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अमेरिका ने हांगकांग पर नई रिपोर्ट जारी की, चीन पर स्वायत्तता खत्म करने का आरोप
1 Apr, 2025 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका ने हांगकांग को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसे लेकर चीन नाराज हो गया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में हांगकांग और तिब्बत को लेकर सख्त कदम उठाए हैं. इससे गुस्साए चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने इस रिपोर्ट में हांगकांग की स्वायत्तता खत्म करने पर चीन की आलोचना की है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तिब्बत में अमेरिकी राजनयिकों की पहुंच सीमित करने को लेकर चीनी अधिकारियों पर निशाना साधा है. इन आरोपों के साथ ही उन्होंने नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
अमेरिकी विदेश विभाग की हांगकांग नीति अधिनियम रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि चीन ने हांगकांग की स्वायत्तता को पूरी तरह कुचल दिया है. रिपोर्ट में हांगकांग में मार्च 2024 में लागू ‘राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश’ (SNSO) और 2020 के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSL) को लेकर गहरी चिंता जताई गई है. इसमें बताया गया है कि इन कानूनों के जरिए हांगकांग प्रशासन ने लोकतंत्र समर्थकों, पत्रकारों और सामान्य नागरिकों के अधिकारों का हनन किया है. खास बात यह है कि रिपोर्ट पहली बार विदेशी जजों के इस्तीफे और जेलों में रिमांड पर रखे गए कैदियों की संख्या को हांगकांग में कानून के शासन के खात्मे का सबूत बताती है.
अमेरिका का चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध
इसके अलावा, रिपोर्ट में हांगकांग पुलिस की ओर से विदेशों में रहने वाले छह लोकतंत्र समर्थकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और 127,000 डॉलर से ज्यादा के इनाम का जिक्र है. साथ ही, सात अन्य कार्यकर्ताओं के पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई को ‘अंतरराष्ट्रीय दमन’ का उदाहरण बताया गया है, जिनमें से कुछ अमेरिका में रहते हैं. तिब्बत में अमेरिकी राजनयिकों की पहुंच रोकने से अमेरिका नाराज हो गया है. अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन पर नाराजगी जाहिर की और उन्होंने दो ट्वीट्स के जरिए अपनी बात रखी. पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘आज मैं उन चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा रहा हूं, जो तिब्बत क्षेत्रों में पहुंच को सीमित करने के लिए जिम्मेदार हैं. चीन को हमारे राजनयिकों और अन्य लोगों को तिब्बत में वैसी ही पहुंच देनी चाहिए, जैसी उनके राजनयिकों को अमेरिका में मिलती है.’ दूसरे ट्वीट में उन्होंने हांगकांग पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, ‘नवीनतम हांगकांग नीति अधिनियम रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने हांगकांग के लोगों से किए वादे तोड़े हैं. हम छह व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने, लोगों की आजादी छीनने और अमेरिकी धरती पर कार्यकर्ताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दमन में शामिल हैं.’ यह स्पष्ट है कि अमेरिका ने चीन पर दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाई है.
चीन का तीखा जवाब
चीन ने इस रिपोर्ट और प्रतिबंधों पर कड़ा ऐतराज जताया.अमेरिका में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, ‘हम अमेरिका की नई हांगकांग रिपोर्ट और छह चीनी अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इसका विरोध करते हैं. यह रिपोर्ट हांगकांग के लोकतंत्र, कानून के शासन, मानवाधिकार और स्वतंत्रता को बदनाम करने वाली पुरानी बातों को दोहराती है. यह चीन के आंतरिक मामलों और हांगकांग के मामलों में घोर दखलंदाजी है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संबंधों के बुनियादी नियमों का उल्लंघन करती है.’
दूतावास ने आगे कहा, ‘हम अमेरिका से तथ्यों का सम्मान करने, हांगकांग के मामलों और चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करने का आग्रह करते हैं. हम अमेरिका से हांगकांग के लोकतंत्र व कानून के शासन को बदनाम करने वाले बयानों को बंद करने का आग्रह करते हैं. चीन अमेरिका के गलत कदमों का जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाएगा.’
हांगकांग पर क्यों बोलता है अमेरिका?
हांगकांग चीन का हिस्सा है, इसके बावजूद अमेरिका को समस्या क्यों है? हांगकांग चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है, जिसे 1997 में ब्रिटेन ने ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत चीन को सौंपा था. इसके तहत हांगकांग को 2047 तक अपनी कानूनी व्यवस्था, स्वायत्तता और आजादी रखने का अधिकार था, जिसमें विदेशी जजों की भूमिका भी शामिल थी. लेकिन रिपोर्ट कहती है कि बीजिंग ने इन वादों को तोड़ा और हांगकांग को धीरे-धीरे अपने कब्जे में ले लिया है.
