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रामास्वामी नहीं लड़ेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
17 Jan, 2024 10:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। रामास्वामी ने मंगलवार को खुद इसकी जानकारी दी। दरअसल, मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राज्य आयोवा में वो रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का चुनाव हार गए। इसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की। विवेक इस रेस में चौथे पायदान पर रहे। विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर निकलते हुए कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म करता हूं।
मोसाद के ठिकानों पर दागीं मिसाइलें
17 Jan, 2024 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बगदाद। ईरान के रिवोल्यूशनरी गाड्र्स ने सोमवार देर रात इराक के एरबिल शहर में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के दफ्तरों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई। ईरान की स्टेट न्यूज एजेंसी के मुताबिक मिसाइलें ईरान विरोधी आतंकी खुफिया केंद्रों पर दागीं गई हैं। हालांकि, इजराइल ने इस हमले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ईरान ने इस हमले को इजराइल के अटैक मारे गए अपने कमांडरों का बदला बताया है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में इजराइल ने सीरिया और लेबनान में एयर स्ट्राइक की थीं। इनमें ईरान के ब्रिगेडियर जनरल राजी मुसावी और हमास के डिप्टी लीडर सालेह अल अरूरी की मौत हो गई थी।
नेतन्याहू को जंग के लिए बजट मिला
17 Jan, 2024 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल अवीव । इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सियासी मोर्चे पर बड़ी राहत मिल गई है। कैबिनेट ने 2024 के बजट में 55 अरब शेकल्स (इजराइली करंसी) के एक्स्ट्रा बजट को मंजूरी दे दी है। यह करीब 15 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर है। 7 अक्टूबर को शुरू हुई जंग के बाद दो बार नेतन्याहू इस बजट के लिए कोशिश कर चुके थे। दूसरी तरफ, तुर्किये में एक इजराइली फुटबॉलर को गिरफ्तार करने के बाद इजराइल वापस भेज दिया गया है। इस फुटबॉलर ने हमास की कैद में मौजूद बंधकों की रिहाई की मांग वाला बेंडेज कलाई पर बांधा था।
इशिकावा प्रान्त में इंमरजेंसी भूकंप की चेतावनी की जारी, रिक्टर स्केल 5 तीव्रता आ सकता है भूकंप
16 Jan, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जापान में 1 जनवरी को आए खतरनाक भूकंप के बाद से वहां पर लोगों में दहशत है। जापान में एक-एक कभी भी भूकंप आ जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक और तेज भूकंप की इंमरजेंसी चेतावनी जारी की है। जापान सरकार ने इशिकावा प्रान्त में इंमरजेंसी भूकंप की चेतावनी जारी की।
बात करें रिक्टर स्केल के पैमाने पर भूकंप के खतरों की तो जापान के इशिकावा प्रांत में रिक्टर स्केल पर 5 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। हालांकि, जापान में भूकंप के बाद सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं गई है।
जापान में फिर से आ सकते हैं भीषण भूकंप
जापान के मौसम विभाग ने 1 जनवरी को आए तेज भूकंप झटके के बाद चेतावनी दी थी कि आने वाले कुछ दिनों में कई भूकंप के झटके महसूस होंगे। साथ ही देश में कुछ भीषण भूकंप फिर से महसूस किए जा सकते हैं।
देश में अबतक 126 लोगों की मौत
इससे पहले 7 जनवरी को जापान के होंशू के पश्चिमी तट के पास भूकंप आया था, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.1 मापी गई थी। वहीं, 1 जनवरी के दिन 7.6 तीव्रता वाले भूकंप ने देशभर में काफी तबाही मचाई है। इस भूकंप के कारण अब तक जापान में 126 लोगों की मौत हो चुकी है।
सड़क हादसा : नेपाल में त्रिशुली नदी के अंदर मिली भारतीय नंबर प्लेट वाली जीप, 12 लोगों की हुई मौत
16 Jan, 2024 11:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेपाल के चितवन जिले में मंगलवार को त्रिशुली नदी में भारतीय नंबर प्लेट वाली एक जीप मिली है। पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। चितवन जिले के पुलिस उपाधीक्षक श्रीराम भंडारी ने बताया कि गोताखोरों ने नदी के भीतर एक जीप होने की पुष्टि की है।
भंडारी ने एएनआई को बताया, "गोताखोरों ने नदी के अंदर जीप का पता लगा लिया है और पुष्टि की है। इससे पहले आज सुबह इक्ष्यकामना ग्राम परिषद -5 में स्थानीय लोगों ने हमें फोन किया कि एक वाहन नदी में शायद गिर गया है।" पुलिस अधिकारी ने कहा, "जीप सड़क से उतरकर 85 मीटर नीचे नदी में जा गिरी।" पुलिस के मुताबिक, डूबे वाहन में सवार यात्रियों की स्थिति के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है।
