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अमेरिका-भारत व्यापार विवाद: ट्रंप ने कहा, हमारे साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा
3 Apr, 2025 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पारस्परिक टैरिफ का एलान कर दिया। इसमें उन्होंने अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग दरों की घोषणा की है। ट्रंप ने इसे अमेरिका की आजादी करार दिया।
पारस्परिक टैरिफ के एलान के साथ ही ऊंची कीमतों और दुनियाभर में ट्रेड वार का खतरा पैदा हो गया है। ट्रंप ने भारत पर 26% "रेसिप्रोकल टैरिफ" लगाया। चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20% और जापान पर 24% टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप ने यह घोषणा मेक अमेरिका वेल्थी अगेन इवेंट को संबोधित करते हुए की।
पीएम मोदी को लेकर कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान मित्र बताते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका से 52 प्रतिशत शुल्क लेता है, जबकि हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते हैं। कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि भारत बहुत सख्त है। प्रधानमंत्री अभी-अभी गए हैं और मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। वे हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं और हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते।
हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में- ट्रंप
ट्रंप ने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिलों पर केवल 2.4 प्रतिशत शुल्क लेता है। इस बीच, थाईलैंड और अन्य देश बहुत अधिक कीमत वसूल रहे हैं जैसे 60 प्रतिशत, भारत 70 प्रतिशत, वियतनाम 75 प्रतिशत और अन्य उससे भी अधिक शुल्क ले रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि इस तरह के भयावह असंतुलन ने हमारे औद्योगिक आधार को तबाह कर दिया है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। मैं इस आपदा के लिए इन अन्य देशों को बिल्कुल भी दोषी नहीं मानता।
ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे
इस आपदा के लिए मैं पूर्व राष्ट्रपतियों और पिछले नेताओं को दोषी मानता हूं जो अपना काम नहीं कर रहे थे। आधी रात से प्रभावी, हम सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे।
अन्य प्रमुख देशों पर अमेरिका ने लगाया टैरिफ
चीन (34 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (20 प्रतिशत), वियतनाम (46 प्रतिशत), ताइवान (32 प्रतिशत), जापान (24 प्रतिशत), भारत (26 प्रतिशत), यूनाइटेड किंगडम (10 प्रतिशत), बांग्लादेश (37 प्रतिशत), पाकिस्तान (29 प्रतिशत), श्रीलंका (44 प्रतिशत), इजरायल (17 प्रतिशत)
कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बात पर भी जोर दिया कि दशकों के शोषण के बाद अमेरिकी करदाताओं को धोखा दिए जाने का युग समाप्त हो गया है। ट्रंप ने कहा कि हमारे देश और इसके करदाताओं को 50 से अधिक वर्षों से ठगा जा रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।
चीन, बांग्लादेश के मुकाबले भारत पर कम टैरिफ
अमेरिका ने भारत पर चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले कम पारस्परिक शुल्क लगाया है जो भारत के हक में है।
चीन पर 34 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 तो बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया है, अमेरिका के बाजार में मुख्य रूप से ये देश भारत के प्रतिद्वंद्वी हैं।
बांग्लादेश का गारमेंट अब अमेरिका में भारत के गारमेंट के मुकाबले अधिक महंगा होगा। चीन और वियतनाम इलेक्ट्रानिक सामान का बड़ा विक्रेता है और इन दोनों देशों के सामान अब भारत के सामान की तुलना में अधिक महंगे होंगे, हालांकि अमेरिका के इस पारस्परिक शुल्क से भारत के निर्यात पर एकदम से असर नहीं होगा क्योंकि भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों पर भारत से अधिक शुल्क लगाया गया है और भारतीय चीजें एकदम से महंगी होने पर भी तत्काल निर्यात असर नहीं होगा और तब तक भारत निश्चित रूप से पारस्परिक शुल्क का काट खोज लेगा।
ब्राजील, ब्रिटेन पर जरूर भारत की तुलना कम शुल्क
ब्राजील, ब्रिटेन पर जरूर भारत की तुलना कम शुल्क लगाया गया है लेकिन ये अमेरिका में उन वस्तुओं की सप्लाई नहीं करते हैं जिनकी सप्लाई भारत करता है।
डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद, फ्रांस ने भी ईरान से परमाणु समझौते का दबाव बढ़ाया
3 Apr, 2025 01:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईरान को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर ईरान जल्द ही परमाणु कार्यक्रम को लेकर समझौते पर नहीं आता तो उसे बमबारी और सख्त आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. अब इस मामले में एक और बड़ा बयान आया है. बयान आया है फ्रांस की तरफ से.
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नया समझौता नहीं हुआ तो हालात इतने बिगड़ सकते हैं कि सैन्य टकराव लगभग तय माना जा सकता है. उनका कहना है कि कूटनीति के लिए समय बहुत कम बचा है और अगर जल्द ही कोई हल नहीं निकला तो टकराव निश्चित ही है.
