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इमामोग्लू की गिरफ्तारी से तुर्की में राजनीतिक संकट, विपक्ष ने तुरंत चुनाव की मांग की
31 Mar, 2025 12:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंकारा: तुर्की में राष्ट्रपति एर्दोगन की कुर्सी पर संकट है. इस्तांबुल के मेयर की गिरफ्तारी के बाद से लगातार पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. तुर्की के विपक्ष ने अब देश में जल्दी चुनाव कराने की मांग की है. जबकि एक स्वीडिश रिपोर्टर को सरकार की कार्रवाई में नवीनतम रूप से हिरासत में लिया गया. इस्तांबुल के विपक्षी मेयर एकरेम इमामोग्लू को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं. इमामोग्लू को जेल में डाले जाने के बाद तुर्की में एक दशक से अधिक समय बाद सबसे महत्वपूर्ण सरकार विरोधी प्रदर्शन पैदा हो गया है. यह राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के लिए एक बड़ी परीक्षा है.
रात के समय सड़कों पर एक सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन चल रहे हैं. इसके बाद रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) ने शनिवार को इस्तांबुल में एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोग जुटे. इसमें इमामोग्लू की रिहाई की मांग की गई. उन्हें एर्दोगन को चुनाव में हराने के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखा गया, जबकि राष्ट्रपति ने 2028 तक होने वाले चुनावों से पहले पद छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिया. विपक्ष ने विरोध आंदोलन को बनाए रखने का वादा किया है, जबकि अधिक केंद्रित घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बदल दी है.
‘एर्दोगन का विरोध करना अपराध’
CHP पार्टी के नेता ओजगुर ओजेल, जो एक पूर्व फार्मासिस्ट हैं वह इमामोग्लू के जेल में बंद होने के बाद पार्टी का मुख्य चेहरा बन रहे हैं. उन्होंने इमामोग्लू की रिहाई और जल्दी चुनाव की मांग के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर कराने का अभियान शुरू किया. ओजेल ने पूर्वी तुर्की में अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, ‘भगवान मेरे गवाह हैं कि एकरेम इमामोग्लू का अपराध सिर्फ यह है कि वह एर्दोगन के प्रतिद्वंद्वी हैं.’ शनिवार को ओजेल ने घोषणा की कि हर वीकेंड तुर्की के 81 प्रांतों में से एक में और हर बुधवार इस्तांबुल के अलग-अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा.
इमामोग्लू ने जेल से अपने वकीलों के जरिए संदेश में कहा, ‘जो लोग सोचते हैं कि हम छुट्टी का जश्न नहीं मना पाएंगे, वे बहुत गलत हैं. क्योंकि हम निश्चित रूप से एक साथ रहने का तरीका ढूंढ लेंगे.’ एर्दोगन की सरकार ने विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है. दर्जनों युवा ईद की छुट्टी के दौरान जेल की सलाखों के पीछे हैं. पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया है. रविवार को, ओजेल इस्तांबुल लौट आए और उन्होंने जेल में इमामोग्लू और दर्जनों अन्य युवाओं से मुलाकात की.
एर्दोगन ने पत्रकार को किया गिरफ्तार
डैगेंस ईटीसी समाचार पत्र के लिए काम करने वाले स्वीडिश पत्रकार जोआकिम मेडिन गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों को कवर करने के लिए तुर्की पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, उन्हें आतंकवाद से संबंधित आरोपों और ‘राष्ट्रपति का अपमान’ करने के लिए हिरासत में लिया गया है. उनके अखबार के चीफ एडिटर ने इन आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि पत्रकारिता का अभ्यास अपराध नहीं होना चाहिए. स्वीडिश विदेश मंत्री मारिया माल्मर स्टेनेगार्ड ने इस मुद्दे को तुर्की के साथ उठाने की बात कही. तुर्की के अधिकारियों ने मेडिन पर जनवरी 2023 में स्टॉकहोम में प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के एक प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप लगाया है.
कराची में हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान की हत्या, गोली मारकर किया गया वारदात
31 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान के कराची में हाफिज सईद के रिश्तेदार की बंदूकधारी ने गोली मारकर हत्या कर दी है. आतंकवादी हाफिज सईद के रिश्तेदार और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड उगाने वाले अब्दुल रहमान को कराची में अज्ञात शख्स ने गोली मारी. बताया जाता है कि अब्दुल रहमान आतंकवादी संगठन लश्कर के लिए फंड कलेक्शन का काम करता था. जितने भी फंड कलेक्टर कराची में फंड उगाने का काम करते थे वह सभी अब्दुल रहमान के पास आकर फंड जमा करते थे जहां से यह आगे जाता था.
तालिबान के हिबतुल्लाह अखुंदजादा का विवादास्पद बयान: पश्चिमी कानूनों की कोई जरूरत नहीं
31 Mar, 2025 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अफगानिस्तान में तालिबान नेता ने कहा कि देश में पश्चिमी देशों के कानून (लोकतंत्र) की कोई जरूरत नहीं है. यहां जैसे-जैसे शरिया कानून लागू हो रहा है वैसे-वैसे लोकतंत्र खत्म होता जाएगा. हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कंधार की ईदगाह मस्जिद में ईद-उल-फितर के मौके पर ये टिप्पणी की. हिबतुल्लाह का 50 मिनट का ऑडियो तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शेयर किया गया था.
