खेल
इंटर स्कूल क्लाइंबिग स्पर्धा में इन्दौर ओवरऑल चैंपियन
6 Oct, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इन्दौर आल इंडिया आइपीएससी इंटर स्कूल स्पोर्ट्स क्लाइंबिग स्पर्धा में मेजबान इंदौर के खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए ओवरआल चैंपियनशिप जीत शहर का मान बढ़ाया। स्पर्धा में देश के विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों ने अपनी चुनौती पेश की थी। जिसमें एमरल्ड हाइट्स की टीम ओवरआल चैंपियन बनी जबकि अजमेर के मेयो कालेज की टीम दूसरे स्थान पर रही। पुरस्कार वितरण खेल अधिकारी अकरम खान एवं ज्यूरी प्रमुख प्राजक्ता गोडे के आतिथ्य में हुआ। बालक और बालिका वर्ग में खेली गई स्पर्धा में खिलाड़ियों को खड़ी दीवार कर चढ़कर टारगेट पांइट पर पहुंच लक्ष्य हासिल करना होता है। अंडर-19 वर्ष बालक वर्ग के बोल्डरिंग इवेंट में एमरल्ड हाइट्स स्कूल के आरव जैन ने पहला स्थान प्राप्त किया। मेजबान स्कूल के ही धैर्य सोनी को दूसरा स्थान मिला जबकि देहरादून के वेलम बायज स्कूल के संस्कार जायसवाल को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
यूपी सरकार करेगी पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के मेडल विजेताओं का सम्मान
1 Oct, 2024 01:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले एथलीटों को उत्तर प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी एथलीटों को नकद पुरस्कार भी वितरित करेंगे। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में 14 ओलंपियंस और पैरालंपिक एथलीट्स को सम्मानित किया जाएगा। पेरिस पैरालंपिक गेम्स में के टी 64 इवेंट में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रवीण कुमार को 6 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
सुहास एल वाई और अजीत सिंह को 4-4 करोड़
पेरिस पैरालंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास एल वाई और अजीत सिंह को 4-4 करोड़ रुपए, प्रीति पाल को 2 कांस्य पदक जीतने पर 4 करोड़ रुपए और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली सिमरन एक करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी। इसी तरह पेरिस ओलंपिक गेम्स में ब्रांज मेडलिस्ट रहे भारतीय हॉकी टीम में शामिल ललित उपाध्यक्ष व राजकुमार पाल को एक-एक करोड़ रुपए की धनराशि पुरस्कार राशि के तौर पर वितरित की जाएगी।
एथलीटों को मिलेंगे कुल 22.70 करोड़ के पुरस्कार
इस सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश की सरकार सभी एथलीटों को मिलाकर कुल 22.70 करोड़ की राशिद प्रदान कर रही है। इस सम्मान समारोह के जरिए जहां एक ओर वैश्विक पटल पर देश व दुनिया का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की प्रशस्ति होगी, वहीं युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। सम्मानित होने वाले मेडलिस्ट्स में प्रवीण कुमार, सुहास एलवाई, अजीत सिंह, प्रीति पाल, सिमरन, ललित उपाध्याय व राज कुमार पाल प्रमुख हैं।
खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियों से युवाओं को मिलेगा प्रेरणा
इसी प्रकार, पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पारुल चौधरी, अनु रानी, प्रियंका गोस्वामी, प्राची चौधरी, साक्षी कसाना, दीपेश कुमार तथा यश कुमार को 10-10 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। इन सभी खिलाड़ियों के साथ संवाद कर सीएम योगी इनकी प्रेरक कहानियों को भावी खिलाड़ियों के सामने रखकर उनको प्रेरित करने का कार्य करेंगे।
नीरज चोपड़ा का टारगेट 2025 टोक्यो वर्ल्ड चैंपियनशिप
27 Sep, 2024 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने आगामी सीजन के लिए 100 प्रतिशत फिट होने का वादा करते हुए कहा कि उनका अगला लक्ष्य 2025 टोक्यो वर्ल्ड चैंपियनशिप में पोडियम पर जगह हासिल करना है. ओलंपिक में दो बार के मेडल विजेता नीरज चोपड़ा ब्रुसेल्स में डायमंड लीग के फाइनल में दूसरे स्थान रहे थे. वह अपने मौजूदा सत्र को समाप्त कर स्वदेश वापस आ गए हैं. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. नीरज चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के पहले ट्रैक एवं फील्ड एथलीट हैं.
मिशन ओलंपिक 2036
26 साल के नीरज चोपड़ा ने हरियाणा खेल विश्वविद्यालय की 'मिशन ओलंपिक 2036' पर आयोजित एक सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘मेरा सत्र अब खत्म हो गया है. अगले साल का सबसे बड़ा लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप है और हम इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देंगे. ओलंपिक हमेशा हमारे दिमाग में रहता है, लेकिन उसके लिए हमारे पास चार साल हैं.’ वर्ल्ड चैंपियनशिप अगले साल 13 से 21 सितंबर तक आयोजित होने वाली है.