क्यों बढ़ रहा है तनाव?
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ती जा रही है. 2015 में हुए जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) समझौते के तहत ईरान पर लगे प्रतिबंधों में राहत दी गई थी, बशर्ते वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखे. मगर 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए. इस फैसले के खिलाफ उस वक्त भी रूस और चीन ईरान के साथ खड़े थे.
अमेरिका के इस समझौते से अलग होने के बाद से ही ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन की सीमा को पार कर दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय चिंता और बढ़ गई. फ्रांस समेत यूरोपीय देश अब इस मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि इस साल के मध्य तक कोई नया समझौता हो जाए, क्योंकि अक्टूबर 2025 में ईरान पर लगे संयुक्त राष्ट्र के कुछ अहम प्रतिबंध समाप्त होने वाले हैं.
रूस-चीन की रणनीति क्या?
ईरान के सबसे मजबूत साझेदार रूस और चीन इस मुद्दे पर पश्चिमी देशों के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को ही मास्को में मुलाकात की, जहां उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चर्चा की. यह जानकारी रूस के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात दी.
वांग यी तीन दिवसीय दौरे पर मास्को पहुंचे हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की. बीते महीने ही दोनों देशों ने साफ कर दिया था कि अमेरिका की मांगों पर किसी भी नए परमाणु समझौते की बातचीत आपसी सम्मान के आधार पर ही होने चाहिए और ईरान पर लगे सभी प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए.
क्या ईरान सैन्य कार्रवाई से बच पाएगा?
ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. मगर पश्चिमी देशों को इस पर भरोसा नहीं है. अमेरिका और यूरोप के लिए ईरान की बढ़ती यूरेनियम क्षमता खतरे की घंटी है. अगर आने वाले महीनों में कोई नया समझौता नहीं हुआ तो पश्चिमी देश ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं. वहीं, रूस और चीन इस मामले में ईरान का समर्थन कर रहे हैं, जिससे यह विवाद और भी ज्यादा पेचीदा हो गया है.
फरीदाबाद कोर्ट में वकील की आत्महत्या की गुत्थी: चौथी मंजिल से कूदने के पीछे क्या थी वजह?
2 Apr, 2025 08:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा में फरीदाबाद जिले के सेक्टर 12 कोर्ट परिसर की चौथी मंदिर से कूद कर एक वकील ने आत्महत्या कर ली. दरअसल, वकील ने कूदने से पहले अपने परिजनों को फोन कर बात की थी. फोन पर क्या बात हुई थी, इसके बारे में अभी खुलासा नहीं हो पाया है. लेकिन वकील की चौथी मंजिल से गिरने के चलते काफी गंभीर चोटें आई. जिसकी निजी अस्पताल में मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, मृतक वकील मच्छगर गांव का रहने वाला था जो कि पिछले कई वर्षों से सेक्टर 12 कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा था, जिसकी पहचान लगभग 56 वर्षीय जेपी धनकड़ के रूप में हुई है. फिलहाल पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल भेजा वहीं पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
चौथी मंजिल से कूदकर किया सुसाइड
इस मामले में जानकारी देते हुए मृतक वकील के साथी ने बताया की कई वकीलों ने उन्हें खुद कूदते हुए देखा था. अब यह नहीं कहा जा सकता की जेपी धड़कड ने किन कारणों की वजह से कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से कूद कर आत्महत्या की. आनन फानन में अन्य साथी वकीलों ने उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस जांच में जुटी
वहीं इस मामले में थाना सेंट्रल के इंचार्ज ने जानकारी देते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें घटना की सूचना मिली तो वो तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल वकील जिसका नाम जेपी धनकड़ उम्र 55 साल है. उनको अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने उन्हें देखने के बाद मृत घोषित कर दिया. मृतक वकील नेवी से रिटायर था और कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा था. फिलहाल शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है. आगे की जांच जारी है.
चिकन बनाने की बात पर मचा खून-खराबा, पड़ोसी ने कपल पर किया जानलेवा हमला!
2 Apr, 2025 08:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के फरीदाबाद में नवरात्र के दिन में चिकन बनाने की बात सुनकर पड़ोसियों ने दंपति पर चाकू से हमला कर दिया. उनकी पिटाई लगाई गई, जिससे वह घायल हो गए. इलाज के लिए दंपति को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां दी दिन इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. पीड़ित महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उनकी तलाश की जा रही है.