अखुंदजादा ने पश्तो में बोलते हुए इस्लामी कानूनों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के कानून की कोई जरूरत नहीं है. हम अपने खुद के कानून बनाएंगे.
महिलाओं पर लगाए गए कई सारे रोक
तालिबान ने शरिया के कानूनों के कारण अफगान महिलाओं और लड़कियों पर कई सारे रोक लगा दिए गए हैं. महिलाओं पर रोक की वजह से उनकी पढ़ाई, नौकरियों और ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से मना कर दिया गया है. इस तरह के फैसलों ने तालिबान को विश्व मंच पर अलग-थलग कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने चीन और संयुक्त अरब अमीरात सहित देशों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं.
2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से अखुंदज़ादा ने नीति निर्देशन में मज़बूती से हाथ बढ़ाया है, हालांकि कुछ अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि यहां पर समानता से उदारता से शासन किया जाएगा.
अमेरिका और दूसरे देश इस्लाम के लिए अलग राय बना रहे
अखुंदज़ादा ने पश्चिमी देशों के कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि गैर मुस्लिम, मुसलमानों के खिलाफ़ एकजुट हो गए हैं और अमेरिका और दूसरे देश इस्लाम के प्रति अपनी अलग राय बनाने में एकजुट हैं. उन्होंने गाजा में इज़राइल-हमास युद्ध का जिक्र भी किया.
उन्होंने कहा कि अफ़गानिस्तान में लोकतंत्र खत्म हो गया है और शरिया लागू है. लोकतंत्र के समर्थक लोगों को तालिबान सरकार से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. तालिबान के पास देश के अंदर या बाहर कोई विश्वसनीय विपक्ष नहीं है. फिलहाल, वहां के प्रशासन के भीतर कुछ वरिष्ठ लोगों ने अखुंदज़ादा की निगरानी में सत्ता के केंद्रीकरण की आलोचना की है.
कुछ तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ज्यादा जुड़ाव रखना चाहते हैं. यहां ज्यादातर बाहरी समर्थन आकर्षित करने के लिए कठोर नीतियों को खत्म करना चाहते हैं. हालांकि, बीते कुछ महीनों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक, तालिबान और अमेरिका के बीच जुड़ाव बढ़ा है. इसके पीछे की वजह है, ज्यादातर कैदियों की रिहाई इसका वजह बताई गई है.
पाकिस्तान: पेशावर में हिंदू सफाई कर्मचारी की गोली मारकर हत्या, संदिग्ध गिरफ्तार
31 Mar, 2025 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले कोई नई बात नहीं है. यहां आए दिन उन्हें निशाना बनाया जाता है, जिसकी खबरें सामने आती रहती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ दावा किया जाता है कि वहां सब ठीक है. इसके अलावा यहां धर्म परिवर्तन के मामले ज्यादा सामने आते हैं. ऐसा ही एक मामला पेशावर से सामने आया है. यहां 56 वर्षीय हिंदू सफाई कर्मचारी ने जब इस्लाम धर्म अपने से इंकार कर दिया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
पूरा मामला पाकिस्तान के पेशावर के पोस्टल कॉलोनी इलाके में सामने आया है. यहां जब सरकारी संस्थान में सफाई कर्मचारी 56 साल का सफाई कर्मी अपना काम पूरा करके जब घर लोटे रहे थे, उसी दौरान उन पर हमला किया गया. हमला करने के बाद संदिग्ध मौके से फरार हो गया, हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
धर्म परिवर्तन का बनाया जा रहा था दबाव
सफाई कर्मी के भाई ने पूरे मामले में FIR दर्ज कराई है. भाई ने पुलिस को बताया कि आरोपी मुश्ताक के नदीम को गोली मारने के बाद उसे गंभीर चोटें आई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
एफआईआर में बताया गया कि आरोपी मुश्ताक पिछले दो-तीन महीनों से भाई पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था. भाई कई बार उसको मना कर चुके थे. इसके बाद भी वो लगातार दबाव बनाता रहता था. यही कारण है कि भाई के इनकार करने के कारण उसने गोली मारकर हत्या कर दी.
सफाई कर्मी के दूसरे भाई ने बताया कि उन्होंने उसके दोस्तों से सुना था कि कोई उसे धर्म परिवर्तन के लिए परेशान कर रहा है. हालांकि, नदीम सबसे बड़ा होने के कारण अपने परिवार से ऐसी कोई चिंता साझा नहीं करता था. सफाई कर्मी के चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और दो बेटियां शामिल हैं.
क्या बोली पुलिस?
भाना मारी पुलिस स्टेशन के एसएचओ अजमल हयात ने बताया कि हत्या के बाद संदिग्ध फरार हो गया. हालांकि, डीएसपी सिटी याकाटूट सर्किल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने 24 घंटे के भीतर मुश्ताक को चरसड्डा से गिरफ्तार कर लिया. एसएचओ के मुताबिक, शुरुआती जांच में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, पूरे मामले में जांच की जा रही है.
डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन को लेकर जताई नाराजगी, रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी
31 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बेहद नाराज हैं. रविवार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है. ट्रंप के पुतिन से खफा होने की वजह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की हैं क्योंकि हाल ही में पुतिन ने जेलेंस्की को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी थी जो ट्रंप को नागवार गुजरा. इसके बाद ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे दी.
