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यूएस डिफेंस मिनिस्टर संसद में तलब
20 Jan, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। पिछले हफ्ते प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कराने के बाद घर लौटे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयर ऑस्टिन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिकी संसद ने उन्हें तलब कर लिया है। दरअसल, ऑस्टिन 22 दिसंबर 2023 और फिर 1 जनवरी 2024 को दो बार हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे। इसकी जानकारी उन्होंने संसद और प्रेसिडेंट जो बाइडेन समेत किसी को नहीं दी थी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (जैसे हमारे यहां लोकसभा) के अलावा उनकी पार्टी के कुछ सांसदों ने ऑस्टिन को फौरन बर्खास्त किए जाने की मांग की थी। ऑस्टिन अब तक खामोश हैं। अगर वो संसद के सवालों के सही जवाब नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। अगर वो इस्तीफा नहीं देते तो प्रेसिडेंट उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं।
ट्रंप ने निक्की हेली के जन्म संबंधी दावे की सांसद कृष्णमूर्ति ने की निंदा
19 Jan, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली के खिलाफ कथित ‘‘जन्म संबंधी’’ दावों के लिए निंदा की।
ट्रंप ने पोस्ट किया था जिसमें दावा किया गया है, कि हेली अमेरिकी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य हैं, क्योंकि 1972 में उनके जन्म के समय उनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक नहीं थे।
भारतीय-अमेरिकी हेली इस देश में जन्म लेने के कारण अमेरिकी नागरिक बन गई थीं। डेमोक्रेटिक पार्टी सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि ट्रंप अधिक झूठे और नस्लवादी ‘जन्म’ संबंधी दावों के साथ लौट आए हैं...।’’
उन्होंने कहा, एक गौरवशाली भारतीय अमेरिकी प्रवासी होने के नाते, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप निक्की हेली के खिलाफ जो घृणास्पद हमले कर रहे हैं, मैं उन्हें भलीभांति समझता हूं। दक्षिण एशियाई समुदाय का समर्थन करने का दावा करने वाले प्रत्येक रिपब्लिकन को इस टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए।’’
इसके पहले ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के जन्म पर सवाल उठाए थे। उन्होंने जन्म के साथ मिलने वाली नागरिकता को खत्म करने का आह्वान भी किया था।
स्वीडन, इटली और तुर्किये के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना
19 Jan, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तुर्किये । स्वीडन और इटली के अंतरिक्ष यात्री एक चार्टर्ड स्पेसएक्स उड़ान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए। फाल्कन रॉकेट ने तीनों व्यक्तियों को लेकर नासा के केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। इन तीनों के पास सेना में पायलट का अनुभव है और वे अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके कैप्सूल के शनिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है। वे वहां दो सप्ताह का वक्त बिताएंगे।
इस अभियान पर प्रत्येक देश का 5.5 करोड़ डॉलर या उससे अधिक का खर्च आया है। यह ह्यूस्टन की कंपनी एक्सियोम स्पेस की नासा और स्पेसएक्स के साथ ऐसी तीसरी यात्रा है। रूस दो दशक से अधिक समय से शुल्क लेकर लोगों को अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाता रहा है। नासा ने दो साल पहले इसकी शुरुआत की है। पूर्व लड़ाकू पायलट और तुर्किये एयरलाइन के कैप्टन अल्पर गेजेराव्सी अंतरिक्ष में जाने वाले अपने देश के पहले व्यक्ति हैं।
