धर्म एवं ज्योतिष
मीठे गुड़ में मिल गए तिल...मकर संक्रांति पर अपनों को भेजें ये चुनिंदा शुभकामना संदेश
15 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मकर संक्रांति हिंदू धर्म में बेहद ही खास, शुभ और महत्वपूर्ण पर्व है. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति का त्योहार सेलिब्रेट किया जाता है. देश के साथ ही इसे नेपाल के लोग भी खूब धूमधाम से मनाते हैं. लोग तिल के लड्डे, दही चूड़ा, खिचड़ी का खूब सेवन करते हैं. इस दिन दान देना भी शुभ होता है. कई जगहों पर तो लोग पतंग भी उड़ाते हैं. सूर्य देव की पूजा-आराधना की जाती है. खुशियों के इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को बधाई संदेश भी भेजते हैं. आप भी अपने प्रियजनों, दोस्तों को मकर संक्रांति की शुभकामना संदेश यहां से भेज सकते हैं.
सूरज की किरणों से चमक उठे आप सभी का जीवनमकर संक्रांति पर आए आपके जीवन में ढेरों खुशियां.मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
तिल के लड्डू और खिचड़ी का प्रसाद खाकरमकर संक्रांति का त्योहार मनाएं.सूर्य देवता से सुख-समृद्धि, सौभाग्य, खुशियां मांगें.
कोई न काट सके आपकी पतंगटूटे न डोर हमारी दोस्ती और विश्वास कीआओ छू लेते हैं इस साल सूरज की किरणेंजैसे छू लेती है पतंग गहराई आसमान की.मकर संक्रांति की ढेरों बधाइयां
मीठे गुड़ में मिल गए तिलउड़ी पतंग और खिल गए दिलहर पल सुख और हर दिन शांतिआप सबके लिए लाए मकर संक्रांति.मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
भगवान भास्कर आपको और आपके परिवार कोसदा यश, वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करें.हैप्पी मकर संक्रांति 2024
हर पल जीवन में खिले सुनहरे फूलकभी ना हो कांटों से सामनाजिंदगी भरी रहे खुशियों से सदामकर संक्रांति पर मेरी है यही दुआ.संक्रांति की लख लख बधाई
सुखी रहना है तो भगवान से शिकायत न करें
15 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंसानों की एक सामान्य आदत है कि तकलीफ में वह भगवान को याद करता है और शिकायत भी करता है कि यह दिन उसे क्यूं देखने पड़ रहे हैं। अपने बुरे दिन के लिए इंसान सबसे ज्यादा भगवान को कोसता है। जब भगवान को कोसने के बाद भी समस्या से जल्दी राहत नहीं मिलती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। इसका कारण यह है कि उसे लगता है कि जो उसकी मदद कर सकता है वही कान में रूई डालकर बैठा है। इसलिए महापुरूषों का कहना है कि दुख के समय भगवान को कोसने की बजाय उसका धन्यवाद करना चाहिए।
इससे आप खुद को अंदर से मजबूत पाएंगे और समस्याओं से निकलने का रास्ता आप स्वयं ढूंढ लेंगे। भगवान किसी को परेशानी में नहीं डालते और न ही वह किसी को परेशानी से निकाल सकते हैं। भगवान भी अपने कर्तव्य से बंधे हुए हैं। भगवान सिर्फ एक जरिया हैं जो रास्ता दिखाते हैं चलना किधर है यह व्यक्ति को खुद ही तय करना होता है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में इस बात को खुद स्पष्ट किया है।
आधुनिक युग के महान संत रामकृष्ण का नाम आपने जरूर सुना होगा। ऐसा माना जाता है कि मां काली उन्हें साक्षात दर्शन देती थी और नन्हें बालक की तरह रामकृष्ण को दुलार करती थीं। ऐसे भक्त की मृत्यु कैंसर के कारण हुई। मृत्यु के समय इन्हें बहुत की कष्ट का सामना करना पड़ा। रामकृष्ण चाहते तो मां काली से कह कर रोग से मुक्त हो सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और पूर्व जन्म के संचित कर्मों को नष्ट करने के लिए दु?ख सहते रहे और अंतत: परम गति को प्राप्त हुए।