नई तकनीक और फिटनेस पर ध्यान
नीरज चोपड़ा पूरे साल मांसपेशियों की चोट से जूझते रहे और इससे ओलंपिक और डायमंड फाइनल दोनों में उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ. डायमंड लीग फाइनल में उन्होंने टूटे हुए बाएं हाथ के साथ भी प्रतिस्पर्धा की थी. नीरज चोपड़ा ने सत्र के अंत में डॉक्टरों से सलाह लेने की बात कही थी ताकि यह तय किया जा सके कि चोट से उबरने के लिए सर्जरी की जरूरत होगी या नहीं. नीरज चोपड़ा ने फिटनेस के बारे में पूछे जाने पर चोट की चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए कहा कि अपनी तकनीक में सुधार करने पर ध्यान दे रहे हैं.
पैरालंपिक में सफलता पर खुशी
नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘मेरे लिए यह साल चोटों से भरा रहा है लेकिन अब चोट अब ठीक है. मैं नए सत्र के लिए पूरी तरह से फिट हो जाउंगा. तकनीकी मुद्दे भी हैं लेकिन हम उन पर काम करेंगे. मैं अपनी तकनीक में सुधार करने पर ध्यान दूंगा. मैं भारत में भी अभ्यास करना पसंद करता हूं, लेकिन जब प्रतियोगिताएं शुरू होती हैं तब मेरे लिए विदेश में अभ्यास करना सही रहता है.’ भारतीय खिलाड़ियों के ओलंपिक में छह पदक जीते लेकिन इसमें कोई गोल्ड मेडल नहीं था. इसके बारे में पूछे जाने पर नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘हमारे कई खिलाड़ी चौथे स्थान पर थे. इस बार, हमने पैरालंपिक में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और कई पदक जीते. आने वाले समय में हमें ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है.’
NADA ने विनेश फोगाट को क्यों भेजा नोटिस? 14 दिन में देना होगा जवाब
26 Sep, 2024 01:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस ओलंपिक 2024 में सिर्फ महिला 50 किलोग्राम कैटेगिरी में सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से गोल्ड मेडल से ठीक पहले अयोग्य करार दी जाने वाली भारतीय महिला रेसलर एथलीट विनेश फोगाट को अब National Anti-Doping Agency (NADA) की तरफ से 25 सितंबर को नोटिस जारी किया गया है। NADA ये नोटिस डोप टेस्ट के लिए तय समय और स्थान पर एथलीट के नहीं मिलने की स्थिति में जारी करता है क्योंकि इसे नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इस मामले में NADA की तरफ से विनेश को जवाब देने के लिए 14 दिनों का समय भी दिया गया है।
विनेश का NADA के नियमों का उल्लंघन
NADA की तरफ से विनेश फोगाट को जो नोटिस जारी किया गया है उसकी आधिकारिक जानकारी के अनुसार विनेश ने अपने पते की सही जानकारी NADA को नहीं दी। विनेश ने 9 सितंबर को सोनीपत के खरखौदा गांव में अपने घर पर डोप टेस्ट के लिए उपलब्ध रहने की जानकारी दी थी लेकिन वह तय समय पर वहां नहीं मिली जिसे NADA के नियमों का उल्लंघन माना जाता है। NADA ने जो नोटिस विनेश को जारी की किया उसमें इस मामले में आखिरी फैसला लेने से पहले उन्हें अपनी सफाई देने का मौका दिया गया है। NADA ने विनेश के डोप टेस्ट के लिए डीएवी पर उनका परिक्षण लेने के लिए एक अधिकारी को भेजा था लेकिन वह वहां पर मौजूद नहीं थी।
क्या साबित कर पाएंगी विनेश?
