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चीन का नया डीप-सी केबल कटर, वैश्विक इंटरनेट सुरक्षा के लिए खतरा
25 Mar, 2025 04:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन ने हाल ही में एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो समुद्र के नीचे के सबसे मजबूत संचार और पावर केबल्स को काट सकता है. यह नया डिवाइस एक डीप-सी केबल कटर है, जिसे चीनी वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. यानी अब इस देश के पास एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से वह किसी भी समय समुद्र के नीचे बिछे केबल्स को काट सकता है और अगर ऐसा हुआ, तो पूरी दुनिया का इंटरनेट कनेक्शन बाधित हो सकता है. इस डिवाइस के बनने से वैश्विक इंटरनेट और डाटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है.
यह उपकरण चीन के शिप साइंटिफिक रिसर्च सेंटर (CSSRC) और उसकी स्टेट की लेबोरेटरी ऑफ डीप-सी मैनड व्हीकल्स द्वारा बनाया गया है. चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि यह केबल कटर खास तौर पर समुद्र तल खनन के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन इस उपकरण की दोहरी उपयोगिता (ड्यूल-यूज) चिंता का विषय बन गई है. दरअसल ये डिवाइस समुद्र के 4000 मीटर गहरे पानी में काम कर सकता है और उस गहरे पानी में बिछी हुई स्टील-रेनफोर्ड केबल्स को भी आसानी से काट सकता है. इन केबल्स पर दुनिया का 95% इंटरनेट और डेटा ट्रांसमिशन निर्भर करता है.
कैसे काम करता है ये डिवाइस
समुद्र के नीचे के संचार केबल्स बेहद मजबूत होते हैं क्योंकि उन्हें पॉलिमर, रबर और स्टील की परतों से कवर किया जाता है ताकि वे गहरे समुद्र के दबाव और अन्य प्राकृतिक घटनाओं से सुरक्षित रहें. लेकिन चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है. जो इन बेहद मजबूत केबल्स को काटने में सक्षम है. इस डिवाइस में एक डायमंड-कोटेड ग्राइंडिंग व्हील लगाया गया है, जो 1600 RPM की गति से घूमता है और स्टील के केबल्स को काटने के लिए पर्याप्त फोर्स उत्पन्न करता है. इतना ही नहीं, यह डिवाइस समुद्र के गहरे पानी में 400 एटीएम तक के दबाव में भी काम कर सकता है.
यह उपकरण खास तौर पर चीनी सबमर्सिबल्स, जैसे फेंडोज़े और हैडौ के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सबमर्सिबल्स समुद्र की गहराई में जाकर समुद्र के तल के बारे में जानकारी जुटाने और रिसर्च करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इस उपकरण की उपस्थिति और उसकी क्षमता ने दुनिया भर में चिंताएं पैदा कर दी हैं. खासकर पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि अगर चीन चाहें, तो युद्ध के समय इस उपकरण का इस्तेमाल समुद्र के नीचे के संचार केबल्स को काटने के लिए कर सकता है. जिससे पूरी दुनिया का इंटरनेट कनेक्शन ठप हो सकता है.
कहां कर सकता है चीन इस डिवाइस का इस्तेमाल
विशेषज्ञों का मानना है कि इस डिवाइस का इस्तेमाल चीन अगर ताइवान पर हमला करता है. तो यह देश इस डिवाइस का इस्तेमाल ताइवान के पास स्थित समुद्र के नीचे के संचार केबल्स को काटने के लिए कर सकता है. इसके अलावा, गुआम जैसे अमेरिकी क्षेत्रों के पास भी चीन इस उपकरण का उपयोग कर सकता है, जहां अमेरिकी सैन्य ठिकाने और एयरबेस स्थित हैं. गुआम, जो एक महत्वपूर्ण अमेरिकी सैन्य अड्डा है चीन के लिए रणनीतिक रूप से अहम है और ऐसे में चीन इस उपकरण का इस्तेमाल युद्ध के समय अमेरिका के संचार तंत्र को नष्ट करने के लिए कर सकता है.
यूरोपीय देशों को भी सुरक्षा की चिंता
चीन के इस उपकरण की क्षमता को देखते हुए यूरोपीय देशों को भी अपनी सुरक्षा के बारे में चिंता होने लगी है. कार्नेगी एंडोवमेंट, जो एक प्रमुख अमेरिकी थिंक टैंक है, का कहना है कि अगर चीन समुद्र के नीचे के संचार केबल्स को काटने में सफल हो जाता है. तो इसका वैश्विक वित्तीय बाजारों पर गंभीर असर पड़ेगा. यूरोपीय देशों को यह डर है कि चीन इस उपकरण का इस्तेमाल हाइब्रिड युद्ध के रूप में कर सकता है. जिसमें यह साबित करना मुश्किल होगा कि यह चीन ने किया है या नहीं और इसके परिणामस्वरूप कई देशों के लिए गंभीर आर्थिक नुकसान हो सकता है.
हालांकि, यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि चीन इस उपकरण का वास्तविक उपयोग कहां करेगा. लेकिन इसके बारे में बढ़ती चिंताए और आशंकाएं साफ संकेत देती हैं कि यह तकनीकी विकास वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है. हालांकि की चीन ने हमेशा इस तरह के आरोपों को नकारा है.
चीन में दांत की समस्या से परेशान महिला की खुदकुशी, डॉक्टर की लापरवाही सामने आई
25 Mar, 2025 03:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाइना: चाइना की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक चीनी महिला ने अस्पताल की छत से छलांग लगा दी जिसके बाद उसकी मौत हो गई। महिला ने छत से मौत की छलांग इस वजह से लगाई क्योंकि डॉक्टर ने दांत निकालने की प्रक्रिया में गड़बड़ी की थी। वू नाम की यह महिला 34 वर्ष की थी और पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत की रहने वाली थी। महिला ने अंकिंग म्यूनिसिपल अस्पताल में अपना एक दांत निकलवाया था। यह अस्पताल अपने दंत चिकित्सा विभाग के लिए जाना जाता है। प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर ने गलती से एक स्वस्थ दांत निकाल दिया और फिर गलत तरीके से निकाले गए दांत को जबरन वापस उसकी जगह पर लगा दिया था।
महिला के भाई ने क्या कहा?