ओशो का मत है कि भक्त भगवान की पीड़ा में जितना जलता है, उतना ही भगवान के करीब होने लगता है। एक दिन वह घड़ी आती है जब भक्त भगवान में विलीन हो जाता है। रामकृष्ण परमहंस का जीवन इसी बात का उदाहरण है। वर्तमान समय में लोग साढ़ेसाती का नाम सुनकर कांपने लगते हैं। लेकिन प्राचीन काल में लोग साढ़ेसाती का इंतजार किया करते थे। इसका कारण यह था कि साढ़ेसाती के दौरान प्राप्त तकलीफों से उन्हें ईश्वर को प्राप्त करने में मदद मिलती थी। साधु संत शनि को मोक्ष प्रदायक कहा करते थे। वर्तमान में शनि डर का विषय इसलिए बन गये हैं क्योंकि मनुष्य सुख भोगी हो गया है और उसकी सहनशीलता कम हो गयी है।
शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति अपने जन्म-जन्मांतर के संचित कर्मों के कारण ही सुख-दुख प्राप्त करता है। जब तक कर्मों का फल समाप्त नहीं होता है तब तक जीवन मरण का चप्र चलता रहता है। जो लोग सुख की अभिलाषा करते हैं उन्हें बार-बार जन्म लेकर दु?ख सहना पड़ता है। इसलिए दु: ख से बचने का एक मात्र उपाय यह है कि दु:ख सह कर भी ईश्वर से शिकायत न करो, सुख अपने हिस्से में स्वयं आ जाएगा।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (15 जनवरी 2024)
15 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, लेन-देन के मामले में हानि, चिन्ता असमंजस रहेगा।
वृष राशि :- विवाद ग्रस्त होने से बचें, उत्तम भावना, क्लेश व हानि, असमंजस की स्थिति रहेगी।
मिथुन राशि :- व्यग्रता असमंजस में रखे, विषय व्यवस्था से बचने की चेष्ठा अवश्य करें।
कर्क राशि :- स्त्री से भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति तथा सुख-समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- समय और धन नष्ट होगा, क्लेश व अशांति, विघटनकारी तत्वों से परेशानी बनेगी।
कन्या राशि :- नवीन योजना फलप्रद होगी, भावनायें संवेदनशील बनी रहेंगी, धैर्य रखकर कार्य करें।
तुला राशि :- धन का व्यर्थ व्यय होगा, कार्य कुशलता से संतोष होगा, मनोबल बनाये रखें।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, समय अनुकूल नहीं कार्य स्थगित रखें।
धनु राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी।
मकर राशिः- मान-प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, कार्य कुशलता से संतोष होगा, समय स्थिति का ध्यान रखें।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्र सुख वर्धक होंगे तथा भाग्य का सितारा प्रबल अवश्य ही होगा।
मीन राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यकर्ता व कार्य कुशलता से संतोष होगा, शांति रहेगी।
महाकाल मंदिर में पूजन के बाद श्रीराम की चरण पादुका चित्रकूट रवाना, साधु-संतों ने लिया आशीर्वाद
14 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरण पादुका को उज्जैन से चित्रकूट होते हुए अयोध्या ले जाने के लिए शनिवार को साधु-संतों ने बाबा महाकाल के दर्शन व पूजा-पाठ कर प्रस्थान किया. कहते हैं कि भगवान राम अपने वनवास के साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट में बिताया है. उनके साथ माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी थे. तभी से चित्रकूट को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है.
