धर्म एवं ज्योतिष
कलयुग में कब खत्म हो जाएगा पृथ्वी पर मां गंगा का अस्तित्व? पुराणों में है इसका जिक्र
26 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा प्राप्त है. यह बहुत ही पूजनीय और पवित्र नदी मानी गई है. श्रीमद् भागवत पुराण में गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण की कथा मिलती है. भागीरथ ऋषि अपनी कठिन तपस्या के बल पर गंगा नदी को पृथ्वी पर लेकर आये.गंगोत्री ग्लेशियर से यानी गोमुख से पिघलाकर निकलने वाली गंगा नदी धीरे-धीरे अब लुप्त हो रही है वैज्ञानिक दृष्टि से भी गंगा नदी का जल स्तर अब कम होता जा रहा है. तय समय के अनुसार सरस्वती और पद्मा नदी धरती से अपना अस्तित्व समाप्त कर स्वर्ग की ओर जा चुकी है.
पृथ्वी पर कैसे आयी गंगा : धरती पर मां गंगा की आगमन की कहानी में बताया जाता है कि राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए हिमालय पर कठोर तपस्या की. ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर राजा भगीरथ को गंगा जी की धारा का मंडल से दे दी क्योंकि गंगा जी बहुत अधिक गहरी थी जिस वजह से उन्हें भगवान भोलेनाथ ने अपनी सर पर जटाओं में धारण किया तत्पश्चात उन्हें धरती पर भेजा.
भागवत पुराण में गंगा के बापस जाने का जिक्र : श्रीमद् भागवत पुराण में गंगा माता को स्वर्ग में वापस जाने का जिक्र मिलता है इस ग्रंथ में भगवान विष्णु ने नारद जी को बताया है कि कलयुग में 5000 साल बीतने के पश्चात जब धरती पर पाप का बोझ बहुत अधिक बढ़ जाएगा और धर्म के हानि होने लगेगी. लोगों की मन में लोग लालच वासना छल छिद्र कपट का वास होगा. गंगा स्नान से तब उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा. ऐसी स्थिति में मां गंगा पूर्ण है स्वर्ग लोक को लौट जाएंगी.
श्रीमद्देवीभागवत के मुताबिक, गंगा नदी एक बार स्वर्ग वापस लौट सकती है. इसके लिए एक कथा बताई गई है : एक बार गंगा और सरस्वती के बीच विवाद हो गया. बीच बचाव के लिए लक्ष्मी आईं, लेकिन सरस्वती ने उन्हें वृक्ष और नदी के रूप में पृथ्वी पर पापियों का पाप स्वीकार करने का श्राप दे दिया.
इसके बाद गंगा और सरस्वती ने एक-दूसरे को नदी रूप में पृथ्वी पर रहने का श्राप दे दिया. भगवान विष्णु ने कहा कि जब कलयुग के 5,000 साल पूरे हो जाएंगे, तब तीनों देवियां वापस अपने-अपने स्थान पर लौट जाएंगी.
गंगा नदी से जुड़ी कुछ और बातें: पौराणिक कथा के मुताबिक, गंगा नदी करीब 14 हज़ार साल पहले पृथ्वी पर आई थीं. राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा नदी पृथ्वी पर आई थीं. भगवान शिव ने गंगा को धरती पर उतारने के लिए अपनी जटाओं में उतारा था. गंगा नदी की जलापूर्ति करने वाले हिमनद की 2030 तक खत्म होने की आशंका है.
गंगा से पहले भारत में बहती थी ये नदी : शोध के अनुसार गंगा नदी से पहले सरस्वती नदी का अस्तित्व था. वैदिक सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी. ऋग्वेद में सरस्वती नदी का उल्लेख मिलता है और इसकी महत्ता को दर्शाया गया है. महाभारत में भी सरस्वती का उल्लेख है और कहा गया है कि यह गायब हो गई नदी है, जिस स्थान पर यह नदी गायब हुई, उस स्थान को विनाशना नाम दिया गया है. इसी नदी के किनारे ब्रह्मावर्त था, कुरुक्षेत्र था, लेकिन आज वहां जलाशय है. जानकारों के अनुसार प्राचीन समय में सतलुज और यमुना, सरस्वती नदी में आकर ही मिलती थी. माना जाता है कि प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है इसीलिए उसे त्रिवेणी संगम कहते हैं.