घटना फरीदाबाद के सारन थाना इलाके के नंगला एन्क्लेव पार्ट 1 में कर्म भूमि स्कूल के पास गली नंबर 12 की है. पीड़ित महिला के मुताबिक, उनपर जानलेवा हमला करने वाले उनके पड़ोसी है. 4 से 5 लोगों ने दोनों पति-पत्नी पर चाकू से वार कर घायल किया था. हमले की वारदात रविवार 30 मार्च शाम करीब 7 बजे हुई. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
चिकन बनाने की कहने पर भड़क गया पड़ोसी
जानकारी के मुताबिक, नवरात्र के पहले दिन संजय बाइक द्वारा राशन का सामान लेकर आया था. जब वह घर पहुंचा तो वह बाहर सामन उतार रहा था. इसी बीच उसकी पत्नी गीता ने उससे पूछा कि खाना क्या बना लिया जाए. इसपर संजय ने पत्नी से चिकन बनाने की बोला. आरोप है कि उस वक्त वहां उनका पड़ोसी कपिल मौजूद था. उसने नवरात्र पर चिकन को लेकर मना किया और दोनों में बहस हो गई.
चाकू से किया हमला, दंपति हुए घायल
आरोप है कि कपिल अपने साथी अमित, जयवीर और अन्य के साथ संजय के घर पर हमला कर दिया. उन्होंने पति-पत्नी को चाकू और दराती से हमला कर दिया.दंपति के सिर, चेहरे व हाथ में काफी चोट आई. आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए. इधर, घायल पति-पत्नी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका दो दिन तक इलाज चला. उस बीच गीता ने मामले की शिकायत पुलिस से की, जिस पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
Young CEO: करोड़ों की कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी का रिजेक्शन
2 Apr, 2025 05:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महज 18 साल की उम्र में एक युवा ने करोड़ों कंपनी खड़ी की, लेकिन जब वह दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने पहुंचा, तो सभी जगह से उसे रिजेक्ट कर दिया गया. आइए आपको बताते हैं उसकी पूरी कहानी…
ये कहानी है न्यूयॉर्क के जैक याडेगरी की. उन्होंने महज 18 की उम्र में एक ऐसा स्टार्टअप बनाया, जो आज 250 करोड़ रुपये से ज्यादा कमा रहा है, लेकिन हार्वर्ड, येल और स्टैनफोर्ड जैसी दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में उनके पढ़ने का सपना पूरा नहीं हो पाया. सभी जगह से उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, लेकिन इस होनहार ने रिजेक्शन को भी अपनी ताकत बना लिया.
7 साल में सीखी कोडिंग, 18 में करोड़पति
न्यूयॉर्क के जैक याडेगरी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. जैक ने महज 7 साल की उम्र में कोडिंग की दुनिया में कदम रखा. 12 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला ऐप लॉन्च किया. 16 साल की उम्र में जैक ने एक ऑनलाइन गेमिंग बिजनेस बेचकर कमाई की. जब वह 11वीं क्लास में पहुंचे, तो उन्होंने अपना Cal AI शुरू किया, जो न्यूट्रिशन ट्रैकिंग करने वाला ऐप है.
250 करोड़ का बिजनेस, फिर भी एडमिशन नहीं
जैक याडेगरी ने Cal AI नाम का एक न्यूट्रिशन ट्रैकिंग ऐप बनाया, जो खाने की तस्वीर खींचकर उसकी कैलोरी बता देता है. इस AI-पावर्ड ऐप ने उन्हें रातोंरात करोड़पति बना दिया. उनकी कंपनी की सालाना कमाई 30 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) से ज्यादा है. GPA 4.0 यानी परफेक्ट स्कोर के साथ जैक को लगता था कि हार्वर्ड, MIT या स्टैनफोर्ड में एडमिशन आसानी से मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जैक को दुनिया की कई टॉप यूनिवर्सिटीज ने रिजेक्ट कर दिया. जैक को हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन, कोलंबिया, ब्राउन, कॉर्नेल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया,स्टैनफोर्ड, MIT, NYU, ड्यूक, और USC ने रिजेक्ट कर दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. हालांकि उन्हें जॉर्जिया टेक और यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी ने स्वीकार कर लिया.
कॉलेज की क्या जरूरत?
जैक से बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स और मेंटर्स ने कहा कि तुम्हें कॉलेज की क्या जरूरत है? तुम तो पहले ही सुपरस्टार हो!, लेकिन जापान के क्योटो में रयोअन-जी रॉक गार्डन की यात्रा ने उनकी सोच बदली. वहां की शांति ने उन्हें एहसास दिलाया कि कॉलेज सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि जिंदगी का एक नया अनुभव हो सकता है.जिसके बाद उन्होंने टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने की सोची.जब एक X यूजर ने पूछा,आप कॉलेज क्यों जाना चाहते हैं? जैक ने लिखा कि मुझे स्किल्स नहीं, जिंदगी के बेस्ट 4 साल चाहिए. मैं कॉलेज को बाधा नहीं, बल्कि मौका मानता हूं. मैं किताबों से नहीं, बल्कि प्रोफेसर्स और दोस्तों से सीखना चाहता हूं. ये मेरे बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.