साथ ही कैप्सूल में सवार अन्य लोगों में स्वीडन के पूर्व लड़ाकू पायलट मार्कस वान्डेट और इतालवी वायु सेना के कर्नल वाल्टर विलादेइ शामिल हैं। वे अपने साथ जिन प्रतीकात्मक वस्तुओं को ले जा रहे हैं उनमें स्वीडन का एक नोबेल पुरस्कार, इटली का फुसिली पास्ता और तुर्किये की खानाबदोश संस्कृति के प्रतीक शामिल हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से चिढ़ा पाकिस्तान, सोशल मीडिया पर शुरु की झूठ की फैक्ट्री
19 Jan, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लौहार । ऐतिहासिक शहर अयोध्या 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार हो रहा है, गलत सूचना फैलाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए गुप्त सोशल मीडिया अभियान सामने आया है। अभियान में पुराने और नए बनाए गए दोनों ट्विटर हैंडल शामिल हैं, जो सक्रिय रूप से राम मंदिर की आलोचना करने वाली सामग्री साझा कर झूठे दावे फैला रहे हैं। पाकिस्तान कथित तौर पर राम मंदिर की आलोचना करने वाली सामग्री को सक्रिय रूप से साझा कर झूठे दावों को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग कर रहा है।
पाकिस्तान के फेक सोशल मीडिया हैंडल से दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर विवादित क्षेत्र से 3 किलोमीटर दूर बन रहा है। पाकिस्तान का एक टूलकिट सामने आया है, जिसमें इस तरह के बातें फैलाए जाने के बारे में कहा गया है। पाकिस्तान कई अलग-अलग हैशटैग चलाकर बाबरी मस्जिद के प्रति समर्थन जता रहा है। पाकिस्तान समर्थित कई सोशल मीडिया हैंडल्स से लगातार राम मंदिर के खिलाफ पोस्ट की जा रही है। बता दें कि राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं।
अपने जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने में जुटा चीन
19 Jan, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । हर जगह घूम रहे कथित विदेशी जासूसों की चिंताओं के बीच चीन अपने जासूसी नेटवर्क को मजबूत कर रहा है। इसके लिए शेनयिन स्पेशल इन्वेस्टिगेशन स्क्वाड नामक एक ऑनलाइन कॉमिक स्ट्रिप लांच की गई है। इस कदम से लोगों के जुड़ने की उम्मीद है। लेकिन आलोचकों का तर्क है कि चीन की प्रतिक्रिया वास्तविक सतर्कता की तुलना में व्यामोह से अधिक प्रेरित है। मंत्रालय के अनुसार, कॉमिक कथानक जिशान खनन क्षेत्र में सामने आता है, जो वास्तविक जासूसी मामलों से प्रेरित है।
कॉमिक में बबल टी के शौकीन तकनीकी उत्साही ए जेह और मार्शल आर्ट में कुशल लंबे बालों वाले पुलिस अधिकारी डैन जैसे पात्रों का परिचय दिया गया है। इसमें लाओ टैन भी है, जो अनिर्दिष्ट लेकिन संभवतः अद्वितीय कौशल वाला एक अनुभवी एजेंट है। जो देश के युवाओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता पैदा करने के एमएसएस के प्रयास को उजागर करता है।
कॉमिक स्ट्रिप सरकार की इस कहानी में योगदान देती है कि चीनी नागरिकों और विदेशियों के बीच किसी भी बातचीत को संदेह की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। चीन की सरकार ने अपने जासूसी विरोधी रुख को बढ़ाते हुए, पिछले साल काउंटर-जासूसी कानून का विस्तार किया, जिसमें स्पष्ट परिभाषा के बिना सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से संबंधित जानकारी के हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई। इस कानूनी अस्पष्टता ने कारोबारी माहौल को प्रभावित किया है, चीन में यूरोपीय चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस अपने सदस्यों के बीच विश्वास कम होने के मुख्य कारणों में से एक बताया है।
जासूसी से निपटने के लिए, चीनी अधिकारियों ने नागरिकों को संदेह की रिपोर्ट करने के लिए 2015 में एक हॉटलाइन स्थापित की। स्थानीय सरकारें जासूसी युक्तियों के लिए पर्याप्त पुरस्कार प्रदान करती हैं, जिससे सतर्कता में वृद्धि के अनुकूल वातावरण में योगदान होता है। जागरूकता बढ़ाने के लिए वार्षिक राष्ट्रीय सुरक्षा शिक्षा दिवस की स्थापना की गई थी।
पढाई से परेशान बच्चा पहुंचा पुलिस थाने
