खेल
पेरिस पैरालिंपिक में भारत के प्रवीण ने जीता स्वर्ण
7 Sep, 2024 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। भारत के प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। प्रवीण ने छह-जंपर क्षेत्र में 2.08 मीटर की सत्र की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर पहला स्थान हासिल कर स्वर्ण अपने नाम किया। ये किसी एशियाई खिलाड़ी का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक खेलों में उन्हें रजत पदक मिला था। वहीं अमेरिका के डेरेक लोकिडेंट ने 2.06 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ रजत पदक जीता जबकि उज्बेकिस्तान के टेमुरबेक गियाज़ोव ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 2.03 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता।
खेल अकादमी के शूटिंग खिलाड़ी चेतन हेमंत सप्कल ने जीता कांस्य पदक
7 Sep, 2024 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। 29 अगस्त से 08 सितम्बर 2024 तक दूसरी वर्ल्ड डेफ शूटिंग चैम्पियनशिप 2024 का आयोजन हानॉवर (जर्मनी) में किया जा रहा है। खेल अकादमी के खिलाड़ी चेतन हेमंत सप्कल ने 25मी. रेपिड फायर पिस्टल मेन व्यक्तिगत इवेन्ट में कांस्य पदक अर्जित कर देश और प्रदेश को गौरवान्वित किया। प्रतियोगिता में चेतन का यह दूसरा पदक है।
विस्तृत परिणाम:-हानॉवर (जर्मनी) में आयोजित इस दूसरी वर्ल्ड डेफ शूटिंग चैम्पियनशिप 2024 में 25मी. रेपिड फायर पिस्टल मेन व्यक्तिगत इवेन्ट मे 539- 10 एक्स अंको के साथ कांस्य पदक अर्जित किया। यूक्रेन के खिलाड़ियों ने स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त किया।
खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने दी बधाई
खेल अकादमी के खिलाड़ी चेतन हेमंत सप्कल की इस उपलब्धि पर खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बधाई दी है। उन्होंने चेतन की इस उपलब्धि को सराहा है। चेतन पहली बार म.प्र. का प्रतिनिधित्व वर्ल्ड डेफ शूटिंग चैम्पियनशिप 2024 जर्मनी में कर रहे थे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि चेतन हेमंत सप्कल इसी वर्ष खेल अकादमी से जुडे़ थे। प्रतिभा चयन कार्यक्रम के माध्यम से चेतन का चयन अकादमी में हुआ था। मुख्य प्रशिक्षक पी.एन. प्रकाश और सहा.प्रशिक्षक जयवर्धन के मार्गदर्शन में चेतन राज्य खेल अकादमी में प्रशिक्षणरत् है।
Paris Paralympics 2024: हरविंदर का सोने का तीर, सचिन ने दिलाई भारत को चांदी; कुल 22 पदक
5 Sep, 2024 02:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस में पदक का रंग बदलते हुए सोने पर निशाना साधा। हरविंदर ने बुधवार को पुरुषों की रिकर्व ओपन स्पर्धा के फाइनल में पोलैंड के लुकास सिजेक को एकतरफा मुकाबले में 6-0 से पराजित कर पेरिस में भारत की झोली में चौथा स्वर्ण पदक डाला।
पेरिस में तीरंदाजी में भारत का यह दूसरा पदक
33 वर्षीय हरविंदर पैरालंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज हैं। पेरिस में तीरंदाजी में भारत का यह दूसरा पदक है। हरविंदर से पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिक्स्ड टीम कंपाउड वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
सचिन ने 16.32 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान प्राप्त किया
वहीं, महाराष्ट्र के सचिन सरजेराव खिलाड़ी ने पुरुषों की गोला फेंक (शाटपुट) एफ-46 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड साथ रजत पदक जीता। सचिन ने 16.32 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान प्राप्त किया। एफ-46 स्पर्धा में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी भुजाओं में कमजोरी या मांसपेशियों की शक्ति क्षीण होती है। 34 वर्ष के सचिन ने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका और अपने ही एशियाई रिकार्ड 16.30 मीटर को तोड़ा। सचिन ने मई में जापान में हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
हरविंदर के पदक जीतने के साथ ही यह पैरालंपिक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने अब तक चार स्वर्ण, आठ रजत और 10 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में चार स्वर्ण सहित 19 पदक जीते थे। मंगलवार देर रात भारत ने एथलेटिक्स में पांच पदक जीते थे और कुल 20 पदक जीतकर कुल पदकों के मामले में टोक्यो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ा था।
हॉकी इंडिया के कार्यक्रम में बोले योगी, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में पूरा सहयोग देंगे