पाकिस्तान के क्वेटा में कर्फ्यू के बाद इंटरनेट पर बैन, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी
2 Apr, 2025 05:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा शहर में सरकार और सेना की कार्रवाई लगातार जारी है. क्वेटा में कर्फ्यू लगाने के बाद अब पाकिस्तान की सरकार ने इंटरनेट पर बैन लगा दिया है. यह बैन ऐसे वक्त में लगाया गया है, जब क्वेटा के कई जगहों पर लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक प्रशासन ने अचानक से क्वेटा शहर में इंटरनेट बैन करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले की वजह से स्थानीय लोगों की टेंशन बढ़ गई है. इंटरनेट बंद करने का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब क्वेटा में कर्फ्यू लगा हुआ है.
सरकार के अधिकारियों ने अब तक इंटरनेट बंद करने का कोई भी कारण नहीं बताया है, लेकिन कहा जा रहा है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना कोई बड़ा ऑपरेशन करने जा रही है.
पहले क्वेटा शहर के बारे में जानिए
क्वेटा शहर बलूचिस्तान का एक बड़ा शहर है, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमा पर स्थित है. क्वेटा बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी भी है. बलूचिस्तान को लेकर यहीं पर सबसे ज्यादा आंदोलन होते हैं.
क्वेटा शहर में ही बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री रहते हैं और यहीं पर विधानसभा भी है. पिछले कई दिनों से लोगों के गायब होने को लेकर क्वेटा में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
सवाल- क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
पाकिस्तान में पिछले दिनों ट्रेन हाईजैक की घटना हुई थी, जिसके बाद से पाक आर्मी ने बलूचिस्तान के लड़ाकों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पाकिस्तान की सेना ईद के बाद इन लड़ाकों को सबक सिखाने की रणनीति पर काम कर रही थी.
ऐसे में ईद के बाद जिस तरीके से क्वेटा में पहले कर्फ्यू और अब इंटरनेट बंद करने का फैसला किया गया है, उससे कहा जा रहा है कि पाक की सेना यहां कोई बड़ा ऑपरेशन चला सकती है.
पाकिस्तान आर्मी ने हाल ही में एक बयान में अपने सैनिकों को अलर्ट करते हुए कहा था कि आप लोग या तो नौकरी छोड़ दीजिए या मजबूती से लड़िए.
चीन और म्यांमार के बीच बढ़ती तकरार, राहत काफिले पर गोलीबारी से रिश्तों में और तनाव
2 Apr, 2025 05:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के बीच इस बार एक नया मोर्चा खुल गया है, लेकिन यह ताइवान में नहीं, बल्कि म्यांमार में हुआ. दरअसल म्यांमार की सेना ने चीन के रेड क्रॉस के राहत काफिले पर गोलीबारी कर दी, जिससे बीजिंग तक हड़कंप मच गया. यह घटना ऐसे समय हुई जब विनाशकारी भूकंप के बाद राहत म्यांमार में ये काफिला भूकंप से प्रभावित लोगों को खाद्य और दवाइयाँ पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. मगर अब कहा जा रहा है कि ये सैन्य कार्रवाई दोनों देशों के रिश्तों में दरार ला सकती है. इस घटना ने म्यांमार के जारी गृह युद्ध के दौरान सहायता समूहों को होने वाले खतरों को भी उजागर कर दिया है.
कैसे भड़की म्यांमार की सेना?
म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता ज़ॉ मिन टुन के मुताबिक, यह घटना मंगलवार देर रात हुई, जब चीनी रेड क्रॉस का काफिला बिना अनुमति संघर्ष प्रभावित इलाके में घुस गया. सेना ने काफिले को रुकने के लिए कई बार इशारा किया, लेकिन जब वह नहीं रुका, तो सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चला दीं. सबसे बड़ी बात यह थी कि इस काफिले की आवाजाही की कोई पूर्व सूचना न म्यांमार सरकार को थी और न ही चीन के दूतावास को.
चीन ने जताई नाराजगी
चीन और म्यांमार के रिश्ते पहले से ही जटिल रहे हैं. चीन, म्यांमार की सैन्य सरकार को समर्थन देता है, लेकिन हाल के वर्षों में चीन समर्थित विद्रोही गुटों की गतिविधियां बढ़ने से म्यांमार की सेना पहले से ही सतर्क थी. अब इस गोलीबारी की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है. चीन ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए म्यांमार से राहत कार्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. बीजिंग इस मामले को किस हद तक ले जाएगा, यह देखना अहम होगा.
भूकंप से मचा कोहराम, राहत कार्यों में बाधा
शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में अब तक 2,886 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,639 लोग घायल हैं. सबसे अधिक तबाही सगाइंग क्षेत्र में हुई है, जो पहले से ही सेना और विद्रोही गुटों के संघर्ष का केंद्र बना हुआ है. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) ने कहा कि इस क्षेत्र में राहत एजेंसियों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो गया है. सेना की सख्ती, प्रशासन की जटिलता और हिंसा की वजह से मदद पहुंचाना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
राहत कार्यों की आड़ में सुरक्षा का बहाना?
