धर्म एवं ज्योतिष
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (21 फ़रवरी 2024)
21 Feb, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट मित्रों से कार्य में बेचैनी व रुकावट होगी, असमर्थता का वातावरण रहेगा।
वृष राशि :- आशानुकूल सफलता से कार्य बनेंगे, रुके कार्य बनने के योग हैं ध्यान अवश्य दें।
मिथुन राशि :- परिश्रम से सफलता, कार्य बनेंगे, रुके कार्य एक-एक करके बनेंगे।
कर्क राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें कुछ सुलझें, व्यवसायिक क्षमता अवश्य बढ़ेगी।
सिंह राशि :- विशेष कार्य स्थिगित रखें, किसी विवाद या झगड़े से निश्चय हानि होगी।
कन्या राशि :- सोचे कार्य परिश्रम से पूर्ण होंगे, समय स्थिति का ध्यान रखकर कार्य अवश्य करें।
तुला राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष, दैनिक कार्य में सुधार होगा, धैर्यपूर्वक कार्य करें।
वृश्चिक राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, मानसिक विभ्रम, उत्तेजना से बचने का प्रयास करें।
धनु राशि :- धन लाभ, बिगड़े हुये कार्य बनेंगे, इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, समय का ध्यान रखें।
मकर राशि :- विशेष कार्य बिगड़ेंगे, विवाद झगड़े का कारण बनेगा, विवादास्पद स्थिति से बचें।
कुंभ राशि :- कुटुम्ब के कार्य में समय बीतेगा, स्त्री वर्ग से तनाव अवश्य ही होगा।
मीन राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, व्यर्थ विभ्रम, धन का व्यय तथा अवरोध होगा।
नदियों में नारियल चढ़ाते वक्त कहीं आप भी तो नहीं करते ये गलती? जानें विधान नहीं तो होगा अपमान
20 Feb, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में पूजा में श्रीफल (नारियल) का अत्यधिक महत्व है. देवी-देवताओं के मंदिरों में नारियल चढ़ाने के अलग-अलग विधान हैं. नर्मदा समेत पवित्र नदियों में भी नारियल चढ़ाने का एक विधान है, लेकिन देखा जाता है कि लोग नर्मदा में नारियल चढ़ाते हुए पानी में फेंक देते हैं. जबकि, यह तरीका गलत माना गया है.
बता दें कि शिव पुत्री नर्मदा विश्व की इकलौती नदी हैं, जिनकी पूर्ण परिक्रमा की जाती है. मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से जो पुण्य मिलता है, वह नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है. इसलिए नर्मदा की महिमा और भी अधिक बढ़ जाती है. नर्मदा पूजन का अपना एक विधान है, जिसका पालन करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है.
क्या है सही तरीका
खरगोन की पवित्र नगरी मंडलेश्वर के निवासी ज्योतिषाचार्य एवं कथावाचक पंडित पंकज मेहता ने बताया कि पवित्र स्थलों एवं नदियों में पूजन सामग्री अर्पित की जाती है. नर्मदा में श्रीफल चढ़ाया जा रहा है तो उसे चरणों में अर्पण के भाव से होना चाहिए.
पुराणों में मिलता है वर्णन
नर्मदा पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण, नारद पुराण सहित स्मृति ग्रंथों में नर्मदा का पूजन और पूजन सामग्री सहित नारियल अर्पण करने विधान बताया गया है. इसके अनुसार नारियल नर्मदा के तट पर दोनों हाथों से बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए.
फेंकने से होता है अपमान
नर्मदा में नारियल फेंकना एक अपमान की दृष्टि से देखा जाता है. यदि हम किसी को कोई सामग्री भी देते हैं तो दोनों हाथों से देते हैं, न की फेंककर. उसी प्रकार नर्मदा के प्रति भी मन में भक्ति रखते हुए दोनों हाथों से नारियल अर्पण करना चाहिए. चूंकि शास्त्रों में भी अर्पण का विधान है, फेंकने का नहीं.
