्चों हंटर बाइडन और एश्ले बाइडन के लिए सीक्रेट सर्विस प्रोटेक्शन रद कर दी। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।
ट्रंप ने पोस्ट में कहा, 'हंटर बाइडन को लंबे समय तक सीक्रेट सर्विस प्रोटेक्शन मिली हुई थी, जिसका पूरा भुगतान संयुक्त राज्य अमेरिका के करदाताओं द्वारा किया गया था।'
रिपोर्टर के सवाल के बाद एक्शन
ट्रम्प ने कहा, 'कृपया सुनिश्चित करें कि तत्काल प्रभाव से हंटर बाइडन को अब सीक्रेट सर्विस प्रोटेक्शन नहीं मिलेगी। इसी तरह, एश्ले बिडेन, जिनके पास 13 एजेंट हैं, उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा।'
ये घोषणा एक रिपोर्टर द्वारा ट्रम्प से हंटर बाइडन की सीक्रेट सर्विस के बारे में पूछे जाने के कुछ घंटों बाद हुई। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पता नहीं था, लेकिन वे इसकी जांच करेंगे।
सीक्रेट सर्विस ने मारी युवक को गोली
अभी हाल ही में व्हाइट हाउस में दाखिल होने की कोशिश कर रहे एक युवक को सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने गोलियों से छलनी कर दिया था। सीक्रेट सर्विस की ओर से जारी बयान के अनुसार, व्हाइट हाउस से लगभग एक ब्लॉक की दूरी पर हुई गोलीबारी में कोई और घायल नहीं हुआ। गोलीबारी के समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा में थे।
सीक्रेट सर्विस को स्थानीय पुलिस से एक कथित आत्मघाती व्यक्ति के बारे में सूचना मिली थी, जो इंडियाना से यात्रा कर रहा था। एजेंटों ने उस व्यक्ति की कार और विवरण से मेल खाने वाले एक व्यक्ति को पास पाया।
सीक्रेट सर्विस ने एक बयान में कहा कि जैसे ही अधिकारी उसके पास पहुंचे, उस व्यक्ति ने बंदूक लहराई और सशस्त्र टकराव शुरू हो गया, जिसके दौरान हमारे कर्मियों ने गोलियां चलाईं।
यूक्रेन-रूस युद्ध में नया मोड़, 1210 रूसी सैनिक मारे गए, शांति वार्ता की कोशिशें जारी
18 Mar, 2025 12:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूक्रेन और रूस युद्ध में नया मोड़ आ गया है. अमेरिका जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत कर शांति समझौते की कवायद कर रहा है. वहीं यूक्रेन की सेना जंग के मैदान में लगातार रूसी सैनिकों को मार रही है. पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत से पहले यूक्रेन ने रूस के 1210 सैनिक मार गिराए हैं.
द कीव इंडिपेंडेंट ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि जंग के मैदान में 17 मार्च को रूस के 1210 सैनिक मारे गए. 16 मार्च को यूक्रेन ने पुतिन के 1400 से ज्यादा सैनिक मारे. वो भी तब, जब शांति वार्ता के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रूस के राजधानी मॉस्को में हैं.
8 लाख 95 हजार सैनिक ढेर
रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध में अब तक रूस के 8 लाख 95 हजार सैनिक ढेर हो चुके हैं. अमेरिका से खुफिया जानकारी मिलने के बाद यूक्रेन हर घंटे रूस के 55 से ज्यादा सैनिकों को मार रहा है. यूक्रेन की सेना एक तरफ हवाई ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है तो वहीं चलने वाले ड्रोन के जरिए भी रूसी सैनिकों को युद्ध के मैदान में दौड़ा रही है.
यूक्रेन ने अब तक रूस के एक सबमरीन और 28 बोट को मार गिराया है. 10 हजार से ज्यादा रूसी टैंक नष्ट हो चुके हैं. वहीं रूस ने ओब्लास्ट और खारसेन जैसे इलाकों पर कब्जा कर लिया है.
यूक्रेन का कहना है कि रूस ने उसके 20 प्रतिशत हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसे छोड़ने के बाद ही शांति की बात की जाएगी.
शांति के लिए शर्तों पर दांव
रूस और यूक्रेन जहां जंग के मैदान में मजबूती से आमने-सामने है. वहीं शांति के लिए शर्तों का दांव भी खेलना शुरू कर दिया है. रूस का कहना है कि जंग के बाद यूक्रेन न्यूट्रल स्थिति में रहे. वहीं नाटो की मेंबरशिप लेने की कवायद न करे.
दूसरी तरफ यूक्रेन का कहना है कि जो जमीन रूसी कब्जे में है, उसे पहले छोड़ा जाए. वहीं रूस अस्थाई के बदले स्थाई शांति समझौते पर हस्ताक्षर करे, जिससे आने वाले पीढ़ी प्रभावित न हो.
वहीं एक पेच शांति सैनिकों की तैनाती को लेकर भी फंसा है. रूस का कहना है कि यूक्रेन में कोई भी देश शांति सैनिकों की तैनाती न करे. ऐसा करना युद्ध की आग में फिर से घी डालने जैसा होगा.
अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर, पीएम मोदी से की मुलाकात
18 Mar, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया की निदेशक तुलसी गबार्ड भारत के दौरे पर हैं. उनकी यात्रा तीन दिन की है. गबार्ड का यहां पर शानदार स्वागत किया गया. सोमवार को उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. उन्होंने अपने इस दौरे पर एक इंटरव्यू में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर टिप्पणी की, जिससे मुहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार को मिर्ची लग गई. युनूस सरकार ने कहा कि तुलसी गबार्ड की टिप्पणियां किसी भी सबूत पर आधारित नहीं थीं.
तुलसी गबार्ड ने एक इंटरव्यू में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और हत्या का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ हाल ही में बातचीत शुरू की है, लेकिन यह चिंता का विषय बना हुआ है.
बांग्लादेश ने क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा, वे (गबार्ड की टिप्पणी) पूरे देश को एक व्यापक और अनुचित तरीके से चित्रित करते हैं. गबार्ड का बयान बांग्लादेश की छवि और प्रतिष्ठा को गुमराह करने वाला और नुकसान पहुंचाने वाला है. एक ऐसा देश जिसकी पारंपरिक इस्लाम प्रथा प्रसिद्ध रूप से समावेशी और शांतिपूर्ण रही है और जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति की है.
कार्यालय ने कहा कि बांग्लादेश को इस्लामवादी खिलाफत के विचार से बेबुनियाद तरीके से जोड़ने से अनगिनत बांग्लादेशियों और दुनिया भर में उनके दोस्तों और साझेदारों की कड़ी मेहनत को नुकसान पहुंचा है. आगे कहा गया कि बांग्लादेश किसी भी तरह के इस्लामवादी खिलाफत से जोड़ने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करता.
बांग्लादेश ने और क्या कहा?
यूनुस के कार्यालय ने कहा, नेताओं को अपने बयान विशेष रूप से सबसे संवेदनशील मुद्दों पर वास्तविक ज्ञान के साथ बोलना चाहिए. भय को बढ़ाने और यहां तक कि सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने से उन्हें बचना चाहिए.
तुलसी गबार्ड तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को नई दिल्ली पहुंचीं. गबार्ड ने इस्लामिक खिलाफत की विचारधारा के बारे में बात की और बताया कि कैसे वैश्विक स्तर पर आतंकवादी समूह ऐसे परिणाम की चाह रखते हैं. हालांकि, मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि दुनिया भर के कई देशों की तरह बांग्लादेश को भी चरमपंथ की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसने कानून , सामाजिक सुधारों और अन्य आतंकवाद विरोधी प्रयासों के माध्यम से इन मुद्दों को हल करने के लिए लगातार काम किया है.
इंडोनेशिया में आज सुबह 5.5 तीव्रता से आया भूकंप
18 Mar, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भूकंप के झटके आए दिन धरती को दहला रहे हैं। आज सुबह फिर भूकंप आया और धरती कांप गई। लोगों में दहशत फैल गई। रिपोर्ट के अनुसार, आज सुबह इंडोनेशिया में जोरदार भूकंप आया। नॉर्थ सुमात्रा में यह भूकंप सुबह करीब 3 बजकर 53 मिनट पर आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में मिला है। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन भूकंप के झटकों से इंडोनेशिया के लोग डरे हुए हैं और सरकार ने भी देशभर में अलर्ट जारी करके लोगों को सतर्क किया है।
आज ही के दिन टेक्सास के स्कूल में हुई चूक से 295 मौतें, इतिहास का काला दिन
18 Mar, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के दिन का इतिहास उस भयानक और दर्दनाक त्रासदी से जुड़ा है, जिसमें एक चूक के कारण 295 स्कूल स्टूडेंट्स और टीचर्स की जान चली गई थी। यह हादसा अमेरिका के टेक्सास शहर में हुआ था और उस त्रासदी को न्यू लंदन स्कूल विस्फोट के नाम से जाना जाता है। आज से 88 साल पहले 18 मार्च 1937 को टेक्सास शहर में बने न्यू लंदन स्कूल में प्राकृतिक गैस के रिसाव से इतना भीषण विस्फोट हुआ था कि स्कूल के चिथड़े उड़ गए थे। उस विस्फोट के बाद हादसास्थल पर जो मंजर देखने का मिला, उसने लोगों का दिल दहला दिया। इस हादसे को वर्ष 1900 के गैल्वेस्टन डिजास्टर और 1947 की टेक्सास सिटी ट्रेजेडी के बाद टेक्सास के इतिहास का तीसरा सबसे घातक हादसा कहा गया। आइए जानते है कि 18 मार्च 1937 के दिन क्या हुआ था?