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा कि जब पुतिन ने जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू किया तो वे गुस्सा और नाराज थे. जेलेंस्की को लेकर पुतिन ने कहा था जिनका कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था. उनके पास शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की वैधता नहीं है. यूक्रेन के संविधान के मुताबिक देश में मार्शल लॉ के दौरान राष्ट्रीय चुनाव कराना अवैध है. पुतिन के इसी बात पर ट्रंप गुस्सा हो गए.
ट्रंप ने रूसी तेल पर दे दी टैरिफ की धमकी
इसके बाद पुतिन को लेकर ट्रंप की ये प्रतिक्रिया सामने आई है. ट्रंप ने कहा कि अगर डील नहीं होती और अगर मुझे लगेगा कि यह रूस की गलती है, तो मैं रूस पर प्रतिबंध लगाऊंगा. सभी तेल पर 25 से 50 फीसदी टैरिफ लगाऊंगा. रूस से तेल खरीदने वाले देशों के लिए अमेरिका में व्यापार करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
हालांकि, ट्रंप ने ये भी कहा कि पुतिन से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं. दरअसल, अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम समझौते पर जोर दे रहा है ताकि 3 साल से चली आ रही जंग शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो सके. ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि वह इस हफ्ते पुतिन से बातचीत करने वाले हैं. कुछ दिन पहले ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई थी.
रूस ने युद्ध विराम के प्रस्ताव को किया खारिज
रूस ने अमेरिका के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके बाद आंशिक युद्ध विराम को लेकर भी चिंता पैदा हो गई है. पिछले हफ्ते रूस और यूक्रेन के बीच आंशिक युद्धविराम पर सहमति बनी थी, जिसमें ब्लैक सी में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही और न्यूक्लियर प्लांट पर हमले न करने का करार शामिल था. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 साल से जंग चल रही है.
स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों और इंस्पेक्टर के पार्किंग विवाद पर लिया संज्ञान
29 Mar, 2025 09:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस विधायकों की चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर से हुई बहस का मुद्दा विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के पास पहुंच गया है। स्पीकर कल्याण ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के विधायकों से शिकायत मिली है। शिकायत का संज्ञान लिया जाएगा।
26 मार्च को संसदीय कार्य मंत्री व शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने अपने आवास पर रात्रि भोज का आयोजन किया था। रात्रि भोज में शामिल होने के लिए कांग्रेस के 6 विधायक इंदु राज नरवाल, जस्सी पेटवाड़, देवेंद्र हंस, शीशपाल केहरवाला, बलराम डांगी दो अलग-अलग गाड़ी में पहुंचे थे। इस दौरान पार्किंग को लेकर कांग्रेस के विधायकों और चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर के बीच तीखी बहस हो गई। बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने स्पीकर को शिकायत दी थी। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि चंडीगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर ने उनके साथ गाली गलौज भी की।
प्रॉपर्टी टैक्स दबाए बैठे मालिक की छह संपत्तियां सील, गैस एजेंसी दफ्तर भी शामिल
29 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रॉपर्टी टैक्स जमा न कराने पर नगर निगम की सख्ती जारी है। नगर निगम द्वारा जहां डेढ़ माह पहले 26 बकाएदारों की संपत्ति सील की थी, वहीं, अब फिर से टैक्स न देने पर निगम ने प्रॉपर्टी सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर निगम ने शुक्रवार देर शाम गैस एजेंसी दफ्तर समेत छह संपत्तियां सील कर दी। इन संपत्ति मालिकों पर निगम का 4109556 रुपये टैक्स बकाया था। इनमें पांच प्रॉपर्टी जगाधरी जोन व एक संपत्ति यमुनानगर जोन की है।
यह कार्रवाई नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर की गई। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स जमा न कराने वालों की अब संपत्तियां सील की जाएगी। सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए संपत्ति मालिक 31 मार्च से पहले प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराए। 31 मार्च के बाद 18 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज से टैक्स वसूला जाएगा। प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर संपत्ति सील की जाएगी। इसलिए सभी प्रॉपर्टी मालिक 31 मार्च से पहले टैक्स जमा कराए। टैक्स जमा करने के लिए 31 मार्च तक तीनों नगर निगम कार्यालय खुले रहेंगे।
निगम ने जारी किए थे नोटिस
नगर निगम द्वारा कुछ दिन पहले एक लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स के बकाएदारों को हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलने पर कुछ प्रॉपर्टी मालिकों ने टैक्स जमा करा दिया था। जिन बकाएदारों ने अभी तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराया, उनकी निगम द्वारा संपत्ति सील की जा रही है। संपत्तियां सील करने के लिए नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर यमुनानगर जोन में जेडटीओ अजय वालिया व जगाधरी जोन में जेडटीओ एवं कार्यालय अधीक्षक प्रदीप कुमार के नेतृत्व में टीमें गठित की गई है।
यमुनानगर जोन में जेडटीओ अजय वालिया, जितेंद्र मल्होत्रा आदि की टीम ने शिवपुरी में वीरेंद्र सिंह की प्रॉपर्टी सरस्वती गैस एजेंसी के दफ्तर को सील कर दिया। इसी तरह जगाधरी जोन में जेडटीओ प्रदीप कुमार, सहायक रघुबीर व अन्य की टीम ने बूड़िया गेट शर्मा टेंट हाउस के नजदीक शिवम गर्ग की मिक्स यूज प्रॉपर्टी, सत्संग विहार पार्ट एक में कमल कुमार की मिक्स यूज संपत्ति, जगाधरी- पांवटा मार्ग पर मटका चौक के नजदीक संजय कुमार की व्यावसायिक संपत्ति, मटका चौक के पास ही मीनू की व्यावसायिक संपत्ति व नाभ गांव स्थित नागेश की स्पेशल कैटागिरी प्रॉपर्टी को निगम ने सील किया।
