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हरियाणा में शराब के ठेकों पर हुई लूट, क्रेटा कार में आए बदमाशों ने 2.53 लाख रुपये लूटे
28 Mar, 2025 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पानीपत. हरियाणा के पानीपत में लूट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. वीरवार देर रात, क्रेटा सवार नकाबपोश बदमाशों ने गन पॉइंट पर जीटी रोड सेक्टर 29 और समालखा पट्टीकल्याण के पास हरित पेट्रोल पंप के साथ शराब के दो ठेकों पर करीब 2.53 लाख रुपये की लूट की.
जानकारी के अनुसार, करीब 20 मिनट में बदमाशों ने दो लूट की वारदातों को अंजाम दिया. सेक्टर 29 औद्योगिक थाना और समालखा थाना समेत सीआईए की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. वारदात देर रात करीब 10 बजे की है. सेक्टर 29 में जीटी रोड पर राजू कादियान एंड कंपनी का शराब का ठेका है.
रात को सेल्समैन निंबरी गांव का विक्रम ठेके पर था. रात करीब 10 बजे एक क्रेटा कार ठेके के आगे आकर रुकी. उसमें से दो नकाबपोश बदमाश उतरे और पिस्तौल के बल पर विक्रम से 1.03 लाख रुपये लूट कर ले गए. विक्रम ने इसकी जानकारी ठेकेदार को दी. सेक्टर 29 औद्योगिक थाना और सीआईए की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने जीटी रोड पर नाके लगाकर वाहनों की जांच की. सेक्टर 29 थाना प्रभारी सुभाष ने बताया कि पुलिस को ठेके पर पैसे छीनने की सूचना मिली है और जांच जारी है. दीपक, एसएचओ समालखा, ने भी बताया कि लूट मामले की जांच की जा रही है.
दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर 64 दिन में 121312 चालान! ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया तो कटेगा चालान
28 Mar, 2025 08:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़. दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के धड़ाधड़ चालान कट रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने दिल्ली चंडीदढ़ नेशनल हाईवे 44 पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अब तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1 लाख 21 हजार 312 वाहनों के चालान किए हैं. इन कैमरों से आपराधिक गतिविधियों पर भी नजर रखी जाती है ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके.
दरअसस, सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और यातायात नियमों के पालन को लेकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने 25 जनवरी को करनाल से अभियान की शुरुआत की थी.
इसके तहत करनाल एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिससे दिल्ली चंडीगढ एनएच-44 पर अंबाला बॉर्डर से लेकर सोनीपत के कुंडली बॉर्डर तक 19 स्थानों पर 128 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें से 9 स्थानों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे और 12 स्थानों पर सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं. एएनपीआर कैमरों को हरियाणा पुलिस के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है, ताकि वाहनों का पूरा इतिहास मिल सके. इस राजमार्ग से गुजरने वाले सभी वाहनों पर इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के ऑटोमेटिक तरीके से चालान किए जाते हैं.
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य यातायात नियमों का उल्लंघन नियंत्रित करना, अपराध संबंधी मामलों की जांच में सहयोग करना, वाहनों की निगरानी करना और हॉटलिस्ट वाहनों की खोजबीन करके उनके अलर्ट जारी करना है. इस पूरे प्रोजेक्ट को मौजूदा यातायात प्रबंधन व्यवस्था के साथ जोड़ा गया है जिसे समय-समय पर अपग्रेड किया जाएगा. उन्होंने बताया कि करनाल में स्थापित किए गए नियंत्रण कक्ष से हॉटलिस्ट वाहनों जैसे- चोरी किए गए या आपराधिक गतिविधियों में शामिल वाहनों का डेटा भी जोड़ा गया है जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है. ये वाहन जैसे ही एनएच-44 से गुजरते हैं, इसका अलर्ट संबंधित पुलिस थाने में जाता है.
डीजीपी कपूर ने बताया कि एनएच-44 पर 72 एएनपीआर, 38 सर्विलांस और 18 एविडेंस कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. इन कैमरों के शुरू होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों में सुरक्षा की भावना को भी बल मिलेगा क्योंकि कैमरों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में शामिल वाहनों, चोरी किए गए वाहनों आदि के बारे में अलर्ट नियंत्रण कक्ष में स्वतः ही पहुंच जाएगा, जिसकी सूचना आवश्यकतानुसार पुलिस थानों में भी भेजी जाएगी. डीजीपी कपूर ने बताया कि हरियाणा में अब तक 12 जिलों में इस प्रकार के कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं, जिनमें यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पानीपत, रोहतक, पंचकूला, गुरुग्राम, मेवात, कैथल, फरीदाबाद और सोनीपत शामिल हैं.
