धर्म एवं ज्योतिष
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (09 जनवरी 2024)
9 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मिथुन राशि :- अर्थ व्यवस्था अनुकूल होगी, सफलता के साधन जुटायेंगे, रुके कार्य बन जायेंगे।
कर्क राशि :- मनोवृत्ति उदार बनाये रखें, तनाव, क्लेश व अशांति की स्थिति बनेगी ध्यान रखें।
सिंह राशि :- समय नष्ट होगा, व्यवसायिक गति मंद होगी, असमंजस की स्थिति से बचिये।
कन्या राशि :- आर्थिक योजना सफल होगी, व्यवसायिक क्षमता अनुकूल होगी।
तुला राशि :- धन का व्यय, आलस्य से हानि संभव है, कार्य अवश्य बनेंगे ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- स्त्री वर्ग से क्लेश व अशांति तथा विघटनकारी तत्व परेशान अवश्य करेंगे।
धनु राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी, धन का व्यर्थ व्यय होगा, व्यर्थ भ्रमण होगा।
मकर राशिः- अर्थ-व्यवस्था छिन्न-भिन्न होगी, कार्य व्यवसाय गति मध्यम होगी।
कुंभ राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार, चिन्तायें कम होंगी तथा सफलता अवश्य मिलेगी।
मीन राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यगति अनुकूल बनी रहेगी ध्यान दें।
एमपी के इस शहर में सुनाई जाएगी श्री राम मंदिर की गाथा, 500 साल पुराना इतिहास
8 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल. पूरे विश्व में श्री राम की नगरी अयोध्या राम मंदिर की गूंज है. हर दिन के साथ वह दिन नजदीक आता जा रहा है जब 500 से अधिक सालों के बाद भगवान राम, मंदिर में विराजमान होंगे. 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. इसी उत्साव के साथ को लेकर राजधानी में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं. इसी श्रेणी में करुणाधाम आश्रम 7 जनवरी को रवीन्द्र भवन में ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’ का आयोजन कर रहा है. जिसमें 500 साल पहले आक्रांताओं द्वारा मंदिर तोड़े जाने और इसके बाद से शुरू श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के संघर्ष की कहानी सुनाई जाएगी. कार्यक्रम हंस ध्वनि सभागृह में शाम 6:30 बजे शुरू होगा, जो 75 मिनट चलेगा.
आश्रम के प्रवक्ता शाश्वत शांडिल्य ने कहा कि करुणाधाम आश्रम द्वारा रवीन्द्र भवन के हंस ध्वनि सभागृह में रविवार 7 जनवरी को शाम 6:30 बजे “गाथा श्रीराम मंदिर की संगीतमय महागाथा प्रस्तुति करवाई जा रही है. इसमें राम जन्म-भूमि के संघर्ष के इतिहास की भव्य प्रस्तुति की जायेगी. कार्यक्रम में अभिनेता एवं वक्ता मोहित शेवानी संगीतमय महागाथा की प्रस्तुति देंगे. बॉलीवुड रायटर एवं गीतकार प्रबुद्ध सौरभ मंच संचालन करेंगे. हृदय बैंड के शुभम नाथानी संगीत देंगे. श्रीराम जन्मभूमि की तपस्या एवं संघर्ष की सत्य गाथा के इस कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रहेगा.
गाथा श्री राम मंदिर की
इस गाथा में श्रीराम से चल कर लवकुश से शुरू होकरअयोध्या पर हुए तमाम हमलों और अयोध्या के रक्षकों की चर्चा होती है जिसमें हर उस महत्वपूर्ण व्यक्ति का नाम है, जो अयोध्या और श्रीराम मंदिर से सम्बद्ध है. साथ ही राजा विक्रमादित्य और माँ अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के जीर्णोद्धार, बैरागी साधुओं के संघर्ष, गर्भगृह से रामलला का निकाला जाना, गर्भगृह में रामलला का प्रकट होना, कार सेवा, कोठारी बन्धुओं के बलिदान, राजनीतिक उथल-पुथल और वर्तमान निर्माणाधीन मंदिर की भव्यता, दिव्यता और उसके पीछे केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प का चित्रण किया गया है. जहाँ एक ओर यह गाथा श्रीराम मंदिर की पूरी कहानी आस्था पूर्वक सुनाती है, वहीं संगीतमय प्रस्तुति इसे रुचिकर और ऊर्जात्मक भी बनाती है.