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25 मार्च को मनाई जाएगी होली, 5 उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी, हर बीमारी से मिलेगा छुटकारा
20 Feb, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक होली बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है इस बार होली का दहन 24 मार्च 2024 को होगा और उसके अगले दिन यानी 25 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी. इस दिन आप कुछ सरल ज्योतिषी उपाय करके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या और आर्थिक तंगी को दूर कर सकते हैं. वे कौन से उपाय हैं बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
1. सुख-समृद्धि पाने का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन के बाद उस राख को लेकर मुख्य द्वार और घर में चारों तरफ छिड़क दें. ऐसा करने से आपके घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और सुख-समृद्धि बढ़ने लगेगी.
2. खत्म होगा जादू-टोने का असर
अगर आपको लगता है कि घर में किसी के ऊपर जादू टोना किया गया है, तो होलिका दहने वाले दिन घर के सभी लोग सरसों के तेल का उबटन लगाकर, उससे निकलने वाले मेल को होलिका दहन की अग्नि में जला दें. इस उपाय से आपका शरीर स्वस्थ हो जाएगा और जादू टोने का असर भी खत्म हो जाएगा.
3. दूर होगा घर का नजर दोष
कुश, जौ, अलसी और गाय का गोबर लेकर छोटा सा उपला बनाएं और इस उपले को घर के मुख्य द्वार पर लटका दें. ऐसा करने से आपका घर बुरी नजर, टोने टोटके और हर तरह की परेशानी से सुरक्षित रहेगा.
4. दूर होंगे सारे रोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन वाले दिन होलिका अग्नि के हाथ जोड़कर चारों तरफ तीन परिक्रमा जरूर करें. ऐसा करने से आपको हर रोग से मुक्ति मिल सकती है.
5. लगाएं त्रिपुंड
होलिका दहन के दिन होली का अग्नि की राख लेकर माथे पर बाएं तरफ से दाएं तरफ की ओर खींचती हुई 3 रेखाओं से त्रिपुंड बनाएं. मान्यता है कि इसे लगाने से 27 देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.
देश में सबसे पहले यहां होता है होलिका दहन, नहीं देखा जाता मुहूर्त, अद्भुत है महाकाल की होली
20 Feb, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व भर में सबसे पहला होलिका दहन भगवान महाकाल के दरबार में होता है. इसके बाद देशभर में होलिका जलाई जाती है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, महाकाल के दरबार में होलिका दहन की तैयारी एक दिन पहले ही कर ली जाती है. खास बात यह कि महाकाल के दरबार में होलिका दहन के लिए किसी प्रकार का मुहूर्त नहीं देखा जाता.
इसके पहले हजारों की संख्या में भक्त महाकाल की भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं. भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं. संध्या आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंग से पट जाता है. इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु हर साल होली के एक दिन पहले उज्जैन पहुंचते हैं. महाकाल मंदिर परिसर में होने वाले होलिका दहन का अपना अलग ही महत्व है.
महाकाल मंदिर में कब है होली?
ग्वालियर पंचांग के अनुसार, 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में 24 मार्च 2024 को प्रदोष काल में मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन किया जाएगा. अगले दिन 25 मार्च 2024 को सुबह भस्म आरती के बाद बाबा को अबीर और हर्बल गुलाल का श्रृंगार कर रंगोत्सव मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में मनाए जाते हैं.
आरती में जमकर उड़ता है फूल-गुलाल
महाकाल वन में ही सिद्धि विनायक गणेश मंदिर के पुजारी चमु गुरू ने बताया कि महाकाल मंदिर के आंगन में 24 मार्च को गोधूलि बेला में होलिका दहन किया जाएगा. इससे पहले संध्या आरती में भगवान महाकाल के साथ जमकर होली खेली जाएगी. इस अवसर पर महाकाल के हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आएंगे. होली के इस पावन पर्व का सभी भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. होली के एक दिन पहले ही महाकाल मंदिर में पुजारियों और श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महाकाल के साथ होली खेली जाएगी. इसके बाद पुजारी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना कर होलिका दहन करेंगे. देश में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: 24 मार्च 2024 रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
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इस विधि से करें जया एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा, जीवन में मिलेगी खूब तरक्की!