किराएदारों ने महिला के सपनों के घर को किया बर्बाद, मरम्मत में आएंगे 30 लाख रुपये
1 Apr, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज़िंदगी में मेहनत से बनाया गया घर हर किसी का सपना होता है, लेकिन क्या हो जब वो सपना कचरे के ढेर तब्दील हो जाए? निश्चित रुप से दुख होगा और दिल टूट जाएगा. ऐसा ही कुछ यूनाइटेड किंगडम के ग्रेटर मैनचेस्टर के बोल्टन में रहने वाली 49 साल की गालिना मैंडर्स (Galina Manders) के साथ हुआ. पाई-पाई जोड़कर उन्होंने सपने का घर खरीदा, फिर लाखों खर्च कर उसे बेहद खास बनाया, ताकि किराया ज्यादा मिल सके. लेकिन किराएदारों ने घर का सत्यानाश कर गिया.गालिना के सपनों का घर कचरे और चूहों का अड्डा बन गया. आखिर कैसे? यह जानकर आपको दुख भी होगा और गुस्सा भी आएगा. दरअसल, पेशे से अकाउंटेंट गालिना ने 2012 में एक तीन बेडरूम का टेरेस हाउस खरीदा था. लाखों रुपए खर्च कर उन्होंने इसे नए किचन, बाथरूम और सजावट के साथ चमकाया, ताकि किराये से थोड़ी अतिरिक्त कमाई हो सके. लेकिन 2022 में आए तीसरे किरायेदारों ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया. किरायेदारों ने घर को इस कदर तबाह किया कि अब इसे ठीक करने में 30 लाख रुपये (लगभग £30,000) का खर्च आएगा.
गालिना ने बताया, “जब मुझे सर्वेयर ने घर की तस्वीरें भेजीं, तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई. मैं तुरंत उसे देखने पहुंच गई. लेकिन कमरे के अंदर बदबू इतनी तेज़ थी कि पांच मिनट से ज़्यादा बिना मास्क के रहना मुश्किल था. गालिना ने आगे कहा कि घर की दीवारें टूटी हुई थीं, फफूंदी छाई थी, घुटनों तक कचरा भरा था और बिल्ली की पॉटी फर्श पर चिपकी थी.” सर्वेयर ऊपर तक नहीं पहुंच सका, क्योंकि कचरे ने रास्ता रोक रखा था. गालिना ने कहा, “ये लोग न मेरे लिए सम्मान रखते थे, न अपने लिए. ये तो सीधा उत्पीड़न है.” घर को फिर से रहने लायक बनाने के लिए “फुल रेनोवेशन” चाहिए, लेकिन उनके पास बचत नहीं है. उन्होंने कहा, “मैं कोई प्रॉपर्टी टाइकून नहीं हूं, इतना बड़ा खर्च कैसे उठाऊं?” गालिना ने इसके पहले 2018 से 2022 तक दो किरायेदारों को घर दिया था, जिनसे मामूली दिक्कतें हुईं. लेकिन 2022 में आए नए किरायेदार उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा फैसला बन गए. जनवरी 2024 में एक बार जब वो अपने घर को देखने गईं और गंदगी देखा तो किराएदारों को सफाई करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. ऐसे में गालिना ने सेक्शन 21 नो-फॉल्ट बेदखली का नोटिस जारी किया. उन्हें एक हफ्ते का वक्त दिया गया, लेकिन जवाब में गालिना को गालियां और धमकियां मिलीं. उन्होंने बताया, “उसके हर मैसेज से मैं कांपने लगती थी, मुझे वॉट्सऐप पर ब्लॉक करना पड़ा.”
घर में चारों तरफ कचरे का अंबार था. चूहे भरे पड़े थे.
किरायेदारों की हरकतें इतनी बढ़ गईं कि पुलिस को जांच शुरू करनी पड़ी. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने पुष्टि की, “आपराधिक नुकसान की जांच चल रही है.” इस तबाही ने गालिना को सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी तोड़ दिया. वो कहती हैं, “मैं रो पड़ी, ये देखकर कि मेरा घर चूहों और कचरे का ढेर बन गया.” पहले किरायेदारों ने भी पालतू जानवरों के नियम तोड़े थे, लेकिन ये हालात उससे कहीं आगे थे. गालिना अब क़ानून में बदलाव की मांग कर रही हैं, ताकि ऐसे किरायेदारों को जल्दी बेदखल किया जा सके. उन्होंने अपनी लोकल MP यास्मीन कुरैशी से बात की, जिन्होंने कहा, “मुझे गालिना की हालत से सहानुभूति है. किसी को भी ऐसी भयानक स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए. मकान मालिकों को लीगल सिस्टम का सहारा लेना चाहिए और मेरा ऑफिस उन्हें सलाह देने वाली संस्थाओं की जानकारी दे रहा है.” बता दें कि ये कहानी सिर्फ गालिना की नहीं, बल्कि हर उस मकान मालिक की पीड़ा को बयान करती है, जो मेहनत से बनाए घर को बर्बाद होते देखता है. 30 लाख का ये नुकसान गालिना के लिए एक जख्म है, जो शायद कभी न भरे.
जापान में आने वाली 'महाभूकंप' चेतावनी से मचा हड़कंप, लाखों मौतों का खतरा
1 Apr, 2025 01:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मार और थाईलैंड में हाल ही में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूंकप ने जो भारी तबाही मचाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा. लोग इस सदमे से अभी उबरे भी नहीं थे कि जापान ने नई चेतावनी जारी कर खलबली मचा दी है. देश की सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में आने वाले समय में ‘महाभूकंप’ आने की आशंका है, जो देश में भारी तबाही मचाएगा. एक झटके में लाखों मौतें हो सकती हैं. समुद्र में भयंकर सुनामी उठेगी और कई शहर जलमग्न हो सकते हैं.