वू के भाई ने कहा, "सर्जरी के डेढ़ घंटे तक उन्होंने एनेस्थीसिया का इस्तेमाल नहीं किया और मेरी बहन ने इसे सहन किया।" उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने कई अन्य दांतों के साथ गलत दांत को भी बांधने के लिए तार का इस्तेमाल किया। इस खराब ऑपरेशन की वजह से वू के दांत क्षतिग्रस्त हो गए और उन्हें बहुत दर्द हुआ, उनका चेहरा सूज गया। वह कुछ खा नहीं पा रही थी और अगले कुछ दिनों तक केवल पानी पीकर ही जीवित रही क्योंकि दर्द की वजह से वह रात भर जागती रहती थी।
वू ने साझा किया था वीडियो
सोशल मीडिया पर अपने अनुभव को बताते हुए वू ने एक वीडियो भी साझा किया था। उन्होंने कहा, "इस घटना के बारे में वास्तव में किसी ने कुछ नहीं कहा। अस्पताल ने शुरू से आखिर तक मुझसे झूठ बोला, जिससे मुझे बहुत तकलीफ हुई। मुझे कौन बचाएगा? इस अस्पताल ने जो नुकसान पहुंचाया है, उसके कारण मैं यहीं मर जाऊंगी।"
अस्पताल ने कुछ नहीं किया
वू के एक रिश्तेदार ने कहा कि, उन्होंने चेतावनी दी थी कि अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद वह अपनी 'मौत' का इस्तेमाल अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए करेंगी। रिश्तेदार ने कहा, "वू ने अस्पताल और अधिकारियों को बार-बार इस मामले की सूचना दी थी, लेकिन कुछ नहीं किया गया।''
परिवार ने की यह मांग
वू की मौत के बाद, अस्पताल ने डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस दोनों मामले की जांच कर रहे हैं। इस बीच, वू के परिवार ने अस्पताल के 11.7 लाख रुपये (100,000 युआन) के मुआवजे के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और छत से गिरने की निगरानी फुटेज देखने की मांग की है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
चीन में दंत चिकित्सा में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल अगस्त में हुआंग नाम के एक व्यक्ति ने दंत चिकित्सा प्रक्रिया करवाई थी, जिसमें डॉक्टरों ने एक ही दिन में 23 दांत निकाले और 12 दांत लगा दिए। 2 सप्ताह बाद, उस व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ा जिससे उसकी मौत हो गई थी। यह मामला उनकी बेटी शू की ओर से एक ऑनलाइन पोस्ट के माध्यम से सामने आया था।
पति ने हत्या के बाद गड्ढे में छिपाई लाश, 3 महीने बाद मिली बीवी के आशिक की डेड बॉडी
25 Mar, 2025 02:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
24 दिसंबर 2024 को हरियाणा के एक फिजियोथेरेपिस्ट की हत्या कर दी गई थी. पुलिस तभी से इस हत्याकांड को सुलझाने की कोशिश कर रही थी. अब जाकर पुलिस को कामयाबी मिली है. हालांकि, हत्याकांड का मास्टमाइंड अभी फरार है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मामला रोहतक जिले का है. यहां तीन महीने से लापता मस्तनाथ संस्थान के फिजियोथेरेपिस्ट जगदीप (45) का शव सोमवार देर शाम चरखी दादरी जिले के पैंतावास कलां गांव स्थित कालूवाला जोहड़ से बरामद किया गया है. जगदीप को जमीन में 7 फीट से अधिक गहरा गड्ढा खोदकर खड़ा ही दफनाया गया था. पुलिस ने शव को बरामद कर चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार, रोहतक की बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी में कार्यरत जगदीप का 3 माह पहले जनता कॉलोनी से 4 युवकों ने अपहरण कर लिया. इसके बाद पैंतावास कलां में ले जाकर जिंदा ही गड्ढे में गाड़ दिया. पुलिस ने गांव के दो युवकों हरदीप और धर्मपाल को हिरासत में लिया है. मुख्य आरोपी जिसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध बताए जा रहे हैं, वह अभी फरार है. उसकी पुलिस तलाश कर रही है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड को लेकर और भी कई खुलासे हो सकते हैं.
जगदीप के साथ पत्नी के आपत्तिजनक फोटो
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जगदीप रोहतक की जनता कॉलोनी में एक महिला के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था. मूल रूप से वो झज्जर का रहने वाला था. रोहतक में रहते हुए उसकी पहचान जनता कॉलोनी की एक महिला से हुई, जिसकी शादी चरखी दादरी के पैंतावास कलां गांव में हुई थी. दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए. इस बात की जानकारी महिला के पति को लगी.
वह रोहतक पहुंचा और जगदीप का मोबाइल चेक किया. उसमें पत्नी के साथ उसकी तस्वीरें देखीं. गुस्से में उसने हत्या की योजना बना ली. इसके बाद वह अपने गांव पैंतावास कलां लौटा और हत्या के लिए अपने साथी हरदीप, धर्मपाल और एक अन्य को साथ मिला लिया. इसके बाद अपहरण कर हत्या को अंजाम दिया.
मोबाइल लोकेशन से मिली अहम जानकारी
जगदीप 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गया था. जब एक माह तक सुराग नहीं मिला तो ताऊ ईश्वर ने 3 फरवरी को शिवाजी कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच में सामने आया कि 24 दिसंबर की शाम चार युवक जगदीप को जनता कॉलोनी स्थित किराए के मकान से हाथ-पैर बांधकर गाड़ी में डालकर ले गए थे.