इन सभी बकाएदारों पर निगम का 41 लाख नौ हजार 556 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। संपत्तियां सील करने के साथ ही निगम द्वारा उन पर चेतावनी नोटिस चस्पाया कि यदि नगर निगम की अनुमति के बिना सील से छेड़छाड़ की या इसे खोलने का प्रयास किया गया तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आज और कल भी खुलेंगे निगम कार्यालय, सीलिंग से बचने को जमा कराए टैक्स
सिन्हा नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स के जिन बकाएदारों को नोटिस जारी किए है, उन सभी की प्रॉपर्टी सील की जाएगी। सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए प्रॉपर्टी मालिक अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराए। 31 मार्च के बाद 18 प्रतिशत ब्याज समेत प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाएगा। अतिरिक्त टैक्स और सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए 31 मार्च से पहले टैक्स जमा कराए। टैक्स जमा करने के लिए रविवार और 31 मार्च यानी सोमवार को भी निगम के तीनों कार्यालय खुले रहेंगे।
नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों से वसूली के लिए नोटिस भेजे
29 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रॉपर्टी टैक्स जमा न कराने पर नगर निगम की सख्ती जारी है। नगर निगम द्वारा जहां डेढ़ माह पहले 26 बकाएदारों की संपत्ति सील की थी, वहीं, अब फिर से टैक्स न देने पर निगम ने प्रॉपर्टी सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर निगम ने शुक्रवार देर शाम गैस एजेंसी दफ्तर समेत छह संपत्तियां सील कर दी। इन संपत्ति मालिकों पर निगम का 4109556 रुपये टैक्स बकाया था। इनमें पांच प्रॉपर्टी जगाधरी जोन व एक संपत्ति यमुनानगर जोन की है।
यह कार्रवाई नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर की गई। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स जमा न कराने वालों की अब संपत्तियां सील की जाएगी। सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए संपत्ति मालिक 31 मार्च से पहले प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराए। 31 मार्च के बाद 18 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज से टैक्स वसूला जाएगा। प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर संपत्ति सील की जाएगी। इसलिए सभी प्रॉपर्टी मालिक 31 मार्च से पहले टैक्स जमा कराए। टैक्स जमा करने के लिए 31 मार्च तक तीनों नगर निगम कार्यालय खुले रहेंगे।
निगम ने जारी किए थे नोटिस
नगर निगम द्वारा कुछ दिन पहले एक लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स के बकाएदारों को हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलने पर कुछ प्रॉपर्टी मालिकों ने टैक्स जमा करा दिया था। जिन बकाएदारों ने अभी तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराया, उनकी निगम द्वारा संपत्ति सील की जा रही है। संपत्तियां सील करने के लिए नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर यमुनानगर जोन में जेडटीओ अजय वालिया व जगाधरी जोन में जेडटीओ एवं कार्यालय अधीक्षक प्रदीप कुमार के नेतृत्व में टीमें गठित की गई है।
यमुनानगर जोन में जेडटीओ अजय वालिया, जितेंद्र मल्होत्रा आदि की टीम ने शिवपुरी में वीरेंद्र सिंह की प्रॉपर्टी सरस्वती गैस एजेंसी के दफ्तर को सील कर दिया। इसी तरह जगाधरी जोन में जेडटीओ प्रदीप कुमार, सहायक रघुबीर व अन्य की टीम ने बूड़िया गेट शर्मा टेंट हाउस के नजदीक शिवम गर्ग की मिक्स यूज प्रॉपर्टी, सत्संग विहार पार्ट एक में कमल कुमार की मिक्स यूज संपत्ति, जगाधरी- पांवटा मार्ग पर मटका चौक के नजदीक संजय कुमार की व्यावसायिक संपत्ति, मटका चौक के पास ही मीनू की व्यावसायिक संपत्ति व नाभ गांव स्थित नागेश की स्पेशल कैटागिरी प्रॉपर्टी को निगम ने सील किया।
इन सभी बकाएदारों पर निगम का 41 लाख नौ हजार 556 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। संपत्तियां सील करने के साथ ही निगम द्वारा उन पर चेतावनी नोटिस चस्पाया कि यदि नगर निगम की अनुमति के बिना सील से छेड़छाड़ की या इसे खोलने का प्रयास किया गया तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आज और कल भी खुलेंगे निगम कार्यालय, सीलिंग से बचने को जमा कराए टैक्स
सिन्हा नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स के जिन बकाएदारों को नोटिस जारी किए है, उन सभी की प्रॉपर्टी सील की जाएगी। सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए प्रॉपर्टी मालिक अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराए। 31 मार्च के बाद 18 प्रतिशत ब्याज समेत प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाएगा। अतिरिक्त टैक्स और सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए 31 मार्च से पहले टैक्स जमा कराए। टैक्स जमा करने के लिए रविवार और 31 मार्च यानी सोमवार को भी निगम के तीनों कार्यालय खुले रहेंगे।
पाकिस्तान के ग्वादर में आईईडी विस्फोट, 8 सुरक्षा जवान मारे गए
29 Mar, 2025 02:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान में कत्लेआम जारी है. अज्ञात हमलावरों और बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी के लड़ाकों ने शहबाज सरकार की नाक में दम कर दिया है. जब चाहते हैं पाकिस्तानी आर्मी को खून के आंसू रूला देते हैं. अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर में शुक्रवार को एक भीषण आईईडी विस्फोट हुआ. इस आईईडी ब्लास्ट में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के 8 जवान मारे गए. यह हमला पदीजर क्षेत्र में मरीन ड्राइव के पास GPA कार्यालय के निकट हुआ, जब अज्ञात हमलावरों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाया. विस्फोट में चार अन्य जवान घायल भी हुए हैं. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़ा हो सकता है, हालांकि अभी तक किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है. घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और सुरक्षा बलों ने जांच शुरू कर दी है.