1 Sep, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉकी इंडिया के एक कार्यक्रम में कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के अभियान में राज्य सरकार हॉकी इंडिया का पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने ‘हॉकी इंडिया की 14वीं कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में आयोजित होने पर खुशी जतायी साथ ही कहा कि हॉकी इंडिया प्रदेश के खेल विभाग के साथ मिलकर विभिन्न जनपदों में हॉकी के लिए स्टेडियम बनाने की सम्भावनाओं पर भी ध्यान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इसलिए हर भारतीय के मन में हॉकी के प्रति प्यार और सम्मान है। उन्होंने कहा कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश ने भारतीय हॉकी को कई प्रतिभाएं दी हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि टीम के सभी खिलाड़ियों पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री ने ‘हॉकी इंडिया की 14वीं कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में आयोजित होने पर खुशी जताते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी पर हमें गर्व है। चाहे वह किसी भी राज्य का हो क्योंकि खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि हॉकी इंडिया आने वाले समय में टीम को और बेहतर बनाने प्रयास करेगी।
एशियाई मुक्केबाजी संघ के साथ ही 21 देशों ने आईबीए का समर्थन किया
1 Sep, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुबई। एशियाई मुक्केबाजी संघ ने निलंबित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के पक्ष में मतदान किया है। इस गुप्त मतदान में 21 देशों ने आईबीए के साथ बने रहने के पक्ष में जबकि 14 देशों ने इस खेल के संचालन के लिए गठित की गई नई संस्था वर्ल्ड बॉक्सिंग के पक्ष में मतदान किया। एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ (एएसबीसी) के वर्ल्ड बॉक्सिंग के पक्ष में शामिल होने से इनकार करने के इस फैसले से लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में मुक्केबाजी को शामिल करने में मुश्किलें आयेंगी।
भारत के अलावा बहरीन, भूटान, ब्रुनेई, कंबोडिया, चीन, चीनी ताइपे, तिमोर लेस्ते, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जापान, जॉर्डन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, लेबनान, मकाऊ, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, फिलीपींस, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका, सीरिया, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, तुर्कमेनिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, वियतनाम और यमन शामिल ने मतदान में भाग लिया।
भारत ने इसमें पर्यवेक्षक की भूमिका निभाई। आईबीए के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के साथ विवाद को देखते हुए ही आईओसी ने पेरिस ओलंपिक की क्वालीफिकेशन प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभाली थी।
मतदान के बाद आईबीए ने वर्ल्ड बॉक्सिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नई संस्था के पास प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए साधन नहीं हैं। आईबीए ने अपने एक बयान में कहा, ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग के पास प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए किसी तरह का वित्त, विशेषज्ञता और समर्थन नहीं है। उनका मुक्केबाजी को आगे बढ़ाने का भी कोई इरादा नहीं है।
Paralympics Day-3; निशानेबाजों की फॉर्म में सुधार, शीतल देवी की पदक की आस
31 Aug, 2024 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय दल ने पेरिस पैरालंपिक के दूसरे दिन एक स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते थे जिसमें से तीन पदक निशानेबाजी में आए थे। भारत को अब इन खेलों के तीसरे दिन शनिवार को भी पैरा खिलाड़ियों से पदक की आस रहेगी। आज निशानेबाज स्वरूप उनहाल्कर और रुबीना फ्रांसिस से पदक लाने की उम्मीद रहेगी, जबकि पैरा साईकलिंग में ज्योति गाडेरिया और अरशद शाइक भी पदक के दावेदार होंगे। वहीं, एथलेटिक्स में प्रवीण कुमार पुरुष भाला फेंक एफ57 वर्ग के फाइनल में चुनौती पेश करेंगे। पैरा तीरंदाज शीतल देवी भी महिला कंपाउंड वर्ग में चमक बिखेरने उतरेंगी। अगर वह सभी बाधा को पार करने में सफल रहीं तो पदक ला सकती हैं। आइए जानते हैं आज का पूरा कार्यक्रम...
पैरा बैडमिंटन
- मनदीप कौर बनाम केलिन ओरेलि विनोट - महिला एकल एसएल3 ग्रुप चरण (दोपहर 12 बजे से)
- नितेश कुमार बनाम मोंगखोन बुनसुन - पुरुष एकल एसएल3 ग्रुप चरण ( दोपहर 1.20 बजे से)
- मनोज सरकार बनाम जियानयआन यांग - पुरुष एकल एसएल3 ग्रुप चरण (दोपहर 2 बजे से)
- सुकांत कदम बनाम सिरिपोंग टीमारोम - पुरुष एकल एसएल4 ग्रुप चरण (दोपहर 2.40 बजे से)
- तरुण बनाम लुकस मजुर - पुरुष एकल एसएल4 ग्रुप चरण (दोपहर 3.20 बजे से)
- मनीषा रामदास बनाम क्यू जिया यांग - महिला एकल एसयू5 ग्रुप चरण (शाम 4 बजे से)
- शिवाराजन बनाम क्रिस्टर्न कूम्बस - पुरुष एकल एसएच6 ग्रुप चरण (रात 10.10 बजे से)
- नित्या श्री बनाम लिन शुआंगबाओ - महिला एकल एसएच6 ग्रुप चरण (रात 10.50 बजे से)
- कृष्णा नागर बनाम नाथापोंग मीचाई - पुरुष एकल एसएच6 ग्रुप चरण (रात 11.30 बजे से)