एक बच्ची का पिता था जगदीप
पुलिस ने मौके से मोबाइल फोन का डंप डेटा उठाया तो पैंतावास कलां के युवकों की लोकेशन सामने आई. पुलिस ने गांव के दो युवकों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की. दोनों ने वारदात कबूल ली. उनकी निशानदेही पर पुलिस उस जगह पहुंची, जहां जगदीप को जिंदा ही गाड़ा गया था. फिलहाल, मुख्य आरोपी की तलाश की जा रही है. उधर, उस महिला से भी पूछताछ जारी है, जिससे जगदीप के अवैध संबंध थे. जगदीप खुद भी शादीशुदा था और उसी 7 साल की बेटी भी है. जगदीप की हत्या के बाद अब मां-बेटी अकेली रह गई हैं.
दीपक हुड्डा की पत्नी ने थाने में की कुटाई, पति पर लगाए सनसनीखेज आरोप
25 Mar, 2025 02:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिसार की पूर्व वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर स्वीटी बूरा ने अपने पति भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा से महिला थाने में मारपीट कर दी. पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसके बाद स्वीटी बूरा ने अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने हिसार एसपी पर भी निशाना साधा है. स्वीटी ने कहा है, ‘ दीपक हुड्डा को लड़कों में इंटरेस्ट है. यह सब बातें मुझे बाद में पता चलीं. मुझे जानबूझकर हिंसात्मक दिखाया जा रहा है, जबकि दीपक हुड्डा ही मुझसे मारपीट करता था.’
स्वीटी बूरा ने कहा है कि ‘दीपक ने मुझे वीडियो दिखाने के लिए बुलाया था. वीडियो के शुरू और आखिरी का हिस्सा गायब है, जिसमें दीपक मुझे गंदी-गंदी गालियां दे रहा है.’ स्वीटी ने बताया, ‘बाद में मुझे पैनिक अटैक आया, वह हिस्सा भी गायब कर दिया. थाने का वीडियो सार्वजनिक होने का मतलब यह है कि इस केस में दीपक के साथ हिसार एसपी मिले हुए हैं. दोनों को फांसी की सजा होनी चाहिए.’
एसपी ने की वीडियो में छेड़छाड़- स्वीटी
स्वीटी बूरा ने कहा है कि हिसार एसपी दीपक हुड्डा के साथ मिले हुए हैं. उन्होंने रविवार (23 मार्च) को मीडिया से कहा था कि थाने में जो घटनाक्रम हुआ है, उसका वीडियो सामने आना चाहिए. उनका आरोप है कि हिसार एसपी ने वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. उससे पहले और उस दौरान जो बातें हुईं, उस वीडियो में नहीं दिखाई गईं. उनका कहना है कि जो उनपर इल्जाम लगाए जा रहे हैं, जो वीडियो मेरा चैनल व सोशल मीडिया पर चल रहा है मैं उसके बारे में बताने के लिए लाइव आई हूं.’
FIR में मामा और पापा का नाम झूठा- स्वीटी
स्वीटी बूरा ने मीडिया को बताया कि उनके पापा और मामा का नाम भी दीपक हुड्डा ने एफआईआर में लिखवाया हुआ है, जबकि वायरल वीडियो में ही दिख रहा है कि मेरे पापा और मामा तो दीपक के पास तक नहीं गए. वह कहती हैं कि उनके मामा तो उसे ही रोक रहे हैं कि ये सब नहीं करना. इसके बावजूद दीपक हुड्डा ने झूठा मेडिकल करवाया और उनके मामा और पिता का नाम एफआईआर में लिखवाया.
स्वीटी का कहना है कि उन्होंने कोई चोट दीपक को नहीं मारी, जबकि मेडिकल में उसमें चोट का जिक्र किया है.स्वीटी बूरा ने हाथ जोड़कर कहा कि ‘अगर मैं इतनी बूरी हूं तो मेरा पति मुझे तलाक क्यों नहीं देता. मैं तो सिर्फ उससे तलाक ही मांग रही हूं. मैंने उससे कुछ नहीं मांगा. कोई इंसान अगर इतना बुरा होगा तो उसके साथ क्यूं रहना चाहेगा. कोई साथ रहना तभी चाहता है जब वह अच्छा होता है.’
ये है दोनों के बीच विवाद
स्वीटी और दीपक की शादी 3 साल पहले हुई थी. स्वीटी ने पति दीपक पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई थी. स्वीटी ने आरोप लगाया था कि पति ने उनके साथ मारपीट की. शादी में एक करोड़ और फॉर्च्यूनर देने के बावजूद उन्हें कम दहेज के लिए प्रताड़ित किया. दीपक ने भी स्वीटी और उनके परिवार पर संपत्ति हड़पने के साथ जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. उन्होंने रोहतक में शिकायत दी थी. दीपक का कहना था कि स्वीटी ने सोते हुए उनका सिर फोड़ा. उन पर चाकू से हमला किया. इस मामले में दोनों के रोहतक में केस दर्ज हैं. स्वीटी और दीपक इस वक्त बीजेपी नेता हैं. दीपक ने महम सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव हार गए थे.