खिचड़ी खाकर सोने चले जाते हैं भगवान राम, उत्तराखंड के राम मंदिर में मकर संक्रांति तक महापूजा
8 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैसे तो देवताओं का वास स्वर्ग में होता है, लेकिन देवभूमि उत्तराखंड भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यहां हिंदू आस्था से जुड़े सैकड़ों मठ-मंदिर हैं, जहां की विशेष मान्यताएं हैं. ऐसा ही एक मंदिर टिहरी गढ़वाल जिले की संगम नगरी देवप्रयाग में स्थित है. भगवान नारायण के इस मंदिर में श्रीराम की पूजा अर्चना होती है, लेकिन पौष के महीने में यहां विशेष पूजा का विधान है. देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर में इन दिनों विशेष पूजा-अर्चना चल रही है. भगवान श्रीराम को समर्पित रघुनाथ मंदिर में मकर संक्रांति तक यह विशेष पूजा की जाएगी. सालभर में पौष माह के दौरान यहां विशेष पूजा अनुष्ठान का विधान है, जिसमें भगवान राम को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. वहीं भक्तों के दर्शन के लिए विशेष समय सीमा भी निर्धारित की जाती है.
रघुनाथ मंदिर के पुजारी और बद्रीनाथ के तीर्थ पुरोहित तनुज कोटियाल बताते हैं कि पौष माह में यहां महापूजा का विधान है. यह महापूजा मकर संक्रांति तक चलेगी. इस दौरान भगवान रघुनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है. यहां पूरे पौष माह में परम्परागत तौर पर भगवान श्रीराम की महापूजा होती है. साथ ही भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.
भक्तों को बांटा जाता है खिचड़ी प्रसाद
तनुज कोटियाल बताते हैं कि पौष माह की महापूजा में बड़ी संख्या में श्रद्वालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सुबह-सुबह गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं. साथ ही भगवान को भोग लगने के बाद प्रसाद स्वरूप बंटने वाली खिचड़ी को ग्रहण करते हैं. वह कहते हैं कि इस दौरान एक निश्चित समय के लिए भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं. उस समय भगवान शयन मुद्रा में होते हैं.
विष्णु का मंदिर राम के रूप में पूज्य
अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम स्थल जहां से आगे यह गंगा के रूप में नदी बहती है, उस संगम स्थल देवप्रयाग के ठीक ऊपर रघुनाथ मंदिर स्थित है. वैसे तो यह मंदिर भगवान विष्णु का है, लेकिन यहां श्रीराम की पूजा अर्चना व मूर्ति का श्रृंगार राम के रूप में होता है. माना जाता है कि देव शर्मा नामक ऋषि जिनके नाम पर इस क्षेत्र का नाम देवप्रयाग पड़ा, उन्हें भगवान नारायण ने दर्शन दिए थे, लेकिन वह श्रीराम के रूप में उनके दर्शन चाहते थे. इसी वजह से यहां भगवान विष्णु की श्रीराम के रूप में पूजा युगों-युगों से की जा रही है.
मकर संक्रांति पर बन रहे 3 दुर्लभ योग
8 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन दान का विशेष महत्व है. माना जाता है कि जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं, तब यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है. वहीं मकर संक्रांति के दिन लोग विशेष रूप से तिल और गुड़ खाते हैं.
उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बहुत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से तिल और गुड़ का सेवन किया जाता है. साथ ही इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी दिन सोमवार को मनाया जाएगा. इस दिन दान का भी विशेष महत्व है. इसके साथ ही इस दिन काफी शुभ योग बन रहे हैं. इसीलिए इस दिन कई चीजें दान करने का विशेष लाभ मिलेगा.
रवि योग में करें पवित्र नदी में स्नान
पुजारी शुभम ने बताया कि इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन कई सारे शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा योग है रवि योग. इस दिन सुबह 07.15 से लेकर सुबह 08.07 बजे तक रवि योग बन रहा है. इस योग में स्नान दान का विशेष महत्व है. साथ ही बताया कि जो भी व्यक्ति इस योग में भगवान सूर्य की पूजा करेगा, उसके मान सम्मान में वृद्धि होगी. इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा अर्चना की जाती है, इसलिए इस दिन सूर्यदेव से संबंधित सामग्री जैसे गुड़, तिल, तांबा, वस्त्र आदि का दान करना शुभ माना जाता है.