बाबा सत्यनारायण मौर्या ने कहा कि अभी यह रथ यात्रा लंका से उज्जैन आयी है. इसके बाद चित्रकूट से यह यात्रा प्रारंभ होगी. 15 जनवरी 2024 को चित्रकूट से भरतकूप तक जाएगी. भरतकूप वही जगह है जहां भरत ने जल कुएं में डाला था. भगवान राम का अभिषेक करने के लिए भरत जी जल ले गए थे. जब श्री राम ने राजा बनना स्वीकार नहीं किया, तो सम्पूर्ण जल को भरत जी ने कुएं मे डाला दिया था.उस कुएं का नाम भरतकूप रखा गया.साधु संत सबसे पहेल मन्दाकिनी का जल लेंगे, उसके बाद प्रयागराज से गंगा जी का जल लेंगे और पवित्र नदियों का जल लेकर 19 तारिक को अयोध्या पहुंचेगे
श्री राम के जहा से गुजरे उन मार्गो से निकलेगी चरण पादुका
श्री लंका से यह यात्रा प्रारंभ हुई. उज्जैन बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर यात्रा को आगे बढ़ाया गया. यह यात्रा 15 जनवरी को चित्रकूट पहुंचेगी. जहां-जहां से श्री राम गुजरे हैं. यह चरण पादुका वहां- वहां जाएगी. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि श्री राम उज्जैन भी पधारे देते थे. इसलिए यह यात्रा उज्जैन भी आई है. उज्जैन के बाद चित्रकूट से अयोध्या तक की यात्रा में भगवान राम और भरत के मिलन के स्थलों का दौरा किया जाएगा. यह यात्रा लोगों को भगवान श्रीराम के गुण और सेवा भावना की महत्वपूर्णता समझाने का माध्यम होगा.
मप्र सहित 8 राज्यों के 20 स्थल चिन्हित
राम से जुड़े जिन ऐतिहासिक स्थलों की पहचान की गई है. इनमें उत्तर प्रदेश में पांच, मध्यप्रदेश में तीन, छत्तीसगढ़ में दो, महराष्ट्र में तीन, आंध्र प्रदेश में दो, केरल में एक, कर्नाटक में एक, तमिलनाडु में दो और एक स्थल श्रीलंका में है. इस तरह ऐतिहासिक महत्व के 21 धार्मिक स्थल चिन्हित किया गया हैं.
भगवान हनुमान जी का ननिहाल है यह जगह, मकर संक्रांति को गंगा घाटों पर उमड़ती है भीड़
14 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के छपरा में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है. छपरा का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. रिविलगंज का यह इलाकागौतम ऋषि का क्षेत्र माना जाता है. गौतम ऋषि आश्रम से कुछ दूरी पर नाथ बाबा का प्रसिद्ध गंगा घाट है, जो जिला के सुरक्षित घाटों में से एक है. यहां मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के लिए छपरा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु आते हैं.
सारण के सबसे प्रसिद्ध गंगा घाटों में से एक रामघाट है. यह गंगा घाट बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है. इस घाट पर भी गंगा स्नान के लिए बिहार सहित उत्तर प्रदेश से भी लोग आते हैं. यहां लोगों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहता है. गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए घाट पर कई प्रकार की व्यवस्था की गई है. यहां भी मकर संक्रांति पर लोगों की भीड़ जुटती है.
शक्तिपीठों में शुमार होता है सारण जिला स्थित अंबिका भवानी मंदिर. यह मंदिर गंगा नदी के किनारे अवस्थित है. इसलिए यहां के गंगा घाट को लोग अंबिका भवानी घाट के नाम से जानते हैं. इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यहां लोग गंगा स्नान कर मां अंबिका भवानी की पूजा-अर्चना करते हैं. प्रमुख त्योहारों के दौरान यहां गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. यहां भी जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किया जाता है.
सारण जिला के सोनपुर में ही गजग्रह हुआ था. यहां का इतिहास काफी पुराना है. सारण जिला के सुरक्षित घाटों में से एक है बाबा हरिहरनाथ गंगा घाट. यहां सारण छपरा के अलावा हाजीपुर से भी लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. वही गंगा स्नान कर श्रद्धालु हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी करते हैं. यहीं, पर विश्व प्रसिद्ध पशु मेला भी लगता है.
सारण जिला के प्रसिद्ध गंगा घाट की हम बात करें तो प्रसिद्ध घाटों में छपरा शहर से सेट पूर्वी छोड़ पर स्थित डोरीगंज का बंगाली बाबा का घाट भी शुमार होता है. यहां शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं लिए यहां उत्तम व्यवस्था रहती है. यह घाट गोताखोर, पुलिस, स्थानीय प्रशासन, सीसीटीवी कैमरे से लैस होता है.
