धर्म एवं ज्योतिष
पीपल के पेड़ को घर, आंगन या दरवाजे पर क्यों नहीं लगाते, क्या पड़ता है असर
1 Feb, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग इस बात को जरूर मानते हैं कि पीपल के पेड़ को घर आंगन या अपने दरवाजे पर नहीं लगाया जाता है, क्योंकि यह अशुभ की निशानी मानी जाती है. जबकि हर शनिवार को पीपल में जल अर्पित किया जाता है, पूजा किया जाता है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. शास्त्र में इसके बारे में बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार पीपल के वृक्ष को देव वृक्ष कहा जाता है.
ऐसा बताया जाता है कि पीपल के पेड़ में बहुत सारे देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए अधिकतर पीपल के पेड़ देवस्थान पर होते हैं. किसी मंदिर के पास पीपल का पेड़ होता है या किसी सड़क के किनारे होता है, जहां लोग पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं. लेकिन पीपल के पेड़ को हम अपने घर दरवाजे के आंगन के बाहर नहीं लगाते हैं.
घर के बाहर अशुभता का प्रतीक
कि वास्तु शास्त्र इस चीज की मनाही करता है. उसके मुताबिक, वास्तु शास्त्र कहता है कि पीपल के पेड़ को घर, बाहर, दरवाजे पर नहीं लगाना चाहिए, यह शुभ नहीं होता है. यह घर के बाहर अशुभता का प्रतीक माना जाता है. वहीं पीपल के वृक्ष की पूजा करने से बहुत ही लाभ होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोन की मानें, तो पीपल का पेड़ ऑक्सीजन देता है, जो इंसानों के लिए लाभदायक होता है.
घर की दीवार कर देता है कमजोर
पीपल के पेड़ का जड़ बहुत मजबूत होता है और अंदर वह काफी दूर तक फैला होता है. ऐसे में घर के बाहर, दरवाजे के बाहर अगर पेड़ लगाते हैं, तो उसके जड़ बहुत ज्यादा फैलने से घर की दीवार टूट सकती है या खराब हो सकती है. साथ ही वास्तु शास्त्र कहता है कि पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करें. शनिवार के दिन अगर आप पीपल में चना गुड़ और जल चढ़ाते हैं, दीपक जलाते हैं, तो बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है. साथ ही शनि दोष का निवारण होता है. लेकिन पीपल के पेड़ को दरवाजे के बाहर नहीं लगाया जाता है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
1 Feb, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मन में अशांति, किसी परेशानी से बचिये, कुटुम्ब की समस्याऐं सुलझ जाएंगी।
वृष राशि :- संवेदनशील होने से बचिये नहीं तो आपको किये पर पछताना ही पड़ेगा।
मिथुन राशि :- मानसिक कार्य में सफलता तथा सहयोग, संतोष होगा, धन लाभ।
कर्क राशि :- विरोधियों का समर्थन फलप्रद होगा तथा शुभ कार्य के योग अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- व्यवसायिक क्षमता अनुकूल रहे, स्थिति पूर्ण नियंत्रण में बनी ही रहेगी।
कन्या राशि :- सामाजिक कार्यों में पूर्ण प्रतिष्ठा वृद्धि होगी, धन लाभ तथा हर्ष होगा।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग से विशेष समर्थन फलप्रद होगा तथा रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- धन का लाभ, कार्य-कुशलता से संतोष होगा, पराक्रम एव समृद्धि के योग बनेंगे।
धनु राशि :- स्त्री शरीर चिन्ता, विवादग्रस्त होने से बचिये, रुके कार्य बन ही जायेंगे।
मकर राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक हो, दैनिक कार्यगति में सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
कुंभ राशि :- कार्य-व्यवसाय में उत्तेजना, धन का व्यय तथा शक्ति निष्फल अवश्य ही होगी।
मीन राशि :- अधिकारी वर्ग का समर्थन फलप्रद होगा, सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
Aaj Ka Panchang: आज 31 जनवरी 2025 का मुहूर्त, राहुकाल का समय और पंचांग जानें
31 Jan, 2025 07:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aaj Ka Panchang 31 January 2025: पंचांग देख कर कार्य करने की परंपरा हिंदू धर्म में सनातन काल से चली आ रही है. आज 31 जनवरी 2025 से माघ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और शुक्रवार है. शुक्रवार की मध्यरात्रि अष्टलक्ष्मी की पूजा करें और इस दौरान कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. पूजा में मां को गुलाबी रंग के फूल जरूर चढ़ाएं और खीर का भोग लगाएं. मान्यता है ये उपाय मां लक्ष्मी को आकर्षित करता है, घर में देवी का स्थाई निवास होता है
आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं तो शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण को तुसली की मंजरी अर्पित करनी चाहिए. पूजा के समय धनदा लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है. पूजा के बाद तुलसी की मंजरी को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख देना चाहिए. माना जाता है इस उपाय से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं.