इस बीच, शुक्रवार रात मध्य-पश्चिमी नेपाल के डांग जिले में एक सड़क दुर्घटना में दो भारतीय नागरिकों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। भालूबांग में हुए हादसे में सिर्फ आठ मृतकों की पहचान हो सकी है। पुलिस के मुख्य निरीक्षक उज्ज्वल बहादुर सिंह ने कहा, "यात्री बस बांके के नेपालगंज से काठमांडू जा रही थी, लेकिन यह पुल से फिसल गई और राप्ती नदी में गिर गई। हमने केवल आठ मृत यात्रियों की पहचान की है, जिनमें दो भारतीय भी शामिल हैं।"
चितवन जिले के पुलिस उपाधीक्षक ने कहा, “गोताखोरों ने नदी के अंदर जीप का पता लगा लिया है और इसकी पुष्टि की है। इससे पहले आज सुबह इक्ष्यकामना ग्राम परिषद-5 के आसपास के स्थानीय लोगों ने हमें फोन किया कि एक वाहन नदी में शायद गिर गया है।” अधिकारी ने पुष्टि की, जीप सड़क से उतरकर 85 मीटर नीचे नदी में जा गिरी थी।
ईरान ने इराक पर दागी कई बैलिस्टिक मिसाइल, चार की मौत
16 Jan, 2024 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईरान ने सोमवार देर रात उत्तरी इराक और सीरिया में कई ठिकानों पर हमले किए हैं। ईरान ने कहा कि उसने अर्बिल में जासूसों के मुख्यालय और ईरानी विरोधी आतंकवादी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया है।
हमले में मारे गए चार लोग
कुर्दिस्तान सरकार की सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा कि ईरान के हमलों में चार नागरिक मारे गए और छह लोग घायल हो गए हैं। ये मिसाइलें अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास गिरी थी। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि इन हमलों में कोई भी अमेरिकी सुविधा प्रभावित नहीं हुई।
ईरान के हमले में तबाह हुए कई ठिकानें
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने एक बयान में कहा कि उसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर कई बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। इस हमले में कई ठिकानें पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। एक अन्य बयान में दावा किया गया कि उन्होंने इराक के कुर्द क्षेत्र में स्थित इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर भी हमला किया है।
अर्बिल में दागी गई कई बैलिस्टिक मिसाइलें
एक इराकी अधिकारी ने बताया कि अर्बिल में कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई है। ईरान समर्थित इराकी मिलिशिया के एक अधिकारी ने कहा कि 10 मिसाइलें अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास के इलाके में गिरी हैं। उन्होंने कहा कि ये मिसाइलें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा लॉन्च की गई थी।
अमेरिका ने की हमले की निंदा
वहीं, अमेरिका ने सोमवार को ईरान के हमलों की निंदा की। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इराक के उत्तरी शहर अर्बिल के पास ईरान ने हमले किए। हम ईरान के मिसाइल हमलों की निंदा करते हैं। अमेरिका इराक और कुर्दिस्तान सरकार का समर्थन करते हैं।
दो आत्मघाती विस्फोटों में गई थी 84 लोगों की जान
इस्लामिक स्टेट ग्रुप ने इस महीने की शुरुआत में ईरानी जनरल की स्मृति में आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान हुए दो आत्मघाती विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के सम्मान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें 84 लोग मारे गए थे और 284 अन्य घायल हो गए थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ने आयोवा कॉकस जीता
16 Jan, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने की लंबी प्रक्रिया की शुरुआत करने वाले आयोवा कॉकस में सोमवार को जीत हासिल कर ली। आयोवा कॉकस में दूसरे स्थान के लिए फ्लोरिडा के गवर्नर आर डीसैंटिस और पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल इकलौती महिला एवं संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली के बीच मुकाबला है। डीसैंटिस और हेली पूर्व राष्ट्रपति के शीर्ष विकल्प के तौर पर एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं।
आयोवा कॉकस के लिए मतदाताओं ने हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मतदान किया। ट्रंप राष्ट्रपति पद के चुनाव में लगातार तीसरी बार रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। आयोवा कॉकस की बैठक स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे शुरू हुई। कॉकस के भागीदार अपने विचार रखने के लिए 1,500 से अधिक स्कूलों, गिरजाघरों और सामुदायिक केंद्रों में एकजुट हुए और उन्होंने गुप्त मतदान किया।
क्या है कॉकस चुनाव?