भगवान की तस्वीर या मूर्ति से फूल गिरना देता है बड़ा संकेत, जानें क्या करें इस फूल का
14 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में देवी-देवता की पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. पूजा पाठ के दौरान देवी-देवता को फूल, माला, हल्दी, चंदन, कुमकुम, अक्षत और भोग अर्पित किया जाता है. इन सभी सामग्री का अपनी-अपनी जगह विशेष महत्व है. पूजा करते समय कई बार भक्त को भगवान खुद शुभ-अशुभ संकेत देते हैं, जिन्हें धार्मिक ग्रंथों में कई तरह के संकेत के रूप में देखा जाता है. इन्हीं संकेतों में से एक है मूर्ति से फूल का गिरना. अगर भगवान की मूर्ति से पूजा करते समय फूल गिर जाता है तो उसका क्या मतलब होता है\ जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
पूजा करने का विधान
हिंदू धर्म में असंख्य देवी-देवता हैं, जिनकी विधि विधान से पूजा करने से हर एक जातक को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. घर में विराजमान भगवान की सुबह और शाम पूजा करने का विधान है. मान्यता है नियमित रूप से भगवान की पूजा करने से उनका आशीर्वाद अपने भक्तों पर बना रहता है और उन्हें किसी तरह का कोई कष्ट नहीं होता.
फूल गिरने का अर्थ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर पूजा करते समय भगवान की मूर्ति या तस्वीर से फूल गिर जाता है तो यह एक बेहद शुभ संकेत माना जाता है. मूर्ति से फूल गिरना इस बात का संकेत है कि आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होने वाली है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ने वाली है.
स्वीकार हुई पूजा
एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान की मूर्ति या तस्वीर से फूल गिरने का मतलब है कि भगवान ने आपकी पूजा स्वीकार कर ली है. जिस भाव से आपने पूजा आरंभ की थी, उसका फल जल्द ही आपको प्राप्त हो सकता है.
क्या करें इस फूल का
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवता की तस्वीर या मूर्ति से गिरे फूल को आशीर्वाद समझकर अपने पास संभाल कर रखें. इसके लिए एक लाल कपड़े में वो फूल, ₹1 का सिक्का और थोड़े से चावल लेकर इसकी पोटली बनाकर धन वाले स्थान पर रखना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी.
राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमा! बनाने के बाद कारीगर थे हैरान, इस मंदिर में बच्चों की भी क्लास
14 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन को तो हम सभी जानते हैं, जहां पर श्रीकृष्ण की लीलाओं के सबूत पग-पग पर मिलते हैं. लेकिन, जबलपुर में भी ऐसा स्थान है, जहां आपको वृंदावन जैसी ही अनुभूति मिलेगी. जहां कदम रखते ही आपको वृंदावन में होने जैसा अनुभव होगा. जबलपुर के राधा-कृष्ण मंदिर की एक और खासियत है.
जबलपुर रेलवे स्टेशन से करीब 8 किलोमीटर दूर रामपुर छापर क्षेत्र में स्थित राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित प्रतिमा के लिए कहा जाता है कि यह अद्भुत है. यह इनती सुंदर है कि बनाने के बाद कारीगर भी मंत्रमुग्ध हो गए थे. इस मंदिर का निर्माण स्वामी देवमित्रानंद जी महाराज द्वारा करवाया गया था. मंदिर में स्थापित अद्भुत प्रतिमा स्वामी देवमित्रानंद की कल्पना का ही एक स्वरूप है.
मंदिर में लगती है आध्यात्मिक क्लास
खास बात यह कि इस मंदिर में बच्चों के लिए पाठशाला भी लगती है. 2 साल से हर रविवार को यहां पर 5 से लेकर 20 साल तक के विद्यार्थियों के लिए पाठशाला लगाई जाती है. इसमें उन्हें योगासन, प्राणायाम और अन्य योग क्रियाएं कराई जाती हैं, ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे और उन्हें इस प्राचीन क्रिया की जानकारी रहे. साथ ही अध्यात्म से जुड़े रखने के लिए इन सभी बच्चों को गीता पाठ, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और रामचरितमानस का पाठ करवाया जाता है. यह पूरी सेवा मंदिर समिति की तरफ से इन सभी बच्चों को लिए निशुल्क है. शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के नाश्ते का भी इंतजाम हर रविवार को किया जाता है.