19 Jan, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग । पड़ोसी देश चीन के हुबेई प्रोविंस में रहने वाला एक लड़का अपने माता-पिता के पढ़ाई के दबाव और ट्यूटर से इतना परेशान हो गया कि वो सीधा पुलिस स्टेशन पहुंच गया। वहां पहुंचकर उसने ऐसी-ऐसी बातें बताईं कि पुलिस ऑफिसर खुद उसके आंसू पोछने लगे।
सोशल मीडिया पर लड़के की कहानी वायरल हो गई है और जिसने भी इसे देखा या सुना, सिर्फ इसी के बारे में बात कर रहा है। जानकारी के मुताबिक लड़का टीनएजर है और वो शियांगयांग के पुलिस स्टेशन में पहुंचा था। उसने पुलिस को बताया कि उसने माता-पिता ने स्कूल के बाद उसकी एक ट्यूशन लगा रखी है और वे उसे अटेंड करने के लिए उस पर दबाव डालते हैं। उसने शिकायत की है कि उसके वीकेंड्स भी होमवर्क करने और ट्यूशन में गुजर जाते हैं और इस वजह से उसे बहुत तनाव रहता है।
स्कूल की यूनिफॉर्म में पुलिस स्टेशन पहुंचा लड़का वहीं पर रोने लगा और अफसरों ने उसके आंसू पोंछने के लिए टिश्यू दिए। इतना ही नहीं बच्चे ने ये भी बताया कि वो पढ़ने में अच्छा है और अच्छे ग्रेड्स भी लाता है, फिर भी पैरेंट्स चाहते हैं कि वो इससे भी बेहतर करे। सोशल मीडिया पर लड़के की कहानी वायरल हो रही है। पुलिस के साथ बातचीत के दौरान अधिकारियों ने उसे समझाया कि वे उसकी मदद कर सकते हैं। वे उसका गणित का होमवर्क करा सकते हैं और उसने पैरेंट्स से इस बारे में बात भी कर सकते हैं।
बच्चे ने इस पर हामी भरी। जितने भी उसकी स्थिति देखी, उसने लड़के के प्रति संवेदना ज़ाहिर की है। हालांकि कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अगर वो कड़ी मेहनत नहीं करेगा तो उसका भविष्य भी सुनहरा नहीं होगा। आमतौर पर देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों को किसी इंवेस्टमेंट की तरह देखने लगते हैं। वे उनके ऊपर समय और पैसे खर्च करते हैं और उनके उसी तरह से रिटर्न की उम्मीद करते हैं। कई बार तो पैरेंट्स की एक्स्ट्रा चिंता ही बच्चों के लिए मुसीबत बन जाती है।
महिला की भजन गाते हुई दर्द रहित प्रेग्नेंसी
19 Jan, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क । भजन और पसंदीदा गाने के कारण अमेरिका के सिएटल में रहने वाली बिफी हेल को प्रेग्नेंसी के दौरान दर्द ही नहीं हुआ और प्रेग्नेंसी भी आसानी से हो गई । प्रसव का उनका तरीका जान जाएंगे तो दांतों तले उंगली दबा लेंगे। बिफी को जब लेबर पेन शुरू हुआ तो वे 5 घंटे तक भजन और पसंदीदा गाने गाती रहीं।
पति गिटार बजाते रहे और दोनों एक खूबसूरत एहसास के साथ बच्चे को इस दुनिया में लाए। बिफी का दावा है कि भजन गाने की वजह से ध्यान बंट गया और दर्द नहीं हुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 वर्षीय बिफी हेल और उनके पति ब्रैंडन ने अपनी कहानी दुनिया से साझा की है। बिफी ने कहा, हम प्राकृतिक रूप से घर पर ही बच्चे को जन्म देना चाहते थे। लेकिन प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में दिक्कत शुरू हो गई।
पेट में काफी दर्द हो रहा था। हम अस्पताल भागे, मगर कुछ ही घंटों में फिर अस्पताल आ गए। मुझे सुइयों से डर लगता है। इसलिए घर पर प्रसव के लिए एक नर्स हमने रख ली। जब लेबर पेन शुरू हुआ तो नर्स ने अस्पताल जाने की सलाह दी। लेकिन मैंने घर पर ही रहना तय किया। बिफी ने कहा, दर्द काफी हो रहा था, तभी मुझे आइडिया सूझा। मैंने अपने पति को कहा- आप गिटार बजाओ और मैं गाना गाती हूं। मैंने ढेर सारे भजन और पसंदीदा गाने गाए।
आप यकीन नहीं करेंगे। जैसे जैसे वक्त बीतता गया, मेरा दर्द कम होने लगा। 5 घंटे तक हम गाने गुनगुनाते रहे। हमारी नर्स भी हमारे साथ शामिल हो गई। हमने प्लैनेटशेकर्स का “ब्यूटीफुल सेवियर” और शेरिल क्रो का 1993 का हिट “स्ट्रॉन्ग इनफ” गाया। मैं कोशिश कर रही थी कि मैं बच्चे के जन्म को भुलाया जाए। आप जानकर हैरान होंगे कि मुझे दर्द बिल्कुल कम हो गया। अनुभव बताते हुए बिफी ने कहा, बच्चे के जन्म से सिर्फ आधे घंटे पहले मैं असमर्थ हो गई। तब मेरे पति ने गाकर सुनाया और एक पल ऐसा भी आया जब बच्चा मेरी हाथ में था।