आइए जानते हैं आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त (Shubh muhurat 31 january 2025), राहुकाल (Aaj Ka Rahu kaal), शुभ योग, ग्रह परिवर्तन, व्रत-त्योहार, तिथि आज का पंचांग (Panchang in Hindi).
आज का पंचांग, 31 जनवरी 2025 (Panchang 31 January 2025)
तिथि
द्वितीया (30 जनवरी 2025, शाम 4.10 - 31 जनवरी 2025, दोपहर 1.59)
पक्ष
शुक्ल
वार
शुक्रवार
नक्षत्र
शतभिषा
योग
वरीयान, रवि योग
राहुकाल
सुबह 11.13 - दोपहर 12.25
सूर्योदय
सुबह 7.10 - शाम 5.59
चंद्रोदय
सुबह 8.28 - रात 8.02
दिशा शूल
पश्चिम
चंद्र राशि
कुंभ
सूर्य राशि
मकर
शुभ मुहूर्त, 31 जनवरी 2025 (Shubh Muhurat 31 january 2025)
ब्रह्म मुहूर्त
सुबह 5.29 - सुबह 06.18
अभिजित मुहूर्त
दोपहर 12.13 - दोपहर 12.56
गोधूलि मुहूर्त
शाम 05.28 - शाम 05.55
विजय मुहूर्त
दोपहर 01.59 - दोपहर 02.44
अमृत काल मुहूर्त
रात 9.31 - रात 11.01
निशिता काल मुहूर्त
रात 12.07 - प्रात: 1.00, 1 फरवरी
31 जनवरी 2025 अशुभ मुहूर्त (Aaj Ka ashubh Muhurat)
यमगण्ड - दोहर 3.17 - शाम 4.38
विडाल योग - सुबह 7.10 - सुबह 4.14, 2 फरवरी
गुलिक काल - सुबह 8.31 - सुबह 9.52
पंचक - पूरे दिन
आज का उपाय
शुक्रवार के दिन चींटियों और गाय को आटा खिलाने से शुक्र देव की कृपा होती है. धन के साथ ऐश्वर्य भी बढ़ता है
Aaj Ka Rashifal: जनवरी महीने के आखिरी दिन इन राशियों का चमकेगा भाग्य, पढ़ें आज का राशिफल
31 Jan, 2025 07:24 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aaj Ka Rashifal 31 January 2025: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 31 जनवरी का दिन विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए बेहद फायदेमंद रहने वाला है. खासकर मिथुन, वृश्चिक और धनु राशियों के लिए यह दिन लाभकारी रहेगा. चंद्रमा का संचार कुंभ राशि में होने से गजकेसरी योग और शुक्र के साथ चंद्रमा का द्विद्वाश योग बन रहा है, जो कई राशियों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा. शतभिषा नक्षत्र की स्थिति में चंद्रमा, आपके सितारों को कैसा दिशा देगा, यह जानने के लिए पढ़ें आज का राशिफल.
मेष राशि
आज का दिन आपके लिए बहुत ही भाग्यशाली रहेगा. कारोबार में सफलता मिलने के साथ ही आपकी कमाई भी बढ़ेगी. किसी बड़े समझौते को फाइनल करने में सफलता मिल सकती है. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आप परिवार के साथ खुशियाँ मनाने के लिए किसी पार्टी का आयोजन कर सकते हैं. नौकरी में अधिकारियों से तालमेल रखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. विदेश में शिक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं तो सफलता मिलने की संभावना है.
वृषभ राशि
आज आपको कार्यक्षेत्र में बड़े बदलाव का सामना करना पड़ेगा. काम में प्रगति होगी और विदेश यात्रा भी हो सकती है. सरकारी नौकरी से जुड़े लोगों के लिए प्रमोशन या वेतन वृद्धि की खुशखबरी मिल सकती है. आपके पास बेहतर अवसर आ सकते हैं, लेकिन अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है. इस दिन का अंत आप दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में करेंगे.