पुतिन का उपहार: ट्रंप ने गिफ्ट की तारीफ करते हुए कहा- यह बेहद खूबसूरत है
25 Mar, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को अब 3 साल से अधिक समय बीत चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इस युद्ध को जल्द से जल्द रोका जाए। इसे लेकर ट्रंप ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात भी की थी। वहीं, अब पुतिन ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे रूस और अमेरिका के बीच टेंशन को खत्म करने की ओर बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्रेमलिन ने सोमवार को पुष्टि की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रम्प को उनका (ट्रंप) का एक चित्र गिफ्ट किया है। क्रेमलिन ने भी सोमवार को इस बात की पुष्टि की है।
पुतिन से मिले थे ट्रंप के दूत
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि व्लादिमीर पुतिन ने इसी महीने की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को मॉस्को में यह चित्र दिया था। हालांकि, उन्होंने इस मामले पर और टिप्पणी करने से मना कर दिया। बता दें कि यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने को लेकर जारी प्रयास के तहत रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद विटकॉफ ने पुतिन से मुलाकात की।
ट्रंप का क्या था रिएक्शन
पुतिन की ओर से भेजे गए गिफ्ट पर डोनाल्ड ट्रंप का रिएक्शन भी सामने आया है। एक इंटरव्यू में विटकॉफ ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा दी गई तस्वीर से स्पष्ट रूप से काफी प्रभावित हुए। डोनाल्ड ट्रंप ने इस गिफ्ट को खूबसूरत बताया है।
पुतिन ने इन नेताओं को भी भेजे थे गिफ्ट
2018 में पुतिन ने तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप को एक सॉकर बॉल दी थी। सीक्रेट सर्विस ने इसकी जांच की थी। ट्रंप ने इसे अपने बेटे को दिया था। इससे पहले पुतिन ने 2021 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक शिखर सम्मेलन में मिलने पर 12,000 अमेरिकी डॉलर का लैकर लेखन बॉक्स और पेन गिफ्ट किया था। साल 2013 में पुतिन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को कथित तौर पर चीनी मिट्टी की प्लेटें और एस्प्रेसो कप भेजे थे। इससे पहले पुतिन ने कथित तौर पर जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश को उनके 90वें जन्मदिन पर उनका एक चित्र भेजा था।
जब USSR ने गिफ्ट में लगाया था बग
दरअसल, साल 1945 में सोवियत युग के दौरान स्कूली बच्चों ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत एवरेल हैरिमन को अमेरिका की ग्रेट सील की एक नक्काशी उपहार में दी थी। इस नक्काशी में बग लगा था जिससे सोवियत संघ अमेरिकी राजदूत की बातें सुन सकता था। यह नक्काशी 6 साल तक राजदूत के कार्यालय में लटकी रही थी। अब तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि पुतिन ने ट्रंप को जो चित्र दिया है, उसमें बग की जाँच की गई है या नहीं।
न्यूजीलैंड का दक्षिणी द्वीप भूकंप से कांपा, समुद्र तट से दूर रहने की सलाह
25 Mar, 2025 11:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वेलिंगटन। भूकंप के तेज झटकों से न्यूजीलैंड हिल उठा। अधिकारियों के मुताबिक न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप पर लोगों ने तेज झटकों को महसूस किया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई। अब न्यूजीलैंड की आपदा एजेंसी ने यह आकलन लगाने में जुटी है कि क्या सुनामी का कोई खतरा है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड भूकंपीय रूप से सक्रिय 'रिंग ऑफ फायर' पर बसा है। रिंग ऑफ फायर लगभग 40000 किलोमीटर का एक घेरा है। यह प्रशांत महासागर के अधिकांश भाग को घेरने वाले ज्वालामुखियों और समुद्री खाइयों से भरा है।
समुद्र से दूर रहने की अपील
NEMA ने साउथलैंड और फियोर्डलैंड क्षेत्रों के लोगों को समुद्र तटों और समुद्री क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। एजेंसी का कहना है कि समुद्र की असामान्य धाराएं खतरा बन सकती हैं। न्यूजीलैंड की सरकारी भूकंप निगरानीकर्ता जियोनेट ने कहा कि 4700 से अधिक लोगों ने भूकंप महसूस किया।
अलमारी से सामान गिरने लगा
न्यूजीलैंड की मीडिया ने अपनी खबरों में बताया कि लोगों ने सामान गिरने और इमारतों के हिलने की जानकारी साझा की। न्यूजीलैंड हेराल्ड अखबार के मुताबिक एक व्यक्ति ने फेसबुक पर पोस्ट कि हमारी अलमारी से सामान गिरने लगा। लकड़ी की मेज घूमने लगी।
33 किमी की गहराई में आया भूकंप
जियोनेट के मुताबिक भूकंप न्यूजीलैंड के स्नेरेस द्वीप समूह से लगभग 160 किमी उत्तर-पश्चिम में 33 किमी की गहराई पर आया है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप लगभग 10 किमी की गहराई पर आया। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय मौसम ब्यूरो का कहना है कि मुख्य भूमि, द्वीपों व अन्य क्षेत्रों में सुनामी का कोई खतरा नहीं है।
अचानक पर्दे हिलने लगे
डुनेडिन शहर में भी लोगों ने झटके महसूस किए। यहां के एक व्यक्ति ने जानकारी दी कि हम डुनेडिन अस्पताल की 8वीं मंजिल पर थे। अचानक पर्दे हिलने लगे। हम बिस्तर पर बैठे-बैठे हिल रहे थे। यह डरावना था। एक अन्य शख्स ने कहा कि कार में मैं बच्चों का इंतजार कर रहा था। भूकंप की वजह से कार काफी तेज हिलती रही।
सुनामी का सता रहा डर
भूकंप के बाद सुनामी के खतरे का आकलन राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (नेमा) और जीएनएस साइंस कर रही है। नेमा ने कहा अगर इस स्थान पर सुनामी पैदा होती है तो कम से कम एक घंटे तक इसके न्यूजीलैंड पहुंचने की संभावना नहीं है। एजेंसी ने कहा कि अगर समुद्र तटीय लोगों को भूकंप के झटके एक मिनट से अधिक समय तक महसूस हुए हैं तो उन्हें तुरंत इलाका खाली कर देना चाहिए। ऐसे में सुनामी का खतरा है।