आयोवा चुनाव को कॉकस चुनाव के रूप में भी जाना जाता है। कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है। कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है। इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं। आयोजन में होने वाले खर्च भी दोनों पार्टियां करती हैं। बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और समर्थन देने पर बात करते हैं।
डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को डेलिगेट्स हासिल करने के लिए कुल आए लोगों का खास फीसदी समर्थन पाना जरूरी है। कॉकस में हिस्सा लेने वाले लोग तकनीकी रूप से राष्ट्रपति प्रत्याशी नहीं चुनते हैं बल्कि वे डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं। ये डेलिगेट्स फिर कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं। डेलिगेट्स नेशनल कन्वेंशन के लिए राज्य से और कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन से चुने जाते हैं। अयोवा जैसे राज्य में हर दूसरे साल पर कॉकस का आयोजन होता है।
एडिसन ने अनुमान लगाया कि फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत निक्की हेली दूसरे स्थान के लिए लड़ाई में थे, क्योंकि वे 2017-2021 तक राष्ट्रपति ट्रंप के मुख्य विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रहे थे।
महीनों की बहस, रैलियों और विज्ञापनों के बाद 2024 के राष्ट्रपति अभियान के आधिकारिक तौर पर शुरू होने के बाद आयोवावासियों ने राज्य के पहले राष्ट्र कॉकस के लिए 1,600 से अधिक स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों और अन्य साइटों पर इकट्ठा होने के लिए हाड़ कंपाने वाली ठंड का सामना किया।
अपेक्षित वोट के एक छोटे से अंश के साथ ट्रंप को 56 प्रतिशत वोट मिले, डेसेंटिस को 19 प्रतिशत और हेली को 18 प्रतिशत वोट मिले।
आयोवा में ट्रंप के लिए एक शानदार जीत उनके तर्क को मजबूत करेगी कि वह एकमात्र रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं जो डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन को टक्कर देने में सक्षम हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चला है कि ट्रंप को मध्यपश्चिमी ग्रामीण राज्य में रिपब्लिकन मतदाताओं से व्यापक समर्थन प्राप्त है, भले ही वह चार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इन मामलों में 5 नवंबर के चुनाव से पहले उन्हें जेल में भी डाला जा सकता है।
एडिसन के प्रवेश सर्वेक्षण में 10 में से चार लोगों ने कहा कि इमिग्रेशन वह मुद्दा था जो यह तय करने में सबसे महत्वपूर्ण था कि सोमवार को किसे समर्थन देना है और 10 में से चार लोगों ने कहा कि अर्थव्यवस्था बड़ा मुद्दा है। बांकियों ने विदेश नीति या गर्भपात के मुद्दे पर वोट दिया।
वेस्ट डेस मोइनेस हाई स्कूल में एक कॉकस में भाग लेने वाली 53 वर्षीय ट्रंप समर्थक रीटा स्टोन ने कहा, "ट्रंप बहुत आत्ममुग्ध हैं, वह बहुत अहंकारी हैं, लेकिन वह काम पूरा कर लेंगे।" स्टोन ने कहा कि उनकी शीर्ष चिंता मेक्सिको के साथ अमेरिकी दक्षिणी सीमा थी, जब वह राष्ट्रपति थे तब दीवार बनाने के ट्रंप के प्रयास की प्रशंसा की।
सर्वेक्षण के अनुसार, कॉकस-गोअर व्यापक रूप से ट्रंप के समर्थक दिखाई दिए। केवल एक-तिहाई कॉकस-गोअरों ने कहा कि यदि ट्रंप किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए तो वह राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य होंगे।
भारत को अपने सैनिक वापस बुलाने मालदीव ने तय की समय सीमा