मिथुन राशि
आज आप कोई नया लाभकारी अवसर प्राप्त कर सकते हैं. खासकर राजनीतिक क्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ेगा. आपके मन में नए कारोबार के विचार आएंगे, जो भविष्य में आपको फायदा दिला सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि उन्हें अपने शिक्षकों और वरिष्ठों से सहयोग मिलेगा. हालांकि, आपको अभी जोखिम वाले निवेश से बचने की सलाह दी जाती है.
कर्क राशि
आज आप किसी पुराने मित्र से मिल सकते हैं. कुछ अनकहे रिश्तों में भी सुधार हो सकता है. लंबे समय से अटके कार्यों को पूरा करने का समय है. नौकरी में भी सफलता मिल सकती है और आपको खोई हुई वस्तु मिलने का भी संकेत है. मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने का योग बन सकता है, जिससे घर में खुशी का माहौल रहेगा.
सिंह राशि
आज का दिन आपके लिए व्यस्त रहेगा. कार्यक्षेत्र, परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों में सामंजस्य बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी की मांग पूरी करने से सामंजस्य बनेगा. हालांकि, कार्यक्षेत्र में कुछ रुकावटें भी आ सकती हैं, इसलिए सतर्क रहकर काम करें. व्यवसाय में संयम और मधुर वाणी से आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए दिन मिश्रित रहेगा. काम का दबाव अधिक रहेगा, जिससे सिरदर्द महसूस हो सकता है. इस समय आपको विरोधियों से सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर बिजनेस में अगर आप किसी पर ज्यादा भरोसा करेंगे तो नुकसान हो सकता है. जरूरी कार्यों को खुद करें और दूसरों के भरोसे न छोड़ें.
तुला राशि
आज तुला राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा. कोर्ट कचहरी के मामलों में आपकी जीत हो सकती है और पैतृक संपत्ति से जुड़ा कोई मामला आपके पक्ष में हल हो सकता है. किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का सही समय है और व्यापार में भी आपको लाभ होने की संभावना है. हालांकि, शाम के समय किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करें.
वृश्चिक राशि
आज के दिन आपको अपने कामकाजी जीवन में सफलता मिल सकती है. अगर पारिवारिक विवाद चल रहे थे तो वे खत्म हो सकते हैं और पारिवारिक माहौल शांतिपूर्ण रहेगा. व्यापार में छोटे लाभ के मौके मिलते रहेंगे. नौकरी में आपको अपना काम समय पर पूरा करने के लिए टीमवर्क का सहारा लेना पड़ेगा.
धनु राशि
आज आप कार्यों में कुछ नया करने की योजना बना सकते हैं, जिससे भविष्य में बड़ा लाभ मिलेगा. आर्थिक मामलों में उलझन हो सकती है, लेकिन पारिवारिक जीवन में आपका प्रभाव बढ़ेगा. आपके घर के सदस्य आपकी बातों को सम्मान देंगे. इस समय आपको पारिवारिक निर्णय लेने में कोई परेशानी नहीं होगी.
मकर राशि
आज आप कई अटके काम निपटाने में सफल रहेंगे. अगर आपके बच्चों की शिक्षा से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण निर्णय है, तो जीवनसाथी से सलाह लें, ताकि सही निर्णय लिया जा सके. कई प्रकार के कामों के बोझ के बावजूद आप अपनी बुद्धि से समस्याओं को हल कर पाएंगे. किसी उलझे हुए काम को सुलझाने में सफलता मिल सकती है.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का दिन थोड़ा असमंजस भरा हो सकता है. स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए खानपान पर ध्यान दें. किसी भी निर्णय में जल्दबाजी न करें, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है. व्यवसाय में अच्छा लाभ मिलने का योग है, विशेषकर शाम के समय. बच्चों की शिक्षा में भी आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
मीन राशि
आज मीन राशि के लिए दिन बहुत शुभ है. आप अपनी बुद्धि से किसी कठिन समस्या का समाधान निकालने में सक्षम होंगे. कारोबार में भी सफलता मिलेगी और आप अपने व्यवहार से दूसरों को प्रभावित करेंगे. शाम के समय पूजा-पाठ या हवन का आयोजन करने का विचार बन सकता है, जिससे मानसिक शांति मिलेगी. माता-पिता से भी आपको लाभ मिल सकता है.
गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन, लक्ष्मी कृपा से होंगे धनवान!