महापुण्य योग के साथ बन रहा वरियान योग
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन रवि योग के साथ ही महापुण्य योग भी बन रहा है. इस योग में दान पुण्य और पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है. अगर आप ऋषिकेश आए हुए हैं, तो इस योग में पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम त्रिवेणी घाट में स्नान जरूर करें. इस योग में इस पवित्र नदी में स्नान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं, इस बार वरियान योग भी बन रहा है, जिसमे कुबेर और शुक्र के मंत्रों का जप करना विशेष लाभ देगा.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (08 जनवरी 2024)
8 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- बढ़िया यात्रा, विवाद, मातृकष्ट, व्यर्थ का विरोध होगा, कार्य शेष हो।
वृष राशि :- धन व्यय व व्यापार में प्रगति शुभ कार्य होवे परिणाम अनुभवशील रहेगा।
मिथुन राशि :- पितृ कष्ट हो सकता है। व्यय, लाभ, अशांति का वातावरण अवश्य रहेगा।
कर्क राशि :- शुभ भूमि का लाभ, हर्ष कार्य सिद्ध, खेती व गृह कार्य व्यवस्था पूर्वक रहेगा।
सिंह राशि :- शत्रु भय, विरोध, लाभ उद्योग व्यापार लाभ कार्य सफलता अवश्य होवेगा।
कन्या राशि :- चिन्ता लाभ, विद्या, लाभ उन्नति घरेलू, विरोध शिक्षा लेखन कार्य सफलता होगे।
तुला राशि :- सुख सफलता निर्माण, प्रवास मन कार्य में व्यय से लाभ अवश्य होवेगी।
वृश्चिक राशि :- लाभ सिर, नेत्र परेशानी अवश्य होवेगा ध्यान अवश्य ही देवे।
धनु राशि :- हानि होगी, पदोन्नति लाभ होवेगा, व्यर्थ का सामना करना पड़ेगा।
मकर राशि : धन लाभ, स्थानान्तरण होवेगा, राज कार्य में असमंजस्य बना रहेगा।
कुंभ राशि :- अभाव विवाद, चिन्ता लाभ, कर विरोधी असफलता का आभाव रहेगा।
मीन राशि :- संतान सुख, प्रवास धन लाभ, अपने मित्रों व परिवारों का विरोध रहेगा।
हाथ में कलावा कितनी बार लपेटना चाहिए? 99% लोग करते हैं गलती, पंडित जी से जानें रक्षासूत्र बांधने का तरीका और महत्व
7 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Kalawa Rules: हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ या फिर मांगलिक कार्य में कलावा का प्रयोग जरूर किया जाता है. कलावा बांधने का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी है. कलावा को देवी-देवताओं को अर्पित करने के साथ ही हाथ में भी रक्षासूत्र के रूप में बांधा जाता है. माना जाता है कि रक्षासूत्र को हाथ में बांधने से बुरी बलाओं से बचाओ होता है. साथ ही कलावा बांधने वालों पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है. हालांकि इसका लाभ आपको तभी मिलेगा, जब इसको बांधने के सही नियम फॉलो करेंगे. बता दें कि, शास्त्रों में कलावा धारण करने और उतारने के कई नियम बताए गए हैं. इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति कई समस्याओं से बच सकता है. आइए कासगंज की तीर्थ नगरी सोरों के ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित से जानते हैं क्यों बांधा जाता है कलावा? कलावा बांधने और उतारने के नियम और धार्मिक महत्व?
क्यों पहना जाता है मौली या कलावा
डॉ. गौरव दीक्षित बताते हैं कि कलावा बांधने से त्रिदेवों के साथ तीनों देवियों मां लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जो भी कार्य करने जा रहे हैं, वह बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है. मौली व कलावा को रक्षा सूत्र भी कहते हैं, जो हमारे बुरे समय में रक्षा करता है, इससे घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है. मौली व कलावा बांधने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है. हमारे शरीर की संरचना का प्रमुख नियत्रंण कलाई में होता है, इसलिए मौली धागा एक तरह से एक्यूप्रेशर की तरह काम करता है, जो हृदय रोग, मधुमेह व लकवा जैसे रोगों से सुरक्षा करता है.