सड़क हादसों में आई कमी
गौरतलब है कि वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में सड़क हादसों में 657 की कमी दर्ज की गई है. इसके साथ ही, वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 279 कम लोगों की मृत्यु हुई है और 432 लोग कम घायल हुए हैं. घातक सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में भी कमी देखी गई है, वर्ष 2023 में जहां कुल 4652 मामले सामने आए थे वहीं इस वर्ष ये घटकर 4389 रह गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.65 प्रतिशत कम हैं. वर्ष 2024 में हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2366 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनके माध्यम से 3 लाख 16 हजार 414 बच्चों और अन्य लोगों को जागरूक किया गया. इसी प्रकार हरियाणा पुलिस ने प्रदेश में लेन ड्राइविंग की पालना सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं जिसके तहत लेन ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन करने वाले 3,86,266 वाहन चालकों के चालान किए गए हैं.
डीजीपी की अपील
डीजीपी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है. आमजन को सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए और वाहनों को निर्धारित गति सीमा में ही चलाना चाहिए. हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं और गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, लोग उसमें भागीदारी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय लोग मोबाइल फोन आदि का भी इस्तेमाल न करें. व्यक्ति की जरा सी लापरवाही न केवल उनके स्वयं के लिए बल्कि दूसरे व्यक्तियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है.
पंचकूला में नशे में धुत गाड़ी चालक की मेडेसिन शॉप में घुसने से दो की मौत
28 Mar, 2025 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला में गुरुवार दोपहर करीब 3:00 बजे सेक्टर 1 माजरी चौक में एक अनियंत्रित गाड़ी मेडेसिन शॉप में दुकान में घुस गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई. हादसे में दुकान के मालिक और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई.
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि गाड़ी तेज रफ्तार में थी और दुकान के अंदर घुस गई, जिससे दुकानदार और एक अन्य व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं. हादसे के बाद सेक्टर 5 थाना पुलिस, डायल 112 और सेक्टर 2 चौकी पुलिस मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति गाड़ी के बीच फंस गया था, जिसे पास खड़े लोगों ने मशक्कत के बाद बाहर निकाला.
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि गाड़ी चालक नशे में था और हादसे के बाद फरार हो गया. सेक्टर 5 थाना के जांच अधिकारी प्रवीण ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक तेज रफ्तार गाड़ी दुकान के अंदर घुस गई और इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें पंचकूला के सेक्टर 6 अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने बताया कि गाड़ी चालक की तलाश की जा रही है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गाड़ी तेजी से आकर दुकान में घुस गई और इस दौरान गाड़ी चालक ने मेडिकल स्टोर के बुजुर्ग मालिक और एक अन्य व्यक्ति को टक्कर मार दी. हादसे के बाद गाड़ी चालक गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया और मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को पंचकूला के सेक्टर 6 अस्पताल में भर्ती कराया.
इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें पंचकूला के सेक्टर 6 अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उपचार के दौरान ही मेडिकल स्टोर मालिक और एक अन्य व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. गाड़ी चालक की लापरवाही के चलते दो लोगों की जान चली गई. अब इस मामले की जांच सेक्टर 5 थाना पुलिस और सेक्टर 2 चौकी पुलिस कर रही है और फरार गाड़ी चालक की तलाश जारी है.
BREAKING भूकंप के तेज झटके से दहला थाईलैंड-म्यांमार! हिली इमारतें....चारो तरफ तबाही का मंजर, सहमे लोग
28 Mar, 2025 02:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भूकंप: म्यांमार और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 रही। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र म्यांमार बताया जा रहा है। भूकंप से दोनों देशों को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। भूकंप के तेज झटकों से बैंकॉक और म्यांमार के शहरों में बड़ी-बड़ी इमारतें नावों की तरह हिलने लगीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में लोग चीखते हुए सड़कों पर भाग रहे हैं।
बैंकॉक में इमारत गिरने की खबर
भूकंप के कारण बैंकॉक में एक गगनचुंबी इमारत गिरने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक निर्माणाधीन इमारत भूकंप के झटकों को झेल नहीं पाई। इसी तरह भूकंप के बाद कई और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें भूकंप के बाद की दहशत देखने को मिल रही है। भूगर्भशास्त्रियों के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के दक्षिणी तट पर सागाइंग के पास था। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूवैज्ञानिक केंद्र ने कहा कि दोपहर का भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर था। यही कारण है कि भूकंप इतना जोरदार महसूस किया गया। कहा जा रहा है कि 7.7 तीव्रता के भूकंप से 2 घंटे पहले दोनों देशों में भूकंप का हल्का झटका भी महसूस किया गया था।
तालाबों से बहने लगा पानी, लोग सीढ़ियों से नीचे उतरे
भूकंप के कारण थाईलैंड और म्यांमार में तालाबों से पानी बहने लगा। वहीं, कई इमारतें नष्ट होने की बात कही जा रही है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, भूकंप आने पर इमारतों में अलार्म बजने लगे और घबराए हुए निवासियों को घनी आबादी वाले सेंट्रल बैंकॉक में ऊंची इमारतों और होटलों की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया। लोगों को हताहतों से बचने के लिए सड़कों पर रहने को कहा गया।
बिम्सटेक का आयोजन 6 दिन बाद थाईलैंड में होना है। इसके लिए बिम्सटेक के सदस्य थाईलैंड जाएंगे। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 3 से 6 अप्रैल तक थाईलैंड में प्रस्तावित है। इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
ईद से पहले आखिरी जुमा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार आयोजन किया
28 Mar, 2025 01:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईद से पहले आज आखिरी जुमा है. दुनिया भर के देशों और वहां के राष्ट्रध्यक्षों के इफ्तार में शामिल होने और रमजान के जश्न में शामिल होने की तस्वीरें आ रही हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में भी कल व्हाइट हाउस में इफ्तार का आयोजन किया गया. ये सबकुछ ऐसे समय में हुआ जब पश्चिम एशिया में तनाव खासकर इजराइल-हमास के बीच जारी जंग से फिलिस्तीनी आबादी को दुःख और तकलीफ का सामना करना पड़ा है. साथ ही, बड़ी संख्या में अरब के मुसलमान अमेरिका के इजराइल को समर्थन से नाराज हैं. ट्रंप ने इफ्तार के आयोजन के बाद मुसलमान समाज का शुक्रिया अदा किया. उनके बहुमूल्य समर्थन के लिए आभार भी जताया.
ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार मुस्लिम समुदाय से किए अपने वादों को पूरा कर रही है और मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों में लगी हुई है. ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन करने वाले हजारों मुस्लिम-अमेरिकियों का भी आभार जताया. व्हाइट हाउस के कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के नेता, राजनयिक और सरकारी अधिकारी शामिल हुए. ट्रंप ने कहा कि, “नवंबर में मुस्लिम समुदाय हमारे साथ था – और जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मैं आपके साथ रहूंगा. हर दिन, हम मुस्लिम समुदाय से किए गए अपने वादों को पूरा कर रहे हैं. मेरा प्रशासन ऐतिहासिक अब्राहम समझौते पर आधारित मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए कोशिश कर रहा है.”
इजराइल-हमास जंग और चिंताएं
अब्राहम समझौते के जरिये संबंधों को सामान्य बनाने के लिए इजराइल और कई अरब देशों के बीच समझौते हुए थे. लिहाजा, ट्रंप का इफ्तार वाला रात्रिभोज ऐसे समय में आयोजित हो रहा है, जब पश्चिम एशिया में इजरायल और हमास के बीच जंग समाप्त नहीं हुआ है. अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम को गाजा में रोक दिया गया है, क्योंकि इजरायल हमास को 7 अक्टूबर, 2023 को अपनी दक्षिणी सीमा पर हुए हमले के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने के लिए दबाव डाल रहा है. 2018 में राष्ट्रपति ट्रम्प ने रमजान को मनाने के लिए अपना पहला इफ्तार आयोजित किया था. अब ट्रंप के इस इफ्तार की भी बड़ी चर्चा है.
बांग्लादेशी सलाहकार मुहम्मद यूनुस का चीन में कटहल प्रेम, राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात
28 Mar, 2025 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस पंचायत वेब सीरीज के प्रधानजी के फैन है. जैसे प्रधानजी को कटहल से खास लगाव था, वैसे ही प्रोफेसर यूनुस भी कटहल लेकर चीन जा पहुंचे. साथ में आम भी थे. हालाँकि, उनका असली मकसद चीन-बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत करना था, लेकिन सबकी नजर उनके कटहल प्रेम पर टिक गई.
बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में जब उनकी मुलाकात राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई, तो उन्होंने न सिर्फ बांग्लादेशी आम और कटहल का स्वाद चखा, बल्कि दोनों देशों की व्यापारिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया.
चार दिन के चीन दौरे पर यूनुस
यूनुस साहब चार दिन की चीन यात्रा पर हैं, और उनके साथ सरकार के कई अहम लोग भी हैं. उनके साथ विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन, ऊर्जा और खनिज संसाधन, सड़क परिवहन और रेलवे सलाहकार मुहम्मद फौजुल कबीर खान, प्रमुख प्रतिनिधि खलीलुर रहमान, एसडीजी मामलों की समन्वयक लामिया मोर्शेद और प्रेस सचिव शफीकुल आलम मौजूद हैं.
पहले दिन क्या क्या बात हुई?
इस दौरान उन्होंने रोहिंग्या संकट पर चीन से मदद की गुहार लगाई और कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी में चीन अहम भूमिका निभा सकता है. यूनुस ने बातचीत में बांग्लादेश में हुए हालिया विरोध प्रदर्शनों का भी जिक्र किया और इसे “नए बांग्लादेश” के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम बताया. उन्होंने चीन के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि वो ग्रामीण बैंक और सोशल बिजनेस को चीन में स्थापित करने से जुड़े रहे हैं.
चीन की बड़ी कंपनियों के सीईओ से होगी वार्ता
इसके अलावा, वह तीन खास गोलमेज चर्चाओं में भी हिस्सा लेंगे. , जिनमें “सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी इन्वेस्टमेंट”, “बांग्लादेश 2.0: मैन्युफैक्चरिंग और मार्केट अवसर”, और “सोशल बिजनेस, युवा उद्यमिता और थ्री ज़ीरो वर्ल्ड” जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इन कार्यक्रमों में यूनुस चीन से सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग के मौके और सोशल बिजनेस जैसे मुद्दों पर बातचीत करेंगे. इस दौरान उनकी मुलाकात चीन की बड़ी कंपनियों के सीईओ और बिजनेस लीडर्स से भी होगी.