- शिवाराजन/नित्या बनाम क्राजेवस्की/ सिमोन - मिश्रित युगल एसएच6 सेमीफाइनल (देर रात 1.30 बजे से)
पैरा निशानेबाजी
- स्वरूप महावीर उनहाल्कर - पुरुष 10 मीटर राइफल एसएच1 क्वालिफिकेशन (दोपहर 1 बजे से)
- रुबीना फ्रांसिस - महिला 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 क्वालिफिकेशन (दोपहर 3.30 बजे से)
- स्वरूप महावीर उनहाल्कर - पुरुष 10 मीटर राइफल एसएच1 फाइनल (क्वालिफाई करने पर) (दोपहर 3.45 बजे से)
- रुबीना फ्रांसिस - महिला 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल (क्वालिफाई करने पर) (शाम 6.15 बजे से)
पैरा साईकलिंग
- ज्योति गाडेरिया - महिला सी1-3 500 मीटर टाइम ट्रायल क्वालिफाइंग (दोपहर 1.30 बजे से)
- अरशद शाइक - पुरुष सी1-3 1000 मीटर टाइम ट्रायल क्वालिफाइंग (दोपहर 1.49 बजे से)
- ज्योति गाडेरिया - महिला सी1-3 500 मीटर टाइम ट्रायल फाइनल (क्वालिफाई करने पर) (शाम 5.10 बजे से)
- अरशद शाइक - पुरुष सी1-3 1000 मीटर टाइम ट्रायल फाइनल (क्वालिफाई करने पर) (शाम 5.37 बजे से)
पैरा रोइंग
- अनीता/नारायण - पीआर3 मिश्रित युगल स्कल्स रेपेचेज (दोपहर 2.40 बजे से)
पैरा तीरंदाजी
- सरिता बनाम एलोनोरा सारती - महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी कंपाउंड 1/8 एलिमिनेशन (शाम 7 बजे से)
- शीतल देवी बनाम मारियाना जुनिगा - महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी कंपाउंड एलिमिनेशन (रात 8.59 बजे से)
हरमनप्रीत कौर और सरबजोत सिंह ने लॉन्च की वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन 2024 की विशेष रेस टी-शर्ट
29 Aug, 2024 12:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और पेरिस ओलंपिक्स में मिश्रित शूटिंग टीम में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले सरबजोत सिंह ने हाल ही में वेदांता दिल्ली हाफ मैरानथन के लिए नई रेस डे टी लांच की। प्यूमा के दो एम्बेस्डर्स ने दिल्ली की लोधी कॉलोनी में विशाल रेस डे टी लांच की और इस दौरान दौड़ने का फायदा भी बताया।
बता दें कि वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के 19वें संस्करण का आयोजन 20 अक्टूबर को होगा। इवेंट के दौरान भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया कि दौड़ना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ''दौड़ना बहुत जरूरी है। यह हमारे अंदर ऊर्जा भरता है। दौड़ने से धड़कन बढ़ती है और इसे नियंत्रित करने के लिए आपको लंबी सांसे लेना होती है, जिससे शरीर में धैर्य आता है। इस तरह आप दबाव से निपटने में कामयाब हो पाते हैं। दौड़ना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छी बात है।''
हरमनप्रीत कौर ने साथ ही कहा, ''मैं सभी लोगों को बताना चाहूंगी कि दौड़ना सेहत के लिए बहुत अच्छा है और इससे शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलापन दोनों का निर्माण होता है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के लिए प्यूमा रेस डे टी को लॉन्च करने के लिए आज राजधानी में इस रंगारंग मार्च का नेतृत्व करना, दौड़ने के लिए हमारे प्यार को साझा करने का मेरा तरीका है।''
दिमाग को मिलती है शांति
वहीं सरबजोत सिंह ने कहा, ''मैंने 2016 में समझ लिया था कि दौड़ने के कितने फायदे हैं। ध्यान लगाने के लिए दौड़ने से काफी मदद मिलती है। लोग कहते हैं कि शूटिंग एकाग्रता का खेल है, लेकिन मैं मानता हूं कि दौड़ने से एकाग्रता लाने में काफी मदद मिलती है। दिल्ली हाफ मैराथन में दौड़कर फैंस को अपने आप का आकलन करने में मदद मिलेगी। दौड़ने से हमारी सेहत को बहुत फायदा मिलता है।''
प्रमुख बातें
वेदांता दिल्ली हाफ के लिए नई रेस डे टी लांच हुई
खेल कंपनी प्यूमा इंडिया ने विशेष रूप से इसे डिजाइन किया
वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन का आयोजन 20 अक्टूबर को होगा
प्यूमा ने चार रंग- पुरुषों के लिए गुलाबी और नारंगी, महिलाओं के लिए बैंगनी और लाल लांच किए
यह टी गर्मी में राहत दिलाएगी और हर धावक के अनुभव व परफॉर्मेंस को बढ़ाती रहेगी
राष्ट्रीय खेल दिवस, क्यों और कैसे मनाया जाता है यह महत्वपूर्ण दिन
29 Aug, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे पहली बार 2012 में उत्सव के दिनों की सूची में शामिल किया गया था। इस दिन कई राज्यों में शारीरिक गतिविधियों और खेलों के महत्व को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से कई खेल प्रतियोगिताएं और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। इस दिन का उपयोग विभिन्न खेल योजनाओं को शुरू करने के लिए एक मंच के रूप में भी उपयोग किया जाता है। 2018 में इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी। आज के दिन ही देश के प्रतिभाशाली एथलीट्स को कई तरह के खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इनमें राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कार शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में इन एथलीट्स को सम्मानित किया जाता है।