कलावा बांधने का मंत्र
डॉ. गौरव दीक्षित के मुताबिक, कलावा को हमेशा किसी योग्य कर्मकांडी ब्राह्मण या अपने से बड़े व्यक्ति से बंधवाना चाहिए. ऐसा करने से आपके साथ होनी वाली अनहोनी से बचा जा सकता है. पुरुष को कलावा हमेशा अपने दाएं हाथ में और स्त्री को अपने बाएं हाथ में बंधवाना चाहिए. हालांकि, कलावा बांधने वाले को हाथ पर बांधते समय ”येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।” मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (07 जनवरी 2024)
7 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- समय विफल हो, कार्य गति में बाधा चिन्ताग्रस्त होवे, व्यर्थ भ्रमण तथा कार्य अवरोध होगा।
वृष राशि :- इष्ट मित्रों से सुख, अधिकारियों से मेल मिलाप होवे तथा रुके कार्य अवश्य ही बन जाएगे।
मिथुन राशि :- भाग्य का सितारा प्राप्त हो, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे, समय का उपयोग अवश्य करें।
कर्क राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल है, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे, समय समस्याओं से घिरा है।
सिंह राशि - इष्ट मित्र सुखवर्धक हो, कुटुम्ब की समस्याएं सुलझे तथा स्त्रीवर्ग से हर्ष अवश्य होगा।
कन्या राशि :- भावनाएं संवेदनशील रहे, कुटुम्ब में सुख तथा धन प्राप्त के साधन अवश्य बनेंगे।
तुला राशि :- समय अनुकूल नहीं, स्वास्थ्य नरम रहे तथा किसी धारणा का अनदेख अपराध होगा।
वृश्चिक राशि :- स्त्री शरीर कष्ट, मानसिक उद्विघ्नता, हानिप्रद होगी, समय का ध्यान रखें।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता, स्थिति में सुधार, व्यवसाय गति उत्तम अवश्य ही बनेगी।
मकर राशि - व्यर्थ धन का व्यय, मानसिक उद्विघ्नता हानिप्रद होगी, समय का ध्यान रखे।
कुंभ राशि - इष्ट मित्र सहयोगी, कार्य बनेंगे तथा कार्य गति अनुकूल होगी, अनुकूलता का लाभ लें।
मीन राशि - भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य बन जाएंगे, रुके कार्यों पर ध्यान दें।
8 या 9 जनवरी कब है 2024 का पहला प्रदोष व्रत? मासिक शिवरात्रि के साथ बन रहा है अद्भुत संयोग
6 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अयोध्या: सनातन धर्म में हर पर्व, त्योहार का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. वैसे ही साल के 12 महीने में प्रत्येक महीने प्रदोष का व्रत भी भगवान शंकर के निमित्त रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि में रखा जाता है. कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है और भगवान शिव की उपासना करता है उसे दुख दरिद्रता, संकट, रोग, कर्ज से छुटकारा मिलता है.
अयोध्या के ज्योतिषि पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को साल का पहला प्रदोष रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सोमवार दिनांक 8 जनवरी को रात्रि 11:58 से शुरू होकर अगले दिन मंगलवार दिनांक 9 जनवरी को रात्रि 10:24 तक रहेगा. यानी 9 जनवरी को साल का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा.जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ते हैं उन्हें भौम प्रदोष कहा जाता है. पुराणों के अनुसार भौम प्रदोष के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. ऐसा करने से स्वास्थ सम्बन्धी समस्याएं नहीं होती हैं.
मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है. इस शुभ योग में किया गया पूजा पाठ कई गुना अनंत फल देगा. प्रदोष व्रत के साथ-साथ इस दिन साल की पहली मासिक शिवरात्रि भी है. शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक ही दिन पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस दिन भगवान शंकर के साथ हनुमान जी की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है.
क्या है प्रदोष व्रत का महत्व?