31 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माघ गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन शुक्रवार को है. उस दिन माघ शुक्ल द्वितीया तिथि, शतभिषा नक्षत्र, वरीयान् योग, कौलव करण, पश्चिम का दिशाशूल और कुंभ राशि में चंद्रमा है. गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन 10 महाविद्यायों में से दूसरी महाविद्या तारा की पूजा की जाती है. देवी तारा की पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान और कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है. शत्रुओं के नाश के लिए भी देवी तारा की पूजा करते हैं. ये देवी स्फटिक की माला धारण करती हैं और सफेद कपड़े पहनती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, 10 महाविद्यायों की उत्पत्ति देवी सती से हुई है.
शुक्रवार के दिन व्रत और लक्ष्मी पूज करने से धन, संपत्ति, वैभव आदि में बढ़ोत्तरी होती है. शाम के समय प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान से करें. फिर उनको खीर, दूध से बनी सफेद मिठाई, बताशे आदि का भोग लगाएं. कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. आप पर माता लक्ष्मी की कृपा होगी. कुंडली के शुक्र दोष को दूर करने के लिए सफेद कपड़े पहनें. इत्र लगाएं. चांदी, मोती के आभूषण पहनें. शुक्र का शुभ रत्न हीरा और उपरत्न ओपल है. इसको पहनने से भी शुक्र मजबूत होता है. शुक्रवार को शुक्र के बीज मंत्र का जाप करें. शुक्र के मजबूत होने से आपके सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी. वैदिक पंचांग से जानते हैं आज का मुहूर्त, पंचक, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया समय आदि.
आज का पंचांग, 31 जनवरी 2025
आज की तिथि- द्वितीया – 01:59 पी एम तक, उसके बाद तृतीया
आज का नक्षत्र- शतभिषा – 04:14 ए एम, फरवरी 01 तक, फिर पूर्व भाद्रपद
आज का करण- कौलव – 01:59 पी एम तक, तैतिल – 12:49 ए एम, फरवरी 01 तक, उसके बाद गर
आज का योग- वरीयान् – 03:33 पी एम तक, फिर परिघ
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- कुंभ
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:10 ए एम
सूर्यास्त- 06:00 पी एम
चन्द्रोदय- 08:28 ए एम
चन्द्रास्त- 08:02 पी एम
माघ गुप्त नवरात्रि दूसरे दिन के शुभ मुहूर्त
रवि योग: कल, प्रात: 04:14 ए एम से 07:09 ए एम तक
ब्रह्म मुहूर्त: 05:24 ए एम से 06:17 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 12:13 पी एम से 12:56 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:23 पी एम से 03:06 पी एम
अमृत काल: 09:31 पी एम से 11:01 पी एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 07:10 ए एम से 08:31 ए एम
लाभ-उन्नति: 08:31 ए एम से 09:52 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 09:52 ए एम से 11:13 ए एम
शुभ-उत्तम: 12:35 पी एम से 01:56 पी एम
चर-सामान्य: 04:38 पी एम से 06:00 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 09:17 पी एम से 10:56 पी एम
शुभ-उत्तम: 12:34 ए एम से 02:13 ए एम, फरवरी 01
अमृत-सर्वोत्तम: 02:13 ए एम से 03:52 ए एम, फरवरी 01
चर-सामान्य: 03:52 ए एम से 05:31 ए एम, फरवरी 01
अशुभ समय
राहुकाल- 11:13 ए एम से 12:35 पी एम
गुलिक काल- 08:31 ए एम से 09:52 ए एम
यमगण्ड- 03:17 पी एम से 04:38 पी एम
दुर्मुहूर्त- 09:20 ए एम से 10:03 ए एम, 12:56 पी एम से 01:40 पी एम
पंचक- पूरे दिन
दिशाशूल- पश्चिम
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
गौरी के साथ – 01:59 पी एम तक, उसके बाद सभा में.
शिमला अपनी खूबसूरत वादियों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन के लिए भी मशहूर
31 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिमाचल प्रदेश का जिला शिमला अपनी खूबसूरत वादियों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन के लिए भी मशहूर है. शिमला में कई ऐसे धार्मिक स्थल है, जिनकी मान्यता देश-विदेश में है. इनमें कालीबाड़ी मंदिर, जाखू मंदिर, तारा देवी मंदिर, संकटमोचन मंदिर, हाटू माता मंदिर, हाटेशवरी माता मंदिर आदि शामिल है. इन धार्मिक स्थलों पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. धार्मिक स्थलों की कड़ी में जिला शिमला और सिरमौर जिले के बॉर्डर पर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जिसके जिक्र के दौरान मुगल काल का भी जिक्र आता है. शिरगुल देवता जिला शिमला, सिरमौर और सोलन सहित उत्तराखंड राज्य के कई लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है.