29 अगस्त 2024 को 'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद की 119वीं जयंती है। 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में जन्मे ध्यानचंद की जयंती पर हर साल देश में 29 अगस्त को खेल दिवस मनाया जाता है। इस देश ने सचिन तेंदुलकर, धनराज पिल्लै, बलबीर सिंह सीनियर जैसे खेल के कई सुपरस्टार देखे हैं, लेकिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का भारत में खेलों को शीर्ष पर पहुंचाने का विशेष योगदान है।
द्वितीय विश्व युद्ध से पहले तक भारतीय हॉकी टीम का दुनियाभर में दबदबा हुआ करता था। इसमें ध्यानचंद का खास योगदान था। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और ओलंपिक स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी की थी। ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने आठ स्वर्ण पदक समेत कुल 13 पदक जीते हैं, लेकिन 1936 के बर्लिन ओलंपिक का स्वर्ण कुछ ज्यादा ही खास है। 1936 में 15 अगस्त के ही दिन भारत ने तानाशाह हिटलर के सामने दद्दा ध्यानचंद की अगुआई में जर्मनी को 8-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। ध्यानचंद के खेल से हिटलर इतना प्रभावित हुआ था कि उसने उन्हें नागरिकता देने तक का मन बना लिया था। लेकिन ध्यानचंद बिल्कुल डिगे तक नहीं। 1936 ओलंपिक उनका आखिरी ओलंपिक था। उन पर कई आरोप भी लगे, लेकिन ये आरोप कभी सिद्ध नहीं हो पाए।
करियर में 400 से अधिक गोल
29 अगस्त, 1905 को प्रयागराज ( तब के इलाहाबाद) में जन्में मेजर ध्यानचंद का हॉकी खेल में पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं था। उन्होंने करीब 22 साल तक भारत के लिए हॉकी खेला और इस दौरान 400 से अधिक इंटरनेशनल गोल दागे। उन्होंने लगातार तीन ओलंपिक (1928 में एम्सटर्डम, 1932 में लॉस एंजेलिस और 1936 में बर्लिन) में भारत को हॉकी खेल में अपने दम पर स्वर्ण पदक दिलाया था। मेजर ध्यानचंद के पिता सेना में थे और उसके लिए हॉकी खेलते थे। महज 16 वर्ष की उम्र में ध्यानचंद ने भी आर्मी जॉइन कर ली थी। इसी दौरान उन्हें भी मानो जैसे हॉकी से प्रेम ही हो गया था। ध्यानचंद को दुनिया में लगभग 55 देशों के 400 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
जब ठुकराया था हिटलर का प्रस्ताव
1936 में हुए बर्लिन ओलंपिक की है। जर्मनी के खिलाफ खेले गए हॉकी के मुकाबले में भारत ने उस पर 8-1 से बेहतरीन जीत दर्ज की थी। मैच में मेजर ध्यानचंद के खेल से जर्मनी का तानाशाह एडोल्फ हिटलर भी मुरीद हो गया था। मैच के बाद हिटलर ने मेजर ध्यानचंद से मुलाकात की और उन्हें अपनी सेना में बड़े पद का प्रस्ताव दिया। हालांकि, उन्होंने बड़ी ही विनम्रता के साथ हिटलर के इस ऑफर को ठुकरा दिया था। उन्होंने इस कदम से पूरी दुनिया में तारीफें बटोरी थी। ध्यानचंद की न सुनते ही हिटलर चुपचाप वहां से चला गया। यह मुलाकात भले ही चंद मिनटों की थी लेकिन इस मुलाकात ने दिखा दिया की ध्यानचंद के लिए अपने देश से बड़ा कोई ओहदा नहीं था।
हॉकी स्टिक से गेंद चिपकने के किस्से थे मशहूर
ऐसा माना जाता है कि मेजर ध्यानचंद हॉकी खेलते थे, तो मानो गेंद उनकी स्टिक से चिपक जाती थी। इस आशंका को दूर करने के लिए नीदरलैंड में एक मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक को तोड़कर चेक किया गया था। यह दर्शाता है कि विपक्षी उनसे किस हद तक डरते थे। इतना ही नहीं, जापान में भी एक मैच के दौरान उनकी स्टिक में गोंद लगे होने की बात भी कही गई थी। हालांकि, ऐसा कभी कुछ साबित नहीं हुआ। ध्यानचंद अपने उसूलों और नियमों के भी काफी पक्के थे। बताया जाता है कि एक मैच में लगातार कईं प्रयासों के बाद भी ध्यानचंद गोल करने में नाकाम रहे। ऐसा उनके साथ पहले कभी नहीं हुआ था। वो बार-बार कोशिश करते पर गेंद गोल पोस्ट के अंदर नहीं डाल पाए। ध्यानचंद के खेल पर न तो दर्शकों और न ही किसी खिलाड़ी को शक था। आखिरकार उन्होंने गोल पोस्ट की लंबाई को लेकर रेफरी से शिकायत की। उनकी इस शिकायत पर सब हैरान थे। हॉकी के खेल इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। ध्यानचंद की शिकायत पर जब गोल पोस्ट को नापा गया, तो नियमों के मुताबिक गोल पोस्ट छोटा था।
पैरालंपिक में आज भारत के स्टार एथलीट्स की अहम प्रतियोगिताएँ
29 Aug, 2024 11:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पैरालंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल गुरुवार को फ्रांस की राजधानी में ऐतिहासिक अभियान शुरू करेगा। गुरुवार को बैडमिंटन, तीरंदाजी और टेबल टेनिस के मुकाबले शुरू होंगे। 16 साल की तीरंदाज शीतल देवी हमवतन सरिता के साथ महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग दौर में उतरेंगी। अद्भुत तीरंदाज शीतल ने पिछले साल हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था।