पूरे हफ्ते चलते हैं धार्मिक कार्यक्रम
मंदिर में पूरे हफ्ते विभिन्न कार्यक्रम चलाते रहते हैं, जहां पर हफ्ते में 2 दिन महिला मंडल द्वारा सुंदरकांड का पाठ करवाया जाता है. इसमें तकरीबन 100 महिलाएं उपस्थिति रहती हैं. एक दिन पुरुष मंडल द्वारा भी सुंदरकांड का पाठ होता है. उसमें भी तकरीबन 100 से अधिक पुरुष रहते हैं. यह पाठ 2021 से लगातार चला आ रहा है, जिसमें गुरुवार और शुक्रवार के दिन महिलाओं द्वारा सुंदरकांड का पाठ कराया जाता है. वहीं शनिवार को पुरुषों द्वारा पाठ करवाया जाता है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (14 जनवरी 2024)
14 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय होगा, मन उद्विघ्न रहेगा।
वृष राशि :- मानसिक बेचैनी, क्लेश व अशांति के योग बनेंगे तथा कार्य अवश्य बढ़ेगा।
मिथुन राशि :- व्यर्थ भ्रमण से धन हानि, आरोप, क्लेश से बचें तथा स्थिति संदिग्ध रहेगी।
कर्क राशि :- परिश्रम से कुछ सफलता मिलेगी, अर्थ-व्यवस्था कुछ अनुकूल रहेगी ध्यान दें।
सिंह राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्यगति में सुधार होगा, कार्य आनंद से होगा।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, व्यक्तिगत मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
तुला राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, सामाजिक कार्य में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल होगा, कार्यगति में सुधार होगा, बिगड़े कार्य बनेंगे।
धनु राशि :- कुटुम्ब में धन का व्यय, मानसिक व्यग्रता, स्वाभाव में बेचैनी रहेगी।
मकर राशिः- चिन्ता दूर होगी, सफलता के साधन जुटायेंगे, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
कुंभ राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, कार्यगति में अनुकूलता अवश्य ही बनेगी, चिन्ता कम होगी।
मीन राशि :- अधिकारियों से तनाव स्थिगित रखें, मित्रों से विवाद तथा धोखा होगा।
पितृ दोष से चाहते हैं मुक्ति? मकर संक्रांति पर जरूर करें काले तिल के ये 5 उपाय; घर के क्लेश भी होंगे खत्म
13 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष भर की 12 संक्रांतियों में से एक मकर संक्रांति का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मान्यता है कि जो व्यक्ति पौष माह कृष्ण पक्ष की संक्रांति को सूर्यदेव की आराधना करता हैं उसके ऊपर सूर्य देव की कृपा दृष्टि बनी रहती है.
मकर संक्रांति के दिन काले/सफ़ेद तिल के उपाय अत्यन्त फलदायी माने गए हैं. पण्डित देवानन्द जी ने बताया कि इस दिन तिल से किए गए उपाय कई तरह से शुभकारी और फलदायी होते हैं, इनमें कर्ज से मुक्ति, बुरी नजर से बचत, घर के क्लेश से छुटकारा, पितृ दोष से मुक्ति सहित धन, खुशहाली जैसे लाभ होते हैं.
काले/सफेद तिल के उपाय…
1.पितृ शांति के लिए काले तिल का उपाय
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान कर बहते हुए जल में पितरों को स्मर्ण करते हुऐ काले तिल अर्पित करें. इसके अलावा गरीबों को काले तिल दान करें. इससे पितृ खुश होंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा.
2. बुरी नजर से मुक्ति के लिए तिल का उपाय.
नहाने वाले पानी में कुछ तिल के दाने डाल कर स्नान करें या कुछ समय पहले साफ़ पानी में तिल भिंगोकर उसका उबटन बनाएं, इससे आपकी बुरी नजर से रक्षा होगी.