जापान सरकार ने चेतावनी जारी की है कि अगर 9 तीव्रता का भूकंप आता है, 13 लाख लोग बेघर हो जाएंगे और सुनामी और इमारतों के ढहने से लगभग 3 लाख लोग अपनी जान गंवा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ, तो जापान की अर्थव्यवस्था को 2 ट्रिलियन डॉलर (यानि 171 लाख करोड़ रुपये से अधिक) का नुकसान हो सकता है. नया अनुमान साल 2014 के अनुमान से कम है, जिसमें नानकाई गर्त में ‘महाभूकंप’ से 323,000 लोगों की मौत की भविष्यवाणी की गई थी.
क्यों बन रहे ऐसे हालात?
नानकाई गर्त टोक्यो के पश्चिम में शिजुओका से क्यूशू के दक्षिणी सिरे तक फैली 800 किलोमीटर (500 मील) लंबी समुद्र के नीचे की खाई है. ये वो खाई है, जहां फिलिपीनी सागर की टेक्टोनिक प्लेट धीरे-धीरे महाद्वीपीय प्लेट के नीचे धंस रही है. इसी पर जापान टिका हुआ है. समय के साथ ये प्लेटें बंद हो जाती हैं और वहां ऊर्जा जमा होती है, जो बाद में एक बड़े भूकंप का रूप लेती है.
किसे कहते हैं महाभूकंप?
‘महाभूकंप’ एक बेहद शक्तिशाली भूकंप को कहते हैं, जिसकी तीव्रता आमतौर पर 8 या उससे अधिक होती है, जो भारी तबाही मचाने के साथ सुनामी को भी ट्रिगर कर सकता है. बता दें कि पिछले 1400 वर्षों में नानकाई गर्त में प्रत्येक 100 से 200 सालों में महाभूकंप आते रहे हैं. इनमें सबसे हालिया भूकंप 1946 में आया था.
हालांकि, भूकंपों की भविष्यवाणी करना अभी भी बहुत कठिन है, लेकिन फिर भी एक सरकारी पैनल ने अगले 30 वर्षों में ‘महाभूकंप’ के आने की 75-82 फीसदी आशंका जताई है. मार्च 2011 में जापान में 9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए थे. इसके कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टर पिघल गए, जो देश में युद्ध के बाद की सबसे बड़ी आपदा और चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना थी.
ISRO की सेटेलाइट तस्वीरों से म्यांमार में भूकंप से हुए नुकसान का खुलासा
1 Apr, 2025 12:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. इस भूकंप के झटके पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए. हालांकि, म्यांमार की सैन्य सरकार ने तबाही से जुड़ी जानकारी पर शिकंजा कस दिया है. वहां की सरकार ने विदेशी मीडिया को भूकंप प्रभावित इलाकों में जाने से रोक दिया है. सेना का कहना है कि इन इलाकों में बिजली-पानी की समस्या और ठहरने की दिक्कतों के कारण पत्रकारों को आने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
अब भले ही म्यांमार सरकार तबाही की असल तस्वीरें दुनिया से छिपाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस भूकंप से हुए नुकसान की सेटेलाइट तस्वीरें जारी कर दी हैं. इसरो की अत्याधुनिक अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-3 ने 500 किलोमीटर की ऊंचाई से भूकंप प्रभावित इलाकों की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें ली हैं. इन तस्वीरों से पता चला है कि म्यांमार के कई प्रमुख शहरों को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर तबाह
मांडले, जो म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है. इसरो की तस्वीरों में दिख रहा है कि मांडले और सगाइंग क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतें ढह गई हैं. मांडले यूनिवर्सिटी को भी नुकसान पहुंचा है, वहीं, इरावदी नदी पर बना एक बड़ा पुल भी गिर चुका है.
इसके अलावा, मशहूर महामुनी पगोडा और ऐतिहासिक अवा ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने की भी पुष्टि हुई है. इन तस्वीरों के जरिए यह भी साफ हुआ कि भूकंप ने इमारतों, सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
म्यांमार में इमरजेंसी, भारत की मदद जारी
इस भूकंप के कारण अब तक 2,900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हैं. वहीं कई रिपोर्ट में मौतों का आंकड़ा इससे भी ज्यादा बताए जा रहे हैं. भूकंप के बाद बचाव अभियान तेज कर दिया गया है, लेकिन तबाही इतने बड़े स्तर पर हुई है कि राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं.
भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया और बचाव टीमों को म्यांमार भेजा. भारत की ओर से राहत सामग्री, मेडिकल सप्लाई और बचाव दल भेजे गए हैं, ताकि म्यांमार को इस आपदा से उबरने में मदद मिल सके. इसरो की सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया के सामने म्यांमार में हुई तबाही की सच्चाई ला रही हैं, जिससे ये साफ हो गया है कि म्यांमार में भूकंप के बाद की स्थिति कितनी गंभीर है.
बांग्लादेश के खरशूति गांव में संकट में शिव मंदिर, हिंदू परिवारों का बचाने का प्रयास जारी
1 Apr, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही हिंदू और उनके धर्मस्थल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ताजा मामला सैकड़ों साल पुराने खरशूति शिव मंदिर का है. यह मंदिर अब गायब होने की कगार पर है. स्थानीय हिंदू परिवार के लोग इसे बचाने की जद्दोजेहद में जरूर जुटे हैं, लेकिन उन्हें अब तक सफलता नहीं मिल पाई है.
बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के मुताबिक फरीदपुर के बोलमारी उपजिला के अंतर्गत खरशूती गांव में 100 साल पहले एक शिव मंदिर का निर्माण कराया गया था. यह मंदिर बलुआ मिट्टी से निर्मित है, जो अब खंडहर में तब्दील हो रहा है.
त्रिशूल समेत सभी सामान चोरी
बांग्लादेश के खरशूति में स्थित इस मंदिर की गिनती देश के टॉप-5 बड़े मंदिरों में होती थी. 20वीं शताब्दी में स्थानीय जमींदार इशान घोष ने इसका निर्माण कराया था. उस वक्त राजस्थान से मंदिर निर्माण के लिए संगमरमर के पत्थर लाए गए थे.
मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की गई थी. उसके द्वार पर सांप के चिह्न बनवाए गए थे. इसके अलावा मंदिर परिसर में त्रिशूल और नंदी का भी निर्माण कराया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर से त्रिशूल और नंदी के साथ-साथ उसके दरवाजे भी चोरी कर लिए गए हैं. मंदिर परिसर में कुत्तों और अन्य पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है.
कैसे खंडहर में बदल गया मंदिर?
1. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस इलाके में हिंदुओं की संख्या में कमी आई है. पहले की तरह यहां हिंदुओं का वर्चस्व नहीं है. इसकी वजह से मंदिर लोग पूजा के लिए नहीं आ रहे हैं.
2. 2011 में आखिरी बार यहां एक पुजारी को पूजा करते देखा गया. उसके जाने के बाद से मंदिर वीरान पड़ा हुआ है. न तो स्थानीय लोगों ने और न ही किसी अधिकारी ने इसकी पहल की.
3. तख्तापलट के बाद से हिंदी डरे हुए हैं. लोग यहां पर खुलकर पूजा नहीं करना चाहते हैं. कई जगहों पर मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना देखी गई है.
पुरातत्व विभाग को मतलब नहीं
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस मंदिर के रखरखाव के लिए कई बार पुरातत्व विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन विभाग ने इस पर कोई अमल नहीं किया. अगर इस मंदिर का पुनर्निर्माण जल्द नहीं कराया गया तो बांग्लादेश का यह मंदिर धरती से गायब हो जाएगा.
फरीदाबाद कॉलेज के बाहर छात्रों के गुटों में हिंसा, चाकू लगने से एक छात्र की मौत, पुलिस ने की जांच शुरू
31 Mar, 2025 10:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के बल्लभगढ़ में बैचलर ऑफ कॉमर्स फर्स्ट ईयर के छात्र की हत्या कर दी गई. छात्र की उसके कॉलेज के बाहर दो समूहों के बीच झड़प के बाद कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने बताया कि घटना बुधवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अग्रवाल कॉलेज के बाहर हुई. हिमांशु और उसके 10 से 12 साथियों ने गर्ग कॉलोनी पार्ट-2 के रितेश कुमार पर हमला कर दिया.
पुलिस ने बताया कि रितेश के पिता संतोष कुमार शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है. संतोष से दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, हिमांशु ने उनके बेटे पर हमला किया और उसकी छाती में चाकू घोंप दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. संतोष ने पुलिस को बताया कि उन्हें फोन पर घटना की जानकारी दी गई और वे अपने बेटे को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपने बेटे से जुड़े किसी भी पूर्व विवाद के बारे में पता नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने तीन संदिग्धों बल्लू उर्फ कौशलेन्द्र, पंकज और सचिन को हिरासत में लिया है जो फरीदाबाद निवासी हैं और मुख्य आरोपी के सहयोगी हैं. फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि फरार आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
11वीं की छात्रा की हत्या
उत्तर प्रदेश के ललितपुर से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था. ललितपुर में एक छात्र ने 11वीं छात्रा की हत्या कर दी थी. पुलिस ने बताया कि छात्रा और आरोपी छात्र सोनू में करीब डेढ़ सालों से प्रेम प्रसंग था. छात्रा ने अचानक मोबाइल पर बात करना बंद कर दिया. इससे गुस्साए सोनू ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने हत्यारोपी सोनू को गिरफ्तार कर लिया था. सोनू ने बताया कि वह छात्रा के ही स्कूल में कक्षा 12 में पढ़ता था और दोनों के बीच मोबाइल से बात होती थी. हालांकि डेढ़ साल बाद छात्रा ने उससे बात करना बंद कर दिया.
तीन बच्चों की मां ने बॉयफ्रेंड से डिमांड पूरी न होने पर खाया जहर, दर्दनाक मौत
31 Mar, 2025 09:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के पानीपत से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां तीन बच्चों की मां को लिव-इन पार्टनर की हरकत पर इतना गुस्सा आया कि उसने जहर खाकर जान दे दी. बताया जा रहा है कि डिनर में मुर्गा न मिलने पर महिला ने नाराज होकर यह कदम उठाया है. महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
महिला के शव को शवगृह में रखवा दिया गया. फिलहाल पुलिस ने मृतका के पार्टनर के बयान के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है. मामला पानीपत के कुराड़ गांव का है. महिला अपने पार्टनर के साथ लिव-इन में रह रही थी. पुलिस को दी गई शिकायत में सुनील ने बताया कि वह बिहार का रहने वाला है. अभी वह कुराड़ गांव में रहता है. सुनील एक फैक्ट्री में काम करता है. यहां पर उसकी मुलाकात नीलम से हुई थी. कुछ दिनों में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. सुनील ने बताया कि नीलम तलाकशुदा थी और तीन बच्चों की मां थी. सुनील ने बताया कि नीलम पिछले 2 साल से उसके साथ रह रही थी.