बीएलए यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हाल के दिनों में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को तेज कर दिया है. 11 मार्च 2025 को बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया, जिसमें कई सैनिक शामिल थे. इस हमले में 25 लोगों की मौत हुई. इसके बाद 16 मार्च को नोशकी में बस पर हमला कर बीएलए ने 90 सैनिकों को मारने का दावा किया. ये हमले बलूचिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों के शोषण और पाकिस्तानी शासन के खिलाफ बीएलए के संघर्ष का हिस्सा हैं, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. इससे पहले उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में गुरुवार को दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में चार महिलाओं सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया कि स्वात और मनसेहरा जिलों की सीमा पर स्थित पहाड़ी जिले शांगला के मालक खेल कोटके में एक कार के नहर में गिर जाने से एक परिवार के छह लोगों की मौत हो गई. उसने बताया कि सड़क पर फिसलन होने के कारण कार नहर में गिरी.
रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़, नीप्रो पर ड्रोन हमले में 4 की मौत
29 Mar, 2025 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के कई कोनों में इस समय युद्ध चल रहा है. रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है, वहीं मिडिल ईस्ट में भी टेंशन बढ़ती जा रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध की बात करें तो दोनों में जहां एक तरफ शांति की बात चल रही है, तो दूसरी तरफ जंग भी बढ़ती जा रही है. शुक्रवार देर रात रूस ने यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर नीप्रो पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया. इस हमले में 4 लोगों की जान चली गई. इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई और 19 घायल हो गए. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्रीय गवर्नर सेरही लिसाक ने टेलीग्राम पर लिखा कि एक होटल और रेस्तरां कैंपस समेत कई इलाकों में भीषण आग लग गई.
इस बीच यूक्रेन ने शुक्रवार को कहा कि रूस के साथ जंग में 909 मारे गए सैनिकों का शव उसे वापस मिल गया है. तीन साल के युद्ध में यह पहली बार है, जब यूक्रेन को अपने शहीदों के शव इतनी बड़ी संख्या में मिले हैं. यूक्रेन की सरकार ने इनकी वापसी के लिए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस की मदद की सराहना की है. रूसी सैन्य ब्लॉगर्स के मुताबिक, यूक्रेनी सेना ने रूस के बेलगोरेद क्षेत्र में घुसपैठ की है, जहां लड़ाई चल रही है. यह हमला ऐसे समय में हो रहा है, जब पिछले साल कब्जाए गए कुर्स्क क्षेत्र से यूक्रेन पीछे हट रहा है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 10 दिन पहले उसने बेलगोरेद में पांच बार यूक्रेनी घुसपैठ को नाकाम किया.
अमेरिका का हूती विद्रोहियों पर हमला
यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई अभी भी जारी है. यमन में रात भर अमेरिका ने बम बरसाए, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘सेंटकॉम बलों ने हूती ठिकानों पर हमला किया.’ रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इससे कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. हूती विद्रोहियों के मुताबिक अमेरिका ने यमन के कई इलाकों में हमला किया. इसमें राजधानी सना और अल-जौफ और सादा के गवर्नरेट भी शामिल हैं.
इजरायल का लेबनान पर हमला
इजरायल और लेबनान में भी तनाव बढ़ता दिख रहा है. इजरायल अपने दुश्मनों पर हमले कर रहा है. शुक्रवार सुबह लेबनान से उत्तरी इजरायल पर दो रॉकेट दागे गए, जिस कारण इजरायली सेना ने पहले दक्षिणी लेबनान और बाद में राजधानी बेरूत में हमले किए. नवंबर में लागू युद्धविराम के बाद यह पहली बार है. सेना के मुताबिक एक रॉकेट को रोक दिया गया और दूसरी लेबनानी क्षेत्र के अंदर ही गिर गया.
पीट हेगसेथ का काफिर टैटू, मुस्लिम समुदाय में बढ़ी नाराजगी
29 Mar, 2025 02:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षामंत्री पीट हेगसेथ अपने एक टैटू के कारण विवादों में आ गए हैं. इससे मुस्लिम देशों में लोग भड़क गए हैं. हालांकि इस्लामिक देशों ने इस पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है. दरअसल पर्ल हार्बर में एक सैन्य प्रशिक्षण से जुड़ी तस्वीरें सामने आईं. इसमें अमेरिकी रक्षामंत्री के हाथ पर अरबी भाषा में टैटू बना है, जिसका मतलब ‘काफिर’ होता है. इसी टैटू के साथ ‘Deus Vult’ भी लिखा है, जिसका मतलब है ‘भगवान की इच्छा’ और ऐतिहासिक रूप से यह पहले क्रूसेड से जुड़ा है. पिछले साल नवंबर में यह विवाद का कारण बना था. लेकिन उनके नए टैटू ने उन्हें विवादों के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है. हेगसेथ के टैटू को कुछ लोग मुसलमानों के प्रति शत्रुता का संकेत मानते हैं.