ट्रंप का नया प्लान, वेनेजुएला से व्यापार करने वालों को दी चेतावनी
25 Mar, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वे जल्द ऑटोमोबाइल, एल्युमिनियम और फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ यानी शुल्क की घोषणा करेंगे। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि यदि किसी समस्या जैसे युद्ध आदि का सामना करना पड़ा, तो अमेरिका को इन सभी उत्पादों की आवश्यकता होगी।
ट्रंप ने अपनी कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हर देश ने हमें ठगा है। वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने उसी बैठक में कहा कि दो अप्रैल को ट्रंप कई शुल्क लगाने जा रहे हैं। अमेरिका बाहरी राजस्व सेवा शुरू करेगा।
वेजेजुएला पर दबाव बना रहे ट्रंप
बता दें कि अमेरिकी सरकार आंतरिक राजस्व सेवा अमेरिकियों से कर एकत्र करती है। इस बीच, अमेरिका राष्ट्रपति कहा कि जो भी देश वेनेजुएला से तेल या गैस खरीदता है, उसे अमेरिका के साथ किए गए किसी भी व्यापार पर 25 फीसदी शुल्क देना होगा।
यह व्यवस्था दो अप्रैल से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि वह यह कदम इसलिए उठा रहे हैं, क्योंकि वेनेजुएला ने दसियों हजार लोगों को अमेरिका भेजा है, जिनकी बहुत हिंसक प्रवृत्ति है। इस कदम का उद्देश्य वेनेजुएला पर दबाव बनाना है, ताकि वह अपने नागरिकों के व्यवहार में सुधार करे और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में पारदर्शिता लाए।
निर्वासितों को लेकर पहुंचा विमान
उधर, अमेरिका से निर्वासित 199 वेनेजुएलावासियों को लेकर एक चार्टर्ड विमान सोमवार को राजधानी कराकस पहुंचा। विमान अमेरिका से उड़ान भरकर होंडुरास में रुका और फिर कराकस के निकट एक हवाई अड्डे पर उतरा।
आगमन के फुटेज में निर्वासित व्यक्तियों को राहत और खुशी व्यक्त करते हुए दिखाया गया। एक अन्य मामले में ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेनी महत्वपूर्ण खनिजों पर अमेरिका-यूक्रेन राजस्व-साझाकरण समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।
दिल का दौरा पड़ने से हान जोंग-ही का 63 साल की उम्र में हुआ निधन
25 Mar, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दक्षिण कोरियाई टेक दिग्गज सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के सह-सीईओ हान जोंग-ही का मंगलवार को निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। यह जानकारी साउथ कोरियाई टेक दिग्गज ने दी। हान जोंग-ही की उम्र 63 वर्ष थी। सैमसंग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हान का निधन उस वक्त हुआ जब वे अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट के इलाज के लिए भर्ती थे। कंपनी ने अभी तक उनके उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान नहीं किया है।
कौन थे हान जोंग-ही?
हान जोंग-ही सैमसंग के तीन दशक पुराने अनुभवी थे, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत डिस्प्ले डिवीजन से की थी। उन्हें महज तीन साल पहले सैमसंग का सह-सीईओ नियुक्त किया गया था।
हान को सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स को टीवी उद्योग का प्रमुख बनाने का श्रेय जाता है, जहां उन्होंने जापानी प्रतिद्वंद्वियों जैसे सोनी ग्रुप कॉर्प को पीछे छोड़ दिया।
इसके अलावा, हान ने सैमसंग के उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल डिवाइस डिवीजन का नेतृत्व किया, जो एप्पल के स्मार्टफोन्स से प्रतिस्पर्धा करता है।
हाल ही में, हान ने सैमसंग के गैलेक्सी उपकरणों में AI को एकीकृत करने की दिशा में कई कदम उठाए थे।
उनके नेतृत्व में, सैमसंग ने अपने फ्रिज, वॉशिंग मशीन और वैक्यूम क्लीनर जैसे घरेलू उपकरणों में AI चिप्स का इस्तेमाल करना शुरू किया था।
हान का निधन ऐसे समय में हुआ, जब कंपनी को अब SK Hynix Inc. के साथ AI मेमोरी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करनी है और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की सुस्त मांग को भी निपटाना है। पिछले हफ्ते, हान ने सैमसंग के वार्षिक शेयरधारक बैठक में कहा था कि 2025 एक कठिन साल हो सकता है, लेकिन कंपनी विकास के लिए मर्जर और एक्विजिशन की योजना बना रही है।
हान जोंग-ही, सैमसंग के सह-सीईओ जून यंग-ह्यून के साथ मिलकर कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे। जून यंग-ह्यून ने सैमसंग के सेमीकंडक्टर व्यापार की जिम्मेदारी संभाली है, जबकि हान जोंग-ही बाकी सभी क्षेत्रों की देखरेख कर रहे थे।
नोएडा-गाजियाबाद से फरीदाबाद तक जाम से मिलेगी निजात, 20 साल से रुका FNG एक्स्प्रेसवे का काम होगा पूरा
24 Mar, 2025 07:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद वालों के लिए खुशखबरी है. लोगों को इन तीन शहरों का सफर करने में घंटों लग जाते हैं, वो भी सिर्फ जाम की वजह से. लेकिन अब यह टेंशन जल्द ही खत्म होने वाली है. 20 साल से रुके FNG एक्सप्रेसवे का रुका हुआ काम जल्द ही पूरा हो सकता है. इसके निर्माण के लिए हरियाणा सरकार ने हरि झंडी दिखा दी है.
इतना ही नहीं एफएनजी एक्सप्रेसवे का नक्शा भी पास हो गया है. जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. नोएडा-गाजियाबाद से रोजाना करीब एक लाख लोग रोजगार के चक्कर में फरीदाबाद आते-जाते हैं. फरीदाबाद-नोएडा के बीच यमुना होने के कारण अभी कोई सीधी सड़क नहीं है. ऐसे में लोगों को नोएडा आने-जाने के लिए सड़क मार्ग से दिल्ली कालिंदीकुंज से जाना पड़ता है. इस मार्ग पर सुबह शाम आए दिन जाम लग जाता है. वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं.