20 Feb, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैसे तो साल में कई एकादशी व्रत आते है. उन्हीं एकादशी व्रतों में से एक है जया एकादशी व्रत, जो हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस साल जया एकादशी व्रत कल यानि 20 फरवरी, मंगलवार को रखा जाएगा. मान्यता ऐसी है कि इस एकादशी के व्रत को सच्ची आस्था और विधि विधान से करने से जीवन की सारी कठिनाइयां और दोष समाप्त हो जाते हैं. तो आईए जानते हैं जया एकादशी के दिन ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जो इस एकादशी के अवसर पर करने चाहिए.
ज्योतिषी पं. ललित कुमार शर्मा बताते है कि सभी एकादशियों के व्रतों में जया एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. माघ पक्ष की शुक्ल एकादशी को ही जया एकादशी कहा जाता है. इस दिन प्रातः सुबह उठकर भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए संकल्प लेना चाहिए कि आज हम जया एकादशी करेंगे, हे प्रभु विष्णु आप हमें शक्ति देना, इसी कामना के साथ इस व्रत को स्नान करने के बाद करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस एकादशी वाले दिन नित्यक्रिया करने के बाद में भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए. विष्णु पूजन के साथ-साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी का भी पूजन करना चाहिए.
जरूर करना चाहिए यह व्रत
ज्योतिषी पं. ललित कुमार शर्मा का कहना है कि जिन लोगों के जीवन में भूत-प्रेत जैसी समस्या या फिर जिन लोगों के गण -वर्ग कमजोर हों, उन्हें तो इस एकादशी व्रत को जरूर करना चाहिए. इस व्रत को करने से मनुष्य की ऐसे सभी संकट और समस्या दूर हो जाती है.
ऐसे करें यह व्रत
इस व्रत वाले दिन सुबह स्नान करने के पश्चात भगवान विष्णु के सामने एक दीपक जलाकर और एक हाथ में जल लेकर एक संकल्प लेना चाहिए कि आज के दिन हम ब्रह्मचार्य का पालन करेंगे और केवल सात्विक भोजन ही करेंगे. क्योंकि सात्विक भोजन करने से विचार उत्तम होते हैं. इसी कामना से ही यह व्रत करना चाहिए और इसमें सात्विक भोजन करने के बाद आप शाम के वक्त फलाहार भी ले सकते हैं.
इस दिन प्रभु के स्मरण में उन्हें भजन- गीत भी सुनाने चाहिए. ज्योतिषी ललित कुमार शर्मा बताते हैं कि जया एकादशी व्रत को करने से मनुष्य का ओज और तेज दोनों ही बढ़ जाते है. साथ ही जीवन में आने वाली सारी कठिनाइयां भी दूर हों जाती है और विजय की प्राप्ति होती है. पंडित शर्मा बताते हैं कि स्टूडेंट को भी परीक्षा में सफलता पाने के लिए जया एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (20 फ़रवरी 2024)
20 Feb, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्वभाव में खिन्नता, मानसिक बेचैनी, शारीरिक असमर्थता बनी रहेगी।
वृष राशि :- बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा, स्त्री वर्ग से हर्ष रहेगा, समय का ध्यान रखें।
मिथुन राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझें, बिगड़े कार्य बनेंगे तथा हर्ष अवश्य ही होगा।
कर्क राशि :- कार्य कुशलता से हर्ष, सामाजिक कार्य में वृद्धि, प्रभुत्व वृद्धि होगी।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता मिलेगी, मानसिक विभ्रम से अवश्य बचें।
कन्या राशि :- मानसिक शिथिलता से बेचैनी, अर्थ-व्यवस्था अनुकूल होगी, व्यर्थ व्यय होगा।
तुला राशि :- कार्य कुशलता से संतोष होगा, आर्थिक लाभ होगा, कार्य योजना फलीभूत होगी।
वृश्चिक राशि :- आकस्मिक विभ्रम व बेचैनी, चिन्तायें परेशान करेंगी, धैर्य से काम लें।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता मिलेगी, मानसिक विभ्रम से परेशानी, लाभ होगा।
मकर राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, शुभ समाचार हर्षयुक्त रखेगा, विशेष कार्य बनेंगे।
कुंभ राशि :- मानसिक व्यग्रता, विघटनकारी तत्व परेशान करेंगे, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मीन राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील रहेगी, आकस्मिक धन लाभ से संतोष होगा।
नदियों में क्यों फेंके जाते हैं सिक्के? 90% लोग नहीं जानते होंगे सही वजह
19 Feb, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में नदियों से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. गंगा, यमुना, नर्मदा सहित अन्य पवित्र नदियों में सिक्के फेंकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. प्राचीन काल से ही लोग नदियों में सिक्के फेंक कर हाथ जोड़ते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लोग ऐसा क्यों करते हैं, इसके पीछे का धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक महत्व क्या है?