सरस्ववती नदी का उद्गम स्थल : वैदिक धर्मग्रंथों के अनुसार धरती पर नदियों की कहानी सरस्वती से शुरू होती है। सरिताओं में श्रेष्ठ सरस्वती सर्वप्रथम पुष्कर में ब्रह्म सरोवर से प्रकट हुई. कहते हैं कि प्राचीन काल में हिमालय से जन्म लेने वाली यह विशाल नदी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के रास्ते आज के पाकिस्तानी सिन्ध प्रदेश तक जाकर सिन्धु सागर (अरब की खड़ी) में जाती थी.
बच्चे का पढ़ने में नहीं लगा रहा मन, इस उपाय से तेज होगी बुद्धि, बसंत पंचमी पर आजमा कर देखें
26 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी माना जाता है. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है. शिक्षा और करियर में सफलता के लिए भी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. साथ ही छोटे बच्चों के शिक्षा का प्रारम्भ भी बसंत पंचमी के दिन ही होता है. वहीं, कई ऐसे छात्र हैं, जिनका पढ़ाई में मन कम या बिल्कुल नहीं लगता है. वहीं, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सफलता नहीं मिल रही है, तो ऐसे विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के दिन एक उपाय जरूर करना चाहिए.
हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल 3 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जाएगा. बसंत पंचमी का दिन विशेषकर छात्रों के लिए सबसे खास दिन होता है. उस दिन व्रत रखकर अगर छात्र ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा आराधना करें तो उनके जीवन में सुख-समृद्धि और विद्या की वृद्धि होती है.
बसंत पंचमी के दिन करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य ने आगे बताया, जिस छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता या किन्हीं कारणों से रिजल्ट नहीं आ पा रहा है, वैसे छात्रों को बसंत पंचमी के दिन विशेष उपाय करना चाहिए. तीर्थपुरोहित के अनुसार, एक श्लोक है “या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना” अर्थात बसंत पंचमी के दिन स्वच्छ सफेद वस्त्र पहनकर माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. साथ ही उस दिन छात्र सफेद पुष्प का अर्पण करें और सफेद चीजों का भोग लगाएं. ऐसा करने से माता सरस्वती प्रसन्न होंगी और छात्रों की मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी.
बसंत पंचमी के दिन इन मंत्र का जाप
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन छात्र को माता सरस्वती के ‘सिद्ध स्तोत्र’ का जाप 108 बार करना चाहिए. इससे लाभ मिलेगा और छात्रों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा एकादशी पारण, सूर्य अर्घ्य से चमकेगा भाग्य, जानें मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल
26 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
षट्तिला एकादशी व्रत का पारण रविवार को है. एकादशी पारण वाले दिन माघ कृष्ण द्वादशी तिथि, ज्येष्ठा नक्षत्र, व्याघात योग, कौलव करण, पश्चिम का दिशाशूल और वृश्चिक राशि का चंद्रमा है. जो लोग षट्तिला एकादशी का व्रत हैं, वे पारण सुबह 7:12 बजे से सुबह 9:21 बजे के बीच कभी भी कर सकते हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 08:26 बजे से है. रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से कुंडली का सूर्य दोष दूर होता है. इसके लिए आप रविवार को प्रात:काल में स्नान के बाद अर्घ्य दें. तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डाल दें, फिर जल अर्पित करें. इस दौरान सूर्य मंत्र का उच्चारण करें.
रविवार के दिन भगवान भास्कर को प्रसन्न करने के लिए लाल या नारंगी रंग का कपड़ा पहनें. लाल चंदन या केसर का तिलक करें. आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य चालीसा का पाठ करें. यदि रविवार का व्रत रखते हैं तो नमक का सेवन न करें और पूजा के समय रविवार व्रत कथा सुनें. रविवार को गुड़, घी, लाल रंग के कपड़े, लाल रंग के फल या फूल, सोना, तांबा आदि का दान करें. इससे भी सूर्य ग्रह मजबूत होता है. सूर्य के शुभ प्रभाव से भाग्य चमकता है. उच्च पद प्राप्त होता है. पिता का सहयोग मिलता है. वैदिक पंचांग से जानें रविवार के शुभ मुहूर्त, चौघड़िया समय, राहुकाल, दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय आदि.