बैंकॉक में पीएम मोदी का दौरा, थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे
28 Mar, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 – 4 अप्रैल 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड के दौरे पर रहेंगे. वे 4 अप्रैल को होने वाले 6वें बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी थाईलैंड कर रहा है. इसके अलावा, यह यात्रा आधिकारिक और द्विपक्षीय भी होगी. प्रधानमंत्री मोदी की थाईलैंड में ये तीसरी यात्रा होगी.
थाईलैंड के साथ द्विपक्षीय वार्ता:
3 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. दोनों नेता आपसी सहयोग की समीक्षा करेंगे और भविष्य के लिए नई योजनाओं पर चर्चा करेंगे. भारत और थाईलैंड समुद्री पड़ोसी हैं और सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई रूप से गहरे संबंध साझा करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल को श्रीलंका जाएंगे, जहां वे श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम अनुरा कुमारा से मुलाकात करेंगे.
श्रीलंका यात्रा के मुख्य बिंदु:
भारत और श्रीलंका के बीच पहले से तय ‘साझा भविष्य के लिए साझेदारी’ समझौते की प्रगति की समीक्षा होगी. श्रीलंका के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होगी. अनुराधापुर में भारतीय वित्तीय सहायता से बनाए गए विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा.
भारत और थाईलैंड के बीच रक्षा और समुद्री सुरक्षा को लेकर सहमति रही है. दोनों देशों का जोर आर्थिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में मिलकर काम करने का रहा है. भारत और थाईलैंड के बीच व्यापारिक सहयोग काफी बेहतर रहा है. थाईलैंड भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापार करने वाला देश है. ऐसे में ये भारत के लिहाज से एक अहम देश है.
व्यापारिक रूप से भारत के लिए अहम है थाईलैंड
साल दर साल दोनों देशों के बीच व्यापारिक स्थिति काफी बेहतर हुई है. 2018 में थाईलैंड को भारत ने 4.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया था. वहीं 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर व्यापार देखा गया है.
बंदरगाह कनेक्टिविटी, ग्रिड कनेक्टिविटी, पेट्रोलियम पाइपलाइन आदि विषयों पर समझौते हुए हैं. भारत और थाईलैंड के बीच रक्षा और समुद्री सुरक्षा को लेकर सहमति रही है. दोनों देशों का जोर आर्थिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में मिलकर काम करने का रहा है. भारत और थाईलैंड के बीच व्यापारिक सहयोग काफी बेहतर रहा है. थाईलैंड भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापार करने वाला देश है.
ऐसे में ये भारत के लिहाज से एक अहम देश है. साल दर साल दोनों देशों के बीच व्यापारिक स्थिति काफी बेहतर हुई है. 2018 में थाईलैंड को भारत ने 4.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया था. वहीं 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर व्यापार देखा गया है.
पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में भी भागीदारी देखी गई है, जिससे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में बढ़त देखी गई. इसमें रक्षा समझौतों के लिए बैठकों आयोजन किया गया. सेनाओं के प्रशिक्षण अभियान भी चलाए गए. जैसे अभ्यास मैत्री को सेना के साथ किया गया. वहीं सियाम भारत अभ्यास वायु सेना के बीच चलाया गया. भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती नौसेना अभ्यास चलाया गया था.
नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग तेज, प्रदर्शनकारियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
28 Mar, 2025 01:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेपाल इन दिनों जबरदस्त सियासी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. बीते कुछ दिनों में कई बड़े प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें देश में राजशाही की वापसी की मांग जोर पकड़ रही है. राजशाही समर्थक संगठन अब सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
इस बीच, उन्होंने सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दे दिया है. उनका साफ कहना है कि अगर तय समय के भीतर उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो विरोध प्रदर्शन को और उग्र किया जाएगा.
सरकार को मिला अल्टीमेटम, प्रदर्शन की चेतावनी
संयुक्त जन आंदोलन समिति (Joint People’s Movement Committee) के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन में शुक्रवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास विशाल रैली निकालने का ऐलान किया गया है. इस आंदोलन के मुख्य चेहरों में शामिल 87 वर्षीय नबराज सुबेदी ने कहा, “हम सरकार और सभी गणतंत्र समर्थक दलों को एक हफ्ते की मोहलत दे रहे हैं. हम अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रख रहे हैं, लेकिन अगर हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो हमें प्रदर्शन तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता.”
क्या हैं राजशाही समर्थकों की मांगें?