इस्लामी विद्वान अब्दुल्ला अल अंडालुसी बताते हैं कि कुरान में यह शब्द किसी ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करता है जो ‘अविश्वास’ या ‘सच्चे विश्वास को अस्वीकार’ करता है. लेखक और कैटो इंस्टीट्यूट के साथी मुस्तफा अकीओल ने 2019 के एक लेख में लिखा, ‘काफिरों को इस्लाम और मुसलमानों के शपथ ग्रहण शत्रु के रूप में देखा जाता है.’ आलोचकों का तर्क है कि इसके बगल में ‘Deus Vult’ टैटू है, जो ऐतिहासिक रूप से पहले क्रूसेड से जुड़ा है और यह मुसलमानों के प्रति शत्रुता का संदेश देता है.
हेगसेथ के शरीर पर एक दर्जन से ज्यादा टैटू हैं, जिनमें उनके सीने पर यरूशलेम क्रॉस भी शामिल है. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने हेगसेथ की आलोचना की है कि उनके टैटू को मुसलमानों के लिए अपमानजनक माना जा सकता है, खासकर जब अमेरिकी सेना विभिन्न धर्मों का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास कर रही है. अमेरिकी सेना के अनुमानित 5,000 से 6,000 सदस्य इस्लाम का पालन करते हैं.
उठने लगे सवाल
न्यूयॉर्क की प्रो-फिलिस्तीनी कार्यकर्ता नर्दीन किसवानी ने X पर लिखा, ‘यह सिर्फ एक व्यक्तिगत पसंद नहीं है; यह अमेरिकी युद्धों की देखरेख करने वाले व्यक्ति से इस्लामोफोबिया का स्पष्ट प्रतीक है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘काफिर’ शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी इस्लामोफोबियों की ओर से मुस्लिमों का मजाक उड़ाने और उन्हें बदनाम करने के लिए किया जाता है.’ उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि वे सैन्य निर्णयों, निगरानी कार्यक्रमों और मुस्लिम देशों को लक्षित करने वाले विदेशी हस्तक्षेपों को कैसे आकार देते हैं.
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद ने न्यूजवीक को बताया, ‘अरबी शब्द ‘काफिर’ का टैटू बनवाना इस्लामोफोबिक सोच और व्यक्तिगत असुरक्षा को दर्शाता है.’ दूसरों ने टैटू का बचाव करते हुए इसे उन पूर्व अमेरिकी सैनिकों की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य शब्द बताया, जो मिडिल ईस्ट में तैनात रहे हैं. पीट हेगसेथ खुद भी इराक में तैनात रहे हैं.
बचाव में भी उतरे लोग
ब्रदर राचिद नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा, ‘कई अरबी प्लेटफॉर्म अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के काफिर टैटू की काफी चर्चा कर रहे हैं. एक ऐसा शब्द जिसका इस्तेमाल मुसलमान गैर-मुसलमानों को संदर्भित करने के लिए करते हैं, अक्सर अपमानजनक तरीके से. हालांकि, यह शब्द पूर्व सैनिकों, खासकर मध्य पूर्व में तैनात रहने वाले लोगों के बीच आतंकवादियों के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक के रूप में व्यापक रूप से पहचाना जाता है. यह आमतौर पर स्टिकर, ट्रकों के पीछे, टी-शर्ट और मग पर देखा जाता है. व्यक्तिगत रूप से, मैंने इसे एक टोपी, एक मग और यहां तक कि अपने कार्यालय के दरवाजे पर भी बनवाया था.’
टैटू से जुड़ा विवाद ऐसे समय में आया है, जब पीट हेगसेथ सिग्नल लीक पर संवेदनशील जानकारी लीक से जुड़े मामले में जांच का सामना कर रहे हैं. कांग्रेस के कई सदस्यों ने उनके खिलाफ जांच की मांग की है.
एलन मस्क के खिलाफ अमेरिकी सरकार में संकट, DOGE प्रमुख पद पर सवाल उठे
29 Mar, 2025 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनियाभर में अपनी कारोबारी रणनीतियों और कठोर फैसलों के लिए मशहूर टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क अब खुद एक बड़े संकट का सामना कर रहे हैं. अमेरिकी सरकार के ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE) के प्रमुख के तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और अटकलें हैं कि वह जल्द ही इस पद से हट सकते हैं. मस्क ने हाल ही में एक इंटरव्यू में संकेत दिया कि वह सरकारी खर्चों में कटौती के काम से ‘अब थक चुके हैं.’ उनकी इस टिप्पणी के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
एलन मस्क को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विशेष सलाहकार के रूप में DOGE का प्रमुख बनाया था, जहां उन्होंने सरकारी खर्चों में कटौती की जिम्मेदारी संभाली. उनकी नीतियों के कारण करीब 95,000 सरकारी कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. हालांकि, मस्क ने कर्मचारियों की छंटनी के प्रभाव को कमतर आंका और कहा कि सरकार को और मजबूत बनाना जरूरी था. उनकी योजनाओं के तहत सरकारी खर्चों को एक ट्रिलियन डॉलर तक घटाने का लक्ष्य था, जिससे कुल संघीय बजट को छह ट्रिलियन डॉलर तक सीमित किया जा सके.