स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में तैनात है, लेकिन उनका ध्यान राहत कार्यों से ज्यादा निगरानी पर है. ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने म्यांमार सरकार से राहत कार्यों में रुकावट न डालने की अपील की है. संगठन ने अंतरराष्ट्रीय दाताओं से आग्रह किया कि वे राहत सामग्री सेना के माध्यम से न भेजें, बल्कि स्वतंत्र एजेंसियों के जरिए भेजें.
डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को कड़ी धमकी, परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं की तो होगी तबाही
2 Apr, 2025 04:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान को कड़ी धमकी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करता, तो उसे तबाही का सामना करना पड़ेगा. ये बयान साफ तौर पर बताता है कि अमेरिका ईरान पर दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. अब, इस दबाव को और बढ़ाने के लिए, अमेरिका ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाया है.
दरअसल वो USS Carl Vinson एयरक्राफ्ट कैरियर, जिस पर 2011 में अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन का शव समंदर में फेंका गया था, अब ईरान के आसपास अपनी ताकत दिखाने के लिए रवाना हो चुका है. इस युद्धपोत के बारे में दुनिया ने उस वक्त सुना था जब लादेन की “समुद्र में दफन” की खबर ने सुर्खियां बनाई थीं. अब वही जहाज एक बार फिर खबरों में है, लेकिन इस बार इसका मिशन ईरान पर दबाव डालना है.
आधुनिक हथियारों से लैस है ये जहाज
USS Carl Vinson का यह नया मिशन ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी सैन्य शक्ति को मजबूत करने का हिस्सा है. इसके साथ पूरी Carrier Strike Group (CSG) भी भेजी जा रही है, जिसमें युद्धपोत के अलावा B2 स्टील्थ बॉम्बर जेट्स और Globemaster परिवहन विमान भी शामिल हैं. ये सभी अभी डिएगो गार्सिया बेस पर तैनात हैं, जो एक रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम जगह है.
USS Carl Vinson, जिसे CVN-70 के नाम से भी जाना जाता है, अमेरिकी नौसेना का तीसरा Nimitz क्लास सुपरकैरियर है. इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें आधुनिक हथियारों की भरमार है. जैसे Mk 57 Mod13 Sea Sparrow Launchers, RIM-116 Rolling Airframe मिसाइल लांचर्स और Phalanx CIWS, जो किसी भी हमले से रक्षा करने में सक्षम होते हैं. इसके साथ कई गाइडेड मिसाइल क्रूजर और डिस्ट्रॉयर्स भी तैनात किए गए हैं, जो इसे और भी ताकतवर बनाते हैं.
कई बड़े मिशन को दिया अंजाम
USS Carl Vinson का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. इसने पहले Operation Desert Strike, Operation Iraqi Freedom, और Operation Enduring Freedom जैसे कई अहम अभियानों में हिस्सा लिया है. इन अभियानों के दौरान इसने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ताकत का लोहा मनवाया है. अब यह जहाज फिर से उसी क्षेत्र में अपनी ताकत का एहसास दिलाने के लिए निकल पड़ा है.
ईरान भेजने की असल वजह ये है
इस सैन्य ऑपरेशन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘मैक्सिमम प्रेशर’ नीति का हिस्सा माना जा रहा है. इसका मकसद ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने के लिए मजबूर करना है. साथ ही, अमेरिका हूथी विद्रोहियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है, जिनके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि उन्हें ईरान से समर्थन मिल रहा है. ट्रंप प्रशासन का यह कदम सिर्फ ईरान तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे मध्य पूर्व में राजनीतिक और सैन्य हलचलें तेज हो सकती हैं.
म्यांमार में चीन के रेड क्रॉस काफिले पर सेना की फायरिंग, बीजिंग में हड़कंप
2 Apr, 2025 04:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के बीच इस बार एक नया मोर्चा खुल गया है, लेकिन यह ताइवान में नहीं, बल्कि म्यांमार में हुआ. दरअसल म्यांमार की सेना ने चीन के रेड क्रॉस के राहत काफिले पर गोलीबारी कर दी, जिससे बीजिंग तक हड़कंप मच गया.
यह घटना ऐसे समय हुई जब विनाशकारी भूकंप के बाद राहत म्यांमार में ये काफिला भूकंप से प्रभावित लोगों को खाद्य और दवाइयाँ पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. मगर अब कहा जा रहा है कि ये सैन्य कार्रवाई दोनों देशों के रिश्तों में दरार ला सकती है. इस घटना ने म्यांमार के जारी गृह युद्ध के दौरान सहायता समूहों को होने वाले खतरों को भी उजागर कर दिया है.
कैसे भड़की म्यांमार की सेना?