खरगोन की पवित्र नगरी मंडलेश्वर के निवासी ज्योतिषाचार्य एवं कथावाचक पंडित पंकज मेहता ने बताया कि हिंदू धर्म में दक्षिणा चढ़ाना पूजन का एक अंग माना गया है. यह प्रथा वैदिक परंपरा का हिस्सा रही है. नर्मदा नदी सहित तीर्थ स्थलों पर खाली हाथ नहीं जाते. वहां कुछ न कुछ अर्पण करना चाहिए.
सिक्के डालने का वैज्ञानिक महत्व
प्राचीन काल में ऋषियों-विद्वानों ने सामाजिक और धार्मिक व्यवस्था के लिए सिद्धांत प्रतिपादित किए थे. नदी, तालाब या अन्य जल स्त्रोत के जल पीने के लिए उपयोगी और पवित्र माने गए हैं, इसलिए पानी के शुद्धिकरण के लिए पहले सोने, चांदी, तांबे के सिक्के नदियों में डाले जाते थे. ये सिक्के नदियों में मिलकर पानी को शुद्ध करने का काम करते थे.
अब कौन से सिक्के डालें
आज के समय में सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों की जगह लोहे, एल्यूमीनियम के सिक्कों ने ले ली है. वर्तमान में लोग नदियों में इन्हीं धातुओं से बने सिक्के फेंक रहें है, जो नदी के पानी को शुद्ध करने के बजाय दूषित कर रहे हैं. इसलिए अगर डालना ही है तो सोने, चांदी या तांबे के तार का टुकड़ा या अन्य कोई धातु नदी के बीच डालें. वर्तमान चलन के सिक्के नदियों के तट पर रखें, पानी में फेंके नहीं.
क्या है धार्मिक महत्व
पंडित पंकज मेहता ने नदियों में सिक्के फेंकने का धार्मिक महत्व भी बताया. उन्होंने कहा कि नदियों में नहाने से हमारा शरीर शुद्ध होता. जिससे व्यक्ति पर नदियों का कर्ज चढ़ता है. इस कर्ज को उतारने के लिए भी नदियों में सिक्के डालने की प्रथा रही है. शास्त्रों में यह भी बताया है कि जल स्रोतों में जा रहे हैं तो वहां से 5 मुट्ठी गाद, मिट्टी, और पत्थर बाहर निकाल दें.
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माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान के बाद करें इस चमत्कारी मंत्र का जाप, होगा परेशानियों का अंत
19 Feb, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में माघ का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. माघ के महीने में पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधानपूर्वक पूजा आराधना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार माघ माह की पूर्णिमा 24 फरवरी को है.
इस खास अवसर पर लोग गंगा जैसे पवित्र स्थान पर स्नान और दान करते हैं. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है तथा शुभ फल की प्राप्ति भी होती है. अगर आप भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो माघ पूर्णिमा के दिन श्री हरि स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए.