विनेश फोगाट को NADA की तरफ से जारी किए गए इस नोटिस में या तो उन्हें अपनी गलती को स्वीकार करना होगा या फिर ये साबित करना होगा कि वह डोप टेस्ट के लिए तय किए गए स्थान पर लगभग एक घंटे तक रुकीं थी। हालांकि एंटी-डोपिंग रोधी नियमों को देखा जाए तो उसमें तय किए गए स्थान पर यदि एथलीट नहीं मौजूद होता है तो उस स्थिति में इस नियम का उल्लंघन नहीं माना जाता है, जिसमें एक साल में तीन बार यदि एथलीट तय जगह और समय पर अपना डोप टेस्ट नहीं देता है तो एथलीट पर कोई एक्शन ले सकता है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर ने किया पिस्तौल की कीमत का खुलासा
26 Sep, 2024 12:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर को लेकर चर्चा अभी तक जारी है। वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली एथलीट हैं। यह एक बड़ा कारण है कि वह आज भी काफी चर्चा में बनी हुई हैं। इसके अलावा वह आए दिन किसी न किसी बड़े इवेंट में नजर आ जाती हैं। मनु भाकर ने जब से भारत के लिए मेडल जीता है, तब से उनके लाइफस्टाइल पर मीडिया की खास निगाहें होती हैं। इन सब के अलावा उनके बारे में कुछ अफवाहें भी फैली हुई हैं। उनमें से एक अफवाह उनके पिस्तौल की कीमत को लेकर भी है। मनु भाकर के मेडल जीतने के बाद कुछ रिपोट्स में कहा गया कि उनकी पिस्तौल काफी महंगी है, कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि उनके पिस्तौल की कीमत करोड़ों रुपए हैं। इसी बीच मनु भाकर ने खुद अपने पिस्तौल की कीमत को लेकर एक बड़ी बात कही है। जहां उन्होंने इसकी कीमत का खुलासा करते हुए सभी को हैरान कर दिया है। बता दें कि मनु एयर पिस्तौल का इस्तेमाल करती हैं।
पिस्तौल की कीमत करोड़ों में नहीं
मनु भाकर ने जब अपने पिस्तौल की कीमतों को लेकर अफवाहें सुनी तो, उन्होंने हैरान होकर कहा कि उनकी पिस्तौल करोड़ रुपए की नहीं है। यह लगभग 1.5 लाख से 1.85 लाख रुपए में मिलते हैं। पिस्तौल की कीमतों में अंतर उनके मॉडल पर भी निर्भर करता है। क्या आप नई पिस्तौल ले रहे हैं या सेकेंड हैंड पिस्तौल ले रहे हैं या आप अपनी पिस्तौल को कस्टमाइज करवा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक स्तर पर पहुंचने के बाद, कंपनियां आपको मुफ्त में पिस्तौल देती हैं।
ट्रोलर्स को करारा जवाब
मनु भाकर को हाल के दिनों में ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा था। दरअसल मेडल जीतने के बाद मनु भाकर कई इवेंट पर अपने दोनों ब्रॉन्ज मेडल के साथ नजर आ चुकी हैं। फैंस का मानना है कि वह अपने मेडल को लेकर काफी ज्यादा प्रचार कर रही हैं, जोकि सही नहीं है। हालांकि मनु ने अपने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है। जहां उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि पेरिस 2024 ओलंपिक में मेरे द्वारा जीते गए दो कांस्य पदक भारत के हैं। जब भी मुझे किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है और ये पदक दिखाने के लिए कहा जाता है, तो मैं इसे गर्व के साथ दिखाती हूं। यह मेरी खूबसूरत जर्नी को साझा करने का मेरा तरीका है।
75 वर्ष की उम्र में रिक फ्लेयर ने लिया तलाक का फैसला
25 Sep, 2024 11:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट यानी WWE के चाहने वाले उस वक्त हैरान रह गए जब प्रो रेसलिंग के दिग्गज रिक फ्लेयर ने अपने तलाक का ऐलान किया। वह और उनकी वाइफ वेंडी बार्लो छह साल की शादी के बाद अलग हो गए हैं। यह इसलिए भी हैरान करने वाला है कि उनकी उम्र 75 साल है, जबकि यह उनकी 5वीं शादी थी, जिसे 2018 में की थी। उनकी वाइफ वेंडी की उम्र 64 साल है।
कुछ लाइनों का मेसेज और कर दिया तलाक का ऐलान
फ्लेयर ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखा- वेंडी और मैंने 13 बेहतरीन साल बिताए। हर जोड़े की तरह हमने भी अपने उतार-चढ़ाव का अनुभव किया है। मुझे लगता है कि अभी सभी के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि हमने सम्मानपूर्वक अलग होने का फैसला किया है। मैं 2017 में शारीरिक रूप से मुश्किल दौर से गुजर रहा था। उस समय उसने मेरी बहुत मदद की थी। इसका शब्दों में धन्यवाद कम पड़ जाएगा। रिक ने आगे लिखा- उन्होंने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा। इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा। हम वर्तमान समय में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और मेरे और उनके शेड्यूल के साथ यह काम करना मुश्किल हो जाता है। मैं उन्हें उनके प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे पता है कि वह मेरे प्रोजेक्ट का समर्थन करती हैं।
75 वर्षीय रिक फ्लेयर की 5वीं शादी थी
75 वर्षीय फ्लेयर ने सितंबर 2018 में बार्लो से शादी की थी। उन्होंने घोषणा की कि दोनों जनवरी 2022 में कुछ समय के लिए अलग हो गए थे, लेकिन अंततः फिर से साथ आ गए। बार्लो फ्लेयर की पांचवीं पत्नी थीं। इससे पहले लेस्ली गुडमैन, एलिजाबेथ हैरेल, टिफनी वैनडेमार्क और जैकलीन बीम्स से शादी की थी। उनके चार बच्चे हैं- दो गुडमैन से और दो हैरेल से।
पुर्तगाल का 7 यूरो के कॉइन में रोनाल्डो, फुटबॉल का अनोखा सम्मान
21 Sep, 2024 12:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किसी देश की करेंसी में आपने राजनेता या फिर शाही परिवारों के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों की फोटोज लगी होती हैं. लेकिन, पुर्तगाल में कुछ ऐसा हुआ है, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. पुर्तगाल की करेंसी में 7 यूरो के कॉइन में दिग्गज फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तस्वीर को अंकित किया गया है. इस 7 यूरो के कॉइन को चुनने के पीछे भी खास वजह है. असल में, रोनाल्डो की जर्सी नंबर-7 है.