संयुक्त जन आंदोलन समिति के प्रवक्ता नबराज सुबेदी के अनुसार, नेपाल में 1991 का संविधान फिर से लागू किया जाना चाहिए, जिसमें संवैधानिक राजशाही, बहुदलीय व्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र को जगह दी गई थी. इसके अलावा, उनका कहना है कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए और मौजूदा संविधान में जरूरी संशोधन किए जाने चाहिए ताकि पुराने कानून वापस लाए जा सकें.
लोकतंत्र समर्थक भी सड़क पर उतरेंगे
जहां एक तरफ राजशाही समर्थक सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हैं, वहीं लोकतंत्र समर्थक भी जवाबी प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. शुक्रवार को चार दलों के गठबंधन ‘सोशलिस्ट रिफॉर्म’ ने भी लोकतंत्र के पक्ष में रैली निकालने का ऐलान किया है. इस प्रदर्शन में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और सीपीएन समेत अन्य दल भी शामिल होंगे. इनका कहना है कि नेपाल की जनता ने लोकतंत्र के लिए लंबा संघर्ष किया है और इसे खत्म नहीं होने दिया जाएगा.
संभावित झड़पों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई
सरकार ने राजधानी काठमांडू में बढ़ते तनाव को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. करीब 5000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके. खुफिया एजेंसियों ने भी इस प्रदर्शन के दौरान झड़पें होने की आशंका जताई है.
भूकंप ने म्यांमार और बैंकॉक को हिला दिया, लोग अपनी जान बचाकर भागे
28 Mar, 2025 01:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्यांमार। म्यांमार में खतरनाक भूकंप के झटके महसूस हुए। लोगों में भूकंप के बाद दशहत महसूस की गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके काफी तेज थे। झटकों से लोग दहशत में आ गए और अपने घरों-दफ्तरों से बाहर निकल आए।
ये झटके इतने जबरदस्त थे कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इन्हें महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.2 रही। बाकि जानकारी हम आपको अपडेट कर रहे हैं।
क्यों बार-बार आता है भूकंप?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।
कैसे मापी जाती भूकंप की तीव्रता?
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है।
भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है।
1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है।9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़, पुतिन ने प्रस्तावित किया अस्थायी सरकार बनाने का प्लान
28 Mar, 2025 01:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब एक नए प्रस्ताव ने दुनिया का ध्यान खींचा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक ऐसी योजना का सुझाव दिया है, जो न केवल युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है, बल्कि इसमें भारत जैसे देशों की महत्वपूर्ण भूमिका भी हो सकती है. पुतिन ने यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में एक अस्थायी सरकार स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे वहां चुनाव कराए जा सकें.
सवाल- भारत की भूमिका क्यों अहम?
रूसी राष्ट्रपति के मुताबिक, यूक्रेन में सरकार की कानूनी वैधता खत्म हो चुकी है, क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की का कार्यकाल मई 2024 में ही समाप्त हो गया था और तब से नए चुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में, रूस मानता है कि जेलेंस्की प्रशासन के साथ शांति समझौता गैर कानूनी होगा और भविष्य में यूक्रेन की दूसरी सरकार उस समझौते को मानने से इनकार कर सकती है.
पुतिन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय प्रैक्टिस के तहत यूक्रेन में एक अस्थायी UN सरकार बनाई जा सकती है, जिसमें उन देशों की भूमिका होगी जो तटस्थ हैं और जिन पर रूस को भरोसा है.
भारत, जो वैश्विक राजनीति में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए जाना जाता है, इस योजना में प्रमुख भूमिका निभा सकता है.
पुतिन ने भारत का नाम लेकर कहा कि रूस भारत को एक विश्वसनीय और तटस्थ शक्ति मानता है, जो पश्चिमी देशों के प्रभाव से अलग रहकर समाधान निकाल सकता है, भारत ने पहले भी रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को प्रोत्साहित किया था और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति का आह्वान किया है.
यदि इस प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलता है, तो भारत जैसे देश UN प्रशासन का हिस्सा बन सकते हैं, जो यूक्रेन में नए चुनाव कराने और स्थिरता लाने में मदद कर सकते हैं.
पुतिन की पश्चिम को चेतावनी
पुतिन ने यह प्रस्ताव ऐसे समय में रखा है जब रूस युद्ध में अपनी पकड़ मजबूत करने का दावा कर रहा है. उन्होंने आर्कान्गेल्स्क न्यूक्लियर सबमरीन के क्रू से मुलाकात के दौरान कहा कि रूस के खिलाफ लड़ाई में पश्चिमी देश उसकी सैन्य शक्ति को हल्के में ले रहे हैं. खासकर, रूस के जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइलों की क्षमता को पश्चिमी रणनीतिकार समझने में असमर्थ रहे हैं।
पुतिन ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का जिक्र करते हुए कहा,उन्होंने शायद भूल कर दिया कि रूस के पास ऐसी ताकतें हैं और हथियार हैं, जो दुश्मन को चौंका सकते हैं.
जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइलें 9,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती हैं और किसी भी आधुनिक एंटी-मिसाइल सिस्टम को चकमा देने में सक्षम हैं. इन मिसाइलों से लैस रूसी न्यूक्लियर सबमरीन अटलांटिक और प्रशांत महासागरों में पश्चिमी देशों के खिलाफ एक रणनीतिक बढ़त बनाए हुए हैं.