बेटे जैक का जन्म रात 8:20 बजे हुआ। उसका वजन ठीक 7 पाउंड था। जन्म के बाद हमने उसके लिए डिज्नी गाने गाए। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह धुन सुनकर काफी खुश है। बिफी ने कहा-मेरे दोनों बच्चों को संगीत बेहद पसंद है। आप एक अच्छे गायक हैं या नहीं, यह फर्क नहीं पड़ता, आपको गुनगुनाना चाहिए। बता दें कि प्रेग्नेंसी जितना खूबसूरत एहसास है, लेबर पेन की कल्पना करना उतना ही मुश्किल। इतना असहनीय दर्द होता है कि कोई भी महिला उसे झेलना नहीं चाहेगी।
रुस के हमलों से हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में साढ़े 26 प्रतिशत की हुई वृध्दि
18 Jan, 2024 12:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव । रुस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में दोनों ही देशों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की दिसंबर 2023 की रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है। जिसमें कहा गया है कि हाल में रूस के भीषण मिसाइल एवं ड्रोन हमलों के कारण हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में दिसंबर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इस दौरान इन हमलों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं करीब 500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने बताया कि हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में पिछले महीने 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि वह इन रिपोर्ट की पुष्टि कर रहा है कि यूक्रेन में 29 दिसंबर से जनवरी की शुरुआत तक किए गए रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों में 86 नागरिकों की मौत हुई है और 416 अन्य लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय के संचालन निदेशक एडम वोसोर्नू ने पिछले बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया था कि 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मारे गए आम नागरिकों की संख्या 10,200 से अधिक है, जिसमें 575 बच्चे भी शामिल हैं और घायलों की संख्या 19,300 से अधिक है। उसने बताया कि यह संख्या नवंबर में 468 थी जो दिसंबर में बढ़कर 592 हो गई। संस्था ने कहा कि कुछ रिपोर्ट का सत्यापन होना अभी लंबित है इसलिए यह संख्या और बढ़ने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन के प्रमुख डेनिएल बेल ने कहा, ‘‘2023 में हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में हमले बढ़ने के कारण संख्या में बढ़ोतरी हुई।’’
सिंगर दुआ लीपा हजारों पाउंड से तैयार हुआ म्यूजिक वीडियो हटाया
18 Jan, 2024 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लॉस एंजेलिस । सिंगर दुआ लीपा ने कथित तौर पर हाल ही में सैकड़ों हजारों पाउंड से तैयार हुआ म्यूजिक वीडियो हटाया है। उन्होंने कहा कि गाजा में 7 अक्टूबर को शुरू हुए संघर्ष को देखकर यह वीडियो असंवेदनशील था। उन्होंने कहा, मुझे हर इजरायली की मौत और 7 अक्टूबर को जो हुआ उसके लिए बहुत बुरा लग रहा है। फिलहाल, हमें यह देखना है कि गाजा में कितने लोगों की जान गई है, और कितने निर्दोष नागरिकों की जान गई है, और कितनी जानें जा रही हैं।
दुनिया में कई नेता हैं, जो एक स्टैंड ले रहे हैं और हो रहे मानवीय संकट, होने वाले मानवीय संघर्ष विराम के बारे में बोल रहे हैं। लीपा ने कहा, मुझे लगता है कि युद्ध और उत्पीड़न के बारे में किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है। यह कुछ ऐसा है, जिसे हमने बार-बार घटित होते देखा है। मुझे ऐसा लगता है कि सिर्फ एक म्यूजिशियन होने और किसी चीज के बारे में पोस्ट करने से बहुत फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन उम्मीद है कि सिर्फ एकजुटता दिखाना, जो कभी-कभी आपको लगता है कि आप कर सकते हैं, महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इजरायल-हमास संघर्ष के बीच बड़े बजट से तैयार हुआ म्यूजिक वीडियो बंद कर दिया, क्योंकि इसमें विस्फोट भी शामिल थे। युद्ध से पहले शूट किया गया प्रोमो, दुआ की टीम के बीच इमरजेंसी मीटिंग के बाद हटा लिया गया था। उन्होंने कहा कि दुआ लीपा के आगामी अभियान के लिए पिछले सितंबर में एक वीडियो शूट किया गया था।दुआ और उनकी टीम ने फैसला किया कि 7 अक्टूबर और उसके बाद से जो कुछ भी हुआ है, उस देखकर वीडियो का सामने आना असंवेदनशील होगा।