मुर्गा न मिलने पर सुसाइड
सुनील ने बताया कि बीते दिन यानी शुक्रवार यानी 28 मार्च की रात को नीलम ने मुर्गा मंगवाया था. लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से सुनील मुर्गा नहीं ले जा पाया गया था. उसने बताया कि जब वह घर पहुंचा तो नीलम ने मुर्गा मांगा. नहीं देने पर वह नाराज हो गई और दोनों के बीच कहासुनी हुई, जिसके बाद सुनील वहां से चला गया. फिर नाराज नीलम ने जहर निगल लिया. नीलम के बेटे ने इस बारे में सुनील को फोन पर बताया. सुनील फिर मौके पर पहुंचा. नीलम को नजदीकी अस्पताल ले गया.
नीलम की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सिविल अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. पुलिस ने सुनील के बयान के बाद मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव सुनील के हवाले कर दिया है.
अमित शाह ने हिसार में महाराजा अग्रसेन प्रतिमा का उद्घाटन, 80 हजार नौकरियों का किया दावा
31 Mar, 2025 05:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के हिसार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराजा अग्रसेन प्रतिमा और विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. हुड्डा पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि एक सरकार आती थी तो एक क्षेत्र को नौकरी मिलती थी. दूसरी सरकार आती थी दूसरे क्षेत्र को नौकरी, खर्ची और पर्ची चलती थी. हमने 80 हजार नौकरियां दीं.
महाराजा अग्रसेन बहुत वीर योद्धा थे, इन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया था. इन्होंने पूरे राज्य के संस्कारों को सिंचित करने का काम किया. कोई भूखा न सोए, कोई व्यक्ति ऐसा न हो जिसके सिर पर छत न हो और कोई व्यक्ति ऐसा न हो जिसके पास कारोबार न हो इन तीन चीजों को उन्होंने अपने सुशासन से निश्चित और सुनिश्चित किया.
हरियाणा के हिसार में एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हरियाणा इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है कि जब हमारे पास ऐसे लोग होते हैं जो समान सिद्धांतों पर चलते हैं और काम करते हैं तो क्या होता है. पहले, हरियाणा जातिवाद के कारण नौकरियों में भ्रष्टाचार के कारण बदनाम था, लेकिन भाजपा ने राज्य में 80,000 नौकरियां दीं और साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जाति के आधार पर राजनीति नहीं की जाती है.
हर घर में शौचालय के लिए बधाई
इस कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि दस साल में मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला. 20 करोड़ लोगों को आश्रय देने के लिए चार करोड़ घर बनाए गए हैं.
81 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलो मुफ्त राशन मिलता है. 2014 तक 12 करोड़ परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी. आज मैं हरियाणा सरकार को राज्य के हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने वाली देश की पहली राज्य सरकार बनने के लिए बधाई देता हूं…एक समग्र दृष्टिकोण के साथ, नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में सोचा है.
मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत काम किया
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत काम किया है. पब्लिक हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनाने पर 64,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पिछले 10 सालों में 700 से ज्यादा एकीकृत पब्लिक हेल्थ लैब, 4,382 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और 602 क्रिटिकल केयर बॉक्स स्थापित किए गए.
आज देश में 23 एम्स अस्पताल हैं…पहले मेडिकल छात्रों के लिए केवल 51,000 सीटें थीं. आज इसे बढ़ाकर 1,15,000 सीटें कर दिया गया है और अगले पांच सालों में 85,000 सीटें और जोड़ी जाएंगी.
कैंसर का नया इलाज: चीन ने विकसित की किफायती कैंसर थेरेपी, इलाज की लागत सिर्फ 11 हजार
31 Mar, 2025 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज अभी भी महंगा और लंबा होता है. मगर अब कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज महज 11 हजार रुपये में हो सकता है. चीनी वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है. जिसे "ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी" कहा जाता है. यह तकनीक न केवल कैंसर के खतरनाक ट्यूमर को खत्म करने की क्षमता रखती है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी सक्रिय कर सकती है.
क्या है ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी?
ऑन्कोलाइटिक वायरस को एक छिपे हुए हत्यारे के रूप में देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इन वायरस को इस तरह से विकसित किया है कि वे सीधे कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश करें, वहां अपनी संख्या बढ़ाएं और अंततः कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दें. इतना ही नहीं, ये वायरस ऐसे प्रोटीन भी छोड़ सकते हैं. जो शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को बाकी बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करते हैं.