3.काले तिल से कर्ज मुक्ति के उपाय
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय लोटे में कुछ काले तिल लें और अर्घ्य दें. साथ ही एक मुठ्ठी तिल को कपड़े में बांध कर किसी पीपल के वृक्ष की जड़ में यानी जड़ की मिट्टी खोद कर उसी में मिट्टी से दवा दें इससे आप को कर्ज से मुक्ति मिलेगी.
4. धन लाभ के लिए काले तिल का उपाय
संक्रांति की संध्या काल लाल कपड़े में थोड़े तिल लेकर उसकी पोटली बना कर सूर्यदेव को अर्पित करें और तिजोरी में रख लें, इससे आपका खर्च कम होगा और धन की कमी दूर होगी.
5. मनोकामना पूर्ण करने तिल का उपाय
मकर संक्रांति को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. ऐसे में यदि आप पवित्र नदी में स्नान कर लाल चन्दन, लाल फूल, अक्षत, गुड़, तिल से उन्हे अर्घ्य देते हैं, तो निश्चय ही आप पर सूर्य देव की कृपा बरसेगी और आपकी सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होगी.
मकर संक्रांति पर नहीं जा पा रहे गंगा स्नान के लिए...तो घर बैठे करें ये काम, कट जाएंगे जन्म जन्मांतर के पाप
13 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मकर संक्रांति में गंगा स्नान और दान का खास महत्व माना जाता है. माना जाता है कि जो भी भक्त इस दिन गंगा स्नान करते हैं उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही मकर संक्रांति में सूर्य देव की पूजा आराधना की भी परंपरा है, क्योंकि इसी दिन सूर्य देव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. इस दिन नदी में स्नान कर भगवान सूर्य को जल अर्पण जरूर करना चाहिए.
इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और साल भर भगवान सूर्य की कृपा से जातक की जिंदगी में खुशहाली बनी रहती है. वहीं कई लोग मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाते हैं ऐसे मे क्या करें, जिससे गंगा स्नान के बराबर पुण्य मिले. आइए जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य जी से?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है और यह नए साल का पहला पर्व भी माना जाता है. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, दान और सूर्यदेव की पूजा का विधान है. इस दिन गंगा में स्नान कर सूर्य देव की पूजा जरूर करनी चाहिए. इसके साथ ही अगर जातक मकर संक्रांति के दिन वस्त्र, अनाज, पैसा आदि का दान करते हैं तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
मकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय
ज्योतिषआचार्य की मानें तो मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का बहुत ही खास महत्व है, लेकिन कई लोग उस दिन गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर में यह विधि कर गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं. घर में स्नान करते वक्त पानी में गंगाजल और तिल मिला लें और स्नान करते वक्त एक मंत्र का जाप करे वह मंत्र है “गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति”, नहीं तो पानी को हाथ में लेकर गंगा गंगा सात बार कहें. इससे आपको घर में ही गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी.
बुरे वक्त को अच्छा बना देंगी आचार्य चाणक्य की ये 3 नीतियां
13 Jan, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आचार्य चाणक्य भारत के महापुरूष थे। वो चंद्रगुप्त मौर्य की गुरु भी थीं। यह भी उल्लेख मिलता है कि चन्द्रगुप्त मौर्य ने उनकी शिक्षाओं का पालन किया। चाणक्य ने नीति शास्त्र का प्रतिपादन किया।
चाणक्य नीति के अनुसार अगर किसी व्यक्ति पर कोई संकट आ जाए तो उसे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कहां ध्यान देना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार संकट के समय व्यक्ति को हमेशा सावधान रहना चाहिए। बुरे वक्त में व्यक्तिगत समस्याओं का पहाड़ खड़ा हो जाता है, मगर उनसे पार पाने के उपाय बहुत कम होते हैं। ऐसे में उस व्यक्ति द्वारा की गई एक छोटी सी गलती भी बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है.