15 Jan, 2024 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माले।। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा है कि वह 15 मार्च तक अपने सैनिक वापस बुला ले। इस तरह से मुइज्जू ने द्वीप राष्ट्र से भारत के सैनिकों को वापस बुलाने के लिए समय सीमा तय कर दी है। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सैन्यकर्मियों को 15 मार्च तक देश छोड़ देना चाहिए। यह फैसला मोहम्मद मुइज्जू को राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनकी चीन की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर शी जिनपिंग से मुलाकात के कुछ दिनों बाद लिया गया है। गौरतलब है कि मालदीव के मंत्रियों द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने को लेकर भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद पैदा हुआ था। इसके बाद मालदीव ने हाल ही में चीन के साथ संबंधों को मजबूत किया था। हालांकि पीएम मोदी की आलोचना को लेकर मालदीव के तीन मंत्रियों को बर्खास्त कर भी कर दिया गया और वहां विपक्ष ने टिप्पणियों की आलोचना की थी। इसके बाद में राष्ट्रपति ने कहा कि हम छोटे हो सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के पास हमें धमकाने का लाइसेंस है।
दरअसल हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्र मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर माले और नई दिल्ली ने रविवार को आधिकारिक वार्ता शुरू की। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मालदीव द्वारा भारतीय सैनिकों को हटाये जाने की मांग करने के लगभग दो महीने बाद यह वार्ता शुरू हुई। यह बातचीत माले स्थित मालदीव के विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में शुरू हुई। राष्ट्रपति के रणनीतिक संचार कार्यालय के मंत्री इब्राहिम खलील ने बताया कि यह बैठक उच्च स्तरीय कोर समूह के स्तर की थी। दिसंबर में दुबई में आयोजित सीओपी28 सम्मेलन के मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान मालदीव और भारत ने इस कोर समूह को गठित करने पर सहमति भी जतायी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक खलील ने कहा कि समूह भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी और मालदीव में भारत समर्थित विकास परियोजनाओं में तेजी लाने पर गहन चर्चा कर रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि मालदीव के लोगों ने उन्हें नई दिल्ली से यह अनुरोध करने के लिए ‘मजबूत जनादेश’ दिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व वाले नए मालदीव प्रशासन ने स्थापित किया है कि मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं। माले अब नई दिल्ली के साथ 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा कर रहा है।
अमरीकी उपराष्ट्रपति बनने से निक्की हेली ने किया इन्कार
15 Jan, 2024 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क । भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा है कि अब वह उप राष्ट्रपति की भूमिका निभाने की इच्छुक नहीं हैं। एक साक्षात्कार में हेली ने कहा, मुझे उपराष्ट्रपति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं राष्ट्रपति बनने के लिए और जीतने के लिए दौड़ रही हूं और हम जीतेंगे। हाल ही में हुए पोल के अनुसार हेली आमने-सामने के मुकाबले में ट्रम्प या फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस की तुलना में राष्ट्रपति जो बाइडेन पर बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं। आयोवा कॉकस द्वारा रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने से कुछ घंटे पहले, आयोवा की बर्फीली ठंड को पार करते हुए और राज्य में मजबूत जीत की उम्मीद करते हुए, वर्ष 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में अकेली महिला अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने चुनाव को लेकर आश्वस्त हैं।