म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता ज़ॉ मिन टुन के मुताबिक, यह घटना मंगलवार देर रात हुई, जब चीनी रेड क्रॉस का काफिला बिना अनुमति संघर्ष प्रभावित इलाके में घुस गया. सेना ने काफिले को रुकने के लिए कई बार इशारा किया, लेकिन जब वह नहीं रुका, तो सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चला दीं. सबसे बड़ी बात यह थी कि इस काफिले की आवाजाही की कोई पूर्व सूचना न म्यांमार सरकार को थी और न ही चीन के दूतावास को.
चीन ने जताई नाराजगी
चीन और म्यांमार के रिश्ते पहले से ही जटिल रहे हैं. चीन, म्यांमार की सैन्य सरकार को समर्थन देता है, लेकिन हाल के वर्षों में चीन समर्थित विद्रोही गुटों की गतिविधियां बढ़ने से म्यांमार की सेना पहले से ही सतर्क थी. अब इस गोलीबारी की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है. चीन ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए म्यांमार से राहत कार्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. बीजिंग इस मामले को किस हद तक ले जाएगा, यह देखना अहम होगा.
भूकंप से मचा कोहराम, राहत कार्यों में बाधा
शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में अब तक 2,886 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,639 लोग घायल हैं. सबसे अधिक तबाही सगाइंग क्षेत्र में हुई है, जो पहले से ही सेना और विद्रोही गुटों के संघर्ष का केंद्र बना हुआ है. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) ने कहा कि इस क्षेत्र में राहत एजेंसियों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो गया है. सेना की सख्ती, प्रशासन की जटिलता और हिंसा की वजह से मदद पहुंचाना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
राहत कार्यों की आड़ में सुरक्षा का बहाना?
स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में तैनात है, लेकिन उनका ध्यान राहत कार्यों से ज्यादा निगरानी पर है. ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने म्यांमार सरकार से राहत कार्यों में रुकावट न डालने की अपील की है. संगठन ने अंतरराष्ट्रीय दाताओं से आग्रह किया कि वे राहत सामग्री सेना के माध्यम से न भेजें, बल्कि स्वतंत्र एजेंसियों के जरिए भेजें.
इजरायल ने बेरूत में किया हवाई हमला, हिजबुल्ला कमांडर हसन बदीर ढेर
2 Apr, 2025 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेरूत। इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के एक उपनगर में हवाई हमला किया, जिसमें हिजबुल्ला का एक कमांडर समेत चार लोग मारे गए। लेबनान के एक सुरक्षा अधिकारी ने मंगलवार को हमले की जानकारी दी। इस ताजा हमले से इजरायल और ईरान समर्थित हिजबुल्ला के बीच युद्धविराम खतरे में पड़ गया है।
इजरायली सेना ने जारी किया बयान
इजरायली सेना ने कहा कि हसन बदीर हिजबुल्ला की एक इकाई और ईरान के कुद्स बल का सदस्य था। उसने इजरायली नागरिकों के खिलाफ हमले की साजिश रचने में हमास की मदद की थी।
इधर, हिजबुल्ला ने भी हसन और उसके बेटे के मारे जाने की पुष्टि की है। उसका बेटा भी हिजबुल्ला का सदस्य था। जबकि लेबनान के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हसन मध्यम श्रेणी का कमांडर था।
लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हवाई हमले में एक महिला समेत चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। हिजबुल्ला के नियंत्रण वाले बेरूत के उपनगर में पांच दिनों में दूसरी बार इजरायल ने हवाई हमला किया है।
इजरायली हमले में पत्रकार की मौत
इजरायल के हवाई हमले में गाजा में एक फलस्तीनी पत्रकार, उसकी पत्नी और बच्चों की मौत हो गई। मोहम्मद सलाह हमास से संबद्ध अक्सा रेडियो से जुड़ा था। जबकि इजरायली हिरासत में वेस्ट बैंक के एक 17 वर्षीय फलस्तीनी की मौत हो गई। वह बगैर किसी आरोप के छह महीने से हिरासत में था। मौत के कारण स्पष्ट नहीं हैं। इस बीच, इजरायली सेना ने राकेट हमले के बाद उत्तरी गाजा के लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी है।
अमेरिकी ड्रोन मार गिराने का दावा
यमन के हाउती विद्रोहियों ने मंगलवार को दावा किया कि उसने एक और अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को मार गिराया है। हाउती के सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने पहले से रिकार्ड वीडियो संदेश में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया। इधर, अमेरिका ने हाउती विद्रोहियों को निशाना बनाने के लिए हवाई हमलों को तेज कर दिया है।
पाकिस्तान में 4.3 तीव्रता का भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग
2 Apr, 2025 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कराची। म्यांमार में भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि वहां मरने वालों का आंकड़ा 2000 के पार कर गया है। इसी के साथ पाकिस्तान में दो अप्रैल तड़के तीन बजे करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि, अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार 2 अप्रैल को सुबह 2.58 बजे (भारतीय समयानुसार) पाकिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया।
इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति के डीपफेक वीडियो से 8 लाख की ठगी, ठगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
1 Apr, 2025 10:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप अपने पैसे को कहीं निवेश करना चाहते हैं तो यूं ही किसी पर विश्वास न करें। ठग अब नामी शख्सियतों का चेहरा लगाकर भी ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ एक कंपनी अधिकारी के साथ। देश की जानी मानी लेखिका और इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति की डीपफेक विडियो बनाकर अधिकारी से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 8 लाख से अधिक रुपये ठग लिए। पीड़ित को ठगी का अहसास तब हुआ, जब उन्होंने अपना मुनाफा निकालने का प्रयास किया। ठगों ने पैसे निकालने के बदले 4 हजार डॉलर की डिमांड कर दी। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पीड़ित के मुताबिक, ठगों ने अब अपना नंबर भी बंद कर दिया है।
सोशल मीडिया पर देखी विडियो में था लिंक
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-30 की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी शख्स निजी कंपनी में अधिकारी हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर उन्होंने राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति की विडियो देखी। उसमें वह शेयर मार्केट में निवेश करने की बात कह रही थीं। निवेश में मोटा मुनाफा होने की बात कही जा रही थी। वहां एक लिंक भी दिया गया था।
विदेशी शेयर मार्केट में निवेश का दिया झांसा
पीड़ित ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया वह कैपप्लेस ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म से जुड़ गए। इसके बाद उनका एक प्रतिनिधि से संपर्क हुआ। उसने खुद को यूके ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म का फाइनेंशल एक्सपर्ट बताया। उसने रजिस्ट्रेशन व शुरुआती निवेश के तौर पर 200 डॉलर देने को कहा। ठगों ने टेस्ला व अन्य नामी गिरामी विदेशी कंपनियों में निवेश करने पर कई गुना मुनाफा दिलाने का झांसा दिया। चूंकि विडियो में एक जानी मानी हस्ती की तस्वीर लगी थी, इसलिए कोई शक नहीं हुआ। पीड़ित ने दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 तक अलग-अलग कंपनियों के शेयर में निवेश कर दिया।
अपना पैसा मांगा तो नहीं मिला
पीड़ित ने बताया कि वह कई बार में 8 लाख 9938 रुपये निवेश कर चुके थे। ठग इसका मुनाफा दो से तीन गुना बताकर लुभा रहे थे। पीड़ित ने जब मुनाफे की रकम का रिफंड लेने चाहा तो आरोपियों ने कहा कि आपका निवेश लॉक हो गया है। इसे अनलॉक करने के लिए 4000 डॉलर फीस जमा करनी होगी। इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ। ठगों ने ग्रुप में दिए गए सभी नंबरों को बंद कर दिया। यही नहीं निवेश के लिए जो डिमैट अकाउंट खोला था, उसमें भी जीरो बैलेंस दिखा दिया। पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है।
ऐसे बना रहे डीपफेक विडियो
दरअसल, एआई और मशीन लर्निंग की मदद से ऑडियो और विडियो तैयार किया जाता है। इसमें किसी भी व्यक्ति का चेहरा लगाकर उसकी आवाज की नकल कर गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। एआई की मदद से व्यक्ति की आवाज का क्लोन तैयार किया जाता है। वह पूरी तरह वैसा ही लगता है, जैसा वह शख्स वास्तव में बोलता है। इसका सबसे अधिक शिकार राजनेता, ब्यूरोक्रेट्स और सिलेब्रिटी भी हो रहे हैं। कई जानी मानी हस्तियों की डीपफेक विडियो ऑडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर ठग लोगों को शिकार बना रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे ऑडियो-विडियो पर यूं ही विश्वास न करें। पहले उसकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल करें।
हरियाणा के सरकारी अधिकारी का कारनामा, गिरवी रखी जमीन की कर दी रजिस्ट्री, मामला दर्ज
1 Apr, 2025 10:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फरीदाबाद: राजस्व विभाग में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर होने वाला खेल रुक नहीं रहा है। पिछले दिनों बड़खल तहसील में कार्यरत तहसीलदार नेहा सारण के खिलाफ करोड़ों रुपये की जमीन की नीलामी करने का आरोप लगा था। उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। अब नया मामला सेक्टर 58 थाना क्षेत्र का सामने आया है। यहां हल्का पटवारी और गोंछी तहसीलदार पर बैंक के अधीन रखी जमीन की रजिस्ट्री करने का आरोप लगा है। बैंक प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पुलिस आरोपों की जांच कर रही है।सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक सिकरौना शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक विजय सिंह ने दी शिकायत में बताया कि गांव भनकपुर निवासी रोशनलाल ने साल 2009 में किसी काम से बैंक से दो बार में करीब 75 हजार रुपये लोन लिया था। लोन के बदले उन्होंने 13 मई 2009 को अपनी कृषि योग्य जमीन बैंक में गिरवी रखी थी। उन्होंने बताया कि रोशनलाल ने बगैर लोन चुकाए अपनी गिरवी रखी जमीन को 29 मार्च 2013 को गिर्राज देवी नामक महिला को बेच दिया।