चाणक्य नीति के अनुसार संकट के समय अपने परिवार की जिम्मेदारी लेना हर व्यक्ति का पहला कर्तव्य है. यदि परिवार स्वस्थ है तो वह संकट से आसानी से निकल सकता है। इसलिए आपको अपने परिवार के लिए विशेष सुरक्षा बरतने की जरूरत है।
नीति के मुताबिक मनुष्य को संकट के समय अपना धन-संपत्ति बचाकर रखना चाहिए। यदि व्यक्ति के पास पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है तो बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। मगर अगर आपके पास पर्याप्त पैसा है तो आप आसानी से उस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार संकट के वक्त पैसा ही व्यक्ति का सबसे अच्छा मित्र होता है। साथ ही जिस व्यक्ति के पास धन की कमी या कमी होती है उसे इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए कई कठिन हालातों का सामना करना पड़ता है।
कभी भी नहीं छूने चाहिए इन 5 लोगों के पैर, छूआ तो हो सकती है अनहोनी!
13 Jan, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में प्रतिस्पर्धा करके बड़ों का आशीर्वाद लेने की एक लंबी परंपरा है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार कुछ लोगों के पैरों के आगने नहीं झुकना चाहिए। आइए जानते हैं किन लोगों के पैरों पर नहीं गिरना चाहिए।
किसी साधु से नींव नहीं लेनी चाहिए। शास्त्र कहते हैं कि तपस्वी केवल अपने गुरुओं के चरणों में गिर सकते हैं। भांजे को मामा के चरणों को नहीं छूने चाहिए. जब से भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया तब से इस नियम का पालन किया जा रहा है।
ऐसा कहा जाता है कि सोते हुए या लेटे हुए व्यक्ति के पैर नहीं पड़ने चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि दामाद को ससुर के पैरों में नहीं गिरना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह नियम तब से लागू है जब शंकर ने दक्ष का वध किया था। किसी का भी पैर मंदिर के अंदर नहीं पड़ना चाहिए। ऐसा करना मंदिर में भगवान का अनादर माना जाता है।
आपको बता दें कि पैर छूने से न केवल आपको अच्छा आशीर्वाद मिलता है, बल्कि इससे आपका नर्वस सिस्टम भी पहले अच्छा हो सकता है। दरअसल, जब आप पैर छूते हैं, तो इससे उंगलियों के पॉइंट्स दबते हैं, जिससे आपके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (13 जनवरी 2024)
13 Jan, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, कार्य व्यवसाय गति उत्तम, स्त्री वर्ग से क्लेश अवश्य होगा।
वृष राशि :- धन प्राप्ति के योग बनेंगे, नवीन मैत्री-मंत्रणा प्राप्त होगी ध्यान अवश्य दें।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र सहायक होंगे, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी तथा कार्य बनेंगे।
कर्क राशि :- सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा, कार्य कुशलता से संतोष तथा रुके कार्य बनेंगे।
सिंह राशि :- सोचे कार्य परिश्रम से समय पर पूर्ण होंगे, व्यवसाय गति उत्तम होगी।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहेगा, कार्य कुशलता से संतोष होगा।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसायिक गति उत्तम तथा व्यवसायिक चिन्ता कम होगी, समय का ध्यान रखें।
वृश्चिक राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार होगा, असमंजस तथा सफलता के कार्य अवश्य होंगे।
धनु राशि :- स्थिति अनियंत्रित रहेगी, समय स्थिति को ध्यान में रखकर कार्य अवश्य करें।
मकर राशिः- मानसिक खिन्नता से स्वाभाव में उद्विघ्नता बनेगी, विचारे कार्याें को धैर्य पूर्वक निपटायें।
कुंभ राशि :- योजना फलीभूत होगी, विघटनकारी तत्व परेशान करेंगे, समय से कार्य करें।
मीन राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्य कुशलता से संतोष तथा लाभ अवश्य ही होगा।
देवता के श्राप से जहां पत्थर बन गई थी पूरी बारात, संक्रांति मेले के लिए मशहूर है ये धाम
12 Jan, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बोकारो के बेरमो प्रखंड के पिछरी गांव के दामोदर तट के सामने स्थित हथिया बाबा धाम रहस्यमई धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने लिए पहुंचते हैं. यहां प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन भव्य मेला का आयोजन होता है. यहां श्रद्धालु नदी पर स्थित हाथी रूपी विशाल आकार के पत्थर हथिया बाबा की पूजा अर्चना करते हैं.