इस तरह हुआ था हादसा
इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, 18 मार्च 1937 को शुक्रवार था और स्कूल हर रोज की तरह लगा था। ईस्ट टेक्सास में न्यू लंदन स्कूल नया-नया बना था। दोपहर के समय बच्चे छुट्टी होने का इंतज़ार कर रहे थे। स्कूल की मेन बिल्डिंग से दूर 100 फीट दूर बने ऑडिटोरियम में PTA मीटिंग चल रही थी और मां-बाप अपने बच्चों के साथ थे। छोटे-छोटे बच्चे ऑडिटोरियम में डांस परफॉर्मेंस दे रहे थे। एग्जाम भी चल रहे थे। वीकएंड पर होने वाले स्पोर्ट्स कंपीटिशन की तैयारियां ग्राउंड में चल रही थीं।
मेन बिल्डिंग में लगभग 500 छात्र और 40 शिक्षक थे। अचानक एक टीचर लेम्मी आर. बटलर ने एक इलेक्ट्रिक सैंडर ऑन कर दिया। इस दौरान सैंडर के स्विच से एक चिंगारी निकली, जिससे बेसमेंट में भरी गैस में आग भड़क गई थी। इससे भयानक विस्फोट हुआ, जिसने स्कूल की बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया। छत बिल्डिंग से ऊपर उठ गई और धड़ाम से नीचे आ गिरी। स्कूल की दीवारें गिरने लगीं। ईंट-कांच और लकड़ी के बीम हवा में उड़ने लगे। कुछ ही मिनटों में सबकुछ तहस नहस हो गया।
10 एकड़ (4 हेक्टेयर) में बना स्कूल मलबे और लाशों का ढेर बन गया। आसमान काले धुएं से भर गया। धमाके की आवाज सुनकर लोग दौड़े आए। पुलिस, डॉक्टरों, रेस्क्यू टीमों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया। धमाके से कुछ सेकेंड पहले स्कूल बस ड्राइवर लोनी बार्बर प्राइमरी बच्चों को लेकर निकला था, जिनकी जान किस्मत से बच गई। बार्बर ने 2 घंटे का सफर करके बच्चों को उनके घर छोड़ा और फिर अपने 4 बच्चों की तलाश में स्कूल वापस आया। उनके बेटे आर्डेन की हादसे में जान गई थी। मृतकों में ज्यादातर बच्चे 5वीं से 11वीं क्लास के थे, क्योंकि छोटे छात्रों को एक अलग बिल्डिंग में पढ़ाया जाता था। मृतकों को न्यू लंदन के पास प्लीजेंट हिल कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
जांच में पता चला हादसे का कारण
न्यू लंदन स्कूल के निर्माण में एक मिलियन डॉलर खर्च हुआ था और यह देश के सबसे अमीर स्कूलों में से एक था, जिसे कच्चे तेल के पैसे से बनाया गया था, लेकिन इतने बड़े स्कूल में हुए हादसे ने पूरे देश को हिला दिया था। सरकार के आदेश पर यूनाइटेड स्टेट्स ब्यूरो ऑफ माइंस ने हादसे की जांच की, जिसके विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि स्कूल में गैस लाइन के कनेक्शन में कमियां थी। गलत तरीके से कनेक्शन के कारण ही स्कूल में गैस लीक हो गई थी, क्योंकि प्राकृतिक गैस अदृश्य और गंधहीन होती है, इसलिए रिसाव का पता नहीं चल पाया। माना जाता है कि सैंडर के स्विच से निकली चिंगारी ने ही आग भड़काई थी।
हरियाणा में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा, 5000 करोड़ रुपये का फंड प्रावधान
17 Mar, 2025 06:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़: हरियाणा में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये मिलेंगे. CM नायब सिंह सैनी ने बजट में ऐलान किया. इसके लिए बजट में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सीएम में बजट पेश करने के दौरान कहा कि प्रदेश में महिलाओं को प्रति माह ₹2100/- की आर्थिक सहायता देने की ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ शुरू होगी. सीएम सैनी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. सैनी ने कहा कि उन्हें राज्य के बजट के संबंध में विभिन्न वर्गों से लगभग 11,000 सुझाव मिले हैं.
सरकार ने अभी लाडो लक्ष्मी योजना का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. योजना का लाभ उठाने के लिए हरियाणा सरकार के अंत्योदय सरल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. योजना का लाभ उठाने के लिए आपको हरियाणा की स्थायी निवासी होना चाहिए. परिवार की सालाना आय 1,80,000 रुपये से अधिक न हो. अगर आपने अभी तक बीपीएल कार्ड नहीं बनवाया है तो लाडो लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे. बीपीएल में रजिस्ट्रेशन कराते समय अंत्योदय सरल पोर्टल की यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करना होगा. योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है.
हरियाणा में बनेगा ‘भविष्य विभाग’
हरियाणा में ‘भविष्य विभाग’ नाम से एक नया विभाग बनाया जाएगा. सैनी ने कहा कि बजट में 2025-26 के लिए 2,05,017.29 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान जताया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हरियाणा सरकार ने ई-शासन पर बहुत जोर दिया है. उनकी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र के 217 वादों में 19 को पूरा किया है. सीएम सैनी ने कहा, इस दिशा में मेरा प्रस्ताव हरियाणा एआई मिशन स्थापित करने का है. विश्व बैंक ने 474 करोड़ रुपये की सहायता देने का भरोसा दिया है.