आज का पंचांग, 26 जनवरी 2025
आज की तिथि- द्वादशी – 08:54 पी एम तक, फिर त्रयोदशी
आज का नक्षत्र- ज्येष्ठा – 08:26 ए एम तक, उसके बाद मूल
आज का करण- कौलव – 08:48 ए एम तक, तैतिल – 08:54 पी एम तक, फिर गर
आज का योग- व्याघात – 03:34 ए एम, जनवरी 27 तक, उसके बाद हर्षण
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- रविवार
चंद्र राशि- वृश्चिक – 08:26 ए एम तक, फिर धनु
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:12 ए एम
सूर्यास्त- 05:55 पी एम
चन्द्रोदय- 05:29 ए एम, जनवरी 27
चन्द्रास्त- 02:37 पी एम
आज के शुभ मुहूर्त और योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: 08:26 ए एम से 07:12 ए एम, जनवरी 27
ब्रह्म मुहूर्त: 05:26 ए एम से 06:19 ए एम
अमृत काल: 11:09 पी एम से 12:50 ए एम, जनवरी 26
अभिजीत मुहूर्त: 12:12 पी एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:21 पी एम से 03:04 पी एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 08:33 ए एम से 09:53 ए एम
लाभ-उन्नति: 09:53 ए एम से 11:13 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 11:13 ए एम से 12:34 पी एम
शुभ-उत्तम: 01:54 पी एम से 03:15 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 05:55 पी एम से 07:35 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 07:35 पी एम से 09:15 पी एम
चर-सामान्य: 09:15 पी एम से 10:54 पी एम
लाभ-उन्नति: 02:13 ए एम से 03:53 ए एम, जनवरी 27
शुभ-उत्तम: 05:32 ए एम से 07:12 ए एम, जनवरी 27
अशुभ समय
राहुकाल- 04:35 पी एम से 05:55 पी एम
गुलिक काल- 03:15 पी एम से 04:35 पी एम
यमगण्ड- 12:34 पी एम से 01:54 पी एम
दुर्मुहूर्त- 04:30 पी एम से 05:13 पी एम
दिशाशूल- पश्चिम
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
नन्दी पर – 08:54 पी एम तक, उसके बाद भोजन में.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
26 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान प्रतिष्ठा बालबाल बचेगी, कार्य व्यवसाय गति उत्तम, स्त्री वर्ग से क्लेश होगा।
वृष राशि :- धन प्राप्ति के योग बनेगे। नवीन मैत्री मंचन प्राप्त होवेगी, ध्यान अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र वर्ग सहायक रहेंगे, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि हो तथा कार्य बनेगे।
कर्क राशि :- सामाजिक कार्य प्रतिष्ठा अनुकूल, कार्य कुशलता संतोष जनक रहे, कार्य बनेंगे।
सिंह राशि :- परिश्रम से समय पर सोचे कार्य पूर्ण होगे तथा व्यवसाय गति उत्तम होगी।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहें। कार्यकुशलता से संतोष होगा कार्य बनेगे।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसाय गति उत्तम तथा व्यवसायिक चिन्ताऐं कम अवश्य होगी।
वृश्चिक राशि :- कोई शुभ समाचार हर्षप्रद रखेगा, अनावश्यक कष्ट, बचकर चलने से लाभ होगा।
धनु राशि :- स्थिति अनियंत्रित रहेगी, कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त होगा तथा कष्ट से बचे।
मकर राशि :- मानसिक खिन्नता एवं स्वभाव में मानसिक उद्विद्यनता बनी रहेगी ध्यान रखे।
कुंभ राशि :- योजनाऐं फलीभूत होंगी। विघटनकारी तत्व आप को परेशान अवश्य करेगे।
मीन राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार होवेगा, असमंजस तथा सफलता न्यायिक कार्य अवोध होगा।
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर स्नान और पूजा करते हैं।
24 Jan, 2025 01:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाकुंभ स्नान पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें दुनिया भर से श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इस पर्व की शुरुआत मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के साथ होती है। महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रहेगा, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण स्नान तिथियों को विशेष धार्मिक महत्व दिया गया है। इन तिथियों पर किए गए स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे पाप कर्मों के नाश का साधन भी माना जाता है।
महाकुंभ के दौरान अगला बड़ा स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के अवसर पर होगा। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि मौनी अमावस्या और कुंभ का संयोग इसे अत्यंत पवित्र बनाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन संगम पर अमृत स्नान करने से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या पर स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से शुरू होकर 6:19 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। अगर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान या दान संभव न हो, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक भी यह किया जा सकता है। यह स्नान व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति कराने में सहायक होता है।