कुछ ही देशों के पास है ये तकनीक
यह तकनीक कोई नई नहीं है. ऑन्कोलाइटिक वायरस पर शोध करीब 100 साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन हाल के वर्षों में जेनेटिक इंजीनियरिंग की वजह से इसकी क्षमता में जबरदस्त सुधार हुआ है. अब तक, अमेरिका और जापान समेत दुनिया के कुछ देशों में इस तकनीक को अपनाया गया है. लेकिन चीन इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहां करीब 60 क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि यह इलाज आम लोगों के लिए सुलभ और किफायती हो सकेगा.
चमत्कारी नतीजे दिखा रही यह थेरेपी
इस साल जनवरी में प्रकाशित एक शोध में 58 वर्षीय महिला की कहानी सामने आई, जिसे सर्वाइकल कैंसर था और सभी पारंपरिक इलाज बेअसर हो चुके थे. उसे ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी दी गई और नतीजा यह हुआ कि उसके मेटास्टैटिक ट्यूमर पूरी तरह से गायब हो गए. हैरानी की बात यह है कि इस थेरेपी के बाद महिला 36 महीने तक जिंदा रही. यह शोध दक्षिण चीन के ग्वांग्शी मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झाओ योंगशियांग के नेतृत्व में किया गया था. वैज्ञानिकों ने एक ऐसे वायरस का इस्तेमाल किया जिसने कैंसर कोशिकाओं को सुअर के ऊतक जैसा बना दिया, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ने उन्हें बाहरी तत्व मानकर नष्ट कर दिया. इस छोटी ट्रायल में यह भी देखा गया कि 90% मरीजों (जिन्हें लिवर, ओवेरियन और लंग कैंसर था) में ट्यूमर का आकार घट गया या स्थिर हो गया.
महज 11 हजार रुपए में इलाज
ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम लागत है. कैंसर के इलाज में अब तक इस्तेमाल की जाने वाली CAR-T थेरेपी की कीमत चीन में करीब 1.16 करोड़ रुपये (140,000 अमेरिकी डॉलर) प्रति डोज होती है. इसके मुकाबले, ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी का एक इंजेक्शन महज 11 हजार रुपये (140 अमेरिकी डॉलर) में उपलब्ध हो सकता है, सालभर की इस थेरेपी की कुल लागत 3.3 लाख रुपये (4,200 अमेरिकी डॉलर) तक हो सकती है, जो मौजूदा कैंसर उपचार की तुलना में काफी किफायती है.
इमामोग्लू की गिरफ्तारी से तुर्की में राजनीतिक संकट, विपक्ष ने तुरंत चुनाव की मांग की
31 Mar, 2025 12:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंकारा: तुर्की में राष्ट्रपति एर्दोगन की कुर्सी पर संकट है. इस्तांबुल के मेयर की गिरफ्तारी के बाद से लगातार पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. तुर्की के विपक्ष ने अब देश में जल्दी चुनाव कराने की मांग की है. जबकि एक स्वीडिश रिपोर्टर को सरकार की कार्रवाई में नवीनतम रूप से हिरासत में लिया गया. इस्तांबुल के विपक्षी मेयर एकरेम इमामोग्लू को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं. इमामोग्लू को जेल में डाले जाने के बाद तुर्की में एक दशक से अधिक समय बाद सबसे महत्वपूर्ण सरकार विरोधी प्रदर्शन पैदा हो गया है. यह राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के लिए एक बड़ी परीक्षा है.
रात के समय सड़कों पर एक सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन चल रहे हैं. इसके बाद रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) ने शनिवार को इस्तांबुल में एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोग जुटे. इसमें इमामोग्लू की रिहाई की मांग की गई. उन्हें एर्दोगन को चुनाव में हराने के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखा गया, जबकि राष्ट्रपति ने 2028 तक होने वाले चुनावों से पहले पद छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिया. विपक्ष ने विरोध आंदोलन को बनाए रखने का वादा किया है, जबकि अधिक केंद्रित घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बदल दी है.
‘एर्दोगन का विरोध करना अपराध’
CHP पार्टी के नेता ओजगुर ओजेल, जो एक पूर्व फार्मासिस्ट हैं वह इमामोग्लू के जेल में बंद होने के बाद पार्टी का मुख्य चेहरा बन रहे हैं. उन्होंने इमामोग्लू की रिहाई और जल्दी चुनाव की मांग के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर कराने का अभियान शुरू किया. ओजेल ने पूर्वी तुर्की में अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, ‘भगवान मेरे गवाह हैं कि एकरेम इमामोग्लू का अपराध सिर्फ यह है कि वह एर्दोगन के प्रतिद्वंद्वी हैं.’ शनिवार को ओजेल ने घोषणा की कि हर वीकेंड तुर्की के 81 प्रांतों में से एक में और हर बुधवार इस्तांबुल के अलग-अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा.
इमामोग्लू ने जेल से अपने वकीलों के जरिए संदेश में कहा, ‘जो लोग सोचते हैं कि हम छुट्टी का जश्न नहीं मना पाएंगे, वे बहुत गलत हैं. क्योंकि हम निश्चित रूप से एक साथ रहने का तरीका ढूंढ लेंगे.’ एर्दोगन की सरकार ने विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है. दर्जनों युवा ईद की छुट्टी के दौरान जेल की सलाखों के पीछे हैं. पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया है. रविवार को, ओजेल इस्तांबुल लौट आए और उन्होंने जेल में इमामोग्लू और दर्जनों अन्य युवाओं से मुलाकात की.