कब है माघ पूर्णिमा?
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा की शुरुआत 23 फरवरी को दोपहर 3:33 से होगी और अगले दिन 24 फरवरी को शाम 59 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा.पंडित कल्कि राम ने बताया कि इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए श्री हरि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रही तमाम परेशानियां दूर हो जाती है.
श्री हरि स्तोत्रम्
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं समाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमावामभागं तलानग्रनागं कृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥
अगर प्रेत-बाधा से हैं परेशान तो ज्योतिष शास्त्र के ये उपाय दिलाएंगे राहत!
19 Feb, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मृत्यु के बाद 13 दिन तक क्रियाक्रर्म से जुड़े अंतिम संस्कार होते रहते हैं. जिनके बाद उस आत्मा को अंगूठे के बराबरसूक्ष्म शरीर प्राप्त होता है. यही वह शरीर होता है, जो मानव जीवन में किए गए कर्मों का फल भोगता है. ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार कठोपनिषद्, गरुड़ पुराण, मार्कंडेय पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है. मृत्यु के बाद हर मनुष्य को प्रेत योनी में जाना होता है. लेकिन पुराणों में ऐसे भी पुण्य कर्म बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति प्रेत बनने से बच सकता है. इन कर्मों को आप पंच ‘ग’ भी कह सकते हैं. आईए जानते हैं कौन से उपाय से प्रेत योनि से बच सकते हैं.
गीता का पाठ श्रीमद्भग्वतगीता स्वयं भगवान श्रीहरि के मुख से कही गई अमृतवाणी है. जो भी व्यक्ति अपने जीवनकाल में प्रतिदिन गीता का पाठ करता है, उसे मृत्यु के बाद प्रेत नहीं बनना पड़ता है. इसके साथ ही उसकी सद्गति हो जाती है. गंगाजल का हिंदू धर्म एवं वेद-पुराणों बहुत अधिक महत्व बताया गया है. यदि व्यक्ति अपने जीवनकाल में ही प्रतिदिन गंगाजल से स्नान करे और उसका सेवन करते है, तो उसे मृत्यु के बाद प्रेत नहीं बनना पड़ता है.दिन के किसी भी प्रहर में जब भी समय मिले, आप स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद गीता के कुछ श्लोकों, किसी अध्याय या चरित्र का पाठ जरूर करें
इस मंत्र का करें जप
व्यक्ति अपने जीवन काल ने रोजाना सूर्योदय के समय पूजन पाठ करते है. साथ ही गायत्री मंत्र का पाठ करते है. वे व्यक्ति भी मृत्यु के बाद प्रेत योनि से बच सकते है. गायत्री मंत्र बहुत प्रभावशाली एवं शक्ति प्रदाता मंत्र माना जाता है. लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि इस मंत्र का जप आप सूर्यास्त के बाद न करें.
पिंड दान जरूर करें
पं पंकज पाठक के अनुसार जो व्यक्ति अपने पूर्वजों का गया में पिंडदान करते है. उस व्यक्ति को अपने पूर्वजों के साथ ही मुक्ति मिल जाती है. फिर वह व्यक्ति भी मृत्यु के बाद प्रेत योनि में नही जाता है. साथ ही बताया गया कि बोध गया एक राक्षस गयासुर की पीठ पर बसा हुआ है. इस स्थान को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त है. इसलिए अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए एवं तीर्थ यात्रा के लिए व्यक्ति को जीवन में एक बार गया तीर्थ जरूर जाना चाहिए. इसके साथ अपने पूर्वजों का पिंडदान जरूर करना चाहिए.