तहसीलदार और पटवारी से किया खेल
बैंक मैनेजर का आरोप है कि रोशनलाल ने अपने क्षेत्र के हल्का पटवारी और तहसीलदार गोंछी से सांठगांठ करके बैंक में गिरवी रखी गई जमीन दूसरे को बेचकर उसकी रजिस्ट्री करवा दी। हैरानी की बात ये है कि राजस्व अधिकारियों ने रजिस्ट्री करने से पहले बैंक से नो ड्यूज लेना भी उचित नहीं समझा। इससे साफ है कि दोनों अधिकारियों ने मिलीभगत करके रजिस्ट्री की है।
पुलिस एक साल तक चुप्पी साधे रही
बैंक प्रबंधक ने पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत में बताया कि बैंक की शाखा के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक ने आरोपी रोशनलाल के खिलाफ एक शिकायत चौकी इंचार्ज पुलिस चौकी सिकरौना को 8 नवंबर 2023 को दी थी। लेकिन एक साल से ज्यादा समय बाद भी पुलिस ने न तो आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही एफआईआर दर्ज की। आरोपियों से बैंक की ऋण राशि वसूल करवाई जाए। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सेक्टर 58 थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का इस राज्य में होगा ट्रायल रन
1 Apr, 2025 02:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा: देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर दौड़ेगी. यह पर्यावरण के सुरक्षित ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा तैयार की गई है. 89 किलोमीटर के इस रूट पर आज से इसका ट्रायल शुरू हो रहा है. यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है.
दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में शामिल
1200 हॉर्सपावर की क्षमता वाली यह ट्रेन एक बार में 2638 यात्रियों को ले जा सकेगी. रेल मंत्रालय ने हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ट्रेनों के निर्माण के लिए 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसके तहत 35 ऐसी ट्रेनें तैयार की जा रही हैं. 8 कोच वाली यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यह हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में शामिल होगी.
हरित प्रौद्योगिकी पर आधारित यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और शून्य कार्बन लक्ष्य की ओर बढ़ने में अहम भूमिका निभाएगी. ट्रायल के दौरान ट्रेन की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया जाएगा. सफल परीक्षण के बाद इसे नियमित संचालन में लाने की योजना है.
स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना लक्ष्य
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा निर्मित यह ट्रेन स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय रेलवे का महत्वपूर्ण कदम है. रेलवे का लक्ष्य स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देते हुए देश के हेरिटेज रूट्स को नई पहचान देना है. भारतीय रेलवे अपने विशेष प्रोजेक्ट ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ के तहत हेरिटेज और पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें संचालित करने की तैयारी कर रहा है. इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए चालू वर्ष के बजट में 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 600 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं.
हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम
भारतीय रेलवे के इस अभिनव प्रोजेक्ट को हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. हाइड्रोजन से संचालित यह ट्रेन शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को समर्थन देती है. ट्रायल के दौरान ट्रेन की कार्यक्षमता, सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी. सफल परीक्षण के बाद इसे नियमित संचालन में लाने की योजना है.
मलेशिया में भीषण आग, गैस पाइप फटने से हिली खिड़कियां, घर खाली कराए गए
1 Apr, 2025 01:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मलेशिया के एक इलाके में भीषण आग की खबर सामने आई है। आग इतनी ज्यादा थी कि उसकी लपटें मीलों दूर से दिखाई दे रही हैं। कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में एक मलेशियाई शहर में ये भीषण आग लगी। इसके कारण आसपास के घरों को खाली कराना पड़ा।
कई किलोमीटर ऊंची लपटें दिखीं
मध्य सेलंगोर राज्य के पुत्रा हाइट्स में एक गैस स्टेशन के पास लगी आग की ऊंची लपटें कई किलोमीटर तक दिखाई दे रही थीं। आग की सूचना मिलते ही सेलंगोर के दर्जनों अग्निशमन कर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया। स्थानीय समाचार ने विभाग के निदेशक वान मोहम्मद रजाली वान इस्माइल के हवाले से बताया कि मौके पर मौजूद अग्निशमन कर्मियों ने आग लगने का कारण पाइपलाइन का फटना बताया है।
आग इतनी भयंकर थी कि आग के गोले की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। कुछ निवासियों ने कहा कि उन्हें अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां हिलती हुई महसूस हुईं, ऐसा माना जाता है कि यह पहले हुए आग के विस्फोट के कारण हुआ था।