हेली ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, रिपब्लिकन को फिर से जीतना शुरू करने की जरूरत है। मैं आम चुनाव में जो बिडेन पर भारी पड़ूंगी। पिछले सप्ताह जारी एमर्सन कॉलेज पोलिंग/डब्ल्यूएचडीएच न्यू हैम्पशायर सर्वेक्षण में हेली को राज्य के राष्ट्रपति पद के प्राइमरी में 28 प्रतिशत पर पाया गया, जो नवंबर 2023 में 18 प्रतिशत था। दूसरी ओर, ट्रम्प को राज्य में रिपब्लिकन प्राथमिक मतदाताओं के बीच 44 प्रतिशत समर्थन प्राप्त है, जो पिछले साल नवंबर में 49 प्रतिशत से कम है। 23 जनवरी को न्यू हैम्पशायर प्राइमरी और 3 फरवरी को साउथ कैरोलिना में होने वाले प्राइमरी चुनाव के साथ, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत ने कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ में उनके और ट्रम्प के बीच मुकाबला होगा। हेली ने एक साक्षात्कार में बताया,मुझे लगता है कि मैं और डोनाल्ड ट्रम्प न्यू हैम्पशायर जा रहे हैं और आप देखेंगे कि यह पहले से ही करीब है। फिर इसे दक्षिण कैरोलिना में अपने राज्य में ले जाते दिखेंगे।
मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि वह उन मतदाताओं से क्या कहेंगी, जो उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में पसंद करते हैं, लेकिन जो अभी भी ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं, हेली ने कहा: ठीक है, मुझे लगता है कि देखो, यदि आप अराजकता के चार और साल चाहते हैं, तो आप यही करने वाले हैं। हेली ने दोहराया कि वह साथी भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस को राष्ट्रपति के रूप में नहीं चाहती हैं। हेली ने बताया, हम अपनी सांसें रोक लेंगे, मुझे राष्ट्रपति कमला हैरिस नहीं चाहिए।
प्रेमी की बेटी को धीमी मौत देने वाली आरोपी युवती गिरफ्तार
15 Jan, 2024 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैरिसबर्ग । अमरीका के पेंसिल्वेनिया में एक युवती ने सौंदर्य प्रसाधन से जुड़ी वस्तुओं का परीक्षण कर प्रेमी के पुत्री की जान ले ली। सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल जून में एलिसिया ओवेन्स नामक इस आरोपी एलीसिया को आइरिस रीटा अल्फेरा की संदिग्ध हत्या के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। सुश्री एलीसिया को तब गिरफ्तार किया गया जब पेंसिल्वेनिया के अटॉर्नी जनरल मिशेल हेनरी ने घोषणा की कि शव परीक्षण से पता चला है कि लड़की की मौत उसके रक्त में एसीटोन के घातक स्तर के कारण हुई थी।
रिपोर्ट से पता चला कि आरोपी 20 वर्षीय एलीसिया ने हत्या से पहले इस बात पर शोध किया कि इन वस्तुओं का बच्चे पर क्या हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है? अटॉर्नी जनरल हेनरी ने कहा, ‘इस मामले का विवरण दिल दहला देने वाला है। यह समझना मुश्किल है कि कोई व्यक्ति एक पूरी तरह से असहाय बच्चे को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर कदम उठा रहा है और दुष्परिणाम के बाद जांचकर्ताओं को गुमराह कर रहा है। जांच से पता चलता है कि, प्रतिवादी ने महीनों तक इस पर गहन शोध किया कि कुछ पदार्थ बच्चों को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं। फिर उसने कथित तौर पर अपने निष्कर्षों पर कार्रवाई की। 25 जून, 2023 को, आरोपी , आइरिस के पिता बेली जैकोबी के साथ थी, जब वह स्टोर पर जाने के लिए घर से निकला था। कुछ समय बाद, श्री जेकोबी को सुश्री ओवेन्स का फोन आया कि उनकी बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है। डब्लूपीएक्सआई द्वारा प्राप्त एक आपराधिक शिकायत के अनुसार, न्यू कैसल स्थित घर में अपने बच्चे को बेहोशी की हालत में पाकर बेली जैकब ने मदद के लिए तुरंत 911 पर कॉल किया।
इसके तुरंत बाद, 18 महीने के बच्चे को इलाज के लिए न्यू कैसल के यूपीएमसी जेम्सन अस्पताल ले जाया गया। फिर लगभग एक घंटे की दूरी पर, उसे पिट्सबर्ग के यूपीएमसी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में हवाई मार्ग से ले जाया गया। लेकिन अंग विफलता के कारण आइरिस की चार दिन बाद मृत्यु हो गई। आइरिस अपनी मां एमिली अल्फेरा और अपने दादा-दादी के साथ रहती थी जबकि उसके पिता, श्री जेकोबी के पास केवल उनसे मिलने का अधिकार था।