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है. दरिद्रता का नाश होता है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है. इस दिन पूजा पाठ करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है. इतना ही नहीं इस दिन व्रत रख कर भगवान भोले के निमित्त रुद्राभिषेक करने से ही शीघ्र ही शादी के योग भी बनती है.
नए साल में खरमास बाद करना है नए बिजनेस का शुभारंभ, यहां देखें दुकान मुहूर्त
6 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल 2024 में आप अपना नया बिजनेस प्रारंभ करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको शुभ तारीखों के बारे में जानने की जरूरत होगी. सूर्य देव अभी धनु राशि में हैं, इसलिए खरमास चल रहा है. खरमास में शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब मकर संक्रांति होगी. उस दिन से खरमास का समापन हो जाएगा. तब से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन सोमवार को है. सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तब फिर खरमास शुरू होगा. सूर्य देव जब जब देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में जाते हैं तो उस समय खरमास लगता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं खरमास बाद दुकान के शुभ मुहूर्त.
दुकान के शुभ मुहूर्त 2024
जनवरी 2024 दुकान शुभ मुहूर्त
17 जनवरी, दिन बुधवार, पौष शुक्ल सप्तमी तिथि, उत्तरभाद्रपद नक्षत्र
21 जनवरी, दिन रविवार, पौष शुक्ल एकादशी तिथि, रोहिणी नक्षत्र
25 जनवरी, दिन गुरुवार, पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि, पुष्य नक्षत्र
26 जनवरी, दिन शुक्रवार, माघ कृष्ण प्रतिपदा तिथि, पुष्य नक्षत्र
31 जनवरी, दिन बुधवार, माघ कृष्ण पंचमी तिथि, हस्त नक्षत्र
फरवरी 2024 दुकान शुभ मुहूर्त
4 फरवरी, दिन रविवार, माघ कृष्ण नवमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र
12 फरवरी, दिन सोमवार, माघ शुक्ल तृतीया तिथि, उत्तरभाद्रपद नक्षत्र
15 फरवरी, दिन गुरुवार, माघ शुक्ल षष्ठी तिथि, अश्विनी नक्षत्र
22 फरवरी, दिन गुरुवार, माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि, पुष्य नक्षत्र
मार्च 2024 दुकान शुभ मुहूर्त
2 मार्च, दिन शनिवार, फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र
3 मार्च, दिन रविवार, फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र
13 मार्च, दिन बुधवार, फाल्गुन शुक्ल तृतीया तिथि, अश्विनी नक्षत्र
14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा. उसके बाद से 7 मई से 6 जून तक देव गुरु बृहस्पति अस्त रहेंगे. शुभ कार्यों के लिए गुरु ग्रह का उदित अवस्था में रहना जरूरी होता है. गुरु के अस्त होने पर मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. हालांकि बिजनेस या दुकान के शुभारंभ के लिए स्थिर नक्षत्र को देखा जाता है. इस वजह से खरमास में भी लोग नई दुकान या बिजनेस का प्रारंभ कर देते हैं. हालांकि यहां पर आपको खरमास से खरमास तक के ही दुकान मुहूर्त के बारे में बताया गया है.
कुंडली में कमजोर शनि ग्रह, साढ़ेसाती से परेशानियों से घिरा है जीवन, 6 उपाय दूर करेंगे शनि दोष, नौकरी भी मिलेगी मनचाही
6 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Shani Grah Majboot karne ke upay: शनिवार को शनि देव की पूजा की जाती है. शनि देव न्याय के देवता हैं. वे लोगों द्वारा किए गए उनके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें फल और दंड देते हैं. हर व्यक्ति को अपने पाप और पुण्य का लेखा-जोखा, सजा इसी जन्म में भुगतना भी पड़ता है. व्यक्ति को उनके द्वारा किए गए सभी पापों और गलत कार्यों का फल साढ़ेसाती के समय मिलता है. मान्यता है कि साढ़ेसाती होने पर जीवन बहुत कष्टदायक हो जाती है. लोगों को कई तरह की समस्याओं, परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आर्थिक परेशानी से लेकर सेहत संबंधित समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं. मान-प्रतिष्ठा की हानि, अपमान सहना पड़ सकता है. शनि ग्रह कुंडली में कमजोर होने पर भी ये समस्याएं होती हैं. यदि आप शनि ग्रह से परेशान हैं तो शनिवार के दिन कौन से उपाय करके दूर कर सकते हैं साढ़ेसाती और मजबूत बना सकते हैं शनि ग्रह कुंडली में.