संकटों से घिरे मस्क
लेकिन अब मस्क खुद कई संकटों से घिर गए हैं. टेस्ला के शेयरों में हाल ही में भारी गिरावट आई है. सोमवार को कंपनी के शेयर 5% से ज्यादा गिर गए, जिससे इन्वेस्टरों में चिंता बढ़ गई है. इसके अलावा, देशभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों और टेस्ला के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर मस्क ने चिंता जताई. हाल ही में उन्होंने कहा भी था कि कभी-कभी टेलीविजन पर इन घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है जैसे अंतिम समय आ गया हो.
बढ़ रहा काम का बोझ
ऑस्टिन में अपने कर्मचारियों से बातचीत के दौरान मस्क ने स्वीकार किया कि वह ‘बेहद ज्यादा काम के बोझ’ तले दबे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास लगभग 17 नौकरियां हैं, और मैं काफी थका हुआ महसूस करता हूं.’ हालांकि, उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि टेस्ला और उनकी अन्य कंपनियों का भविष्य उज्ज्वल है और वे ऐसी चीजें करने जा रहे हैं, जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं है.
डेमोक्रेट्स उठा रहे सवाल
DOGE के प्रमुख के रूप में मस्क की भूमिका को लेकर डेमोक्रेट्स लगातार सवाल उठा रहे हैं. उनके कठोर फैसलों की आलोचना हो रही है, खासकर नौकरी कटौती को लेकर. वहीं, मस्क ने सरकारी खर्चों में कमी लाने को सही ठहराते हुए कहा कि यह जरूरी सुधार थे और इससे किसी भी महत्वपूर्ण सरकारी सेवा पर असर नहीं पड़ा. अब जब उन्होंने आई एम डन (मैं थक चुका हूं) कह दिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे वाकई इस्तीफा देंगे या फिर अपनी रणनीतियों में बदलाव करेंगे.
अब तक व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मस्क की इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन अगर मस्क DOGE प्रमुख के पद से इस्तीफा देते हैं, तो यह अमेरिकी प्रशासन और सरकारी नीतियों के लिए एक बड़ा बदलाव होगा. वहीं, उनके कारोबारी साम्राज्य को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आने वाले दिनों में वे क्या कदम उठाते हैं.
रूस की नजर अब और देशों पर, जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने किया खुलासा
29 Mar, 2025 01:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तीन साल से यूक्रेन रूस की हमले की मार झेल रहा है, मगर अब रूस की नजर कई और देशों पर भी है. इसका खुलासा जर्मनी की खुफिया एजेंसी (BND) और सशस्त्र बलों ने किया है. इनके आकलन के अनुसार, रूस पश्चिमी देशों को अपने प्रमुख दुश्मन के रूप में देख रहा है.
और एक बड़े पैमाने पर सैन्य टकराव की तैयारी कर रहा है. इस बीच, NATO महासचिव मार्क रुटे ने हाल ही में कहा है कि अगर पुतिन ने पोलैंड या किसी अन्य NATO देश पर हमला किया, तो इसका जवाब बेहद घातक होगा.
सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा रूस
जर्मनी के प्रसिद्ध मीडिया संस्थान ‘सूडडॉयचे त्साइटुंग’, WDR और NDR की रिपोर्टों के अनुसार, रूस की सैन्य नीति केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है. यह दावा किया जा रहा है कि रूस अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. 2030 तक रूस अपनी सैन्य क्षमता को इतना मजबूत कर लेगा कि वह किसी बड़े युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार होगा.
बाल्टिक देशों पर बढ़ता खतरा
लिथुआनिया की खुफिया एजेंसी (VSD) का मानना है कि फिलहाल रूस इतने बड़े स्तर पर युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है. हालांकि वो सीमित सैन्य कार्रवाई करने की स्थिति में जरूर है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पुतिन NATO देशों की एकजुटता की परीक्षा लेना चाहते हैं और ये देखना चाहते हैं कि संकट के समय में NATO के आर्टिकल 5 के तहत अपनी रक्षा प्रतिबद्धताओं को कितना गंभीरता से लेता है.
रूस की सैन्य शक्ति में भारी बढ़ोतरी
BND की रिपोर्ट के मुताबिक अभी रूस की सैन्य ताकत का तीन चौथाई-हिस्सा यूक्रेन युद्ध में लगा हुआ है, लेकिन उसकी वायुसेना और नौसेना पूरी तरह सतर्क है. अगर यूक्रेन युद्ध खत्म होता है तो रूस अपनी सैन्य टुकड़ियों को पश्चिमी सीमा की ओर तैनात करेगा. रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों और भारी नुकसान के बावजूद पुतिन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहे हैं. जर्मन खुफिया एजेंसी का कहना है कि रूस की सैन्य अर्थव्यवस्था जरूरत से ज्यादा सैन्य उत्पादन कर रही है.