क्या UN प्रशासन शांति ला सकता है?
पुतिन का प्रस्ताव एक बड़ा कूटनीतिक दांव हो सकता है. यदि UN के अंतर्गत एक अस्थायी सरकार बनाई जाती है और भारत जैसे देशों को इसका नेतृत्व करने का मौका मिलता है, तो यह रूस और पश्चिमी देशों के बीच एक संतुलन कायम करने में मदद कर सकता है.
हालांकि, सवाल यह है कि क्या पश्चिमी देश इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे? अमेरिका और यूरोपीय देश अब तक यूक्रेन को सैन्य सहायता देते आए हैं और वे नहीं चाहेंगे कि रूस की शर्तों पर शांति स्थापित हो, लेकिन रूस जिस तरह युद्ध में बढ़त बना रहा है, वह पश्चिमी देशों के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है.
भारत के लिए वैश्विक मौका
भारत के लिए एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय अवसर साबित हो सकती है. यदि भारत यूक्रेन संकट के समाधान में एक सक्रिय भूमिका निभाता है, तो यह उसकी वैश्विक कूटनीतिक शक्ति को और मजबूत करेगा. भारत पहले भी रूस और अमेरिका दोनों के साथ संतुलन बनाकर चलने में सफल रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव की तारीख 3 मई घोषित, पीएम अल्बनीज सरकार की दूसरी बार चुनौती
28 Mar, 2025 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में 3 मई को आम चुनाव होंगे, ये एलान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने किया है। 2022 में हुए पिछले संघीय चुनाव में अल्बनीज की लेबर पार्टी ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन हाल ही में हुए जनमत सर्वेक्षणों में पार्टी को विपक्षी लिबरल-नेशनल गठबंधन के साथ कड़ी टक्कर देते हुए दिखाया गया है, जब छोटे दलों के वोटों को पुनर्वितरित किया जाता है।
अल्बनीज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
'हमारी सरकार ने वैश्विक चुनौतियों का सामना ऑस्ट्रेलियाई तरीके से करने का विकल्प चुना है - भविष्य के लिए निर्माण करते हुए, जीवन-यापन के दबाव में लोगों की मदद करना।' अल्बनीज ने आगे कहा, 'हमारे लोगों ने जो ताकत दिखाई है, उसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया मोड़ ले रहा है। अब 3 मई को, आप आगे का रास्ता चुनें।'
अल्बनीज ने गवर्नर से मुलाकात के बाद लिया फैसला
अल्बनीज ने सुबह-सुबह देश के गवर्नर-जनरल सैम मोस्टिन से मुलाकात की और ऑस्ट्रेलिया के संविधान के अनुसार औपचारिक रूप से चुनाव बुलाने की अनुमति मांगी।
कांटे की टक्कर वाले चुनाव का मतलब यह हो सकता है कि कोई भी पार्टी या पार्टियों का गठबंधन अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएगा, इसके बजाय देश के निचले सदन में बहुमत हासिल करने के लिए छोटी पार्टियों और निर्दलीयों पर निर्भर रहना होगा।
अल्बनीज का असर हुआ कम?
सरकारी आवास में पले-बढ़े लंबे समय से लेबर विधायक रहे अल्बनीज की लोकप्रियता में कमी आई है, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान जीवन-यापन की लागत और ब्याज दरें तेजी से बढ़ी हैं।
गिरती मुद्रास्फीति और ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक द्वारा फरवरी की बैठक में पांच वर्षों में पहली बार ब्याज दरों में कटौती करने के निर्णय ने अल्बनीज के मतदान संख्या में कोई मदद नहीं की है।
अपने कार्यकाल के अधिकतर समय तक स्वस्थ बढ़त का आनंद लेने के बाद, उनकी व्यक्तिगत स्वीकृति रेटिंग अब लिबरल नेता पीटर डटन, एक पूर्व पुलिस अधिकारी और पिछली लिबरल-नेशनल सरकार में रक्षा मंत्री के करीब है।
ये है चुनाव का अहम मुद्दा
वहीं बढ़ती महंगाई और आवास की कमी चुनाव में बड़ा मुद़्दा होगा। डटन ने आवास संकट पर अभियान चलाया है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह घर के स्वामित्व को पहुंच से बाहर कर रहा है, और शुक्रवार को उन्होंने कहा कि स्थायी प्रवासन में 25% की कटौती से अधिक घर बनेंगे। डटन ने संवाददाताओं से कहा कि अगर वे चुने जाते हैं तो छोटे व्यवसायों और घरों के लिए ऊर्जा लागत को कम करना उनकी सरकार का केंद्र होगा।
नायब सरकार का बड़ा फैसला, हरियाणा में ईद को गजेटेड छुट्टी लिस्ट से हटाया
27 Mar, 2025 06:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा सरकार ने ईद के गजेटेड छुट्टी को चेंज करके रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे कर दिया है. सरकार ने फाइनेंशियल ईयर की क्लोजिंग का हवाला देते हुए ये बदलाव किए जाने की बात कही है. इसको लेकर मुख्य सचिव ने की ये आदेश सभी विभागों को जारी किया गया है. हालांकि हरियाणा सरकार ने साफ किया है कि मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग इस दिन अवकाश ले सकते हैं.