पुरुषों की कंपाउंड तीरंदाजी में भारत के राकेश कुमार, जो टोक्यो पैरालंपिक खेलों में पदक से चूक गए थे, पेरिस में अपना पहला पदक जीतने की उम्मीद कर रहे हैं और पुरुष व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग राउंड में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। पुरुष रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा में हरविंदर सिंह, पुरुष कंपाउंड व्यक्तिगत में श्याम सुंदर स्वामी और महिला रिकर्व ओपन व्यक्तिगत में पूजा भी अभियान शुरू करेंगी।
पैरा बैडमिंटन में सुकांत कदम, मनोज सरकार, सुहास एलवाई, मानसी जोशी, तरुण ढिल्लों, नितेश कुमार, थुलासीमति मुरूगेशन, मनीष रामदास और पलक कोहली अपने-अपने ग्रुप चरण के मैच खेलेंगे। पैरा-ताइक्वांडो में भारत की मुख्य उम्मीद अरुणा तंवर महिलाओं के K44-47 किग्रा वर्ग में मैट पर उतरेंगी। वह अपने अभियान की शुरुआत तुर्की की नूरसिहान एकिंसी के साथ राउंड ऑफ 16 के मुकाबले से करेंगी। अगर वह अपना पहला मैच जीत जाती है तो क्वार्टर फाइनल में आगे बढ़ जाएगी।
1. पैरा बैडमिंटन
मिक्स्ड डबल्स SL3-SU5 (ग्रुप स्टेज)
नितेश कुमार/मुरुगेसन तुलसीमती बनाम सुहास लालिनेकर यतिराज/पलक कोहली (दोपहर 12 बजे)
मिक्स्ड डबल्स SH6 (ग्रुप स्टेज)
शिवराजम सोलैमलाई/निथ्या श्री सुमति (नोट बीफोर: दोपहर 12:40 बजे)
महिला एकल SL3 (ग्रुप स्टेज)
मनदीप कौर (दोपहर 2 बजे से पहले नहीं)
मानसी जोशी (दोपहर 2 बजे से पहले नहीं)
पुरुष एकल SL4 (ग्रुप स्टेज)
सुकांत कदम (दोपहर 2:40 बजे से पहले नहीं)
सुहास एलवाई (दोपहर 3:20 बजे से पहले नहीं)
तरुण (दोपहर 3:20 बजे से पहले नहीं)
पुरुष एकल SL3 (ग्रुप प्ले)
नितेश कुमार बनाम मनोज सरकार (शाम 4 बजे से पहले नहीं)
2. पैरा साइकिलिंग
ज्योति गडेरिया - महिला C1-3 3000 मीटर व्यक्तिगत परस्यूट क्वालीफाइंग (शाम 4:25 बजे से पहले नहीं)
3. पैरा तीरंदाजी (शाम 4:30 बजे से)
हरविंदर सिंह - पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन (रैंकिंग राउंड)
सरिता, शीतल देवी - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन (रैंकिंग राउंड)
4. पैरा बैडमिंटन
पलक कोहली - महिला एकल SL4 (ग्रुप प्ले) - शाम 4:40 बजे से
मुरुगेसन थुलासिमाथी - महिला एकल SU5 (ग्रुप प्ले) - शाम 5:20 बजे से
शिवराजम सोलाईमलाई - पुरुष एकल SH6 (ग्रुप प्ले) - शाम 7:30 बजे से
मनीषा रामदास - महिला एकल एसयू5 (ग्रुप प्ले) - शाम 7:30 बजे से
निथ्या श्री सुमति - महिला एकल SH6 (ग्रुप प्ले) - शाम 7:30 बजे से
कृष्णा नगर - पुरुष एकल SH6 (ग्रुप प्ले) - शाम 7:30 बजे से
5. पैरा तीरंदाजी (रात 8:30 से आगे)
श्याम सुंदर स्वामी, राकेश कुमार - 8:30 पीएम ओनवर्ड्स
पूजा - महिला व्यक्तिगत रिकर्व ओपन (रैंकिंग राउंड)
शीतल देवी-राकेश कुमार, सरिता-श्याम सुंदर स्वामी - मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन (रैंकिंग राउंड) - रात 8:30 बजे से
हरविंदर सिंह-पूजा - मिक्स्ड टीम रिकर्व ओपन (रैंकिंग राउंड) - रात 8:30 बजे से
6. ताइक्वांडो के लिए
अरुणा - महिला K44 - 47 किग्रा - रात 8:30 बजे से
7. पैरा बैडमिंटन
नितेश कुमार/मुरुगेसन थुलासिमाथी - मिश्रित युगल SL3-SU5 (ग्रुप प्ले) - रात 10:10 बजे से पहले नहीं
सुहास एलवाई/पलक कोहली - मिक्स्ड डबल्स SL3-SU5 (ग्रुप प्ले) - रात 10:50 बजे से पहले नहीं
आज से शुरू होगा पैरालंपिक, उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के 100 से अधिक सदस्य होंगे शामिल
28 Aug, 2024 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओलंपिक 2024 की मेजबानी के बाद पेरिस पैरालंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। आज इस टूर्नामेंट का आगाज होगा। पेरिस पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के 100 से अधिक सदस्य भाग लेंगे। इनमें 52 खिलाड़ी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि खेलों के इतिहास में उद्घाटन समारोह पहली बार स्टेडियम से बाहर आयोजित होगा। वहीं, जिन खिलाड़ियों की गुरुवार को प्रतियोगिताएं हैं, वे देशों की परेड का हिस्सा नहीं बनेंगे। इनमें 10 सदस्यीय निशानेबाजी दल शामिल है।
झाझरिया का बयान
भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने कहा- जिन खिलाड़ियों की 29 अगस्त को स्पर्धाएं हैं, वे उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लेंगे। निशानेबाजी टीम देशों की परेड में भाग नहीं लेगी। देशों की परेड में भारत के 106 सदस्य हिस्सा लेंगे जिनमें 52 खिलाड़ी और 54 अधिकारी हैं। भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल (एफ 64) और शॉटपुट खिलाड़ी भाग्यश्री जाधव ( एफ34) भारत के संयुक्त ध्वजवाहक होंगे। उद्घाटन समारोह चैंप्स एलिसीस और प्लेस डे ला कोंकोर्ड में आयोजित होगा। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्ड 84 सदस्यीय दल भेजा है।
भारतीय दल में कुल 179 सदस्य शामिल