हथिया बाबा धाम के पुजारी बादल ने लोकल 18 से कहा कि यह धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां लोग बाबा के पास मनोकामनाएं लेकर लोग आते हैं. बाबा उनकी मनोकामना को पूर्ण करते है. प्राचीन काल से उनके पूर्वजों द्वारा हथिया बाबा धाम कि पूजा अर्चना करने आ रहे हैं. वहीं मकर संक्रांति के दिन यहां विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां पर विधि पूर्वक फल फूल अर्पण कर बकरा के बलि देने की प्रथा है.
बकरा के बलि देने की प्रथा
वहीं मंदिर से जुड़े रहस्य को लेकर पुजारी बादल ने कहा कि उनके पूर्वजों के कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में राजा अपने पुत्र का बारात लेकर दामोदर नदी के पास पहुंचा था, लेकिन उस वक्त नदी का जलस्तर उफान पर था तभी राजा ने नदी के जल स्तर को कम करने को लेकर ईश्वर से प्रार्थना कि और वचन दिया की नदी पार कर वह पूजा पाठ के साथ भोग लगायें.
यहां पूजा करने से पूरी होती है मनोकामना
नदी का जलस्तर चमत्कारी तरीके से कम हो गया. राजा ने सफलता पूर्वक नदी पार कर अपनी बेटे की शादी की लेकिन बारात लौटने के दौरान राजा अपने वचन से मुकर गया, जिसके बाद राजा समेत पूरी बारात दूल्हा दुल्हन पत्थर में बदल गए .जिसके बाद लोग ने पूरे आस्था के साथ पूजा अर्चना शुरू कर दी. हथिया बाबा धामप्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यहां वनदेवी और हनुमान जी के मंदिर भी है. इसके अलावा यहां पूरे साल श्रद्धालु मान्यता अनुसार नदी में स्नान कर हथिया बाबा की पूजा अर्चना करने के लिए जिससे सभी कि मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पौष महीने में शाक-सब्जी से करें भगवती की पूजा, इसी महीने है गुप्त नवरात्रि, मिटेंगे हर कष्ट
12 Jan, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नवरात्रि में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. साल में दो बार मुख्य रूप से नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. जिसमें कार्तिक के महीने में लोग शारदीय नवरात्र में माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. जबकि चैत्र महीने में वासंतिक नवरात्रि में भी माता दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है. लेकिन शायद ही लोगों को पता होगा कि साल में दो नहीं बल्कि चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य बताते हैं कि साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. इसमें एक नवरात्रि पौष महीने में भी मनाई जाती है. इस नवरात्रि में माता दुर्गा को कुछ खास चीजों से पूजा-अर्चना करने पर धन-धान्य की पूर्ति होती है.
जानिए कब मनाया जाएगा पौष महीने का नवरात्र
पंडित मनोहर आचार्य बताते हैं कि पौष महीने में शाकंभरी नवरात्रि मनाया जाता है. माता शाकंभरी को देवी भगवती का ही अवतार माना जाता है. शाकंभरी नवरात्र पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी को शुरू होता है और इस बार अष्टमी 17 जनवरी की रात 10:07 से शुरू होगा. शाकंभरी नवरात्रि का प्रारंभ गुरुवार 18 जनवरी 2024 को होगा जबकि 25 जनवरी 2024 को शाकंभरी नवरात्रि का समापन होगा. यह बाकी नवरात्रि की तरह 9 दिनों तक नहीं बल्कि 8 दिनों तक ही चलता है.
इस चीज से लगाए भोग तो प्रसन्न हो जाएंगे माता शाकंभरी
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि देवी शाकंभरी को अगर तरह-तरह के शाक-सब्जी का भोग लगाया जाए तो मां देवी शाकंभरी प्रसन्न होती हैं. इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि इनका अवतार अकाल को समाप्त करने के लिए हुआ था.
इसलिए सब्जी-फल इत्यादि का भोग लगाने से देवी शाकंभरी प्रसन्न होती हैं. इतना ही नहीं शाकंभरी नवरात्रि के दौरान अगर मालपुआ का भोग लगाया जाए तो देवी शाकंभरी धन-धान्य की पूर्ति करती हैं.