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अरुणाचल पर बाइडेन सरकार ने किया भारत का समर्थन कहा
21 Mar, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। चीन को बार-बार आगाह करने के बाद भी ड्रेगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन हमेशा से ही अरुणाचल को अपना बताता रहा और भारत हमेशा ही इसका विरोध करता रहा है। अरुणाचल में भारत लगातार विकास कर रहा है यह विकास चीन को फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। पीएम मोदी के दौरे से बौखलाए चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर वही पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। चीन की इन्हीं हरकतों पर अब अमेरिका ने भी चीन को जोरदार तमाचा जड़ा है। बाइडेन सरकार ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है और चीन की एलएसी पर किसी भी तरह की कार्रवाई का वॉशिंगटन पुरजोर विरोध करेगा। जो बाइडेन की सरकार ने चीन के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका अरुणाचल को भारत के अभिन्न हिस्से के तौर पर मान्यता देता है.
बता दें कि अमेरिका यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे के बाद चीन की सेना ने इसे अपने देश का हिस्सा बताया था। पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे से बौखलाए चीनी रक्षा मंत्रालय अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा करार दिया था। उन्होंने कहा था कि चीन अरुणाचल को कभी भारत के हिस्से पर स्वीकार नहीं किया है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने पूर्वोत्तर में विकास की प्रक्रिया को रफ्तार दी है। कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार सड़क और अन्य साधनों को अपग्रेड किया है। इसी साल पीएम मोदी ने 9 मार्च 2024 को तवांग को ऑल वेदर रोड से जोड़ने वाले सेला टनल को देश को समर्पित किया था। यह सुरंग समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। इस टनल से किसी भी मौसम में तवांग आना और जाना आसान हो जाएगा। बता दें कि बारिश या फिर सर्दी में तवांग जाना काफी कठिन हो जाता है. सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है। इससे चीन को मिर्ची लगी हुई है।
पिछले दिनों विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा गया था, ‘हमने चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के भूभाग पर बेतुके दावों को आगे बढ़ाते हुए की गई टिप्पणी पर गौर किया है. इस संबंध में निराधार तर्क को दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभान्वित होते रहेंगे।
ताइवान के वायुक्षेत्र में घुसपैठ, 32 चीनी लड़ाकू विमान घुसे
21 Mar, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ताइपे। चीन अपनी धाक जमाने कभी अपने आसपास के क्षेत्रों पर घुसपैठ करता रहता है। चीन की फिर हरकत सामने आई है, ताइवान ने गुरुवार को दावा किया कि चीनी के कई लड़ाकू विमान उसके वायुक्षेत्र में घुस आए। ताइवानी सेना ने कहा कि 24 घंटे के अंदर कम से कम 32 चीनी सैन्य विमानों को उसके क्षेत्र में देखा गया है। चीन की इस हरकत पर ताइवान भी एक्शन मोड में आ गया है। उसने बयान जारी कहा है कि ताइवान की सेना स्थिति की कड़ी निगरानी कर रही है। इस साल ताइवान के वायुक्षेत्र में चीनी घुसपैठ की ये दूसरी सबसे बड़ी घटना है।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी सैन्य विमानों के अलावा, पांच नौसैनिक जहाज भी उसके आसपास चल रहे हैं। तेरह विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर लिया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी गतिविधियों के जवाब में गश्ती विमान, नौसेना के जहाजों और तटीय मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया गया है। इसी साल जनवरी के अंत में ताइवान द्वीप के आसपास 33 चीनी युद्धक विमानों को देखा गया था।
ताइवान ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि उसके आसपास 11 चीनी नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। चार लोगों को ले जा रही एक चीनी स्पीडबोट 14 फरवरी को ताइवान के किनमेन द्वीप के पास ताइवानी तट रक्षक द्वारा पीछा किए जाने के दौरान पलट गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच गए। इसके बाद किनमेन द्वीपसमूह के पास चीन द्वारा एक पर्यटक नौका को रोक दिया गया था। इस पर ताइवन ने विरोध जताया जिससे द्वीप में तनाव बढ़ गया। किनमेन द्वीप चीन के तट से कुछ ही दूरी पर है, लेकिन इस पर ताइवान का नियंत्रण है।
गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृह युद्ध के दौरान ताइवान चीन से अलग हो गया था, लेकिन चीन दो करोड़ से अधिक की आबादी वाले इस द्वीप को अपना मानता है। चीन अपनी ताकत के बल पर इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने की धमकी देता रहता है। इसी साल 13 जनवरी को राष्ट्रपति चुनाव में लाई चिंग-ते की जीत से चीन भड़क गया था। क्योंकि चीन लाई चिंग-ते नापसंद करता है।
अमेरिका के ओहायो में भारतीय छात्र अगवा
21 Mar, 2024 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओहायो। अमेरिका में एक भारतीय छात्र को अगवा कर लिया गया है। किडनैपर्स ने हैदराबाद में रह रहे उसके पिता से करीब एक लाख रुपए की फिरैती मांगी है। साथ ही धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं भेजे गए या पुलिस को खबर दी गई तो वो छात्र की किडनी बेच देंगे। 25 साल का अब्दुल मोहम्मद ओहायो के क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा था। वो मई 2023 में अमेरिका गया था। उसके परिवार का कहना है कि 7 मार्च के बाद से उनकी अब्दुल से बात नहीं हुई। अब्दुल के पिता मोहम्मद सलीम को पिछले हफ्ते एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉलर ने कहा कि उनके बेटे को अगवा कर लिया गया है। किडनैपिंग क्लीवलैंड के में ड्रग डीलर्स ने की है। उन्होंने छात्र को छोडऩे के लिए करीब एक लाख रुपए की मांग की है।
धंसी कोयला खदान, 12 मजदूरों की मौत
21 Mar, 2024 10:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तान से एक बुरी खबर सामने आ रही है। यहां के बलूचिस्तान में शक्तिशाली विस्फोट होने के कारण एक कोयला खदान धंस गई, जिससे कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लोगों को बचा लिया गया। बताया जा रहा है कि घटना हरनाई जिले के हरदालो इलाके में हुई। जिस वक्त हादसा हुआ उस समय खदान के अंदर 20 मजदूर काम कर रहे थे। बलूचिस्तान के मुख्य खान निरीक्षक अब्दुल गनी बलूच के हवाले से बताया गया है कि बीती रात जब मीथेन गैस में विस्फोट हुआ तब खदान के अंदर 20 मजदूर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान बुधवार सुबह पूरा हो गया। टीम को खदान के अंदर से 12 शव मिले, जबकि घायल हुए आठ लोगों को तुरंत अस्पाल ले जाया गया है।
चीन के दबाव में झुका श्रीलंका
21 Mar, 2024 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलंबो। श्रीलंका की सरकार ने कहा है कि वे रिसर्च करने वाले विदेशी जहाजों को अपने बंदरगाहों पर सामान भरने या ठहरने की अनुमति देंगे। दरअसल श्रीलंका ने पहले इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बीते दिनों श्रीलंका ने जर्मनी के एक सर्वे जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की इजाजत दी, जिस पर चीन भडक़ गया और उसने श्रीलंका के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। अब चीन के विरोध के बाद श्रीलंका ने यूटर्न लेते हुए विदेशी जहाजों को बंदरगाह पर सामान भरने की इजाजत दे दी है।
दरअसल भारत ने श्रीलंका में आए दो अत्याधुनिक रिसर्च जहाजों को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके बाद श्रीलंका की रानिल विक्रमासिंघे की सरकार ने ऑफशोर रिसर्च जहाजों के श्रीलंका के बंदरगाहों पर रुकने पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया था। अब श्रीलंका ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि विदेशी जहाजों को अब यहां ठहरने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि श्रीलंका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने साफ किया कि अनुमति सिर्फ जहाजों को सामान भरने की दी गई है और वे किसी तरह की रिसर्च नहीं कर सकेंगे।
चीन के जहाज श्रीलंका के बंदरगाहों पर रहे थे डॉक
इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका ने जर्मनी के एक जहाज को अपने बंदरगाह पर डॉक करने की अनुमति दी थी, जबकि फरवरी में चीन के जहाज को अनुमति नहीं दी गई थी। इस पर चीन ने नाराजगी जाहिर की। अगस्त 2022 में चीन का एक जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डॉक रहा था। इसके बाद अक्तूबर 2023 में भी चीन का एक रिसर्च जहाज कोलंबो बंदरगाह पर ठहरा था। भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर इस पर नाराजगी जाहिर की थी।
बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर आतंकी हमला
21 Mar, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कराची। बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह पर आतंकी हमला हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, बंदूकों और विस्फोटकों से लैस अज्ञात हमलावर अचानक से पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी (जीपीए) परिसर घुस गए और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कथित तौर पर हमलावर पोर्ट के अंदर स्थित इमारत में घुस गए। स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने इलाके की घेराबंदी कर जवाबी कार्यवाही शुरू कर दी है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस और सुरक्षा बलों ने आठ सशस्त्र हमलावरों को मार गिराया है।
परिसर के अंदर से जोरदार धमाकों और जबरदस्त फायरिंग से आसपास का इलाका दहल गया। जीपीए पाकिस्तान के तीसरे सबसे बड़े बंदरगाह के निर्माण स्थल ग्वादर बंदरगाह की मेजबानी के अलावा विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों के केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह हमला ग्वादर बंदरगाह पर हुआ, जहां चीनी इंजीनियर वर्तमान में व्यापक निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। यह बंदरगाह महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा है, जो बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का केंद्र बिंदु है। यहां बड़ी संख्या में चीनी कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। चीनी ठिकानों पर पहले भी पाकिस्तान में कई आतंकवादी समूहों द्वारा हमला किया जा चुका है। अगस्त 2023 में बंदूकधारियों ने ग्वादर में चीनी श्रमिकों के एक काफिले पर हमला किया और अलगाववादी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली। इस घटना के बाद चीनी कर्मियों की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है।
2021 में ग्वादर बंदरगाह को लेकर हुआ था समझौता
आपको बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना में ग्वादर बंदरगाह बेहद महत्वपूर्ण है। ये अरब सागर तक चीन की पहुंच के लिए बेहद अहम बंदरगाह है। पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान और चीन ग्वादर बंदरगाह को सीपीईसी के तहत लाने के लिए राजी हुए थे। दोनों देशों ने मिलकर ये समझौता किया था कि वो ग्वादर बंदरगाह की पूरी क्षमता का सीपीईसी के तहत इस्तेमाल करेंगे जिससे पाकिस्तान और चीन, दोनों को फायदा होगा।सीपीईसी प्रोजेक्ट पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के शिंजियांग प्रांत से जोड़ता है। ये चीन की महत्वाकांक्षी अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की प्रमुख परियोजना है। चीन-पाकिस्तान के बीच सीपीईसी परियोजना की शुरुआत साल 2013 में हुई थी। इसके तहत, चीन पाकिस्तान में कई आधारभूत परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। चीन ने सीपीईसी की शुरुआत में कहा था कि वो इस प्रोजेक्ट में 46 अरब डॉलर निवेश करेगा लेकिन 2017 के आते-आते परियोजना की कीमत 62 अरब डॉलर हो गई। भारत शुरुआत से ही सीपीईसी का विरोध करता आया है क्योंकि ये प्रोजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। भारत इस क्षेत्र में किसी भी तरह के विदेशी निवेश को अस्वीकार्य बताता है।
पार्क लेन रेफरेंस मामले में पाकिस्तान राष्ट्रपति को राहत
20 Mar, 2024 05:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पार्क लेन रेफरेंस मामले में इस्लामाबाद कोर्ट में सुनवाई हुई। जरदारी राष्ट्रीय खजाने में 3.77 अरब रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। जरदारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमे से छूट मिल गई है। जरदारी के वकीलों ने कोर्ट से अपील की थी कि उनके मुवक्किल अब राष्ट्रपति हैं, ऐसे में उन्हें इस मामले से छूट मिलनी चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या सह आरोपियों के खिलाफ केस चलाया जा सकता है, इस पर वकीलों ने कहा चलाया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