हरियाणा बॉर्डर पर रुका था काम
जाम से छुटकारा पाने के लिए करीब 20 साल पहले एफएनजी की योजना नोएडा प्राधिकरण की ओर से तैयार किया गया था. हालांकि, इसे अमल में नहीं लाया गया था. उतर प्रदेश सरकार ने अपनी सीमा पर इसके लिए सड़क का निर्माण काफी हद तक कर चुकी है, लेकिन हरियाणा के बार्डर में यह काम रुका हुआ था. अब हरियाणा सरकार ने एफएनजी एक्सप्रेसवे के लिए हरी झंडी दिखा दी है. हरियाणा सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी करने जा रही है.
ट्रैफिक कंट्रोल में मिलेगी काफी मदद
हरियाणा की सीमा पर गांव लालपुर के पास यमुना नदी के ऊपर 600 मीटर लंबा पुल बनाना प्रस्तावित है. इस पर आने वाली लागत हरियाणा और यूपी 50-50 फीसदी वहन करेंगे. इस एक्सप्रेसवे की स्थापना से यातायात को नियंत्रित किया जा सकेगा और फरीदाबाद से गाजियाबाद की दूरी कम होगी. एफएनजी एक्सप्रेसवे शुरू होने से व्यापारियों और कारोबारियों को अपने सामान लाने-ले जाने में भी आसानी होगी.
नेशनल हाईवे-9 से होगी कनेक्टिविटी
एक्सप्रेसवे बनने के बाद से इसमे एक बेहतर कनेक्टिवटी भी बनेगी, जो फरीदाबाद के लोगों को गाजियाबाद से जोड़ देगी. यह सड़क नोएडा के एनएच 9 पर छिजारसी कट तक बनाए जा रहे हैं, इसलिए एफएनजी से आने वाले वाहन सीधे NH-9 से जुड़ जाएंगे.
बहादुरगढ़ में मकान ब्लास्ट, महिला और दो बच्चों सहित 4 की जलकर मौत, जांच शुरू
24 Mar, 2025 07:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के झज्जर में एक बड़ा हादसा हो गया, जहां बहादुरगढ़ में शनिवार को एक मकान में जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद मकान में आग लग गई. इस घटना में चार लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई. मरने वालों में एक महिला, एक पुरुष और दो बच्चे बताए जा रहे हैं, जो एक ही परिवार के सदस्य थे. यही नहीं हादसे में एक शख्स गंभीर रूप से घायल भी हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घायल शख्स का रोहतक के पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना शनिवार 6:30 बजे के करीब की है, जहां मकान में जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई. आग लगने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. तुरंत दमकल विभाग को जानकारी दी गई. दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग को काबू में किया गया.
AC के कंप्रेसर फटने से हुआ हादसा?
मकान में लगी आग में चार लोग झुलस गए, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई. चारों के शव बरामद किए हैं. इनमें दो 10 साल के बच्चे थे, एक महिला और पुरुष शामिल था. बताया जा रहा है कि ये हादसा एयर कंडीशनर (AC) के कंप्रेसर फटने की वजह से हुआ है. हालांकि अभी ऐसी आशंका जताई जा रही है, लेकिन हादसे की असल वजह सामने नहीं आई है. मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और घटना वाली जगह से सैंपल जुटाए. घायल शख्स का नाम हरिपाल सिंह बताया जा रहा है. पुलिस ने ये भी बताया कि घर में मौजूद एयर कंडीशनर डैमेज हालत में मिला है. अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. इस मामले की जांच जा रही है.
एक परिवार के सदस्य थे चारों मृतक
बहादुरगढ़ के डीसीपी मयंक मिश्रा ने कहा, “यह सिलेंडर ब्लास्ट नहीं है. यह धमाका बेडरूम के अंदर हुआ है. ब्लास्ट से पूरा घर प्रभावित हुआ है. चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. चारों मृतक परिवार के सदस्य थे. फोरेंसिक टीम ब्लास्ट के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. सिलेंडर सही सलामत है, लेकिन हम अभी भी साफतौर पर नहीं कह सकते कि ये हादसा एसी ब्लास्ट की वजह से हुआ. पहले जांच की जाएगी. तब असल कारण का पता चलेगा.”
बीजिंग में भारतीय दूतावास का वसंत मेला, 4000 से अधिक चीनी लोगों ने लिया हिस्सा
24 Mar, 2025 01:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीते दिनों चीन की राजधानी बीजिंग में वसंत मेले का आयोजन किया गया. इसमें चार हजार से चीनी लोगों ने शिरकत की. भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित यह मेला दोनों देशों के बीच रिश्तों की एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया. चार साल की ठंडक के बाद खासकर 2020 में लद्दाख की हिंसक झड़प के बाद दोनों देश अब अपने संबंधों को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं. इस मेले में भारतीय संस्कृति की शानदार झलक दिखी. कई तरह के शास्त्रीय नृत्य जैसे भरतनाट्यम और कथक हुए, जिन्हें ज्यादातर चीन के कलाकारों ने पेश किया. भारतीय खाने, हस्तशिल्प, आर्टिफिशियल गहने और कपड़ों के स्टॉल भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने.
इस आयोजन में भारत-चीन की दोस्ती साफ नजर आई. इसमें चीन के विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल लियू जिंसॉन्ग भी शामिल हुए. भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने उनका और भारी संख्या में आए चीनी लोगों का स्वागत किया. रावत ने कहा कि वसंत नई शुरुआत और रिश्तों को मजबूत करने का समय है. यह मेला उस वक्त हुआ, जब पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात ने रिश्तों में चार साल से जमीं बर्फ को पिघलाने का काम किया है. इसके बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कई हाईलेवल मीटिंग हुई.