कैसे मुगल काल से जुड़ा संबंध
चूड़धार की ऊंची चोटी पर विराजमान शिरगुल देवता लाखों लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है. पुराने समय में लोग सिरमौर, शिमला आदि क्षेत्रों से राशन और अन्य सामग्रियां खरीदने के लिए दिल्ली जाया करते थे. स्थानीय भाषा में इस राशन और सामान को हाट कहा जाता था. ऐसे में इन क्षेत्र के लोगों का नाम हाटी पढ़ने लगा. शिरगुल देवता को पहला हाटी भी कहा जाता है. मुगल काल के दौरान शिरगुल देवता स्थानीय लोगों के साथ हाट लेने के लिए दिल्ली गए थे. इस दौरान एक व्यापारी के साथ हुई बहस के कारण सैनिकों ने उन्हें कोठरी में बंद कर दिया और कोठरी के ताले में चमड़ा लगा दिया.
चमड़े से कम होती हैं देव शक्तियां
बता दें कि देव मान्यताओं के अनुसार चमड़े से देवी देवताओं की शक्तियां कम पड़ जाती है. ऐसे में शिरगुल देवता की शक्तियों को कम करने के लिए उनकी कोठरी के ताले में चमड़ा लगाया गया, जिससे उनकी शक्तियां कम हो गई. उनकी खोज में जब उनके मित्र गूगा महाराज दिल्ली पहुंचे, तो एक झाड़ू लगाने वाली की मदद से उन्होंने कोठरी को ढूंढ निकाला. इसके बाद उन्होंने अपने दांत से चमड़े को काट कर शिरगुल देवता को आजाद करवाया. इसी घटना के कारण चूड़धार और शिरगुल देवता का कनेक्शन मुगल काल से जोड़ा जाता है.
विष्णु पत्नी मां सरस्वती ने देवी लक्ष्मी और गंगा जी को दिया था श्राप
31 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म शास्त्रों में दो सरस्वती देवी का वर्णन मिलता है, जिसके अनुसार एक सरस्वती संसार के रचयिता ब्रह्मा जी की पत्नी व पुत्री हैं और दूसरी विष्णु पत्नी सरस्वती हैं. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एक बार विष्णु पत्नी मां सरस्वती ने देवी लक्ष्मी और गंगा जी को श्राप दे दिया था. लेकिन क्यों आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं क्या है इसके पीछे कि पौराणिक कथा.
दरअसल, ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि, मां सरस्वती, माता लक्ष्मी और गंगा जी तिनों ही भगवान विष्णु की पत्नियां थी और तीनों ही पत्नियां हर पल नारायण को प्रसन्न करने के प्रयास में रहती थीं. ऐसे ही एक बार मां गंगा ने नारायण के प्रति अपना लगाव जाहिर किया, जिससे देख सरस्वती जी को अच्छा नहीं लगा और उनके मन में गंगा जी के प्रति ईर्ष्या का भाव आ गया. इसके बाद मां सरस्वती भगवान विष्णु पर क्रोधित हो उठी और उनसे कहने लगीं.
देवी सरस्वती ने विष्णु जी को सुनाई खरी-खोटी
देवी सरस्वती ने भगवान विष्णु को तीनों पत्नियों के प्रति समान प्रेम के सिद्धांत की अनदेखी कर गंगा के प्रति लगाव को लेकर कई बातें सुनाई, इसके साथ ही उन्होंने मां गंगा को भी कई प्रकार के अपशब्द कहे. देवी सरस्वती इतनी क्रोधित थीं कि मां लक्ष्मी के रोकने पर भी वे नहीं रुकीं और इसी तरह तीनों पत्नियों के बीच क्लेश से परेशान होकर विष्णु जी कुछ समय के लिए बैकुंठ से चले गए. विष्णु जी के चले जाने के बाद भी देवी सरस्वती काफी दुखी हुईं.
देवी सरस्वती ने मां गंगा पर किया प्रहार
नारायण के इस तरह बैकुंठ छोड़कर चले जाने का दोष मां सरस्वती ने गंगा जी को देते हुए क्रोध में उनपर प्रहार करना चाहा, लेकिन मां लक्ष्मी उनके बचाव में दोनों के बीच आ गईं और यही सब देखकर मां सरस्वती ने लक्ष्मी जी को मां गंगा की सहायिका समझकर उन्हें भी अपमानित किया और उन्हें वृक्ष बनने का श्राप दे दिया, जिसके कारण वे पृथ्वी पर तुलसी के पौधे में रुप में अवतरित हुईं.