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी कर कहा कि दिनांक 26.12.2024 को जारी सरकारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए यह अधिसूचित किया जाता है कि ईद-उल-फितर, 31 मार्च 2025 को राजपत्रित अवकाश के स्थान पर प्रतिबंधित अवकाश के रूप में किया जाता है. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि 29 और 30 मार्च 2025 सप्ताहांत अवकाश के दिन हैं और 31 मार्च वित्तीय वर्ष 2024-2025 का अंतिम दिन है. यह पत्र सभी विभागों को जारी किया गया है.
क्या होता है रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे?
रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे या प्रतिबंधित अवकाश एक वैकल्पिक अवकाश (आरएच) होता है जिसका कर्मचारी खुद चयन कर सकते हैं कि वे लेना चाहते हैं या नहीं. रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे एक प्रकार का अवकाश ही होता है जिसे कर्मचारियों के पास यह चुनने का विकल्प होता है कि वे अवकाश लेना चाहते हैं या नहीं.
ईद के दिन खुले रहेंगे सरकारी दफ्तर
हरियाणा सरकार के इस आदेश के बाद अब राज्य के सभी सरकारी दफ्तर ईद के दिन खुले रहेंगे. हालांकि कुछ लोगों को इस दिन छुट्टी लेने की इजाजत है. हरियाणा में बेशक ईद को गजेटेड छुट्टी की लिस्ट से हटा दिया गया है लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन छुट्टी ले सकते हैं.
क्यों किया गया बदलाव?
ईद-उल-फितर पूरे भारत में 31 मार्च को मनाई जाएगी, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 का अंतिम दिन भी है. हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 31 मार्च के अवकाश को रद्द कर दिया है. यह कहा गया है कि यह वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन है. अगले वित्तीय वर्ष के लिए वित्तीय बदलाव करने की समय सीमा भी है.
बिट्टू बजरंगी का विवादित बयान, रामजीलाल सुमन का सिर काटने पर इनाम देने की बात, FIR दर्ज
27 Mar, 2025 06:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा में साल 2023 में हुए नूह मेवात दंगों के आरोपी राजकुमार पांचाल उर्फ बिट्टू बजरंगी एक बार फिर अपने विवादित बयान के चलते पुलिस के निशाने हैं. इस बार बिट्टू ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन का सिर काटकर लाने वाले को इनाम देने का ऐलान किया है. बिट्टू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि बिट्टू ने भड़काऊ बयान वाला वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया. इसमें उसने कहा, मैं सभी हिंदू भाइयों से अपील करता हूं कि जो भी समाजवादी पार्टी के नेता सांसद रामजीलाल सुमन की गर्दन कटेगा, उसको गौ रक्षा बजरंग दल फोर्स की ओर से उचित इनाम दिया जाएगा.
यह वीडियो गौ रक्षक बजरंग फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी का है. जिस पर सारन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. बिट्टू का ये वीडियो ऐसे समय आया है जब वो धार्मिक आयोजन करने जा रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर एसीपी जितेश कुमार ने बताया कि बिट्टू बजरंगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
लोगों को भड़काने वाला वीडियो: एसीपी
एसीपी ने यह भी कहा कि जिस तरीके का वीडियो सोशल मीडिया पर बिट्टू बजरंगी ने डाला है, वो कहीं ना कहीं लोगों को भड़काने और आपसी भाईचारे के बीच विद्रोह फैलाने वाला है. जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बिट्टू बजरंगी खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आगे कार्रवाई की जा रही है.
रामजीलाल ने क्या कहा था?
बता दें कि बीते दिनों समाजवादी पार्टी सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में कहा था, भारतीय मुसलमान बाबर को आदर्श नहीं मानते. वो पैगंबर मुहम्मद और सूफी परंपराओं का पालन करते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि बाबर को यहां कौन लाया? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने ही बाबर को आमंत्रित किया था. इसलिए अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है तो हिंदू गद्दार राणा सांगा के वंशज होने चाहिए. हम राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं करते?
फरीदाबाद में घर में घुसे दो पशु, महिला दो घंटे तक अलमारी में रही बंद
27 Mar, 2025 03:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में बुधवार को एक घर के बेडरूम में अचानक से गाय और सांड घुस आए. उन्हें देख वहां मौजूद महिला इतना डर गई कि उसने खुद को अलमारी में बंद कर दिया. घर पर उस वक्त कोई नहीं था. फिर जैसे ही महिला की सास घर वापस लौटी तो देखा कि कमरे में दो पशु बेड पर चढ़े हुए हैं. सास ने यह देखते की शोर मचाना शुरू कर दिया. शोर सुनकर आस-पास के लोग भी वहां आ पहुंचे.