अमृत स्नान
महाकुंभ के दौरान स्नान तिथियां ज्योतिषीय गणनाओं और ग्रहों की विशेष स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। मौनी अमावस्या के बाद, 3 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान आयोजित किए जाएंगे। इन दिनों को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है, और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इन तिथियों पर कुंभ मेले में सम्मिलित होते हैं।
महाकुंभ 2025
महाकुंभ का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय परंपराओं, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्वितीय उत्सव भी है। इस दौरान श्रद्धालु संगम पर स्नान कर, पूजा-अर्चना कर और विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में भाग लेकर आत्मिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं। कुंभ का यह पवित्र पर्व न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का भी अवसर प्रदान करता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में शुक्रवार व्रत, लक्ष्मी कृपा से बढ़ेगा धन, जानें मुहूर्त, भद्रा समय, राहुकाल,
24 Jan, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शुक्रवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है. इस दिन माघ कृष्ण दशमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र, वृद्धि योग, विष्टि करण, पश्चिम का दिशाशूल और वृश्चिक राशि का चंद्रमा है. शुक्रवार का व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में है. इस योग में किए गए शुभ कार्य करने से वह सफल सिद्ध होता है. इस दिन स्वर्ग की भद्रा भी है. लेकिन इसका दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होगा. शुक्रवार के दिन व्रत रखकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. शाम को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर, लाल गुलाब, कमल, अक्षत्, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करके पूजन करें. फिर माता लक्ष्मी को खीर, बताशे, दूध से बनी सफेद मिठाई आदि का भोग लगाए. श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. लक्ष्मी कृपा से आपके धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होगी.
यदि आपकी कुंडली में शुक्र दोष है तो आपको शुक्रवार व्रत के साथ शुक्र के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए. शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े पहनें और इत्र लगाएं. इस उपाय से आपका शुक्र मजबूत होगा. इसके अलावा शुक्रवार के दिन मोती, चीनी, दूध, चावल, सफेद कपड़े आदि का दान करना भी लाभकारी होता है. शुक्र के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख और सुविधाएं बढ़ती हैं. शुक्र का शुभ रत्न हीरा है, लेकिन यह सभी नहीं पहन सकते हैं. आप ओपल पहन सकते हैं. दैनिक पंचांग से जानते हैं शुक्रवार के मुहूर्त, राहुकाल, भद्रा, दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, चौघड़िया समय आदि.
आज का पंचांग, 24 जनवरी 2025
आज की तिथि- दशमी – 07:25 पी एम तक, उसके बाद एकादशी
आज का नक्षत्र- अनुराधा – 07:07 ए एम, जनवरी 25 तक, फिर ज्येष्ठा
आज का करण- विष्टि – 07:25 पी एम तक, उसके बाद बव – पूर्ण रात्रि तक
आज का योग- वृद्धि – 05:09 ए एम, जनवरी 25 तक, फिर ध्रुव
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- वृश्चिक
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:13 ए एम
सूर्यास्त- 05:54 पी एम
चन्द्रोदय- 03:33 ए एम, जनवरी 25
चन्द्रास्त- 01:00 पी एम
आज के शुभ मुहूर्त और योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: 07:13 ए एम से 07:07 ए एम, जनवरी 25
ब्रह्म मुहूर्त: 05:26 ए एम से 06:20 ए एम
अमृत काल: 07:52 पी एम से 09:36 पी एम
अभिजीत मुहूर्त: 12:12 पी एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:20 पी एम से 03:03 पी एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 07:13 ए एम से 08:33 ए एम
लाभ-उन्नति: 08:33 ए एम से 09:53 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 09:53 ए एम से 11:13 ए एम
शुभ-उत्तम: 12:33 पी एम से 01:53 पी एम
चर-सामान्य: 04:34 पी एम से 05:54 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 09:13 पी एम से 10:53 पी एम
शुभ-उत्तम: 12:33 ए एम से 02:13 ए एम, जनवरी 25
अमृत-सर्वोत्तम: 02:13 ए एम से 03:53 ए एम, जनवरी 25
चर-सामान्य: 03:53 ए एम से 05:33 ए एम, जनवरी 25
अशुभ समय
राहुकाल- 11:13 ए एम से 12:33 पी एम
गुलिक काल- 08:33 ए एम से 09:53 ए एम
यमगण्ड- 03:14 पी एम से 04:34 पी एम
दुर्मुहूर्त- 09:21 ए एम से 10:04 ए एम, 12:55 पी एम से 01:37 पी एम
भद्रा- 07:13 ए एम से 07:25 पी एम
भद्रा का वास- स्वर्ग में
दिशाशूल- पश्चिम
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
क्रीड़ा में – 07:25 पी एम तक, फिर कैलाश पर.