गो माता की सेवा सबसे बड़ी
हम सभी जानते है कि गाए के शरीर मे सभी देवी देवता निवास करते है. हमारे धर्म ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है. इसलिए आप जीते जी अपने जीवन में गो माता की सेवा जरूर करें. रोजाना रोटी दें, हरा चारा दें एवं पानी पिलाये. अगर आप ऐसा करते है, तो मृत्यु के बाद आप प्रेत योनि से बच सकते है. साथ ही आपके सारे संकट भी दूर होते है. इसके साथ ही आप इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखे कि हमारे वेद-पुराण एवं धर्मग्रंथों में मुक्ति से संबंधित जो भी बातें बताई गई, वे सभी बातें तभी प्रभावकारी होती होगी. जब हम अपना आचरण सही रखें. कभी किसी का धन न हड़पे. साथ ही किसी निर्दोष व्यक्ति का दिल न दुखाएं.
सपने में गधा दिखाई देना, शुभ है या अशुभ? क्या इशारा करता है ये
19 Feb, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अक्सर हम सपनों में बहुत कुछ देखते हैं. कई बार तो अपने सपने हमें याद भी नहीं रहते. लेकिन अगर कोई सपना बार-बार हमें नजर आए तो इस बात की बेचैनी बढ़ जाती है कि ‘आखिर ये सपना मुझे बार-बार क्यों आ रहा है?’ अक्सर सपने में हमें कई तरह के जानवर नजर आते हैं. स्वप्न शास्त्र में हमें नजर आने वाले सपना का विस्तार से वर्णन किया गया है, ये सपने हमें आने वाली भविष्य की घटनाओं का संकेत देते हैं. सपने में कई लोगों को गधा नजर आता है. दिल्ली निवासी ज्योतिष विशेषज्ञ, श्रुति खरबंदा से जानते हैं कि हमारे सपने में गधा नजर आने का संकेत शुभ है या अशुभ.
शनि का प्रतीक है गधा
सपने में गधा दिखना एक अशुभ संकेत है. यदि आपको सपने में गधा नजर आ रहा है, तो इसका अर्थ लगाया जाता है कि ये व्यर्थ की अत्यधिक मेहनत की ओर ईशारा कर रहा है. असल में गधा, शनि का प्रतीक होता है. अगर आपको अपने सपने में लगातार गधा नजर आता है, तो ये संकेत देता है कि आपके जीवन में मेहनत ज्यादा है. ये इस बात की तरफ इशारा करता है कि आपके जीवन में इतनी मेहनत है, इतना संघर्ष है कि अब आपने अपना दिमाग और लॉजिक लगाना बिल्कुल बंद कर दिया. अब आप बस मेहनत करते चले जा रहे हैं.
गधा दिखाता है जीवन में संघर्ष और मेहनत
यहां ये बात समझने की भी जरूरत है कि आपको गधा किस स्थिति में दिखा है, उस पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. सपने में हो क्या रहा है, आपको किस तरह का गधा दिखा है, ये सभी चीजें अहम हैं. मोटे तौर पर गधा शनि का प्रतीक है और ये आपके जीवन में संघर्ष और मेहनत दिखा रहा है. असल में ये समझने की जरूरत है कि ये सपना इशारा कर रहा है कि कहीं ना कहीं आपके पास ज्ञान की कमी है. आपकी परेशानियों से बाहर आने के लिए सही ज्ञान आपको नहीं मिल रहा है. आप बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उसका फल आपको नहीं मिल पा रहा है. या कहें कि जो भी चीज आप जीवन में पा रहे हैं उसके लिए आपको बहुत ज्यादा संघर्ष करना ही पड़ रहा है. अक्सर गधा सपने में आने का मतलब ऐसा होता है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 फ़रवरी 2024)
19 Feb, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा तथा कार्यवृत्ति में सुधार होगा।
वृष राशि :- कार्य योजना पूर्ण होगी, रुके कार्य निपटा लेवें, कार्य योजना से लाभ अवश्य होगा।
मिथुन राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी, बिगड़े हुये कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
कर्क राशि :- समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे तथा कार्य कुशलता से हर्ष अवश्य होगा।
सिंह राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बिगड़े कार्य बनेंगे।
कन्या राशि :- अर्थ व्यवस्था अनुकूल होने पर भी धन लाभ की संभावना नहीं है, दु:ख होगा।
तुला राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा तथा कार्य कुशलता से लाभ होगा।
वृश्चिक राशि :- कार्य कुशलता अनुकूल रहेगी, धन का व्यय संभव है, समय का ध्यान रखें।
धनु राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, चिन्ता कम अवश्य होगी।
मकर राशि :- आशानुकूल सफलता से संतोष होगा तथा चिन्ता में कमी, धैर्य से काम लें।
कुंभ राशि :- विरोधियों के आक्षेप से हानि होगी, मानसिक व्यग्रता अवश्य ही बनेगी।
मीन राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील बनेगी, कार्य-व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी।
अबकी होली पर चंद्र ग्रहण; क्या सूतक के कारण सुबह नहीं खेला जाएगा रंग
18 Feb, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है. इसके अगले दिन होली का त्योहार होता है. साल 2024 में होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा. लेकिन, इस बार की होली कुछ खास है. होली के दिन ही 2024 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा, जिसका प्रभाव पर्व पर नजर आने वाला है.
हिंदी पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी 25 मार्च 2024 सोमवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है. लेकिन, इसका प्रभाव 12 राशि के ऊपर जरूर अवश्य पड़ेगा.
यह राशि रहे सावधान
होली के दिन चंद्र ग्रहण कन्या राशि में लगने जा रहा है. इस राशि में राहु पहले से ही विराजमान हैं. इसके चलते कन्या राशि को चंद्र ग्रहण के दिन संभल कर रहने की जरूरत है. चोट-चपेट की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाएंगी और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है.
भारत में दिखाई नहीं देगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, जिस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूतक मान्य नहीं होने से इसका प्रभाव होली के त्योहार पर नहीं पड़ेगा, इसलिए आप बिना किसी चिंता के होली का त्योहार मना सकते हैं. हालांकि, राशि अनुसार इसका प्रभाव मान्य होगा.
यहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
2024 का पहला चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर समेत कई क्षेत्रों में नजर आएगा. भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखाई देगा. वहीं, साल का आखिरा चंद्रग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा.
कब है माघ पूर्णिमा? स्नान के बाद करें ये काम ...कट जाएंगे पाप, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न!
18 Feb, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में माघ महीने के पूर्णिमा का बहुत महत्व है. इसे माघी पूर्णिमा भी कहते है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन का विधान है.इसके अलावा गंगा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है. बताते चलें कि शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को देव तिथि माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इन दिन देवता धरती लोक पर स्नान के लिए आते है. इसलिए इस दिन गंगा या पवित्र नदी में डुबकी जरूर लगानी चाहिए.
काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार माघ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से होगी जो 24 जनवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 24 फरवरी शनिवार को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी.
ऐसे करें माघी पूर्णिमा की पूजा
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए का दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर श्री हरि विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थान की सफाई कर विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से उनकी पूजा करनी चाहिए. इस दौरान वस्त्र, पुष्प, चंदन आदि अर्पण कर उनकी पूजा करनी चाहिए .इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है.
दान से कटेंगे पाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन जरूरतमंदो को दान जरूर करना चाहिए. गंगा स्नान के बाद इन दिन अनाज और फल के दान से जीवन के सभी कष्ट दूर होतें है.इसके अलावा पापों का शयन भी होता है.
जिन्न, भूत-प्रेत का साया हो या हो जादू-टोना, इस मजार पर लगा दें हाजिरी, पूरी होगी सारी मुराद
18 Feb, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मगध की धरती प्रारंभ काल से ही ऋषि-मुनि, साधक-संत, दरवेश, सूफी-संत और फकीरों की साधना स्थली रही है. आज भी क्षेत्र में एक से बढ़कर एक स्थान हैं, जहां दवा से ज्यादा दुआ का असर है. दुआ भी ऐसा कि जहां रहमत का करम सदैव बरकरार है. गया जिले की बीथोशरीफ दरगाह हिंदू-मुस्लिम आस्था का केंद्र है. गया-पटना मुख्य मार्ग पर स्थित गांव बीथो शरीफ में हजरत मखदूम सैयद शाह दुर्वेश रहमतुल्लाह अलेह की दरगाह है. इस दरगाह पर हिन्दू-मुस्लिम सभी हाजरी लगाने आते हैं.