कनफ्यूज़ कर रहा लोगों को मां-बेटी का यह रिश्ता
18 Jan, 2024 10:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । अमेरिका में रहने वाली मां-बेटी को आप देख लेंगे तो कनफ्यूज़ हो जाएंगे। लाख कोशिश के बाद भी आप इन्हें बहनों या दोस्तों से ज्यादा कुछ समझ ही नहीं सकते क्योंकि इनमें से एक की उम्र 29 साल है और दूसरे की 22 साल। इन दोनों की शक्ल एक-दूसरे से मिलती है लेकिन इनके बीच उम्र का अंतर जानकर उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर मां-बेटी में सिर्फ 7 साल का अंतर कैसे हो सकता है? 29 साल की सवाना चैपिन नाम की महिला ने बताया कि वो अपनी बेटी टिज़ी से सिर्फ 7 साल बड़ी हैं। जिसने भी ये सुना, वो दंग रह गया। वो जब एक साथ खड़ी होती हैं, तो दोनों की शक्ल इतनी मिल रही थी कि वे जुड़वां बहनें लग रही थीं। उनकी बेटी टिज़ी की उम्र 22 साल है और उनकी उम्र के बीच बेहद कम अंतर है। इसकी वजह ये है कि सवाना, टिज़ी की सौतेली मां हैं और उन्होंने उसके 44 साल के पिता क्रिस चैपिन से शादी की है। सवाना ने बताया कि शुरुआत में उनका अपनी सौतेली बेटी के साथ इतना अच्छा रिश्ता नहीं था लेकिन अब वे बेस्ट फ्रेंड्स बन चुकी हैं। सवाना ने जब अपने रिश्ते से बारे में बताया तो लोगों ने उसे बुरा भला कहना शुरू कर दिया।
चूंकि उसके पति की उम्र उससे 16 साल ज्यादा है और उनकी बेटी की उम्र लगभग सवाना जितनी ही है, ऐसे में लोगों ने इस रिश्ते पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। एक यूज़र ने इसे डरावना रिश्ता कहा तो वहीं एक अन्य यूज़र का कहना था कि शायद क्रिस को अपनी बेटी का क्लोन चाहिए था, इसलिए उसने सवाना को चुना। बता दें कि मां-बेटी का रिश्ता ही अलग होता है। वे न सिर्फ एक-दूसरे की तरह दिखती हैं बल्कि बडे़ होने के बाद कई बार ये बहनों की तरह लगने लगती हैं। अगर इनकी उम्र में ज्यादा अंतर नहीं हो तो लोग अक्सर मां को मौसी या फिर बहन समझ बैठते हैं।
हरियाली के पास रहने से बच्चों की हड्डियां होती है मजबूत
18 Jan, 2024 09:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । जो बच्चे हरियाली के पास रहते हैं उनके शरीर की हड्डियां ज्यादा मजबूत होती है और जो बच्चे हरियाली से दूर रहते हैं उनकी हड्डियां उतनी मजबूत नहीं होती हैं। यह दावा किया है ताजा अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने। वैज्ञानिकों ने रिहायशी इलाकों के आसपास की जगहों और हड्डियों की खनिजों का घनत्व का सीधा संबंध पाया गया है। यह अध्ययन बेल्जियम में एनवायर्नमेंट इन्फ्लूएंस ऑन एजिंग इन अर्ली लाइफ बर्थ कोहार्ट के हिस्से के तौर पर किया गया था। इसमें बेल्जियम के फ्लैंडर्स इलाके में चार से छह साल के 327 बच्चों को शामिल किया गया और उनकी हड्डियों की मजबूती की पड़ताल की गई।
इस अध्ययन में बोन डेन्सिटी निकालने के लिए अल्ट्रासोनेग्राफी सहित कई बड़े तरीकों से नतीजे हासिल किए गए। अध्ययन में खुलासा हुआ कि हड्डियों के खनिजों का घनत्व बच्चों की उम्र और ऊंचाई से तो बढ़ता है। लेकिन इस पर लिंग, वजन, स्क्रीन टाइन, नस्ल, कितना विटामिन खाया, कितना डेयरी उत्पाद खाया, मां की शिक्षा का स्तर और आसपास के लोगों की आय जैसे कारकों का ज्यादा असर नहीं होता है।पर इस अध्ययन में सबसे बड़ी और अजीब बात पता लगी वह यह कि रिहायशी इसाकों के आसपास की हरियाली और हड्डियों के खनिजों का घनत्व का आपस मे गहरा संबंध है। आसपास की हरियाली के कम होने से हड्डियों में खनिजों के घनत्व कम होने का जोखिम कम होता भी पाया गया।