यह मामला 2008 से 2013 के दौरान का है। उस समय जरदारी मुल्क के राष्ट्रपति थे। इस मामले को पार्क लेन रेफरेंस के तौर पर जाना जाता है। आरोप है कि उन्होंने अपनी फ्रंट कंपनियों को लोन दिलाने के लिए अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की और बाद में उस पैसे का दुरुपयोग किया। उन्होंने अपनी एक कंपनी पार्थेनन प्रा. लिमिटेड के लिए 1.5 अरब रुपये का लोन मिला था। लेकिन बाद में उन्होंने इस धनराशि को फर्जी बैंक खातों के जरिए अपने निजी इस्तेमाल के लिए ट्रांसफर कर दिया।
कम दामों पर प्रॉपर्टी खरदीने का आरोप
राष्ट्रपति जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. इस दौरान उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए लोन लिया था लेकिन बाद में फर्जी खातों के जरिए इस पैसे का निजी तौर पर इस्तेमाल किया। पार्क लेन केस में जरदारी और उनके बेटे बिलावल अली जरदारी पर इस्लामबाद में बेहद कम दरों पर 307 एकड़ की प्रॉपर्टी खरदीने का आरोप है। आरोप है कि जरदारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर खरीदी थी।
हमास के खात्मे के लिए राफा में ग्राउंड ऑपरेशन जरुरी: नेतन्याहू
20 Mar, 2024 04:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल अवीव। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिर दोहराया है कि राफा में ग्राउंड ऑपरेशन के अलावा हमास को खत्म करने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। नेतन्याहू ने कहा, मैंने अपनी बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से यह स्पष्ट कर दिया कि हम राफा में हमास की बची हुई बटालियनों का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने मंगलवार को विदेश और रक्षा मामलों की समिति को बताया, राफा में ग्राउंड ऑपरेशन के बारे में अमेरिकियों के साथ हमारी असहमति है। हमास को खत्म करने की जरूरत के बारे में नहीं, राफा में प्रवेश करने की जरूरत के बारे में असहमति है। बता दें कि अमेरिका राफा में इजरायल के ग्राउंड ऑपरेशन को अंजाम देने के खिलाफ है। अमेरिका मानना है कि इससे गाजा में मानवीय संकट और बढ़ेगा, राफा, गाजा के सबसे दक्षिणी छोर पर मिस्र की सीमा से सटा हुआ इलाका है।
अमेरिका ने पाकिस्तान से संयम बरतने को कहा
20 Mar, 2024 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका ने पाकिस्तान से अपने आतंकवाद रोधी अभियान को लेकर सयंम बरतने को कहा है। इसके कुछ घंटे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि उसने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान से भी आग्रह करता है कि वे सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी हमले करने के लिए न किया जाए।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि टीटीपी के हाफिज गुल बहादुर समूह से जुड़े आतंकवादियों पर हमला किया गया है। इस समूह ने सेना की एक चौकी पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें दो अधिकारियों सहित सात सैनिकों की मौत हुई थी। अफगान तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान के हवाई हमलों में तीन बच्चों सहित कम से कम आठ आम असैन्य लोग मारे गए हैं।
ज्यां-पियरे ने कहा, हम तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि अफगान धरती से आतंकवादी हमले न किए जाएं। हम पाकिस्तान से संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि आतंकवाद विरोधी प्रयासों में आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से की मुलाकात
20 Mar, 2024 10:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 18 मार्च को ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर शिष्टाचार भेंट की। रिपोर्टों के अनुसार, यह एक अघोषित निजी बैठक थी, जहां दोनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा की। बैठक के बाद में पीएम सुनक के प्रवक्ता ने कहा कि ओबामा फाउंडेशन का काम कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ओबामा की टीम ने संपर्क किया और जाहिर तौर पर प्रधानमंत्री उनसे मिलकर और ओबामा फाउंडेशन के काम पर चर्चा करके बहुत खुश हुए।
बैठक के बाद, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वफादार माने जाने वाले मेक अमेरिका ग्रेट अगेन या एमएजीए समर्थकों ने अटकलें लगाईं कि ओबामा विदेशी नेताओं से क्यों मिल रहे हैं। लोकप्रिय ट्रम्प समर्थक और रूढ़िवादी पत्रकार लॉरा लूमर ने पूछा कि ओबामा विश्व नेताओं के साथ निजी बैठकें क्यों कर रहे हैं?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ ओबामा की निजी मुलाकात उन अटकलों के बीच हुई है, कि बाइडेन की उम्र के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर उनकी पत्नी मिशेल ओबामा राष्ट्रपति पद के लिए हिस्सा ले सकती हैं।