लेकिन यही सब देखकर मां गंगा ने भी क्रोध में आकर देवी सरस्वती को नदी बनकर भूतल पर प्रवाहित होने का श्राप दे दिया. इसके पलटवार में देवी सरस्वती ने भी गंगा को श्राप दिया कि पृथ्वी पह नदी बनकर बहने व मनुष्यों की अस्थियां ढोने का श्राप दे दिया. इसके बाद श्रीविष्णु वहां पहुंचे और उन्हें तीनों देवियों के श्राप के बारे में जानकारी प्राप्त हुई.
विष्णु जी ने दिया मां लक्ष्मी को वरदान
साथ ही लक्ष्मी को पौधे व नदीं के रुप में पृथ्वी पर जन्म लेने के कारण उन्हें बहुत दुख हुआ. जिसके बदले उन्होंने देवी लक्ष्मी के स्वभाव व पूरे प्रकरण के दौरान उनकी सूझ-बूझ को देखते हुए उन्हें पूर्ण रुप से बैकुंठ में रहने का वरदान दिया और इसलिए देवी लक्ष्मी का स्थान सदैव विष्णु जी के पास होता है.
अमृत योग में करें मां शारदा की पूजा
31 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में तिथि और शुभ मुहूर्त का बेहद खास महत्व है. बिना तिथि या शुभ मुहूर्त देखे कोई भी मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ या हवन इत्यादि करवाना फलदायी नहीं होता है. इसका प्रभाव नकारात्मक भी पड़ सकता है. कुछ दिनों में बसंत पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जाएगा. इस दिन माता सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है. माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अगर शुभ मुहूर्त में की जाए तो विद्या की देवी प्रसन्न होती हैं. जीवन में सकारात्मक असर पड़ता है. घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. आइये देवघर में स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित सह ज्योतिषाचार्य प्रमोद श्रृंगारी से सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त जानते हैं.
3 फरवरी को सरस्वती पूजा
हर साल बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल सरस्वती पूजा की तिथि को लेकर थोड़ी सी असमंजस की स्थिति है. सनातन धर्म में जिसका उदय उसी का अस्त माना गया है. पंचमी तिथि का उदय 3 फरवरी को होने वाला है. उदया तिथि के अनुसार सरस्वती पूजा भी 3 फरवरी को ही मनायी जाएगी. इस दिन सोमवार रेवती नक्षत्र साध्य योग और शुभ योग का निर्माण हो रहा है. जो अति शुभ माना जाता है. इसके साथ ही अमृत योग भी बनने जा रहा है.
जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित ने बताया कि पंचमी तिथि को रेवती नक्षत्र पड़े और दिन सोमवार हो जाए तो इससे अमृत योग बनता है. 3 फरवरी को सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 51मिनट तक अमृत योग रहने वाला है. इस मुहूर्त में पूजा सबसे शुभ रहने वाली है. इस दिन दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 02मिनट तक अभिजीत मुहूर्त भी रहने वाला है. इस मुहूर्त में भी पूजा आराधना कर सकते हैं. इन दोनों में अमृत योग का मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है.