अध्ययन की पड़ताल दर्शाती हैं कि जो बच्चे के घर के एक हजार मीटर के आसपास अगर 25 फीसदी हिस्सा हरियाली वाला हो तो उनमें बोन डेंसिटी कम होने का जोखिम 66 फीसदी कम हो जाता है। वहीं इस अध्ययन में बच्चा लड़का है या लड़की इसका अंतर नहीं देखा गया। वैज्ञानिकों को मानना है कि ज्यादा मजबूत हड्डियों का मतलब है कि इंसान में बाद के जीवन में ज्यादा काबिलियत होती है। इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि जो लोग शहर या कॉलोनी आदि की प्लानिंग करते हैं उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि घर के आसपास खासी हरियाली हो।
ब्राजील में अनमोल कलाकृतियों के साथ मिले 9 हजार साल पुराने कंकाल
18 Jan, 2024 08:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्राजीलिया । ब्राजील के साओ लुइस शहर में खुदाई के दौरान कई अनमोल वस्तुएं मिलीं हैं। खुदाई के दौरान अब तक एक लाख से ज्यादा अनमोल प्राचीन कलाकृतियां और 9 हजार साल पुराने कंकाल मिले हैं। अभी भी खुदाई जारी है और शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यहां बहुत सारा खजाना छुपा हो सकता है।हाल ही में ब्राजील की राष्ट्रीय ऐतिहासिक और कलात्मक विरासत संस्थान ने इन खोजों के बारे में अपनी वेबसाइट पर घोषणा की। संस्थान ने बताया कि साल 2019 में एक निर्माण स्थल से पहला अवशेष मिला था, इसके बाद इस जगह की खुदाई शुरू हुई। तब से लेकर अब तक कुल 1 लाख के करीब अनमोल कलाकृतियां मिली हैं। इतना ही नहीं, 43 कंकाल भी मिले हैं। ये अवशेष ब्राजील के तटीय शहर साओ लुइस में मिले हैं।
साओ लुइस में मिले अवशेषों की जब जांच हुई, तब चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। बताया जाता है कि प्राचीन कलाकृतियां और कंकाल 6 हजार से 9 हजार साल तक पुराने हैं। यह खोज ब्राजील में मानव बस्ती के इतिहास को बदलने वाली है। इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी है, जिसमें कहा गया है कि 6 हजार साल से भी अधिक पुरानी यह साइट साओ लुइस आइलैंड पर मानव कब्जे के लंबे इतिहास का प्रमाण है, जो ब्राजील में पारंपरिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड से पहले के अतीत को दर्शाता है। इंस्टीट्यूट ने बताया कि अभी भी इस आइलैंड पर खुदाई चल रही है। ऐसा अनुमान है कि यहां पर बहुत सारा खजाना मिल सकता है, जिसके बहुमूल्य कलाकृतियों में चीनी मिट्टी और अनमोल धातु के बर्तन शामिल हैं। शोधकर्ता अपने सिद्धांतों की पुष्टि के लिए अधिक सटीक प्रकार की डेटिंग का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। डेटिंग के इस प्रक्रिया को आइसोटोपिक विश्लेषण कहा जाता है, जिसमें कलाकृतियों के टुकड़ों को गैस में परिवर्तित करना शामिल है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे किस चीज से बने हैं।
यूक्रेन को मिसाइल और बम की आपूर्ति करेगा फ्रांस : मैक्रों
17 Jan, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि यूक्रेन को लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल तथा बम आपूर्ति करने की योजना पर काम कर रहे हैं।मंगलवार को मैक्रों ने इस घोषणा के साथ ही यह आगाह भी किया कि इस युद्ध में रूस की जीत वैश्विक व्यवस्था को कमजोर कर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम रूस को जीतने नहीं दे सकते और हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।’’उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले माह यूक्रेन की यात्रा पर जाएंगे। मैक्रों ने एक संवाददाता सम्मेलन में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दो घंटे से अधिक समय तक बात के दौरान बताया कि फ्रांस लंबी दूरी की लगभग 40 मिसाइल और ‘‘सैकड़ों बम की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है, जिनका हमारा मित्र देश यूक्रेन इंतजार कर रहा है।’’ उन्होंने इस संवाददाता सम्मेलन में वैश्विक संकट से निपटने के खातिर फ्रांस को मजबूत और बेहतर ढंग से तैयार करने की व्यापक योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक संकट से निपटने के लिए देश के पास ‘‘तमाम जरूरी साधन मौजूद हैं।