एर्दोगन ने पत्रकार को किया गिरफ्तार
डैगेंस ईटीसी समाचार पत्र के लिए काम करने वाले स्वीडिश पत्रकार जोआकिम मेडिन गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों को कवर करने के लिए तुर्की पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, उन्हें आतंकवाद से संबंधित आरोपों और ‘राष्ट्रपति का अपमान’ करने के लिए हिरासत में लिया गया है. उनके अखबार के चीफ एडिटर ने इन आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि पत्रकारिता का अभ्यास अपराध नहीं होना चाहिए. स्वीडिश विदेश मंत्री मारिया माल्मर स्टेनेगार्ड ने इस मुद्दे को तुर्की के साथ उठाने की बात कही. तुर्की के अधिकारियों ने मेडिन पर जनवरी 2023 में स्टॉकहोम में प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के एक प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप लगाया है.
कराची में हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान की हत्या, गोली मारकर किया गया वारदात
31 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान के कराची में हाफिज सईद के रिश्तेदार की बंदूकधारी ने गोली मारकर हत्या कर दी है. आतंकवादी हाफिज सईद के रिश्तेदार और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड उगाने वाले अब्दुल रहमान को कराची में अज्ञात शख्स ने गोली मारी. बताया जाता है कि अब्दुल रहमान आतंकवादी संगठन लश्कर के लिए फंड कलेक्शन का काम करता था. जितने भी फंड कलेक्टर कराची में फंड उगाने का काम करते थे वह सभी अब्दुल रहमान के पास आकर फंड जमा करते थे जहां से यह आगे जाता था.
तालिबान के हिबतुल्लाह अखुंदजादा का विवादास्पद बयान: पश्चिमी कानूनों की कोई जरूरत नहीं
31 Mar, 2025 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अफगानिस्तान में तालिबान नेता ने कहा कि देश में पश्चिमी देशों के कानून (लोकतंत्र) की कोई जरूरत नहीं है. यहां जैसे-जैसे शरिया कानून लागू हो रहा है वैसे-वैसे लोकतंत्र खत्म होता जाएगा. हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कंधार की ईदगाह मस्जिद में ईद-उल-फितर के मौके पर ये टिप्पणी की. हिबतुल्लाह का 50 मिनट का ऑडियो तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शेयर किया गया था.
अखुंदजादा ने पश्तो में बोलते हुए इस्लामी कानूनों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के कानून की कोई जरूरत नहीं है. हम अपने खुद के कानून बनाएंगे.
महिलाओं पर लगाए गए कई सारे रोक
तालिबान ने शरिया के कानूनों के कारण अफगान महिलाओं और लड़कियों पर कई सारे रोक लगा दिए गए हैं. महिलाओं पर रोक की वजह से उनकी पढ़ाई, नौकरियों और ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से मना कर दिया गया है. इस तरह के फैसलों ने तालिबान को विश्व मंच पर अलग-थलग कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने चीन और संयुक्त अरब अमीरात सहित देशों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं.
2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से अखुंदज़ादा ने नीति निर्देशन में मज़बूती से हाथ बढ़ाया है, हालांकि कुछ अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि यहां पर समानता से उदारता से शासन किया जाएगा.
अमेरिका और दूसरे देश इस्लाम के लिए अलग राय बना रहे
अखुंदज़ादा ने पश्चिमी देशों के कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि गैर मुस्लिम, मुसलमानों के खिलाफ़ एकजुट हो गए हैं और अमेरिका और दूसरे देश इस्लाम के प्रति अपनी अलग राय बनाने में एकजुट हैं. उन्होंने गाजा में इज़राइल-हमास युद्ध का जिक्र भी किया.
उन्होंने कहा कि अफ़गानिस्तान में लोकतंत्र खत्म हो गया है और शरिया लागू है. लोकतंत्र के समर्थक लोगों को तालिबान सरकार से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. तालिबान के पास देश के अंदर या बाहर कोई विश्वसनीय विपक्ष नहीं है. फिलहाल, वहां के प्रशासन के भीतर कुछ वरिष्ठ लोगों ने अखुंदज़ादा की निगरानी में सत्ता के केंद्रीकरण की आलोचना की है.
कुछ तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ज्यादा जुड़ाव रखना चाहते हैं. यहां ज्यादातर बाहरी समर्थन आकर्षित करने के लिए कठोर नीतियों को खत्म करना चाहते हैं. हालांकि, बीते कुछ महीनों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक, तालिबान और अमेरिका के बीच जुड़ाव बढ़ा है. इसके पीछे की वजह है, ज्यादातर कैदियों की रिहाई इसका वजह बताई गई है.