आज का राशिफल 31 जनवरी 2025
31 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष तथा मनोबल उत्साह वर्धक होगा, उत्साह बना रहेगा।
वृष राशि :- स्वभाव में खिन्नता होने से हीन भावना से बचियेगा, अन्यथा कार्य मंद अवश्य होगा।
मिथुन राशि :- अशांति, विनम्रता से बचियेगा तथा झगड़ा होने की संभावना बनेगा।
कर्क राशि :- स्त्री वर्ग से भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
सिंह राशि :- आलोचनाओं से बचिये, कार्य-कुशलता से संतोष होवेगा, कार्य व्यवसाय पर ध्यान दें।
कन्या राशि :- धीमी गति से सुधार अपेक्षित है, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होवेगी।
तुला राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, गुप्त शत्रुओं से चिन्ता तथा कुटुम्ब समाचार बनेगी।
वृश्चिक राशि :- योजना फलीभूत हो, इष्ट मित्र सुखवर्धक हों तथा कार्य अवरोध अवश्य होगा।
धनु राशि :- कुटुम्ब की समस्या कष्टप्रद हो तथा व्यर्थ धन का व्यय अवश्य होगा।
मकर राशि :- कुटुम्ब में सुख, मान-प्रतिष्ठा, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप अवश्य होगा।
कुंभ राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल, दैनिक गति मंद तथा बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मीन राशि :- कार्य-व्यवसाय में अनुकूलता बनेगी, समृद्धि के साधन अवश्य ही जुटायें।
फरवरी माह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
30 Jan, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में फरवरी का महीना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस महीने में फाल्गुन मास की शुरुआत होती है, और कई प्रमुख व्रत-त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इस महीने का हर पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है। श्रद्धालु इन दिनों व्रत और पूजा करके अपने जीवन को शुभ और सकारात्मक बना सकते हैं।
यहां फरवरी 2025 के व्रत और त्योहारों की सूची इस प्रकार है।
व्रत-त्योहारों की सूची
1 फरवरी: विनायक चतुर्थी और गणेश जयंती
2 फरवरी: वसंत पंचमी (मां सरस्वती की पूजा-अर्चना का दिन)
3 फरवरी: स्कंद षष्ठी
4 फरवरी: नर्मदा जयंती और रथ सप्तमी
5 फरवरी: मासिक दुर्गाष्टमी
8 फरवरी: जया एकादशी (भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा)
9 फरवरी: प्रदोष व्रत (शिव और पार्वती की उपासना)
12 फरवरी: माघ पूर्णिमा (स्नान-दान का विशेष महत्व) , कुंभ संक्रांति और गुरु रविदास जयंती
13 फरवरी: फाल्गुन मास का आरंभ और ललिता जयंती
16 फरवरी: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (गणपति पूजा)
18 फरवरी: यशोदा जयंती
20 फरवरी: शबरी जयंती और कालाष्टमी
21 फरवरी: जानकी जयंती
24 फरवरी: जया एकादशी (फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष)
25 फरवरी: प्रदोष व्रत
26 फरवरी: महाशिवरात्रि (भगवान शिव की आराधना का पवित्र पर्व देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा)
27 फरवरी: फाल्गुन अमावस्या
ग्रह परिवर्तन
4 फरवरी: बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में मार्गी होंगे।
11 फरवरी: बुध ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
12 फरवरी: सूर्य ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की होती है पूजा
30 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में बसंत पंचमी उत्सव काफी धूमधाम और माता सरस्वती जयंती के रुप में मनाया जाता है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इसी दिन बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। पंचांग के अनुसार, इस साल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरु होगी जो कि 3 फरवरी को 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। वहीं, देश के कुछ हिस्सों में 2 फरवरी को तो कुछ हिस्सों में 3 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाती है। आइए आपको पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उस पर मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा रखें। इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती की पूजा करनें। मिष्ठान का भोग लगाकर आरती करें।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें
बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने और खिचड़ी बनाने और वितरित करने का प्रचलन है। इस शुभ दिन पर मंगल कार्य शुरु हो जाते हैं। बंसत पंचमी को स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी माना गया है। इस दिन गृह प्रवेश, वाहन, मकान खरीदना, व्यापार या नया रोजगार आरंभ करना, सगाई और विवाह के शुभ कार्य किए जाते हैं।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने होता है वैभव लक्ष्मी का व्रत
30 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत भी किया जाता है। इस व्रत को करने वाले जातक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जातकों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। वहीं आर्थिक तंगी से निजात पाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह दी जाती है।
ऐसे में जातक श्रद्धा-भाव से हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इसलिए अगर आप भी धन की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो आप हर शुक्रवार के दिन भक्ति-भाव से मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। वहीं मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उनके विभिन्न नामों का जप भी करना चाहिए।