टैक्सी ड्राइवरों को मिलेगा 1475 करोड़ का मुआवजा
20 Mar, 2024 09:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया में उबर की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों को,उबर कंपनी को 1475 करोड रुपए का भुगतान मुआवजा के रूप में करना होगा। 8000 टैक्सी मालिकों और ड्राइवरों की ओर से मुआवजे के लिए कोर्ट का सहारा लिया था। कोर्ट में उबर कंपनी ने समझौते के रूप में 1475 करोड रुपए मुआवजा देना स्वीकार कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया में उबर कंपनी से अनुबंधित गाड़ियों के ड्राइवरों को इस समझौते से बड़ा फायदा हुआ है।
रफा में सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी में इस्राइल, अमेरिका चिंतित
20 Mar, 2024 08:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । इस्राइल और हमास के बीच महीनों से युद्ध जारी है जिसमें गाजा में रह रहे हजारों लोगों की जान जा चुकी है। इस्राइल हमास को खत्म करने किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इस्राइल अब हमास के खिलाफ गाजा के रफा में सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर अब अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने एक बयान जारी कर बताया कि जो बाइडन इस्राइल के रफा में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करने को लेकर बेहद चिंतित हैं।
सुलिवन ने बताया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति जो बाइडन और इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर भी बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद नेतन्याहू, अपनी एक इंटर एजेंसी टीम को अमेरिका भेजने के लिए तैयार हो गए हैं। टीम में सेना, खुफिया एजेंसी और शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करेगी कि कैसे रफा में बिना किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई के हमास के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि रफा में अभी दस लाख से ज्यादा शरणार्थी रह रहे हैं, जो गाजा सिटी और खान यूनिस से जान बचाकर रफा पहुंचे हैं। ऐसे में अगर इस्राइल रफा में सैन्य कार्रवाई करता है तो फिर ये शरणार्थी कहां जाएंगे? गाजा के कई बड़े शहर पहले ही युद्ध में तबाह हो चुके हैं। इस्राइल ने अमेरिका और दुनिया को रफा पर हमले की कोई योजना भी नहीं बताई है। रफा, मिस्त्र की सीमा पर स्थित है और अगर रफा के रास्ते ही गाजा में शरणाथियों को मदद पहुंचाई जा रही है। अगर रफा पर ही सैन्य कार्रवाई होती है तो इससे गाजा में गंभीर संकट पैदा हो जाएगा और लोगों को मदद भी नहीं पहुंच पाएगी। इससे न सिर्फ इस्राइल अलग-थलग पड़ जाएगा, साथ ही इस्राइस हमास युद्ध के बड़े पैमाने पर भड़क सकता है।
एच-1बी वीजा पंजीकरण की अंतिम तारीख का हुआ एलान
19 Mar, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय आइटी पेशेवरों में लोकप्रिय अमेरिकी एच-1बी वीजा की वित्तीय वर्ष 2025 के लिए प्रारंभिक पंजीकरण की तिथि 22 मार्च को खत्म हो रही है। अमेरिकी संघीय एजेंसी ने बताया कि यह सुविधा यूएससीआइएस की साइट पर आनलाइन उपलब्ध है।
यूएससीआइएस ने जारी की गाइडलाइंस
अमेरिकी तकनीकी कंपनियां हर वर्ष भारत और चीन जैसे देशों के हजारों एच-1बी वीजा धारक कर्मचारियों की भर्ती करती हैं। अमेरिकी नागरिकता व आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) ने सोमवार को बताया कि तय तिथि तक संभावित आवेदकों और कानूनी प्रतिनिधियों को चयन प्रक्रिया के लिए हर लाभार्थी का पंजीकरण करने और पंजीकरण शुल्क भुगतान करने के लिए दिए गए ऑनलाइन अकाउंट का उपयोग करना होगा।
क्या है एच-1 बी विजा
एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी तकनीकी कंपनियों को विदेशी कामगारों की एक निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति करने की अनुमति देता है। मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गैर-आप्रवासी कर्मचारियों के लिए फार्म आइ-129 और प्रीमियम प्रोसेसिंग सेवा के लिए आइ-907 फार्म यूएससीआइएस पर आनलाइन उपलब्ध है।
यूएससीआइएस ने बताया कि एक अप्रैल से एच-1बी कैप आवेदनों के लिए फार्म की आनलाइन फाइलिंग स्वीकार शुरू कर दिया जाएगा।