पाकिस्तान: पेशावर में हिंदू सफाई कर्मचारी की गोली मारकर हत्या, संदिग्ध गिरफ्तार
31 Mar, 2025 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले कोई नई बात नहीं है. यहां आए दिन उन्हें निशाना बनाया जाता है, जिसकी खबरें सामने आती रहती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ दावा किया जाता है कि वहां सब ठीक है. इसके अलावा यहां धर्म परिवर्तन के मामले ज्यादा सामने आते हैं. ऐसा ही एक मामला पेशावर से सामने आया है. यहां 56 वर्षीय हिंदू सफाई कर्मचारी ने जब इस्लाम धर्म अपने से इंकार कर दिया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
पूरा मामला पाकिस्तान के पेशावर के पोस्टल कॉलोनी इलाके में सामने आया है. यहां जब सरकारी संस्थान में सफाई कर्मचारी 56 साल का सफाई कर्मी अपना काम पूरा करके जब घर लोटे रहे थे, उसी दौरान उन पर हमला किया गया. हमला करने के बाद संदिग्ध मौके से फरार हो गया, हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
धर्म परिवर्तन का बनाया जा रहा था दबाव
सफाई कर्मी के भाई ने पूरे मामले में FIR दर्ज कराई है. भाई ने पुलिस को बताया कि आरोपी मुश्ताक के नदीम को गोली मारने के बाद उसे गंभीर चोटें आई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
एफआईआर में बताया गया कि आरोपी मुश्ताक पिछले दो-तीन महीनों से भाई पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था. भाई कई बार उसको मना कर चुके थे. इसके बाद भी वो लगातार दबाव बनाता रहता था. यही कारण है कि भाई के इनकार करने के कारण उसने गोली मारकर हत्या कर दी.
सफाई कर्मी के दूसरे भाई ने बताया कि उन्होंने उसके दोस्तों से सुना था कि कोई उसे धर्म परिवर्तन के लिए परेशान कर रहा है. हालांकि, नदीम सबसे बड़ा होने के कारण अपने परिवार से ऐसी कोई चिंता साझा नहीं करता था. सफाई कर्मी के चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और दो बेटियां शामिल हैं.
क्या बोली पुलिस?
भाना मारी पुलिस स्टेशन के एसएचओ अजमल हयात ने बताया कि हत्या के बाद संदिग्ध फरार हो गया. हालांकि, डीएसपी सिटी याकाटूट सर्किल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने 24 घंटे के भीतर मुश्ताक को चरसड्डा से गिरफ्तार कर लिया. एसएचओ के मुताबिक, शुरुआती जांच में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, पूरे मामले में जांच की जा रही है.
डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन को लेकर जताई नाराजगी, रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी
31 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बेहद नाराज हैं. रविवार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है. ट्रंप के पुतिन से खफा होने की वजह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की हैं क्योंकि हाल ही में पुतिन ने जेलेंस्की को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी थी जो ट्रंप को नागवार गुजरा. इसके बाद ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे दी.
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा कि जब पुतिन ने जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू किया तो वे गुस्सा और नाराज थे. जेलेंस्की को लेकर पुतिन ने कहा था जिनका कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था. उनके पास शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की वैधता नहीं है. यूक्रेन के संविधान के मुताबिक देश में मार्शल लॉ के दौरान राष्ट्रीय चुनाव कराना अवैध है. पुतिन के इसी बात पर ट्रंप गुस्सा हो गए.
ट्रंप ने रूसी तेल पर दे दी टैरिफ की धमकी
इसके बाद पुतिन को लेकर ट्रंप की ये प्रतिक्रिया सामने आई है. ट्रंप ने कहा कि अगर डील नहीं होती और अगर मुझे लगेगा कि यह रूस की गलती है, तो मैं रूस पर प्रतिबंध लगाऊंगा. सभी तेल पर 25 से 50 फीसदी टैरिफ लगाऊंगा. रूस से तेल खरीदने वाले देशों के लिए अमेरिका में व्यापार करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
हालांकि, ट्रंप ने ये भी कहा कि पुतिन से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं. दरअसल, अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम समझौते पर जोर दे रहा है ताकि 3 साल से चली आ रही जंग शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो सके. ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि वह इस हफ्ते पुतिन से बातचीत करने वाले हैं. कुछ दिन पहले ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई थी.
रूस ने युद्ध विराम के प्रस्ताव को किया खारिज
रूस ने अमेरिका के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके बाद आंशिक युद्ध विराम को लेकर भी चिंता पैदा हो गई है. पिछले हफ्ते रूस और यूक्रेन के बीच आंशिक युद्धविराम पर सहमति बनी थी, जिसमें ब्लैक सी में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही और न्यूक्लियर प्लांट पर हमले न करने का करार शामिल था. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 साल से जंग चल रही है.
स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों और इंस्पेक्टर के पार्किंग विवाद पर लिया संज्ञान
29 Mar, 2025 09:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस विधायकों की चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर से हुई बहस का मुद्दा विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के पास पहुंच गया है। स्पीकर कल्याण ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के विधायकों से शिकायत मिली है। शिकायत का संज्ञान लिया जाएगा।
26 मार्च को संसदीय कार्य मंत्री व शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने अपने आवास पर रात्रि भोज का आयोजन किया था। रात्रि भोज में शामिल होने के लिए कांग्रेस के 6 विधायक इंदु राज नरवाल, जस्सी पेटवाड़, देवेंद्र हंस, शीशपाल केहरवाला, बलराम डांगी दो अलग-अलग गाड़ी में पहुंचे थे। इस दौरान पार्किंग को लेकर कांग्रेस के विधायकों और चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर के बीच तीखी बहस हो गई। बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने स्पीकर को शिकायत दी थी। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि चंडीगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर ने उनके साथ गाली गलौज भी की।