सिक्कों पर रोनाल्डो का नाम
जहां ज्यादातर देशों ने अपनी मुद्रा पर शाही परिवारों के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों की फोटोज लगाई जाती रही हैं, वहीं पुर्तगाल के 7 यूरो के सिक्के पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो की फोटो लगाई जा रही है. 7 यूरो का सिक्का उनके सर्वकालिक प्रमुख गोलस्कोरर के जर्सी नंबर से प्रेरित है और एक सिक्का विशेषज्ञ के अनुसार यह 'प्रमुख धन निर्माता' बनने के लिए नियत है.
रोनाल्डो ने बनाया अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड
पुर्तगाल के साथ यूरो चैंपियनशिप और UEFA नेशंस लीग जीत चुके रोनाल्डो अपने देश के लिए सबसे अधिक गोल दागने वाले खिलाड़ी हैं. पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अब तक 214 मैचों में 132 गोल किए हैं और वह पुरुष फुटबॉल में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी हैं. रोनाल्डो के क्लब करियर में 769 गोल हैं, वहीं पुर्तगाल के लिए उन्होंने 131 गोल दागे हैं. इस खिलाड़ी ने 5 गोल स्पोर्टिंग सीपी के लिए किए थे. मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए इस दिग्गज खिलाड़ी ने 145 गोल दागे थे. इसके अलावा रियल मैड्रिड क्लब के लिए रोनाल्डो ने सबसे ज्यादा 450 गोल किए थे.
Paris Paralympics 2024: भाला फेंक में गोल्ड जीतने वाले नवदीप सिंह बोले, "कद छोटा है, पर काम बड़े होंगे"
19 Sep, 2024 03:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक की एफ41 स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले पानीपत के एथलीट नवदीप सिंह ने इतिहास रच दिया है। टोक्यो में चौथे स्थान से संतोष करने वाले नवदीप ने बताया कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि गुरुवार को सम्मान समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनसे कैप पहनने के लिए जमीन पर बैठ जाएंगे। थ्रो के बाद अपने गुस्से के लिए इंटरनेट मीडिया पर चर्चा का विषय बने नवदीप ने बताया कि भारत की जर्सी पहनते ही अपने आप जोश आ जाता है। स्वर्ण पदक विजेता एथलीट ने बताया कि उन्होंने नीरज चोपड़ा से प्रेरणा लेकर ही भाला फेंक शुरू किया था और तय किया था कि उनका कद छोटा है, पर वह उनके काम बड़े होंगे। अभिषेक त्रिपाठी ने नवदीप से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश..
प्रधानमंत्री से भेंट कैसी रही? उस प्रसंग के बारे में बताइए जब प्रधानमंत्री कैप पहनने के लिए जमीन पर बैठ गए?
सभी एथलीटों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री ने घर पर बुलाया था। वहां उन्होंने हमें आगे के लिए प्रोत्साहित किया। मैंने सर को कैप गिफ्ट की। मैं सोच रहा था कि उन्हें पहनाऊं या कैसे कहूं लेकिन प्रधानमंत्री इतने सहज हैं। उन्होंने पता चल गया और उन्होंने कहा कि मैं नीचे बैठ जाता हूं और मैंने उन्हें कैप पहना दी। यह मेरे लिए बेहद चौंकाने वाला घटनाक्रम था। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे, पर बहुत अच्छा लग रहा है कि सर ने हमें इतना सम्मान दिया। हमें उन्होंने देश का भविष्य कहकर संबोधित किया।
आप उन्हें टोपी पहनाने गए थे या सिर्फ देने गए थे?
भइया टोपी नहीं कैप कहिए (हम दोनों ही हंस दिए)। मुझे बहुत डर लग रहा था। मैं उन्हें कैप गिफ्ट करने गया था, लेकिन मन में इच्छा हुई कि उन्हें पहना दूं। पर अगर वह ले भी लेते तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती। हालांकि, उन्होंने जो किया वह उम्मीदों से काफी अधिक था। बहुत अच्छा लग रहा था।
प्रधानमंत्री ने भी जीतने के बाद आपके आक्रामक जश्न पर बात की। यह विराट कोहली से मिलता जुलता है इतनी आक्रामकता कैसे आती है?
जब मैं थ्रो कर रहा था तब मुझे नवदीप के नाम से कोई नहीं जान रहा था। उधर, मैं सिर्फ देश की जर्सी पहने हुए था और लोग मुझे केवल एक भारतीय एथलीट के रूप में जान रहे थे। मैं वहां भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था। जब शरीर पर हर जगह इंडिया लिखा हो तो जोश अपने आप आ जाता है। उसके लिए कुछ करना नहीं पड़ता है वह स्वयं आ जाता है।
स्पर्धा से पहले क्या लग रहा था कि पदक जीत जाएंगे?