पीएम मोदी की उम्मीदें
हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन रिश्तों पर सकारात्मक बातें कहीं. उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात सामान्य हो गए हैं और दोनों देशों को अपने रिश्ते मजबूत करने चाहिए. यह बयान इसलिए खास है क्योंकि 2020 में लद्दाख की झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ा दिया था. चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मोदी के बयान की तारीफ की और कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में भागीदार बनना चाहिए. हाल के दिनों में रिश्तों में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं, जिन्हें दूर करने के लिए मेहनत जरूरी है.
सहयोग के क्षेत्र और चुनौतियां
भारत और चीन के बीच कई सकारात्मक पहलू हैं. व्यापार इनमें सबसे अहम है. लद्दाख झड़प के बाद भी चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. दोनों देश ब्रिक्स और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक जैसे संगठनों में साथ काम करते हैं. वे गैर-पश्चिमी आर्थिक मॉडल, आतंकवाद से लड़ाई और अमेरिकी नीतियों का विरोध करने में भी एक राय रखते हैं. लद्दाख की घटना के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत जारी रही. इसके बाद अक्टूबर में सीमा पर गश्त का समझौता हुआ. उसी महीने मोदी और शी जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन में मुलाकात की और सहयोग बढ़ाने का वादा किया. जनवरी में दोनों देशों ने सीधी उड़ानें शुरू करने पर भी सहमति जताई.
रिश्तों में मुश्किलें
लेकिन रिश्तों में मुश्किलें भी कम नहीं हैं. भारत का अमेरिका और चीन का पाकिस्तान के साथ करीबी रिश्ता तनाव का कारण है. चीन कश्मीर में भारत की नीतियों का विरोध करता है और भारत को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप व यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सदस्यता से रोकता है. चीन का नौसैनिक प्रभाव और उसका विदेशी सैन्य अड्डा भारत के समुद्री क्षेत्र में है. बेल्ट एंड रोड पहल को भारत ने खारिज कर दिया था. वहीं भारत भी ताइवान और दलाई लामा के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है, जिन्हें चीन अलगाववादी मानता है.
भविष्य के संकेत और वैश्विक हालात
रिश्तों का भविष्य कुछ अहम संकेतों पर टिका है. सीमा वार्ता सबसे बड़ा मुद्दा है. 2,100 मील लंबी सीमा का 50,000 वर्ग मील हिस्सा अभी भी विवादित है. पिछले साल का गश्त समझौता भरोसा बढ़ाने में मददगार था. मोदी और शी की मुलाकातें खासकर ब्रिक्स, जी20 और शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलनों में, रिश्तों को गति दे सकती हैं. क्षेत्रीय और वैश्विक बदलाव भी प्रभाव डालेंगे. भारत के पड़ोसी देशों में नए नेता हैं, जो चीन के करीब हैं, लेकिन भारत के साथ संतुलन बनाए हुए हैं. अगर चीन रूस के साथ साझेदारी कम करे, तो यह भारत-चीन रिश्तों के लिए अच्छा होगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां भी मायने रखती हैं. अगर वे चीन के साथ तनाव कम करते हैं और भारत को लगता है कि अमेरिका उसकी मदद नहीं करेगा, तो भारत चीन के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश करेगा.
रूस-अमेरिका के बीच बढ़ी मित्रता, पुतिन ने ट्रंप के लिए की प्रार्थना
24 Mar, 2025 01:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है. दोनों ही देश एक दूसरे से कूटनीति लड़ाई लड़ते रहे हैं. रूस ने कभी अमेरिका को सुपरपावर नहीं माना और हमेशा से उसे चुनौती दी है, लेकिन ट्रंप के आने के बाद स्थिति बदलती दिख रही है. यूक्रेन को युद्ध के खात्मे के ट्रंप के प्रयासों के तहत अमेरिका रूस के बीच सीधे बातचीत हुई है. हाल ही में अमेरिका के विशेष दूत के बयान से पुतिन और ट्रंप की दोस्ती सबसे सामने आ गई है.
अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के मुताबिक 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान हत्या के प्रयास के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए दुआ की थी. टकर कार्लसन के पॉडकास्ट पर बोलते हुए, विटकॉफ ने खुलासा किया कि पुतिन एक चर्च गए और अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए प्रार्थना की. विटकॉफ ने कहा कि पुतिन ट्रंप को अपना दोस्त समझते हैं.
कब की थी पुतिन ने ट्रंप के लिए दुआ?
अमेरिकी विशेष दूत के मुताबिक जब पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक अभियान रैली के दौरान एक हत्यारे की गोली डोनाल्ड ट्रंप के कान को छूती हुई निकल गई, उस समय रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप के लिए दुआ की थी. साथ ही कहा कि ये राजनीति से प्रेरित नहीं था, बल्कि उनकी दोस्ती से उपजा था.
पुतिन का ट्रंप को गिफ्ट
सद्भावना के प्रतीक के रूप में पुतिन ने एक रूसी कलाकार से ट्रंप का एक पैंटिंग भी बनवाई, जिसे बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति को सौंप दिया गया. ट्रंप कथित तौर पर इस भाव से प्रभावित हुए थे.
विटकॉफ का यह खुलासा यूक्रेन युद्ध के बारे में चल रही चर्चाओं के बीच हुआ है. विटकॉफ ने पुतिन की बातचीत में शामिल होने की इच्छा की प्रशंसा की और उन्हें ‘सुपर स्मार्ट’ कहा. जबकि पहले पुतिन को ‘बैड गाय’ कहा गया था. साथ ही विटकॉफ ने किसी भी युद्ध को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास की प्रशंसा की है.
पाकिस्तान में अफगान नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया के बीच खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर का बयान, अफगानिस्तान को लेकर कही ये बातें!