साल 2025 में इतने दिन बजेगी शहनाई, इस महीने में है सबसे अधिक लग्न
24 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मकर संक्रांति के साथ ही मलमास का अंत हो गया है और इस अवसर पर शादियों का सिलसिला एक बार फिर से प्रारंभ हो गया है. भारतीय संस्कृति में इस समय के विवाह के लिए शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य पंडित अमरनाथ द्विवेदी के अनुसार, सूर्य देव के मकर राशि में गोचर के साथ ही विवाह के लिए उपयुक्त समय की शुरुआत हुई है. इस वर्ष कुल 77 शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें शादी के लिए विभिन्न तिथियों का चयन किया जा सकता है. हालांकि जनवरी के कुछ शुभ मुहूर्त निकल चुकें हैं.
लोग अब अपने अनुकूल तिथियों का चयन कर रहे हैं और शादी की तैयारियों में जुट गए हैं. आयोजन स्थलों की बुकिंग, बैंड, आतिशबाजी और इवेंट मैनेजर्स की मांग भी बढ़ गई है. खासकर जनवरी से दिसंबर तक निर्धारित शुभ मुहूर्तों की सूची के तहत लोग अपनी शादियों की योजना बना रहे हैं.
यहां चेक कर लीजिए शादियों का शुभ मुहूर्त
किसी भी मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त बेहद जरूरी है. शादी की तमाम रश्म शुभ मुहूर्त में ही होता है. ऐसे में इस साल 77 शुभ महूर्त हैं. जिसमें जनवरी में 23, 24, 26, और 27 जनवरी है. वहीं फरवरी में शुभ मुहूर्त के रूप में 3, 6, 7, 13, 14, 15, 16, 20, 21, 22, 23, और 25 तारीखें हैं. मार्च में विवाह के लिए 1, 2, 5, 6, 7, 11, और 12 तारीखें शुभ मानी गई है. वहीं अप्रैल में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 25, और 30 तारीखें विवाह के लिए उपयुक्त है. मई में भी शादियों के लिए कई अच्छे मुहूर्त हैं, जिसमें 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 13, 14, 16, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 शामिल है. जबिक जून में भी 1, 2, 4, 5, 8, और 9 तारीखों को विवाह के लिए शुभ माना गया है.
2 या 3 फरवरी, कब है वसंत पंचमी? लोगों में बनी असमंजस की स्थिति!
24 Jan, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में हर पर्व का विशेष महत्व होता है. विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को की जाती है. इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं. इस दिन मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा की जाती है. कहते हैं कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. यह त्योहार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी की तिथि को लेकर लोगों के मन में थोड़ी कंफ्यूजन है .कोई 2 फरवरी को बसंत पंचमी बता रहा है बसंत पंचमी? और क्या है मां सरस्वती के पूजा का शुभ मुहूर्त..