शिकायत से पता चला कि एलीसिया ने पुलिस को बताया कि लड़की को “ऐंठन” होने और बिस्तर से गिरने के बाद उसके सिर पर चोट लगी थी। लेकिन शव परीक्षण रिपोर्ट से पता चला कि 18 महीने की बच्ची ने मरने से कुछ महीने पहले बटन के आकार की बैटरी सेल और धातु के स्क्रू के साथ-साथ कई “पानी के मोती” निगल लिए थे। अधिकारियों ने आरोपी एलीसिया के फोन की जांच करने के बाद पाया कि फरवरी 2023 और जून 2023 के बीच, वह “घरेलू उत्पादों के बारे में जानकारी ढूंढ रही थी जो पानी के मोती, बैटरी और नेल पॉलिश सहित बच्चे को गंभीर नुकसान या मौत का कारण बन सकते थे,” इसके अलावा पुलिस ने पाया कि उसने “सौंदर्य उत्पाद जो बच्चों के लिए जहरीले हैं” और “बच्चों में आकस्मिक विषाक्तता से होने वाली मौतों का कारण बनने वाली दवाओं” की भी खोज की।
आईडीएफ ने हमास नेता अरौरी की बहनों की गिरफ्तारी का किया दावा
15 Jan, 2024 04:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल अवीव । हमास नेता सालेह अल-अरौरी की दो बहनों को गिरफ्तार करने का इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने दावा किया है। सालेह अल-अरौरी हाल ही में बेरूत में हवाई हमले में मारे गए थे। रविवार को एक बयान में सेना ने कहा कि उन्हें वेस्ट बैंक में दो अलग-अलग छापों में गिरफ्तार किया गया। दलाल अल-अरौरी (52) और फातिमा अल-अरौरी (47) को क्रमशः अरुरा शहर और अल-बिरेह शहर से हिरासत में लिया गया। आईडीएफ ने कहा कि उन्हें इजरायल के खिलाफ आतंक भड़काने के लिए गिरफ्तार किया गया। रामल्लाह के उत्तर में स्थित अरुरा, सालेह अल-अरौरी का गृहनगर है, जो 2 जनवरी को लेबनानी राजधानी के दक्षिणी उपनगर में आतंकवादी समूह के एक कार्यालय को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में हमास के छह अन्य सदस्यों के साथ मारा गया था। सालेह अल-अरौरी की हत्या से हमास और हिजबुल्लाह में सदमे की लहर दौड़ गई थी, क्योंकि 7 अक्टूबर, 2023 को युद्ध शुरू होने के बाद से वह मारे जाने वाले शीर्ष नेता थे। हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह ने लेबनान में हुई हत्या के बाद पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी है।
किंग कॉन्ग जैसे जानवर का अस्तित्व वास्तव में था
15 Jan, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग । जिस तरह से वैज्ञानिकों को डायनासोर के जीवाश्म मिलते रहते हैं, वैसा किंग कॉन्ग जैसे जानवर के साथ नहीं है। अभी तक साइंटिस्ट को किंग कॉन्ग जैसे जानवर के होने के किसी भी तरह के जीवाश्म नहीं मिले थे, पर नए अध्ययन में दावा किया गया है कि किंग कॉन्ग जैसे जानवर का अस्तित्व वास्तव में था।
अध्ययन के मुताबिक दक्षिणी चीन में सदियों पहले 10 फुट लंबा और गोरिल्ला से दो गुना भारी वानर प्रजाति का एक जानवर रह करता था जो जलवायु परिवर्तन के कारण विलुप्त हो गया था। इस तरह के विशाल जानवरों के बारे में वैज्ञानिक काफी पहले से जानने का प्रयास कर रहे हैं। पर इनके गायब हो जाने का बड़ा रहस्य आज भी कायम है।
जिस जीव का जीवाश्म वैज्ञानिकों को मिला है, उसका नाम जाइगेंटोपिथेकस ब्लैकी है जो जर्मन- डच जीवाश्म विज्ञानी जीएचआर वॉन कोइनिगवाल्ड ने खोजा है।उन्हें इनके दांत और जबड़ों के जीवाश्म दक्षिण चीन की गुफाओं से मिले थे। करीब 20 लाख साल पुरानी गुफाओं में सैंकड़ों दांत मिले थे। पर युवा गुफाओं में बहुत ही कम दांत मिले हैं। अध्ययन से साइंटिस्ट को पता चला कि इन जानवरों की खुराक ना केवल समय के साथ बदली थी बल्कि उन्हे जलवायु परिवर्तन का भी समाना करना पड़ा था। यह अध्ययन नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस अभी इनके आकार और संरचना के बारे में जानकारी नहीं मिली है, पर ये फिल्मी किंग कॉन्ग जितने बहुत ज्यादा बड़े भी नहीं हुआ करते थे और ये डायासोर के युग में तो बिलुकल नहीं थे।