24 Mar, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेशावर: खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर अफगान सरकार के समक्ष कई बार चिंता जताई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। गवर्नर हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अफगान प्रशासन को बार-बार सूचित किया है कि अमेरिका की ओर से छोड़े गए हथियार अब आतंकियों के हाथों में हैं और इनका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई वार्ता
गवर्नर फैसल करीम कुंडी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद, व्यापार, शरणार्थियों और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों से निपटने के तरीकों पर मतभेदों के कारण तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारने के लिए काबुल में वार्ता की है। कुंडी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अफगानिस्तान का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अफगान नागरिकों को भेजा जा रहा है वापस
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया लगातार जारी है और 20 मार्च तक 8 लाख से अधिक लोगों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है। पाकिस्तान सरकार ने 31 मार्च की समय सीमा तय की है जिसके तहत अवैध रूप से रह रहे लोगों और अफगान नागरिक कार्ड धारकों को देश छोड़ना होगा। इसी के तहत अब तक 8,74,282 अफगानों को पाकिस्तान से वापस भेजा गया है। सरकार ने यह कदम आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं के चलते उठाया है।
गाजा युद्ध फिर भयानक हुआ, इजराइल ने अपनी कार्रवाई फिर से शुरू की
24 Mar, 2025 12:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा में लगभग 17 महीनों से जारी जंग ने एक बार फिर भयानक रूप ले लिया है. जनवरी में हुए समझौते को तोड़ते हुए इजराइल ने गाजा में अपने कार्रवाई फिर से शुरू कर दी है. हालिया हमलों के बाद युद्ध विराम की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. क्योंकि हमास अमेरिका के प्रस्ताव को इजराइल की शर्तों के साथ मानने के लिए तैयार नहीं है. वहीं मिस्र द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिका और इजराइल राजी नहीं है.
मिडिल ईस्ट आई की खबर में खुलासा हुआ है कि जॉर्डन गाजा युद्ध को रोकने के लिए गाजा से हमास और उसकी सैन्य शाखा के 3 हजार सदस्यों को निर्वासित करने की योजना का प्रस्ताव रख रहा है. जॉर्डन के प्रस्ताव के बारे में जानकारी रखने वाले अमेरिकी और फिलिस्तीनी सूत्रों के मुताबिक निर्वासित किये जाने वालों में सैन्य और नागरिक नेता और हमास के सदस्य शामिल होंगे.
हमास को गाजा से किया जाएगा खाली हाथ
जॉर्डन की योजना में निर्धारित समय-सीमा के मुताबिक गाजा में हमास और अन्य प्रतिरोधी गुटों के निरस्त्रीकरण का भी आह्वान किया गया है. इससे युद्ध प्रभावित क्षेत्र में हमास का शासन खत्म हो जाएगा और फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) को नियंत्रण हासिल करने का मौका मिलेगा.
फिर से हमले शुरू होने के बाद प्रस्ताव
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब इजराइल ने जनवरी में हुए हमास के साथ हुए युद्ध विराम का उल्लंघन कर गाजा पर बमबारी तेज कर दी है.
18 मार्च को, जब लोग रमजान के दौरान सुबह-सुबह सहरी की तैयारी कर रहे थे, तब इजराइली लड़ाकू विमानों ने गाजा में दर्जनों हवाई हमले किए, जिसमें लगभग 200 बच्चों सहित 400 नागरिक मारे गए. सब से इजराइल के हमले लगातार जारी हैं और इन हमलों में करीब 900 लोग मारे जा चुके हैं.
जंग की शुरुआत से 50 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के बताया कि अक्टूबर 2023 से अब तक इजराइली सेना ने 50 हजार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को मार डाला है, जिनमें लगभग 18 हजार बच्चे शामिल हैं. इसके अलावा 113,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
रूस ने यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर किया हमला, सात की मौत
24 Mar, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव: रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए ताजा ड्रोन हमलों में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। यूक्रेन के स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं ने इस बारे में जानकारी दी है। यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, रूस ने यूक्रेन में 147 ड्रोन दागे जिनमें से 97 ड्रोन को मार गिराया गया। यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई के चलते 25 ड्रोन अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाए। रूस ने खार्कीव, सुमी, चेर्निहीव, ओडेसा और डोनेत्स्क क्षेत्रों के साथ-साथ राजधानी कीव में भी हमले किए हैं।
रूस ने किए ताबड़तोड़ हमले
कीव के सैन्य प्रशासन ने बताया कि राजधानी पर हुए ड्रोन हमले में पांच साल के बच्चे सहित तीन लोग मारे गए हैं। हमले में 10 अन्य घायल भी हुए हैं। आपातकालीन सेवा के अनुसार, ड्रोन हमले के कारण पोडिल जिले की 25 मंजिला इमारत की 20वीं मंजिल पर आग लग गई। वहीं, होलोसिव्स्की में एक गोदाम और कार्यालय की इमारत में आग लग जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। डोनेट्स्क क्षेत्र के गवर्नर वादिम फिलाश्किन ने बताया कि क्षेत्र में हुए रूसी हमलों में चार लोग मारे गए हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच हो सकती है वार्ता
यूक्रेन की राजधानी कीव पर यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब सऊदी अरब में दोनों देशों के बीच युद्ध खत्म करने के लिए वार्ता होने की संभावना है। अमेरिका की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच सोमवार को अप्रत्यक्ष वार्ता हो सकती है, जिसमें ऊर्जा सुविधाओं और नागरिकों से संबंधित बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किए जाने हमलों पर रोक लगाने के संबंध में चर्चा की जाएगी।
जानें किसने क्या कहा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अप्रत्यक्ष वार्ता से एक दिन पहले यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब में अमेरिका के अधिकारियों से मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन आंशिक युद्धविराम के विवरण पर चर्चा करने के लिए तकनीकी टीम भेजने की योजना बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सऊदी अरब में होने वाली वार्ता में बेहतर परिणाम निकल सकते हैं।