पशुओं को भगाने के लिए उन पर पानी फेंका गया और पटाखे चलाए गए. लेकिन फिर भी वो बाहर नहीं निकले. इसके बाद वहां कुत्ते लाए गए. कुत्तों ने भौंकना शुरू किया तो पशु बाहर निकल गए. तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली. बाद में फिर महिला भी अलमारी से बाहर निकली. वो दो घंटे तक अलमारी में बंद थी.
मामला फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी का है. यहां राकेश साहू अपनी मां, पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं. इस समय बच्चे रिश्तेदार के यहां गए हुए हैं. बुधवार को सुबह राकेश की माता जी किसी काम से घर से बाहर गई थी, घर का दरवाजा खुला रह गया. राकेश की पत्नी पूजा कर रही थी तभी गाय उनके घर में घुस गई . गाय के पीछे ही एक सांड भी आ गया. दोनों पशु बेडरूम तक पहुंच गए और बिस्तर पर चढ़ गए. डर के मारे राकेश की पत्नी ने खुद को अलमारी में बंद कर लिया. कुछ देर बाद जब राकेश की मां लौटीं तो उन्होंने देखा कि घर में पशु घुसे हुए हैं. जिसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी.
सभी लोग इकट्ठा होकर दोनों पशुओं को निकालने के लिए प्रयास करने लगे, लेकिन इतनी भीड़ देखकर पशु घर से बाहर नहीं निकल रहे थे. इसके बाद उन पर पानी डालने से लेकर पटाखे चलाने तक की सभी तरकीब अपनाई गई, लेकिन पशु बाहर नहीं निकले.
ऐसे बाहर निकले दोनों पशु
दूसरी तरफ राकेश की पत्नी जो कि खुद को अलमारी में बंद किए हुए थी वह भी बेहद परेशान हो गई. जब कोई तरीका काम नहीं आया तब एक पड़ोसी अपने पालतू कुत्ते को लेकर वहां पहुंचा और जब कुत्ते ने भौंकना शुरू कर तो एक-एक कर दोनों पशु घर से बाहर निकल गए.
सांड ने मारी थी टक्कर
कुछ दिन पहले नगर निगम के पूर्व कर्मचारी को सांड ने टक्कर मारी थी, जिसके चलते उनके सिर पर चोट लगी और कई दिन तक उपचाराधीन रहने के बाद उनकी मौत हो गई. जनवरी में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने भी नगर निगम फरीदाबाद को आदेश दिया था कि अगले 30 दिनों में शहर को आवारा पशुओं से मुक्त किया जाए, लेकिन नगर निगम अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.
चीन ने ताइवान समर्थकों के खिलाफ ई-मेल आईडी जारी की, 323 लोगों की रिपोर्ट हुई
27 Mar, 2025 03:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन ने बुधवार को एक ई-मेल आईडी जारी की था, जिसमें लोगों से कहा गया था कि उन लोगों की जानकारी मुहैया कराएं जो ताइवान को स्वतंत्र होना देखना चाहते हैं. जो चीन के खिलाफ काम कर रहे हैं. सीजीटीएन के मुताबिक अब तक 323 लोगों के नाम उस मेल आईडी पर आए हैं. चीन में देशद्रोह की सजा मौत है. अब इन लोगों के खिलाफ जांच की जाएगी. अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे मौत की सजा सुनाई जा सकती है.
स्टेट काउंसिल के ताइवान मामलों के ऑफिस के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने कहा कि रिपोर्ट किए गए लोगों में ताइवान के कुछ राजनीतिक व्यक्ति, संगठन प्रायोजक और इंटरनेट प्रभावित लोग शामिल हैं जो ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ की वकालत करते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी गंभीर गतिविधियां, जैसे कि निराधार आरोपों के माध्यम से विपक्षी दल का दमन, चीन के एकीकरण के समर्थन में संगठनों को भंग करने की धमकी और ताइवान में रहने वाले मुख्य भूमि में जन्मे जीवनसाथी के वैध अधिकारों और हितों का स्पष्ट उल्लंघन, ईमेल में उजागर हुआ है.
भुगतना पड़े खामियाजा
चेन ने कहा कि चीन के संबंधित अधिकारी तथ्यों को आधार और कानून को मानदंडों के आधार पर कार्रवाई करेंगे और ‘ताइवान स्वतंत्रता’ गतिविधियों के अपराधियों और सहयोगियों को जवाबदेह ठहराएंगे. जांच होने के बाद 323 लोंगों पर आरोप सही साबित हुए, तो इनको मौत तक की सजा हो सकती है.
चीन-ताइवान में क्या है तनाव?
चीन और ताइवान में तनाव जारी है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद एक अलग देश कहता है. चीन से आजादी के लिए ताइवान लगातार संघर्ष कर रहा है. दुनिया के अधिकतर देश ताइवान के चीन का खास हिस्सा मानते हैं. हाल के दिनों चीन से बड़े तनाव के कारण अमेरिका ने ताइवान सरकार को खूब मदद दी है, जिसका चीन विरोध करता आया है.