मैंने टोक्यो पैरालंपिक में भाग लिया था और तब चौथे स्थान पर रहा था इसलिए इस बार लक्ष्य केवल पदक जीतना ही था क्योंकि तैयारी भी अच्छी चल रही थी और प्रदर्शन भी अच्छा हो रहा था। बाकी यकीन तो था कि पदक जीत जाऊंगा लेकिन ऐसा प्रदर्शन होगा, यह उम्मीद से थोड़ा अधिक है। कोच बहुत खुश हूं। उन्हें भी मुझ पर पूरा भरोसा है।
भाला फेंकने के बाद आपने कोच से पूछा था कि कितना थ्रो हुआ, जब उन्होंने बताया तो आपने कहा मां कसम खाओ?
मैं थ्रो कर रहा था। थ्रो काफी अच्छा निकला और जब पहला वैलिड थ्रो अच्छा निकल जाता है तो इसका मतलब है अभी और बेहतर करने की पूरी क्षमता है। उसी को देखते हुए जब कोच ने बताया कि 46.39 मीटर का थ्रो लगा है तो मैं आश्चर्यचकित था कि आगे क्या होगा। उस थ्रो में मैंने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ किया है तो आगे और अच्छा ही करूंगा। मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था कि इसलिए यकीन करने के लिए मैंने उनसे कहा कि खाओ मां कसम।
मतलब अब भी कसम पर भरोसा है?
हां, बिल्कुल मैं कसम पर बहुत भरोसा रखता हूं क्योंकि कसम तो झूठी कोई नहीं खाएगा। यही झूठी हो गई तो फिर किस पर भरोसा करेंगे।
पहले पानीपत को वहां पर हुई तीन प्रसिद्ध लड़ाई के लिए जाना जाता था, अब वहां पर दो प्रसिद्ध भाला फेंक एथलीट रहते हैं?
(हंसते हुए) बिल्कुल.. यहां तीन बड़े युद्ध हुए हैं तो यहां बलिदान की वजह से यहां कि मिट्टी में कुछ आ गया है। पानीपत के खून में कुछ ऐसा है। यहां से एक-दो और भाला फेंक एथलीट अच्छा कर रहे हैं। यहां तीन बड़े युद्ध हुए हैं उससे हमें भाला फेंक की प्रेरणा मिल गई है या क्या मुझे नहीं पता पर इससे देश का नाम रोशन हो रहा है। नीरज चोपड़ा भाई साहब की वजह से भाला फेंक बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जब उन्होंने जूनियर का रिकार्ड बनाया था तो मेरे मन में इस खेल के प्रति प्यार बढ़ गया।
पहले देश में डिसेबिलिटी होने पर विकलांग का संबोधन होता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांग शब्द दिया। क्या इन पहल से प्रभावित लोगों को ऊर्जा मिलती है?
जब प्रधानमंत्रीजी देश को कोई संदेश देते हैं तो पूरा देश इसे बहुत ध्यान से सुनता है। जब जागरूकता प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जाती है तो लोगों के देखने का नजरिया बदलता है। विचार काफी शुद्ध हो जाते हैं। हम जैसे दिव्यांग लोगों को बहुत सम्मान मिलता है। प्रधानमंत्री ने जब से हमें दिव्यांग कहना शुरू कर दिया हम लोग देश के काम में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और आगे आ रहे हैं।
जाटों की एक छवि होती है कि वे लंबे, तगड़े और ताकतवर होंगे लेकिन आप चार फीट चार इंच के हैं। बचपन में लोग चिढ़ाते थे?
हां जी, बचपन से ही मुझे बहुत ये सब झेलना पड़ा, लेकिन मैंने इसे दिल से नहीं लगाया। आपकी जाट वाली बात सच है। बहुत से लोग मेरे कद को देखकर कहते थे कि जाट तो ऐसे होते नहीं होते, तू कैसा जाट है। इन सब चीजों का जवाब मेरे पास नहीं था। भगवान की जो इच्छा हुई, मैं वैसा ही हूं। मैं इससे प्रभावित नहीं हुआ क्योंकि मुझे पता था कि कद छोटा है, पर मेरे काम बड़े होंगे। उसी चीज से प्रेरणा लेकर मैंने खेलना शुरू किया और इस जगह पहुंच सका हूं। अब पूरा देश मुझ पर गर्व कर रहा है।
क्या जो लोग तंग करते थे उनकी बधाइयां आ रही हैं?
जी, अब बधाई तो आएगी ही। अब सब जान रहे हैं, पहचान रहे हैं तो काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। काफी खुशी मिल रही है। ठीक है वो चिढ़ा रहे थे, ये उनकी मानसिकता थी, लेकिन धीरे-धीरे अब दिव्यांगों के प्रति लोगों की मानसिकता बदल रही है।
अब आप उन लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे जो दिव्यांग है या जिनका कद छोटा है?
अगर हम स्वयं को कमजोर समझकर बैठेंगे तो कुछ नहीं होगा। मैं जानता हूं हमें बाकी लोगों से अधिक मेहनत करनी होगी, परंतु अगर हम अपना लक्ष्य ठान लें तो भविष्य में अच्छा कर पाएंगे और देश हम पर गर्व करेगा क्योंकि जब सफलता आपके पास होती है तब लोग यही बोलते हैं कि देखो उसने ऐसे हाल में भी ऐसा किया। अगर हम खुद को कमजोर समझेंगे तो दुनिया हमें और कमजोर बनाएगी। हम अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर आगे बढ़ें। हम कमजोर नहीं हैं, हम बहुत तगड़े हैं।
पैरालंपिक तक का आपका यह सफर कैसा रहा?