शनि के राशि परिवर्तन से इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
30 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्याय के देवता शनि देव 29 मार्च 2025 को राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव 29 मार्च 2025 को अपनी स्वराशि कुंभ से निकालकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष के अनुसार, शनि देव ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। इस साल 2025 में शनि अस्त होने जा रहे हैं। शनि ग्रह 28 फरवरी 2025 में अस्त होने जा रहे हैं। जिसका असर कई राशियों पर देखने को मिलेगा। बता दें कि, शनि 28 फरवरी 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक अस्त रहेंगे। जिस कारण से इन राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, जिन लोगों पर शनि का साढ़ेसाती और ढैया चल रही हैं उन राशियों पर इसके प्रभाव मिले-जुले रहेंगे। आइए जानते हैं किन राशियों पर प्रभाव पड़ने वाला है।
मीन राशि
शनि देव मीन राशि में आने से पहले ही अस्त हो रहे हैं, जिस कारण से मीन राशि पर प्रभाव देखने को मिलेगा। बता दें कि, मीन राशि वालों के लिए भगवान शिव की अराधना करना चाहिए। इसके अलावा, मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण जल्द शुरु होगा। मीन राशि के जातकों को आर्थिक लाभ होगा। कुछ नेगेटिव इफेक्ट आपकी नौकरी पर पड़ सकता है। आप इनकम पर ध्यान दें।
सिंह राशि
शनि का अस्त होना सिंह राशि पर प्रभाव देखने को मिलेगा। सिंह राशि पर शनि की ढैया 29 मार्च से शुरु हो रही है। इस राशि के जातकों शनि के अस्त होने पर नौकरी में तनाव का सामना करना पड़ सकता है। लव लाइफ बेहतर रहेगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों पर भी शनि का अस्त होने से प्रभाव देखने को मिलेगा। शनि की साढेसाती होने के कारण इस राशि के लोगों को तनाव झेलना होगा। कुंभ राशि वाले शनि को प्रसन्न करने के लिए किसी गरीब की मदद जरुर करें। जितना संभव हो सके तो झूठ ना बोलें और खूब मेहनत करें। शनि के अस्त होने से आय बढ़ सकती है। इसलिए निवेश के लिए अपना बजट बढ़ा सकते हैं।
गायत्री मंत्र का करें पाठ
30 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गायत्री मंत्र का उच्चाेरण करने से व्येक्ति के जीवन में खुशियों का संचार होता है। इस मंत्र का जाप करने से शरीर निरोग बनता है और इंसान को यश, प्रसिद्धि और धन की प्राप्ति भी होती है। हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र को विशेष मान्यता प्राप्त है। कई शोधों द्वारा यह भी प्रमाणित किया गया है कि गायत्री मंत्र के जाप से कई फायदे भी होते हैं जैसे : मानसिक शांति, चेहरे पर चमक, खुशी की प्राप्ति, चेहरे में चमक, इन्द्रियां बेहतर होती हैं, गुस्सा कम आता है और बुद्धि तेज होती है।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
गायत्री मंत्र का अर्थ
भगवान सूर्य की स्तुति में गाए जाने वाले इस मंत्र का अर्थ निम्न है... उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे1
मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या
गायत्री मंत्र के पहले नौ शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं...
ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण्यं = सबसे उत्तम
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी,
प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
कब करें गायत्री मंत्र का जाप
यूं तो इस बेहद सरल मंत्र को कभी भी पढ़ा जा सकता है लेकिन शास्त्रों के अनुसार इसका दिन में तीन बार जप करना चाहिए।
प्रात:काल सूर्योदय से पहले और सूर्योदय के पश्चात तक।
फिर दोबारा दोपहर को।
फिर शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले जप शुरू करना चाहिए।
गायत्री मंत्र के फायदे
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
30 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष तथा मनोबल उत्साह वर्धक होगा, उत्साह बना रहेगा।
वृष राशि :- स्वभाव में खिन्नता होने से हीन भावना से बचियेगा, अन्यथा कार्य मंद अवश्य होगा।
मिथुन राशि :- अशांति, विनम्रता से बचियेगा तथा झगड़ा होने की संभावना बनेगा।
कर्क राशि :- स्त्री वर्ग से भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
सिंह राशि :- आलोचनाओं से बचिये, कार्य-कुशलता से संतोष होवेगा, कार्य व्यवसाय पर ध्यान दें।
कन्या राशि :- धीमी गति से सुधार अपेक्षित है, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होवेगी।
तुला राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, गुप्त शत्रुओं से चिन्ता तथा कुटुम्ब समाचार बनेगी।
वृश्चिक राशि :- योजना फलीभूत हो, इष्ट मित्र सुखवर्धक हों तथा कार्य अवरोध अवश्य होगा।
धनु राशि :- कुटुम्ब की समस्या कष्टप्रद हो तथा व्यर्थ धन का व्यय अवश्य होगा।
मकर राशि :- कुटुम्ब में सुख, मान-प्रतिष्ठा, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप अवश्य होगा।
कुंभ राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल, दैनिक गति मंद तथा बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मीन राशि :- कार्य-व्यवसाय में अनुकूलता बनेगी, समृद्धि के साधन अवश्य ही जुटायें।