शनि ग्रह दोष से परेशान हैं, दूर करेंगे ये 6 उपाय
1. भोपाल स्थित ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री विनोद सोनी पौद्दार कहते हैं कि शनि ग्रह से परेशान हैं, जीवन में कई तरह की समस्याएं बनी हुई हैं तो आप शनिवार को लाल धागे का उपाय करें. यह बेहद खास है, क्योंकि इसे अपनाने से बहुत जल्दी ही हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति होती है. आप पूजा में इस्तेमाल होने वाला कच्चा सूत यानी मौली शनिवार के दिन अपनी लंबाई के बराबर लें. साथ में एक आम का हरा पत्ता भी लाएं. इसे धागे को आम के पत्ते पर लपेट दें. इसे हाथ में लें और आपकी जो भी मनोकामनाएं हों, उसे मन ही मन में दुहराएं. अब इसे बहते हुए जल की धारा, नदी में बहा दें.
2. यदि आपके जीवन में शनि की साढ़ेसाती के कारण तमाम तरह की समस्याएं चल रही हैं तो आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. फिर आप पेड़ के तने को छूकर प्रणाम करें और सात बार परिक्रमा करें. इससे साढ़ेसाती के कारण चल रही समस्याओं का नाश होगा. आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
3. यदि आपको नौकरी संबंधित समस्याएं और आर्थिक परेशानियां हों तो ये भी शनि की साढ़ेसाती के कारण ही हैं. ऐसे में शनिवार के दिन भोजन में नमक ना डालें और उसी का सेवन करें. इससे भी आपकी हर तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं और परिवार में आर्थिक संपन्नता आएगी.
4. शनिवार के दिन आप किसी काले रंग की चिड़िया को खरीदें और उसे अपने ही हाथों से आसमान में उड़ा दें. आपकी सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाएंगी. शनिवार के दिन लोहे का त्रिशूल महाकाल शिव या महाकाली मंदिर में अर्पित करें.
5. शनि ग्रह दोष होने के कारण यदि आपकी शादी में बाधाएं आ रही हैं तो शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को 250 ग्राम काली राई को नए काले कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ की जड़ में रखें. शीघ्र हाथ जोड़कर विवाह होने की प्रार्थना करें.
6. आर्थिक वृद्धि के लिए शनिवार के दिन गेंहू में कुछ काले चने मिलाकर पिसवाएं. शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को दस बादाम हनुमान मंदिर में लेकर जाएं और वहां रख दें. उनमें से पांच बादाम घर लाएं और उन्हें लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी या धन-दौलत रखने वाले स्थान पर रख दें.
मकर संक्रांति पर जरूर दान करें ये चीजें, हर कष्ट से मिलेगी मुक्ति!
5 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आगामी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे. इस दिन तिल और गुड़ की बनी चीजों को वितरित किया जाता है और इन्हें दान करना भी शुभ माना जाता है.उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के निवासी पंडित योगेश कुकरेती ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व होता है. उन्होंने बताया कि साल में 12 संक्रांतियां होती हैं. किसी भी राशि में सूर्य का प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है. इसी तरह जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस समय को ही मकर संक्रांति कहते हैं.
गुड़ और तिल का चीजें दान
ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश कुकरेती ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन लोग काली दाल, चावल और खिचड़ी दान करने के साथ-साथ गुड़ और तिल की चीजें दान करते हैं क्योंकि इसका बहुत महत्व है. माना जाता है कि तिल के दान से शनि, राहु, केतु से संबंधित हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं. यदि किसी की शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो भी हर कष्ट से मुक्ति मिलती है. अगर तिल को गुड़ के साथ मिलाकर दान दिया जाए तो सूर्य और मंगल के दोष खत्म होते हैं. कई जगह बहते हुए जल में तिल-गुड़ डाला जाता है, ऐसा करने से हर तरह के कष्ट से मुक्ति मिलती है.