2026 तक 15 लाख सैनिकों की होगी तैनाती
रूस ने 2026 तक अपनी सशस्त्र सेनाओं की संख्या बढ़ाकर 15 लाख करने की योजना बनाई है. 2022 की सैन्य योजना के अनुसार, NATO सीमा पर रूसी सेना, हथियारों और सैन्य उपकरणों की संख्या 30-50% तक बढ़ाने की तैयारी हो रही है. रूस सरकार तेज़ी से अपना सैन्य खर्च बढ़ा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक रूस का रक्षा बजट लगभग 120 बिलियन यूरो तक पहुंच जाएगा, जो GDP का 6% से अधिक होगा. यह आंकड़ा 2021 की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है.
म्यांमार में भूकंप से अब तक 1000 से अधिक मौत, दुनिया भर से मदद का आह्वान
29 Mar, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्यांमार और बैंकॉक में शुक्रवार को आए 7.7 की तीव्रता के भूकंप ने जमकर तबाही मचाई है. अकेले म्यांमार में ही 1000 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है. वहीं 2000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. मौतों का आकड़ा और बढ़ सकता है. वहीं थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में कम से कम 10 लोगों की मौत की खबर है. भूकंप का केंद्र म्यामांर की राजधानी नेपिटॉ से क़रीब ढाई सौ किलोमीटर दूर सैगाइंग शहर के पास जम़ीन के क़रीब 10 किलोमीटर नीचे था.
म्यामांर की राजधानी नेपिटॉ के एक अस्पताल में हुई मौतें भी इसमें शामिल हैं. इस क्षेत्र के बड़े पैमाने पर हताहत होने की संभावना है. यहां के डॉक्टरों ने बताया कि भूकंप से मांडले में एक मस्जिद ढह गई, उस दौरान वहां काफी लोग मौजूद थे. उसी शहर में एक यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग में भी आग लग गई.
अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जताई है कि म्यांमार में भूकंप की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार के पार हो सकता है. म्यामांर और बैंकॉक में भूकंप से कितना नुकसान हुआ है, इसका आधिकारिक आंकड़ा अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन कई इमारतों के जमींदोज होते वीडियो सामने आए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नुकसान भी बड़ा ही हुआ है. भूकंप के बाद म्यांमार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. जिसकी वजह से भूकंप से कई इलाकों में हुए नुकसान की जानकारी सामने नहीं आ पा रही है.
म्यांमार में आए भूकंप का असर 900 किलोमीटर दूर थाइलैंड के बैंकॉक तक में देखा गया, जहां कुछ इमारतें ज़मींदोज़ हो गईं. पुलिस और डॉक्टर्स ने बताया कि बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 43 श्रमिक वहां फंस गए. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए फुटेज में देखा जा सकता है कि ये गगनचुंबी इमारत कुछ ही सेकंड में मलबे नें तब्दील हो गई. म्यांमार के सैगाईं शहर में इरावड़ी नदी पर बना 91 साल पुराना आवा ब्रिज भूकंप के झटकों से टूट गया. ये पुल ब्रिटिश दौर में बना था. इसके साथ ही राजधानी नेपिटॉ और मांडले शहर की कई ऊंची इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है. सैकड़ों घरों में दरारें आ चुकी हैं.
काठमांडू में हिंसक झड़पों के बाद कर्फ्यू हटाया गया, स्थिति सामान्य
29 Mar, 2025 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काठमांडू: नेपाल में प्राधिकारियों ने काठमांडू के पूर्वी हिस्से में सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया कर्फ्यू क्षेत्र में तनाव कम होने के बाद शनिवार को हटा दिया. काठमांडू के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को उस समय तनाव पैदा हो गया था जब राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था, एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला कर दिया था, कई वाहनों में आग लगा दी थी तथा राजधानी के तिनकुने क्षेत्र में दुकानों में लूटपाट की थी.
सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक टीवी कैमरामैन समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा था. काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, शुक्रवार शाम 4 बज कर 25 मिनट से लगाया गया कर्फ्यू शनिवार सुबह 7 बजे हटा लिया गया.
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान मकानों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने के आरोप में 105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शनकारी राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे. विरोध प्रदर्शन के संयोजक दुर्गा प्रसाई के सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर बुलेटप्रूफ वाहन पर सवार होकर बानेश्वर की ओर बढ़ने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया. बानेश्वर में संसद भवन स्थित है.
गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा शामिल हैं. काठमांडू जिला पुलिस रेंज के पुलिस अधीक्षक अपिल बोहरा ने बताया कि शुक्रवार के हिंसक प्रदर्शन के पीछे मुख्य व्यक्ति प्रसाई अब भी फरार है. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की घटना में 53 पुलिसकर्मी, सशस्त्र पुलिस बल के 22 जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 14 इमारतों में आग लगा दी गई और नौ इमारतों में तोड़फोड़ की गई. इसके अलावा नौ सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और छह निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई.
प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने इलाके में कांतिपुर टेलीविजन भवन और 'अन्नपूर्णा मीडिया हाउस' पर भी हमला किया. नेपाल के राजनीतिक दलों ने 2008 में संसद की घोषणा के माध्यम से 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर करके तत्कालीन हिंदू राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था.
राजशाही समर्थक तब से राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं, जब से पूर्व नरेश ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी. राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने नौ मार्च को भी पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में उस समय एक रैली की थी जब वह देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे.