धर्म एवं ज्योतिष
रंगभरी एकादशी के दिन करें तुलसी से जुड़ा यह चमत्कारी उपाय, दाम्पत्य जीवन रहेगा खुशहाल
19 Mar, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व माना जाता है. साल के प्रत्येक महीने में दो एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. जिसमें एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष की एकादशी. फागुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंग भरी अथवा आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक रंगभरी एकादशी तिथि 20 मार्च को है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा आराधना करने से मनुष्य को शुभ फल की प्राप्ति होती है.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक रंगभरी एकादशी तिथि की शुरुआत इस वर्ष 20 मार्च को रात्रि 12ः21 से होगी, जिसका समापन 31 मार्च को सुबह 2ः22 पर होगा. ऐसे में रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन अगर आप सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहते हैं तो रंग भरी एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करने चाहिए.
करें ये उपाय
अगर आप अपने दांपत्य जीवन में सुखी चाहते हैं तो फिर रंग भरी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में कलावा बांधना चाहिए. सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से माता तुलसी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन सुख मय रहता है.
इसके अलावा रंग भरी एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पौधे को सुहाग की सामग्री के साथ लाल चुनरी अर्पित करना चाहिए. मान्यता के मुताबिक ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं.
इसके साथ रंग भरी एकादशी तिथि के दिन पूजा के दौरान माता तुलसी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है.
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
होलिका दहन के समय जलती आग में डालें ये सामग्री, घर आएगी सुख-शांति और समृद्धि
19 Mar, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली का त्योहार होलिका दहन से शुरू हो जाता है. धार्मिक दृष्टि से देखें तो होलिका दहन एक पवित्र परंपरा है. इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा. कई लोग होलिका दहन के बाद सुख-समृद्धि के लिए होलिका की पूजा करते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि होलिका पूजन में किन सामग्रियों को अर्पण करना चाहिए? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुछ चुनिंदा वस्तुओं को होलिका दहन में डाला जाए तो घर से रोग-दोष समाप्त हो जाता है.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा. होलिका दहन अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक माना जाता है. दहन में कुछ उपाय करने से शुभ होता है. ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन में कुछ चीजों को अर्पण करने से सुख समृद्धि, खुशहाली और परिवार में सभी सदस्यों को रोगों से निजात मिलती है. वहीं, होलिका दहन के अगले दिन राख को अवश्य माथे पर लगाएं.
चंदन की लकड़ी
होलिका दहन के दिन जलती हुई अग्नि में इन प्रमुख चीजों का अर्पण अवश्य करना चाहिए. जैसे चंदन की लकड़ी को होलिका दहन के दिन जलाना चाहिए. जलती होलिका की अग्नि में चंदन की लकड़ी डालने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.
गोबर के उपले
होलिका की दहकती अग्नि में गोबर के उपले डालने चाहिए. इससे सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. घर में शांति आती है.
कपूर को भी डालें
होलिका दहन के दिन जलते हुई अग्नि में कपूर और उसके साथ पान का पत्ता, लौंग अवश्य अर्पण करना चाहिए. इससे परिवार के सदस्य रोग से मुक्त होते हैं.
गेहूं की बाली
होलिका दहन के समय अग्नि में गेहूं की बाली अवश्य डालें. इससे घर में कभी अनाज की कमी नहीं होगी.
काला तिल
होलिका दहन के दिन अगर जातक अग्नि में काला तिल ड़ालते हैं तो सभी प्रकार के दोष समाप्त होते हैं. घर में खुशहाली आती है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 मार्च 2024)
19 Mar, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - क्लेश व अशांति, परिश्रम करने पर भी अपयश होगा, क्रोध होगा, रुके कार्य पर ध्यान अवश्य दें।
वृष राशि - अधिकारियों का मेल-मिलाप फलप्रद होगा, कार्य कुशलता के साधन अवश्य ही बनेंगे।
मिथुन राशि - कार्य व्यवसाय में थकावट, बेचैनी, कुछ सफलता के साधन अवश्य ही बनेंगे।
कर्क राशि - कार्य कुशलता से संतोष, परेशानी व चिन्ताजनक स्थिति बनेगी, कार्य अवरोध होगा।
सिंह राशि - स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति तथा धर्मार्थ में धन व्यय होगा।
कन्या राशि - आर्थिक योजना समय पर पूर्ण होगी, सोचे कार्य बनेंगे ध्यान अवश्य दें।
तुला राशि - सामर्थ्य होते हुये कार्य विफलता बनी रहेगी, कार्य की प्राप्ति होगी।
वृश्चिक राशि - कुटुम्ब की समस्याओं से क्लेश तथा धन हानि होगी, मानसिक बेचैनी होगी।
धनु राशि - आरोप, क्लेश तथा अशांति से बचिये, भावपूर्ण वार्ता होगी, समय का ध्यान रखें।
मकर राशि - योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन जुटायें, लाभ होगा।
कुंभ राशि - परिश्रम करने पर भी सफलता न मिले तथा कार्य में अवरोध होगा।
मीन राशि - धन लाभ, सफलता का हर्ष, प्रभुत्व वृद्धि तथा सामाजिक कार्य बनेंगे।
एमपी में यहां हनुमान जी दिलाते हैं अदालती मुकदमों में जीत, जज से लेकर वकील तक झुकाते हैं शीष
18 Mar, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हनुमान जी को संकट मोचन और न्याय प्रिय भगवान माना जाता है.यही कारण है कि देश के लगभग हर इलाके में हनुमान जी को पूजा जाता है. शाजापुर में हनुमान जी के अलग मंदिर है,लेकिन शाजापुर की न्यायलय परिसर में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जिसकी अपनी एक विशेषता है.
शाजापुर जिले में अनेक प्राचीन और ऐतिहासिक धरोवर आज देखने मिल जाती है. शाजापुर में आज भी महाभारत कालीन शिव मंदिर आज भी स्थित है जो भक्तो को केवल दर्शन देने के साथ उनकी अर्जी भी स्वीकारते हैं. ऐसा ही एक शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्थित है न्याय प्रिय हनुमान मंदिर. हनुमान जी का यह मंदिर न्यायलय परिसर में स्थित है. इस हनुमान मंदिर में सुबह से लेकर शाम हनुमान जी के भक्तो का जमावड़ा देखने को मिलता है.
जज-वकील भी लगते है मंदिर में हाजरी
लोकल 18 की टीम से चर्चा करते हुए अभिभाषक नरेन्द तिवारी बताते है कि यह हनुमान जी का मंदिर काफ़ी पुराना है. यहाँ एक पहले छोटा सा औटला हुआ करता था.लेकिन लगभग 20 से 25 वर्ष पहले मंदिर का निर्माण हुआ.न्यायलय में आने वाले हर एक शख्स से इस मंदिर के प्रति आस्था बनी हुई है.जज-वकील भी मंदिर में हाजरी लगाते हैं.
झूठा प्रकरण होने पर हनुमान जी दिलवाते है न्याय
अभिभाषक नरेंद्र तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि यदि किसी व्यक्ति को फर्जी मुकदमे में फंसाया गया हो और उसका मुकदमा सालों में भी न निपटा हो. वह इस मंदिर में आकर भगवान हनुमान के चरणों में अपनी अर्जी लगता है तो बाबा खुद उसका न्याय करते हैं. और यदि व्यक्ति सही में गलत नहीं है तो बाबा उसे न्याय भी दिलवाते है, इसी लिए इस मंदिर का नाम न्याय प्रिय हनुमान मंदिर रखा गया है.अभिभाषक नरेंद्र तिवारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले इसी न्यायलय में एक महिला के पति को झूठे केस में फंसाया गया था,और उसे जेल भी हो चुकी थी,लेकिन महिला ने बाबा के सामने अर्जी लगाई और बाबा ने उस महिला के पति के साथ न्याय करते हुए उसे जेल की चार दीवारी से आजाद करवाया.
रोज करें कुबेर देव की पूजा, मिट जाएंगे दुख-दर्द, दरिद्रता से भी मिलेगा छुटकारा
18 Mar, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में सभी देवी देवता को विशेष महत्व दिया जाता है. हर देवी देवता को पूजे जाने का शुभ फल प्राप्त होता है. सप्ताह के सातों दिनों में शुक्रवार के दिन कुबेर देव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा जो व्यक्ति कुबेर देव के निमित्त व्रत करते हैं उन्हें कुबेर देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही अगर आपके घर में दरिद्रता ने पैर पसार लिए हैं और आप उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार नियमित रूप से कुबेर चलीसा का पाठ करना चाहिए. इससे आपके घर में फैली दरिद्रता दूर होगी, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा.
।।कुबेर चालीसा।।
”दोहा”
जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर॥
विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर।
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर॥
”चौपाई”
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी । पवन वेग सम सम तनु बलधारी॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी । सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी । सेनापति बने युद्ध में धनुधारी॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं। युद्ध करैं शत्रु को मारैं॥
सदा विजयी कभी ना हारैं । भगत जनों के संकट टारैं॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता । पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता । विभीषण भगत आपके भ्राता॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया । घोर तपस्या करी तन को सुखाया॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया । अमृत पान करी अमर हुई काया॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में । देवी देवता सब फिरैं साथ में ।
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ॥ बल शक्ति पूरी यक्ष जात में॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं । त्रिशूल गदा हाथ में साजैं॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं । गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं । ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं । यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं । देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं॥
पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं । यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं । पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं । वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं॥
कांधे धनुष हाथ में भाला । गले फूलों की पहनी माला॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला। दूर दूर तक होए उजाला॥
कुबेर देव को जो मन में धारे । सदा विजय हो कभी न हारे ।।
बिगड़े काम बन जाएं सारे । अन्न धन के रहें भरे भण्डारे॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं । कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं॥
कुबेर भगत के संकट टारैं । कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे । क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं । दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं । अड़े काम को कुबेर बनावैं॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं । कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे । कुबेर गिरे को पुन: उठा दे॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे । कुबेर भूले को राह बता दे॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे । भूखे की भूख कुबेर मिटा दे॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे । दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे । कारोबार को कुबेर बढ़ा दे॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे । चोर ठगों से कुबेर बचा दे॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै । जो कुबेर को मन में ध्यावै॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं । मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं॥
पाठ करे जो नित मन लाई । उसकी कला हो सदा सवाई॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई । उसका जीवन चले सुखदाई॥
जो कुबेर का पाठ करावै । उसका बेड़ा पार लगावै ॥
उजड़े घर को पुन: बसावै। शत्रु को भी मित्र बनावै॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई। सब सुख भोद पदार्थ पाई ।
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई । मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई॥
”दोहा”
शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर ॥
कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर ।
हर घर के सामने एक होलिका, परिवार के जितने सदस्य उतने नारियल, फिर यहां होती है अनोखी पूजा
18 Mar, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रंगों का पर्व होली एक ऐसा त्योहार है, जो पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार इसलिए भी खास है, क्योंकि लोग आपसी गिले शिकवे दूर करके एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और रिश्तों में आई खटास को दूर करके फिर एक बार मिठास घोल देते हैं.
आपने बरसाना में मनाई जाने वाली लट्ठमार होली तो देखी ही होगी. यहां होली पर महिलाओं द्वारा पुरुषों को डंडों से पीटने की परंपरा विश्व प्रसिद्ध है. उसी तरह मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में भी ऐसी ही एक अनोखी परंपरा है, जो होली पर दिखती है. यह परंपरा आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा अरसे से निभाई जा रही है.
नारियल खरीदने की परंपरा
दरअसल, खरगोन के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में समाज के लोगों द्वारा होली पर नारियल खरीदने और उसकी पूजा करने की परंपरा है. इस परंपरा के तहत होली के पहले लगने वाले भोंगर्या हाट बाजार से समुदाय के लोग नारियल और पूजा की सामग्री खरीदकर लाते हैं. खास बात ये कि घर में जितने सदस्य हैं, उतने नारियल खरीदे जाते हैं.
प्रत्येक सदस्य करता है ये काम
समाज के सुरला गवले, दिनेश गवले, मनोज मौर्य ने बताया कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के समय हाट बाजार से खरीदकर लाए गए नारियल सहित होलिका माता का विधि-विधान से पूजन करते हैं. घर में बनाए पकवान और मिष्ठान सहित खजूर, काकनी, मांझिया, दालिया, का भोग होलिका को लगाते हैं. होलिका दहन के समय परिवार का प्रत्येक सदस्य चाहे महिला हो, बुजुर्ग हो या बच्चा हो, अपने हाथों से नारियल को गुलाल लगाकर जलती होलिका में डालते हैं.
हर घर जलती है खास होली
समुदाय के लोगों ने बताया कि ये नारियल सार्वजनिक होलिका में नहीं डाले जाते हैं, बल्कि समाज का हर परिवार अपने घर के बाहर होलिका दहन करता है. उसी में नारियल डाले जाते हैं. दो पत्थरों के बीच एक कंडा रखकर होलिका का स्वरूप मानते हैं. ये कंडे (उपले) कहीं से खरीदकर लाएं हुए नहीं होते. गाय द्वारा खेतों में किया गया गोबर, जो स्वतः सुख जाता है. उसी का इस्तेमाल होलिका दहन के लिए करते हैं.
परंपरा का उद्देश्य
समाज के लोगों का मानना है कि होलिका माता की पूजा अर्चना करने और होलिका दहन में नारियल, घर में बना भोजन और अन्य सामग्री जो घर में उपलब्ध हो, चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (18 मार्च 2024)
18 Mar, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - धनलाभ आशानुकूल सफलता से हर्ष, कार्यवृत्ति में सुधार होगा।
वृष राशि - योजनाएं पूर्ण हो, शुभ समाचार से समस्या संभव तथा कार्य होवे।
मिथुन राशि - कार्य व्यवसाय में थकावट, बैचेनी कुछ सफलता के साधन जुटाकर रखे।
कर्क राशि - दैनिक व्यवसाय, गति मंद रहे असमर्थता का वातावरण, अवश्य ही बनेगा।
सिंह राशि - आलोचनाओं से बचिए, कार्य कुशलता से पूर्ण संतुष्ट, तथा संतोष होवे।
कन्या राशि भोग ऐश्वर्य में समय बीते, शारीरिक थकावट, बेचैनी अवश्य होगी।
तुला राशि - व्यवसायिक चिन्ता बनी रहेगी, आशानुकूल सफलता से हर्ष, स्थिति संतोषप्रद हो।
वृश्चिक राशि - मित्र वर्ग विशेष फलप्रद रहे तथा सुखवर्धक योजनाएं बनी रहेगी।
धनु राशि - तनाव पूर्ण वातावरण चलता रहेगा तथा चिन्ताएं संभंव अवश्य होगी।
मकर राशि - कार्यवृत्ति में सुधार तथा सामाजिक कार्यो में प्रतिष्ठा बढ़ेगी, कार्य होवे।
कुंभ राशि - कार्य व्यवसाय गति मंद, चोट आदि का भय अवश्य ही बना रहेगा।
मीन राशि - आशानुकूल सफलता का हर्ष बिगड़े, कार्य बनेंगे तथा योजना अवश्य ही बनेगी।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (17 मार्च 2024)
17 Mar, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, बिगड़े कार्य बनेंगे, योजनापूर्ण अवश्य होवेगी।
वृष राशि :- नवीन मैत्री मंत्रणा सफल होगा, संवेदनशील होने से बचिएगा, ध्यान रखें।
मिथुन राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष कुछ चिंता व्यवसायिक कार्य में आरोप कष्टप्रद रहेगा।
कर्क राशि :- व्यग्रता मन उद्विघ्नता रखें, कार्यगति मंद होवे, कार्य बनेंगे, स्थति का ध्यान रखें।
सिंह राशि - साधन संपन्नता के योग बनेंगे, दैनिक व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी, हानि होवेगी।
कन्या राशि :- विरोधी परेशान करें, वृथा धन का व्यय असमंजस अस्थिरता बनी रहेगी।
तुला राशि :- कार्य व्यवसाय में बाधा तथा तनाव क्लेश से आप बचने का प्रयास करें।
वृश्चिक राशि :- चिंता बनी रहेगी, कुटुम्ब की समस्याओं को समझदारी से निपटाने का प्रयास करें।
धनु राशि - बिगड़े हुए कार्य बनने से सफलता के योग बनेंगे, सहयोग प्राप्त होने के आसार बनेंगे।
मकर राशि - स्थति में सुधार कार्य कुशलता से संतोष होवेगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
कुंभ राशि - स्वास्थ्य नरम गरम एवं कहीं तनावपूर्ण कष्टप्रद होवेगी तथा कार्य अवरोध होवेगा।
मीन राशि - दूसरों के कार्यो में समय और धन नष्ट न करें, समय व स्थिति का ध्यान रखें।
इस दिन है गोविंद द्वादशी व्रत, अनूठे उपायों से मिलेगा मनोवांछित फल!
16 Mar, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में द्वादशी का विशेष महत्व होता है. हर द्वादशी के अलग-अलग लाभ बताए जाते हैं और इसी कारण भक्त द्वादशी पर अपने आराध्य की पूजा और आराधना करते हैं. इस बार गोविन्द द्वादशी 21 मार्च को आ रही है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है और सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है. वहीं शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इसलिए गोविंदा द्वादशी को नरसिम्हा द्वादशी के नाम से जाना जाता है.
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी को गोविंदा द्वादशी व्रत विधान है. गोविदा द्वादशी का व्रत पूर्णरूप से भगवान विष्णु का समर्पित है. यह व्रत करने वालों को संतान की प्राप्ति, समस्त धन-धान्य, सौभाग्य का सुख मिलता है. यह व्रत करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पुराणों में यह व्रत समस्त कार्य को सिद्ध करने वाला होता है.
गोविन्द द्वादशी शुभ समय
द्वादशी तिथि प्रारम्भ 21 मार्च को प्रातः 02:23 बजे से लेकर इसका समापन दिनांक 22 मार्च को शाम 04:44 बजे पर होगा.
ऐसे मिलता है व्रत का फल
हिन्दू धर्म मे हर गोविंद द्वादशी का बड़ा महत्व है. गोविंद द्वादशी का व्रत करने वालों को दान, पुण्य, हवन, तर्पण आदि का बड़ा महत्व बतलाया गया है. मान्यता है कि जो कोई भी मानव इस दिन दान करता है उसको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. वह मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति को वैकुण्ठ धाम मिलता है. वैदिक शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर समस्त पापों का नाश होकर पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
इन मंत्रों से करें जाप
फाल्गुनमास में शुक्ल पक्ष की द्वादशी परम पूजनीय कल्याणिनी है. इस व्रत में \”ॐ नमो नारायणाय नम:, श्रीकृष्णाय नम:, सर्वात्मने नम:\” आदि नामों से भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है.
होली पर किन देवताओं की होती है पूजा, जान लें भोग लगाने का सही तरीका, घर से दूर भागेगा संकट
16 Mar, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में इस साल 25 मार्च को होली मनाई जा रही है. होली पर देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करने का विधान है. होलिका पूजन के लिए लोग पहले से तैयारियां करना शुरू कर देते हैं. होलिका पूजन के लिए किन समाग्रियों की जरूरत होती है और इन्हें कैसे चढ़ाया जाता है, आइए जानते हैं…
होलिका पूजन के लिए घर में रखें ये चीजें
होलिका पूजन के लिए फल-फूल, कलावा ,रोली, गुड़, पीली सरसों, गाय के गोबर से बने कंडे आदि से पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इन्हें अग्नि में डालना होता है. अग्नि में पूजन साम्रगी डालते समय मुंह हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहना चाहिए. पूजा में घर में बने तरह-तरह के पकवान जरूर चढ़ाएं. इस दिन होलिका दहन भी जरुर देखना चाहिए, इससे इंसान के भीतर की छिपी नकारात्मकता खत्म होती है.
शूकर क्षेत्र फाउंडेशन के अध्यक्ष और ज्योतिषाचार्य गौरव दीक्षित के अनुसार, होली के दिन किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं. तंत्र मंत्र, उपाय, टोटकों के लिए यह दिन सबसे उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं कि इस खास दिन पर किन देवी-देवताओं को पूजा जाता है…
भगवान शिव की पूजा
इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना शुभ माना जाता है. होली खेलने से घर में खुशहाली आती है, चिता की राख से काशी में होली भी खेलते हैं जिसे मसाने की होली कहा जाता है.
राधा कृष्ण
होली के दिन श्री राधा कृष्ण की पूजा अवश्य करें. इससे न सिर्फ जीवन में प्रेम का आगमन होता है बल्कि प्रेम संबंध मजबूत बना रहता है.
माता लक्ष्मी
होली के दिन देवी लक्ष्मी की उपासना करने से घर में पैसों की तंगी नहीं होती है. इसके अलावा आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है.
विष्णु भगवान
भक्त प्रह्लाद को जलाने के लिए होलिका उन्हें गोद में लेकर अग्नि में बैठी थी लेकिन प्रह्लाद सुरक्षित बाहर निकल आए थे और होलिका भस्म हो गई थी. होली के पर्व पर विष्णु जी के नरसिंह अवतार की पूजा करने का विधान है.
शनिवार को भूलकर भी न करें 5 गलतियां, शनिदेव हो जाएंगे क्रोधित, संकटों का टूट सकता है पहाड़
16 Mar, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में शनिदेव को कलियुग का देवता माना जाता है. शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है. शास्त्रों में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. इस दिन व्रत रखकर शनिदेव की पूजा करने से लोगों की जिंदगी बदल सकती है. शनिदेव को प्रसन्न करना आसान है, लेकिन कई बार गलतियां होने पर शनिदेव नाराज भी हो जाते हैं. शनिदेव का क्रोध लोगों की जिंदगी में भूचाल ला सकता है. ज्योतिष शास्त्र में शनिवार के दिन कुछ चीजों को खरीदने की मनाही है. इस दिन इन चीजों को खरीदने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं और उनका क्रोध लोगों पर बरस सकता है. सभी लोगों को ये चीजें शनिवार को खरीदने से बचना चाहिए. नई दिल्ली की ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार डॉ. तारा मल्होत्रा से जानते हैं कि शनिवार को कौन सी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए.
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन नमक खरीदना अशुभ माना गया है. इस दिन नमक खरीदने से शनिदेव क्रोधित हो सकते हैं. इससे लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. शनिवार का दिन नमक खरीदने के लिए बेहद अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है.
– इस दिन सरसों का तेल खरीदना भी अच्छा नहीं माना जाता है. शनिवार के दिन अधिकतर लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों का तेल अर्पित करते हैं, लेकिन इस दिन सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए. ऐसा करने से आपका और परिवार के लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है.
– शास्त्रों की मानें तो शनिवार के दिन लोहे से बनी चीजें खरीदने की भी मनाही होती है. माना जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है. ऐसी चीजें खरीदने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिवार के दिन लोहे की चीजों को खरीदना अशुभ माना गया है.
– शनिवार के दिन काले उड़द की दाल को भी खरीदने से बचना चाहिए. इस दिन काले उड़द दाल को गरीबों में दान करना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि दोष से मुक्ति मिलती है. शनिवार के दिन कैंची और झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए. ऐसा करने से परिवार में झगड़े बढ़ सकते हैं
– ज्योतिषी की मानें तो शनिवार को भूलकर भी काले रंग के कपड़े और जूते-चप्पल नहीं खरीदने चाहिए. इस दिन कोयला खरीदना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से शनि दोष पैदा हो सकता है. शनिवार के दिन विशेषकर काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए, लेकिन नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए.
परमात्मा का दिव्य उपहार है जीवन
16 Mar, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मानव जीवन परमात्मा का दिव्य उपहार है। जिंदगी को जीना सीखें। कुछ लोग जिंदगी को जीते हैं, कुछ लोग काटते हैं। जिसको जीना और जाना आ गया वह जीवन में सफल हो गया। हे मनुष्य एक दिन भी जी, अटल विश्वास बनकर जी। ब्राह्मो मुहूर्ते बुध्येत, धर्मार्थों चातुचिन्तयेत्? अर्थात्? व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागे और धर्म एवं अर्थ के विषय में चिंतन करें। शास्त्रकारों ने यह कभी नहीं कहा कि व्यक्ति अर्थोपार्जन न करे। वह अर्थोपार्जन करे किंतु धर्मपूर्वक, अधर्मपूर्वक नहीं।
हमें न तो आध्यात्मिकता की उपेक्षा करनी है न भौतिक सुख सुविधाओं की है। ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति जितना अच्छा चिंतन कर सकता है उतना दूसरे समय में नहीं। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह सर्वोत्तम समय है। बिल कोस्बो ने इस संदर्भ में कहा है कि मुझे नहीं मालूम कि कामयाबी पाने की पुंजी क्या है, पर हर आदमी को खुश करने की कोशिश करना ही नाकामयाबी की पुंजी है।
जीवन में यदि आप सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहने की आदत डालिए, क्योंकि सफलता और प्रसन्नता का चोली दामन का साथ है। हम जो चाहें हमारे जीवन का जो लक्ष्य हो उसे पा लें यह सफलता है और जब मन चाहे लक्ष्य को पा लेंगे तो स्वभावत: प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। हम जिंदगी को काटे नहीं, सच्चे अर्थों में जीएं। हम निरंतर परिश्रम करें। जॉन एच रोटस ने अपने संदेश में कहा है- सिर्फ जिंदगी न गुजारो-जीओ, सिर्फ छुओ नहीं महसूस करो, सिर्फ देखो नहीं गौर करो, सिर्फ पढ़ो नहीं जीवन में उतारो।
हमारा जीवन बहिर्मुखी न होकर अंतर्मुखी होना चाहिए। उसमें उथलापन नहीं, आडंबर नहीं, गंभीरता होनी चाहिए। हमारे आदर्श ऊंचे होने चाहिए और विचार सात्विक। बाहरी साज-सज्जा, शरीर की चमक दमक से कोई व्यक्ति न तो महान बन सकता है, न ही सफलता उसके चरण चूमती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (16 मार्च 2024)
16 Mar, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन का व्यय संभव है, तनावपूर्ण वातावरण से बचियेगा, ध्यान रखें।
वृष राशि :- अधिकारियों के समर्थन से सफलता मिले, कार्यकुशलता से संतोष होगा।
मिथुन राशि :- चिन्ताएं कम हों, सफलता के साधन जुटायें तथा शुभ समाचार अवश्य प्राप्त होगा।
कर्क राशि :- बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होवे तथा सुख-समृद्धि के साधन अवश्य जुटायें।
सिंह राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा तथा भोग-एश्वर्य की प्राप्ति अवश्य ही होगी।
कन्या राशि :- प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, संघर्स से अधिकारियों की भावना को ठोस अवश्य पहुंचेगी।
तुला राशि :- कुटुम्ब और धन की चिन्ता बनी रहे, परिश्रम करने से सोचे कार्य पूर्ण होंगे।
वृश्चिक राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा क्लेशयुक्त रखे तथा आर्थिक स्थिति समर्थयोग्य बने।
धनु राशि :- भावनाएं विक्षुब्ध रखें तथा कार्यगति मंद होगी, परिश्रम से सफलता मिलेगी।
मकर राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, धन का व्यय, मानसिक खिन्नता अवश्य ही होगी।
कुंभ राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, व्यापारिक समृद्धि के साधन जुटायें, कार्य बनेंगे।
मीन राशि :- कुटुम्ब के साथ समय बीतेगा तथा हर्ष-उल्लास के साथ उत्साह बना रहेगा।
कब जलेगी होलिका? इस बार दहन देखने के लिए देर रात तक जागना होगा
15 Mar, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में चार प्रमुख त्योहार माने गए हैं. उनमें से एक है रंगों का पर्व होली. फाल्गुन मास में आने वाले होली पर्व का इंतजार हर किसी को बड़ी बेसब्री से रहता है. होली के पहले होलिका दहन की परंपरा है. पर क्या आपको पता है कि होलिका दहन रात में क्यों होता है और क्यों दहन को शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए?
खरगोन निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज मेहता ने Local 18 को बताया कि शास्त्रों में फाल्गुन शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्यापी पूर्णिमा को होली मनाने का विधान है. 24 मार्च रविवार को सुबह चतुर्थी और शाम को पूर्णिमा लग जाएगी. अगले दिन 25 सोमवार मार्च को होली खेली जाएगी. प्रदोष काल में होलिका पूजन करना चाहिए.
होलिका रात में जलाने का वैज्ञानिक महत्व
शास्त्रों में होलिका दहन मध्य रात्रि को करने का विधान है. इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य है कि फसलों पर लगने वाले कीड़े और संक्रमण फैलाने वाले कीड़े रात के समय जल्दी अग्नि की ओर आकर्षित होते हैं और जलकर मर जाते हैं. लेकिन, इस दौरान भद्रा का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. भद्रा के दौरान होलिका दहन नहीं कर सकते.
क्या होता है भद्रा काल
पंचांग में पांच चीजों का उल्लेख मिलता है. तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण. इसमें तिथि का आधा भाग करण कहलाता है. कुल 11 करण होते हैं. उनमें से एक भद्रा नाम का करण होता है. भद्रा में कोई भी शुभ काम नहीं होते हैं. ऐसे में जब भद्रा आ जाए तो उसको छोड़कर अग्नि जलाई जाती है. शास्त्रों में दो पर्व कभी भी भद्रा काल में नहीं मनाए जाते. पहला रक्षाबंधन और दूसरा होलिका दहन.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है की भद्रा काल में होलिका दहन करने से नगर की हानि होती है. इस साल भी भद्रा के होने से किसी भी समय होलिका दहन नहीं कर सकते. पंचांग के अनुसार इस बार भद्रा काल 24 मार्च रात 11:20 बजे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन 11:20 बजे के बाद ही करें. जबकि, इसके पहले शाम के समय प्रदोष काल में होलिका पूजन करें.
अनोखा होलिका दहन
होलिका दहन से वातावरण शुद्ध होता है. हवा में फैला संक्रमण खत्म होता है. खरगोन में भी सैकड़ों स्थानों पर होलिका दहन होता है. लेकिन, गांव कोठा बुजुर्ग की होलिका दहन काफी प्रसिद्ध है. यहां होलिका दहन कुदरती है. अपने आप होली में अग्नि प्रज्वलित होती है. यह नजारा देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. लोग इसे चमत्कार से कम नहीं मानते है.
होली पर इस बार आजमाएं ये अचूक उपाय... शांति-संपन्नता से भर जाएगा घर!
15 Mar, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्य द्वार पर लगाए सूर्य की तस्वीर. घर में खुशहाली आने का मार्ग घर का पहला यानी मुख्य द्वार ही होता है. इसीलिए वास्तु शास्त्र अनुसार घर के मुख्य द्वार में भगवान सूर्य की तश्वीर लगानी चहिए इससे घर में किसी तरह की नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है जिससे घर में कोई रोग नहीं आता.
बेड रूम में लगाएं राधा कृष्ण की तस्वीर.दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ाने और आपसी मतभेदों से मुक्ति पाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार होली के पर्व पर अपने घर राधा कृष्ण की तस्वीर अवश्य लाएं और अपने बेडरूम में लगा दें इससे दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आयेगी और पति पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ेगा दोनों के मतभेद दूर होंगे.
इन पौधों को लाएं घर.वास्तु शास्त्र के अनुसार ग्रह दोष दूर करने और दांपत्य जीवन की समृद्धि के लिए होली वाले दिन घर में मनी प्लांट और तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है. मान्यता है कि मनी प्लांट का पौधा घर में गुड लक लाता है. वहीं तुलसी का पौधा शांति लाता है. कलेश दूर करता है. इससे ग्रह दोष भी दूर रहता है.
घर के पूजा स्थल या मंदिर में हम धर्म ध्वज चढ़ाते या लगाते है, वास्तु शास्त्र के अनुसार होली वाले दिन पुराने ध्वज (पताखा) को बदलना उत्तम माना जाता है. इस ध्वज में पवन पुत्र हनुमान स्वयं बिराजते हैं. ऐसे में पूजा स्थल में ध्वज चढ़ाने या बदलने से घर में खुशहाली आती है, क्यों की ध्वज सुख-शांति, मान-सम्मान और खुशियों का प्रतीक माना जाता है.
अगर पति पत्नी के बीच लंबे समय से झगड़ा चल रहा हो मतभेद हो तो होलिका दहन के समय 5 लौंग लेकर उन्हे सात बार सर के ऊपर से घुमाए और होलिका में डाल दें साथ ही अपनी विपदाओं से मुक्ति पाने प्रार्थना करें इससे आप के दाम्पत्य जीवन में सकारात्मक प्रभाव होगें.
दाम्पत्य जीवन में प्रेम प्रगाढ़ करने होली के दिन 5 या यथा संभव गरीबी, असहाय, अनाथ लोगों लोगों को भोजन कराएं साथ ही मीठा खिलाएं इससे श्री कृष्ण का आशिर्वाद प्राप्त होगा और आप की जोड़ी सदैव बनी रहेगी.