शनि ने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को प्रयोग किए थे तिल
शास्त्रों में बताया जाता है कि एक बार शनि के पिता सूर्यदेव उन पर किसी बात को लेकर बहुत क्रोधित हुए थे. जिसके बाद उन्होंने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को काले तिल का प्रयोग किया था. तब उनके पिता सूर्यदेव ने उनसे कहा था कि जिस दिन वह मकर राशि में प्रवेश करेंगे, उस दिन अगर कोई व्यक्ति पूजा में तिल का प्रयोग करेगा या दान करेगा, तो उसे शनि दोष से मुक्ति मिल जाएगी. तभी से मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ की चीजें दान किया जाने लगा है. लोग तिल और गुड़ से बनी रेवड़ी, गजक आदि भी लोगों में वितरित करते हैं.
इस साल कब है सरस्वती पूजा? रवि योग और रेवती नक्षत्र में मनेगी वसंत पंचमी, जानें मुहूर्त और महत्व
5 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरस्वती पूजा हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. सरस्वती पूजा के दिन ही वसंत पंचमी का उत्सव होता है. सरस्वती पूजा पर स्कूलों में ज्ञान की देवी मां शारदा की विधि विधान से अराधना की जाती है. इस साल सरस्वती पूजा के दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र है. ये दोनों ही शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा कब है? सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? सरस्वती पूजा के दिन रवि योग कब से बन रहा है? सरस्वती पूजा का महत्व क्या है?
सरस्वती पूजा 2024 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए आवश्यक माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू हो जाएगी और यह तिथि अगले दिन 14 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर सरस्वती पूजा 14 फरवरी को होगी. उस दिन ही वसंत पंचमी भी मनाई जाएगी.
सरस्वती पूजा 2024 मुहूर्त
14 फरवरी को सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 5 घंटा 35 मिनट तक है. पूजा का समय सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस समय में आपको माता सरस्वती की पूजा कर लेनी चाहिए.
रवि योग और रेवती नक्षत्र में सरस्वती पूजा 2024
इस वर्ष सरस्वती पूजा के दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र है. रवि योग सुबह 10 बजकर 43 मिनट से अगले दिन सुबह 7 बजे तक है, वहीं शुभ योग प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 59 मिनट तक है. उस दिन रेवती नक्षत्र प्रात:काल से 10:43 एएम तक है, उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है. रवि योग में जो भी कार्य करते हैं, वह सफल होता है, उसमें आने वाली बाधाएं खत्म होती हैं.
साल 2024 का पहला व्रत, सफल होंगे सारे काम, निष्कासित बेटा बना था राजा, जानें पूरी कहानी और महत्व
5 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के अंदर वेद, पुराण और सभी ग्रंथों में हर छोटे से बड़े व्रत का काफी महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म के अंदर साल भर में ऐसे कई विशेष व्रत आते हैं जिन्हें लोग बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ रखते हैं. हिंदू धर्म के उन्हीं खास और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है सफला एकादशी का व्रत, जिसे सबसे पहले एक राज्य के राजा के बेटे ने घर से निष्कासित होने पर मजबूरी में जंगल के अंदर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर भूखा प्यासा रहकर सिर्फ फलों से किया था और फिर तो भगवान की कुछ ऐसी कृपा हुई कि राज्य से निष्कासित राजा के बेटे की राज्य की कामना ही इस व्रत से पूरी हो गई और वह राज्य का राजा बन गया. तभी से यह व्रत संपूर्ण भारतवर्ष में सफलता और फल की इच्छा से किया जाता है. जो नए साल 2024 में इस बार 7 जनवरी को पड़ रहा हैं. तो आईए जानते हैं इस व्रत की कहानी और महत्व
पंडित रमेश चंद्र शास्त्री बताते हैं कि इस व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा और इसके महत्व में लिखा है कि एक चंपावती नाम की नगरी के राजा हुआ करते थे महिष्मान और उनके चार पुत्रों में से एक पुत्र का नाम लुम्पक था. एक दिन ऐसा आया कि दुष्ट प्रवृत्ति होने का होने के राजा ने अपने बेटे लुम्पक को घर से निकाल दिया. राज्य से निष्कासित होने के बाद लुम्पक चोरी और दुष्ट कर्म कर अपना जीवन चलाता था. एक दिन लुम्पक का शरीर सिपाहियों की पिटाई के कारण असमर्थ हो गया. जिसके बाद लुम्पक एकादशी वाले दिन जंगल में जाकर पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया.