भारत की 84 सदस्यीय टीम 28 अगस्त से शुरू हो रहे पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेगी जिसमें उनके साथ 95 अधिकारी भी गए हैं। इनमें खिलाड़ियों की विशेष जरूरतों को देखते हुए उनके साथ जाने वाले निजी कोच और सहायक भी शामिल हैं। इस तरह भारत के दल में कुल 179 सदस्य शामिल हैं। इन 95 अधिकारियों में से 77 टीम अधिकारी, नौ दल के चिकित्सा अधिकारी और नौ अन्य दल अधिकारी शामिल हैं।
भारतीय दल से रिकॉर्ड पदक लाने की रहेगी उम्मीद
भारत ने 2021 में टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 19 पदक जीते थे और वह समग्र रैंकिंग में 24वें स्थान पर रहा था। इसके तीन साल बाद भारत का लक्ष्य स्वर्ण पदकों की संख्या दोहरे अंक में पहुंचाने और कुल 25 से अधिक पदक जीतना है। भारत इस बार 12 खेलों में भाग ले रहा है, जबकि टोक्यो में 54 सदस्यीय टीम ने नौ खेलों में भाग लिया था।
निशानेबाज मनु भाकर ने राजनीति में प्रवेश को लेकर दिया बड़ा बयान
27 Aug, 2024 10:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली मनु भाकर सोमवार को अपने ननिहाल चरखी दादरी पहुंची। यहां उन्होंने अपनी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने राजनीति में एंट्री पर भी बात की। भाकर ने बताया कि वह कभी राजनीति में नहीं आएंगी। उनका लक्ष्य देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।
भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक हासिल करते हुए इतिहास रच दिया था। वह ओलंपिक खेलों के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली आजादी के बाद से पहली भारतीय एथलीट बनीं। मनु को टोक्यो 2020 ओलंपिक में निराशा का सामना करना पड़ा था, जहां वह अपनी तीनों स्पर्धाओं में फाइनल में पहुंचने में विफल रही थीं। मनु ने अपने ननिहाल के सम्मान को ताउम्र याद रखने की बात कही। उन्होंने कहा- मैं राजनीति में नहीं आऊंगी। बल्कि अपने खेल पर ध्यान देते हुए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना ही मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी हो उसकी सोच पर निर्भर रहता है कि वे राजनीति करें या फिर युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करें।
सम्मान समारोह में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, अंतरराष्ट्रीय पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट सहित कई राजनेता मौजूद थे। मनु ने कहा- मेरा ध्यान सिर्फ देश के लिए स्वर्ण जीतने का है। अभी राजनीति नहीं करूंगी। इस दौरान मनु ने युवाओं और उनके माता-पिता से भी पढ़ाई के साथ खेलों में भी ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा- देश के लिए पदक जीतने का लक्ष्य रखें, सफलता अवश्य मिलेगी।
दिग्गज फुटबाल कोच एरिक्सन का निधन, कैंसर से हारी जिंदगी की जंग
27 Aug, 2024 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पांच साल तक इंग्लैंड के कोच रहे स्वीडन के स्वेन गोराना एरिक्सन का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। वह ऐसे पहले विदेशी थे जो इंग्लैंड टीम के मैनेजर बने। उन्होंने क्लब स्तर पर इटली, पुर्तगाल और स्वीडन में ट्रॉफियां अपने नाम की। एरिक्सन ने घर पर परिवारिक सदस्यों के बीच अंतिम सांस ली।
स्वीडन में स्वेनिस के नाम से थे मशहूर
आठ महीने पहले उन्होंने खुलासा किया था कि वह कैंसर से पीड़ित थे। इसके बाद उनके साथ रहे पूर्व फुटबालरों, क्लबों ने डॉक्यूमेंटरी तैयार की। उनके पुराने क्लब लिवरपुल ने उन्हें एक चैरिटी मैच में मैनेजर का दायित्व सौंपा। स्वीडन में स्वेनिस के नाम से मशहूर एरिक्सन का फुटबालर के रूप में नौ साल करियर रहा और 27 साल की उम्र में वह रिटायर हो गए। उसके बाद कोचिंग के क्षेत्र में नाम कमाया और 2001 में इंग्लैंड टीम के मैनेजर बने।
इंग्लैंड के कोच रहे
स्वेन के मार्गदर्शन में इंग्लैंड ने म्यूनिख में विश्वकप क्वालिफाइंग मैच में जर्मनी पर 5-1 से जीत हासिल की। उन्होंने उस समय दायित्व संभाला था जब टीम में डेविड बेकहम, स्टीवन गेरार्ड और वेन रूनी शामिल थे। टीम 2002 और 2006 के विश्वकप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं। इसके अलावा 2004 में इंग्लैंड टीम यूरोपियन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंची। टीम को पुर्तगाल से पेनाल्टी शूटआउट में हार मिली। इसके अलावा 2006 के विश्वकप में भी टीम शूटआउट में हारी।
इन टीमों के भी कोच बने स्वेन
स्वेन के कार्यकाल में खिलाड़ियों को अपनी पत्नी और गर्लफ्रेंड को टूर्नामेंट में साथ में ले जाने की अनुमति मिली। जर्मनी में हुए विश्वकप में विक्टोरिया बेकहम के टीम के संग जाने पर बड़ी सुर्खियां बनी थी। बाद में वह मैक्सिको, आइवरी कोस्ट और फिलिपीन की टीमों के भी थोड़े समय के लिए कोच बने। पुर्तगाल क्लब बेनिफिका को उन्होंने लगातार दो बार पुर्तगाली खिताब दिलाए। एक बाद 1983 में पुर्तगीज कप जीता।
ओलंपिक 2036 की मेजबानी का चैलेंज, क्या भारत जीत पाएगा गोल्ड?