अपने पिता की सीट पर चुनाव लड़ेंगी पाकिस्तान की होने वाली 'फर्स्ट लेडी' आसिफा भुट्टो
19 Mar, 2024 04:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो की राजनीति में एंट्री हो गई है। आसिफा भुट्टो ने सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।
बता दें कि सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट से आसिफ अली जरदारी ने चुनाव जीता था। हालांकि, राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें यह सीट छोड़ दी थी।
पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी बनेंगी 'बेटी'
इससे पहले पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद आसिल अली जरदारी ने देश की फर्स्ट लेडी के रुप में अपनी बेटी के नाम की घोषणा की थी। यह पद पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति के पति या पत्नी के पास होता है, लेकिन जरदारी ने प्रथम महिला के रूप में आसिफा के नाम को औपचारिक मान्यता देने का फैसला किया है।
आसिफा ने दाखिल किया नामांकन
31 वर्षीय असीफा पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। हालांकि, उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष और उनके पिता जरदारी ने संसदीय राजनीति से दूर रखा। आसिफा ने सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले की एनए-207 निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए है। 21 अप्रैल को उपचुनाव होंगे और आसिफा का जीतना लगभग तय है।
आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई सीट
आसिफ अली जरदारी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी। बता दें कि आसिफा भुट्टो की तुलना अपनी मां से होती है। उनकी मां बेनजीर भुट्टो साल 2007 में रावलपिंडी में हुए एक बम विस्फोट में मारी गई थीं।
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में घुस कर की एयरस्ट्राइक
19 Mar, 2024 04:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित आठ नागरिकों की मौत हो गई। इन हमलों में पाकिस्तान सीमा के पास खोस्त और पक्तिका प्रांतों में नागरिक घरों को निशाना बनाया गया। वहीं, अब पाकिस्तान के हमलों का अफगानिस्तान ने भी करारा जवाब दिया है।
अफगानिस्तान ने किया पलटवार
पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के बाद अफगानिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है। अफगानिस्तान की सेनाओं ने सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को निशाना बनाया, जो दो साल से अधिक समय पहले सत्ता संभालने के बाद तालिबान की ओर से पहला जवाबी हमला बन गया है।
तालिबान-नियंत्रित रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अफगानिस्तान की राष्ट्रीय इस्लामी सेना भारी हथियारों के साथ सीमा पर सैन्य चौकियों को निशाना बनाकर पाकिस्तान को जवाब दे रही है। रक्षा और सुरक्षा बल किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
पाक ने दी जवाबी कार्रवाई की धमकी
ये हमले उत्तरी वजीरिस्तान में सुरक्षा बलों की चौकी पर आतंकवादी हमले में दो अधिकारियों सहित सात सैनिकों की हत्या के बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा जवाबी कार्रवाई की कसम खाने के एक दिन बाद हुए हैं। हाफिज गुल बहादर समूह ने घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अफगान सीमा क्षेत्रों में उसी समूह को निशाना बनाकर "आतंकवाद विरोधी अभियान" की पुष्टि की, जो पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ बढ़ती सीमा हिंसा के लिए जिम्मेदार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का एक गुट है।
अफगान ने दी चेतावनी
वहीं, दूसरी ओर तालिबान सरकार ने हवाई हमलों की निंदा की और इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से गंभीर परिणाम हो सकते हैं और घटनाओं के बढ़ने की संभावना पाकिस्तान की प्रबंधन क्षमता से परे हो सकती है। एक - दूसरे पर लगा रहे आरोप
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि राजदूत आसिफ दुर्रानी ने शनिवार को अफगानिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया, जिनमें 5,000 से 6,000 तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादी और उनके परिवार शामिल हैं।
अफगानिस्तान ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, हम अफगानिस्तान में किसी भी विदेशी समूह की मौजूदगी को खारिज करते हैं और उन्हें अफगान धरती पर काम करने की अनुमति नहीं है।