पहले सिर्फ पढ़ाई करता लेकिन पापा ने मुझे कुश्ती में डाला लेकिन मेरी पीठ में चोट आ गई। पिता जी ग्राम सचिव थे। कुछ वर्ष बाद वापसी की कोशिश की लेकिन नहीं हो पाया। फिर मैंने दौड़ना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय स्तर पर पदक भी आए लेकिन मेरी स्पर्धा को हटा दिया गया तो काफी निराशा हुई।
2016 में नीरज भाई साहब ने अंडर-20 में विश्व रिकार्ड बनाया। उससे प्रेरणा लेकर 2017 में भाला फेंक में आया। कुछ समय सोनीपत में अभ्यास किया और बाद में दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास करने लगा। जब मैं स्टेडियम आता-जाता था तो लोग अजीब ढंग से देखते थे।
जब मैंने जूनियर में विश्व रिकार्ड बनाया तो खेलो इंडिया में चयन हुआ। इसके बाद मुझे स्टेडियम के अंदर रहने की अनुमति मिल गई। केंद्र सरकार ने बहुत समर्थन किया। फिर मैंने टोक्यो पैरालंपिक का कोटा जीता। वहां चौथे स्थान पर रहा। संकल्प था कि पदक जीतना है और इस बार पेरिस में यह सपना पूरा हुआ।
US Open 2024: आर्यना सबालेंका ने 3 बार फेल होने के बाद पहली बार जीता अमेरिकी ओपन का खिताब
19 Sep, 2024 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेलारूस की महिला टेनिस खिलाड़ी आर्यना सबालेंका ने साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन का खिताब अपने नाम कर लिया है। शानिवार रात खेले गए महिला सिंगल्स के मेच में सबालेंका ने अमेरिका की ही जेसिका पुगेला को सीधे सेटों में मात दी। साबलेंका ने ये मैच 7-5, 7-5 से जीता।
सबालेंका 2021 से लगातार इस खिताब की जीतने के करीब आ रही थीं लेकिन सफल नहीं हो पा रही थीं। पिछले साल खिताबी फाइनल में सबालेंका को कोको गॉफ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उन्होंने खिताब जीतने का मौका नहीं जाने दिया।
जेसिका ने की कड़ी मेहनत
जेसिका का फाइनल तक का सफर शानदार रहा। वह पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल तक में पहुंची थीं। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 इगा स्वायतेंक को मात दी थी। फाइनल में सबालेंका के सामने उनकी एक न चली। काफी मेहनत करने के बाद भी जेसिका जीत हासिल नहीं कर सकीं। ये सबालेंका का इस साल का दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। साल की शुरुआत में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ओपन अपने नाम किया था।
जीत के बाद सबालेंका का बयान
इस खिताबी जीत के बाद साबलेंका ने कहा कि उनके लिए ये सपने के सच होने जैसा है। सबालेंका ने कहा, "मैं निशब्द हूं। ये हमेशा से मेरा सपना रहा है और आखिरकार मेरे हिस्से ये सुंदर ट्रॉफी आ ही गई। अगर आप लगातार मेहनत करते हैं और अपने सपने के लिए त्याग करते हैं तो एक दिन आपको ये मिलेगा ही। मुझे अपने आप पर गर्व है। मुझे मेरी टीम पर गर्व है। चाहे कुछ भी हो, वो मेरे साथ खड़े रहते हैं और मुझे सुंदर ट्रॉफियों तक पहुंचाते हैं।"
भारत ने चीन को 1-0 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब पांचवीं बार अपने नाम किया
17 Sep, 2024 05:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जुगराज के निर्णायक गोल से चीन को 1-0 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब पांचवीं बार अपने नाम कर लिया है। भारत और चीन के बीच शुरुआती तीन क्वार्टर तक मुकाबला गोलरहित बराबरी पर चल रहा था, लेकिन चौथे क्वार्टर में जुगराज ने मैदानी गोल दागकर भारत को 1-0 से आगे कर दिया। इस तरह भारतीय टीम बढ़त लेने में सफल रही। इसके बाद भले ही हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम अन्य गोल नहीं कर सकी, लेकिन उसने चीन को बराबरी का गोल दागने का कोई मौका नहीं दिया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह भले ही इस मैच में गोल नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने जुगराज को गोल दागने में मदद की। चीन के डिफेंस ने भी इस मैच में अच्छा प्रदर्शन किया और लंबे समय तक भारत को गोल करने नहीं दिया। इस दौरान चीन ने चार पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किए, लेकिन भारतीय टीम ने उसे गोल करने का कोई अवसर नहीं दिया।
भारत ने ली बढ़त
भारतीय हॉकी टीम ने चीन के खिलाफ चौथे क्वार्टर में गोल कर बढ़त हासिल कर ली है। दोनों टीमों के बीच अब तक मुकाबला गोलरहित बराबरी पर चल रहा था, लेकिन जुगराज ने अंतिम कुछ मिनट पहले भारत को बढ़त दिला दी।
बराबरी पर चल रहा मैच
भारत और चीन के बीच मैच पहले क्वार्टर में बराबरी का चल रहा है। चीन ने भारत को दबाव बनाने से रोके रखा है। भारत को हालांकि, एक पेनल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन टीम इसे गोल में नहीं भुना सकी।