शोधकर्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन को ये जानवर सहन नहीं कर सके और करीब 2.95 लाख से 2.15 लाख साल के बीच के दौर में विलुप्त होते चले गए। वहीं जाइकोंटोपिथेकल की जनसंख्या करीब 20 लाख साल पहले काफी फली फूली थी। जो जंगलो में रह कर फल खाया करते थे। बाद में जलवायु परिवर्तन के कारण इन्हें फल मिलने बंद हो गए और ये विलुप्त होते चले गए।
1850 से लेकर अब तक के रिकॉर्ड में 2023 सबसे गर्म वर्ष
15 Jan, 2024 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन, वैश्विक स्तर पर 1850 से लेकर अब तक के दर्ज रिकॉर्ड में 2023 सबसे गर्म वर्ष रहा। वर्ष 2023 लगातार दसवां वर्ष है जब वैश्विक तापमान पुरा-औद्योगिक अवधि (1850-1900) से 1.0 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा अधिक रहा है। ब्रिटेन में मौसम कार्यालय और ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 में वैश्विक औसत तापमान पुरा-औद्योगिक काल के औसत से 1.46 डिग्री सेल्सियस ऊपर था। यह 2016 के मान से 0.17 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा, जो रिकॉर्ड पर पिछला सबसे गर्म वर्ष था।
मौसम कार्यालय के जलवायु निगरानी और अनुसंधान वैज्ञानिक डॉ. कॉलिन मोरिस ने बताया, “174 वर्षों के अवलोकन में अब 2023 की दुनिया भर में औसतन सबसे गर्म वर्ष के रूप में पुष्टि की गई है। 2023 ने मासिक रिकॉर्ड की एक श्रृंखला भी स्थापित की, मासिक वैश्विक औसत तापमान जून के बाद से रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है। अप्रैल के बाद से समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है।”
मोरिस ने कहा, “पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर वैश्विक औसत तापमान में लगभग 1.25 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की पृष्ठभूमि पर साल-दर-साल भिन्नताएं बैठती हैं। यह वार्मिंग ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के माध्यम से मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है।”दीर्घकालिक वार्मिंग के अलावा, अल नीनो स्थितियों में परिवर्तन ने वर्ष के उत्तरार्ध में तापमान को और अधिक बढ़ाने में योगदान दिया।अल नीनो उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तनशीलता के एक पैटर्न का हिस्सा है जो वैश्विक वातावरण में गर्मी प्रदान करता है, जिससे एक व्यक्तिगत वर्ष के तापमान में अस्थायी रूप से 0.2 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि होती है।यह जलवायु परिवर्तनशीलता के विपरीत पैटर्न, ला निवा के विपरीत है, जिसने 2021 और 2022 में वैश्विक औसत तापमान को दबा दिया।
मौसम कार्यालय का अनुमान है कि 2024 में वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900) के औसत से 1.34 डिग्री सेल्सियस और 1.58 डिग्री सेल्सियस (केंद्रीय अनुमान 1.46 डिग्री सेल्सियस के साथ) के बीच रहेगा - यह लगातार 11वां वर्ष है जब तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से कम से कम 1.0 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया। पच्चीस साल पहले, 1998 वैश्विक औसत तापमान के लिए एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला वर्ष था।ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय की जलवायु अनुसंधान इकाई के प्रोफेसर टिम ओसबोर्न ने कहा, लेकिन पिछले साल का वैश्विक तापमान 1998 की तुलना में 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिससे यह सबूत मिलता है कि हमारा ग्रह प्रति दशक औसतन 0.2 डिग्री सेल्सियस गर्म हो रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी, अभी कोविड से खतरा टला नहीं