26 Aug, 2024 11:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले साल अक्टूबर में भारत ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) के 141वें सेशन की मेजबानी की थी। मुंबई में तीन दिवसीय सेशन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, ‘साल 2036 में भारत में ओलंपिक का सफल आयोजन हो, इसके लिए भारत अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखेगा। यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है’। पीएम ने इसके बाद पिछले 15 अगस्त के अपने संबोधन में लाल किले से भी इस संकल्प को दोहराया। मेजबानी पाने का संकल्प लेने और उसे हासिल करने की बीच का सफर बेहद कठिन है। भारत को मेजबानी पाने का सपना साकार करने के लिए उसी तरह की मेहनत, मशक्कत करनी होगी जैसी कि किसी भारतीय खिलाड़ी को ओलंपिक में मेडल हासिल करने के लिए करनी होती है। कई मामलों में तो उससे भी ज्यादा और हां, यहां गोल्ड से नीचे किसी मेडल से बात नहीं बनेगी।
अभी पहली सीढ़ी पर
ओलंपिक मेजबानी हासिल करने के लिए कई चरण पार करने होते हैं। ओलंपिक मेजबानी पाने की पूरी प्रक्रिया साल 2019 के बाद से बदल गई है। शुरुआत किसी देश की मेजबानी पाने की इच्छा जताने से ही होती है जो भारत ने जता दी है। इसके बाद संबंधित देश अपने राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (NOC) के जरिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) से संपर्क साधता है। पुराने बिडिंग प्रोसेस को बदलते हुए पांच साल पहले जो नियम बना उसके मुताबिक दुनिया का कोई भी देश IOC से भविष्य के किसी ओलंपिक के आयोजन को लेकर बातचीत शुरू कर सकता है। इस बातचीत के चार चरण हैं। भारत की ओर से IOC से ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए अपनी इच्छा जाहिर की गई है और उसके साथ डायलॉग के बिल्कुल शुरुआती दौर में है।
चार स्टेज पार करने की चुनौती
मौजूदा नियम के तहत किसी देश द्वारा मेजबानी की इच्छा जाहिर करने के बाद IOC की उससे अनौपचारिक बातचीत होती है। यह बातचीत फ्यूचर होस्ट कमिशन (FHC) से की जाती है। आईओसी की ओर से समर और विंटर ओलंपिक के लिए दो FHC का गठन किया गया है। भारत 2036 के समर ओलंपिक की मेजबानी का इच्छुक है और इसके लिए गठित 10 सदस्यीय FHC की चेयरमैन क्रोएशिया की पूर्व राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर-कित्रोविच हैं। FHC से संवाद स्थापित होने के बाद वह संबंधित देश की एक टीम को किसी ओलंपिक्स में आमंत्रित करता है। उन्हें प्रेजेंटेशन दिया जाता है और ओलंपिक्स के आयोजन की प्रक्रिया समझने में मदद की जाती है। पैरिस ओलंपिक्स में भारत की ओर से चार सदस्यीय टीम भेजी गई थी। इसमें गुजरात सरकार के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी भी शामिल थे। इस तरह भारत ने संकेत दे दिया है कि 2036 ओलंपिक्स अगर भारत में होता है तो वह गुजरात में होगा।
‘टारगेटेड डायलॉग’ मतलब आधा सफर तय
अनौपचारिक बातचीत के बाद का चरण होता है निरंतर डायलॉग स्टेज। इसमें संबंधित क्षेत्र/शहर/राज्य अपने राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के जरिए औपचारिक तौर पर IOC के FHC को प्रस्ताव भेजता है। इसके आधार पर FHC संबंधित NOC को ‘इंटरेस्टेड पार्टी’ के तौर पर चिन्हित करता है। इस दौरान मेजबानी के इच्छुक देश/शहर को किसी तरह की लिखित गारंटी नहीं देनी होती। IOC की ओर से इच्छुक पार्टी को लेकर ‘फिजिबिलिटी स्ट़डी’ काराई जाती है। IOC की ओर से यह भी बताया जाता है कि कहां- सुधार की आवश्यकता है। IOC की ओर से किसी स्वतंत्र एजेंसी से संबंधित क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति पर रिपोर्ट भी मंगाई जाती है।
पहले बनना होगा ‘प्रीफर्ड होस्ट’
टारगेटेड डायलॉग का स्टेज शुरू होने पर IOC मेजबानी के लिए इच्छुक देश के अलावा अलग-अलग खेलों के इंरनेशनल फेडरेशंस से भी संपर्क साधता है और उनसे अनुशंसा मांगता है। इसके अलावा गेम्स के अनुमानित लागत, आम लोगों की राय, उक्त ओलंपिक के आयोजन से पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव पर स्वतंत्र रिपोर्ट मंगवाती है। इसके बाद वह मेजबानी की इच्छुक पार्टी को ‘फ्यूचर होस्ट क्वेस्चनेर’ भेजती है और कई तरह की लिखित गारंटी मांगती है। कई सारे सवालों के जवाब को अनेक स्तर पर जांचा-परखा जाता है।
ISL 2024: पहला मैच मोहन बागान और मुंबई सिटी के बीच मुकाबला 13 सितंबर को