भारत एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में, चीन से फाइनल मुकाबला
17 Sep, 2024 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेहतरीन फॉर्म में चल रहे कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से गत चैंपियन भारत ने सोमवार को साउथ कोरिया को 4-1 से हराकर मेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी (ACT) हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह (19वें और 45वें मिनट) ने दो गोल दागे जबकि उत्तम सिंह (13वें मिनट) और जरमनप्रीत सिंह (32वें मिनट) ने एक-एक गोल किया। कोरिया की तरफ से एकमात्र गोल यैंग जिहुन (33वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया।
भारत आज होने वाले फाइनल में मेजबान चीन से भिड़ेगा। भारत ने लीग चरण के मैच में चीन को 3-0 से हराया था। इससे पहले चीन ने दिन के पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान को शूटआउट के जरिए 2-0 से हराया। निर्धारित समय के बाद दोनों टीम 1-1 से बराबरी पर थीं। तीसरे स्थान के क्लासिफिकेशन मैच में पाकिस्तान और कोरिया की टीम आमने सामने होंगी। यह मैच भी मंगलवार को ही खेला जाएगा। इस बीच पांचवें-छठे स्थान के क्लासिफिकेशन मैच में जापान ने निर्धारित समय में 4-4 से बराबरी के बाद शूटआउट में मलयेशिया को 4-2 से हराया।
फाइनल की तारीख और समय
17 सितंबर यानी मंगलवार को एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और चीन के बीच फाइनल मैच खेला जाएगा।
फाइनल की समय भारत और चीन के बीच एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल?
भारत और चीन के बीच एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल दोपहर 3:30 बजे शुरू होगा।
किस चैनल पर लाइव आएगा फाइनल?
भारत और चीन के बीच एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल टीवी पर लाइव सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर आएगा। वहीं मैच की लाइव स्ट्रीमिंग सोनी लिव एप और वेबसाइट पर होगी।
भारत के F2 ड्राइवर कुश मैनी गंभीर एक्सीडेंट में बाल-बाल बचे
16 Sep, 2024 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के F2 ड्राइवर कुश मैनी अजरबैजान के बाकू में बाल-बाल बच गए। रेस के दौरान उनके कार गंभीर एक्सीडेंट हो गया। हालांकि, उन्हें कुछ नहीं। उनके पिता पुष्टि करते हुए बताया कि कुश पूरी तरह से ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है। सभी मेडिकल रिपोर्ट सामान्य है।
भारतीय ड्राइवर कुश मैनी को F2 रेस के दौरान एक गंभीर दुर्घटना में बाल-बाल बच गए। F2 रेस को फार्मूला वन रेस का सहायक रेस माना जाता है। यह भीषण दुर्घटना फार्मूला वन के अजरबैजान ग्रां प्री से पहले F2 रेस के शुरुआती लैप में घटी। इस 23 साल के भारतीय ड्राइवर की कार अचानक रूक गई और पीछे से आ रहे उनके साथी ड्राइवरों जोसेप मारिया मार्टी और ओलिवर गोएथे की कारें उनकी कार से टकरा गई।
इस भीषण दुर्घटना में कुश की कार का पिछला हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया लेकिन वह सुरक्षित रूप से बाहर निकलने में सफल रहे। कुश के पिता गौतम ने से पुष्टि हुई की कि उनका बेटा ठीक है। उन्होंने कहा, 'वह ठीक हैं। मानक प्रोटोकॉल के तहत कुश की सभी मेडिकल जांच की गई और सभी रिपोर्ट सामान्य हैं।'
नीरज चोपड़ा का बेस्ट थ्रो 87.86 मीटर, फाइनल में दूसरा स्थान
16 Sep, 2024 11:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा डायमंड लीग खिताब से एक सेंटीमीटर से चूक गए और सत्र के फाइनल में 87.86 मीटर के थ्रो के साथ लगातार दूसरी बार दूसरे स्थान पर रहे । दो बार के ओलंपिक पदक विजेता 26 वर्ष के चोपड़ा ने 2022 में ट्रॉफी जीती थी और पिछले साल दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्होंने तीसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका लेकिन विजेता एंडरसन पीटर्स के 87 . 87 मीटर से एक सेंटीमीटर पीछे रह गए।
नीरज ने अपने पहले अटेम्प्ट में 86.82 मीटर का थ्रो फेंका था। जर्मनी के जूलियन वेबर 85.97 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे। फाइनल में 7 जैवलिन थ्रोअर ने हिस्सा लिया था। जिनमें से 4 थ्रोअर 83 मीटर का थ्रो भी नहीं फेंक सके। डायमंड लीग फाइनल 13 और 14 सितंबर को बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित किंग बौडॉइन स्टेडियम में हुआ। पहले अटेम्प्ट में नीरज चोपड़ा ने 86.82 मीटर का थ्रो फेंका, जिससे वह दूसरे स्थान पर पहुंचे। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.87 मीटर थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। जर्मनी के जूलियन वेबर 85.97 मीटर थ्रो के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