कि हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9:14 से हो रही है जिसका समापन 3 फरवरी को सुबह 6:52 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन मां सरस्वती के साथ भगवान गणेश, मां लक्ष्मी,नवग्रह की पूजा का विधान है. इसके साथ ही बसंत पंचमी के दिन रेवती नक्षत्र अथवा सिद्धि योग का भी संयोग बना रहा है जिसमें मां सरस्वती की पूजा करने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होगी
बसंत पंचमी के दिन करें ये काम
इसके अलावा पौराणिक मान्यता के अनुसार के बसंत पंचमी के दिन ही भगवान शिव व माता पार्वती का तिलकोत्सव हुआ था और उनके विवाह की रस्में शुरू हुईं थीं. ऐसे में इस दिन गृह प्रवेश, नौकरी व व्यापार का आरंभ, भूमि पूजन, वाहन, आभूषण की खरीदारी के लिए उत्तम माना जाता है.
गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम, मिलेगा अशुभ फल
24 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल में चार बार नवरात्रि आती है. इनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं. प्रकट नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है जबकि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. नवरात्रि में देवी दुर्गा और उनके 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता है. साल में दो बार प्रकट नवरात्रि चैत्र और आश्विन मास में होती हैं जबकि आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्रि का आगमन होता है. प्रकट नवरात्रि सांसारिक सुखों, मनोकामनाओं और इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए होती हैं जबकि गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की गुप्त रूप से साधना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होने की मान्यता है.
2025 में माघ मास में गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू होगी. इन 9 दिनों में कुछ कार्यों को वर्जित बताया गया है. इनको करने पर विपरीत फल मिलने के साथ दोष लगता है. गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या नहीं करना चाहिए, उत्तराखंड के हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को इस बारे में बताया. उन्होंने कहा कि गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा और 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त रूप से की जाती है. देवी दुर्गा और 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से पूजा-अर्चना, तंत्र साधना और आराधना करने से मोक्ष प्राप्ति होने की मान्यता है. गुप्त नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले तामसिक वस्तुओं का सेवन बंद करना होता है. माघ मास में होने वाले गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू होगी यानी 29 जनवरी से लहसुन, प्याज, अंडा, मांस, मछली, शलजम, गोभी और मदिरा (शराब) का सेवन नहीं करना है.
ब्रह्मचर्य का पालन भी जरूरी
उन्होंने आगे कहा कि गुप्त नवरात्रि में इन वस्तुओं का सेवन करना पूर्ण रूप से वर्जित होता है. साथ ही वाद-विवाद, मनोरंजन, लड़ाई-झगड़ा करने से दोष लगता है. वहीं इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करने पर भी विपरीत फल मिलता है और जीवन में अनेकों समस्याएं और बाधाएं आती रहती हैं.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
24 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- समय विफल हो, कार्यगति में बाधा, चिन्ता व्यर्थ भ्रमण, कार्य अवरोध होगा।
वृष राशि :- इष्ट मित्रों से सुख, अधिकारियों से मेल-मिलाप होवे, रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
मिथुन राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, अधिकारियों के समर्थन से सफलता अवश्य ही मिलेगी।
कर्क राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे, समय का लाभ अवश्य ही लें।
सिंह राशि :- इष्ट मित्र सुख-वर्धक हो, कुटुम्ब की समस्याएं सुलझें, स्त्री वर्ग से हर्ष होगा।
कन्या राशि :- भावनाएं संवेदनशील रहें, कुटुम्ब में सुख-समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे।
तुला राशि :- समय अनुकूल नहीं, स्वास्थ्य नरम रहेगा, किसी धारणा का अनदेशा होगा।
वृश्चिक राशि :- शरीर-स्त्री कष्ट, मानसिक उद्विघ्नता, स्वभाव में असमर्थता अवश्य होगी।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष, स्थिति मेंं सुधार, व्यवसाय गति उत्तम बनी रहेगी।
मकर राशि :- व्यर्थ धन का व्यय होगा, मानसिक उद्विघ्नता, हानिप्रद होवे, ध्यान अवश्य रखें।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्रों से सहयोग, कार्य बनेंगे तथा कार्य गतिपूर्ण अवश्य ही होगा|