यहां अक्सर जिन्न, भूत-प्रेत, जादू-टोना और लाइलाज बीमारी से पीड़ित लोग आते हैं. इस दरबार में फरियाद लगाने से उनकी मन्नतें पूरी होती हैं. यह भी कहा जाता है कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर विधानसभा चुनाव से पहले यहां चादरपोशी करते हैं. अगर वो नहीं आ पाते, तो उनके नाम से उनके समर्थक यहां चादर चढ़ाते हैं.
हजरत मखदूम सैयद शाह दुर्वेश अशरफ रहमतुल्लाह अलेह का मजार 600 साल पुराना है. इस दरगाह की ख्याति दूर-दूर तक है. लोगों की आस्था है कि लाइलाज बीमारी के मरीज बाबा के दरगाह पर हाजिरी देते हैं और कुछ दिनों में वो स्वस्थ हो जाते हैं. इस दरगाह पर हिन्दू-मुस्लिम एक समान इबादत करते दिखते हैं.
हजरत मखदूम सैयद शाह दुर्वेश रहमतुल्लाह साहेब ईरान मुल्क से आए थे. उन्होंने तीन बार पैदल हज किया था. उनकी दुआओं से यहां के राजा की इकलौती पागल बेटी ठीक हो गयी थी. राजा ने खुश होकर उन्हें तोहफे में जायदाद देना चाहा, लेकिन हजरत साहब ने राजा का तोहफा स्वीकार नहीं किया. बाद में राजा की छठी पीढ़ी ने 1100 बीघा जमीन दान में दिया था.
बिथो शरीफ दरगाह में हजरत मखदूम सैयद शाह दुर्गेश अशरफ रहमतुल्ला अलेह का 543वां उर्स 19 फरवरी से शुरू होगा, जो 23 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान मखदूम बाबा के खिरका, पगड़ी व बधी का अकीकतमंद दर्शन करेंगे. दरगाह आने वाले अकीकतमंद इस जगह पर सूफियाना कव्वाली का आनंद उठा सकेंगे. दरगाह के सज्जादा नशीम शैयद शाह अबरार अशरफ ने बताया यह दरगाह 600 साल पुरानी है. यहां मखदूम बाबा ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाया. साथ ही साथ लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया. यहीं वजह है कि आज भारत के कोने-कोने से अतीकतमंद यहां आते हैं और उनकी मुराद पूरी होती है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (18 फ़रवरी 2024)
18 Feb, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी, अनावश्यक व्यय होगा, रुके कार्य बन जायेंगे।
वृष राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, सफलता के साधन जुटायें, कार्य व्यवसाय में लाभ होगा।
मिथुन राशि :- समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे, कार्यक्षेत्र में सफलता अवश्य मिलेगी।
कर्क राशि :- अशुद्ध गोचर रहने से विशेष कार्य स्थगित रखें, लेन-देन के मामले में हानि संभव है।
सिंह राशि :- सामाजिक कार्य में प्रभुत्व वृद्धि होगी, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा इष्ट मित्रों से लाभ होगा।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा।
तुला राशि :- परिश्रम से सफलता संभावित हैं तथा आश्वासन से कार्य में विलम्ब होगा ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, समय अनुकूल है रुके कार्य बना ही लें।
धनु राशि :- समय विशेष अनुकूल है, भाग्य का सितारा साथ देगा, विशेष कार्य बन जायेंगे।
मकर राशि :- समय अनुकूल नहीं, समय के साथ कार्य करते रहें थोड़ा लाभ अवश्य होगा।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य करेंगे, अपेक्षाकृत अनुकूल समय तथा व्यवसाय के कार्य होंगे।
मीन राशि :- मित्र वर्ग से हर्ष, कार्य-व्यवसाय में समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।