15 Jan, 2024 09:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी कोविड से खतरा टला नहीं है। डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि कोविड-19 वायरस के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वैश्विक स्तर पर बना हुआ है, यह वायरस सभी देशों में फैल रहा है। महामारी रोकथाम के लिए जिम्मेदार डब्ल्यूएचओ की अंतरिम निदेशक मारिया वैन केरखोव ने एक विशेष बयान में जिनेवा में कहा कि अपशिष्ट जल विश्लेषण पर आधारित अनुमान के अनुसार, कोविड-19 का वास्तविक प्रसार रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या से दो से 19 गुना अधिक है। उन्होंने शरीर के कई अंगों को प्रभावित करने वाली पोस्ट-कोविड स्थितियों की शुरुआत के बारे में भी चिंता व्यक्त की। हालांकि कोविड से संबंधित मौतों में भारी कमी आई है, फिर भी 50 देशों में प्रति माह लगभग 10 हजार मौतें अभी भी हो रही हैं। वान केरखोव ने वायरस की उभरती प्रकृति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्लेषण किए गए वैश्विक अनुक्रमों में से लगभग 57 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले कोविड-19 जेएन.1 वैरिएंट का प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि विशिष्ट मानदंडों द्वारा परिभाषित, जिसमें चार से 12 महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहने वाली गंभीर थकान, फेफड़ों की दुर्बलता, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और हृदय संबंधी दुर्बलता जैसे लक्षण चिंता का विषय है। आंकड़े बताते हैं कि दस में से एक संक्रमण गंभीर मामलों सहित, पोस्ट-कोविड स्थितियों को जन्म दे सकता है। वैन केरखोव ने कहा कि अभी तक इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह अभी भी नया है। इस क्षेत्र पर अपर्याप्त ध्यान दिया गया है और पर्याप्त फंडिंग नहीं की गई है। उन्होंने उत्तरी गोलार्ध में इन्फ्लूएंजा संक्रमणों की संख्या में तेजी से वृद्धि की भी चेतावनी भी दी।
पीने के पानी की कमी से जूझ रहा ये देश
15 Jan, 2024 09:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वेलिंगटन । न्यूजीलैंड निवासी इन दिनों गर्मी के साथ-साथ पानी की कमी का भी सामना कर रहे हैं। इसके बाद लोगों से पानी बचाने की अपील की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार राजधानी वेलिंगटन, पिक्टन और अन्य मध्य न्यूजीलैंड क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण द्वीप के ओटागो क्षेत्र के निवासियों से आने वाले हफ्तों में जल बचाने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि देश भर में गर्मी के तापमान में वृद्धि के साथ मांग बढ़ती जा रही है।
वेलिंगटन महानगरीय क्षेत्र 17 जनवरी को लेवल 2 जल प्रतिबंध में चला जाएगा, जिसका मतलब आवासीय घरों के लिए स्प्रिंकलर और सिंचाई प्रणालियों पर प्रतिबंध है। वेलिंगटन सिटी काउंसिल ने कहा कि निवासी किसी भी समय अपने बगीचे में हाथ से पानी डाल सकते हैं। काउंसिल ने कहा कि वेलिंगटन में पानी की मांग 195 मिलियन लीटर तक पहुंच गई, और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार कुछ संक्षिप्त अवधि के लिए बारिश होने की संभावना है, लेकिन, इससे स्थिति में मदद मिलने की संभावना नहीं है।
पिक्टन और वाइकावा के निवासियों और व्यवसायों से पानी की हर बूंद को महत्व देने की अपील की गई है। उन्हें तत्काल पानी की खपत कम करने के लिए कहा गया है, क्योंकि मांग अभी भी शहर की आपूर्ति से अधिक है। काउंसिल के कार्यकारी महाप्रबंधक नियामक जो गिलरॉय ने कहा, पूरे ओटागो में नदियां अब कम हो रही हैं और हमें इसतरह लोगों की जरूरत है जो पानी का संरक्षण करें और नदियों, झीलों या झरनों से लेते समय इसका कुशलतापूर्वक उपयोग करें।