26 Aug, 2024 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Indian Super League (ISL) फुटबॉल टूर्नामेंट के 2024-25 सत्र की शुरुआत 13 सितंबर को होगी। पहला मुकाबला शील्ड विजेता मोहन बागान सुपर जाइंट और कप विजेता मुंबई सिटी एफसी के बीच खेला जाएगा। इन्हीं दोनों के बीच पिछले सत्र का फाइनल भी खेला गया था। आईएसएल ने रविवार को सत्र के शुरुआती 84 मुकाबलों के कार्यक्रम की घोषणा की जो इस साल के अंत तक चलेंगे।
पहली बार एक दिन में दो मुकाबले होंगे
शुरुआती सप्ताहांत में 14 सितंबर को सत्र में पहली बार एक दिन में दो मुकाबले होंगे जब चेन्नईयिन एफसी की टीम ओडिशा एफसी से उसके मैदान पर खेलेगी जबकि बेंगलुरू एफसी का सामना ईस्ट बंगाल एफसी से होगा। इसके अगले दिन केरल ब्लास्टर्स एफसी की टीम कोच्चि के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पंजाब एफसी की मेजबानी करेगी। हैदराबाद एफसी की टीम अपना पहला मैच बेंगलुरू एफसी के खिलाफ उसकी सरजमीं पर 19 सितंबर को खेलेगी। हैदराबाद एफसी के मुकाबले हालांकि एफआईएफएफ क्लब लाइसेंसिंग पात्रता को पूरा करने पर निर्भर करेंगे।
13 टीमें लेंगी हिस्सा
आईएसएल के आगामी सत्र में 13 टीम हिस्सा लेंगी। इस बार आईलीग चैंपियन मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब भी प्रतियोगिता का हिस्सा है। आईएसएल की यह नई नवेली टीम अपने अभियान की शुरुआत अपने घरेलू मैदान किशोर भारती क्रीड़ांगन में 16 सितंबर को नॉर्थईस्ट यूनाईटेड एफसी के खिलाफ करेगी। कोलकाता के तीन दिग्गज क्लब खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगे जिसमें मोहन बागान और ईस्ट बंगाल भी शामिल हैं।
कोलकाता की तीन टीमें लेंगी हिस्सा
कोलकाता की तीन बड़ी टीम के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का मतलब है कि सत्र में छह कोलकाता डर्बी होंगी। पहली कोलकाता बर्डी मोहन बागान और मोहम्मडन स्पोर्टिंग के बीच पांच अक्टूबर को होंगी जबकि ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की टीमें 19 अक्टूबर को भिड़ेंगी। मोहन बागान सुपर जाइंट ने 2023-24 सत्र में 48 अंक के साथ प्रतिष्ठित आईएसएल लीग शील्ड जीती थी। लीग चरण में दूसरे स्थान पर रहे मुंबई सिटी ने हालांकि नॉकआउट दौर के बाद फाइनल में मोहन बागान को हराकर खिताब जीता था।
डुप्लांटिस का धमाका: 6.26 मीटर के साथ पोल वॉल्ट में नया विश्व रिकॉर्ड
26 Aug, 2024 11:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अर्मेंड डुप्लांटिस ने रविवार को पोलैंड में सिलेसिया डाइमंड लीग प्रतियोगिता के दौरान 6.26 मीटर के प्रयास के साथ पोल वॉल्ट में एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया। लुईसियाना में जन्में 24 साल के डुप्लांटिस अपनी मां के देश स्वीडन की ओर से प्रतिस्पर्धा करते हैं। डुप्लांटिस ने अपने पिछले विश्व रिकॉर्ड में एक सेंटीमीटर का सुधार किया। डुप्लांटिस ने इस साल तीसरी बार विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक खेलों में 6.25 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीतने के दौरान पिछला विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
डुप्लांटिस का पहला विश्व रिकॉर्ड भी फरवरी, 2020 में पोलैंड में आया था। उन्होंने कहा- सब कुछ बस मुझे ऐसा करने की अनुमति देने के लिए एक साथ आया। मुझे पता है कि बहुत से लोग मुझे कूदते हुए देखने के लिए यहां आए थे, इसलिए मैं उनके लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। इस साल मैंने ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित किया, रिकॉर्ड स्वाभाविक रूप से आया क्योंकि मैं अच्छी स्थिति में था। इसलिए मैं आज के रिकॉर्ड से हैरान नहीं हूं, लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं। वहीं, इसी साल अपना 1500 मीटर ओलंपिक खिताब गंवाने वाल इंगेब्रिग्त्सेन का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने पेरिस में 5,000 मीटर का खिताब जीता था। सिलेसिया डाइमंड लीग में 3000 मीटर दौड़ में इंगेब्रिग्त्सेन ने 7 मिनट 17.55 सेकंड का समय निकाला और पहले स्थान पर रहे। उन्होंने आश्चर्य में अपने हाथों को अपने चेहरे पर रखकर खुशी जाहिर की। नार्वे के 23 वर्षीय खिलाड़ी ने केन्या के डेनियल कोमेन के 28 साल के रिकॉर्ड को तीन सेकेंड से अधिक समय से तोड़ा।
इंगेब्रिग्त्सेन ने कहा-
यह जीत खास और अद्भुत है। मैं यहां विश्व रिकॉर्ड को चुनौती देने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन मेरे कोच का कहना था कि मैं कभी भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि मैं किस तरह के समय में सक्षम हूं। मैंने कल्पना नहीं की होगी कि मैं 7:17 दौड़ सकता हूं।