खालिस्तान के हमदर्द ट्रूडो को भारतीय छात्रों ने दिया तगड़ा झटका
17 Jan, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओटावा । खालिस्तान के हमदर्द कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को भारतीय छात्रों ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल भारतीय छात्रों ने अब कनाडा के लिए अध्ययन परमिट में आवेदन कम किए हैं। जानकारी के अनुसार कनाडा की ओर से भारतीय छात्रों को जारी किए जाने वाले स्टडी परमिटों की संख्या में पिछले साल के अंत में तेजी से गिरावट आई है। साल की आखिरी तिमाही में ये गिरावट 86 फीसदी तक चली गई। कनाडा में सिख आतंकी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच हुए राजनयिक विवाद के चलते कम भारतीय छात्रों ने आवेदन किया है। क्योंकि बीते साल के आखिर में दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया था। इस संबंध में कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने एक साक्षात्कार में माना कि स्टडी परमिट की संख्या घटी है और भारतीयों को अध्ययन परमिट की संख्या जल्द ही बढ़ने की भी संभावना नहीं है। मार्क मिलर ने कहा, हालिया संबंधों ने भारत से कई आवेदनों को जारी करने की संख्या को आधा कर दिया है। उन्होंने कनाडा और भारत के तनाव का असर आगे भी पड़ने की संभावना व्यक्त की है।
मार्क ने कहा कि मैं आपको यह नहीं बता सकता कि राजनयिक संबंध कैसे विकसित होंगे लेकिन इनका असर जरूर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए अध्ययन परमिट में उससे पिछली तिमाही की तुलना में 86प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। एक ही तिमाहई में स्टडी परमिट की संख्या 1,08,940 से घटकर 14,910 रह गई है। और ये कनाडा के लिए बड़ा झटका है क्योंकि कनाडाई विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से काफी आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों से कनाडा के विश्वविद्यालयों को सालाना करीब 22 बिलियन कनाडाई डॉलर मिलते हैं।
इसी संबंध में ओटावा में भारतीय उच्चायोग के कंसल्टेंट सुब्रमण्यन ने कहा कि कनाडाई संस्थानों में आवासीय और पर्याप्त शिक्षण सुविधाओं की कमी भी मुख्य कारण बने है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र अब कनाडा के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। भारतीय छात्रों पर कनाडा से राजनयिक विवाद का भी असर हो रहा है। बीते साल जून में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या पर कनाडा सरकार ने भारतीय एजेंटों के शामिल होने का दावा किया था। कनाडा के इन आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद से भारतीय छात्रों ने दूसरे देशों में पढ़ने का विकल्प ढूंढा है।
एयरफोर्स पायलट बनीं मिस अमेरिका
17 Jan, 2024 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । अमेरिकी इतिहास में पहली बार कोई एक्टिव एयरफोर्स पायलट मिस अमेरिका बनी है। 22 साल की मेडिसन मार्श ने यह ब्यूटी पीजेंट जीत लिया है और वो मिस वल्र्ड 2024 में अमेरिका को रिप्रेजेंट करेंगी। जीत के बाद दिए इंटरव्यू में मार्श ने कहा कि सबसे ज्यादा खुशी की बात ये है कि यह खिताब जीतने वाली मैं पहली एक्टिव एयरफोर्स पायलट हूं। सच पूछिए तो मेरे लिए यह काम एफ-16 फाइटर जेट उड़ाने से भी मुश्किल था। मेडिसन की जीत के बाद अमेरिकी एयरफोर्स ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर न सिर्फ मार्श के दो फोटो शेयर किए, बल्कि इतिहास रचने के लिए उन्हें बधाई भी दी।