मीन राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य अवश्य ही बन जायेंगी ध्यान दे।
बुद्धि का प्रतीक
23 Jan, 2025 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को व्यापार और बुद्धि का दाता कहा जाता है। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध देव हैं। उनकी कृपा इन दोनों राशियों पर बरसती है। भगवान गणेश की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध देव की कृपा से जातक को कारोबार में उम्मीद से अधिक सफलता मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो माघ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर बुध देव राशि परिवर्तन करेंगे। बुध देव के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। इससे कई राशि के जातकों को लाभ मिल सकता है।
बुध गोचर 2025
ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों के राजकुमार 24 जनवरी को शाम 05 बजकर 45 मिनट पर राशि परिवर्तन करेंगे। इस राशि में बुध देव 10 फरवरी तक रहेंगे। इसके अगले दिन बुध देव राशि परिवर्तन कर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। बुध देव के राशि परिवर्तन से धनु और मकर समेत कई अन्य राशियों को लाभ होगा।
कर्क राशि
बुध का राशि परिवर्तन सफलता के द्वार खोलने जैसा साबित होगा। आपकी आमदनी बढ़ेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। रिश्ता तय हो सकता है। शादी के भी योग बन रहे हैं। गुरु और बुध दोनों की कृपा बरसेगी। इससे करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। क्रय और विक्रय यानी खरीदने और बेचने से संबंधित काम से आपको विशेष धन लाभ होगा। हालांकि, पार्टनरशिप में काम बिल्कुल न करें।
कन्या राशि
बुध देव की कृपा कन्या राशि के जातकों पर भी बरसेगी। 11 फरवरी तक आपको धन लाभ होगा। आप धन अर्जन करने में सफल होंगे। कारोबार में कई ऐसे फैसले लेंगे, जिससे आपको विशेष लाभ मिलेगा। आपकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी। इससे आप अपना काम पूरा कराने में सफल होंगे। भगवान गणेश की वंदना करने से विशेष लाभ होगा।
तुला राशि
बुध का राशि परिवर्तन तुला राशि के जातकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। इस राशि के जातकों को वाहन सुख मिल सकता है। आसान शब्दों में गाड़ी खरीद सकते हैं। नए काम में सफलता मिलेगी। माता-पिता की सेवा करेंगे। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। आलस से बचना होगा। जीवन में सुखों का आगमन होगा। कारोबार में तेजी देखने को मिल सकती है। गन्ने के रस से भगवान गणेश का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी दूर होगी।
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने की है परंपरा
23 Jan, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैदिक पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि को मौनी अमावस्या है। इसे माघी या मौनी अमावस्या भी कहते हैं। इस बार माघी अमावस्या 29 जनवरी को है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने की परंपरा है। इस शुभ अवसर पर भक्त गंगा तट पर स्नान करते हैं, ध्यान करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गये पाप धुल जाते हैं। मां गंगा की कृपा भी भक्तों पर बरसती है। कुंडली में शामिल अशुभ ग्रहों से मुक्ति मिलती है।
इस बार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी है। इस दिन प्रयागराज में साधु संत और श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे। इससे जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलेगा और पितरों की कृपा प्राप्त होगी।
इस अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत करने का विधान है। इसके अलावा जप, तप और श्रद्धा अनुसार दान भी करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
इस बार माघी अमावस्या पर कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये शुभ योग और इस दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं। मौनी अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास का संयोग मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को सायं 06: 05 मिनट तक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव कैलाश पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे।
सिद्धि योग
माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सिद्धि योग का संयोग रात 09 बजकर 22 मिनट तक है। ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
इसके अलावा मौनी अमावस्या पर श्रवण एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
शुभ मुहूर्त
माघ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, सायंकाल 07:35 मिनट से
माघ अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, सायंकाल 06: 05 मिनट पर
उदयातिथि के अनुसार 29 जनवरी को माघी या मौनी अमावस्या मानी जाएगी। मौनी अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही पूजा के बाद दान-पुण्य कर सकते हैं।
इस प्रकार मिलेगी नौकरी और कारोबार में सफलता
23 Jan, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सफलता किसे नहीं चाहिए। नौकरी हो या व्यापार, परीक्षा हो या साक्षात्कार हर कोई सफल होना चाहता है। सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी मेहनत है। किस्मत भी सफलता में अहम स्थान रखती है। पूरी लगन और मेहनत के साथ अगर हम कुछ चीजों पर ध्यान दें तो हो सकता है कि किस्मत भी हमारे साथ हो जाए। आइये जानते हैं वास्तु में बताए गए ऐसे ही कुछ आसान उपायों के बारे में। बात नौकरी के लिए साक्षात्कार से शुरू करते हैं। इंटरव्यू देने जाएं तो जेब में लाल रुमाल या कोई लाल कपड़ा रखें। अगर व्यापार में सफलता नहीं मिल रही है तो प्रतिष्ठान के उत्तर पश्चिम में दो सफेद घोड़ों की तस्वीर लगाएं। अगर नौकरी में वातावरण आपके अनुकूल नहीं है तो लाल शर्ट धारण करें। लाल रंग सौम्य होना चाहिए। घर या दुकान में तिजोरी हैं तो इसे कभी भी खाली न रखें। तिजोरी में चांदी का सिक्का जरूर रखें।
घर में अलमारियां खुली रहती हैं तो यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं। घर की कोई भी अलमारी खुली न रखें। झाड़ू-पोंछा या डस्टबिन भी सफलता को प्रभावित कर सकता है। इन्हें कभी खुले में नहीं रखना चाहिए। झाड़ू को कभी भी रसोईघर में न रखें। बाथरूम को हमेशा साफ रखें। गंदा बाथरूम भी सफलता में रुकावट पैदा कर सकता है।
तो आप खूब करेंगे यात्रा
23 Jan, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाथ भी आपके व्यवहार और जीवनशैली की जानकारी दे देते हैं। जिन व्यक्तियों के हाथ की उंगलियां चौड़े सिरों वाली यानी सिरे पर से पहले एवं दूसरे जोड़ की अपेक्षा अधिक चौड़ी होती हैं ऐसे व्यक्ति में कर्म करने की तीव्र इच्छा रहती है। ये व्यक्ति खाली नहीं बैठ सकते, लेकिन अस्थिर प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति यात्रा प्रेमी होते हैं और जीवन में बदलाव के पक्षपाती भी होते हैं। ऐसे व्यक्ति आविष्कारक एवं यान्त्रिक दक्षता वाली प्रवृत्ति के होते हैं। विस्तार, शोध एवं अनुसंधान से इन्हें विशेष प्रेम होता है।
जिन व्यक्तियों की हाथ की उंगलियों के सिरे मिश्रित हों अर्थात एक उंगली का सिरा नोकदार दूसरी उंगली का सिरा वर्गाकार, तीसरी का सिरा चौड़ा हो, ऐसा व्यक्ति बहुमुखी प्रतिभा का स्वामी होता है। ऐसा व्यक्ति ग्रहणशील होता है और किसी भी कार्य को अनायास ही करने में सक्षम होता है। ऐसा व्यक्ति सब कार्यों में दखल तो रखता है, किन्तु दक्ष किसी कार्य में नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न तो होता है, किन्तु उसमें विशेषज्ञता की कमी होती है। हर प्रकार के व्यक्ति से वह सही व्यवहार कर सकता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
23 Jan, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा व विलम्ब कष्टप्रद हो तथा थकावट-बेचैनी अवश्य ही बढ़ेगी।
वृष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय, समय तथा चिन्ता का नाश होगा।
मिथुन राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, सफलता से कार्य सम्भव व अनुकूलता होगी।
कर्क राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होगी, भाग्य का सितारा प्रबल हो, आपके रुके कार्य बन जायेंगे।
सिंह राशि :- साधन सम्पन्नता के योग बनेंगे, दैनिक व्यवसाय गति उत्तम अवश्य ही बनेगी।
कन्या राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व में वृद्धि, नवीन योजना फलप्रद अवश्य ही बनी रहेगी।
तुला राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक हो, कार्यगति में सुधार होगा, विरोधी पराजित होंगे।
वृश्चिक राशि :- लेनदेन के मामले में हानि होगी, विरोधी तत्व से परेशानी अवश्य ही बनेगी।
धनु राशि :- दैनिक सफलता के साधन प्राप्त होंगे, स्वभाव में क्रोध व अशांति से हानि होगी।
मकर राशि :- दैनिक सम्पन्नता के साधन जुटाएं, आलस्य प्रमाद से हानि अवश्य ही बनेगी।
कुंभ राशि :- बिगड़े हुए कार्य बनेंगे, योजनाएं फलीभूत होंगी तथा रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
मीन राशि :-स्त्री वर्ग से हर्ष, चिन्ताएं कम हों, विशेष कार्य स्थगित अवश्य ही रखें।