पेड़ के नीचे बैठकर भगवान को लगाया भोग
शरीर में शक्ति न होने के कारण उस दिन ना तो लुम्पक आखेत कर सका और ना ही पेड़ों से फल तोड़ सका. उस एकादशी वाले दिन लुम्पक ने जमीन से टूटे हुए फल उठाकर ही पीपल के पेड़ के नीचे बैठ भगवान को भोग लगा दिया और मजबूरी में एकादशी का व्रत कर लिया. जैसे ही राज्य से निष्कासित लुम्पक का एकादशी का व्रत पूरा हुआ वैसे ही भगवान के गण विमान पर बैठकर लुम्पक के पास आए बोले कि तुम्हारा व्रत पूरा हो गया है और अब तुम निष्पाप हो गए हो, तुम्हारी राज्य की कामना का फल भी पूरा हो गया है. भगवान के गुणों की इस बात को सुनते ही लुम्पक अपने राज्य लौट गया और राजा बन गया.
साल 2024 का प्रथम व्रत सफला एकादशी
पंडित रमेश शास्त्री का कहना है कि अगर किसी मनुष्य की राज्य की कामना भी हो तो वह भी सफला एकादशी का व्रत कर सकता है. इस व्रत को करने से निश्चित ही उसको फल प्राप्त होगा. शास्त्री का कहना है कि साल 2024 में सफला एकादशी का व्रत बहुत ही श्रेष्ठ और साल का प्रथम व्रत है. फल की कामना रखने वाले फलाकांक्षी लोगों को तो इस व्रत को जरूर करना चाहिए.
ब्रह्म मुहूर्त या फिर सूर्योदय के बाद...मकर संक्रांति पर कब करें स्नान? काशी के ज्योतिषी से जानें सब
5 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल में कुल 12 संक्रांति होती है. इसमें मकर संक्रांति का अपना विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इस बार यह पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन से ही खरमास भी खत्म हो जाता है. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. आइये काशी के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि मकर संक्रांति पर स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा है.
पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि मे प्रवेश कर रहा है. सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे. इसलिए इस दिन 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पा सकतें है.
स्नान के लिए यह समय सबसे शुभ
इसके अलावा सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 5 मिनट का सबसे सबसे शुभ और बेहतर है. पूर्णकाल के इस समय में कुंभ लग्न है जो सभी पापों का नाश करने वाला होगा. इस समय गंगा, गोदावरी, संगम सहित सभी पवित्र नदियों में स्नान से जीवन के कष्ट दूर होते है.
इन चीजों का करें दान
पवित्र नदी में स्नान के बाद इस दिन गुड़, तिल और चावल का दान भी जरूरतमंदों को जरूर देना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. पापों से मुक्ति के लिए यह दिन बेहद अहम होता है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 जनवरी 2024)
5 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय होगा, मन में उद्विघ्नता बनेगी।
वृष राशि :- मानसिक बेचैनी, क्लेश व अशांति के योग बनेंगे तथा कार्य का भार अवश्य बढ़ेगा।
मिथुन राशि :- व्यर्थ भ्रमण से धन हानि, आरोप, क्लेश से बचें तथा स्थिति संदिग्ध अवश्य रहेगी।
कर्क राशि :- परिश्रम से कुछ सफलता मिले, अर्थ-व्यवस्था कुछ अनुकूल बनानी ही पड़ेगी।
सिंह राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यगति में सुधार होगा, कार्य आनंद से बनेंगे।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, व्यक्तिगत मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
तुला राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे तथा सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा अवश्य बढ़ेगी।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, कार्यगति में सुधार होगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
धनु राशि :- कुटुम्ब में धन का व्यय होगा, मानसिक व्यग्रता तथा स्वभाव में बेचैनी अवश्य बढ़ेगी।
मकर राशि :- चिन्ताएं दूर हों, सफलता के साधन अवश्य जुटायें, कार्य अवश्य ही बनेंगे।
कुंभ राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास, कार्यगति में अनुकूलता बने, चिन्ताएं कम होंगी।
मीन राशि :- अधिकारियों से तनाव स्थिगित रखें, मित्रों से विवाद तथा धोखा बनेगा, ध्यान दें।