नीरज के नाम वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड भी
नीरज चोपड़ा ने 2022 में डायमंड लीग फाइनल जीतने के बाद 2023 की वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई किया था। 2022 के दौरान यूजीन में हुई चैंपियनशिप में उन्हें सिल्वर मेडल मिला था। 2023 में उन्होंने मेडल का रंग बदला और गोल्ड जीत लिया। नीरज के नाम एशियन गेम्स में 2 और कॉमनवेल्थ में एक गोल्ड मे
अब करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं नीरज
15 Sep, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। नीरज ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक के बाद डायमंड लीग फाइनल में भी दूसरा स्थान हासिल किया। इससे उन्हें 10 लाख रुपए से ज्यादा की इनामी राशि मिली है। चार साल पहले टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से ही नीरज की नेट वर्थ तेजी से बढ़ी है।
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार उन्हें 30 लाख रुपये का मासिक वेतन मिलता है और उनकी वार्षिक आय 4 करोड़ रुपये है। वहीं विज्ञापन से होने वाली आय मिलाकर अब उनकी कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गयी है। नीरत कई कंपनियों के ब्रांड से जुड़े हैं। इसमें जेएसडब्लयू ग्रुप, नोइस आदि हैं। साल 2020 में टोक्यों में स्वर्ण जीतने के बाद उन्हें हरियाणा सरकार ने 6 करोड़ रुपये जबकि पंजाब सरकार से 2 करोड़ रुपये का इनाम दिया था।
टोक्यो ओलंपिक में जीत के बाद नीरज चोपड़ा को आनंद महिंद्रा से महिंद्रा एसयूवी 700 मिली थी। टॉप वेरिएंट की इस कार की कीमत तकरीबन 30 लाख रुपये के करीब हैं। इसके अलावा उनके पास रेंज रोवर स्पोर्ट्स है, जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक है। उनके पास टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड मस्टांग जीटी जैसी भी गाड़ियां है. जिसकी कीमत आसानी से 90 लाख रुपये के करीब है। इसके अलावा उनके पास 11 लाख से अधिक कीमत वाली हार्ले डेविडसन 1200 रोडस्टर बाइक भी है।
Asian Champions Trophy 2024: चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की लगातार 5वीं जीत, पाकिस्तान को दी शिकस्त
14 Sep, 2024 06:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में लीग स्टेज के अपने 5वें मुकाबले में पाकिस्तान को 2-1 से मात देते हुए शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ टीम इंडिया का इस टूर्नामेंट में पिछले 8 सालों से चला रहा अजेय अभियान भी जारी रहा। भारत की तरफ से इस मैच में दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह की स्टिक से देखने को मिले। लीग स्टेज में भारत का इस टूर्नामेंट में ये आखिरी मुकाबला था जिसमें उन्होंने सभी को अपने नाम किया है।
पाकिस्तान ने पहले गोल से की शुरूआत
इस मुकाबले को लेकर बात की जाए तो पाकिस्तान टीम की तरफ से नदीम अहमद ने 8वें मिनट में फील्ड गोल करने के साथ अपनी टीम को मुकाबले में 1-0 से बढ़त दिला दी थी। इस टूर्नामेंट में भारत पहली बार किसी मुकाबले में 1-0 से पीछे हुआ था। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों की तरफ से आक्रामक खेल देखने को मिला और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पहला क्वार्टर खत्म होने से पहले मिले एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलते हुए मुकाबले को बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया था। वहीं दूसरे क्वार्टर की शुरुआत होने के साथ भारतीय टीम को खेल के चौथे मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर मिल गया और इस बार भी सरपंच साहब कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल करते हुए भारतीय टीम को मुकाबले में 2-1 से बढ़त दिला दी। यहां से फिर तीसरे और चौथे क्वार्टर में दोनों ही टीमों ने गोल करने के कई प्रयास तो किए लेकिन वह सफल नहीं रहे और अंत में भारत ने इस मुकाबले को अपने नाम किया।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पिछले आठ सालों में नहीं गंवाया कोई मैच
हॉकी में भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी बार साल 2016 के साउथ एशियन गेम्स के फाइनल मुकाबले में मात मिली थी उसके बाद से अब तक दोनों टीमों के बीच हुए 17 मैचों में से 15 को भारतीय हॉकी टीम अपने नाम करने में कामयाब रही है, जबकि दो मैच ड्रॉ पर खत्म हुए। वहीं इस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने अपने सभी लीग मुकाबलों में जीत हासिल करने के साथ प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर रहते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह को पक्का कर लिया है।